Saturday 31 December 2016

/.. उफ्फ्फ !! .. बचे मितरों बचे .. मोदी ने राष्ट्र के नाम अभी-अभी समाप्त किए अपने लम्बे संदेश में ऐसा कुछ नहीं कहा जिसे चिंतनीय कहा जा सके - और वो ऐसा कुछ कहते भी नहीं जिस पर चिंतन किया जा सके .. .. इसलिए मैं सोचता हूँ कि इसी ख़ुशी के साथ अफलातून २०१६ को विदाई दे दी जाए और २०१७ का बिंदास स्वागत किया जाए .. इस उम्मीद के साथ कि २०१७ 'कैशमय' ही रहे .. .. आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. कल मुलायम द्वारा पार्टी से निकाले गए अखिलेश आज वापस ले लिए गए .. .. अब अखिलेश कब फिर से निकाले जाएंगे पक्का पक्का कह नहीं सकता .. पर एक बात पक्की है कि आज शाम को यह तय हो जाएगा कि मोदी और मुलायम में पलटी मारने में कौन अव्वल ?? .. .. और मुझे लगता है कि यदि दोपहर तक शिवपाल इस्तीफ़ा दे दें - जो नामंज़ूर हो शाम तक वापस ले लिया जाए - तो फिर मुलायम मोदी से बाज़ी मार सकते हैं .. .. या फिर मोदी आज शाम घोषणा कर दें कि १ जनवरी से पुराना १००० का नोट पुनः वैध होगा - या फिर ऐसी ही कोई विचित्र घोषणा कर दें - तो बाज़ी मोदी जी के नाम ही रहेगी .. .. पर यदि रात तक अरविन्द केजरीवाल ये घोषणा कर दें कि वो भी उत्तरप्रदेश चुनाव में शिरकत करेंगे - तो फिर तो मुझे लगता है बाज़ी मुलायम और मोदी के हाथ से निकल जाएगी .. .. समझे ना !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. कल मुलायम बोले थे - अगला मुख्यमंत्री वो तय करेंगे .. मुलायम को सूचित हो कि मुख्यमंत्री का पद रिक्त ही नहीं हुआ है .. .. और कल ही भाजपा ने दावा किया था कि अगला मुख्यमंत्री भाजपा का होगा .. भाजपा को सूचित हो कि अखिलेश सपा से निकाले जाने के बाद भाजपा ज्वाइन नहीं करेंगे .. .. और कल ही मायावती ने भी दावा किया था कि बसपा ही जीतेगी .. बहनजी को सूचित हो कि लड़ाई बाप बेटे की है - इस बार बहन का स्कोप ना के बराबर है .. .. और कल पूरा दिन निकल गया कांग्रेस ने दावा तक नहीं किया कि अगली मुख्यमंत्री शीला दिक्षित होंगी .. कांग्रेस को सूचित हो कि उनकी सोच बिल्कुल सही है .. .. क्योंकि शायद कांग्रेस इस बार मुख्यमंत्री बनवाएगी .. ../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. उत्तरप्रदेश के घटनाक्रम की स्थितियां और परिस्थितियां अपेक्षानुसार ही अब परिलिक्षित हो रही हैं .. और लोग कह रहे हैं - "बेटा बाप पर भारी पड़ गया" .. .. ठीक भी है - मुलायम की मीटिंग में ११ विधायक पहुंचे हैं - और अखिलेश की मीटिंग में करीब २०० विधायक पहुँच गए हैं .. इसलिए मेरा मत है कि "बेटा बाप पर भारी पड़ गया" के बजाय ये कहना उपयुक्त रहेगा कि - "अकेले बेटे ने बाप चाचा और अंकल को दे पटक मारा रे !!!!" ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Friday 30 December 2016

/.. मुलायम ने अखिलेश को पार्टी से निकाल दिया है - और मेरे आंकलन अनुसार ..... अब पूर्व से संभावित राहुल और अखिलेश मिलकर चुनाव लड़ेंगे - और संभवतः समस्त गुणा-भाग के बाद अखिलेश ही अगले मुख्यमंत्री बनेंगे .. .. एक बात और .. अंततः जिस अंतिम मुद्दे पर पार्टी टूटी वो रहा दागियों और बाहुबलियों को टिकट देने या ना देने का - और अखिलेश ने यहां बाज़ी मार ली .. .. और शायद एक तो इस कारण से - और एक सहानुभूति की लहर के कारण - और फिर अखिलेश द्वारा मुख्यमंत्री रहते हुए कुछ अच्छे कार्यों का सफलतापूर्वक प्रचार होने के कारण - और अखिलेश द्वारा अपनी व्यक्तिगत छवि बना लेने के कारण - अखिलेश के ही जीतने की संभावना बढ़ गई है - और बद एवं बदनाम मुलायम-शिवपाल का पतन अब तय लगता है ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


// मोदी जी घोषणा कर ही दो कि अच्छे दिन आ गए .. शरमा इतरा क्यों रहे हो जी ?? ....//


नोटबंदी के ५० दिन पूरे .. और फायदे ही फायदे .. टैक्स ज्यादा आ गया .. कालाधन बाहर आ गया .. रवी की बुवाई भी अधिक ही हो गई .. पर्यटन भी बढ़ा .. आतंकवाद नक्सलवाद माओवाद की कमर टूटी .. पाकिस्तान का भी मुहँ टूटा .. म्यूच्यूअल फण्ड और लाइफ इंश्योरैंस में बढ़ोतरी हो गई .. अब लोगों को कोई परेशानी नहीं बची .. अर्थव्यवस्था पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ा नहीं .. रोज़गार कम होने वाला नहीं .. किसान का भला होगा - व्यापार करना भी आसान होगा .. रिज़र्व बैंक के पास पर्याप्त करेंसी उपलब्ध .. किसी ईमानदार को कोई फ़िक्र नहीं .. कोई बेईमान बेफिक्र नहीं ..  .. और तो और महँगाई भी काबू में आ गई .. विशेषकर सब्जियां सस्ती .. भाजपा चुनाव भी जीत गई .. यानि जनता भी खुश - सरकार भी खुश - बैंक भी खुश - बैंक के चोर ग्राहक भी खुश - कैशलेस और ई-पेमेंट में भी बढ़ोतरी .. और मोदी भी खुश .. .. अब क्या ढाई साल में एक चायवाले से इससे ज्यादा तनिक भी उपलब्धि संभव हो सकती थी ?? ....

तो मोदी जी अब तो घोषणा कर ही दो कि अच्छे दिन आ गए .. ऐसे छुई मुई नई नवेली ब्याहता जैसे शरमा इतरा क्यों रहे हो जी ?? .. .. बल्कि मैं तो सलाह दूंगा कि घोषणा कर दो कि अब तो अच्छों अच्छों के दिन आ गए .. .. और आ के लद भी गए .. ..

और एक मुफ्त वाली सलाह भी .. ख़ुशी के ऐसे आलम में पिछले ६०-७० साल का विलाप करना छोड़ दो - नहीं तो ऐसा लगता है कि सर्दियों की रात में कुत्ता फ़ोकट अलाप रहा है - मानों उसे ठण्ड लग रही हो !?!? .. ..

