Wednesday 30 April 2014

कम से कम अब तो पढ़े लिखे लोगों को अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना ही होगा .... हिंसा करने वालों को सबक सिखाना ही होगा .... इस बात की चिंता करनी ही होगी की ये हिंसा करने वाले यदि सत्ता पर काबिज़ हो गए तो ये तो पूरे देश में गुंडाराज ले आएंगे जिसे बाद में ख़त्म करना भी असंभव जैसा ही हो जाएगा ....
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मोदी वोट डालते दिखे - मोदी की माँ भी वोट डालते दिखीं ?
पर मोदी जी की पत्नी जशोदाबेन का कहीं अता - पता नहीं ?
कुछ समय पहले एक समाचार आया था कि उन्हें चार्टर्ड प्लेन द्वारा गुजरात सरकार सिक्योरिटी की देख रेख में बाबा रामदेव के आश्रम में शिफ्ट कर दिया गया है - पर बाद में बाबा रामदेव ने ऐसे किसी भी समाचार को नकार दिया था - और तब से संदेहास्पद 'निल / सन्नाटा' विद्यमान है !
स्वाभाविक रूप से कई प्रश्न उठते हैं : -
१) सर्वप्रथम क्या जशोदाबेन सकुशल भी हैं या नहीं ? क्या जिम्मेदारों को इस बारे में अधिकारिक रूप से जानकारी देनी चाहिए ? अभी तक ऐसी कोई जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गयी ? क्या कोई जानकारी देने की ज़हमत उठाएगा ?
२) क्या जशोदाबेन को जनता - मीडिया से बचाया - छुपाया जा रहा है ? यदि हाँ तो क्यों ? जशोदाबेन को जनता - मीडिया से कौन बचा - छुपा रहा है ?
३) क्या यदि देश के नागरिक जशोदाबेन के बारे में कुछ जानना चाहें तो क्या उन्हें जानने का अधिकार है - अथवा निजता के नाम पर नहीं ?
४) क्या जशोदाबेन के बारे में १२ मई के पहले कुछ मालुम पड़ सकेगा ?
५) क्या जशोदाबेन के बारे में १२ मई के बाद भी कभी कुछ मालुम पड़ सकेगा ? या उनका केस भी रामदेव बाबा के गुरु के विलुप्त होने जैसे अनेकों केस जैसा हो जाएगा ?
६) क्या जशोदाबेन के बारे में संदेहास्पद रूप से कुछ भी अता पता न लगना देश के मीडिया पर पश्नचिन्ह नहीं लगाता ? क्या मीडिया भी किसी दबाव में है ?
ऐसे विकट प्रश्नो के जवाब मेरे जैसा आम आदमी मोदी जी से तो अपेक्षित नहीं कर सकता - पर क्या मैं मेरे मोदी समर्थक मित्रों से ही जवाब की अपेक्षा कर सकता हूँ ??
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अभी अभी अहमदाबाद में अपना वोट डालने के पश्चात मोदी जी का जो अभद्र निंदनीय अभूतपूर्व प्रदर्शन देखा - उससे बहुत गुस्सा हो आया है - मुझे यह चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन प्रतीत होता है - मुझे ये मोदी जी का निम्नस्तरीय बेहूदा प्रदर्शन लगा है - मैं ऐसे व्यक्ति को जिसे अपनी मर्यादाओं का ध्यान न हो अपना प्रधानमंत्री होना अस्वीकार करता हूँ !!

Tuesday 29 April 2014

अभी अभी टीवी पर सुना - मोदी का नया स्लोगन - "ये दिल मांगे मोर" ; मोदी का नया टारगेट - "300 कमल"
शायद मोदी को समझ पड़ गयी है की पूरे NDA की 272 सीट आने पर भी वे प्रधानमंत्री नहीं बन सकेंगे .... शायद उन्हें ये भी अहसास हो गया है कि कम से कम 36-56 कमल तो उनका कमल कीचड में औंधा घुसेड़ने का प्रयास करेंगे ही .... इसलिए 300 कमल तो चाहिए पड़ेंगे न भाई !!!
नहीं तो सारी मशक्कत सारा पैसा सारी मेहनत सारी तिकड़म सारी जोड़-तोड़ मोदी की .... और सरकार बीजेपी की ??
भरे कोई - करे कोई - मरे कोई - डरे कोई - हरे कोई - डकारे कोई ????

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ममता ने कहा यदि मोदी आये तो देश जला देंगे ....
अब ये बात सही भी हो सकती है - क्योंकि मोदी ने तो केवल यही कहा था कि .... मैं देश नहीं मिटने दूंगा - मैं देश नहीं झुकने दूंगा .... ये तो कहा नहीं था न कि .... देश नहीं जलने दूंगा !!!
अब आप ही देखो ये राजनीतिज्ञ कितनी समझदारी की बातें करते हैं और इनके मन में देश के प्रति कितनी चिंताएं हैं ???
कभी आपने हमने सोची थी ये बातें ???
हम तो यही सोचते रहे की हमारा क्या होगा ???
हम कितने स्वार्थी हैं न ??? और ये राजनीतिज्ञ कितने महान ???

Monday 28 April 2014

न अक्ल न मुद्दे की बात !
न उद्देश्य न भरोसे की बात !!
न इरादे न जज़्बात !
न शर्म न लिहाज़ !!
केवल व्यर्थ आरोप प्रत्यारोप !
जुमले मज़ाक फ़िज़ूल की बात !!
फिर भी अब की बार मोदी सरकार !
यदि आ ही गई तो बंटाधार !!

Thursday 24 April 2014

लगभग आधी सीटों पर वोटिंग हो चुकने के बाद एक रैली में नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार बनने के बाद वो एक भी अपराधी नेता को नहीं छोड़ेंगे....भले ही वो भाजपा या NDA का ही क्यों न हो ....
मोदी जी दिमाग में प्रश्न उठता है कि - जनाब यदि आप बंडलबाज नहीं हो तो पहले आप ये बताओ कि आपने ऐसे लोगों को जानते बूझते टिकट ही क्यों दिया / दिलवाया / दिया जाने दिया ?
वाह भई वाह !! क्या बात है !!!! पहले अपराधियों के कंधे पर सवार होकर प्रधानमंत्री - फिर ईमानदारी ?? ऐसा करना उचित है क्या ???
मुझे लगता है कि ऐसी स्वागत योग्य उदघोषणा के पीछे आपकी साफ़ नियत कम और केजरीवाल का प्रभाव ज्यादा है ! अब आखिर आपको उनके विरुद्ध मुद्दों कि काट तो चाहिए ही होगी ना ....

