Sunday 27 August 2017

मोदी को हिंसा बर्दाश्त नहीं - और मुझे मक्कार मोदी .. ..

मोदी ने मन की बात में एक बार फिर कह दिया कि हिंसा बर्दाश्त नहीं .. .. मैं भी फिर से कह देता हूँ कि मुझे तो हिंसा वाकई बर्दाश्त नहीं और इसलिए मुझे अब मोदी जैसे मक्कार बर्दाश्त नहीं .. ..

मेरे दिमाग की बातें दिल से - ब्रह्म प्रकाश दुआ

Monday 21 August 2017

// कातिलाना मोदी कार्यकाल और हत्यारा अगस्त - अब एक तिहाई ही तो बचा है ..//


मित्रों और भक्तों - और भक्त मित्रों - कृपया थोड़ी राहत के रूप में टीप करें .. ..

यदि हत्यारा अगस्त महीना लगभग २/३ निकल गया है - और अब १/३ ही बचा है .. तो फिर कातिलाना मोदी जी का लगभग २/३ कार्यकाल भी तो निकल ही गया है .. और अब १/३ कार्यकाल ही तो बचा है .. ..

मोदी के २/३ कार्यकाल में जो हुआ सो हुआ - कातिलाना सरकार के रहते सबको जितना मरना-खपना था उतने मर-खप लिए .. और २/३ हत्यारे अगस्त महीने में भी जितने मरने थे मर गए .. ..

अब तो आओ सब मिलकर भगवान् से प्रार्थना करें कि मोदी का बचा १/३ कातिलाना कार्यकाल बिना और मार-काट झगडे-टंटे तथा बिना और संताप दिए निकल जाए - या फिर इनके शेष कार्यकाल में अगला अगस्त महीना तो आए ही ना .. ..

फिर बेचारे बदनाम हत्यारे अगस्त का क्या ?? .. ये तो बेचारा आगे पीछे जीवनदायनी बारिश बरसाता और मध्य में हमें स्वतंत्रता दिवस का उल्लास देता निकल ही जाता है - इस बार भी निकल ही जाएगा .. है ना !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 20 August 2017

// आपकी संवेदनाएं तो चिपक गईं - मेरी संवेदनाएं भी चिपका लें .. ..//


एक और हादसा हो गया .. ये रेल हादसा हुआ है .. और इस हादसे का नाम हादसे के स्थान के कारण स्वतः ही 'मुजफ्फरनगर रेल हादसा' पड़ गया है .. या दे दिया गया है .. और इस हादसे का अंजाम भी कुछ ऐसा ही होगा कि ये हादसा 'मुजफ्फरनगर रेल हादसा' के नाम से जांचों और अभिलेखों और इतिहास में दर्ज होने के बाद निपट जाएगा .. ..

और इस हादसे के निपटान होने के पूर्व सर्वप्रथम मीडिया द्वारा प्रचारित प्रसारित भौंकित चिल्लाइत बड़बड़ाइत बकवासित इस हादसे से ही उपजी सबसे महत्वपूर्ण ध्यान नहीं देने योग्य बात पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा .. और वो ये कि ये वो हादसा है जिस हादसे में मृतकों के प्रति इस देश के राष्ट्रपति प्रधानसेवक प्रधानमंत्री रक्षामंत्री वित्तमंत्री गृहमंत्री रेलमंत्री मुख्यमंत्री और एक प्रिय पप्पू की भी एक जैसी संवेदनाए इन सभी महान विभूतियों की अंतरात्मा से छटपटा छटक निकल पड़ीं .. और आशा की जा सकती है कि ये एक जैसी थोकबंद संवेदनाएं यथायोग्य स्थानों पर चिपक गई होंगी .. या फिर ना भी चिपकी होंगी तो भी पहुँच गई होंगी ऐसा तो मानना ही पड़ेगा .. क्योंकि आखिरकार ये बहुत ऊँचे लोगों कि संवेदनाएं जो ठहरीं .. ..

तो हादसे के बाद संवेदनाओं का प्रथम चरण पूर्ण होने के बाद राहत के कार्य होते हैं - जो हो रहे हैं .. और इस दौरान कोई शाना जिम्मेदार या मौन जवाबदार हादसे के कारणों के बारे में कुछ भी कहना पसंद नहीं करता .. सिवाय इसके कि इसमें आतंकियों की साज़िश या फिर लापरवाही होने को नकारा नहीं जा सकता - जांच बैठा दी गई है - पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थितियां स्पष्ट हो पाएंगी .. ..

और बस फिर राहत कार्य पूरे हो जाते हैं - मृतकों और घायलों की गणना कर ली जाती है और भिन्न आंकड़े बता दिए जाते हैं .. और फिर जांच चालू हो जाती है - समय निकल जाता है -  मीडिया अगले हादसे को कवर करने या अगले प्रायोजित मुद्दों की तरफ बढ़ लेता है .. और वही शुरूआती आत्मीय संवेदनाएं हवाएं हो जाती हैं .. ..

और बैठाई गई जांच भी ना जाने कब बैठ जाती है - और इसकी रिपोर्ट अगले हादसे की रिपोर्ट तैयार करने में कॉपी पेस्ट कर नक़ल करने के उपयोग में आ जाती है .. ..

तो बस 'मुजफ्फरनगर रेल हादसा' की उपयोगी जांच रिपोर्ट का आज इंतज़ार करिए और कल भूल जाइएगा .. और 'प्रभु' भरोसे अगले हादसे पर एक बार फिर ऐसी ही संवेदनाओं का इंतज़ार करते रहिए .. .. और संवेदनहीन बने रहिए .. ..

इस देश के राष्ट्रपति प्रधानसेवक प्रधानमंत्री रक्षामंत्री वित्तमंत्री गृहमंत्री रेलमंत्री मुख्यमंत्री और एक प्रिय पप्पू को मेरी संवेदनाओं के साथ .. भारत माता कि जय .. वंदे मातरम् !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Saturday 19 August 2017

// बिहार बाढ़ की 'जमीनी हकीकत' - और दोगले द्वारा 'हवाई सर्वेक्षण' ....//


दोगले नितीश के राज्य बिहार में बाढ़ आई हुई है - पर ये बाढ़ की दोगलाई नहीं है .. क्योंकि वर्षा होना तय हो सुखद हो अपेक्षित हो और जरूरी हो हमेशा स्वागत योग्य होता है .. लेकिन जब आप प्रकृति से खिलवाड़ करेंगे और नदी की बहाव स्वतंत्रता पर अतिक्रमण कर लेंगे - तो स्वागत योग्य वर्षा के कारण बाढ़ के आने का नियमितीकरण हो जाना स्वाभाविक ही है .. और इसलिए स्वाभाविक रूप से वर्षा हुई और स्वाभाविक रूप से बाढ़ आनी ही थी और आई है .. ..

और इस बीच एक और स्वाभाविक नियमित बात भी होनी ही थी और वो हो गई है .. ..

जी हाँ !! - दोगले ने बाढ़ की जमीनी हकीकत जानने के नाम पर आसमानी हवाई सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया है .. ..

और मैं स्वाभाविक रूप से ही सोच रहा हूँ कि क्या आसमानी सर्वेक्षण से जमीनी हकीकत का पता चल पाता होगा ?? .. और क्या जमीन पर रहते भी जमीनी हकीकत का पता नहीं लग पाता होगा ?? .. ..

या कहीं ऐसा तो नहीं कि आसमानी सर्वेक्षण सुविधा की दृष्टि से और राजनीतिक बयानबाज़ी और शोशेबाज़ी के लिए ज्यादा उपयुक्त होता होगा - और हाँ !! पर्याप्त भी !! - जिसके बाद जमीनी सर्वेक्षण की आवश्यकता ही नहीं रह जाती होगी ?? .. ..

मैं ऐसा इसलिए सोच रहा था कि कभी भी दोगले के जातभाई अन्य नेता भी बाढ़ का जमीनी या फिर जलीय सर्वेक्षण करते नहीं पाए गए हैं - ना अपेक्षित बाढ़ के पहले - ना बाढ़ के दौरान - और ना बाढ़ के बाद .. ..

बल्कि सच तो मैनें साक्षात में यही देखा है कि - बाढ़ के हवाई सर्वेक्षण के बाद बाढ़ के मुद्दे को ही बाढ़ में जाने दिया जाता है .. ..

अतः बिहारियों को मेरी मुफ्त में सांत्वना !! .. अब जबकि दोगले के द्वारा अत्यावश्यक हवाई सर्वेक्षण कर लिया गया है - जमीनी हकीकत यह है कि सब कुछ बाढ़ में जाएगा .. और निश्चित ही एक दिन बाढ़ भी उतर जाएगी .. ..

और तब आप ज़िंदा बचे गीले सूखे भूखे रहते आसमान को तकते जमीनी हकीकत से रूबरू हो लेना .. क्योंकि अब तो यही जमीनी हकीकत है .. ..

और हाँ !! .. अपने तले अपनी ही मातृभूमि पर खड़े नारा तो तब भी लगा ही दीजियेगा .. "वंदे मातरम् !!" .. नहीं तो .. .. .. .. !! वंदे मातरम् !!  