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Thursday 29 December 2016

// तो करवा लो जाँच - जो तुम में हो औकात .. समझे ?? ....//


मैं क्यों ना मानूं कि सहारा लेन-देन दस्तावेजों में क्योंकि मोदी के साथ शीला दीक्षित के अलावा और भी कई मुख्यमंत्रियों के नाम थे इसलिए ना कोई जाँच हुई - ना होगी .. और ना किसी की औकात जो कुछ कर ले .. और ना किसी जवाबदार को कुछ करने की आवश्यकता .. और ना किसी में हिम्मत .. और ना किसी में नैतिकता !! .. .. 

और क्योंकि ना जाँच हुई ना जाँच होगी - तो मैं क्यूँ ना मानूं कि मोदी समेत सभी ने सहारा से भारी रकम किसी रिश्वत के रूप में सादर ग्रहण करी ही होगी .. .. और मैं ये क्यूँ ना मानूं कि राहुल गाँधी ने केजरीवाल या प्रशांत भूषण द्वारा पहले ही सार्वजनिक किये जा चुके इस मुद्दे को केवल चेताने के लिए ही बखूबी उछाला कि -"हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे" !! .. ..

और मित्रो जब एक बार फिर कीर्ति आज़ाद ने अरुण जेटली पर सैंकड़ो करोड़ों की अर्जित दौलत पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं तो मैं क्यूँ ना मानूं कि जब तक कभी ना संभव होने वाली जाँच नहीं होती तब तक जेटली अपराधी .. ..

और क्योंकि बसपा जैसी क्षेत्रीय पार्टी १०० करोड़ से ज्यादा की रकम अपने बैंक खातों में डलवा देती है तो फिर क्या भाजपा जैसी पार्टी के पास कुछ भी धन ना रहा होगा ?? .. और रहा होगा तो क्या बसपा से कम या ज्यादा ?? .. और यदि बसपा से ज्यादा तो फिर भाजपा भी बसपा से ज्यादा दोषी या कम ?? .. या सभी पार्टियों निर्दोष और जनता मूर्ख ?? .. ..

और क्योंकि अब तक जेटली या मोदी के पद पर बने रहते यह तक मालुम ना पड़ने दिया गया है कि 13,860 करोड़ की अघोषित संपत्ति का खुलासा करने वाले महेश शाह के पास किसकी अघोषित संपत्ति थी तब तक मैं क्यों ना मानूं कि संपत्ति भक्तों या भाजपाइयों की ही थी ?? .. ..

और क्यों ना मानूं कि यदि मुंडे परिवार को भी किसी जाँच से बख्श दिया गया है तो फिर गड़बड़ तो होगी ही ?? .. ..

और क्योंकि अब तो स्वघोषित ५० दिन भी पूरे हो गए पर नोटबंदी से राहत तो दूर नोटबंदी के दुष्परिणाम और ज्यादा साल रहे हैं .. तो क्यों ना मानूं कि मोदी जी ने जनता के साथ किसी अन्य अनपयुक्त कारण के खिलवाड़ कर मारा ?? .. .. और क्यों ना मानूं कि इन्हीं कारणों से अभी तक एक भी अपराधी ना तो जेल गया और ना जाएगा - और जाएगा भी तो निकल आएगा - या निकलवा लिया जाएगा ?? .. ..  

क्या कहा ?? .. बिना सबूत कुछ भी मानना गलत ???? ..
तो फिर क्या बिना सबूत ये मान लिया जाए कि मोदी गंगा जैसे पवित्र ???? ..

यानि सबूतों की दरकार तो हर हालत में है .. पर बिना जाँच सबूत मिलने वाले नहीं - और जाँच होनी नहीं .. तो फिर किया क्या जाए ??

मित्रो मेरा दिल-दिमाग ये मानने को तैयार नहीं कि मोदी गंगा जैसे पवित्र - और भाजपा व भाजपाई निष्कलंक .. इसलिए मैं तो यही मानता हूँ कि मोदी पहले भी खाते रहे - अब भी खा रहे हैं - और खाने दे रहे हैं .... और जिसको मेरी बात से आपत्ति हो उससे मेरी प्यार भरी प्रार्थना .. .. तो करवा लो जाँच - जो तुम में हो औकात .. समझे ??

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Monday 26 December 2016


/.. प्रधानमंत्री छद्म वीर मोदी को जब विपक्ष के उनसे भी ज्यादा छद्म वीरों ने संसद में बोलने नहीं दिया - और जबकि मोदी नोटबंदी के विषय में बहस के लिए आतुर थे - तो मोदी ने भी वीरता का परिचय दे पूरे देश में रैलियों में दर-दर भटकते हुए जनता से सीधा एकतरफा संवाद कर मारा .. और विपक्ष के वीरों को बता दिया ठेंगा ?!?! .... पर फिर नोटबंदी फेल हुई - तो बारी आई कैशलेस की - और फिर जनता के दिमाग की बत्ती जल गई - और जनता पूछ बैठी - जब सबके लिए कैशलेस तो सभी पार्टियों के चंदे कैशलेस क्यों नहीं ?? .. और बस देखते-देखते सभी छद्म वीरों की फूँक निकल गई .. और जो बेचारे मोदी तथाकथित रूप से पार्टियों के फण्ड वाले मुद्दे पर संसद में बहस चाहते थे - इस बार टेका लगा गए .. यदि विपक्ष बहस से भाग गई तो कर भी क्या सकते हैं ?? .. .. और इसलिए मेरी प्रतिक्रिया .. क्यों वीर मोदी जी !! जनता तो तुम्हें धैर्य और भरोसे से सुनती है - तो फिर इस बार भी अपनी बात सीधे जनता से क्यों नहीं ?? .. कर दो ना एकतरफा घोषणा कि भाजपा आज से १००% कैशलेस .. .. या फिर मान लो कि वो तुम ही थे जो घोंचू जैसे संसद की बहस से भागते फिर रहे थे ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Sunday 25 December 2016

