Saturday 30 June 2018

// भैंस का "कैरक्टर" ??.. और गँवार भक्तों का नज़रिया.. ..//


अक्सर संस्कारों और ईमानदारी का ढोल पीटने वाला एक चतुर गँवार शहर के पशु मेले गया और एक भैंस खरीद अपने गाँव लौट रहा था.. भैंस बहुत बूढ़ी ही लग रही थी - एक पाँव से थोड़ा लंगड़ा सी रही थी - एक सींग भी टूटा था - और एक आँख भयानक जख्मी हालत में दिख रही थी.. पर गँवार उसकी रस्सी पकड़ आगे-आगे बड़े ऐंठ के इतरा के फक्र और ख़ुशी के साथ अपनी छाती फुला चल रहा था..

गाँववालों ने पूछ लिया.. ये क्या है ?? .. भैंस है दिखती नहीं - पूरे एक लाख में खरीद के लाया हूँ .. .. अच्छा !! दूध कितना देती है ?? .. दूध नहीं देती .. .. गाभिन है ?? .. नहीं अब तो इसकी उम्र निकल गई .. .. अरे भाई बूढ़ी ये है लंगड़ी ये है कानी भी दिखे दूध भी ना देवे - फिर क्या खासियत जो १ लाख में खरीद लाए ??..

और गँवार ने बड़े ऐंठ इतरा के जवाब दिया.. इसका "कैरक्टर" बहुत अच्छा है !!..

और मुझे ये पुराना चुटकुला इसलिए याद हो आया कि आज मोदी की तमाम असफलताओं और कमियों के बावजूद भक्तों को मोदी ही पसंद आते हैं.. वो भी शायद ऐंठ इतरा ये कहकर कि - मोदी का "कैरक्टर" बहुत अच्छा है..

और मैं सोचता रह जाता हूँ कि बाकी सारी बातों और तथ्यों के अलावा क्या "कैरक्टर" भी अच्छा है ??..

और अंत में स्पष्ट कर दूँ कि इस सारगर्भित व्यंग्य लेख के मुख्य किरदार ना तो भैंस है और ना मोदी - बल्कि इसके मुख्य किरदार गँवार और भक्त हैं.. इसलिए ये लेख गँवार भक्तों को समर्पित !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 29 June 2018

// आम चुनाव २०१८ में होने का एक और संकेत ..//


मोदी सरकार में अज्ञात पदेन व्यक्ति जिसको अरुण जेटली के नाम से जाना जाता है - उसने बयान दिया है..

स्विस बैंक में किसका धन है ये जानकारी जनवरी २०१९ में प्राप्त हो जाएगी..

मैं कहता नहीं था कि आम चुनाव २०१८ में ही करवाने का निर्णय ले लिया गया है..

इसलिए देश को एक बार पुनः अग्रिम बधाई !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// असल ज्ञान की बात : एक वीडियो के बल पर फुदकना नहीं चाहिए !!.. ..//


कबीर के करीबी कहिन.. ..

पूत कपूत - तो क्यों धन संचय..
पूत सपूत - तो क्यों धन संचय..

बाबा ब्रह्मप्रकाश कहिन.. ..

वीडियो सच्चा - तो क्यों फुदके..
वीडियो गच्चा - तो क्यों फुदके..

असल ज्ञान की बात :
जिनके पूत हैं उनको धन संचय नहीं करना चाहिए..
और जिनके पूत नहीं हैं उन्हें एक वीडियो के बल पर फुदकना नहीं चाहिए.. !!

और स्पष्ट कर दूँ कि ये लेख हमारे प्रधानसेवक द्वारा संत कबीर दास जी की याद दिलवाने के फलस्वरूप केवल एक व्यंग्य हो प्रधानसेवक को समर्पित है..
इसलिए भक्त इसको संजीदगी से ले इस पर तर्कसंगत टिप्पणियां करने के असफल प्रयास कर सकते हैं..
ताकि मैं भी मस्ती में गा सकूं .. ..

मेरे सिर से टली बला.. कबीरा भला हुआ !!..
जय हो .. भक्तों की जय हो !!.. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// "मोदी को खतरे" पर विवेचना !!.. पर "मोदी से खतरे" का क्या ??.. ..//


मैं तो शुरू से मानता और कहता आया हूँ कि मोदी मंत्रिमंडल में आपराधिक प्रवृत्ति के टुच्चे भी हैं ही हैं..

खैर अब जाकर मेरी बात समझ पड़ी और मानी गई.. और मोदी को मंत्रियों से खतरे पर उचित सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं..

और क्योंकि मेरी बात मानी गई है तो एक और पते की बात आज मुफ्त में ही बता देता हूँ..
मोदी को जितना खतरा उनके मंत्रियों से है उससे कई गुना ज्यादा खतरा तो उनकी ही पार्टी के अध्यक्ष से भी है और फिर कई ऐसे काबिल माने जाने वाले पदाधिकारियों से है जो पार्टी में हैं ही इसलिए क्योंकि उनकी आपराधिक क्षमता सदैव से जाँची परखी जा चुकी है.. और जो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण या दंगे फसाद करवाने या  एन-केन-प्रकारेण चुनाव जितवाने में महारथ हासिल रखते हैं.. 

खैर ये तो बात हुई "मोदी को खतरे" की.. पर "मोदी से खतरे" का क्या ????..

और मेरी राय में तो जब भी कोई मोदी से मिलने जाए तो बिंदास जाए.. पर कान में रुई डालकर.. क्योंकि मोदी किसी को भी "बोल फेंक" से ही प्रताड़ित करने की क्षमता रखते हैं .. कुछ कर गुजरने की नहीं..

कुछ कर गुजरने की क्षमता तो केजरीवाल में ही लगती है जिसका प्रमाण भी मुख्य सचिव मारपीट प्रकरण से उद्घृत  करवाया जा चुका है.. और आज तो केजरीवाल के विरुद्ध दिल्ली पुलिस द्वारा चार्ज-शीट भी प्रस्तुत करने की खबरें आ रही हैं.. 

इसलिए लगे हाथ आज फिर भक्तों को भी मुफ्त में ही समझाइश..
मोदी से डरने की जरूरत नहीं - बस केजरीवाल से बच कर रहना.. समझे !!

और इसी तारतम्य में एक राज़ की बात बताऊँ ??.. अब यदि कोई भी मोदी से मिलने जाएगा तो उसकी पूरी "फ्रिस्किंग" होगी - यानि टटोल-टटोल कर तलाशी.. और वो इसलिए नहीं कि कोई शारीरिक हमला ना कर दे.. बल्कि शायद इसलिए ही कि वो कहीं कोई गुप्त माइक या मोबाइल का माइक चालू कर मोदी के "बोल फेंक" रिकॉर्ड ना कर ले..  समझे पूरी बात ??.. बहुत ही गूढ़ बात !!..

और यदि आप मेरी गूढ़ बात समझ गए होंगे तो आपको यकीनन समझ आ जाएगा कि.. "मोदी को किससे खतरे" - "मोदी को कैसे खतरे"..  और "मोदी से कैसे खतरे" !!.. धन्यवाद !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 28 June 2018

// वीडियो लीक हुआ है.. ये सरकार भी हर जगह से "लीक" हो रही है.. ..//


अभी-अभी बात लीक हुई है कि..
सर्जिकल स्ट्राइक पर आज जो दूसरा वीडियो बाहर आया है वो किसी ने भी आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया है.. बल्कि ये वीडियो "लीक" हुआ है..

और इसलिए आज पूरे देश को संजीदगी से सोचना पड़ेगा कि सेना के स्वामित्व या सरकार के आधिपत्य का वीडियो लीक कैसे हो गया ?? - क्यों हो गया ?? - किसने किया ?? - और इसका जवाबदार कौन ?? - और अब आगे क्या ??..

और हाँ एक और बात पर भी गौर करना होगा कि इस वीडियो के लीक होने के बाद मोदी सरकार के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद नथुने फुला-फुला के निहायत वाहियात तरीके से विपक्ष पर कैसी भड़ास निकाल गए ?? - और क्यूँ निकाल गए ??.. 

मित्रो मुझे आज फिर स्पष्ट हुआ कि मोदी सरकार इस देश के लिए अत्यंत घातक सरकार है.. ये सरकार हर जगह से "लीक" हो रही है.. स्थितियां भयावह हैं.. सावधान !!.. जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// संत कबीर पर भी 'फेंकमफाँक' दुर्भाग्यपूर्ण .. ..//


" संत कबीर भीतर से कोमल बाहर से कठोर थे " !!..