Wednesday 23 April 2014

"मोदी जी को मेरे सुझाव"

"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत .... 
सुझाव क्र.5 - "मोदी-मनमोहन में फर्क-या-समानता?" !!!!!
मोदी जी आप अभी तक सीना चौड़ा कर दबंगता से बातें करते थे ! आपका 'शहज़ादे' और 'मैडम' बोलने का अंदाज़ और फिर लच्छेदार भाषा के साथ-साथ वो ललकार वो डपटना वो चुटकियाँ लेना - और दबंगता उत्साह ऊर्जा के साथ अपनी बातों को रखना .... यही तो आपकी विशेषता रही है !
लेकिन देखते देखते आपको ये क्या हो गया है ?
आपको कोई कुत्ते का भाई बोल देता है - और आप कहते हैं ठीक है कुत्ता वफादार होता है !!!अरे भाई क्या जंगल में सूअर गधे के साले जीजा भतीजे साडू चाचा फूफा सब विलुप्त हो गए हैं क्या ??
आपके ऊपर कोई कीचड उछालता है - तो आप कहते हैं कोई कितना भी उकसाए आप सब सहन करते रहेंगे - आप सारा विष पी लेंगे !!! अरे भाई क्या संतरे-मुसम्बी का जूस पीना मना हो गया है जो विष पीने की बात - वो भी इतने दयनीय भाव भंगिमा से ?
आपसे जब देश के गद्दारों और भ्रष्टाचारियों को सीख सिखाने - दंड देने - बदला लेने - सजा देने आदि की बात करते हैं तो आप बड़े ही निर्विकार भाव से कहते हैं - बदला लेना मेरे नेचर में नहीं है - मैं बदले की कार्यवाही करने में समय बर्बाद करने के पक्ष में नहीं हूँ !! अरे भाई - चोर को चोर कहना > फिर चोर की चोरी पकड़ना > फिर चोरी का माल जप्त करना > फिर चोर को पकड़ चार जूते लगाना > और उसे जेल भेजना ताकि अन्य को भी डर बैठ जाए - आप इसे समय बर्बादी कहते हैं - अपने नेचर के विपरीत बताते हैं ? क्या आपको ये उचित लगता है और शोभा देता है कि रात में घर से निकलो - जोर-जोर से चोर-चोर चिल्लाओ - और फिर घर में घुस्सू जैसे घुस कम्बल ओढ़ सो जाओ ??
मोदी जी यदि आप इस तरह ही दयनीय लाचारी भरा लुंज-पुंज रवैय्या अपनाते रहेंगे तो चुनाव आते आते कहीं लोग ये न पूछने लगें कि .... मोदी और मनमोहन में क्या अंतर हैं ????? (कृपया विदित हो कि भाजपा और कांग्रेस में समानता तो पूर्वे में ही स्थापित हो चुकी है)
मोदी जी मेरा आपको सुझाव है कि आप अपने ५६" के सीने को फुस्स होने देने के बजाय उसमे निरंतर हवा भरने का प्रयास करते रहें - और जरा दम-ख़म से सभी को उपयुक्त जवाब देते हुए अपनी पुरानी निर्मित दबंग छवि को पुनर्स्थापित करने का प्रयास करें .... इससे आपके अनन्य समर्थकों का हौंसला भी शायद कायम रह जाए !!!

Tuesday 22 April 2014

"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत ....

"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत .... 
सुझाव क्र.4 - "फर्जी इंटरव्यू" !!!!
मैं देख पा रहा हूँ कि मोदी जी पर केजरीवाल का प्रभाव हो गया है !
केजरीवाल जी कभी भी प्रेस और मीडिया और जनता के सामने आने से हिचकिचाए नहीं, और इसके लिए उनकी सराहना भी हुई एवं उनकी प्रतिष्ठा भी बढ़ी एवं उनको अपनी बात जनता तक पहुंचाने में मदद भी मिली !
पर नरेंद्र मोदी जी में इस विषयक हीनभावना शुरू से ही दिखी ! स्पष्ट कर दूँ कि वे एकतरफा भाषण देने में तो महारथी हैं - पर जहाँ वार्तालाप द्विपक्षी हो तो बस गए काम से !! इसे मालवी में कहते हैं - "गयी भैंस पानी में" ....
और इसलिए मोदी जी की केजरीवाल से तुलना और उनकी स्वयं की आलोचना भी शुरू हो गयी ! और केजरीवाल जी भी ताल ठोंक के वाराणसी में उनके विरुद्ध ही उत्तर गए मैदान में !
मोदी जी को अब इसकी काट तो निकालनी ही थी - अतः उन्होंने पेड या फिक्स्ड या फर्जी इंटरव्यू या इंटरेक्शन का सहारा लिया !
पर अब जनता जो इंटरव्यूज देखती है वो इंटरव्यू की बारीकियों को भी समझती है ! और मेरा ऐसा मानना है कि ऐसे प्रयास से मोदी जी की प्रतिष्ठा पर विपरीत असर पड़ा है - क्योंकि इंटरव्यू के कंटेंट्स का तो कुछ भी असर नहीं हुआ (क्योंकि कंटेंट्स में ना तो कुछ नया था ना विशेष) और ऊपर से आयोजित-प्रायोजित-पेड-फिक्स्ड-फर्जी इंटरव्यू का आरोप और चिपक गया है !
अतः मेरा सुझाव है कि नक़ल करने से बचें - आप वही करें जिसमे आप पारंगत हैं !!
आगे से केवल रैलियों में ही लच्छेदार दमदार भाषण देते रहें - पर ऐसे फर्जी इंटरव्यू देना बंद करें जिससे आपको फायदा कम नुकसान ज्यादा हो गया है / होगा !
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"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत .... 
सुझाव क्र.3 - फोकट की जुमलागिरी !!!
शायद आपके दिमाग में एक जुमले जैसी चीज़ आई या लायी गयी जैसे - AK-47 > AK-49 > AK- अंटोनी > AK-अरविन्द केजरीवाल और आपको लगा की क्या नायाब तुकबंदी है - और शायद आप से रहा नहीं गया - और आपने एक रैली में अपने शानदार अंदाज़ में इसे बोल मारा - और आपके सम्मुख आपके अंधभक्तों की तालिया भी बंटोर ली ! और फिर लगे हाथ आपने उत्साहित हो केजरीवाल को पाकिस्तानी एजेंट भी करार दे दिया ....
लेकिन विचार करें की क्या किसी भी भारतीय को और वो भी जो एक पूर्व मुख्यमंत्री हो और आपके विरुद्ध वाराणसी से चुनाव लड़ रहा हो, उसे 'पाकिस्तानी एजेंट' कहना क्या इस देश की व्यवस्था और विवेक और क्षमता पर कुठाराघात नहीं हुआ .... निश्चित ही हुआ और ऐसे बेतुके जुमलों से भरे वक्तव्यों से आपकी छवि को और आपके समझदार समर्थकों को धक्का लगा है !
अतः ऐसा करना गलत और हानिकारक होता है - अतः इससे परहेज़ करें !
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"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत .... 
सुझाव क्र.2 - गुनाह - गलती - गलत !!
यदि खुद से गुनाह हो जाए तो .... तो पश्चाताप करना चाहिए !
यदि खुद से गलती हो जाए तो .... तो माफ़ी मांग लेनी चाहिए !
यदि कुछ भी गलत हो जाए तो .... तो उस पर अफ़सोस जताना चाहिए !
गुजरात के दंगो पर आपने न तो कोई गुनाह होना कबूला न कोई गलती करना स्वीकार्य किया - हाँ पर जो हुआ उसे गलत होना स्वीकार्य किया एवं तदनुसार अफ़सोस ज़ाहिर किया .... मैं इस हेतु आपकी प्रशंसा करता हूँ !
पर साथ ही आपका ध्यान आपके बालविवाह संबंधित प्रकरण की ओर भी दिलाना चाहता हूँ एवं आपको सुझाव देता हूँ की आप स्वयं तय करें की आप से गुनाह हुआ या गलती हुई या कुछ गलत हो गया और तदनुसार पश्चाताप करें या माफ़ी मांगे या अफ़सोस ज़ाहिर करें - पर अपनी चुप्पी ज़रूर तोड़ें - इससे आपकी छवि को फायदा पहुंचेगा !

