Tuesday 2 April 2019

// पाक को छोड़ दें ?? वह अपनी मौत मरेगा ??.. फिर तेरा क्या होगा चौकीदार ??.. //


पाकिस्तान ने पुलवामा पर और सबूत मांगे..

और चौकीदार कम्पनी बोल रही थी कि.. हम पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं..

जबकि अब सिद्ध तो ये हो गया है कि.. टुच्चा पाकिस्तान हमारी भाषा बोल रहा है..
क्योंकि सबूत तो हमने भी मांगे थे.. और पाकिस्तान से पहले मांगे थे..

पर हमने सबूत बालकोट और पुलवामा पर मांगे थे..
जबकि पाकिस्तान सबूत पुलवामा पर मांग रहा है..

और स्थिति ये आन पड़ी है कि हर तरफ सबूत मांगे जा रहे हैं.. पर सबूत कोई भी - किसी को भी - कैसे भी - वैसे भी - ऐसे भी - दे ही नहीं रहा है.. और जुबानी जमा-खर्च हिन्दुस्तान में चलने वाली बुलेट ट्रेन जैसे ही धड़ल्ले से चल रहा है - जो चुनाव हो जाने तक रुकने वाला नहीं और चुनाव खत्म होने के बाद धकने वाला नहीं..

और तो और सबूत की बात तो दूर - हमें तो कोई ये तक भी नहीं बता रहा है कि आखिर पुलवामा में हुआ क्या था - कैसे हो गया था - बारूद कितना था कहाँ से आया था - और आतंकी घुस्सू ही था या घुस आया था और घुस के जुर्रत कर गया था - और वो भारतीय जयचंद था या पाकिस्तानी टुच्चा ??.. आदि ??..
यानि हमें तो कुछ भी नहीं पता रे !!..!!..

इसलिए मेरी नापाक पाक को चेतावनी !!.. खबरदार पुलवामा पर कोई सबूत मांगने की ज़ुर्रत करी तो.. आदतन अंदर घुस के मारेंगे.. क्योंकि पुलवामा भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान में नहीं है - और इसलिए पहले हमारा हक़ बनता है कि हम जानें कि आखिर पुलवामा में हुआ क्या था - तू कौन ख़ामख्वां ??..

और हाँ एक बात और.. यदि पाकिस्तान को पुलवामा पर और सबूत चाहिए तो पहले वो भी हमें ये सबूत दे कि बालकोट में उसको कोई बड़ी क्षति नहीं हुई थी.. या फिर मान ले कि योगी वाली "मोदी की सेना" ने आदतन अंदर घुस कर जो मारा है.. जो मारा है.. क्या कहने !!.. ..

और अंत में बताता चलूँ कि ये सब बकवास अंतहीन है.. क्योंकि चौकीदार चोर तो है ही पर निहायत गप्पू और चम्पू भी है - जो हिदुस्तान की वीर सेना के शौर्य पर भी विवाद चाहता है और अपने लिए वोट भी..

और फिर जो कल तक मुंहतोड़ जवाब देने - एक के बदले दस सर लाने - लाल लाल आँखे दिखाने या फिर लव लेटर ना लिखने की बात करता था - वही चोर चौकीदार पाकिस्तान को लव लेटर भी लिख रहा है और साथ ही साथ बड़ी निर्लज्जता से अब यह तक कह चुका है कि - "पाक को छोड़ दो वह अपनी मौत मरेगा, हम आगे बढ़ने पर ध्यान दें"..

यानि अब तक जो चोर चौकीदार गजब फेंकता था और चिल्लाचोट करता था और फ़ोकट चिंघाड़ता रहता था गुर्राता रहता था उससे मेरा प्रश्न.. फिर तेरा क्या काम ?? तू क्या करेगा ?? तेरा क्या होगा चौकीदार ??..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

Wednesday 27 March 2019

// अब तो अंतरिक्षवाणी भी हो गई कि.. भक्तों के राष्ट्र प्रेम की 'क्वालिटी' गड़बड़ है....//


भक्तों का आरोप है कि ..
हम मोदी का विरोध करते-करते राष्ट्र का विरोध करने लगे !!..
और.. ..
मेरा दावा है कि..
भक्त मोदी का समर्थन करते-करते राष्ट्र प्रेम भूल गए !!..

और इन आरोपों और दावों के बीच सबसे पहले तो ये बात सिद्ध हुई कि..
हम मोदी का विरोध करते हैं और भक्त मोदी का समर्थन..

और जहाँ तक राष्ट्र विरोध और राष्ट्र प्रेम का सवाल है तो इतिहास गवाह है कि अमूमन हर भारतीय राष्ट्र प्रेमी ही है - कुछ चंद टुच्चों को छोड़कर.. और जो टुच्चे राष्ट्र के प्रति वफादार और समर्पित नहीं हो सके हों वो कैसे किसी व्यक्ति या किसी पार्टी के हो सकते हैं इस प्रश्न पर माथापच्ची केवल भक्त ही कर सकते हैं !!..

और जो चंद टुच्चे राष्ट्र विरोधी हैं तो उन्हें तो राष्ट्र प्रेमियों द्वारा निपटा दिया जाना चाहिए था.. और यदि नहीं निपटाया जा सका है तो इसका मतलब है कि या तो देश में राष्ट्र विरोधी नहीं हैं या फिर देश में राष्ट्र प्रेमी नहीं हैं.. या फिर देश के राष्ट्र प्रेमियों की 'क्वालिटी' गड़बड़ है !!..

और इसलिए हमेशा की तरह मेरा भक्तों से प्रश्न - क्या वे उच्च 'क्वालिटी' के राष्ट्र प्रेमी हैं ??.. और यदि हैं तो देश में अब तक भी राष्ट्र विरोधी क्यों बचे हैं ?? और कब तक बचे रहेंगे ??..

और यदि वो मोदी भक्त हैं तो क्या उनमें इतना भी राष्ट्र प्रेम नहीं बचा है कि राष्ट्र को मोदी से ऊपर मानें ??.. और सेना और वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर श्रेय लेने हेतु और राजनीति करने पर चौकीदार को थोड़ा धिक्कार भी दें.. और चुनाव आचार संहिता के घोर उल्लंघन करने पर बजाय इतराने के थोड़ा चिंतित भी हो लें !!..

यानि अब तो आकाशवाणी और अंतरिक्षवाणी भी यही सिद्ध कर रही है कि.. ..
भक्त मोदी का समर्थन करते-करते राष्ट्र प्रेम भूल गए !!..

अस्तु मेरा दावा सही निकला और भक्तों के आरोप टुच्चे !!..
और ये भी मानना पड़ेगा कि भक्तों के राष्ट्र प्रेम की 'क्वालिटी' गड़बड़ है !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

// चौकीदार का 'राष्ट्र के नाम संदेश' - छटपटाहट होने का संदेश !!.. ..//


मैं कुछ देर पहले बाज़ार में था.. तो अफवाहों का बाजार गर्म हुआ..
मालुम पड़ा कि अपने चौकीदार ११.४५ - १२.०० के बीच राष्ट्र के नाम संदेश देने वाले हैं - और २००० का नोट बंद होने वाला है - और ये भी अफवाह सुनने को मिली कि रात में इस्लामाबाद पर हमला किया गया है और पाक जवाबी कार्यवाही कर सकता है इसलिए पीएम देश को आगाह करने वाले हैं..

मैं ११.४५ से एक दुकान पर ही टिक गया - उत्सुकता से फेंकू को सुनने.. पर पाया कि ११.४५ का समय निकल गया फिर १२.०० का भी फिर तकरीबन १२.३० पर चौकीदार का चेहरा दिखा और और लफ़्फ़ाज़ी से भरा सुखद स्वागत योग्य संदेश प्राप्त हुआ कि भारत ने अंतरिक्ष में एक भारी सफलता हासिल कर ली है - किसी लाइव सैटेलाइट को पूर्व नियोजित ऑपरेशन के तहत मार गिराया गया है - जिसके लिए देश को बधाई हो.. आदि !!..

और अपना और आम जनता का कीमती समय ज़ाया होते देखने के बाद - अब मैं सोच रहा हूँ कि क्या ये मुद्दा 'राष्ट्र के नाम संदेश' देने योग्य था ????..

और मुझे लगता है कि ये मुद्दा एक प्रधानमंत्री के द्वारा श्रेय झपटने की अपनी आदत और आकर्षण के रहते स्वयं संदेश पेलने का तो कत्तई नहीं था !!..

