Monday 30 November 2015

// सहिष्णु - असहिष्णु - एवं झकोरे ....//


कल एक भक्त से मेरा सक्षिप्त वार्तालाप ....

< देश में आपको असहिष्णुता कहाँ दिखती है ??
> पिछले ६०-६५ वर्षों से तो देश सहिष्णु ही रहा है .... और इसका श्रेय पूरे देश को जाता है ....

< तो अब असहिष्णुता के नाम पर चिल्लाचोट क्यों ??
> क्या मालूम - जो चिल्लाचोट कर रहे हैं वो जाने - जिसके तन लगे वो ही जाने ....

< नहीं तो ये पहले क्यों नहीं चिल्लाये ??
> पहले उन्हें असहिष्णुता महसूस नहीं हुई होगी - या कम हुई होगी ....

< अच्छा तो आपके अनुसार तो देश सहिष्णु है - तो फिर आपको परेशानी क्यूँ ??
> जी हाँ मेरे अनुसार मोदी सरकार गरीबी के विरुद्ध बहुत सहिष्णु है .... इसलिए मुझे परेशानी है ....

< चलो आपने ये तो माना की मोदी सरकार सहिष्णु है ....
> हाँ - पर असहिष्णु भी है - गरीब के प्रति ....

< आप कहना क्या चाहते हैं ??
> पहले आप निर्णय कर लें कि आप क्या कहना चाहते हैं ??

< हम तो ये कहना चाहते है कि असहिष्णुता नहीं है ....
> और मैं भी तो यही कह रहा हूँ कि गरीबी के विरुद्ध असहिष्णुता नहीं है .... कुछ दिन पहले मेरे शहर में नौलखा बस स्टैंड पर घूम-घूम कर भीख मांग कर पेट भरने वाला एक भिखारी शाम के ४-५ बजे देश में सहिष्णुता असहिष्णुता की बहस में वक्त जाया किये बगैर भूखे पेट परलोक सिधार गया .... उसके पार्थिव पथराए शरीर को अंतिम दर्शन (जांच) हेतु सरकारी अस्पताल ले जाया गया जिसे आप 'पोस्ट मोर्टेम' भी कहते हैं - पर किसी को गुस्सा नहीं आया - किसी को शर्म नहीं - किसी को अफ़सोस नहीं - सब मज़े में - सहिष्णु - पूर्ण सहिष्णु - यानि असहिष्णु नहीं - असहिष्णु होते तो गुस्सा करते - चिल्लाते - प्रदर्शन करते - दुखी होते - कुछ तो करते ....

भक्त चकरा गया .... और बोला ....

< आप अपने आप को सहिष्णु मानते हैं या असहिष्णु ??
> बुराई के विरुद्ध असहिष्णुओं के विरुद्ध सहिष्णु - और बुराई के विरुद्ध सहिष्णुओं के प्रति असहिष्णु ....

भक्त और चकरा गया .... और बोला - आपका कुछ नहीं हो सकता - और फिर निकल लिया .... और मैं सोच रहा हूँ कि सहिष्णु असहिष्णु के दीगर भी कुछ होता है .... 

इस देश में झकोरों की भी कमी नहीं .... ऐसे झकोरे जो सहिष्णु और असहिष्णु के बीच के झीने से अंतर को कभी नहीं समझ सकेंगे .... फिर क्या फर्क पड़ता है कि झकोरा सहिष्णु है या असहिष्णु .... और मुझे लगता है कि अब समय आ गया है जब हमें इन झकोरों के विरुद्ध थोड़ा असहिष्णु होना ही पड़ेगा .... है ना !!

वैसे आज संसद में भी असहिष्णुता पर बहस होने वाली है .... देखना होगा कि सहिष्णु असहिष्णु और झकोरे क्या कहते हैं - क्या-क्या कहते हैं - और क्या नहीं कह पाते हैं ....

Sunday 29 November 2015

// तो क्या 'पीओके' पाकिस्तान के पास ही रहने ना दिया जाए ?? ....//


हे भगवान ये क्या गज़ब हो रहा है .... दो दिन हो गए कोई तीखी और ओजस्वी प्रतिक्रिया नहीं ....

फारूक अब्दुल्ला ने इतने सारे बयान दे दिए -  जैसे कि .... पीओके पाकिस्तान में है और वह पाकिस्तान में ही रहेगा - जबकि जम्मू एवं कश्मीर भारत में है और वह भारत में रहेगा - ना भारत में इतनी ताकत है और ना पाकिस्तान में कि वो किसी से कुछ छीन ले - दोनों देशों के पास परमाणु शस्त्र हैं - युद्ध समस्या का हल नहीं है - युद्ध से केवल लोगों की जान जाती है  - बातचीत ही एक विकल्प है .... आदि !!!!

और इधर मादरे वतन के खालिस रखवाले विश्व हिन्दू परिषद आदि पाकिस्तान से क्रिकेट ना खेलने भर के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं .... और तो और आमिर खान के पीछे भी अभी तक कई डंडे फटकते बदहवास से दौड़ लगा रहे हैं .... और सलमान रुश्दी की किताब बैन पर भी चर्चा हो ही रही है - और साथ ही मक़बूल फ़िदा हुसैन पर भी ....

इससे मुझे कुछ शक होने लगा है .... कि कहीं गलती से फारूक अब्दुल्ला के बयान को सहिष्णुता से तो नहीं लिया जा रहा .... शायद इसलिए कि बयानों में कुछ तर्क हो या कुछ समझदारी .... या फिर वाकई देश में असहिष्णुता ख़त्म हो गई है .... या फिर खौलता खून ठंडा पड़ चला है ????

खैर वस्तुस्थिति जो भी हो मुझे लगता है कि जरूरी नहीं कि 'विचित्र किन्तु सत्य' शख्सियत हमेशा ही देश की 'ऐसी की तैसी' ही करे - कभी वो भी ऐसी बात कर ही सकता है जो सर्वहित में हो .... पर ऐसी सर्वहित की बात को सहिष्णुता से लेने के लिए भी कलेजा चाहिए होता है .... और शायद इसलिए मैं कह सकता हूँ - हम सुधर रहे हैं !!!!

और हाँ यह भी कहता हूँ कि यदि हो हिम्मत शौर्य क़ाबलियत और ताकत - तो फिर पीओके ले लो .... बिना लफ़्फ़ाज़ी !!

// मोदी के "मन की बात" .. और तारीफें ....//


आज हमारे मोदी जी की 'मन की बात' सहिष्णुता के साथ पुनः सुनी गई ....

मैं निश्चित नहीं कर पा रहा हूँ कि मैनें एक प्रधानमंत्री को सुना या किसी बिन-डिग्रीधारक बड़बोले कृषि वैज्ञानिक को ....

फिर बात सुनी कि 'अंगदान' में स्वयं मोदी जी कितना बड़ा योगदान कर चुके हैं - वो भी अपने सभी अंगों को यथावत रखते हुए ....

फिर मोदी जी ने भूमिका बांधते हुए - और बिल गेट्स को भी तारीफ में लपेटते हुए - "आशा वर्कर" जमनामणि की उन्मुक्त तारीफ करी ....

फिर देश के संकुचित विषयों से बाहर निकल विश्व की जलवायु संबंधित बातें करीं - 'ज़ी टीवी' और 'नूरजहाँ' की 'सोलर लालटेन' हेतु तारीफ करी ....

फिर आदतन - '3E'  की ना मालूम कौन सी तुकबंदी करी .... इ फॉर .. इ फॉर .. इ फॉर ....

और अंत में बता गए - सर्दी आ गई है - व्यायाम और योग करें ....

सब कुछ सुन लगा ये 'मन की बात' कम और शीत माहौल में तारीफ करने की बात अधिक थी ....
और मैं मोदी जी को इतनी उन्मुक्त तारीफों के लिए बधाई और धन्यवाद देता हूँ ....

पर काश मैं मोदी जी की भी ऐसे ही तारीफ कर पाता - उनके किसी कर्म कार्य या कृत्य के लिए .... ना कि उनके द्वारा की जाने वाली मात्र तारीफों के लिए .... काश मैं भी कह पाता कि 'जमनामणि' और 'नूरजहाँ' और 'बिल गेट्स' के साथ साथ 'नरेंद्र मोदी' भी काबिलेतारीफ - किसी भी अच्छी "आशा वर्कर" के समतुल्य .... काश !!

Saturday 28 November 2015

// पत्रकार मोदी संग सेल्फ़ी खींच बिना प्रश्नोत्तर भोजन ग्रहण करेंगे - बस !! ..//


मोदी आज बीजेपी दफ्तर पहुंचे - दिवाली मिलन कार्यक्रम में ....

मोदी जी के साथ वेंकय्या गडकरी जेटली अमित शाह और रामलाल मौजूद .... भिन्न भिन्न भाजपा के अन्य दोयम दर्जे के नेताओं द्वारा पुष्पगुच्छ सहित अभिनन्दन करवाने .... राजनैतिक मिलन समारोह ऐसे ही होते हैं - और दिवाली निकल जाने के बाद तो कुछ ऐसे ही - नीरस से - और बिहार में दिवाला निकल जाने के बाद तो बिन पटाखे फूटे शांत थके हारे माहौल में बोझिल से ....

पत्रकारों को शुभकामनाएँ दी गईं .... और फिर मोदी जी स्टेज से उतर हॉल में तमाम पत्रकारों के बीच आ गए .... और सभी पत्रकारों से रूबरू हुए - कुछ इंट्रोडक्शन - कुछ सेल्फ़ी - कुछ घिरे-घिरे - कुछ धक्कामुक्की सी - पत्रकार उत्साहित - मोदी निर्विकार सी मुस्कुराहट बिखेरते हुए ....

अब लगता है .... भोजन खाया जाएगा .... और बस - पत्रकार सेल्फ़ी खिंचवा बिना प्रश्नोत्तर भोजन ग्रहण कर अपने आपको कृतार्थ और संतुष्ट मानते हुए आगे दिन में आपस में कुछ बतिया लेंगे ....

तो बस मैं भी सोच रहा हूँ - अब भोजन हो जाए .... एक शरारतभरी मुस्कराहट के साथ .... हा !! हा !!

// बदले बदले से सरकार नज़र आते हैं ....//


आज बहुत सी कहावतें उलझ सी रही हैं ....

जिस वृक्ष में फल लगते हैं वो झुकता है .... पर बिना फल लगे भी वृक्ष को झुकते देख रहा हूँ ....

झुकना बड़प्पन की निशानी है - पर झुकना मजबूरी की निशानी भी देख रहा हूँ ....

