Friday 30 June 2017

// अब अंबानी 'आर्थिक आज़ादी' का लाभ लेंगे. और देश बजाता रह जाएगा 'घंटा' !! ..//


अभी कुछ दिनों से GST का विरोध बढ़ते देखा .. और कुछ-कुछ पक्ष में सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से और सरकारी जंतुओं से पढ़ने सुनने को मिला - और बहुत कुछ ढेर सारा विरोध में व्यापारियों विपक्षियों अर्थशास्त्रियों बुद्धिजीवियों के माध्यम से जानने को मिला .. ..

पर अधिकांश की ही तरह अभी तक भी मुझे स्थितियां बहुत स्पष्ट नहीं थीं - सिवाय इसके कि अब हर व्यापारी को एक कंप्यूटर एक नेट कनेक्शन और एक कंप्यूटर चलाने वाले की जरूरत लगेगी जिसकी भरपाई हर व्यक्ति के लिए करना आसान नहीं होगा - और सिवाय इसके भी कि इस GST के कारण बड़े व्यापारियों या धन्नासेठों या औद्योगिक समूहों या सत्ता के पट्ठों द्वारा छोटे व्यापारियों का धंधा हड़प लिया जाएगा .. ..

और आज जैसे ही मैनें पढ़ा कि मुकेश अंबानी ने GST को 'भारत की आर्थिक आज़ादी' बताया है .. यकीन करें मुझे GST बहुत कुछ समझ में आने लगा है .. और यकीन पुख्ता हो चला है कि मैं तो समझदार हूँ पर भक्त बेवकूफ .. ..

और आपको यकीन ना हो तो देख लीजियेगा कि अब अंबानी अडानी जैसे GST समर्थक 'आर्थिक आज़ादी' का और खुल कर लाभ लेंगे .. और देश बजाता रह जाएगा 'घंटा' - जिसकी आवाज़ आज रात १२ बजे संसद हाल से गूँज उठेगी !! .. .. समझे !!

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Thursday 29 June 2017

// मोदी को बेशर्मी स्वीकार्य है - इसलिए अब मुझे मोदी स्वीकार्य नहीं ....//


मोदी को शर्मसार करने वाली एक अत्यंत दुखद खबर आ रही है - झारखण्ड में मोहम्मद अज़गर नाम के व्यक्ति की बजरंग दल और गौरक्षकों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी .. ..

और मोदी जी ने आज ही अगले चुनावों की तैयारी में गुजरात दौरे के दौरान साबरमती से कहा था कि - "गौरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या स्वीकार्य नहीं" .. ..

यानि तय हुआ कि मोदी ने भी माना गौरक्षकों द्वारा हत्याएं की गई थीं - जो मोदी ने पहले समय रहते अस्वीकार्य नहीं की थीं .. और शायद इसी कारण एक और घटना घट गई .. और अब एक और निर्दोष की जान ले ली गई है .. ..

और इसी मुद्दे पर मोदी जी ने बयानबाज़ी तो अगस्त २०१६ में भी करी ही थी - जब उन्होंने गौरक्षा के नाम पर गुंडई करने वाले गुंडों का डोसियर तैयार करने की बात कही थी .. पर शायद तब से अब तक कुछ हुआ नहीं - और मोदी ने किया भी कुछ नहीं .. और शायद मोदी जी को कुछ लाज शर्म भी नहीं आई - कि बावजूद उनके बयान के - डोजियर निर्दोष लोगों के बनते रहे गुंडों के नहीं - और निर्दोष लोगों की पीट-पीट कर हत्याएं की जाती रहीं .. और जवाब में मोदी जी के द्वारा फिर बयान दिए जा रहे हैं .. बस बयान - कोरे विलंबित खोखले बयान !! .. ..

और इसलिए ही मैं कहता हूँ कि मुझे मोदी और उनके भक्त स्वीकार्य नहीं !! .. क्योंकि मुझे स्वार्थी बुज़दिल बेशर्म गुंडे जाहिल वहशी पागल उन्मादी कट्टर जल्लाद हत्यारे निर्दयी लोग बर्दाश्त नहीं !! .. किसी भी व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाए मुझे बर्दाश्त नहीं !! .. धिक्कार है !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// मोदी जी !! .. ये "भीड़" नहीं - जाने पहचाने सत्ता के नशे में चूर "गुंडों के टोले" ही हैं ....//


बस अभी-अभी मैनें आज फिर मोदी का भाषण सुन मारा .. और वो भी साबरमती से .. और वो भी गांधी और विनोबा के नामों के संस्मरण के साथ .. .. और मैनें एक बात फिर नोट की .. .. ये मोदी जो कहते हैं वो कदापि नहीं करते - जो करना होता है वो कभी नहीं कहते - जो उनसे अपेक्षित हो वो कभी नहीं करते - और आशा के अनुरूप बिल्कुल उलटे ही चलते हैं .. ..

और इसलिए मुझे एक पुराना चुटकुला याद आ गया .. गंगा किनारे हर की पेढ़ी पर एक महिला जोर जोर चिल्ला गंगा के बहाव के उलटी दिशा में बदहवास भागते हुए चिल्लाने लगी .. अरे बह गया बह गया कोई बचाओ !! .. .. कौन किधर ?? .. .. अरे मेरा पति - उधर .. .. उधर ?? .. तो इधर क्यों भाग रही है - बहाव की तरफ आगे जा .. .. अरे भाई वो भाजपाई भक्त ज़िन्दगी भर उलटे ही चला - मरने पर क्या खाक सीधे चलेगा - वो शर्तिया बह कर उल्टा ही आएगा !! .. ..

तो मित्रो - और भक्तो - आप भी टीप कर लें कि मोदी जी जो कहेंगे और करेंगे वो अपेक्षित और उपयुक्त का उल्टा ही होगा .. ..

और इसलिए मुझे लगता है कि गौरक्षकों की दरिंदगी - भीड़ के नाम पर संघ विहिप बजरंगी भाजपाई गुंडों की दरिंदगी अब काबू से बाहर हो चुकी है .. और इसे काबू में करने की ना कोई योजना है - ना इच्छा शक्ति - ना इरादा - ना नीयत .. ..

इसलिए सवा सौ करोड़ देशवासियों को मोदी पर विश्वास कर बेवकूफ बनने के बजाय खुद पर विश्वास कर ही कुछ करना होगा .. .. क्योंकि स्पष्ट है जिसे कुछ करने की जवाबदारी या जिम्मेदारी दी गई हो और वो कुछ भी किये बगैर सुबह शाम "चाइये-चाइये" कर रहा हो तो वो केवल चालाकी और धूर्तता और मक्कारी ही कर रहा है .. ..

और हाँ एक बात और बता दूँ कि मुझे लगता है कि जो हत्याओं का दोष "भीड़" पर मढ़ा जाकर भीड़ को बदनाम किया जा रहा है - वास्तव में वो भीड़ ना होकर जाने पहचाने सत्ता के नशे में चूर "गुंडों के टोले" ही हैं .. और ये बात हम सबको समझनी ही होगी - और मोदी और भक्तों को समझानी होगी !! .. .. !! जय हिन्द !!

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// जज साहब !! .. ये चोर - शरीफ ईमानदार मेहनती है .. क्योंकि रसूखदार भी .. ..//


GST - बोले तो काफी व्यापारियों द्वारा जेटली को अपशब्द कहने का एक और कारण होता दिखा - और अपशब्दों से जेटली की मानहानि होती है ये भी माना जाता रहा है .. ..

तो मैं भी एक बार मान लेता हूँ कि - जेटली का कुछ मान रहा होगा - और उस मान की जबरदस्त हानि हुई थी - और किसी भी हानि होने की दशा में मुआवजे की मांग की जा सकती है - और चूँकि मान की हानि केजरीवाल के कारण ही हुई थी इसलिए मैं जेटली की हानि का श्रेय व्यक्तिगत रूप से केजरीवाल को देता हूँ - और इसलिए मैं जेटली मानहानि प्रकरण में मानता हूँ कि जेटली ने केजरी पर जो मुक़द्दमा ठोका था वो उनके अधिकार क्षेत्र में हो न्याय व्यवस्था के अनुरूप था .. ..

पर मुक़द्दमे के दौरान जिरह करते केजरी के वकील जेठमलानी द्वारा जेटली के विरोध में यदि एक बार फिर 'धूर्त' जैसा शब्द कहा गया हो - जिससे जेटली ने अपने आपको अपमानित हुआ मान लिया हो - तो उसके लिए फिर से एक और मुक़द्दमा हो गया - मुझे जरा पचा नहीं .. .. और मैं यह सोचता ही रह गया कि किसी चोर या धूर्त या मक्कार को चोर या धूर्त या मक्कार नहीं कहना हो तो फिर विकल्प क्या ?? .. ..

और मैं सोच रहा था कि अपने मान पर बट्टा लगवा चुके जेटली जो एक वकील भी माने जाते हैं क्या किसी चोरी के प्रकरण में न्यायालय में खड़े हो चोर के विरुद्ध ये दलील दे सकते हैं कि .. जज साहब !! ये चोर बहुत शरीफ है - ईमानदार है - मेहनती है - और रसूखदार भी है - पर है ये चोर क्योंकि इसने चोरी करी है इसलिए इसे सजा मिलनी चाहिए ?? .. ..

अब अपमानित जेटली जी क्या कहेंगे .. ये तो वो जानें .. पर वो ऐसा ईमानदारी के साथ भी कह ही सकते हैं और कोर्ट के बाहर भी ऐसा कह सकते हैं - क्योंकि उनकी निगाह में तो कई नामी-गरामी चोर - शरीफ हैं - ईमानदार हैं - मेहनती हैं - क्योंकि वो सब रसूखदार भी तो हैं .. ..

 और यकीन मानिये मेरी नज़र में भी जेटली उसी श्रेणी के पक्के रसूखदार हैं .. समझे ?? .. ..

और मित्रो !! आप मुझे माफ़ करियेगा क्योंकि सीधी सी बात को जरा घुमा फिरा करके लिखा है - क्योंकि मेरे पास १० करोड़ किसी टुच्चे को फ़ोकट में देने के लिए नहीं हैं .. ..

और आज इसलिए लिखा है कि मुझे लगता है कि कल ३० जून - १ जुलाई की मध्यरात्रि से लागू किये जाने वाले GST के कारण कई शरीफ ईमानदार मेहनती छोटे व्यापारी भी चोर मान्य हो सकते हैं और अपना व्यापार बंद करने को मजबूर भी - और कई अफलातून रसूखदार अब छोटे व्यापारियों का व्यापार हड़प बड़े व्यापारी बन सकते हैं .. ..

