Monday 31 October 2016

// भोपाल कैदी मुठभेड़ .. भक्त की मान्यता - पकड़ो और मारो - ना कोई मुक़दमा ना जेल ..//


आज दोपहर समाचार आया था कि कल रात ही भोपाल जेल से फरार ८ कैदियों को भोपाल पुलिस ने भोपाल से कुछ ही दूर के एक गाँव के पास मुठभेड़ में मार गिराया है ....

और मेरे व्हाट्सएप ग्रुप में एक अंधभक्त मित्र द्वारा त्वरित पोस्ट डाल लिखा गया था जो जस की तस निम्नानुसार है : -
..............................................................
" एसा ही करना चाहिए 
पकडो और मारो
कुत्तो को जेल मे रखो नही ना court मे पेश करो क्योकि कानून अंधा जरुरत से ज्यादा है
न कोई मुकदमा न जेल। सीधे जन्नत।
मध्यप्रदेश पुलिस को बधाई "
..............................................................

और ४-५ घंटे बाद भी मेरे ग्रुप में अभी तक किसी और की कोई प्रतिक्रिया नहीं ....

इसलिए अंधभक्त मित्र की उपरोक्त टिपण्णी के विरुद्ध मेरी प्रतिक्रिया ....

यानि क्या भक्त भी मान रहे हैं कि जो कुछ हुआ या होना चाहिए उसमें कानून के पालन की आवश्यकता नहीं ?? .. और आप या आपकी पुलिस ही ईमानदार न्यायसंगत ?? .... और न्याय इसी तरह हो जाना चाहिए या कर दिया जाना चाहिए ?? ....

मैं इसलिए ही ऐसी सोच से नफ़रत करता हूँ और मेरे व्हाट्सएप ग्रुप के ऐसा सोचने वालों और बकवास करने वाले मित्रों को धिक्कारता रहता हूँ .. और इसलिए ही चाहता हूँ कि इन भक्तों की चहेती सरकार का शीघ्र पतन हो - ताकि गुंडागर्दी ख़त्म हो और न्याय और कानून का राज्य स्थापित हो ....

कोई आपत्ति ?? ....

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// ये "सीज़फायर उल्लंघन" बार-बार लगातार होना कैसे माना जा सकता है ???? ....//


आज मुझे मेरे एक मस्त-मौला खाते-पीते खाऊ मित्र याद आ रहे हैं - जो अनमने मन से उपवास तो रख लेते थे पर जब तब कुछ ना कुछ खा लेते और कहते रहते - अरे यार उपवास टूट गया !! .. और जब भी कढ़ाई में तलती कचौरी दिख जाए तो कण्ट्रोल नहीं कर पाते और उपवास तोड़ देते - और दिन में ऐसे कई बार उपवास तोड़ते रहते थे .... और इसलिए मैं उन्हें कहता था कि आप उपवास रखते ही नहीं फिर उपवास टूटने या तोड़ने का प्रश्न कहाँ ?? .... और उनके द्वारा बहस करने पर मैं तर्क देता कि यदि कोई उपवास रखे और सुबह ९ बजे अन्न खा ले तो तो माना उपवास टूट जाएगा .. पर यदि फिर १० बजे भजिये खा ले - तो क्या फिर उपवास टूट जाएगा ?? .. फिर ११ बजे बिरयानी खा ले - १२ बजे समोसा - तो भी क्या फिर से उपवास टूट जाएगा ?? .... यानि दिन भर खाता रहे तो क्या दिन भर उपवास टूटता रहेगा ?? .... नहीं ना !!!!

और यह सब मुझे आज इसलिए याद आ रहा है कि मैं बहुत समय से देख रहा हूँ हमारे मीडिया की जब तब ब्रेकिंग न्यूज़ बनी ही हुई है कि - "पाकिस्तान ने फिर सीज़फायर उल्लंघन किया" .... कभी यहां कभी वहां ....

और मैं यही सोच रहा था कि क्या जैसे उपवास बार-बार टूट नहीं सकता है क्या सीज़ फायर उल्लंघन भी बार-बार हो सकता है ???? ....

क्या उपयुक्त नहीं होगा कि हम मान लें कि दिन भर खाते रहने का मतलब उपवास टूटना नहीं उपवास रखना नहीं होता .. और इसी तरह जब तब और लगातार गोलीबारी करते रहने को "सीज़फायर उल्लंघन" नहीं माना या कहा जा सकता .... बल्कि इसे शुद्ध "फायरिंग" या "हमला" या "युद्ध" माना जाना उचित होगा ?? ....

और फिर ऐसी "फायरिंग" या "हमले" या "युद्ध" का हमारा वो "मुंहतोड़" जवाब भी तदनुसार तब ही सटीक बन पड़ेगा .. और बार-बार नहीं केवल एक बार मुंह तोड़ के रख देगा .... क्योंकि बार-बार किसी का टूटा मुंह भी तो नहीं टूट सकता ना !!!!  

सोचियेगा - मेरे दिमाग की बात ज़रा दिल से सोचियेगा .. जय हिन्द !!!!

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Saturday 29 October 2016

// इस दीपावली - मेरी विशेष वर्गीकृत शुभकामनाएं तो गरीब शोषितों के ही नामे ....//


दीपावली पर्व का शुभ अवसर है .... पर मन खुश नहीं है - और ना ही दिमाग खुश होने की इज़ाज़त देता है ....

मोदी जी कह रहे हैं - यह दीपावली पर विशेष रूप से सैनिकों को शुभ सन्देश दिया जाए .. और मेरा दिल पूछता है कि मेरे विशेष शुभ सन्देश से क्या कुछ बदल जाएगा ?? .. और यदि बदल जाएगा तो फिर मैं विशेष शुभ सन्देश पहले अपने किसी गरीब शोषित भाई या बहिन के लिए क्यों ना दूं ?? ....

मुझे ये नहीं समझ आ रहा है कि इस दीपावली ऐसा क्या विशेष हो गया है कि कुछ अलग सा माहौल बनाया जा रहा है ???? .. क्या अलग केवल यह हो गया है कि हमारी वीर सेना के कुछ वीर जवान शहीद हो गए हैं - जो दुःख का एक बहुत ही बड़ा कारण है .. और सीमा पर युद्ध जैसे हालात हैं - जो कारण है कि हम हमारी सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए आज उनके साथ खड़े होएं ?? ....

तो फिर इसी समय हमारे देश में भुखमरी गरीबी या भ्रष्टाचार या धर्मान्धता या शोषण के कारण जो बेचारे कई लोग मर गए या मरने दिए गए या मार दिए गए उनका रोना हम कब रोएंगे ?? .... क्या केवल अपने स्वार्थ के लिए हमें सैनिकों का मनोबल बढ़ाने की ही आवश्यकता है ताकि वो सैनिक हमारी रक्षा करते रहें - और उस गरीब का मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता नहीं जिसके मरने से देश पर कोई असर नहीं पड़ेगा ?? .... यानि गरीब मरता है तो मरने दिया जाए ???? ....

नहीं मेरी आत्मा मुझे ऐसी संकीर्ण सोच की बात करने की इज़ाज़त नहीं देती .. और इसलिए मेरे दिल दिमाग की तराज़ू में आज भी हमारे समाज के बेचारे शोषित गरीब हमारे वीर सैनिकों की अपेक्षा शुभकामनाओं और संवेदनाओं और सहायता के ज़्यादा हक़दार हैं ....

इसलिए इस दीपावली मैं अपने आपको मोदी जी से पृथक कर वीर सैनिकों की अपेक्षा इस देश के गरीब शोषितों को शुभकामनाएं देना चाहूँगा - इस बहुत छोटी सी आशा के साथ कि शायद मेरी शुभकामनाओं का कुछ असर होता होगा ....

और अपेक्षा करूंगा कि सीमा पर तैनात हमारे वीर सैनिक भी आज इस देश के उन तमाम ईमानदार शोषित गरीबों को याद रखेंगे जो देश की सीमाओं के अंदर अपनों के बीच अपनी और अपने परिवार के जीवन मरण की लड़ाई लड़-लड़ के खप मर गए और अभी भी खप मर रहे हैं - हर दिन हर रात हर पल .. और फिर कुछ घंटों का या दिनों का युद्ध हो या ना हो .. कुछ वीर सैनिक शहीद हों या ना हों .. उनकी लड़ाई अनवरत जारी है ....

अस्तु .. यदि देश के प्रधानमंत्री ने शुभकामनाएं भी विशेष वर्ग के लिए देने की अजीब सी संकीर्ण बात कही है - तो दीपावली के अवसर पर मेरी विशेष वर्गीकृत शुभकामनाएं मेरे देश के गरीब शोषितों के नामे - मेरे दिल से ....

जबकि मेरे दिमाग से ये जानते हुए कि अभी तो कुछ बदलाव होना नहीं है - और अभी तो कई गरीब शोषितों को दुश्मन से नहीं अपने वालों के वार से ही बिना शहीद का दर्जा प्राप्त हुए मरते रहना पड़ेगा ....

और अंततः कुछ क्षमा के साथ .. इस दीपावली भी मेरी आप सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं !! ....

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Friday 28 October 2016

// " १ के बदले १० " .. ?? .. ....//


चुनाव से पहले तो मोदी एंड पार्टी मांग करती थी और भरोसा देती थी कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए ....

और मोदी & पार्टी द्वारा नीति स्पष्ट कर दी गई थी .. "१ सर के बदले १० सर" ....

पर आज राजनाथ सिंह बोले कि बीएसएफ को आदेश दिए हैं - "१ गोली के बदले १० गोली" ....

और मैं देख रहा हूँ कि भक्त और देशभक्त "१ गाली के बदले १० गाली" दे ही रहे हैं ....

इसलिए मैं कह सकता हूँ कि मोदी एंड पार्टी की "१ के बदले १०" की नीति जारी है .. बस थोड़े हेर-फेर के साथ ....

और हो सकता है कि भविष्य में हमें "१ कलाकार के बदले १० कलाकार" या फिर "१ मैच के बदले १० मैच" की बात सुनने को मिलेगी .... मसलन यदि एक पाक कलाकार भारत आएगा तो भारत के १० कलाकार पाकिस्तान जाएंगे .. हाँ नहीं तो !! .. आखिर समझ क्या रखा है ???? ....

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Thursday 27 October 2016

// सर्जीकल स्ट्राइक का पेटेंट हमारे पास है - इसलिए कोई और कर दे संभव नहीं ....//


#सर्जिकल_स्ट्राइक को अंजाम दिए हुए लगभग एक माह गुज़र गया .... जवाब मुंहतोड़ ही था .... हमने पाकिस्तान में घुस कर मारा था .. पूरी प्लानिंग कर के मारा था .. सभी का सहयोग ले सभी की सहमति ले और संघ से प्रेरणा ले और मोदी की इच्छाशक्ति के भरोसे मारा था ....