अब ये मनगढंत अजब सी बात आज जिसने कही है वो भी बहुत ही कोमल और कठोर है..

गरीब जनता पर बाहर से दिखावटी कोमल - पर भीतर से हृदय विदारक भयानक कठोर..
और अमीर साथियों पर बाहर से खोखले कठोर - और भीतर से नतमस्तक कोमल..

और हाँ मेरे आंकलन अनुसार तो संत कबीर बहुत सरल और ज्ञानी थे.. और जैसे वो भीतर से रहे होंगे वैसे ही बाहर से भी थे.. क्योंकि सरल प्रकृति संतपुरषों की यही खासियत भी रही है..

ये अंदर और बाहर से अलग-अलग तो हमारे प्रधानसेवक जैसे शातिर नेता ही होते हैं जो कभी भी वो नहीं करते जो कहते हैं - और वो भी नहीं कहते जो करते हैं.. समझे ??.. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// हुर्रे !!.. आम चुनाव २०१८ में ही होने के शुभ संकेत.. बुरे दिन शीघ्र जाने वाले हैं !!.. ..//


पहले नेहरू को कोसते रहे..
फिर एकाएक इंदिरा का रोना रोने लगे..

और अब तो साले जीजा रॉबर्ट वाड्रा की बात करने लगे हैं..
और तो और भगोड़े माल्या को वापस लाने के ढोल बजने लगे हैं..

और सबसे अहम्.. आज तो २ वर्ष पूर्व सेना द्वारा की गई और पीठ ठोकू प्रधानसेवक और भक्तों द्वारा प्रचुर प्रचारित  सर्जिकल स्ट्राइक का एक और वीडियो भी जारी किया गया है.. भारत माता की जय !!.. वंदे मातरम !!..       

हुर्रे !!.. लगता है आम चुनाव २०१८ में होने वाले हैं !!!!!!..

और ऐसा इसलिए भी लाज़मी है क्योंकि मध्यप्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हारने के बाद तो मोदी की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी.. और देश का मूड जिस तेज़ी से बदलने लगा है २०१९ आते-आते तो जनता द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक ही कर दी जाएगी और इन्हें ढेर कर दिया जाएगा..

और चौथे बर्थडे के आयोजन फीके फुस्स ढुस्स रहने के बाद अन्य बड़े प्रभावशाली लोगों से संपर्क अभियान भी किया जाने लगा है.. और तो और पूंजीपतियों से गुप्त पृथक बैठकें भी हो चली हैं..

और लगता है शरीफ से २०१६ की पप्पी झप्पी वाली अनौपचारिक चर्चा में हुई आपसी सहमति अनुसार पाकिस्तान विषयक पत्ते भी चले ही जा रहे हैं.. और जम्मू-कश्मीर से भाग खड़े होने वाला तय मास्टर स्ट्रोक भी थोड़ा समयपूर्व ही खेल दिया गया है.. 

और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक तो ये हैं कि साथी छिटक बिदक रहे हैं - और शिवसेना ने तेवर और कड़े कर लिए हैं.. और ऐन टाइम तक अपने पत्ते नहीं खोलने वाले दोगले पलटू नितीश कुमार ने सीटों के बंटवारे को लेकर अपनी औकात और नीयत का भी खुलासा कर दिया है.. और पलटू ने जल्दी ही पलटी मारने की धमकी दे दी है..

और फिर सबसे बड़ा कारण तो ये लगता है कि आजकल अंधभक्तों ने भी मोदी के विकल्प की चर्चा करना शुरू कर दी है.. और मोदी को अपनी चुनावी रणनीति पर बहुत नाज़ है और उनमें कुछ लीक से हटकर नोटबंदी जैसी अलग टुच्ची हरकतें करते रहने की बीमारी भी है..

तो मित्रो !! आम चुनाव २०१८ में ही होने के शुभ संकेत मिल रहे हैं और मुझे पूरा यकीन हो चला है कि देश मोदी राज से ५ साल के पूर्व ही मुक्ति पा लेगा.. बुरे दिन जाने वाले हैं !!.. आपको अग्रिम बधाई !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 27 June 2018

// सुखोई यदि वायुसेना में शामिल नहीं था तो क्या "आप" पार्टी में शामिल हो गया था ??..//


आज एक खबर आई कि एक सुखोई-३० फाइटर जेट नासिक के पास क्रैश हो गया.. पर ये विमान अभी वायुसेना में शामिल नहीं था..

और मुझे ठीक वैसी ही अनुभूति हुई जैसी की एक भाजपाई के जुमले या बकवास क्रैश हो जाने पर ये कहा जाता है कि वो उसका व्यक्तिगत बयान या मामला था - या वो भाजपा में शामिल ही नहीं था..

यानि हद्द ही हो गई !!.. सुखोई फाइटर जेट यदि वायुसेना में शामिल नहीं था तो क्या "आप" पार्टी में शामिल हो गया था ??..

और यदि भाजपाई भाजपा में शामिल नहीं था तो क्या नागपुरी सेना में भर्ती हो प्रदेश की सीमा पर दंड पेल रहा था - या किसी मच्छी विक्रेता संघ में शामिल था ??..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// बीती पीढ़ी बिसार दे - वर्तमान और भावी टुच्ची पीढ़ी की सुध ले.. ..//


कल ही सबने देखा था मोदी को ४३ साल पुराना आपातकाल का दुखड़ा अपने चिरपरिचित चिरकुट अंदाज़ में रोते हुए - और कांग्रेस की भूतपूर्व पीढ़ियों को कोसते हुए वर्तमान पीढ़ी को लपेटे में लेने की कोशिशें करते हुए..

और वो और उनके प्रवक्ता कह रहे थे कि ऐसा करना इसलिए जरूरी है ताकि देश की आज की पीढ़ी को - जिसे गुजरे जमाने के इस काले पन्ने के बारे में कुछ पता ही नहीं है - उसे इन गंभीर बातों की आवश्यक जानकारी हो सके..

और आज सुर्ख़ियों में समाचार ये है कि.. गुजरात की कच्छ यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जो कमलगट्टों की ही एक पीढ़ी है उसके गुंडे छात्रों द्वारा उनके ही प्रोफेसर के मुंह पर कालिख पोत उनसे मारपीट कर उन्हें सरेआम सार्वजानिक स्थलों पर जबरन जुलूस के रूप में घुमाया गया.. और कारण भी क्या ?? बस इतना कि बेचारे प्रोफेसर उन सीनेट चुनाव के इंचार्ज थे जो महीने भर बाद होने हैं और जिसकी प्रक्रिया में कुछ अनियमितता के आरोप हैं..

जानते हैं इसका क्या मतलब निकला ??..

मतलब ये निकला कि जो कांग्रेस की पिछली पीढ़ी को आज कोस रहे हैं उनकी वर्तमान और भावी पीढ़ी टुच्ची हो बर्बाद हो चुकी है..

और बर्बादी इस कदर हो चुकी है कि जो उस ४३ साल पहले लगी इमरजेंसी में भी नहीं हुआ वो आज मोदी राज में हो गया और कानून सभ्यता संस्कारों की धज्ज्जिया उड़ाने की सारी सीमाएं बेख़ौफ़ बेहिचक बेलगाम लांघ दी गईं..

और इसलिए जो १९७५ के आपातकाल का रोना रोते हुए बेशर्मी बदतमीज़ी और गुंडागर्दी पर उतारू हैं -  उनकी तो सभी पीढ़ियों के पर कतरना और सबक सिखाना आज की आवश्यकता हो चुकी है.. और सबसे पहले तो ये जो इनके वर्तमान पीढ़ी के शीर्षस्थ नेता मोदी हैं ना - इन्हें सत्ता के अर्श से उतार फर्श पर पटकने की तत्काल जरूरत आन पड़ी है..

और मोदी को अपदस्थ करने की आवश्यकता इसलिए भी तत्काल हो चली है क्योंकि ये भी वर्तमान पीढ़ी को दिशाभ्रमित करने और बर्बाद करने के दोषी हैं.. और गुंडों बदमाशों को घोषित / अघोषित प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष संरक्षण और प्रोत्साहन देने के भी दोषी हैं..

