Tuesday 31 May 2016

// शहंशाह - बनाम - शहज़ादे का जीजा ..//


बहुत आशा थी कि मोदी आएँगे तो भ्रष्टाचारियों पर गाज गिरेगी .... इस देश में भ्रष्टाचारी तो बहुत हैं पर मोदी और भक्तों द्वारा रॉबर्ट वाड्रा का ढोल पुट्ठे बजा-बजा कर पीटा गया था .... और तब लगा था कि रॉबर्ट वाड्रा के साथ बहुत गड़बड़झाला है - पर क्योंकि वे सोनिया के दामाद हैं और राहुल के जीजा इसलिए उन्हें कोई हाथ नहीं लगा पा रहा था ....

स्मरण करें कि ये वो दौर था जब मोदी जी राहुल को "शहज़ादे" कहकर और रॉबर्ट वाड्रा को "दामादजी" कहकर उनका उपहास करते थे .... और सोनिया को "मैडम" कुछ ऐसे अंदाज़ में बोलते थे कि लोग उन्माद में तालियां बजाते थे ....

और उन्हीं तालियों के बीच मोदी को चुन लिया गया और वो बन गए प्रधानमंत्री .... और इसके बाद की कहानी को यदि मैं वर्णित करूँ तो बस इतना ही काफी है कि - जब तक विपक्ष में थे तब तक गुर्राते थे - पर जब से सत्ता में आये हैं तब से मिमिया भी नहीं पा रहे हैं ....

पर हाँ बीच-बीच में रॉबर्ट वाड्रा के शिगूफे जरूर आते रहे हैं - वो भी रॉबर्ट वाड्रा के नाम से - "दामादजी" के नाम से नहीं .... और अब मोदी जी राहुल को "शहज़ादे" भी नहीं बोलते हैं - और वो "मैडम-मैडम" की हुंकार भी अब नहीं भर पा रहे हैं ....

बल्कि उलट राहुल और रॉबर्ट वाड्रा ही गाहे बगाहे मोदी जी को चुनौती देते दिखे हैं ....

और आज तो हद्द हो गई .... आज "मैडम" ने मोदी को बोल दिया - तुम प्रधानमंत्री हो - "शहंशाह" नहीं ....

स्पष्ट है राजा महाराजाओं की इस टुच्ची लड़ाई में आज के "शहंशाह" की दुर्गति स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है - क्योंकि "शहंशाह" "शहज़ादे के जीजा" तक को निपटा नहीं सके हैं - फिर काहे के "शहंशाह" ?? .... सही है ये प्रधानमंत्री "शहंशाह" की शानो-शौकत भले ही दिखाते हों पर इनमें "शहंशाहों" की आब-ताब अब नहीं झलकती - अपितु एक चौकीदार के लक्षण ही ज्यादा दिखते हैं - एक ऐसा चौकीदार जो अपना काम ठीक से नहीं करने के कारण गाहे बगाहे अपने मालिक की डाँट-डपट खाना शुरू कर दिया हो .. और उसकी नौकरी दांव पर लग गई हो ....

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Monday 30 May 2016

// खट्टर जी !! .. इस बार सेना के साथ बजरंगियों को भी लगा देना ....//


सुना है - जैसा कि आजकल भाजपा मानने लगी है - न्यायपालिका ने कार्यपालिका के काम में फिर टाँग अड़ा मारी है .... और ये ताज़ा मामला है खट्टर के हरियाणा का ....

स्मरण हो .. हरियाणा में आंदोलनकारी जाट कार्यपालिका के काम में हाथ टाँग पेट घुटने सब अड़ा के बैठे थे .... और कार्यपालिका के दिमाग का दोहन कर वो खट्टर से आरक्षण ले बैठे थे .... पर अब न्यायपालिका ने भी अपना तर्कसंगत न्यायसंगत दिमाग लगा अड़ा दी है टाँग - और दे दिया है "स्टे" .. जिसका मतलब - खट्टर आरक्षण अभी नहीं ....

और बेचारे ठगे गए जाट !! .. इतना लम्बा शांतिपूर्ण आंदोलन चलाया था - और बड़ी ही शालीनता से कहते रहे थे कि हमें आरक्षण दे दो .... उम्मीद तो कम थी - पर जाटों की किस्मत - कुछ गुंडे बदमाश मवाली आंदोलन में घुस गए और कर दिए हिंसक उपद्रव .. मार दिए २-४ दर्जन और कर दिए कुछ हज़ार करोड़ का नुकसान कुछ सौ करोड़ की व्यक्तिगत लूटपाट के साथ .... पर खट्टर समझे कि ये हिंसा का काम जाट आंदोलनकारी कर गए - और उनके डर के मारे गफलत में जाटों को आरक्षण दे बैठे ....

पर अब जब न्यायपालिका ने टाँग अड़ा दी है - तो बेचारे ठगे गए जाटों ने मजबूरन सरकार को विधिवत अल्टीमेटम जारी करते हुए ५ जून से एक बार फिर शांतिप्रिय आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है ....

लेकिन शायद खट्टर भी थोड़ा दिमाग रखते हैं - इसलिए उन्होंने भांप लिया है कि इस बार भी गुंडे मवाली हिंसक उपद्रव करेंगे .... और इसलिए उन्होंने अभी से सेना - पुलिस - आरएएफ - सीआरपीएफ आदि सबको तैनात कर दिया है .... और हो सकता है जरूरत पड़ने पर एयर फ़ोर्स भी लगा दें - या नौसेना की पनडुब्बी भी - या दिल्ली के सेवानिवृत पुलिस कमिश्नर बस्सी को भी ?? ....

पर मैं सोच रहा था कि सेना पुलिस तो पिछली बार भी लगी थी - और इफरात में लगी थी .. पर वो गुंडे मवालियों को कहाँ कंट्रोल कर पाई थी ?? .... नहीं ना !! ....

इसलिए खुल्ले दिमाग के खट्टर को मेरा एक सुझाव है .... इस बार मवालियों को कंट्रोल करने के लिए बजरंग दल के ट्रेनिंग प्राप्त देशभक्त बजरंगियों को भी इस काम में लगाएं तो बेहतर होगा .... क्या है ना कि जो जज़्बा और मवालियों जैसी आत्मसुरक्षित आक्रमण प्रणाली बजरंगियों में है वो सेना में कहाँ .... वैसे भी कई बार काँटा ही काँटे को निकाल पाता है - तलवार काम नहीं आती ....

तो बोलो - बजरंगियों की जय - बजरंगबली की जय - भारत माता की जय !!

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Sunday 29 May 2016

// मोदी ने माना .. गालियां तो इफरात में पड़ रही हैं .. सही माना ..//


आजकल मोदी द्वारा अजब गजब पेला जा रहा है .... दम ठोंक के कह रहे हैं कि उनके ऊपर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं .. उन्होंने भ्रष्टाचार बंद किया तो गाली ही मिलेगी .. जो देश को लूट रहे थे सिर्फ वही उनसे खुश नहीं .... आदि !!

मेरी प्रतिक्रिया ....

क्या केवल भ्रष्टाचारी ही गालियां दे रहे हैं - ईमानदार नहीं ??
या जो गालियां दे रहे हैं - वे ईमानदार नहीं - वे सब भ्रष्ट ??
इस देश में भ्रष्ट ज्यादा या ईमानदार ??
क्या ईमानदार मोदी की तारीफ नहीं करते - केवल भ्रष्ट गालियां देते हैं ??
तो फिर मोदी ये क्यों नहीं कहते कि देखो मेरी कितनी तारीफ हो रही है - यही क्यों कहते हैं कि मुझे गालियां पड़ रही हैं ??
क्या देश में कोई भूखा नहीं गरीब नहीं ??
क्या अब भूखे गरीब को गाली देने का अधिकार भी नहीं ??
क्या भूख में तड़पता गरीब गाली दे कर भ्रष्टाचार करता है ??
क्या शर्म भी बेच खाई - या प्रजातान्त्रिक राजनीति का शिष्टाचार भी भूल गए ??

क्या ये स्थापित नहीं होता कि ....

मोदी को गालियां पड़ रही हैं .. वो भी इफरात में ....
मोदी की तारीफ कम ही लोग कर रहे हैं ....

इसलिए तथ्यों पर कुछ विवेचना भी ....

क्या कभी किसी भ्रष्ट को यह कहते सुना है कि वो भ्रष्ट है ??
क्या हर भ्रष्ट पकड़ा या धरा जाता है ??
क्या हम समझते नहीं कि भ्रष्टाचार कर जो पकड़ा गया वो भ्रष्ट और जो पकड़ा नहीं गया वो शाना ....

क्या भारत का कोई भी पूर्व प्रधानमंत्री भ्रष्ट था ??
यदि हाँ तो मोदी उसका नाम बताएंगे ??
और नाम बताएंगे तो क्या ये भी बताएंगे कि क्या उसका भ्रष्टाचार सिद्ध हुआ - या होगा ??
यदि नहीं तो क्या इसलिए कि भ्रष्टाचार सिद्ध करना मुश्किल काम ??
यदि हाँ तो क्यों ना मान लिया जाए कि मोदी भी भ्रष्ट पर सिद्ध करना मुश्किल काम ??
 क्या भारत में पूर्व में भ्रष्टाचार नहीं हुआ ??
क्या मोदी राज में भ्रष्टाचार नहीं हो रहा ??

कुल मिला के इसलिए मेरा मत है कि - मोदी को गालियां पड़ रही हैं - और इसमें कुछ भी गलत नहीं .. और जो कुछ लोग मोदी के कार्य और ईमानदारी से संतुष्ट हैं उन्हें मोदी की तारीफ भी करनी ही चाहिए - वो भी खुल कर .. उन्हें अपने घर में घुघ्घू बन कर घुसे रहकर बेचारे मोदी को गलियां खाने के लिए अकेले नहीं छोड़ना चाहिए .. उन्हें तत्काल ये कोशिश करनी चाहिए कि मोदी की तारीफ भी जोर पकडे .... 