पर ना जाने क्यों सीमा पर सब कुछ पूर्ववत ही चलता रहा है .. और जब देखो टीवी चैनलों पर नीचे की पट्टी पर ब्रेकिंग न्यूज़ बनी ही रहती है कि - फलां जगह फलां सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा क्रॉस बॉर्डर फायरिंग या सीज़ फायर उल्लंघन या घुसपैठ या घुसपैठ की कोशिश या आतंकी हमला या छुटपुट घटना आदि हो रही है या करी गई है .. और हमारी तरफ से मुहंतोड़ जवाब दिया जा रहा है या दे दिया गया है .... और फिर हमारी तरफ भी जवानों या लोगों के शहीद होने की दुखद खबरें भी हमारा मुंह सुन्न करते रहती हैं .... और ये सिलसिला जारी है .. और देश का गुस्सा जारी है .. और देशभक्तों का पाकिस्तान को गरियाना जारी है .. और पाक को उचकाने वाले चीन को लगे हाथ धिक्कारना भी जारी है .... और देशभक्ति का इज़हार और संचार भी बढ़िया हो रहा है ....

और इसके पहले आगे कोई इधर उधर की बात हो - मैं सोचता हूँ ये घोषित हो जाना चाहिए कि ये सबकुछ पाकिस्तानियों या आतंकियों की कोई 'सर्जिकल स्ट्राइक' नहीं है .... क्योंकि 'सर्जिकल स्ट्राइक' का पेटेंट केवल हमारे पास है ....

जय हिन्द !!

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Monday 24 October 2016

// समान कानून व्यवस्था ?? यहाँ तो उच्चकोटि और निम्नकोटि के नंगो तक में भेद है ..//


यदि अमरसिंह ना होते तो मुलायम जेल में होते .... आज ये खुला भेद स्वयं मुलायम ने सार्वजनिक कर दिया है .... जिससे स्थापित हुआ कि अमरसिंह के हाथ इस देश के कानून के हाथों से लंबे हैं ....

बस इसलिए ही तो मैं ये कहता हूँ कि देश में कानून का राज्य है ही नहीं .. यहां सत्ताधीशों सत्तासीनों और सत्ताविहीनों के लिए एक ही कानून के मायने और महत्त्व अलग अलग हो जाते हैं ....

यदि आप सोच रहे हैं कि हालात केवल उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी के खराब हो गए हैं तो आप अर्धसत्य ही महसूस कर पा रहे हैं - क्योंकि पूर्ण सत्य तो यही है कि इस देश में कानून का मखौल सर्वत्र उड़ रहा है - और उड़ाया जा रहा है ....

क्योंकि इस देश में नाचीज़ अमरसिंह आज भी राजनीतिक ठप्पा और हैसियत रखते हुए अपनी राजनीतिक चातुर्य और कुशलता का परिचय बिखेरते इतराते हुए सत्ता के गलियारों और नंगों की गलियों में मुस्कुराते हुए दिखते ही रहते हैं .... और अमित शाह जैसे अनेक लोग भी उनसे बराबरी की रेस करते कभी आगे कभी पीछे दिखते हैं .... 

और तो और एक नंगा लोगों पर केस करने की धमकी देता है - और अन्य कई नंगे चुप और सुन्न हो जाते हैं .... जबकि कुछ दिन पहले एक अन्य नंगे पर यही नंगे लोग ऐसे पिल पड़े थे जैसे इन सबको अपनी ज़िन्दगी में पहला नंगा सपड़ाई में आया हो ....
और इसका कारण ये है कि पहले वाला नंगा बेचारा बिन हैसियत 'आप' पार्टी का निम्नकोटि का नंगा था जिसका नाम संदीप ठाकुर था .. पर ये नया नंगा भाजपा का उच्चकोटि का नंगा है जिसका नाम वरुण गांधी है ....

यानि इस देश में कानून व्यवस्था उच्चकोटि या निम्नकोटि के लिए तो अलग है ही - पर यहाँ तो उच्चकोटि और निम्नकोटि के नंगो तक में भेद है ....

इसलिए आज तो यही कहूँगा .. कि कानून व्यवस्था की अवस्था नंगी हो चुकी है .. नंगे निर्भीक हैं .. नंगों का वर्चस्व है .. नंगो की सत्ता है .. और उच्चकोटि के नंगे बहुतायत में हैं .... और उच्चकोटि के नंगो का प्रभाव और प्रभामंडल भी व्यापक है .... क्योंकि मुलायम सिंह जेल के बाहर है और वरुण गाँधी के संदीप ठाकुर जैसे चित्र सोशल मीडिया में कमल से ढके वायरल हो रहे हैं .. और मीडिया एक नंगे को छोड़ बाकी कई राजनीतिक नंगो की डॉक्यूमेंट्री बना चलाने की तैयारी कर रहा है .... बिल्कुल एक नंगे की महान आत्मकथा की तर्ज़ पर ....

इसलिए सावधान !! .. नंगो से सावधान .. नँगाईयत से सावधान .. उत्तरप्रदेश के नंगे नाच से सावधान .... अब तो ध्यान केवल पंजाब पर .. जहां नंगे सर्दी आने के पूर्व ही अभी से कांपते ठिठुरते दिख रहे हैं .. क्योंकि वे कमल से ढंके नंगे जो ठहरे .... जय हिन्द !!

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Sunday 23 October 2016

// भक्तों !! दलालों !! बिचौलियों !! चलो अब बोलो तो - राज ठाकरे की जय !! ....//


राज ठाकरे ने आज देशभक्ति का पाठ सिखा दिया .. और वो भी देशभक्तों को सिखा दिया .. और वो भी भक्तो को चुनौती देते हुए पूरी दादागिरी से .. और वो भी सेना के जवानों पर एहसान लादते हुए .... और कोरा पाठ ही नहीं सिखाया - सेना कल्याण के पेटे सरकारी खजाने में किसी और से वसूली के निःस्वार्थ ५ करोड़ रुपये भी अपने स्वार्थों की भरपूर भरपाई करते हुए डलवाने का प्रबंध कर दिया .... और ये भी सुनिश्चित कर दिया कि भविष्य में कोई भी पाकिस्तानी कलाकार के साथ कोई फिल्म बनाने या कलाकारी करने की कुचेष्ठा नहीं करेगा .... और साथ ही ये तो स्थापित कर ही दिया कि वो देशभक्ति से ओतप्रोत एक गुंडे हैं .. और इस देश में नैतिक हिंजड़ों की कमी नहीं .... 

है कोई टुच्चा भाजपाई जिसकी पिछले दो ढाई साल में ऐसी गौरवशाली उपलब्धि रही हो ?? .. कोरी बातों के अलावा पूरे ५ करोड़ सेना के नामे .... जय हिन्द ?? 

यानि आज तय हो गया कि भाजपा केवल कांग्रेस से ही गई बीती पार्टी नहीं है .. भाजपा तो राज ठाकरे की मनसे से भी गई बीती पार्टी है .. जो सत्ता में रहते हुए भी देशभक्ति का ऐसा एक भी कारनामा नहीं कर पाई .... है ना ??

खैर जो हुआ वो तो होना ही था .. और राज ठाकरे की गुंडागर्दी तो रंग लानी ही थी .... और 'ऐ दिल है मुश्किल' रिलीज़ भी होनी ही थी ....

पर राष्ट्र से जुड़े गुंडागर्दी युक्त और राष्ट्र की सेना से पृथक इस मुद्दे में जो कमाल का घालमेल हुआ है वो टपक कर सार्वजनिक हो गया है .... यानि कि गज़ब ये हो गया कि हमारे देश के एक उच्च पद पर बैठे टुच्चे से नेता ने गुंडागर्दी का संज्ञान लेते हुए गुंडागर्दी से ग्रसित और गुंडे को बुला कर एक "डील" करवा दी .... और इस तरह गुंडों को राष्ट्रीय मान्यता प्रदान कर दी .. और बेशर्मी में लपेट मान भी ..

और इसलिए मैं गुस्से में ये सोच रहा था कि फिर क्यों ये दल्ले इतनी छाती कूट रहे थे जब इन्हें "दलाल" कहा गया था ???? .. "खून की दलाली" वो भी सेना के सन्दर्भ में !! .... तो अब क्या हुआ ?? .. सेना को निर्लज्जता के साथ बीच में घसीटते हुए गन्दी सड़ी आपराधिक मानसिकता को देशभक्ति का जामा पहना गुंडों के लिए बिचौलियों का काम क्यूँ ???? ....

यानि यदि ये दल्ले दलाली नहीं कर रहे थे तो बिचौलिए का काम तो कर ही रहे थे ना !!!! ....

इसलिए भक्तों !! दलालों !! बिचौलियों !! .. आज तुमको धिक्कार के साथ कहूँगा .. देशभक्ति के नारे तो हम लगा ही लेंगे .. तुम तो अपनी गन्दी जुबां से बस ये बोलो - राज ठाकरे की जय !! .... तुम्हें तो तुम्हारी औकात अनुसार बस इतना ही शोभा देता है .... 

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Saturday 22 October 2016

// मोदी जी !! .. अब तो हो ही जाए - एक "हौआ स्ट्राइक" !! ....//


भक्त और थोड़े कुंठित समझदार जब देखो तब पाकिस्तान का नाम आते ही कलपते विलापते बकवासते बरगलाते पाए जाते रहे हैं कि .. गाँधी जी ने यदि वैसा नहीं किया होता तो आज कोई समस्या नहीं रहती .. जिन्ना को वैसा न करने दिया होता - नेहरू ने वो गलती ना की होती - सरदार पटेल ने थोड़ी और समझदारी बता दी होती - इंदिरा ने उसी समय मामला ख़त्म कर दिया होता - सेना लाहौर पहुँचने के बाद फ़ोकट खाली हाथ वापस नहीं लौटी होती - अटलजी को वैसा ही मौका हाथ लग गया होता - तो - तो - तो आज पाकिस्तान से ताल्लुक कोई समस्या ही नहीं होती .... 

यानि वक्तव्यों से कुछ ऐसा लगता है जैसे कह रहे हों कि - यदि चाची जी की मूंछे होती तो वो चाचा जी होते !! .....

पर आजकल - यानि #सर्जिकल_स्ट्राइक के बाद के बदले कालखंड में - भक्त और थोड़े उत्साहित समझदार जब देखो तब ये अलापते पाए जा रहे हैं कि .. ना भूतो ना भविष्यति - पाकिस्तान को ऐसा मारा है ऐसा मारा है ऐसा मुंहतोड़ जवाब दे मारा है कि वो औंधे मुंह चारों खाने चित्त गिर गया है .. हौंसले पस्त कर दिए - पूरे विश्व से अलग थलग कर दिया - आतंकियों की भी बैंड बजा दी - अब पाकिस्तान कभी आँख उठा कर देख भी नहीं सकेगा - अब तो उसके कलाकारों की भी स्ट्राइक कर दी - और चीनी माल नहीं खरीदने की मुहीम चलवा उसके आका चीन की भी ऐसी की तैसी कर दी .... और ये सब संघ की प्रेरणा से मोदी जी के द्वारा सेना से कराई गई मात्र एक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ....