यानि देशहित में समझदारी भरा सारांश केवल ये है कि.. बीती पीढ़ी बिसार दे - वर्तमान और भावी टुच्ची पीढ़ी की सुध ले.. जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 26 June 2018

// "आपातकाल".. तब और अब !!.. इंदिरा तब हारी - अब ??.. ..//


आज अभी मोदी मुंबई में "आपातकाल" पर फेंक रहे थे.. और वो इंदिरा द्वारा १९७५ में लगाए गए आपातकाल के विरोध में बखूबी बखान कर रहे थे.. बता रहे थे कि आपातकाल कितना गलत था कितना क्रूर था कितना अलोकतांत्रिक था कितना भयावह था कितना नुकसानदेह था.. आदि अनादि !!..

और.. मुझे पुख्ता एहसास हो गया कि देश में वैसे ही हालात एक बार फिर कुछ बदले रूप में पर उससे भी ज्यादा भयावह रूप में बन चुके हैं.. और आपातकाल के बाद जो हाल देश ने इंदिरा का किया था वैसा ही हाल मोदी का भी होना ही चाहिए..

और आशा करता हूँ ऐसा ही होगा..
जनता ने तब भी समझदारी का परिचय दिया था और अब भी देगी.. 
देश तब भी बच गया था.. देश अब भी बचेगा..
लोकतंत्र की तब भी जीत हुई थी अब भी होकर रहेगी..
तब चुनावों में इंदिरा हारी थी.. अब मोदी हारेगा..

और कहते हैं कि इंदिरा को उनकी "कोटरी" ले डूबी थी.. और आज "अंधभक्त" मोदी को ले डूबेंगे !!..

और तब जय प्रकाश नारायण ने जनता का मार्गदर्शन किया था.. आज शायद अरविन्द केजरीवाल या फिर कन्हैया कुमार या फिर रवीश कुमार वो काम करते दिख रहे हैं..

यानि इतिहास अपने आप को दोहराता है और दोहराएगा.. और मोदी जाएगा..
जय हिन्द !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// "भगवा आतंकवाद" ना होता होगा.. पर "भगवा आतंकियों का आतंकवाद" ??.. ..//


कभी किसी ने कह दिया था - "भगवा आतंकवाद"..
और तब से ही प्रतिकार किया जाता रहा है कि आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता.. और जम्मू-कश्मीर की ताज़ा राजनीतिक दुर्घटनाओं के बाद तो इस वर्षों पुरानी सुर्ख बात का भी टेका लिया जाकर गोदी मीडिया की बहस में इस बात को फिर ताज़ा किया जा रहा है.. 

और आज मेरा प्रतिकार भी..

यदि एक साधु जो भगवा वस्त्र धारण करता हो और वो बलात्कार कर गुजरे और पकड़ा भी जाए और सजा भी पा जाए तो क्या उसको "बलात्कारी साधू" या फिर "भगवा बलात्कारी" कहना निषेध या अप्रिय या असंसदीय या आपत्तिजनक या फिर देशद्रोह तो कदापि नहीं हो सकता ना !!..

"भगवा आतंकवाद" नहीं होता होगा.. पर जैसे "भगवा बलात्कारी" हो सकता है वैसे ही भगवा वस्त्र रंग भवन झंडा संत महात्मा व्यक्ति मूर्ख धूर्त चतुरा शातिर टुच्चा और भगवा ठग भी तो हो ही सकता है ना.. और ये तो कई भगवा वस्त्रधारी बाबाओं के प्रकरणों में न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णयों से भी सिद्ध हो चुका है.. तो फिर "भगवा आतंकी" भी तो हो ही सकता है कि नहीं ??.. और यदि नहीं तो क्यों ??..

आज मैने ये बात बहुत संजीदगी से और डंके की चोट लिखी है.. और यदि किसी को विरोध करना हो तो तर्क आमंत्रित हैं.. और क्योंकि मैने तर्क आमंत्रित किये हैं इसलिए भक्त अपनी अक्ल और समय का बेजा खर्चा ना करें..

और मेरा सबसे अनुरोध है कि यदि किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचती है या मिर्ची लगती है तो कृपया "भगवा आतंकवाद" ना बोलें बल्कि इसके बजाय बोलें कि "भगवा आतंकियों का आतंकवाद".. शायद फिर किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँच सकेगी !!..

और हाँ !!.. इसी तरह जो ये भक्त भी घिनौनी पटकते रहते हैं ना - उसे भी आप "आतंकी भक्तों का आतंकवाद" कह सकते हैं.. और वैसे चाहें तो "भक्त आतंकवाद" भी कह सकते हैं - क्या फर्क पड़ेगा ????.. नहीं ना !!..  हा !! हा !! हा !!.. ..

और अंत में एक प्रार्थना.. आप मेरे इस लेख को केवल एक फ़िज़ूल व्यंग्य या फिर गगनभेदी सार्थक कटाक्ष के रूप में भी देख सकते हैं.. क्योंकि मेरा दिल दिमाग भी कहता और मानता है कि आतंकवाद का ना तो कोई रंग होता है ना कोई धर्म.. और यही मूल बात आज तक किसी भक्त या कमलगट्टे के समझ ही नहीं पड़ी है.. अफ़सोस !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Monday 25 June 2018

// रेलगाड़ी रेड़गाड़ी.. दो डिब्बों की रेलगाड़ी - दो इंजन की रेड़गाड़ी.. धकधकाधकधक..//


करीब ३ साल पहले जम्मू-कश्मीर में एक दो डिब्बे की रेलगाड़ी का उद्घाटन हुआ था.. एक डिब्बे का रंग भगवा था और दूसरे का हरा.. और इसका एक इंजन लोकल कश्मीरी था और एक दिल्ली से आकर लग लिया था.. और इंजन दोनों काले स्याह ही थे..

यानि दो इंजन की गाड़ी.. और खासियत ये कि दोनों इंजन आगे पीछे यानि विपरीत दिशाओं में बखूबी चलने के लायक थे.. और इसलिए छुकछुक-छुकछुक धकधक-धकधक ये गाड़ी आगे पीछे होती रही.. और दोनों इंजन खटपट-खटपट छू-छू सू-सू और खटर-पटर भी करते रहे.. और दोनों इंजनों की धक्कम-पेल में दोनों डिब्बे क्षतिग्रस्त होते रहे..

और डिब्बों के रंग की चमक दमक भी फीकी हो चली.. हरे डिब्बे पर लहू के लाल छींटे लगते रहे और भगवा भी घिस-घिस के फीका बदरंगी हो चला..

और फिर अंततः .. एक इंजन पटरी छोड़ खेतों में घुस गया और फिर दूसरा भी खलिहान में जा घुसा..
और अब डिब्बे पटरी से उतर दुर्घटना वाले उसी उद्घाटन स्थल पर उलटे पलटे असहाय से पड़े हैं.. और रेलमार्ग पूर्ण रूप से बाधित हो अवरुद्ध हो चुका है..

दुर्घटना की जांच बैठ गई है.. बयानबाजी जारी है.. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.. और दोषी कोई होगा भी इसका सवाल ही नहीं उठता.. बाकी खामोश !!..

उपरोक्त घटना के वर्णन करने का मेरा उद्देश्य केवल इतना था कि देश के चौकीदार सेवक कहलाने वाले और अपने को देश के मालिक मानने वाले मोदी - जो हमेशा दो इंजनों की बातें करते हुए वोटों की जुगाड़ करते रहे - उनसे सावधान होने की जरूरत है.. क्योंकि ये काला इंजन केवल अपनी दिशा में ही धक्कमपेल करने का आदी है.. इसलिए ये हमेशा दूसरे इंजन के विरुद्ध ही अपनी ताकत जाया करेगा.. और ये जिस गाड़ी में भी लगेगा उसे रेड़गाड़ी बना के छोड़ेगा..

और मेरी बात के समर्थन में दिल्ली का उदाहरण भी मेरे सामने है.. जहां मोदी का इंजन बेपटरी हो दिल्ली में खुल्ले सांड की तरह घूम-घूम केजरीवाल के इंजन को रोकने पलटने के प्रयास ही करने में अपनी पूरी ताकत झोंके हुए है.. आपत्तिजनक अफसोसजनक और शर्मनाक !!