सजदे में झुकना ! वाह क्या बात है !! - पर कमर टूटने पर भी झुकते देख रहा हूँ ....

जी हाँ !! ऐसा इसलिए कि कल प्रधानमंत्री मोदी जी का संसद में अति सौम्य और बेहतरीन सम्बोधन सुना .... निश्चित ही अच्छा भी लगा .... और पहली बार कुछ झीनी सी आशा की किरण दिखी ....

पर विवेचना की अभी बहुत गुंजाइश है .... और वो इसलिए कि ....

बदले बदले से सरकार नज़र आते हैं ....
ना मालूम क्यों - कुछ परेशान नज़र आते हैं ....

Friday 27 November 2015

// चारा - बनाम - कोयला //


बहुत गलत हुआ - कोई चारा चोर से गले मिल लिया .... हाय !! बहुत गलत हुआ रे !!!! .... शायद कोई खिचड़ी पकी होगी ?? .. या रायता फैला होगा ??

पर क्या कोयला चोर को घर पर चाय पर बुलाना गलत नहीं .... गलत तो है .... पर शायद एक चायवाले के लिए ना भी हो ....

वैसे भी दलील दी जा सकती है कि चारा चोरी तो पशुओं पर अत्याचार है - पर कोयला चोरी से तो किसी को सीधे सीधे फर्क नहीं पड़ता है - जैसे यदि लमो मानवीय आधार पर उनकी पत्नी को देखने इधर उधर घूम लेते हैं तो किसी को सीधे सीधे क्यों फर्क पड़ना चाहिए था ....

तो बात सीधी सीधी है - आज चाय का न्यौता दिया है - शाम ४ बजे - न्यौता मंज़ूर कर लिया गया है - और आज शाम जब हम और आप भी चाय पी रहे होंगे - तब संभव है कोई चाय के नाम पर खिचड़ी पका ले .... क्या है "चाय" तो बस जुमला है .... और चायवाला भी चारेवाले जैसे ही खिचड़ी पकाने में माहिर !!!! .... नहीं क्या ????

// "सेक्युलर" शब्द को छोड़िये - दुरुपयोग तो "विकास" शब्द का हुआ है ?? ..//


कल राजनाथ सिंह ने संसद में कहा - " आज की राजनीति में सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) शब्द का सर्वाधिक दुरुपयोग हो रहा है - और यह दुरुपयोग रूकना चाहिए " ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

" सेक्युलर " शब्द तो अपने आप में ही एक अच्छा सार्थक शब्द है - ठीक वैसे ही जैसे "विकास" ....

और मेरे हिसाब से तो सबसे ज्यादा दुरुपयोग "विकास" शब्द का हुआ है - और वो भी पिछले २ वर्षों में मोदी जी द्वारा .... इसी "विकास" शब्द का जाप करते करते वो सत्ता तक हथिया ले गए - और आज उस पर काबिज़ बने हुए हैं बिना इत्तू सा भी "विकास" किये ....

इसके अलावा भी जिन शब्दों का मोदी जी द्वारा असीमित दुरुपयोग किया वो हैं ....
"भाइयों और बहनों" - "चाइये कि नी चाइये" - "मैं विश्वास दिलाता हूँ" .... और - "रोजगार" - "कालाधन" - "बुलेट ट्रेन" - "स्मार्ट सिटी" - "गंगा" - "हिन्दू" - "बिजली" - "शिक्षा" .... आदि !!!!    

दुरुपयोग इसलिए कि मोदी जी पिछले २ साल से यही तो चिल्लाते रहे हैं कि - भाइयों और बहनों विकास "चाइये कि नी चाइये" - रोजगार - कालाधन - बुलेट ट्रेन - स्मार्ट सिटी - निर्मल गंगा - बिजली - शिक्षा "चाइये कि नी चाइये" .... और जनता उत्साह में पूरी ताकत से जवाब देती रही कि - "हाँ चाहिए" - "बिलकुल चाहिए" ....

पर मोदी जी ने अभी तक जो जनता को चाहिए था वो तो नहीं दिया - पर जो दिया वो है - कुछ शौचालय - कई गरीबों को बैंक की खाली पास बुक - और बाबाजी का ठुल्लु - !!!!

और मोदी जी के भक्तों ने क्या किया ?? .... पहले पिल पड़े "लव जेहाद" पर - फिर "हिदुस्तान-पाकिस्तान" - फिर घर वापसी - फिर हिन्दू राष्ट्र - फिर गौमाँस - फिर आरक्षण समीक्षा - फिर सहिष्णुता असहिष्णुता .... और अब सारे शिगूफे मुहँ के बल औंधे गिर पिटने के बाद ये नया शिगूफा शुरू किया है - "सेक्युलर" शब्द के बारे में ....

इसलिए मेरा मानना है कि यदि आज की राजनीति में "सेक्युलर" शब्द का सर्वाधिक दुरुपयोग करने कि चेष्टा शुरू हुई है तो वो चेष्टा शुरू की गई है - राजनाथसिंह द्वारा - मोदी द्वारा - भाजपा द्वारा ....

इसलिए आज मेरी बारी - आज मैं पूछता हूँ - "भाइयों और बहनों आपको देश में अमन चैन और विकास चाहिए कि नहीं ?? .... यदि चाहिए तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि इस "सेक्युलर" शब्द पर की जाने वाली ओछी राजनीति का प्रतिकार करियेगा और इस "विकास" नाम का दुरपयोग करने वालों को अब और सहन मत करियेगा - आपको अमन चैन और विकास मिल ही जाएगा ....

और याद रखियेगा कि ये देश "सेक्युलर" था - है - रहना चाहिए - और रहेगा .... और इस देश की असली ताकत ही "सेक्युलर" होने के कारण है .... ना तो हिन्दू बाहुल्य होने के कारण और ना ही अल्पसंख्यक मुसलामानों के कारण - और ना ही किसी कट्टरपंथी नेताओं या पार्टियों के कारण ....

"सेक्युलर" इस देश की आत्मा है - इसलिए इस देश की आत्मा को ठेस ना पहुंचे - इसके लिए सावधान !!!!

Thursday 26 November 2015

// इन कुत्तों से डरना भी मना है ....//


आज एक और सुबह - मैं और श्रीमती जी कॉलोनी के पार्क में घूमने गए .... रोज़ की तरह पार्क के चक्कर लगाने शुरू .... पर वहीँ ६-७ बच्चे एक बड़े से अजीबोगरीब कुत्ते के साथ मौजूद - मुहँ पिछवाड़े जैसा - पूँछ सीधी हवा में - और पिछवाड़ा खुल्ला नंगा .... कुत्ते के शरीर पर क्रिस-क्रॉस वाला बड़े लोगों के फैशन वाला पट्टा - जिसके गले वाले भाग से एक पट्टा एक ८-९ साल के बच्चे के हाथ में .... और बच्चा अपनी पूरी ताकत लगा अपने से ज्यादा ताकतवर कुत्ते को जैसे तैसे कंट्रोल करने में सफल भी और असफल भी .... एक प्लास्टिक की बॉल और कुत्ता और बच्चे मस्ती से खेलने में व्यस्त .... पर पार्क में घूमने वाले कुत्ते से भयभीत .... चक्कर लगाते हम भी नज़दीक पहुंचे और ठिठक कर रुक गए - बच्चे बोले अंकल जी निकल जाइये ये कुछ नहीं करेगा .... मैंने कहा - अरे काट लेगा यार !! .... बच्चे बोले नहीं काटेगा .... और मैं हिम्मत कर निकल गया .... पर श्रीमती जी की हिम्मत नहीं हुई - और वो पलट कर वापस हो लीं .... और बच्चे बोले - " क्या आंटी आप भी फ़ोकट में डर रही हो " ....
खैर हम सही सलामत घर लौट आए ....

और लौटते हुए मुझे एहसास हुआ कि आज हमारे देश की स्थिति भी तो कुछ ऐसी ही है ....

बहुत से पट्टाधारी सार्वजानिक स्थानों पर विचरण कर रहे हैं .... देसी भी क्रॉस ब्रीड भी - जिनके गले शरीर आत्मा पर रंगीन पट्टे - और पट्टे के छोर अपरिपक्व हाथों में - जो अपने पालतुओं को नियंत्रण में रखने में पूर्णतः असफल ....

स्वाभाविक रूप से कई लोग इन पट्टाधारियों से भयभीत हैं - कि ना मालूम ये कब काट लेंगे .... और भय का कारण भी है - क्योंकि ये भौंक भी रहे हैं एवं गुर्रा भी रहे हैं - और कुछ विचित्र भी हैं .... और इन पट्टाधारियों के पट्टे थामे इनके असहिष्णु मालिक बचकानी हरकतें पटक रहे हैं और सबका उपहास कर रहे हैं .... कह रहे हैं " फ़ोकट क्यों डर रहे हो " .. ????

यानि इस देश में पट्टाधारियों और पट्टाधारी मालिकों को स्वच्छंदता से कुत्तई करने की पूर्ण स्वतंत्रता है .... पर इस देश में इन पट्टाधारियों से डरना भी मना है .... 

और जो बेचारा डर गया - समझो मर गया .... वो "फोकटी" हो गया - देशद्रोही हो गया !!!!

अब मैं कैसे मान लूँ कि इस सहिष्णु देश में असहिष्णुता नहीं है ????

Wednesday 25 November 2015

// "नंगे" ने भी इनके कपड़े उतरवा दिए .... छिः .... दयनीय .. //


मित्रों जब "PK" पिक्चर का पोस्टर रिलीज़ हुआ था - जिसमें आमिर खान पूर्ण नग्न दिखाए गए थे - तब मैंने उन्हें खुल्लेआम "नंगा" कहा था - क्योंकि वो नंगे हुए थे ....

आज वही आमिर खान फिर चर्चा मैं हैं .... असहिष्णुता पर बयान देकर .... और लगभग सभी भक्त मादरे वतन की सेवा में राष्ट्रहित एवं देशभक्ति का प्रदर्शन करने के लिए आमिर खान को गालियां दे रहे हैं ....

अभी कुछ समय पूर्व ही बिहार में भाजपा ने एक "चाराचोर" से मुहँ की खाई है ....
और आज एक "नंगे" ने इन्हें नंगा कर दिया है ....

स्पष्ट है भाजपा अब बहुत कमज़ोर हो गई है - टूट गई है - नंगी हो गई है .....

कारण ?? .... कारण मैं बताता हूँ ....

भाजपा और मोदी .....
जो चाहते हैं वो कह नहीं पाते ....  
जो कहते हैं वो कर नहीं पाते ....
जो करते हैं वो बता नहीं पाते ....
और जो बताते हैं ..... उस पर किसी को विश्वास ही नहीं होता ....