और मुझे इस संदेश से ये संदेश मिला कि चोर चौकीदार में छटपटाहट है - कुछ तोड़ या काट निकालने की - जिससे वो पप्पू के हाथों हारा हुआ चुनाव बचा सके !!..

पर अब मुझे लगता है कि देश में "न्याय" चलेगा और होगा - लफ़्फ़ाज़ी भड़ास कि अब कोई जगह नहीं बची है !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 26 March 2019

// पप्पू का "न्याय".. और गप्पू का "अध्याय" समाप्त.. ..//


पप्पू की पार्टी ने "न्याय" स्कीम की घोषणा करी..
देश के 20% सबसे गरीब परिवारों को रु. 72,000 प्रति वर्ष दिए जाएंगे..

और गप्पू की पार्टी की हवाइयां तैरने लगीं - होश बेहोश हो गए - और साथ ही जलन से सुलग भी गई - "चौकीदार चोर है" से भी ज्यादा अखर गई - और स्याप्पे भी रोने लगे - और भड़ास भी भड़भड़ा उठी - और निंदा भी निंदनीय हो चली..

यानि हड़कंप मचा है धमाल हो गया है.. एक गप्पू गुलाम पर अट्ठा चढ़ गया है.. ..

और पूरा माहौल कुछ ऐसा हो गया है जैसे कि पप्पू जी आगामी चुनाव जीतकर सरकार बनाएँगे पर - साथ ही ऐसा माहौल भी बनाया जा रहा है कि शायद "न्याय" स्कीम लागू नहीं कर पाएंगे.. जिसका मतलब यही हुआ कि सरकार तो पप्पू ही बनाने जा रहे हैं !!..

और मैं खुश हूँ और संतुष्ट भी हूँ क्योंकि माहौल भी मेरी ही आशा के अनुरूप यही डंका बजा रहा है कि अगली सरकार गप्पू की तो नहीं ही बनने वाली है.. और यहां तक कि भक्त भी यही प्रचारित करने में लगे हैं कि अब चोर चौकीदार की छुट्टी तय है.. और पप्पू अगला गप्पू निकलेगा..

पर जैसे गप्पू ने उल्लू बनाया हो सकता है पप्पू भी सबको चम्पू बना दे और अपने "न्याय" के वादे को पूरा कर दे..

यानि "न्याय" मिलेगा इसकी आशा प्रत्याशा तो करी ही जा सकती है - और गप्पू का "अध्याय" समाप्त होगा इसकी गारंटी महसूस की जा सकती है..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 24 March 2019

// चोर चौकीदार और भक्तों की 'उधेड़बुन' !!.. ..//


चौकीदार लगाने के बावजूद चोरियां तो हुई हैं !!..
या यूं भी कह सकते हैं कि चोर को चौकीदार लगाने के कारण चोरियां हुई हैं !!..

इसलिए सोचा आज चोर चौकीदार की हो जाए - 'उधेड़बुन' !!.. ..

यदि चौकीदार का काम चौकीदारी करना होता है तो.. .. ..
प्रधानमंत्री का काम क्या होता है ??..
चोरी करना ??..
या फिर चौकीदारी करना ??..

अच्छा यदि प्रधानमंत्री चौकीदारी का काम करेगा..
तो चौकीदार क्या करेगा ??..
फ़ोकट नेतागिरी उठाईगिरी या फिर चोरी ??..

यानि इसका निष्कर्ष तो यही निकला ना कि..
या तो प्रधानमंत्री ने चोरी कर मारी..
या फिर चौकीदार ने हाथ साफ़ कर दिया..

पर यदि प्रधानमंत्री ही अपने आपको इकबालिया घोषणा के द्वारा औपचारिक रूप से चौकीदार घोषित कर दे तो..
तो निचोड़ यही निकलता है कि "चौकीदार चोर है" !!..

तो अब भक्तों से मुखातिब हो मेरा कहना है कि मैने उपरोक्त 'उधेड़बुन' के माध्यम से हमेशा की तरह बहुत कुछ 'उधेड़' कर पटक मारा है.. हो सके तो - और समझ पड़ जाए तो - थोड़ी 'बुन' कर ठीक कर लेना !!.. नहीं तो तुम भी पड़े रहो 'उधेड़बुन' में - कि अपने आपको औपचारिक रूप से इकबालिया चौकीदार घोषित करोगे या नहीं ??.. क्योंकि चौकीदार तो चोर है - है ना !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Saturday 23 March 2019

// नीरव 'भाई' की गिरफ़्तारी का श्रेय लंदन पुलिस को या भारतीय चौकीदार को ??....//


ये तो भक्तों के साथ अन्याय है.. असहनीय तड़पाने वाला जलाने वाला मिर्ची लगाने वाला घोर अन्याय..  
नीरव मोदी लंदन में गिरफ्तार हुआ..
और चौकीदार भारत में बैठे-ठाले श्रेय लेने की जुगाड़ में..

पर कुछ निर्मोही समझदार लोग श्रेय देने को तैयार नहीं..

क्यों भाई जब भगाया चौकीदार ने ही था..
और गालियां भी खूब पड़ीं और पूरी बेशर्मी से खानी पड़ीं..
तो अब श्रेय क्यों नहीं लेगा ??..

यानि पेंच पेचीदा हो गया ना ??..
तो आइये भक्तों से उगलवाते हैं.. 

क्यों भक्तों क्या कहते हो ??..
नीरव मोदी की गिरफ्तारी का श्रेय लंदन पुलिस को जाता है..
या भारतीय चौकीदार को ??..

हा !! हा !! हा !! ..
देख लेना भक्त अंदर तक उबल जाएंगें पर उगलेंगे नहीं.. शर्तिया !!..

पर ये भी देख लेना भक्तों का जेम्स बांड भारतीय चौकीदार लंदन पुलिस पर तो भारी पड़ेगा.. ..
वैसे भी श्रेय हड़पने की होड़ में इसे कौन हरा सका है ??.. कोई भी नहीं ना !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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खुद की बेइज़्ज़ती कराते आडवाणी भी अच्छे लगने लगे..


वो जवाब दे रहे हैं कि सवाल क्यों पूछ रहे हो ??..


Friday 22 March 2019

// सरक गए पित्रोदा का राष्ट्रविरोधी टुच्चा बयान.. और पाकिस्तान को लाभ ??....//


पक्के कॉंग्रेसी सैम पित्रोदा ने समस्त भक्तों की क़ाबलियत को पछाड़ते हुए बकवास पटकी है कि..
"पुलवामा हमले के लिए पूरे पाकिस्तान को दोषी ठहराना ठीक नहीं है"..

पित्रोदा से मेरे सवाल ??..

मोदी की हरकतों की सजा भाजपा को क्यूँ ??..
और..
राहुल ने ऐसे कौन से तीर मार दिए जो कॉंग्रेस को श्रेय और वोट दिया जाए ??..
और..
पाकिस्तान को दोषी नहीं ठहराया जाए तो क्या केजरीवाल को ठहरा दिया जाए ??..

लगता है पित्रोदा तो सरक ही गया है - और यदि राहुल ने इसको निकाल पाकिस्तान या अन्यत्र नहीं फेंका तो फिर कांग्रेस का भी आगे सरकना मुश्किल होगा !!..

और एक बार फिर सबको समझाइश.. देश सर्वोपरि है - पार्टी नहीं.. और पुलवामा-बालकोट पर किसी भी व्यक्ति या पार्टी को ना तो बकवास करनी चाहिए ना राजनीति.. मसलन यदि भाजपा ये कहती है कि सैम पित्रोदा की बकवास से पाकिस्तान को लाभ पहुंचेगा तो मान कर चलिए कि - भाजपा जब ये या फिर ऐसे ही बयान दे रही होती है तो भी - पाकिस्तान को खुद ब खुद लाभ पहुँच रहा होता है.. यानि तब सभी टुच्चे ही तो मिलकर पाकिस्तान को तथाकथित लाभ पहुंचा रहे होते हैं.. नहीं क्या ??..