Monday 21 April 2014

शायद मोदी जी को किसी ने बता दिया कि देश का बच्चा बच्चा जानता है कि ना तो देश मिटने की कोई संभावना है न ही झुकने की ---
इसलिए भाजपा गान से उक्त आशय की पंक्तियाँ हटा ली गयी हैं !
ये तो यही मज़ाक हुआ कि - एक चूहा भरी सभा में अपने साथियों से बोला कि ....
मैं शेर की सौगंध खाता हूँ - मैं हाथी को अपने बिल में नहीं घुसने दूंगा !!!???!!!???
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एक लड़का राहुल की रैली देख कर लौट रहा था - मैनें पूछा आप राहुल समर्थक हो क्या? उसने बड़े ही रुष्ट होकर जवाब दिया - कोई 1 घंटे के लिए बुलाये और 100 रुपये मेहनताना दे इसमें समर्थन का प्रश्न कहाँ उठता है? यार हमें अपनी रोजी-रोटी कमाने दो आप अपनी देखो !!!
एक आदमी मोदी की रैली देख कर लौट रहा था - पढ़ा लिखा भी दिख रहा था - मैनें पूछा आप मोदी समर्थक हो क्या? उन्होंने मेरा ही मजाक बनाते हुए जवाब दिया - दशहरे पर रावण देखने जाते हें तो क्या रावण समर्थक हो जाते हैं ?
एक सज्जन केजरीवाल की सभा से लौट रहे थे - मैनें पूछा आप 'आप' समर्थक हैं क्या?
मालूम है उन्होंने क्या जवाब दिया ? बड़े ही गर्व और सौम्यता से बोले - हाँ .....
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"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत .... 
सुझाव क्र.1 - टॉफी और ट्रॉफी !!
टॉफी और ट्रॉफी दो इंग्लिश के अलग अलग शब्द हैं - टॉफी खाने के काम आती है और ट्रॉफी बघारने के काम आती है !
हो सकता है आपको अनेक बार टॉफी मिली होंगी पर वे आपने खा ली होंगी - और आपको अभी तक जो और जितनी भी मिली हैं जो शेष है वे टॉफी नहीं ट्रॉफी हैं - इन्हे सम्हाल के रखें ये बघारने के काम आती रहेंगी .....
और हाँ - यदि आप इतने समय गुजरात के मुख्यमंत्री रह कर भी अंग्रेजी भाषा अच्छे से सीख नहीं पाये हैं तो ये आपकी कमी मानी जाती है - कृपया अंग्रेजी सीखें क्योंकि शायद प्रधानमंत्री पद के लिए तो ये और भी आवश्यक और आप के लिए बहुआयामी सहायक सिद्ध होगी ....
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भाजपा द्वारा प्रसारित विज्ञापन पर मेरे मोदी जी से प्रतिक्रियात्मक प्रश्न :-
प्रश्न १ - स्थिर सरकार की ही बात हो तो कांग्रेस को वोट क्यों नहीं?
प्रश्न २ - यदि मोदी जी सरकार तो बना लेते हैं पर वो स्थिर नहीं होती - तो क्या वे नीतियों से समझौता करेंगे? या केजरीवाल जैसे इस्तीफ़ा दे पाएंगे ?
प्रश्न ३ - क्या किसी अन्य पार्टी को वोट देना वोट गंवाना होता है? यदि 'हाँ' तो 'नोटा' के बारे में बीजेपी का क्या कहना है?
प्रश्न ४ - क्या वोट उसे ही देना जो सरकार बना पाए ऐसा मापदंड उचित है?
प्रश्न ५ - इस विज्ञापन पर जो अनुमानतः लगभग ८० लाख लगे हैं - वे कहाँ से आये हैं? क्या चुनाव पूर्व ही जनता को ये जानने का हक़ और आपको बताने का दायित्व नहीं है?
मुझे अपेक्षित है की मुझ जैसे आम आदमी के प्रश्नों का जवाब न तो मोदी जी देंगे न ही भाजपा - पर क्या ये अपेक्षा रखूँ की मोदी समर्थक ही कुछ जवाब देंगे?

