Thursday 31 December 2015

// काश नववर्ष ऐसा हो .... काश नववर्ष में ऐसा हो ....//


मित्रो !! आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं .... आप स्वस्थ रहें प्रसन्न रहें संपन्न रहें ....

और ऐसी भी कामना करता हूँ कि मैं लिखता रहूँ और आपका स्नेह और सानिध्य प्राप्त करने का सौभाग्य पाता रहूँ ....

अब यह तो हो गई आपकी और मेरी व्यक्तिगत सहिष्णु बात ....
पर साथ ही एक और कामना भी करता हूँ - पूर्ण असहिष्णुता के साथ देशहित में ....

मैं कामना करता हूँ कि सभी टुच्चे राजनीतिज्ञ और साम्प्रदायिकता का ज़हर फैलाने वाले आपस में खूब लड़ें - एक दूसरे की खूब चुगली करें - एक दूसरे की पोल खोलें - एक दूसरे को नीचा दिखाएँ - गालियां दें निंदा करें - खूब चिढ़ें कुढें और अंततः हैरान परेशान मरे कटें और हमारा पिंड छोड़ें ....

और इस तरह गरीब आम जनता को कुछ राहत मिले ....

वैसे यदि ऊपरवाला इन मानसिक रोगियों को सदबुद्धि प्रदान कर इन्हें सही कर दे - तो मुझे तो इसमें भी कोई आपत्ति नहीं - ईश्वर की मर्ज़ी सर आँखों पर .... मेरी किसी से जाती दुश्मनी थोड़े ही है .... है ना !!

और मैं यह भी कामना करता हूँ कि मेरी आशा के स्त्रोत और सन २०१५ के सबसे सफल और चर्चित व्यक्ति श्री अरविन्द केजरीवाल सन २०१६ में भी अपने प्रशंसनीय कार्यों के लिए चर्चित रहें और छाये रहें और सफल हों .... और उनके तेवर गुस्से और साहस में कोई कमी नहीं आये .... क्या है यह सब देख कर सकून भी मिलता है और हाँ - मनोरंजन भी होता है .... आमीन !!!!

// "उत्तापदेस" की चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं ....//


दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे का आज मोदी जी द्वारा उदघाटन किया गया .... नोएडा में .... 

मौके पर गडकरी जी ने भावी योजनाएं भी गिनायीं - जो दिल्ली और उत्तरप्रदेश या उत्तराखंड से संबंधित ही रहीं - मसलन दिल्ली देहरादून - या फिर गंगोत्री यमुनोत्री बद्रीनाथ केदारनाथ - या लखनऊ तक के मार्ग ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

भले ही १९ महीने लगे - पर एक अच्छे काम की शुरुआत तो हुई .... अब हर कार्य में समय तो लगता है भाई !! .... थोड़ा ज़्यादा भी लगे तो क्या - चलता है भाई !! .... इसलिए मोदी जी को तत्काल पहली बधाई और साधुवाद ....

और मुलायम को सूचना .... "उत्तापदेस" की चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं .... बेटे को समझा दें .... और बता दें मोदी कितना भी अच्छा मार्ग क्यों ना बना दें - पर बेटा नोएडा मत जाना .... तुम सैफई तक नहीं आओ तो भी चलेगा - पर बेटा नोएडा मत जाना .... और हाँ बेटा जरा मेरा और तोते का भी ध्यान रखना .... समझे !!

// छगन - बनाम - रमन-जोगी .... ओये .. धड़ाम !! ....//


व्हाट्सप का ज़माना है - अच्छे चुटकुले अफवाहों से भी जल्दी फ़ैल जाते हैं - एक चुटकुला जो आपने भी सुन लिया होगा - संशोधन सहित संक्षिप्त में निम्नानुसार ....

गगनचुम्बी १०० माला इमारत पर हाई प्रोफाइल रूफ पार्टी चल रही थी - एक बन्दा बदहवास आया और चिल्लाया - छगन भाई !! तुम्हारे बँगले में छापा पड़ गया १०० करोड़ बरामद .... और देखते देखते आवेश में 'वो' १०० माले से नीचे कूद गया .... पर जब ७५ माले तक पहुंचा तो बोला - ओये !! मेरे पास तो १०० करोड़ थे नहीं - ५० माले तक पहुंचा तो बोला - ओये !! मेरा तो कोई बँगला ही नहीं - २५ माले तक पहुंचा तो बोला - ओये !! मैं तो छगन नहीं ....
और फिर .... !! धड़ाम !! ....

आज ये चुटकुला मुझे फिर गुदगुदा गया क्योंकि  .... 

छत्तीसगढ़ में सब कुछ सामान्य हो सभी छगन मगन रमन जोगी पार्टी मोड में ऐशो आराम फरमा रहे थे कि एकाएक एक CD सामने आई .... जिसमें रिकार्डेड बातचीत से ये ज़ाहिर होता है कि - एक कांग्रेसी बिक रहा है - और कुछ भाजपाई खरीद रहे हैं .... यानि स्पष्ट हो रहा है कि लाज शर्म ईमान इज़्ज़त आबरू तन छोड़ मन धन सब की खरीद फरोख्त हो रही है ....

और कांग्रेस के सबसे बड़े नेता अजीत जोगी पर और भाजपाई मुख्यमंत्री रमन सिंह पर इलज़ाम चिपक गए .... उद्घोषणा हुई - ये तो हद हो गई - लोकतंत्र की हत्या हो गई ....

और ऊंचाई पर पहुंचे लोगों का तत्काल पतन शुरू हो गया ....

रमन बोले - ओये मेरी तो कोई बात नहीं हुई - ओये मेरा दामाद से कोई लेना देना नहीं - ओये मेरी पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं ....

जोगी बोले - ओये सभी आरोप बेबुनियाद - ओये मेरी तो किसी से बात ही नहीं हुई - ओये ये तो मेरी आवाज़ ही नहीं ....

पर मित्रो !! अब !! धड़ाम !! की आवाज़ आना शेष है .... जो आ जाएगी ७ जनवरी को - क्योंकि चुनाव आयोग ने CD जांच के आदेश देकर ७ जनवरी तक रिपोर्ट तलब कर ली है .... !! धड़ाम !!

Wednesday 30 December 2015

// अब ससुरी पार्टी कह रही - दामाद से क्या लेना देना ?? ....//


आज छत्तीसगढ़ का बहुत ही मज़ेदार मामला सामने आया है - पता चला है कि साल डेढ़ साल पहले एक उपचुनाव में काँग्रेसी प्रत्याशी ने अपना नाम भाजपाई प्रत्याशी से सांठ गाँठ कर और करोड़ों रुपये प्राप्त कर वापस ले लिया था ....

ध्यान रहे ये वाकया तो उस वक्त घटना के समय भी सुर्ख़ियों में आया था .... पर राजनीतिक सुर्खियां कहाँ हमेशा सुर्ख रह पाती हैं .... जल्द ही भुला दी जाती हैं .... या दफन कर दी जाती हैं ....

पर कभी-कभी ये सुर्खियां कब्र में से भी बाहर आ टपकती हैं .... और इस मामले में भी चूँकि एक प्रतिष्ठित और वो भी अंग्रेजी वाले अखबार ने एक ऑडियो क्लिप जारी कर मारी है - सबकी घिघ्घी बंध गई है .... सबकी इसलिए क्योंकि इसमें दोनों भ्रष्ट पार्टी भाजपा और काँग्रेस की पोल खुल गई है .... और वो इसलिए कि एक काँग्रेसी बिका और भाजपाई ने ख़रीदा .... और इस खरीद फरोख्त की बात रिकॉर्ड कर ली गई और सार्वजनिक कर दी गई ....

और इस ऑडियो क्लिप में जो महारथी बात कर रहे हैं वो हैं - काँग्रेसी बाप बेटे अमित और अजीत जोगी - और भाजपाई मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता ....

और स्वाभाविक रूप से काँग्रेस और भाजपा ने टेके लगाने शुरू कर दिए हैं ....

काँग्रेस की तरफ से अमित अजीत जोगी को नोटिस जारी हो गए हैं - अजीत जोगी ने "जेटली कार्ड" खेल दिया है ये घोषित करके कि - सब बकवास - और अब वो अखबार और सब पर मानहानि का दावा ठोंकने वाले हैं ....

पर भाजपा की तरफ से बड़ा रोचक टेका सामने आया है - कह रहे हैं मुख्यमंत्री के दामाद जी भाजपा के किसी पद पर नहीं इसलिए पार्टी का उससे कोई लेना देना नहीं ....

मित्रो !! क्योंकि मामला इस देश की सबसे बड़ी चोर भ्रष्ट पार्टियों से संबंधित है इसलिए ये मामला भी दफ़न कर दिया जाएगा .... और किसी का भी बाल बांका नहीं होगा ....
पर आज मुझे भाजपा और कांग्रेस से चुभते हुए समानांतर निम्न प्रश्न पूछने का मौका मिल गया है .... 

ये दो दामाद - यानि रॉबर्ट वाड्रा और पुनीत गुप्ता की राजनीतिक सामाजिक या रिश्तों की स्थिति में क्या अंतर है ????
क्या रॉबर्ट वाड्रा के कृत्यों के लिए कांग्रेस जवाबदार नहीं थी ????
क्या पुनीत गुप्ता के कृत्यों के लिए भाजपा जवाबदार नहीं है ????

इन दामादों के ससुराल वाले क्या उत्तर देंगे .... और क्या ससुरी पार्टियां भी उत्तर देंगी ????

// तो लो - रईसों की 'ऑड' समस्या का भी हो गया 'ईवन' निदान ....//


जब से दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा ऑड ईवन फॉर्मूले की घोषणा करी गई थी - तब से कार वाले रईस बहुत डांवाडोल हो रहे थे - बिलबिला भी रहे थे - बेचारे बहुत परेशान चिंतित मायूस दुखी थे .... और दुःख का कारण था कि वे कार की सुविधा कैसे छोड़ सकेंगे - ऐशो आराम में खलल कैसे सहन कर पाएंगे .... चिंता थी कि कार के बिना वे तो 'दिव्यांग' से हो जाएंगे ....

पर ये टुच्चे रईस - सही बात खुल के बोलने की हिम्मत नहीं कर पाए - और एवज़ में हल्ला मचाते रहे कि - मानलो हमारे घर परिवार में किसी को आपात चिकित्सा की आवश्यकता पड़ जाए तो क्या होगा ??

लेकिन अब रईसों की 'ऑड' समस्या का भी 'ईवन' निदान हो गया है .... आज घोषणा हो गई कि यदि आप ऑड ईवन का उल्लंघन करते पाए गए तो आपको २००० रुपये का जुर्माना देना होगा - पर केवल एक बार ....

तो बुद्धू रईसों को मेरी सलाह है कि - रईस लोग आपात स्थिति में २००० रुपये का चालान कटवाएं और आपात स्थिति से निपट लें .... और हाँ फिर टैक्सी बुलवाने के लिए भी तो केजरीवाल ने किसी पर भी कोई पाबंदी लगाईं नहीं है ??