पर हम सब टुकुर टुकुर देख रहे हैं कि धाँसू सर्जिकल स्ट्राइक के बाद और पाकिस्तान के हौसले पस्त होने के बाद भी निगोड़ा ढीठ दुस्साहसी पागल बेवकूफ पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है - और सीमा पर गोलीबारी सहित छुटपुट हरकतें बदस्तूर जारी हैं ....

और मित्रो !! आपको तो मालुम ही है कि चाचा चौधरी का दिमाग कंप्यूटर से तेज़ - और मेरा दिमाग केजरी से आधा पर मोदी-शाह के संयुक्त दिमाग से दो-चार-गुना तेज़ तो है ही .. इसलिए एक सुझाव दे रहा हूँ ....

मोदी जी !! .. गांधी नेहरू इंदिरा पटेल सेना अटल आदि की पुरानी गलतियों से सीख ले आपको ये निर्णय करना चाहिए कि - "सूली पर सुलतान है मत चूके चौहान" - यानि - "लोहा गर्म है हथौड़ा दे मारो" .... यानि आज जब पाकिस्तान मरणासन्न है तो उसे मार ही दिया जाए .... है ना ??

और मरणासन्न को कैसे मारा जाता है .. मैं सुझाता हूँ ....

मोदी जी !! - इसके लिए आपको कुछ ख़ास वास्तविक करने की आवश्यकता नहीं है .... आप तो बस एक "हौआ स्ट्राइक" कर मारो - बस घोषित कर दो कि - मार दिया !! मार दिया !! - और ढोल पीट दो - अपने वाले सभी दिल्लीपसंद राष्ट्रीय चैनलों पर भी ब्रेकिंग न्यूज़ चलवा दो कि इतने मार दिए - वितने मर गए - ढेर सारे घायल - पाक अधिग्रहित कश्मीर खाली कर पाकिस्तान भागने के मूड में .. आदि आदि !! ....

और बस मुझे लगता है काम हो जाएगा .. पाकिस्तानी सेना और हुक्मरानों और आतंकियों और आकाओं का मनोबल चकनाचूर हो जाएगा .... और इस तरह मरणासन्न पाकिस्तान मर जाएगा .... यानि - "हींग लगे ना फटकारी रंग भी चोखा आए" !!!! .... है ना बढ़िया आईडिया ?? .. बिल्कुल नया नायाब !! ....

पर बस एक बात का ध्यान रखना ही पड़ेगा - ऐसा करने के पहले आप जरा #केजरीवाल को कॉन्फिडेंस में ले लेना .... क्योंकि क्या है कि वो ठहरा कंप्यूटर से भी दो गुना तेज़ दिमाग वाला बंदा - और फिर सच्चा ईमानदार ठेठ सपाट भी .... इसलिए कहीं वो अपना मुंह खोल के रायता ना फैला दे - बस !! .... बाकियों की तो कोई चिंता नहीं - क्योंकि किसी में इतना दिमाग भी नहीं और हिम्मत भी नहीं ... है ना !! ....

तो मोदी जी !! अब तो हो ही जाए - एक "हौआ स्ट्राइक" !! .... जय हिन्द !! ....

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Friday 21 October 2016

// भाजपा-कांग्रेस संयुक्त विपक्ष की ओर अग्रसर !! ….//


अब यह तो तय हो गया कि मोदी सरकार किए गए वायदों के अनुरूप और जनता द्वारा उनसे की गई अपेक्षाओं और आशाओं के अनुरूप कार्य नहीं कर सकी है ....

और अब तो नौबत यहाँ तक आन पड़ी है कि भाजपा बिना कांग्रेसियों या अन्य विरोधियों या विभीषणों या जयचंदों या जयचिंदियों के बगैर चुनाव तक जीतने का भरोसा खो बैठी है .... और इसका स्पष्ट प्रमाण है जिसको गालियां देते रहे उन्हें ही अपनी पार्टी में शामिल करते रहे .. और ऐसे सांसदों की संख्या रीता बहुगुणा जोशी के 'हस्तांतरण' से ८४ तक पहुँच गई है ....

'हस्तांतरण' मैंने इसलिए कहा कि ये शब्द किसी वस्तु की आवक जावक के लिए ज्यादा उपयुक्त और सटीक है .... और जबकि यह आदान प्रदान बिना किसी झंझट झगडे टंटे विवाद आपसी समझ सहयोग और स्वेच्छा के साथ संपन्न हो जाए .... और क्योंकि अभी तक के कांग्रेस भाजपा के बीच के सभी आदान प्रदान बिना किसी झंझट के क्रियान्वित हो चुके हैं इसलिए 'हस्तांतरण' हुआ ही कहा जाएगा .... अन्यथा अब यदि आप रीता का कांग्रेस से भाजपा में 'हस्तांतरण' नहीं मानेंगे तो क्या ये मानेंगे कि - रीता निकल गई या निकाल दी गई या भाग गई या टपक गई या पहुँच गई या प्राप्त हो गई या ले ली गई या भेज दी गई या इधर उधर हो गई ?? .. आदि !! ....

यानि अब तक के रीता सहित व्यापक थोकबंद हस्तांतरणों के कारण आप कह सकते हैं कि भाजपा कांग्रेस युक्त हो गई .... भले ही अभी भी भाजपा अपनी तमाम असफलताओं के लिए कांग्रेस का ही रोना रोती रही है ....

पर जब तब भाजपा ये रोना रोती है कि कांग्रेस की वजह से वो असफल रही है तब तब वो स्वतः ही स्वीकार करती धरा जाती है कि भाजपा भारत को 'कांग्रेस मुक्त भारत' तो नहीं बना पाई - पर उल्टे खुद ही 'कांग्रेस युक्त भाजपा' बन गई .... बेचारी !!

और इसका कारण मुझे स्पष्ट होता है कि भाजपा कांग्रेस से भी गई बीती निकली ....

इसी संदर्भ में मैं भाजपा की निंदनीय शान में एक और बात रखना चाहूंगा .... एक ओर भाजपा कांग्रेस से नग-नगीनों के हस्तांतरण के अलावा सहयोग लेने में पूर्णतः अक्षम और असफल रही - तो दिल्ली की केजरीवाल सरकार को सहयोग ना देने में पूर्णतः सफल रही .. पर सक्षम नहीं .... क्योंकि केजरीवाल गए-बीते नहीं निकले .... बल्कि उल्टे वो भारतीय राजनीति में अभी तक कांग्रेस और भाजपा को धता बताते हुए अभूतपूर्व सफलता की ओर बढ़ते ही दिखे ....

अब देखिए ना !! .... भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत तो नहीं बना पाई - पर केजरीवाल ने कांग्रेस मुक्त दिल्ली तो बना कर दिखा ही दिया .... और तो और काफी हद तक "भाजपा मुक्त दिल्ली" भी ....

और अब तैयारी है - कांग्रेस-भजपा मुक्त पंजाब की - और यदि सफलता मिलती है तो फिर ....

देश के इतिहास में भाजपा-कांग्रेस संयुक्त विपक्ष की आधिकारिक शुरुआत हो कर रहेगी .... दोनों पार्टियां तब पूर्ण रूप से दीनदयाल उपाध्याय के 'एकात्मवाद' के सिद्धांत पर चलते एक हो जाएंगी - और तब तक एक रहेँगी जब तक 'अंत्योदय' योजना के तहत अंतिम भाजपाई-कांग्रेसी सांसद की केजरी खबर ना ले ले .... समझे !! जय हिन्द !! ....

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Thursday 20 October 2016

// चीनी माल नहीं खरीदें .. क्योंकि हमारी सरकार निकम्मी है ....//


अब ये अर्नब अंजना संबित भास्कर नईदुनिया टाइम्स ठाकरे रामदेव जैसे-जैसे केवल भारत में ही हैं ऐसा नहीं है .. चीन में भी हैं .... और चीन का ये समुदाय भी अब गर्जन कर रहा है फ़ोकट दादागिरी बता रहा है - चीं-चौं कर रहा है ....

और क्या कह रहा है ?? .. भारत केवल भौंकना जानता है - भारत के लोग मेहनती नहीं - भारत में निवेश आत्मघाती होगा - भारतीय व्यापारी हर हाल में चीन से ही सामान खरीदने आएंगे - अपना पैसा खर्च नहीं कर रहे भारत के नेता अफसर पूँजीपति - इस वजह से मेक इन इण्डिया अव्यवहारिक .... आदि !!

और मज़े की बात ये है कि हमारी सरकार जैसे करन जौहर की फिल्म पर हो रही दादागिरी के प्रति अति उत्साहित प्रोत्साहित हो अनभिज्ञ प्रतीत होते दिख रही है - वैसे ही सरकार की पाकिस्तान के बापतुल्य चीन के विषय में घिग्घी ही बंधी दिख रही है .. और सरकार "ऐ दिल है मुश्किल" की तर्ज़ पर मुश्किलात में पड़ी सुप्तावस्था में दिख रही है ....

तो अब किया क्या जाए ?? .. चीन ने हमें गाली दे दी .. और सरकार चुप ही नहीं अभी भी उसका स्वागत कर रही है !! .. जी हां !! स्वागत !! .. मसलन - मध्यप्रदेश में २२-२३ अक्टूबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित किये गए चीनी उद्योगपति भी आ रहे हैं - और हमारे मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री मलैया जी से जब पूछा गया तो बोले - अब आमंत्रण दे चुके थे तो वापस तो नहीं ले सकते थे ना ?? ...

और मैं सोचता रह गया कि सही बोले - क्योंकि ये कोई करन जौहर की फिल्म थोड़े ही है जो चलवा दो तो ठीक न चलवाओ तो भी ठीक .... ये तो मध्यप्रदेश की फिल्म है जिसमें कई बोल्ड सीन रखे गए हैं - और कई सीन वीभत्स भी हैं .... और इसे तो पूरी दादागिरी और बेशर्मी के साथ चलने दिया जाएगा .. यानि चीनी आएँगे .. सरकार मेहमाननवाज़ी भी करेगी .. और चीनी धंधा करते आए हैं - कर रहे हैं - और करते रहेंगे .. भारत के 'विकास' के हित में .... वही मोदी जी वाला "सबका साथ सबका विकास" वाले 'विकास' के हित में ....

तो क्या जनता भी चुप बैठ जाए? .. वो भी वो जनता जो देशभक्त है - जो पकिस्तान से खुद दो-दो हाथ करने के लिए तैयार तत्पर हो चुकी है .. जो हर हालात में मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कसमें खा चुकी है .. पर सरकार को कुछ भी गलत सही कहने से परहेज़ करती आई है ..