Sunday 20 April 2014

चुनाव बाद पाकिस्तान ???
लगता है मोदी और भाजपाइयों को पाकिस्तान से कुछ ज्यादा ही लगाव हो गया है .... शायद उन्हें लगता हो कि पाकिस्तान का नाम लो कुछ वोट और मिल जाएंगे - और हो सकता है कि कुछ वोट मिलते भी होंगे - क्योंकि मूर्खो का अकाल भी कहाँ पड़ा है?
अब आप ही देखें की कुछ दिन पहले ही मोदी जी ने केजरीवाल को पाकिस्तानी एजेंट बताया था - और अभी अभी भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी का विरोध करने वालों को चुनाव के बाद पाकिस्तान जाना पड़ेगा।
क्या किसी भी एक भारतीय को पाकिस्तानी एजेंट कहना और किसी भी भारतीय को पाकिस्तान भेजने की खुलेआम धमकी देने वालों को आप वोट देंगे ???
यदि हाँ तो मेरा प्रतिप्रश्न है कि कहीं आप मूर्ख तो नहीं बन रहे ???
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जब किसी व्यक्ति के पास कहने के लिए कुछ सार्थक नहीं होता है तो ऐसा व्यवहार अपेक्षित ही है - गलती मोदी समर्थकों की कम मोदी की ज्यादा परिलक्षित होती है - क्यूंकि वो अपने समर्थकों को अपने बारे में ऐसी कोई विषय वस्तु दने में असमर्थ हैं जिससे वो कुछ समझदारी से अपनी बात रख पाएं - ऐसे में वो पागलों की तरह मोदी - मोदी - मोदी चिल्लाना शुरू करते हैं - पर जब गला दुःख आता है और कुछ असर होता नहीं दिख पड़ता है तो वो गाली-गलौज पर आ जाते हैं ! इसमें अशिक्षा और बुरे संस्कारों का भी योगदान रहता ही है !
पर समझदारों को इससे हताश हुए बिना मूर्खों से विमुख हो अपने यशस्वी पथ पर बढ़ते रहना होगा - मेरी माने तो इस देश में मूर्खों की संख्या घट रही है और समझदारों की बढ़ रही है - इसका यक्ष प्रमाण अरविन्द केजरीवाल जैसे क्रन्तिकारी व्यक्ति का यश आपके सामने है - और उन्हें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं पायेगा ....
और हाँ अंदरखाने की आपको एक और बात बताता चलूँ - ये हिंसक गाली गलौज देने वाले मुर्ख समर्थक जितने 'आप' के अहितकारी प्रतीत होते हैं उससे ज्याद ये मोदी का ही अहित करेंगे - तो ऐसे मूर्खों को भी धन्यवाद देने में कोई बुराई नहीं है ....

Saturday 19 April 2014

The questions as to what Ramdev is or what Chandnath or Agnivesh or Anna hazare or Kiran Bedi is - are less important in present context ….. 
The serious questions are: -
What Modi & BJP is to say about Ramdev?
What sort of coalition / nexus is between Modi & Ramdev?
Whether or not Ramdev had influence in giving tickets to his associates?
Whether or not Ramdev shall influence the next government formation?
Whether or not Modi shall show courage and honesty in punishing Ramdev for his misdeeds?
I am sure - Modi and BJP will never take such questions….
HENCE I URGE MODI SUPPORTERS TO APPLY THEIR MIND AND REACH LOGICAL CONCLUSIONS PLEASE !

http://www.abplive.in/india/2014/04/19/article297652.ece/Baba-Ramdev-is-a-money-launderer-says-Digvijay#.VIbLWdKUeM9

Friday 18 April 2014

मुझे तो समझ पड़ गयी - आपके पड़ी क्या ???
आगामी सरकार और मंत्रिमंडल बनने बनाने बनवाने - चलने चलाने चलवाने - दोहन दुरपयोग करने करवाने - लूटने लुटवाने आदि के लिए मोदी - रामदेव - अम्बानी - अडानी - राहुल - वाड्रा आदि का गठबंधन हो चुका है ....
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ना तो आदरणीय अटल बिहारी बाजपाई जी भगोड़े थे ना AB-13;
ना ही प्रिय अरविन्द केजरीवाल ही भगोड़े थे ना AK -49 ;
ये तो मोदी जी की स्पष्ट दर्दनाक खिसियाहट है .... जो दिन ब दिन बौखलाहट में बदल रही है ....

Wednesday 16 April 2014

क्यूँ ? मोदी जी क्यूँ ??
क्या मान्यवर श्रीमान वाड्रा जी आपके साले - बहनोई - रिश्तेदार लगते हैं ? - या किस से बदला लेना है और किस से नहीं ये आपकी व्यक्तिगत निर्णयों पर आधारित होगा ?? - या आप ऐसा मानते हैं वाड्रा और आप स्वयं में कोई अंतर नहीं है ??? - या कांग्रेस भाजपा चोर - चोर मौसेरे भाई हैं ????
प्रश्न तो अनेक हैं - पर जवाब शून्य - निल / सन्नाटा !!!!

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इन सभी गद्दारों को देश से बाहर भगाना है ???
पर मोदी जी ने तो आज ही घोषणा कर दी है - बदले की भावना से कार्यवाही नहीं की जायेगी - प्रकाश जावड़ेकर ने भी आज ही वक्तव्य दिया है की यदि मोदी के खिलाफ बोला गया तो उनके पास भी कांग्रेस के खिलाफ बोलने को बहुत कुछ है ....
मामला साफ़ है .... भाजपा और कांग्रेस चोर - चोर मौसेरे भाई हैं - चुनाव पूर्व की डायलॉगबाज़ी के बाद सब अपने अपने तरीके से देश लूटने में लग जायेंगे - फोटो में इतने सारे चेहरों में एक भी दुष्ट जेल नहीं भेजा जाएगा ....
हाँ यदि आप सही में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कुछ कार्यवाही की अपेक्षा करते हैं तो "आप" को वोट देने की सोच सकते हैं ....