और अंत में मेरी भविष्यवाणी.. पित्रोदा के इस बयान का चौकीदार द्वारा चुनावी रैलियों में चिल्ला चिल्ला कर उल्लेख किया जाएगा और इसे कॉंग्रेस और पाकिस्तान से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.. और हाँ.. कोई भी टुच्चा अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आएगा !!.. और पाकिस्तान को ना तो मुंहतोड़ जवाब अब तक दिया गया है ना लगता है शीघ्र दिया जाएगा !!.. और पूर्ववत ना ही पुलवामा-बालकोट पर उठे संजीदा प्रश्नों का ही संतोषजनक जवाब कभी भी ढंग तरीके से दिया जाएगा !!.. अफ़सोस !!..

और अफ़सोस की एक बात और.. पित्रोदा के राष्ट्रविरोधी बयान से आज पाकिस्तान भले ही खुश ना भी होगा - पर चौकीदार तो बहुत खुश होगा !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// होली तो हो ली.. अब "चौकीदार" को धता बता असली मुद्दों पर फिर लौटा जाए.. ..//


कल होली भी हो ली.. मौज मस्ती और ख़ुशी के इज़हार का त्यौहार निकल गया !!..
और जब दिल में ख़ुशी होती है तो दिमाग भी सही काम करता है..

तो आइये इस अवसर पर हम सब हमारे दिमाग का भी सदुपयोग कर लें.. और एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देने के बाद एक दूसरे के दुःख दर्द और समस्याओं का पुनरावलोकन कर लें..

और टटोल लें कि क्या "चौकीदार-चौकीदार" का हल्ला पेल रहे चोर - देश की समस्याओं की जवाबदारी से अपना पल्ला झाड़ चुकने के बाद - अपने आपको सवालों की झड़ी से बचाना तो नहीं चाह रहे ??.. और इसलिए ही असली मुद्दों पर तो मौन हैं और फ़ोकट मुद्दों पर प्रखर !!..

मसलन ये राहुल के द्वारा दिए गए प्रभावी नारे "चौकीदार चोर है" के जवाब में "मैं भी चौकीदार" मुहीम चला रहे हैं.. जबकि गौरतलब हो कि राफेल का मुद्दा कोई 'राहुल-मोदी' का फन फिल्ड ड्रामा नहीं है कि राहुल ने चोर कहा तो आप चौकीदार कह के इतराने मकराने गरियाने लगें..
अतः मोदी को चाहिए था कि देश में अनेक लोगों और संस्थाओं और मीडिया द्वारा भी जो गंभीरतम आरोप उन पर लगाए जा रहे थे/हैं उन सभी आरोपों का संतोषजनक जवाब देते.. और प्रधानमंत्री होने के नाते सीबीआई - रक्षा मंत्रालय - सीएजी आदि पर उठ रहे गंभीर सवालों का भी संजीदा जवाब निकलवा सबके सामने रखवाते..

लेकिन ये कर क्या रहे हैं.. ..
ये कभी सुप्रीम कोर्ट के संकुचित और सीमित अधिकार क्षेत्र - और सीमित सरकारी जानकारी पर प्रथम दृष्टया सहमत होने की मजबूरी में दिए गए एक संकुचित विवश सीमित विवादित निर्णय पर - जो फिर अंतिम ना रहकर अभी फिर से विचाराधीन हो गया है - उसके पीछे छुपकर व्यर्थ प्रतिकार करने की कुचेष्ठा कर रहे हैं..
और कभी एयर स्ट्राइक पर ओछी राजनीति कर सैनिकों की शहादत के पीछे छुप रहे हैं.. तो कभी बेरोज़गारी और गरीबी का माखौल उड़ा रहे हैं.. तो कभी अपनी घोर विकराल वादाखिलाफी पर वंशवाद का या ७० वर्षीय पर्दा डालने आदि का प्रयास कर रहे हैं.. या फिर बस यूँ ही बैठे ठाले पूरी बेशर्मी से नेहरू को कोस रहे हैं.. या फिर संचित अथाह पैसे-लत्ते के बल पर तमाम राजनीतिक और चुनावी हथकंडे अपना रहे हैं..

इसलिए मेरी ऐसी राय है कि होली बीत जाने के बाद हम प्रयास करें कि "चौकीदार-चौकीदार" का उचित योग्य उपहास करते हुए सभी असली मुद्दों को भी जीवंत रखें ताकि देशद्रोही चोर फिर से सर ना उठा सकें !!..
और अब होली बाद फिर से संगीन प्रश्न पूछना शुरू करें - मसलन - "क्यों.. इस बार अपने चुनावी पर्चे में अपनी शैक्षणिक अयोग्यता के बारे में जो लिखना पड़ेगा वो क्या लिखोगे ??".. या.. "बागों में बहार है ??"..
धन्यवाद !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 20 March 2019

भक्तों और चौकीदारों को भी होली की शुभकामनाएं !!..


// सरकारी चौकीदारों की किस्में और उनसे संबंधित प्रश्न.. ..//


मेरा अनुभव रहा है और मैने साक्षात देखा भी है..

बेचारे अधिकांश सरकारी चौकीदारों को अपने भ्रष्ट आकाओं के लिए रात की ड्यूटी के अलावा दिन में भी.. सब्जी लाने - बाबा बेबी को स्कूल छोड़ने लाने - साफ़ सफाई करने..
और दिन भर डॉगी को घुमाने और पॉटी कराने आदि जैसे काम भी करने पड़ते हैं..

और कुछ मक्कार किस्म के चतरे दिन भर आवारागर्दी करने के बाद..
रात में अनर्थ करते या चोरी चकारी करते या मस्त सोते हुए चौकीदारी करने का वेतन लेते रहते हैं..

अब आजकल "चौकीदार चोर है" के नारे से एक स्वयंभू चौकीदार बेहद हलाकान हो रहा था.. सो उसने तोड़ निकाला और अपने नाम के आगे "चौकीदार" लगा "हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे" की तर्ज़ पर अपने सभी भक्तों को अपने आपको चौकीदार घोषित कर देने का आह्वाहनी फतवा जारी कर दिया..

और मज़े की बात देखिए कि.. कई भक्तों ने भी अपने नाम के आगे "चौकीदार" लगा अपने आपको "चौकीदार" घोषित कर दिया..

खैर भक्त हैं - वो तो कुछ भी मुमकिन कर सकते हैं - और उन्होंने जो किया उस पर कोई आपत्ति भी कैसे ले सकता है ??.. और कोई समझा तो सकता ही नहीं - क्योंकि अक्ल का अकाल आड़े आ जाता है..

तो भाई हमने भी मान लिया कि ये सब भक्त चौकीदार हैं..
पर प्रश्न उठ खड़ा हुआ है कि ये कौनसी किस्म के चौकीदार हैं ??.. मक्कार किस्म के ?? या फिर वो वाले 'बेचारे सरकारी चौकीदार' ??..

और एक प्रश्न तो बहुत ज़ोर के उठ खड़ा हुआ है कि.. यदि वो 'बेचारे सरकारी चौकीदार' टाइप हैं तो क्या वो भी डॉगी को पॉटी कराने वाली श्रेणी के काम करते हैं - और यदि करते हैं तो जोर-जबरदस्ती में - या फिर स्वेच्छा से भक्ति में ??..

समस्त भक्त चौकीदारों को आदेशित किया जाता है कि जवाब प्रस्तुत किये जाएं..
आज्ञा से - चौकीदार नियुक्त करने वाले देश के मालिकों में से एक !!.. जय हिन्द !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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तुम क्यों कतरा रहे खड़े खड़े कतार में ??..


Tuesday 19 March 2019

// प्रियंका की नाव.. चौकीदारों के नाड़े.. ..//


नाव तो होती ही है तारने के लिए..
और नाडा तो होता ही है बाँधने के लिए..

अब जिन चौकीदारों के नाड़े खुल गए हैं..
वे कह रहे हैं कि प्रियंका की नाव में छेद होगा !!..

और जिन चौकीदारों के नाड़े टूट गए हैं..
वे कह रहे हैं कि प्रियंका की नाव डूब जाएगी !!..

और जिन चौकीदारों के नाड़े खोल दिए गए हैं..
वे तिलमिलाए कह रहे हैं कि प्रियंका की नाव पार ही नहीं होने देंगे !!..

खैर प्रियंका की नाव से गंगा यात्रा 2 दिन और चलेगी - और 2 दिन बाद ये पता चल जाएगा कि उनकी नाव पार लगी कि नहीं.. और 2 महीने बाद ये भी पता चल ही जाएगा कि चौकीदारों के नाड़े क्यों खुले या टूटे या खोले गए !!..