और नतीजा - कल तक सशक्त भाजपा अब बहुत कमज़ोर हो चली है .... बहुत लाचार !!!!

लाचारी इतनी दयनीय कि भाजपा का हर वो कदम जो यह सिद्ध करने की चेष्टा कर रहा है कि देश में असहिष्णुता नहीं है - वस्तुतः वह स्वतः सिद्ध कर रहा है कि इस सहिष्णु देश में असहिष्णुता बढ़ रही है !!!! 

कल्पना करें कि आमिर के बाद यदि लता मंगेशकर या आशा भोंसले या कई अन्य में से कोई अन्य शख्सियत भी ........???????? ..... ओफ़ !! .... तौबा !! ....

Tuesday 24 November 2015

// आमिर खान के विरोध में असहिष्णु बयानों से असहिष्णुता और बढ़ेगी ..//


एक बयान आया - आमिर खान का .... बयान भी लम्बा चौड़ा .... जिसका लुब्बेलुबाब ये कि - देश का माहौल बिगड़ रहा है असहिष्णुता बढ़ी है जिसकी वजह से वे परेशान हैं असुरक्षित महसूस करने लगे हैं .... आदि !!

प्रतिक्रिया में बयान बहादुरों के बयानों की भी लाइन लग बढ़ने लगी है ....
प्रतिक्रियात्मक बयान देने वालों में शामिल हैं - अनुपम खेर - अशोक पंडित - मिनाक्षी लेखी - शाहनवाज़ हुसैन - साक्षी महाराज - निरंजन ज्योति - मनोज तिवारी - परेश रावल - मुख्तार अब्बास नक़वी ....
और बयानों का स्तर भी बयान देने वालों के घटिया स्तर से मेल खाता हुआ ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

आमिर खान के विरोध में आ रहे असहिष्णु बयानों की वजह से .... माहौल और बिगड़ेगा असहिष्णुता और बढ़ेगी जिसकी वजह से लोग और परेशान होंगे और पहले से ज्यादा असुरक्षित महसूस करेंगे ....

फिर समाधान क्या ??

पागल लोगों के पास समाधान होता ही नहीं है .... इसलिए समझदारों को पागलों को दरकिनार करना होगा .... समाधान अपने आप निकल आएगा !!!!

और हाँ आमिर खान की पत्नी कौन से देश में जाना चाहेंगी इस प्रश्न पर किसी को परेशान होने की ज़रुरत नहीं होनी चाहिए .... वे "मानवीय आधार" पर इंग्लैंड सहित पूरे विश्व में कहीं भी जाने का अधिकार रखती हैं .... और हिन्दुस्तान में भी रहने का अधिकार रखती हैं .... क्योंकि हिन्दुस्तान हिन्दुस्तानियों का है - हिन्दुस्तान ना तो पाकिस्तानियों का है और ना किसी सांप्रदायिक पागल के बाप का ....

आशा है मेरी प्रतिक्रिया भी बढ़ती असहिष्णुता के परिप्रेक्ष्य में ही देखी और समझी जाएगी ....

Monday 23 November 2015

// ज़्यादा शानपत मत बताना - नहीं तो लगा लूँगा गले .... //


दिल्ली के विधायक सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने आरोप लगाए थे .... कि सोमनाथ उन्हें अपने कुत्ते से कटवाते थे ....
कुछ ऐसे किस्से भी सुने थे कि कोई पागल "एचआईवी पॉजिटिव युक्त इंजेक्शन" लेकर सबको डरा रहा था कि - चूँ-चपड़ करी तो घोंप दूँगा इंजेक्शन ....
कई बार सुना एकतरफा प्रेम में असफल बावरे ने प्रेमिका के चेहरे पर तेज़ाब फेंक अपना ही मुहँ काला किया .... 

पर लगता है बदला लेने और किसी को प्रताड़ित करने के ऐसे तरीके पुराने हुए .... अब तो नए नायाब तरीके मार्किट में आ गए हैं .... और सबसे खतरनाक लेटेस्ट तरीका हत्थे लगा है लालू प्रसाद यादव के ....

सावधान !! ज़्यादा शानपत मत बताना - नहीं तो लगा लूँगा गले .... समझे !!!!

// ये कैसी श्रद्धांजलि ?? .. ये कैसा संकल्प ?? .. वो कौन सा मंदिर ?? ..//


विश्व हिंदू परिषद के चीफ अशोक सिंघल जी का १७ नवंबर को गुड़गांव के एक अस्पताल में दुःखद निधन हो गया था .... सर्वप्रथम उन्हें श्रद्धांजलि !!!!

परन्तु अशोक सिंघल जी की याद में हुई शोक सभा के दौरान आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि - राम मंदिर बनाना ही सिंघल जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी .... हमें राम मंदिर बनाने का संकल्प लेना होगा ....

देश में नब्बे के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन चलाने और विश्व हिंदू परिषद की पहचान कायम करने का श्रेय स्वर्गीय सिंघल जी को ही जाता है .... और राम मंदिर आंदोलन के उस दौर में छह दिसंबर १९९२ को अयोध्या में बाबरी मस्जिद या विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था .... और तब से मामला सुप्रीम कोर्ट में है .... और विवादित स्थल पर यथास्थिति कायम है .... कोर्ट के विवेक एवं निर्देशानुसार ....

उपरोक्त तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में कम से कम मुझे तो स्पष्ट होता है कि विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए या नहीं - या फिर होगा या नहीं - ये निर्भर करेगा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर .... और निर्भर करना भी चाहिए ....

अस्तु अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को स्वर्गीय सिंघल जी की आत्मा को दी जाने वाली श्रद्धांजलि से जोड़ देना मुझे घोर आपत्तिजनक एवं घृणित दूषित सोच का परिचायक लगता है ....

मुझे लगता है कि यदि ऐसे ही श्रद्धांजलियों का दौर चल पड़ेगा तो इस देश का हर चौराहा मूर्तियों से या मज़ारों से या स्मारकों से पट सा जाएगा - और बहुत जल्दी ही ये देश "श्रद्धांजलि" बदौलत हिन्दू राष्ट्र या इस्लामिक राज्य बन जाएगा ....

या हो सकता है "श्रद्धांजलि" की भेंट चढ़ आधा देश कब्रिस्तान और आधा शमशानघाट बन जाए .... जहां मुर्दे मुर्दों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे होंगे - किसी मंदिर या मस्जिद निर्माण या पुनर्निर्माण के संकल्प के साथ ....

इतनी घृणित मानसिकता को तो मैं बस धिक्कार ही सकता हूँ - और बस यही कामना कर सकता हूँ कि ऐसी मानसिकता का अंत हो .... बिना किसी श्रद्धांजलि !!!!

Sunday 22 November 2015

// शांति जी - शांत !! .. केजरीवाल से गले मिलने की हसरत तो कई पालेंगे ..//


अब काफी समय बीत चुका जब साल की शुरुआत में केजरीवाल ने दिल्ली में सबको धूल चटाई थी और कई लोगों की आँखों की किरकिरी हो चले थे .... और तब उनपर पार्टी में बिना पारदर्शिता के कार्य करने के आरोप लगे थे .... और आरोप लगाए एवं लगवाए थे - किरण बेदी के प्रिय सम्माननीय शांति भूषण के बेटे प्रशांत भूषण और उनके चंगु बन गए योगेन्द्र यादव ने ....

और फिर क्या था - केजरीवाल ने तब दुस्साहसियों को फिर धूल चटाई - और योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से ही निकाल बाहर किया  .... बड़ी सफाई से ....

और तब से अब तक .... "पारदर्शिता" का कमाल देखिये ....

प्रशांत और योगेन्द्र क्या-क्या नहीं कर पाए या क्या नहीं कर पा रहे हैं या क्या-क्या नहीं करने के लायक हैं - सबके सामने घटित होता रहा .... और किसी को नहीं मालूम कि ये क्या कर सकेंगे ??

और केजरीवाल बखूबी सीख गए कि बिना किसी को हवा लगे अंदर-अंदर क्या-क्या करते रहना है .... और पारदर्शिता से बखान उतना ही किया जाना होता है जिसकी स्वच्छ दरकार हो ....

नतीजा यह है कि "आप" पार्टी में काफी दिनों से सब कुछ आरामदायक और शांतिपूर्ण चलता रहा है और विरोधी कलपते-कुलपते रहे हैं .... क्योंकि केजरीवाल को घेरने का कोई मौका ही नहीं मिला ....

पर अब विरोधियों का धैर्य टूटा है - एक नायाब भोंडा मुद्दा झपटा है - केजरीवाल के ऐसे कृत्य पर जो पारदर्शित तरीके से सबके सामने खुल्लम-खुल्ला हो गया .... जी हां लालू और केजरीवाल गले मिल लिए ....

और उधर वो गले मिले - इधर शांति भूषण की शांति हवा हुई - कूद पड़े मैदान में - चिल्लाते हुए कि देखो - केजरीवाल ने भ्रष्टाचार को गले लगा लिया रे !!!!

मेरी प्रतिक्रिया ....

कभी "आप" पार्टी से जुड़े प्रशांत योगेन्द्र को चाहने वाले भी सोच रहे होंगे कि ये शांति भूषण कर क्या रहे हैं - ठीक वैसे ही जैसे भक्त सोच रहे हैं ये मोदी कर क्या रहे हैं ....

और इसलिए कुछ दिन बाद ही जब शांति भूषण और उनके चंगुओं मंगुओं को पार्टी से पूर्ण पारदर्शिता के साथ बाहर किया जाएगा तब केजरीवाल की औकात पार्टी में और बढ़ेगी .... और तब केजरीवाल से गले मिलने कि हसरत रखने वालों की लाइन भी बढ़ेगी .... लोग उनसे गाली खा-खाकर भी उन्हें गले लगाने की हसरत रखेंगे ....

मसलन कौन जाने मोदी भी सोच रहे हों कि - हाय !! मैं भी केजरीवाल के गले लग उनसे बाइज़्ज़त क्यों ना मिल सका !!!!

// कलाकार ही 'फ़ुस्स्स..' करेंगे "मूर्खता के गुब्बारे" ....//


"जयपुर आर्ट समिट" !!!! .. सुखद तथ्य - कि कल हुए इस आर्ट समिट में कुछ कलाकार भी सहभागी बने !!!!

और आर्टिस्ट ने एयर बैलून आर्ट के जरिए हवा में टांग दी एक "गाय" .... अपने अंदाज़ में यह संदेश देने के लिए कि - " देखो गाय की पीड़ा - हम गाय को सुबह पूजते हैं -  फिर वो दिनभर कचरे में मुंह मारती है - सड़कों पर घूमती है - बेचारी प्लास्टिक खाती है - फिर बीमार होती है - देखो गाय की पीड़ा - देखो ...."