पर सावधान !! शायद तब गालियों की तादाद और बढ़े - क्योंकि इस सब के बीच मोदी के काम कहाँ हैं ?? विकास कहाँ हैं ?? वायदे कहाँ हैं ?? जमीन पर असर कहाँ है ?? मुद्दे की ये बातें भी तो असर डालेंगी .... क्योंकि देश के लोग केवल भ्रष्ट या ईमानदार ही नहीं - समझदार भी तो हैं .... और मैं मानता हूँ ज्यादातर ईमानदार समझदार होते हैं !! .. और वे अक्षम और अयोग्य की निंदा करने से परहेज़ भी नहीं करते .... हा !! हा !!

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Saturday 28 May 2016

// नेहरू आखिर तुम हुए ही क्यों ?? .. या साहेब तुम तब ही क्यों ना हो गए ?? ..//


मान लीजिए एक कलेक्टर .... अरे जनाब क्यों भड़क रहे हैं ?? .. मान भी लीजिए कि - एक जिले का कलेक्टर या अन्य उच्च अधिकारी अपने फेसबुक पर ये लिख मारे कि ....

" मित्रो !! मैं आज से अपने फेसबुक पर कोई मन की बात नहीं लिखूंगा .... क्योंकि .... मैं नहीं चाहता 'आ बैल मुझे मार' वाली स्थिति उत्पन्न हो .... बस !! "

या फिर ये लिख मारे कि .... 

" मैं अभी से बता देता हूँ कि मैं केजरीवाल को पंजाब चुनाव जीतने पर बधाई नहीं दूंगा .... क्योंकि .... फिर कौन फिजूल में पागलों को कारण बताता फिरेगा .... है ना !! "

तो ?? .... तो क्या होगा ????

मैं बताता हूँ क्या होगा ....

उस अधिकारी की मन की बात पूरी होगी - केजरीवाल पंजाब चुनाव जीतेंगे .... और ....

और होगा ये कि साहेब और भक्त चिढ जाएंगे - कुढ़ जाएंगे - कपडे फाड़ लेंगे - और क्या ?? ....
और शायद हमेशा की तरह अपनी बेइज़्ज़ती करा हताश हो किसी नए शिगूफे की तलाश में लग जाएंगे ....

जैसे हो सकता है .... एक और पागल तड़प कर ये कह दे कि - यदि नेहरू को पाकिस्तान तभी भेज दिया गया होता तो आज भाजपा को भारत में शासन करते ६० साल से ज्यादा हो गए होते .... सही है !! शायद हो भी गए होते .... है ना !! ....

हाय !! .. नेहरू आखिर तुम हुए ही क्यों ?? .. या साहेब तुम तब ही क्यों ना हो गए ?? .... तुमने अवतार तब ही क्यों ना लिया ?? .... कम से कम आज एक काबिल देशभक्त निडर कलेक्टर को यूँ ही बेइज़्ज़त तो ना होना पड़ता .... छिः !!

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Thursday 26 May 2016

// २ साल की २ बड़ी उपलब्धियां ....//


मोदी राज के २ साल पूरे हुए .... और यदि मानना ही पड़े कि ये 2 साल उपलब्धिपूर्ण रहे .. तो बिलाशक २ सबसे बड़ी उब्लब्धियां निम्नानुसार हैं ....

पहली उपलब्धि - पूरे सरकारी तंत्र में यथावत व्याप्त भ्रष्टाचार के धड़ल्ले से चलते भी ना तो मोदी ने अपने ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगने का कोई मौका दिया - और ना ही अपने किसी चहेते या विरोधी पर कोई आँच आने दी .... निर्विकार रूप से आँखें बंद कर अपना काम करते रहे ....

दूसरी उपलब्धि - मोदी जी ने कुल ५ में से २ असफल वर्ष सफलतापूर्वक पूरे किये ....

अब छोटी मोटी कई और भी उपलब्धियां होंगी ही जिनके बारे में भक्त आपको बताते ही रहेंगे ....

अतः २ साल पूरे हो ही जाने के उपलक्ष में भक्तों के प्रिय मोदी जी को और उनके प्रिय भक्तों को हार्दिक बधाई !! .... मोदी !! मोदी !! मोदी !! .. दूसरी बार भी .. मोदी !! मोदी !! मोदी !! ....

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Tuesday 24 May 2016

// "पतंजलि ब्रेड" !! .. उत्पत्ति हो गई है .. उत्पादन शीघ्र शुरू होगा ....//


अब तक सुप्तावस्था में जाग सी रही जांच एजेंसियां एकाएक हिलने डुलने लगी हैं .... और अब तो मचल भी गईं हैं .... और तड़प भी गई हैं .... शायद उन्हें योग और योगी का आभामंडल समझ पड़ गया है .... और तो और उन्हें इस शताब्दी की सबसे असाध्य बीमारी कैंसर का कारण भी फट्टै समझ आ गया है ....

अब योग चीज़ ही ऐसी है - मरणासन्न में भी जान फूंक दे .... और योगी की तो मत पूछिए .. वो चाहे तो बीए फेल को भी प्रधानमंत्री बनवा दे .. काले को सफ़ेद और सफ़ेद को काला बना दे .... और तो और ब्रेड का धंधा भी कर ले ....

यदि आपको मेरी बातों पर विश्वास नहीं हो रहा हो तो बस एक काम करें .... कुछ दिन आलती पालती मारें - फिर बाईं टांग दाएं हाथ के ऊपर और दाईं टांग बाएं हाथ के नीचे ले जाकर ढाई बार छींके - फिर ठंडी ठंडी कूल कूल लम्बी लम्बी ५६ साँसे लें सीना फुला गरम हवा बाहर निकालें .... कुछ दिन पिज़्ज़ा बर्गर ब्रेड से परहेज़ करें - मैदे से बनी चीज़ों का त्याग करें .... आँखें और दिमाग को बंद करें .... और आकाश पर से पूरा ध्यान हटा - दोनों आँखों के बीच के खल्लास हुए स्थान पर स्थिर करें .... फिर ध्यान को धीरे धीरे धरती से टिके शरीर के निचले भाग में से ले जाते हुए - हौले हौले - पाताल में केंद्रित करने का प्रयास करें ....

बस आपको अनुभूति हो जाएगी .... समस्त व्याधियों से मुक्त - पौष्टिक और स्वादिष्ट व्यंजन की उत्पत्ति हो गई है .... वो पाताल से निकल धरातल की और बढ़ चली है ....   

जी हाँ !! .. "पतंजलि ब्रेड" !!!! .. उत्पत्ति हो गई है .. उत्पादन शीघ्र शुरू होगा ....

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Monday 23 May 2016

// खेर खैरात से वंचित - खैर अब इंतज़ार करें पंजाब गोवा में 'आप' के आने का ..//


खैरात बंटी - किरण को मिली .. और खेर रह गए वंचित .... 

शायद ठीक नहीं हुआ .... वो इसलिए कि किरण ने साहेब का साथ नहीं दिया था - बल्कि साहेब ने किरण का साथ दिया था जब किरण के ही बुरे दिन चल रहे थे - वो भी जब साहेब दिल्ली में बेआबरू नहीं हुए थे और वो उनके सबसे अच्छे दिन थे ....

पर ठीक इसके उलट खेर ने साहेब का साथ दिया था - वो भी जब साहेब के बुरे दिन आ ही गए थे - और खेर के तो अच्छे दिन चल ही रहे थे ....

पर अभी भी कौन जाने साहेब के मन की .... और रणनीति और राजनीति की ....

क्योंकि जिस प्रकार उत्तराखंड में जरूरत महसूस हुई थी - उसी प्रकार पुड्डुचेरी में करिश्माई राहुल के अपरोक्ष नेतृत्व में मिली प्रचण्डतम कॉंग्रेसी जीत के मद्देनज़र वहां भी एक होनहार राज्यपाल की जरूरत पड़ना तय थी .... और इसी कड़ी में निकट भविष्य में पंजाब में भी तो एक किरण जैसे होनहार की जरूरत होगी .... और फिर गोवा में भी जहाँ कल ही केजरीवाल रायता फैला कर आए हैं ....

आखिर 'संघीय ढाँचे' का भी तो ध्यान रखना है कि नहीं ?? .. फिर हारे हुए राज्य को भगवान् भरोसे और बेलगाम कैसे छोड़ा जा सकता है ?? ....

इसलिए हो सकता है .... खेर साहब भी 'माननीय' से 'महामहिम' हो जाएँ .... बस अगली खैरात बंटने का इंतज़ार करें .... और इंतज़ार करें पंजाब और गोवा में 'आप' के आने का .... हा !! हा !!

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// खूंखारों और मूर्खों से सहानुभूति कैसी ?? ....//


आज के अखबारों में चिली की एक खबर छपी है .. एक युवक आत्महत्या के इरादे से अर्धनग्न हो शेरों के बाड़े में जा कूदा .. शेरों ने हमला कर दिया .. सुरक्षा गार्डों ने देख लिया .. दो शेरों को मार दिया - ठांय !! ठांय !! .... युवक अब अस्पताल में है - स्थिति नाज़ुक बनी हुई है ....

और मुझे याद हो आया - "हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे" ....

और इसीलिए इसी तारतम्य में फिर मुझे याद हो आए सुब्रमण्यम स्वामी .... जो अर्ध मर्यादा के साथ नेताओं के बड़े बाड़े राज्यसभा में कूदे हैं - दो चार नेताओं को मरवाएंगे और खुद की भी ऐसी तैसी करवाएंगे ....

और मैं अनायास सोचने लगा - काश ऐसा ही हो .... खूंखारों और मूर्खों से सहानुभूति कैसी ?? ....