Tuesday 15 April 2014

मोदी जी शर्म करो !!!
आप राहुल को टॉफ़ी और गुब्बारा कहने के कारण उन्हें बार बार बच्चा कह उनका उपहास कर रहे हो ?
मोदी जी आप - AK-47 ; AK-49 ; 56" का सीना ; पंजा ; देख लेंगे ; मिटा देंगे ; आदि शब्द बोल रहे हो तो क्या आप हिंसक गुंडे सिद्ध नहीं होते हो ?
अरे मोदी जी आप प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हो - कुछ तो शालीनता का परिचय दो और मुद्दों की बात पर टिको - आपके ऐसे व्यवहार से आपकी रेपुटेशन की वाट लग रही है ....
और मान लें की राहुल बच्चे हैं और आप तीसमारखां तो उनको नज़रअंदाज़ कर बड़ों और वयस्कों को जवाब क्यूँ नहीं देते हो ? क्यूँ इंटरव्यू तक सेट कर लेते हो ? ये KIDZEE का इंटरव्यू हो रहा है कि देश के आम चुनाव ? क्यूँ मीडिया को भीख के पैसे से खरीद रहे हो ?
दम है तो केजरीवाल के प्रश्नों का उत्तर क्यों नहीं देते हो ? क्या मुश्किल प्रश्न ज्यादा ही चुभ रहे हैं ??
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चपरासी और चायवाला बताकर सत्ता की कुर्सी चाह रहे हो ....
हजारों करोड़ की भीख निवेश कर, किसको उल्लू बना रहे हो ....
जिसने त्याग दी कुर्सी सिर्फ उसूलों की खातिर ....
क्या औकात तुम्हारी जो उसे भगोड़ा बता रहे हो ....
वो भगोड़ा कदापि नहीं - पर तुम डरपोक जरूर हो ....
जो AK-49 से डर कर काशी से भागते फिर रहे हो ....
अरे तुम गुजरात के घुस्सू हो तुम्हे क्या मालूम ....
वो बहुत क्रांतिकारी है जिसे तुम भगोड़ा बता रहे हो ........
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Mamta Ji !! Forecasting incomprehensively cannot be appreciated.
If you know Modi is not becoming PM then you should also know who else would be next PM?
Is that Anna Hazare? …. Yourself? …. Kapil Sharma? …. Rakhi Sawant? …. Kiran Bedi? …. Gen. V.K. Singh? Baba Ramdev? …. Shri Shri Ravishankar? …. Aasaram? …. Arnab Goswami? …. Rajat Sharma?.... or with remotest chances Derek Obrian? …. Rahul Gandhi? ….……..
And would you exclusively elaborate why it cannot be Kejriwal ???

Sunday 13 April 2014

मुझे - 
वो जिद अच्छी लगी - जो व्यवस्था को बदलना चाहती है.
वो सादगी अच्छी लगी - जो थप्पड़ मारने वाले को भी अपना लेती है.
वो भूख अच्छी लगी - जो अधूरे से नहीं बुझती है.
वो तड़प अच्छी लगी - जो बिना साधनो के देश बदलने निकला है.
वो लगन अच्छी लगी - जो इतने विरोध -अवरोध के बाद भी डटा है.
वो भरोसा अच्छा लगा - कि नेक काम में दोस्त जुड़ जायेंगे.
वो विश्वास अच्छा लगा - कि नए रस्ते खुल ही जायेंगे.
वो उम्मीद अच्छी लगी - जो निराश लोगों में जगाई है.
वो अंदाज अच्छा लगा - जो क्रांतिकारी है.
मुझे चाहिए वही स्वराज - इसीलिए 'आप' सिर्फ 'आप'.
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हा हा हा - शुभ संकेत - आम जनता को बधाई हो !!!!
रविशंकर प्रसाद का वक्तव्य - "निजी जीवन पर सवाल खड़े करेंगे तो मामला दूर तलक जाएगा ! कांग्रेस के बड़े नेताओं का कच्चा चिट्ठा हमारे पास मौजूद है ! इसमें नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक शामिल हैं !"
मेरा ऐसा मानना है की एक शरीफ व्यक्ति के लिए वो क्षण सबसे ज्यादा शुभ और सुकून और राहत प्रदान करने वाला होता है जब दो गुंडे आपस में लडें भिड़े और बहुत अच्छा हो जब लड़ते लड़ते दोनों गुंडे खुद ही निपट जाएँ !
हम ईश्वर से कामना करते हैं कि - बात दूर तक - बहुत दूर तक - बल्कि अंत तक जाए - और भाजपा और कांग्रेस के बीच अनैतिक सामंजस्य टूटे और सारी पोल पट्टी जनता के सामने आये .....
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मुझे इस बात पर विश्वास नहीं है ....
हाँ मुझे विश्वास हो सकता था अगर राजस्थान में भाजपा की सरकार आने के बाद वाड्रा को जेल तो दूर थाने के गेट तक भी लाया गया होता ....
मुझे लगता है कि ये सब चुनाव पूर्व कि मिली जुली कुश्ती है और फोकट की लफ़्फ़ाज़ी के अलावा कुछ नहीं ....
चुनाव बाद तो कांग्रेस और भाजपा के नेता परदे के पीछे सामूहिक जश्न मना रहे होंगे ....
वैसे भी उमा भारती या उन जैसे अन्य दोयम दर्जे के नेताओं की बात पर विश्वास कैसे किया जा सकता है जब मोदी को छोड़ अन्य शीर्षस्थ नेताओं की ही पार्टी में क्या बिसात बची है सबको विदित है ....
अतः हाँ यदि मोदी स्वयं ही देश को लिखित स्पष्ट आश्वासन देवें और उस आश्वासन में येदियुरप्पा अम्बानी अडानी गडकरी आदि का नाम भी हो तो मैं जरूर विश्वास कर लूँगा ....
ABP News

'अगर भाजपा समर्थित एनडीए की सरकार बनेगी तो सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को भेजा जाएगा जेल'..पढ़ें क्या हैं पूरी खबर?.. http://owl.li/vJaGT

Saturday 12 April 2014

अब केजरीवाल क्यूँ - मोदी क्यूँ नहीं ???
याद कीजिये वो दिन जब भाजपा ने मोदी जी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया था, और हम सब बिन्दाज़ आह्लादित थे .....
और महसूस कीजिये कि हर वो व्यक्ति जो आज अरविन्द केजरीवाल का समर्थक है, वो शायद मोदी जी के खिलाफ नहीं था (जैसे कि मैं), पर अब होता जा रहा है .... सोचिये क्यों ?

वो इसलिए कि शायद केजरीवाल एक ऐसी शख्सियत के रूप में उभरे हैं जिनमे लकीर से हट कर काम करने की क्षमता दिखती है जैसी कि अपेक्षा हम मोदी जी से करते थे .... और मोदी जी एक नयी आशा देते देते अपने चारों तरफ गलत लोगों को इकठ्ठा कर पुरानी लकीर की राजनीती करने लगे हैं ....