मुझे लगता है कि सरकार तो कुछ करेगी नहीं - क्योंकि ये सरकार निकम्मी है .... लेकिन अब चीन ने हमें गाली दी है तो उसे तो मुंहतोड़ जवाब देना ही होगा .... तो क्या चीन का सामान खरीदना बंद करें ?? .. लेकिन बंद किया था तो ही तो उसने गाली दी !! ....

तो अब क्या किया जाए ?? .... मैं बताता हूँ ....
देशभक्तों को भी इस सरकार की सदाबहार लाइन पर चलना चाहिए .. जो सदैव समझाइश देती आई है कि .. क्योंकि ठीक वैसे ही जैसे पाकिस्तान हमारी सैन्य कार्यवाही से बौखलाता आया है - चीनी माल ना खरीदने के निर्णय से चीन बौखला गया है .. जिससे स्पष्ट है कि उसे कष्ट हुआ है - और इसलिए वो हमें गाली दे रहा है - इसलिए हमारे द्वारा चीनी माल ना खरीदने का निर्णय ही उचित है .... 

इसलिए मेरा सरकारी सर्टिफाइड सभी देशभक्तों से निवेदन है कि अपनी औकात अनुसार - चीनी माल ना खरीदने की अपनी मुहीम पर कायम रहकर चीन को मुंहतोड़ जवाब देते हुए - बिना सरकारी व्यवधान के अपना मुंह तुड़वाते रहें .... और चीन से ना डरें ना दबें - और उसे गुर्राने दें - भौंकने दें - और चीं-चौं करने दें ....

क्योंकि शायद अब यही विकल्प है - यही औकात है - यही नियति है .. क्योंकि हमारी सरकार निकम्मी है !! ....

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Monday 17 October 2016

// मोदी सरकार की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि .. केजरी की गंगा स्वच्छ हो गई !! ..//


कल आंकड़ा १४ पर पहुँच गया .... ६७ में से १४ .. अभूतपूर्व .. १४ विधायकों पर त्वरित तड़ित कार्यवाही .. १४ के १४ #केजरीवाल_के_विधायक ....

और जनाब अनुमान लगाने की जरूरत नहीं - यदि आप भक्त नहीं हैं तो आपको स्वतः ही अनुमान हो जाएगा कि ये १४ के १४ विधायकों को ऐसे अकारण ही चलते रास्ते नहीं पकड़ा गया होगा .... यकीनन कोई ठोस ठुल्ला कारण होगा जिसकी सतत चौकन्नी सर्जिकल जांच हो रही होगी .. और जांच के बाद ही तो इन्हें ताड़ित किया गया होगा .... और इसलिए ६७ में से बचे ५३ की सर्जिकल जांच नहीं हो गई होगी या हो रही होगी ऐसा सोचना तो मासूमियत ही होगी - बिल्कुल सुषमा जैसी ललित मानवीय मासूमियत जैसी .. या फिर मूर्खता होगी - बिल्कुल वीके सिंह या पर्रिकर के बयानों जैसी .. या फिर धूर्तता होगी - जनरल डायर जैसी ....

यानि तय होता है कि - बाकी ५३ की सतत भरपूर भरपेट भरपल्ले सर्जिकल जांच हो चुकी होगी .... और मोदी सरकार के अथक प्रयत्नों और प्रयासों से केजरी के ये ५३ के ५३ विधायक निष्कलंक स्वच्छ साफ़ सत्यापित स्थापित हो जाते हैं ....

और मेरा दावा है कि पूरी भाजपा में पूरे भारत में ५३ ऐसे विधायक नहीं होंगे जो विस्तृत व्यापक सर्जिकल जांच होने के उपरांत निष्कलंक स्वच्छ साफ़ सत्यापित हो गए होंगे .... यानि .... भाजपा में दागी गंदे मैले-कुचैलों की बहुतायत होना स्वाभाविकतः निश्चित ही संभावित सत्यापित होता है ....

अतः मोदी जी की असीम कृपा और कौशल से - तथा - दृढ़संकल्प - डांवाडोल मनोबल - तथा लघुकालिक स्ववित्त योजना के क्रमबद्ध क्रियान्वयन के फलस्वरूप - ये अकाट्य दावा सहज ही किया जा सकता है कि ....

मोदी सरकार की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि .. केजरी की गंगा स्वच्छ हो गई !!!! ....

बची मोदी की गंगा .... अभी तक तो मैली की मैली ही है .... बल्कि और "मलिन" हो गई .... उमा या राम जाने क्यों ?? .... जय श्री राम !! .. जय जय श्री राम !! ....

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Sunday 16 October 2016

// अनुराग कश्यप जी !! .. मोदी माफ़ी नहीं मांगेंगे ....//


" पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाकर आतंकवाद से किस तरह से मुकाबले की बात हो रही है ?? .... अगर आप फवाद खान को वापस भेजना चाहते हैं तो ठीक है लेकिन इसके बाद आप और कौन से कदम उठाएंगे?? .. आप मुझे ५ ऐसे कदम के बारे में बताएं जो इसके बाद उठाए जाएंगे ?? " ....

उपरोक्त बातें करने की हिमाकत करी है एक बॉलीवुड कर्मी #अनुराग_कश्यप ने .... 

और उन्होंने तो मोदी से ये तक पूछ लिया है कि  - " आप वहां २५ दिसंबर को गए थे और इसी समय करण जौहर अपनी फिल्म 'ये दिल है मुश्किल' की शूटिंग कर रहे थे - हमारे पैसों से पाकिस्तान जाने वाले मोदी जी - पाकिस्तान यात्रा के लिए क्यों नहीं मांगी माफी ?? देश से माफ़ी कब मांगेंगे ?? " ....

छी : छी : छी : छी : .. इतने सारे प्रश्न - सटीक प्रश्न - तर्कसंगत प्रश्न - .... और कोई जवाब नहीं ?? ....
ये तो लाजवाब प्रश्नों के साथ अन्याय होगा .... इसलिए जवाब मैं दे देता हूँ ....

प्रिय अनुराग कश्यप जी ....

पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाकर ये आपके कंधों  पर आपकी बन्दूक रख आपसे चलवा आतंकवाद को फौरी तौर पर खुद जवाब देते दिख श्रेय खुद के खाते जमा करने की बात हो रही है .... और ये मोदी जी की अदाकारी का ही एक अभिन्न अंग है ....

अगले ५ कदम होंगे .. १) आपके हमारे पैसे से सेना की कार्यवाही का समस्त श्रेय मोदी के बही खाते डालने की कवायद .. २) इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से भुनवा चुनाव जीतने की कवायद .. ३) देश में भगवे राष्ट्रवाद को स्थापित करने की कवायद .. ४) अपनी समस्त असफलताओं को छद्म राष्ट्रवाद से ढंकने की कवायद .. ५) अरविन्द केजरीवाल से छुटकारा पाने की कवायद .... पर उपरोक्त उठाने वाले कदम आपको बताए नहीं जाएंगे .. क्योंकि - अन्यथा राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सरकार अस्तित्व को ही ख़तरा हो सकता है .... समझे ?? ....

और अंतिम जवाब .. अनुराग कश्यप जी !! ज़रा होश में रहना !! .. मोदी जी देश से क्षमा कदापि नहीं मांगेंगे .. यदि आपको माफ़ी वाफी का बहुत शौक चर्राया है तो पहले आपको इन्हें श्रेयप्राप्त पद से ही हटाना होगा .... अन्यथा हर बात का श्रेय लेते कोई माफ़ी मांगता है क्या ?? ....

और हाँ एक अतिरिक्त जवाब भी - फ्री में - बोनस में .... भारत से भक्तगण पाकिस्तान जाते रहेंगे .. बड़ेवाले भक्त पाकिस्तान से धंधा भी करते रहेंगे .. हो सकता है वे ऐसा देशहित में ही करते हुए प्रतिपादित किए जाते रहें ....

अब आपको जो करना है कर लो .. औकात आपकी मर्ज़ी आपकी .. क्योंकि ये लोकतंत्र है - प्रजातंत्र है .. और आप इसलिए छुट्टे हो .. और बहुत छोटे भी हो .. इसलिए स्वतंत्र भी हो .. 

तो भाई अनुराग कश्यप जी क्षमा के साथ .... आपके प्रश्नों को अपने कन्धों पर ढोता एक और छोटा आम वृद्ध आदमी .... प्रजातंत्र और लोकतंत्र का मज़ा लेता - बिल्कुल स्वतंत्र - बिल्कुल असहाय ....

और अंत में आपकी आवाज़ में आवाज़ मिलाते हुए कहता हूँ - भारत माता की जय !! ....

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// निर्मल बाबा शक्तियों की 'किरपा' के दलाल - भक्त सेना के 'मनोबल' के दलाल ?? ..//


इस देश का मिज़ाज़ देखें और विश्व की सर्वश्रेष्ठ भारतीय सेना को प्रदान की जा रही प्रतिष्ठा का भी आंकलन करें ....

केजरीवाल ने कुछ कह दिया .. सेना का मनोबल गिर गया ?? ....
मोदी ने कुछ कह दिया .. सेना का मनोबल उठ गया ?? ....

सेना ने कह दिया कि उसने सर्जिकल स्ट्राइक करी .. देश ने मान लिया तो सेना का मनोबल चढ़ गया .. और यदि किसी ने पूछ लिया कि सबूत ?? .. तो सेना का मनोबल धड़ाम !! ....

उरी में सोते हुए १७ शहीद हो गए .. पूरा देश उनके पीछे खड़ा हो गया उनकी शहादत को सलाम किया तो मनोबल ऊंचा .. और यदि किसी ने कह दिया .. सो रहे थे क्या ?? .. तो बेड़ा गर्क .. सेना का मनोबल गिराता है - देशद्रोही कहीं का !! ....

पठानकोट में जब तब आप बोलते रहे कि हमारे इलाके में पधारे हुए आतंकवादी ढेर कर दिए गए तब तक सेना का मनोबल उठान पर .. लेकिन जहां सलविंदर की बात कही - सुरक्षा चूक की बात कही - चार प्रश्न पूछे - तो मनोबल ढलान पर .. ढुस्स्स्स !! .... 

यानि सेना नहीं हुई  - प्याज़ हो गई या तुअर दाल - जिसका भाव जब चाहो उचका दो - जब चाहो लुढ़का दो ....

तो क्या हमारी सेना ऐसी है ?? .. ऐसी छुई-मुई है - या ऐसी लुंज-पुंज है ?? .. नहीं ना !! .. कदापि नहीं ना !! .. तो फिर ये माजरा क्या है ?? ....

मैं बताता हूँ माजरा क्या है .... ये प्याज के दलाल - और यही दाल के दलाल - अब सेना के 'मनोबल' की भी दलाली करने पर तुले हैं .... बिल्कुल ही शक्तियों की 'किरपा' के दलाल निर्मल बाबा की तर्ज़ पर .. कि जब चाहो जैसे चाहो किरपा आ जाती है और जब चाहो चली जाती है .... ऐसे ही सेना के 'मनोबल' के दलाल भक्त भी जब चाहते हैं जितना चाहते हैं सेना को बिना बताए या सेना से बिना पूछे सेना का मनोबल बढ़ा देते हैं और जब चाहते हैं घटा देते हैं ....

