Friday 31 March 2017

// गुजरात गौहत्या कानून के विषयक मेरी भक्तों से हाथ जोड़कर दिली प्रार्थना !! ....//


हम सब गवाह हैं कि - देश की पुलिस स्तरहीन है और न्याय व्यवस्था चरमराई हुई है - और विशेषकर पूर्व में कई बेकसूरों पर इंसानों की हत्या तक के फ़र्ज़ी मुकद्दमें दर्ज हुए जिन्हें वर्षों लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही आरोप मुक्त होने में सफलता मिल पाई .. पर हत्या गैर जमानती जुर्म हो जब तक मुकद्दमें चले तब तक बेकसूरों बेगुनाहों निर्दोषों मासूमों पर क्या गुज़री होगी इसकी कल्पना एक सच्चा समझदार इंसान तो सहज ही कर सकता है - पर दिल पर हाथ रखकर शायद हर भक्त भी कर सकता है .. ..

इसलिए भक्तों को जागरूक करने के ईमानदार प्रयास के तहत मेरा भक्तों से प्रश्न कि .. गुजरात में गौहत्या को गैरजमानती अपराध घोषित करने के साथ ही क्या किसी भी शरीफ या भाजपा विरोधी या सरकार विरोधी व्यक्ति को गुजरात में किसी भी गौहत्या के झूठे आरोप लगाकर बड़ी आसानी से डराया धमकाया सताया निपटाया या कम से कम तत्काल नाहक परेशान नहीं किया जा सकेगा ?? .. क्या इस कानून का आसानी से दुरूपयोग नहीं किया जा सकेगा ?? .. और यदि किया जा सकेगा तो किया क्यों नहीं जाएगा - इस बात की क्या गारंटी ?? .. ..

भक्तो !! .. आप भी इस देश के ही तो नागरिक हो .. और हर देशवासी आपका अपना ही तो है .. और यदि अपनी-अपनी समझ अनुसार - आप मोदी का समर्थन कर रहे हो - या मैं मोदी का विरोध कर रहा हूँ - तो मेरा आपका बिना स्वार्थ मकसद तो एक ही है ना !! - देश की भलाई !! - है ना !! .. ..

इसलिए क्या इंसानियत और मानवीयता के हक़ में गलत इरादों से बनाए गए ऐसे खतरनाक कानूनों का विरोध करना आपका भी फ़र्ज़ नहीं बनता ?? .. ..

मेरी आप से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि सोचियेगा जरूर और कुछ न्यायसंगत तर्कसंगत सोच के साथ अच्छा ही कीजियेगा - भले ही फिर उसके बाद मोदी मोदी मोदी भी करते रहिएगा .. ..

आइए अभी भी वक्त है .. शुरुआत करें और मिलकर इस देश को बचा लें .. .. !! जय हिन्द !!

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// गौमाताओं को आधार नंबर तो दे दो .. नाम पते और खुरों के निशानों के साथ ....//


गाय हमारी माता है .. गौहत्या पाप है .. गौहत्या जुर्म भी है .. पर प्रदेश-प्रदेश में जुर्म और सज़ा में बहुत विविधताएं हैं .. ..

क्या है ना कि इस देश में अभी 'यूनिफाइड सिविल कोड' लागू नहीं हुआ है .. और मोदी जी इसके लिए कृतसंकल्पित तो हैं पर बेचारों के पास अभी राज्यसभा में बहुमत नहीं है .. इसलिए 'यूनिफाइड काऊ कोड' भी प्रभाव में नहीं आ पा रहा होगा .. और इसके कारण बहुत परेशानी होने वाली है .. मसलन यदि गुजरात में गौहत्या हुई तो उम्रकैद .. पर यदि गुजरात से बाहर ले जाकर गौहत्या की जाती है तो ?? .. तो क्या गुजराती गौमाता को इंसाफ नहीं मिलेगा ?? .. ..

इसलिए मेरा मोदी सरकार को एक सुझाव है .. जब तक राज्यसभा में बहुमत नहीं मिलता और 'कॉमन सिविल कोड' के अन्तर्गत 'कॉमन काऊ कोड' बिल प्रभाव में नहीं आता - तब तक बैठे-ठाले देश की सभी गौमाताओं को आधार नंबर तो दे दो .. नाम पते और खुरों के निशानों के साथ .. ताकि भविष्य में जुर्म होने पर ये तो  मालुम पड़ सके कि गाय गुजराती थी या नॉन-गुजराती - ताकि सजा के निर्धारण में कानूनी दिक्कतें नहीं आएं .. आखिर गाय हमारी माता है भाई !! .. .. !! गौमाता की जय !!

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. सजग मीडिया ने तुरंत लाइव बताया है .. अभी-अभी व्यस्त योगी प्रतीक-अपर्णा यादव की गौशाला पहुँच गए हैं .. गाय को हरी-हरी घांस खिला रहे हैं .. प्रतीक अपर्णा भी टुकुर टुकुर देख रहे हैं .. ..
कैबिनेट की मीटिंग कहीं वहीँ तो नहीं ?? ..
या फिर अब तक कैबिनेट मीटिंग की जरुरत नहीं ?? .. 
या फिर अब तक कैबिनेट मीटिंग की हिम्मत नहीं ?? ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// .. " तारीख नहीं बताएंगे " ....//


मंदिर वहीँ बनाएंगे .. " तारीख नहीं बताएंगे " .. संघ - भाजपा - भक्त .. ..

मामला उलझ उलझा उलझाया .. .. पहुँचा कोर्ट .. ..  
मामला बाहर सुलटा लो .. सुप्रीम कोर्ट .. .. 
नहीं सुलटाएँगे .. जल्दी सुनवाई हो  .. ..

सुनवाई करेंगे - पर जल्दी नहीं .. समय नहीं है .. " तारीख नहीं बताएंगे " .. सुप्रीम कोर्ट .. ..
और सु. स्वामी से भी कह दिया .. मियाँ तुम कौन ?? .. ..

कहो कैसी रही ?? .. .. सब कुछ तय .. पर "तारीख" का अता पता नहीं !! .. ..

अब बताओ तो ?? .. इतनी बेसब्री क्यों ?? .. ..
और यदि बेसब्री इतनी ही - तो फिर कोर्ट क्यों ?? .. मोदी को छोडो - योगी है ना !! .. है ना ?? .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

//.. सुप्रभात !! .. सूर्य नमस्कार नमाज पढ़ना एक समान !! ....//


वो कह रहे हैं .. सूर्य नमस्कार नमाज पढ़ना एक समान !! ..
और मैं कह रहा हूँ .. कांग्रेस भाजपा एक समान !! .. कोई आपत्ति ?? .. ..

यदि कोई आपत्ति हो तो फिर थोड़ा और सुन लो ..

हिन्दू मुस्लिम एक समान ..
योगी नक़वी एक समान .. अब कोई आपत्ति ?? .. ..

अभी भी कोई आपत्ती हो तो फिर थोड़ा और सुन लो ..

मंदिर मस्जिद एक समान ..
नेता टुच्चा एक समान .. .. अब भी कोई आपत्ति शेष ?? .. ..

यदि बुरा लगने के कारण अभी भी कोई आपत्ती शेष हो तो फिर थोड़ा और सुन लो ..

श्मशान कब्रस्तान एक समान ..
जूता चप्पल एक समान .. अब तो कोई आपत्ति नहीं ना !! .. हा !! हा !! हा !! .. ..

चलो भक्तो अब तुम चालू हो जाओ तो .. बताओ तो गधे खच्चर में क्या अंतर ?? .. और बताओ तो तुम्हें क्या आपत्ति ?? .. .. 

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Thursday 30 March 2017

/.. भगवान श्रीकृष्ण > राधा > गोपियाँ > रासलीला > वृन्दावन > यूपी > योगी > एंटी रोमियो स्क्वाड !! .. << हे भगवान  ..../ << मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. आजकल जैसे ही कांग्रेसी युक्त भाजपा द्वारा 'आप' से खरीद-फरोख्त होती है - तो बचे खुचे माल की सेल लगाए कांग्रेसी आह्लादित हो जाते हैं .. मानो जैसे कांग्रेसियों ने बड़ी दुकान वाले राहुल जी के स्वामित्व में कोई बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली हो .. क्या है ना कि जब संतोष के स्त्रोत सूख जाते हैं तो पागल 'विघ्नसंतोषी' जो हो जाते हैं .. है ना !! .. ../
मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// 'केजरीवाल' नाम की गूँज वर्षों तक बनी रहेगी - वो भी बिना विज्ञापन ....//


अब केजरीवाल के द्वारा विज्ञापन करना भी इन सबको अखर गया और शायद डरा भी गया - और मीडिया में आए ताज़े आधे अधूरे सूत्र सूचित समाचार के अनुसार एमसीडी चुनावों के पूर्व का समय साधते हुए केंद्र नियंत्रित उपराज्यपाल द्वारा 'आप' पार्टी से ९७ करोड़ रूपए वसूलने के लिए कुछ आदेश जैसे किये हैं - या ऐसा कुछ किया जाने वाला है .. ..

पर इन्हीं के द्वारा खुल्ले रूप और बेशर्मी के साथ बेलगाम असीमित चुनावी चंदे लेने से लेकर बेतहाशा चुनावी खर्च करना - और उसके बाद भी जनप्रतिनिधियों की हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकारें तक गिराना या बनाना ये सब इस देश में धड़ल्ले से चल रहा है .. और अब तो हमने बहुत कुछ पूरे होशो-हवास में खुद देख समझ लिया है .. .. संसद में हाल ही में हुई चुनावी चंदा संगठित संवैधानिक घपले की कार्यवाही से भी अवगत हुए हैं .. .. 

भ्रष्टाचार भी पूर्ववत अपने चरम पर है - अन्य सरकारी खर्चों पर भी अनियंत्रित डाके डाले जा रहे हैं - अपव्यय की भी कोई सीमाएं नहीं दिखतीं .. और दादागिरी तो तौबा !! .. .. और पूरा देश टुकुर टुकुर सब कुछ देख समझ रहा है - स्तब्ध है - और चुप है .. क्योंकि शायद मकड़जाल इतना तगड़ा बुना गया है कि अंदर-अंदर सब कुछ समझने के बावजूद भी योग्य समाधान क्रियान्वित करने में अभी देश असमर्थ ही है .. ..

मेरा ऐसा मानना है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के माध्यम से जो भी विज्ञापन किया जिस पर ९७ करोड़ का खर्च किया वो अन्य की तुलना में नयूनतम या उचित हो ज़रूरी था - और श्रेयस्कर भी .. और इस हेतु अभी आगे कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी .. ..