पर यदि टुच्चे रईसों का अगला प्रश्न ये हो कि कहाँ से लाएं २००० रुपये या टैक्सी के पैसे तो मेरा उनको कहना है - कृपया विचार करें कि जब 'बे-कार' गरीब के घर परिवार में भी आपात चिकित्सा स्थिति आन पड़ती हो और उसे २० रुपये या २०० रुपये की आवश्यकता होती हो जो उसके पास नहीं हों - तो क्या होता होगा ????

इसलिए सभी टुच्चे रईसों से मुट्ठीबंद निवेदन - तुम्हारी 'ऑड' समस्या का भी 'ईवन' निदान हो गया है - इसलिए अब ज्यादा उचकना ठीक नहीं - अनावश्यक प्रदूषण ना फैलाएं - समझे !!

Tuesday 29 December 2015

// टीवी चैनलों का 'दिव्यांग' खुलासा - केजरी का 'ऑटो परमिट घोटाला' ..//


दिल्ली में प्रदूषण - उपाय बतौर इवन ऑड कार का फार्मूला लागू करने का निर्णय - आवश्यकता महसूस हुई बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की - निर्णय हुआ १०००० ऑटो सड़क पर उतारने का - २३ दिसंबर से ऑटो परमिट जारी किये जाने लगे - २-३ रोज़ में ही ९७२ ऑटो परमिट जारी किये गए पर साथ ही उसमें गड़बड़ी होने की खबर लगी - पता चला विभाग के कुछ अधिकारी इस कार्य में भी ब्रष्टाचार कर गए - तत्काल कार्यवाही हुई - सभी ऑटो परमिट रद्द किये गए और भ्रष्टाचार आरोपित अधिकारी निलंबित ....

और अग्रणी ABP चैनल सहित कई चैनेलो का भौंपू बज उठा - 'दिव्यांग' दिमाग चल निकला - बार्किंग न्यूज़ प्रसारित होने लगी - केजरीवाल सरकार के नाक के नीचे करोड़ों का भ्रष्टाचार - केजरीवाल सरकार पहले बड़े घोटाले में फंसी - केजरीवाल की नाक के नीचे करोड़ों का ऑटो परमिट घोटाला .... और लगे हाथ महान भाजपा का केजरीवाल के घर बड़ा भारी धरना प्रदर्शन - और भाजपा कांग्रेस द्वारा दिल्ली सरकार के ना केवल परिवहन मंत्री बल्कि केजरीवाल के इस्तीफे की मांग भी कर दी गई .... और रूटीन में केजरीवाल को कई अच्छे-अच्छे शब्दों से अलंकृत भी किया गया ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

कल की घटना - और आज सभी समाचार पत्रों में खबर कि - मध्यप्रदेश के आरटीओ में पदस्थ एक कांस्टेबल के यहां लोकायुक्त का छापा और करोड़ों की अनुपातहीन संपत्ति का पता चला .... और ऐसी खबरें आम हैं ....

और कुछ ही दिन पहले इस देश के परिवहन मंत्री गडकरी जी ने स्वयं बयान दिया था जिसे उन्होंने होशो हवास में इंदौर प्रवास के दौरान दोहराया भी कि - आरटीओ के अधिकारी चम्बल के डाकुओं जैसे ....

इसलिए उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में मेरा एक ही चुभता सा प्रश्न ....

दिल्ली में यदि घोटाला केजरीवाल की नाक के नीचे हुआ तो पूरे देश में ये आरटीओ के डकैती तुल्य लूट खसोट और भ्रष्टाचार भाजपाई गडकरी और शिवराज के कौन से 'दिव्यांग' के नीचे घट रहा है ????

और हाँ !! ये दिल्ली के सभी घोटाले जो केजरीवाल की नाक के नीचे होते रहे हैं - और देश के अन्य घोटाले भी - क्या इन्हें केंद्र सरकार बस देखती रहेगी करेगी कुछ नहीं - जैसे कि डीडीसीए मामले में केंद्र सरकार अपने सभी 'दिव्यांग' बंद करे बैठी है - बिलकुल सन्न और सुन्न ??

और यदि हाँ तो "ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा" का क्या ???? .... केजरीवाल को रोकते क्यूँ नहीं ?? या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि केजरीवाल रोके नहीं जा रहे - वो तो ठोके ही जा रहे हैं - और वो भी डेरिंग डैशिंग डायनामिक एक्शन हीरो प्रधानमंत्री की शायद नाक के नीचे ही - और ५६ इंची छाती पर चढ़ कर - हा !! हा !! हा !!

जिन भक्तों को मेरे लेख में मज़ा ना आया हो उन्हें सलाह - वो केजरीवाल के द्वारा बरखा दत्त को दिया ताज़ा इंटरव्यू ज़रूर देखें - मेरा दावा है - मज़ा आ ही जाएगा !!!!

Monday 28 December 2015

// एक दिमागी दिव्यांग का अखंड भारत .. "खाने चणें ते पद मारना बदामां दे" ..//


क्या दिव्यांग दिमाग है !! .... क्या परिकल्पना है !! .... अखंड भारत !! .... यानि भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश फिर एक !!!!

पर मेरा दिमाग दिव्यांग नहीं .... इसलिए मेरी प्रतिक्रिया ....

अभी-अभी तो आंध्रा के दो टुकड़े कर निपटे हो .... इसके पहले छत्तीसगढ़ झारखण्ड उत्तराखंड .... और आगे है विदर्भ .... पर फिर भी अखंड भारत ??

क्या अखंड भारत "सेक्युलर" होगा ?? .. और क्या इस "सेक्युलर शब्द से करंट तो नहीं लगेगा ?? .. क्या देश के प्रधानमंत्री कोई शरीफ या बेगम होंगी ?? .. क्या पाकिस्तान में तोड़े गए मंदिरों का पुनर्निर्माण नहीं होगा ?? .. क्या सारे झगडे टंटे खत्म हो जाएंगे - या होने दिए जाएंगे ?? .. क्या आरएसएस और हुर्रियत का विलय हो जाएगा ??

और फिर क्या अखंड भारत सशक्त नहीं हो जाएगा ?? .. तो फिर क्या सशक्त हो चीन पर चढ़ाई नहीं करेगा - टुच्चा बहुत दिनों से चिचियाय जो रहा है ?? .. और यदि ऐसा ही हुआ तो फिर भारत भारतेशिया तो नहीं हो जाएगा ?? .. और फिर रूस भी साथ ही लगा है जहाँ मोदी जी अभी हो कर आएं हैं - कुछ तो सेटिंग हो ही गई होगी .. तो क्या भारत भारतेरूसेशिया हो जाएगा ?? ....

मित्रो आगे आपको बोर करने का कोई इरादा नहीं हैं - इसलिए अपनी प्रतिक्रिया को पंजाबी की लोकोक्ति के साथ विराम देना चाहूंगा ....

कई दिमागी दिव्यांगों का हाल यूं हो चला है कि - "खाने चणें ते पद मारना बदामां दे" ....

Sunday 27 December 2015

// क्या दिमाग से "दिव्यांग" भी कभी .. सही-सही सोच सही बोल पाते हैं ?? ..//


आज मोदी जी के 'मन की बात' फिर सुनी .... हमेशा की तरह मज़ा नहीं आया - और कुछ नया अंतर भी अनुभव किया ....
इस बार भाषण देने या बोलने की कला में भी पिछड़ते दिखे .... शायद लम्बी लम्बी बातें लम्बी लम्बी साँसों के साथ बोलना अब मुझे लुभावना तो दूर - अब बहुत पकाऊ लगा ....

और जहाँ तक उनकी बात में विषयवस्तु की बात है तो मेरा विश्वास पक्का हो रहा है कि उनके पास कुछ नया बोलने के लिए रह ही नहीं गया है .... इसलिए घूम फिर कर जनधन - स्वच्छता - जयंती - विश्व - मानवीय - नया फोकटी प्रोग्राम - और शुरुआत मध्य या अंत में गैस गैस और गैस .... और फिर कुछ सामान्य व्यक्तियों की बात और तारीफ - कुछ सुझाव मांगना और कुछ अटपटे सुझाव दे अपने कर्तव्यों और फेंकने की इतिश्री .... और हो गई 'मन की बात' ....

और अंत में कहता चलूँ कि शायद कई उत्साहित भक्त भी इस बार मन मन में सोच और चाह रहे थे कि इस बार मोदी अपनी वीर बचकानी पाकिस्तानी यात्रा के दौरान हैप्पी बर्थडे और निकाह आशीर्वाद विषयक कुछ बोलेंगे .... पर ऐसा ना होना था ना हुआ ....

बल्कि इस बार वो एक पुरानी सुनी नई चीज़ बोले - कि मेरी मानें मेरी सोच अनुसार मेरा अनुसरण कर मेरी इच्छा अनुसार मेरे मत अनुसार पूरा देश "विकलांग" की जगह "दिव्यांग" बोले .... 

और इसलिए मेरी बात का समापन करते हुए मेरे स्टाइल में मेरी प्रतिक्रिया ....

क्या दिमाग से "दिव्यांग" भी कभी .. सही-सही सोच सही बोल पाते हैं ??

Friday 25 December 2015

// मादरे वतन पर न्यौछावर हो जाने का दावा करने वाले भक्तों से निवेदन ..//


मेरा पाला ऐसे कई भक्तों से पड़ चुका है जो छाती फुला मादरे वतन के नाम पर लम्बी लम्बी छोड़ते रहे हैं - और अपनी देशभक्ति के प्रमाण देने हेतु पाकिस्तान को गालियां देते रहे हैं - और फिर लगे हाथ धर्म के नाम पर ओछी घिनौनी राजनीति भी करते रहे हैं .... और फिर कुछ ओजस्वी डायलाग भी देते रहे हैं ....

और ऐसे ही भक्तों के नाम आज मेरा विनम्र निवेदन ....

आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कुछ नया किया है - और दोस्ती का बहुत मज़बूत हाथ पाकिस्तान की ओर बढ़ा दिया है - और वो भी निहायत अप्रत्याशित तरीके से .... अकस्मात् पाकिस्तान पहुँच कर - सारे प्रोटोकॉल को धता बताते हुए !! .... माना - सराहनीय !!

और मेरा ऐसा मानना है कि कोई भी समस्या का हल बातचीत से ही बेहतर हल होता आया है - और पाकिस्तान के साथ हमारा झगड़ा भी मोदी जी बातचीत से सुलटा सकते हैं ....

पर मुझे बातचीत से झगड़ा सुलट जाने की एकमात्र संभावना इस बात पर निर्भर लगती है कि दोनों देश आज की स्थिति अनुसार ही जम्मू-कश्मीर का विभाजन स्वीकार कर लें - वर्तमान "LOC" को स्वीकार लें - और भक्त लोग ऐसी भावना और ओजस्वी बयानों को अपने दिलो दिमाग से निकाल दें कि पाकिस्तान को १ इंच जमीन नहीं देंगे - "POK" भारत का हिस्सा था है और रहेगा - पाकिस्तान के दांत खट्टे कर देंगे - सबक सिखा देंगे - आदि !!!!

