Saturday 28 February 2015

//// बजट .... जूता और पानी ....////

मित्रों २०१५ का बजट आ गया है ....
चमड़े के जूते भी सस्ते हो चुके हैं ....
भिगोने के लिए केजरीवाल ने पानी भी मुफ्त कर दिया है ....
तो अब इंतज़ार किस बात का ????
धन्यवाद !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Wednesday 25 February 2015

//// 'आत्मचिंतन' पर मेरा चिंतन ....////


मुझे बहुत आश्चर्य हो रहा है कि हमारे बीच अभी भी ऐसे राजनेता मौजूद हैं जो अपने घर में रहकर 'आत्मचिंतन' भी नहीं कर सकते ?? तो फिर ये दूसरों के बारे में चिंता कर के भी क्या कर लेंगे ?? .... मित्रों ऐसे लोग शायद चित्त हो चुके हैं - चिंतनीय हो चुके हैं - इसलिए इनकी चिंता करने का कोई औचित्य नहीं बचा है ....

पर हाँ असल में मुझे ज्यादा चिंता तो अब ऐसे लोगों की हो रही है जिनके कपडे तक उतर के नीलाम हो गए पर 9 महीने के उपरांत भी उनका 'आत्मचिंतन' शुरू तक नहीं हुआ है .... लगता है ऐसे लोगों को तो गरीब की चिता दिखने पर भी गरीब की चिंता नहीं होती ..... वो तो स्वयं इस चिंता में लगे हैं कि गरीब के नीचे से जमीन कैसे खींच ली जाए .... ऐसे चिंतनीय लोगों के चित्त में जो चतुरता ठूंसी पड़ी है वही चिंता का विषय है .... और 'आत्मचिंतन' के अभाव में शायद अब चिंतन तो हमको और आपको ही करना पड़ेगा .... है ना !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Tuesday 24 February 2015

//// मोदी अध्यादेश - बनाम - जनता अध्यादेश ....////


भूमि अधिग्रहण बिल विषयक विपक्ष द्वारा आपत्ति उठाई गई है कि ऐसी क्या आपात स्थिति थी कि मोदी सरकार को अध्यादेश लाने की आवश्यकता उत्पन्न हुई थी ????
मित्रों मोदी और कुछ उद्योगपतियों के बीच यदि डील हुई होगी कि तुम्हारी सरकार आने के बाद उद्योग लगाने के लिए जमीन दी जाएगी - तो क्या मोदी अपने वायदे को ससमय पूरा भी ना करें ????
इसलिए मैं ऐसी हल्की आपत्ति की निंदा करता हूँ - बेचारे मोदी जी अभी तक सैंकड़ों वायदे कर पूरे नहीं कर पाये हैं - और यदि वो एक वायदा पूरा करना चाहते हैं तो भी आपत्ति ?? मात्र आपत्ति ????
मित्रों मेरे मत में तो आपात स्थिति अब आई है जब मात्र आपत्ति और निंदा से काम नहीं चलेगा - मुझे लगता है अब भारत की जनता को भी 'दिल्ली अध्यादेश' जैसे एक और अध्यादेश के माध्यम से मोदी सरकार को ही उखाड़ फेंक भूमिगत करना आवश्यक हो गया है !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Thursday 19 February 2015

//// संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति यदि घोर गलती या पाप करें तो ????....////


बिहार में राजनीति हो रही है - ये कहना जरा हल्कापन हो जाएगा .... जो कुछ हो रहा है मैं समझता हूँ उपयुक्त होगा ये कहना कि - बिहार में मवेशियों और ढोरों का दंगल हो रहा है - और कुछ लोग दुखी हो रहे हैं - कुछ खुश हो रहे हैं - कुछ पछता रहे हैं - और कुछ माथा ठोंक रहे हैं .... और कुछ विशिष्ट इतरा रहे हैं मजे ले रहे हैं भिड़ रहे हैं भिड़ा रहे हैं ....

और मित्रों मेरे अनुसार मवेशियों और ढोरों से आप कुछ अलग क्या अपेक्षित कर सकते हैं - वो तो अपनी प्रकृति अनुरूप ही तो इधर उधर मूतेंगे - कुछ गोबर करेंगे कुछ लीद करेंगे और कुछ लेंडी आदि !!!! अतः मैं इस विषयक ज्यादा परेशान होने के मूड में नहीं हूँ ....

पर मित्रों मुझे जो बात ज्यादा परेशान कर रही है वो है - संवैधानिक पदों का घोर अवमूल्यन ....
मैं देख रहा हूँ कि निकट भविष्य में जो दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और महाराष्ट्र स्पीकर दिलीप पाटिल - तथा वर्तमान में अभी बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी और स्पीकर उदय नारायण चौधरी और मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव द्वारा जो कुछ भी किया गया है वो भी तो उपरोक्त वर्णित दंगल के प्रतिस्पर्धियों की करनी से ज्यादा भिन्न नहीं हैं ....

तो मित्रों मैं तो परेशान हो रहा हूँ कि ऐसे व्यक्तियों को जो संवैधानिक पदों की मर्यादा भी अपनी मर्यादा के समतुल्य ला दे रहे हैं - उन्हें क्या कहूँ ????

और इसलिए आपके समक्ष यह प्रश्न रखना चाहता हूँ कि क्या संवैधानिक पदों पर रहते जो व्यक्ति घोर गलती करे या पाप करे तो क्या उसके प्रति अपने गुस्से का इज़हार करने के लिए क्या एक आम आदमी को असंवैधानिक भाषा में गालियां देने की वैधानिक अनुमति होनी चाहिए कि नहीं ????

मित्रों मुझे लगता है कई प्रश्न ऐसे होते हैं जिनके उत्तर दिल की गहराइयों से स्वतः निकलते हैं - और इसलिए मैं दिल कि गहराईयों से दिल ही दिल में जो कह रहा हूँ उसका अनुमान आप तो लगा ही सकते हैं - है ना !!!! धन्यवाद !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// मोदी सरकार - जाँच प्रकरणों संबंधित मेरी जाँच पड़ताल ....////


प्रकरण १ : -
डीआईजी कोस्ट गार्ड श्री लोशाली का ५७" सीने से दिया बयान लीक हो गया या करा दिया गया या सामने आ गया कि - ३१/१२/१४ को जो पाकिस्तानी बोट समुद्र में विस्फोट के बाद तबाह हो गई थी असल में वो वीरपुत्र लोशाली के आदेश पर उड़ा दी गई थी क्योंकि वो नहीं चाहते थे पाकिस्तानियों को बिरयानी खिलानी पड़े - समझे !! .... पर रक्षामंत्री और भारत सरकार के कई प्रवक्ता आधिकारिक रूप से कह चुके थे कि उस पाकिस्तानी नाव को घेरकर इतना दबाव बनाया गया था कि उसने खुद को ही उड़ा लिया था ....  और इसके साथ कई किस्से जोड़े गए थे - कई पीठे थपथपाई गई थीं और कई सीने फुलाए गए थे ....
पर अब विवाद होने पर रक्षामंत्री ने नया बयान दिया कि लोशाली के बयान की जाँच होगी ....
मित्रों मैंने 'जाँच में बयान' की बात तो सुनी थी - पर अब 'बयान की जाँच' ????
प्रकरण २ : -
मित्रों ऐसे ही लगभग २ वर्षों से 'आप' पार्टी पर फॉरेन फंडिंग के आरोप लगाये जा रहे थे मढ़े जा रहे थे लगवाये जा रहे थे .... और फिर इसपर जांच बैठा दी गई थी या बैठानी पड़ी थी या खड़ी कर दी गई थी .... और आज सरकार ने दिल्ली चुनावों के ठीक बाद जांच को मुकम्मल घोषित कर ये बताया कि 'आप' की फंडिंग की जाँच में कुछ भी गड़बड़ी नहीं पाई गई ....
मित्रों मुझे लगता है कि अब तो ये आवश्यक हो गया है कि एक और जाँच बैठा दी जाय जो पता लगाए कि 'आप' के विरुद्ध जांच करने में इतना समय क्यों लगा - और घोषणा दिल्ली चुनाव के बाद ही क्यों - और जाँच अन्य पार्टियों की भी क्यों नहीं ????
प्रकरण 3 : -
मित्रों एक सूट का प्रकरण भी अभी सुर्ख़ियों में है - ये सूट किसी की इज़्ज़त ले चुका है और स्वयं इतना गंदा हो गया है कि इसकी औकात पोछा लगाने की भी नहीं बची है .... पर इस सूट को माँ गंगा की सफाई हेतु उपयोग में लाने की बात हो रही है ....
मित्रों मुझे लगता है कि अब तो इस सूट और इस सूट से जुड़े सभी व्यक्तियों की और वक्तव्यों की और इसको पहनाने वाले और पहनने वाले की पूरी जाँच होनी चाहिए .... और वो भी थर्ड डिग्री वाली कपडे उतार के !!!!

मित्रों उपरोक्त जाँचे तो होंगी या नहीं होंगी - पर मेरा मकसद तो आपके समक्ष ये बात रखने का था कि मोदी सरकार फ़िज़ूल की बातों में वक्त जाया कर रही है .... काम कुछ नहीं कर रही है .... और जहाँ जाँच होनी थी वहां नहीं हुई - एक भी भ्रष्टाचारी तक को जेल नहीं हुई - एक चूहा भी अंदर नहीं गया - एक नेता भी अभी तक नहीं धराया .... पूरे कुँए में भांग पड़ी है - और यहाँ तक की जाँच करने वाले भी भंगेड़ी हैं भ्रष्ट हैं मक्कार हैं ....
अस्तु जांचों से संबंधित मेरी पड़ताल ये कहती है कि पूरी मोदी सरकार जाँच की मद और घेरे में आ चुकी है ....
और मोदी सरकार की सभी जाँचों के ऊपर भी एक जाँच बैठाना आवश्यक हो गया है !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Wednesday 18 February 2015

//// शाब्बाश मोदी जी शाब्बाश !!!! .. "गर्व से कहो हम सेक्युलर हैं" .... अब साम्प्रदायिकता की तो ऐसी की तैसी ....////


मोदी जी ८-९ महीने से मौनदी बने हुए थे - डर रहे थे - भक्तों से - अतिहिंदुवादियों से - फिरकापरस्तों से - सांप्रदायिक ताकतों से - दिल्ली चुनावों से ....

लेकिन अब जब दिल्ली चुनाव हो गए तो मोदी जी ने मुंह खोला .... और शायद पहली बार 'मेरे मन की बात' बोल दी ....

मोदी ब्रह्म वाक्य कहिन ....  // मेरी सरकार किसी भी धार्मिक समूह को, परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से दूसरों के प्रति नफरत फैलाने की अनुमति नहीं देगी - चाहे वह बहुसंख्यक वर्ग से हो या अल्पसंख्यक से - हम किसी भी बहाने से धार्मिक समूहों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे - यदि ऐसा हुआ तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी .... मेरी सरकार हर धर्म का सम्मान करती है - हर किसी को अपनी इच्छा के अनुसार बिना किसी प्रलोभन और दबाव के किसी भी धर्म को मानने और अपनाने की आज़ादी है //

उपरोक्त वचनों के लिए मैं मोदी जी की प्रशंसा करता हूँ - और दिल्ली की जनता को लाख लाख बधाई देता हूँ जिसने एक झटके में अकल ठिकाने लगा दी !!!!

तो भक्तो आओ आज मिलजुल कर ख़ुशी मनाएं - मोदी जी को ताकत दें - प्रधानमंत्री को ताकत दें - और सब मेरे साथ बोलें - "गर्व से कहो हम सेक्युलर हैं" .... ऐसे नहीं - पूरी ताकत से दोनों मुट्ठी बंद करके बोलें - "गर्व से कहो हम सेक्युलर हैं" !!!! भारत माता की जय !!!! वन्दे मातरम !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Tuesday 17 February 2015

//// मोदी जी !! ये "अंगरेझीई" में क्या कह दिया ?? ....////


श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरीसेना भारत दौरे पर हैं - इस उपलक्ष में हमारे भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी को भाषण देना होता है सो वो दे रहे थे - पर भाषण दे रहे थे अंग्रेजी में - और उन्होंने अपने प्रारंभिक उदबोधन में माननीय राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को सम्बोधित करते हुए कहा - ".... PRESIDENT SIRISENA AND M R S SIRISENA ....".

मुझे हंसी तो आ ही रही है पर आश्चर्य और शर्म भी ....
मेरा मोदी जी को सुझाव है कि अब से "अंगरेझीई" में बोलना तो बिलकुल ही बंद कर दें ....
बल्कि मैं तो कहता हूँ बोलना ही बंद कर दें तो बेहतर .... क्योंकि अब तो वो हिंदी में भी पकाने लगे हैं !!!!
और भक्तों को सलाह है कि इसे मजाक में ही लें - प्रधानमंत्री का मजाक - जैसा कि प्रधानमंत्री स्वयं ही कई लोगों का मजाक बनाते रहते हैं - और भक्त भी जैसे कि क्रांतिकारी की खांसी मफलर का मजाक बनाते रहे हैं - और खुद का भी - और मेरा भी - हा !! हा !!!!
TAKE IT EAZHI - CHILL BABY CHILL !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// व्यापक व्यापम घोटाला - मध्यप्रदेश - सत्ता के गलियारे ऐसे - जैसे पुराने शहर की मवेशी युक्त गंदी गलियां ....////


व्यापक व्यापम घोटाला मध्यप्रदेश - लोग खाते रहे और खाने देते रहे - २००७ से चल रहा था ये घोटाला - कोई भी इस घोटाले के ना होने की बात नहीं करता - यानी सब ईमानदार और सब भ्रष्ट मानते हैं घोटाला हुआ - पर मुद्दा यही खींचा जा रहा है कि घोटाला किस किस ने किया ....