समझे ?? .. यदि नहीं समझे तो .. या तो किसी गधे को हींग अदरक मिर्ची का झोल पिलाना - या किसी भक्त टाइप फुलपैंट धारी के सामने एक मंत्र पढ़ना - "केजरी सबूत की बात कर रहा था" .... बस शर्तिया 'किरपा' भी आने लगेगी और समझदारी भी .... और आपका 'मनोबल' होगा सातवें आसमान पर .... 

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Saturday 15 October 2016

// 'आज-तक' और 'इंडिया-टुडे' पर 'आप' की मुहँतोड़ स्ट्राइक .. बेचारे !! 'सबूत' के मारे !! ..//


एक दिग्गज अनुभवी परिपक्व यशस्वी - नई छोटी पार्टी - "आप" ....

और "आप" पहली बार पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने उतरी है .... और "आप" के सामूहिक विपक्ष में है - बादलों की लोकल "अकाली" - साहेब की बड़ीवाली "भाजपा" - और सदी से भी पुरानी या सदी सी पुरानी "कांग्रेस" ....

कुल सीटें .. ११८ ....

'आज-तक' पर अंजना ओम कश्यप और 'इंडिया-टुडे' पर राजदीप सरदेसाई बोले - ओपिनियन पोल अनुसार - 'आप' पार्टी को मिलेंगी ४६ सीटें ....

और 'आप' प्रवक्ता संजय सिंह तथा राघव चड्ढा ने लू उधेड़ दी - लाइव प्रोग्राम में ही सीधे-सीधे पोल खोल दी - इज़्ज़त का पंचनामा कर दिया - खुल्ला आक्षेप लगा दिया - कि तुम लोग फर्जीवाड़ा कर रहे हो - कल तक तुम्हारा ही वरिष्ठ बता रहा था ८६ - आज ४६ क्यों कर दी ?? ....

और तेज तर्रार अंजना और वरिष्ठ राजदीप .. बेचारे अनुत्तरित से खिसियाए से दिखे .... मालुम है क्यों ?? ....

क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि बिकाऊ मीडिया ने हेराफेरी करी हो ....
पर ऐसा पहली बार हुआ है कि लाइव प्रोग्राम में इनके घर में घुस कर किसी प्रवक्ता ने ऐसी सटीक उचित लाजवाब मुहँतोड़ स्ट्राइक कर दी हो ....

और ऐसी मुहँतोड़ स्ट्राइक जिसके सबूत भी लाइव दिख गए .... इसलिए सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत सबूत सबूत सबूत सबूत सबूत की डुगडुगी पीटने वाले कोई भी संतप्त अभी तक 'सबूत' मांगने की हिमाकत ही नहीं कर पा रहे हैं .... बेचारे !! .. 'सबूत' के मारे !! ..

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// सेना के पराक्रम के बाद - खुजली खुजाने का दौर जारी है ....//


#सर्जिकल_स्ट्राइक का जश्न शुरू हो गया था - और हर कोई ये कहने लगा था कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए .. और इसलिए ही इस विषयक राजनीति भी शुरू हो गई थी .... और राजनीति के चलते बयानवीरों के बयानों की गंगा भी बह निकली थी - जो जमुना के जुमलो में मिल कर मलीन हो गई थी ....

तब मोदी ने कहा था - "नो चेस्ट थम्पिंग" - कोई बयानबाज़ी नहीं करेगा - सरकार की तरफ से केवल वही बोलेगा जो अधिकृत होगा ....

इसके बाद नादान लोगों को गुमान हो चला था कि बयानबाज़ी और राजनीति पर अंकुश लगेगा .... लेकिन फिर कमलपसंद से भरा मुहँ खोला स्वयं रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने .... और अपनी छाती के साथ साथ ५६" को भी थपथपा दिया .. और फिर हल्ला मच गया कि अब ये क्यूँ बोला ?? .. और ये बकवास ही क्यों बोला .... ये छाती क्यों "थम्पिंग" कर रहा है ?? .... 

और मामला थोड़ा शांत हुआ ही था कि कल मोदी जी ने रक्षामंत्री को सर्टिफिकेट दे दिया कि - "सेना बोलती नहीं पराक्रम करती है - और हमारे रक्षामंत्री भी बोलते नहीं हैं" ....

इसलिए ही तो मैं कहता हूँ कि ....

मोदी जो कहते हैं करते नहीं ....
जो करते हैं कहते नहीं ....
जो करना होता है वो बताते नहीं ....
जो नहीं बताना होता है वो छुपाते नहीं ....
वैसे तो कुछ भी करते नहीं ....
पर अच्छा तो करते ही नहीं ....
और सामान्यतः बुरा बोलते दिखते नहीं ....

इसलिए मुझे मोदी पर विश्वास नहीं ....
क्योंकि मोदी विश्वास योग्य नहीं ....

क्योंकि मोदी के बोलने का अब असर ही नहीं ....
क्योंकि मोदी बोलते तो बहुत है पर स्वयं पराक्रमी नहीं ....

और इसलिए मोदी आजकल बुलवाने भी लगे हैं .... अपने पराक्रम के जुमले बुलवाने लगे हैं .... और तर्ज़ वही .. पहले तू मेरी खुजा .. फिर मैं तेरी खुजा देता हूँ ....

और इस प्रकार सेना के पराक्रम के बाद - खुजली खुजाने का दौर जारी है ....

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Friday 14 October 2016

// मोदी रावण नहीं - तो राम भी तो नहीं ....//


सर्जिकल स्ट्राइक के बाद और दशहरे पूर्व भक्त मोदी को राम प्रतीक मान पोस्टरों पर छाप चिपका दिए थे .... और दशहरे के दिन मोदी विरोधियों ने मोदी को रावण का प्रतीक मान उनका पुतला ही फूंक मारा ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

मोदी ना तो राम हैं - ना रावण .. क्योंकि दोनों महान ज्ञानी थे और आज के युग में ऐसे किसी भी ज्ञानी की तुलना मोदी जैसे सामान्य जन से की जाना बचकाना ही नहीं निरी बेवकूफी भी है .... बल्कि मैं तो यहाँ तक कहूँगा कि भले ही मोदी जी में रावण के एक आध गुण अवगुण हों भी तो भी मोदी और रावण की तुलना करना ही गलत है - क्योंकि समानता होने पर भी युग का अंतर तो है ही - है ना !!

मोदी जी तो बस एक प्रधानमंत्री मात्र हैं .... और वो प्रधानमंत्री क्यों हैं .. यह भी सबको मालुम है .. बस तय तो यही होना है कि वो भाजपा के प्रधानमंत्री हैं या भक्तों के या संघियों के या जिओ के ....

और फिर एक मार्के की बात .... पूरा देश साक्षी है .... ना तो कभी राम हमारे प्रधानमंत्री हुए और ना ही देश के किसी भी प्रबुद्ध जन ने कभी भी किसी भी प्रधानमंत्री को राम मानने की धूर्तता कर किसी की भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की हिम्मत और हिमाकत करी .... और ध्यान रहे यदि भक्तों ने राम माना भी तो मोदी को - प्रधानमंत्री को नहीं ....

इसलिए यदि पुतला भी फुंका तो मोदी का - प्रधानमंत्री का नहीं ....

इसलिए सबसे बड़ी सुकून की बात है कि हमारे प्रधानमंत्री की इज़्ज़त अभी तक अक्षुष्ण है .. और मैं आशा करता हूँ कि भक्त भी मेरी बात से पहली बार सहमत होंगे .... क्योंकि होना ही पड़ेगा - नहीं तो फिर उनके राम रुपी मोदी जी को बचाने के चक्कर में प्रधानमंत्री को बेइज़्ज़त करने का - और मर्यादा पुरषोत्तम प्रभु श्री राम के अनादर का इलज़ाम तो लग ही जाएगा .... है ना !!

तो बोलो - जय श्री राम - जय जय श्री राम - जय हिन्द !!

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Thursday 13 October 2016

// "खून की दलाली" - बनाम - "युद्ध से बुद्ध" .. और केजरीवाल उवाच !! ....//


राहुल गांधी ने बयान दे दिया था कि मोदी सेना के जवानों की "#खून_की_दलाली" कर रहे हैं .... बयान का मतलब तो किसी को भी समझ नहीं आया - पर सबको आपत्तिजनक लगा - और बेतुका भी ....

अब लखनऊ में मोदी जी भी कुछ बोले हैं - हम #युद्ध_से_बुद्ध" की यात्रा करने वाले लोग हैं .... बयान का मुझे तो मतलब समझ आया नहीं - और आपत्तीजनक ना होकर भी बेतुका तो लगता ही है .. क्योंकि युद्ध से बुद्ध की यात्रा कैसे होती है ?? .. क्यों होती है ?? .. ये यात्रा पहले किसने करी थी - कब करी थी ?? .. और क्या बुद्ध को युद्ध के बिना ही प्राप्त नहीं किया जा सकता ?? .. और क्या बुद्ध को प्राप्त करने में या बुद्ध हो जाने में निगोड़ा युद्ध एक बाधक नहीं होगा ?? .. आदि आदि !!

लेकिन भक्तों और मोडिया और दलालों का बौद्धिक दिवालियापन देखें - पहले राहुल के बेतुके बयान पर छाती कूट दी गई - और अब मोदी के बेतुके बयान को महिमामंडित कर छाती फुलाई जा रही है ....

और दूसरी तरफ #केजरीवाल ने सुस्पष्ट और १००% तुक वाला बयान दिया था कि सर्जीकल स्ट्राइक के विषयक पाकिस्तान के दुष्प्रचार का पर्दाफ़ाश हो - और सब विरोधी आज तक बिना सफलता पिले पड़े हैं ये आरोपित और सिद्ध करने में कि केजरीवाल ने सबूत मांगे .... जैसे कि ये बुद्ध के दुश्मन कुछ समझे ही नहीं ....

अतः वस्तुस्थिति ये समझ पड़ती है कि ये नासमझ बेवकूफ बिना सोचे समझे केवल वो ही सही समझते हैं जो बेतुका होता है .. और तुक की बात इनकी समझने की औकात भी नहीं आदत भी नहीं और फितरत भी नहीं .. और यदि तुक की बात केजरीवाल की हो तो फिर तो बिना समझे भी ये सब कुछ समझ बैठते हैं .... बुद्ध से युद्ध करने वाले बुद्धू जो ठहरे - बेचारे !!

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// भक्तों ने स्वीकारा - पिछले दो ढाई साल से मोदी जी को गालियां सही दी जा रही थीं ....//


भारत का पूरा राजनीतिक समुदाय आजकल एक ही बात बोल रहा है .... #सर्जिकल_स्ट्राइक और सेना के शौर्य और पराक्रम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए .... पर विपक्ष ये भी कह रहा है कि सरकार और भाजपा को श्रेय नहीं लेना चाहिए ....