पर एक इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात .. यदि 'आप' पार्टी पर कार्यवाही हुई है - तो भविष्य में जब यही बाहुबली धनबली अपदस्थ होंगे तो इनकी भी फाइल खुलेंगी और भविष्य के लिए भी ये निर्णय जनता के पक्ष में एक और नज़ीर बनेगा .. ..

और इसलिए ही मेरा ये हमेशा से मानना है कि केजरीवाल के हाथों जो जनहित के कार्य होने हैं उसकी अभी तो शुरुआत ही हुई है .. आगे-आगे देखिये ये निडर ना झुकने वाला क्रांतिकारी इन को कितने पापड़ बिलवाता है और कितने पाठ पढ़वाता है .. और मेरा दावा है कि भारतीय राजनीति में केजरीवाल के नाम की गूँज वर्षों तक बनी रहेगी .. वो भी बिना विज्ञापन .. !! जय हिन्द !!

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Wednesday 29 March 2017

// हाउस टैक्स १००% माफ़ .. नहींssss!! - ऐसा नहीं हो सकता !! .. .. शांत भक्तो शांत ..//


हज के लिए सब्सिडी ? .. तुष्टिकरण - पर फिर भी सही ..
मानसरोवर यात्रा के लिए सब्सिडी !! .. सही है - हज के लिए भी तो देते थे ..
तो फिर .. ..
बिजली के बिल पर ५० % सब्सिडी .. इन्हें करंट क्यों लगा ??
पानी के बिल १०० % सब्सिडी .. इनकी गीली क्यों हो गई ??
हाउस टैक्स १०० % माफ़ .. ये पागलों जैसे इतना चिल्ला क्यों रहे हैं ?? - मानों किसी ने गीले शरीर पर करंट छोड़ दिया हो .. नहींssssss!! .. ऐसा नहीं हो सकता !! .. ये ऐसा नहीं कह सकते !! ..

क्यों नहीं कह सकते भाई ?? .. .. क्योंकि इनके पास अधिकार ही नहीं हैं !! .. तो अधिकार किसके पास हैं ?? .. अधिकार हमारे पास हैं .. कौनसे अधिकार ?? .. सारे अधिकार !! .. ..

तो क्या दिल्ली में कर्मचारियों को वेतन देने और साफ़ सफाई करवाने और कचरे के ढेर उठवाने के अधिकार भी तुम्हारे ही पास थे ?? .. .. नहींssssss!! .. ऐसा था भी तो हम ऐसा नहीं कह सकते !! .. ..

तो फिर तुम कह क्या सकते हो ?? .. मोदी !! मोदी !! मोदी !! .. .. शांत भक्तो शांत - खाली पीली मत चिल्लाओ - गले के तंतु फट जाएंगे .. समझे !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. आज संसद में फुटबॉल छाई रही और सांसदों पर फुटबॉल का खुमार .. फीफा-अंडर17 वर्ल्ड कप को प्रमोट करने के लिए ये सब कुछ किया गया .. और मुफ्तखोरी के आदी सारे सांसदों को फ्री में एक-एक फुटबॉल गिफ्ट करी गई .. ..
अब समझ आया .. शायद अभी तक संसद और सांसद शुद्ध भारतीय खेल कबड्डी को प्रमोट करते आए थे .. तभी तो .. हत तू तू तू तू - हत्त- हत्त - हट हट .. और कई सांसदों को दो चार हाथ पाँव और धक्के मुक्के भी फ्री में गिफ्ट किये जाते रहे .. .. 
मैं तो अब इंतज़ार कर रहा हूँ कि भारत में कुश्ती और मुक्केबाज़ी का वर्ल्ड कप कब होता है .. मुफ्तखोरों को बहुत मज़ा आएगा ना - जब फ्री में पटकनी और मुक्के खाने को मिलेंगे !! .. हा !! हा !! हा !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. राष्ट्रपति कौन ?? .. .. मेरे सूत्र बताते हैं कि आडवाणी को राष्ट्रपति बनाने के लिए मोदी ने मना कर दिया .. तो फिर सुषमा को राष्ट्रपति बनाने से आडवाणी ने मना कर दिया .. और अब मोहन भागवत ने राष्ट्रपति बनने से साफ़ मना कर दिया .. .. मुझे लगता है कि अब तो ३ नाम ही बचते हैं .. वीरेंदर सहवाग - संबित पात्रा - अनुपम खेर .. या फिर हो सकता है गडकरी या येदियुरप्पा या स्मृति ईरानी के नाम पर भी मोदी का ठप्पा लग जाए .. पर मेरा दिल कह रहा है कि अमिताभ बच्चन का नाम भी उछाला जाएगा और वो भी राष्ट्रपति बनने से साफ़ मना कर देंगे .. और उसके बाद नाम आएगा बाबा रामदेव का .. जो पद स्वीकार्य कर बन भी सकते हैं .. .. क्योंकि क्या है ना कि दिन भर राष्ट्रपति भवन में - रात भर पतंजलि में - और शनिवार रविवार योगा क्लासेज .. यानि विमान / हेलीकाप्टर से मैनेज हो जाएगा .. .. है ना !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// भक्तो सभी बूचड़खाने बंद ना !! नया नारा लगाओगे ना .. !! बूचड़ !! बूचड़ !! बूचड़ !! ..//


" पूरे देश में बूचड़खाने बंद होने चाहिए .. आखिर वैध या अवैध क्या होता है ?? .. जानवरों को वैध बूचड़खानों में बलि देना सही है और अगर बूचड़खाना अवैध है तो वहां जानवरों की बलि देना गलत है ?? .. किसी को भी मारना नहीं चाहिए .. गो-हत्या पर बैन केवल एक राज्य में नहीं बल्कि पूरे देश में लगना चाहिए .. किसी एक राज्य के लिए एक नियम दूसरे राज्य के लिए दूसरा नियम नहीं होना चाहिए .. सभी बूचड़खानों को बैन करना चहिए - जिससे किसी भी जानवर की बलि नहीं दी जा सके .. लोगों से अपील है कि उन्हें मीट खाना बंद कर देना चाहिए " .. ..

प्यारे विशाल ह्रदय भक्तो !! .. ईमानदारी से बताना कि उपरोक्त विचार कितने धार्मिक परमार्थी हिंदूवादी से लगते हैं ना !! .. हाँ ना !! .. पक्का ना !! .. ..
मालूम है ये बातें किसने कहीं हैं ?? .. आज़म खान ने .. जी हाँ वही योगी प्रदेश के आजम खान !! .. ..

तो अब बताओ विचार अभी भी शुद्ध सात्विक धार्मिक परमार्थी हिंदूवादी जैसे ही लगते हैं ना .. शायद कहीं इसलिए तो नहीं कि आजम खान भी सनातनी हिन्दू ही हैं .. क्योंकि तब तो एक ही धर्म था हिन्दू - और सभी हिन्दू ही तो थे .. और संस्कार कभी मिटते थोड़े ही हैं .. फिर चाहे वो हिंदुओं के हों या मुसलामानों के या कांग्रेसियों के या भाजपाइयों के या भक्तों के .. है ना ?? .. ..

तो आप भी आजम खान से सहमत हुए ना !! .. तो क्या सभी वैध अवैध बूचड़खाने बंद होने ही चाहिए ना !! .. तो इस मुद्दे पर आप घुघ्घू जैसे चुप तो नहीं बैठोगे ना !! .. मेरी इस पोस्ट पर मुझे बुरा भला तो नहीं कहोगे ना !! है ना !! .. प्लीज !! .. नई मुहीम चलाओगे ना !! .. सभी बूचड़खाने बंद करवाओगे ना !! .. और जब तक सभी बूचड़खाने बंद नहीं होते - पुराने नारों की तर्ज़ पर नया नारा भी बुलंद करोगे ना .. बूचड़ !! बूचड़ !! बूचड़ !! .. .. है ना !! .. ..

या फिर सब बात दरकिनार .. क्या मुझे इतना भर बता दोगे कि आजम खान ने क्या गलत कहा ?? .. .. !! भारत माता की जय !! .. ..

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Tuesday 28 March 2017

// जम्मू-कश्मीर के हालात "बदकिस्मती" या किसी अक्षम अहंकारी की नाकामी ?? ....//


अरे भक्तो !! .. जम्मू-कश्मीर में हालात बहुत चिंतनीय और दयनीय हो चले हैं .. वहां सेना पर वहां की अवाम पत्थर फेंक रही है .. और वहां की मुख्यमंत्री मेहबूबा जवाबदारी ना लेते हुए हालातों को "बदकिस्मती" बता रही है .. जबकि केंद्र सरकार की तो किस्मत चमकी हुई है .. ..

और हमारी सेना में तो कोई कमी खोट है ही नहीं .. आतंकवादी भी अपनी किस्मत को कोस ही रहे होंगे .. और सेना की तरफ से जम्मू-कश्मीर के पत्थरबाज लोगों को स्वयं सेनाध्यक्ष द्वारा चेतावनी भी दे दी गई थी .. ..

और इधर केजरीवाल के एमसीडी के चुनावों में व्यस्त होने के कारण कोई भी बेवकूफ जम्मू-कश्मीर की चिंतनीय दयनीय परिस्थितयो के लिए लाख चाह कर भी उन्हें जवाबदार या जिम्मेदार तो ठहरा ही नहीं सकता .. ..

तो इसलिए भक्तो .. अब तो तुम्ही बताओ कि इतनी चिंतनीय दयनीय स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन .. और यदि जिम्मेदार गैरभाजपाई देशद्रोही ही हैं - या भी हैं - तो फिर इन देशद्रोहियों से कौन निपटेगा कब निपटेगा कैसे निपटेगा ?? .. ..

और हाँ !! - ये "बदकिस्मती" मेहबूबा की पीडीपी की है - या - मोदी की भाजपा की - या - जम्मू-कश्मीर की - या - पूरे देश की ?? .. या फिर किसी अक्षम अहंकारी की थोड़ी सी या बड़ी नाकामी तो नहीं ?? .. ..

और क्या पुरुषार्थ पर भरोसा करने वाले भी किस्मत के मारे होते हैं ?? .. ..

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// महाराष्ट्र में बिहारी को क्यों ठोका ?? .. और विदेशों में भारतीय क्यूँ ठुका ?? ....//


बिहार चुनाव में तो साहेब बोले थे - और फिर यूपी चुनाव के समय भी बोले थे - कि बिहार यूपी से नौजवान अपना घर परिवार छोड़ रोज़ी रोटी कमाने गुजरात महाराष्ट्र दिल्ली या अन्य प्रदेशों में जाते हैं - बेचारे !! - मजबूर !! .. हमें इसे रोकना होगा - और मैं इसे रोकूंगा .. रोज़गार के अवसर देकर ..