और इसके बजाय अपने डेरिंग डायनामिक डैशिंग एक्शन हीरो मोदी जी पर भरोसा रखें - शांत हो ऐसी आशा करें कि मोदी जी जो भी निर्णय करेंगे उचित ही करेंगे .... फिर हो सकता है थोड़ी बहुत और ज़मीन भी छोड़नी पड़े तो भी शांत रहें .... यानि उचकना बहुत हो गया अब हर स्थिति में शांत रहें तो बेहतर !!!!

और यदि मेरी बात समझ में ना आई हो तो - फिर चिल्लाते रहें - अपना खून जलाते रहें - कोई कर भी क्या सकता है ?? मैं भी आपकी क्या मदद कर सकता हूँ - बताइये !!!!

// डेरिंग डैशिंग डायनामिक एक्शन हीरो मोदी आज अकस्मात् पाकिस्तान में ..//


आज अभी स्वयं मोदी जी की तरफ से देश को ब्रेकिंग सूचना मिली है कि काबुल से लौटते वक्त मोदी रास्ते में पाकिस्तान के लाहौर में उतरेंगे और नवाज़ शरीफ से मिलेंगे और जन्मदिन की बधाई देंगे ....

मित्रो !! आज तो मैं शत्रुघन सिन्हा को मान गया - बहुत दिनों से वे बोलते रहे हैं कि हमारे प्रधानमंत्री "डेरिंग डैशिंग डायनामिक एक्शन हीरो" हैं .... कटु सत्य !!

और इसलिए मेरा ऐसा मत है कि अब वक्त आ गया है जब भाजपा को शत्रुघन सिन्हा की हर बात पर गौर से ध्यान देना चाहिए .... और जेटली - आज़ाद विवाद में तो तत्काल ही ....

तो हाले-फिलाले - सबके लिए बेहतर है - खामोश !!

// जेटली के इस्तीफे के बाद सुषमा वित्तमंत्री और विदेश प्रभार संभालें मोदी ..//


अभी मोदी जी का अफगानिस्तान की पार्लियामेंट से सीधा भाषण सुना .... मोदी खूब बोले और बहुत अच्छा बोले .... और भारत के हवाले से जो कुछ भी बोले उससे भारत को निश्चित ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाभ प्राप्त होगा .... और भाषण के अनेक अंश बेहद अच्छे थे और लगभग हर २-३ वाक्यों के बाद तालियां बजीं .... और सबसे बड़ी बात - मुझे यकीन है कि ओजस्वी और शानदार भाषण से भारत और अफगानिस्तान के संबंध सुदृढ़ होंगे और इससे भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति मजबूत होगी ....

आज का भाषण सुन मुझे पुनः लगा कि मोदी जी के लिए यदि कुछ सबसे उपयुक्त हो सकता है तो वो है विदेश मंत्री का पद ....

और चूँकि सुषमा स्वराज अभी तक विदेश मंत्री के रूप में कुछ विशेष नहीं कर पाई हैं और लमो विवाद में अपयश भी प्राप्त कर चुकी हैं - और चूँकि जेटली जी का भी इतीफा होना अटलनीय प्रतीत होता है .... अतः देशहित में मेरा सुझाव है कि जेटली जी के इस्तीफे के बाद, सुषमा जी को वित्तमंत्री का प्रभार दिया जाए और मोदी जी विदेश मंत्रालय का प्रभार स्वयं अपने पास रखें ....

वैसे कौन मंत्री होगा या नहीं या किसको कौनसा मंत्रालय दिया जाएगा इसका विशेषाधिकार तो प्रधानमंत्री के पास ही होता है .... पर देखा गया है कि मोदी जी मार्गदर्शन प्राप्त करते रहते हैं - और उनके कृत्य भी ऐसे रहते हैं की मार्गदर्शक उन्हें यदाकदा मार्गदर्शन देते ही रहते हैं .... बस यही सोच कर मैंने सोचा अपनी तरफ से मोदी जी को मार्गदर्शन दे दूँ - बाकी तो उनकी मर्ज़ी .... है ना ??

// रईस जेटली डीडीसीए में करने क्या गए थे ?? .. और कर क्या रहे थे ?? ..//


अब 'भाजपा के टेके' टेका दे रहे हैं कि जेटली तो इतने करोड़पति हैं कि उन्हें डीडीसीए के अंतर्गत कोटला स्टेडियम निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार करने की क्या आवश्यकता थी ?? .... इसलिए जेटली ने कुछ भ्रष्टाचार किया होगा यकीन ही नहीं होता ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

क्या रईस लोग टुच्चे नहीं होते या टुच्चे रईस नहीं होते ??
क्या रईस टैक्स की चोरी नहीं करते ??
क्या रईस जनता के और सरकारी पैसों का गबन नहीं करते ??

क्या गरीब भ्रष्टाचार करते हैं ??
क्या कोटला स्टेडियम का निर्माण करने वाले मज़दूरों ने भ्रष्टाचार किया था ??
क्या किसी भी निर्माण कार्य में मज़दूर भ्रष्टाचार कर सकते हैं ??

क्या बंगारू लक्ष्मण जयललिता या लालू को भ्रष्टाचार करने की बहुत आवश्यकता थी ??
क्या माननीय मनमोहन सिंह को या सलमान खुर्शीद को भी भ्रष्टाचार करने की आवश्यकता थी ??

क्या जेटली जो वकालत से करोड़ों कमाते हैं वो डीडीसीए के स्टेडियम में भुट्टे सेंकने गए थे ??
ये सारे बड़े रईस नेता क्रिकेट संस्थाओं की तरफ ऐसे क्यों खिंचे जाते हैं जैसे गूँ पर मक्खी ??

क्या जेटली जी में इतनी सामान्य बुद्धि भी नहीं थी कि वो ये जान सके कि डीडीसीए में घपला घोटाला हुआ और हो रहा है और आगे भी होता रह सकता है ??
यदि हाँ तो क्या ऐसा बुद्धू व्यक्ति देश का वित्तमंत्री होने लायक है ??
क्या ऐसे सिद्ध बुद्धू को मंत्री बनाया जाना चाहिए था - जो कि खुद का चुनाव तक हार गया था ??

और क्या शरद पंवार जैसे लोग यदि जेटली का बचाव करते दिख रहे हैं तो इसलिए तो नहीं कि हमाम में सब नंगे हैं ??
और यदि हाँ तो क्या नंगों के हमाम में झांक कर नंगों को चिढ़ाना कुढाना डराना धिक्कारना अपमानित करना नंगों कि मानहानि कहलाएगी ????

और यदि नहीं तो फिर केजरीवाल या कीर्ति आज़ाद किस बात के दोषी ?? .. हमाम के नंगों के कैसे मानवाधिकार और कैसा मान ??

पुनश्चः .... मित्रो !! कृपया बहुत गंभीरता से गौर फरमाइयेगा ....
बहुत यकीन से कहता हूँ कि - मजबूर गरीब एक बार चोरी कर लेगा - छीनाझपटी कर लेगा - उठाईगिरी कर लेगा - डकैती डाल देगा - पर वो भ्रष्टाचार तो कर ही नहीं सकता - क्योंकि वो भ्रष्टाचार करने की औकात ही नहीं रखता .... भ्रष्टाचार तो केवल रसूखदार जो किसी ऊँचे नीचे पद पर आसीन होता है वही करता है - और टुच्चा जितना रईस होता है और जितने ऊंचे पद पर आसीन होता है - भ्रष्टाचार वो उतना ही बड़ा करता है ....
और इसलिए मेरा बहुमूल्य अकाट्य आंकलन .... यदि डीडीसीए में उतना ही बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है जितना बताया जा रहा है तो वो अरुण जेटली के अलावा कोई कर ही नहीं सकता था - क्योंकि जेटली के आगे ऐसा करने की किसी की औकात ही कहाँ थी ?? .... और इसलिए ही जेटली के अलावा ना तो कोई अन्य आरोपित है ना कोई परेशान दिखता है और ना कोई प्रताड़ित ही हुआ है .... है ना !!!!

Thursday 24 December 2015

// मोदी रूस में - यहां टीवी चैनलों पर फुलटाइम "केजरी और कीर्ति" - क्यों ?? ..//


जब भी मोदी विदेशी दौरों पर जाते थे तो 'मोडिया' बौरा जाता था .... और पूरे विदेश दौरे के दौरान यहां टीवी चैनलों पर फुल टाइम दौरे का कवरेज होता था ....

पर इस बार जब मोदी रूस के महत्वपूर्ण दौरे पर गए हैं तो 'मोडिया' कवर ही नहीं कर रहा है .... यहां टीवी चैनलों पर फुल टाइम "केजरी और कीर्ति" ही छाये हुए हैं ....

क्या हुआ ?? क्या जोश ठंडा पड़ गया ?? क्या पानी उतर गया ?? क्या मोहभंग हो गया ??

// तो क्या शर्मदार सांसदों का वेतन भी बेशर्म विधायकों के समान बढ़ेगा ?? ..//


मित्रो मैनें ०४/१२/१५ को अपने ब्लॉग पर एक लेख लिखा था .... // केजरीवाल का वेतन निर्धारण - और विरोधी सोच रहे - काश !! ....// >> http://bpdua.blogspot.in/2015/12/blog-post_76.html

और मौका था जब केजरीवाल वाली दिल्ली विधानसभा के मार्फ़त दिल्ली के विधायकों की स्वनिर्धारित वेतन वृद्धि प्रस्तावित करी गई थी - जिसकी कई टुच्चों द्वारा मात्र टुच्चई का प्रदर्शन करने के इरादे से कलपते हुए निंदा की गई थी - और जो निंदा करते हुए मन में सोच रहे थे - काश !!

और मेरी बात मात्र २० दिनों में ही सिद्ध हो गई .... क्योंकि इतनी जल्दी आज ये बात भी सामने आ गई कि अब मोदी जी वाली संसद के मार्फ़त देश के सांसदों के वेतन भत्ते स्वनिर्धारित २ गुना बढाए जाना  प्रस्तावित हुआ है ....

मेरी अद्यतन प्रतिक्रिया ....

क्या शर्मदार सांसदों का वेतन भी बेशर्म विधायकों जैसे ही स्वनिर्धारित बढ़ा लिया जाएगा ??
या संसद भी अब अपने सांसदों का वेतन दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल जी का अनुसरण करते हुए स्वयं बढ़ा लेगी ??

और ....

क्या शर्मदार भक्त केजरी को दिए अपशब्दों का प्रयोग ज़रा उपयुक्त व्यक्तियों के लिए भी करेंगे ??
क्या बेशर्म भक्त अब भी केजरीवाल को अपशब्द कहने की बेशर्मी से बचेंगे ??
हा !! हा !! .... कैसी कही ?? कैसी लगी ??

// ये है "केजरी स्पोर्ट्स सपोर्ट फाउंडेशन" .. और खेल की शुरुआत हो गई है ....//


मित्रो याद होगा जब केजरीवाल ने प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव को सीना ठोंक कर 'आप' पार्टी से बाहर किया था - बड़े आराम से - तब सबसे ज्यादा परेशानी और ख़ुशी हुई थी भाजपाइयों और कोंग्रेसियों को .... और उस वक्त कहा गया था कि केजरीवाल किसी की सुनते नहीं और पार्टी में तानाशाही व्याप्त हो गई है .... और भूषण यादव की सही तीखी सत्य बातें केजरीवाल को हजम नहीं हो रही थीं - इसलिए उन्हें बाहर कर दिया ....