इसलिए कृपया ध्यान रहे कि शरीफ ईमानदार मेहनती छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए हम सब सजग रहें .. और रसूखदार धूर्तों से सावधान .. .. !! जय हिन्द !!

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Wednesday 28 June 2017

// आधार और पैन से संपत्ति का जुड़ाव .. कुछ काबिले गौर है - भक्तों की पोल है .. ..//


आज बड़े मज़े की महत्वपूर्ण बात बताता हूँ .. जो काबिले गौर है - और भक्तों की पोल है .. ..

कृपया विदित हो कि - केंद्र सरकार ने ८-१० रोज़ पूर्व शायद १९/०६/१७ को एक अहम ऐलान किया था .. अब हर संपत्ति को पैन और आधार से जोड़ना जरूरी होगा .. १९५० के बाद की संपत्ति को पैन और आधार से जोड़ना है .. इसके लिए १४ अगस्त तक का समय दिया गया है .. अगर पैन और आधार से नहीं जोड़ा तो संपत्ति बेनामी मानी जाएगी !! .. ..

और इस आदेश पर कुछ समर्पित बयान या भक्ति संदेश या उछल-कूद या हलचल की अपेक्षा तो थी - पर हुआ तो कुछ नहीं - और इसलिए अब इस बात पर हो जाए विवेचना .. ..

आप को यह भी विदित होगा कि नोट बंदी के बाद भक्त और भाजपाई चरम चिल्लाहट के साथ अट्टहास मोड में थे - और प्रदूषण फैला रहे थे कि जो नोटबंदी के फैसले का विरोध कर रहा है उसके पास कालाधन है - और जो कष्ट झेल कर भी समर्थन कर रहा है उसके पास कालाधन नहीं है .. और भक्तों और भाजपाइयों की सेटिंग तो पहले से ही हो गई थी - इसलिए ये सभी इतरा भी बहुत रहे थे .. ..

पर अब यही भक्त और भाजपाई पैन और आधार से संपत्ति को जोड़ने के निर्णय पर खामोश हैं .. अब कोई मोदी मोदी मोदी नहीं कह रहा है .. ये सभी सन्न हैं .. और मोदिया के सभी चैनल भी बिना सम्पट बैठे इतने सन्नाटे में है जैसे मानो ये निर्णय भारत सरकार ने नहीं नेपाल या भूटान सरकार ने लिया हो .. ..

और इसलिए मुझे लगता है जो मोदी सरकार के इतने बड़े निर्णय पर भी सन्न संतप्त हो चुप हैं - उन टुच्चे चोर उचक्के बेईमान भ्रष्ट नामुराद झकोरों के पास बेनामी संपत्ति तो जरूर ही होगी .. ..

क्यों भक्तों कैसी कही ?? .. इस बार उचके क्यों नहीं ?? .. मोदी मोदी मोदी भी नहीं ?? .. कहीं सच में बेनामी संपत्ति तो नहीं ?? .. हा !! हा !! हा !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Tuesday 27 June 2017

// खुद किड़ीकाँप - एकतरफा दोस्त पहलवान - डींगे ऊंची ऊंची - बस बखान ही बखान ..//


पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात से पहले अमेरिका ने सैयद सलाहुद्दीन को ग्लोबल आतंकी घोषित किया .. भारत ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत किया .. भक्त इसे मोदी दौरे की एक बड़ी उपलब्धि भी मान रहे हैं .. ..

और अब तो मैं भी मान रहा हूँ कि अब यह तय हुआ कि अमेरिका में और मोदी के दोस्त ट्रंप में ही तो दम है भाई !! .. .. बाकी तो सब खाली-पीली-बोम .. ..

यानि खुद किड़ीकाँप - एकतरफा दोस्त पहलवान - डींगे ऊंची ऊंची - बस बखान ही बखान !! .. ..

वैसे भक्तों से आज बहुत संजीदा हो उन्हें थोड़ा समझाने का प्रयास करना चाहूंगा कि ये जो पाकिस्तान से लड़ाई है ना ये हमारी लड़ाई है - और ये लड़ाई हमें हमारे दमख़म पर ही लड़ते हुए बिना बेवकूफियाँ पटके जीतनी होगी - किसी अन्य के भरोसे नहीं - और किसी अन्य अंतर्राष्ट्रीय गुंडे के बल पर तो कदापि नहीं .. ..

याद रहे जो आम जन किसी गुंडे से लड़ने के लिए किसी अन्य गुंडों का सहारा लेता है वो केवल अपने दुश्मनों की संख्या बढ़ाता है - और फिर ऐसे जाल में फंस जाता है जहां से निकलने के लिए किसी और गुंडे का सहारा लेने की सोचता है - या फिर अंततः उसे मजबूरन खुद गुंडई पर उतरना पड़ता है .. समझे !!

अरे नहीं समझे तो अपने ५६ इंची साहेब के ही पुराने धाँसू डायलॉग सुनो - सब समझ आ जाएगा - कि साहेब ने क्या-क्या बघारा था और क्या-क्या करना था - और साहेब क्या-क्या नहीं कर रहे हैं .. और फिर शायद तुम ही उन्हें कुछ समझा सको या धिक्कार सको .. अब तो समझे ना ?? .. और यदि नहीं समझे तो फिर तो सब छोडो यार - तुम्हे भी धिक्कार ही है !! .. ..

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Monday 26 June 2017

// जब मामला बंदे और अल्लाह के बीच का - तो भगवान् और भक्तों के बीच का भी ..//


ईद मुबारक !!

आज ईद के मुबारक मौके पर पाकिस्तान से ऐसी विचारोत्तेजक खबर आई है जो दिमाग रखने वालों के द्वारा विचार किये जाने पर दिल और दिमाग की बत्ती जला दे .. ..

खबर के अनुसार - अल्लाह के एक बंदे ने मस्जिद में चोरी करी और एक खत छोड़ गया जिसमें लिखा था - ये मामला मेरे और अल्लाह के बीच का है - अब मेरे और अल्लाह के बीच कोई टांग ना अड़ाए .. ..

गहन विचारोपरांत मेरे दिल से निकली भावनाएं .. ..

भगवान् से भी अपेक्षा है कि वो अपने भक्तों को नियंत्रण में रखे - ताकि और किसी की बीच में फ़ोकट टांग ना टूटे .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Sunday 25 June 2017

// मोदी जी ट्रम्प से जरा बच के - ये भी तुम्हारे जैसा ही है .. ..//


मोदी जी आज फिर अमेरिका पहुँच गए .. नए रक्षा और ऊर्जा के सौदे करने .. और आज फिर कहा जाएगा कि ये अमेरिका और भारत के रिश्तों में एक नए युग की शुरुआत है .. ..

तो आइये मैं भी मोदी जी की निंदा की आज नई शुरुआत करता हूँ .. ..

मोदी जी ४ बार तो क्या ४० बार भी अमेरिका हो लोगे ना तो भारत का भला तब तक नहीं कर सकोगे जब तक भारत के बारे में सोचना शुरू नहीं करोगे .. .. अरबों डॉलरों की डील के बजाय गरीबों के हाल के बारे में जिस दिन रूचि लेने लगोगे ना - नए युग की शुरुआत तो तब ही होगी .. ..

और हाँ बड़े-बूढ़े समझा गए थे कि बुरी संगत का बहुत बुरा असर होता है .. जरा ट्रम्प से बच कर रहना .. ये भी तुम्हारे जैसा ही है .. .. समझे !!

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Saturday 24 June 2017

// तो क्या नरेंन्द्र मोदी को भी अब चाय बेचना शुरू नहीं कर देना चाहिए ?? .. ..//


हमारा देश .. देश के मध्य में मध्यप्रदेश .. और यहां भी सरकार जैसी कुछ व्यवस्था .. इसलिए सरकार का दोहन करने के लिए कई मंत्री .. उनमें से एक पंचायती राज मंत्री .. आप नाम पूछोगे तो 'गर्व' से बताएंगे गोपाल 'भार्गव' .. और ये सागर जिले के गढ़ाकोटा में एक सिनेमा के मालिक हैं .. और ये सिनेमा उनके विधायक होने से पहले १९७८ से चल रहा है .. और तब से वे अपने सिनेमा में टिकिट बेचते आ रहे हैं .. और कल रिलीज हुई सलमान खान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ का टिकट बेचते पाए गए हैं .. ..

मेरी प्रश्नात्मक सारगर्भित प्रतिक्रिया .. ..

तो क्या नरेंन्द्र मोदी को भी अब चाय बेचना शुरू नहीं कर देना चाहिए ?? .. ..

और क्या भक्तों की ‘ट्यूबलाइट’ जल जाए - ऐसा भी संभव हो सकता है ?? .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Friday 23 June 2017

// मित्रो !! .. कृपया GST के फायदे ऐसे भक्तों से मत समझ लेना .. ..//


भारत में GST को समझने वाले पहले भक्त का एक ताजा व्हाट्सप मैसेज .. ..

"जिस देश में लोगो को शौच कहाँ करनी है - ये भी tv में एडवरटाइज के जरिये समझाना पड़ता है - उस देश के लोगों को GST के फायदे उनका बाप भी नही समझा सकता" .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

मित्रो !! .. कृपया GST के फायदे उनसे मत समझ लेना जिन्हें बचपन से उनके बाप ने बताया हुआ है कि उन्हें शौच उनके बैडरूम से अटैच्ड टॉयलेट में नियत स्थान पर लगाए होल वाले पटल पर ही करनी होती है .. और शौचनीय बातें सार्वजनिक पटल पर .. .. 

कहो भक्तों GST के फायदे के अलावा भी कुछ समझ पड़ी ?? .. नहीं ना !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Thursday 22 June 2017

// अरे तथागत जी .. स्व: मुखर्जी की डायरी मत खंगालो - वेंकैया की सुनो .. ..//


अब त्रिपुरा के गवर्नर तथागत रॉय ट्विटिटाय हैं - और ट्वीट ठोंके हैं कि .. 'श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 10/1/1946 को अपनी डायरी में लिखा था "हिंदु-मुस्लिम की समस्या बिना सिविल वॉर के नहीं सुलझेगी" काफी हद तक लिंकन की तरह।' .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

ये श्यामा प्रसाद मुख़र्जी अब इस दुनिया में नहीं - उनकी डायरी में क्या सही क्या गलत और कितनी छेड़खानी ये जांच का विषय हो सकता है और बिना किसी आयोग के बैठाए इस पर बैठे बैठे विवाद करना भी जमेगा नहीं .. तो सत्य की ऐसी की तैसी होने की प्रतीक्षा की जा सकती है .. ..