मित्रों ये घोटाला मानव मूल्यों के हनन के अलावा लाखों करोड़ों रुपयों के भ्रष्टाचार का है ....
और ये लाखों करोड़ों रूपए किसी मजदूर रेड़ी वाले छोटा मोटा व्यवसाय करने वाले या नौकरी पेशा या उद्योगपति के पास तो गए नहीं - ये पैसे तो उन्ही नेताओं दलालों और बेईमानों के पास गए जिनकी रिहाइश या पहुँच सत्ता के गलियारों तक थी और है - और सत्ता के गलियारों में साधारण लोग तो आते जाते भी नहीं हैं बल्कि वहां तो ऐसे बेशर्म नेता ही देखे जाते हैं जो ऐसे बड़े घोटाले हो जाने पर भी अज्ञानी बने रहते हैं - और ये इतने भ्रष्ट होते हैं कि भरपूर खाने के बाद भी डकार बाहर नहीं आने देते - और पकडे जाने पर हमारे पैसे से ही जाँचें बैठा देते हैं - और फिर जांच को भी प्रभावित कर देते हैं - और फिर तमाम जुमले बघारते रहते हैं - मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूँ - मुजरिम सिद्ध हो जाऊं तो सजा तक भुगतने के लिए तैयार हूँ - ना खाऊंगा ना खाने दूंगा - आदि !!!!

मित्रों अब मैं आता हूँ मुद्दे की बात पर - हमारे भाजपा वाले प्रधानमंत्री मोदी जी ने 'आप' पार्टी द्वारा २ करोड़ के कालेधन चंदे प्रकरण में तत्काल उचक उचक कर बहुत कुछ कहा था - " ये कैसे बेईमान लोग हैं रात के अँधेरे में इनके खाते में कोई २ करोड़ रूपए डाल जाता है इन्हे मालूम ही नहीं पड़ता .... कमाल है भाई कमाल है " .... मित्रों याद आ गया ना आपको !!!!

और इसलिए अब मैं भाजपा और उनके प्रधानमंत्री मोदी जी और उनके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का खुल्लेआम उपहास करते हुए कहना चाहता हूँ कि .... २००७ से हो रहे करोड़ों  के इस घोटाले में हज्जारों प्रतिभावान नौजवानों को आघात पहुंचा और कई परिवार उजड़े - और इसमें आरोपित कई हज़ार लोग आज जेलों में बंद हैं या विराजमान हैं - जिनमें सत्ता के गलियारे के अधिकृत रहवासी भी हैं और मुफ्त में कब्जा जमाए लोग भी हैं - छुटभैय्ये भी हैं और बड़े वाले भी हैं - शोषित भी हैं बेचारे भी हैं ..... पर जनाब ऐसे घोटाले के बारे में भाजपा को कुछ मालूम नहीं पड़ा - शिवराज को भी नहीं मालूम पड़ा - और मोदी जी को भी अभी तक कुछ नहीं मालूम पड़ा - कमाल है भाई कमाल है !!!! याद आया ना मित्रों वही वाला कमाल - वही २ करोड़ वाला कमाल - मोदी के कमल वाला कमाल !!!!

सचमुच कमाल है !!!! .... कैसे कैसे लल्लू और भ्रष्ट नेता भरे पड़े हैं इन सत्ता के गलियारों में - ऐसे ही जैसे पुराने शहरों की गलियों में दोनों तरफ गंदी नालियों में मवेशी पसरे पड़े रहते हैं .... गंदगी और कीचड में सने ....
अतः गलियारों की तत्काल सफाई अत्यावश्यक है - मवेशी मुक्त ....
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Monday 16 February 2015

//// परेशानी ही परेशानी .... मोदी बिहार में पलट गए तो ?? .... और मोदी दिल्ली में नहीं पलटे तो ??....////


नीतीश परेशान है मांझी विधानसभा में बहुमत कैसे लाएंगे - लोग कह रहे हैं देखते जाओ - सब ले आएंगे - भाजपा है ना - बात हो चुकी है - मोदी से भी और अमित शाह से भी .... वो अपनी बात से पलटेंगे थोड़े ही ....

मीडिया परेशान है केजरीवाल वायदे निभाने के लिए पैसे कहाँ से लाएंगे - लोग कह रहे हैं देखते जाओ - सब ले आएँगे - बात हो चुकी है - जनता से अन्ना से संजीव चतुर्वेदी से - और हाँ मोदी से भी जिन्हे अपनी बात से पलटने नहीं दिया जाएगा ....

और भक्त परेशान हैं - क्योंकि उन्हें तो कुछ संपट ही नहीं बैठ रही है - दिल्ली में बाजी पलट कैसे गई ?? वो अब सोचने लगे हैं कि आखिरकार ये मोदी कर क्या रहे हैं - यदि बिहार में पलट गए तो ?? और दिल्ली में नहीं पलटे तो ????

हा !! हा !! मित्रों बीच बीच में हँसते हँसाते भी रहना चाहिए - स्वास्थ्य और अलटा पलटी करने के लिए लाभकारी रहता है !!!! धन्यवाद !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Sunday 15 February 2015

//// चुनाव में जीत - क्रिकेट में जीत - पेट्रोल डीज़ल के भाव - और नसीब ....////


बकौल मोदी वो नसीब वाले थे ....
अभी तक मोदी जी नसीब के बल जीत रहे थे ....
अभी तक मोदी जी के नसीब से पेट्रोल डीज़ल के भाव कम हो रहे थे ....
पर अंततः मोदी जी का नसीब पलटा और वो दिल्ली चुनाव हार गए ....

अरविन्द केजरीवाल दिल्ली चुनाव जीत गए ....
कल ही अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण करी ....
और कल ही अरविन्द केजरीवाल ने भारतीय टीम को शुभकामनाएं दी थीं ....
और आज भारत अपने पहले ही मैच में पाकिस्तान से जीत गया .... वाह !!!!

और मोदी की बदनसीबी भी देखिये ....
आज ही पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ गए .... छिः !!!!

इन बातों से लगता है कि इस देश के लिए केजरीवाल ज्यादा नसीब वाले साबित हो रहे हैं - और अब मोदी बदनसीबी का कारण बन रहे हैं - नहीं क्या ????

अब नसीब-बदनसीब खेलना हो तो उपरोक्त बात माननी पड़ेगी .... नहीं तो मान लीजिए कि अरविन्द केजरीवाल और भारतीय टीम अपनी क़ाबलियत के आधार पर जीते .... और पेट्रोल डीज़ल के भाव एक वस्तु की बाजार स्थिति अनुसार घटे थे और अब बढे हैं .... सीधी बात !!!!

और मोदी जी फालतू की बहुत बातें करते हैं - जब देखो फेंकते रहते हैं - है ना !!!!
और कुछ भक्त दिमाग से कम घुटने से ज्यादा सोचते हैं - और कुछ उच्चकोटि वाले सोचते ही कहाँ हैं ?? है ना !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Saturday 14 February 2015

//// मोदी और पंवार के राजनीतिक चातुर्य यानि गंदी राजनीति पर आश्चर्य क्यों ?..////


मोदी और पंवार बारामती के एक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में एक मंच पर स्वेच्छा से आए और शायद कई वर्षों के बाद साथ-साथ दिखे !!!!
कई लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं ....
पर मुझे इस पर आश्चर्य हो रहा है कि लोगों को इस पर आश्चर्य क्यों हो रहा है - क्योंकि ये दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं - और इनकी राजनीति एक जैसी ही है - गंदी राजनीति !!!!

पर मुझे लगता है कि शिवसेना की प्रतिक्रिया थोड़ी भिन्न होगी .... शिवसेना का कुपित होना तो बनता है - चिढ़ना कुढ़ना भी बनता है - सुलगना भी बनता है .... पर शायद वो स्वयं आश्चर्य चकित होने के बजाय भाजपा को कोई ठुल्ला दे दे तो भी किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए .... क्योंकि उसमें भी आश्चर्य क्यों होना चाहिए जो सदैव संभावित रहा हो ??

और इसलिए मैं कह सकता हूँ कि एनसीपी को 'नैचुरली करप्ट पार्टी' बताने वाले मोदी जी - और मोदी जी को कोसने वाले शरद पंवार - अब जब आपको एक दूसरे के गुणगान करते या साथ साथ चलने के नए नायाब नैतिक कारण बताने लगेंगे तो भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए .... क्योंकि अभी निकट में तो बस यही संभावित है .... हाँ आगे फिर कब गालियां शुरू हो जाएं कह नहीं सकते !!!!

और निकट में तो यह भी संभावित है कि मोदी जी भक्तों को ये गले उतारने में सफल हो जाएंगे कि अब वो एनसीपी के शरद पंवार पीडीपी के बाप बेटी जदयू के मांझी और पाकिस्तान के नवाज़ शरीफ आदि से ताल मेल क्यों बैठा रहे हैं !!!!

आश्चर्य का तो बस एक कारण ही था कि अरविन्द केजरीवाल ने कांग्रेस का साथ क्यों लिया था ?? .... और वो आश्चर्य मरते दम तक कायम रहेगा !!!!
और भविष्य में आश्चर्य तब होगा जब - मोदी जी विनम्र होने की कोशिश करेंगे और अपना कोई भी वायदा पूरा करने का प्रयास करेंगे - और पंवार राजनीतिक चातुर्य छोड़ कभी देश के बारे में भी कुछ अच्छा करेंगे - और महाराष्ट्र के अनेक घोटालों में किसी भी नेता के विरुद्ध कोई कार्यवाही पूरी होकर उसे जेल होगी !!!! ऐसा तो नहीं होगा ना !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// और अरविन्द केजरीवाल ने शपथ भी ग्रहण कर ली - काम शुरू हो चुका है - समय पीछे निकल चुका है - बधाई !!!!....////


अरविन्द केजरीवाल हो गए - दिल्ली के मुख्यमंत्री !!!!
बहुत बहुत शुभकामनाएं और धन्यवाद ....
शुभकामनाएं केजरीवाल के लिए कि उनकी क्रांतिकारी इच्छाएं पूर्ण हों ....
शुभकामनाएं केजरीवाल को कुछ स्वार्थवश भी - कि वो इस देश के लिए और आम जनता के लिए विशेषकर गरीब के लिए वो कर सकें जो मैं आप और हम नहीं कर सके ....
और धन्यवाद केजरीवाल को इसलिए कि उन्होंने घोर निराशा के बीच अपने आप को खपाते हुए एक आशा को सदैव जीवित रखा और आज जगा दिया !!!!
आगे ....
नए मुख्यमंत्री को बिना किसी हनीमून पीरियड के और बिना कोई समय लिए-दिए दिन-प्रति-दिन काम करते दिखना चाहिए .... और उस काम के परिणाम भी दिखना चाहिए !!!!
जो लोग केजरीवाल को समय देने की बात करते हैं उनसे मैं सहमत नहीं - किस बात के लिए समय ?? क्या काम करने का कोई समय होता है ?? जी नहीं - समय तो वो लेते हैं जिन्हें काम करना ही नहीं होता है !!!!

और मैं देख रहा हूँ  - काम शुरू हो चुका है - समय पीछे निकल चुका है !!!!
इसलिए बधाई !!!! वन्दे मातरम !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Friday 13 February 2015

//// क्या माँझी भी रंगेहाथ नहीं धराए ?? तो प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री अब क्यों नहीं उचक रहे ??....////


बिहार के टिके मुख्यमंत्री जीतनराम माँझी ने आज उगल दिया कि सरकारी ठेकों के माध्यम से कमीशन उनकी कुर्सी तक भी पहुँचता था और वो अब कोई कमीशन अपने पास नहीं रखेंगे पर अबसे उसे चैरिटी के काम के लिए दान दे देंगे - आदि !!!!

मित्रों आपको याद होगा कि एक 'आवाम' नाम की संस्था द्वारा दिल्ली चुनाव के ठीक पूर्व आप पार्टी पर २ करोड़ के चंदे लेने वाले आरोप लगाने के मात्र कुछ घंटों के अंदर ही वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने डड्डू जैसे उचक उचक कर कह डाला था कि - चोर रंगेहाथ पकड़ा गया है - रात के अँधेरे में कालेधन के रूप में चंदा लिया गया - आदि !!!!

लेकिन मित्रों मुझे बहुत आपत्ति हुई जब किसी भी प्रकार की अपेक्षित कार्यवाही नहीं हुई और चुनाव बाद एक साधारण सा इन्कम टैक्स नोटिस पार्टी को थमा दिया गया जिसके तहत सूचना देने हेतु कहा गया है - और इस कारण कम से कम मैं तो ये मान गया हूँ कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री द्वारा सस्ती ओछी राजनीति की गई !!!!

और इसलिए मैं आज प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री से पूछना चाहूँगा की जो बात मैनें माँझी के मुहं से सुनी है क्या उन्होंने भी सुनी या नहीं - यदि नहीं तो क्या वे बहरे तो नहीं ? और यदि हाँ तो क्या ये भी रंगेहाथ पकड़ाए जैसा पुख्ता मामला नहीं ????