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// सावधान !! .. चुनाव जीतने के लिए तो ये कुछ भी और सब कुछ कर देंगे .. ..//


परिश्रमी अमित शाह आजकल मध्यप्रदेश की राजनीति को अपने चिरपरिचित तौर तरीकों से दूषित कर अपने हितों में साधने हेतु ढोल ढमाकों के बीच कल भोपाल धमक अपना खर्चीला स्वागत करवा कार्यरत हैं .. ..

और अपने को एक साधारण कार्यकर्त्ता बताने वाले पर वास्तव में पार्टी के अध्यक्ष होने के नाते अपने हर कार्यकर्त्ता को आदेश निर्देश संदेश देते हुए बोले .. ..
" चाहे जो करो - मुझे चाहिए अबकी बार २०० पार ".. ..

और मैं सोच रहा हूँ - कि पार्टी के कार्यकर्त्ता भी सोच रहे होंगे कि - यार सब कुछ चाहा हुआ कर तो रहे ही हैं - वो भी और हम भी .. करने को अब बचा ही क्या है - बच्चों की जान भी ले लें क्या ?? .. ..

यानि स्थितियां भयावह हैं - क्योंकि बुखार से ग्रसित दिमाग में खलल उबाल पर दिख रहा है .. और बिना दिमाग वालों का तापमान उच्च हो चला है .. और ये वाकई चुनाव जीतने के लिए तो कुछ भी कर सकते हैं और सब कुछ कर देंगे .. .. 

और चुनावी परिणामों की कल्पना तो एक तरफ - पर चुनावों के अलावा परिणाम क्या होंगे उसकी कल्पना कर लेना भी बहुत जरूरी है .. ..

मैनें कल्पना कर ली है .. इसलिए मेरा संदेश - कृपया सावधान !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 18 August 2017

// जो रोजगार ना मिलने की बात करे - वो बेरोजगार हुआ दलाल .. तो अंधभक्त कौन? ..//


जो भाजपा का विरोध करे - वो देशद्रोही ..
जो मुसलमान को भाई माने - वो पाकिस्तानी ..
जो नोटबंदी का विरोध करे - वो कालाधनी ..
जो जीएसटी का विरोध करे - वो चोर व्यापारी ..
जो धर्मनिरपेक्षता की बात करे - वो ढोंगी ..
जो केजरीवाल की बात करे - वो नक्सली ..
आदि आदि .. !!

पर अब तो कुछ नई नई बातें भी मार्किट में आई है ..

जो दोगले नितीश की बुराई करे - वो भ्रष्टाचारी .. ..
जो बेचारे मोदी की बुराई करे - वो अत्याचारी .. ..

पर इसी सिरीज़ में लेटेस्ट तो गजब है भाई .. और कल ही सीधे मोदी के मुखद्वार से आया है भाई .. ..

" जो रोजगार ना मिलने की बात करे - वो बेरोजगार हुआ दलाल " .. ..

इसलिए ही तो कहता हूँ मित्रों कि .. जो भक्त अब तक भी मोदी का बखान करे - वो अंधभक्त है भाई .. अब इसमें तो कोई शक़ कि गुंजाइश नहीं बचती है ना !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 17 August 2017

// आजतक के प्रायोजित मनगढ़ंत भक्तगढ़ंत सर्वे के बहाने - विरोध और बुलंद हो .. ..//


आजतक पर अभी-अभी एक प्रायोजित सर्वे दिखाया गया है .. जिसके अनुसार यदि आज लोकसभा चुनाव हो जाते हैं तो भाजपा को २०१४ की २८२ के मुकाबले और अधिक २९८ सीटें मिलेंगी .. और मोदी और भाजपा की रहेगी बल्ले-बल्ले .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

अव्वल तो यदि आज चुनाव हो जाते हैं तो इससे बेहतर और क्या बात हो सकती है .. क्योंकि जो देश की दुर्दशा हो रही है उसके कारण तो आज चुनाव होने ही चाहिए .. ..

और मुख्य बात ये है कि जिन्हें उपरोक्त सर्वे के आंकड़े सही ना लगते हों या पसंद ना आए हों उनके द्वारा इस प्रायोजित सर्वे को केवल नकारने से काम नहीं चलेगा .. उनका चुप रहना या विरोध की आवाज़ बुलंद नहीं करना भारी पड़ सकता है .. ..

अतः मेरा सुझाव ये है कि प्रायोजित मनगढ़ंत भक्तगढ़ंत सर्वे के सही होने की कल्पना करते हुए इस सर्वे को झुठलाने के प्रयास करना ही बेहतर होगा .. ..

और मुझे पूरा यकीन है कि अब तो बेहतर ही होगा .. और यकीन इसलिए है कि मुझे विरोध की बुलंद आवाज़ें सुनाई देने लगी हैं .. और उससे भी महत्वपूर्ण यह कि जनता में से भी व्यापक विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं .. .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// "न्यू इंडिया" .. या .. "न्यू प्राइम मिनिस्टर" ....//


मोदी कह रहे हैं .."न्यू इंडिया" .. ..
तीन साल की नाकामयाबी और निराशा के बावजूद इतनी बड़ी खोखली बात ??

तो मेरी छोटी सी ठोस प्रतिक्रिया .. ..

जब तक "न्यू प्राइम मिनिस्टर" नहीं आता - "न्यू इंडिया" संभव ही नहीं !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 16 August 2017

// भक्त लातों के भूत थोड़े ही हैं जो लातें खा मान जाएंगे - ये तो खुद लातें मार रहे हैं ..//


मोदी ने कल १५ अगस्त को ही तो लम्बी-लम्बी फेंकी थी .. और कहा था "आस्था के नाम पर हिंसा को बल नहीं दिया जा सकता है" .. .. और आज फिर उनके गुजरात में गाय के नाम पर दो दलितों की पिटाई की खबर आ रही है .. ..

और इस बीच स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी साम्प्रदायिकता की सड़ाँघ लिए मदरसे झंडावंदन वन्दे-मातरम राष्ट्रप्रेम आदि से जुड़ी शर्मसार कर देने वाली खबरें भी आती रहीं - और भाजपाइयों की गोरखपुर से गोरखधंधे की खबरे भी समझ में आती रहीं .. .. 

बस इसलिए ही मैं अब यकीन के साथ कहता हूँ कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते - और मोदी के भक्त भी बातों से नहीं मानते .. ..

पर इसका ये मतलब नहीं कि मोदी के भक्त लातों के भूत हो गए .. कदापि नहीं .. क्योंकि लगता तो नहीं कि ये लात खा कर भी मान जाएंगे .. .. क्योंकि मुझे तो ये बेशर्म ज्यादा लगते हैं जो भक्ति में इतने लीन हो चुके हैं कि सही को सही और गलत को गलत समझने और कहने की योग्यता खो बैठे हैं .. ..

और अब तो हालात ये हैं कि - है कोई माई का लाल जो इन भक्तों को लात मार दे ?? - बल्कि उल्टे अब तो ये भक्त ही तो हैं जो इतने गर्राए हुए हैं कि अपने ही देशवासियों को लात मार रहे हैं .. ..

और इसलिए मेरे मतानुसार अब तो मुझे एक ही तात्कालिक उपाय सूझ पड़ता है .. मोदी सरकार को जाना होगा .. और भक्तों को लातों और बातों दोनों का मतलब समझना होगा .. ..

एक बार फिर प्रधानसेवक मोदी जी को धिक्कार के साथ .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// दोगलों लल्लुओं भक्तों की तो लॉटरी लग गई .. छपरा फाड़ के मिल रहा बिहार में ....//


अभी-अभी समाचार आया है कि भारत के भाजपाई प्रधानसेवक दोगले के आधिपत्य वाले बिहार के लिए पूर्व में घोषित पर वर्तमान तक रुका हुआ रोका हुआ १.२५ लाख करोड़ रूपए का स्पेशल पैकेज देने वाले हैं .. ..

और विदित ही है कि बिहार में ताज़ा उलटफेर करा उपमुख्यमंत्री बने भाजपाई सुशील मोदी ने एन-केन-प्रकारेण वित्त मंत्री का मलाईदार पद बड़ी चालाकी और चतुराई से झटक लिया था .. या सटीक कहें तो हथिया के रख लिया था .. ..

तो अब किसी की क्या मजाल कि बिहार की हथियाई जा चुकी तिजोरी पर हाथ डाल दे .. और सरकारी पैसा इधर उधर हो जाए .. .. क्योंकि अब तो सरकारी तिजोरी में करोड़ों आएँगे और फूल चढ़ेंगे - और पैसा इधर आने का क्या काम - पैसा तो उधर ही जाएगा .. ..

लालू के दुश्मन दोगले के लल्लुओं - और भक्तों - तुम्हारी तो लॉटरी लग गई यार !! ..
छपरा फाड़ के मिल रहा !! .. है ना !! .. ..