और ये लिंकन कौन ?? .. नाम तो सुना-सुना सा है पर कभी मिलने मुझसे आया तो नहीं .. और इसलिए इसने भी क्या किया कहाँ किया कब किया क्यों किया मुझे कुछ ज्यादा पता नहीं - और मेरा दावा है कि भक्तों और भाजपाइयों को भी इस बारे में पता नहीं होगा .. ..

पर ये तथागत राय के बारे में कुछ कुछ पता पड़ा है कि ये मूलतः भाजपाई हैं .. और मुझे ये भी पता है कि ये महाशय जो 'हिन्दू-मुस्लिम समस्या' के बारे में कह रहे हैं वो अपने आप में समस्या कम हो भाजपा का प्रिय राजनैतिक विषय जरूर रहा है .. ..

और इसलिए तथागत जी को राय देना चाहूंगा कि .. कृपया स्व: श्यामा प्रसाद मुखर्जी को तो बख्श ही दो जनाब .. और उनकी डायरी खंगालने के बजाय आप तो जीवित वेंकैया नायडू के अभी-अभी दिए गए ताज़ा बयान पर गौर करो जनाब जो कह रहे हैं कि - किसानों की क़र्ज़ माफ़ी फैशन हो गया है .. .. जबकि  यूपी मध्यप्रदेश महाराष्ट्र की भाजपा सरकारें इस फैशन की शिकार हो गई हैं .. ..

तो समझे तथागत जी .. इस देश में असली समस्या तो अब नए नए लेटेस्ट फैशन की हो चली है - जैसे गौरक्षा - और क़र्ज़ माफ़ी आदि .. .. ये पुराने गड़े मुर्दे निकाल फ़ोकट राजनीति मत करो जनाब .. क्योंकि फैशन और जनता का टशन कब बदल जाए क्या भरोसा ?? .. है ना ?? .. ..

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// नेता हाज़िर हैं नफरत की सज़ा पाने को .. कोई पत्थर से तो मारो इन हैवानों को .. //


आजकल पत्थर ज्यादा ही चर्चा और चलन में आ गए हैं .. ..

पहले से ही कश्मीर में पत्थर तो चल ही रहे हैं - और मोदी मेहबूबा सरकार तमाशा देखती रहीं .. ..
अब अयोध्या में जिस राम मंदिर से जुड़ा मसला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है उसी राम मंदिर निर्माण हेतु पत्थर लाए जा रहे हैं - और सरकार तमाशा देख रही है - या क्या पता हो सकता है तमाशा करा रही है .. ..

इसलिए मेरी प्रतिक्रिया .. ..

मैनें माना - पत्थर मारना ठीक नहीं या अपराध ही सही - और पत्थर एकत्रित करना असंवैधानिक या गैर कानूनी भी नहीं .. पर ये पत्थरों से खेलना अच्छा भी तो नहीं .. कभी फूलों से भी तो खेल कर देखो यारों !! .. ..

वरना कहना पड़ेगा .. ..

नेता हाज़िर हैं नफरत की सज़ा पाने को ..
कोई पत्थर से तो मारो इन हैवानों को .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Wednesday 21 June 2017

/..सरकार ३० जून को संसद में घंटा बजाकर जीएसटी लागू करेगी .. मैं कहता नहीं था कि ये निकम्मी नकारा सरकार घंटा बजाने के अलावा कुछ कर भी नहीं पाएगी .. ../ मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


// क्या शान्ति सद्भावना के नए युग की शुरुआत पिछले योग दिवस पर हो गई थी ?? ..//


इतिहास गवाह है - आज ही के दिन पिछले योग दिवस पर दिल्ली का राजपथ योगपथ बन गया था - जहां से मोदी जी ने स्वयं मुख्य कार्यक्रम में भाग लेते हुए अपने संदेश में कहा था - आज शान्ति और सद्भावना के नए युग की शुरुआत हो रही है .. ..

मैं कहता नहीं था .. मोदी जी विश्वास योग्य नहीं हैं ?? .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// जब शाह योग कर सकते हैं तो फिर - सभ्य लोग राजनीति क्यों नहीं ?? ....//


आज अमित शाह को रामदेव के साथ योग करते देखा .. .. मुझे ऐसा लगा कि ऐसी ही गतिविधियों से प्रेरणा ले पढ़े-लिखे सभ्य स्वस्थ काबिल लोगों को भी राजनीति में हाथ आजमाना चाहिए ..

और भक्तों ने भी प्रेरणा ले - अब अक्ल की बातें करने का प्रयास करने की शुरुआत कर देना चाहिए .. ..

अमित शाह को शानदार प्रयास के लिए बधाई !! .. और आप सभी को योग दिवस पर शरीर के साथ-साथ दिमाग चलाते रहने की समझाइश .. ..

और हाँ !! .. अप्रिय मोदी जी को जनता के पैसे के दुरपयोग से योग करने से यदि कुछ जनहित हेतु लाभ प्राप्त हुआ हो तो उसके हस्तांतरण प्रदर्शन और क्रियान्वयन की आशा भी करता हूँ - क्योंकि जब शाह योग कर सकते हैं तो असंभव तो कुछ भी नहीं .. है ना !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Tuesday 20 June 2017

// कश्मीर समस्या के समाधान में अब तो तत्काल 'दिमाग' लगने की जरूरत .. ..//


गाय गई दूध देने - डोजियर वाले गुंडे नेता गए दूध धोने - किसान गए तेल लेने - व्यापारी तैयार हो रहे रिटर्न भरने - छात्र तैयार हो रहे एडमिशन लेने - किरकिट में उसे पहले हरा मुंहतोड़ जवाब भी हो गया - और राष्ट्रपति चुनाव का भरपूर चकल्लस और समय बर्बादी के बाद सब कुछ पटाक्षेप हो गया .. तो मैनें सोचा मौका ताड़ थोड़ा कश्मीर के बारे में इस नाकाम सरकार को टोंचा मार दूँ .. ..

तो मित्रो !! .. मुझे अब पूरा यकीन हो चला है कि - कश्मीर समस्या के समाधान में समय लगना महत्वपूर्ण नहीं है - बल्कि महत्वपूर्ण है तत्काल 'दिमाग' का लगना .. ..

इसलिए मुझे लगता है कि आओ सब मिल कर माँ भारती के चरणों में वंदना करें कि - कम से कम जब तक साहेब पद पर आसीन हैं और बुआ पद पर काबिज़ - तब तक कश्मीर के हालात बद से और बदतर हों अपूरणीय क्षति का कारण ना बनें .. ..

बस फिर उसके बाद तो हम सब मिलकर - और यहां तक कि भक्तों का भी साथ लेकर - स्थितियां सम्हाल ही लेंगे .. .. है ना !! .. भारत माता कि जय !! ..


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Monday 19 June 2017

// मोदी के कोविंद - सोनिया की मीरा .. हुकुम के नहले पर चिड़ी का दहला ?? ....//


मोदी ने शाह के मार्फ़त भाजपा के एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए रामनाथ कोविंद जी के नाम की घोषणा कर दी .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

बहुत बढ़िया !! .. मैं खुश हुआ .. क्योंकि कम से कम सुषमा स्वराज या सुमित्रा महाजन या आडवाणी या थावरचंद गेहलोत या रामदेव अब राष्ट्रपति नहीं बनेंगे .. और मैं खुश इसलिए हूँ क्योंकि सुषमा को मैं ललित काण्ड में लिप्त पाता हूँ - सुमित्रा महाजन को मैं स्पीकर के रूप में लोकसभा के निष्पक्ष संचालन नहीं करने का दोषी मानता हूँ - आडवाणी जी बाबरी मस्जिद विंध्वंस काण्ड के आरोपी हैं - थावरचंद गेहलोत मीसा बंदी प्रकरण में लिप्त हैं - और रामदेव यदि राष्ट्रपति बन गए तो फिर पूर्ण जनहित में चल रहे पतंजलि महा उद्योग को बिना मुनाफे कौन चलाएगा ?? .. ..

अब कुछ लोग बोल रहे हैं कि राष्ट्रपति का चुनाव सर्व सम्मति से होना चाहिए था .. तो इसके विरुद्ध भी मैं सोचता हूँ कि जब ना तो सर्व सम्मति है - और ना मोदी से किसी की सर्व सम्मति होना देशहित में है - इसलिए बिना सर्व सम्मति के ही चुनाव हो जाना संतोष का विषय है .. ..

और अंत में बात हो जाए विपक्ष के उम्मीदवार की .. और सुन रहे हैं कि इसके लिए सोनिया कांग्रेस यूपीए के उम्मीदवार के रूप में नहले पे दहला मारने जा रही हैं - और दलित के विरुद्ध दलित के अलावा महिला उम्मीदवार के नाम पर मीरा कुमार का नाम लिया जा रहा है .. पर मैं सोच रहा हूँ कि भले ही नहले पर दहला चला हो पर हुकुम के नहले पर चिड़ी का दहला कुछ जमता नहीं दिखता .. ..

और मैं सोच रहा था कि जब हारना तय ही था तो क्यूँ नहीं बेचारे अनुपम खेर का नाम ले उसकी ऐसी की तैसी कर दी जाती .. और ऐसा करना चतुर राजनीति कहलाती .. है ना !!

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//.. शायद तरीका कारगर था - पर क्या सही भी था ?? .. ..//


कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटना था .. एक बंदे को जीप के आगे बाँध दिया .. तरीका कारगर हुआ !! ..

खुल्ले में शौच को रोकना था .. वीडियोग्राफी कर मारी .. हो सकता है तरीका कारगर हुआ होगा !! ..

पर क्या उपरोक्त तरीके सही थे ?? ..

मसलन यदि मान लो कि आपको दारूकुट्टों की दारू छुड़ानी हो और आप दारू की बोतलों में गौमूत्र भर दें - तो क्या ये तरीका कारगर होते हुए भी सही होगा ?? ..

और यदि सही होगा तो - यदि कोई गौरक्षक कोई अन्य अपराध का दोषी पाया जाए तो उसे सज़ा में जबरन गोबर खिलाया जाए - तो क्या ये तरीका कारगर होते हुए भी सही होगा ?? .. 