पर कुछ लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया - अपने अंदाज़ में यह संदेश देने के लिए कि - हम हिन्दू संगठन से जुड़े हैं - गाय हमारी माता है - इसे हवा में नहीं टाँगा जा सकता है .... समझे !!

और फिर जयपुर पुलिस ने कार्यवाही कर डाली .... गाय का गुब्बारा नीचे - कलाकार थाने - पुलसिया हाथ कलाकार के गिरेबान - अपने पुलसिया अंदाज़ में यह संदेश देने के लिए कि - " पुलिस असहिष्णु नहीं हैं - पुलिस सहिष्णु है - किसी की भावनाओं को भड़काने नहीं दिया जाएगा - माहौल ख़राब करने नहीं दिया जाएगा .... टुर्रर्र-फुर्रर्र - आँय-ठाँय !!!!

मेरी प्रतिक्रिया ....

गुब्बारे बहुत फुलाए जा रहे हैं - कहीं धर्म के - कहीं वैमनस्य के - कहीं दंभ के - कहीं दादागिरी के - और कहीं मूर्खता के ....
जरूरत है इन गुब्बारों की हवा निकाली जाए - इन्हें 'फ़ुस्स्स..' किया जाए ....

पर यह कार्य करेगा कौन ?? .... मुझे विश्वास है इस देश के कलाकार ही इस कार्य को अंजाम देंगे .... कभी गाय का गुब्बारा फुलाकर .... तो कभी असहिष्णुता के विरुद्ध आवाज़ उठा कर 'फूले-फूले' से लोगों की नींद उड़ाकर ....

और एक सुखद तथ्य और जान लीजियेगा .... इस देश में कलाकारों की कमी नहीं .... और मूर्खों की संख्या कलाकारों से अधिक नहीं !!!!

Saturday 21 November 2015

// मुझे गुमान हो चला है .... मैनें मोदी को हरवा दिया ....//


बिहार चुनाव परिणाम आने के बाद विलाप की गूँज प्रखर हो चली है ....

और हम भी लपेटे में हैं ....
" खूसट बुड्ढे !! तूने हमारे मोदी को हरवा दिया .... "
यहां तक तो ठीक था - भाई लोगों ने यहां तक कहना शुरू कर दिया है कि तूने लालू को जितवा दिया - एक सज़ायाफ्ता चारा चोर को जितवा दिया .... उसके छोरों को मंत्री बनवा दिया .... आदि अनर्गल ....

मित्रो मैं भी कुछ अजीब प्रकृति का हूँ - कोई मेरी निंदा करे तो एक बार मैं सहन कर लेता हूँ - पर मुहँ पर कोई यदि मेरी तारीफ के पुल बाँध दे तो मैं थोड़ा असहज हो जाता हूँ .... असहिष्णुता के आज के ज़माने में भी मैं कुछ सहिष्णु सा हो जाता हूँ .... मुझमें एक अजीब सी आत्मग्लानि पसर सी जाती है .... मसलन जब मैंने सीधे सीधे ऐसा कुछ अच्छा किया ही नहीं कि मोदी हारे और दुष्परिणाम में लालू जीते तो फिर इस बात का मुझे क्रेडिट क्यों ?? ....

पर आज ना मालूम क्यों मुझे कुछ नया सा एहसास हुआ जब मेरे एक बहुत ही काबिल प्रिय मित्र ने भी मुझे ताना मार दिया कि - तुमने मोदी विरोध कर उन्हें तो हरवा दिया पर अब इतने आगे बढ़ गए कि अब लालू की तारीफ ????

और तब मुझे लगा कि शायद मुझ से वो हो गया है जो "महत्वपूर्ण" है - श्रेयस्कर है - काबिले तारीफ़ है .... यानि मुझे लगा कि शायद मोदी की हार में मेरा भी योगदान जरूर रहा ही होगा .... और जब से मुझे ऐसा एहसास हुआ है मैं तब से बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूँ .... और मुझे गुमान हो चला है कि पंजाब में भी मैं मोदी को ऐसे ही हराऊंगा ....

और इसका कारण भी है .... लगता है - ना तो मोदी सुधरेंगे ना भक्त उन्हें सुधरने देंगे ....
और मैं अब शाणा परिपक्व खूसट बुड्ढा हो चला हूँ .... हा !! हा !!!!

Friday 20 November 2015

// मोदी देश के गले पड़े हैं और केजरीवाल मोदी के .. लालू से तो बस गले मिले हैं ..//


आज बिहार में नितीश के शपथग्रहण समारोह में लालू केजरीवाल से गले लग मिल लिए .... और भक्त चिल्लाने लगे .... केजरीवाल अब बताएं लालू भ्रष्ट हैं या नहीं ?? .. और विचित्र प्रस्ताव भी पारित कर दिए कि मोदी के डर से दोनों गले मिल लिए ....

मित्रो ये घटना तो आज की है .... इसलिए इसकी विवेचना होती रहेगी ....
पर इस बहाने मुझ कुछ फिर से एहसास हो गया .... और वो यह कि वो यही लालू जैसे लोग ही तो थे जिनके डर के कारण ये मोदी १८ महीने पहले इस देश के गले पड़ गए थे .... और आज तक पड़े हैं .... और ऐसे पड़े हैं कि लालू से भरपूर बेइज़्ज़त हो - लालू से शर्मनाक हार झेल और गालियां खाकर - और लालू को तमाम गालियां दे देकर - जब देखो तब लालू का ही रोना रोते रहते हैं .... या फिर कांग्रेस और राहुल के नाम का जाप कर लेते हैं .... 

और ये इतना रोते रहते हैं कि राजनीति के किरदार ही बदल गए हैं .... लालू अब ५६ इंची सीने वाले दिखने लगे हैं - और मोदी लल्लू .... खिसियाए से लल्लू ....

और खिसियाहट इतनी कि लालू के बेटे तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री बनाने और दूसरे बेटे तेज प्रताप को मंत्री बनाने पर भी उनका उपहास कर रहे हैं .... प्रश्न उठा रहे हैं कि इनमें क्या क़ाबलियत है जो इन्हें मंत्री बनवा दिए हैं ??

अब मित्रो ये ताजपोशी भी आज की ही है .... इसलिए इसकी भी विवेचना होती रहेगी ....
पर इस बहाने मुझे कुछ फिर से एहसास हो गया है .... और वो यह कि .... जब एक चाय बेचने वाला हमारे गले पड़ गया तो लालू के बेटे भी पड़ेंगे .... जब स्मृति ईरानी और जेटली जैसे चुनाव जीतने तक की क़ाबलियत ना रखने वाले रोज़ देश की ऐसी की तैसी करने में लगे हैं तो फिर लालू के बेटों पर इतना ऐतराज़ क्यों हो ?? .. कम से कम बेचारे जीत कर आये हैं .... वो भी ताल ठोंक देश के प्रधानमंत्री के तंत्र-मंत्र से जीत कर आये हैं ....

और हाँ !! एक और एहसास हुआ .... मुझे ना मालूम क्यों तेजस्वी यादव भाजपा के अमित शाह से ज्यादा "तेजस्वी" लगे .... तेजस्वी का गोल चेहरा - गोलमोल कद-काठी - दाढ़ी - बात करने का अंदाज़ आदि - अमित शाह से यकीनन बेहतर लगे .... और तो और मुझे तेजस्वी अपराधी टाइप व्यक्ति नहीं लगे - और शायद मुझे लगा कि तेजस्वी में न्यूनतम अक्ल भी ज़रूर है ....

यानि आज मुझे बहुत कुछ एहसास हुआ .... और लगा कि भाजपा की स्थिति परिस्थिति अब "राजद" जैसे क्षेत्रीय दल से भी गई बीती हो गई है .... वो केजरीवाल पर निशाना लगाने की फूहड़ चेष्टा भी कर रहे हैं तो लालू के काँधे ....जबकि केजरीवाल हैं कि सीधे बात करते हैं - बोलते हैं - " मोदी को चैन से सोने नहीं दूंगा " ....

यानि स्पष्ट है .... भले ही मोदी देश के गले पड़े हों - केजरीवाल मोदी के गले पड़े हैं .... भले ही वो आज लालू से गले मिले हों बात दीगर है .... हा !! हा !!! हा !!!!

Thursday 19 November 2015

// अब "चोरी का धंधा" और "धर्म का धंधा" बंद करना ही पड़ेगा ....//


मित्रो कई बार जानबूझकर सोचे समझे तरीके से अपनी अपनी सहूलियत अनुसार भटका दी गई और नकार दी गई मुद्दों की बातों को समझने के लिए कुछ भटकना भी पड़ता है .... फ्रांस जैसी घटनाओं के सबसे अहम् मुद्दे पर बात करने के लिए आज मेरा छोटा सा प्रयास ....

शायद कालांतर की ही बात है - रियासत में एक चोरी हो गई - संवेदनहीन चोरी - जिसने सुना हिल उठा - राजा दरबारी मंत्री संत्री हवलदार दरोगा रसूखदार गरीब छोटे बड़े चोर उचक्के - यानि सब संवेदनहीन चोरी पर बतियाने लगे - चर्चाएं चरम पर - विवेचना भी चरम पर - और बहस जा पहुंची चोरों के प्रिय स्थान यानि जेल की चारदीवारी के अंदर - सभी काबिल एक्सपर्ट चोर भी पिल पड़े चोरी प्रकरण को सुलझाने .... और अंततः स्पष्ट हो गया कि चोरी किसने की .... चोर था राज्य का ही सबसे शातिर चोर - "कल्लन चोर" ....
पर कल्लन चोर तो जेल में था .... और जब चोरी हुई तब भी वो जेल में था - और चोरी जेल के बाहर हुई थी .... यानि स्पष्ट सुलझा मामला उलझ गया या उलझा गया या उलझाया गया या कुछ उलझ सा गया .... और ठन्डे बस्ते हो गया .... नतीजा ?? .... कल्लन मजे में .... कल्लन के लल्लन हुए - लल्लन के लल्लू और फिर लल्लू के कल्लू के कालू - यानी कुनबा फलता फूलता रहा ....
और धंधा चलता रहा .... जी हाँ !! .. "चोरी का धंधा" !!!!