वैसे मेरा अनुमान है कि.. 2 दिन बाद प्रियंका की नाव बिना डूबे अपने गंतव्य पर पहुँच जाएगी..
और मेरा अरमान है कि.. चौकीदारों के पायजामों के नाड़े ऐसे टूटें जैसे किसी "बदनसीब" के अरमान !!..

कहिए श्रीमान !!.. इस "खुशनसीब" के अनुमान सटीक लगे या अरमान ??..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 18 March 2019

// अब उपनाम सहित पूरा नाम - " चौकीदार नरेंद्र राफेल मोदी चोर " रखा जाए !!.. ..//


वैसे तो कई लोगों का मानना है कि नाम में क्या रखा है.. पर मेरा मानना है कि नामियों और नामी-गरामियों या फिर निहायत हरामियों के नाम में काफी कुछ रखा होता है..
और "उपनाम" में तो बहुत कुछ रखा होता है - क्योंकि उपनाम का तो ध्येय ही अपने खानदान के बारे में बहुत कुछ बता देना होता है..

अतः देश के मालिकों और कर्णधारों से मेरी अपील..

जिन बेवकूफों या बेचारों ने मोदी को देश का चौकीदार बनाया था.. वे मोदी तथा उनके नाम के आगे "चौकीदार" < बीच में “राफेल" > तथा अंत में "चोर" लगा दें..
मसलन..
" चौकीदार नरेंद्र राफेल मोदी चोर "..
" चौकीदार स्मृति राफेल ईरानी चोर "..
ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी इस पूरे टोले की जानकारी सहजता से जगजाहिर रहे..

मसलन भविष्य में लोग पूरा नाम जानकर ही पूरी जन्मपत्री जान लें कि - ये एक चौकीदार के भक्त या भक्तों के वंशज हैं जिन्होनें राफेल में चोरी करी थी..
और जब लोग इतिहास के पन्ने पलटेंगे तो वो ये भी जान ही जाएंगे कि.. "चौकीदार चोर है" एक सत्य था - जुमला नहीं !!..

और अंत में ज्ञानवर्धन तथा हास्यवर्धन हेतु मेरी एक टिपण्णी भी..

अभी-अभी जिसने शौक या मूर्खतावश या भक्तिवश अपने नाम के आगे "चौकीदार" लगाया है - वे स्वतः ही शीघ्र किसी भी दिन इसे चुपचाप हटा लेंगे.. क्योंकि बदनामी का ठीकरा तो बेवकूफ भी अपने सर पर लेकर नहीं चलते - अन्यथा बेचारे थक जाते हैं..
वैसे मूर्खों का कोई भरोसा भी नहीं.. मोदी है तो मुमकिन है !!.. हाँ हाँ !!.. हा हा !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 17 March 2019

// दुःखद : पर्रिकर जी नहीं रहे - अब हमें चौकीदार नरेंद्र मोदी का ध्यान रखना चाहिए..//


सर्वप्रथम तो पर्रिकर जी को हार्दिक श्रद्धांजलि.. और उन्हें मरणोपरांत बधाई कि उन्होंने राफेल के बारे में बहुत कुछ जानते और अनुभव करने के बावजूद कुछ भी नहीं बताने की अपनी मजबूरी को बखूबी निभाया !!..

हमारी सोसाइटी में कई चौकीदार हैं - सब मेहनती और ईमानदार लगते हैं - और अच्छे भी लगते हैं - और उपयोगी भी..
उनसे बात हुई तो उन्होंने बताया उनकी ८ घंटे कि ड्यूटी होती है.. और उनके ड्यूटी पर आने जाने के समय को मिलाकर लगभग १२ घंटे की ड्यूटी हो जाती है.. और इसलिए वो रोज़ थक जाते हैं और दूसरा कोई विशेष काम नहीं कर पाते.. बेचारे !!..
और मेरी कुछ विशेषज्ञों से भी बात हुई जिन्होनें बताया कि ८-१० घंटे से ज्यादा की ड्यूटी करने वाले सभी कर्मी या तो मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं या फिर शारीरिक रूप से..

पर जो लोग आर्थिक रूप से ठीकठाक होते हैं वो अक्सर मानसिक रूप से बीमार होते हैं क्योंकि जैसे तैसे जाने अनजाने उनका शरीर पोषित और चलायमान रहता है..

तो फिर अब आप ही कल्पना कर लीजिए कि जिस चौकीदार को खाने पीने और रहने आदि की पूरी अच्छी सुविधा हो और वो लगातार १०-१५ सालों से बिना एक छुट्टी लिए अनवरत दिन में १८-१८ घंटे कार्य कर रहा हो तो उसकी मानसिक दशा का भाजीपाला कैसा हो गया होगा ??..

और विशेषकर ६० की उम्र पार करने वालों की तो छाती भी फूलने लगती है और दिमाग की नसें भी ऐंठ जाती हैं और शरीर की इन्द्रियों का भी क्षरण होने लगता है.. और इसलिए ६० वर्ष की आयु के बाद तो व्यक्ति ने सभी चिंताओं और जवाबदारियों से मुक्त होकर मस्त रहना चाहिए !!.. 

और इसलिए अब जब पर्रिकर जी का दुखद अध्याय हमारे सामने है.. और मोदी जी ने देश के लिए ऐसा और इतना कबाड़ा कर दिया है तो देश को भी हर दृष्टि से ये सोचना और क्रियान्वित करना चाहिए कि चौकीदार नरेंद्र मोदी की छुट्टी कर दी जाए.. और उन्हें और अधिक मानसिक प्रताड़ना से बचा उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ होने का समय और मौका दिया जाए !!..

मैं आशा करता हूँ कि जिन भक्तों में तनिक भी दिमाग होगा वो आज जब पर्रिकर जी को श्रद्धांजली दे रहे होंगे तो वो मेरी इस बात की कद्र करेंगे..

वैसे भी शास्त्रों में लिखा है कि जब कभी आप मरघट जाएं तो ज्ञान प्राप्त करने में ध्यान लगाएं - क्योंकि मरघटी ज्ञान का अपना ही महत्व है.. समझे !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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यानि मोदी ने भी घबराकर माना वो "चोर" है..


ये शातिर चोर कब से चौकीदार हो गया ??..


हम इस देश के मालिक हैं.. चौकीदार नहीं !!..


नाम बदल लिया ??.. "चौकीदार नरेंद्र मोदी" !!..


चल हट चोट्टे !!.. कल से बोलेगा पूरा देश सेवक ??..


Saturday 16 March 2019

"बातचीत" हुई ??.. अरे "बात" हुई है और "चित्त" पड़े हैं !!..


// प्रश्न ये नहीं है कि २०१९ कौन जीतेगा.. उत्तर ये है कि मोदी हारेगा.. ..//


आजकल सरकार से प्रश्न करना जोखिम भरा हो चला है - और उत्तर मिलना डंके की चोट पर असंभव ही है..

और यदि गलती से कोई प्रश्न पूछ भी लिया जाए तो.. सरकारी दरबारी प्रवक्ता शुरू हो जाते हैं.. ..
प्रश्न ये नहीं है कि.. !!@#$%^&*!!.. प्रश्न और मामला और मुद्दा ये है कि.. !!@#$%^&*!!..

और फिर धीरे से पटकेंगे कि हमसे प्रश्न पूछने वाले पहले ये बताएं कि.. !!@#$%^&*!!..
और फिर दो चार घिसे पिटे प्रश्न चिल्ला-चिल्ला कर पूछने लगेंगे.. !!@#$%^&*!!..

और बस फिर तो प्रश्न भी उनके और जवाब भी उनके .. .. और निगोड़ा टीवी एंकर भी उनका .. .. और पूछे गए प्रश्न भी ऐसे उड़ा दिए जा रहे हैं जैसे कि प्रश्न ना हो हवाई राफेल हों !!..

मसलन आज जब ये प्रश्न पूछा जा रहा है कि कितने मरे ??.. तो जवाब यहाँ से शुरू होता है कि प्रश्न ये नहीं है कि कितने मरे - आज प्रश्न तो ये है कि.. !!@#$%^&*!!..

इसलिए आज एक ज्वलंत महत्वपूर्ण मुद्दे पर मेरी भक्तों के लिए एक ज्वलनशील एवं जलनशील मुद्दे की बात.. ..

प्रश्न ये नहीं है कि २०१९ का चुनाव कौन जीतेगा..
उत्तर ये है कि मोदी चुनाव हारेगा !!..