पर भक्त हैं कि मानते ही नहीं .... चिल्ला-चिल्ला - हांफ-हांफ - चीत्कार कर रहे हैं ....

श्रेय क्यों नहीं लेना चाहिये ? .. #पठानकोट #उरी हमला किसकी असफलता थी ?? .. सेना और सीमा के प्रहरियों की ना !! .. पर गालियां किसको दी गईं - मोदी को - सरकार को !! .... विदेश नीति पाकिस्तान नीति की आलोचना किसने झेली ??  .. सरकार ने - मोदी ने !! .. 

तो जब पठानकोट या उरी हमले के लिए गालियां मोदी को दी थीं - तो फिर सर्जिकल स्ट्राइक के लिए मोदी की पीठ क्यों नहीं थपथपाते ?? .. असफलता का ठीकरा यदि किसी के सिर फोड़ते हो तो सफलता का श्रेय क्यों नहीं देते ?? .... कल्पना कीजिये कि ये सर्जिकल स्ट्राइक असफल हो जाती तो क्या होता ?? .. क्या सेना को गरियाते ?? .. हरगिज़ नहीं ना !! .. मोदी को ही गरियाते ना !! ....

इसलिए ये मीठा-मीठा गप्प और कडवा-कडवा थू नहीं चलेगा .. मोदी बेशक 'चेस्ट थम्पिंग' ना करें .. हम तो करेंगे .. बहुत गालियां सुनी है .. अब पूरी राजनीति करेंगे जी .. पूरा लाभ लेंगे .. अब पूरा मज़ा लेंगे .. क्यों ना लें ?? ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

प्रिय भक्तों !! .. यानि पिछले दो ढाई साल से मुझ सहित पूरा राजनीतिक समुदाय और गैर-राजनीतिक आमजन भी - यानि जितने भी लोग मोदी और सरकार को गालियां दे रहे थे - या निंदा कर रहे थे - या प्रशंसा नहीं कर रहे थे - वो सब के सब बिल्कुल सही ही कर रहे थे ना !!!! ....

और आपने तो आज ही ये पहली उत्साहित बात कही है - या सर्जिकल स्ट्राइक के कारण आपको ये पहला मौका मिला है - जिसके लिए आपको बधाई !! .... तो फिर मनाओ जश्न - क्योंकि जश्न तो बनता है - क्योंकि यूपी भी जीतना है - और राजनीति में सब कुछ जायज़ है .. सब कुछ !! .. है ना ?? ....

और आपको और मोदी को इसलिए भी बधाई कि श्रीनगर के पास #पम्पोर में एक ७ मंजिला भव्य इमारत के ६० कमरों से लगे ६० शौचालयों में पिछले ३ दिन से जो २-२ आतंकवादी हग-मूत रहे थे - उन्हें भी हमारी बहादुर सेना के सैंकड़ों जवानों ने मिलकर ५६ घंटे के आपरेशन के बाद घेरे कर ढेर कर दिया .. और इमारत अभी भी खड़ी है ....

और इसलिए कहता हूँ कि आप हमारे द्वारा मोदी और सरकार की निंदा करने पर फ़ोकट ही जलते कुढ़ते भुनते सड़ते कलपते चिल्लाते गुस्साते रोते विलापते हुंकारते फुँकारते डरते डराते गरियाते कपडे फाड़ते रहे .... यानि बिल्कुल ही फ्री-फ़ोकट !! .. है ना !! ....

और हाँ पाकिस्तान के विरुद्ध की गई कार्यवाही के लिए मेरे और केजरीवाल की तरफ से आपको और मोदी को बहुत-बहुत बधाई - हम भी देश के इस जश्न में शामिल हैं - वो भी बिना आपकी अनुमति !! धन्यवाद !! .. और .. भारत माता की जय !! .. और .. जय हिन्द !! ....

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Wednesday 12 October 2016

// लखनऊ के रावण का दहन मोदी जी ने क्यों नहीं किया ?? ....//


जब तीर मारने की बारी आई - तो मोदी जी के हाथ काँप गए - तीर हाथ से छूट गया .. और मोदी जी ने फिर शब्द बाण चलाने का ही निर्णय लिया .. और फिर बिना #रावण_दहन किये ही वहां से चल दिए ....

क्यों ??

सूत्रों के अनुसार क्योंकि राजनाथ जी ने मोदी जी को बता दिया कि सोशल मीडिया पर एक चुटकुला ट्रेंड कर रहा है ....

रावण के पुतले का दहन ये नेता ही क्यूं करते हैं ?? 
और प्रश्न का उत्तर एक ज्ञानी व्यक्ति ने दिया .. 
रावण का वध तो श्रीराम करते हैं .. लेकिन दहन का अधिकार तो मृतक के रिश्तेदारों का ही होता है !!

और इसलिए मोदी जी लखनऊ से बिना रावण दहन किये ही वापस हो लिए ....

आजकल केवल हम ही उनके जुमलों से ग्रसित नहीं हैं .. लगता है आजकल तो मोदी जी भी चुटकुलों से ग्रसित हो रहे हैं .... हा ! हा !! हा !!!

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// 'आपरेशन-जनता' और 'आप'-स्ट्राइक के लिए भी तैयार रहें ....//


आजकल 'ताबूत' पर रोने की बजाए - लोग 'सबूत' की बात ज़्यादा कर रहे हैं ....

भगोड़ा - खांसी - मफलर जैसे व्यक्तिगत जुमलों के आत्मघाती सिद्ध होने के बाद .. और लव-जेहाद - घर वापसी - असहिष्णुता - जेएनयू नारे - गौमांस जैसे संस्कारी जुमलों के फुस्स्स होने के बाद - भाजपा ने नया राष्ट्रीय मुद्दा उछाला "#सर्जिकल_स्ट्राइक" और फिर साथ में ही उछल गया एक और मुद्दा - "#सबूत" .... और ये मुद्दा "सबूत" ऐसा उछला ऐसा उछला कि आजकल हर कोई हर बात का 'सबूत' मांगने लगा है ....

मसलन .. आजकल भक्तों द्वारा बनवाया या बनाया गया एक वीडियो दिल्ली के डेंगू जैसा वायरल किया जा रहा है - जिसमें दो हीरो टाइप छोरे सेना की यूनिफार्म पहने बढ़िया मेकअप किये कुछ-कुछ फ़िल्मी सैनिक जैसे लगते दिख रहे हैं - और उनके हाथों में असली बन्दूक जैसी कोई चीज़ है जिससे वो दूर पांच दुश्मनों को गोली मार ढेर कर फ़िल्मी अंदाज़ में डायलॉगबाज़ी करते हैं - कि चल लाशों को लेकर आते हैं - कोई 'सबूत' मांग लेगा तो ? .. सबूत कौन मांगेगा ? .. वो 'मफलर टोपी वाला' .. हा !! हा !! हा !! ....

यानि आजकल भक्तों के दिल दिमाग पर भी एक 'मफलर टोपी वाला' ही छा गया है - और इसका 'सबूत' भी है - और इसका 'सबूत' है यही वीडियो ....

और इस वीडियो के अलावा आजकल अदरक भी चर्चा में रहा .... लोग अदरक के फायदे नुक्सान की ही बातें करते दिखे .. कुछ तो कह रहे थे कि रावण के शरीर में अदरक घुसेड़ दो - तिलमिला के मर जाएगा .... और ऐसा इसलिए कि 'सर्जीकल स्ट्राइक' के बाद एक एकदम नई चीज़ मार्किट में आ गई थी - "#आपरेशन_जिंजर" ....

और मैं देख रहा हूँ कि ये "जिंजर" भक्तों को असहज कर रही है .. क्योंकि भक्त उहापोह की स्थिति में फंस गए हैं - इसे सही माने या नहीं ?? .. अब यदि सही मान लें तो "सर्जिकल स्ट्राइक" फीकी पड़ जाने का भय है - और यदि सही नहीं मानना हो तो फिर क्या ?? ...

मैं बताता हूँ फिर क्या .. फिर तो भक्तों को "आपरेशन_जिंजर" के भी 'सबूत' मांगने ही पड़ेंगे .... और यदि 'सबूत' अब नहीं मांगे तो फिर भविष्य में तो बहुत दिक्कत आ जाएगी .... क्योंकि हो सकता है "आपरेशन मिर्चा" - "मूली स्ट्राइक" - आपरेशन करेला - लौकी स्ट्राइक" - आपरेशन कद्दू - आदि क्या क्या सामने आ जाए - फिर तब क्या करोगे ?? .. क्या बिना 'सबूत' ही सारे सच्चे झूठे आपरेशन स्ट्राइक मान लोगे ?? .. नहीं ना !! 

तो बोलो 'मफलर टोपी वाले' की जय !! .... और बोलो ....
सबूत लो सबूत लो -  "सर्जिकल_स्ट्राइक" के 'सबूत' लो ....
सबूत दो सबूत दो -  "आपरेशन_जिंजर" के 'सबूत' दो ....

और देश का ध्यान महत्वपूर्ण आतंरिक मुद्दों पर ना जाने देने का कुप्रयास करते रहो .. और तैयार रहो .. एक 'आपरेशन जनता' और 'आप' स्ट्राइक के लिए भी .... समझे ?? ....जय हिन्द !! ....

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Monday 10 October 2016

// एक रावण दहन ऐसा भी .... #सर्जिकल_स्ट्राइक जैसा ....//


विजयदशमी का दिन आ गया था .... सभी मोहल्ले वासियों के भाईचारे और अथक परिश्रम और उत्साह के फलस्वरूप रावण बन के तैयार खड़ा कर दिया गया था - शरीर के अंदर तक बारूदी बम पटाखे भर दिए गए थे .. और मंच भी सजा दिया गया था .... और मंच पर अतिथियों तथा मुख्य अतिथि के लिए कुर्सियां - तथा एक दो माइक का भी इंतज़ाम .... साथ ही एक 'गाइडेड तीर' का इंतज़ाम भी जो मंच से सीधे रावण के पेट पर जाए .... यानि सभी तैयारियां पूरी थीं .. और समय भी हो चला था .. और सभी जनता एवं कार्यकर्त्ता एवं स्वयंसेवक और आयोजक इत्यादि एकत्र हो गए थे .. भीड़ पुण्य कार्य हेतु जुट चुकी थी .... और उत्साहित भी हो चुकी थी ....

पर मुख्य अतिथि एक नेता तय हो लिए थे - १००% खालिस नेता .... जो काफी देर से पहुंचे .. और इंतज़ार में गीत बजते रहे - मोहल्ले के ५-१० लोग भी भाषण दे बता ही गए कि आज का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का है - कुछ आतिशबाज़ी भी होती रही .. और लोग २ टांगो का उपयोग १-१ टांग से बारी-बारी करते खड़े-खड़े उबासियाँ लेते भी दिखे .. और अंततः नेताजी आ ही गए ....