शायद उससे भी कहीं अधिक संवेदनहीन आतंकी घटना अभी घटित हो गई फ्रांस में - कई निरपराध यूँ  हीं मार दिए गए - बस यूँ ही !! .... जिसने सुना हिल उठा - वैश्विक नेता और सरकारें और पूरी दुनिया और सारे आतंकवादी संगठन और धार्मिक संगठन और धार्मिक नेता - यानि सब संवेदनहीन घटना पर बतियाने लगे - चर्चाएं चरम पर - विवेचना भी चरम पर - और बहस जा पहुंची चौपालों पे - धर्मी-अधर्मी राजनैतिक-अराजनैतिक सब कूद पड़े ....चौपाल यानि आज के सबसे प्रिय माध्यम टीवी की चारदीवारी के अंदर - सभी काबिल एक्सपर्ट धार्मिक राजनैतिक भी पिल पड़े इस आतंकी प्रकरण को सुलझाने .... और अंततः जो स्पष्ट था उसे सपष्ट कर दिया गया कि ये आतंकी हमला था और आतंकी थे "ISIS" से जुड़े - जिसमें "I" का मतलब "Islamic" हो गया - और इस्लाम एक धर्म .... यानि आतंक फैलाने वाले थे आज विश्व के सबसे खौफनाक आतंकी - "धार्मिक आतंकी" ....धर्म की आड़ में आतंक फ़ैलाने वाले ....

पर ........... पर अब फिर सब शुरू हो गए - "बट-किन्तु-परन्तु" - और टेके .... जैसे कि "धर्म" का आतंक से क्या लेना देना ?? आतंक का कोई धर्म नहीं होता - इस्लाम तो आतंक के खिलाफ है - हिन्दू धर्म भी आतंक के खिलाफ - इसलिए ये धर्म इस आतंकवादी घटना का दोषी कैसे ???? .... ठीक वैसे ही जैसे "कल्लन चोर" जेल में रहते चोरी का दोषी कैसे ????
और धंधा चल रहा है .... जी हाँ !! .. "धर्म का धंधा" !!!! 

पर मित्रो मेरी विवेचना स्पष्ट कर दूँ .... चोरी शातिर "कल्लन चोर" ने ही की थी .... और आज के हर आतंकवाद की जड़ में ये तथाकथित "धर्म" ही है .... कल्लन के लल्लन हुए - और धर्म के अनेक सम्प्रदाय और संगठन और ठेकेदार - हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सांई राधेमाँ महाराज गुरु महाराज बापू भगवन शंकराचार्य योगी साधू साध्वी मौलवी पंडित पादरी हिन्दू महासभा इस्लामिक लीग - और ना जाने क्या क्या .... यानि ना जाने कितने ही "कल्लू" और कितने ही "लल्लू" .... अनगिनत !!!!

इसलिए अब "चोरी का धंधा" और "धर्म का धंधा" बंद करना ही पड़ेगा .... कालान्तर के शातिर "कल्लन चोर" का पर्दाफाश करना ही होगा .... और वर्तमान में "धर्म" के पर्यायवाची या सामानांतर चलने वाले इन छद्म धर्मों का भी पर्दाफाश कर इन्हें उखाड़ फेंकना ही होगा .... कानून का राज्य और इंसानियत का माहौल तभी काबिज़ हो सकेगा ....

पुनश्चः अपराध और धर्म का भी अजीब घालमेल है .... अपराध आदि के सभी साक्ष्य कब सिद्ध हो पाते हैं - और धर्म के दावे भी कब कौन सिद्ध कर पाया है .... बस सब कुछ हवा-हवा सा ही तो है .... कुछ यथार्थ होता तो इतने व्यापक धार्मिक प्रसार के बाद अपराध होते ही क्यों ?? और धर्म से जुड़े अपराध ???? तौबा !! तौबा !!!!

Tuesday 10 November 2015

// एक कुत्ता नहीं - यदि गाडी के नीचे कुत्तों का टोला हो तो ?? ....//


बिहार चुनाव में भाजपा का चेहरा थे मोदी - केवल मोदी !!!!

और मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी .... अपनी पूरी क़ाबलियत ताकत और मेहनत झोंक दी ....
सारी जिम्मेदारी अकेले ही अपने कन्धों पर उठा उतर गए चुनावी रणक्षेत्र में - पूरे उत्साह से - पूरी लगन से - पूरे आत्मविश्वास से - पूरी गंभीरता से - पर पूरे अकेले .... जी हाँ - अकेले !!!!

चुनाव है - हार जीत तो होती रहती है .... मोदी हार गए - हार गए तो हार गए - ठीक है .... पर यदि हार गए तो हार जाने के बाद मोदी की पार्टी के ही महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय का ये घिसा-पिटा पुराना जुमला अखर गया ....

अपने और मोदी के स्तर को निम्नस्तर तक ले जाते हुए विजयवर्गीय बोले .... " कुत्ता गाडी के नीचे चलता है तो उसे लगता है गाडी उसके भरोसे ही चल रही है " .... मोदी की इज़्ज़त की ऐसी बेइज़्ज़ती सचमुच निंदनीय है ....

निंदनीय तो कुत्तों वाले और बयान भी हैं - जैसे कुत्ते के पिल्ले वाला - कुत्ते को पत्थर मारने वाला - पर कुत्तों पर ये नया बयान तो सबसे ज्यादा निंदनीय है ....

मुझे लगता है कि अब भाजपा को अपने आपको "कुत्तों" से अलग कर लेना चाहिए .... भाजपा को चाहिए की अब उन लोगों को आगे लाया जाए जो "कुत्तों" के बजाय "इंसानों" के बारे में बात करें ....

और हाँ !! .. अंत में एक बात और बताता चलूँ .... यदि एक कुत्ता गाडी के नीचे चलता है और उसे लगता है गाडी उसके भरोसे ही चल रही है तो ठीक है - पर यदि कुत्तों का टोला एक गाडी के नीचे चलता हो और सभी कुत्तों को गुमान हो जाए कि गाडी वे ही चला रहे थे - और फिर सभी कुत्ते आपस में कुत्तों जैसे लड़ लें तो क्या कीजियेगा ????

मैं बताता हूँ .... सभी कुत्तों को पकड़ कर कुत्तों वाली गाडी में भरकर तड़ीपार करना ही उचित होगा .... इसके अलावा तो कोई विकल्प मुझे समझ नहीं आता - क्योंकि स्थिति विकट है भाई !!!!

Monday 9 November 2015

// मोदी के गृहमंत्री वित्तीय आश्वासन दे रहे हैं .... वित्तमंत्री क्या कर रहे हैं ?? ..//


बिहार में हार हो गई - बावजूद एक लाख पच्चीस हज़ार करोड़ के पैकेज की घोषणा के बाद ....

और क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने निहायत फूहड़ चालाकी से ये बात अपनी रैलियों में कही थी कि कोई गाडी यदि कुँए में गिर जाए तो उसे बाहर निकालने में दो इंजन लगेंगे - एक केंद्र का और एक राज्य का - एक इंजन से ये काम नहीं होगा ....

अब भले ही आप ऐसी फूहड़ता वाले फूहड़ दिमाग पर तरस खा लें - पर मैं समझता हूँ कि आम आदमी भी मोदी क्या कहना चाहते हैं वो समझ गया था .... यानि वो मोदी की धमकी समझ गया था कि भलाई चाहते हो तो बिहार में भी भाजपा की सरकार चुनो - नहीं तो .... नहीं तो ? .... नहीं तो ?? .... नहीं तो मतलब साफ़ था कि भूल जाना पैकेज वैकेज को .... समझे ????

और इसलिए बिहार में मोदी की इज़्ज़त की भी बेइज़्ज़ती होने के बाद यह बात सबको आशंकित कर रही है कि अब मोदीछाप घोषित एक लाख पच्चीस हज़ार करोड़ के पैकेज का क्या होगा ????

वैसे मुझे तो भरोसा है कि मोदी ये पैकेज देने वाले नहीं - पर देना ही होगा ....

इसलिए इस महत्वपूर्ण विषय पर वक्तव्य तो बनता था ....
और वक्तव्य आया - राजनाथ सिंह का .... बोले बिहार पैकेज का पूरा पैसा दिया जाएगा ....

अब प्रश्न नया खड़ा होता है - कि ये वक्तव्य गृहमंत्री राजनाथ सिंह क्यों दे रहे हैं ?? .. जबकि मोदी सरकार में मौन मोदी के अलावा बाकायदा एक वित्तमंत्री भी है - जिसका नाम अरुण जेटली है ....

प्रश्न का जवाब मैं देता हूँ .... अब अध्यक्ष पद से हटाए राजनाथ सिंह भी कुढ़े सड़े ही लगते हैं - और वो भी अजब गजब जादू अमित शाह से पिंड छुड़ा एक बार फिर अध्यक्ष बनना चाहते होंगे .... और उन्हें मालुम है कि मोदी-जेटली बिहार को एक पैसा नहीं देना चाहेंगे - इसलिए .... अब वो बोलो जिसका विरोध नहीं हो सके और जो मोदी-शाह को असहज कर दे ..... ठेठ "शत्रु स्टाइल" में जो मोदी को "डायनामिक-डैशिंग" बोल-बोल कर उनकी रेड़ मार दिए हैं - लालू से भी ज्यादा लल्लू बना दिए हैं .... बेचारे मोदी !!!!

Sunday 8 November 2015

// मेरा ताज़ा-ताज़ा "मोदीनामा" ....//


कोई मुगालते में नहीं रहे .... लोकसभा चुनाव में मोदी कदापि नहीं जीते थे - अपितु कांग्रेस हारी थी ....
इसी प्रकार महाराष्ट्र राजस्थान मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ हरियाणा झारखण्ड में कांग्रेस हारी थी ....
लेकिन सावधानी से जानिएगा कि दिल्ली में केजरीवाल जीते थे और मोदी हारे थे ....
और आज बिहार में मोदी हारे हैं .... और नितीश जीते हैं - और कांग्रेस और लालू "जी" गए हैं ....

अतः मेरी विवेचना अनुसार ..... मोदी कभी जीते ही नहीं थे .... और दिल्ली के बाद वो दूसरी बार हार गए हैं ....

मोदी की हार के कारणों के कई सूरमा कई आंकलन कर सकते हैं - पर मेरे आंकलन अनुसार तो मोदी की हार के दो मुख्य कारण है .... और वो हैं ....

पहला .... वादा खिलाफी - हवाबाजी - और नतीजन ज़मीनी कार्य "शून्य" ....
दूसरा .... अमित शाह कैलाश विजयवर्गीय साक्षी महाराज आदि जैसे अनेक असहिष्णु अभद्र लोगों का - और स्मृति ईरानी वी.के.सिंह जैसे राजनैतिक मूर्खों का - और जेटली जैसे चालाक दम्भी लोगों का चुनाव कर अपनी टीम की ऐसी की तैसी करवाना ....