तो अब है किसी भक्त की औकात जो अब हमारे द्वारा प्रश्न ही उड़नछू कर दिए जाने पर उत्तर की काट प्रस्तुत कर सके ??..
तुम डाल-डाल - हम पात-पात..
तुम्हारे हवाई किले - हमारे मारक मिग-मिराज.. तुम्हारे तो किले में घुस कर मारेंगे..

और क्योंकि चौकीदार चोर तो है ही.. इस लिए खड़े और उठ-खड़े हुए प्रश्न भी वही और वहीं के वहीं हैं कि.. !!@#$%^&*!!.. मसलन राफेल १२६ के बजाय ३६ ही क्यों ??.. समझे !!..  !!@#$%^&*!!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

Friday 15 March 2019

मोदी की एक और श्रेय झपट सफलता..


अब लगता है बातचीत तो होगी !!..


// मसूद की ऐसी की तैसी.. पर चीन को धन्यवाद - बचा लिया !!.. ..//


मसूद अज़हर एक कुख्यात नाम है.. भारत का दुश्मन है.. भारत ने पकड़ा था - फिर छोड़ दिया था.. वो पाकिस्तानी है.. वो आतंकी है.. और आतंकवाद पूरे विश्व के लिए हानिकारक है.. इसलिए वो पूरे विश्व की शांति के लिए खतरा है.. इसलिए पूरा विश्व मसूद अज़हर के विरुद्ध एकजुट हुआ.. और उसे अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने हेतु संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव लाया गया..

और जैसे ही ऐसा हुआ - भक्तों अंधभक्तों और मोदी सरकार के छर्रों के तेवर दिखने लगे.. मसूद अज़हर पर होने वाली कार्यवाही को कार्यवाही होने के पूर्व ही "मोदी की जीत" बताने लगे..

पर संयुक्त राष्ट्र में चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर प्रस्ताव को ठुकरा दिया !!..

और जैसे ही वीटो का सामचार आया.. गोदी मीडिया के तैयार प्रोग्राम बेकार हो गए - झाग बैठ गई - और इसे भारत की उपलब्धि मानते हुए भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया जाने लगा.. कथित ५६ इंची छाती अपने ठिकाने फुस्स हो गई..

और फिर प्रत्याशित जीत ना मिलने का ठीकरा नेहरू पर फोड़ने के लिए विवश होना पड़ा.. और तो और सभी नाकामियों के लिए कांग्रेस और राहुल के पूरे खानदान पर जवाबदारी भी आरोपित करने की खुल्ली पगलाई होड़ भी लगने लगी.. और यहां तक कि देश के कानून मंत्री तक नथुने फुला नाक से गंदगी छोड़ते एक वीभत्स दृश्य प्रस्तुत करते दिखे..

और ऐसी उत्साह रहित धूमधाम मुझे सोचने पर मजबूर कर गई कि..
यदि चीन ने वीटो नहीं किया होता तो क्या होता ??..

गजब हो जाता जनाब गजब !!.. 'बालटाल' पर मोदी की कथित अपार सफलता के बाद 'मसूद' भी मोदी की एक अपरम्पार सफलता हो जाती.. और मोदी द्वारा चुनावी जीत हथिया ले जाने के दावे प्रदूषण करने लगते.. और देश में एक भय और मायूसी का वातावरण बन जाता कि अगर मोदी चुनाव जीत गया तो फिर तो अपने अच्छे भले भारत की वाट ही लगेगी !!..

इसलिए मसूद की ऐसी की तैसी.. पर चीन का धन्यवाद !!..
क्योंकि हमारे सबसे खतरनाक शत्रु होते हुए भी जाने अनजाने चीन ने मसूद के साथ-साथ हमें भी बचा लिया !!..

और शायद इसलिए सारे के सारे भक्त भी केवल पाकिस्तान को अपना दुश्मन मान उसे निपटाने की ओजस्वी बातें फेंकते हैं - पर मजाल है चीन के विरुद्ध एक फुस्सी हुंकार भी छोड़ दें.. तौबा !!..

और इसलिए ही मैने मानना और कहना शुरू कर दिया है कि अब तो भक्तों में भी थोड़ी-थोड़ी अक्ल रिसने लगी है.. नहीं क्या ??.. हाहाहाहा !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// मॉरल ऑफ़ द स्टोरी.. रात के 3.30 बजे HIT नहीं करनी चाहिए !!.. ..//


एक थोड़े से पहले जमाने के तुर्रमखाँ थे..

कपडे उतार के सो रहे थे.. रात के 3.30 बजे थे.. मच्छरों ने काटना शुरू किया..
उठाई HIT और स्प्रे कर मुगालते में सो गए..

4.30 बजे चोरों का टोला घुस गया.. नींद खुली तो आदतन ललकारने लगे..
मौका देख सभी चोर पिल पड़े.. दे मार दे मार.. सुबह तक मारते रहे.. फिर सब कुछ ले चलते बने..
तुर्रमखाँ कपड़े पहन बाहर निकले और चिल्लाने लगे - चोर चोर चोर !!..

भीड़ इकठ्ठा हुई - पुलिस भी आई - सबने पूछा क्या हुआ ??
चोर घुस गए थे !!..
कितने थे ??..
नहीं बताऊंगा कितने थे.. खबरदार किसी ने पूछा कितने थे..
मत पूछो.. नहीं बताऊंगा.. नहीं बताऊंगा..
बस तब से बदहवास यही बड़बड़ा रहे हैं कि "मत पूछो - मत पूछो कितने थे"..
मैं तो HIT कर के सो रहा था कि.. .. ..

और लोग समझ गए थे कि तुर्रमखाँ चोरों की गिनती क्यों नहीं बता रहे थे !!..

मॉरल ऑफ़ द बकवास स्टोरी : रात के 3.30 बजे HIT नहीं करनी चाहिए - और पूरी आस्तीन के कपड़े पहन कर सोना चाहिए - नंगे नहीं !!.. समझे !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 14 March 2019

// भक्तों आज देश को चीन से खतरा है.. इसलिए तत्काल कन्याकुमारी निकल लो....//


कान खोल कर सुन लो भक्तों..
देश खतरे में है.. खतरा चीन से है..

अब धारण कर लो भगवा पट्टा.. और अपने घर से निकल पड़ो मोटर साइकलों से.. और छाँट-छाँट कर घर-घर में घुस जाओ.. और सारा चायनीज़ माल लूट लाओ.. 7 पाताल से भी चायनीज़ माल निकाल लाओ..
और फिर जरूरत का माल अपने पास रख बाक़ी का जला दो..

और फिर आँखे लाल कर - जाओ कन्याकुमारी जहाँ से "काश्मीर से कन्याकुमारी तक देश बचाओ यात्रा" निकालना और टुच्चे चीन को संदेश पहुंचा देना कि - जब तक मोदी है - यानि 23 मई 2019 तक - तब तक ही सब मुमकिन है !!..
उसके बाद तो हमें भी एक प्रधानमंत्री मिल जाएगा जो प्रधानमंत्री की जवाबदारियों का परिपक्वता से निर्वहन करना शुरू कर देगा !!..

तो भक्तों आज पहली बार तुम्हे इस मिटटी की सौगंध देते हुए तुम से आह्वाहन करता हूँ कि देश को चीन से खतरा है इसलिए तत्काल ही कन्याकुमारी निकल लो.. समझे ??.. भारत माता की जय !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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जब मोदी का वो "लाल आँखे दिखाने" वाला डायलाग याद आया तो.. ..


// भोजन और राष्ट्रभक्ति अपने हिसाब से चलने दें.. 'मोइजी' के चक्कर में ना फंसे.. ..//


शादी ब्याह के रिसेप्शन भोज के समय मैने एक बात नोट की.. ..
जो फोकटिया व्यक्ति किसी को चाय भी ना पिलाता हो वो पार्टी में ढूंढ-ढूंढ कर अपने मित्रों या रिश्तेदारों की मनुहार करता रहता है.. बॉस रबड़ी लाऊँ.. फूफाजी और क्या लेंगे ??.. क्यों ड्रायफ्रूट चाट ली ??.. अरे बाबू तू दाल चावल छोड़ - ये तो रोज़ घर में बनते हैं - रसमलाई और मालपुए खा.. अरे बहनजी आप ने आइसक्रीम नहीं ली - लाऊँ ??.. ..
जबकि फोकटिया का तो कुछ लगता या लगना नहीं - और जो लगता है वो तो पार्टी देने वाले मेजबान का लगता है.. ऐसे फ़ोकटियों को हमारी समझदार वाली मित्रमंडली में आजकल "मोईजी" कहते हैं - क्योंकि बिना किसी लागत के श्रेय बटोरने की कला में अपने मोदी जी का कोई सानी नहीं हो सकता..