हमारे ये भारतीय नौजवान अमेरिका इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में क्या यहाँ के गधों को छोड़ दहीं-बड़े खाने जाते हैं ?? .. ये नालायक होते हैं ?? - खुदगर्ज़ होते हैं ?? .. इन्हें तो भाड़ में जाने दो - इन्हें तो अपनी निपटने दो ?? .. ज्यादा से ज्यादा अमेरिका में भारतियों पर कोई अत्याचार होगा तो ट्रम्प हैं ना - सुषमा स्वराज हैं ना .. सॉरी - थैंक्यू - ओके - नो - यस - प्लीज - नेवर अगेन - अमेरिका फर्स्ट - है ना ?? .. और यदि विदेश में कहीं और भी हो तो भी .. प्लीज - बी केयरफुल - टेक केयर - ओके ?? .. ..

बोलो तो भक्तो - ये माजरा क्या है ?? .. .. बिहारी महाराष्ट्र क्यों गया ?? .. मराठी अमेरिका क्यों गया ?? .. महाराष्ट्र में बिहारी को क्यों ठोका ?? .. और विदेशों में भारतीय क्यूँ ठुका ?? .. बात समझ पड़ गई हो तो ठोको ताली - वर्ना बोलो तो रे - मोदी !! मोदी !! मोदी !! .. ../

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/.. अब खबर आई है कि शनिवार रविवार नोएडा  में खूब हंगामा हुआ .. और स्थानीय लोगों ने विदेशी नाइजीरियाई लोगों को पकड़-पकड़ खूब पीटा - और जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया .. पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा .. कई लोग घायल .. नाइजीरियाई छात्रों पर एक १२ वीं कक्षा के छात्र की मौत का आरोप भी है - और मामले में मादक पदार्थों की तस्करी और सप्लाई के भी कई आरोप हैं .. और हाँ विशेष रूप से बता दूं - दोहरा दूं - मामला विदेशी नागरिकों से संबंधित है !! .. सच्ची !! .. हाँ !! ..

भक्तो !! .. याद आया - सोमनाथ भारती .. याद आया "खिड़की एक्सटेंशन" ?? ..
दिमाग की खिड़कियां खुली होंगी तो याद आएगा ना .. है ना !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. उफ़्फ़ !! नक़ल तो हरियाणा में भी बदस्तूर धड़ल्ले से जारी है .. ..
ना खाऊंगा - ना खाने दूंगा ..
ना बैठूंगा - ना बैठने दूंगा ..
नक़ल जारी है ..
डिग्री खुद की फ़र्ज़ी है - नक़ल करने दूंगा ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Monday 27 March 2017

/.. यूपी के बाद अब झारखण्ड में भी ७२ घंटे के अंदर अवैध बूचड़खाने बंद करने का आदेश दे दिया गया है .. रघुवरदास वहां दिसंबर २०१४ से वैध मुख्यमंत्री हैं - और खालिस भाजपा के ही हैं .. पर पहले नहीं सूझा .. और अब सूझा .. कारण .. योगी !! योगी !! योगी !! .. है ना ?? .. ..
और ये भी है ना !! - कि झारखण्ड में भाजपा की खालिस सरकार में अवैध (जी हाँ अवैध) बूचड़खाने बहुत समय से चल रहे थे - या चलने दिए जा रहे थे .. और भक्तों के दिमाग बिल्कुल भी नहीं चल रहे थे .. .. और शायद अब भक्तों के दिमाग की बत्ती लपलपाए .. .. या ना भी लपलपाए .. फ्यूज़ पड़ी हो तो कैसे लपलपाएगी .. है ना .. हा !! हा !! हा !! ..../ 

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. सुना है संसद और मोदी सरकार जी-तोड़ कोशिश कर रही है - कि शिवसेना सांसद सैंडलमार गायकवाड़ पर कोई कार्यवाही नहीं हो - और उनपर लगा हवाई यात्रा का प्रतिबंध भी ख़त्म हो जाए .. और मुझे लगता है कि ऐसा कर भी दिया जाएगा .. ..
क्या है ना कि आखिर मोदी सरकार लोकप्रिय सरकार जो है और उसको तगड़ा जनसमर्थन जो है .. मेरी बात का विश्वास नहीं हो तो कारण किसी भी भक्त से पूछ लेना .. वो भी यही बताएगा .. या हो सकता है कि भक्त ये कह दे कि .. गायकवाड़ ने जो किया सही किया - आखिर ६०-७० साल की हेकड़ी निकालने के लिए कुछ दादागिरी तो करनी पड़ेगी ना .. ..
पर मुझे लगता है कि भाजपा ऐसा इसलिए भी कर रही होगी क्योंकि अब भाजपा की स्ट्रेटेजी में माराकूटी हिंसा दादागिरी दबंगगिरी आदि विधाएं अपनाना और भय का वातावरण निर्मित करना तय हो चुका है - और वो तदानुसार अपने कदम आगे बढ़ाते दिख भी रही है .. और इसलिए एक सांसद को ऐसे शौर्य-कार्य को करने की सजा देना भाजपा को पुसाएगा नहीं .. क्योंकि कल को जब भाजपाई नेता भी ऐसी ही दादागिरी का प्रदर्शन करेंगे तब मोदी-शाह को थोड़ी सी और शर्मिंदगी उठानी पड़ जाएगी ना ?? ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// इस देश का मुआं कानून किधर है ?? .. और सरकार किधर है ?? .. और .. ....//


पहले भाजपा विधायक सैनी ने कहा "जिसका भारत माता की जय के नारे लगाने में सीना चौड़ा नहीं होता है ऐसे लोगों के हाथ-पैर तुड़वा दूंगा" .. और अब भाजपा सांसद आरके सिंह ने कह दिया - जो उनके सामने कहेगा "भारत तेरे टुकड़े होंगे" वो उसे पटक पटक कर मारेंगे .. ..

सीना फुलाकर भारत माता की जय के उद्घोष के साथ मेरी प्रतिक्रिया .. ..

और जो भी जिम्मेदार जवाबदार ऐसे आश्वासन देकर या ऐसी ही धाँसू बातें करके अभी तक कुछ नहीं किये हैं - यदि वो मेरे सामने आ जाएंगे तो मैं उनसे पूछूँगा कि .. वो लोग जो नारे लगाते हैं "भारत माता की जय" और उनका सीना चौड़ा नहीं होता - वो कौन हैं किधर हैं ?? .. और वो "भारत तेरे टुकड़े होंगे" के नारे लगाने वाले कौन हैं किधर हैं ?? .. .. इन्हें कौन ढूंढेगा और कौन तुम्हारे सामने लाकर खड़ा करेगा - कि ये लो इनके हाथ पाऊं तोड़ो और पटक पटक कर मारो ?? - और ये नेक काम कब तक पूरा होगा ?? .. ..

और इस देश का मुआँ कानून किधर है ?? .. और सरकार किधर है .. और पुलिस किधर है .. न्यायालय किधर हैं ?? .. .. और बरखुरदार यदि तुम्हें कुछ-कुछ या सबकुछ मालुम ही था कि वो कौन हैं किधर हैं तो तुम अब तक किधर थे - कर क्या रहे थे ?? .. ..

तो भक्तों को आदेश है कि .. माननीय सैनी और सिंह साहेबान को जनहित में मेरे समक्ष पेश होने का आग्रह किया जाए .. ताकि राष्टहित में जवाब तलब किए जा सकें !! जय हिन्द !! .. ..

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// यूपी के गुंडों की विकराल समस्या का - प्रचलित आसान सफल उपाय ....//


यूपी के ७-८ दिन पुराने पड़ गए नए-नए मुख्यमंत्री ने फरमाया है कि .. गुंडे या तो सुधर जाएं .. या यूपी छोड़ दें ..

ये भी मुझे कुछ स्कीम टाइप चीज़ लगी .. इसका एक कारण तो यह समझ में आता है कि यूपी के गुंडों को यूपी की जेल में ना तो बंद किया जा सकता है - ना ऐसी कोई संभावना लगती है - ना ऐसी कोई योजना ही संभावित है .. ..

पर स्कीम के तहत यूपी के गुंडों को पाकिस्तान क्यों नहीं भेजा जाना था ?? .. शायद इसलिए कि पाकिस्तान तो सभी ढेर सारे थोकबंद देशद्रोहियों को जो भेजना नियत और घोषित है .. और इतने सारे पाकिस्तान में समा भी नहीं पाएंगे .. और यदि यूपी के सारे गुंडे पाकिस्तान चले जाएंगे तो फिर तो पाकिस्तान और मजबूत हो जाएगा और समस्या भी और विकराल हो बेकाबू हो जाएगी .. ..

तो फिर जब यूपी के गुंडों को ये भरोसा हो जाएगा कि - ना तो उन्हें जेल में डाला जाएगा ना डाला जा सकता है - ना पाकिस्तान भेजा जाएगा ना भेजा जा सकता है - तो क्या किसी भी बेवकूफ तक को ऐसी कल्पना भी हो सकती है कि यूपी के गुंडे सुधर जाएंगे ?? .. अरे तौबा जनाब छोडो किस खुशफहमी में जी रहे हो ?? .. यूपी के गुंडे और सुधरेंगे ?? .. संभव ही नहीं !! .. ..

तो क्या फिर यूपी के गुंडे यूपी के बाहर चले जाएंगे ?? .. अरे छोडो जनाब इसमें भी क्या दम रखा है .. गुंडा क्या कभी अपनी मातृभूमि और कर्मभूमि छोड़ता है .. क्या इतिहास में एक ऐसा उदहारण मिलता है कि कोई गुंडा कभी अपनी कार्यक्षेत्र की सीमा लांघते हुए दूर देश गुंडागर्दी करने निकल गया हो .. बल्कि यदि कोई गुंडा अपने कार्यक्षेत्र के बाहर निकला भी हो और कुछ गुंडई कर ली हो तो वो सबसे पहले अपने घर की तरफ ही गुलांटी भरता है .. .. जैसे रविन्द्र गायकवाड़ .. दिल्ली में गुंडागर्दी करके भगा ना सीधे घर के रास्ते ?? .. ..

और वैसे भी यूपी के गुंडे भाग के जाएंगे कहाँ .. अधिकांश जगह तो अब भाजपा की सरकारें हैं जहा नए नवेलों की दाल वैसे भी नहीं गलेगी .. और यदि कोई पंजाब जाता है तो फिर वहां तो गुंडों से भी बड़ेवाले संगठित माफिया हैं जिनसे पटरी बैठाना भी नामुमकिन होगा .. ..

यानि ये कुछ बातें तो तय हो जाती हैं कि - यूपी के गुंडे सुधरने से रहे - गुंडे जेल जाने से रहे - गुंडे पाकिस्तान जाने से रहे - गुंडे यूपी छोड़ने से रहे .. .. तो फिर समस्या का उपाय क्या ?? .. ..