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Sunday 22 May 2016

// कन्फ्यूज़न ?? .... ये क्या होता है ?? ....//


आजकल कॉंग्रेसी बहुत ही कन्फ्यूज्ड हैं ....
सोनिया कह रही हैं सब्र रखें सब्र का फल मीठा होता है ....
समझदार कह रहे हैं - सब्र बहुत हुआ - गया वक्त वापस लौट के नहीं आता ....

वैसे कन्फ्यूज्ड तो भक्त भी हैं ....
मोदी कहते हैं साम्प्रदायिकता छोडो - सबका साथ सबका विकास ....
संघी कहते हैं - सभी हिन्दू एकजुट हों - बस राम मंदिर बनाओ ....

और कन्फ्यूज्ड तो मैं भी हूँ .... क्योंकि मुझे समझ नहीं आ रहा कि ....

सिंहस्थ एक सरकारी आयोजन था या धार्मिक ?? ....
मोदी प्रधानमंत्री हैं या प्रवचन कर्ता ?? ....
दालों के भाव ज्यादा बढे हैं या टुच्चों की बेशर्मी ?? ....
मोदी ज्यादा पढ़े लिखे हैं या स्मृति ईरानी ?? ....
अमित शाह ज्यादा मोटे हैं या गडकरी ?? ....
मोदी को ज्यादा नुकसान कौन पहुंचाएगा - सुब्रमण्यम स्वामी या जेटली ?? ....
भाजपा से पहले बाहर कौन होगा - कीर्ति आज़ाद या शत्रुघ्न सिन्हा ?? ....
मोदी राज में पहले मातृभूमि पर पैर कौन रखेगा - ललित मोदी या माल्या ?? ....
मोदी के प्रधानमंत्री बनने में ज्यादा योगदान किसका - मोदी का या रामदेव का ?? ....
रामदेव के सफल धंधे में ज्यादा योगदान किसका - रामदेव का या मोदी का ?? ....
'नीट' पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से हलाकान कौन - मोदी सरकार - कांग्रेस - या धन्धेबाज़ ?? ....

अभी-अभी अनुराग ठाकुर बीसीसीआई के अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए हैं या लगभग सभी टुच्चों के खुल्ले सहयोग से ?? ....

और पंजाब चुनावों में मोदी २०-२५ रैली करेंगे या नहीं ?? ....
यशस्वी एवं विदुषी किरण बेदी पंजाब में भाजपा की घोषित मुख्यमंत्री होंगी या नहीं ?? ....
कैलाश विजयवर्गीय का दुरुपयोग पंजाब चुनाव में भी किया जाएगा या नहीं ?? ....

हा !! हा !! हा !! .... तो भक्त सोच रहे हैं कि मैं वाकई कन्फ्यूज्ड हूँ ?? ....

मित्रो कदापि नहीं .... आपको तो मालूम है कि हम (मैं और आप) कभी कन्फ्यूज्ड नहीं रहते .... बल्कि हम तो भक्तों के कन्फ्यूज़न को दूर करने का प्रयास करते रहे हैं .... और इसी कड़ी में मेरा ये बैठे बिठाए कन्फ्यूज्ड लेख भक्तों को समर्पित .... धन्यवाद !! जय हिन्द !!

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Saturday 21 May 2016

// मोदी जी पाप कभी धुलते नहीं - किसी ना किसी के पुण्य आड़े आ ही जाते हैं ..//


भाजपा असम जीत गई .... केरल में बहुमूल्य एक सीट भी ....

तय मान लिया जा रहा है कि मोदी के २ वर्षों का कार्यकाल सफल हो गया .... नीतियां बेहद सही - कर्म क्रियान्वयन क्रियाकर्म सटीक - आम आदमी नाराज़ नहीं - भाजपाई और भक्त खुश - पूरा वातावरण आह्लादित .... पूरे देश में अच्छे दिन आ गए .. असम से केरल तक .. बड़े आराम से ....

उधर सिंहस्थ सफलतम हो गया है .... गोल मस्तिष्क पर गोल टोपी के हुए शौक़ीन शिवराज की सरकार को इस सरकारी आयोजन का सफलतम आयोजन करने कराने का श्रेय .. और श्रेय के साथ लाभ भी .... सरकार द्वारा व्यापम के सभी पाप भी लगे हाथ धो लिए या धो दिए गए हैं ....

और साथ ही करोड़ों रूपए के वारे न्यारे कर करोड़ों पापियों को नहला धुला पवित्र कर वापिस रवाना कर दिया गया है - जो अब देश में आए अच्छे दिनों का आनंद उठाएंगे .. पहले से कहीं अधिक उन्मुक्त हो - धार्मिक हो - पवित्र हो - संपन्न हो - धनी हो - समाज को उठाने का काम करते दिखेंगे - समाज का उठावना करेंगे .. और पूरे देश को अच्छे दिन आ जाने का एहसास कराने का प्रयास करेंगे ....

बल्कि जोर देकर मनवाएंगे कि अच्छे दिन आ गए .. बस अब देश में छोटी मोटी समस्याएं ही बची हैं - जिनका निराकरण मोदी २०२४ तक पूरा कर देंगे - और पापियों के बचे खुचे पाप अगले सिंहस्थ २०२८ में धुलवा दिए जाएंगे .... दे डूब डूब के - दे डुबा डुबो के - दे डुबो डुबो के .. पौंssssss !!   

पर यदि भाजपाई एवं भक्त ये सोच रहे हैं कि देश कांग्रेस मुक्त जैसे ही समस्या मुक्त हो गया है तो शायद वे गलत सोच रहे हैं .. और वो इसलिए कि उनके लिए एक बहुत बड़ी समस्या मुहं बाएं खड़ी है ....

जी हाँ .. पंजाब चुनाव आ रहे हैं .... और वहां केजरीवाल जीत रहे हैं ....

इसलिए मोदी जी को सृष्टि का नियम समझ ही लेना होगा कि .. समस्याएँ कभी ख़त्म नहीं होतीं .... और भले ही लाख डुबकियां लगा लो .. पाप कभी धुलते नहीं .. किसी ना किसी के पुण्य भी तो आड़े आ ही जाते हैं .. है ना !! .... जय हिन्द !!

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Thursday 19 May 2016

// कांग्रेस तो गई काम से - अब भाजपा काम लगाएगी ?? ....//


५ प्रदेशों के चुनाव नतीजे आ रहे हैं - और स्थितियां स्पष्ट हो गई हैं ....

तमिलनाडु में जयललिता ने इतिहास रच दिया है .. सभी अनुमानों को धता बताते लगातार दूसरी बार प्रचण्ड जीत की ओर ....
असम में भी भाजपा ने इतिहास रचा है .. सभी अनुमानों के अनुरूप पहली बार पूर्वोत्तर में जीत की ओर ....
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सभी पूर्वानुमानों से भी अधिक और ऐतिहासिक जीत की ओर ....
केरल में पूर्वानुमानों के अनुरूप कांग्रेस हार की ओर और वामदल जीत की ओर ....
और पुड्डुचेरी ?? .... हा !! हा !! .... क्या कोई रूचि ले रहा है और कुछ फर्क पड़ेगा ????

यानि कुल मिला के .... कांग्रेस तो गई काम से .... करूणानिधि भी गए काम से ....
और भाजपा और जयललिता अब काम लगाएंगे ....
और ममता काम करेंगी ....

और उपरोक्त नतीजों से मैं प्रसन्न हूँ - क्योंकि मेरा पूर्वानुमान कहता है कि पंजाब में भी पूर्वानुमानों के अनुरूप ही नतीजे आएँगे .... क्योंकि जहाँ तीसरा विकल्प मौजूद है वहां कांग्रेस और भाजपा कहीं अस्तित्व में नहीं हैं .... और पंजाब में तो "आप" ने दस्तक दे ही दी है .... है ना !! .. जय हिन्द !!

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Wednesday 18 May 2016

// नकारों को सुझाव - श्रीनगर के "लाल चौक" का नाम बदल "लाल चौक" रखो ..//


भाजपा के नकारों को मैं हमेशा मुफ्त सुझावों से कृतार्थ करता रहा हूँ ....

तो आज एक बेशकीमती सुझाव - फ्री फ़ोकट में फलीभूत होने वाला ....

मोदी जी - श्रीनगर के "लाल चौक" का नाम लालकृष्ण आडवाणी के नाम पर "लाल चौक" रख दें ....

जल्दी करें - समय सीमित है .... चूक गए तो हो सकता है अगली सरकार - जो आपकी सरकार कदापि नहीं होने वाली - वो कहीं "लाल चौक" का नाम लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर "लाल चौक" ना रख दे ....

 नहीं तो फिर बाद में हाथ मलते रहिएगा और खड़ताल ले भजन गाते रहिएगा - "लाली मेरे लाल की जित देखूं तित लाल - लाली देखन मैं गई तो मैं भी हो गई लाल" - भक्तों बुरा हुआ !!

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// रघ्घू को हटाओ या सुब्बू को .. या फिर मुद्दे की बातों का जवाब दो .. या ....//


भाजपा के सांसद ताजे ताजे राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी फरमा रहे हैं - रघुराम राजन को हटाओ - देश की अर्थव्यवस्था का कबाड़ा कर दिया है - उद्योग ठप्प - बेरोजगारी बढ़ी - महंगाई बढ़ी .. आदि !! .. और उसे शिकागो भेजो .. वो तो भारतीय ही नहीं ....

मेरे प्रतिक्रियात्मक सुझाव ....

हटा दो रघ्घू को .... भेज दो शिकागो .... शिकागो नहीं जाए तो पाकिस्तान भेजो ....
वर्ना ये सुब्बू कल जेटली को उंगल करेगा ....
जेटली को नहीं हटाओगे तो ये मोदी के पीछ पड़ जाएगा .... फिर क्या करोगे ???? ....

वैसे रघ्घू को ना भी हटाओगे तो चलेगा .... अगला नंबर सीधे मोदी का लगेगा ....