क्या प्रधानमंत्री को याद है कि उन्होंने वायदा किया था कि "ना खाऊंगा ना खाने दूंगा" - तो क्या माँझी को खाने की छूट है ?? और क्या इसलिए छूट है कि वो नीतीश कुमार की नाक में दम किये हैं और मोदी और नीतीश की व्यक्तिगत लड़ाई में हिसाब किताब बराबर करने का प्रयास किया जा रहा है ????

मैं यह भी पूछना चाहूंगा कि मान लीजिये मोदी जी को मालूम पड़ता है कि कोई "X" कंपनी किसी "Y" मंत्री को कमीशन देती है - तो क्या मोदी जी जानकारी होने के बावजूद चुप रहेंगे ?? और क्या चुप रहना गुनाह होगा कि नहीं ?? और गुनाह होगा तो क्या वे पद पर बने रहेंगे ?? और क्या मोदी जी की जगह यदि माँझी होते हैं तो क्या कुछ फरक पड़ता है या पड़ना चाहिए या पड़ रहा था ????

तो क्या माँझी के विरुद्ध कोई कार्यवाही होगी ?? तुरंत होगी ?? क्या जीतन माँझी के ठिकानों पर छापा मारकर उनकी संपत्ति की जांच होगी ?? और यदि नहीं होगी तो क्या मोदी और उनके मंत्री भी अपराध के भागीदार कहलाएंगे ?? और इसीलिए अब नहीं उचकेंगे ????

भक्तो को सलाह है कि चूँकि प्रश्न उच्चकोटी के थे अतः उनकी समझ के बाहर रहेंगे अतः अब परेशान ना हों - शांत हो अपने काम से लगें !!!! धन्यवाद !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// साहब बहाद्दुर का नमोss गिरामीss सूट .... और "इज़्ज़त" की नीलामी ....////


मैंने तो अभी तक अनुभव किया था कि दुनिया में यदि किसी की नीलामी होती है तो वो या तो नामी गिरामी भौतिक वस्तुएं होती हैं या फिर "इज़्ज़त" .... जी हाँ "इज़्ज़त" !!!!
और वस्तुएं भी वो होती हैं जो पुरातत्व महत्त्व की हों - या बहुमूल्य हों - या बहुउपयोगी हों .... आदि !!

पर अब एक सूट की नीलामी हो रही है - जबकि ये सूट अभी नया है इसलिए पुरातन होने का प्रश्न ही नहीं उठता - ये सूट महंगा भी नहीं है क्योंकि इस सूट को पहनने वाले साहब के प्रवक्ता ने ही पोल खोल दी कि इसका कपडा केवल ७ हज़ार रुपट्टी का है - और ये सूट किसी के उपयोग का हो ही नहीं सकता क्योंकि इसका साइज़ ५६" छाती के अनुरूप है जो साहब के अलावा किसी को फिट नहीं बैठ सकता .... और वैसे भी किसी का उतरा गंदा सूट जिस पर किसी अहंकारी का नाम भी लिखा हो उसे कौन बेवकूफ पहनना पसंद करेगा ?? .... अतः भौतिक रूप से तो इस सूट की कोई विशिष्टता बनती नहीं है - ना ही कोई मूल्य - है ना !!!!

तो फिर इसकी नीलामी क्यों हो रही है .... ????
मेरी विवेचना .....

इस सूट का "इज़्ज़त" से बहुत कुछ लेना देना है .... मुझे लगता है ये सूट उस व्यक्ति की "इज़्ज़त" नीलाम कर चुका है जिसका नाम इस सूट पर ही अंकित है .... और इसलिए इस सूट को मैं नया नाम देता हूँ ....
\\साहब बहाद्दुर का नमोss गिरामीss सूट\\

और मुझे पूरा विश्वास है कोई न कोई भक्त इस सूट को खरीद जरूर अपनी स्वयं की "इज़्ज़त" भी नीलाम करेगा .... और उसके बाद भी ना जाने कितनों की "इज़्ज़त" नीलाम होती रहेगी !!!! छिः !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Thursday 12 February 2015

//// अब कह रहे हैं - दिल्ली में देश द्रोहियों की सरकार !! .... तो फिर रामजादे हरामज़ादे कहाँ गए ??....////


वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कल दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को देश द्रोहियों की सरकार बताया है .... जनाब कल भोपाल में थे !!!!

इस संदर्भ में मैं ये नहीं समझ पा रहा हूँ कि चुनाव पहले तो भाजपा नेता ये कह रहे थे कि दिल्ली की जनता को रामजादों या हरामजादों की सरकार में से एक को चुनना है - तो फिर ये बीच में देश द्रोहियों की सरकार कहाँ से आ गई ?? और यदि ये देश द्रोहियों की ही सरकार है तो फिर वो रामजादे कहाँ गए ?? और वो हरामज़ादे कहाँ गए ??

मुझे लगता है कि अब इन प्रश्नों के उत्तर भी सुब्रमण्यम स्वामी को ही देना चाहिए नहीं तो हो सकता है लोग बोलेंगे कि - ये इतना क्यों बोलते हैं - और इतना वाहियात क्यों बोलते हैं - ये समझदारी की बात क्यों नहीं करते - ये अपने ही देशवासियों को देश द्रोही कैसे बोल सकते हैं - क्या देश के प्रधानमंत्री और अनेक मंत्री देशद्रोहियों से मिल रहे हैं - रस्सी जल गई बल नहीं गया - कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती - आदि इत्यादि !!!!

वैसे मुझे उपरोक्त प्रश्नों के संभावित उत्तर का आभास हो चला है - मेरे हिसाब से रामजादे तो भगवान राम की स्तुति में लग गए हैं - पर जो रामजादे नहीं वो अभी भी अपनी चिरपरिचित हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और देश भ्रमण कर विलाप करने के लिए मजबूर हैं .... सो कर रहे हैं !!!!

भक्तों को सलाह है कि अभी ऐसी निरर्थक बातों को दिल से ना लगाएं - क्योंकि अब दिल्ली में 5 साल तक 3 की 0 तो होने से रहीं - जिनकी 0 है उनकी 1 होने से रही - और बिहार में चुनाव अभी दूर हैं - है ना !!!!
\\ ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// गणतंत्र दिवस की परेड का मखौल .... या जुमले .... या कुछ और ....////


सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री एच.एल दत्तू की अध्यक्षता वाली बेंच ने कल एक प्रकरण में केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा .... " आप गणतंत्र दिवस की परेड में १०० करोड़ रूपए खर्च कर सकते हैं, पर जब किसानों को मुआवज़ा देने की बात आती है तो कोर्ट में अपील करने चले आते हैं " ....

मुझे समझ नहीं आता कि पूर्व में दिवंगत कार्टूनिस्ट लक्ष्मण और निकट भूत में अरविन्द केजरीवाल और अब जस्टिस दत्तू - ये सब के सब ऐसी बात क्यों करते हैं कि हमारे राष्ट्रभक्त भक्तों के दिल को ठेस पहुंचती है ?? .... अरे भाई ये सब के सब 'गणतंत्र दिवस परेड' के ही पीछे क्यों पड़ गए हैं ??

या कहीं ऐसा तो नहीं कि ये सब भी कोई "जुमले" के जरिये राष्ट्रहित की बात कर गए - जो हमेशा की तरह भक्तों के भेजे में नहीं घुसी - या कुछ शाने समझ के भी नासमझ बने रहे ??

मित्रों सोचियेगा जरूर और तैयार रहिएगा - ताकि भविष्य में दुष्प्रचार करने की कोई हिमाकत ना करे !!!! धन्यवाद !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// मोदी जी की पहली उपलब्धि - दिल्ली 'स्मार्ट' सिटी हुई - बधाई !!....////


सभी लोग दिल्ली के चुनाव परिणामों को लेकर केजरीवाल और 'आप' पार्टी और आपियन्स आपस में एक दूसरे को बधाई देते रहे हैं ....

पर इस बीच मैं मोदी जी को भी बधाई देना चाहूंगा - कारण - आपको याद होगा कि मोदी जी ने १०० 'स्मार्ट' सिटी बनाने का वायदा किया था - और अब मात्र ८-९ महीने के बाद उसकी शुरुआत हो गई है - जिस प्रकार दिल्ली ने चुनाव परिणाम दिए हैं उसको देखते हुए अब आप कह सकते हैं कि - हाँ !! दिल्ली एक 'स्मार्ट' सिटी बन गई है !!!!

अतः मोदी जी को बधाई देते हुए मैं आशा करता हूँ कि मोदी जी अपना वायदा और लक्ष्य पूर्ण करते हुए शेष ९९ सिटी को भी 'स्मार्ट' सिटी बनाने हेतु इसी तरह कार्य करते रहेंगे और अमित प्राची ज्योति साक्षी आदित्य रामरहीम किरण शाजिया मीटर वाले भैय्या आदि सबका भरपूर सहयोग प्राप्त करते रहेंगे ....

मोदी जी को धन्यवाद !!!! भक्तों को बधाई !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Wednesday 11 February 2015

//// "मोदी की हार" - टिप्पणी पर टिप्पणी पर मेरी टिप्पणी .... ////


शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की टिप्पणी - "दिल्ली की हार मोदी की हार है" .....
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री फड़नवीस की टिप्पणी पर टिप्पणी "साथी हो तो टिप्पणी मत करो" ....

अब मेरी टिप्पणी - देखें आगे क्या होता है .... उद्धव ठाकरे सही टिप्पणी करना बंद करते हैं - या भाजपा का साथ छोड़ते हैं - या टिप्पणी भी करते रहेंगे और साथ भी ना छोड़ेंगे - या फड़नवीस खुद ही और खुद भी टिप्पणी करते रहेंगे पर .... "जनम जनम का साथ है निभाना पड़ेगा निभाना पड़ेगा" ....

मित्रों इन भारतीय नेताओं का क्या भरोसा कब क्या कहें कौन सा गाना गायें और क्या करें - और भाजपा शिवसेना का तो बिलकुल भी भरोसा नहीं - क्या मालुम फड़नवीस ही उद्धव से टिप्पणी करवा रहे हों ??

ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि अब ये अकाट्य सत्य जगजाहिर है कि - // दिल्ली की हार मोदी की हार है // .... और ये बात उद्धव ठाकरे भी मानते हैं - फड़नवीस भी मानते हैं - मैं भी मानता हूँ - आप भी मानते हैं - मोदी भी जानते हैं - भक्त नहीं मानते हैं -  और जो नहीं मानते हैं वे भक्त माने जाते हैं ....

विश्वास नहीं हो तो गूगल करियेगा और चाहे तो फड़नवीस से अब फिर पूछ लीजियेगा कि महाराष्ट्र की जीत मोदी की जीत थी कि नहीं ?? क्या उद्धव ठाकरे ने पहले भी टिप्पणियां करी थीं कि नहीं ?? क्या उद्धव ठाकरे और फड़नवीस इस सबके बावजूद साथी बने कि नहीं ?? क्या उद्धव ठाकरे फिर टिप्पणी करते हैं और साथ नहीं छोड़ते तो क्या फड़नवीस उद्दव का साथ छोड़ देंगे ??
या फिर मोदी जी को दिल्ली की जीत के लिए बधाई दे दीजियेगा .... हा !! हा !!! अब बस करता हूँ - मुझे हंसी भी जोर से आ रही है और थोड़ा तरस भी ....
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Tuesday 10 February 2015

//// नितीश जी अब काहे चिंता कर रहे - हम हूँ ना - हमारी सलाह मानियेगा ??.. ////


बिहार से नितीश कल अपने १३० विधायकों को २ प्लेन में ठूंस कर दिल्ली लाकर राष्ट्रपति के समक्ष उनकी परेड करवाने के लिए आ रहे हैं - कि गिन लो पूरे १३० खालिस विधायक हैं ना एक कम ना एक ज्यादा .... और शायद ये घोषणा नितीश जी ने कल ही कर दी थी यानि दिल्ली परिणामों के पहले !!!!

और ऐसी घोषणा इसलिए करना पड़ी थी कि जीतनराम मांझी ने बगावत को सार्वजनिक कर दिया था - भाजपा ने मांझी को अपना टेका सार्वजनिक कर दिया था - और राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी का भाजपा-मांझी के ही पक्ष में होना पहले से सार्वजनिक था !!!!

पर नितीश जी !! अब जब दिल्ली के परिणाम आ गए हैं - तो मैं आपको गारंटी दे सकता हूँ कि बदली परिस्थिति में भाजपा मांझी का साथ अब नहीं देगी .... क्योंकि यदि वो मांझी का साथ देगी तो उसे भी तोड़ फोड़ की राजनीति के रूप में देखा जाएगा - जैसे कि बेदी और शाजिया को तोड़ फोड़ के रूप में देखा गया - और ऐसा करने पर उसका बिहार और देश में भी हश्र दिल्ली जैसा हो जाएगा .... और क्योंकि अब दिमाग ठिकाने है ऐसा नहीं हो पाएगा !!!!

इसलिए बेहतर होगा कि आप प्लेन से १३० लोगों को दिल्ली ढोकर उनकी परेड करवाने में देश के लाखों रूपए बर्बाद ना करें - और मस्त कंबल ओढ़ के सो जाएं - और जब नियत हो जाए तब विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध कर मुख्यमंत्री बन मज़े करियेगा !!!!