/.. दो दिन में "दंगल" ने कमाए लगभग ६० करोड़ रूपए .. .. वाह क्या बात है !! .. .. पर अब तक बैंक की लाइन में लोग खपते मरते रहे - बिन कैश तमाम परेशानियाँ झेलते रहे - कई लोगों के पास काम नहीं रहा - उनका धंधा चौपट हो चला - उनके पास कर्मचारियों और श्रमिकों को देने के लिए कैश नहीं था .. सब दुखी लाचार थे .. है ना !! .. .. तो फिर अब फ़िल्म देखने के लिए कैश कहाँ से आया - या फिर जिनके पास नहीं आया वे इ-पेमेंट करना भी सीख गए ?? .. .. तय हुआ कि इस देश का अमीर और मध्यमवर्गीय इतना सक्षम है कि फिल्म की टिकट की जुगाड़ कर ही लेता है - फिर उसके भूखे मरने का तो प्रश्न ही नहीं उठता .. .. पर यदि कोई मर रहा है तो वो है इस देश का गरीब मजदूर किसान जो दंगल देखने की हैसियत नहीं रखता - क्योंकि वो राजनीतिक भ्रष्टाचार के 'दलदल' में आकंठ डुबोया जा चुका है .. .. तो किया क्या जाए ?? .. .. मेरा उत्तर तो है - लगता है अब "दंगल" जरूरी हो चला है !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. बस ५० दिन पूरे होने वाले हैं .. और लगता है मोदी जी ने अभी से विफलताओं का ठीकरा फोड़ने की जुगाड़ करना शुरू कर दी है .. इसलिए ही तो चालाक मन की बात कह रहे हैं कि विपक्ष साज़िश कर रहा है .. .. खैर मोदी जी से तो कोई तर्क वाली बात हो नहीं सकती - इसलिए भक्तों से पूछ लेता हूँ .. क्या विपक्ष इतना सक्षम है कि मोदी की धाँसू नोटबंदी योजना को साज़िश कर विफल कर दे ?? .. और वो भी जबकि पूरे देश की जनता विपक्ष की सभी साज़िश समझती है और मोदी के साथ खड़ी है ?? .. और यदि विपक्ष योजना को विफल कर देने में सफल हो गया है तो इसका अपश्रेय किसे देंगे .. केजरीवाल को - राहुल को - या ओवैसी को ?? .. या फिर बुढऊ ब्रह्म प्रकाश दुआ को तो नहीं ना ?? .. .. या फिर मान लो कि मोदी की योजना सफल और मोदी बकवास कर रहे हैं .. या फिर मान लो तुम भक्तों को अभी कुछ सुविधाजनक समझ नहीं पड़ी है - शायद हमेशा की तरह ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ



// हैप्पी क्रिसमस !! .. क्या ईश्वरीय चमत्कार से सांता आज गिफ्ट बाँट पाएंगे ?? ..//


आज सुबह-सुबह एटीएम गया था .. लाइन में सांता क्लॉज़ भी खड़े मिल गए .. मैंने पूछ लिया ..
हैल्लो हैप्पी क्रिसमस - आप भी ?? .. ..
हैप्पी क्रिसमस .. आप कैसे ?? .. ..
बस जी पैसे निकालने आया था .. पर सांता जी आप क्यों ?? .. ..
मैं भी पैसे निकालने खड़ा हूँ लाइन में .. रात में सबको गिफ्ट जो बांटने हैं .. ..
पर मैं तो सोचता था कि आपको पैसे और गिफ्ट किसी ईश्वरीय चमत्कार से प्राप्त होते होंगे ?? .. ..
हाँ तो आप सही सोचते थे - यहाँ भी कौन पैसे ईश्वरीय चमत्कार के बिना मिलेंगे !!!! .. ..
ओह - आई - सी !!!! .. ..

और तभी एटीएम में कैश ख़त्म हो गया .. और ईश्वरीय चमत्कार से लोग संस्कारित संस्कृत में चीत्कार करते चीते की तरह निकल लिए .. ..

और मैं खाली एटीएम को ईश्वर के कार्यालय के रूप में नमन कर यह सोचता-सोचता खाली हाथ घर वापस लौट आया हूँ कि - क्या आज मोदी कृपा से ईश्वर को और ईश्वरीय चमत्कार से सांता को पैसे मिल जाएंगे ?? .. और क्या सांता आज गिफ्ट बाँट पाएंगे ?? .. .. हैप्पी क्रिसमस !! ..../

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Saturday 24 December 2016

/.. तमाम विरोध के बावजूद - बिना औचित्य बिना मांग बिना ज़रुरत के - मोदी जी द्वारा समुद्र में ३६०० करोड़ की लागत से कभी नहीं बननेवाले शिवाजी स्मारक का जल पर भूमिपूजन कर मारा .. मैं मोदी जी के इस कृत्य की भर्त्सना करता हूँ .. .. अब यह मत पूछना क्यों ?? .. क्योंकि ना तो मोदी ने मुझ से पूछ कर नोटबंदी करी थी - और ना ही मुझसे पटेल स्टेचू की अनुमति ली - ना ही बुलेट ट्रेन की और ना ही शिवाजी स्मारक की .. .. और ना ही गरीब जनता के लिए अब तक एक कौड़ी का काम किया .. और ना ही विकास का कोई कार्य .. .. और सनक ऐसी सवार हो जाती है कि यदि कोई ठस बुद्धि में ठसा दे कि यदि बुलेट ट्रेन की बजाय शिवाजी और पटेल के बीच हवा में एक अटल मोदी रोपवे ट्राली चलाई जाए तो दुनियाभर के बेवकूफ इसे देखने आएँगे - तो फिर क्या .. बेवकूफों के लिए समर्पित साहेब तो लटक अटक ही जाएंगे ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. अब कुछ जवाबदार गैरजिम्मेदाराना बोल रहे हैं कि नोटबंदी से गरीबों को नहीं अमीरों को परेशानी हो रही है .. अव्वल तो बेशर्मों को डंके की चोट पर बता दूं कि गरीबों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई .. और फिर पूछना चाहूँगा कि अमीरों को यदि परेशानी हुई तो इसमें बिंदास हो धूल में लोटने जैसी बात क्या है जिसका श्रेय ले रहे हो .. क्या अमीर इंसान नहीं - भारतीय नहीं - ईमानदार नहीं ?? .. इसलिए गैरजिम्मेदार जवाबदारों को बताना चाहूँगा कि आपकी योजनाएं और क्रियान्वयन ऐसा होना 'चाइये' था कि ईमानदार परेशान ना होते और बेईमान बच ना सकते .. 'चाइये' था कि नहीं 'चाइये' था ?? .. पर आप इसका उलट कर अब जनता को कभी अमीर- गरीब के जुमलों में तो कभी कैशलेस के जुमलों में उलझाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हो .. .. चेता दूं - गरीबों की बद्दुआ से अमीरों के हाथों बहुत कुटोगे यार ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. मित्रो अफ़सोस - नोटबंदी के चलते क्रिसमस पर 'सांता क्लॉज़' नहीं आएगा - शायद वो भी किसी लाइन में जो लगा होगा .. पर इस बार क्रिसमस पर एक 'संत' टाइप अंटसंट जरूर आएगा और नोटबंदी का नया 'क्लॉज़' सुनाएगा .. फिर ऐंवई बहीखाते में आपके नाम एक लॉलीपॉप ई-ट्रांसफर कर जाएगा .. ३० दिसंबर तक देखते देखते चूसते रहना .. फिर ३१ दिसंबर को वही अंटसंट आपको नववर्ष की शुभकामनाएं देगा और ५० दिन लाइन में खड़े रहने के लिए धन्यवाद देगा .. आगे आपकी मर्ज़ी आपको जो करना हो कर लेना .. .. आपको एडवांस में हैप्पी क्रिसमस की शुभकामनाएं - और - अंटसंट को 'हैप्पी कैशलेस' की कामनाएं ताकि पवित्र मैली गंगा की कृपा से वो 'फ़कीर' हो ख़ुशी-ख़ुशी निकल पड़े - किसी गंगोत्री की ओर - चाय के ठेले की ओर - आमीन !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Friday 23 December 2016