आगे क्या ????

शिवसेना छिटक कर एनडीए से बाहर जाएगी - अकाली दल भाजपा को छिटका कर बाहर आएगा ....
मोदी के लिए अब केंद्र में चाह कर भी कुछ अच्छे आवश्यक कार्य करना मुश्किल होगा ....
पंजाब में केजरीवाल की जीत होगी ....
बंगाल में ममता की जीत होगी ....
उत्तरप्रदेश के चुनाव दिलचस्प और टक्कर के होंगे ....
और मोदी ना तो अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और ना वो हमारे अगले प्रधानमंत्री होंगे ....

लेकिन मान लो कि सूरज पश्चिम से घूमता फिरता उग जाए - और वैसे ही मोदी अपनी अकड़ छोड़ दूसरे बुद्धिमानों और कूटनीतिज्ञों की अक्ल का सदुपयोग कर कुछ अच्छे कार्य करने का प्रयास कर थोड़े सफल हो जाएं - तो वो अगला लोकसभा चुनाव लड़ कर हार सकेंगे .... अन्यथा तो .... लालू जैसे ही राजनैतिक चतुर लोगों से निपट समयपूर्व ही बाहर हो जाएंगे ....

मोदी जी के लिए अनेक शुभकामनाएं !!!!

// फिर मिलते हैं केजरीवाल के साथ में .... अगला रण पंजाब में ....//


अब बिहार को एक लाख पैंसठ हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज मिलने की कोई संभावना नहीं है .... हो भी क्यों ?? .. बकौल मोदी और बकौल उनके दयनीय भक्तों के - बिहारियों ने मोदी को हराकर अपने पाँव पर कुल्हाड़ी जो मार ली है ????

अब ये पैसा किसी के बाप का तो है नहीं - तो प्रश्न उठता है कि ये पैसा जाएगा कहाँ ????

मुझे लगता है कि चूँकि अगला चुनाव पंजाब का है - इसलिए पंजाब के लिए बम्पर आर्थिक पैकेज घोषित होने की पूरी संभावनाएं बनती हैं ....

पर .... बशर्ते तब तक मोदी इस देश के प्रधानमंत्री पद पर टिके चिपके अटके रह जाते हैं तो ....

इसलिए आगे-आगे देखिये होता है क्या .... 

फिर मिलते हैं केजरीवाल के साथ में .... अगला रण पंजाब में .... !!!! जय हिन्द !!!!

// "ब्रह्मपिशाच" एक "चारा चोर" से हार गया - छिः !! ....//


बिहार चुनाव के नतीजे आ रहे हैं ....

मुझे पूरा भरोसा था कि मोदी नितीश से हारेंगे ....

पर मोदी लालू तक से हार जाएंगे ये तो गज़ब हो गया ....

मुझे मोदी पर तरस आ रहा है .... क्योंकि "ब्रह्मपिशाच" एक "चारा चोर" से हार गया - छिः !!....

Saturday 7 November 2015

// ये विरोध के विरोध के विरोध का समय नहीं - ये चिंता करने का समय है ..//


आरएसएस और भाजपा हिंदुत्व की ओर झुकी मानी जाती रही है ....
भाजपा सरकार बनने के बाद हिंदुत्व के झंडाबरदारों द्वारा कुछ वो कृत्य किये गए जो देश के कई लोगों को साम्प्रदायिक लगे ....
और शुरुआत हुई "विरोध" की ....
और विरोध के बाद शुरुआत हुई भड़काऊ और ओछे बयानों की ....
और फिर विरोध हुआ ऐसे ओछे नेताओं का और उनके बयानों का ....
और विरोध में बात आई "असहिष्णुता" की ....
और उसके बाद शुरुआत हुई "असहिष्णुता" के विरोध की ....
और उसके बाद अब विरोध हो गया है "असहिष्णुता के विरोध" का ....

यानि कुछ ऐसा हो रहा है कि विरोध के विरोध के विरोध का विरोध और उसका भी विरोध होता दिख रहा है .... और प्रजातंत्र होने के कारण सारा विरोध "प्रजातांत्रिक" माना जा रहा है - और निःसंदेह है भी ....

तो क्या इसका यह अभिप्राय निकाला जाए कि सब कुछ सही चल रहा है ????

मेरे विचार में सब कुछ सही नहीं चल रहा है - बल्कि कुछ भी सही नहीं चल रहा है .... और ऐसा मैं इसलिए मानता हूँ कि जब सत्ता पक्ष ही विरोध पर उतर आये तो मैं इसे भयावह मानता हूँ ....

स्पष्ट कर दूँ कि सत्ता पक्ष को भी विरोध का अधिकार तो है - पर सत्ता पक्ष के लिए उचित यही होता है कि विरोध करने के बजाय अपने पक्ष में एक माहौल या सहमति बनाए ....

यानि यदि आरएसएस और भाजपा हिंदुत्व के पक्ष में कुछ करना या कहना चाहती है - या इस देश को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहती है - तो उसे ऐसे उद्देश्य के लिए एक राष्ट्रीय सहमति निर्मित करने की दिशा में पापड़ बेलने होंगे .... ना कि इस उद्देश्य को सांप्रदायिक मानने वालों का विरोध और दमन ....

और विरोध भी ऐसा भोंडा - जिसका कि विरोध निश्चित ही होगा - और एक कदम आगे बढ़ कर होगा .... और इस प्रकार होगा केवल विरोध - झगड़ा - टंटा - नुक्सान - और अंततः विनाश !!!!

इसलिए चिंता होती है कि - हम चले तो थे चीन से आगे निकलने - पर कहीं पाकिस्तान जैसे टुच्चे देश से भी पिछड़ ना जाएं ... इसलिए ये विरोध का समय नहीं है - बल्कि ये चिंता करने का समय आ गया है !!!!

// कश्मीर श्रीनगर में मोदी जी "पैकेज" दिए और अच्छा बोले .... पर काश !! ..//


कश्मीर श्रीनगर से आज मोदी जी (हमारे प्रधानमंत्री) ने एक सभा को संबोधित करते हुए भाषण दिया ....

भाषण सुना - और बहुत अच्छा लगा - लगभग सभी बातें अच्छी और देश हित की लगीं .... आपत्तिजनक कुछ भी नहीं था जैसा कि बिहार की चुनावी सभाओं में देखने को मिला था 

और मुझे लगा - काश जैसा मोदी जी ने कश्मीर और देशवासियों से अपेक्षा करी है वैसा ही हो ....
और जैसा मोदी जी विश्वास दिला रहे थे और जैसी की मोदी जी से मुझे और देश को अपेक्षा है - मोदी भी कुछ वैसा ही करें .... यानि मोदी जी जो कहते हैं वैसा ही कुछ करें भी .... काश !!

और हाँ मोदी जी द्वारा आज "पैकेज" की घोषणा करना भी अनुमानित था - और अपने भाषण के अंत में आज मोदी जी ने कश्मीर के लिए ८० हज़ार करोड़ के एक पैकेज की घोषण भी करी ....

बिहार पैकेज की घोषणा के बाद एक बार फिर लगा कि मोदी जी ने जैसे खैरात बाँटने की घोषणा करी हो .... इसलिए पैकेज का स्वागत करते हुए मैं तो यही कहूँगा .... काश !! .... काश घोषणा के तरीके का भी मैं स्वागत कर पाता ....काश !!

// स्थापित होता है कि "असहिष्णुता" हर स्तर पर पसर रही है ....//


पूरी दुनिया को ये बताने के लिए कि भारत असहिष्णु नहीं है - आज भाजपा सांसद किरण खेर के गैरराजनैतिक पति श्री अनुपम खेर फिल्मिस्तान और अन्य सामाजिक सहिष्णुओं के टोले के साथ दिल्ली में एक मार्च निकाल रहे हैं .... पूर्ण प्रजातान्त्रिक तरीके से ....

इस मार्च के द्वारा उन आरोपित कांग्रेसियों एवं वाम समर्थकों तथा मोदी विरोधी "निरूपित दरबारियों" का भी विरोध किया जा रहा है - जिन्होंने असहिष्णुता के विरुद्ध निकट भूत में अपने पुरूस्कार लौटा दिए थे या लौटाने की घोषणा करी थी .... प्रजातंत्र का दुरपयोग करते हुए ??

पूर्ण सहिष्णुता के साथ मेरी प्रतिक्रिया ....

इस देश में असहिष्णुता की कोई ताज़ा हवा नहीं चली है - यह बात स्थापित करने की चेष्टा में अपने को "गैर-दरबारी" मानने का ढोंग करने वाले "दरबारियों" द्वारा आज का दिल्ली में यह मार्च स्वतः ही स्थापित कर देता है कि - असहिष्णुता हर स्तर पर पसर रही है .... और "दरबारी" असहिष्णु हैं ....

मेरी सीधी अकाट्य बात को ऐसे भी समझा जा सकता है कि - स्वयं को गांधी अनुयायी होने का दावा ठोंकने वाला कोई भारतीय कुछ ऐसा कहे कि ....

// जो अहिंसा के विरूद्ध बोलेगा वो मार दिया जाएगा .... गांधी ज़िंदाबाद !! - भारत ज़िंदाबाद !! .. //

Friday 6 November 2015

// छद्म सहिष्णुओं की सोच और कृत्य निम्नस्तरीय ....//


कोई संस्था है 'मूडीज़' .... मूड आ गया होगा तो उसने ऐसा कुछ बता दिया जो मोदी सरकार को अखर गया ....

एक हैं इरफ़ान हबीब .... इतिहासकार हैं .... मूड आ गया तो कुछ ऐसा कह गए कि संघियों को अखर गया ....

एक हैं कोई फ़राज़ सैय्यद .... जो मूडीज़ में काम करते हैं ....
एक हैं समा हबीब .... जो तनवीर हबीब की बेटी हैं ....

अब देखिये छद्म सहिष्णुओं की निम्नस्तरीय सोच ....
कह दिए "फ़राज़ सैय्यद की बीवी हैं समा" - इसलिए मूडीज़ और इरफ़ान ने करी साज़िश और निर्मित कर दी निंदा ....

मेरी चेतावनी .... मोदी सरकार की निंदा करने से पहले सौ बार सोच लें .... ये सरकार और संघी और मोदी ज़रा ज्यादा ही सहिष्णु हैं .... इसलिए यदि आप शादीशुदा हैं और यदि इनके विरुद्ध कोई बात करनी हो तो आपकी पत्नी या पति कौन है इसका पुख्ता सबूत तैयार रखें .... ना मालूम ये किसको किसका पति या पत्नी घोषित कर दें ....