उपाय बहुत सीधा सरल - व्यावहारिक - आजमाया हुआ - प्रचलित - सामान्य - आसान - सफल - अचूक है .. .. और वो उपाय है .. यूपी के सारे गुंडों को भाजपा ज्वाइन कर लेनी चाहिए और भाजपा ने सहर्ष उन्हें पार्टी में ले लेना चाहिए .. और लगता है ऐसा ही होगा .. .. !! जय हिन्द !!

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Sunday 26 March 2017

// सेटिंग हो जाएगी ना ? .. अब नया गधा नया दाम - पहले वो लेते थे अब इधर ला ....//


ये कुछ भाजपाई विधायक विलक्षण प्रतिभा के धनी लगते हैं .. ३-४ दिन पहले मंत्री बने और गजब की जनहित कार्यवाही कर मारी .. मसलन उपेंद्र तिवारी ने यूपी के वनमंत्री बनने के बाद - शायद किसी डिपो का औचक निरीक्षण किया .. और चन्द घंटो में ही जान समझ घोषणा कर दी कि अरबों रुपये का घोटाला चल रहा था - बहुत पहले से कोई १०-१५ वर्षों से चल रहा था .. और डीएफओ सहित ४ अधिकारियों को तत्काल ही निलंबित भी कर दिया .. ..  डेरिंग - डैशिंग - डायनामिक !! .. है ना !! .. ..

यूपी में भाजपा के ७२ सांसद हैं - ३ साल से बैठे-बैठे बिराजमान थे .. कई लाखों भाजपाई भी थे .. कई कार्यकर्त्ता भी थे .. कई विधायक होते हुए विपक्ष में भी थे .. और सांसद होते हुए सत्ता में भी .. .. और उधर समाजवादी दे जम के माल सूत रहे थे .. .. पर शायद सब चुप थे - या खाने दे रहे थे - या मिल बाँट खा रहे थे - या अनभिज्ञ थे - या लल्लू थे - या संलिप्त थे - या बेवकूफ थे - या सजग नहीं थे .. .. अब क्या थे - अपने मुहँ से अपना बखान तो कोई करता नहीं - इसलिए बेहतर वर्णन तो भक्त ही कर सकेंगे .. ..

तो चलो भक्तों !! - बताओ तो ये माजरा क्या हुआ ?? .. और ये भी कि अरबों रूपए के घोटाले में कहीं कार्यवाही इतनी सख्त तो नहीं होगी ना कि इसी १ मामले में निकट भविष्य में ५०-१०० लोग जेल चले जाएंगे - और ५०-१०० करोड़ सरकारी खजाने में वापस आ जाएंगे ?? .. .. या फिर परवारे-परवारे कुछ-कुछ ऐसी सेटिंग हो जाएगी ना .. अब नया गधा नया दाम - पहले वो लेते थे अब इधर ला !! .. ..

और लगे हाथ ये भी बताना कि ये मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ राजस्थान महाराष्ट्र में भी लकड़ी चोरी का कारोबार कैसा चल रहा है - और कब से चल रहा है - और अब तक कितने अरब की चोरी हो चुकी है ?? .. और हाँ यह भी - कि अब आगे क्या होगा ?? .. योगिराज जैसे ही अन्य प्रदेशों में भी ऐसे सारे काम धंधे बंद होंगे .. या फिर - कहीं ऐसा तो नहीं कि भाजपा शासित रहे राज्यों में तो कभी भी ऐसा घोटाला होने का तो प्रश्न ही नहीं उठता - क्योंकि कोई प्रश्न उठाए ऐसी किसी की औकात भी कहाँ ?? .. है ना !! .. ..

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/.. आज फिर साहेब ने 'मन की बात' कही .. उनके 'मन की बात' !! ..
बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी ..
शहीद भगतसिंह सहदेव राजगुरु को याद किया ..
चंपारण सत्याग्रह और गांधी जी की बात कही ..

'न्यू इण्डिया' और 'सवा सौ करोड़ देशवासियों' का जाप किया .. वो भी स्पष्ट करते हुए कि बिना किसी बजट के ..
समाज के प्रति संवेदनाओं की बात कही .. और इसके लिए दूसरों के द्वारा किये अच्छे कामों का उल्लेख किया ..

फिर डिजिटल पेमेंट का विज्ञापित पहलू दोहराया .. कालेधन और भ्रष्टाचार का भी ज़िक्र करते हुए समझाया डिजिटल पेमेंट से क्या क्या होगा .. और भीम-आंबेडकर को भी अपनी बात से जोड़ा ..
और बड़ी सफाई से स्वच्छता अभियान आंदोलन की बात कहकर दूसरों के योगदान को सराहा ..

और फिर भोज झूठा ना छोड़ने की सारगर्भित बात पर बहुत बोले .. और लगे हाथ "डिप्रेशन" की बात पर भी लंबी उपयोगी बातें करी .. या यूं कहूँ कि उपदेश दिए .. या फिर और सही कहूँ तो उपचार ही बता दिए .. जिसके बहाने "योग" के फायदे भी बता दिए ..

आज भी कोई बात गलत नहीं कही ..
आज भी कोई बात वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सही नहीं कही ..
मुझे आज भी 'मन की बात' जंची नहीं ..
पर भक्तों को निश्चित जंची होगी .. इसलिए उनको बधाई !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// हाय !! .. दिल्ली पुलिस को कुछ मत कहना .. वो तो 'आप' के लिए ही है ....//


रविन्द्र गायकवाड़ - गुंडा गायकवाड़ - शिवसेना सांसद - सैंडल मार गायकवाड़ - बिज़नस क्लास में उड़ने वाला थर्ड क्लास सांसद .. बेशर्म गायकवाड़ .. बेवकूफ सांसद .. और ऐसी ही कितिनी ही बातें हमने सुनी - हमने कही - देश ने कही और देश ने सुनी .. ..

पर दिल्ली पुलिस के खुल्ले कान में डिस्को करती जूँ कुछ असर की उत्पत्ति नहीं कर सकी .. और दिल्ली पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं करी .. अपराध कर्ता गायकवाड़ को अब तक गिरफ्तार नहीं किया .. और ना ही गुंडे गायकवाड़ के विरुद्ध किसी अन्य प्रकार की दंडात्मक कार्यवाही पेली ..

पर क्या देश के किसी जिम्मेदार को किसी ने यह कहते सुना कि - दिल्ली पुलिस गुंडों से डरने वाली या गुंडों को संरक्षण देने वाली सबसे भ्रष्ट निकम्मी दयनीय पुलिस निकली .. नहीं ना ?? .. कारण ?? .. ..

कारण मैं बताता हूँ - क्योंकि दिल्ली पुलिस 'आप' पर तुरत-फुरत सही-गलत कार्यवाही पेलने वाली पुलिस जो ठहरी !! .. समझो तो - वो तो 'आप' के लिए ही है - हमेशा तत्त्पर खूंखार मुस्तैद !! .. ..

अब यदि भक्त मेरे दिए कारण से संतुष्ट ना हों  तो कारण वो बता दें .. या कह ही दें कि दिल्ली पुलिस सबसे काबिल निष्पक्ष पुलिस .. आखिर कहने में क्या जाएगा .. इज़्ज़त होगी तो इज़्ज़त को बट्टा लगेगा ना !! .. है ना !! .. ..

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Saturday 25 March 2017

/.. मोदी-शाह यूपी में जब प्रचार करने में खप रहे थे तो अखिलेश पर भड़क गए थे - कि अखिलेश केंद्र सरकार के काम का हिसाब किताब क्यों मांग रहे हैं - वो हिसाब तो ५ साल बाद २०१९ में दिया जाएगा .. अभी तो यूपी का चुनाव है इसलिए अखिलेश यादव अपने ५ साल के काम का हिसाब किताब दे .. ..

और आज एमसीडी चुनाव के प्रचार में शाह दिल्ली के रामलीला मैदान में 'पंच परमेश्वर' से मुखातिब हो केजरीवाल और केजरीवाल की राज्य सरकार पर भड़क रहे थे - पर एमसीडी के भाजपा के १० साल के कार्यकाल के बारे में १ शब्द नहीं बोले .. ..

इसे कहते हैं - राजनीति - बेशर्म राजनीति - पारदर्शी नग्न राजनीति .. .. किसी भक्त को कोई बिलाशक आपत्ति ?? .. ..

और यदि आपत्ति हो तो भक्त स्वयं बता दे कि १० साल में एमसीडी में भ्रष्टाचार के अलावा क्या उपलब्धि रही जो बेचारे मोदी शाह जनता के बीच बखान कर सके .. नहीं ना ?? .. .. 

तो बोलो तो रे - मोदी मोदी मोदी .. .. और लगा दो धन-बल-तिकड़म और कोशिश करो एमसीडी जीतने की .. क्योंकि और कोई विकल्प भी तो नहीं है .. है ना !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. केवल 'पंच परमेश्वर' ?? .. 'पांच देवियाँ' क्यों नहीं ?? .. ..

शेक्सपियर के बाद अब बारी बेचारे मुंशी प्रेमचंद की .. .. अब दिल्ली में हजारों रोमियो - पांच के झुण्ड में - 'पंच परमेश्वर' के नए नाम से - प्रेमचंद की आत्मा को झकझोरने का काम करेंगे ....

लगता है फ़र्ज़ी डिग्रीधारी अनपढ़ों का साहित्यकारों से पैदाइशी पंगा है .. जो स्वाभाविक भी है .. क्या है ना कि इनका सारा अध्ययन अनुभव ज्ञान केवल १ गुणित ३ शब्द में समाहित संकलित हो चुका है - मोदी मोदी मोदी .. ..

वैसे मैं सोच रहा था कि केवल 'पंच परमेश्वर' ही क्यों ?? .. 'पांच देवियाँ' भी क्यों नहीं ?? .. ..

भई !! ऐसी की तैसी ही करनी है तो फिर एक ही बार में पूरे तंत्र यानि की पंचतंत्र की ही क्यों ना हो जाए ?? .. है ना थोबड़े पर पंच मारने जैसा आईडिया !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// अरे चप्पूबाज नाव-वालों !! - तुम्हें तो पानी भी नसीब नहीं होगा ..//


इस देश की नैय्या पार लगाने वाले ठेकेदारों के बारे में .. मेरी छोटी सी प्रतिक्रिया .. ..

ये जो लगातार चप्पू चलाते दिख रहे हैं - हिचकोले खाते दिख रहे हैं - एक हाथ चप्पू पर और एक हाथ आसमान की ओर कर मल्हार राग में मांझी के गीत चिल्लाते सुनाई दे रहे हैं .. ये जो जूते-मौजे पहने हुए हैं और जिनके कमर के नीचे के पहनावे घुटने तक चढ़े हुए दिख रहे हैं - और सर पर दुपट्टे बंधे हैं .. ये जो नाविक जैसे दिख भी नहीं पड़ते हैं - उनको मेरी तरफ से एक आवश्यक सूचना .. ..