Friday 11 April 2014

जनहित में मेरा विवेचनात्मक प्रश्न !!!
राजनाथसिंह ने कहा है - UPA के द्वारा 5 लाख करोड़ रूपये के घोटाले किये गए ....
ये बात तो जनता को पता है ..... और इसलिए हम UPA को वोट नहीं देंगे ! पर साथ में सचेत करते हैं की उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में आप की विपक्ष की भूमिका और दक्षता पर भी तो प्रश्नचिन्ह लगते ही हैं !!!
खैर, जो बात जनता को पता नहीं है वो है .....यदि NDA की सरकार बनती है तो कितनो को जेल भेजोगे या भेज पाओगे? और कितने करोड़ रुपये वापस सरकारी खजाने में लाओगे या ला पाओगे? ....
राजनाथसिंह जी यदि आप उपरोक्त प्रश्न का उत्तम उत्तर देंगे तो हमें भाजपा को वोट देने में हर्ष होगा ....
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मेरा आज का सामयिक विचार ....

बाप का प्रचार ? पार्टी से बाहर !
बीवी से बेवफाई ? सब चलता है यार !!

Thursday 10 April 2014

Regarding incident of Slapping kejriwal by one Auto rickshaw driver - Few Modi fans are trying to put on social media that AAP had alleged BJP behind this attack going one step forward asking apology from AAP. All the same they are also saying that the attack was self designed.
Now I find that Modi supporters were again lying - as I did not see a single statement of AAP alleging BJP for the attack.
It seems that the allegation against AAP regarding ‘self designed’ attack applies contrarily to BJP as ‘self designed’ allegation.

Wednesday 9 April 2014

अंडे, झंडे, स्याही, गाली, थप्पड़ और घूंसे ....
क्या केजरीवाल किसी की भैंस खोल ले गया, किसी की जेब काट ली, उठाईगिरी में पकड़ा गया ???
नहीं ना !!!
और विचित्र किन्तु सत्य की एक और बानगी - सारे के सारे मोदी समर्थक मोदी के प्रति अपनी निष्ठा निभाने हेतु केजरीवाल के पीछे हाथ धो कर पड़े हैं....
पर वे मायावती, मुलायम, जयललिता, ममता , पंवार, पटनायक, करूणानिधि आदि के बारे में कुछ नहीं बोलते. जबकि ओपिनियन पोल्स यह बता रहे हैं की सभी नामित नेताओं को केजरीवाल से ज़यादा सीट्स मिल रहीं है...???
कारण - लगता है या तो मोदी समर्थकों को केजरीवाल का कीड़ा काट गया है जिसकी वजह से वे मानसिक संतुलन खो बैठें हैं और गलत निशाने पर प्रहार कर वे मोदी जी का बहुत बड़ा नुकसान कर रहे हैं ! या फिर उनका मानसिक संतुलन सटीक है , निशाना भी सटीक है क्योंकि वे यह सत्य जानते हैं की केजरीवाल ही है जो कम से कम 30+ सीट लाकर ही मोदी का रास्ता रोक सकते हैं.... और चुनाव बाद भी सबकी नाक में दम करते रहेंगे !
अतः वे जान गए हैं की मोदी जी के अश्वमेध के घोड़े को केजरीवाल ने गली में पकड़ कर खूंटे से बाँध लिया है ..... अब अंडे, झंडे, स्याही, गाली, थप्पड़ और घूंसे के बल पर छुड़ा सको तो जाने ....
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My humble Appeal !!!
If AAP candidate in your constituency is not more trustworthy and competent than the others, please do not vote for him/her.
BUT if AAP candidate is indeed better, PLEASE DO NOT VOTE FOR ANYBODY ELSE JUST BECAUSE HIS BIG BANNER PARTY IS SHOWING YOU A BAIT OF STABILITY AHEAD.
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राम मंदिर का मुद्दा !!!!
भाजपा के मैनिफेस्टो में राम मंदिर हेतु लेख है - "अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए संविधान के दायरे में सम्भावनाओं की तलाश की जायेगी!"
उपरोक्त सन्दर्भ में मैं सभी पढ़े लिखे मोदी समर्थकों का इस विषय पर ध्यान आकर्षित करते हुए निम्न प्रश्नों पर उत्तर चाहता हूँ ....
१) जो केजरीवाल की "बच्चों की कसम" के बारे में बार बार विलाप करते हैं क्या वो बताएँगे कि जब यही भाजपा थी जिसने नारा दिया था - "सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीँ बनाएंगे" - तो अब मात्र "सम्भावनाओं को तलाशने" की बात क्यों ? क्या यह बेशर्मी और देश के साथ धोखा नहीं ??
२) यदि सम्भावनाओं को तलाशने में भाजपा विफल रही तो क्या मोदी जी बेशर्मी से सरकार चलाते रहेंगे या इस्तीफ़ा दे देंगे ? और मोदी जी क्या करेंगे बाद की बात - मोदी समर्थकों का क्या जवाब है - मोदी जी से वो क्या अपेक्षा करेंगे ??