और यदि ये भी सही होगा .. तो फिर क्या मोदी की असफलताओं के लिए मोदी की जगह भक्तों को चौराहों पर बुला मनचाही सजा दी जाए - तो क्या ये तरीका शर्तिया कारगर होते हुए भी सही होगा ?? .. ..

भक्तों अक्ल खुरच कर बताओ तो जरा !! .. ..

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Sunday 18 June 2017

/.. प्रिय भक्तों !! .. बस बहुत हुआ .. अब ये मत कहना कि मोदी जी ने खेलों को बहुत बढ़ावा दिया - और हम खेले भी अच्छा .. अब हार जीत तो लगी रहती है .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. अरे भक्तों !! - अब क्या ये साहेब ने कहा है कि हम किरकिट में हारे भी तो क्या - हॉकी में जीते ना .. १-१ से हिसाब बराबर .. हाँ नहीं तो !! .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. सुना है पाकिस्तान हारता है तो पाकिस्तानी अपना टीवी फोड़ते हैं .. ..
देखें भक्त क्या फोड़ते हैं ?? .. ..
अपना माथा .. या कहीं किसी और का सर तो नहीं ?? .. ..
तौबा !! .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. हुर्रे !! हुर्रे !! हुर्रे !! .. ..भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया है .. बावरे !! हॉकी में - किरकिट में नहीं .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

/.. सॉरी टु डिस्टर्ब यू .. ..


इंडिया के बैडमिंटन खिलाड़ी श्रीकांत ने इंडोनेशिया ओपन जीत लिया है ऐसा कोई बता रहा है .. और आज भारत पाकिस्तान का हॉकी मैच भी है ऐसा मालुम पड़ा है .. ..

तो भारत पाकिस्तान किरकिट मैच जारी है .. ..

टीवी से चिपके रहिये - और जोर लगाते रहिये .. कोहली २ बॉल पर २ बार आउट हुए .. स्कोर ६ रन पर २ विकेट .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. पाकिस्तान ने बढ़िया खेल खेला और पहले शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए ३३८ रन बना डाले ..
और अब बल्लेबाज़ी करेगा भारत ..

अब भक्त सोच रहे होंगे कि भारत शानदार बल्लेबाज़ी कर नापाक पाक को मुंहतोड़ जवाब दे देगा ..

और मैं सोच रहा हूँ कि भारत भी शानदार बल्लेबाज़ी कर मैच जीत लेगा .. !! जय हिन्द !! .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// और यदि इनकी वीडियोग्राफी होने लगे तो ? - तो इनकी खुल्ले में निकल जाएगी ..//


कुछ बेवकूफ निर्लज्ज अव्यवहारिक अतिवादी असहिष्णु दिशाहीन बेशर्म जाहिल गंवार - राष्ट्रहित में स्वच्छता अभियान के तहत खुल्ले में शौच को रोकने के सुलक्ष्य को प्राप्त करने के कुप्रयास में - खुल्ले में शौच करने वाली महिलाओं की वीडियोग्राफी करने के नायाब तरीके का क्रियान्वयन करते पाए गए हैं .. ..

मेरी खुल्ली प्रतिक्रिया .. ..

यदि यही खपती लोग सभी नेताओं की भी दैनिक क्रियाओं की वीडियोग्राफी करने लगें तो ?? .. तो मेरा दावा है कि इन सारे नेताओं की शौच खुल्ले में निकल जाएगी .. शर्तिया जी शर्तिया !! .. ..

बताओ तो भक्तों मेरी खुल्ली प्रतिक्रिया कैसी लगी ?? .. और तुम्हें कैसा लगेगा जब तुम्हारे पीछे भी वीडियो कैमरा लगेगा ?? .. समझे ?? .. नहीं समझे ना ?? ..  क्योंकि यदि सामान्य समझदार भी होते तो शायद समझ पाते कि किसी भी व्यक्ति को पीट-पीट कर मार देने के क्या भयावह मायने होते हैं !! .. और खुल्ले में शौच और खुल्ले में हत्या करने के क्या मायने होते हैं !! .. और किसी इंसान की इज़्ज़त के क्या मायने होते हैं !! .. और भी - कि किसी भी महिला की आबरू और अहंम पर चोट के क्या मायने होते हैं .. छिः !! .. अब तो वाकई तुम्हारी सोच हरकतों समर्थन और अवस्था पर घिन्न आने लगी है .. धिक्कार है !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Saturday 17 June 2017

// हर इक बात पर कहते हो कि - "समय लगता है" .. दिमाग नहीं लगता क्या ?? ..//


आज देश के बिगड़े और बिगड़ते ही जा रहे हालातों पर हालात बिगड़ने बिगाड़ने के जिम्मेदार और जवाबदार मेरे अप्रिय मोदी जी को मेरी तरफ से कुछ पंक्तियाँ समर्पित हैं .. ..

हर इक बात पर कहते हो कि .. "समय लगता है" ..
अरे मोदी जी .. "दिमाग भी लगता है" कहने में कितना समय लगता है ?? .. ..

और याद रहे समय बहुत लग गया है .. अब तो कम ही बचा है ..
अब तो दिमाग भी लगा लो मोदी जी .. यदि थोड़ा बहुत बचा है .. ..

और भक्तों के लिए भी एक संदेश .. ..

ये दिल दिमाग की बातें हैं भक्तों .. तुम्हें क्या रास आएंगी ..
तुम तो मोदी मोदी रटते रहना .. वरना क़यामत आ जाएगी .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Tuesday 13 June 2017

// अब इन्होनें सब कुछ तो कर लिया .. पर क्या इन्होनें कुछ कर दिया ?? .. ..//


अब शिवराज ने खुद तो कोई गोली चलाई नहीं - ना गोली चलाने की कही .. पर गोली तो चल गई .. ..

तो गोली चल गई और किसान मर गए .. .. तो इन्होनें जांच बैठा दी .. अधिकारीयों का स्थानांतरण कर दिया .. दुःख व्यक्त कर दिया .. कई घोषणाएं कर दी .. करोड़ों के सरकारी मुआवज़े घोषित कर दिए .. मोदी के '५० दिन' वाले भाषण से भी ज्यादा भावुक और धाँसू भाषण दे दिया .. रो भी दिए हाथ भी जोड़ दिए आश्वासन भी दे दिए .. लगे हाथ शाही उपवास भी कर लिया .. पीड़ितों से मिल भी लिए .. किसान मृत्यु क्षेत्र में जबरन शांति भी बहाल करवा दी .. और जनहित में तत्काल उपवास तोड़ पंडाल व्यवस्था आदि पर होने वाला अनावश्यक सरकारी खर्च भी बचवा दिया .. और तो और करोड़ों के खर्च की परवाह किए बगैर एक जांच आयोग तक का गठन कर दिया .. और हो गए 'बरी-जिम्मे' यानि समस्त जिम्मेदारियों से बरी - बड़े आराम से !! .. यानि इन्होनें दे दिया ना गच्चा !! .. ..

तो इन्होनें सब कुछ तो कर लिया ?? .. अब क्या बच्चे की जान लोगे ?? ..
पर बड़ा सवाल - क्या इन्होनें कुछ कर दिया ???? .. नहीं ना ?? .. तो क्या ऐसे 'गच्चे' को छोड़ दोगे ?? .. ..

या फिर किसान ऐसे ही अपनी जान से लड़ते रहेंगे ?? आत्महत्या करते रहेंगे ?? .. क्या आज ही जो इनके चुनाव क्षेत्र और प्रदेश के अन्य स्थानों से भी आत्महत्याओं की खबरे आ रही हैं उस पर भी ये बच्चा ऐसे ही गच्चा देता रहेगा .. और भक्त 'मामा-मामा' करता रहेगा ?? .. ..

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Sunday 11 June 2017

// जब तक मरता किसान रहेगा - शिवराज तेरा नाम रहेगा ?? .. ..//


इसे बोलते हैं : उपवास : दृढ निश्चय : त्याग : धैर्य : सेवाभाव : पीड़ा : सफलता : हिम्मत : काबलियत : विज़न : प्रतिबद्धता : ज़ुबान : वायदा : कष्ट : भूख : भरोसा : नेतृत्व : भाजपाई : और जाने क्या-क्या .. ..

पूरा पेट ठूंस-ठूंस कर भरने के पश्चात् - उपवास पर बैठने के पश्चात् - ढेर सारा निम्बू-पानी पीने के पश्चात् - पूरी रात जागने-सोने तड़पने परेशान होने दुखी होने विचारमग्न होने के पश्चात् - और पूरे २८ घंटों की उपवास अवधि के पश्चात् - तथा पूरे प्रदेश में शांति बहाल हो जाने के पश्चात् - और लाखों प्रदेश वासियों के आग्रह करने के पश्चात् : और करोड़ों रूपए का चूना लगाने के पश्चात् - और समुचित भीड़ एकत्रित करने के पश्चात् - और एक शानदार माहौल जमा लेने के पश्चात् - मध्यप्रदेश के व्यापमीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तड़कने तड़पने के पश्चात् अपना सात-सितारा उपवास अभी-अभी तोड़ दिया है .. और इस प्रकार प्रदेश एक अपूरणीय क्षति वहन करने से वंचित रह गया है .. ..

अब मैं शिवराज सिंह चौहान का नाम इतिहास के पन्नों में कपिल मिश्रा के बाद दर्ज किये जाने की मांग करता हूँ .. ..

भक्तों मुझे मालुम है तुम में थोड़ी शर्म बची है .. तो उंडेल दो .. मोदी !! मोदी !! मोदी !! बहुत हुआ .. अब तुम्हें नया नारा देता हूँ .. बस बोल दो .. .. .. 

जब तक मरता किसान रहेगा - शिवराज तेरा नाम रहेगा !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// ओ मैडम !! .. साडी के बहाने ये बकवास क्यों ?? .. ..//


शनिवार को अभिनेत्री रवीना टंडन ने साड़ी पहने अपनी तस्वीर साझा की और ट्वीट किया .. "साड़ी दिवस… तो क्या मुझे सांप्रदायिक, संघी, भक्त, हिंदूवादी आदर्श कहा जाएगा? अगर मैं कहूं कि मुझे साड़ी पहनना पसंद है और मुझे लगता है कि यह सबसे ज्यादा सुंदर लगती है." .. ..

रवीना के इस ट्वीट पर मेरी प्रतिक्रिया .. ..

सबसे पहले तो मैडम आपको बधाई क्योंकि आप साड़ी में बहुत अच्छी लग रही हैं और आप पर साड़ी भी बहुत अच्छी लग रही है .. ..