थोड़ा रुको - चप्पू चलाना बंद करो .. तुम्हारी नाव अभी भी नदी किनारे की रेत पर ही है .. ..

अतः इतने अत्यधिक दृष्टिगोचर हो रहे प्रयासों के पहले थोड़ा बहुत आवश्यक न्यूनतम कार्य अवश्य ही कर लें तो नाविक ना सही कम से कम नाव को पानी में धकेलने वाले नदी किनारे के हम्माल का कार्य तो बखूबी करते दिखोगे .. ..

बाकी तो कब नाविक मांझी मल्लाह आकर तुम्हें नाव में से उतार - रेत में नहला-धुला - रेत में ही डुबो देंगे - तुम्हें पता भी नहीं चलेगा .. तुम्हें तो पानी भी नसीब नहीं होगा .. ..

समझे मेरे चप्पूबाज नाव-वालों - देश के खेवनहारों !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Friday 24 March 2017

/.. अब शेक्सपियर को खंगाला जा रहा है .. सोते-सोते अनपढ़ों को ज्ञान हो रहा है कि रोमियो शेक्सपियर की कहानी के एक पात्र का नाम था - जो एक सच्चे प्यार का परिचायक था - वो एक सकारात्मक पात्र था - ना कि विलेन .. .. पर सड़कछाप मनचलों को रोमियो कहा जा रहा है .. और एंटी रोमियो स्क्वाड बना दिए गए हैं .. मनचलों की धरपकड़ की जा रही है .. और साथ में कुछ रोमियो भी पकडे पीटे जा रहे हैं - और कुछ भाई भी कुछ बेटे भी कुछ मंगेतर भी कुछ दोस्त भी कुछ पति भी कुछ अच्छे भी कुछ शरीफ भी .. .. और इसलिए घोर आपत्तियां सामने आने लगी हैं .. .. 
और अब तो रोमियो के नाम के दुरूपयोग पर भी आपत्तियां आने लगी हैं .. ..
मेरी प्रतिक्रिया .. .. नाम में क्या रखा है .. क्या सेवक आपको कभी भी आपकी सेवा करते दिखा .. क्या चौकीदार आपकी चौकीदारी करते दिखा - क्या साहब में आपको साहब होने का एक भी गुण दिखा ?? नहीं ना ?? .. तो क्या हो गया यदि फ़ोकटियों द्वारा गुंडों को रोमियो का नाम दे दिया तो .. क्या हो जाएगा यदि कोई अँधा अपना नाम नैनसुख रख लेगा तो .. और कौनसा पहाड़ गिर गया जब कुछ संकीर्ण कट्टर हिन्दूपंथियों ने अपनी पार्टी का नाम भारतीय जनता पार्टी रख लिया तो .. ..
इसलिए मित्रो .. नाम पर बवाल ना काटें .. एंटी रोमियो स्क्वाड पर बवाल काटना है तो इसके भाजपाई तरीके से कार्य करने की बात पर काटें .. समझे ना .. अन्यथा ये फिर इस स्क्वाड को मजबूरी में बंद करते समय सारी तोहमत आप पर ही मढ़ देंगे .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// किसान क़र्ज़ माफ़ी !! .. मुख्यमंत्री क्या करेंगे जो घोषणाओं के बाद उत्पन्न हुए ?? ..//


ना हास्य की बात - ना परिहास की - ना अट्टाहास की - ना इतिहास की ..

प्रधानमंत्री ने कहा था .. यूपी की पहली कैबिनेट मीटिंग में ही सभी किसानों के कर्ज़े माफ़ कर दिए जाएंगे ..
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा था .. पैसे केंद्र सरकार देगी ..
कल केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा है .. पैसे केंद्र सरकार नहीं देगी - राज्य सरकार अपनी खुद की व्यवस्था करे ..

राज्य सरकार चलाने का दायित्व और अधिकार मुख्यमंत्री का .. जो घोषणाओं और वक्तव्यों के बाद उत्पन्न हुए हैं ..
राज्य के किसान क़र्ज़ के संबंध में निर्णय लेने का दायित्व और अधिकार राज्य के कृषि मंत्री का ..
राज्य के वित्त के संबंध में निर्णय लेने का दायित्व और अधिकार राज्य के वित्त मंत्री का ..

पर ध्यान रहे .. ..
केंद्र और राज्य सरकार के पैसे - जनता के पैसे ..
केंद्र सरकार का राज्य सरकार के अधिकारों का अतिक्रमण उपयुक्त नहीं .. 
और मंत्रीपद की शपथ इस प्रकार से कर्ज माफ़ी करने कराने की अपेक्षा ना तो केंद्रीय मंत्री ना राज्य के मुख्यमंत्रियों या मंत्रियों से रखती है .. ..

मैनें बताना था बता दिया .. फिर भी घोषणानुसार यूपी के किसानों का क़र्ज़ माफ़ करना हो तो कर दो .. और मुझे भी माफ़ करो यारों !! .. .. और पहले नेक काम के लिए मेरी तरफ से भी अग्रिम धन्यवाद !! .. .. पर ध्यान रहे .. मंत्रिपद की शपथ का लिहाज़ और मंत्रियों से अपेक्षा का मामला ज़रा अच्छे से समझ लेना .. .. ठीक !!

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// डरने की जरूरत नहीं है ?? .. या फिर डराना ही नहीं चाहिए ?? ....//


रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में ऐसे कई वाकये आते हैं जब कोई किसी को कह रहा होता है कि डरो मत डरने की जरूरत नहीं - पर सामने वाला डर रहा होता है .. वो डर रहा होता है कभी बिना किसी ठोस कारण के और कभी बहुत ही वास्तविक कारण से भी .. ..

मसलन एक स्थिति ऐसी होती है कि - एक 'खराब लापरवाह मेजबान' अपने घर में डॉगी को खोल के रखता है - और जब मेहमान डरता है तो उसे समझाता है - डरो मत ये कुछ नहीं करेगा - और लगे हाथ डॉगी को हिदायत भी देता रहता है - नो !! कम !! .. और उधर डॉगी मेहमान के आस पास मंडराता रहता है और डर के मारे मेहमान की जान सूखती रहती है .. और कभी कभार ऐसा बद्तमीज़ मेजबान मेहमान का उपहास भी करता है - और एक अजब ही प्रकार के आनंद की अनुभूति भी करता है .. ..

और दूसरी स्थिति ऐसी होती है कि - एक 'अच्छा शिष्टाचारी मेजबान' घर में मेहमान आने पर डॉगी को चेन से बांध देता है - और फिर मेहमान का स्वागत करता है - और फिर भी यदि डॉगी के भौंकने मात्र से ही मेहमान डरे तो वो डॉगी को जोर से डांटता भी है - डॉगी नो !! - और उसे चुप कराता है - या फिर उसे वहां से लेजाकर कहीं और बाँध आता है .. और तब मेहमान कृतज्ञ हो काफी बेहतर महसूस करता है .. ..

लेकिन अफ़सोस !! .. आजकल देश में ये डरने डराने की 'खराब लापरवाह मेजबान' जैसी स्थिति निर्मित हो रखी है .. .. जब से केंद्र और अब यूपी में भाजपा की सरकार आई है - कुछ विशेष लोगों को खुल्ला छोड़ कहा जा रहा है कि .. अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं है .. .. गोया कि समझाया जा रहा है कि "डॉगियों से डरने की जरूरत नहीं है - ये डॉगी कुछ नहीं करेंगे - डरो मत" .. .. और 'डॉगी' अपनी हरकतों से बाज़ आएँगे ऐसा भरोसा होता ही नहीं है .. और इसलिए स्वाभाविक ही एक डर का वातावरण व्याप्त हो रहा है .. ..

और मेरा कहना सिर्फ इतना ही है कि आप देश का वातावरण ही ऐसा बना कर रखें कि यहाँ कोई भी स्वाभाविक रूप से ही ना डरे .. और हाँ डराने का कुत्सित प्रयास कर किसी का उपहास करने की और आनंदित होने कि तो सोचें भी नहीं .. क्या है ना कि ऐसा अकारण करना आपको शोभा नहीं देता .. ये तो शिष्टाचार के मूल सिद्धांतो के ही खिलाफ है  .. इसे बद्तमीज़ी भी कहते हैं .. ..

यानि बेहतर होगा कि उपरोक्त उदहारण के परिप्रेक्ष्य में एक 'अच्छे शिष्टाचारी मेजबान'  का परिचय दिया जाए और 'डॉगियों' को चेन से बांधकर रखा जाए .. ..

और यदि अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा अच्छा व्यवहार होगा तो ना केवल वो स्वतः ही नहीं डरेंगे - बल्कि वो निडर प्रसन्न कृतज्ञ हो आपके गले भी लगेंगे - और सबके साथ कंधे से कंधा मिला देश को आगे बढ़ाएंगे !! .. .. तो कुछ ऐसा ही कर के तो देखें जनाब !! .. धन्यवाद !! .. !! जय हिन्द !! .. ..

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Thursday 23 March 2017

// औचक भौचक परीक्षण भी कर लो - अब थोड़ा 'योगी योगी योगी' भी तो कर लो ....//


यूपी के नए सीएम और पुराने योगी तत्काल औचक निरीक्षण शुरू कर दिए हैं .. और सख्त कड़ा संदेश दे डाला है कि यह निरीक्षणों की शुरुआत है .. किसी भी हालत में सबको सुधरना ही होगा .. कोई कोताही बर्दाश्त नहीं होगी .. कोई भी कदम उठाने में हिचकेंगे नहीं .. आदि !! .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

पूरी तरह हरकत में आए नरेंद्र के भी नाथ ..
देवेंद्र त्रिपेंद्र रूपानी रह गए पीछे दोदो हाथ ..
थोड़ा तुम भी सीखो और हिलो रघुवर दास .. 
अब तेरा क्या होगा वसुंधरा रमन शिवराज ..

ऐसा इसलिए कि ये भौचक करने वाले औचक निरीक्षणों के परिणाम नरेंद्र शासित देश और अन्य भाजपा शासित प्रदेशों में कभी प्रचारित नहीं किये गए .. या फिर कभी परिणाम हासिल ही नहीं हुए थे ?? .. ..