और हाँ यदि आप संघी प्रचारक होने के कारण या यूँही अविवाहित हैं या अविवाहित जैसे रहते हैं या अविवाहित जैसा माने जाते हैं - तो कोई चिंता नहीं - आप जो चाहे करें - चाहे सहिष्णु रहे या असहिष्णु - आपको इस देश में सभी प्रकार की अभिव्यक्ति का पूर्ण अधिकार है - यहां तक कि आप इस देश के प्रधानमंत्री भी बनाये जा सकते हैं ....

वैसे एक बात और बताता चलूँ कि इरफ़ान हबीब के अनुसार उनके दामाद जी का नाम अमित मिसरा है - और समां हबीब के अनुसार भी उनके पति का नाम अमित मिसरा है - और क्योंकि मूडीज या फ़राज़ सैय्यद या ही अमित मिसरा का कोई बयान अभी आया नहीं है - संघी अभी इस बाबत कोई बयान नहीं दे रहे हैं - क्योंकि क्या है ना कि ये सब अति सहिष्णु हैं .... क्या पता कोई नया विवाद खड़ा करने का हाथ से मौक़ा जाता ना रहे ....

वैसे भी क्योंकि समा मुसलमान है और अमित मिसरा हिन्दू से लगते हैं इसलिए इस तथ्यात्मक मुद्दे पर भी तो आगे असहिष्णुता बनाए जाने की गुंजाइश है .... इसलिए अभी आप सहिष्णु बन चुप ही रहे तो बेहतर !!!!

Thursday 5 November 2015

// पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे या नहीं ?? ....//


बिहार चुनाव की जब घोषणा हुई थी तब स्वाभाविक प्रश्न था - बिहार में कौन जीतेगा ??

चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई और खूब तगड़ा प्रचार हुआ ....
भाजपा ने प्रधानमंत्री झोंक दिए और बाकी सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी ....

और आज जब वोटिंग संपन्न हुई है तब मुख्य प्रश्न यह बना हुआ है कि - पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे कि नहीं ??

आशा थी उपरोक्त प्रश्न का उत्तर आज एग्जिट पोल्स के माध्यम से मिल जाएगा ....
पर भारत देश के तमाम एग्जिट पोल्स भी अभी यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि - पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे कि नहीं ??

और इसलिए मैं देख रहा हूँ कि बिहार में कोई जीते या हारे - ८ तारिख से दिवाली तक भारत में पटाखे तो फूटेंगे ही - पर साथ ही कई लोग भाजपा की ऐसी राजनैतिक फूहड़ता पर अपना माथा अभी से फोड़ रहे हैं ....

ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि जब भाजपा का विरोध करने वाले हर व्यक्ति को पाकिस्तानी एजेंट बता दिया जाए या पाकिस्तान जाने की समझाइश या धमकी दे दी जाए और बिहार के चुनाव नतीजों को भी सीधे-सीधे पाकिस्तान से जोड़ दिया जाए - तो जीते हारे कोई भी - माथे तो भारत में ही फूटेंगे .... क्योंकि भारत में भारतीय रहते हैं - पाकिस्तानी नहीं !!!!

// जिम्मेदार सिर्फ केजरीवाल !! ....//


आजकल की शानदार बहस में सब दूर से घिरे फंसे भाजपाइयों के कथनों का निचोड़ ....

कर्नाटका में यदि हत्या होती है तो भाजपा अनुसार जवाबदार वहां की कांग्रेस सरकार ....
उत्तरप्रदेश में यदि हत्या होती है तो भाजपा अनुसार जवाबदार वहां की समाजवादी सरकार ....

पर यदि दिल्ली में हत्या होती है तो ना तो भाजपा ना मोदी सरकार जवाबदार - क्योंकि जिम्मेदार केजरीवाल ????

इससे २ तथ्य स्थापित होते हैं ....
पहला .... इस देश में कोई जिए कोई मरे कोई मारा जाए जवाबदारी कोई लेने को तैयार नहीं है ....
दूसरा .... केजरीवाल एक जिम्मेदार नेता हैं .... सिर्फ केजरीवाल !!!!

इसलिए मुझे लगता है कि अब भाजपाई अपनी बिहार हार के लिए भी केजरीवाल को ही जिम्मेदार मानेंगे .... ठीक है .... मानते रहना !!!!
वैसे भी आज तक मोदी ने अपनी कौन सी जिम्मेदारी का वहन किया है ????

Wednesday 4 November 2015

// जो सब बोले - तुम बोले .. वही शाहरुख़ बोले .... फिर बवाल क्यों ?? ....//


महामहिम राष्ट्रपति जी ने बोला - सहनशीलता सहिष्णुता ज़रूरी है ....
मोदी ने कहा - राष्ट्रपति सही बोले - सहिष्णुता ज़रूरी है ....
जेटली ने कहा - सहनशीलता ज़रूरी है ....
राजनाथ भी ऐसा ही कुछ बोले ....
और इसके विपरीत किसी और उच्च पद पर बैठे व्यक्ति की हिम्मत भी नहीं हुई कि कुछ अनर्थ बोल सके .... यहां तक कि मैं नाचीज़ भी यही बोला था .... बिलकुल महान लोगों के माफिक ....

और इसलिए साम्प्रदायिक भक्त अंदर-अंदर सुलगते रहे .... मोदी जी को कोसते रहे - गालियां देते रहे - कुढ़ते रहे - कलपते रहे - सड़ते रहे .... इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि ....

जैसे ही शाहरुख़ खान भी यही बात बोले कि -  सहनशीलता सहिष्णुता ज़रूरी है .... तो इन सबके संस्कार उचक गए .... मुहँ से हवाबाजी शुरू हो गई .... शाहरुख़ देशद्रोही - इसे पाकिस्तान भेजो - इसे कहो अवार्ड वापस करना है तो इसकी राशि भी वापस करे .... आदि !!

अतः मोदी जी !! मेरी आप को एक सलाह है .... ज़रा सोचो आप किस के बल जीत के आए हो ?? तुम्हारे इन्ही भक्तों के बल पर ही तो जीते हो !! फिर इनकी पीठ पे छुरा क्यों भोंक रहे हो ?? इनका दिल क्यों दुखा रहे हो ?? क्यों इनके दिल की बात पूरी नहीं करते ?? क्यों नहीं इस राष्ट्र को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर अपनी बेइज़्ज़ती करवा पद पर से हट जाते हो .... आखिर ये देश तुम्हारा भी तो है कि नहीं ?? .... क्या अपने देश पर इतनी कृपा भी नहीं कर सकते ????

और मोदी जी अब आप देश की चिंता मत करना - मेरा यकीन करें कि इस देश में अभी कई काबिल अच्छे लोग हैं जो सामने आएंगे और आपको - आपके भक्तों को - पाकिस्तान को - ललित मोदी को - जीजा को - योगी को - साध्वी को - बाबा को - मुसलामानों को - हिन्दुओं को - भ्रष्टाचारियों को - टुच्चों को - सेना को - देशभक्तों को - गरीबों को - ईमानदारों को - शाहरुख़ को - कलाकारों को - साहित्यकारों को - वैज्ञानिकों को - यानि समूचे देश को यथायोग्य अच्छे से सम्हाल लेंगे ....

तो मोदी जी - बताओ जाते जाते अपने भक्तों को खुश करोगे कि नहीं - पाकिस्तान में मातम पसराओगे कि नहीं ????

// नारियल सड़ा निकला या मोदी बेकार - क्या कर सकते हैं ?? ....//


आज घर में मेहमान आये थे - इधर उधर की चर्चा के साथ राजनीति पर भी चर्चा हो रही थी - शायद सब कह रहे थे कि - // मोदी वैसे नहीं निकले जैसी की उम्मीद थी - वो बेकार निकले //....

साथ ही इडली-सांभर बनने का योग आया .... इडली के साथ नारियल की चटनी भी बनती है ....
श्रीमती जी ने मुझे मेरा काम सौंप दिया .... नारियल फोड़ने का ....

नारियल १७-१८ दिन पुराना हो चला था .... हिला कर देखा - पानीवाला लगा - मैंने बड़े जतन से नारियल को ऊपर से पूरा साफ़ किया .... मेहमानों में एक छोटा बच्चा भी था - ८-९ साल का - वो मुझे ये सब करते देखता रहा .... कुछ प्रश्न भी पूछता रहा .... फिर मैंने नारियल फोड़ा .... नारियल अंदर से सड़ा निकला ....

बालक ने पूछ लिया - दद्दू जब नारियल सड़ा था तो फिर इतनी मेहनत क्यों की ??

मैंने उसे समझाया .... बेटा पहले से मालूम कैसे हो सकता था - जब फोड़ा तभी तो मालूम पड़ा कि नारियल सड़ा है ....

और बालक ने जवाब दिया .... अच्छा तो आपको पहले से नहीं मालूम था ना कि मोदी जी बेकार निकलेंगे ?? ....

मेहमान जा चुके हैं - और हम अभी तक हँस रहे हैं ....
मुझे सड़े नारियल के पूरे पैसे वसूल हो चुके हैं ....
देश को क्या वसूल हुआ क्या नहीं - आप स्वयं आंकलन करें .... !!!! धन्यवाद !!!!

// तब तुम कहाँ थे .... ?? ....//


आजकल तीन प्रश्न बहुत प्रचलन में हैं ....
प्र.क्र. १ .... आप कैसे हैं ?
प्र.क्र. २ .... बिहार चुनाव के नतीजे क्या होंगे ?
प्र.क्र. ३ .... १९८४ में जब दंगे हुए थे तब आप कहाँ थे ?

आज मेरा मूड हुआ तीनों प्रश्नों के उत्तर दे ही दूँ ....

उ.क्र. १ .... मैं मजे में हूँ - मैं ठीक हूँ - शारीरिक रूप से स्वस्थ हूँ - मानसिक रूप से पूर्ण रूप से स्वस्थ हूँ - इतना स्वस्थ कि कई पागलों के दिमाग का दहीं बना कर रखा है ....
उ.क्र. २ .... नितीश जीतेंगे और मोदी हारेंगे ....
उ.क्र. ३ .... तब मैं नीमच में था और अपनी शासकीय सेवा का निर्वहन करते हुए एक पुल की कॉंक्रीटिंग   करा रहा था .... ना मैंने दंगे कराए थे - ना मैंने दंगे रोकने के कोई प्रयास किये थे - ना मैंने दंगे के विरोध में कुछ भी लिखा था .... मैं तो अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में खपा हुआ था ....
पर सब कुछ खोल के सुन लो - ये देश तुम्हारे बाप का नहीं और मैं पाकिस्तानी नहीं .... समझे !!!! 