और अंत में रेल विशेषज्ञ भक्तों के लिए भी कुछ प्रश्न.. क्यों ये बुलेट ट्रेन में कितने इंजन लगेंगे ??.. दो या ४-५ जिनमें से एक तो विदेशी होगा और एक तो ठेठ देशी राज ठाकरे का भी होगा ही ना ??.. और ये ट्रेन गुजराती होगी या मराठी या जापानी ??.. या फिर जम्मू-कश्मीर जैसे दो डिब्बे वाली ??.. और ये ट्रेन भी "भारतीय रेल" तो नहीं हो सकेगी ना ??.. और क्या ये भी धकधक या छुकछुक ही तो नहीं करती रह जाएगी ??.. यानि ये भी एक और रेड़गाड़ी ही होगी ना !!.. धकधकाधकधक !!.. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 24 June 2018

// जम्मू-कश्मीर पर गंदी "राजनीति".. और बेचारे भक्त !!.. ..//


भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में अपनी ही सरकार गिरा दी.. और गिराते ही अपनी ही निंदा करी.. अपनी ही पीठ ठोकी.. अपना ही थूका चाटा.. और अब अपनी ही छाती फुला गजब गर्दभ गर्जन भी कर रहे हैं - और रो भी रहे हैं विलाप भी रहे हैं चिल्ला भी रहे हैं हंस भी रहे हैं.. और अपनी तारीफ भी कर रहे हैं और नए सिरे से डींगे भी हाँक ही रहे हैं.. और नेहरू के साथ-साथ मुफ़्ती को कोस भी रहे हैं.. और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की यादें दिलाने का प्रयास भी कर रहे हैं.. यानि चुरकुट ना जाने क्या-क्या कर रहे हैं..

और हमेशा की तरह राष्ट्रभक्ति देशभक्ति की दुहाई पेलते हुए भयानक घबराहट में ये भी दावा कर रहे हैं कि उनका सरकार गिराने का निर्णय "राजनीति" से प्रेरित नहीं था.. और २०१९ के चुनावों से तो इसका कोई लेनादेना ही नहीं था..

और मालुम है भक्त भी सहमे-सहमे बिना आवाज़ में किसी दमखम के अब फुसफुसाने लगे हैं - "भारत माता की जय" - "वंदे मातरम" - "१ के १० - १ के १०" - "मोदी !! मोदी !! मोदी !!"..

पता है क्यूँ ??.. क्योंकि भक्तों को ये "राजनीति" क्या होती है पता ही नहीं है.. और ये भक्त तो फ़कीर टाइप दिमाग से पैदल लोग हैं जो गले में पट्टा डाल झोला ले चौराहे चौराहे देश सेवा में आहुति लेने (देने नहीं) निकले हुए हैं.. और गुमान पाले बैठे हैं कि वो "राजनीति" समझते हैं..

पर जम्मू-कश्मीर मामले में "राजनीति" अब इस कदर हावी हो रही है कि यकीनन भक्त भी आजकल कुछ असहज से रहने लगे हैं.. बेचारे !! वो भी गंदी "राजनीति" का शिकार जो हो रहे हैं !!.. बस्ती में लगाई आग के लपेटे में अब तो उनके अपने घर भी आ चुके हैं.. और उन्हें भी "राहत" की दरकार महसूस होने लगी है..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Saturday 23 June 2018

इंडिया ने पाकिस्तान को अंततः मुंहतोड़ जवाब दे दिया..


// जो पप्पू आज तक 'पप्पू' का हल तो ढूंढ ना सके.. कश्मीर समस्या हल कर लेंगे ??..//


भाजपाई और संघी एक बात हमेशा टर्राते रहते हैं कि कश्मीर समस्या कांग्रेस की देन है..

और मेरा दावा है कि ये टर्राते टुच्चे कश्मीर समस्या ४ साल में सुलझाने के बजाए और उलझा बैठे हैं !!..

और इसलिए मेरा अफसोसजनक दावा है कि इन भाजपाइयों और संघियों के पूरे कुनबे में भी वो ताकत और अक्ल नहीं जो समस्या का हल ४० या ४०० साल में भी ढूंढ सकें !!..

और मेरे दावे के पीछे तर्क ये है.. .. क्योंकि ये तो अब तक राहुल जिसको ये 'पप्पू' मानते हैं उसका ही कोई पुख्ता हल नहीं ढूंढ सके हैं - फिर इन भाजपाई संघी पप्पुओं के लिए कश्मीर समस्या तो बहुत दूर की कौड़ी हुई ना !!..  हा !! हा !! हा !!.. ..

पर हाँ ये राहुल और नेहरू और कश्मीर के बारे में गर्दभ-विलाप सियासत की दूषित धूल में लोटमलोट हो अनवरत जारी रखेंगे.. २०१९ में धूल धूसरित होने के बाद भी..

और हाँ ये अब श्यामा प्रसाद मुख़र्जी को भी याद करेंगे.. और राष्ट्रप्रेम देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत जुमले भी छोड़ते रहेंगे !!.. .. शर्तिया !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 22 June 2018

// इंजीनियर नहीं - असल में तो कुछ और बड़े वाले नालायक हैं इस देश में.. ..//


"भारत के 94% आईटी ग्रैजुएट इंजीनियर नौकरी के लायक नही हैं" - सीपी गुरनानी सीईओ टेक महिंद्रा !!..

और मेरी मानो तो.. ..

भारत के प्रधानमंत्री मोदी भी तो किसी लायक नहीं हैं - जो स्थितियों को और बद्तर ही किए जा रहे हैं !!.. और मेरा तो यह भी कहना है कि मोदी-भक्त भी किसी लायक नहीं हैं - क्योंकि वो भी तो मोदी और देश की स्थिति दिन-ब-दिन बद्तर ही किए जा रहे हैं !!..

और ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि देश के होनहार युवा को सही शिक्षा देने की ना तो किसी जिम्मेदारी के पद पर बैठे सत्ताधीश में काबलियत है ना किसी की नीयत है - और ना ही उद्देश्य..

बल्कि इनका उद्देश्य तो युवा को दंगाई बनाने का है.. ऐसे दंगाई जिनके मार्फ़त समाज में नफरत का रायता फैला हिंसा का तड़का लगा दाल में काले का छौंका लगा अपने स्वार्थ की रोटियां सेक पूरे देश के सामने नागपुरिया थाली परोसी जा सके - और भुक्खड़ों का पेट भरा जा सके !!..

इसलिए मेरी गुरनानी जी सीईओ टेक महिंद्रा को सलाह है कि वो जगजाहिर समस्या का वाचन करने के बजाय अपनी समाज में शख्सियत और रसूख का लाभ लेते हुए समस्या के निदान के लिए भी कुछ कहें और कुछ करें भी.. अन्यथा वो भी मोदी की श्रेणी में ही माने जाएंगे जो ४ साल से कर क्या रहे हैं ?? - केवल समस्याएँ ही तो बता-बता कर 'चाइए-चाइए' चिल्ला रहे हैं - कि ऐसा होना चाइये कि नहीं ?? वैसा होना चाइये कि नहीं ?? शिक्षा का स्तर सुधरना चाहिए कि नहीं ?? युवा को रोजगार मिलना चाइए कि नहीं ?? 'स्कील' डेवलपमेंट पर काम होना चाइए कि नहीं ?? .. आदि इत्यादि अनादि !!..

चाइए जनाब !! और चाहिए भी !!.. पर मोदी जी से तो ये सब नहीं हो सकेगा ना !!.. इसलिए गुरनानी जी आप को ये भी कह देना चाइए था कि मोदी को जाना चाहिए !!.. खैर अब तक नहीं कहा तो अब कह दीजिए - आपको भी देश के उन्हीं इंजीनियरों का वास्ता जिन्होंने महिंद्रा ग्रुप को उन ऊचाइयों तक पहुंचाया है जहां पर आप आज 'आनंद' से बैठे हैं !!.. समझे !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 20 June 2018

// खुल्ला खुलासा हुआ.. मोदी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे.. और हम पिटते रहे.. ..//


आर्मी चीफ विपिन रावत का ताज़ा बयान.. "सेना पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं"..

मैं कहता नहीं था कि मोदी जी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे.. और कुछ किया ही नहीं .. और हम पिटते रहे !!..
ना दबाव बनाया.. ना दखल ही दिया.. अफ़सोस !!..

और ऐसा कहना इनकी आदत में शुमार है..
दिल्ली में आईएएस की हड़ताल वाले मुद्दे में भी तो यही कहलवाया गया कि.. हड़ताल के लिए मोदी जी ने ना तो कोई दबाव बनाया ना ही कोई दखल दिया !!..