और ये बात मैं आज विशेष संदर्भ में इसलिए बोल रहा हूँ क्योंकि आजकल जहां देखो अपनी सेना के बल पर निहायत लल्लुओं डरपोकों चोरों फेंकुओं जिन्होंने आज तक एक भ्रष्टाचारी नहीं निपटाया हो - उनके द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रभक्ति जम के परसी परोसी पसारी जा रही है.. और कई "मोइजी" मोदी जी के कुशल नेतृत्व में बिना किसी लागत के बैठे बिठाए वीर बहादुर राष्ट्रभक्त होने और बनाने तथा विशेष रूप से पाकिस्तान को निपटाने का श्रेय बटोर रहे हैं.. ..

इसलिए सावधान !!.. भोज में भोजन और अपने ही राष्ट्र में राष्ट्रभक्ति अपनी समझ आवश्यकता और रूचि से ही चलने दें.. "मोइजी" के चक्कर में पड़ अपना पेट और दिल-दिमाग खराब ना करें !!..

धन्यवाद !!.. बोलो मेजबान की जय !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 12 March 2019

// मोदी"जी" तुम जब फ़ोकट पाताल जाओगे ना.. मैं धरती पर आसमान गिरा दूंगा !!..//


मार दिया मार दिया मार दिया !!..
पहले भी जमीन के रास्ते सर्जिकल स्ट्राइक कर घर में घुस कर मारा था.. फिर नोटबंदी कर घर में घुसे हुओं को मारामार और कुछ घुस्सू घरेलुओं को मालामाल कर दिया था.. और अब हवा के रास्ते अंदर घुस के मार आए हैं.. दुश्मन की हवा में हव्वा पेल कर आए हैं !!..

और इसके अलावा पहले एक बार और मार के आए थे पर बताऊंगा नहीं कि कब कहाँ और कैसे - क्योंकि धोतीपकड़ राजनाथ काका ने मना किया है कि उस तीसरी बार मारने के बारे में बात भी मत करना.. देश के लिए तो दो बार मार कर आए वही बहुत है.. तो फिर चिल्लाओ !!.. मार दिया मार दिया - बदला ले लिया ले लिया.. मोदी मोदी.. भारत माता की जय !!.. भारत माता की जय !!..

और ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि अच्छा लगता है - मन को सुकून मिलता है कि मार दिया बदला ले लिया.. हम अपने आपको एकदम एक झटके में गौरवान्वित महसूस करने लगते हैं .. और हमारे अंदर एक अजब सी शक्ति का संचार भी होने लगता है.. और हमारे अंदर छुपी हुई देशभक्ति और राष्ट्रभक्ति आपस में गले मिलने लगती हैं.. मानों किलोल कर रही हों.. ..

पर जब ऐसे खुशनुमा माहौल में भी हमारे प्रधानसेवक उर्फ़ चौकीदार श्रीमान मोदी "जी" ये कहते हैं कि 7 पाताल से निकाल कर मारेंगे तो लगता है पगला गए हैं - या फिर फेंक रहे हैं.. और फिर शंका भी होने लगती है कि मार दिया मार दिया में सच्चाई है भी कि नहीं.. क्योंकि जनता की मांग तो इतनी सी थी कि ज़मीन पर रेंग रहे हर दुश्मन को जमीन में गाड़ दो.. पर ये तो पाताल से निकालने की बात कर रहे हैं !!??..
और वो भी तब जबकि कितने निकाले कितने मारे किसी को भी गिनाने तक नहीं हैं.. क्योंकि अपना काम तो मारना है - गिनना तो है ही नहीं !!.. है ना ??..

इसलिए मेरी पागलों को सलाह !!.. यदि पाताल तक जाने की कूवत या शौक है तो ज़मीन पर पहले इत्मीनान से गिनती करके फिर सबको लेकर गाड़ के आओ ना.. आगे क्या करना है मैं बाद में बता दूंगा.. पर वहां से उल्टे निकाल कर लाने की सनक क्यों ??..

और सावधान !!.. मेरी बात समझ नहीं पड़ी हो या नहीं समझना हो - तो समझदानी का ढक्कन खोल कर सुन लो..
राहुल गांधी के मसूद अज़हर "जी" कटाक्ष पर तुम्हारी समझ की मैं उतनी ही हँसी उड़ाता हूँ जितनी तुम्हारे पाताल वाले जुमले की.. ..
इसलिए तुम जब भी दुश्मनों को फ़ोकट पाताल से निकालने जाओगे ना.. मैं धरती पर आसमान गिरा दूंगा.. और तुम्हें पाताल से निकलने ही नहीं दूंगा..
शर्तिया !!.. चाहे तो आजमा के देख लेना !!.. समझे मोदी "जी" !!.. हां नहीं तो !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 11 March 2019

// उलझे-उलझाए मामले मध्यस्थता से नहीं - मोदी के हारने से सुलझेंगे !!.. ..//


मध्यस्थता अपने आप में ही समझ आती है कि कुछ मध्य वाली चीज़ होगी.. यानि ना बाएं ना दाएं ना ऊपर ना नीचे ना घटबढ़ .. यानि जैसे कि संतुलित मध्यमार्गीय..

और सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस देश के सबसे चर्चित और सबसे महत्वपूर्ण या महत्वहीन पर असरकारक विवाद को सुलझाने - या हो सकता है उलझाने के उद्देश्य से - मध्यस्थता का विधिवत हुक्म जारी कर दिया है.. या फिर हो सकता है कि आशा में निराशा में हताशा में या फिर किसी की अभिलाषा में या फिर अपने आपको असहाय या उहापोह में फंसे मानकर ऐसा असाधरण हुक्म दे दिया गया हो.. ..

मैं इस हुक्म का शायद इसलिए समर्थन करता हूँ क्योंकि मैं मध्यस्थता का पक्षधर रहा हूँ - क्योंकि लड़ाई झगड़े चाहे मैदानी अस्त्र शस्त्र गाली गलौज और जूतों के साथ हों - या जूते घिसाने वाले कानूनी टाइप हों - ज्यादातर हानिकारक ही होते हैं..
और इसलिए समर्थन के बावजूद मेरी प्रतिक्रिया भी..

मान लीजिए कि मोदी और शाह के बीच कभी ना कभी होने वाला झगड़ा टंटा आज हो जाए - और कानूनी प्रक्रिया या दांव पेंच में वो नौबत आ जाए कि "हम तो डूबें हैं सनम तुम को भी ले डूबेंगे" या "आ देखें ज़रा किसमें कितना है दम".. तो फिर क्या होगा ??.. मध्यस्थता !!..
जी हाँ मध्यस्थता ही एक अनचाहा प्रभावकारी विकल्प होगा जिसके तहत दोनों की कोई कमजोरी या टुच्चई जग जाहिर ना हो और मोदी और शाह और पार्टी और सरकार के हित में जैसे तैसे झगड़ा सुलट जाए.. मसलन अभी जब यूपी के एक भाजपाई सांसद और विधायक के बीच जूते भी प्रचलित हो गए तो आलाकमान ने मध्यस्थता सुनिश्चित कर करवा दी और मामला पार्टीहित में सुलटा लिया गया - जो देशहित में दुर्भाग्यपूर्ण हुआ.. हुआ ना !!..
पर कल्पना करिए कि मोदी-शाह के बीच मध्यस्थता के लिए उपयुक्त कौन होगा ??.. क्या आडवाणी या फिर रवीश कुमार या फिर जस्टिस काटजू या सुब्रमण्यम स्वामी या आलोक वर्मा या गडकरी ??.. हा !! हा !! हा !! .. मार दिया ना पापड़ वाले ने.. इनमें से कोई भी नहीं ना !!.. क्योंकि ये तो दोनों को ही निपटा देंगे और न्याय-व्याय की ऐसी की तैसी - ये तो निर्णय कर ही मारेंगे !!..
तो फिर क्या अंबानी अडानी या मोहन भागवत या बाबा रामदेव - या गिरिराज सिंह या फिर कैलाश विजयवर्गीय या आसाराम या राम रहीम ?? .. हाँ ये ठीक रहेगा !!.. पर ऐसा क्यों ??.. वो इसलिए क्योंकि मध्यस्थ ऐसा होना चाहिए कि जो केवल मध्यमार्ग पर चले और सभी पक्षों के हित की बात सुझा सके .. और सर्वहित या न्याय या न्यायसंगत भले ही जाएं भाड़ चूल्हे में !!..