मसलन !! .. क्या ये मध्यप्रदेश में औचक निरीक्षण करने में कोई मनाही थी या किए नहीं - या शुरू में किए होंगे - बाद में नहीं - या फिर भौचक्के करने वाले औचक निरीक्षणों के बावजूद भी कोई परिणाम हासिल हुए नहीं .. या फिर शिवराज को लगा कि - जो चल रहा है चलने दो - जो मर रहा है मरने दो - जो मजे में है मजे में नहीं रहने दो - चर्चित सिंहस्थ के बाद नर्मदा यात्रा आदि चलने दो .. और चुनाव तो १८ में हैं - अभी १७ तो निकलने दो !! .. ..

इसलिए आज फिर भक्तों को एक मुफ्त सलाह - कुछ औचक भौचक परीक्षण भी कर लो यार .. और 'मोदी मोदी मोदी' के अलावा अब थोड़ा 'योगी योगी योगी' भी तो कर लो यार !! .. बाद की बाद में देखी जाएगी - है ना !! .. ..

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// भक्तो !! ..गंगा मैय्या पर हत्या का मुक़द्दमा ? .. आस्था की तो वाट लग जाएगी !! ....//


उफ्फ्फ !! ये क्या हो रहा है ?? ये हो क्या रहा है ?? .. क्या आस्था इस देश में कांग्रेस जैसी हैसियत पा जाएगी ?? .. ..

अरे करोड़ों की आस्था रही कि रामलला वहीँ पैदा हुए थे जहां अयोध्या में बताए जा रहे हैं - पर कोर्ट कहती है प्लाट की मिलकियत बताओ .. और वर्षों से जद्दोजहद चल ही रही है - और इसमें कई इंसानी खेपें निपट गईं - और एक दो ताज़ी खेपें भी सर पर टोपी दुपट्टे सजाए निपटने निपटाने के लिए तैयार खड़ी हैं .. ..

और ये तो पुराना उलझा उलझाया मामला था .. जो अभी सुलझा भी नहीं था - कि देहरादून हाईकोर्ट ने फतवा जैसा जारी कर दिया - कि गंगा आम मनुष्य माफिक .. .. ये तो हद्द हो गई !! .. ..

अरे भाई जो गंगा केवल साहेब की नहीं पर करोड़ों की माँ हो - और जिन गंगा मैय्या में पूरे विश्व के करोड़ों लोगों की आस्था हो - जो पूजी जाती हों - जो प्रेरणा देती हों - जो जीवन देती हों .. वो एकाएक इंसान घोषित कर दी जाएं .. वो भी बकायदा "कानूनन इंसान" ??

और मज़े या दुःख की बात ये कि लाखों भक्तों में अब तक कोई विचलन नहीं ?? कोई थिरकन नहीं ?? कोई प्रतिक्रिया नहीं ?? कोई रोष नहीं ?? कोई मोर्चा नहीं ?? कोई विरोध नहीं ?? ..

अरे भक्तो तुम्हे ये हो क्या गया है ?? .. ये तुम्हारी इतनी वर्षों पुरानी आस्था को हो क्या गया है ?? ..

अब मुझे बताओ तो कि कल से यदि गंगा में बाढ़ आई और किसी आम इंसान को बहा ले गई और गंगा मैय्या पर मुक़द्दमा कायम हो गया - इरादतन या गैर इरादतन हत्या का - और फिर सजा भी हो गई - तो क्या कर लोगे ???? .. .. कभी सोचा है ?? .. या बस जब देखो आस्था की बातें करते रहोगे या सबको फ़ोकट समझाते ही रहोगे ?? .. जागो भक्तो जागो !! .. ..

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Wednesday 22 March 2017

// ये सब कही किसने थी - और करना किसको है ?? .. तो चल अलग हट तो .... ..//


चल हट !! .. पहली कैबिनेट मीटिंग में निर्णय लेने की बात कही थी .. तो ले लेंगे .. लागू करने की थोड़े ही कही थी ..
बात छोटे किसानों के क़र्ज़ माफ़ी की कही थी .. कितने छोटे - कौन छोटे - क्यों छोटे - कैसे छोटे .. ये सब भी तय करेंगे - तब ही तो क़र्ज़ माफ़ी करेंगे ..
हाँ कही थी - बूचड़खाने की भी बात कही थी - कहा था अवैध बंद कर देंगे .. यानि वैध रूप से तो अवैध बंद .. पर अवैध रूप से अवैध चलते रहेंगे तो देखेंगे ..
हाँ - हाँ - एंटी रोमियो स्क्वाड की भी बात कही थी .. रोमियो की खोज कर रखी थी - उनके स्क्वाड बना दे रहे हैं - अब वो एंटी सोशल कार्यवाही करेंगे - तो देखेंगे .. 
बाकि वो कानून व्यवस्था की भी कही थी .. तो कानून अपना काम करेगा .. और हम अपनी व्यवस्था जमा ही रहे हैं .. ..

और - और मंदिर और गंगा ?? .. .. अरे यार !! अब फ़ोकट बात मत करो .. कुछ भी तय नहीं कहा था .. .. समझे ?? .. ..

पर यार अब तुम भी एक बात बताओ !! .. ये सब कही किसने थी - और करना किसको है ?? .. तो चल अलग हट तो - बहुत हो गया - अब जरा व्यवस्थाएं जमाने दो तो !! .. .. 

वैसे मैं एक बात बताऊँ .. साहेब का तो मुकाबला हो नहीं सकता - पर फिर भी ये कुछ काम कर तो रहे हैं - अब क्या है ना कि ये तो समझा-समझा के मर गए - हर काम में समय तो लगता है ना !! .. २०२२ में ये सब बता देंगे .. या ना भी बताएंगे तो कर क्या लोगे ?? .. ..

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// एक समझौता "समझे?" "समझाऊँ?" के साथ करा लिया जाता है - दूसरा "समझाकर" ..//


/.. अबे ओ !! इधर आ तो .. देख कान खोल के सुन्ले .. कोर्ट के बाहर समझौता कल्ले .. वरना !! .. समझा ?? - या समझाऊँ ?? .. ..

कोर्ट के बाहर - कोर्ट के तंग प्रांगण में - अपराध जगत के - बंद मकानों में - खुले गलियारों में - और विशाल मैदानों में - ऐसा कुछ तो हमेशा से कहा जाता रहा है - किया जाता रहा है - होता आया है .. .. और इसलिए मैं ये दावे से कह सकता हूँ कि इस देश में सबसे ज्यादा समझौते यदि किसी ने किए होंगे या जबरन करवाए होंगे - तो वो सक्षम अपराधियों ने ही किए करवाए होंगे .. शर्तिया !! .. ..

इसलिए आप किसी भी समझौते की पेशकश जो "अबे" से शुरू होकर "वरना !!" "समझा?" "समझाऊँ?" पे ख़त्म होती है उसे समझौते की पेशकश ना समझते हुए सक्षम अपराधियों की चाल या दांव या वार या हरकत समझेंगे तो उपयुक्त होगा .. ..

पर आपको यह भी समझना होगा कि जब दो पक्ष आपस में लड़ते भिड़ते एक दूसरे को नुकसान पहुंचाते - मरते मिटते खपते ही रहते हैं - और तब यदि कोई दोनों का हितैषी - या कोई अन्य सज्जन बिना किसी स्वार्थ के - दोनों को समझाते हुए दोनों को ना लड़ने की उचित नेक सलाह देते हुए समझौता करने के लिये समझाता है - और प्रेरित करता है - तो इसे आप बेहतरीन नेक प्रयास ही मानेंगे तो उपयुक्त होगा .. ..

अतः आप कह सकते हैं .. समझौते २ प्रकार के होते हैं .. ..
पहला समझौता जो "समझे?" "समझाऊँ?" के साथ कराया जाता है .. .. जैसा माननहीं स्वामी कराना चाहते हैं .. ..
और दूसरा समझौता जो "समझाकर" कराया जाता है .. .. जैसा कि माननीय जस्टिस खेहर कराने का प्रयास करते दिख रहे हैं .. .. 

समझ गए ना !! .. या फिर समझाऊँ ?? .. हा !! हा !! हा !! .. ..

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// ईश्वर अल्लाह के प्रॉपर्टी विवाद से हटकर - आओ इंसानी मसलों का समाधान निकालें ..//


यार एक बात समझ नहीं आती .. सुप्रीम कोर्ट ने कहा मंदिर-मस्जिद मामला मिल बैठ कर सुलझा लो .. तो ठीक है आज कहा है - कल एजेंट बैठ जाएंगे - परसों बात करेंगे - और पल्ले रोज़ फैसला भी कर लेंगे ..

पर कोर्ट ने ये तो नहीं कहा है ना कि जब तक मंदिर-मस्जिद का मामला नहीं सुलझता तब तक विकास की बात मत करना - बाकी सारी शिकायतें जप्त कर लेना - टुच्चों को गालियां देना बंद कर देना - नेताओं से सवाल-जवाब बंद कर देना .. नहीं ना !! .. ..

तो आओ !! - जब तक ईश्वर अल्लाह अपने-अपने एजेंटों के जरिये बातचीत में व्यस्त रहते हैं - अपनी समस्याओं से जूझते रहते हैं - अपनी-अपनी प्रॉपर्टी पर अपना अधिकार जमाते हैं .. हम सब इंसान इंसानियत की बातें करते रहें .. ..

तो आओ !! - किसानों की क़र्ज़ माफ़ी - बढ़ती महंगाई - गरीबी - बेरोज़गारी - भ्रष्टाचार - पेट्रोल डीजल रसोई गैस में सरकारी लूट - सरकारी दादागिरी - कालाधन - मंत्रीधन - नेताधन - अफसरधन - महिला सुरक्षा - पुरुष असुरक्षा - आदि अनेक इंसानी विषयों पर मन-मंथन करते हुए - इंसानों और इंसानियत के दुश्मनों को - ईश्वर अल्लाह पर से ध्यान हटा ज़रा इंसानों के बारे में भी सोचने हेतु मजबूर करते रहें .. ..

बाई गॉड की कसम !! - यदि सभी इंसान एक हो जाएं ना .. तो हम ईश्वर अल्लाह दोनों को बड़ी-बड़ी बेशकीमती प्रापर्टी यूं ही गिफ्ट में दे मालामाल कर सकने की कूवत हासिल कर लेंगे - और टुच्चों को बेघरबार करने की भी .. है ना !! .. ..