मुफ्त सलाह हेतु धन्यवाद प्रेषित करने की प्रत्याशा में धन्यवाद !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// दिल्ली चुनाव धमाका !! .. विभिन्न परिप्रेक्ष्य में मेरी त्वरित विवेचना !! ..////


राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में >> सबसे महत्वपूर्ण बात और सबसे ख़ुशी और गर्व और संतोष की बात .... ये साम्प्रदायिकता की हार है .... ये साम्प्रदायिक ताकतों के मुंह पर सेक्युलर जनता का अभी तक का सबसे करारा तमाचा है .... तमाचा इतना जबरदस्त था कि पांव तक हिल गए .... और ये एक विशिष्ट प्रकार की बड़ी उपलब्धि है - और इसके दूरगामी सुखद परिणाम मिलने की पूर्ण संभावनाए हैं !!!!

संवैधानिक परिप्रेक्ष्य में >> ये उपराज्यपाल नजीब जंग की हार है - संवैधानिक संस्थाओं एवं संवैधानिक प्रावधानों की हार है - और उस घिनौनी साजिश की हार है जिसके कारण दिल्ली चुनावों को १ वर्ष तक टाला गया था !!!!

राजनीति के परिप्रेक्ष्य में >> ये अहंकार का प्रतीक बने मोदी की हार है .... और गुंडागर्दी के प्रतीक बने अमित शाह की हार है .... और राजनीतिक दांव पेंच के प्रतीक बने प्रभात झा की हार है .... और धनबल के प्रतीक बने सतीश उपाध्याय और अंबानी-अदानी की हार है .... और अवसरवादिता की प्रतीक बनीं किरण बेदी की हार है !!!!

नैतिकता के परिप्रेक्ष्य में >> ये अनैतिकता की प्रतीक बनी भाजपा और भ्रष्टाचार की प्रतीक बनी कांग्रेस की हार है .... और सामान्य ईमानदारी और जुझारू सरलता की प्रतीक बनी "आप" पार्टी की जीत है !!!!

दिल्ली के परिप्रेक्ष्य में >> ये कोरे वायदे करने वालों की हार है - और थोड़ा सा कर दिखाने वालों के हाथ में एक बार अपनी सम्पूर्ण आशाओं का समर्पण है !!!!

व्यक्तियों के परिप्रेक्ष्य में >> ये अमित शाह की हार और केजरीवाल की जीत है - तथा किरण बेदी बिन्नी धीर शज़िआ इल्मी और विशेष कर मोदी की बेइज़्ज़ती है !!!!

जनता के परिप्रेक्ष्य में >> ये एक नए प्रकार की राजनीति की शुरुआत है !!!!

और मेरे स्वयं के परिप्रेक्ष्य में >> ये एक विशेष ख़ुशी संतोष और आशा का कारण है - और एक प्रेरणा का स्त्रोत !!!!
!!!! धन्यवाद !!!! बधाई !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// बधाई !!!! "सब" जीत गए .... "वो" हार गया ....////


"आप" जीत गई ....
यानि .... मैं जीत गया - तू जीत गया - तुम जीत गए - आप जीत गए - हम जीत गए ....
यानि "सब" जीत गए .... दिल्ली ने सबका दिल जीत लिया !!!!

तो हारा कौन ??
"वो" हार गया ....
"वो" कौन ??
"नरेंद्र दामोदरदास मोदी"

सबको बधाई !!!! धन्यवाद !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Monday 9 February 2015

//// बिहार में गंदी राजनीति क्यों संभव हो पा रही है ??....////


बिहार में राजनीतिक उठापटक .... मांझी .... नितीश .... भाजपा .... के इर्दगिर्द चल रही है ....

चालाकी भरे अनैतिक पर राजनीतिक कौशल्य से भरपूर ना-ना प्रकार के शब्द बाण गरीब जनता के नामे बिना जनता के हित की परवाह किये चलाए जा रहे हैं .... यानि इस समय बिहार में ऐसा बेवकूफ बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि जो कोई भी जो कुछ भी बोल रहा है या कर रहा है तो वो बिहार के गरीब शोषित दलित आदि आदि आदि के लिए ही किये जा रहा है - अनवरत किये ही जा रहा है - और इस वक्त कोई भी नेता अपने स्वार्थ के बारे में तो कुछ भी सोच ही नहीं रहा है .... पर मित्रों सजग रहना होगा क्योंकि ये शातिर और गिरे हुए नेता न सिर्फ अपने स्वार्थ के बारे में पर दूसरे के अहित आदि के बारे में ही सोच रहे हैं .... और शायद सबकुछ गंदा ही सोच रहे हैं - शोचनीय सोच रहे है ....

और मित्रों इसलिए सोच मैं भी रहा हूँ - मैं सोच रहा हूँ कि क्या जिस प्रकार करोड़ों रूपए का खर्च कर और गजब की मशक्कत कर चुनाव कराए जाते हैं उसके बाद सफल परिणाम या फल पाने के लिए क्या वर्तमान व्यवस्था तर्कसंगत या उपयुक्त है ??? मसलन एक प्रदेश के विधानसभा चुनाव में क्या किसी भी एक व्यक्ति को किसी भी पार्टी के द्वारा पूर्व से ही मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित कर देना उपयुक्त है ? क्या चुनाव बाद किसी भी व्यक्ति को किसी भी एक शीर्ष नेता की सनक या मर्ज़ी पर मुख्यमंत्री बना देना क्या उपयुक्त है ?

और जब मैं अभी हाल के कुछ उदहारण देखता हूँ तो मुझे उत्तर मिलता है ....
मेरे हिसाब से .... किरण बेदी का दिल्ली मुख्यमंत्री प्रत्याशी का मनोनयन गलत था ....
और मोदी कृपा से फड़नवीस या खट्टर का महाराष्ट्र या हरियाणा का मुख्यमंत्री बनना भी गलत था ....
और इसी प्रकार नितीश की कृपा से मांझी को मुख्यमंत्री बनाना भी गलत था ....
और यहाँ तक कि केजरीवाल को पूर्व से ही मुख्यमंत्री घोषित कर देना भी गलत था ....

मित्रों मेरा स्पष्ट सोच है कि जब कोई भी मुख्यमंत्री एक पार्टी विशेष का या किसी भी वर्ग विशेष का होना अपेक्षित नहीं होता - और वो तो पूरे प्रदेश का मुख्यमंत्री माना या चाहा जाता है ....तो .... तो सरल सी बात है प्रत्येक बार मुख्यमंत्री का चयन सर्वथा और अनिवार्यतः सभी विधायकों द्वारा सीक्रेट बैलट के जरिये चुनाव आयोग की देख रेख में मात्र कुछ घंटो की एक प्रक्रिया पूर्ण कर क्यों नहीं कर लिया जाता ??

मित्रों मैं दावे से कह सकता हूँ कि इस एकमात्र उपाय से इसमें की शर्मनाक ड्रामेबाज़ी और घटिया राजनीति और घृणित उठापटक बंद की जा सकती है ....
कल्पना करें की यदि ऐसा होता तो क्या पहले नितीश ही मुख्यमंत्री बनते और क्या उसके बाद मांझी ही बनते और क्या भाजपा अपनी राजनीतिक पैंतरेबाज़ी का खेल कर पाती और क्या दलित पिछड़ा आदि के नाम का खालीपीली कार्ड खेला जा सकता था ???? नहीं ना !!!!
आइये हम चुनाव सुधारों के बारे में और सोचें - कुछ वृहद तर्कसंगत उपयुक्त और अच्छा सोचें .... ताकि हम घटिया नेताओं की राजनीती में एंट्री या कम से कम वर्चस्व को बंद कर सकें !!!!
और हाँ ये भी सोचें कि ये महामहिम राज्यपाल क्या महामहिम कहलाने लायक हैं ? और क्या बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग किसी संवैधानिक पद के लायक हैं ? और क्या राज्यपालों की नियुक्ति भी किसी की मर्ज़ी और स्वार्थ और सनक पर संभव होनी चाहिए ???? .... धन्यवाद !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// कालाधन - २ करोड़ - रंगे हाथ - केजरीवाल - इंडियन एक्सप्रेस - पर भक्त चुप क्यों ??....////


मित्रों ९ नवंबर २०१२ को अरविन्द केजरीवाल ने कुछ विदेशी बैंक खातों के विषयक रहस्योदघाटन किया था ....और आज इंडियन एक्सप्रेस द्वारा भी विदेशी खाताधारकों संबंधित कुछ सनसनीखेज तथ्य प्रकाशित किये हैं जिनसे केजरीवाल के द्वारा २०१२ में लगाए गए आरोपों की पुष्टि होती है !!!!

और मेरी समझ अनुसार इस बात की भी पुष्टि होती है कि मोदी सरकार कालेधंधे के इस गोरखधंधे को उजागर ही नहीं करना चाहती - और इसलिए स्पष्ट होता है कि इस सरकार की नीयत ही ठीक नहीं है !!!!

और मेरा ऐसा मानने के पीछे एक हास्यास्पद तथ्य ये भी है कि - हमारे प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री निहायत हिम्मत के साथ सार्वजनिक रूप से ये तो कहते दिखे कि केजरीवाल २ करोड़ रुपये का कालाधन गलत लोगों से चंदे के रूप में लेते हुए रंगे हाथों पकड़ाए - पर केजरीवाल तो स्वतंत्र घूम रहे हैं .... और शायद १५ फरवरी को मुख्यमंत्री की शपथ ले लेंगे !!!!

तो मित्रों स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री केजरीवाल प्रकरण में तो इतने बौखलाते हैं - पर वर्षों से ज्ञात प्रकरणों में कुछ नहीं करते और भक्त तालियां बजाते रहते हैं !!!!

अतः मित्रों आइये हम सब मिलकर मोदी सरकार को चुनौती दें कि >>
यदि नैतिकता बची है तो कालेधन पर त्वरति कार्यवाही पूर्ण करो ....
और यदि दमखम है और शर्म बची है तो रंगे हाथों पकडे गए मुजरिमों को गिरफ्तार करो और २ करोड़ रुपए राजसात करो ....

और भक्तों को चुनौती दें कि >>
अब चिल्लाते क्यों नहीं कि केजरीवाल चोर हैं और मोदी उनसे मिले हुए हैं या उनसे डरते हैं .... और जेटली मोदी जी की इच्छा के बिना कुछ नहीं कर सकते ??
चलो चिल्ला नहीं सकते तो मोदी जी को प्यार से ये तो बोलो कि वो तुम्हारे अकाउंट में कालेधन की पहली किश्त १५ रूपए ही जमा करा दें !!!!
या चलो जो चाहे बोलो - पर चुप मत रहो - साल भर से तुम्हारी चिल्ल्पों सुन रहे थे - इसलिए अब इतनी चुप्पी अच्छी नहीं लग रही है ....
कम-ऑन भक्तों !! आगे बढ़ो - हिम्मत करो - अब बोलो - बकप - हिप हिप हुर्रे - चियर्स - आवाज़ दो - चिंघाड़ो - शोर मचाओ - ललकारो - ताल ठोंको - या माथा ठोंको !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Sunday 8 February 2015

//// नारा दिया - 'सबका साथ सबका विकास' !! .... पर मंशा - 'सबको ठिकाने लगा खुद का विकास' ?? ....////


मोदी जी आप फिर राजनीतिक पाप करने जा रहे हैं ....

मोदी जी आपने जिस प्रकार से दिल्ली के चुनाव में अनर्गल प्रचार किया वो किसी भी मापदंड अनुसार उचित या नैतिक नहीं था - और निश्चित ही ना केवल दिल्ली की जनता अपितु पूरे देश की जनता ने आपके कृत्यों को सिरे से नकारा और अपना विरोध जताया ....

मोदी जी मुझे लगता है कि अब तो देश की जनता का आप पर से अँधा विश्वास क्षीण हो चला है - और इसलिए अब आपके प्रत्येक कार्य या कृत्य को बिल्लौरी काँच लगा देखा परखा जाएगा - और इसलिए मेरा मानना है कि अब आप कोई राजनीतिक भूल ना करें तो बेहतर ....

और इसलिए मैं आपका और देश का ध्यान आपके द्वारा संभावित एवं तत्काल प्रत्याशित दो राजनीतिक भूल की तरफ आकर्षित करना चाहूंगा जिससे आपका बाजारू मूल्य और गिरना स्वाभाविक प्रतीत होता है .... कृपया ध्यान दीजियेगा ....

सर्वप्रथम मैं आपको आगाह करना चाहूंगा कि आपके द्वारा दिल्ली के परिप्रेक्ष्य में 'आप' और कांग्रेस के गठबंधन को अनैतिक और परदे के पीछे वाला किया गया घिनौना कृत्य उद्घोषित करने के बाद आपको जम्मू कश्मीर में बाप-बेटी की पार्टी पीडीपी से गठबंधन नहीं करना चाहिए .... ऐसा करना राजनीतिक रूप से भले ही चलता हो पर अब आपके लिए घोर निंदा का सबब बन सकता है - अस्तु सावधान !!!!