/.. नोटबंदी घोषित हुई .. तकलीफें शुरू हुईं .. लाइनें लगीं .. बताया गया जम्मू काश्मीर में पत्थरबाज़ी बंद हुई .. सब खुश हुए .. लाइनें जारी रहीं .. .. पर पत्थरबाज़ी फिर शुरू हो गई .. जी हाँ वाक़या श्रीनगर के बाजीपोरा के हाजन गाँव का है जहां कल लोगों ने सुरक्षाबलों पर पथराव कर उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया और गाँव में छुपे गोलीबारी करते आतंकियों को भगवा दिया .. .. खैर इधर अब हम कर भी क्या सकते थे .. हम तो लाइन में खड़े होने की मजबूरी जो काट रहे हैं .. .. लेकिन वैसे ही दिमाग में आया कि पत्थर फेंकने में भी क्या ५००-१००० के नोट लगते होंगे ?? .. तो क्या अब २००० के गुलाबी नोट में २०० पत्थर ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ



Thursday 22 December 2016

/.. अब एक नया शिगूफा सुनो .. .. नजीब जंग इस्तीफ़ा दे देंगे पहले ही भविष्यवाणी हो गई थी .. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी तथा देश की ग्रहदशा तथा कुंडलियों की जांच के बाद अधिकतर ज्योतिषियों ने यह भविष्यवाणी कर दी बताई जा रही है कि नोटबंदी के कारण भाजपा को बड़ा राजनीतिक झटका लगने वाला है .. खासकर आने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी को इस नोटबंदी के कारण हार का सामना करना पड़ेगा .. .. मुझे समझ नहीं आता कि ये भविष्यवाणी का गोरखधंधा कब बंद होगा .. क्योंकि बिना भविष्यवाणी पर भरोसा किये ही मेरा दिमाग और दिल ये कहता है कि भविष्यवाणी सही है .. पर इसका ये मतलब तो नहीं कि मैं मेरे दिल दिमाग पर भरोसा ना करते हुए ज्योतिषियों पर भरोसा करने लगूँ .. .. अब यदि कल को कोई ज्योतिष ये भविष्यवाणी कर दे कि स्मृति राष्ट्रपति जंग उपराष्ट्रपति स्वामी वित्तमंत्री अनुपम विदेश मंत्री बनेंगे तो क्या मैं विश्वास कर लूँ ?? .. या फिर कोई ज्योतिष ये भविष्यवाणी कर दे कि अगला प्रधानमंत्री केजरीवाल तो भी क्या मैं विश्वास नहीं करूँ ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. मोदी ने वाराणसी से भाषण दिया .. बहराइच से राहुल ने भी अभी-अभी एक भाषण दिया .. मोदी में भ्रामक भाषण देने की कला है - राहुल में नहीं है .. राहुल मोदी से प्रश्न पूछ रहे हैं .. मोदी जवाब दे नहीं पा रहे हैं .. .. एक प्रश्न है - मोदी जी आपने सहारा बिड़ला से पैसे लिए कि नहीं ?? .. .. और इसके अलावा भी ढेर सारे पूरक एवं अन्य प्रश्न हैं - और ढेर सारे आरोप हैं .. पर मोदी जी सन्न हैं .. वो जवाब नहीं दे रहे हैं .... मेरी प्रतिक्रिया .... कला पर कटु प्रश्न भारी पड़ गया .. और शाने कलाकार पर एक पप्पू भारी पड़ गया .... भक्तों के मुँह पर ताला पड़ गया .. और देश पर एक बेईमान चौकीदार भारी पड़ गया ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. भक्त और उनके साहेब और उनके नेता और उनके छुटभैये - यानि पूरी गैंग अपने विरोधियों और विपक्ष का उपहास गालियों के अलावा अनुपयुक्त शब्दों वक्तव्यों और भावभंगिमा से करते ही आए हैं .. और आज भी हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने वाराणसी से उसी घटिया परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए खुद से लाख दर्जे अक्लमंद माननीय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और खुद से लाख दर्जे अधिक सौम्य राहुल का जिस तरह उपहास किया है - मोदी जी ने जनता और विरोधियों को भी स्वयं का उपहास करने का लाइसेंस दे दिया है .. .. इसलिए ही मेरे भक्त मित्र सूचित हों कि - इसलिए ही देश के अनन्य लोगों के साथ मैं भी प्रधानमंत्री मोदी जी की शान में बिंदास लिखने को प्रेरित और उन्मुक्त होता रहा हूँ .. इसलिए ही कृपया मेरी भाषा और भंगिमा से फ़ोकट विचलित ना हुआ करें .. और यदि हुआ भी करें तो कम से कम केजरीवाल की बातों पर चैं !! चैं !! चैं !! इतना भी चहक कर ना किया करें .. थोड़ी अक्लमंदी और सौम्यता का परिचय आप भी दिया करें .. .. और हाँ लगे हाथ एक प्रश्न .. यार ये तो बताओ कि सहारा बिड़ला से पैसे लिए थे कि नहीं ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. मेरा शक यकीन में बदल रहा है कि मोदी ने सहारा बिड़ला से पैसे लिए ही होंगे .. अन्यथा केजरीवाल द्वारा बहुत पहले से और राहुल द्वारा बाद में लगाए वही सभी आरोपों पर सीधे-सीधे कुछ भी ना बोलते हुए या कुछ भी ना बोल पाते हुए आज मोदी वाराणसी से राहुल का मज़ाक नहीं बनाते - और यदि दम गुर्दे होते तो केजरीवाल का भी मज़ाक बनाते ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Wednesday 21 December 2016