अब ऐसे अकर्मण्य का क्या किया जाए ??.. इन्हें पदमुक्त करने हेतु दबाव क्यों ना बनाया जाए ??.. सोचिएगा !!.. देशहित में सोचिएगा !!.. और यह भी सोचिएगा कि 'सर्जिकल स्ट्राइक' का श्रेय किसने और क्यों ले लिया था ??..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// पते की बात तो यही है कि.. पता नहीं !!.. पता नहीं !!.. इन्हें कुछ पता नहीं !!.. ..//


भाजपा का कोषाध्यक्ष कौन है ??.. पता नहीं !!..
देश का वित्तमंत्री कौन है ??.. पता नहीं !!..
केजरी ९ दिन तक एलजी हाउस के वेटिंग हॉल में क्यों बैठे रहे ??.. पता नहीं !!..
जम्मू-कश्मीर में ३ साल तक क्या और क्यों होता रहा ??.. पता नहीं !!..
राफेल डील में लगे आरोपों पर मोदी जवाब क्यों नहीं देते ??.. पता नहीं !!..
अखिलेश सरकारी बंगले से क्या उखाड़ ले गए ??.. पता नहीं !!..
रोबर्ट वाड्रा और जय शाह ईमानदार या बेईमान ??.. पता नहीं !!..
नोटबंदी के बाद कितना रोकड़ बैंकों में जमा हुआ ??.. पता नहीं !!..
राम मंदिर कब तक बनेगा ??.. पता नहीं !!..
स्वास्थ्य शिक्षा सुरक्षा संबंधित व्यवस्थाएं क्यों चरमरा गईं ??.. पता नहीं !!..
रेल की हालत क्यों दयनीय होती जा रही है ??.. पता नहीं !!..
कश्मीर पर सरकारी नीति क्या है ??.. पता नहीं !!..
पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब क्यों नहीं दिया जा सका ??.. पता नहीं !!..
नजीब कहाँ है ??.. पता नहीं !!..
नीरव मोदी कैसे दुनिया घूम रहा है ??.. पता नहीं.. 
क्या मेहबूबा दागी-बागी है ??.. पता नहीं !!..
क्या हमारी सेना को शौर्य क्रिया करने की छूट दे दी गई थी ??.. पता नहीं !!..

पता नहीं !!.. पता नहीं !!.. पता नहीं !!.. भक्तों को कुछ पता नहीं !!..

पर मुझे सब कुछ पता है..
और मुझे ये १००% शर्तिया पता है कि दुर्भाग्यवश इस देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है.. जो अब तक ४ साल में बुरी तरह से असफल रहे हैं - और जो नाकाबिल नाकारा हैं और बदनीयत और स्वार्थी भी हैं और बेहद बड़बोले और झूठे व्यक्ति हैं !!..

पता है मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ.. क्योंकि मुझे भी पता नहीं कि इसके अलावा और क्या कहूँ ??.. किसी और भक्त को इस पूरे विषय में कुछ और भी पता हो तो वो अपना पता गुप्त रखते हुए पते की बात कह सकता है.. और कम से कम एक बात तो बता ही सकता है कि भाजपा का कोषाध्यक्ष कौन है.. या फिर मोदी के लिए और क्या कहा जाए ??..

तो मित्रो बताओ.. आज फिर मैंने "पता नहीं" विषयक पते की ही बात कही ना !!.. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 19 June 2018

// जम्मू-कश्मीर की सरकार गिर गई.. क्योंकि फटी के निर्णय फटने पर ही होते हैं.. ..//


आज केजरीवाल का मोदी विरुद्ध उद्घोष का ९वां दिन था.. और अब तक देश की ९ पार्टियों ने केजरीवाल के समर्थन का उद्घोष कर दिया था.. केजरीवाल चुस्त और मोदी पस्त दिख रहे थे..

परिणाम.. ..

आज ३ वर्ष पुरानी मुफ़्ती-मोदी की सरकार गिर गई !!..

और हालांकि मुफ़्ती-मोदी की सरकार को ३ साल हो गए थे पर मोदी द्वारा बलात किए गए निकाह से ३ बार तलाक बोले बगैर अकस्मात् एक बार दूरभाष पर तलाक बोल तलाक दे दिया गया है.. आप इसे एक बार फिर गैरवाजिब तरीके से किए गए विवाह विच्छेद की संज्ञा भी दे सकते हैं.. या फिर इसे धोखाधड़ी भी कह सकते हैं.. ..

और जैसाकि होना था.. ३ साल तक हुई जम्मू-कश्मीर की और देश की ऐसी-की-तैसी का सारा ठीकरा मुफ़्ती पर फोड़ - मोदी रण छोड़ कर वहां से झोले में माल भर भाग कर दिल्ली लौट आए हैं.. वही केजरीवाल की दिल्ली में !!..

और आगे मुझे लगता है कि अब एक बार फिर सौ चूहे डकारने के बाद अपने को हाजी जैसा पाक मानने वाले मोदी और उनके भक्तों द्वारा राष्ट्रवाद के लच्छे और छल्ले बिखेरने के भरपूर प्रयास होंगे.. और एक बार फिर केजरीवाल द्वारा ही मोदी को पटखनी दी जाएगी..

क्योंकि मुझे लगता है कि मोदी कि नाकाबलियत अपरिपक़्वता और बदनीयती केजरीवाल की क़ाबलियत परिपक़्व कुशाग्र बुद्धि और साफ़ नीयत के आगे टिक नहीं पाएगी !!..

और अंत में स्पष्ट कर दूँ कि यदि भक्त ये सोच रहे हैं कि दिल्ली मामले में और जम्मू-कश्मीर मामले में कोई संबंध नहीं है तो उन्हें विदित हो कि संबंध है.. क्योंकि फटी के निर्णय फटने पर ही होते हैं.. समझे !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Friday 15 June 2018

// केजरीवाल की जीत और मोदी की हार देशहित में महत्त्वपूर्ण क्यों ??..//


(टीप : ये लेख कांग्रेसियों के लिए पढ़ना और पढ़कर समझना ज्यादा लाभप्रद होगा..)   

इस वक़्त भारतीय राजनीति में राहुल गांधी गोता खाने के बाद फिर से उभर रहे हैं..

पर असली अदावत और प्रतिद्वंदता और कुश्ती और दांव पेंच तो केजरीवाल और मोदी के बीच ही चलते आ रहे हैं.. और इस आपसी लड़ाई में अब तक तो केजरीवाल ही भारी पड़े हैं..

और हाल फिलहाल मुझे ये आपसी लड़ाई कुछ उग्र हो अपने चरम की ओर बढ़ती दिख रही है.. और उत्सुकता बनी हुई है कि अब आगे क्या होगा ??..

मान लो आपसी लड़ाई में अंततः केजरीवाल जीत जाते हैं तो ??.. तो यही कहा जाएगा कि केजरीवाल को मान गए - मोदी तक को पटखनी दे मारी.. और ऐसे में मोदी ख़त्म और केजरी की बल्ले-बल्ले होगी.. 

और अगर केजरीवाल हारते हैं तो ??.. तो देख लेना भक्तों के अलावा ज्यादातर लोग यही कहेंगे कि मोदी ने केजरीवाल को काम ही नहीं करने दिया और सत्ता का दुरूपयोग कर उसे हरा दिया.. और आगे मोदी खत्म होंगे और केजरीवाल को झंडे गाड़ने के बहुत मौके मिलेंगे..

तो ये तो बात हुई केजरीवाल-मोदी की आपसी लड़ाई की..

पर यदि मोदी विफलता की सीढ़ियों पर लुढ़कते हुए २०१९ हार जाते हैं तो ??.. तो शायद केजरीवाल के सामने बहुत सुनहरे मौके आएँगे.. और राहुल को भी कुछ राहत मिलेगी.. और देश के अच्छे दिन आने की संभावनाएं बनेंगी..

और यदि मोदी २०१९ जीत जाते हैं तो ????.. तो फिर तो पूरे देश का ही बेड़ा गर्क हो जाएगा.. और राहुल बाबा और कांग्रेस का तो अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा.. और ये बात तो अब राहुल भी समझ ही चुके हैं..

और तब केजरीवाल का क्या होगा ??.. हा !! हा !! हा !! ..
कोई झोला अकेले मोदी के पास थोड़े ही है.. केजरी के पास भी होगा.. और वो भी झोला उठा सर उठाकर सभी चौराहों से बाइज़्ज़त गुजरते हुए अपने घर जा सकते हैं.. समझे !!       

और इसलिए ही मैं केजरीवाल की जीत और सफलता को देशहित में अत्यंत महत्त्वपूर्ण और दिशानिर्धारक मानता हूँ - और राहुल के हित में भी.. और इसलिए ही मैं केजरीवाल का समर्थन और मोदी का विरोध करता हूँ और राहुल को उनके हाल पर छोड़ता हूँ.. और आशा करता हूँ कि आप भी ऐसा ही सोचते होंगे.. धन्यवाद !! जय हिन्द !!..         