Tuesday 8 April 2014

केजरीवाल को थप्पड़ के पीछे नाराज़गी नहीं बल्कि घटिया मानसिकता और फूहड़पन ही है! और ऐसी घटिया मानसिकता विकसित करने में कई स्वार्थी और बिके मीडिया की कैंपेन सहायक प्रतीत होती है!
और क्यूंकि केजरीवाल बिना सिक्यूरिटी के जनता के साथ रहते हैं, जनता के बीच रहते हैं, जनता में घुलमिल जाते हैं - अतः एक आम इंसान के थप्पड़ की रेंज मैं आ जाते हैं - इसलिए ऐसा दुखद हादसा हो जाता है ....
परन्तु इस थप्पड़ से राहुल, मोदी, जैसे उच्च कोटि के नेता सबक लें और विचारें कि क्या वे भी जनता के बीच बिना सिक्यूरिटी के इतनी स्वच्छंदता से घूम सकते हैं ??? ऐसे में कितने पड़ेंगे क्या गिन पाएंगे ???
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मेरे एक मित्र श्री रमिंदरसिंघ के द्वारा की गयी टिप्पणी : -
"क्या इस देश की जनता इतनी समझदार हो गयी है की अरविन्द केजरीवाल और उसके साथियों को थप्पड़, मुक्के और धक्के मार रही है ! और इतनी समझदार भी हो गयी है की अरविन्द केजरीवाल और उसके साथिओं पर स्याही फेंक रही है ? मात्र 49 दिन की सरकार को समझना वाकई ही समझदार लोगों का काम है, जिस सरकार ने एक दिन भी आराम नहीं किया !
पर इतनी समझदार नहीं हो पाई है की पिछले 60 से ज्यादा सालों से देश को लूटने, पीटने, बेडागर्क करने वाले लोगों और सरकारों को हाथ भी लगा सके ! आदत पड़ गयी है ना गुलामी सहने की !
या फिर यह सब करने वाले जनता के लोग ही नहीं है ... वो तो वो किराए के टट्टू हैं जिन्हें भेजा गया था, यह सब करने के लिए ! क्योंकि "होश उड़े हुए हैं उन निरंकुश शासकों के ! ये कल का आया छोकरा सब बिगड़े बैलों की नाक में नकेल जो डाल रहा है" !
और ......
केजरीवाल या आप का कोई लीडर प्रधानमंत्री बने या ना बने ....
पर भारत में एक ऐसी विरोधी पार्टी तो बन ही रही है जो उन
बिफरे हुए बैलों की नकेल कस कर रखेगी, जिन्होंने देश को
खोखला कर दिया है !
टांग खीचने वाले भाइयों का स्वागत है ..... आइये मैदान खुला है !
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देश के लिए एक दुःख का क्षण !!!!
अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध अनियंत्रित निंदनीय निम्नस्तर का प्रायोजित दुष्प्रचार हो रहा है जिसके दुष्परिणाम की यह मात्र बानगी है ! मैं इस कार्य में लिप्त उन सभी व्यक्तियों को धिक्कारता हूँ .... उनकी निंदा करता हूँ !
मैं मोदी समर्थकों से देश हित में पुनः आग्रह करूंगा कि एक देशभक्त क्रन्तिकारी जो अपने लिए नहीं आप के लिए कुछ अच्छा करने निकला है - उसका अप्रजातांत्रिक और गलत तरीकों से विरोध कर आप अपना और देश का बहुत बड़ा अहित करने जा रहे है....
इस उन्माद कि घडी में केवल इतना विचार भर कर लें कि अगर मोदी जी भी अन्य नेताओं कि तरह ही हवा-हवाई निकले, या अनेक अन्य कारणो से असफल रहे, तो आप क्या करेंगे ??
ये भी विचारें कि क्या प्रजातंत्र में विरोध करने का ये उचित तरीका है ??
क्या आपको अपनी लकीर को बड़ा बनाये रखने हेतु दूसरे कि लकीर मिटाना शोभा देता है ???

Monday 7 April 2014

भाजपा ने मैनिफेस्टो / मोदीफेस्टो में वादों कि झड़ी लगा दी .... लेकिन मोदी जी ने ये भी तो साफ़ साफ़ कह दिया कि इसके लिए उन्हें 300+ सीट यानि मेजोरिटी की सरकार चाहिए ... है न ??
अब मोदी समर्थक ये बताएं कि क्या केजरीवाल के पास मेजोरिटी की सरकार थी ?? क्या मनमोहनसिंह के पास मेजोरिटी की सरकार थी ?? फिर भी पानी पी पी कर सुबह शाम निंदा करना उपहास करना कहाँ तक जायज़ था ?
और मोदी जी आप हुंकार भरते हो 300+ सीट लाकर देश बदलने की !!! .... तो विदित हो कि केजरीवाल तो देश को और आपको भी 30 सीट लाकर ही बदल देंगे .... और जिस दिन उन्हें 300+ सीट मिलेंगी न उस दिन तो वो दुनिया भी बदल देंगे .....
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लेकिन मोदी जी ने ये भी तो साफ़ साफ़ कह दिया कि इसके लिए उन्हें 300+ सीट यानि मेजोरिटी की सरकार चाहिए ... है न ??
अब मोदी समर्थक ये बताएं कि क्या केजरीवाल के पास मेजोरिटी की सरकार थी ?? क्या मनमोहनसिंह के पास मेजोरिटी की सरकार थी ?? फिर भी पानी पी पी कर सुबह शाम निंदा करना उपहास करना कहाँ तक जायज़ था ?
और मोदी जी आप हुंकार भरते हो 300+ सीट लाकर देश बदलने की !!! .... तो विदित हो कि केजरीवाल तो देश को और आपको भी 30 सीट लाकर ही बदल देंगे .... और जिस दिन उन्हें 300+ सीट मिलेंगी न उस दिन तो वो दुनिया भी बदल देंगे .....

बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में वादों की झड़ी लगा दी... बुलेट ट्रेन, 100 नए शहर, सस्ता घर, हर राज्य में AIIMS.... आपकी क्या राय है.

Sunday 6 April 2014

Madam - Enough is Enough!!!
If BJD was involved in illegal mining and you knew it, you are CULPRIT.
And if you could not know it you are INCOMPETENT.
Moreover, if you knew it early and you are crying now before elections you are HYPOCRITE.
In any case you do not deserve to rule this country. And rest assure - you are out this time.

ABP News
Sonia slams Naveen over illegal mining http://www.abplive.in/…/Sonia-slams-Naveen-over-illegal-min…
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6/04/14
मोदी जी मैनिफेस्टो क्यूँ नहीं बना पाये ????
अरे यार जब कांग्रेस से इतने सारे नेता थोकबंद लिए थे तो कांग्रेस का मैनिफेस्टो भी मांग लेना था ना !!!! वैसे भी भाजपा और कांग्रेस में कोई ज्यादा अंतर तो है नहीं .... और फिर आपका मैनिफेस्टो गौर से पढता भी कौन ?
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जो गलती हम करते आये हैं .....
राजनीति में हम आदर्श व्यक्ति को पसंद करते हैं लेकिन उसे चुनते कम ही हैं !
भ्रष्टों की भीड़ के बीच जब कोई ईमानदारी और निष्ठां का परिचय देता है तो हमे बहुत अच्छा लगता है, लेकिन इस अच्छे लगने से वोट का कोई ताल्लुक नहीं होता !
यही वजह है कि आदर्श माने जाने वाले और ईमानदार सौम्य पढ़े-लिखे निष्ठावान प्रत्याशी कम, और भ्रष्ट बाहुबली हवा-हवाई वाकपटु कम पढ़े-लिखे प्रत्याशी ज्यादा चुन लिए जाते हैं .....
और ऐसे भ्रष्ट प्रत्याशी ही आपको ईमानदारी का पाठ पढ़ा रहे होते हैं और आप उनके सामने ५६ इंच की मुस्कान के साथ तालियां बजा रहे होते हैं ....
हमें इस गलती को रोकना ही होगा ....
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पहले मोदी तो कहते थे - ये 'बदलाव' का चुनाव है !
अब अमित शाह कहते है - ये 'बदले' का चुनाव है !!
इसलिए मुझे तो लगता है - ये 'आप' का चुनाव है ....
आप को समझना ही होगा ....