/.. जो मक्कार कह रहा है कि - मोदी गंगा की तरह पवित्र हैं - उसे सूचित करता हूँ कि - हे अज्ञानी अहंकारी बेवकूफ बड़बोले - गंगा बहुल मैली हो चली है रे !! .. क्यूँ मोदी की रेड़ मार उन्हें गटर में धक्का दे रहे हो ?? .. और क्यों गंगा माँ को और अपमानित कर रहे हो ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. आजकल छापे तो खूब पड़ रहे हैं - और ना ना प्रकार की धन दौलत भी बरामद हो रही बताई जा रही है .. पर आगे क्या होता है - यानि ये धराए गए लोग सजा पाते हैं कि छोड़ दिए जाते हैं या छूट जाते हैं ये तो बाद की बात .. पर मैं यह नहीं समझ पा रहा हूँ कि इन छापों का नोटबंदी से क्या संबंध ?? .. क्या बिना नोटबंदी ही ये छापे नहीं मारे जा सकते थे ?? .. मसलन क्या तमिलनाडु के प्रमुख सचिव के यहां छापे की कार्यवाही क्या पहले नहीं की जा सकती थी ?? .. क्या सभी का वेतन खातों में जमा करने की बात पहले नहीं की जा सकती थी ?? .. इस प्रकार के धाँसू काम नोटबंदी की शर्मनाक विफलता के बाद ही क्यों ?? .. एक बात और .. यदि एक सचिव के यहाँ से १०८ करोड़ कैश और १८० किलो सोना निकल सकता है तो क्यूँ नहीं सबसे पहले देश के सभी सचिवों के यहां छापेमारी की जाए .. फिर ये गरीबों की फ़ोकट वाट क्यों लगा रहे हो मोदी जी ?? .. आप में अक्ल नहीं तो मैं गारंटी देता हूँ कि यदि अरबों का कालाधन नहीं निकले तो बता देना किस चौराहे पर आना है .. .. समझे शाने नासमझ !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. मोदी सरकार पर हँसने को मजबूर करने वाला ताज़ा समाचार - ५००० रुपये मूल्य से ज्यादा के पुराने नोट बैंक में वापस जमा करने वाला सर्कुलर भी वापस .. .. और मैं सोच रहा हूँ कि जो एक मात्र तर्कसंगत बात टकले ने कही थी उस बात का अब क्या होगा ?? .. यानि जिसके पास पुराने नोट हैं वो एक बार ही बैंक में क्यों ना जमा कराए ?? .. बार-बार टुकड़ों में कराने का क्या औचित्य ?? .. .. मुझे लगता है कि किसी मित्र को असुविधा जरूर हो रही होगी और इसलिए कोई काला कीड़ा किसी के कहीं न कहीं जरूर रुक रुक कर काट रहा होगा .. यानि करोड़ों की आवक जावक जरूर चालू होगी .. अन्यथा तो ५६ इंची अपने निर्णयों पर अड़ियल ही रहते हैं .. नहीं क्या ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. कल हमारे क्रांतिवीर केजरीवाल ने जिसे भक्त प्यार से केजरी कहने लगे हैं - भोपाल में आरोपों की झाड़ियां झाड़ दीं और यहाँ तक कि मोदी के साथ-साथ शिवराज को भी लपेटते हुए उनपर भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने संबंधित आरोप दाग दिए .. और ऐसे आरोप वो पहले भी लगा चुके हैं .. पर मैं देख रहा हूँ कि सिवाय उनको गालियां देने के भक्तों ने या फिर मोदी ने या फिर शिवराज ने ही उपयुक्त पलटवार या प्रतिकार नहीं किया है .. .. अच्छा एक मज़े की बात और .. केजरीवाल ने कल फिर जांघ ठोंक कह दिया कि सभी पार्टियां आरटीआई के तहत आनी चाहिए - कोई चंदा कैश में ना हो - सभी पार्टियों की चंदे और चिन्दियों की जांच के लिए आयोग बने और सबकी हवा टाइट हो - आदि .. पर पलटवार या प्रतिकार एक तरफ - मैं तो देख रहा हूँ कि ये सारे झकोरे केजरीवाल की बातों का समर्थन तक भी नहीं कर पा रहे हैं .. बेचारे !! .. .. इसलिए कहना गलत ना होगा कि .. .. "मोदी अब कुछ कहने लायक नहीं - केजरी जो सही कहे वही सही" ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Monday 19 December 2016

/.. हमारे राष्ट्रीय चौकीदार को सूचित हो और टीप हो .. .. मैं एक इंदौरी हूँ . और मेरे इंदौर में आज एक चौकीदार के पद पर कार्यरत व्यक्ति के पास से ११ लाख से ज्यादा के 'नए नोट' बरामद हुए हैं .. इसलिए बताना चाहूँगा कि शर्म करो .. ये तुम कैसी चौकीदारी कर रहे हो जो नए नोट थोकबंद पूरे देश में यहाँ वहां सब दूर बड़ी आसानी से पहुँच रहे हैं .. तुम यकीनन असफल साबित हुए .. और मेरा इंदौरी चौकीदार सफल साबित हुआ - जो तुमसे मिलकर या तुमको बेवकूफ बनाकर हेराफेरी करने में सफल हो गया - और तुम पर भारी पड़ गया .. .. वैसे इंदौरियों की तो बात ही कुछ अलग है .. इसलिए सलाह देता हूँ कि मेरी गूढ़ बातों पर ध्यान दिया करो .. और ये चौकीदार के पद से इस्तीफ़ा दे दो - ये राष्ट्रीय चौकीदारी का काम तुम्हारे बस का नहीं .. और वैसे भी जुमले देने के अलावा तुम्हें कुछ और आता नहीं .. इसलिए उठाओ झोला और निकल लो .. वो भी पतली गली से जहां रास्ते में कोई चौराहा ना पड़ता हो .. नहीं तो .. .. .. समझे !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. पुराने नोट जमा करने पर कई उप-शर्तों और उपाउप-शर्तों के साथ नई शर्त - ५००० रुपये से ज्यादा रकम केवल एक बार ही जमा हो सकेगी बार बार नहीं - और Non-KYC खातों में ५०००० से अधिक नहीं .. .. मैं कहता नहीं था - ये कहते कुछ और हैं करते कुछ और हैं .. कहा था - "ना खाऊंगा ना खाने दूंगा" .. पर कर क्या रहे हैं - "ना निकालने दूंगा ना जमा करने दूंगा" .. .. वैसे एक बार फिर बता दूं .. नई शर्त तो शर्तिया उचित लगती है - पर शर्तें थोपने वाला यकीनन अनुचित ही है .. .. और नई शर्त इंगित करती है कि बैंकों में अनुमान से अधिक राशि जमा होने के कारण साहेब की खराब हवा और टाइट हो गई है - क्योंकि खोदने गए थे पहाड़ - पूरा पहाड़ खोद भी दिया - पर अब तक कारण नहीं तय कर पाए हैं कि पहाड़ क्यों खोदना था और क्यों खोद दिया ?? .. और फिर अंततः निकला क्या ?? .. और वो चुहिया कहाँ फरार हो गई ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. साल भर हो चला था .. टूटे मुंह उतरे हुए थे - लटके हुए थे .. पर आज कराहते हुए हौले-हौले उठे हैं - और एक आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल होने जा रहा है .. जी हाँ !! यकीन मानें - पठानकोट हमले के संबंध में पुख्ता आरोपपत्र .. जिसमें सबूत के बतौर हमारे 'वीर' सलविंदर तक की गवाही दर्ज करी गई बताई जा रही है .. .. .. अल्लाह खैर करे और ईश्वर कृपा .. परलोक पहुंचाए चारों आतंकियों को सजा जरूर मिले .. बाकी पीछे नीचे बचे उनके सहयोगियों को तो अब बख्शा नहीं जाएगा .. क्योंकि न्यायालय में आरोप पत्र जो दाखिल हो गए हैं - और साहेब के राज में जब कोई सफ़ेदधन वाला तक नहीं बचा तो फिर आतंकियों की क्या औकात ?? .. .. पर एक उलझन अभी भी बनी हुई है .. मरे आतंकियों की संख्या तो शायद यकीनन पूरे चार के लगभग ही थी .. पर यक्ष प्रश्न तो अब भी शोले भड़का रहा है .. अरे ओ साहेब !! "कितने आतंकी थे ????" ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. एक अजीब गरीब था .. यानि पक्का 'अजीबोगरीब' .. रहता राजसी ठाठ-बाठ के साथ था .. फिर एक दिन उसका ईमान गड़बड़ाया .. उसने गरीबों का रोकड़ धर दबाया .. सबको कैशलेस बनाया .. सबको भाइयों बहनों मितरों बुलाया .. खुद को फ़क़ीर बताया .. .. फिर गरीबों को कुछ समझ आया .. सबने उसे चौराहे पर निपटाने का मन बनाया .. .. कल एक चौराहे पर झोला टाँगे सफ़ेद दाढ़ी में एक फ़कीर दिखा .. मैं उत्साहित हुआ .. उसे दूर से बुलाया .. वो पास आया तो मैनें पूछा तेरा नाम क्या .. वो बोला "फ़कीरा" .. मैंने कहा धत्त तेरे की !! .. .. मैं हतोत्साहित हुआ .. पर यकीन मानें यदि वो वाला फेंकू झोला टाँगे किसी भी चौराहे पर मिल गया ना तो .. .. .. पर आपसे निवेदन .. मैनें गलती की आप मत कीजियेगा .. हर फ़क़ीर को शक़ की निगाह से मत देखियेगा .. और हर फेंकू को फ़कीर मान इज़्ज़त मत बख्श दीजियेगा .. समझ गए ना !! ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Sunday 18 December 2016