पर मैडम !! .. अभी गाय-गाय और तीन तलाक जैसे तैसे निपटे हैं - अभी किसान आंदोलन चल रहा है - किसान अपनी जीवन मरण की लड़ाई लड़ रहे हैं .. और ये मीडिया वाले फालतू के मुद्दे ही पसंद करते हैं .. तो कृपया करके किसान हित में ही सही अपनी ये हाई-फाई बातें कुछ समय के लिए स्थगित कर देंगी .. प्लीज़ !! .. ..

पर भक्तों !! .. वैसे मैं सोच रहा था कि कोई महिला साडी पहने या खाकी शॉर्ट्स ये सब तो बहुत निजी विषय हैं ना ?? .. ठीक वैसे ही जैसे कोई क्या खाए या किस धर्म का पालन करे .. है ना ?? .. .. पर बुर्का ठीक नहीं - क्यों ?? .. क्या इसमें कुछ निजी नहीं ?? .. ..

सोचियेगा !! .. रवीना टंडन की सोच के बारे में भी कुछ सोचियेगा .. थोड़ा सा साम्प्रदायिक सोच से ऊपर उठकर सोचियेगा .. प्लीज़ !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// किसान भड़क गया ?? .. और शिवराज तड़क गया ?? .. मोदी की बारी कब ?? .. ..//


कांग्रेस ने भड़काया ?? ..और मध्यप्रदेश मंदसौर का किसान भड़क गया ?? .. और शिवराज तड़क गया ?? .. और बैठ गया उपवास पर !! .. ..

मेरे सूत्र बता रहे हैं कि कांग्रेस भड़काने का काम जारी रखे हुए है .. और अब पूरे देश का किसान भड़क रहा है .. ..

मेरा प्रश्न .. तो अब ये मोदी कब तड़केंगे ?? .. अनिश्चितकालीन उपवास पर कब और कहाँ बैठेंगे ?? .. या फिर अब इतना ही बता दें कि कौन से चौराहे पर मिलेंगे ?? .. ..

और भक्तों से भी प्रश्न .. क्या बात है आजकल भड़कना कुछ कम क्यों कर दिए - आजकल तो गाय-गाय करना भी बंद कर दिए - डर लग रहा है ना कि मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगे ?? .. या फिर अब शांति बहाली का प्रयास है ताकि कहीं तड़का शिवराज निपट ना जाए ?? .. .. हा !! हा !! हा !! .. ..

खैर चलो भक्तों - माना तुम्हारे अनुसार तुम देशद्रोही नहीं पर यदि तुम किसान विरोधी भी नहीं तो बोलो तो रे .. !! जय किसान !! .. बोलो नहीं तो किसान विरोधी मान लिए जाओगे .. हाँ नहीं तो !! .. ..

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Saturday 10 June 2017

// "ढाई युद्ध" का डायलॉग - "डेढ़ अक्ल" का परिचायक तो नहीं ?? .. ..//


भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कहा कि सेना एक समय में अपनी आतंरिक सुरक्षा के साथ पाकिस्तान और चीन के साथ "ढाई युद्ध" लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार है ....

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

मैनें माना कि सेना बिल्कुल तैयार होगी - पर मैं इसे "डेढ़ अक्ल" का परिचायक मानता हूँ - इसलिए नहीं कि मुझे अपनी सेना की क्षमता पर या रावत साहब की सैन्य कुशलता पर कोई शक़ है - बल्कि इसलिए कि मुझे लगता है कि सेनाध्यक्ष को इस प्रकार के ५६ इंची डायलाग देने से बचना चाहिए .. अपनी ना सही - अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए .. ..

ज्ञातव्य हो कि कुछ दिन पहले भी विपिन रावत जी बड़ी बेबाकी से कह गए थे कि - "लोगों को आर्मी का डर होना ही चाहिए - जिस देश में आर्मी का डर खत्म हो जाता है उस देश का पतन भी तय हो जाता है" .. .. और उनके द्वारा कश्मीरी शख्स को जीप के बोनट से बांधने वाले मेजर गोगोई वाले प्रकरण में भी कई बयान दिए गए थे .. और उसके बाद इतिहासकार पार्था चटर्जी ने सेना प्रमुख रावत की तुलना जनरल डायर से कर दी थी तो विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई थी .. ..

और यह भी ज्ञातव्य हो कि पूर्व में रावत साहब सहित कई अन्य जिम्मेदार इस आशय की बातें कह चुके हैं कि सेना की क्या तैयारियां हैं या उसकी क्या क्षमता है या उसकी क्या योजना है - वो कभी भी पहले से सार्वजानिक नहीं की जा सकतीं या की जानी चाहिए .. .. 

जहां तक तैयारी की बात है तो ये सेनाध्यक्ष का कर्तव्य है कि वो अपनी इस जिम्मेदारी का बेहतर से बेहतर निर्वहन करे .. और बयान बयानवीर जेटली जैसे रक्षामंत्री को देने दें जिन्हें ये और यही काम बेहतर तरीक से करते आता है .. .. 

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/.. यदि अमित शाह राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के लिए कहता है - "वो चतुर बनिया था" ..

तो ये चायवाला - "धूर्त व्यापारी है" ..

कहो भक्तों कैसी कही ?? .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// धाँसू आइडिया !! - अब शांति बहाली तक शिवराज को उपवास तोड़ने ना दिया जाए ..//


मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान आज से उपवास पर बैठ रहे हैं .. एक बार फिर आपके हमारे लाखों करोड़ों की लागत से निर्मित और स्थापित ताम-झाम के नीचे - एक विशालकाय मजबूत पंडाल के नीचे सुसज्जित सर्वसुविधायुक्त सफेदपोशी मंच पर .. और घोषणा अनुसार जब तक वहीं तशरीफ़ रखेंगे जब तक मध्यप्रदेश में शान्ति बहाली नहीं हो जाती .. ..

और मेरा दावा है कि जैसे कपिल मिश्रा अपनी सुविधा और औकात अनुसार उपवास तोड़ दिए .. ठीक वैसे ही शिवराज भी अपना उपवास तोड़ ही देंगे - शर्तिया तोड़ देंगे .. ..

और यदि कभी केजरीवाल ने दिल्ली में 'अराजकता' का परिचय दिया था - या अब किसान अराजकता कर रहे हैं - तो अब कुछ अलग ही प्रकार की नायाब असल अराजकता अब शिवराज करने जा रहे हैं .. इसे आप 'शवराज अराजकता' की संज्ञा भी दे सकते हैं .. ..

पर मैं सोच रहा था कि अगर वाकई शांति बहाल नहीं हुई - और ना ही शांति बहाली का दावा करना संभव हुआ तो ?? .. तो क्या होगा ?? .. शांति "ॐ" शांति ???? .. ..

और मैं इसलिए यह भी सोच रहा था कि क्या बेहतर ना हो कि किसान और पूरी जनता शिवराज को उपवास तोड़ने ही ना दे - बशर्ते जब तक शांति बहाल ना हो जाए .. .. शांति "ॐ" शांति !! .. ..

और किसानों से अपील - ना तो झुकें और ना किसी के भड़कावे में आएं - और आपकी उचित समस्याओं के पुख्ता समाधान होने तक अब शिवराज को उपवास तोड़ने भी ना दें .. ..

शांति "ॐ" शांति .. !! जय किसान !! !! जय हिन्द !! .. ..

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Friday 9 June 2017

// बेचारा साज़िश और किस्मत का मारा किसान अराजक हिंसक भी ठहराया जा रहा है ..//


किसान आंदोलन अब उस मुकाम पर पहुँच गया है जहां - भाजपा और कांग्रेस की मिली जुली नूरा कुश्ती समस्त फ़िल्मी दांव-पेंच के पूरी नमक मिर्ची के साथ प्रदर्शित होती रहेंगी - पर बिना किसी समाधान के भी किसान समस्याओं पर बात नहीं होगी .. शर्तिया !! .. ..

बड़ी अजब बात है कि अब जब कुछ वीडियो तक भी दिखलाए जा रहे हैं जिसमें कोंग्रेसी कारगुजारियाँ करते दिख रहे हैं - और हिंसा जारी है - पर अभी तक एक भी कोंग्रेसी को पकड़ कर उस पर पुलसिया या कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं की गई है - जिस कोंग्रेसी विधायक जीतू पटवारी पर लोगों को भड़काने का आरोप लग रहा है - वही जीतू पटवारी अभी शाम टीवी चैनलों पर बहस करते लाइव आ रहे हैं .. ..

तो क्या सिद्ध नहीं होता कि ये अराजक और असामाजिक तत्व या तो कोंग्रेसी या भाजपाई ही हैं जिनके नेता किसान का आर्थिक शोषण करते आए हैं और करोड़ों कमा रहे हैं .. और यही वो लोग हैं जो किसान समस्याओं का मूल कारण हैं .. ..

तो अब किया क्या जाए ?? .. क्या किसान के पास ऐसे कोई उपाय हैं कि वो अपने आंदोलन से भाजपाइयों कोंग्रेसियों गुंडों बदमाशों टुच्चों दल्लों दलालों को घुसने से रोक सके ?? .. तो क्या अब किसानों को खेती किसानी के अलावा कानून व्यवस्था कायम रखने के गुर भी सीखने होंगे ?? .. और अपनी समानांतर कानून व्यवस्था कि व्यवस्थाएं भी स्थापित करनी होंगी ?? .. यदि हां तो क्या हमारी सरकार में ठंसे बेशर्म लोग बस बिना काम और बिना जवाबदारी और बिना जवाबदेही जनता के पैसे से ऐश करते रहेंगे और जनता की ऐसी की तैसी ?? .. ..

लगता है अब तो हर सत्तासीन या विपक्षी नेता के माथे पर गुदा गया है कि ये चोर है मक्कार है और ये सब हराम के टुकड़े खा रहे हैं .. और मेहनतकश किसान इन हरामखोरों के टुकड़ों के लिए अपना खून पसीना बहा रहा है .. और बेचारा साज़िश और किस्मत का मारा किसान अब अराजक भी माना जा रहा है - हिंसक भी ठहराया जा रहा है .. ..

और बेशर्म भक्त हमें समझा रहे हैं - अच्छे दिन आ तो रहे हैं !! .. ..

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// मोदी कजाकिस्तान पहुंचे - और राहुल नीमच पहुंचे .. और बदलाव देखिए !! .. ..//


क्या बात है !! .. कल मोदी जी कजाकिस्तान पहुंचे .. पर टीवी और अखबारों पर कोई विशेष कवरेज नहीं .. बस गए और पहुंचे और मिले और कुछ फोटो आदि .. ..