और दूसरे जो आप जीतनराम मांझी से परदे के सामने गलबहियां करते और बिहार की राजनीति में बिहार की चुनी हुई सरकार को कमज़ोर करने का प्रयास करते दिख रहे हैं वो भी आपके स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है .... आपके द्वारा परदे के सामने के क्रियकलाप परदे के पीछे के क्रियाकलापों को और पारदर्शी बना रहे हैं - क्योंकि इस देश का नागरिक इतना मूर्ख नहीं जितना आप समझते हैं और आप इतने समझदार भी नहीं जितना आप समझते हैं - और यदि आप ऐसा ही कुछ करते रहे तो लोगों को ये समझते देर नहीं लगेगी कि - आप का नारा 'सबका साथ सबका विकास' दरअसल एक छल है - और असल में आपकी मंशा है - 'सबको ठिकाने लगा खुद का विकास' !!!!

अस्तु आपको पुनः सावधान करता हूँ .... !!!! धन्यवाद !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Saturday 7 February 2015

//// केजरीवाल की जीत और मोदी की हार के कारण ....////


जैसा कि स्पष्ट है ये चुनाव भाजपा नहीं मोदी लड़ रहे थे .... और वैसे भी मुझे ये बार-बार एहसास हुआ कि भाजपा यानि मोदी ही है ....
और इसी प्रकार ये चुनाव अरविन्द केजरीवाल ही लड़ रहे थे .... और मुझे ये बार-बार एहसास हुआ कि 'आप' यानि अरविन्द केजरीवाल ही है ....

पर दोनों में इतनी समानता रहते भी ज़मीन आसमान का अंतर रहा .... और मेरी विवेचना अनुसार वो अंतर रहा >>>>

>> मोदी आसमान में उड़ रहे थे .... और केजरीवाल ज़मीन पर चल रहे थे ....
>> मोदी पार्टी पर नकेल कस लगाम लगा पार्टी को चला रहे थे .... और केजरीवाल पार्टी के रथ पर सवार हो आगे बढ़ रहे थे ....
>> मोदी नकारात्मक सोच का परिचय दे रहे थे .... और केजरीवाल सकारात्मक सोच का परिचय दे रहे थे ....
>> मोदी नसीब से पाई गई उपलब्धि पर इतरा रहे थे .... और केजरीवाल मेहनत करते अपनी गलतियों से सीखते चले जा रहे थे ....
>> मोदी का व्यक्तित्व अहंकारी दिख रहा था .... और केजरीवाल का विनम्र ....
>> मोदी ईमानदार नहीं दिख रहे थे .... और केजरीवाल ईमानदार दिख रहे थे ....
>> मोदी ने अपने पीछे गलत लोगों और भक्तों की भीड़ लगा रखी थी .... जब कि केजरीवाल के पीछे अच्छे तर्कसंगत काबिल लोग स्वतः आ खड़े हो गए थे ....

और शायद उपरोक्त कारणों के रहते ही केजरीवाल 'आप' और आप को जिताते दिख रहे हैं ....और मोदी भाजपा भक्तों और देश को निराश करते दिख रहे हैं ....

देशहित में कामना करूंगा कि या तो मोदी सुधर जाएं या अपदस्थ कर दिए जाएं !!!!

अत्यंत विनम्रता और प्रसन्नता के साथ पूरी "आप" टीम को और अरविन्द केजरीवाल को बधाई !!!!
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// 'मोदी टाँय-टाँय' - 'बेदी बाय-बाय' .... ////


दिल्ली चुनाव .... मतदान जारी है ....

किरण बेदी ने कहा .... // मोदी विकास देंगे - मैं सुरक्षा दूँगी // ....

मित्रों विशेष रूप से ध्यान दीजियेगा कि किरण बेदी ने क्या कहा है - "मोदी विकास देंगे" - जी हाँ "देंगे".... उन्होंने ये तो नहीं कहा कि - "मोदी ने विकास दिया - मैं सुरक्षा दूँगी" - नहीं कहा ना !!!!

इसका मतलब ये है कि किरण बेदी ने स्वीकार्य कर लिया कि मोदी जी ने अभी तक विकास नहीं दिया है - जिसका ये मतलब है कि मोदी ने वादाखिलाफी की है !!!!

और जब मोदी पर विश्वास करने का कोई कारण नहीं बचा है - तो किरण बेदी पर तो विश्वास करने का कोई कारण दूर दूर तक नहीं बनता है .... क्योंकि ये दोनों ही एक थाली के चट्टे बट्टे ही तो हैं !!!!
इसलिए कहूँगा - 'मोदी टाँय-टाँय' - 'बेदी बाय-बाय' !!!!
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// केजरीवाल ने भाजपा को लपेट लिया - और किरण बेदी ने मोदी को ....////



दिल्ली चुनाव .... मतदान जारी है ....

अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर कहा ....
जिसने रात में शराब बांटी उसे वोट मत देना ....
जिसने पैसे बांटे उसे वोट मत देना ....
जिसने चुनाव जीतने के बाद कहा 'हमारे वायदे तो जुमले थे' उसे वोट मत देना ....
भक्तों कुछ गलत बोला हो तो बताओ ????

किरण बेदी ने बोला .... आपका वोट दो जनों को जिताएगा - एक मोदी को और एक मुझको ....
क्यों भक्तों क्या किरण बेदी ने सही बोला या गलत ????
यदि गलत बोला तो निंदा करो ....
और यदि सही बोला तो यार अब तो मुस्करा के ईमानदारी से बोल दो कि तुम्हारी हार यानी मोदी और किरण बेदी दोनों की हार होगी .... बोलो बोलो यार .... खुल के बोलो .... किरण बेदी की तरह बोलो !!!!

मित्रों !! राजनीतिक दिवालियेपन की उच्च सीमा क्या होती है यदि प्रत्यक्ष में देखना हो तो किरण बेदी को देखिये .... पूरी भाजपा इस चुनाव को मोदी की साख से अलग करने के प्रयास करते देखी गई - वो इसलिए कि मोदी की असफलता और बेदी की मुर्खता की वजह से भाजपा की हार का अंदेशा हो चला था - और भाजपा स्वाभाविक रूप से इस हार का ठीकरा मोदी पर तो नहीं फूटने देना चाहती ....
पर बिन दिमाग आयरन लेडी ने लगता है कि भाजपा की तमाम कोशिशों पर पारी फेरने का काम किया है .... और अपने बयान से मोदी को भी लपेट लिया है .... ठीक उसी तर्ज़ पर कि -'हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे' !!!!
तो मित्रों आज फिर सिद्ध हुआ कि चतुर शत्रु से मूर्ख दोस्त ज्यादा खतरनाक होता है ????
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Friday 6 February 2015

//// कस्मे वादे प्यार वफ़ा सब - जुमले हैं जुमलों का क्या ....////


भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आज ८-९ महीनों के बाद ये कह दिया गया है कि कालेधन वाली बात को तो एक चुनावी जुमला भर समझा जाए ....
मित्रों इसके हिसाब से तो आप को और हम को चुनाव में शिरकत कर रहे प्रतिद्वंदियों के विरुद्ध भी जुमले पारित करने का अधिकार प्राप्त है ....

अतः मेरी तरफ से भी कुछ चंद चुनावी पकाऊ जुमले >>>>
> हा ! हा !! - वो समझ रहा है लोग १५ लाख का सचमुच इंतज़ार कर थे .... बेचारा !!!!
> बुद्धू !! वो अभी तक ये मान रहा है कि लोग उस पर विशवास बनाए हुए हैं ....
> बावले को ये एहसास नहीं हुआ कि कालेधन पर लोग उसका मज़ा ले रहे हैं ....
> अरे वाह !! फेंकू जुमलेबाज़ भी है ....
> जुमलेबाज़ कुछ बाजारू टाइप का है ....
> ये काली रात को भी अँधेरी बताता है - और इसे अँधेरे में भी कालाधन साफ़ दिखता है ....
> कमाल है - बड़ी भारी फ़ौज का कमांडर नक्सली से थरथरा रहा है ....
> इसे नक्सल खांसी से चिढ है और अराजक छींक से डर लगता है ....
> आम पर बौर आने में तो अभी वक्त है पर ये तो अभी से बौरा रहा है - काहे ??
> इसका दिमाग घूम रहा है - कील ठोंक के निकालोगे तो 'मेक इन इण्डिया' लिखा स्क्रू निकलेगा ....
> लगता है अब ताज़िन्दगी झाड़ू नहीं पकड़ेगा - या लखटकिया सूट पहन झाड़ू लगाएगा ....
> ये अच्छे दिन कैसे होते हैं - आपके आ गए या आ के चले गए ??
> आपके पुत्तर का क्या नाम बताया - 'विकास' या 'नसीब' ??
> मैं और बराक दोस्त हैं - ये एक अंतर्राष्ट्रीय जुमला था ....
> दिल में दिल्ली - दिमाग में कीचड ....
> सारा का सारा कीचड केजरी पर फेंक दिया - हाय ! खुद का कमल मुरझा गया ....

बुरा ना मानो ये जुमले हैं - और होली आने वाली है ....
होली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित ....
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// 'आप' ने साबित किया कि वो आम आदमी की पार्टी है - साम्प्रदायिक नहीं ....////

इमाम बुखारी ने दोपहर में 'आप' पार्टी को बिन माँगा एकतरफ़ा समर्थन दे दिया .....
उसके तुरंत बाद - वित्त मंत्री जेटली ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए एक प्रेस कांफ्रेंस बुला एक बार फिर केजरीवाल को अनेक राजनैतिक गालियों से नवाज़ा और साथ ही एक जहरीला सांप्रदायिक वक्तव्य भी दे मारा कि - एक फतवा जारी हुआ है - और दिल्ली की जनता फतवे के विपक्ष में मतदान करे .... निश्चित ही मुझे ये नीच राजनीति ही लगी !!!!

और अभी 'आप' पार्टी के रणबांकुरों ने प्रत्युत्तर में संक्षिप्त प्रेस कांफ्रेंस कर बुखारी के समर्थन को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट और कड़े शब्दों में नकार दिया .... और तो और 'आप' ने बुखारी की उस बात के लिए निंदा करी कि बुखारी ने अपने बेटे की दस्तारबंदी के प्रोग्राम में भारत के प्रधानमंत्री मोदी को नहीं बुलाकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को बुलाया था इसलिए वो ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं ले सकते जिसने हमारे प्रधानमंत्री का अनादर किया हो !!!!

भारत की राजनीति में शायद समर्थन ठुकराने का यह पहला अवसर है !!!! अतः स्वाभाविक रूप से 'आप' पार्टी इसके लिए बधाई और प्रशंसा की पात्र है !!!!

मोदी जी आशा है आप अपना अहंकार भूल सर झुका थोड़ी विनम्रता का परिचय दे ठंडी सांस ले अपने व्यवहार औए सोच का पुनरावलोकन करेंगे जो आपके और देश के लिए बेहतर होगा .... आपसे ये भी अपेक्षित है कि आप भी साम्प्रदायिकता का किसी भी रूप में पक्ष ना लें और ना ही लेते दिखें ....
बेहतर होता कि आप भी 'डेरा सच्चा सौदा' का समर्थन ठुकरा देते .... खैर अब समय निकल गया है - पर आप भविष्य में तो ऐसा कुछ कर ही सकते हैं ....

और यदि आप भी ऐसा कुछ करते हैं तो ही आप इस देश की राजनीति में इज़्ज़त के साथ अपना स्थान बनाये रखने का प्रयास कर सकेंगे .... अन्यथा .... अन्यथा १० तारीख के दिल्ली जैसे परिणाम शायद आपको भविष्य में भी सालते रहेंगे .... !!!! धन्यवाद !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// ऊंची सोच - बनाम - नीची सोच ////


पूरे प्रचार में केजरीवाल के विरोधी एक बिंदु नाना प्रकार से और बार-बार उठाते हुए ये अनर्गल बात कहते रहे कि देखो केजरीवाल तो मुख्यमंत्री बन गए थे पर फिर प्रधानमंत्री बनने चले - लोकसभा की ४०० सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय कर दिल्ली छोड़ भागे - आदि ....
मित्रों सर्वमान्य बात है कि यदि कोई मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बनने की कोशिश करता है तो इसे 'ऊंची सोच' ही तो कहा जाएगा .... है ना !!!!

पर मित्रों यदि एक प्रधानमंत्री अपने पद और ताकत का दुरपयोग कर तथा दादागिरी बता अपनी बंधक बनाई पार्टी द्वारा एक स्वयं चहित एवं चिन्हित अयोग्य व्यक्ति को दिल्ली का मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित करवा उसके प्रचार में एक असामान्य कार्यकर्ता के स्तरहीन तौर तरीके अपना प्रधानमंत्री का सारा काम धाम छोड़ चुनाव प्रचार में लग जाता हो - इस बदनीयती के साथ कि वो एक ऐसी कठपुतली को मुख्यमंत्री बनवा दे जो उसके इशारे पर चले - और इस प्रकार वो एन-केन-प्रकारेण दिल्ली के छद्म मुख्यमंत्री भी बन जाए - तो इसे 'नीची सोच' नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे ??