// एक निम्न कोटि के भक्त की पोस्ट पर मेरी विचारोपरांत प्रतिक्रिया ....//


पोस्ट पुरानी है पर आज फिर एक निम्न गुणवत्ता वाले भक्त ने भेजी है ....
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क्या कारण था मोहम्मद गोरी से अकेले पृथ्वीराज चौहान ने ही युद्ध किया.. बाकी पड़ोसी हिन्दू राजा क्या कर रहे थे..?
क्या कारण था अकबर से केवल मेवाड़ के महाराणा प्रताप लोहा ले रहे थे.. बाकी पूरे भारत के राजा कहाँ थे.?
क्या कारण था महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज अकेले अफजल खां और ओरगंजेब से युद्ध लड़ रहे थे, बाकी के हिन्दू राजा....?
जब हिंदुओं की आपसी फूट और घमंड ने इन शूरवीर राजाओं को कभी एकमत और एक साथ नहीं होने दिया तो.... !!
बेचारे अकेला मोदी क्या कर लेंगे..!!
सभी देशद्रोही मिलकर इसे भी गिरा ही देंगे।
ऐसे भी हमारा देश सैकड़ों-हज़ारों साल से विदेशी आक्रमणों को झेल रहा है। कभी हम सनातनी(हिंदु) पूरे विश्व पर फैले थे। आज इसी आपसी फूट के कारण  भारत में भी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। ये आखिरी मौका है। फिर कोई हिंदुवादी शासक नहीं मिलेगा।
विचार कीजिएगा!!!!
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मैंने विचार किया ....
और पाया कि ये पोस्ट लिखने वाला बहुत ही उच्च कोटि का भक्त है .. और इस पोस्ट को व्हाट्सअप पर डालने वाला मित्र एक निम्न गुणवत्ता का भक्त - जिसे बेचारे मोदी के गिरने का एहसास हो गया है .. जबकि उच्च कोटि के भक्त तो अब भी यही मानते हैं कि मोहम्मद गौरी अकबर अफजल खां और ओरगंजेब और समस्त घमंडी हिन्दू राजाओं आदि की औलादों और समस्त देशद्रोहियों से लोहा सोना पीतल चांदी ताँबा लेने का दम यदि किसी में है तो वो एकमात्र हिंदुवादी शासक सनातनी (हिन्दू) नरेंद्र दामोदरदास मोदी ही तो है .... 

और मैंने विचार कर यह भी पाया कि निश्चित ही हमारे देश में देशद्रोहियों की संख्या से अधिक संख्या ऐसे नामुराद झकोरों की है जो दिन रात समाज में सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की जी तोड़ मेहनत करते रहते हैं .. और जिनका तोड़ शायद गिरते मोदी के पास भी नहीं है .. ..

चलो अब अंत में एक बात और .... ये जो निम्न और उच्च कोटि के भक्त और बेवकूफ टाइप नामुराद झकोरे हैं ना यही मिलकर मोदी को गिरा देंगे .. मोहम्मद गौरी अकबर अफजल खां और ओरगंजेब और समस्त घमंडी हिन्दू राजाओं आदि की औलादों और समस्त देशद्रोहियों की जरूरत ही नहीं है रे ....//
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Saturday 17 December 2016

/.. अत्यंत दुखद ब्रेकिंग न्यूज़ .. .. पंपोर में आतंकी हमले में हमारे ३ जवान शहीद .... मुहंतोड़ जवाब भी नहीं दिया जा सका .. और हमलावर भी भाग निकलने में सफल हो गए .. .. वीर मोदी जी !! .. क्या 'नोटबंदी' के बाद हम अब 'बेनामी संपत्ति पर चोट' की ही बाट जोहते रहें जिससे आपके अनुसार ये आतंकवादी घटनाएं रुकेंगी ???? .. .. या फिर हम किसी भी शर्मनाक कुतर्क को सुने बिना किसी असल असरकारक वाजिब मुहंतोड़ कार्यवाही की आशा करें ?? ../.. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. "मोदी की नोटबंदी" - और - "मोदी की नकदबंदी" जैसी २ बेवकूफाना योजनाओं की संक्षिप्त विवेचना कुछ यूँ की जा सकती है .. .. चले थे "नोटबंदी" करने - पर अपनी नैसर्गिक डेढ़ अक्ल के कारण कपड़े फाड़ते हुए पहुँच गए "नकदबंदी" पर .. .. "नोटबंदी" एक अच्छे मकसद को प्राप्त करने का एक अच्छा उपाय था - पर "मोदी की नोटबंदी" बेवकूफाना साबित हो गई .. क्यों ?? .. क्योंकि "नकदबंदी" वांछित 'इ-पेमेंट' को प्रोत्साहन देने के अच्छे मकसद के लिए एक बेवकूफाना सोच है - और "मोदी की नकदबंदी" यह साबित करती है कि बेवकूफों की सोच बेवकूफाना ही होती है जिसके परिणाम भी अफलातूनी तूफानी बेवकूफाना ही होते हैं ../.. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


// मैं धारक को एक भी रूपया अदा करने हेतु वचनबद्ध नहीं हूँ - गवर्नर वास्ते प्रधानमंत्री ..//


भारतीय रिज़र्व बैंक भी एक प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान था .. शायद अब नहीं .. अब तो यह संसद के समतुल्य हो चुका है .. क्योंकि किसी भी प्रकार की "वचनबद्धता" के पलीते लग चुके हैं .. .. 

और साथ ही क्योंकि बड़े ही शर्मनाक और हैरतअंगेज़ तरीके से करोड़ों के नए नोट मार्केट में गलत हाथों से जब्त हो चुके हैं - जिसके लिए कुछ बेवकूफ और समस्त भक्त बैंकों को दोषी मान रहे हैं बिना ये अकल खुरचे कि इतनी बड़ी धांधली बैंकों की ब्रांचों से संभव ही नहीं है - क्योंकि ऐसा कर गुजरने की उनकी औकात ही नहीं है .... और यदि धांधली हुई है तो भी बैंकिंग की संपूर्ण व्यवस्था भारतीय रिज़र्व बैंक के तहत ही तो आती है .... यानि भारतीय रिज़र्व बैंक करोड़ों के नए नोटों के मार्केट में गलत हाथों में पहुँचने के लिए सीधे-सीधे जिम्मेदार है .. ..