फिर क्या करोगे ?? .... सुब्बू को ही हटाओगे ?? .... 
हटाना ही पड़ेगा ....
पर लिया ही क्यूँ था ?? .... मत मारी गई थी ?? .... ये किस बेवकूफ ने सुझाव दिया था ?? .... या किस शातिर ने दबाव बनाया था ?? ....

खैर ये सब तो ठीक है - तुम सुब्बू को हटाओ या रघ्घू को .... ये तो तुम्हारा व्यक्तिगत मामला है .... सुब्बू अब तुम्हारे स्वामित्व की चीज़ है .. चाहे उसे निकालो या गाड़ो या चाटो ....
पर चाटने में स्वाद नहीं आएगा - और कबरबिज्जू को गाड़ा भी क्या जाएगा ?? ....
वैसे अब निकाल भी क्या पाओगे - तुम्हारी क्या औकात ?? ....
तो बेहतर होगा उसे तोकते रहो - बस कोशिश करो थोड़ा काबू में रहे ....
काबू में भी क्या रखोगे - वो तो अनियंत्रित मिसाइल है ....
तो फिर तो यही कोशिश करो कि वो मीडिया में ना आए .... पर आने से रोकोगे भी कैसे ?? ..  तो मीडिया को सेट करने की कोशिश करो कि उसे भाव ना दे ....  

पर अब यदि मीडिया भी उसे भाव दे तो फिर क्या करना ???? .... 

नहीं पता ?? .... तो छोडो यार सारी बकवास - तो फिर तो तुम मुद्दे की बस इतनी सी मूल बात बता दो कि .... देश की अर्थव्यवस्था का कबाड़ा क्यूँ हुआ ?? .. उद्योग ठप्प क्यों हुए ?? .. बेरोजगारी बढ़ी क्यों ?? .. महंगाई बढ़ी क्यों ?? .. आदि !!

क्या कहा यही नहीं बताना है !!!! .... तो फिर तो ठीक है .. तुम्हारा इलाज सुब्बू स्वामी ही करेगा ....
बस थोड़ा इंतज़ार और .... हा !! हा !!

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// वाह मोदी जी वाह !! .. ऐसी धाँसू नक्शेबाजी के लिए बधाई !! ....//


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक ड्राफ्ट "भू-स्थानिक सूचना नियमन विधेयक (जियोस्पेशल इंफॉर्मेशन रेगुलेशन बिल, २०१६)" टिप्पणियों के लिए सार्वजानिक कर दिया है ....

इस विधेयक के अंतर्गत भारत की किसी भी भू-स्थानिक जानकारी के वितरण, प्राप्ति, प्रसार और प्रकाशन के लिए किसी सरकारी एजेंसी से आज्ञा लेना अनिवार्य होगा .. विशेषकर भारत के नक्शे के प्रयोग अथवा छापने के लिए सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी .. नियमों  के उल्लंघन करने वालों के लिए - मसलन भारत के नक्शे से खिलवाड़ करने वालों के लिए - इस विधेयक में सात वर्ष की अधिकतम अवधि तक जेल और 100 करोड़ रुपये जुर्माने तक का प्रावधान प्रस्तावित है ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

मोदी जी !! बस हम ऐसा ही कुछ तो चाह रहे थे आपसे और आपकी सरकार से .. कुछ ऐसा धाँसू और दमदार कि हम भी छाती फुला कह सकें - "भारत माता की जय" .... बस यही तो अपेक्षा कर रहे थे कि आप कुछ करें .. केवल फांकते ही ना रहें ....

खैर !! आपने पहली बार कुछ अच्छा किया है - इसलिए आपकी हौसलाअफ़ज़ाई  हेतु आपको बधाई ....
अब देखें आप दूसरा अच्छा कार्य कब करते हैं .... और इस प्रस्तावित विधेयक को कब पास करवाते हैं ....

वैसे मेरा एक सुझाव भी है .... 

क्यों न इसी तर्ज़ पर एक "पठन पाठन मापक सूचना नियमन विधेयक (डिग्री इंफॉर्मेशन रेगुलेशन बिल २०१६)" भी पास किया जाए ????

यानि जिस प्रकार भारत के गलत नक़्शे बनाने या बनवाने या दिखाने या उपयोग करने को अपराध माना जाएगा - ठीक उसी प्रकार फ़र्ज़ी डिग्री बनाने या बनवाने या दिखाने या उपयोग करने को अपराध माना जाए तो कैसा रहेगा ?? .. इस विषयक तो टुच्चे पाकिस्तान तक को कोई ऐतराज़ नहीं होगा .... हाँ भक्त ज़रूर थोड़ा विचलित होंगे तो देशहित में होने दें .... है ना !!

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Monday 16 May 2016

// मोदी जी !! व्यक्तिगत क्या ?? .. और क्यों ?? ....//


अभी जब मोदी जी की डिग्री पर विवाद खड़ा हुआ है और बैठने का नाम नहीं ले रहा है - तब किसी ने कहा कि ये तो अत्यन्त व्यक्तिगत मामला है .... और जब जब मोदी के अतीत के बारे में प्रश्न पूछे गए तो भी उत्तर यही मिला .. ये तो व्यक्तिगत मामला है ....

सही भी है .. व्यक्ति है तो कुछ तो व्यक्तिगत होगा ....

पर जो लोग व्यक्तिगत मामले को सार्वजनिक रूप से उठाने का विरोध करते आए थे - उनसे आज विवेचना की अपेक्षा ....

कोई बेटा माँ से मिले ये माँ बेटे से मिले - ये निश्चित ही व्यक्तिगत मामला है .. पर जब मोदी ने अपनी माँ से मिलने के व्यक्तिगत मामले को अभी सार्वजनिक किया तो अब तो स्पष्ट है कि मोदी ने मोदी का व्यक्तिगत मामला सार्वजनिक किया .. होगा कोई ध्येय या मकसद .... पर अब यदि कोई आपके व्यक्तिगत मामले को सार्वजनिक उत्सुकता के रहते या सार्वजनिक जानकारी के उद्देश्य से सार्वजनिक करता है तो फिर उस पर भी किसी भी प्रकार की आपत्ति बेमानी होगी कि नहीं ???? ....

अतः अब मुझे भी ये जानने की उत्सुकता है कि नरेंद्र के जिस भाई के साथ माँ रहती है क्या वो भी ७ आरसीआर आये थे या नहीं ?? .. अपने उस सगे भाई से जिसके पास माँ रहती है उससे नरेंद्र के रिश्ते कैसे हैं ?? .. नरेंद्र की माँ अपने बेटे नरेंद्र से तो प्यार करती हैं - पर अपनी बहू जसोदाबेन से उनका प्रेम और व्यवहार कैसा था ?? .. क्या नरेंद्र की माँ को भी ये एहसास और दर्द था कि जसोदाबेन भी किसी की बेटी थी ?? .... क्या नरेंद्र और जसोदाबेन की शादी करवाने में माँ और परिवार का योगदान या प्रयास था कि नहीं ?? .. क्या जसोदाबेन के साथ हुए अन्याय के लिए नरेंद्र की माँ भी स्वयं को दोषी मानती हैं अथवा नहीं - या अपने बेटे नरेंद्र को दोषी मानती हैं कि नहीं ?? .. क्या जसोदाबेन भी कभी ७ आरसीआर में ससम्मान बुलाई जाएंगी ?? .. आदि !! .. इत्यादि !! .... और नरेंद्र की बीए की डिग्री फर्जी क्यों ???? ....

निहायत नितांत व्यक्तिगत मामला !! .. है ना ?? .. पर ठीक वैसे ही जैसे नरेंद्र ने अपनी माँ के घर आने की बातें फोटुएं निकाल अपलोड कर ट्वीटीं .... है ना !!

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Sunday 15 May 2016

// मोदी की डिग्री - कुछ रोचक तथ्य - और नए बड़े "मूल" प्रश्न ....//


मुझे लगता नहीं कि मोदी की डिग्री के बारे में निपटारा हो गया है ....

यकीनन कुछ लोग डंके की चोट पर दावा कर रहे हैं कि बीए की डिग्री फ़र्ज़ी है ....
कई लोग तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं कि डिग्री असली हो नहीं सकती ....
कई लोग कहने लग पड़े हैं कि डिग्री से फर्क क्या पड़ता है ....
कई लोग तो डिग्री के महत्त्व को ही नकारने लगे हैं ....
कई लोग केजरीवाल से चिढ़न प्रत्यक्ष में प्रकट करने लगे हैं ....
कई लोग केजरीवाल को गालियां तक नहीं निकाल पा रहे हैं ....
और ये पहला प्रकरण है जिसमें केजरीवाल के विरुद्ध अब तक कानूनी कार्यवाही नहीं हुई है ....
इस बीच केजरीवाल और मोदी पर अनन्य 'डिग्री जोक' सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे हैं ....

और कुछ एक लोग ही जो डिग्री को असली बताए हैं घुघ्घू जैसे कहीं घुस गए हैं ....

उपरोक्त तथ्यों के मद्देनज़र तो मुझे यही लगता है - कि मोदी की बीए की डिग्री फ़र्ज़ी है ....

अब मैं सही हूँ या गलत ये इस बात से और सिद्ध हो जाएगा कि मुझे या केजरी को गाली देने के अलावा कोई भक्त ठोस सारगर्भित तर्क प्रस्तुत करता है कि नहीं जिससे ये माना जा सके कि डिग्री असली है ....

चलो एक बार मान भी लेता हूँ कि डिग्री असली है .... तो फिर प्रश्न उठता है कि क्या मोदी जी को अपनी इज़्ज़त प्यारी नहीं ?? .. क्या उन्हें प्रधानमंत्री के पद की गरिमा की परवाह नहीं ?? .... ये प्रश्न इसलिए क्योंकि मोदी स्वयं अब तक चुप क्यों ???? ....

और !! .. कुछ और बड़े "मूल" प्रश्न मेरी तरफ से ....