बधाई हो - और धिक्कार भी !! .. क्योंकि तुम्हें अभी तक ये एहसास नहीं हुआ है कि बिहार में छपरा फाड़ के टपक रहा और टपकाया जा रहा पैसा तुम्हारा ही था / है रे !! .. .. बुद्धू कहीं के .. डूब मरो बिहार की बाढ़ में .. बहुत लपक के आई हुई है रे !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// आओ भक्तों !! केजरी को कोसें - कि वो मोदी से कहीं बेहतर काम क्यों कर रहे हैं ..//


मोदी और केजरी के काम और जिम्मेदारियां अलग-अलग हैं .. ..

जो मोदी के काम से संतुष्ट हैं उन्हें मस्त रहना चाहिए और निश्चिन्त भी .. ..

पर जो केजरी के काम से संतुष्ट हैं उन्हें मोदी को धिक्कारते रहना चाहिए क्योंकि मोदी केजरी से वैमनस्य पालते हुए उसे काम ही नहीं करने देते .. ..

इसी तरह जो मोदी के काम से संतुष्ट नहीं हैं उन्हें मोदी की निंदा और विरोध करना चाहिए - और केजरीवाल का समर्थन भी .. क्योंकि केजरीवाल ही मोदी के सक्षम विरोधी दिखते हैं .. ..

पर जो केजरी के काम से संतुष्ट नहीं हैं उन्हें निर्णय दिल्लीवासियों पर छोड़ देना चाहिए .. ..

यानि बात कुछ यूँ तर्क लेती है कि - जो दिल्लीवासी नहीं हैं - उन्हें या तो मस्त और निश्चिन्त रहना चाहिए .. या उन्हें  मोदी को धिक्कारते रहना चाहिए - या मोदी की निंदा और विरोध करना चाहिए - और केजरीवाल का समर्थन भी .. ..

पर भक्त जब देखो तब केजरी को ही हर बात के लिए गालियां देते हैं - फालतू चिंतित होते हैं - कुढ़ते हैं सड़ते हैं कलपते हैं - व्यर्थ बहस करते हैं रोते-गाते हैं .. और इतना हलाकान हुए जाते हैं जैसे कि मोदी के रहते हुए भी ना मालुम इस देश का क्या हश्र हो जाएगा - और ये केजरी मोदी को ले डूबेगा .. .. वैसे कम अक्ल होते हुए भी शायद सही ही सोचते होंगे .. या फिर किसी के इशारे पर ऐसा करते होंगे .. ..

यानि तय हुआ कि - जब तक मोदी निराश करते रहेंगे भक्त केजरी को कोसते रहेंगे .. .. 

और इसलिए भक्तों को आज पहली बार सादर निमंत्रण .. आओ केजरी को कोसें कि वो मोदी से कहीं बेहतर काम क्यों कर रहे हैं .. ..

और तो और यदि आप कल १५ अगस्त के मोदी और केजरीवाल दोनों के पूरे भाषण भी सुन लेंगे तो आप भी समझ जाएंगे कि ये भक्त केजरी को क्यूँ कोसते हैं - क्योंकि कल तो केजरी ने मोदी को भाषण देने में भी मात दे दी .. इसलिए आज तो कोसना ही पड़ेगा कि केजरी मोदी और अन्य सभी भ्रष्ट नेताओं का जीना हराम कर के छोड़ेंगे .. .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 15 August 2017

// कभी आना मेरी गली .. हम गुल खिला देंगे .. ..//


बस 'गाली' 'गोली' और 'गले' तक की तुकबंदी ??..??.. .. 

तो बस यूँ ही - तुकबंदी ही सही .. हुण साड्डी 'गल' सुनो .. ..

/.. कभी आना मेरी 'गली' .. गुस्से से 'गाल' 'गला' 'गाली' देंगे ..
अरे 'गेले' 'गिल्ली' को मार 'गोली' - हम 'गुल' खिला देंगे .. ../

'गिलगिलों' को 'गुल'-'गुल्ले' के साथ प्रेषित .. 'गीली' हो जाय तो 'गिला' ना करना - भले ही 'गोली' खा लेना .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// "मोदी तो गए" .. ..//


भाषण सुन लिया .. .. ..
पाक पर नहीं बोले - चीन पर नहीं बोल पाए - गोरखपुर पर चुप से रहे .. और "अच्छे दिन" भूल गए .. ..

और ये भी कबूला कि नोटबंदी के बाद लोगों ने कह दिया था - "मोदी तो गए" .. ..

और ये भी मान लिया कि कश्मीर में चल रही गोली और गालियां कारगर नहीं हुई - अब गले लगाना होगा .. .. 

और मैं सोच रहा हूँ कि ये कहाँ गले पड़ गया !! .. ..
और संतुष्ट हूँ कि मैनें भी कहा - "मोदी तो गए" .. ..

!! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 14 August 2017

// तो आइए परम्पराओं का निर्वहन करें - इन्हें छूट गालियां देकर पुण्य प्राप्त करें ....//


बीजेपी अध्यक्ष और गुजरात से राज्यसभा के ताजे सांसद अमित शाह ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाने से कई बच्चों की मौत पर कहा है कि .. योगी आदित्यनाथ का इस्तीफ़ा नहीं होगा - इतने बड़े देश में बहुत सारे हादसे हुए - पहली बार ऐसा हादसा नहीं हुआ है - इस तरह के हादसे इतने बड़े देश में होते रहते हैं .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

और इतिहास परमानेंट गवाह है कि जब-जब ऐसे हादसे हुए जवाबदार और जिम्मेदारों को और विशेषकर सत्तापक्ष को बहुत गालियां पड़ीं .. तो बस इसलिए अब मुझे भी इन दो कौड़ी के मूर्ख निर्दयी बेवकूफ असंवेदनशील टुच्चे झकोरों को परम्परानुसार गालियां देने का अधिकार प्राप्त हो जाता है .. और यदि आप भी एक सजग संवेदनशील नागरिक हैं तो गालियां देने का अधिकार तो आपको भी प्राप्त होता है .. ..

आज़ादी की पूर्व संध्या पर कुछ साधारण गालियां देने की मुझसे स्वस्फुटित शुरुआत हो गई है .. आप भी चाहें तो बहती गंगा में हाथ धो सकते हैं .. क्योंकि मुझे लगता है कि ऐसा करने से पुण्य मिलेगा और आत्मसंतोष भी .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// और मैं उदास भी इसलिए ही हूँ क्योंकि मैं राष्ट्रप्रेमी हूँ - और एक इंसान भी ....//


मैं राष्ट्रप्रेमी हूँ .. राष्ट्रगान जनगणमन और राष्ट्रगीत वंदे मातरम् गाने में गर्व होता है - और मुझे याद भी है और गाना भी आता है .. मुझे गाय की महानता और माता होने का पूर्ण ज्ञान है और मैं गौमांस नहीं खाता हूँ क्योंकि वैसे भी शाकाहारी हूँ - फिर कोई गौमूत्र पिए या उससे नहाए धोए या उसमें कुछ पकाए मिलाए खाए मुझे कोई आपत्ति नहीं है - और मुझे गाय के गोबर से लिपे गांव-खेड़े के घर बहुत अच्छे लगते हैं और कंडो पर सिके बाटी-बाफले के तो क्या कहने .. मुझे सभी धार्मिक स्थल एक जैसे लगते हैं - और मुझे तिरंगे के तीनो रंग और पूर्ण तिरंगा भी बहुत अच्छा लगता है .. मुझे सभी भारतीय अपने ही लगते हैं और अधिकांशतः बहुत अच्छे लगते हैं .. ..

मुझे २६ जनवरी और १५ अगस्त केवल छुट्टी के लिए नहीं पर राष्ट्रीय त्यौहारों के लिए भी अच्छे लगते हैं और मुझे ऊर्जा भी देते हैं .. इन राष्ट्रीय त्यौहारों पर बजने वाले गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' या 'मेरा देश है वीर जवानों का' बहुत अच्छे लगते हैं - और देशभक्ति के अन्य सभी गीत भी .. मुझे झंडावंदन भी बहुत अच्छा लगता है और २६ जनवरी की परेड भी .. और .. मैं हमेशा से अपने राष्ट्रीय त्यौहारों पर उत्साहित और प्रसन्न रहा हूँ .. ..

कल १५ अगस्त है - हमारा ७० वां स्वतंत्रता दिवस - पर इस बार मैं थोड़ा उदास हूँ .. क्योंकि .. इस बार भी प्रधानसेवक मोदी जी लाल किले की प्राचीर से भाषण देंगे - अच्छा भाषण देंगे - सबकुछ अच्छा अच्छा कहेंगे - जो ना करना होगा ना होना होगा वो कहेंगे .. और लोग एक बार फिर कुछ समय के लिए उन पर विश्वास कर बेवकूफ बनेंगे .. .. 

और मैं उदास भी इसलिए ही हूँ क्योंकि मैं राष्ट्रप्रेमी हूँ .. ..

और इसके अलावा एक इंसान भी हूँ जिसके दिल में यूपी में ६० बच्चों की हत्या / मृत्यु हो जाने के कारण उतनी ही पीड़ा है जितनी पीड़ा मेरा मक्कार प्रधानसेवक उसे होने का दावा करता रहता है - और कल १५ अगस्त को अपने लफ़्फ़ाज़ी युक्त भाषण में शायद फिर से कर देगा .. ..
!! जय हिन्द !! .. .. 