पर प्रशांत और योगेन्द्र संभल भी ना पाए थे और भाजपाई और कोंग्रेसी अपने पत्ते सही चल भी ना पाए थे कि केजरी ने एक नए खेल संस्थान की शुरुआत कर दी है .... "केजरी स्पोर्ट्स सपोर्ट फाउंडेशन" की ....

और आज इस संस्थान के मार्फ़त खेल सफाई के कार्य की शुरुआत हो गई है - क्योंकि केजरीवाल ने कीर्ति आज़ाद को भाजपा से आज़ाद करवा दिया .... बस यूं ही खेल खेल में - अपने पाले में आई गेंद को भाजपा के पाले में ठोंक कर .... और अब भक्त बड़ी शर्मिंदगी से बोल रहे हैं कि - कीर्ति आज़ाद की सही तीखी सत्य बातें मोदी शाह जेटली को हजम नहीं हो रही थीं - इसलिए उन्हें बाहर कर दिया .... 

और अब अगली बारी शत्रुघन की है - फिर आर.के. सिंह .... फिर जेटली की - फिर सुषमा की तो तय है - फिर लपेटे में वसुंधरा भी - फिर राजनाथ .... और शायद अंत की शुरुआत करेंगे - कुछ रूठे-रूठे मुरली यशवंत और आडवाणी फूफाजी ....

और हाँ अभी तो शुरुआत हुई है 'किरकिट' से - और लगे हाथ अगला नंबर लग गया है हॉकी का ....
और इसके बाद मुझे लगता है कि "केजरी स्पोर्ट्स सपोर्ट फाउंडेशन" का अगला निशाना होगा - फुटबॉल - बैडमिंटन ....आदि .... और अंत में नंबर आएगा - कबड्डी और कुश्ती और मुक्केबाजी और शूटिंग का .... जब केजरीवाल फायर करेंगे कुछ निशाने सही निशानों पर ....

तो अब कमाल देखिये "केजरी स्पोर्ट्स सपोर्ट फाउंडेशन" का .... जिसके आयोजक - प्रायोजक - सह प्रायोजक - मीडिया पार्टनर - संस्थापक - संरक्षक हैं - खिलाड़ियों के खिलाड़ी अरविन्द केजरीवाल ....

और फेडरेशन का स्लोगन है - "सभी खेल संस्थाओं से राजनीतिज्ञों की छुट्टी हो" !!!!

Wednesday 23 December 2015

// केजरीवाल की शान में विरोधियों के क़सीदे .. और मेरे 'मन की बात' ..//


कल फिर एक बार केजरीवाल की दहाड़ सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ - वे अपनी दिल्ली विधानसभा में बचन फरमा रहे थे ....  

केजरीवाल राजनीति करते हैं - ललकारते हैं - लड़ते हैं - लताड़ते हैं - दहाड़ते हैं - तेवर दिखाते हैं - बात का बतंगड़ बना देते हैं - और हर बात को मुद्दा - मुद्दे की बात भी और बकवास भी करते हैं - बकवास का मुद्दा भी नहीं छोड़ते - गड़े मुद्दे और मुर्दे भी उखाड़ ही लेते हैं - और मुद्दे का मुद्दा और मुद्दई को भी नहीं छोड़ते - मज़ाक भी करते हैं - मज़ाक भी उड़ाते हैं - तंज़ भी कसते हैं - ताने भी देते हैं - और लू भी उधेड़ कर रख देते हैं - गजब के असहिष्णु हैं - और थोड़े सहिष्णु - गुस्सैल भी हैं - अपशब्दों का अच्छा खासा प्रयोग करते हैं - और वो पढ़े लिखे भी हैं और अनपढ़ों की भाषा भी अच्छी बोलते हैं - वो निश्चित ही ईमानदार हैं और भ्रष्टाचारियों के लिए एक काल हैं  - वो निडर हैं और डराने में सक्षम - और इस तरह वो एक अजब गजब 'क्रांतिकारी' स्थापित होते हैं ....

ये सारा बखान में ऐसे ही नहीं कर रहा - डीडीसीए-जेटली प्रकरण जब से केजरीवाल के द्वारा शुभ मुहूर्त में शुरू किया गया - तब से लेकर कल तक उनके दिल्ली विधानसभा में दिए लम्बे "बचन" से इन सब बातों के पुख्ता प्रमाण मिलते हैं .... और मैं दावे से कहता हूँ कि यह सभी बातें टीवी चैनलों पर उनके विरोधियों द्वारा या पत्रकारों द्वारा ही बोली गईं हैं - कुछ उनके विरोध में - कुछ उनके पक्ष में - कुछ चिढ कर - कुछ कुढ़ कर - और कुछ तारीफ में - और कुछ उनकी शान में ....

और यकीन मानिये कि उपरोक्त एक बात भी मैंने मेरे मन से नहीं कही है .... क्योंकि मेरे 'मन की बात' तो मैं अब कर रहा हूँ .... तो ज़रा गौर फरमाइए ....

ये केजरी विरोधी ना मालूम किस गंदी मिटटी के बने हैं जो बेशर्मी के साथ भ्रष्टाचार के प्रति असहिष्णु हैं और भ्रष्टाचारियों के प्रति सहिष्णु .... और इनके ना मालूम कितने ही दोहरे तिहरे चौहरे मापदंड देखने को मिल रहे हैं - और साक्षात में गौर फरमाएं कि ....
ये केजरी भुक्त कितनी आसानी से दिल्ली के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार को "केजरी के भ्रष्टाचार आरोपित बाबू" बोलते हैं ....पर यही लोग भारत सरकार के वित्तमंत्री अरुण जेटली को "मोदी के भ्रष्टाचार आरोपित मंत्री" तक नहीं बोल पाते .... क्यों ?? क्योंकि ये बेचारे हैं - और बेचारे इसलिए कि इनकी मिटटी केजरीवाल ने खराब जो कर रखी है ....

और इसके अलावा भी एक बड़ी बात और - इनकी मिटटी तो इनके ही सांसद कीर्ति आज़ाद ने भी खराब कर रखी है - जो इनसे ना उगलते बन रहे हैं ना निगलते .... और अब तो अपने इनके शत्रु भाई ने भी कीर्ति को 'हीरो' बता दिया है और इनको 'जीरो' .... और तो और बेचारे भाजपाई प्रवक्ता टीवी चैनलों पर खुल कर सही गलत बहस तक नहीं कर पा रहे हैं .... कीर्ति आज़ाद या शत्रु भाई का नाम आते ही ऐसे सुन्न हो जाते हैं जैसे बताते हैं मोदी केजरी का नाम सुनकर .... !! हा ! हा !! खामोश !! ....

Tuesday 22 December 2015

// केजरीवाल > राजेंद्र > डीडीसीए > जेटली > कोटला > कांग्रेस > नेहरू >>..//


मित्रो !! बात कहाँ से निकली और कहाँ पहुंची - पर इस दौरान जो बाँस निकली वो तो वहीं पसर गई ....
और इसलिए मुझे याद हो आई - 'बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी' .... और बस यूं ही मूड हो आया एक पैरोडी का जो आपकी नज़र पेश है ....

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी > बाँस निकलेगी तो फिर वहीं फ़ैल जायेगी

लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे        > लोग कई वजह उदासी का सबब पूछेंगे 
ये भी पूछेंगे कि तुम इतनी परेशां क्यूँ हो  > ये भी पूछेंगे कि तुम इतने परेशां क्यूँ हो
उंगलियां उठेंगी सूखे हुए बालों की तरफ़   > उंगलियां उठेंगी टूटे हुए बालों की तरफ़ 
एक नज़र देखेंगे गुज़रे हुए सालों की तरफ़> एक नज़र देखेंगे तुम्हारे गुनाहों की तरफ़
चूड़ियों पर भी कई तंज़ किये जायेंगे        > कायरता पर भी कई तंज़ किये जायेंगे
काँपते हाथों पे भी फ़िकरे कसे जायेंगे       > काँपते बयानों पे भी फ़िकरे कसे जायेंगे 

लोग ज़ालिम हैं हर एक बात का ताना देंगे > लोग ज़ालिम हैं हर एक करोड़ का ताना देंगे
बातों बातों में मेरा ज़िक्र भी ले आयेंगे       > बातों बातों में केजरी का ज़िक्र भी ले आयेंगे
उनकी बातों का ज़रा सा भी असर मत लेना> उनकी बातों का भी ज़रा असर ले लेना
वरना चेहरे के तासुर से समझ जायेंगे       > वरना थोबड़े के तासुर से समझ जायेंगे
चाहे कुछ भी हो सवालात ना करना उनसे  > चाहे कुछ भी हो सवालात ना करना उससे
मेरे बारे में कोई बात ना  करना उनसे       > कीर्ति के बारे में कोई बात ना करना उससे  

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी  > बाँस निकलेगी तो फिर वहीं फ़ैल जायेगी ....

// मोदी जी !! जनता गई भाड़ में - चलो जेटली की सुन लो - और कुछ तो करो ..//


मोदी जी !! कल आपके मंत्रिमंडलीय सहयोगी आपकी सरकार के सशक्त व्यक्तित्व आपकी पार्टी के ही सदस्य और शायद आपके विश्वासपात्र श्रीमान अरुण जेटली जी ने संसद में खड़े होकर कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण कहा है .... और यदि आपने गौर नहीं किया है - या गौर करना नहीं चाहा है - तो आपके संज्ञान में लाता हूँ कि क्या कहा है ....

१४००० की कैपेसिटी वाले नेहरू स्टेडियम के रेनोवेशन पर ९०० करोड़ खर्च हुए थे .. कांग्रेस के शासन काल में .... और ....
४२००० की कैपसिटी वाले कोटला स्टेडियम का पुनर्निर्माण करा दिया केवल ११४ करोड़ में .. (कांग्रेस के शासन काल में) ....

यानि यदि अरुण जेटली सत्य फरमा रहे हैं - और बकवास नहीं कर रहे हैं - तो ऐसा हुआ कि नेहरू स्टेडियम के रेनोवेशन कार्य पर करोड़ों का घपला हुआ .... और यह शंका आरोप या बात या तथ्य तो हम भी कई वर्षों से सुनते आ रहे हैं कि कांग्रेस के शासन काल में नेहरू स्टेडियम के कार्यों में करोड़ों का घपला हुआ था .... और शायद जेटली जी को पहले से पता था - और शायद आपको भी !!!! 