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 13 June 2018

सीमा पर हमारे ४ और जवान शहीद हो गए.. और.. ..


// अब तो हिन्दुओं को कुछ तार्किक और कल्याणकारी सोचना ही पड़ेगा.. ..//


"भय्यू जी महाराज" के नाम से ख्यात और एक आध्यात्मिक गुरु माने जाने कहलाने वाले और संत की उपाधि का उपयोग करने वाले व्यक्ति के द्वारा इंदौर में आत्महत्या कर ली जाती है..

और संत गुरु महाराज जी अपनी आत्मा की मुक्ति हेतु किसी शास्त्र का नहीं अपितु एक शस्त्र का उपयोग करते हैं - और उनके पास उपलब्ध शास्त्रों के भण्डार को पृथक कर वे एक पिस्तौल से अपनी कनपटी पर वार कर आत्महत्या कर लेते हैं..

और स्वर्गीय भय्यू जी महाराज एक ऐसे संत गुरु महाराज थे जिनको समाज में इतनी मान्यता प्राप्त थी कि उन्हें हमारे और उनके मामू द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया गया था.. और जो ख्यात भी थे और जिनके चर्चे आम थे.. और जिनको राजनीतिक गलियारों में दखल रखने का गौरव भी प्राप्त था.. और जो वैभव विलास की दृष्टी से भी महंगी गाड़ियों के काफिले में प्रायः चलते फिरते थे.. और कुल मिलाकर कह सकते हैं कि वो "रसूखदार" भी थे.. ॐ शान्ति ॐ !!..

और स्मरण हो कि पूर्व में कई बाबाओं संतों गुरुओं महात्माओं प्रवचन-कर्ताओं और प्रचारकों की करनी से हिन्दू समाज को शर्मिंदा होना पड़ा है..

और तरोताजा ही एक "शनि" के ठप्पे वाले निराले "दाती महाराज" पर बलात्कार जैसे क्रियाकलाप के आरोप भी सार्वजानिक हुए हैं.. और ये "महाराज" भी भगवाधारी हो डाई करी गई पूरी काली दाढ़ी में बीच में सफ़ेद फ्रेंचकट दाढ़ी रखने की अनूठी पहचान के धनी हैं .. और ये भी "रसूखदार" ही हैं !!.. 'शनि महाराज' की जय हो !!..

तो क्या इन सब तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में हिन्दू धर्म मानने वाले हिन्दू समाज की व्यवस्थाओं पर भी सवालिया निशान नहीं लगने चाहिए ??.. क्या हिन्दू समाज को ऐसे अनेक स्वयंभू या जुगाड़ से मान्यता प्राप्त कर लेने वाले संतों बाबाओं साधुओं महात्माओं के विरुद्ध ज्यादा सजग होने और ज्यादा शंकालू होने और ज्यादा संवेदनशील होने और ज्यादा ही असंवेदनशील होने की आवश्यकता नहीं है ??..

या फिर क्या बस जोर-जोर से चिल्लाते रहने से कि - हिन्दू खतरे में है और धर्म की रक्षा करने के लिए धन-बल या गुंडागर्दी की आवश्यकता है - सभी हिन्दुओं का कल्याण हो जाएगा ??..

या फिर धर्म और उसकी व्यवस्थाओं के प्रति एक तार्किक और सजग स्वस्थ विचार विमर्श से - और धर्म के द्वारा ही सिखाए गए संस्कारों के अनुसार ही व्यवहार करने से कल्याण होगा ??..

सोचियेगा !!.. बकवास बहुत हो चुकी - अब कुछ कल्याणकारी सोचियेगा !!..
जय हिन्द !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Tuesday 12 June 2018

// मोदी ने तो भक्तों तक को ना इधर का छोड़ा ना उधर का !!.. ..//


"मोदी की जान को खतरा" !!.. इस बात को सुनते ही और इस पर गोदी मीडिया में कुविचार विमर्श को सुनते ही मेरे दिल दिमाग में मेरी ही एक पुरानी सदाबहार तार्किक बात पुख्ता और ताज़ा हो गई..

मैं हमेशा सोचता था कि इस दुनिया में ऐसे पेशेवर से ज्यादा मूर्ख और कौन सा पेशेवर होगा जो अपने आप को ज्योतिषी कहे और भविष्यवाणी करे कि - फलां-फलां दिन प्रलय आएगी और दुनिया नष्ट हो जाएगी..

और ऐसा मानने के पीछे मेरा तर्क था कि अगर दुनिया नष्ट होने वाली उसकी भविष्यवाणी सही निकल जाए तो उस बेवकूफ को लाभ पहुंचाने वाला या फिर उसकी प्रशंसा करने वाला कौन बचेगा ??.. और अगर भविष्यवाणी गलत निकल जाएगी तो उसके चंद भक्तों के अलावा कौन उसका उपहास नहीं करेगा ??.. कौन उसे धिक्कारेगा नहीं ??..

ये मुझे मेरी ही तार्किक बात आज इसलिए याद हो आई कि मैं आज फिर तर्कसंगत सोच रहा था कि अगर तो मोदी नहीं रहे तो भक्तों के लिए तो प्रलय हो जाएगी.. उनका तो सब कुछ नष्ट हो जाएगा.. उनकी तो दुनिया उजड़ जाएगी.. उनका तो देश बर्बाद हो जाएगा..

पर ईश्वर की कृपा से यदि मोदी ज़िंदा रहे तो ??.. ..
तो फिर तो शरद पंवार ज़िंदाबाद !!.. क्योंकि फिर तो उनकी और विपक्ष की और कई समझदार व्यक्तियों की बात सही हो जाएगी जो बोल रहे हैं कि - मोदी की जान को खतरे वाली बात बकवास है !!.. और ये बकवास स्वयं मोदी या उनके भक्तों द्वारा बदनीयती से फैलाई गई है !!.. 

यानि अब भले ही मोदी की जान को खतरे वाली बात सही हो या गलत.. बेचारे भक्त तो बैठे-ठाले उलझ गए ना !!..

यानि मोदी ने तो भक्तों तक को ना इधर का छोड़ा ना उधर का !!.. हा !! हा !! हा !!

और इसलिए भक्तो को चाणक्य के चचा की सदाबहार बात भी याद दिलाना चाहूंगा कि - मूर्ख दोस्त और ढोंगी गुरु से हानिकारक और कोई हो ही नहीं सकता !!.. इसलिए सावधान !!.. समझे भक्तों !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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है किसी १ इंची से ५६ इंची की दुम में दम ??..


"सर जी की स्ट्राइक" !!..


// 'हड़कंप' के बाद.. अस्पताल पहुँचने का 'होड़कंप' !!.. ..//


पूर्व राष्ट्रपति कॉंग्रेसी प्रणब दा भाजपाइयों की पितृ संस्था संघ के द्वारे क्या पहुंच गए थे.. 'हड़कंप' मच गया था..

कॉंग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सबसे पहले भारत रत्न भाजपाई वाजपेई को देखने अस्पताल पहुँच गए.. और 'होड़कंप' मच गया..

"होड़कंप" यानि अबरन-जबरन अस्पताल पहुंचने की "होड़"..
शाह को जाना पड़ा - मोदी भागे - ताऊ भी पहुंचे - और ना जाने कितने और कैसे-कैसे मंत्री और भाजपाई और संघी भी अस्पताल पहुंचे.. और १००% वही करने पहुंचे जो सबसे अव्वल राहुल गांधी करके आ गए थे !!.. शर्तिया !!..

यानि हिसाब बराबर !!.. 'पप्पू' और 'फेंकू' का हिसाब-किताब !!.. हा !! हा !! हा !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 10 June 2018

// मोदी की जान को खतरा ??.. मोदीराज में गरीबों की जानें जा रहीं उसका क्या ??.. //


और एक बार फिर मोदी जी की जान को खतरा होने की खबर आई है.. "एक बार फिर" इसलिए क्योंकि इसके पूर्व में भी ऐसी अनेक खबरें आती रही थीं..

पर ना मालुम किसकी कृपा से अभी तक जान की धमकियां देने वाले या साज़िश करने वाले ही किसी अपराधी का बाल भी बांका हुआ है.. ऐसा शायद सरकारी चमत्कार के कारण ही हुआ होगा !!..

वैसे आज इस देश में अकेले मोदी जी की जान को खतरा थोड़े ही है.. जान का खतरा तो मुझे भी है और शायद आपको भी होगा.. पर ईश्वर की इच्छा से ना तो मोदी जी को ना मुझे और ना आपको अभी तक जान गवाना पड़ी है..