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 13 August 2017

// "अब" ?? .. आतंकवादी "अब" भागने लगे हैं ?? .. कब से "अब" ?? .. ..//


आज रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा - "अब जम्मू-कश्मीर से भागने लगे हैं आतंकवादी" .. ..

"अब" मेरी प्रतिक्रिया .. ..

"अब" ?? .. आतंकवादी अब भागने लगे हैं ?? .. कब से "अब" ?? .. तब भी "अब" और जब भी "अब" - यानि "अब" ही "अब" ?? .. ..

वीर श्रीमान जी !! कभी 'तब' की भी बात करोगे कि नहीं ?? .. क्योंकि हम तो तब से ही ये "अब" की बात सुनते आ रहे हैं जब से पाकिस्तान ने आतंकियों की कारस्तानी शुरू की थी .. .. और तब से ही सुनते आ रहे हैं कि "अब" आतंकवादी भाग रहे हैं - बौखला रहे हैं - बेचैन हो रहे हैं - कमज़ोर पड़ रहे हैं - आदि .. पर "अब" तक केवल सुनते ही आ रहे हैं .. अब तक "अब" .. है ना ??

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// तो अभी उकसाऊ उबाऊ थकाऊ बिकाऊ चलाऊ पछताऊ विषयों को स्थगित कर दें ? ..//


केंद्र में सत्तासीन पार्टी के सभी फेंकू - अभी से २०१४ में किए गए वायदों की खिल्ली-गिल्ली उड़ाते हुए - २०१७ में कुछ हाँफते हुए - २०१९ से भयभीत - पिछले ६०-७० सालों को कोसते हुए - २०२२ २०२४ की बातें करने लगे हैं .. और इस प्रकार अपनी फेंक को और लम्बा करने की जुगाड़ में हैं .. ..

पर मैं सोच रहा था कि जब भारत और यूपी के 'स्वर्णिम-कमल-काल' में ३-४ दिन में ६० से ज्यादा बच्चों की मौत बिना ऑक्सीजन की कमी के हो जाती हो - और लगातार सामान्य रूप से ८-१० बच्चों की मौत केवल एक अस्पताल में होती हो .. और सभी जवाबदार एवं जिम्मेदारों को ऐसा भरोसा हो कि ये मौतें तो पहले भी होती रही हैं और आगे भी होती रहेंगी .. और ये तो सामान्य सी बात है जी .. और ये तो घटना है जी - दुर्घटना थोड़े ही है जी .. और यदि दुर्घटना भी है तो है - दुर्घटना ही तो है - होती रहती है जी .. कोई लापरवाही थोड़े ही है जी .. और यदि लापरवाही भी है तो जांच तो बैठा ही दी है ना जी .. जी !! जी !! जी !! .. ..

तो क्या हमारे प्रधानसेवक और उनके सहसेवकों को २०१७-१८ वर्ष थोड़ा कुछ अच्छा भी करने के लिए नहीं छोड़ देना चाहिए .. और ये गाय मंदिर दीनदयाल मदरसा मातरम् झंडा वर्षगाँठ मूर्ती बुलेट-ट्रेन स्मार्ट-सिटी तफरा-तफरी अफरा-तफरी सरकारी विज्ञापन विधायकों की मंडी में खरीद फरोख्त एवं अन्य फेंकमफाँक वाले ऐसे अनेक उकसाऊ उबाऊ थकाऊ बिकाऊ चलाऊ पछताऊ और पकाऊ विषयों को साल भर के लिए स्थगित नहीं कर देना चाहिए ?? .. ..

भक्तों से निवेदन है कि अन्य सभी सभ्य समझदार लोगों के द्वारा मेरे प्रस्ताव के अनुमोदन का अनुमोदन कर अनुग्रहित करें .. एवं वर्तमान में राष्ट्र की मुख्य विचारधारा से जुड़ें - और देशप्रेम और राष्ट्रप्रेम और स्वार्थप्रेम का परिचय दें .. वो भी बिना पाकिस्तान जाए इसी देश में रहते हुए और बिना चीन से डरे .. .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Saturday 12 August 2017

// ये कौन से CULTURE का विकास हो रहा है - नासमझ भोले बुद्धुओं ?? .. ..//


मेरी चेतावनी !! .. ..

ये देश के AGRICULTURE को बर्बाद करके मानेंगे ..
क्योंकि ये देश में केवल AGREE-CULTURE चाहते हैं .. ..

और अनपढ़ भक्त समझ ही नहीं पा रहे हैं कि ये कौन से CULTURE का विकास हो रहा है ?? .. और ये विकास क्या बला है ?? .. ये अच्छा होता है या बुरा ?? .. और यदि ये अच्छा होता है तो होनहार को चंडीगढ़ में गिरफ्तार करके क्यों रखा गया है ?? .. .. भोले बुद्धू कहीं के !! .. ..

और समझ से परे भक्त ये भी नहीं समझ पा रहे हैं कि यदि आप संवैधानिक पद पर रहे प्रबुद्ध व्यक्ति की सही-सटीक बात से AGREE नहीं होना चाहते हो तो आप संवाद कर सकते हो - पर विवाद करना उचित नहीं है .. जबकि ये बात तो अदने से संबित पात्रा और राकेश सिन्हा तक हर टीवी शो पर बार-बार दोहराते रहते हैं - और हमारे प्रधानसेवक भी समझा-समझा कर कभी नहीं थकते !! .. .. नासमझ कहीं के !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 11 August 2017

// नामुराद झकोरों को ये 'ऑक्सीजन' कौन देता रहा है - और ये कब कटेगी ?? ....//


गोरखपुर के अस्पताल में ३० बच्चों की दर्दनाक मौत होने की खबर आ रही है .. कारण बताया जा रहा है कि 'ऑक्सीजन' की सप्लाई ठप्प हो गई थी .. ..

कुछ महीने पहले ही ऐसी ही घटना इंदौर के अस्पताल में भी घटित हुई थी जब कई मरीज़ों की मौत 'ऑक्सीजन' सप्लाई में गड़बड़ होने की वजह से हो गई थी .. और क्या हुआ ?? .. कुछ नहीं ना !! .. ..

और देश में अधिकांश सरकारी अस्पतालों के यही हाल हैं .. और कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है .. और भ्रष्टाचार चरम पर मालुम पड़ता है .. और डॉक्टरों और अस्पतालों की लूट खसूट बदस्तूर जारी है .. और जिम्मेदार और जवाबदार खुद का करोड़ों का इलाज जनता के पैसों पर करवा डेंटेड पेंटेड हो मस्त घूम रहे हैं .. और मरता गरीब बिना विकल्प बेमौत मर रहा है .. ..

और इसलिए आज प्रश्न ये उठता है कि - नामुराद झकोरों को ये 'ऑक्सीजन कौन देता रहा है?? .. और ये 'ऑक्सीजन' इन्हें कहाँ से मिल रही है ?? .. ये मरदूद मरते क्यों नहीं ?? .. आखिर इनकी 'ऑक्सीजन' कब कटेगी ?? .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// कोई भी "भाई का लाल" भक्त जवाब देगा ?? .. ..//


गुजरात राज्यसभा चुनाव निपट गए .. परिणाम आ गए .. ..
मेरा चैलेंज .. कोई भी "भाई का लाल" भक्त जवाब देगा कि .. ..
तड़ीपार जीता या हारा ?? .. ..

राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति चुनाव भी निपट गए .. भाजपाई चुन लिए गए .. ..
मेरा चैलेंज .. कोई भी "भाई का लाल" भक्त जवाब देगा कि .. ..
जैसे हामिद अंसारी बोले - क्या वैसे कोविंद और वेंकैय्या जी कभी नहीं बोलेंगे ?? .. ..

चीन गर्रा रहा है .. ..
मेरा चैलेंज .. कोई भी "भाई का लाल" भक्त जवाब देगा कि .. ..
जैसे पाकिस्तान का मुहं तोड़ कर रख दिया वैसे ही चीन का भी तोड़ेंगे ?? .. ..

कल रात बारह बजे लडकियां सड़कों पर निकलेंगी .. ..
मेरा चैलेंज .. कोई भी "भाई का लाल" भक्त बाहर निकल आवारगी हरकतें करने की धूर्तता करेगा - और लड़कियों से पिटने की हिम्मत दिखाएगा ?? .. ..

आजकल तो बहुत गालियां पड़ रही हैं .. ..
मेरा चैलेंज .. कोई भी "भाई का लाल" भक्त जवाब देगा कि .. ..
जैसे मैं बकवास कर रहा हूँ - तुम भी करोगे ?? .. .. हा !! हा !! हा !! .. ..