पर कल ही राहुल गांधी किसान आंदोलित मंदसौर जाने के लिए नीमच क्या पहुंचे - कवरेज ही कवरेज .. दिन भर सारे टीवी चैनल बस यही दिखाते बतियाते बकवासते रहे .. ..

क्या वाकई देश बदल तो नहीं रहा है ?? .. और यदि बदल रहा है तो ये एक कुछ-कुछ शुभ संकेत तो है ही .. क्योंकि अब तो हम ५६ इंची छाती के ऊपर वही सफ़ेद दाढ़ी देख-देख ऊब जो गए हैं .. ..

वैसे एक बात और .. ऊबाहट के अलावा भी जब दो पुराने अभिन्न मित्रों को हाथ मिलाते और बताए अनुसार "माँ"-"माँ" करते देखा तो मुझे गुस्सा भी बहुत आया .. ..

अब भक्तों की नहीं मालुम कि उन्हें क्या आया - अभिमान या शर्म या घृणा या उत्तेजना - या फिर लाड़-प्यार आदि ?? .. .. हा !! हा !! हा !! .. .. !! भारत माता की जय !!

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// कृपया किसानों से आंदोलन करने का श्रेय छीनने की धूर्तता तो ना करें .. ..//


अब नई बात सुनो !! .. .. कुछ लोग कह रहे हैं कि .. यह किसान हो ही नही सकते - जिन्होंने फल वालों का ठेला उलट दिया - महिलाओं का सर फोड़ दिया - बसों में आग लगा दी - ट्रकों को लूटकर फूंक दिया - लाखों लीटर दूध बहा दिया !! .. .. फिर ये कौन हैं जो किसान को बदनाम कर रहे हैं ?? .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

जिन्होंने फल वालों का ठेला उलट दिया - महिलाओं का सर फोड़ दिया - बसों में आग लगा दी - ट्रकों को लूटकर फूंक दिया - लाखों लीटर दूध बहा दिया .. तो क्या वो छात्र हो सकते हैं - क्या वो मजदूर हो सकते हैं - क्या वो शिक्षक हो सकते हैं - क्या वो व्यापारी हो सकते हैं - क्या वो जाट हो सकते हैं - क्या वो दलित हो सकते हैं - क्या वो मुसलमान हो सकते हैं - क्या वो हिन्दू हो सकते हैं .. या इनमें से भी कोई नहीं ?? .. ..

तो यानी ये तो असामाजिक तत्व ही हो सकते हैं .. है ना !! .. ..

तो क्या पूर्व में किसी छात्र मजदूर शिक्षक व्यापारी जाट दलित मुसलमान हिन्दू ने कभी आंदोलन नहीं किया जिसमें फल वालों का ठेला नहीं उलट दिया - महिलाओं का सर नहीं फोड़ दिया - बसों में आग नहीं लगा दी - ट्रकों को लूटकर नहीं फूंक दिया - लाखों लीटर दूध नहीं बहा दिया था ?? .. ..

तो फिर क्या ये मान लूँ कि आंदोलन तो असामाजिक तत्व ही करते हैं ना ?? ..
तो फिर प्रत्येक आंदोलन को कुचला क्यूँ नहीं जाए ?? .. ..

अब या तो मेरी बात का जवाब दें - या फिर मान लें कि वर्तमान में जो आंदोलन चल रहा है वो किसान आंदोलन ही है .. कृपया किसानों से आंदोलन करने का श्रेय छीनने की धूर्तता तो ना करें .. ..

अन्यथा इन किसानों की आने वाली पीढ़ियां भी इनको कोसेंगी कि - बिना कोई आंदोलन करे या प्रयत्न करे या प्रतिकार करे ये यूँ ही खप मर गए - या मार दिए गए - और ये हार मान ऊपर चले गए और हमें नकारा सरकारों और असामाजिक तत्वों के हाथों शोषित होने के लिए छोड़ गए !! .. ..

बहुत अन्याय हो चुका किसानों पर - अब कृपया उन्हें बख्श दें .. धन्यवाद !! .. ..

जय किसान !! जय हिन्द !!

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Thursday 8 June 2017

/.. क्यों भाई किसानों के लिए अण्णा हज़ारे कुछ करने वाले थे ना ?? .. ..

कुछ कर दिए क्या ?? .. कुछ हो गया क्या ?? .. कुछ पता चला क्या ?? .. और क्या ये भी पता चला कि यूपी में योगी ने अब तक किसान क़र्ज़ माफ़ी की घोषणा ही करी है - घोषणा पर अमल होना अभी अनअपेक्षित हो शेष ही है ?? .. समझे ?? .. ..

वैसे मैं सोच रहा था कि इतने बुढ़ापे में भी अण्णा कम से कम किसानों के पक्ष में बोले तो सही - पर भक्तों की क्या कहें जो अन्नदाता किसान का खाते हैं और मोदी मोदी मोदी रटते हैं !! .. ..

इसलिए मेरा मानना है कि यकीनन भक्त अब दिमाग से मोदी हो चले हैं - और करनी से अण्णा .. यानि बातें ऊंची-ऊंची पर करना धरना कुछ नहीं सिवाय बकवास के .. है ना !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// 'किसान आंदोलन' या 'किसान विद्रोह' - या अब दमन या आक्रोश !! - आगे क्या ?? ..//


जी हाँ !! .. सामान्यतः इसे 'किसान आंदोलन' कहा माना जा रहा है ..
अपरिपक्व बिकाऊ मोदिया इसे बिना अक्ल और क़ाबलियत सब कुछ 'किसान संबंधित' बता जो चाहे भोंडे तरीके से पेल रहा है - धकेल रहा है - उछाल रहा है - मजे ले रहा है ..
भाजपा सरकार इसे चालाकी और बेशर्मी से राजनीति बता रही है ..
और भक्त इसे सदैव वाली मूर्खतावश साज़िश बता रहे हैं ..
और कुछ अधिक मूर्ख इसे गुंडई भी बता रहे हैं ..

और कुछ समझदार समझ गए हैं कि ये 'किसान आंदोलन' नहीं - ये 'किसान विद्रोह' है ..
और किसानों की हत्याएं ये सबूत दे रही हैं की ये तो 'किसान दमन' ही है .. ..

और मैं महसूस करता हूँ कि ये सब कुछ पूरे देश की 'किसान दुर्दशा' के रहते एक चालाक स्वार्थी सनकी प्रधानमंत्री का एक यूपी प्रदेश के चुनाव जीतने के लिए यूपी में असंवैधानिक तरीके से 'किसान क़र्ज़ माफ़ी' की घोषणा कर देने का दुष्परिणाम है .. और पूरी भाजपा तथा मोदी द्वारा २०१४ चुनाव पूर्व से अब तक लगातार किसानों को उनकी दुर्दशा से बाहर निकालने के सब्जबाग दिखा उल्टे किसानों की दुर्दशा कर देने का दुष्परिणाम है .. ..

और नतीजा ये है कि अब ये तथाकथित किसान आंदोलन "आक्रोश" में बदल चुका है .. और सरकार और बैंक 'किसान क़र्ज़ माफ़ी' की औकात नहीं रखते - और अन्य वायदे पूरी करने की नीयत नहीं रखते .. और किसान मोदी और सरकार को माफ़ करने के मूड में नहीं दिखते .. ..

इसलिए मामला गंभीर हो उलझा उलझाया है .. और स्थायी समाधान का तो पता नहीं - पर तात्कालिक समाधान तभी संभव होगा जब मरता खपता किसान मन मसोस खून के घूँट पी संवेदनशीलता का परिचय दे जनहित में आंदोलन - विद्रोह - आक्रोश प्रदर्शन आदि खत्म कर देगा - वर्ना बेशर्म टुच्ची सरकारों की तो कोई औकात बची नहीं दिखती .. है ना !! .. ..

!! जय किसान !! !! जय हिन्द !! .. ..

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Wednesday 7 June 2017

// इन बेशर्मों की बहुत लम्बी ट्रेल है .. इन हत्यारों की जगह जेल है .. ..//


जो अपने आपको किसान हितैषी या किसान बता रहे हैं - इन श्वानों ने ६ किसानों की हत्या कर दी है .. ..
अब बेशर्म बेशर्मी से बोल रहे हैं - किसान आंदोलन में गुंडे घुस गए हैं - और कांग्रेस उन्हें शह दे रही है .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

और यदि बेशर्म सही कह रहे हैं तो तय हुआ ये बेशर्म नपुंसक भी हैं - इनसे आगे भी कुछ न हो सकेगा .. क्योंकि जो कांग्रेस को गयाबीता कमज़ोर मान उसका उपहास भी करें - और गुंडों को ५६ इंची छाती दिखा चैलेंज भी करें - पर कांग्रेस और गुंडों से पार ना पा सके - वो टुच्चे लल्लू आगे भी क्या खाक कर सकेंगे ?? .. ..

अब तक बेचारे लाचार किसान आत्महत्या कर रहे थे .. अब ये बेशर्म बाहुबली उन्हीं किसानों की हत्या कर रहे हैं .. और बदले में ये कांग्रेस और गुंडों का रोना रो रहे हैं - जबकि किसान भाजपा और भक्तों का ही रोना रो रहे हैं .. .. और मज़े की बात देखिये कि ये सभी मृतकों और पीड़ितों को करोड़ों का मुआवज़ा भी दे रहे हैं .. क्योंकि पैसा तो इनके बाप का नहीं - पर है तो इनके बाप के आधिपत्य में .. ..

स्पष्ट है कि व्यापमीय शिवराज एक बार फिर ओछी घृणित राजनीति पर उतर आए हैं - और शिवराज सरकार पूरी तरह फेल साबित हो रही है .. .. और इन गेले गेल भक्तों की दलीले मान लें तो पूरे प्रदेश और देश में जो भी अच्छा होता है इनकी वजह से होता है - और जो गलत हो जाए वो केजरीवाल - कांग्रेस - विरोधियों - या देशद्रोहियों की वजह से होता है .. .. शर्मनाक !! .. ..

इसलिए आज बहुत चिंतित और व्यथित हो एक बार फिर दिल दिमाग से कह रहा हूँ .. इस फेंकू से कुछ अच्छा ना हो सकेगा ..

ये फेंकू फेल है ..
और इसके भक्त गेल हैं ..
एमपी में भी रेलमपेल है ..
एमपी के गधे बिना नकेल हैं ..