और आते ही आधे घण्टे का स्वागत चालू .. अब फलां फलां का पुष्पगुच्छ से या पुष्पहार से स्वागत करेगा - फलां फलां का योगदान और धन्यवाद - आदि .... और उधर भीड़ में से लोग चिल्लाने लगे - बहुत हो गया - शुरू करो रे - अरे रावण को मारो रे .. आदि ! 

और फिर नेता जी उठे - लोगो को लगा अब हो गया - बस अब रावण जलेगा .. पर ये क्या ?? .. नेता जी ने माइक हाथ में ले लिया - और बोले .. भाइयों और बहनों - मंच पर बिराजमान .... ....  और नेता जी शुरू हो गए ५-१०-१५-२० मिनिटी पकाऊ घिसापिटा ओजस्वी भाषण देने  .. और तब ही रुके जब भीड़ में से कोई बोला .. अबे रावण जला - नहीं तो तुझे ही दहन कर देंगे ....

और आखिरकार - जनता को अधीर होता देख आयोजकों ने नेता जी से तीर चलवा ही दिया .. जो अपने तय निशाने पर लग रावण को दहन कर ही गया .... और फिर तालियां - बधाई - हर्षोउल्लास - गलेमिलन - हाथमिलन - आदि !! .. और 'सियावर रामचंद्र की जय' के उद्घोष के साथ सब बतियाते वहां से जाने लगे ....

और नेता जी कहते सुने गए .. मैनें तीर सही मारा ना .. फोटो आ गए .. देखना बढ़िया कवरेज मिले .. सभी अखबारों में आना चाहिए .... बिलकुल चिंता नहीं करें साहेब - छप जाएगा .... और भक्त भी कहने लगे - तीर भी क्या सही निशाने - रावण को मार दिया ....

और आयोजक तथा कार्यकर्त्ता कह रहे थे .... बहुत पकाया - बहुत बोलता है - सारी मेहनत तैयारी हमारी - और श्रेय उचक उचक कर ये ले रहा था - यहाँ तक कि इसके कारण जनता की गालियां भी हमको ही सुननी पड़ीं - अगली बार से किसी नेता को नहीं बुलाएंगे .. ये काम मोहल्ले के ही किसी बच्चे या बुज़ुर्ग या महिला से करवा लेंगे .. और एक बोला .. किसी विकलांग से करवाया जाए तो ?? .. और सब बोले - आईडिया बढ़िया है ....

और मित्रो !! विजयदशमी के उपलक्ष में ये कथानक आज आपके समक्ष .. एक दिन एडवांस में ही .. क्योंकि कल तो आप रावण दहन लाइव देखेंगे - जो कुछ "खास" होगा - सर्जिकल स्ट्राइक के बाद का पहला रावण दहन जो होगा ....

विजयदशमी की आप सभी को इस बार ख़ास "सर्जिकल" शुभकामनाएं !!

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Sunday 9 October 2016

// "आपरेशन जिंजर" २०११ .... बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद ....//


अभी न्यूज़ वर्ल्ड इंडिया चैनल पर खुलासा हो रहा था कि २०११ में भी 'सर्जिकल स्ट्राइक' करी गई थी - जिसका नाम भी था "#आपरेशन_जिंजर" .. जिसमें हमारी सेना ने कई बार की रैकी के पश्चात पाकिस्तान सीमा में घुस कर सेना के कैंप पर हमला किया था .... कुछ जवान हमारे भी शहीद हुए थे - और उनके भी .. और उनके ३ सैनिकों के सर भी कलम किये गए थे ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

१००% सत्य क्या था और क्या है - जानने की ना तो मेरी औकात है ना मेरी काबलियत .. और १००% सत्य तो शायद ईश्वर अल्लाह ही बता पाएं - वो भी यदि उनको अभी तक सब कुछ याद हो तो ....

ठीक !! .. इसलिए आज तो मैं बस इतना ही कह सकता हूँ कि ....

जिंजर यानि अदरक भी थोड़ी बहुत तीखी ही होती है - और मिर्ची जैसी ही लगती है ....
और बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद एक सारगर्भित जुमला है ....

और इसलिए सबसे पहले तो मोदी और शाह को - तथा फिर हर नेता और सेना और मोडिया तथा मीडिया को - इस अक्लमंद नाचीज़ का सुझाव है कि ....

देशहित में बोलो !! .. ॐ शांति ॐ - शांति शांति ॐ .. ॐ शांति ॐ - शांति शांति ॐ ....

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Saturday 8 October 2016

// चलित "शब्दार्थ" और "भावार्थ" के वर्तमान "अर्थ" ....//


केजरीवाल ने बयान दिया था कि - सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में पाकिस्तान दुष्प्रचार कर रहा है इसलिए पर्दाफाश हो .... और भाजपाई ढोल पिट गया !! .. कहा जाने लगा कि केजरीवाल ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे .. और जब चैलेंज हुआ कि एक-एक शब्द सौ-सौ बार सुन लो - सबूत मांगने की बात कहाँ ?? .... तो डुगडुगी चालू कर दी .. "शब्दार्थ" पर ना जाएं - भाव समझें .. केजरीवाल ने बड़ी ही चालाकी से सबूत ही मांगे थे .... और डुगडुगी चालू है .... 

राहुल गाँधी ने अपनी हैसियत और प्रतिष्ठा अनुरूप बयान दे मारा कि - मोदी सेना के जवानों के खून की दलाली कर रहे हैं जो गलत है .... और भाजपाई ढोल पिट गया !! .. कहा जाने लगा कि राहुल ने सेना का अपमान किया है आदि ! .. और जब बयान की सर्जरी हुई तो लगा कि बयान तो इतना बेतुका है कि इसका तो कोई "शब्दार्थ" ही नहीं निकलता - फिर इससे सेना का अपमान कैसे हुआ ?? .... और फिर खिसियाई सफाई भी आ गई कि राहुल का केवल "भावार्थ" ये था कि सेना द्वारा किये पराक्रम पर राजनीति ना हो .... तो डुगडुगी चालू कर दी .. "भावार्थ" पर ना जाएं - शब्दों को देखें - 'खून की दलाली' !! .... और डुगडुगी अभी चालू रहेगी ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

उपरोक्त "शब्दार्थ और "भावार्थ" का केवल एक अर्थ है - और वो केवल एक अर्थ यह है कि भाड़ में गए "शब्दार्थ" और "भावार्थ" .. यदि आप मोदी या मोदी सरकार या भाजपा के विरोधी हैं और यदि आपने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अपना मुहँ खोला है तो - तो यकीनन आपने सेना का अपमान किया है - आपने सेना के शौर्य और शहादत का अपमान किया है - आपने सेना पर सवाल खड़े किए हैं - आदि !! ....

और इसलिए चलित "शब्दार्थ और "भावार्थ" का वर्तमान "अर्थ" यही है कि - यदि आपने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अपना मुहँ खोला है तो - आप देशद्रोही हैं - आप पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं - आपको पाकिस्तान ही चले जाना चाहिए ....

अब आप मुहँ खोलें या नहीं खोलें - औक़ात और मर्ज़ी आपकी .... जय हिन्द !!

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Friday 7 October 2016

The Nobel PEACE prize 2016 is won by Colombian president Juan Manuel Santos, for spreading peace in the society ….
Shit Yaar !! ….
Had it been the Nobel PIECE prize, the winner would be proud Indian Narendra Modi, for tearing the society into pieces ….

// मेरा ये देश अब इतना बंटा-बंटा सा क्यों लगता है ?? ....//


अब तो काफी समय हो चला है .. पर देश हर मुद्दे पर बंटा-बंटता सा ही लगता है .... लव-जेहाद - गौमांस - दलित या अल्पसंख्यों के मुद्दे - आरक्षण के मुद्दे - विश्वविद्यालयों के मुद्दे - जेएनयू - कन्हैया - असहिष्णुता - धर्म - जाति - चुनावी गतिविधियां - संसद कार्यवाही - बयानबाज़ी - भ्रष्टाचार - क्रिकेट - नियुक्तियां - ओलिंपिक - न्यायायिक प्रकरण - पुलसिया कार्यवाही - आदि हर सामाजिक राष्ट्रीय आर्थिक राजनीतिक मुद्दों पर देश बंटा-बंटा सा ही लगा ....
और हाँ दिल्ली और केजरीवाल से जुड़े हर मुद्दे पर तो तौबा - बांटा हुआ भी और तोड़ा हुआ भी ... और जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर तो शर्मिंदा और मायूस भी .... 

पर अपने आप को समझाने के लिए - या यूँ कहूँ सांत्वना देने के लिए - एक बात का सहारा था सकून था टेका था - कि यही तो लोकतंत्र है !! .... यानि लोकतंत्र की छतरी में ये पूरी बाँट और बन्दर बाँट और लंगूर बाँट और गधा बाँट और भक्त बाँट और नेता बाँट ढँक सी जाती रही .. ढाँकी जाती रही .... 

पर अब एक ऐसा मुद्दा आया जो बिल्कुल अलग था .... और ये मुद्दा था "राष्टीय एकता" का - वो भी जन्मजात दुश्मन पाकिस्तान के विरुद्ध एकता का - वो भी युद्ध जैसे हालातों के वक्त आवश्यक एकता का ....

पर हुआ क्या ?? .. भाजपा और मोदी ने इस "राष्टीय एकता" के लिए कभी भी सार्थक सभ्य पहल नहीं करी - हाथ नहीं जोड़े - कभी इसके लिए विनम्रता नहीं बताई - कभी इसे राजनीति से अलग नहीं किया - और कभी इसके लिए पहल करने वालों या इसके लिए योगदान देने वालों के प्रति कृतज्ञता भी नहीं दिखाई .... और समझदारी के ना रहते कभी इसकी चाहत भी नहीं रखी ....

बल्कि ठीक उलट - इस "राष्टीय एकता" के लिए सबको ललकारा - और फिर ऐसा ही कहा कि जो उसकी हाँ में हाँ नहीं मिलाएगा वो दोगला जयचंद पाकिस्तानी टुच्चा देशद्रोही - और इस तरह एक प्रकार से एका करने और जताने के लिए "ब्लैकमेल" करने का प्रयास हुआ ....

और नतीजा - "राष्टीय एकता" की तो वाट लग चुकी है .... और देश बंटा-बंटा ही नहीं व्यापकता से बंटता ही जा रहा है ....