और यदि करोगे तो हम बोलेंगे .. भाई के लालों की जय हो .. .. हा !! हा !! हा !! ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// हामिद अंसारी साहेब बोले .. और सिद्ध हुआ सही बोले - गज़ब बोले - सटीक बोले ....//


देश के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी साहेब अपने १० वर्ष के कार्यकाल की समाप्ति पर कुछ बोले - जो शायद मोदी भक्तों और भाजपाइयों को रास नहीं आया .. .. और उनपर टीका टिप्पणियां तंज़ और छींटाकशी और भड़ास और उपहास आदि की उच्चस्तर पर पुरजोर शुरुआत हो गई .. और निम्नस्तर पर संस्कारित अपशब्दों की भी .. 

और इसलिए ही मेरा विश्वास और प्रगाढ़ हुआ कि हामिद अंसारी साहेब जो बोले सही बोले - और सिद्ध भी हुआ की वे सही बोले .. ..

इसलिए मोदी भक्तों और भाजपाइयों के अलावा भी सभी लोगों को गौर कर लेना चाहिए कि हामिद अंसारी साहेब क्या-क्या बोले ?? .. ..

और ऐसा मैं इसलिए भी कह रहा हूँ कि मेरे मतानुसार हामिद अंसारी साहेब जो बोले गज़ब बोले - सही बोले - सटीक बोले .. और ससमय बोले .. जो यह भी बोले कि नागरिकों की भारतीयता पर उठाए जाने वाले सवाल परेशान करने वाले विचार हैं .. ..

धन्यवाद हामिद अंसारी साहेब - और अनेक शुभकामनाएं !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 10 August 2017

// १९६२ से सीख कर मज़बूत हुए .. २०१४-१७ से सीख कर हैरान-परेशान हुए .. ..//


"१९६२ से सीख कर मजबूत हुए" : वित्त मामलों में फेल हमारे रक्षा मंत्री जेटली .. ..

ये जानकर बहुत अच्छा लगा .. क्योंकि मुझे तो भरोसा था कि ये केवल सिखाना जानते हैं - सीखना नहीं .. फिर भले ही वो 'सबक' ही क्यों ना हो .. ..
यानि ये बहुत खतरनाक टाइप दादा भैय्या लोग हैं - जो 'सबक' सिखाते हैं - पर 'सबक' सीखते नहीं .. ..!!

पर ठीक है - यदि ये मानते हैं कि १९६२ से कुछ 'सबक' सीखे हैं तो ख़ुशी की बात है .. ..

पर मैं सोच रहा था कि क्या ये २०१४-२०१७ से भी कुछ अच्छा सीखे होंगे .. लगता तो नहीं .. क्योंकि इस दौरान कुछ अच्छा हुआ भी तो नहीं - तो क्या खाक़ अच्छा सीखे होंगे .. ..

तो आज तो यही कहूंगा कि आज की छोडो .. १९६२ की सीख का ही सदुपयोग करो .. और मुद्दा ५६ इंची की नकली छाती से निपटाने की डींग मारने के बजाय - और अपनी डेढ़ अकल लगाए बगैर - बुद्धिमानों वाली दिमागी कसरत कर सलटाने की कोशिश करोगे तो बेहतर .. ..

और ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि हम .. २०१४-१७ से सीख कर मजबूत नहीं हैरान-परेशान हुए हैं .. .. !! जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// .. 'करेंगे और करके रहेंगे' .. पर क्या ?? .. ..//


'करेंगे या मरेंगे' अब नहीं - अब तो 'करेंगे और करके रहेंगे' : मोदी .. ..

मेरा दावा !! .. भक्त अब शौच शौचालय में करेंगे - और करके रहेंगे !!

इससे ज्यादा कुछ कर देने की इनकी औकात भी नहीं - और मुझे उम्मीद भी नहीं .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 9 August 2017

// नेहरू की जगह पटेल होते तो ?? .. मूर्खों मोदी-शाह ऐसा ना किये होते तो ?? ....//


कुछ संघी भाजपाई भक्त और मेरे अतिरिक्त काबलियत रखने वाले कुछ मित्र हमेशा से अपनी छाती कूटते रहते हैं कि .. महात्मा गाँधी की गलती थी - और देश का दुर्भाग्य - कि नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनाए गए - अगर नेहरू के बजाय पटेल बने होते तो देश आज कहीं का कहीं होता .. ..

मेरी कहीं की कहीं प्रतिक्रिया .. ..

मूर्खों !! .. मोदी-शाह की गलती थी - और देश का सौभाग्य - कि गुजरात राज्यसभा चुनाव में टुच्चई बता दी - अगर नहीं बताई होती तो बेइज़्ज़त मोदी-शाह की इतनी भी बदनामी नहीं होती .. .. और यदि चीनी प्रधानमंत्री को झूला ना झुलाया होता तो बिरयानी खा रहे होते - और यदि नवाज़ की बिरयानी नहीं डकारे होते तो चीन द्वारा झुलाया झूला नहीं झूल रहे होते .. और यदि भ्रष्टाचार नहीं किया होता तो विकास पैदा हो गया होता - और यदि स्मृति ईरानी को राष्ट्रपति बनाया होता तो कोविंद को कोई नहीं जानता - और यदि वेंकैय्या को उपराष्ट्रपति के बजाय रक्षामंत्री बनाय होता तो जेटली के दिमाग को आराम मिल गया होता - और यदि जुमलों के बजाय मोदी-शाह ने कुछ काम भी किया होता तो आज मैं ऐसा बेतुका लेख लिख इन सबका उपहास नहीं कर रहा होता .. और शायद चिंतित भी नहीं होता .. और विचलित भी नहीं .. ..

जो शायद तब अंडे से बाहर भी ना निकले होंगे - पीछे इतिहास में घुस के पीछे की भविष्यवाणी करने वाले ऐसे मूर्खों !! .. कुछ समझे ?? .. ..

अरे जरा वर्तमान की भी सुध ले लो .. कुछ तो शर्म कर लो बेशर्मों !! .. यदि विकास बराला को पहले जमानत नहीं दिलवाए होते तो इतनी गालियां भी नहीं खा रहे होते .. और यदि गालियां खाने से परहेज़ होता तो मैं तुम्हे बेशर्म भी नहीं कह रहा होता .. ..

समझे पटेल को प्रधानमंत्री बनाने वाले फोकटिया लफ़्फ़ाज़ों !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// और अहमद पटेल जीत गए - तो क्या मोदी-शाह हार गए ?? .. और व्यवस्था ?? ....//


चुनाव होने थे - हो गए .. जीतने वाले जीत गए और हारने वाले हार गए .. ..
पर क्या किसी को शर्म आई ?? .. ..

छोड़िये जनाब .. मोटी चमड़ी बेशर्मों के लिए क्या हार और क्या जीत !! .. वो तो केवल कर्म पर भरोसा करते हैं .. कर्म करते जाते हैं - उन्हें परिणाम और फल से कोई फर्क नहीं पड़ता - क्योंकि इनके लिए नैतिकता का खुद का बनाया तराजू जो होता है जो इनके हर कर्म को तोलने के बाद नैतिकता का प्रमाण पत्र दे देता है .. ..

और आपको तो मालुम ही है कि 'नैतिक हार' भी 'अनैतिक जीत' से कितनी महान होती है .. है ना ?? .. .. हुर्रे !! भक्तों को बधाई !! आखिरकार मोदी-शाह ने टुच्ची महानता का परिचय दे ही दिया !! .. ..

और अहमद पटेल तो वाकई जीत गए - सच्ची-मुच्ची जीत गए !! .. टुच्चे और दोगलों की मूर्खता की बदौलत ही जीत गए .. है ना ??

पर इस बीच एक और सवाल के छिलके निकल रहे हैं .. कि निहायत बेवकूफों और अकर्मण्य और ढोरों के जिम्मे व्यवस्था का हश्र देखिए कि कुल जमा १५०-२०० नेताओं के द्वारा एक नेता के चुनाव में मात्र अपना वोट डालने के लिए कैसी व्यवस्था ?? कैसे नियम कायदे ?? और कैसी मशक्कत ?? और वो भी आपके मेरे पैसों पर ?? .. ..

धिक्कार है ऐसी लुच्ची टुच्ची व्यवस्था पर और संचालन पर .. है ना !! .. ..
अब बिना गाली दिए सभ्य शब्दों में इससे अच्छा तो नहीं लिख सकता था ना !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 8 August 2017

// 'वर्णिका कुंडू प्रकरण' .. या .. 'चंडीगढ़ पुलिस का बलात्कार प्रकरण' .. ..//


वर्णिका कुंडू प्रकरण आजकल सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय हो असभ्य समाज के लाख दबाने की कोशिशों के बावजूद चर्चा में है .. ..

और चर्चा में इसलिए है क्योंकि इसमें वांछित शुरूआती पुलसिया कार्यवाही होने के बाद पुलिस की मिद्द निकल गई .. क्योंकि जब तक प्रारम्भिक कार्यवाही की जा रही थी बेचारे पुलिस वालों को नहीं मालुम था कि अमीर लुच्चा टुच्चा आरोपी वास्तव में संस्कारी भाजपा के नेता का जायज़ पुत्र है - जिसका डीएनए तक बाप और पार्टी से मेल खाता है .. ..