तो मित्रों इसलिए मैं दिल्ली चुनाव को 'ऊंची सोच - बनाम - नीची सोच' निरूपित करता हूँ और कामना करता हूँ कि देश हित में नीची सोच का परिचय दे रहे मोदी जी हर हाल में और हर स्तर पर परास्त हों !!!!
मेरा ऐसा भी मानना है कि भविष्य में भी अहंकारी और गलत सोच वाले मोदी जी का परास्त होना उतना ही आवश्यक होगा जितना केजरीवाल जैसे क्रन्तिकारी ईमानदार और सही व्यक्ति का जीतना - अस्तु अभी बहुत कुछ करना और होना शेष है !!!! धन्यवाद !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Thursday 5 February 2015

//// मोदी जी को जब केजरीवाल चुनौती देते हैं तो उनके पीछे आप और हम जैसे दिल दिमाग वाले लोग होते हैं - और इसलिए मोदी जी तिलमिला गए बौखला गए ....////


मोदी जी का लंबी-लंबी साँसों के साथ दिया जाने वाला और बार बार-बोला गया एक प्रिय डायलॉग है .... "जब कोई मुझसे मिलता है नाsssss .... तो उसे मैं नहीं दिखाई देताsssss .... बल्कि उसे मेरे पीछे इस देश की १२५ करोड़ जनता दिखाई देती हैsssss ...."

शायद सही कहा - पर बात कुछ इसके आगे भी है >>>>

> जब केजरीवाल सड़ी गली भ्रष्ट व्यवस्था के विरूद्ध आवाज़ बुलंद करते हैं तो उस आवाज़ के पीछे आप की और हमारी आवाज़ की भी गूँज होती है ....
> और शायद इसलिए मोदी जी को जब भी 'आप' शब्द सुनाई देता है तो उन्हें भी 'आप कार्यकर्ताओं' की एक गूँज सुनाई देती है .....
> और मोदी जब भी अकेले मफ़लरमैन की फोटो देखते हैं तो उन्हें सभाओं में जुटने वाली भारी भीड़ भी दिखाई देती है ....
> और वो जब भी केजरीवाल की चुनौती को सुनते हैं तो उन्हें आपकी हमारी चुनौती का भी एहसास हो जाता है ....

और मित्रों यकीन मानें कि मोदी जी इसलिए यहाँ तक हताश चिड़चिड़ा और बौखला गए हैं कि वो प्रधानमंत्री के पद की मर्यादाओं को भी भूल बाजारू भाषा पर उतर आए हैं ....
और इसलिए मैं इसे केवल केजरीवाल को दी गई गाली नहीं मानता हूँ - बल्कि मैं इसे मुझे भी दी गई गाली मानता हूँ ....
और मैं इसे मोदी पर अकेले केजरीवाल की जीत नहीं मानता हूँ - पर मैं ये 'आप' पार्टी के हर उस कार्यकर्त्ता की जीत मानता हूँ जो इस राष्ट्रीय हवन में अपनी क्षमता अनुसार आहुति देते आ रहा है ....

इसलिए भाइयों, बहनों और बच्चों आप सबको बधाई !!!! आपकी मेहनत रंग ला चुकी है - और अब एक नई स्वछ राजनीती का आगाज़ हो रहा है ....
दिल्ली की जीत से ये मधुर बयार पूरे देश में फैलेगी और भ्रष्ट राजनीति पर नकेल कसेगी .... दिल्ली राष्ट्र और हम सबके उज्वल भविष्य के लिए मुझे आशा  है कि हमें अरविन्द केजरीवाल जैसा क्रांतिकारी और ईमानदार नेतृत्व मिलता रहेगा - इसलिए सबको बधाई !!!!
आम आदमी की जय - 'आप' पार्टी की जय - 'आप नेताओं की जय' - जुझारू कार्यकर्ताओं की जय - और !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// भक्तों की महिमा अपरम्पार - राम रहीम कहाँ लगते हैं .... ////


वाह क्या समर्थन है ....
संसद के अंदर निहालचंद साक्षी महाराज आदित्यनाथ प्राची आदि ....
संसद के बाहर विहिप बजरंग दल आदि ....
जेल के अंदर से आसाराम - रामपाल आदि ....
जेल के बाहर - रामदेव आदि - और अब - डेरा सच्चा सौदा .... यानि एक नए बाबा का - हीरो बाबा का !!!!

पर मित्रों !! क्या आपको लगता है कि मोदी जी इनके ही भरोसे जीते थे और जीतेंगे ????
मेरा उत्तर है - नहीं !! .... मोदी जी आज जो कुछ हैं उसके पीछे हैं लाखों भक्त - जी हाँ भक्त - और केवल भक्त हैं .... ऐसे भक्त जिनको डेरा सच्चा सौदा का समर्थन लेने देने में कुछ गलत नहीं लगता और उनका अनवरत समर्थन मोदी जी को जारी है !!!!

मित्रों राम रहीम का जलवा तो आपको १३ तारीख को रिलीज़ होने वाली फिल्म 'MSG' में देखने को मिल जाएगा .... शुरू में महँगा टिकट लेकर और शायद बाद में टैक्स फ्री सस्ता टिकट लेकर ....
पर भक्तों के जलवे की बात अलग है - ये अपने आप में एक 'फिल्लम' हैं - सम्पूर्ण फिल्म .... इनका बस चले तो उच्च शिक्षित स्मृति ईरानी के नसीब पलटने के बाद ये मोदी जी को अगला राष्ट्रपति बनवा दें और आदरणीय राम रहीम को प्रधानमंत्री - इनकी महिमा अपरम्पार है - और इनका कोई टिकट भी नहीं लगता - ये बहुत फ़ोकट हैं - यानि अपने आप में मूल्यहीन ....

पर यार ये फ़ोकटिये भक्त देश को बहुत महँगे पड़ रहे हैं ....
इसलिए हो सके तो इन भक्तो की अकल को थोड़ा खरोंच के देखिएगा .... शायद कोई अकल की बात कर बैठें !!!! कोशिश करने में क्या हर्ज़ है !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// क्या दिल्ली चुनाव मोदी सरकार पर जनमत संग्रह ?? न न ना ना नो नो नहीं बिलकुल नहीं कदापि नहीं भूल के भी नहीं तौबा तौबा नहीं .... समझे ????....////


मित्रों केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कुछ बयान दिए हैं जिन पर मैं सकारात्मक प्रतिक्रिया देना चाहता हूँ .... तो बयान पर गौर फरमाइए ....
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यह मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव है, प्रधानमंत्री के लिए नहीं - नरेन्द्र मोदी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं - यह प्रदेश का चुनाव है - आप मुख्यमंत्री चुनने जा रहे हैं, प्रधानमंत्री नहीं ....
राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव के नतीजों को केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के कामकाज पर जनमत संग्रह के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए ....
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और अभी-अभी अमित शाह ने भी दोहरा दिया है कि - दिल्ली चुनाव के परिणाम मोदी सरकार पर जनमत संग्रह नहीं !!!!

मित्रों ! जब 'आप' पार्टी द्वारा चुनाव प्रचार की शुरुआत ही करी थी तब आपको याद होगा कि दिल्ली में कुछ ऐसे पोस्टर लगाए गए थे कि दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन - अरविन्द केजरीवाल या जगदीश मुखी .... और जब भाजपाइयों ने इस बात पर चिल्लपों मचाई थी - और कहा था कि भाजपा का कोई मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होगा - और चेहरा तो केवल मोदी का होगा - आदि .... तब आपको याद दिलाता हूँ कि केजरीवाल ने क्या कहा था ? जी हाँ वही कहा था जो अब वेंकैया नायडू चुनाव प्रचार समाप्त होने पर कह रहे हैं - यानि कि - यह मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव है, प्रधानमंत्री के लिए नहीं - नरेन्द्र मोदी इस्तीफ़ा दे दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं .... आदि !!!!

यानि मित्रों ये बात तय हो गई कि कुछ मंदबुद्धी लोगों के दिमाग में साधारण सी बात तब घुसती है जब दिमाग का कीचड इनके गले उतर जाता है !!!!

मित्रों अब दूसरी बात पर आ जाएं कि - क्या दिल्ली चुनाव का परिणाम मोदी सरकार पर जनमत संग्रह माना जाना चाहिए कि नहीं ?? .... और इस संबंध में मैं नायडू और अमित शाह की ही बात का पूरा समर्थन करते हुए कहता हूँ कि - नहीं - बिलकुल नहीं - ऐसा हो ही नहीं सकता - और वो इसलिए कि तमाम सर्वेक्षण बता रहे हैं कि भाजपा को दिल्ली की ७० सीटों में से कम से कम १ सीट तो जरूर मिल रही है - और मित्रों क्योंकि मोदी जी ने तो अभी तक एक भी वायदा पूरा नहीं किया है - एक भी काम नहीं किया है - अतः यदि ये मोदी सरकार पर जनमत संग्रह होता तो भाजपा को तो एक भी सीट मिलने का प्रश्न ही नहीं खड़ा होता !!!! है ना !!!!

मित्रों मुझे पूरा भरोसा है कि आप मेरी बात समझ गए होंगे - पर शायद नायडू और शाह को मेरी बात जरा देर से समझ में आएगी - जब दिमाग का बचा हुआ कीचड भी इनके गले उतर चुका होगा !!!!
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Wednesday 4 February 2015

//// दिल्ली चुनाव प्रचार की विवेचना .... मोदी बेवकूफी क्यों कर गए ?....////


और मोदी जी का चुनाव प्रचार भी ख़त्म हो गया .... या कहें प्रचार का खात्मा हो गया ....
और भाजपा को भी जो बोलना था बोल दिया - और किरण बेदी को जो नहीं बोलना था वो बोल दिया - और अमित शाह जिसको नहीं बोलना था वो भी बोल के चुप हो गए - और सतीश उपाध्याय के बोलने का का तो मीटर ही चालू नहीं हुआ ....

अब बोलने की बारी मेरी >>>>
शायद देश का सबसे अनूठा चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर है - जिसमें भाजपा के मद्देनज़र कुछ विशिष्ट घटित हो गया जो मेरी विवेचना अनुसार निम्नानुसार है ....

भाजपा के ट्रम्प शब्द या नारे - "विकास" - "अच्छे दिन" - "सबका साथ सबका विकास" - "कालाधन" - "भ्रष्टाचार मुक्त भारत" - "भ्रष्टाचारियों को बक्शा नहीं जाएगा" - "महंगाई पर काबू" - "गंगा सफाई" - "भ्रष्ट सांसदों पर १ वर्ष में कार्यवाही" आदि .... जो पिछले लोकसभा में अत्यंत कहे गए एवं चर्चित थे इस बार ऐसे गायब हुए जैसे गधे के सिर से पूंछ - और सींग कहाँ गए सोचते रहो !!!!

ऐसा क्यों हुआ ?? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ऐसा ही होना था - क्यों होना था ? क्योंकि ये लोग शाने हैं बेवक़ूफ़ नहीं ....
पर न मालूम क्यों बेवकूफ न होते हुए भी इनसे एक बड़ी बेवकूफी हो गई ....
और बेवकूफी क्या हुई - इन्होने केजरीवाल को बहुत गालियां दे मारी ....
तो प्रश्न उठता है कि जब बेवकूफ नहीं तो बेवकूफी कैसे ????

मित्रों मेरा सोचना है कि ऐसा इसलिए हुआ - मोदी एक निहायत अहंकारी स्वयंमुग्ध और बदनीयत नेता हैं - और वो अपने सामने किसी की भी चुनौती बर्दाश्त नहीं कर सकते ....
और केजरीवाल ऐसे नेता हैं जो शायद चुनौतियां देने के लिए ही पैदा हुए हैं ....
अस्तु केजरीवाल ने चुनौती दी - चुनौती बर्दाश्त नहीं हुई - और मोदी बेवकूफी कर गए ....
और इस बेवकूफी में भरपूर सहयोग मिला अमित शाह का - जो एक ऐसा बेचारा है जिसे ना चुनौती देना आता है ना चुनौती से निपटना - वो तो बस मोदी के नसीब पर टिकने वाला बदनसीब है .... शरीर और बुद्धि दोनों से एक समान ....

तो मित्रों फिलहाल मेरी बात यहीं तक ....
आइये हम सब मिलकर अब इंतज़ार करें कि - मोदी जी के नसीब से अराजक बाजारू पाकिस्तानी एजेंट बदनसीब नक्सली भगोड़ा AK-49 का क्या होता है .... और एक क्रांतिकारी के द्वारा चुनौती देने पर एक अहंकारी का क्या हश्र होता है ????
!!!! जय हिन्द!!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// मोदी जी की चुनावी सर्वे पर खीज और तिलमिलाहट - और फिर झूठ और फेंकम फांक - बहुत कुछ कह गई .... दयनीय और निंदनीय ....////


मोदी जी का दिल्ली के अंबेडकर नगर की आखरी चुनावी रैली में दिया भाषण अभी सुना .... वही पकाऊ शैली - और अहंकार झूठ और फेकम फांक !!!!
कल की रैली में तो पूरी अँधेरी काली रात में कालेधन लेने वाली बात बोली गई थी ....
पर आज हिम्मत नहीं हुई .... शायद हवा निकल चुकी है .... शायद 'आवाम' और डोनेशन प्रकरण की सारी पोल-पट्टी खुल जाने के कारण .... और इसलिए आज आ गए बड़ी ही टुच्ची बात पर कि - 'आप' की डोनर लिस्ट में मोदी गांधीजी और ओबामा का नाम है ....