और चूँकि मोदी जी आप इस देश के प्रधानमंत्री हैं तो क्या आपका दायित्व नहीं बनता कि आप इस विषयक कुछ करें .... आप कालाधन तो वायदा करने के बाद भी वापस ला नहीं पाए - होगी कोई मजबूरी .. पर कोई ९०० करोड़ का घपला कर छुट्टा घूमता रहे - वो भी कोंग्रेसी - वो भी आपके प्रधानमंत्री होते हुए - तो यह तो आपके लिए उचित नहीं ठहराया जा सकता ना ?? .. और ये तो आपको शोभा भी नहीं देता ना ?? .. और फिर यह तो यही सिद्ध करेगा ना कि आप और कांग्रेस भी अंदरखाने मिले हुए हैं .. और या तो भाजपा कांग्रेस की 'बी-टीम' है या कांग्रेस भाजपा की - या फिर दोनों 'चोर-चोर मौसेरे भाई' !!!! 

तो मोदी जी मैं आपको मुफ्त की बहुमूल्य सलाह तो बहुत देता आया हूँ - पर आज मैं आपसे मांग करता हूँ - कि इस किरकिटीय घपलों पर तो कुछ बोल ही दीजिये - और कुछ हो ही जाए - कोटला और नेहरू स्टेडियम दोनों की जांच हो ही जाए - बिना किसी डर के - भले ही आपकी सरकार ही क्यों ना गिर जाए - कस्सम आपको आपकी ५६ इंची छाती की .... कसम आपको आपके जुमले की "ना खाऊंगा ना खाने दूंगा" !!!!

और हाँ जब तक जांच हो ये कीर्ति आज़ाद को भी अमित शाह से गुज़ारिश कर पार्टी से बाहर करवाने का प्रयास करें - नहीं तो ये आज़ाद आज़ाद से ज्यादा 'दुखती रग' है - बहुत परेशान करेगा .... हा !! हा !! नहीं हाँ !!!!

Monday 21 December 2015

// आज़ाद कायर नहीं - जेटली में दम नहीं - केजरी चुप नहीं - मोदी बोलते नहीं ..//


वाह भई वाह !! कीर्ति आज़ाद ने कमाल कर दिया .... और जेटली को चैलेंज कर दिया - मुकद्दमा मेरे खिलाफ क्यों नहीं ??

यानि तय हो गया कि - अब कीर्ति आज़ाद पार्टी से निकाले ही जाएंगे - वे आज़ाद होंगे .... क्योंकि कीर्ति आज़ाद ना तो कायर निकले और ना ही पागल .... इसलिए वो पार्टी के लायक नहीं !!

और हाँ अब एक बात और तय है कि इस देश में कई भ्रष्टाचारी कायर लोग पगला रहे हैं - वो इसलिए कि केजरीवाल राजनीति कर रहे हैं - एक अव्वल दर्जे की राजनीति .... और यदि कोई केजरीवाल के विरुद्ध न्यायालय में मानहानि का दावा कर रहा है तो वो अपना मान निश्चित ही घटा रहा है और केजरीवाल का तो मान बढ़ ही बढ़ रहा है ....

इसलिए आज तो यही कहूँगा - शाब्बाश !! कीर्ति आज़ाद और केजरीवाल !!!!

और जेटली जी के लिए आज बहुत कुछ कहना बनता है .... पर आज इतना ही कि - आरोपों से भाग क्यों रहे हो ?? जवाब क्यों नहीं देते ?? समग्र जांच क्यों नहीं और जांच के पहले इस्तीफ़ा क्यों नहीं ?? असहिषुणता क्यों ?? और कीर्ति आज़ाद पर मुकद्दमा क्यों नहीं - केवल केजरीवाल और उनके साथियों पर ही क्यों ?? क्या आपके खासमखां कीर्ति आज़ाद वर्षों से आपका मान बढ़ा रहे थे ?? क्या कल उन्होंने आपकी शान में कसीदे पढ़े थे या कुछ या सब कुछ सत्य बोला था ??

और छोटा सा वक्तव्य मोदी जी के लिए भी .... मोदी जी कब तक चुप रहिएगा ?? मोदी जी कब तक चुप रह पाइएगा ??

Sunday 20 December 2015

// बस अब चंद घंटे बचे हैं जब .... वो 'आज़ाद' होंगे ....//


बस अब चंद घंटे बचे हैं - कीर्ति आज़ाद की शाम ४ बजे नियत प्रेस कांफ्रेंस होने में ....

तो इसलिए यदि कोई सोच रहा है कि इस प्रेस कांफ्रेंस पर निर्भर करेगा कि जेटली जी का क्या होगा ?? .. क्या उनकी मंत्रिमंडल से छुट्टी हो जाएगी या नहीं ?? आदि !! .. तो शायद वो सही सोच रहा है .... क्योंकि सोचना तो बनता है कि आखिर जेटली जी का क्या होगा ?? .... तो सोचते रहें ....

पर मैं जरा अलग सोच रहा हूँ - और मैं सोच रहा हूँ कि इस प्रेस कांफ्रेंस पर निर्भर करेगा कि कीर्ति आज़ाद का क्या होगा ?? .. क्या उनकी पार्टी से छुट्टी कर दी जाएगी ?? .... तो आप भी सोचते रहें ....

पर जब तक आप सोचें मैं एक निष्कर्ष पर पहुंच रहा हूँ .... तो मित्रो !! तब तक मेरे निष्कर्ष पर भी सोचियेगा ....

मेरा निष्कर्ष ....

यदि कीर्ति आज़ाद की प्रेस कांफ्रेंस फुस्सी हुई - तो जेटली मंत्रिमंडल से बाहर नहीं होंगे - हाँ कीर्ति आज़ाद पार्टी से जरूर निकाले जा सकते हैं ....

यदि कीर्ति आज़ाद की प्रेस कांफ्रेंस दमदार और असरकारक हुई - तो भी जेटली मंत्रिमंडल से बाहर नहीं होंगे - हाँ कीर्ति आज़ाद पार्टी से जरूर निकाल ही दिए जाएंगे ....

तो कीर्ति आज़ाद जी को आज़ाद होने के लिए हार्दिक अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं !!!!

Saturday 19 December 2015

// "गंजे" और "टकले" शब्दों का विष्लेषण ....//


मैं कई बार सोचता रहा था कि लगभग एक जैसे अर्थों के भिन्न भिन्न शब्द क्यों हुए .... और एक ही शब्द के भिन्न भिन्न अर्थ क्यों .... और इसी कारण मैं कई लोगों को भिन्न भिन्न करते भी देखता रहा हूँ ....

अब जैसे .... "भक्त" शब्द के अनेक अर्थ निकलते हैं - या निकाले जाते हैं .... और ये बात तो काफी पहले ही समझ भी आ गई थी ....

पर एक जैसे अर्थों के भिन्न भिन्न शब्द क्यों हुए यह बात आज और स्पष्ट हुई ....

मसलन जब गंजे के लिए सटीक शुद्ध "गंजा" शब्द था तो फिर ये "टकला" शब्द क्यों निकला ?? ....

और मुझे आज स्पष्ट हुआ कि यदि "गंजा" ज्यादा ही चालाक बदमाश हो तो फिर उसके लिए स्वतः ही "टकला" शब्द सटीक हो जाता है .... और शायद ऐसे ही भाषा में नए-नए शब्दों का समावेश होता रहा है ....

समस्त गंजों और अर्धगंजों और आंशिक गंजों से माफ़ी के साथ - पर समस्त "टकलों" को धिक्कार के साथ समर्पित - जो अपनी चालाकी और बदमाशी से देश को चूना लगा रहे हैं .... आपका .... बूढ़ा बुढ़ऊ ....

पुनश्चः शायद खूँसट बुड्ढे के लिए बुढऊ शब्द ज्यादा उपयुक्त हो .... है ना !! .... हा !! हा !!

// दो सांसद - एक स्वामी - एक आज़ाद .... एक छुट्टा - एक बकवास ?? ..//


दो भाजपाई सांसदों का और भाजपा का कमाल देखिये ....

एक स्वामी - भाजपा सांसद - इन्होनें हेराल्ड प्रकरण में भ्रष्टाचार को उजागर किया - पर आरोपित भ्रष्टाचारी थे विरोधी कांग्रेसी ..... भाजपाई खुश - कांग्रेस नाखुश - और संसद बाधित .... दबी जुबान आरोप लगे कि इस प्रकरण में राजनीति हो रही है - पर आरोप चिपके नहीं .... भाजपा बोली - ये तो न्यायालयीन प्रकरण इसमें भाजपा पार्टी कर ही क्या सकती है .... स्वामी छुट्टे - स्वामी जाने और सोनिया राहुल - ये उनका व्यक्तिगत मामला ....

पर जनाब ऊपरवाले और केजरीवाल का कमाल देखिये कि - एक और समानांतर प्रकरण सामने आ गया .... तो ज़रा गौर फरमाएं ....

एक आज़ाद - ये भी भाजपा सांसद - इन्होनें डीडीसीए में भ्रष्टाचार को उजागर किया - पर आरोपित भ्रष्टाचारी है अपनेवाला भाजपाई ..... भाजपाई नाखुश - केजरीवाल खुश .... दबी जुबान आरोप लगे कि इस प्रकरण में राजनीति हो रही है - पर आरोप चिपके नहीं - सब ने कहा हो रही है तो हो रही है - निपटो .... और भाजपा के हाथ के तोते उड़ने लगे - और दबी जुबान फुसफुसाने लगे कि आज़ाद तो बकवास ....

वैसे ये मामला भी तो शुद्ध व्यक्तिगत ही था - जेटली और आज़ाद के बीच - और केजरीवाल और मोदी के बीच .... पर जनाब दोहरे मापदंड की पराकाष्ठा देखिये .... परेशान घबराई केजरी भुक्त भाजपा ने पहले रामलाल को आज़ाद के पास भेजा पर बात बनी नहीं - फिर स्वयं अध्यक्ष अमित शाह ने तलब कर लिया और छुट्टे आज़ाद को समझाया धमकाया होगा कि इतनी आज़ादी ठीक नहीं - चुप हो जाओ वरना ....

यानि दो सांसद - एक स्वामी - एक आज़ाद - और मापदंड दो .... एक को उचका रहे एक को दबा रहे ....

तो फिर क्यों ना सिद्ध मान लें कि .... स्वामी के मार्फ़त पार्टी ५६ इंची राजनीति कर रही - और आज़ाद के मार्फ़त परेशान हो टुच्चे भ्रष्टाचारी को बचा भ्रष्टाचार कर रही .... बात सीधी है यार !!

यानि - यदि मोदी जी की अपनी पार्टी भाजपा में पकड़ है तो - वे ओछी राजनीति और शर्मनाक भ्रष्टाचार के प्रत्यक्ष दोषी हुए ....
और यदि मोदी जी की पकड़ ही नहीं है - तो ?? .. तो फिर छोडो यार !! .. फ़ोकट फेंकू बेचारों पर क्या कहा जाए ....
............................................................................

पुनश्चः मेरे एक बहुत काबिल मित्र श्री प्रणब रॉय जी ने मुझे मेरी गलती से अवगत कराया है कि सुब्रमण्यम स्वामी सांसद नहीं हैं - प्रणब रॉय जी का धन्यवाद .... अपनी गलती के लिए क्षमाप्रार्थी होते हुए निवेदन है कि मेरे इस पोस्ट में "सांसद" के स्थान पर "नेता" पढ़ने की कृपा करें - क्योंकि वैसे भी इस त्रुटि के कारण लेख में मुद्दे की बात पर कोई असर नहीं पड़ता है .... धन्यवाद !!