और इसके इतर जान का खतरा तो इस देश के करोड़ों गरीबों मजदूरों शोषितों और वंचितों को लगातार ना केवल बना हुआ है - पर वो तो बेचारे पिट भी रहे हैं - मर भी रहे हैं - और बेभाव मारे भी जा रहे हैं.. और उनकी ज़िन्दगी तो हर कदम पर खतरों से ही पटी पड़ी है..

और गरीबों की जान को खतरा इसलिए है क्योंकि गुंडे बदमाशों बेरहम सत्ताधीशों रईसों और दादाओं और अपराधियों का बोलबाला है.. और बोलबाला इसलिए है क्योंकि सरकार निकम्मी है.. और सरकार इसलिए निकम्मी है क्योंकि सरकार के मुखिया मोदी हैं.. और मोदी जी की जान को खतरा बताया जा रहा है..

यानि मेरा कहने का मतलब केवल छोटा सा है कि भले ही जान का खतरा मोदी जी को हो.. पर करोड़ों गरीबों की जान को खतरा मोदी जी के कारण ही बना हुआ है.. और गरीब मर भी रहे हैं और मारे भी जा रहे हैं..

इसलिए मेरी ऊपरवाले से प्रार्थना है कि सब पर रहम कर - न्याय कर - आमीन !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Thursday 7 June 2018

// भागवत बोले और मुखर्जी भी बोले.. पर "कथनी" और "होनी" में अंतर का क्या ??.. //


मोहन भगवत जी को सुना..
प्रणब मुखर्जी को भी सुना..

दोनों सार्वजनिक मंच से कुछ गलत बोल नहीं सकते थे.. दोनों कुछ गलत बोलै भी नहीं.. दोनों ने अच्छी अच्छी बातें ही बोलीं.. एक ने हिंदी में बोलीं एक ने अंग्रेजी में..

पर जब "कथनी" और "होनी" में अंतर हो जाए और दिखे तब मन खट्टा हो जाता है..

मेरा मतलब ये है कि आज की मोदी सरकार द्वारा तो मोहन भागवत या प्रणब मुखर्जी द्वारा बोली गई एक भी बात का अनुसरण नहीं किया जा रहा है..

और इसलिए मेरा भक्तों को एक चैलेंज.. हो दम गुर्दे तो ये दोनों भाषण सुन कर मोदी जी को सुनवाओ और उनको मजबूर करो कि वो दोनों वक्ताओं द्वारा बोली गई हर बात का अनुसरण करें..

और हाँ एक बात और.. मेरा दावा है कि मैं भी वही बोलता आया हूँ जो भागवत और मुखर्जी बोले.. इसलिए मोदी जी को कहना - मेरी मुफ्त सलाह भी मान लिया करें..

और मोदी जी को मेरी आज की सलाह है.. अपने स्वार्थ के लिए देश की ऐसी की तैसी करने से बाज आओ.. समझे !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// भक्त क्या अब रवीश सर की विचारधारा का भी सम्मान करेंगे ??.. ..//


मुखर्जी करनी से सांप्रदायिक माने जाने वाले संघ के द्वारे चले गए हैं..
भारत सरकार अलगाववादी हुर्रियत से बात करने को तैयार हो गई है..

और कहा जा रहा है कि विरोधी विचारधारा को भी सम्मान दिया जाना चाहिए.. बातचीत तो होते रहना चाहिए.. विचारों का आदान प्रदान तो होते रहना चाहिए..

तो इसलिए मेरा भी सभी भक्तों से निवेदन है कि मेरी विचारधारा को भी सम्मान दो - और मेरी भी बात सुनो.. ..

ये जो मुखर्जी संघ से बातचीत करने गए हैं..
और जो मोदी सरकार अलगाववादी हुर्रियत से बातचीत करेगी..
और जो मोदी शरीफ से बतियाने और मिलने चले गए थे..
और जो आडवाणी जिन्ना की मज़ार पर पहुँच उनकी तारीफ के पुल बाँध आए थे.. 
और हो सकता है कि आडवाणी जी इस देश के सपूत मणिशंकर अय्यर से बातचीत करने और उन्हें आशीर्वाद देने उनके घर पहुँच जाएं..
और हो सकता है कि भारत पाकिस्तान की नापाक हरकतों की बढ़ोतरी के बावजूद उससे फिर से बातचीत करने लगे..
और हो सकता है कि मेहबूबा मुफ़्ती हाफिज सईद से बातचीत करने पहुँच जाएं..
और हो सकता है कि मोदी और सुषमा मानवीय आधार पर ललित नीरव मेहुल माल्या से बातचीत करने इंग्लैंड पहुँच जाएं.. .. ..

तो उपरोक्त सभी मामले मेरी विचारधारा में एक जैसे ही मामले कहलाएंगे !!..
और ये सभी मामले धिक्कारने योग्य थे या हैं या होंगे !!..

भक्तों को मेरी विचारधारा से यदि कोई आपत्ति हो भी तो कृपया खामोश रहें - क्योंकि अब तो भक्त भी विरोधी विचारधारा को धिक्कारने के अधिकार का स्वयं त्याग कर चुके हैं.. समझे !!..

और अब तो बेचारे भक्तों को रवीश कुमार पुण्य प्रसून वाजपेई अभिसार शर्मा या फिर केजरीवाल की विचारधारा का भी सम्मान करना पड़ेगा.. नहीं क्या ??.. हा !! हा !! हा !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// बाबा-योगी के बीच ये तो "ठिठोली" है - या धंधे की "डील" हेतु पैंतरेबाज़ी !!.. ..//


एक बाबा और एक योगी के बीच "कुछ-कुछ" हो रहा है..

कारण कोई सामाजिक या राजनीतिक बात नहीं है - और आध्यात्म की बात का तो सवाल ही नहीं उठता - क्योंकि ये आध्यात्म किस गाय का नाम है दोनों को नहीं पता..

और कारण है "धंधे" की बात - धंधे के लिए जमीन की बात !!..

और इस "कुछ-कुछ" में कुछ तो भी बीच बचाव कर रहे हैं कुछ दलाल - जो सत्ता में बैठे दलाली का धंधा कर रहे हैं - जो नेता होने का चोला ओढ़ दिन रात धंधेबाजों और उद्योगपतियों के हित साधने सधवाने में लगे पड़े हैं..

और भक्त बिना कुछ देख समझ सब कुछ सामान्य मान रहे हैं - क्योंकि भक्त असामान्य रूप से अक्ल से पैदल होते हैं..

पर दुखद बात तो ये भी है कि जो आम जनता भी इन बाबाओं योगियों और दलालों और धंधेबाजों के ये सारे झमेले समझ रही है वो भी अब तक कुछ कारगर प्रतिकार कर ही नहीं रही है.. मसलन सभी पक्ष बस टुकुर-टुकुर देख रहे हैं कि आगे क्या होता है ??.. जमीन का आवंटन रद्द होता है या नहीं ??.. बाबा योगी में झगड़ा होता है या नहीं ??.. बाबा आगे क्या करेंगे ??.. वगैरह !!..

और जो लोग जरा अंदरूनी गहरी बातें समझते हैं वो ये जरूर समझ रहे होंगे कि योगी तो लिलिपुट है.. असल तो मामला बाबा और बड़ेवाले धंधेबाजों के बीच का है - और देखने वाली बात तो ये है कि क्या इनके बीच की "डील" सफलता पूर्वक अपने अंजाम तक पहुंचेगी या बीच में "रायता फैलेगा" और जनता का भला होगा..

मैं तो ईश्वर से यही प्रार्थना कर रहा हूँ कि जनता का भला हो.. बाबा योगी धंधेबाज और दलाल आपस में जमकर सिरफुटव्वल करें.. आमीन !!.. जय श्री राम !!.. भारत माता की जय !!..

पर सावधान !!.. जो समझ रहे हैं कि एक बाबा की एक योगी से उड़ गई है - वे गफलत में हैं.. क्योंकि ये सब कुछ तो "ठिठोली" है.. या धंधे की "डील" करने में "पैंतरेबाज़ी" !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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// एक संस्कारित हस्ती का बदनाम बस्ती में जाना.. तौबा !!.. ..//


आज मुझे हमारे इंजीनियरिंग कॉलेज के समय पूरे बैच के साथ लगाया गया वो 'बॉम्बे टूर' याद आ गया.. ..