क्या कोई ये स्पष्ट करेगा कि जिस डिग्री की छायाप्रतियां शाह और जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस में सार्वजनिक करी थीं - वो छायाप्रतियां किस मूल डिग्री की छायाप्रतियां थीं ?? .. और वो मूल डिग्री उस वक्त और आज कहाँ और किसके आधिपत्य में थी और है ?? .. और वो छायाप्रतियां शाह और जेटली को किसने उपलब्ध कराई थीं ???? ....

किसी भी भक्त को स्पष्ट जानकारी हो तो बताए - अन्यथा कपड़े फाड़ते रहें - मुझे क्या फर्क पड़ने वाला ?? .. मुझे तो दिन-ब-दिन भरोसा होते ही जा रहा है कि डिग्री और इसलिए डिग्रीधारी ही फ़र्ज़ी है ....

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Saturday 14 May 2016

// उत्तराखंड में भाजपा और मोदी से 'गलती' हुई - या 'चूक' हो गई ?? ....//


अभी हाल में उत्तराखंड में भाजपा और मोदी सरकार की इज़्ज़त के पंचनामे बन गए .. थू थू भी खूब हो गई .... 

अब तय हुआ है - या किया गया है - या करना पड़ा है कि - अमित शाह दिनांक १८-०५-१६ को उत्तराखंड विषयक राष्ट्रपति शासन लगाने और उच्चतम न्यायलय द्वारा अंततः हटाने संबंधित घटनाक्रम और आगे की रणनीति पर विचार विमर्श करने और निर्णय लेने हेतु एक मीटिंग करने वाले हैं ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

यदि विचार विमर्श इस "गलती" पर होगा कि आखिरकार ये राष्ट्रपति शासन लगाने का मूर्खतापूर्ण और असंवैधानिक निर्णय किस मूर्ख के कहने या इशारे या इच्छा से लिया गया था ?? .. और क्यों लिया गया था ?? .. और किसके द्वारा लिया गया था ?? .. आदि !! .. तो फिर तो भाजपा को बधाई ....

पर यदि विचार विमर्श इस "चूक" पर होगा कि .. हाय रे !! ..आखिरकार वो कौन सी कमी रह गई जिसके कारण भाजपा विधानसभा में 'फ्लोर टेस्ट' हार गई ?? .. और भाजपा के मंसूबों और तमाम मेहनत पर पानी फिर गया - और करोड़ों का नुकसान हुआ सो अलग .. तो फिर तो मैं देश को बधाई दूंगा .... क्योंकि फिर तो समझो मोदी सरकार के दिन पूरे होने को हुए ....

और यदि मोदी गए तो समझो ये बद से बदतर दिन जाएंगे - और शायद अच्छे दिन आ जाएंगे !!

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Friday 13 May 2016

// असहिष्णुता तो है - और अब प्रमाण भी ....//


अंसार अहमद शेख .... महाराष्ट्र के पिछड़े इलाके जालना के रहने वाले - गरीब परिवार से - और अल्पसंख्यक समुदाय से .... यानि प्रथम दृष्टया ही पुख्ता अनुमान लगाया जा सकता है कि कुछ भी हासिल करने के लिए राह आसान नहीं होनी थी ....

और राह आसान रही भी नहीं .... अंसार अहमद शेख - आज यूपीएससी की परीक्षा में सफल तो हो गए .. पर !! .. जी हाँ पर !! .. इसके लिए उन्हें अपना नाम तक बदलकर "शुभम" रखना पड़ गया था ....

और उपरोक्त तथ्य से ये स्थापित होता है कि ....
इस देश में असहिष्णुता है ..
साम्प्रदायिकता भी है ..

और जो भी इन तथ्यों को नकारता है .. वो निश्चित ही तथ्यों को उजागर होने देना नहीं चाहता - शायद स्वार्थवश - या किसी का पट्ठा बन - या भक्त बन - आदतन या मजबूरन उनकी हाँ में हाँ मिलाने के कारण ....

खैर .... आज मैं बहुत प्रसन्न हूँ कि एक होनहार भारतीय ने वो सफलता पाई जिसका वह अधिकारी था .... और आशा करता हूँ कि भविष्य में किसी 'शेख' को 'शुभम' बनने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी .... और ना ही किसी को भय निर्मित वातावरण और असहिष्णुता का शिकार होना पड़ेगा .... इंशाअल्लाह !!

होनहार अंसार अहमद शेख और उनके पूरे परिवार को - दोस्तों को - और उनके समाज को - और हर भारतीय को - बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!

भारत माता की जय !!

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// व्यापम : क्या दोषी नेता अधिकारी अस्पतालों में झाड़ू पोता लगाएंगे ?? ..//


कुछ अनपढ़ लोगों को भ्रष्टाचार दिखता ही नहीं है .... और ऐसे लोग जब कभी विचार भी करते हैं तो मुहूर्त देख कर .. मसलन वैचारिक कुम्भ में पहुँच कर - कि आओ अब विचार करें ....

पर जो पढ़ते हैं उनको भ्रष्टाचार साफ़ समझ आ जाता है - और बिन मुहूर्त उनका विचार विमर्श भी स्वतः ही शुरू हो जाता है ....

और आज भी मैंने व्यापम संबंधित एक विचार मंथन योग्य समाचार पढ़ा - और मेरा विचार विमर्श स्वतः ही शुरू हो गया - बिना कोई डुबकी लगाए - बिना कोई साधु के आशीर्वाद के - बिना किसी मंदिर का घंटा बजाए ....

और व्यापम का वो समाचार है कि -  पूर्व में ६४३ छात्रों को व्यापम के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया था - उन्होंने पढाई भी पूरी कर ली - पर बाद में जब भांडा फूटा तो मालुम हुआ कि उन्होंने सामूहिक नक़ल करी थी .... और अब मामला आ फँसा कि उन ६४३ छात्रों का क्या किया जाए - या क्या सजा दी जाए ....

मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों ने गुरुवार को अलग-अलग फैसले सुनाए .... 
एक ने कहा - सभी ६४३ छात्र पांच साल तक बिना वेतन सेना के अस्पतालों में सेवा दें ....
दूसरे ने कहा - गलत मतलब गलत - सभी छात्रों का प्रवेश और डिग्री निरस्त की जाए ....

मेरी प्रवृत्ति तो यही कहती है कि दोषी छात्रों के साथ बिना कोई रियायत बरते उनका प्रवेश और उनकी डिग्री निरस्त ही होनी चाहिए .. पर मेरे विचार में क्योंकि ये पूरा प्रकरण एक "व्यवस्था के दोष" का भी है इसलिए केवल छात्रों को ही सज़ा देना न्यायसंगत नहीं होगा ....

इसलिए मेरे विचार में तो उस भ्रष्ट व्यवस्था में लिप्त मंत्री नेता और अधिकारीयों को और कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए .... जैसे उन्हें १० साल तक विभिन्न अस्पतालों में झाड़ू पोता लगाने नालियाँ साफ़ करने जैसे मोदी के स्वच्छता अभियान से जुड़े सभी आवश्यक दैनिक कार्य  करने की सामाजिक सजा दी जाए तो ही पूर्ण न्याय होगा ....

विचार करें गोल टोपी पहने - सफ़ेद पोश - केसरिया और तिरंगा पट्टे वाले पट्ठे - सफारी सूट पहने अधिकारी - और ऐशो आराम ज़िन्दगी जीने के हक़ को हथियाने वाले शातिर जब अस्पतालों में झाड़ू पोता लगाते दिखेंगे तो समाज में क्या संदेश जाएगा ??

संदेश जाएगा कि - ये "सफाई" का कार्य कितना आवश्यक था .... है ना !!

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Thursday 12 May 2016

// तृप्ति उवाच - देवियों के मंदिरों में पुरुष पुजारियों का क्या काम ?? ....//


तृप्ति देसाई - एक ऐसी उभरती प्रतिभा जिसका मैं तो कायल होता जा रहा हूँ .... कारण वो समाज के सभी ताकतवर ठेकेदारों से अकेले लड़ने का साहस दिखा रही हैं - और लड़ते हुए भी तार्किक कृत्य करते हुए सफलता भी पा रही हैं - और समाज हित में असामाजिक तत्वों की धुलाई भी ....

यहां असामाजिक तत्वों से मेरा अभिप्राय उन ताकतवर ठेकेदारों से है जो सामाजिक कुरीतियों को स्वहित में जारी रखने पर तुले हैं .... और ऐसी ही कुरीती जो वर्षों से चलती आई है वो है - पुरषों की दादागिरी - विशेषकर धार्मिक क्रियाकलापों में ....

पर तृप्ति देसाई ने कई मामलों में संविधान का हवाला देते हुए और तर्क प्रस्तुत करते हुए और क्रांतिकारी विरोध करते हुए पुरुषों के एकाधिकार को चुनौती दे मारी और ऐतिहासिक जीत दर्ज करी .... महिलाओं को योग्य उचित अधिकार दिला कर ही मानीं .... और उनकी लड़ाई जारी है ....

पर आज जो विषय उन्होंने छेड़ा है उसमें तो मुझे मज़ा ही आ गया - मज़ा इसलिए कि मुझे हर तार्किक मामले में बहुत मज़ा आता है ....

और ये नया नायाब विषय है कि देवियों के मंदिर में देवियों के स्नान या वस्त्र बदलने के लिए पुरुष पुजारी क्यों - महिला पुजारी क्यों नहीं ????

और मेरा दावा है कि इस बार भी तृप्ति देसाई देवी के मंदिरों से पुरुषों की छुट्टी करवा कर ही मानेंगी ....

मैं तो इस लड़ाई में निडर क्रांतिकारी तृप्ति देसाई के साथ खड़ा हूँ .. और आप ????