Friday 18 December 2015

// गरीब भी टेंट में .. मोदी भी टेंट में .. और रामलला भी ....//


एक खबर महत्वपूर्ण सी मानकर प्रसारित की जा रही है ....
हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी अगले २ दिन टेंट में रहेंगे ....

लाखों करोड़ों देशवासियों की तरफ से मेरी प्रतिक्रिया - जो टेंटों में और जो झोपडी झुग्गियों टपरों खोलियों में रहने को मजबूर हैं ....

मोदी जी आपने तो विश्वास दिलाया था ना कि हमें पक्के मकान दिलवायेंगे - जिनमें पानी भी आता होगा और बिजली भी .... पर ये क्या ?? .. आप तो स्वयं टेंट में चले गए .... समझ नहीं आ रहा कि आपने ऐसा क्या किया या ऐसा क्या नहीं किया कि आपको टेंट में रहना पड़ रहा है ????

पर साथ ही हमें यह भी समझ आ रहा है कि आपका टेंट में रहना भी इस देश को करोड़ों का चूना लगा रहा है ....

इसलिए आपको न्यौता देते हैं कि यदि टेंट में ही रहना है तो आ जाओ - हमारे साथ रह लो .... आपको तो लाखों का वेतन मिलता है - हो सके तो दे देना ५०-१०० रुपये का किराया - या ना भी देना .... पर बदले में बचे करोड़ों से कुछ सैकड़ों गरीबों को पक्के मकान जरूर बनवा दे देना ....

और मोदी जी विश्वास करियेगा कि यदि आप ऐसा करेंगे तो अयोध्या में टेंट में बैठे रामलला भी खुश हो आपका भला करेंगे .... !! धन्यवाद !!

// 'केजरी' की 'कीर्ति' तो बढ़ ही रही है .... बाकी का क्या ?? ....//


कल 'आप' ने डीडीसीए वाले जेटली पर कुछ आरोप लगाए .... कुछ क्या काफी आरोप लगाए ....

जेटली और भाजपाई प्रवक्ताओं की फ़ौज सामने आई - और सारे आरोपों को सिरे से नकार दिया - पर बिना सिर और सिरे के .... और केजरीवाल को बहुत कोसा बहुत चिढ़न कुढ़न का इज़हार भी किया ....

और जेटली ने तो सामान्य शानपत बताते हुए बिना किसी का नाम लिए यहाँ तक कहा कि एक सांसद काफी समय से आरोप लगाते रहे हैं - जिसकी जांच यूपीए सरकार ने कराई थी - और जांच में कुछ भी गंभीर नहीं निकला केवल कुछ प्रक्रियाओं के पालन ना होने के सिवाय ....

और मोडिया ने मान लिया - जेटली ने पलटवार कर दिया .... वो भी केजरीवाल का नाम लेकर और बिना कीर्ति आज़ाद का नाम लिए .... और बिना उधार ली हुई अक्ल लगाए कि कौन सी जांच - जांच रिपोर्ट में क्या ?? .. और प्रक्रियाओं का पालन ना होने का दोषी कौन और क्या कार्यवाही ?? - आदि !!

और उधर कीर्ति आज़ाद ने अपना दमखम प्रदर्शित कर दिया - कहा मैं स्वतंत्रता सेनानी का बेटा - कई वर्षों से खेल के भ्रष्टाचार से लड़ रहा हूँ - मेरी आवाज़ कोई दबा नहीं सकता - जेटली दोषी - चोरी और सीना जोरी - केजरीवाल ने जो बताया वो केवल १५% - ८५% मैं बताऊंगा - रविवार शाम ४ बजे ....  

मेरी प्रतिक्रिया ....

ये भाजपाई केजरीवाल को कोसने गालियां देने में तो छुट्टे हैं - पर कीर्ति आज़ाद के बारे में इनके मुहँ से एक शब्द भी नहीं निकला - क्यों ????

जवाब मैं बताता हूँ .... क्या है कि केजरीवाल ने जितने भी आरोप लगाए वे सभी आरोप प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष कीर्ति आज़ाद और बिशन बेदी आदि कुछ किरकिट खेलने वाले खिलाड़ियों के द्वारा ही लगाए जाते रहे थे .... पर कोई सुनता नहीं था - और जेटली भी गर्राए थे ....

पर इन किरकिटीय खिलाड़ियों से भी ऊंचे खिलाड़ी केजरीवाल ने मौका ताड़ा और 'कीर्ति के आरोप' बना दिए 'केजरी के आरोप' .... और बस - चैं पैं चैं पैं चैं पैं चैं पैं चैं पैं चैं पैं चैं पैं चालू हो जारी है ....

नतीजा ??

केजरी की कीर्ति बढ़ गई और बढ़ रही है ....

कीर्ति आज़ाद की महत्ता बढ़ गई है - क्योंकि वे आज़ाद से हो लिए हैं - और सभी उत्सुक हो गए हैं कि वे रविवार को क्या कहते करते हैं ....

जेटली की कीर्ति घट रही है - क्योंकि वे कीर्ति के विरुद्ध एक शब्द भी बोल नहीं पाए हैं और केजरी से खिसियाएं हैं ....

तोता कन्फ्यूज्ड है - क्या करे क्या ना करे ??

राजेंद्र परेशान - कहाँ फंस गए ??

भाजपाई और भक्त भी परेशान हैं ....

और मोदी चुप .... और इसलिए अभी मैं भी चुप .... हा !! हा !!!!

// ध्यान रहे - 'जनता का ध्यान' जरूरी नहीं कि हटे या बंटे ही .... //


जब देखो तब ये झकोरे राजनीतिज्ञ अपनी सुविधानुसार और परिस्थिति अनुसार और अपनी औकात अनुसार निम्नस्तर के झूठे सच्चे बयान देते आये हैं .... मसलन ....

जनता सब देख रही है ....
जनता सब जानती है ....
जनता मूर्ख नहीं ....
जनता को कोई मूर्ख नहीं बना सकता ....
जनता की अदालत से बढ़कर कोई अदालत नहीं ....
जनता जनार्दन होती है ....
और ....
हम इसलिए हारे कि हम अपनी बात जनता तक नहीं पहुंचा पाए ....
जनता को गुमराह किया गया ....
जनता विरोधी की चालें समझ नहीं पाई ....
जनता को सब्जबाग दिखा झूठे वायदे कर धोखा दिया गया ....

और लेटेस्ट ....

ये - वो - यूं - ऐसे - वैसे - इसके - उसके द्वारा .. ऐसा इसलिए किया कहा गया है या किया कहा जा रहा है कि जनता का ध्यान असली मुद्दे से हटाया बंटाया जा सके ....

मसलन केजरीवाल ने अभी डीडीसीए का मसला इसलिए उठाया है ताकि जनता का ध्यान तोते-राजेंद्र प्रकरण से हटाया बंटाया जा सके ....
और कैलाश विजयवर्गीय ने शाहरुख़ खान को अपशब्द इसलिए कहे हैं ताकि जनता का ध्यान केजरी द्वारा निर्मित और जेटली को अर्पित डीडीसीए प्रकरण से अलग हट सके .... आदि !!

मित्रो !! .. और ये बात भी सही है कि जनता की याद्दाश्त थोड़ी लघु ही होती है - और जनता उदार भी होती है .... पर ध्यान रहे कि साथ ही जनता चीखट-चेंटू भी होती है - जो छोटी-छोटी बातें भूल जाती हो - पर मोटी-मोटी और बड़ी बातें कभी नहीं भूलती ....

इसलिए मैं झकोरे राजनीतिज्ञों का ध्यान खींचना चाहूँगा .... और कहना चाहूँगा कि ....

तुम याद रखना - सजग रहना - चौकन्ने रहना - कि जनता का ध्यान जाए भाड़ में - पर तुम्हारा ध्यान हटा नहीं दुर्घटना घटी नहीं .... मसलन तुम्हारी केजरी से नज़रें हटी नहीं और दुर्घटना घटी नहीं ....

और यदि मेरी बात समझ ना पड़ी हो तो अंतरध्यान हो जाओ - उस आत्मा का ध्यान करो जो परमात्मा का अंश हो तुम्हारे गंदे शरीर में घुस तड़प रही है .... उसे स्वच्छ करो ....

और ध्यान रहे - भूल कर भी जनता के ध्यान विषयक मुगालते में मत रहना .... !! समझे !!

Thursday 17 December 2015

// पुरानी शराब ज्यादा नशा देती है - और पुराने चिपके आरोप ज्यादा कष्ट ....//


आज 'आप' की प्रेस वार्ता सुनी - जेटली जी के डीडीसीए के भ्रष्टाचार पर ....

और मेरी समझ से जो भी आरोप लगाए गए हैं - वो बहुत समय से सार्वजनिक रहे हैं - वो तथ्यात्मक प्रतीत होते रहे हैं - और आज भी तथ्यात्मक ही लग रहे हैं .... और भी आज दावा किया गया है कि कुछ दस्तावेज़ी सबूत भी दिए जा रहे हैं - पर फिर मेरी समझ अनुसार वो सबूत के बारे में भी कई बार सुना जा चुका है - जो कभी नकारे भी नहीं गए हैं या नकारे जा सके हैं .... इसलिए कहा जा सकता है कि आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ नया नहीं था ....

पर ठीक है नयापन ना भी हो पर बातों में कोई दम ही नहीं था ऐसा मानना तो बहुत ही बड़ी मूर्खता होगी ....

वो इसलिए कि केवल इस बिनाह पर कि इन सभी बातों का सोई समाधान नहीं हुआ इसलिए जेटली को बख्श दिया जाए या बख्शा जाता रहे यह उचित नहीं होगा .... और वो इसलिए भी कि क्योंकि रॉबर्ट वाड्रा या ललित मोदी या गडकरी या अशोक चव्हाण या वसुंधरा या शिवराज चौहान या रामनरेश यादव  या वीरभद्र या जीतेन्द्र तोमर स्मृति ईरानी आदि पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तो आगे भी कुछ ना हो ऐसा तो नहीं चलेगा ना ??

और सबसे बड़ी बात ये है कि - आज पुराने आरोपों में दम इसलिए भी आ गया है क्योंकि ये आरोप केजरीवाल ने दोहराए हैं - और केजरीवाल एक ऐसा भूत है जो अच्छों अच्छों की हवा ख़राब करता रहा है ....
हाँ एक कारण और है कि - अब लगाए गए पुराने आरोप आज की राजनीति से प्रेरित हैं - केजरीवाल की कुशल नई राजनीति का एक महत्वपूर्ण दमदार कदम .... और इसलिए आरोपों में दम आ ही गया है ....

और शायद इसीलिए ही तो तमाम मीडिया और मोडिया में चिल्लाचोट पसरी पड़े जा रही है ....  

और इसी संबंध में एक पुरानी ही सही पर दमदार बात छोड़ता चलूँ .... " पुरानी शराब ज्यादा नशा देती है - और पुराने चिपके आरोप ज्यादा कष्ट " .... हा !! हा !! समझे ना जेटली जी !!