Saturday 5 April 2014

बाबरी मस्जिद / ढाँचे से सम्बंधित सभी बातों का यदि आप निष्पक्षता और दक्षता से आंकलन करेंगे तो पाएंगे कि यह मुद्दा सांप्रदायिक था, है और रहेगा .... और इसमें भाजपा और कांग्रेस तथा हिन्दू मुसलमान के धार्मिक ठेकेदार पूर्णतः लिप्त रहे है ....
यदि आप इस घिनौने दुष्चक्र से समझदारी का परिचय देते हुए देश को बाहर लाना चाहते हैं तो कांग्रेस और भाजपा को वोट न देने के बारे में विचार जरूर करें .... कृपया पूर्वाग्रह से ग्रसित न रहें .... यह देश आपका और हमारा सबका है और इसके बारे में निरंतर विचार करते रहना हम सबका दायित्व है ....

Friday 4 April 2014

मेरा कथन ....
महत्वाकांक्षी होना अच्छी बात है ...
अति महत्वाकांक्षी होना अति अच्छी बात है ...
बशर्ते आकांक्षा किसी अच्छी विषयवस्तु के लिए हो ....
अतः अरविन्द केजरीवाल की अति महत्वाकांक्षा की मैं अति सराहना करता हूँ ....
श्री श्री रविशंकर का दावा, केजरीवाल अति महत्वाकांक्षी हैं http://owl.li/vpQkL
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भाजपा में पहले 'सेफ सीट का तमाशा' और अब मैनिफेस्टो को लेकर एवं पार्टी के अंदर हो रहे विवादों की जो रिपोर्ट्स सामने आ रहीं हैं उससे तो मुझे यही लगता है कि.....
मोदी जी को सहयोग तो सब का चाहिए पर दखल किसी का नहीं .....

या यूं कहें कि मोदी जी को भीड़ से परहेज़ है और अकेले में डर लगता है .....

Thursday 3 April 2014

मेरा आज का विश्लेषण ....
भारतीय जनता पार्टी का जन्म सन 1984 में हुआ था - एवं तब 229 प्रताशी खड़े किये गए थे जिनमे से केवल 2 ही जीते थे ! शायद आगाज़ और आधार कमज़ोर था !
मुलायम लालू मायावती जयललिता करूणानिधि पंवार ठाकरे देवगौड़ा पटनायक नितीश आदि आदि ऐसे कुल सभी नेता वर्षों की राजनीति के बाद भी आज तक कुछ विशेष नहीं कर पाये और 10 -20 -25 सीट जीत कर ही अपने को "क्षत्रप" "सूरमा" मानने का दंभ भरते रहे हैं ! शायद आगाज़ और आधार कमज़ोर था !
वहीँ केजरीवाल मात्र १-२ वर्ष की राजनीति कर - अपने खुल्ले दावे अनुसार सबको हिला कर झकझोर कर - दिल्ली के मुख्यमंत्री बन गए और अब केंद्र की राजनीति कर रहे हैं - एवं उनको लेकर सभी जमे जमाये नेताओं के होश उड़े हुए है - नींद हराम हो रखी है ....
प्रत्यक्ष प्रमाण है कि - केजरीवाल का आगाज़ भी धांसू है और आधार भी मज़बूत .......
और हाँ अंदाज़ के तो क्या कहने - वो भी नायाब है !! है न !!!!
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जरीवाल पाकिस्तानी एजेंट ?
यदि यह सही है तो , और मोदी जी का सीना ५६" का है तो - मोदी जी चुनाव पूर्व ही देश से वायदा करें कि केजरीवाल को जेल में डाल कर ही दम लेंगे (जैसा वादा उन्होंने अशोक चव्हाण को आदर्श घोटाला केस में १ साल के अंदर जेल भेजने हेतु किया है ) ....
अन्यथा देश से माफ़ी मांग लें !
अन्यथा हमें कहना पड़ेगा ......
डर गया मोदी ! घर जा मोदी !! फेंकू मोदी !!! हद हो गयी मोदी !!!! .......

Tuesday 1 April 2014

मेरा विश्लेषण !!!
पिछले 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने 440 प्रत्याशी खड़े किये थे जिनमे 206 विजयी हुए थे! पर हर बार जनता मूर्ख नहीं बन सकती ! कांग्रेस के कुशासन और भ्रष्टाचार को देखते हुए, तथा मोदी की लोकप्रियता और केजरीवाल के धमाकेदार आगमन के कारण इस बार यदि 206 की आधी सीट यानि 103 सीट भी आती हैं तो गनीमत !!!
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मेरा विश्लेषण !!!
पिछले 2009 के चुनाव में भाजपा ने 433 प्रत्याशी खड़े किये थे जिनमे 116 विजयी हुए थे! इस बार भी भाजपा लगभग 440 प्रत्याशी खड़ी करने वाली है, परन्तु इस बार मुकाबला सीधे भाजपा और कांग्रेस में न होकर 'आप' के भी मैदान में आने से त्रिकोणीय हो गया है, जो भाजपा से भी ज्यादा लगभग 500 प्रत्याशी खड़े कर रही है!
और चूँकि स्वयं मोदी और मोदी समर्थक मुद्दों से भटक अनावश्यक रूप से लोकप्रिय केजरीवाल के विरुद्ध गाली गलौज की भाषा का इस्तेमाल करते हुए मीडिया को साधकर दुष्प्रचार भी कर रहे हैं, जिससे काफी जनता नाराज़ है और चिढ रही है, इसलिए 272 + का लक्ष्य तो दूर यदि 172 सीट भी आती है तो ही बहुत होगा !!!