इन बेशर्मों की बहुत लम्बी ट्रेल है ..
इन हत्यारों की जगह जेल है ..

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Tuesday 6 June 2017

// जनरल डायर के बहाने अमित शाह और विपिन रावत तो तुलनीय हो गए .. ..//


१७/१०/१६ की बात है केजरीवाल ने अमित शाह की तुलना जनरल डायर से कर दी थी .. बीजेपी को बुरा लग गया था .. ..
अब आज इतिहासकार पार्था चटर्जी ने सेना प्रमुख रावत की तुलना जनरल डायर से की .. बीजेपी नेताओं ने कहा 'गद्दार' .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

केजरीवाल भी राजनीति में अमित शाह भी राजनीति में .. इसलिए बयानबाजी तो होनी थी - हो गई थी !! .. ..
रावत जी ने भी बयानबाजी करी .. इसलिए उन पर भी बयानबाजी हो सकती थी .. .. जो दुर्भाग्यपूर्ण होते हुए भी हो गई !! .. ..

पर केजरीवाल ने शाह की तुलना डायर से की और चटर्जी ने डायर की तुलना रावत से .. यानि रावत और शाह तुलनीय हो गए .. है ना !! .. तो फिर इस पर भाजपाई खुश क्यों नहीं हो रहे .. क्या रावत इतने गए बीते हैं - या शाह इतने सुपीरियर ?? .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// 'प्रणाम इंदौर' से क्या हासिल होना था या हुआ ?? .. तो अब मैं किसे प्रणाम करूँ ?? ..//


इंदौर देश का स्वच्छतम शहर घोषित हुआ तो भाजपा सरकार ने आदतन अपनी छवि आपके हमारे पैसे से चमकाने का निर्णय लिया - और आयोजित कर विज्ञापित भी कर मारा एक भव्य समारोह - 'प्रणाम इंदौर' के नाम से .. और मुख्यमंत्री और लोकसभा स्पीकर सहित बुला-बुलवा लिए कई ढेर सारे नेता और अपने वालों की एक भक्त-युक्त भीड़ .. और भीड़ के लिए बना डाला विशालकाय पंडाल - बड़ा सा मंच - और गजब की साज सज्जा - सब कुछ ऐसा और यूँ जैसा कि हराम की कमाई वाले करते आए हैं .. ..

और जिस हवा में उड़-उड़ कर ये नेता ठाठ-बाठ से जनता के पैसे पर ऐश करते टपके - उसी हवा में कुछ खलबली हुई - हवा चली - आंधी बनी - जो पंडाल को धाराशाई कर औकात बता गई - और आयोजन स्थल पर कोहराम मचा गई - और बची खुची कसर मूसलाधार बारिश ने कर दी .. .. वैसे गर्मी में ऐसी बारिश मेरा मन बिन आंसू मयूरा भी कर गई - और आफत के साथ राहत भी दे गई .. .. 

परिणाम ?? .. प्रणाम धरा का धरा रह गया !! .. और प्रणाम करने आए ये नेता उस 'प्रणाम स्थल' से अपने प्राण बचा भागते फिरे .. ..

और हमेशा की तरह ये सभी नेता तो बच गए या बचा लिए गए - पर ये नेता जिनको प्रणाम करने आए थे वे लपेटे में आ गए .. और दर्जनों अस्पताल पहुंचा दिए गए .. अफ़सोस !! .. ..

और मैं सोच रहा हूँ कि इनकी 'प्रणाम रस्म' तो पूरी हुई नहीं - पर अब मैं किसे प्रणाम करूँ ?? .. ..

और बहुत सोच विचार के आज मैं केवल आपको प्रणाम करते हुए इस निर्णय पर पहुंचा हूँ कि ये सारे के सारे टुच्चे प्रणाम के लायक नहीं - ये तो जूते खाने लायक हैं  .. ..

और मैं ऐसा इसलिए भी कह रहा हूँ कि ऐसे विषयों में ये केजरीवाल को अपने प्राण खपा बदनाम करते रहे हैं .. और जनता को प्रणाम करने के भी ये जनता से ही पैसे वसूलते रहे हैं .. और ये हराम की कमाई के और जनता के पैसे से ऐश करने के आदी हो गए हैं .. और करोड़ों के विज्ञापन करने के साथ ये बेशर्मी का रेनकोट ओढ़ लिए हैं .. .. और निश्चित रूप से इनमें वो सभी प्रसिद्द भक्त भी तो सम्मिलित हैं ही जो प्राणायाम करते भी अपने प्राणनाथ को प्रणाम- प्रणाम करते रहे हैं .. है ना !! .. ..

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Monday 5 June 2017

/.. "ISRO का सबसे वजनी GSLV मार्क 3 लॉन्च, 200 हाथियों जितना वजन" .. .. DainikBhaskar.com .. ..
इसका एक सुखद अभिप्राय तो यह भी निकलता है कि भारत ने वो क्षमता हासिल कर ली है कि वो एक साथ १००० गधों का भार अपनी धरती से कम कर सकता है .. और इस कारण भारत के अच्छे भविष्य की कल्पना की जा सकती है .. .. बधाई !! .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. क्या देश में है कोई ऐसा भक्त जिसे ये ना मालुम पड़ गया हो कि भारत ने कल के मैच में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया .. और पाकिस्तान को रौंद डाला ?? .. ..

और क्या देश में कोई है ऐसा समझदार जो ये ना मानता हो कि भारत के द्वारा पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाकर उसे रौंद डालना अभी बाकी ही है ?? .. ..

भक्तों की जानकारी तो मुझे है .. पर उपरोक्त समझदार की मुझे तलाश है .. किसी को कुछ मालुमात हो तो कृपया बतायें - क्योंकि आखिर मैं भी पता करना चाहता हूँ कि ऐसे समझदार और भक्त में क्या कोई अंतर होता है अथवा नहीं ?? .. ..

खैर इसके पहले कि मुझे नया ज्ञान प्राप्त हो - मैं आपको पूर्व में प्राप्त ज्ञान से अवगत करा देता हूँ कि - बेवकूफ और भक्त में कोई ज्यादा अंतर नहीं होता !! .. हा !! हा !! हा !! .. !! जय हिन्द !! .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// जीडीपी और भक्तों का स्तर गिरने के कारण - नोटबंदी के साथ-साथ अक्लबंदी !! ..//


क्या आपको मालुम है हमारे साहेब के मंत्रिमंडल में एक हारे हुए रक्षा विशेषज्ञ भी हैं .. ..
हारे हुए इसलिए कि एक चुनाव तक जीत ना सके - और रक्षा विशेषज्ञ इसलिए नहीं कि वो बिना विशेषता रक्षामंत्री हैं - पर इसलिए कि वो अपनी और अपनी सरकार की रक्षा कर ही लेते हैं .. ..

वैसे आपको बता दूँ कि ये मूलतः एक वकील हैं - और भूलतः साहेब के मंत्रिमंडल में वित्तमंत्री .. और नाम है अरुण जेटली - जिन्हें प्यार से लोग केटली भी कहते हैं .. शायद इसलिए कि इनका चाय या चायवाले से कोई संबंध हो या इन्हें 'के' से कोई विशेष दिक्कतें हों .. ..

और आजकल बेचारे सब दूर से गालियां खा रहे हैं .. कारण ये है कि पाकिस्तान ने नाक में दम कर रखा है - और इनके साथी धोतीपकड़ राजनाथ बयानों के टेके भी सही तरीके से नहीं लगा पा रहे हैं .. इसलिए पार्ट-टाइम रक्षामंत्री होने के गलत कारणों के रहते बेचारे जबरन गालियां खाने के लिए मजबूर और तैयार रहे हैं .. ..

पर समस्या अब तब और बढ़ गई हैं जब मुई जीडीपी धड़ाम से गिर गई है .. और ये गिरी है नोटबंदी के कारण .. और नोटबंदी का कारण रहे इकलौते मोदी जी .. और ये वित्तमंत्री हैं इसका कारण भी है इकलौते मोदी जी .. इसलिए ये वित्तमंत्री मान ही नहीं सकते कि जीडीपी नोटबंदी के कारण गिरी है .. पर ये वाला सच इतना सच है कि भक्तों को भी पता है कि जीडीपी नोटबंदी के कारण ही गिरी है .. ..

और इसी कारण मोदी पर टिके चुनाव हारे केटली जी ने मोदी जी की रक्षा में बयान देते हुए कह दिया है कि .. "चौथी तिमाही में जीडीपी में गिरावट के पीछे नोटबंदी का प्रभाव नहीं है - बल्कि वैश्विक हालात समेत कई अन्य कारण भी जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट के कारण हैं" .. ..

और अब समझदार हो रहे कुछ भक्त इसलिए परेशान हैं कि उन्हें ये बयान बयानवीरों का ओरिजिनल बयान ना लग कुछ सुना-सुना सा या चुराया हुआ सा लगता है .. शायद मनमोहन सिंह या चिदंबरम ४-५ साल पहले इसका ही तो उपयोग करते थे .. वो भी तब जब वाकई वैश्विक मंदी का दौर चल रहा था .. ..

पर अब भी कुछ बेवकूफ भक्त हैं जो तुरंत ही खोज करने में लग गए हैं कि वो कौन से वैश्विक हालात हुए जिसके कारण जीडीपी गिरी - और वो अन्य कौन से कई कारण हैं जिनकी वजह से जीडीपी गिरी और उन सभी अन्य कई कारणों का 'के' फॉर केजरीवाल से क्या संबंध रहा .. ..

और भक्तों से अलग मैं सोच रहा हूँ कि वो कौन से वैश्विक हालात समेत कई अन्य कारण हो सकते हैं जिनके कारण भक्तों का स्तर गिरता ही जा रहा है - और ये केतली गर्राता ही जा रहा है .. और जो एक मात्र कारण मुझे समझ पड़ता है वो है .. नोटबंदी के साथ-साथ अक्लबंदी !! .. कोई शक़ ?? .. नहीं ना !! .. ..