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// सबक लें !! .. बीए के बाद एमए की जुगाड़ भी कर ही लें ....//


महान लोगों की जीवित जीवनी - इतिहास - और सम्पूर्ण राजनीति से सबक ले मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि - भले ही आप रोते धोते - लुढ़कते घिसटते - टीपते टीपते - छुपते छुपाते - फेलते पासते ही सही - स्नातक डिग्री असली या फर्जी जुगाड़ या कबाड़ लिए हों - तो लगे हाथ इसके बाद आप आवश्यक रूप से स्नातकोत्तर डिग्री की जुगाड़ भी कर ही लें ....

क्या है अच्छा लगता होगा - आत्मा को शांती मिलती होगी .... ठीक वैसे ही जैसे आपाधापी से युक्त सम्पूर्ण जीवन के बाद मिली मृत्यु उपरांत तेरहवीं करने से आत्मा को शांती मिलती होगी ....

ॐ शांति ॐ .. अब 'आप' शांत हो जाइये .... और 'आप' भी बोलिए .. ॐ नमो नमाय: .. सरस्वती माता की जय !! .. देसी माता की जय .. विदेशी माता की जय .. और ईरानी माता की भी जय ???? ....

पुनश्च: मेरे उपरोक्त लेख में एक पुरानी कहावत - "सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली" घुसेड़ने की कोशिश ना करें - और करें भी तो कोई गलत नहीं ....

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Wednesday 11 May 2016

// पगला गए क्या ?? .. माल्या भी चाहिए - वो भी मुफ्त में ?? ....//


अभी अभी सुना है - इंग्लैंड ने विजय माल्या को सौंपने से इंकार कर दिया है ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

ठीक ही है .... इतनी ऊँची चीज़ वो भी इंग्लैंड मुफ्त में दे दे .. क्यों ??

कल तक ललित माँग रहे थे - फिर कोहिनूर .. पगला गए हो क्या ?? .. अंतर्राष्टीय स्तर पर इतनी नायाब चीज़ें ऐसे ही मुफ्त में मिलेंगी क्या ?? .... भीख माँग रहे हो क्या ?? .. भिखारी हो क्या ?? ....

मेरी मानें तो भारत को यदि ललित कोहिनूर और माल्या चाहिए तो उसे बदले में इंग्लैंड को कुछ देना होगा .... और मेरे अनुसार यदि मोदी को दे दिया जाए तो कैसा रहेगा ?? ..

ये प्रस्ताव मैं देशहित में ही दे रहा हूँ .. क्योंकि मेरा दावा है कि ललित कोहिनूर और माल्या तो हमें वापस मिल ही जाएंगे - २ साल बाद मोदी भी वापस मिल जाएंगे .. क्योंकि उनको २ साल से ज्यादा झेलने की ताकत किसी भी देश में हो ही नहीं सकती .... आखिरकार मोदी से नायाब भला और कौन हो सकता है ?? ....

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Tuesday 10 May 2016

// धत् तेरे की !! .. ये न्यायपालिका ने तो भाजपा की फिरकी ले ली .. छिः ....//


और अंततः उत्तराखंड विधानसभा में 'फ्लोर टेस्ट' हो गया - और सूत्रों के हवाले से स्पष्ट भी हो गया कि सत्तासीन कांग्रेस के हरीश रावत ही जीत गए - और विपक्षी भाजपा हार गई ....

अब आगे क्या ?? ....

बस मेरी तो ईश्वर से प्रार्थना है कि मोदी को सद्बुद्धि नहीं ही दे तो बेहतर - ताकि उनके ऐसे ही कृत्यों के कारण देश को शीघ्रातिशीघ्र उनसे मुक्ति मिले - और अंततः देर सबेर ही सही किसी अन्य योग्य नेता के नेतृत्व में देश के विकास की तरफ बढ़ने का रास्ता साफ़ हो सके .... फिर भले ही वो नेता बीए फेल की बजाय अनपढ़ ही क्यों ना हो .. या .. अच्छा पढ़ा लिखा ही हो .. या बेहतर आई आई टी पास कुशाग्र बुद्धि ही क्यों ना हो .... है ना !! 

"देवभूमि की जय हो" ....

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// केजरीवाल की क़ाबलियत अपरम्पार ....//


आजकल मोदी की डिग्रियों को लेकर बड़ा रोचक विवाद चल रहा है .... और विवाद का मुख्य कारण रहा डिग्रियों के बारे में जानकारियों को अब तक छुपाने की प्रवृत्ति और कोशिश और धूर्तता .. या .. बेवकूफी ....

पर विवाद को रोचक बना दिया केजरीवाल ने .... कह दिया डिग्री फर्जी हैं .... और फिर क्या था असली डिग्री वाले भी यहाँ वहां हलाकान हुए जा रहे हैं - हांफ रहे है - फांक रहे हैं - गुर्रा रहे हैं - मिमिया रहे हैं - दावे कर रहे हैं - सफाई दे रहे हैं - और चीख चीख कर विशेष प्रेस कांफ्रेंस कर विश्वास दिला रहे हैं कि मोदी की डिग्रियां असली हैं ....

यानि केजरी के कहे का कितना जबरदस्त असर हुआ है साफ़ जाहिर है ....

अब यदि डिग्रियां फर्जी ही हैं तो फिर तो केजरीवाल को कोई विशेष श्रेय देना नहीं बनता .. क्योंकि यदि डिग्रियां फर्जी हैं तो फिर तो इतनी ही हलचल शत्रुघ्न सिन्हा - राहुल गांधी - कीर्ति आज़ाद - आजम खान - ओवैसी - मिसिस सिद्धू - आमिर खान - प्रशांत भूषण - राखी सावंत - सुब्रमण्यम स्वामी - आलिया भट्ट - या फिर काबिल पत्रकार रविश कुमार ही 'ऐसा' और 'इतना ही' कर गुजरते ....

लेकिन यदि डिग्रियां असली हैं .. या अंततः असली सिद्ध हो जाती हैं - या कर ही दी जाती हैं .. तो फिर तो ये मानना ही पड़ेगा कि केजरीवाल की काबलियत अपरम्पार है .... है ही .. है ना !!

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Monday 9 May 2016

// डिग्री सच्ची है .. मोदी फेल हैं ....//


मोदी डिग्री विवाद .. भाजपा ने आज उसके सबसे बड़े पदासीन व्यक्तियों को मैदान में उतारा - शाह और जेटली - जो मुझे सबसे ज्यादा अविश्वसनीय लगते हैं .... और इसलिए वो यदि सत्य भी कह रहे होंगे तो मुझे तो संदेह होता ही है ....

और मैदान में उतरते ही दोनों ने दो डिग्रियां हवा में लहरा दीं - और कह दिया - ये लो मोदी की बीए और एमए की डिग्रियां ....

और उसके बाद ना मालूम कहाँ से मार्कशीट की कॉपियां भी मीडिया में प्रकट होने लगीं .... कोई ७५ की मार्कशीट दिखा रहा था तो कोई ७६ की कोई ७७ की और कोई ७८ की - और तो और कोई ७९ की भी मार्कशीट दिखा रहा था....

और जब बात चली कि मार्कशीट ७९ की और डिग्री ७८ की तो टेका आया कि वो फेल हो गए थे - फिर सप्लीमेंटरी में बैठे - फिर फेल हुए - फिर बैठे - और १९७९ में जाकर जैसे तैसे पास हुए - वो भी थर्ड डिवीज़न में ....

तो मित्रो !! मेरा तो ये मानना है कि आज एक मुख्य महत्वपूर्ण तथ्य तो जनता के सामने आ टपका है .... और वो ये कि नरेंद्र दामोदरदास मोदी बीए की परीक्षा में फेल हुए थे और अंततः बमुश्किल थर्ड डिवीज़न में पास हुए थे .... यानि उनका फेलियर रिकॉर्ड बहुत पुराना है ....

और सोशल मीडिया में हम अब तक जो 'बाल नरेंद्र' की अतिश्योक्तिपूर्ण उपलब्धियों के बारे में प्रायोजित कहानिया सुनते देखते आये थे - वे भी फेकमफांक ही थीं ....

सत्य यदि कुछ प्रतीत होता है तो केवल इतना कि मोदी बहुत बेकार बेटे - बेकार पति - बेकार छात्र थे - और अब बेकार प्रधानमंत्री भी साबित होते दिख रहे हैं ....

वैसे मुझे शक भी होता है कि मोदी की बीए की डिग्री सत्य ही होगी .. क्योंकि मोदी इतने भी मूर्ख नहीं कि फर्जी डिग्री बनवाई हो और वो भी थर्ड डिवीज़न की ?? .. मेरे आंकलन अनुसार तो कम से कम फर्स्ट डिवीज़न की तो बनवाते .. जैसे एमए की डिग्री .. फर्स्ट डिवीज़न ??!@#$%!!!!?? ....

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// आज ९ टुच्चे कार्टूनों की छुट्टी .. अब कल क्या ?? ..//


उत्तराखंड में बागी विधायकों की योग्यता संबंधित बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया है .. सभी ९ बागी विधायक अयोग्य घोषित हो गए हैं ....

पर मज़े की बात ये है कि ये सभी बागी कॉंग्रेसी ही हैं - और इसलिए कॉंग्रेसी विधायकों के विरूद्ध ऐसे फैसले का तो भाजपा ने जश्न मनाना चाहिए था .... पर शायद इस फैसले से तो भाजपा रुदन और शोक की स्थिति में आ गई है .. कारण ?? ....

कारण वही - 'कांग्रेस मुक्त भारत अभियान' या 'कांग्रेस युक्त भाजपा अभियान' के प्रणेता "बीए फेक एमए पास" वाले फेंकू की डेढ़ अक्ल ....

अब आगे क्या ?? ....

मरता क्या ना करता और बेवकूफ बेवकूफी क्यों ना करता ?? ....
इसलिए कल होने वाले फ्लोर टेस्ट को एन-केन-प्रकारेण जीतने का भाजपा पूरा प्रयास करेगी .. और यदि जीती तो जीत कर भी हार जाएगी .... शायद बहुत कुछ हार जाएगी ....