तीनों उत्तर देने के उपरान्त मेरे प्रतिप्रश्न ....

प्र.प्र.क्र. १ .... ये तुम्हें क्या हो गया है - तुम इतने पगला क्यों गए हो ??
प्र.प्र.क्र. २ .... ये मोदी बिहार चुनाव हार क्यों रहे हैं ??
प्र.प्र.क्र. ३ .... क्या तुम १९८४ के पहले की पैदाइश हो या बाद की - यदि पहले की हो तो जब १९८४ में दंगे हुए थे तब तुम्हारे बाप कहाँ थे ? और यदि बाद की हो तो तुम भी तो बताओ की तुम कहाँ थे ? .... क्या तुम दंगे कर रहे थे या करा रहे थे ? या फिर पगले जैसे चिल्ला रहे थे ? या फिर मेरे जैसे ही अपने काम से लगे थे ??

मुझे मालूम है तुमको प्रश्न पूछना आते पर जवाब देते नहीं बनता - इसलिए मेरे प्रतिप्रश्नों का प्रतिउत्तर भी सुन लो ....

प्र.उ.क्र. १ .... तुम पगला इसलिए गए हो क्योंकि तुम्हारे दिमाग में साम्प्रदायिकता का ज़हर भर दिया गया है ....
प्र.उ.क्र. २ .... मोदी बिहार में चुनाव इसलिए हारेंगे क्योंकि दादरी जैसी घटना पर उनके दरबारी बड़बड़ा गए पर वे स्वयं चुप्पी साध गए - और लालू से जुबान लड़ा गए - और बहुत ज्यादा चुनावी रैलियां कर अपनी औकात बता गए ....
प्र.उ.क्र. ३ .... और अच्छा हुआ तुम १९४७ के पहले पैदा नहीं हुए - नहीं तो देश आज भी गुलाम ही होता ....

समझे !!!! कुछ संपट पड़ी की नहीं ????

Tuesday 3 November 2015

// विजयवर्गीय को शाहरुख़ पाकिस्तान से जुड़े लगने लगे पर भाजपा को नहीं ...//


भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर शाहरुख़ खान पर बयान दे मारा है ....

" शाहरुख़ खान रहते भारत में हैं पर उनका मन सदा पाकिस्तान में रहता है - उनकी फिल्में यहाँ करोड़ो कमाती है पर उन्हें भारत असहिष्णु नजर आता है "

और बयान के तुरंत बाद भाजपा की तरफ से अधिकृत बयान जारी करते हुए केंद्र में मंत्री और प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है - " विजयवर्गीय का बयान निंदनीय - कैलाश विजयवर्गीय प्रवक्ता नहीं " ....

मुझे लगता है कि पूरे देश से साम्प्रदायिकता और असहिष्णुता के विरुद्ध उठी आवाज़े असर करने लगी हैं ....

मैं भाजपा की इस तुरत पहल का स्वागत करता हूँ .... यदि मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा इसी राह पर चल पड़ी तो मोदी जी की मुश्किलें कम होंगी .... और शायद वे ५ साल तक अपना कार्यकाल पूर्ण कर सकेंगे .... पर सफल होंगे या नहीं ? अब तक के निराशाजनक क्रियाकलाप से तो लगता है - नहीं !!!!

// गनीमत है गरीब बच्चे ने 'दारू पार्टी' में 'बीफ' नहीं खाया था .. अन्यथा ?? ..//


समाचारों के अनुसार - व्यापमिया शिवराज की कबीना मन्त्राणि कुसुम मेहदेले ने एक गरीब भीख मांगते बच्चे को 'दुल्लती' मार दी थी ( शायद 'गधों' के विशेषाधिकारों का हरण करते हुए ) ....

बवाल मचना था मचा .... सफाई आनी थी आई ....

समाचारों के अनुसार - मन्त्राणि ने शायद तब 'सूंघते' हुए अब यह आरोप जड़ दिया है कि लड़का शराब के नशे में था ( शायद 'कुत्तों' के विशेषाधिकारों का हरण करते हुए ) ....

जांच बैठनी थी - जांच बैठ गई ....

समाचारों के अनुसार - मुख्यमंत्री जी ने कह दिया है कि मन्त्राणि से स्पष्टीकरण माँगा था - जो आ गया है - अब जांच करेंगे और उसके बाद ही कुछ करेंगे ( शायद लोमड़ी के विशेषाधिकारों का हरण करते हुए ) ....

इंसानों के विशेषाधिकारों का उपयोग करते मैं प्रश्न करता हूँ कि ....

आज की तारीख में नेताओं के पाँव तो वही पड़ेगा जो या तो मूर्ख होगा या धूर्त होगा - या फिर नशे में होगा या लाचार होगा या भूखा होगा .... पर प्रश्न तो यह है कि मन्त्राणि ने उसे 'दुल्लती' क्यों मारी ????

आज की तारीख में इस देश में यदि किन्हीं अपात्र लोगों की गरीबों के पैसों से सुरक्षा हो रही है तो वो टुच्चे नेताओं और मंत्रियों की हो रही है .... निश्चित ही मन्त्राणि के साथ भी सिक्योरिटी की फ़ौज थी ही .... तो प्रश्न तो यह है कि क्या सुरक्षा कर्मचारी नशे में नहीं थे जो एक दारू पिया भिखारी बच्चा मन्त्राणि के चरणों तक पहुँच गया ???? यदि हाँ तो कुत्तों के विशेषाधिकारों का उपयोग तब क्यों नहीं हुआ ????

कुछ और प्रश्न - कुछ और महत्वपूर्ण ....

मध्यप्रदेश की कानून व्यवस्था इतनी चरमरा क्यों गई है कि यहां लोग खुले आम दिन में दारू पीकर घूमते पाए जाते हैं ????

मध्यप्रदेश की सामाजिक व्यवस्था इतनी दयनीय क्यों हो गई है कि यहां नाबालिग दारू के नशे में लड़खड़ाते भीख मांगते रहते हैं ????

मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति क्या थोड़ी बहुत सुधर गई है कि गरीब नाबालिग भिखारी के पास भी दारू पीने के लिए पैसे आ जाते हैं ?? या इतनी ज्यादा सुधर गई है कि कोई टुच्चा धन्ना सेठ उसे फ़ोकट में दारू पिला देता है ???? 

मुझे लगता है कि जो जांच बैठी है - उक्त खड़े-खड़े प्रश्नों पर बैठ जाएगी .... और सत्ता के नशे में चूर जवाबदार कई जंगली जानवरों के विशेषाधिकारों का हरण करते हुए गरीब भूखे बच्चे का 'नशा' उतार कर ही दम लेंगे ....

आखिर बच्चे ने नशे में मन्त्राणि के चरणों में गिरकर भीख मांगने का पाप जो किया था ?? ....

वो तो गनीमत है कि गरीब बच्चे ने 'दारू पार्टी' में 'बीफ' नहीं खाया था .... अन्यथा तो ....????

Monday 2 November 2015

// केजरीवाल सरकार अपने काम में मशग़ूल है - और मोदी सरकार ?? ....//


बाजार के सारे भोपूं भाजपा के कब्ज़े में हैं - सिवाय कुछ तीखी तेज़ पींपड़ी के ....

पर बाजार में सारा शोर भाजपा - आरएसएस - धर्म - जाति - हिन्दू - मुसलमान - दादरी - दाल - गौमांस - असहिष्णुता - साम्प्रदायिकता आदि इत्यादि पर ही हो रहा है ....

और शोर के केंद्र में हैं मोदी - मोदी सरकार - मोदी सरकार के दरबारी - मोदी सरकार के बेवकूफ कारिंदे - और कुछ छुट्टे बेवकूफ भी ....

पर गौरतलब है कि अब इस शोर में केजरीवाल को कोई गाली भी नहीं दे पा रहा है - कोई देता भी होगा तो वो आवाज़ शोर में उचक नहीं पा रही है ....

इससे निष्कर्ष निकलता है कि ....
केजरीवाल सरकार अपने काम में मशग़ूल है ....
और मोदी सरकार बेवकूफियां पटकने में मशग़ूल है ....

और स्वयं केजरीवाल ?? हा !! हा !! .... वो भी अपने काम में मशग़ूल हैं .... शोर में उनकी पींपड़ी की आवाज़ भी शामिल है - ताकि हल्ला मचाने वाले मोदी भी चैन से सो ना सकें .... हा !! हा !!

// आखिर १७ महीने बाद जेटली ने मान लिया कि सब गड़बड़झाला है भाई ....//


जेटली और सरकारी दरबारी रो रहे हैं कि मोदी के विरुद्ध असहिष्णुता का वातावरण बनाया जा रहा है .... सब लोग मोदी के खिलाफ साज़िश कर उन्हें पद से हटाना चाहते हैं ....

ये हुई ना कोई बात !!!! .... आखिर जेटली भी आ गए ना लाइन पर .... १७ महीने पहले तो बोल रहे थे कि मोदी सर्वलोकप्रिय हैं - पूरा देश उनके साथ खड़ा हुआ है - वे सर्वेसर्वा हैं - अब उन्हें कोई हटा नहीं सकता .... और मोदी ने तो २०१९ की जीत के साथ-साथ लगे हाथ २०२४ तक की लम्बीssss फेंक दी थी - और बेलगाम मोदीछाप झूठे वायदे उछाल दिए थे ....

पर आज १७ महीने बाद जेटली ने मान लिया कि सब गड़बड़झाला है भाई !! .... १०० टका टंच बात बोल दी है कि अब मोदी के विरुद्ध माहौल बनाया जा रहा है .... और मुझे लगता है कि अब क्योंकि मोदी को कोई पसंद नहीं कर रहा - इसलिए माहौल बन भी रहा है ....

बल्कि मैं देख रहा हूँ कि मोदी के खिलाफ माहौल बन चुका है .... मोदी विरोधी कामयाब होते दिख रहे हैं .... देश को जल्दी ही राहत मिलती दिख रही है .... बिहार में हार के बाद मोदी की ५ वर्षीय समयपूर्व छुट्टी की संभावनाएं और बढ़ चुकी हैं ....

और हाँ !! मुझे यह भी यकीन है कि जिस दिन मोदी जाएंगे उस दिन पाकिस्तान में मातम छाएगा ....
क्योंकि तब शायद धर्मनिरपेक्ष भारत प्रत्यक्ष 'विकास' होने की आस में एकजुट हो भाईचारे के साथ दिवाली मना रहा होगा - पटाखे फोड़ रहा होगा ....