बस इसलिए ही मेरी घोर आपत्ति श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ बनाए जाने पर है - क्योंकि वो इस महत्वपूर्ण महत्वहीन विवाद में एक पक्ष की ओर इस कदर बाएं-दाएं हैं कि मानों वो स्वयं ही एक पक्ष हों - और साथ ही वो एनजीटी के मामले में खुद उस कानून की धज्जियां उड़ा चुके हैं जिस कानून ने उन्हें बैठे ठाले मध्यस्थ नियुक्त कर मारा है.. और भले ही वो जाने-माने हों - पर वो ना तो सबकुछ जाने हुए माने जाते हैं और ना ही सब के माने हुए जाने जाते हैं..

बस इसलिए ही मुझे पक्का भरोसा है कि ये मध्यस्थता एक नए विवाद को जन्म देते हुए मूल विवाद को चुनावों तक आएं-बाएं-दाएं  करने के लिए है - इस गारंटी और आश्वासन के साथ कि चुनाव तक कुछ भी निर्णीत ना हो..

और मैं तो इस बात का भी स्वागत करता हूँ.. क्योंकि मुझे पूरा यकीन है कि चुनाव में मोदी के हारने के बाद तो देश की कई समस्याएं और झगडे टंटे आदि स्वतः ही मध्यमार्ग पर आ सुलझ सुलट जाएंगे..

इसलिए तय है कि उलझे-उलझाए मामले मध्यस्थता से नहीं - मोदी के हारने से सुलझेंगे.. अतः अभी तो रामजी को भी मोदी के ही भरोसे समझो - या फिर मेरे दिल-दिमाग की बात समझ नहीं पड़ी हो तो आप भी मध्यस्थों के भरोसे हो लो आएं-बाएं-दाएं !!.. हा !!.. हा !!..हा !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 8 March 2019

// क्या 'राम मंदिर विवाद' और 'काश्मीर विवाद' में कुछ प्यारी सी समानता नहीं ??.. //


बाबरी मस्जिद - राम मंदिर विवाद में मध्यस्थता का हुक्म जारी हुआ है..
अब बात यदि मध्य की हो या बाएं-दाएं की या ऊपर-नीचे की - समाधान के केवल चार विकल्प ही तो संभव हैं..
पहला : विवादित स्थल हिन्दुओं का और वहां मंदिर बन जाए..
दूसरा : विवादित स्थल मुसलमानों का..
तीसरा : विवादित स्थल किसी का नहीं.. वहां कुछ भी नहीं बने - या फिर कुछ तो भी बने - जैसे स्कूल अस्पताल..
और चौथा : विवादित स्थल दोनों का.. सब लोग आपस में बैठ तय करें कि वहां क्या बने - कैसे बने.. या कोर्ट जाएं .. यानि ढाक के तीन पात !!..

अच्छा फिर समाधान को कौन-कौन मानेगा या नहीं - पता नहीं..
समाधान को दोनों पक्ष मान सकते हैं..
पर समाधान को कोई एक पक्ष नहीं माने या फिर दोनों ही पक्ष नहीं मानें तो ??..
तो ऐसे में फिर समाधान हो सकता है कि कोर्ट जाया जाए.. यानि भैंस जाएगी पानी में..

अब जो मेरी बात से सहमत नहीं हैं - उनके ज्ञान चक्षु मैं खोल देता हूँ..

क्या काश्मीर को लेकर भी मध्यस्थता हो जाए ??..
ज्यादा से ज्याद क्या होगा ??.. काश्मीर हिन्दुतान का होगा - या पाकिस्तान का होगा - या दोनों का हो बाँट दिया जाएगा - या स्वतंत्र कर दिया जाएगा ??.. और या फिर इंटरनेशनल कोर्ट जाओ !!..

लेकिन जैसा कि अब तक हुआ है या हुआ होने दिया है.. कोई भी पक्ष अब तक विवादित भूमि या काश्मीर के समाधान के लिए राज़ी ही नहीं हुआ है - और जो राज़ी होने की बात करते या छेड़ते या इंगित करते या सुझाते या चाहते हुए पाए जाते - वो देशद्रोही या जयचंद-विभीषण हो जाते और डपट दिए जाते.. और राज़ी नहीं होने वाले मस्त खुश हो जाते - इसलिए कि बदस्तूर जारी दुकान और धंधा चलाया जाता रहे..

और इतनी सी बात हमारे सुप्रीम कोर्ट को समझ ना पड़ी हो ये मेरी समझ से बाहर है.. या फिर हो सकता है किसी की कुंद डेढ़ अक्ल तीव्रता से चल भी रही हो.. क्योंकि वो क्या है ना कि - मोदी है तो मुमकिन है !!..

जय श्री राम !!.. जय हिन्द !!..

टीप : सब कान खोल के सुन लो !!.. काश्मीर हमारा अभिन्न अंग था है और रहेगा.. और जन्म भूमि पर तो मंदिर ही बनेगा.. वैसे मध्यस्थता हो जाने में कोई दिक्कत भी नहीं.. जब देश में फुर्सत इफरात में व्याप्त हो तो ऐसे में कुछ चलता रहे अच्छा लगता है - और घर बैठे देशद्रोही या जयचंद-विभीषण घोषित होने का भी क्या फायदा - है ना ??.. हा !! हा !! हा !!.. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

तौबा !!.. मी लार्ड !!.. तौबा !!..


महिला दिवस पर पुरुषों को समझाइश !!..


Thursday 7 March 2019

// 48 वर्षीय डिस्लेक्सिया से ग्रसित बच्चा ..बनाम.. 68 वर्षीय फेंकू चोर बुड्ढा.. ..//


मोदी जी सावधान.. लोग आपका एक-एक शब्द गौर फरमाते हैं ..
इसलिए मत बोलो घर में घुस कर या सात पाताल से निकाल कर मारोगे..

नहीं तो फिर जितने भी मार लेना पर लोग तो फुलटू काड़ी करेंगे ही ना कि पहले ये बताओ घर में क्यों नहीं घुसे और पाताल से क्यों नहीं निकाले ??.. समझे ??..

मसलन जैसे लोग अभी तक भी पीछे पड़े हैं ना कि - 15 लाख कहाँ हैं - हमारे बैंक में क्यों नहीं डाले - कब डालोगे ??.. जबकि आपने तो जुमला ही फेंका था ना !!.. ..

वो क्या है ना कि.. अब लोग आपके पीछे इस कदर पड़ गए हैं - जैसे आप नेहरू जी और उनके वंशजों के पीछे पड़े हुए हो.. या फिर नेहरू जी का भूत आपके पीछे ऐसा पड़ा है कि पीछा ही नहीं छोड़ रहा.. अब देखो ना - भूत राफेल की गोपनीय फाइलें ही लेकर उड़ गया..
और अब तो एक 48 साल का डिस्लेक्सिया से ग्रसित बच्चा ही आपको सरेआम चोर चोर चोर कह रहा है.. और आप छटपटा रहे हो.. मानो जैसे आप 68 साल के फेंकू बुड्ढे हो जिसकी अक्ल काम करना बंद हो गई हो - और ठिकाने लगने लगी हो.. है ना !!..

अच्छा अंत में एक बात और बताओ.. क्या सचमुच अक्ल काम नहीं कर रही.. बच्चा बच्चा जब तुम्हें चोर चोर कह रहा था.. तो उससे बचने के लिए फाइलें ही चोरी करवा दीं ??.. और वो भी वो फाइलें जिनकी छायाप्रतियों के कागज़ी राफेल बनाकर बच्चे उड़ा रहे थे !!..

यानि अब तो बच्चे भी आपको उड़ा रहे हैं.. कैसा लग रहा है ??.. जेल जाना मुमकिन लग रहा है ना ??..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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चौकीदार चोर हो तो ही मुमकिन है !!..


Wednesday 6 March 2019

गप्पू पप्पू और ‘राफेल’.. ..


राफेल करोड़ों का है.. और प्रधानसेवक कौड़ी का..