और भाजपा और मोदी हैं कि बस पिले पड़े हैं केजरीवाल को निपटाने - पाकिस्तान को निपटाने से भी ज्यादा शिद्दत के साथ केजरीवाल को निपटाने के लिए .... और उसका नतीजा ये है कि केजरीवाल तो अपने रास्ते बढ़ते जा रहे हैं - और ना चाहकर भी वो पाकिस्तान के हीरो प्रदर्शित किये जा रहे हैं - और इस तरह 'अंतरराष्ट्रीय' होते जा रहे हैं ....
पर कल तक मोदी जिस राहुल गांधी का उपहास करते रहते थे और जिस पर लाखों करोड़ों के भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते थे और जिसके जीजा जी को चुनावी मुद्दा बना दिए थे और जिन्हें जेल भेजने का दम्भ भरते थे - वो राहुल गांधी ठपके से पूरी यूपी में सफल किसान यात्रा करके इस राष्ट्रीय मुद्दे पर कुछ यूँ बोले कि आपकी इज़्ज़त भी तार-तार कर गए .... और ठेठ भाषा में चुनौती भी दे गए कि इस राष्ट्रीय मुद्दे पर राजनीति करने का दुस्साहस ना करें .... 

अस्तु जिन्हें केजरीवाल से नफरत ज्यादा और देश से प्यार कम है उनसे कहना चाहूँगा .... नफरत से कुछ हासिल नहीं होने वाला - और प्यार में ही तो समझदारी है .. क्योंकि समझदारी के चलते ही तो एका संभव हो सकता है .. समझे ?? .. राष्ट्रहित में समझना ही होगा !! ..

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Thursday 6 October 2016

// कल केजरीवाल ने सैल्यूट किया था मोदी को .. आज मेरा सैल्यूट राहुल गाँधी को ....//


हमारी सेना के पराक्रम पर निश्चित ही ओछी राजनीति की जा रही थी .... बहुत बेशर्मी ढीठता और प्लानिंग के साथ - एक सोची समझी रणनीति के तहत .... हमारे रक्षामंत्री के यूपी में भाषण और यूपी पंजाब और गोवा में राजनीतिक पोस्टर इस ओछी राजनीति का प्रमाण है .... 

और बहुत सब्र के बाद देश में एक नेता ने सबसे पहले ठीक सामने से स्पष्ट और सीधा प्रतिकार कर दिया है ....

सार्वजनिक रूप से अपना सीना तान ५६ इंची छाती को ललकार दिया है .. और कह दिया है कि - वो सेना के खून के पीछे छुप कर खून की दलाली कर रहे हैं ....

कल केजरीवाल ने मोदी को सैल्यूट किया था .... इच्छाशक्ति बताने के लिए ?? ....
आज मैं राहुल गांधी को सैल्यूट करता हूँ .... ओछी राजनीति पर पूरी हिम्मत के साथ खुल कर सामने से प्रतिकार करने के लिए ....

जय हिन्द !!

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// केजरीवाल की यही "चालाकी" - तुम्हारी "मासूमियत" की धज्जियाँ बिखेर देती है ....//


"#सर्जिकल स्ट्राइक" के बारे में अब देश को सब कुछ पता है .... स्ट्राइक करने वालों से भी ज्यादा और जिन पर स्ट्राइक हुई उनसे तो कहीं ज्यादा ....

पर झूठा मक्कार मजबूर पाकिस्तान - जिस पर स्ट्राइक हुई थी - वो कहने लगा भारत झूठा प्रचार कर रहा है - कोई स्ट्राइक विस्ट्राइक हुई ही नहीं ....

और केजरीवाल ने बोल दिया .. पाकिस्तान के दुष्प्रचार का पर्दाफ़ाश हो .... और मोदी को सैल्यूट !! .... 

पगलाए मासूमों को पहले तो हमेशा की तरह कुछ समझ नहीं आया कि केजरी क्या बोल गए .... पर फिर जैसे ही रग-रग में समाई केजरीवाल के प्रति नैसर्गिक घृणा उभरी तो कहना शुरू कर दिया .... ये केजरी सर्जीकल स्ट्राइक के सबूत माँग रहा है .... और ढोल नगाड़े तबले मृदंग कनस्तर बीन पीपनी के कोरस म्यूजिक के साथ गधे और भैंसे सब रंभाने लगे कि - देखो ये सबूत मांग रहा है - देखो बे ये सबूत मांग रहा है - देख लो ये केजरी सबूत माँग रहा है .... देखो देखो - इस देशद्रोही को सबूत चाहिए .. भेजो इसे पाकिस्तान .. आदि .. यानि कुछ नई संस्कारित गालियों सहित क्लासिकल पुराना आलाप .... जिसमें ठुमरी की तानें भी सुनाई दी .. जैसे कि कुछ संस्कारी जो अपनी पैदाइश के पुख्ता सबूत देख परख चुके थे - वे बोले - मांगो इससे इसकी पैदाइश के सबूत .... 

पर जब कई पढ़े-लिखे समझदार लोगों ने टोका कि केजरी ने सबूत कहाँ माँगे ?? .. इस बात का सबूत दो !!  .. तो फिर बेशर्म खिसियाए - और कहने लगे कि .... "केजरीवाल ने बड़े ही "चालाकी" से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत माँगे" ....

और उधर मासूमों ने यूपी में तो बकायदा पोस्टर छपवा मारे - स्वागत भी करवा लिया - रावण दहन का कार्यक्रम भी नक्की कर दिया - और उद्वेलित हो राष्ट्रीय मुद्दे पर खुली नंगी राजनीति शुरू कर दी .... और मोदी बिना "चालाकी" "मासूमियत" से बोले - सब चुप हो जाओ - कोई राजनीति नहीं - कोई बयानबाज़ी नहीं करेगा ....

और मैं सोच रहा हूँ कि केजरी विरोधी भी कितने "मासूम" हैं .. हाय !! सदके जावां ऐसी "मासूमियत" पर !! - ये बताते हुए कि ....

मोदी जी !! केजरी की यही "चालाकी" आपकी ऐसी ही मासूम सी "मासूमियत" पर बहुत भारी पड़ी है - पड़ रही है - और पड़ेगी .... मालूम है क्यों ?? ....

क्योंकि अब जनता भी भले ही केजरी जितनी "चालाक" ना हो पर आप जितनी "मासूम" भी नहीं .. समझे ?? .... !! जय हिन्द !! ....

पुनश्च : यदि आप "मासूम" और "मासूमियत" की जगह "मक्कार" और "मक्कारी" या फिर "बेवकूफ" और "बेवकूफी" भी पढ़ेंगे तो मेरा भावार्थ वैसा ही पाएंगे .... हा ! हा !! हा !! ....

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Wednesday 5 October 2016

// उधर बेहोशी .. इधर मदहोशी ....//


उधर उसकी सर्जरी हुई ....
और वो बेहोश ही रहा ....

उसे कुछ इल्म ना था ....
उसका इलाज हुआ ....

पर वो फिर मार गया ....
और "मैं" मदहोश रहा ....

उधर टाँके उधड़ रहे हैं ....
इधर खुमारी उतर रही है ....

(ब्रह्म प्रकाश दुआ .. ०५/१०/१६ ....)

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Tuesday 4 October 2016

// आज महबूबा रो दी - कल मेहबूब भी रोएंगे ....//


देश की सबसे संस्कारित और देशप्रेमियों से कूट-कूट कर भरी होने का खोखला दम्भ भरने वाली पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साहब की केंद्र सरकार ये चिल्ला चिल्ला कर बोलती रही है कि "बुरहान वानी" आतंकवादी था और उसे हमारी बहादुर सेना ने मार गिराया .... हट अलग आने दे हवा ....

पर जब आज भाजपा की पार्टनर पीडीपी वाली बुआ महबूबा से दिल्ली के एक आधे अदने मंत्री कपिल मिश्रा ने ये सीधा सा सवाल पूछ लिया कि - " बुरहान वानी आतंकी था या नहीं ? " तो मालुम है क्या हुआ .... मेहबूबा रो दी ....

होता है ऐसा - होता रहता है .. जब जवाब मालुम होकर भी बताना संभव ना हो तो ऐसा ही होता है ....

इसलिए मुझे लगता है कि अब जब कई और ऐसे प्रश्न भी खड़े हो गए हैं जिनका जवाब तो कई लोगों को मालुम है पर बताना संभव नहीं - तो मुझे लगता है कि आगे कई मेहबूब भी रोएंगे ....

उनमें से एक सीधा सा सवाल तो मेरा भी है कि सर्वदलीय बैठक में 'आप' पार्टी को क्यूँ नहीं बुलाया ?? .. यदि 'आप' पार्टी की इतनी हैसियत नहीं थी तो फिर केजरीवाल के 'सर्जिकल स्ट्राइक' वाले बयान पर भाजपा द्वारा इतनी एहमियत देते हुए उसका प्रतिकार वो भी रविशंकर प्रसाद जैसे वरिष्ठ मंत्री के द्वारा एक विशेष पत्रकार वार्ता बुलाकर क्यों ?? .... क्या गैरज़िम्मेदार केजरीवाल के गैरज़िम्मेदाराना बयान पर ऐसी प्रतिक्रिया देना आवश्यक था ?? ....
और यदि था तो फिर उससे १० गुना ज्यादा ज़िम्मेदार कांग्रेसी संजय निरूपम के ढेर सारे बयानों पर अभी तक कोई वैसी ही प्रतिक्रिया क्यों नहीं जिसने तो सर्जिकल स्ट्राइक को "फर्जी" ही बता मारा ??

और बता दूं कि सवाल तो अब शुरू हुए हैं - और जवाब मालुम होते हुए भी दिए नहीं जा रहे हैं .. इसलिए ही तो मैनें कहा था कि आगे भी कई मेहबूब रोने वाले हैं .... नहीं क्या ??

और मेरी नसीहत .. राष्ट्रीय मुद्दों पर "एका" जरूरी है .. और सरकार को सभी ने अपना समर्थन देना चाहिए - और राजनीति नहीं करनी चाहिए .... पर सरकार ने सबका समर्थन लेना भी तो चाहिए - और कम से कम सरकार ने तो राजनीति कदापि नहीं करनी चाहिए .. और कम से कम प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को अपनी पार्टी भाजपा के केरल के मंच से ललकारने की घोर गलती तो नहीं करनी थी ना ?? .. और सेना के पराक्रम को मोदी का पराक्रम भी तो निरूपित नहीं करना था ना ?? .. मोदी भाजपा के प्रधानमंत्री तो नहीं है ना - वो तो देश के प्रधानमंत्री हैं ना ?? ....

और यदि गलती करी है तो .... और नहीं भी करी है तो भी - फिर सबसे बातचीत कर लीजिये - बुला लीजिये केजरीवाल को अपने पास और राष्ट्रहित में उनसे सारी बात कर उन्हें अंदर की बात समझा दीजिये और उनसे सहयोग मांग ही लीजिये .... आखिर देश का ही तो मामला है ना .... आपका बड़प्पन भी रह जाएगा .... और लोग फिर ये प्रश्न भी नहीं पूछेंगे कि जब आप शरीफ से मिलने पाकिस्तान जा सकते हैं तो केजरीवाल को मिलने क्यों नहीं बुला सकते ?? .... समझे ?? ....

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