और हाँ एक बात पर और मज़ा आया - जनाब प्री-पोल सर्वे पर तो बहुत ऊंट-पटांग और झूठ बोल गए और भारी फेंकम-फांक कर गए - स्पष्टतः दिल्ली प्री-पोल सर्वे के परिणाम से तिलमिलाए दिखे .... और खीज में यहाँ तक फेंक गए कि पिछले लोकसभा में कुछ बाजारू लोगों द्वारा सर्वे कर ५० सीट दे दी थीं पर नतीजा आया तो १ भी सीट नहीं आई .... मुझे तो समझ नहीं आया कि कौन से देश प्रदेश की बात कर रहे थे ?? .... किसी भक्त को मालूम हो तो कमेंट में डाल अनुग्रहित करे .... या इस फेंकू से अपना पिंड छुड़ाए .... मित्रों मैंने तो ठीक कहा ना !!!!
और शायद बौखलाहट में ही मोदी जी यहाँ तक दावा कर गए कि वाराणसी में मोदी को ३ लाख वोटों से हारना बता दिए थे - जबकि मेरे अनुसार ऐसा कोई सर्वे तो आया ही नहीं था !!!!

मोदी जी आज तो आप सारी सीमाएं लांघ गए हैं ....
छी-छी बोलूं .... या .... हा ! हा !! बोलूं ??
मेरे ख्याल से आज तो 'दयनीय' और 'निंदनीय' बोलना ही ठीक रहेगा ....
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// रोने का मामला गड़बड़ - पर हंसी ठिकाने पर ....////


और आज मैडम रो दीं ....
आयरन लेडी रो दीं ....
और "आप" हंस रहे हैं ....
ये तो ज्यादती है ....
भाजपाइयों के साथ ....
क्योंकि रोना तो भाजपाइयों का बनता था - भक्तों का बनता था ....
पर रो मैडम रही हैं ??
खैर चलो रोने के मामले में उल्टा पुल्टा भले ही हो गया हो ....
पर हंसी तो अपने सही ठिकाने पर है ....
अब "आप" तो हंस ही सकते हैं .... है ना !!!!
पर सावधान !! अभी आज दोपहर 'हाइपिए' की एक और रैली होनी है - कहीं ये आंसू प्रायोजित तो नहीं - नकली तो नहीं - एक और चालबाज़ी तो नहीं ????
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// 'श्री ४२०' >>> ७० 'छक्के' .... ////


भाजपा के सुब्रमण्यम स्वामी के दिमाग का ढक्कन खुल गया है .... और जो कुछ गंदा पदार्थ बाहर टपका है - वो है ....
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"सात तारीख के लिए पहले से सारे 'नक्सली और जेहादी' दिल्ली की झुग्गियों में पहुँच चुके हैं - अगर 'श्री ४२०' मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वे सब जश्न मनाएंगे" ....
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मित्रों ! 'नक्सली' 'जेहादी' '४२०' जैसे शब्द बता रहे हैं कि इन्हें अभी तक प्रशासन करना भी नहीं आया - यदि 'नक्सली' 'जेहादी' '४२०' लोग दिल्ली में घुस गए हैं या खुले आम घूम रहे हैं तो फिर सरकार हाथ पे हाथ धरे क्यों बैठी है ??

और जो '४२०' का रोना रो रहा है .... उसका गणित कमजोर है .... उसे नहीं मालूम ७० 'छक्के' लगेंगे '४२०' के स्कोर का मुकाबला करने के लिए .... जी हां - ७० x ६ = ४२० - यानी पूरे ७० 'छक्के' ....

और मित्रों दिल्ली में कुल सीटें भी ७० ही तो हैं ....
जिसका मतलब हुआ कि यदि भाजपा ७० की ७० सीटें जीतती है तो ही तो 'श्री ४२०' का मुकाबला कर सकेगी .... है न दिलचस्प गणित !!!!

पर मित्रों अभी तो साफ़ हो गया है कि हमारे क्रांतिकारी 'श्री ४२०' का मुकाबला भाजपा के ७० छोड़ ३०० + सांसद और मंत्री मिलकर भी नहीं कर पा रहे हैं ....

अतः बकवास पटकने वालों को मेरी सलाह है कि दिल थाम के और दिमाग पर ढक्कन लगा कर बैठें - जश्न तो मन के रहेगा - दिल्ली की झुग्गियों में गलियों और चौबारों में - गरीबों के और सभ्य लोगों के दिलों में !!!!
और शायद मातम भी मनेगा - 'फेंकुओं' की सत्ता के गलियारों में ....
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Tuesday 3 February 2015

//// कभी देखे ऐसे घोंचूं ....////


बहुत हंसी आ रही है .... बाई गॉड की कसम - बहुत ही ज्यादा ....

'आवाम' कह रही है - 'आप' चोर है - और यदि हमारे आरोप झूठे हैं या हम गलत हैं तो हमारे पर केस कर दो ....
और भाजपा कह रही है 'आवाम' सही कह रही है .... वाह भाई वाह !! क्या ट्यूनिंग है ....
पर 'आप' कह रही है यदि 'आवाम' सही कह रही है या हम गलत हैं तो हमें गिरफ्तार कर लो ....
इस पर भाजपा कह रही है 'आप' कह तो गलत ही रही है - पर क्यों भाई गिरफ्तार क्यों करें ? नहीं करते गिरफ्तार - 'आप' तो बस ये बोल दे कि - "क्षमा करें हमसे गलती हो गई है" - बस !! ....
और इस तरह 'आप' दिल्ली का चुनाव हार जाए और भाजपा जीत जाए !!!!

और मित्रों बहस का स्तर कुछ ऐसा हो चला है >>>>
भाजपा - बोलो कि तुम गलत हो ....
आप - हम गलत नहीं ....
भाजपा - तुम गलत हो बोलो तुम गलत हो ....
आप - अरे यार कहा ना हम गलत नहीं है ....
भाजपा - नहीं तुम गलत हो बेईमान हो चोर हो ....
आप - ठीक है भाई चोर हैं तो गिरफ्तार करो ....
भाजपा - नहीं गिरफ्तार तो नहीं करेंगे ....
आप - अबे घोंचूं तो चल बढ़ फिर निकल ले भाई ....
भाजपा - अच्छा बड़े भाई चलते हैं ....

तो मित्रों - भाजपा तो गई काम से .... घोंचूं कहीं के ....
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// केजरीवाल घोषित चोर हैं ? तो यानी मोदी सरकार ऐबलों का टोला है ??..////


मोदी ने तो कहा था ना खाऊंगा ना खाने दूंगा ....
पर ये क्या ? अरविन्द केजरीवाल तो २ करोड़ रुपए खा गया ??
और वित्त मंत्री जेटली ने कह दिया कि - चोर रंगे हाथों पकड़ा गया है ....
और एक अन्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने तो स्वयं न्यायाधीश बन अंतिम निर्णय ही सुना दिया है कि - अरविन्द केजरीवाल चोर है ....
और अभी हाल मोदी जी ने भी रोहिणी रैली में तमाम एकतरफा गालियां और निर्णय सुना दिए - ये चोर हैं बेईमान हैं अँधेरी काली रात में कालेधन के काले कारनामे कर चुके हैं - भोले बनते हैं इन्हे नहीं मालूम कि इनके बैंक में पैसे कौन डाल गया - आदि !@#$%!

पर जनाब तथाघोषित चोर अरविन्द केजरीवाल खुल्ले छुट्टे घूम रहे हैं .... यहाँ तक कि उन्होंने मफलर तक उतार दिया है - और छाती ठोंक सब टीवी चैनलों को बिना खांसे इंटरव्यू दे रहे हैं - और दिल्ली की सड़कों पर लाखों लोगों के बीच अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार कर रहे हैं - दिल्ली के तमाम मुद्दों पर बात कर रहे हैं - और अब तो चुनाव सर्वे बता रहे हैं कि वो रेस में सब से आगे हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं ....

तो मित्रों अब क्या समझा जाए ....
या तो भाजपा मोदी और उनके मंत्री चुनाव पूर्व अत्यंत हताशा और बौखलाहट में घिनौनी राजनीति और बकवास पटक रहे हैं ....
या मोदी सरकार ऐबलों का और अक्षम लोगों का टोला है .... नहीं क्या ??

मुझे लगता है अरविन्द केजरीवाल के हाथ तो कत्तई रंगे नहीं हैं - पर हाँ झूठे आरोप लगाने वालों के बदन रंगे जरूर दिख रहे हैं - और चेहरे के रंग उड़े हुए - इन झकोरों के लिए और क्या कहा जाए ....
आखिर सभ्य शब्दावली की भी तो कुछ सीमाएं होती हैं !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// कच्ची बैसाखियों का सहारा लंगड़े नहीं - अकल से पैदल लोग लेते हैं ....////


ये भाजपा को हो क्या गया है ? ....
क्यों इन्हे कच्ची सड़ी टूटी हुई बैसाखियों का सहारा लेना पड़ रहा है ?
पहले किरण बेदी का सहारा लिया .... हालत दयनीय हो गई ....
फिर अब 'आवाम' का सहारा लिया .... हालत हास्यास्पद हो गई ....

ऐसी बैसाखियों का सहारा लंगड़े नहीं लेते ....
शायद वो लेते हैं जो अकल से पैदल होते हैं .... है ना !!!!

और हाँ मित्रों एक और हास्यास्पद बात बताता हूँ कि - जब अरुण जेटली से 'आवाम चंदा प्रकरण' में 'आप' द्वारा न्यायालयीन जांच की मांग वाली बात पर प्रतिक्रिया चाही गई तो .. तो सुनिए जनाब ने क्या कहा ....
"अब न्यायालय को इस गंदी राजनीति से दूर रखें"....

तो मित्रों अब या तो खुल कर हंसना बनता है .... हा ! हा !! हा !!! .... या ??
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// क्या "नीचता" का जवाब मिला ?....////


"उपद्रवी गोत्र" .... यानि पूरे अग्रवाल समाज का अपमान ....

भाजपा द्वारा - खुद के पैसे से दिया खुद का ही विज्ञापन और खुद ही हलाकान हुए जा रहे हैं .... साफ़ नज़र आ रहा है कि थप्पड़ जोर के लगा है और लात ठिकाने पर  .... जाति जात भाई सब याद हो आए हैं .... चुनाव आयोग का दरवाजा तक खटखटा आए हैं .... और अब खिसियाहट से चेहरे की शर्म ढकी जा रही है ....चिं - चांय - चूं - चै - हूँ - ऊं - आंय - हाय! हाय!! !@#$%....

आज फिर मौका है मैं पूछ ही लूँ कि ....
क्या प्रियंका गांधी के द्वारा "नीच" शब्द का प्रयोग याद आया ????
निर्लज्ज को अपना कहाँ याद रहता है - तो चलो बताता हूँ क्या हुआ था ....
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प्रियंका गांधी ने कहा था - "अमेठी की धरती पर मेरे शहीद पिता का अपमान किया है - गुजरात के मुख्यमंत्री नीच राजनीती कर रहे हैं " !!!!
और मोदी जी ने कहा था ....
''सामाजिक रूप से निचले वर्ग से आया हूँ इसलिए मेरी राजनीति उन लोगों के लिये ‘नीच राजनीति’ ही होगी.'' .... आदि .... जी हाँ आदि इत्यादि .... !!!!
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तो मुझे तो याद हो आया .... और तुम्हे भी बता दिया कि "नीच" के मायने क्या होते हैं ....
तो क्या नीचता का जवाब मिला .... शायद मिल ही गया होगा !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Monday 2 February 2015

//// अभी तो मोदी की दो रैलियां और होनी हैं - इसलिए 'आप' को आशान्वित रहना चाहिए .... ////


किरण बेदी का गला तो काफी ठीक ठाक दिखा - पर वो बोल नहीं रही हैं - अतः मुझे लगता है कि किरण बेदी के बोलने के कारण जो फायदा आप को मिल रहा था उसमें थोड़ी कमी आएगी ....

परन्तु निराशा की कोई बात नहीं है - क्योंकि जैसे कि पहले समझा जा रहा था कि मोदी जी की रैली से भाजपा को फायदा पहुंचेगा उसके उलट फायदा 'आप' पार्टी को ही हो गया .... और उसका कारण था मोदी जी द्वारा कुछ विशेष टिप्पणियाँ .... ये ऐसी टिप्पणियाँ थीं जिसकी गूँज लम्बे समय तक रहेगी और वो रैलियां उन टिप्पणियों के संदर्भ में याद की जाएंगी ....

मसलन १० जनवरी की रैली कहलाएगी - "नक्सली" वाली रैली ....
३१ जनवरी की रैली कहलाएगी - "रिक्शा चुटकुले" वाली रैली ....
१ फरवरी की रैली कहलाएगी - "बदनसीब" वाली रैली ....