// माना विपक्षियों के मुंह लटके हुए हैं.. पर बेशर्म टुच्चों की बाँछे क्यों खिली हुई हैं ??..//


जब से एयर स्ट्राइक हुई है विपक्ष के लोगों के मुंह लटके हुए हैं : मोदी

शायद सही कहा.. 50 जवानों की दुःखद शहादत.. उसके कई दिनों बाद एयर स्ट्राइक.. परिणाम के कोई प्रमाण नहीं.. मुंह तोडा या टूटा पता नहीं.. कार्यवाही कड़ी या सड़ी पता नहीं..  बदला ले लिया या नहीं पता नहीं.. लिया तो कितना लिया कैसे लिया पता नहीं..
और ऊपर से मोदी की टुच्ची राजनीति शुरू.. स्वयं ने आधिकारिक चुप्पी साधी पर लफ़्फ़ाज़ बयानबाज़ी सूरमाओं जैसी.. और जिम्मेदार भी चुप और जवाबदार नदारद..
और फिर सबको नीचा दिखाना.. जो उनसे प्रश्न पूछे उनको धिक्कारना.. जो सबूत मांगे उन्हें राष्ट्रद्रोही बताना.. शायद ये सब पर्याप्त कारण हैं कि स्वाभाविक रूप से ग़मगीन हुआ जाए.. चिंतित हुआ जाए.. व्यथित हुआ जाए.. और किसी भी संवेदनशील और गैरतमंद और राष्ट्रप्रेमी और अक्लमंद के मुंह लटक जाएं..

और यकीनन विपक्ष के कई लोगों के और आम नागरिकों के भी मुंह लटके हुए हैं..

पर इन बेशर्मों की बाँछे क्यों खिली हुई हैं ??..
इन मक्कारों के मुंह लटके क्यों नहीं हैं ??..
इनके थोबड़े पर शैतानी हंसी क्यों है ??..
ये वीर जवानों की शाहदत पर राजनीति क्यों कर रहे हैं ??.. ..

और सभी प्रश्नों का एक ही जवाब है..
ये टुच्चे हैं !!.. बहुत गिरे हुए बेशर्म टुच्चे !!..

और आज देश के सामने एक अवसर है.. पुलवामा मामले में भी जिनका मुंह लटका नज़र नहीं आए या थोबड़े पर शैतानी हंसी तैरती नज़र आए - समझ लेना वो उच्च कोटि का भक्त है.. या नीच किस्म का इंसान !!.. मसलन अपना चोर चौकीदार !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 5 March 2019

प्रसून के चचा का एक मासूम सा सवाल.. ..


// ये गप्पू की गप्पे हैं.. सावधान !!.. बस मेरे सूत्रों के हवाले वाले लेख पढ़ते रहें.. ..//


गप्पू के गप्पियों ने कभी कहा 250 मारे कभी कहा 300 कभी 400 कभी 450 तो कभी 600..

देश के सभी जयचंदो और विभीषणों.. कान खोल के सुन लो..
250 सही - 300 भी सही - 400 और सही - 450 तो बिल्कुल सही - और 600 तो सही में सही..

और इस तरह से कुल हो गए 250 + 300 + 400 + 450 + 600 = 2000.. जो भी सही में बिल्कुल ही सही.. समझे !!..

और इनमें से 1300 घर में घुस कर मार डाले - और प्रति पाताल 100 के मान से 7 पातालों से निकाल कर 700 मारे.. OK !!..

और अब इस दावे पर विदित हो कि..
जिन सूत्रों ने शाह को 250 की गिनती बताई थी उन्हीं सूत्रों ने मेरे सूत्र को बताया है कि..

अमेरिका में जांच के आदेश होने वाले हैं कि.. अव्वल तो वो कौन से गैरजिम्मेदार जवाबदार और गैरजवाबदार जिम्मेदार थे जिन्होंने प्रधानमंत्री समझकर हमारे चौकीदार को वीसा दे देने की कवायद में सहयोग कर दिया था ??..

और यदि 2000 लाशें इतनी जल्दी और कुशलता से पाकिस्तान या हिन्दुस्तान ने पाकिस्तान में ठिकाने लगा दीं तो फिर - अमेरिका को ओसामा-बिन-लादेन की लाश को ठिकाने लगाने में इतनी मशक्कत और खर्चा क्यों वहन करना पड़ा था ??..

और शायद जांच के लिए भारत ने अमेरिका को पूरे सहयोग का आश्वासन दे दिया है.. ताकि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका मनमानी जांच के मनमाफिक नतीजे प्राप्त कर सके.. और सूत्र तो यहाँ तक बता रहे हैं कि AMERICAN JAMES BOND का मार्गदर्शन करने के लिए INDIAN GEMS BUNDLE अजित डोभाल को अमेरिका रवाना किया जा रहा है..

बाकी अफवाहों से सावधान !!.. बस सटीक जानकारी के लिए मेरे सूत्रों के हवाले वाले लेख जरूर पढ़ते रहें.. और एक मुट्ठी बंद करके मन ही मन में जोर से बोलें.. भारत माता की जय !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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कितने मारोगे ??.. और इस बार.. कितने गिनोगे ??..


Monday 4 March 2019

// मारने थे 500.. शाह ने गिने 250.. बाक़ी के 250 कौन गिनेगा बे ??.. ..//


बात हुई थी 1 के 10 की..
हाल फिलहाल में ही हमारे शहीदों की संख्या 50 के पार..
इसलिए दुश्मन के होने चाहिए थे 500..

पर शाह खुद उस तरफ के गिन के आए कुल जमा 250..
बाकी के कौन गिनेगा ??..

अरे सेना ने अपना काम तमाम कर दिया और तुम कैसे निखट्टू नाकारा निकम्मे निठल्ले निकले कि 500 में से बचे हुए अदद 250 भी नहीं गिन सकते ??..

क्यों मित्रों !!.. क्या राहुल या केजरीवाल को बाकी के 250 गिन के आने थे ??..
या फिर एक और जुगाड़ के रूप में क्या शाह को ही एक बार फिर 250 गिन के नहीं आ जाना चाहिए था ??..

हद्द हो गई !!.. सेना ने अपना काम कर दिया और मोदी पूरा श्रेय भी नहीं ले पा रहे हैं.. और चुनाव सर पर हैं.. और साहेब की बदजुबान की बेइज़्ज़ती का सवाल खड़ा हो चुका है.. ऐसे में तो वाट लग जाएगी वाट.. समझे भक्तों ??..

तो चलो तो बढ़ लो भक्तों और जाओ बचे हुए 250 भी गिन के आओ - नहीं तो अपना मनहूस चेहरा मत दिखाना.. हाँ नहीं तो !!.. फ़ोकट गालियां देने पर मजबूर करते हैं !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

यदि बन्दूक होती तो.. यदि राफेल होते तो.. ..


// तो युद्ध हो गया ??.. मान लें मुंह तोड़ दिया.. या मुंह दिखाने के लायक भी नहीं ??.. //


मुझे लगने लगा है कि मीडिया में और मीडिया का गरमाया युद्ध अब ठंडा गया है.. या टाला गया है.. या हो गया मान लिया गया है.. या जीत लिया मान लिया गया है.. या जीता बताया जाने लगा है..

और कुल मिलाकर मुझे लगने लगा है कि भले ही युद्ध जैसे हालात बने रहेंगे या बनाए रखे जाएंगे पर युद्ध तो अभी नहीं होगा..
क्योंकि जैसे ताली २ हाथ से ही बजती है.. वैसे ही युद्ध होने के लिए २ योद्धा पक्ष जरूरी होते हैं..

तो मान कर चलिए कि अभी जो भी होगा तमाशे जैसा या मिलीजुली कुश्ती जैसा होगा.. युद्ध जैसा नहीं होगा.. और युद्ध जैसा यदि होगा तो भारत में आगामी चुनाव मई २०१९ के बाद ही होगा..

तो प्रश्न उठता है - और मैं प्रश्न उठाता हूँ कि - यदि ऐसा होता है तो.. ..

क्या इन चुनावों में तब भी इसे मोदी द्वारा मुंह तोड़ दिया माना जाएगा ??.. 
या फिर मोदी को मुंह दिखाने के लायक भी नहीं माना जाएगा ??..

मुंहतोड़ निर्णय अब आपका !!.. मुंह तोड़ने की बारी अब आपकी !!..
जय हिन्द !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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