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Tuesday 21 March 2017

/.. चलो मान लेता हूँ कि - सुप्रीम कोर्ट समझदार है .. और सुप्रीम कोर्ट ने समझदारी की ही बात करते हुए कहा है कि अयोध्या स्थित मंदिर मस्जिद मामले पर दोनों पक्षों को मिल बैठकर बात करनी चाहिए और आपसी सहमति से मामले को सुलझाना चाहिए .. ..
तो अब आप भी मान लेना कि मैं सुप्रीम कोर्ट से भी ज्यादा समझदार हूँ .. क्योंकि एक सुझाव (पूर्व में भी कई इंसानों द्वारा दिया गया) मेरा भी है .. ..
ना मंदिर !! - ना मस्जिद !! - बना डालो एक अस्पताल !! .. सबके इलाज के लिए फ्री - सबको जीवनदान देने का निमित्त .. ..
भले ही एक भी नेता खुश नहीं होगा - एक भी दुष्ट हामी नहीं भरेगा .. पर याद रहे - हर एक इंसान मुझ से सहमत होगा .. ..
इसी आशा के साथ आप सबका मुझसे सहमत होने की प्रत्याशा में धन्यवाद !! ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. आज अभी-अभी सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर को धर्म और आस्था का मामला बताया है .. जबकि ये मामला कोर्ट में तो 'टाइटल सूट' के रूप में चल रहा था .. ..
और कोर्ट ने ये भी सुझाव दिया कि - इस मामले पर दोनों पक्षों को मिल बैठकर बात करनी चाहिए और आपसी सहमति से मामले को सुलझाना चाहिए .. ..
मेरी प्रतिक्रिया .. ..
सुप्रीम कोर्ट के स्वागत योग्य सुझाव का सबने स्वागत ही करना चाहिए - और तदनुसार सार्थक प्रयास भी होने ही चाहिए .. ..
पर साथ ही जो लोग आपसी सहमति के साथ मामले को सुलझाने की  विचारधारा के पक्षधर हों उन्हें यह भी मान लेना चाहिए कि बाबरी मस्जिद या ढांचे को ढहाना इस आपसी सहमति की मूल विचारधारा के विपरीत हो गलत ही था .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// क्या यूपी के अलावा अन्य किसान गधों के लिए घांस की खेती करके ज़िंदा रहेंगे ?? ..//


अरे बाप रे !! .. OROP की घोषणा कर दी थी - साहेब ने खुद करी थी - फिर साहेब ने खुद बताया कि जब घोषण करी थी तो अनुमान था - होगा ३-४ हजार करोड़ !! .. पर जब करने गए तो मालुम पड़ा १०-१२ हज़ार करोड़ .. इसलिए पसीने छूट गए .. ..

और अब एक बार फिर !! .. किसान कर्ज माफ़ी की घोषणा करी है - साहेब ने खुद करी है - साहेब का अनुमान कितना था अभी मालुम नहीं - पर अनुमान अब जो बताया जा रहा है वो है यूपी में ही ९२ हजार करोड़ लगेंगे .. .. तो अब क्या होगा ?? .. अब क्या छूटेंगे ?? .. पसीने या दस्त !! .. ..

या फिर साहेब ने कहा है तो करने का दावा कर ही देंगे - OROP का दावा भी तो कर दिखाया ना !! .. ..

तो आइये अब आगे की बात हो जाए कि - क्या ये १००% होने वाली १००% कर्ज माफ़ी - वो भी सब्सिडी की घोर विरोधी भाजपा पार्टी की सरकार द्वारा होना - कहीं भक्तों को भेरू या मदमस्त तो नहीं कर देगी ?? .. ..

और यदि यूपी के किसानों का कर्ज माफ़ होगा - तो क्या देश के अन्य किसान गधों के लिए घांस की खेती करके ज़िंदा रहेंगे ?? .. ..

प्रश्न तीखे हैं - ओर आशा है साहेब क़र्ज़ माफ़ी के साथ ऐसे ही तमाम प्रश्न करने वालों को भी माफ़ कर ही देंगे .. क्योंकि अब तो सहिष्णुता अपने चरम पर जो है .. .. नहीं क्या ?? .. ..

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Monday 20 March 2017

// अब तो सारा दारोमदार मोदी पर है - या - गैरभक्त जमात पर ....//


सारी उठापटक चलती रही .. चुनाव की हर एक कवायद अपने चरम पर रही .. कौन हार गया कौन जीत गया - क्यूँ जीत गया कैसे हार गया - किसने जिता दिया किसने मरवा दिया - सब पर चर्चा होती रही .. .. और इस बीच मोदी छाए रहे - और चुनाव प्रचार में अपना लोहा सिद्ध करते हुए वर्तमान में किसी भी हल्के-भारी मोटे-पतले लम्पट-लंफूट आरोपी-अभियुक्त अच्छे-बुरे को चुनाव जिता देने के चमत्कारिक नेता भी स्थापित हो गए .. .. 

और इस बीच आम जनता मुद्दों और समस्याओं को नज़रअंदाज़ करते हुए मस्त सी रही - मोदी मोदी मोदी करती रही .. और मोदी के नाम पर थोकबंद सीटें जिता दीं .. और अब देश में मोदी ही सर्वेसर्वा .. वो ही केंद्र में एकमात्र सत्तापक्ष हैं वो भी बिना विपक्ष .. ..

पर इस बीच मुझे ये सुनने या जानने को नहीं मिला कि आखिर मोदी ने कौनसा अच्छा काम किया ?? .. ..

खैर जिनको मोदी के अच्छे कामों के बारे में जानकारी होगी और उस पर यकीन होगा उन्हें मोदी मुबारक .. ..

पर जिन्होंने मोदी को मोदी की बातों से बहक कर समर्थन किया होगा शायद अब उन्हें अपने दिल दिमाग का उपयोग करना होगा - और मोदी के बचे हर एक दिन के कार्यकाल के कार्य-निष्पादन का आंकलन करते रहना होगा .. और यदि वो ऐसा नहीं करते हैं - तो शायद २ साल बाद उन्हें अपने स्वयं का आंकलन करना होगा कि कहीं वो भी भक्त तो नहीं - या वो ही भक्त तो नहीं ?? .. ..

वैसे ऐसा होगा - मुझे शंका हैं .. क्योंकि जो भक्त होगा वो सोचेगा क्यों ?? .. और जो सोचेगा वो भक्त क्यों होगा ?? .. ..

इसलिए अब तो सारा दारोमदार मोदी पर है - या - गैरभक्त जमात पर .. .. है ना !!

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/.. मुंडे सर - सर मुंडाते ओले पड़े .. .. मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को १५ दिन में संपत्ति का ब्यौरा देने का आदेश दिया है .. ..
मेरे सूत्र बता रहे हैं कि हर कोई बहुत ही कन्फ्यूज्ड और गुस्से में भी है .. ..
वो इसलिए कि कोई नहीं बता पा रहा है कि ब्यौरा जिस दिन मंत्री बने उस दिन का देना है या १५ दिन बाद का बढ़ा हुआ !! .. ..
फिर १०-१२ तो गुस्से में मंत्री पद छोड़ने को आतुर से दिखने लगे कि हर १५ दिन में ब्यौरा देकर फंसना है क्या ?? .. ..
लेकिन फिर समझाने पर कि - केवल १ बार ब्यौरा देकर ५ साल बेफिक्र रहते हुए - मोदी जी के एजेंडे को बढ़ाना है - सेवा-सेवा करते रहना है - सबका साथ लेकर सबका विकास बताना है - और 'परदेस' को उत्तम बनाना है .. तब कहीं जाकर मंत्री पद पर बने रहने को बहुत सहज भाव से राज़ी हो गए .. ..
और सूत्र ये भी बता रहे हैं कि - अब सब ठीक-ठाक कर लिया गया है - और इस कार्य में केंद्र के कई अनुभवी मंत्रियों और संघ के पदाधिकारियों ने अहम् भूमिका निभाई .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Sunday 19 March 2017

/.. योगी जी का संदेश - "अनाप शनाप बयानों से बचें नेता और मंत्री" !! .. ..
हाय रे !! .. इस परिवर्तन को क्या कहूँ .. ..
अहसास !! .. या मासूमियत !! .. या ठहराव !! .. या आत्म-मंथन !! .. या आत्म-बोध !! .. या सद्बुद्धि !! .. या मजबूरी .. .. या फिर - उलटी या पलटी !! .. ../ 

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. अब तो भक्त भी थिरकन के साथ असहज हो उठे हैं .. बड़े बेचैन हो आग्रह करने वाले लंबे-लंबे पोस्ट डाले जा रहे हैं कि योगी की छवि से डरिये मत डराइए मत - खुले मन से देखिये खुले मन से देखने दीजिये .. योगी के पूर्व के बयानों और उनकी छवि से परेशान नहीं हों - वो व्यक्ति बहुत अच्छे हैं .. .. और पोस्ट को आगे फॉरवर्ड करने की अपेक्षा भी है !! .. ..
यानि भक्त जनता को समझा रहे हैं कि - व्यक्ति और व्यक्ति के बयान अलग अलग होते हैं .. ..
हा !! हा !! हा !! .. मालुम है - इतने नर्वस मत हो भक्तों .. हमें अच्छे से सब मालुम है कि 'जुमले' क्या होते हैं .. हमसे बेहतर ये कौन जान सकता है .. .. भक्तों !! मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि तुम्हारे योगी का कुछ बुरा नहीं होगा - जो होगा यूपी की जनता का होगा .. क्योंकि 'जुमलों' को इस देश की जनता संजीदगी से लेती भी कहाँ है ?? .. है ना !! .. .. समझे !! बुज़दिल कहीं के !! .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// भांड या मंत्री - फर्क क्या पड़ा भाया ?? ....//


सुना है सिद्धू कह रहे हैं कि वो रात में कॉमेडी शो की रिकॉर्डिंग करेंगे .. ..
तो फिर दिन में क्या करेंगे ?? - विधानसभा जाएंगे ना - वहां भी तो कॉमेडी ही करेंगे ना !! .. और विधानसभा में भी तो रिकॉर्डिंग होती ही है ना .. तो फिर फर्क क्या पड़ा भाया ?? .. ..
और रात के भी पैसे मिलेंगे - और दिन के तो मिलेंगे ही .. तो फिर भांड या मंत्री - फर्क क्या पड़ा भाया ?? .. ..

वैसे एक और बात बता दूं - सिद्धू अन्य से तो लाख बेहतर हैं .. कम से कम हंसाते तो हैं .. पर अन्य अधिकांश मंत्री तो रुलाते ही हैं .. .. दिन हो या रात .. विधानसभा हो या बाहर - उनकी कौन सी ऐसी हरकत होती है जिस पर हंसा जाए - या हंस ही लिया जाए - या रोया ना जाए !! .. ..

इसलिए ये भी सोचियेगा कि मंत्री कोई भी हो .. इन्हें दिन रात कार्य करने ही क्यों दिया जाए .. इन्हें हंसाने भी क्यों दिया जाए और इन्हें रुलाने भी क्यों दिया जाए ?? .. बल्कि इन्हें अपने मंत्रिपद से संबंधित कार्य ही करने के लिए कानूनन मजबूर क्यों ना किया जाए ?? .. ..