और अब चूँकि मोदी जी की २ रैलियां अभी और अपेक्षित है इसलिए मुझे लगता है कि हमारे अहंकारी मोदी जी इन दो रैलियों में भी वैसा ही कुछ जरूर कहेंगे जिससे 'आप' को ही फायदा होगा !!!!
अस्तु "आप" को आशान्वित रहना चाहिए और मोदी की आगामी रैलियों का इंतज़ार करना चाहिए - और बोनस के रूप में प्रार्थना करनी चाहिए की आयरन लेडी विकास बेदी भी कुछ बोलें !!!!
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// ये कैसे पागल हैं ? .... ये अपने पैसे से 'आप' का प्रचार करते हैं .... ////


इस शहर में कुछ अजीब जंगली रहते हैं
'बैडरूम' शब्द मात्र से तो इन्हें चिढ है
४-५ बच्चे पैदा करने की बात करते हैं
और हरामखोर हरामजादा नाम जपते हैं

इनके सरगना तो हमेशा फेंकते हैं
बिटिया और लड़की की बात करते हैं
ना जाने कैसे फरेबी पापा हैं ये
प्रगति की नहीं हमेशा विकास की बात करते हैं

ये देसी पागल भी अजीब चड्डी धारी हैं
कभी चड्डी तो कभी लाखों का सूट पहनते हैं
ये बहुत बदनसीब से लगते हैं जब
केवल अपने ही नसीब की बात करते हैं

अब इन बड़बोलों की चालाकी देखें
ये क्रांतिकारी को 'उपद्रवी' कहते हैं
कल तक गौ मूत्र की बात करने वाले
आज दूसरों के 'गोत्र' की बात करते हैं

और ये पागल भी कुछ अजीब से हैं
प्रश्न पूछते हैं खुद प्रश्नवाचक हो जाते हैं
और ना पूछो मित्रों विज्ञापन की बात
ये अपने पैसे से 'आप' का प्रचार करते हैं

इस शहर में कुछ अजीब जंगली रहते हैं ....
इस शहर में कुछ अजीब पागल रहते हैं ....

\\ब्रह्म प्रकाश दुआ ०२/०२/१५\\

//// क्या आप ऐसी बिल्ली पालेंगे जो चूहे से डरती हो ??....////


मित्रों कल तो हद हो गई - बेपर्दा हुए प्रधानमंत्री ने ये आपत्तिजनक बयान भी दे मारा कि दिल्ली में ऐसी सरकार चुनें जो उनसे डरे !!!!
तमाम इधर उधर की बातों के अलावा ये हमारे संघीय ढांचे का अपमान है - संविधान का अपमान है .... एवं मोदी जी द्वारा पूर्व में कही गई बातों के ठीक विपरीत भी !!!!

इस बात का मतलब सिवाय मूर्ख भक्तों के हर सामान्य व्यक्ति साफ़ साफ़ ग्राह्य कर सकता है ....
यानि अगर किरण बेदी मुख्यमंत्री बनेंगी तो वो मोदी से डरेंगी और उनकी कठपुतली बन ही काम करेंगी - उन्हें अपनी पहचान भूल "विकास बेदी" बनना ही पड़ेगा और दिवंगत विकास के पापा चाचा काका ताऊ मामा नाना सबका हुक्म बजाना ही होगा ....
// यानि किरण बेदी यदि होंगी तो एक निम्नस्तर "छद्म मुख्यमंत्री" !!!! //

और इसके उलट अब तो यह तय है कि यदि मोदी इस दुनिया में किसी एक व्यक्ति से सबसे ज्यादा डरते हैं कांपते हैं तो वो है अरविन्द केजरीवाल .... आजकल तो नाम सुनते ही भड़क से जाते हैं ....
और इसलिए यदि अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री बनते हैं तो मोदी उनसे और डरेंगे और मोदी सूत-सांवल में कर दिए जाएंगे ....
// यानि अरविन्द केजरीवाल होंगे एक उच्चस्तर "स्वतन्त्र मुख्यमंत्री" !!!! //

मित्रो दिल्ली के चुनाव भी ऐतिहासक हो चुके हैं - क्योंकि अब ये एक विचित्र लड़ाई में परिवर्तित हो चुके हैं - ये चुनाव "अरविन्द केजरीवाल" -विरुद्ध- "भारत सरकार" बन चुका है ....
जिसमे अरविन्द केजरीवाल ना केवल कड़ी टक्कर दे रहे हैं अपितु भारी पड़ते दिख रहे हैं ....
सचमुच ये हमारे प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के लिए डूब मरने जैसी स्थिति है ....

अरविन्द केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी को बौना चूहा साबित कर दिया है .... और किरण बेदी को एक ऐसी नायाब बिल्ली जो चूहे से डरती हो !!!!

अतः मित्रों !! कृपया सबको सहर्ष सूचित होवे कि - अरविन्द केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी को शिकस्त दे दी है .... !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

Sunday 1 February 2015

//// ये कैसा नसीब ? किसकी बदनसीबी ?? .... ////


इस देश में लाखों गरीब हैं ....
जो ईमानदार हैं मेहनतकश हैं ....
योग्य हैं कुशल हैं पढ़े लिखे हैं ....
पर फिर भी भूखे पेट सोते हैं ....
इनके नसीब में सेंधमारी हुई है ....
छीना गया है इनका नसीब ....
पर फिर भी ये शिकायत नहीं करते ....
ये बस अपने नसीब पर सिसक लेते हैं ....
खून के आंसू भी जब्त कर लेते हैं ....

और एक है नरेंद्र दामोदरदास मोदी ....
ये हमारे प्रधानमंत्री लगते हैं ....
साथ ही निहायत अहंकारी लगते हैं ....
इनके कंधे पर थी कुछ जवाबदारी ....
गरीब के नसीब को सुधारने की जिम्मेदारी ....
पर ये ५-१० अमीरों के काँधे चढ़ ....
खुद के नसीब पर इतरा रहे हैं ....
और विरोधियों को बदनसीब बता रहे हैं ....
शायद इन्हे नहीं मालूम नसीब का खेल ....
कब बिगड़ जाए खत्म हो जाए खेल  ....

गरीब की हाय में वो आह है श्रीमान ....
सुख ही कब दुःख का कारण बन जाए कोई नहीं जानता ....
नसीब ही बदनसीबी का कब कारण बन जाए कोई नहीं जानता ....
कौन जाने कब और किसके "अच्छे दिन" लद जाएं - कोई नहीं जानता ....

एक अहंकारी को सद्भुद्धि की कामना हेतु अत्यंत दुखी मन से समर्पित ....
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// मोदी मेरे प्रधानमंत्री - इसलिए मैं वाकई अपने आप को बदनसीब महसूस कर रहा हूँ .... छिः .... ////

मोदी द्वारा आज की द्वारका रैली में भी दिल्ली के मुद्दों पर कोई नई बात नहीं की .... सिवाय इस अजीब से हवाई वायदे के कि जहाँ झोंपड़ी है वहां मकान बना कर देंगे ....
पर केजरीवाल के लिए आज नई नई बातें कहीं - जैसे कि ....
ये वो नहीं जिनके साथ टेबल पर बैठ कर बात की जा सके ....
ये सनसनी पैदा करने वाला ....
ये झूठ बोलने वाला ....
ये भोला भाला चेहरे करके जनता को मूर्ख बनाने वाला .... और
// मैं नसीब वाला फिर ये बदनसीब क्यों .... //
आदि इत्यादि !!!!
मेरे हिसाब से ये सभी बातें अमर्यादित और आपत्तिजनक और निंदनीय थीं ....
आज मैं वाकई अपने आप को बदनसीब महसूस कर रहा हूँ क्योंकि मोदी मेरे प्रधानमंत्री हैं ....
और थोड़ा प्रसन्न भी - क्योंकि लगता है मोदी जी ने अपनी हार मान ली है ....
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\ 

//// भक्त के फिर दो प्रश्न - केजरीवाल मफलर क्यों पहनता है और खांसता क्यों है ?? ////


मित्रों एक भक्त नई सामग्री से लैस मेरे पास आया और बोला - मुझे आपसे २ प्रश्न करना हैं ....
मैंने भी कहा बको और वो बक ही दिया ....

केजरीवाल मफलर क्यों पहनता है ?? ....
मैंने कहा तेरा छीना ? बोला नहीं .... मैंने कहा फिर ? - बोला बस मुझे परेशानी है ....
मैंने कहा चल मान लेता हूँ तेरी बात सही - जल्द ही वो मफलर उतार देंगे ....
भक्त बोला पक्का - मैंने कहा कस्सम से .... पर बावले अब एक बात तू भी बता ....
ये राजनाथ धोती क्यों पहनते हैं ???? .... भक्त सन्न !!!!
मैंने कहा - अब जवाब दे ....भक्त गायब !!!!
और मैं देखने लगा टीवी जिस पर केजरीवाल स्टिंग करने पर बात कर रहे थे !!!!

पर हिम्मत और बेशर्मी देखिये - थोड़ी देर बाद भक्त फिर वापस .... और अपना मोबाइल सँभालते हुए बोला - एक और प्रश्न है ....
मैं समझ गया कि ये मेरा स्टिंग करने के मूड में है .... खैर मैंने भी बोल दिया पूछ ले भाई ....
भक्त बहुत शाना बनते इतराते आशान्वित हो बोला - अरविन्द केजरीवाल खांसते बहुत हैं - क्यों ? इस पर आपकी प्रतिक्रिया ??
और मैंने जवाब दे दिया .... "वही "विश्वास" वाली बात" .... !@#$%!
पहली बार मैंने भक्त को कुछ समझते झेंपते देखा - और वो सरपट गायब हुआ ....

तो मित्रों मेरा कहना है कि बस आप तो "विश्वास" कायम रखें - इनकी धोती उतरना तय है ....
जिन्हे मेरा व्यंग्य पसंद आया हो तो हंस लीजियेगा ....
और जिन्हे ना पसंद आया हो तो थू कर दीजियेगा ....
वैसे ही जैसे मैं आजकल भाजपा और भक्तों के बकवास अनर्गल प्रश्न चुटकुले और गालियां सुन करता हूँ - थूः !!!! थूः !!!! शर्म करो !!!! धिक्कार है !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

//// खोटा कौन ? रिक्शे वाला या रिक्शा चढ़ने वाला या चुटकुला सुनाने वाला ?? ////


मित्रों कल मैंने मेरी ज़िन्दगी का सबसे महंगा और घटिया चुटकुला सुना ....
चुटकुला सुनानेवाले थे - नरेंद्र दामोदरदास मोदी, प्रधानमंत्री, भारत सरकार - जो दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में दिल्ली के कड़कड़डूमा में भाजपा की चुनावी रैली में भाजपा का प्रचार करने आए थे ....
मेरे मत में इस चुनावी रैली मैं लाखों रुपये का खर्च हुआ होगा जो अंततः हमारा आपका ही पैसा है - और इसलिए मेरे पैसे से ही मुझे सुनाया गया चुटकुला मुझे महंगा लगा ....
पकाऊ चुटकुला कुछ इस प्रकार था ....
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एक ऑटोवाले ने बोर्ड लगा रखा था कि ऑटो में बैठना फ्री है। एक व्यक्ति उसके झांसे में आकर बैठ गया लेकिन जब उतरने लगा तो ऑटो वाले ने ये कहकर पैसे मांग लिए कि ऑटो में बैठना फ्री था, उतरना नहीं।
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मेरी विवेचना और निष्कर्ष >>>>
मित्रों सर्वप्रथम आपसे निवेदन है कि कृपया सोचिये कि इस चुटकुले से क्या समझा जाए .....
क्या रिक्शे वाला खोटा था ??
या रिक्शे को मुफ्त समझ उसमें चढ़ने बैठने वाला खोटा था ??
या ये घटिया बचकाना चुटकुला सुनानेवाला स्वयं ही खोटा था ??

मित्रों कुछ लोग कह रहे हैं कि ये चुटकुला अरविन्द केजरीवाल पर मोदी का निशाना था - मोदी ने आम आदमी पार्टी के फ्री में बिजली-पानी के वायदों की चुटकी लेते हुए ये चुटकुला सुनाया था - यानी केजरीवाल की तुलना उस रिक्शा वाले से की गई थी जो लोगों को मुफ्त रिक्शा का बोर्ड लगा बेवकूफ बना रहा था !!!!

पर मित्रों गौर फरमाइयेगा - मेरी चुटकी अनुसार तो ये चुटकुला भाजपा मोदी और भक्तों पर ज्यादा फिट बैठता है .... भाजपा तो ऐसी ही रिक्शा है जो सब लोगों को चिल्ला चिल्ला कर कह रही है - चलो चलो आ जाओ - फ़ोकट की पार्टी है - भानुमति का पिटारा है - आ जाओ मुफ्त में विधायक बनाएंगे सांसद बनाएंगे मुख्यमंत्री बनाएंगे - तुम जो भी हो आ भर जाओ - चोर हो बलात्कारी हो ठग हो बुरे हो बेईमान हो जैसे भी हो आ जाओ यार - कोंग्रेसी हो आपियन हो आंदोलनकारी हो सब चलेगा - आ जाओ .... फ़ोकट में आ जाओ !!!!
और कुछ भक्त टाइप के मुफ्तखोर बेअकल अवसरवादी लोग लालच में भाजपा के रिक्शे पर चढ़ भी लिए हैं ....
और ये भी तय है कि अब आगे उनसे पूरी कीमत मांगी जाएगी वसूली जाएगी झटकी जाएगी - और अंततः अक्षम को लात मारकर उतार दिया जाएगा ....
और मज़े की बात ये है कि उपरोक्त धांधली के जो मास्टरमाइंड हैं वो ही आज ये तथ्य एक चुटकुले के रूप में लोगों के सामने प्रस्तुत कर लोगों को बेवकूफ बनाने का प्रयास कर रहे हैं - और मुफ्तखोर भक्त तालियां बजा रहे हैं ....

इसलिए मित्रों मेरा निष्कर्ष है कि .... चुटकुला सुनानेवाला ही चुटकुले की पटकथा का अनुभवी है - और वो ही खोटा है .... सावधान !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\