Wednesday 16 December 2015

// ये तोता उड़ जाएगा तो ?? सावधान !! .. हाथ के तोते भी उड़ जाएंगे ....//


मोदी सरकार कह रही है कि उसका 'तोते' पर कोई नियंत्रण नहीं ....

यदि ये सत्य है तो - मैं मोदी जी को आगाह करना चाहूँगा - कि इस सत्य पर कोई विश्वास नहीं करता - यहाँ तक कि आपके परम से परम भक्त भी नहीं .... और यदि ये सत्य ही है - तो फिर तो समझियेगा कि 'तोता' उड़ जाएगा ....

और मोदी जी मेरा फिर यकीन करियेगा - कि यदि ये 'तोता' उड़ गया तो आपके हाथ के तोते भी उड़ जाएंगे ....

यानि फिर तो ऐसा हो जाएगा कि मान लें नामुराद मुआ हेडली कुछ ऐसा झूठा बयान दे दे या कोई उससे दिलवा दे कि आपके ही कार्यालय का ढिमका सचिव मुंबई हमले की साज़िश में शामिल था - या अपने लमो भैय्या भी ऐसा कुछ झूठा सच्चा बता दें कि आपका चहेता सचिव "मानवीय आधार" पर कुछ अमानवीय कुकृत्यों में शामिल था .... तो मोदी जी 'तोता' उड़ आपके सर आ के बैठेगा और आपकी शामत कर देगा .... 

और मोदी जी मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि तब आप ऐसा कुछ भी नहीं कर पाएंगे जैसा कुछ अभी केजरीवाल ने कमाल कर दिया है - यानि 'तोते' की आड़ में 'तोते के मालिक' को लपेट उसे धाराशायी कर दिया है .... क्योंकि तब तो 'तोता' भी मालिक विहीन होगा ....

तो मोदी जी कुछ कल्पना शुरू करें .... और तोते को बोलें कि अतिउत्साह में बाज से पंगा लेने से बाज आए - !! समझे !!

// केजरीवाल का रेल विभाग ?? .. प्रभु बच्चे की बात जरूर सुनते हैं .. //


बच्चे को ज्ञात हो ....

कल तक प्रभु जी के विभाग की प्रभु भरोसे सरकार के टुकड़े भरोसे प्रवक्ता चीख चीख कर शकूर बस्ती में झुग्गियों को हटाने वाले मुद्दे में केजरीवाल सरकार को कटघरे में खींच लाने का असफल प्रयास कर रहे थे ....

और 'आप' पार्टी विरोध में संसद के बाहर धरना दे रही थी ....

और एक बच्चा विचलित हो रहा था - कह रहा था कि - दोषी तो 'आप' सरकार - और जब सरकार 'आप' की थी तो फिर 'आप' का धरना क्यों ??

पर जनाब प्रभु का कमाल देखिये .... आज रेल विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में शकूर बस्ती मामले में अपनी गलती मान ली है ....

अतः मेरा बच्चे से कहना है .... मौका है - हो जाओ शुरू - पिल पड़ो केजरीवाल सरकार पर - केजरीवाल के रेल विभाग पर ....

और बच्चे के मुहँ में घी शक्कर - आप देखिएगा प्रभु का कमाल - रेल विभाग केजरीवाल का होकर रहेगा .... क्योंकि मैनें सुना था - प्रभु बच्चे की आवाज़ जरूर सुनते हैं .... !! आमीन !!

// शत्रु दो - अंदाज़ अलग - निशाना एक .... खामोश !! ....//


एक घोषित शत्रु है - जो रेड के बाद "अपशब्दों" से रेड़ पीटे दे रहा है ....

एक घोषित अपनेवाला है - जो रेड़ पिटने के बाद भी - " डैशिंग, डायनामिक और एक्शन हीरो - डैशिंग, डायनामिक और एक्शन हीरो " .. बार-बार बोल कर और रेड़ पीटे दे रहा है ....

खामोश !!!!!!!!!!

// पंगा लेना है ?? .. ले लो !! .. पर ध्यान रहे ....//


पिछले कुछ वर्षों की राजनीतिक उठापटक से जो मेरा ज्ञानवर्धन हुआ उसे आज मैं आपके साथ साँझा करना चाहता हूँ ....

जो व्यक्ति अपने से बेहतर स्थिति वाले से पंगा लेता है तो वो स्वयं भी गलती ना करने के लिए और विरोधी को कोई मौका ना देने हेतु पहले से और सजग सचेत हो जाता है - और इसलिए - उसे घेरना और मुश्किल हो जाता है - वो बहादुर कहलाता है - यशस्वी हो जाता है - और एक दिन विरोधी की स्थिति ख़राब कर अपनी स्थिति सुधार लेता है .... 

जो व्यक्ति अपने से निम्न स्थिति वाले से पंगा लेता है तो वो स्वयं ही गर्राता रहता है और खुशफहमी में गलती कर विरोधी को कई मौके देने की गफलत कर जाता है - और इसलिए - उसे घेरना आसान हो जाता है - वो कायर कहलाता है - मनोरोगी सा हो जाता है - और एक दिन विरोधी से परास्त हो अपनी स्थिति निम्न कर लेता है ....

इसलिए मेरा मानना है कि यदि पंगा लेना ही है तो ले लो - पर अपने बराबर या अपने से बेहतर स्थिति वाले से - अपने से निम्न स्थिति वाले से कदापि नहीं ....

और हाँ अनुभव के साथ एक तड़का और ....

अपने से ज्यादा पढ़े लिखे चपल चालाक तीव्र गुस्सैल जिद्दी क्रांतिकारी से पंगा तो किसी भी समझदार को किन्ही भी परिस्थितियों में लेने की सोचना भी नहीं चाहिए .... !! समझे समझदार !!

Tuesday 15 December 2015

// केजरीवाल .. बनाम .. अमिताभ बच्चन ....//


मुझे अमिताभ बच्चन का "साइन" वाला डायलॉग बहुत पसंद था .... जाओ पहले उसका साइन लाओ जिसने .... ..... उसके बाद मैं साइन करूंगा ....

आज केजरीवाल की लघु प्रेस वार्ता सुनी .... बेहद गुस्से में थे .... अमिताभ से भी ज्यादा .... और सफेद स्वेटर में खासे स्मार्ट भी लग रहे थे .... और फिर कैमरे में आँख डाल कर बाएं हाथ की ऊँगली दिखा  मोदी जी को ललकारते हुए डायलॉग दे दिए ....

मोदी जी मुझ से शब्दों के लिए माफ़ी माँगने के लिए कहते हो .... पहले अपने कर्मों के लिए माफ़ी माँगो - मैं बाद में शब्दों के लिए माफ़ी मांग लूँगा ....

कस्सम से मज़ा आ गया .... राजनीति का अमिताभ आ गया .... केजरीवाल आ गया ....

// तोता और मालिक कह रहे - ये छापा केजरीवाल पर नहीं .. हा ! हा !! ..//


आज दिल्ली सचिवालय पर सीबीआई ने छापा डाला - केजरीवाल ने आरोपों की झड़ी लगा दी .... और राजनीतिक कौशल्य और कुशलता का परिचय देते हुए निशाने पर लिया सीधे मोदी जी को ....

और फिर भाजपाई और सीबीआई के स्पष्टीकरण आए जिसके अनुसार बताया गया कि छापा केजरीवाल के प्रमुख सचिव राजेन्द्र कुमार के कार्यालय पर डाला गया - केजरीवाल के कार्यालय पर नहीं .... 

हा ! हा !! .... आज मुझे बहुत हँसी आ रही है .... वो इसलिए कि जब केजरीवाल के कार्यालय पर छापा डाला ही नहीं तो इतनी गालियां पड़ गईं - इतने सपष्टीकरण देने पड़ रहे हैं - इतनी बदनामी झेलना पड़ रही है - कि तौबा !!!!

तो फिर केजरीवाल के विरुद्ध इसमें की घटिया कार्यवाही करने की तो कोई सोच भी कैसे सकता है ??

हाँ - ये कार्य तो कोई कायर और मानसिक रोगी ही कर सकता है .... कोई संतुलित जिम्मेदार भाजपाई तो कदापि नहीं .... नहीं क्या ??

इसलिए मैं भाजपाई और सीबीआई के स्पष्टीकरण को मान्य करते हुए बिंदास हँस रहा हूँ ....

// अब रेड डाली गई है .... अब रेड़ पिटना भी तय है ....//


और अभी अभी ब्रेकिंग न्यूज़ आ रही है कि सीबीआई द्वारा दिल्ली सचिवालय पर रेड डाली गई है .... और मुख्यमंत्री केजरीवाल के दफ्तर को सील कर दिया गया है ....

स्वागत !! क्योंकि मुझे अब पूरा भरोसा है कि अब रेड़ पिटना भी तय है - और अब रेड़ पिटना भी चाहिए ही ....

मित्रो !! मुझे केजरीवाल पर पूरा भरोसा है - जिन्होंने कहा था - कि हम देश की राजनीति बदलने आये हैं - और बदलेंगे ....

आज की रेड की कार्यवाही निश्चित ही इस देश की राजनीति बदल कर रखेगी .... मुन्ना और पप्पू को बच्चों की तरह राजनीति के गुर सीखने पर मजबूर करेगी ....

इसलिए रेड का पुनः स्वागत !!

Monday 14 December 2015

// बच्चा आपत्ति क्यों कर रहा है ?? .. पप्पू आपत्ति क्यों ना करे ?? .. आदि ..//


दिल्ली में शकूर बस्ती में लगभग ५०० परिवारों की झोपड़ी झुग्गियां जो रेलवे की जमीन पर बनीं थीं - और वर्षों से बनी थीं - वो उखाड़ दी जाती हैं - और गरीब परिवार बेघर कर दिए जाते हैं - रात में - सर्दी में ....

दिल्ली की 'आप' सरकार कुछ कार्यवाही करती है और घटना का विरोध .... और टीएमसी जदयू के साथ मिलकर संसद के बाहर धरना देती है ....

और राहुल गांधी बोलते हैं - क्योंकि दिल्ली में 'आप' सरकार है इसलिए 'आप' द्वारा धरना क्यों ??

और केजरीवाल जवाब देते हैं - राहुल बच्चे हैं - उन्हें उनकी पार्टी ने नहीं बताया कि रेलवे केंद्र के अधीन आती है ....

और इस 'बच्चे' से जो कभी 'पप्पू' होता था केंद्र सरकार बड़ी परेशान है - क्योंकि पप्पू ने सरकार की नाक में दम कर रखा है और कई दिनों से संसद ठप्प कर रखी है .... केंद्र सरकार का आरोप है कि क्योंकि राहुल और सोनिया के विरूद्ध नेशनल हैराल्ड का प्रकरण चल रहा है उससे व्यक्तिगत खीज के कारण व्यक्तिगत विरोध स्वरुप संसद को ठप्प किया गया था जो सर्वथा अनुचित है .... बात भी ठीक है - व्यक्तिगत मामलों में यदि संसद ठप्प की जाती है तो गलत ही है - पर यदि राजनीतिक कारणों से संसद ठप्प की जाती है तो तो और भी गलत है - पर जनाब !! चलता है क्योंकि ऐसा होता ही आया है - अनवरत होता आया है ....