और इसलिए मैं व्यक्तिगत रूप से इस प्रकरण को 'वर्णिका कुंडू प्रकरण' के बजाय 'चंडीगढ़ पुलिस का बलात्कार प्रकरण' कहना पसंद करूंगा .. जिसमें बलात्कारी एक अमीर लुच्चा टुच्चा ना होकर उसका बायलोजिकल बाप है जो संस्कारी भाजपा का नेता है .. ..

तो आइए देखते हैं कि इस बलात्कार प्रकरण में पीड़ित पुलिस और बलात्कारी नेता के बीच की एकतरफा रस्साकशी में पीड़ित पुलिस कब अपना दम तोड़ती है .. कब उसका पोस्टमॉर्टेम होता है - और कब दाह संस्कार !! .. या फिर हाथ में डंडा पकड़े पीड़ित पुलिस कब मुआवज़ा रुपी धन प्राप्त कर या चार लप्पड़ खाकर खाकसार हो जाती है .. ..

और हाँ ये भी देखिएगा कि जो भक्त सोशल मीडिया पर उचक फुदक अपनी भक्ति के साथ मूर्खता और बेशर्मी का नंगा प्रदर्शन करते हैं उन्हें भी अच्छे से जवाब दिया जाए .. और उनसे पूछा जाए कि - ये "सबका साथ सबका विकास" में "विकास" का मतलब "विकास बराला" ही था क्या ?? .. !! धन्यवाद !!

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Monday 7 August 2017

// क्या कोई ऐसी जुगाड़ नहीं हो सकती कि आप चीन को राखी बाँध दो ....//


रक्षा बंधन एक पवित्र त्यौहार - भाई-बहन का त्यौहार - भाई-बहन के बीच प्यार का त्यौहार .. ..

पर ना मालुम कब कैसे और क्यों इसे कोरी "रक्षा" से जोड़ दिया गया .. और "भाई बहन की रक्षा करेगा" की बात को आगे बढ़ाते हुए कुछ ऐसा कर दिया गया है कि - जो जिससे राखी बंधवाएगा वो राखी बाँधने वाले की रक्षा करेगा .. ...

और फैशन और जुगाड़ में ये जो नेता लोग हैं ना - ये भी थोकबंद राखियां बंधवा कर आदतन थोकबंद आश्वासन पेलते रहना शुरू कर दिए - कि हम तुम सबकी रक्षा करेंगे .. जबकि रक्षा की सबसे ज्यादा आवश्यकता तो आज समाज को इन लम्पट नेताओं से ही हो रही है जो खुल्ले में भक्षक बने हुए हैं .. ..

खैर इन्हीं बातों के बीच आज मुझे एक आईडिया आ रहा है - जो मैं देशहित में सार्वजनिक करना चाहता हूँ .. और आईडिया क्या एक बहुमूल्य सुझाव है - जो निम्नानुसार है ..

प्रिय मोदी जी एवं सुषमा जी !! .. भाई-बहन के अलावा - जैसे कि आप और अपन ये राखी बंधाई के मार्फ़त एक दूसरे को बेवकूफ बनाते रहे हैं - ठीक वैसे ही क्या कोई ऐसी जुगाड़ नहीं हो सकती कि आप चीन को ही राखी बाँध दो .. .. और भाई-भाई वाला पुराना नारा छोड़ नया नारा उछाल दो .. ..

" हिंदी-चीनी .. बहन-भाई " .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Sunday 6 August 2017

// हम युद्ध नहीं चाहते - पर चीन तो युद्ध थोप रहा है .. तो उगलो क्या कीजे ?? .. ..//


क्या कोई समझदारी का दावा करने वाला समझदार मुझे बताएगा कि .. ..
ऐसा मानना या ऐसा विश्वास करना या ऐसा बोलना या ऐसा समझाना या ऐसा बताना कि .. चीन बहुत शातिर है - बहुत खुराफाती है - बहुत ताकतवर है - बहुत बदमाश है - बहुत बदनीयत है - और युद्ध की धमकी दे रहा है - और यद्ध भी कर सकता है - और हमें सबक सिखा सकता है - आदि .. क्या देशद्रोह है या बुज़दिली है या कायरता है - या डूब मरने जैसी बात है - या "एंटी-नेशनल" है ?? .. ..

और क्या ऐसा कहना भर कि - हम चीन को सबक सिखा देंगे - देशप्रेम है या बहादुरी है ?? .. ..

वैसे अभी मैं खामोश हूँ .. क्योंकि कई बार एक तरफ गड्ढा और एक तरफ खाई की स्थिति होती है .. और लाचारी भी .. .. और इसलिए ही मैं केवल समझदारी का दावा करने वाले समझदारों की प्रतिक्रिया का इंतज़ार कर रहा हूँ .. .. और भक्तों और फ़ोकट फूंफां करने वालों को नज़रअंदाज़ !! .. ..

पर हाँ इतना जरूर बताना चाहूंगा कि मैं भी समझदार होने का दावा करता हूँ और चेताना चाहता हूँ कि स्थितियां विकट हैं .. चीन हम पर युद्ध थोपने पर आमादा है .. और यदि "युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं" तो क्या ऐसी स्थिति में युद्ध करना उचित होगा या पीठ दिखाना ???? .. ..

और यदि युद्ध करना उचित होगा तो क्या साम्प्रदायिकता से भरपूर सभी मुद्दों को विराम दे पूरी एकता के साथ मुकाबला करने के अलावा भी कोई अन्य विकल्प होगा ?? .. और यदि कोई अन्य विकल्प नहीं होगा - तो क्या कोई पंडित इस कार्य हेतु कोई मुहूर्त निकालेगा या ऐसा करना तत्काल ही उचित होगा ?? .. ..

तो आइए कुछ समय के लिए जरा साहेब के धाँसू नारे "सबका साथ - सबका विकास" को थोड़ा एडजस्ट कर लेते हैं .. और सब मिलकर नारा लगाते हैं .. ..

" सबका साथ - सबका युद्ध !! .. !! जय हिन्द !! " .. ..

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//.. फ्रैंडशिप डे !! - सभी मित्रों को बधाई एवं शुभकामनाएं !! .. एवं भक्त मित्रों को .. ..//


आज फ्रैंडशिप डे के सुअवसर पर मेरी आप सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं !! .. ..

एवं भक्त मित्रों को इस मस्त अवसर पर मेरी तरफ से विशेष प्यार भरा मुफ्त सुझाव का तोहफा .. ..

कृपया स्मरण करें लालू और नितीश की देशहित में की गई मित्रता का ..
कृपया प्रेरणा लें नितीश और मोदी की देशहित में हुई मित्रता से ..
और प्रार्थना करें मोदी और लालू की देशहित में मित्रता हो जाने की .. ..

जब तक सूरज चाँद तारे रहेंगे .. लालू-नितीश-मोदी मित्रता के किस्से याद रहेंगे .. है ना मेरे प्यारे भक्त मित्रों !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Saturday 5 August 2017

// पत्थर और कॉंग्रेस के जमाने लद गए .. अब तो गोली से उड़ाने की बात हो रही है ..//


सोशल मीडिया पर एक जुमला चल रहा है .. ..

पत्थर का भी प्रकार होता है ..
राहुल गांधी पर गिरे तो लोकतंत्र पर हमला,
जवानों पर गिरे तो अभिव्यक्ति की आजादी।
जय हिंद की सेना। .. ..

मेरी एक और प्रतिक्रिया .. ..

पत्थर राहुल गांधी पर गिरे तो वाह !! वाह !! ..
पत्थर जब जवानों पर गिरे थे तो बस - बुआ !! - फूँफ़ाँ !! - और आssह !! आssह !! .. 

भक्तों पत्थर पर अपना माथा ठोक मारो रे !! .. धिक्कार  है !! .. ..

वैसे बता दूँ .. पत्थर और कॉंग्रेस के जमाने लद गए .. अब तो आंध्रा के कॉंग्रेसी नेता जगनमोहन रेड्डी मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को सड़क पर सरेआम गोली मारने की बात कर रहे हैं .. ..

बधाई हो !! .. देश प्रगति कर रहा है .. अच्छे दिन तो आ चुके हैं !! .. नहीं क्या ?? .. 

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// तो पत्थर का भी प्रकार होता है ना ?? ....//


सोशल मीडिया पर एक जुमला चल रहा है .. ..

पत्थर का भी प्रकार होता है ..
राहुल गांधी पर गिरे तो लोकतंत्र पर हमला,
जवानों पर गिरे तो अभिव्यक्ति की आजादी।
जय हिंद की सेना। .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

पत्थर का भी प्रकार होता है ..
जम्मू-कश्मीर में चले तो आतंकवादियों की करतूत,
गुजरात में चले तो देशभक्तों का जज़्बा..
भक्तों को धिक्कार  .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// कैरक्टर सर्टिफिकेट बिना आधार - डेथ सर्टिफिकेट के लिए आधार अनिवार्य ?? ..//


एक होता है कैरक्टर सर्टिफिकेट .. और ये सर्टिफाई करता है कि नामधारी का कैरक्टर अच्छा है .. ये कदापि किसी के लिए भी ये सर्टिफाई नहीं करता कि नामधारी का कैरक्टर ढीला है .. और ये बिना किसी आधार के किसी को भी जारी किया जा सकता है / किया जाता है .. ..