तो क्या हारी हुई कांग्रेस जीत जाएगी ?? ....

जी नहीं शायद पहली बार कांग्रेस और भाजपा दोनों की हार हो जाएगी ....
तो फिर जीत किसकी ?? .. स्वयं डोलती न्यायपालिका पर टिके लोकतंत्र की जीत ????

शायद वो भी नहीं .... अतः अभी तो लोकतंत्र के हत्यारों और फेंकुओं के झंडे तले किसी भी प्रकार की जीत की आशा रखना बेमानी ही होगा ....

पर हाँ न्यायालय के निर्णय के कारण आज ९ टुच्चे कार्टूनों की छुट्टी होने पर आह्लादित तो हुआ ही जा सकता है .... है ना !! .. हा !! हा !! ....

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Sunday 8 May 2016

// डिग्री पोल खोलने के लिए केजरीवाल को धन्यवाद ....//


किसी महात्मा ने नहीं - किसी हस्ती ने नहीं बताया था .. पर ये तो मैं स्वयं ही सोचता ओर विश्वास करता आया था कि ....  
खाए पिए के गाल .. अहंकारी की चाल .. और पढ़े लिखे का ज्ञान .. कुछ अलग से ही दिख जाता है ....

लेकिन जब भी मैं मोदी जी को देखता था तो मुझे कुछ अटपटा सा लगता था .... उनके गाल और उनकी चाल तो ठीक - पर ज्ञान ????

पर जब से मुझे जितना विश्वास तोमर की डिग्री फर्जी होने का हो गया था ठीक उतना ही विश्वास मोदी की डिग्री फर्जी होने का हो गया है .. मेरा पूरा पूरा आत्मविश्वास लौट आया है - और अब मैं पुनः विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि - पढ़े लिखे का ज्ञान कुछ अलग से ही दिख जाता है ....

इसलिए मैं आज केजरीवाल को मोदी की डिग्री की पोल खोलने और मेरा विश्वास बढ़ाने के लिए धन्यवाद देता हूँ .... और भक्तों के अखाड़े में छाई चुप्पी पर ख़ुशी का इज़हार करता हूँ .... और 'मोडिया' पर एक दम से 'डिग्री समाचार' के विलुप्त हो जाने हेतु बेचारे बिके हुओं की भर्तस्ना करता हूँ .... और 'येल' से डिग्री प्राप्त विदुषी को भी अग्रिम बधाई दे देता हूँ ....

और हाँ - आप सभी ज्ञानियों को भी धन्यवाद .. सरस्वती माता की जय !!

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Friday 6 May 2016

// मोदी के मूर्खतापूर्ण निर्णय स्वयं के - या सलाहकार अक्ल से पैदल ?? ..//


उत्तराखंड का मामला - या यूँ कहें झमेला .... मोदी के सीधे हस्तक्षेप से भाजपा ने कर दिया था बकवास का कमाल - कांग्रेस मुक्त अभियान के तहत लगा दिया था राष्ट्रपति शासन ....

फिर बहुत कुछ प्रत्याशित हुआ ....

मामला कोर्ट में जाना था - और गया .... 
भाजपा की मिट्टी पलीत होनी थी - हुई ....
हाईकोर्ट ने राष्ट्रपति शासन लगाने के निर्णय को असंवैधानिक निर्णीत करना था - सो कर दिया ....
हाईकोर्ट ने नज़ीर के रूप में बोम्मई केस के अनुरूप "फ्लोर टेस्ट" हेतु निर्णय करना था - सो कर दिया ....
बौखलाई बेशर्म दम्भी भाजपा को सुप्रीम कोर्ट जाना था - सो गई ....
भजपा को सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के "फ्लोर टेस्ट" को चुनौती देना थी - सो उसने चुनौती दे मारी ....

तो ये तो हुआ प्रत्याशित .. पर सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया कुछ अप्रत्याशित ....
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा से पूछ लिया - "फ्लोर टेस्ट" क्यों नहीं ?? .. जवाब दो !!

और शायद इतिहास में ऐसा वाक़या कभी ना हुआ होगा कि चुनौती देने वाली पार्टी ही ऐसे मिमिया के स्वयं के द्वारा चुनौती दिए गए बिंदु से ही किनारा कर ले .... यानि थूक के चाट ले .... क्योंकि फिर प्रश्न तो उठेगा कि फिर चुनौती ही क्यों दी थी ????

लेकिन उत्तराखंड प्रकरण में ऐसा दयनीय और हास्यास्पद घट गया है - क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के प्रश्न से ही मोदी सरकार की मिद्द निकल गई और उसने "फ्लोर टेस्ट" हेतु सीधे सीधे स्वीकृति दे मारी .... और इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट ने एकतरफा निर्णय दे दिया है जिसके अनुसार मंगलवार १० तारीख को "फ्लोर टेस्ट" होगा .... बड़े आराम से ....

तो अब "फ्लोर टेस्ट में क्या होता है आप देखते रहिएगा .. पर मेरे लिए तो अब केवल इतना देखना और जानना बचा है कि ये मोदी स्वयं सारे मूर्खतापूर्ण निर्णय लेते हैं .. या .. मोदी के राजनीतिक सलाहकार मूर्ख हैं .. या फिर .. मोदी के कानूनी सलाहकार अक्ल के पैदल हैं ????

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// ये लो !! कांग्रेस ज़िंदा हो गई .. मोदी गए काम से .. केजरी आ सकते हैं ....//


आज अभी दिल्ली के जंतर मंतर से कांग्रेस के अनेक नेताओं का भाषण सुना .... जिसमें आदरणीय मनमोहन सिंह और राहुल का सटीक संक्षिप्त भाषण तथा सोनिया का तीखा उग्र उचित लम्बाई का भाषण सुना .... और उसके बाद कांग्रेस के "लोकतंत्र बचाओ मार्च" के तहत उग्र प्रदर्शन भी देखा ....

मनमोहन सिंह और सोनिया का भाषण सुन और कांग्रेस के उग्र प्रदर्शन को देख मैं अपने अनुभव से दावा कर सकता हूँ कि यह भाषण और प्रदर्शन मरणासन्न कांग्रेस को जीवंत करने में और अभी तक जैसे तैसे जी गई भाजपा को मरणासन्न करने में बहुत कारगर सिद्ध होगा ....

मुझे सबसे मज़े की बात ये लगी कि पिछले कई महीनों से मोदी लम्बे लम्बे भाषण अपनी लम्बी लम्बी साँसों से युक्त आवाज़ के उतार-चढाव के साथ देते रहे हैं .... पर आज लगा कि भाषण देने की कला में पूर्ण फेल माने जाने वाली सोनिया और मनमोहन सिंह के भाषण आज मोदी के तमाम भाषणों पर भारी पड़ गए .... और लगा कि वाकई अब मोदी के दिन पूरे हुए ....

पर क्या मोदी के बाद कांग्रेस पुनः सत्ता में आएगी ?? .. या आना चाहिए ?? ..

प्रश्न विकट लगता है - पर उत्तर सरल है .... जिस प्रकार से मोदी सरकार ने निराश किया है उससे अब संभावना पुनः बन गई है कि कांग्रेस सत्ता में आ सकती है - पर आएगी कि नहीं ये इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या केजरीवाल या कोई अन्य चमत्कारिक नेता एक दम से उभर कर एक नया विकल्प दे पाता है या नहीं ?? .... और इस प्रश्न का उत्तर भी मिल जाएगा - पंजाब चुनाव के बाद ....

यानि सारांश ये है कि .. कांग्रेस ज़िंदा हो गई है .. मोदी का जाना तय है .. केजरी का आना संभावित है .. और पंजाब चुनाव महत्वपूर्ण हैं .... जय हिन्द !!

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Thursday 5 May 2016

// "रिश्वत" और "डिग्री" में शक़-शुबह विषयक मेरा पुख्ता "शक़" ..//


ऑगस्टा वेस्टलैंड रिश्वत मामले में कल राज्यसभा में दिन भर चली मैराथन बकवास सुन मारी - लगा था कुछ नया सुनने जानने को मिलेगा - पर बिल्कुल भी नहीं .... और पक्के में दी गई रिश्वत के मामले में भाजपा द्वारा शक़ के घेरे में रिश्वत लेने वाले कोंग्रेसियों को बहुत घेरने की कोशिश करी गई - पर बिना सबूत केवल शक़ की बिनाह पर भाजपा स्वयं मुहँ की खाती दिखी - और कांग्रेस उग्र .... यानि शक़-शुबह के बीच घिसी पिटी बातें दोहराई जाती रहीं .. और उल्टे विपक्षी ही भाजपाइयों को भला बुरा कहते रहे - बल्कि सही मायने में तो बुरा ही बुरा कहते रहे - बहुत बुरा !! 

वहीं कल ही केजरीवाल ने भी मोदी की डिग्री के बारे में आरोप लगा दिया कि .. शक़ होता है मोदी की बी.ए की डिग्री फ़र्ज़ी है .... और शक़ का कारण - दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास डिग्री संबंधित अभिलेख ही नहीं निकले ....

पर ऐसे मिर्चीयुक्त गम्भीर आरोप पर भक्तों की चुप्पी ???? .. तौबा तौबा !! .. मैं तो हैरान हूँ कि किसी ने अभी तक केजरी को तनिक भी बुरा भला नहीं कहा - जबकि इसके ठीक विपरीत कांग्रेस ने तो भाजपा की ऑगस्टा रिश्वत मामले में हवा ख़राब कर मारी थी ....

शक़-शुबह वाले दोनों प्रकरणों में इसलिए मुझे पुख्ता शक हो रहा है कि ....

१) मुझे शक है सोनिया के पास रिश्वत ना पहुंची हो .. और ये बात शाने कोंग्रेसियों को मालूम है .. और इसलिए वे चिल्ला रहे हैं ..
२) मुझे शक है मोदी की डिग्री फ़र्ज़ी है .. और ये बात मूर्ख भक्तों को मालूम है .. और इसलिए वे चुप हैं ..