और संसद की प्रतिष्ठा इसलिए नहीं बची है कि उसने एक विचित्र व्यक्ति के नेतृत्व में भारतीय रिज़र्व बैंक जैसे प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान को अपनी सनक और बेवकूफियों और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया है .. ..

इसलिए तय होता है कि एक विचित्र व्यक्ति के वशीभूत ना तो संसद स्वायत्त संस्था रही है ना ही भारतीय रिज़र्व बैंक .. ..

और आज मुझे ये एहसास हो रहा है कि संस्थाएं व्यक्तियों की मोहताज हैं ना कि व्यक्ति संस्थाओं के मोहताज .. क्योंकि जिस भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रतिष्ठा को पिछले ७० सालों में अनेक योग्य व्यक्तियों ने स्थापित किया था उसे एक विचित्र व्यक्ति ने एक झटके में धूल धूसरित कर दिखाया .. .. 

इसलिए सावधान !! .. संस्थानों पर असीमित भरोसा ना करें और बेवकूफों की असीमित (अ)क्षमताओं को कदापि हल्के में ना लें .. अन्यथा हो सकता है कि शेमलेस कैशलेस भारतीय रिज़र्व बैंक इस उदघोषणा के साथ अपने एकमात्र शेष बचे नोट छपाई दायित्व का निर्वहन कुछ यूँ करे कि .. .. "मैं धारक को एक भी रूपया अदा करने हेतु वचनबद्ध नहीं हूँ - भूल चूक लेनी देनी" गवर्नर वास्ते प्रधानमंत्री .. .. ..

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Thursday 8 December 2016

/.. लाइनों में खड़े सभी बुद्धिजीवियों मजबूरों और बेवकूफों को आज सूचित कर दूं कि अभी-अभी एक हेयरलैस ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर आपसे ये अधिकारिक अपेक्षा कर दी है कि - यारों भूल जाओ ये या वो नोटबंदी क्या थी - कालाधन किस बला का नाम .. बस अब तो आप ध्यान दो कि ये डिजिटल पेमेंट क्या होता है - और कैशलेस क्या नई बला .. .. और मुझे लगा ये हेयरलैस शेमलैस भी है क्योंकि - जब ये प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ही रहा था ठीक उसी समय ये समाचार भी आया कि चेन्नई में ८ जगह पर छापों के दौरान १०० किलो सोने के साथ "७० करोड़ रूपए के 'नए नोटों' का कालाधन" पकड़ाया है .. .. और इसलिए मुझे लगा कि लाइनों में खड़े सभी बुद्धिजीवियों मजबूरों और बेवकूफों को आज सूचित कर ही दूं .. ../.. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


०८/१२/१६ /.. कुछ पढ़े लिखे से डकैती के लिए निकले .. और बड़े गोपनीय तरीके से एक जगह धावा भी बोल दिए .. पर कुछ भी कर पाते उसके पहले ही धरा गए .. .. लोगों ने गालियां निकाली तो पूरी बेशर्मी से हँसते रहे .. पूछा शर्म नहीं आती ?? .. बोले नहीं आती !! .. कोई अफ़सोस नहीं ?? .. किस बात का अफ़सोस ?? .. यानि जो किया सही किया ?? .. बिल्कुल सही किया - इरादे भी नेक थे - निर्णय भी सही था - बस "इम्प्लीमेंटेशन" में थोड़ी गड़बड़ी हो गई .. .. अभी और दिमाग चला रहे हैं .. ../ .. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Wednesday 7 December 2016

/.. जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों और पथराव करने वालों के बीच झड़प की खबरें आ रही हैं .. .. उफ़्फ़ !! लगता है ये नामुराद पत्थर फेंकने वाले झकोरे अब २००० का नोट भी बंद करवाएंगे ..../ .... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. बुझे-बुझे लाल आडवाणी जी कह रहे हैं कि जो संसद नहीं चलने दे रहे उनको वेतन मत दो .. यानि फिर मोदी तो बिन वेतन ही फक़ीर हो जाएंगे - और झोला ले निकल जाएंगे .. .. तो फिर नया प्रश्न उठता है कि जब संसद में प्रश्न पूछे जाएंगे तो उनका जवाब कौन देगा ?? .. .. वैसे फर्क भी क्या पड़ेगा - क्योंकि जवाब अभी भी कौन दे रहा है ?? .. हा!! हा!! हा!! .. .. मसलन है कोई भाजपा का लाल जो सबको जगजाहिर बात बता दे कि गुजरात के शाह द्वारा घोषित १३-१४ हजार करोड़ कालेधन का असली वारिस कौन ?? ..../.... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. कल तो कह रहे थे कि - मोदी टाइम के पर्सन ऑफ द ईयर .. आज कह रहे हैं नहीं - ट्रंप टाइम के पर्सन ऑफ द ईयर .. .. ठीक भी है - पल्टियों के लिए पलटी - फर्क क्या पड़ता है .. दोनों ही एक जैसे डेरिंग डायनामिक डैशिंग दिखने वाले अजीब से नेता ही तो लगते हैं .. .. पर हाँ मोदी ने अपने आपको सिद्ध कर दिया है और ट्रम्प को सिद्ध होना बचा है कि वो अजीब हैं .. .. यानि भारत रो रहा है .. अमेरिका रोएगा .. .. ये टाइम ही तो है जो बदलता रहता है ..../ .. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. भाइयों और बहनों .. आज मैं आपसे पूछना चाहता हूँ .. जवाब दोगे ?? .. .. जिस व्यक्ति के फोटो की कीमत पूरे ५०० रु हो क्या वो फ़कीर कहलाएगा ?? .. या फिर फ़कीर नहीं तो क्या भिखारी कहलाएगा ?? .. या फिर भिखारी नहीं तो क्या साहेब कहलाएगा ?? .. या साहेब नहीं तो क्या डेरिंग डायनामिक डैशिंग हीरो कहलाएगा ?? .. .. चलो छोडो - मुश्किल नहीं आसान प्रश्न पूछता हूँ .. जो व्यक्ति जो कहे वो ना करके जो कभी नहीं कहे वही करे वो क्या कहलाएगा ?? .. .. या चलो ये बताओ .. जो व्यक्ति अपनी औकात के बाहर करतब करे वो समझदार कहलाएगा या पागल ?? .. .. क्या कहा कुछ नहीं मालूम ?? .. तो जनाब आप जान लीजिये कि अभी आप मोदी जी को पहचानते नही हैं या पहचानने में भूल कर गए हैं .. ../.. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Tuesday 6 December 2016