और शायद इसलिए आपने नेताओं को और विशेषकर भाजपाइयों और कॉंग्रेसियों को ये अक्सर कहते सुना होगा कि उन्हें किसी के कैरक्टर सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं .. यानि कैरक्टर के मामले में मतलब साफ़ हो जाता है .. है ना !! .. ..

इसी प्रकार एक होता है डेथ सर्टिफिकेट .. और ये सर्टिफाई करता है कि नामधारी की डेथ हो चुकी है .. ये कदापि किसी के लिए भी ये सर्टिफाई नहीं करता कि नामधारी जिन्दा है .. ..

अब मज़ा देखिये .. ये ज़िंदा लोगों के लिए कैरक्टर सर्टिफिकेट की कोई आवश्यकता या बाध्यता या शर्तें नहीं - और कोई भी ज़िंदा बिना कैरक्टर और बिना कैरक्टर सर्टिफिकेट के विधायक मुख्यमंत्री सांसद प्रधानमंत्री तक बन सकता है .. ..

पर जनाब ये डेथ सर्टिफिकेट के लिए एक शर्त लागू कर दी गई है कि ये सर्टिफिकेट जिन्दा से मरे के नाम तभी जारी होगा जब उसके नाम आधार नंबर होगा .. ..

मैं कहता नहीं था कि जो कैरक्टर के ढीले होते हैं वे ना तो किसी को जीने देते हैं ना बिना किसी आधार के मरने .. ..

और ठीक भी है .. जब आपको अपनी मर्ज़ी से खाने-पीने घूमने-फिरने पहनने-ओढ़ने धर्म अनुसरण करने की स्वतंत्रता नहीं है तो इतनी आसानी से बिना किसी आधार आपको मरने कैसे दिया जाए ?? .. ..

इसलिए तो अब आप केवल अपनी मर्ज़ी से आत्महत्या भी नहीं कर सकते - उसके लिए भी आधार जरूरी होगा !! - समझे !! .. और हो सकता है कि ऐसा इस परोपकारी सरकार ने किसानों को थोकबंद आत्महत्या करने से हतोत्साहित करने के लिए ही किया हो .. ..

यानि किसानों के हित में एक और बड़ा सरकारी कदम - वो भी बिना किसी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता के साथ .. है ना !! .. हा !! हा !! हा !! .. ..

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Friday 4 August 2017

// कुछ बातें मोदी जी को बर्दाश्त नहीं - और मुझे मोदी .. तो करें क्या ?? ..//


अब कुछ दिन पहले मोदी जी ने अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा - भाजपा के राज्यसभा सांसदों की सदन से अनुपस्थिति बर्दाश्त नहीं .. ..

और आज ही मोदी अभिनीत गुजरात में राहुल गाँधी की कार पर पथराव कर दिया गया .. जो भी बर्दाश्त के बाहर ही होना चैये .. .. 

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

बर्दाश्त तो आपको और भी कई बातें नहीं .. जैसे भीड़ द्वारा हिंसा - गौरक्षकों की गुंडागर्दी - साम्प्रदायिकता - भ्रष्टाचार - गरीब की पीड़ा .. और कुछ लोग भी - जैसे केजरीवाल - सुब्रमण्यम स्वामी - शत्रुघ्न - आडवाणी - है ना !! .. और मुझे मालुम है कि आज जो राहुल गांधी पर गुजरात में पथराव किया गया है वो तो आपको बर्दाश्त हो ही नहीं सकता - क्योंकि ये तो हिंसा हो गई - जो आपके प्रेरणा स्त्रोत गांधी जी ने नहीं करने की शिक्षा दी थी .. .. पर ये सब कुछ ही तो बर्दाश्त करना ही पड़ रहा है - क्योंकि आपको कुर्सी भी तो प्यारी है ना !! .. या फिर आप नौटंकी करते रहे हो .. नहीं क्या ?? .. ..

और मोदी जी !! सही बात बताऊँ .. बर्दाश्त तो मुझे आप भी नहीं - पर बर्दाश्त तो करना ही पड़ रहा है .. है ना ?? .. ..

तो मोदी जी - ये बर्दाश्त वाली बात छोड़ो .. आप तो ये बताओ कि दंड क्या ?? .. ये सांसदों को वेतन भत्ते सुविधाएं किस बात की ?? .. ये संसद की कार्यवाही जो कोरम आभाव में स्थगित हुई थी - और जो राज्यसभा में बिल पास होने में गड़बड़ हुई - उसकी जनता के पैसे के रूप में हुई हानि की वसूली होगी कि नहीं - और होगी तो कब - और नहीं होगी तो क्यों नहीं ?? .. और ये सचिन और रेखा जो आपको सौंपी गई तिजोरी से हाथ साफ़ कर रहे हैं उसका क्या ?? .. ..

और मोदी जी ये भी बता दो कि एक बच्चे को मारना क्या कायरता नहीं ?? .. और कल को कोई बच्चा आपको या आपके भक्तों को चपतिया देगा तो क्या कीजियेगा .. बर्दाश्त कीजियेगा ?? .. या कहीं ऐसा तो नहीं कि बर्दाश्त करना ही पड़ जाएगा ?? .. हा !! हा !! हा !! .. .. है ना ?? .. ..

मोदी जी सब कुछ लिखने का मेरा मक़सद तो केवल इतना है कि आपके सत्ता में आने के बाद सब दूर ना-ना प्रकार की हिंसा बहुत बढ़ गई है - जो जनता को बर्दाश्त नहीं होने वाली .. और इसलिए अब आप भी ये सब बर्दाश्त करना छोड़िये - और कुछ ऐसा भी कीजिये जो हमें बर्दाश्त हो जाए - और समझ आ जाए .. समझे !!

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// .. वंदे मातरम् .. वनडे पितृम् !! ....//


भावुकता.... प्रणब दा - आप पिता तुल्य !! .. ..

मेरी भावुक प्रतिक्रिया .. ..

.. वंदे मातरम् .. वनडे पितृम् !! .. ..

मित्रों !! .. भावनाएं ही तो हैं भावनाओं का क्या ?? .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Thursday 3 August 2017

// वर्जिन का मतलब होता है अविवाहित ?? .. तो .. .. ..//


दोगले डीएनए वाले नितीश के मंत्रिमंडल के ताजे ताजे मानसिक अस्वस्थ स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है .. "वर्जिन का मतलब होता है अविवाहित" .. ..

तो क्या मान के चलूँ कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ वर्जिनों का टोला है - पर संघ से जुड़े हमारे प्रधानसेवक वर्जिन नही हैं ???? .. ..

और भक्तों बताओ तो जरा कि क्या बिहार के सरकारी फॉर्म में ऐसा जानकारीपूर्ण सवाल पूछना कि क्या आप वर्जिन हैं - उचित है ?? .. और मेरे कौतूहल भरे सवाल अनुचित ?? .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// एक स्वतंत्र कुत्ते की अंतरात्मा की आवाज़ .. .. ..//


आज रात भर गली में बिना पट्टे का एक स्वतंत्र कुत्ता रोता रहा .. ऊंऊंऊं - ऊंऊंऊं .. और मुझे लगा कि ये उसकी अंतरात्मा की आवाज़ होगी .. ..

ऐसा इसलिए कि सावन के इस सीज़न में भिन्न-भिन्न जंतुओं की अंतरात्मा की आवाज़ों की झड़ी लगी पड़ी है .. ..

अभी अंतरात्मा से ओतप्रोत राष्ट्रपति चुनाव निपटे ही थे - कि ताज़ा-ताज़ा एक दोगले की अंतरात्मा की आवाज़ ना जाने कहाँ से निकली और उसे सुनाई भी दे गई - और उसने पलटी लगाई - उल्टी करी - हवा खराब करी - और टुच्चई भी करी .. ना मालूम आवाज़ अंतरात्मा की ही थी या पेट में अजीर्ण होने के उपलक्ष में निकली - ये तो उसकी आत्मा ही बेहतर जाने .. पर वो सर्टिफाइड तो अंतरात्मा की ही आवाज़ करी गई .. और सर्टिफिकेट भी किसी लल्लू-लालू ने नहीं दिया - बल्कि दिया सरकारी साहेब ने .. समझे !! .. .. 

और अभी ८ अगस्त को तो कुछ अपनी आत्मा बेच खाए नेता अपनी स्वयं की निजी अंतरात्मा की ही आवाज़ पर पार्टी बताए अनुसार वोट कर अपने ही जैसे कुछ और आत्मविहीनों को माननीय सदस्य चुनने वाले हैं ..  जी हाँ ये सब कुछ भी होगा अंतरात्मा की ही बुलंद आवाज़ पर .. ..

पर मूल प्रश्न तो यही खड़ा हो रहा है कि - कुत्ता क्यों रो रहा था ?? .. उसकी अंतरात्मा रुदाली क्यों कर रही थी ?? .. ..

और जो मैं समझ पाया वो ये कि - वो सोच रहा होगा कि - जब पैदाइशी कुत्ता वो - तो देश में इतनी कुत्तई कर ऐश ये इतने ढेर सारे ढोर नेता कैसे कर रहे हैं ?? .. ..