और फिर प्रधानमंत्री सहित अन्य सभी मंत्रियों को व्यक्तिगत या किसी भी प्रकार के पार्टी कार्य करने से कानूनन रोका क्यों ना जाए ?? .. ..

और इतने ढेर सारे गर्राए हुजूम को एक योगी मुख्यमंत्री की ताजपोशी में गरीब जनता के पैसों पर गुलछर्रे उड़ाते हुए तशरीफ़ ले जाने या तशरीफ़ लाने पर भी बुरा-बुरा और बुरा से बुरा क्यों ना कहा जाए ?? .. कोई आपत्ति ?? .. ..

सोचियेगा - जरा सिद्धू को दरकिनार कर भी तो सोचियेगा .. जमाना मोदी का जो है जनाब !! .. .. 

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//.. ये "सुशासन आएगा" से तो बेहतर जुमला रहता - "रामराज्य आएगा" .. है ना !! ....//


अब बोल रहे हैं यूपी में 'सुशासन आएगा' .. कहाँ से आएगा ?? .. कौन लाएगा ?? .. कैसे आ जाएगा ?? .. बताया नहीं .. ..

वैसे तो ये भी नहीं बताया कि केवल सुशासन आएगा या अच्छे दिन भी आएंगे ?? .. और क्या सुशासन आएगा तो विकास होगा कि नहीं ?? .. और यदि सुशासन आएगा तो क्या गरीब वंचित शोषित का कल्याण हो जाएगा कि नहीं .. कानून व्यवस्था सुधरेगी कि नहीं .. भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी कि नहीं ?? .. ..

मैं ये सब इसलिए पूछ रहा हूँ कि जब  - 'अच्छे दिन' - 'विकास' - 'गरीब वंचित शोषित का कल्याण' - 'कानून व्यवस्था में सुधार' - 'भ्रष्टाचार पर लगाम' - आदि लोकप्रिय जुमले मार्किट में पहले से चल रहे थे - और बढ़िया चल रहे थे - तो फिर इस 'सुशासन' वाले नए जुमले की क्या जरूरत आन पड़ी ?? .. ..

और यदि नया जुमला भी देना ही था तो फिर कोई नयावाला ही देना था ना .. जैसे कि - "नई नींव पर न्यू इण्डिया" .. .. ये घिसा-पिटा 'सुशासन' वाला तो बिहार के सुशासन बाबू नितीश से चिपके चिपके हाँफ़ रहा है .. इसे कौन से कूड़ेदान से उठा लाए ?? .. ..

मसलन देना ही था तो ये "सुशासन आएगा" से बेहतर जुमला तो ये रहता - "रामराज्य आएगा" .. है ना !!

बस अब मुझ से नसीहत लेकर ये मत बोल देना कि - 'रामराज्य भी आएगा' .. क्योंकि हमें तो सब अंदाज़ा है ही कि क्या आएगा और कैसा आएगा - और ये भी कि क्या जाएगा - क्योंकि अमन-चैन भी तो कोई चीज़ होती है कि नहीं ?? .. समझे !! .. .. 

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Saturday 18 March 2017

// पहले क्या ?? .. मंदिर विकास गंगा क्योटो किसान घी .. या मोदी मोदी मोदी ?? ....//


अभी योगी ने शपथ भी नहीं ली है कि अब बहस करने के शौक़ीन नई बहस छेड़े छोड़े दे रहे हैं .. कि यूपी में पहले राम मंदिर बनेगा या विकास होगा ?? .. ..

और भक्त हैं कि बहस को सिरे से ख़ारिज कर कह रहे हैं कि .. जब डबल इंजन लग गया है .. तो अब मंदिर भी बन जाएगा और विकास भी हो जाएगा .. ..

और अक्लमंद मान के चल रहे हैं कि .. वाकई बहस ही बेकार है .. ना मंदिर बनेगा ना विकास होगा .. ..

और मैं सोच रहा हूँ कि किसी भी बेकार काम को करने के लिए तो समय नहीं लगता - पर अच्छे काम को करने के लिए समय तो लगता ही है .. और किसी भी अच्छे काम को नहीं करने के लिए समय ही तो निकालना होता है .. और समय बड़ा बलवान है - किसी के रुकते रुकता नहीं - निकल ही जाएगा !! .. ..

वैसे ये बहस करने के शौकीनों से मैं तो समय रहते यह भी पूछना चाहूँगा कि गंगा पहले साफ़ होगी या क्योटो पहले बनेगा .. और किसानों के कर्ज पहले माफ़ होंगे या घी पहले पेला जाएगा ?? .. ..

तो आओ मैदान में - देखता हूँ ये बहसी कितनी बहस करते हैं - और भक्त कितनी बकवास ?? .. है ना !!

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/.. तो चलो स्याप्पा मिटा .. न्यू इण्डिया की नई नींव के ऊपर पहला पत्थर लग गया .. एक योगी आज खप गया ..../
मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// अरे भक्तों !! - २०१५ से ही तुमने ये क्या हाल बना रखा है .. कुछ लेते क्यों नहीं ?? ..//


विशेषकर पंजाब चुनाव के परिप्रेक्ष्य में आजकल कुछ संस्कारी बेचारे लोग - जल गई - सुलग गई - बरनौल लगा - बवासीर - धुंआ निकला - हाजमोला खा - आदि - पुरातन गालियादि - नए-नए जुमलादि - का लोगों की पोस्ट्स पर भोंडे कमैंट्स करने में बारम्बार प्रयोग कर - सोशल मीडिया पर अपनी धाँसू घटिया उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं .. ..

आज डंके की चोट उनके अहंकार पर चोट के लिए बिना कटाक्ष थोड़ा सा हल्का फुल्का   व्यंग्य - इस आशा के साथ कि कोई बुरा नहीं मानेगा - क्योंकि मुझे विश्वास भी है कि यदि कोई बुरा मानेगा भी तो उससे ज्यादा क्या लिखेगा जिसका वर्णन शुरुआत में ही मैनें किया है .. और शायद उस स्थिति में वो मेरा ये पोस्ट बारम्बार पढता ही रहेगा .. ..

जिस मर्ज और दवा का विज्ञापन तुम कर रहे हो .. कुछ जंचता नहीं ..
तुम्हारा वो पुराना मर्ज़ जरा भी ठीक हुआ हो .. ऐसा लगता नहीं ..

२०१५ से ही तुमने ये क्या हाल बना रखा है .. कुछ लेते क्यों नहीं ..
बरनौल हाजमोला कब तक मुफ्त बांटते रहोगे .. खुद लेते क्यों नहीं ..

तब आग नहीं लगी थी तो सुलगी कैसे .. ये बताते क्यों नहीं ..
और तब लगी आग से सुलग भी गई थी .. तो बुझाते क्यों नहीं ..

अरे इतनी बकवास कब तक करोगे .. कुछ लजाते क्यों नहीं ..
अब तो सब साफ़ साफ़ दिख रहा है .. ढंग से छुपाते क्यों नहीं ..../

ब्रह्म प्रकाश दुआ (१८/०३/१७)

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/.. नादान भक्त क्या जानें बेचारे !! .. ..
मुझे हमेशा से ऐसा आभास होता रहा था कि - कम से कम भाजपा में तो जो बिन बताए या बिन बांटे परवारे-परवारे भ्रष्टाचार करे - वो तो कभी बर्दाश्त ही नहीं किया जा सकता .. ..
अब देखो घोषित कर दिया गया है कि - एमसीडी के चुनाव में भाजपा किसी भी सिटिंग पार्षद को टिकिट नहीं देगी .. .. यानि अब किसी भ्रष्टाचारी को टिकिट नहीं ?? .. सब नए लोगों को ईमानदार मानते हुए टिकिट दिए जाएंगे ?? .. ..
तो क्या यकीन कर लिया जाए कि आगे से किसी भी सिटिंग सांसद को टिकिट नहीं दिया जाएगा ?? .. न्यू इण्डिया !! नई नींव !! नए सांसद !! .. .. और गुजरात में भी ऐसा ही होगा ?? .. वाइब्रेंट गुजरात !! .. ..
मुझे लगता है भक्त तो जवाब नहीं दे सकेंगे कि सिटिंग पार्षदों को टिकिट क्यों नहीं और सिटिंग सांसदों या विधायकों को टिकिट क्यों ?? .. लेकिन भक्त जवाब ना भी दें क्या फर्क पड़ता है - कारण तो हमें मालुम ही हैं .. और हमें ही मालुम हैं - नादान भक्त क्या जानें बेचारे !! .. है ना !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Friday 17 March 2017

/.. यूपी का सीएम कौन ?? .. मैं भी नहीं - क्योंकि मैं तो एमपी से हूँ !! .. और शायद एमपी से इस बार अब तक कैलाश विजयवर्गीय का नाम सबसे आगे है .. और मैं तो 'सबसे कमजोर' दावेदार हूँ .. ..
तो फिर प्रश्न तो और जटिल हो जाता है ना - कि आखिर यूपी का सीएम कौन ?? .. .. मेरे अनुसार जितने भी दर्जन भर लोगों के नाम मीडिया में लिए जा रहे हैं - या लिवाए जा रहे हैं - या दिए जा रहे हैं - या छोड़े जा रहे हैं - या यूं ही आ जा रहे हैं - उनमें से कोई भी मुख्यमंत्री नहीं होने वाला है .. और ऐसा इसलिए  कि यूपी का मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला मोदी जी करेंगे - जिन्होंने एक नई नींव की बात कही है .. इसलिए वो एक अप्रत्याशित व्यक्ति होगा या सबसे 'कमज़ोर दावेदार' होगा - जो मुख्यमंत्री का पद अति विनम्रता के साथ स्वीकार्य कर मोदी जी की 'कुछ भी निर्णय लेने की क्षमता' वाली बात की छाप छोड़ेगा - बल्कि ठप्पा लगा देगा .. .. समझे ना !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ
/.. मोदी और सिद्दू लोकप्रिय क्यों ?? .. ..
सिद्धू ने क्या खूब कहा है .. अब वो पूरी रात कपिल शर्मा के कॉमेडी शो की रिकॉर्डिंग करेंगे - और दिन में काबीना मंत्री वाले अपने ऑफिस में मिलेंगे .. चंडीगढ़ फ्लाइट से आते जाते रहेंगे .. वो पंजाब के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे .. पूरी जी-तोड़ मेहनत करेंगे .. उनके एजेंडे में पंजाब की प्रगति सबसे ऊपर है .. आदि जुमलादि !! .. ..
वाकई !! .. भाजपा में मोदी और कांग्रेस में सिद्धू का मेहनत और अभिनय और कॉमेडी साथ-साथ करने में - और एक के बाद एक अनेक जुमले देने में कोई सानी नहीं है .. और दोनों ही जन-प्रतिनिधि शायद इसलिए ही तो लोकप्रिय भी हैं ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