मेरा एक सहपाठी जो एक अच्छे संस्कारित घर से था वो बॉम्बे टूर के दौरान 'रेड एरिया' की बदनाम बस्ती में गया और ये बात सब को मालुम भी पड़ गई.. और जब सब से सामना हुआ तो झेंपते हुए कहने लगा कि - "मैं तो उन्हें समझाइश देने गया था कि जो वो कर रही हैं वो ठीक नही" !!..

और वर्षों पुराना ये वाकया मुझे आज इसलिए याद आया क्योंकि आज फिर एक संस्कारित माने जाने वाली हस्ती एक बदनाम बस्ती में पहुंची है.. ..

देखें लौटने / लोटने पर क्या जवाब आता है..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Wednesday 6 June 2018

// एक "चोर" का क्या और कैसा "विकल्प" ??.. ..//


मान लीजिए कि आपने एक चौकीदार रखा.. पर चौकीदार लापरवाह या बेईमान या मिकम्मा नाकारा निकला - और चोर चोरी को अंजाम दे गया तो आप क्या करेंगे ??..

स्वाभाविक ही आप निकम्मे नाकारा चौकीदार को निकाल बाहर करेंगे.. और या तो कोई अन्य उपयुक्त व्यक्ति को काम पर रखेंगे या फिर हो सकता है कि - दीवारों दरवाज़ों तालों आदि से सुरक्षा के और पुख्ता इंतज़ाम करवाएंगे - या सीसीटीवी कैमरा लगवाएंगे - या फिर एक वफादार कुत्ता पाल लेंगे.. यानी कि आप निकम्मे नाकारा चौकीदार का कोई "विकल्प" खोज लेंगे..

पर यदि आपको चोर का भी पता चल गया तो आप चोर का क्या करेंगे ??..

स्वाभाविक ही आप उस चोर को मारेंगे कूटेंगे या फिर पकड़ पुलिस के हवाले कर उसे सजा दिलवाने के प्रयास करेंगे !!..

यानि चोर का कोई विकल्प तो नहीं खोजने लगेंगे ना !!..

बस !!.. अब आप समझ गए होंगे कि ये बात मैने केवल उन भक्तों को समझाने के लिए ही कही है जो २०१४ में पूरे उत्साह से उछल-उछल मोदी !! मोदी !! मोदी !! कहते फिरते थे.. पर आज मोदी को पूर्णतः निखटटू नाकारा यानि असफल होते देख बेचारे बहुत मायूस होकर एक ही बात रटने लगे हैं - "विकल्प ??" "विकल्प ??" "विकल्प ??".. ..

और पूरा गोदी मीडिया भी आजकल मोदी को टेके लगाने के चक्कर में बस एक ही बात बोल रहा है कि - कौन है विपक्ष का नेता ?? या फिर भाजपा में भी और कौन है मोदी का "विकल्प" ??..

और अपने आपको चौकीदार कहने वाले हमारे प्रधानसेवक को मैं "चौकीदार" तो कत्तई मानता ही नहीं - बल्कि स्पष्टतः कम से कम राफेल विमान खरीदी या बैंक घोटालों जैसे मामलों में एक "चोर" मानता हूँ..

इसलिए आज मेरी भक्तों को समझाइश है कि - अगर तो वो मोदी को एक "चौकीदार" मानते हैं - तो फिर तो उसका कोई विकल्प ढूंढ लें - क्योंकि विकल्प ढूंढने के अलावा भी कोई विकल्प नहीं.. समझे !!..

और अगर अब भक्तों को समझ पड़ गई हो कि मोदी "चौकीदार" नहीं अपितु "चोर" हैं तो फिर उनसे एक सरल प्रश्न.. एक "चोर" का क्या और कैसा "विकल्प" ??..

जागो भक्तों जागो !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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Sunday 3 June 2018

ये तमलगत्ते भी गझब मूलख हैं बाई !!..


// १५ मिनिट की भी छुट्टी नहीं ??.. जरा १५ मिनिट छुट्टे होकर तो सोचना भक्तों !!..//


चौकीदार सेवक कुछ ही दिन पहले सिंगापूर में आदतन जबरन भावुक हो बघार रहे थे कि उन्होंने २००१ के बाद से १५ मिनिट की भी छुट्टी नहीं ली है.. क्योंकि जब-तब वो सेना के जवान को कभी बर्फ में खड़े कभी रेगिस्तान में कभी पानी में खड़े देखते हैं - और गरीब माँ को घंटों मजदूरी करते देखते हैं - तो उन्हें चैन से सोने का हक़ नहीं है..

जनाब को विदित होवे .. .. सीमा पर तो शहादत हो रही है - जवान तो गोलियां खा रहे हैं - अपनी जान गवां रहे हैं.. और गरीब तुम्हारे नाकारापन और मक्कारी धूर्तता कुकर्मों और राजनीतिक कौशल को भुगत रहे हैं - पछता रहे हैं - रो रहे हैं !!..

इसलिए मेरी जनाब से धिक्कार के साथ मांग है कि अब बहुत हुआ.. १५ मिनिट तो क्या पक्की छुट्टी ही ले लो.. समझे !!..

और कम से कम ये अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने और जुमले देने में देश की सेना और बेचारे दुखियारे गरीब को घसीटने और अपमानित करने का दुस्साहस मत करो..

हमें सब समझ आ रहा है कि तुम्हें जवानों या गरीबों से और अपने स्वार्थ से कितना सरोकार है.. क्योंकि हमें तो ये भी एहसास हो रहा है कि १५ मिनिट की छुट्टी की तो छोडो - यदि तुमने अपनी ऐश भरी खर्चीली शाही दिनचर्या में से प्रतिदिन भी १५ मिनिट अपना स्वार्थ छोड़ देशहित के बारे में सोच भर लिया होता ना - तो आज ४ साल बाद कम से कम १५ अच्छे काम गिना पाते.. और यूँ ही जुमले छोड़ने और बकवास करने पर मजबूर ना होते.. और यूँ ही अपने पद का दुरपयोग कर सैंकड़ों दिन अपनी टुच्ची पार्टी के प्रचार मात्र में जाया करने पर मजबूर ना हुए होते..

और भक्तों को भी एक सुझाव !!.. तुम्हारे साहेब का दिमाग थक गया है.. बेचारे की पक्की छुट्टी क्यों नहीं कर देते ??.. सोचना तुम भी १५ मिनिट अपना सीमित दिमाग लगा कर सोचना.. केवल १५ मिनिट छुट्टे होकर सोचना.. फिर सब अपने आप समझ आ जाएगा !!.. शर्तिया !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

Friday 1 June 2018

// कैराना ने तो इन्हें "मैय्या" याद दिला दी !!.. ..//


कैराना और उपचुनावों में हार से कायरों में हड़कंप मचा पड़ा है..
और भटकाऊ निवारण हेतु जुमलई बयान भी आने शुरू हो गए हैं..

और एक सत्तासीन टुच्चे झकोरे ने पटक के दे मारी है कि - सीता मैय्या टेस्ट-ट्यूब से पैदा हुई होंगी..

बिना भटके मेरी चिपकाऊ टिकाऊ प्रतिक्रिया..

चलो माना कि सीता मैय्या टेस्ट-ट्यूब से पैदा हुई होंगी.. पर पहले तुम तीन बातों का जवाब दो..

जिन्ना की फोटो एएमयू से कब हटेगी ??..
गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कब तक होगा ??..
और क्या २०१९ का चुनाव हारने के बाद तुम ये भी सार्वजनिक रूप से बता दोगे कि तुम्हारे टब्बर के बापदादा जी और मैय्या जी की पैदाइशें कैसे हुई होंगी ??.. और तुम्हारे टब्बर में और कौन-कौन सी खासियतें भरी पड़ी हैं जो हमेशा इतनी ज्ञानवर्धन पेलते थकते भी नहीं हो ??..

वो क्या है ना कि जब से तेल के भाव पूरे १ पैसे कम हुए हैं ना तब से तो भक्त भी हैरान हुए पड़े हैं कि आखिर ये सब माजरा क्या है ??.. आगे कोई चुनाव भी नहीं है और अभी निपटे चुनाव में जनता ने निपटा ही मारा है - फिर भी तेल के भाव हर रोज़ कम क्यों किए जा रहे हैं ??.. और राम जी को भुला ये सीता जी को क्यों याद किया जा रहा है ??..

इसलिए जवाब जरूर दे देना दिनेश शर्मा भाई.. तुम्हें भक्तो का हवाला- सीता मैय्या का हवाला.. समझे !! हा !! हा !! हा !! ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
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