और मेरी अंतरात्मा कहती है कि - बिना पट्टे स्वतंत्र कुत्ते की अंतरात्मा की आवाज़ बिल्कुल स्पष्ट और सही है .. वरना पट्टे से बंधे गुलामों की क्या आत्मा और क्या अंतरात्मा और कैसी आवाज़ ?? .. है ना !!

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Wednesday 2 August 2017

// ये तो मृतप्राय प्रजातंत्र के हत्यारों की लुच्चों टुच्चों द्वारा की जा रही हत्या है ....//


किसी बीमार कमजोर व्यक्ति को एक गुंडा तमाचा जड़ दे .. क्योंकि वो बीमार कमजोर व्यक्ति कभी पहलवान था और उसे आँखे दिखाता था - डराता था - सताता था - दौड़ाता था - मारता था - निपटाता था .. और उस पर बीमार कमजोर रो दे .. और फिर गुंडा हँसे और बोले - यार ये तो रो दिया - इसमें तो दम ही नहीं है .. ..

बस ऐसा ही कुछ कांग्रेस और बीजेपी में चल रहा है .. ..

बैंगलोर के जिस रिसॉर्ट में राज्यसभा के चुनावों में उपयोग में लाए जाने वाले कॉंग्रेसी विधायक लाकर बंधे पट्टों सहित छोड़े गए थे या ठहराए गए थे - ठीक उसी रिसॉर्ट पर आयकर विभाग के कर्तव्यनिष्ठ अधिकारीयों को "छू" कर दिया गया है - और छापेमारी जारी बताई जा रही है .. ..

और कांग्रेस रो रही है - विलाप कर रही है .. और अराजक बीजेपी कह रही है - ये तो खुद घबराए गलतियां कर रहे हैं - हम क्या करें .. ..

बहुत मज़ा आ रहा है .. क्योंकि लगता है भविष्य में और मज़ा आने वाला है .. ..

क्योंकि मेरा ऐसा मानना है कि शायद ये जीवंत प्रजातंत्र की हत्या नहीं है - ये तो मृतप्राय प्रजातंत्र के हत्यारों की लुच्चों टुच्चों द्वारा की जा रही हत्या है !! .. ..

और इस पूरे नंगे नाच में लिप्त या शिरकत करने वाले करवाने वाले मरने वाले मारने वाले वो सभी निर्लज्ज लुच्चे टुच्चे लोग शामिल हैं जिनका प्रजातंत्र पर ना कभी विश्वास था ना है .. !! 

मृतप्राय प्रजातंत्र को श्रद्धांजलि के साथ !! .. और प्रजातंत्र की ऐसी की तैसी करने में अपना भरपूर योगदान देने वाले सभी जिम्मेदारों को धिक्कार के साथ .. ..
!! भारत माता की जय !!

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// टुच्चे पाक का सौभाग्य - एक अंतरिम प्रधानमंत्री !! .. हमारे तो करम फूट गए ..//


अब पाकिस्तान में शाहिद खाकान अब्बासी 'अंतरिम' प्रधानमंत्री बन गए !! .. ..

बस ऐसी ही बातें अखर जाती हैं .. .. टुच्चा सा देश और ऐसे सौभाग्य ?? ..

लगता है हम लोगों के तो करम ही फूट गए जो हमें 'अंतरिम' प्रधाममंत्री का सौभाग्य ही प्राप्त नहीं हो रहा है ..
बल्कि जो है वो तो ऐसे गर्रा इतरा अफरा जबरा मुस्कुरा रहे हैं जैसे वो ऊपर से पट्टा लिखवा के आए हों और वो ही इस देश के 'अंतिम' प्रधानमंत्री होंगे !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Tuesday 1 August 2017

// CBI तोता - साहेब रचनात्मक - बंजारा बेचारा - नितीश चालाक - और तेजस्वी ? ..//


बताते तो यही हैं कि जब तक ठोस सबूत या मसाला नहीं होता तब तक CBI प्रकरण की शुरुआत ही नहीं करती .. मसलन तेजस्वी यादव पर जो CBI ने केस दर्ज किये हैं तो CBI के पास ठोस सबूत और मसाला होगा ही .. और तभी तो चालाक नितीश ने वो सबकुछ रच डाला जो रचनात्मक साहेब को रास आ गया और रासलीला हो गई .. ..

और इसी CBI के हत्थे एक बहुचर्चित मामला चल रहा था जो था गुजरात का - जी हाँ गुजरात का सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस .. और ये केस CBI ने वर्ष २००५ में रजिस्टर किया था .. पर प्रकरण में CBI कोर्ट द्वारा दो नेता पहले ही बरी कर दिए गए थे - और आज दो पुलिस अधिकारी भी बरी कर दिए गए हैं ..

जो दो नेता बरी करे थे - वे कद्दावर थे अमित शाह और गुलाब चंद कटारिया .. और इसलिए बाकी को तो बरी होना ही था - सो पुलिस वाले डीजी बंजारा और एक अन्य अधिकारी दिनेश एमएन भी आज बरी कर दिए गए .. जिसमें से डीजी बंजारा ७ साल की जेल काटने के बाद बेल पर छूटे हुए बताए जाते हैं .. .. बेचारे बंजारा !! .. ..

स्पष्ट और पुष्ट हुआ कि सीबीआई तोता है - साहेब रचनात्मक - बंजारा बेचारा - नितीश चालाक - और शायद तेजस्वी बली का बकरा .. कोई शक ?? .. और शक की वजह ?? .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// भारत का प्रजातंत्र केजरीवाल के भरोसे हो चला है !! .. क्योंकि .. .. ..//


जमाने से सुनते आए हैं कि प्रजातंत्र में विपक्ष का भी महत्त्व होता है .. .. बल्कि कुछ पंडित तो कहते आए हैं कि स्वस्थ लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना भी अत्यावश्यक होता है - और विपक्ष बिना तो प्रजातंत्र और तानाशाही में कोई अंतर ही नहीं रह जाता है .. ..

आज भ्रष्टाचार आरोपित जयललिता वाली एआईएडीएमके पार्टी के बचे-खुचों ने जयललिता की मृत्यु उपरांत एनडीए में जाने के संकेत दे दिए हैं .. और कुछ दिन पहले दोगले नितीश भी अपनी बिहारी सत्ता में लिपटे हुए ही विपक्ष से सत्तापक्ष खेमे में लुढ़क उल्टे ऊपर पहुँच चुके हैं - और इस कारण लालू और पप्पू को और कमज़ोर कर चुके हैं .. इतना कमज़ोर कि उन्हें 'विपक्ष' कहना भी अब उचित नहीं होगा .. ..

तो फिर विपक्ष है कहाँ ?? .. .. पटनायक तो नहीं ?? .. कौन पटनायक ?? .. नहीं मालूम तो छोडो उसकी बात .. .. तो अमरिंदर सिंह पंजाब वाले ?? .. हा !! हा !! हा !! .. उसके तो केवल कांग्रेस का लेबल चिपका है - पर असल में तो वो भी साहेब का पट्ठा ही है और सेटिंग के तहत ही पक्ष का होकर भी विपक्ष में है .. ..

तो बात आकर ठहरती है ममता दीदी और केजरीवाल दादा में .. ..

तो बस अब आगे आने वाले दिनों में मालुम पड़ जाएगा कि बंगाली टाइगरों पर दिल्ली तोतों का झपट्टा कैसा लगता है - और चिटफंड आदि आर्थिक भ्रष्टाचार के रहते या बहाने दीदी कहाँ जाती हैं - जेल या एनडीए में ?? .. ..

तो क्या मान लिया जाए कि विपक्ष का नामोनिशान मिट गया ?? .. लगता तो ऐसा ही है पर जब तक केजरीवाल दादा है - विपक्ष का अस्तित्व तो बना ही रहेगा .. और मुझे ऐसा लगता है कि केजरीवाल निराश नहीं करेंगे .. क्योंकि पंडितों ने यह भी कहा हुआ है कि भारत में प्रजातंत्र की जड़ें बहुत गहरी हो चुकी हैं - और अब इस देश में प्रजातंत्र को कोई तीसमारखाँ भी ख़त्म नहीं कर सकता - और चूँकि प्रजातंत्र में मजबूत विपक्ष का होना भी अपरिहार्य है इसलिए भारत का प्रजातंत्र केजरीवाल के भरोसे हो चला है !! .. ..

यानि यदि केजरीवाल रहे तो प्रजातंत्र .. नहीं रहे तो भयावह तानाशाही .. ..

और इसलिए मेरा केजरीवाल को समर्थन पूरे दिल दिमाग से जारी है - प्रजातंत्र और देशहित में जारी है - मेरे और मेरे परिवार और मेरे समाज के हित में जारी है - और भ्रष्टाचार और साम्प्रदायिकता के विरुद्ध जारी है .. भक्त जो चाहें उखाड़ लें या अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मार लें - इससे मेरा कोई सरोकार नहीं .. ठीक !! .. !! जय हिन्द !!

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