और मुझे शक है कि मोदी ईरानी से पहले 'तोमर' की गति पाएंगे .... और सोनिया ?? .. हा !! हा !! हा !!
  
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Wednesday 4 May 2016

// इटली अदालत निर्णय पर आज अट्ठाहस तो कल रुदन के लिए तैयार रहें ..//


ऑगस्टा वेस्टलैंड डील रिश्वत मामले में कांग्रेस दोषी थी तो भाजपा चुप .. चुप क्यों ?? .. मिलीभगत .. या .. मूर्खता .. या .. अकर्मण्यता ..

पर जब इटली की अदालत का फैसला आ ही टपका - तो भाजपा चुप्पी तोड़ने के लिए मजबूर हुई .. और इस प्रकार इस मामले में चिल्लाचोट और थिरकन फिर शुरू हुई .... और मेरा ऐसा अनुमान है कि इस बजट सत्र के बाद ये मामला सेटिंग के तहत ठंडा कर दिया जाएगा ....

मामला भले ही ठंडा हो जाए - या फिर किसी तार्किक नतीजे पर ही क्यों ना पहुँच जाए .. पर यह तो सिद्ध हो ही गया कि इस देश में हमारी न्याय व्यवस्था से इटली की न्याय व्यवस्था ज्यादा कारगर साबित होती दिख रही है .... और "श्रीमती" से ज्यादा करामाती "सिग्नोरा" ....

और इसी तारतम्य में मैं मोदी और मोदी सरकार और भक्तों का ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा इटली की ही अदालत के एक और निर्णय की ओर .... और उस निर्णय के बारे में आज के "नईदुनिया" अखबार में छपा है - जिसका शीर्षक है .... 

// इटली की कोर्ट ने कहा - बेघर व भूखे हैं तो खाने की चोरी जुर्म नहीं // ....

वाह क्या बात है !! .. क्या न्यायसंगत निर्णय है !! 

उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में मैं मोदी एंड कंपनी को मुफ्त में अपनी बहुमूल्य समझाईश देता हूँ कि - इटली की अदालत के उस ऑगस्टा डील फैसले से खुश होने के बाद जरा थिरकन कम कर इटली की अदालत के भूखों के चोरी के अधिकार संबंधित शानदार न्यायसंगत निर्णय पर भी व्यापक चिंतन मनन कर ही लें तो बेहतर होगा ....

अन्यथा सजग रहें !! .. भूखा चोरी भी कर सकता है - और गरीब आपकी ऐसी की तैसी भी कर सकता है .... इसलिए यदि आज अट्ठाहस कर रहे हो तो कल रुदन के लिए भी तैयार रहना .... इटली की अदालत  तो यही संदेशा दे रही है .. संपट ना बैठी हो तो ताज़िंदगी अपनी अदालतों में चप्पल घिसते रहना - चिल्लाते रह जाना कि फलां टुच्चे से गरीब ने मार दिया रे - ठोंक दिया रे ............ समझे !!

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Tuesday 3 May 2016

// "अवार्ड वापसी ब्रिगेड" के नए 'सरगना श्री' - मोदी केजरी के खासमखास ?? ..//


"अवार्ड वापसी ब्रिगेड" - जी हाँ मोदी सरकार की उचित निंदा करने हेतु अपने अवार्ड वापसी की पेशकश करने वाले मुनव्वर राणा जैसे अनेक ख्यातिप्राप्त लोगों को खेर जैसे भक्त इसी नामकरण से कोसते हुए कलपते विलापते रहे हैं ....

पर इस "ब्रिगेड" का सरगना कौन ?? .. अभी तक कहना मुश्किल था .... पर हाँ यह तय था कि वो "साहब विरोधी" ही हो सकता था - "साहब समर्थक" कदापि नहीं ....

पर समय का फेर देखिये .... "साहब समर्थक" और साहब का खासमखास ही आज "अवार्ड वापसी ब्रिगेड" का सरगना स्थापित हो गया है ....

जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ दो-दो बार श्री से प्रयुक्त श्री श्री रविशंकर की - जिन्होंने आज दावा ठोंक दिया है कि उन्हें तो सम्मानों में उच्चतम सम्मान 'शांति का नोबेल' मिलने की पेशकश हुई थी - पर उन्होंने उसे ठुकरा दिया .... वैसे तो बाबा रामदेव भी सम्मान ठुकरा चुके हैं - पर वह पुरूस्कार तुच्छ सा "पद्म" पुरूस्कार था - शांति का नोबेल नहीं .... इसलिए 'सरगना श्री' होने का हक़ तो अब श्री श्री को ही जाएगा - बाबा जी को बाबाजी का ठुल्लू ....

वैसे मैं सोच रहा था कि ये श्री श्री में एक और खासियत है और वो यह कि - राजनीति के दो धुर विरोधी इनको तोकते पाए गए हैं .... और वो दो धुर विरोधी हैं मोदी और धुरंधर केजरीवाल .. जिन्होंने श्री श्री के उस जमुना किनारे के आयोजन का समर्थन किया था जो सर्वथा विवादित रहा और मेरे मतानुसार शर्मनाक भी ....

वैसे मोदी का ऐसा शगल तो सामान्य बात है .. पर केजरीवाल भी ऐसी गलती करें थोड़ा अचम्भा होता है और थोड़ी निराशा भी .... पर साथ ही मुझे आशा भी है कि कम से कम केजरीवाल अपनी इस गलती को समझेंगे और श्री श्री का विरोध करते हुए उन पर लगे उस ५ करोड़ के जुर्माने और किसानों तथा जमुना तट को हुए नुकसान की भरपाई के लिए आवाज़ उठाएंगे .... और केजरी से आशा इसलिए कि वो अपनी गलतियों को जल्दी ही महसूस करते आए हैं और फिर ससमय "डैमेज कंट्रोल" भी ....

पर मोदी से आशा इसलिए नहीं कि उन्हें अपने अपार दंभ और सीमित अक्ल के कारण अपनी गलतियों का एहसास तक नहीं होता है .. और इसलिए ही तो वे जेटली ईरानी वीके सिंह गडकरी रामदेव स्वामी शाह जैसे व्यक्तियों को और पाक उकसित पीडीपी तथा ड्रग ग्रसित अकाली दल जैसी पार्टियों को तोकते ही जा रहे हैं .... और धर्मनिरपेक्षता और विकास की लुभावनी बातें कहते हुए साम्प्रदायिकता से ग्रसित जहरीली बातों पर अंकुश तक नहीं लगा पा रहे हैं .... बेचारे मोदी !!

और इस सबके बीच मुझे एक और बात का मलाल है .... और वो ये कि श्री श्री को मलाला युसुफ़ज़ई को मिले नोबेल पुरूस्कार से भी मिर्ची लगी हुई है .. और उन्होंने इसकी आलोचना कर मुझे भी उनकी उन्मुक्त आलोचना करने का अधिकार दे दिया है .... इसलिए ये लेख श्री श्री को ही समर्पित !!

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Monday 2 May 2016

// इसमें धर्म कहाँ ?? .. इसमें धार्मिक क्या ?? ....//


व्यापम वाले शिवराज वाले मध्यप्रदेश की महाकाल की पावन नगरी उज्जैन में - पवित्र क्षिप्रा नदी के तटों के बीच - प्राकृतिक तल पर - एक कृत्रिम स्वीमिंग पूल जैसे जल भंडारण के स्नानयोग्य शुद्ध पानी में - ना ना प्रकार के अनवरत "स्नानों" के बीच - आस्था और श्रद्धा का सिंहस्थ चल रहा है .... स्नान चल रहा है ....

इस बीच इन्हीं तटों से लगी प्राकृतिक सूखी भूमि पर कई 'अखाड़े' भी लगे हैं और कई प्रकार के 'जमावड़े' भी - और कई लोग यहां जमे हैं और कई आ जा रहे हैं - मेले जैसा ही माहौल है - धर्म के तड़के के साथ ....

और इन्हीं क्षेत्रों से समाचार आते रहते हैं कि .. फलां एक टांग पर खड़ा है - फलां गर्म रेत में स्नान कर रहा है - फलां भूमिगत हो जाता है - फलां सालों से भूखा है - फलां कंघी नहीं करता है - फलां राख का श्रृंगार करता है - फलां नंगा रहता है - फलां फलां फलां कार में चलता है - फलां की जटाएं इतनी लम्बी - फलां की मूछें इतनी लम्बी - फलां की कार इतनी लम्बी - फलां की पहुँच इतनी लम्बी .. और फलां का आश्रम इतने एकड़ में - फलां के अनुयायी करोड़ों में - फलां के विदेशी पट्ठे भी आये - फलां के देशी पट्ठे गर्राए - फलां हठ कर रहा - फल रूठ गया - फलां कुपित हो गया - और फलां गिरफ्तार .. फलां चोर निकला - फलां साधो नहीं निकला - फलां टुच्चा निकला - और फलां के यहाँ चोरी का माल निकला .. और फलां नहा के पवित्र हो निकला ..... आदि !! आदि !! ....

और मुझे ये सब समझ आ रहा है .. पर मुझे ये नहीं समझ आ रहा है कि इस सबके बीच "धर्म" कहाँ हैं ?? .. इसमें "धार्मिक" क्या है ?? .. और इसमें कौन सी "धार्मिक शिक्षा" समझ पड़ रही है या छुपी है ?? .... और इन सब पर करोड़ों अरबों रुपये किसके खर्च हो रहे हैं ?? .. और खर्चा मेरे पैसों से चलने वाली अधार्मिक सरकार क्यूँ कर रही है ?? .. क्या इसमें भी कोई "विकास" हो रहा है ?? .. किसी आमजन गरीब का भला हो रहा है ?? ..

कोई बताएगा ?? .. कोई सोचेगा ?? ....

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