पर कांग्रेस द्वारा आज जो संसद बाधित कर दी गई है उसका कारण नया है - और नया कारण तो और भी भयावह है - मुद्दा है पंजाब के अबोहर में दो दलितों के साथ घोर अमानवीय घृणित नृशंस कृत्य - जबकि एक दलित की हत्या कर दी जाती है और एक के हाथ पाँव काट लिए जाते हैं .... और ये कारण व्यक्तिगत कदापि नहीं - और शायद राजनीतिक भी नहीं - और यदि राजनीतिक है भी तो गलत भी नहीं ....

इसलिए मैं सोच रहा था कि ....
बच्चा आपत्ति क्यों कर रहा है ?? .. और पप्पू आपत्ति क्यों न करे ??
और संसद ठप्प क्यों की गई ?? .. और संसद ठप्प क्यों ना की जाए ??
और केजरीवाल धरना क्यों नहीं दे ?? .. और राजनीति क्यों ना करे ??
और मोदी पंजाब सरकार बर्खास्त क्यों ना करे - केवल राजनीति ही क्यों करे ??
और शकूर बस्ती के गरीबों की उचित देखभाल के दायित्व का निर्वहन अब रेलवे या केंद्र सरकार क्यों ना करे ??

और एक बात पर तो बहुत ही गहराई से सोच रहा हूँ ....

अबोहर की घटना का समाचार कुछ चैनल इन शब्दों में दे रहे हैं ....
"अबोहर में रेप के आरोपी दो दलितों के हाथ पाँव काटने की अमानवीय घटना हुई है" ....
और मैं सोच रहा हूँ कि क्या ये समाचार मात्र ऐसा नहीं होना चाहिए था कि ....
"अबोहर में रेप के दो आरोपियों के हाथ पाँव काटने की अमानवीय घटना हुई है" ????
आप भी सोचियेगा ज़रूर .... !! धन्यवाद !!

Friday 11 December 2015

// यदि सलमान सलामत - तो आसाराम आशान्वित क्यों ना हों ?? ..//


सलमान बरी हुए - आसाराम भी खुश ही हो रहे होंगे .... बेचारे !! इतने दिनों से अंदर हैं - क्योंकि उनके विरुद्ध कुछ आरोप हैं और कुछ सबूत भी ....

अब आरोपों का क्या - बदले की भावना से या साज़िश के तहत कोई भी लगा सकता है ....
और सबूतों का क्या - सबूत साबित हो जाएं कोई जरूरी नहीं ....

और यदि आरोपी में बूता है - तो क्या मजाल कि सबूत साबित हो जाएं ....

इसलिए यदि सलमान सलामत - तो आसाराम आशान्वित क्यों ना हों ??

// ९+९ महीनों में खुद कुछ ना कर सके - फिर केजरीवाल से टुच्चे प्रश्न क्यों ....//


जब से केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण सुधार हेतु सम विषम क्रमांक की गाड़ियों की योजना के बारे में बात करी है तब से ही बड़े-बड़े ऊँचे-ऊँचे टुच्चे-टुच्चे प्रश्न खड़े किए जा रहे हैं ....

मसलन .... पब्लिक ट्रांसपोर्ट को पहले चुस्त दुरुस्त क्यों नहीं किया ??
मेट्रो को और विस्तारित क्यों नहीं किया ??
पर्यावरण को सुधारने हेतु उपकरण क्यों नहीं लगाए ??
यातायात सुगमता हेतु सड़कों का चौड़ीकरण और नई सड़कों का निर्माण क्यों नहीं किया ??
पर्यावरण इतना दूषित होने ही क्यों दिया ??
सबसे राय क्यों नहीं ली ??

मेरी प्रतिक्रिया ....

जो हनीमून पीरियड में कुछ नहीं कर पाए - फिर १ महीने में भी कुछ नहीं कर पाए - फिर ३ महीने में भी कुछ नहीं - फिर १०० दिन में भी कुछ नहीं - और अंततः जब ९ महीने में 'विकास पुत्तर' का अता-पता नहीं दे सके - और तो और जब और अगले ९ महीने में भी ना 'विकास' और ना उसकी संभावित बहन 'प्रगति' का ही कुछ अता-पता लग पाया - तो अब वे झेंप रहे हैं - कह रहे हैं हम नपुंसक नहीं - बल्कि हम तो 'लम्बी प्लानिंग' कर रहे हैं .... और अब वे 'विकास' २०२२ में और 'प्रगति' २०२४ तक की बात कर रहे हैं ....

पर यही लोग जब केजरीवाल की बात आ जाए तो स्याप्पा डालने लगते हैं - चिल्लाते हैं .... ९ महीने पूरे हो गए - बस इतना ही किया - बस इतना ही कर रहे हैं - बात तो ज्यादा की करते थे ....

इसलिए मित्रो आज मैं भी एक जुमला छोड़ने के मूड में आ गया हूँ - तो गौर फरमाएं ....

प्रकृति से नियत हमारे ही समाज के अभिन्न अंग बेचारे पर सम्मानित हिंजड़ों के घर बच्चे पैदा नहीं होते .... वो तो घर-घर घूम इधर उधर से मैन्युफैक्चर्ड बटोर-बटार ही कुनबा चलाया करते हैं !!!!

Thursday 10 December 2015

// गरीब इंसान का हो या ना हो - भैंस - लाठी - गाय आदि का महत्व कायम है ..//


आज सलमान बरी कर दिए गए .... इसलिए कह सकते हैं बरी हुए ....

एक गरीब बहुत पहले इसी प्रकरण में बरी कर दिया गया था - इस दुनिया से बरी - नाम था नुरूला ....
पर उसे बरी किसने किया था - इस बात का पुख्ता पता तो था पर पुख्ता सबूत नहीं ....
ठीक वैसे ही जैसे पता होता है कि दंगे कौन करा गया - पर साबित नहीं हो पाता - या साबित नहीं होने दिया जाता - या साबित नहीं किया जाता .... और यदि गलती से भी साबित हो जाए तो ना-ना प्रकार से नकार दिया जाता है .... 

वैसे ही एक काला हिरण भी तो इस दुनिया से बरी किया गया था .... पर अब तक क्या हुआ - और क्या होगा ?? ..आज के बाद मुझे विश्वास हो गया है कि - सलमान खान एक बार फिर कभी बरी कर दिए जाएंगे ....

क्योंकि मुझे पक्का यकीन है कि इस देश में कानून तो एक है और वो सब के लिए एक सामान है - पर निश्चित ही न्याय गरीब को नहीं मिल पाता है और अमीर न्याय को एन-केन-प्रकारेण प्राप्त कर ही लेता है ....

पर क्या ऐसा भी है कि इस देश में दो कानून हैं - एक सत्ता पक्ष के लिए और दूसरा विपक्ष के लिए ?? जवाब इसका भी कुछ यूं ही है - इस देश में कानून तो एक है और वो सब के लिए एक सामान है - पर निश्चित ही अन्याय विपक्ष को चिपका दिया जाता है और सत्ता पक्ष न्याय को एन-केन-प्रकारेण प्राप्त कर ही लेता है .... और इसलिए मुजरिम के लिए बच निकलने का सबसे श्रेयस्कर तरीका सत्ता प्राप्त कर लेना ही होता है ....

यानि काली पट्टी बंधे अंधे कानून के लिए अभी भी भैंस कि युक्ति चिपकी हुई है .... जिसकी लाठी उसकी भैंस .... और आगे जोड़ दूँ .... जिसकी भैंस लाठी रखने का हक़ उसी के पास .... और जिसके पास गाय - बन्दूक उसी की .... और जिसके पास बन्दूक - सत्ता उसीकी .... और जिसके पास सत्ता - न्याय उसी के पक्ष में ....

यानि वर्षों से आज़ाद इस देश में अभी तक गरीब इंसान का कोई महत्व हो या ना हो - पर भैंस - लाठी - गाय आदि का महत्व कायम है !!!!

// समग्र बात शुरू - ऐसे नहीं बस वैसे ही - यूँ ही .... पाक खुश - और हम ? ..//


सुषमा स्वराज जी जिनके बारे में मुझे अब यकीन हुआ कि वे हमारी विदेश मंत्री हैं - उन्होंने कल पाकिस्तान की धरती से ये घोषणा करी कि - - पाकिस्तान और भारत के बीच समग्र वार्ता - जिसे अंग्रेजी में Composite Dialogue या Resumed Dialogue कहा जाता रहा था - अब नए सिरे से शुरू की जा रही है जिसे अब Comprehensive Bilateral Dialogue कहा जाएगा ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

Comprehensive Bilateral Dialogue  के सन्दर्भ से मैं यह समझा हूँ कि अब बिना किसी शर्त और बिना किसी विषयों की सीमा में बंधे दोनों देशों के बीच समग्र बातचीत होगी ....

अस्तु - शायद जैसा पाकिस्तान चाहता था वैसे ही बातचीत फिर से शुरू हो गई है .... और हो सकता है पाकिस्तान में पटाखे फोड़ खुशियाँ मनाई जा रही हों .... 

बातचीत शुरू होना एक अच्छी बात .... पर मोदी सरकार को बधाई दे दूँ - ऐसा मेरा मन नहीं कह रहा है .... और अक्ल तो कदापि नहीं ....

और बरबस ही मुझे ५६" जुमले याद आने लगे हैं - कि बोली और गोली साथ साथ नहीं चल सकेंगी - जबकि उसके बाद हमारी तरफ कई ५६ मर गए और मर रहे हैं ....

और हाँ मैं यह भी उत्सुक हो देख रहा हूँ कि सुषमा जी जिन्होंने १ के बदले १० सर काट के लाने की बात कही थी - वे अपने साथ पाकिस्तान से क्या लाती हैं ?? कटे सर ?? लगता तो नहीं !! ....

लेकिन हाँ अब एक बात जरूर लगती है कि जनता समझेगी कि मादरे वतन की शान में ऊँचे ऊँचे उत्तेजक डायलाग देकर वोट हासिल करना तो आसान है - पर उन बातों को निभाना मुश्किल ....

और हाँ !! पूर्ववर्ती सरकारों ने जो कुछ भी किया था वो भी मादरे वतन के लिए ही किया था - और शायद बेहतर ही किया था !!!!

पुनश्चः .... मैनें मेरी प्रतिक्रिया तो दे दी - पर मित्रो इस प्रकरण में मादरे वतन पर जुमले गढ़ने और देने वाले भक्तों की अब क्या प्रतिक्रिया रहती है देखना ज्यादा मज़ेदार होगा .... क्योंकि मुझे लगता है कि अब दहाड़ने और हुंकारे भरने की तो गुंजाईश रही नहीं - हाँ खिसियाने की गुंजाइश तो हमेशा बनी ही रहती है .... तो आइये - इस गंभीर विषय में भी कुछ मज़ा हो जाए - और भक्तों की टिप्पणियों पर ध्यान दिया जाए !! धन्यवाद !!