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Sunday 4 June 2017

// 'दैनिक भास्कर' बताएगा - "बच्चों के दूध" पर पहले कब क्या लिखा गया था ?? ..//


पूरे मध्यप्रदेश में और इंदौर में किसान आंदोलन हिंसक भी हो गया .. .. और हिंसक होने के साथ-साथ चर्चा दूध और जरूरतमंद बच्चों पर धड़ल्ले से होने लगी है .. यहाँ तक कि दैनिक भास्कर अखबार ने 'भास्कर विशेष' को प्रथम पृष्ठ पर छाप मारा है .. और शीर्षक है .. "किसानों को हक़ मिले, पर बच्चों को दूध भी मिले" .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

देश में हर सामयिक महत्वपूर्ण विषय से लोगों के ध्यान को भटका किसी भी असामयिक कमतर महत्वपूर्ण विषय की ओर मोड़ देने वाले टुच्चे कलाकारों को जूते भी पड़ें .. .. किसी को कोई आपत्ति ?? .. ..

और यदि आपत्ति हो तो हिम्मत कर दैनिक भास्कर के प्रथम पृष्ठ पर मेरी प्रतिक्रिया छाप कर बताएँ !! .. .. और यदि दैनिक भास्कर को थोड़ी सी शर्म आती हो तो वो बताए कि "बच्चों के दूध" जैसे भावुक विषय पर किसान आंदोलन होने के पहले कब क्या लिखा गया था ?? .. हाँ नहीं तो !! .. ..

मेरे कहने लिखने और गुस्सा करने का आशय सिर्फ इतना है कि - यदि जीडीपी गिरी है तो इसके लिए दोष केजरीवाल को तो नहीं दिया जा सकता ना - जिन्होंने मोदी का दिमाग विचलित कर के रखा -और मोदी ने नोटबंदी कर जीडीपी और देश का सत्यानाश कर दिया .. है ना ?? .. समझे संपादक महोदय - दैनिक भास्कर !! .. ..

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// देशद्रोहियों को पता नहीं होगा - भारत आज पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे देगा ....//


मित्रो !! .. मुझे तो मालुम है .. और आपको तो मालुम ही है .. कि आज भारत और पाकिस्तान का महामुकबला होगा - इंग्लैंड के बर्मिंघम में .. ..

और यदि इंद्र भगवान् ने दोगलई से बारिश कर पाकिस्तान को नहीं बचा लिया - तो आज भारत पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे देगा .. शर्तिया !! .. पक्का !! .. ..

और जिसको इस बात का पता नहीं होगा - आप मान के चलें कि वो देशद्रोही ही होगा .. ..

वैसे मैं एक सच्चा देशभक्त होने के नाते ऐसी आशा करता हूँ कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब सीमाओं पर दिया ही जाना चाहिए .. है कोई देशद्रोही जो मेरी बात से सहमत ना हो ?? .. ..
!! जय हिन्द !!

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Saturday 3 June 2017

// खपते मरते किसान को क्या करना था क्या नहीं - बेशर्मों से जानिए ?? .. ..//


महाराष्ट्र के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी फूटी किस्मत किसानों का गुस्सा फूटता दिखा - और दोनों ही भाजपा अभिनीत सरकारों का रवैय्या भी टुच्चा सा .. .. वो इसलिए कि हर कोई किसानों की समस्याओं को तो नकार ही नहीं रहा है - पर हर बेशर्म पूरी बेशर्मी से यही कह रहा है कि आंदोलन नहीं करना चाहिए था - और करना भी था तो आंदोलन का यह तरीका गलत है .. .. कोई कह रहा है कि सब्जियों को सड़क पर फेंक ऐसी बर्बादी ठीक नहीं - इससे बेहतर होता कि गरीबों में बाँट देते .. दूध को ऐसे डोल कर बर्बाद करना भी गलत - बेहतर होता भूखे बच्चों के पेट में डाल देते .. ..

और मैं सोच रहा हूँ कि ये भक्त नेता सरकारें कितनी बेशर्म हो गई हैं कि अब सोच रही हैं कि अपनी ही समस्याओं से जूझ रहे आत्महत्या कर रहे आंदोलित किसान गरीबों को मुफ्त सब्जियां भी बांटें और भूखे बच्चों के पेट में दूध भी डालें .. भयावह !! .. ..

कितने घिनौने लोग हैं ना ये सब !! .. बेशर्म टुच्चे अतार्किक मक्कार स्वार्थी !! .. .. और इन्हीं लोगों के द्वारा ही ऐसी समस्याओं को गरीब के आंसू पी-पी कर जन्म दिया गया लगता है .. .. बस यही मौका है पहचान करें ऐसे लोगों की और इन्हें सत्ता और समाज के उच्च पदों से उखाड़ फेंकने का प्रयास करें .. ..

अन्यथा ये सारी फल साग सब्जी दूध मलाई सब डकार गरीब को भूखे मरने पर मजबूर करते रहेंगे .. और उपदेश भी देते रहेंगें - ये बहुत खतरनाक प्रजाति के लोग हैं .. इनसे संभल कर भी रहना होगा .. सावधान !! .. .. क्योंकि शायद सब्जी दूध डुलने से व्यथित हो प्रवचन देते ये वही लोग हैं जो गौरक्षा का अभियान भी आप देखें कितनी वीभत्स्ता और क्रूरता और बेशर्मी और अधार्मिक और असंवैधानिक तरीकों से चला रहे हैं .. ये तो मरी गाय के चमड़े की बेल्ट से ज़िंदा आदमी को पीट-पीट कर मार देते हैं .. यानि दरिंदगी की भी तौबा !! .. ..

और हाँ इस प्रजाति के दिल दिमाग को झकझोरने के लिए एक सुझाव भी .. .. मैं किसानों की हर मांग का समर्थन करता हूँ - और यदि मेरे मुख्यमंत्री शिवराज भी किसान समस्याओं और उनकी मांगों को उचित मानते हैं (जैसा कि उन्होनें सार्वजनिक बयान में कह डाला है) तो उन्हें आंदोलन से हो रहे समस्त नुक्सान की भरपाई की जिम्मेदारी भी स्वतः वहन करनी चाहिए .. ..

और भक्तों को चाहिए कि वे शिवराज और उनके पूरे मंत्रिमंडल से कहें कि वो अगले कुछ वर्ष तक साग सब्जी दूध का त्याग कर गरीबों में अपने व्यक्तिगत खर्च पर (सरकारी खर्च पर नहीं) मुफ्त वितरण करें .. .. बची है किसी भक्त में इतनी मिद्द ?? .. !! जय हिन्द !!

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Friday 2 June 2017

/.. मोदी का छोरा हार गया .. ..

अब यदि कोई ये सोच रहा है कि मैं उन के बारे में ही बात कर रहा हूँ तो मैं कहूंगा - केवल नाम मत देखो विषय भी तो देखो - ऐसा कैसे हो सकता है - छोरा कैसे हो सकता है ?? .. और यदि उनका छोरा हो नहीं सकता तो वो हार कैसे सकता है .. .. इसलिए समझिए कि उस मोदी का छोरा हार गया जिसका छोरा था .. और हारा भी कहाँ .. राजस्थान के क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव में - और हारा भी किस से - एक कॉंग्रेसी से .. ..
तो अब तो मुझे लगता है आपको समझ पड़ गई होगी ना कि ये कौन से मोदी का छोरा हारा .. और कॉंग्रेस के हाथों कौन सा मोदी हारा ?? .. ..
और इसलिए आज वसुंधरा सहित बहुत से भक्त भी मानवीय आधार पर दुखी तो होंगे .. क्योंकि अपना वाला हार गया - वो भी कॉंग्रेसी से !! .. .. नमो !! नमो !! नमो !! .. लमो !! लमो !! लमो !! .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

/.. महाराष्ट्र में किसानों ने दूध से खेली होली - धारा १४४ लागू - अण्णा हजारे भी समर्थन में उतरे .. ..


मेरी प्रतिक्रिया .. ..
शायद राजनीति में एंट्री लेने या चाहने वाले अण्णा भूल गए कि महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सरकार है .. केजरीवाल की नहीं .. ..
और योगेंद्र यादव कपिल मिश्रा मनोज तिवारी और किरण बेदी से आशा है कि वो अण्णा जी का मार्गदर्शन भी करें - अन्यथा बता दूँ - ये अनियंत्रित मिसाइल बहुत हानिकारक भी हो सकती है .. समझे ?? .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// जब तक कोई पीटेगा नहीं - ये पिटेंगे कैसे ?? .. ..//


'मन की बात' चल रही थी ..
किसी ने पूछ लिया .. बिना अंडा फोड़े चूज़ा बाहर आ सकता है ?? ..
दिमाग था नहीं ..
डेढ़ अक्ल का उपयोग कर बोले .. ये अंडे में चूज़ा अंदर घुसता कैसे है ?? ..
अंडा फोड़ के नहीं घुसता ..
तो फिर कैसे घुसता है ?? ..
वो तो अंदर ही पैदा होता है .. जैसे विकास पैदा होता है ..
अच्छा अच्छा समझ में आ गया ..
तो पैदा क्यूँ नहीं किया ?? ..
बस विकास होने ही वाला है ..
पर मैं विकास का नहीं चूज़े का पूछ रहा हूँ - चूज़ा पैदा क्यों नहीं किया ?? ..
हुआ नहीं ?? ..
हुआ नहीं की किया नहीं ?? ..
कुछ भी समझ लो ..
यानि केजरी सही कह रहा है ?? ..
क्या मतलब ?? ..
यानि जब तक छेड़ोगे नहीं - छिड़ेगी नहीं ..
बात तो सही है ..
तो फिर मूल प्रश्न का जवाब दो - बिना अंडे फोड़े चूज़ा बाहर आ सकता है ?? ..
नहीं आ सकता ..
तो बिना ईवीएम छेड़े सही परिणाम आ सकता है ?? ..
नहीं आ सकता ..
तो क्या अब पिटोगे ?? ..
नहीं ..
क्यों ?? ..
तुम ही बताओ .. जब तक कोई पीटेगा नहीं - कोई पिटेगा कैसे ?? ..

और इसलिए मुझे लगा .. कि अब चूँकि भक्त लोग अंडे और गधे के बाद गाय बैल सांड भैंस को निपटाने के बाद मोर पर देश को बरगलाए और उलझाए हुए हैं - और इसके पहले कि वो बरगद पीपल बिल्ली काले कुत्ते पर देश का ज्ञानवर्धन कर डालें - और सांप और मोर के प्रजनन के अंतर के बारे में चर्चा करने लगें - बेहतर होगा मैं आपको मर्म की बात समझा ही दूँ - और वो भी संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग के क्रियाकलापों के हवाले से .. और मर्म की अकाट्य बात यही वही एक ब्रह्मवाक्य में समाहित है कि .. ..

जब तक कोई पीटेगा नहीं - ये पिटेंगे कैसे ?? .. ..

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