/.. ब्रेकिंग न्यूज़ - महामहिम राष्ट्रपति स्व. जयललिता जी के अंतिम संस्कार हेतु चेन्नई जा रहे थे .. लेकिन उनका प्लेन आधे रास्ते से वापस दिल्ली लौटा .. कारण !! .. प्लेन में तकनीकी खराबी आ गई थी .. .. मनुष्य यदि चाहे तो छोटी छोटी घटनाओं से भी काफी कुछ सीख सकता है .. मसलन नोटबंदी के कारण अनेक तकनीकी खराबियों के सामने आते ही पलटी मार लेने में ही समझदारी थी .. पर दिक्कत ये है कि समझदार सीखने को तैयार हो तब ना !! ..../ .. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. श्रद्धांजली !! .. श्रद्धांजली !! .. जिनके देहावसान को आज देश भुला-भुला सा रहा है .. सीमा पर शहीद हुए वीर जवानों को - और नोटबंदी के कारणों से संतप्त और परेशान हो अपने प्राण गंवाने वाले अनेक नागरिकों को मेरी श्रद्धांजली !! .. .. साथ ही गरीबों की श्रद्धा पात्र तमिलनाडु की आम जनता की "अम्मा" लोकप्रिय नेता सुश्री जयललिता जी को श्रद्धांजली !! .. ../ .. .. मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Monday 5 December 2016

/.. नोटबंदी एवं अन्य कारणों से देश की हालत बेहद नाज़ुक बनी हुई थी .. एवं सारे टीवी चैनल लगातार बिना रुके हांफ-हांफ कर और दे पटक दे पटक सारे समाचार अपने आकाओं की चाहत अनुसार परोस रहे थे .. .. पर आज वो सारे समाचार हवा हुए .. लगता है देश के हालातों में बदलाव आ गया होगा ?? .. .. पर आज जयललिता की हालत बेहद नाज़ुक बनी हुई है !! .. .. ईश्वर से प्रार्थना है देश और जयललिता का भला हो ..../ .... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. नोटबंदी - कालाधन - नोटबंदी - कालाधन .. नहीं नहीं नहीं - सॉरी सॉरी सॉरी - कैशलेस - कैशलेस - कैशलेस .. मुहीम छेड़ दी गई है - करोड़ों के विज्ञापन जारी किये जा रहे हैं - कंपनियों से सेटिंग हो गई है - अब देखना पूरा देश कैशलेस की ओर तेजी से बढ़ेगा .. और जल्दी ही इसके धाँसू परिणाम आएँगे .. .. देश का गरीब मजदूर किसान व्यापारी 'कैशलेस' कर दिया जाएगा .. .. मोदी जी !! सदियों से चल रही व्यवस्थाएं महीनों में बदलने का दावा ?? .. बहुत अच्छे - क्या बात है - गज़ब का कॉन्फिडेन्स है भाई - पूरी ५६ इंच की छाती है भाई !! .. .. पर फिर ये ७० साल के कुशासन के दुष्परिणामों को सलटाने में ढाई साल तक फुस्स्सस्स क्यों ???? .... क्या इसके लिए अगले १४० साल नहीं लगेंगे ???? .... और एक बात बताओ - कि जो तुम भी देश से दगा कर रहे हो तो इस देश को तुम्हारी बेवकूफियों से उबरने में कितने साल लगेंगे ???? .... उपरोक्त प्रश्न मोदी के लिए नहीं हैं - क्योंकि वो लाजवाब हैं .. पर हाँ ये प्रश्न आपके विचार विमर्श को झकझोरने के लिए ही हैं .. धन्यवाद !! ..../ .... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


Sunday 4 December 2016

/.. चीनी के लिए लाइन ?? .. मिटटी के तेल के लिए लाइन ?? .. पिछले १५-२० साल में किसने देखी ?? .. मैंने तो देखी नहीं .. हाँ यदि गुजरे जमाने में किसी ने देखी हो तो वो यह भी जान ले कि चीनी की लाइन में चीनी मिलती होगी - मिटटी के तेल की लाइन में मिटटी का तेल भी मिलता होगा .. राशन के हिसाब से मिलता होगा .. सरकारी मिलता होगा .. सस्ता मिलता होगा .. है ना !! .. .. पर मोदी उन लाइनों की तुलना नोटबंदी वाली अभी की लाइनों से कर रहे हैं ?? .. यानि ये तो गजब बेवकूफ बना रहे हैं !! .. क्योंकि इन बैंको की लाइनों में आपको मिल क्या रहा है ?? .. भारी मशक़्क़त करने के बाद आपका अपना ही मशक़्क़त से कमाया पैसा - वो भी सरकारी राशनिंग के हिसाब से !! .. या फिर मिल रहा है बाबा जी का ठुल्लू !! .. .. उल्लू किसे बना रहे हो मोदी जी ?? .. और ये उल्लू बन कौन रहा है ?? ..../ .... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. बताया जा रहा है कि पूरा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ है .. और ऐसा महसूस भी होता है - और लंबी लंबी संयमित लाइनें भी इसकी पुष्ठि करती हैं कि लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं .. .. पर भ्रष्टाचार तो हो रहा है .. तो फिर प्रश्न उठता है कि ये भ्रष्टाचार कर कौन रहा है ???? .... तो जो लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं उन तमाम लोगों को समझाने का मेरा एक छोटा सा प्रयास .... मित्रो !! - जिस व्यक्ति को भ्रष्टाचार मिटाने की जिम्मेदारी ढाई साल पूर्व बाजे गाजे के साथ सौंप दी गई थी यदि वो आज भी यही पूछने की धूर्तता कर रहा है कि - "बताओ भ्रष्टाचार मिटाना चाहिए कि नहीं मिटाना चाहिए ??" .. तो पक्का समझ लीजिये भ्रष्टाचार तो वही मक्कार कर रहा है .. वरना क्या ये बात भी पूछने की है ???? .. तुम्हें भ्रष्टाचार मिटाने के लिए अधिकार एवं दायित्व नहीं दिए थे तो क्या भुट्टे सेकने के लिए दिए थे ?? .. और यदि पूछना ही था तो सत्ता सम्हालने के पहले पूछ लेते - ढाई साल बाद क्यों ?? .... भ्रष्टाचार के नाम पर अब तक भुट्टे क्यों सेंकते रहे हो मोदी जी ?? ..../


Saturday 3 December 2016

// मोदी जी !! अब जाकर आप अपना दिमाग लगा रहे हो ???? ....//


आज मोदी जी ने मुरादाबाद में खुल्लमखुल्ला कह दिया कि उन्हें अब ये मालूम पड़ा है कि कालेधन वाले चोर अपना कालाधन गरीबों के जनधन खाते में डलवा दिए हैं और डलवा रहे हैं .. और अब मोदी जी अपना दिमाग लगा रहे हैं .. .. जबकि मैनें तो ये बात ०८/११/१६ को ही रात १० बजे अपने पोस्ट में बता दी थी .. मुलाहिज़ा फरमाएं .... 
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०८/११/१६
/.. अब समझ आया .. जनधन में खुले 0 बैलेंस के करोड़ों अकाउंट काले धन को वापस जीवित करने के लिए कितने काम आएँगे .... अब से हर एक 0 बैलेंस अकाउंट भी बहुमूल्य .... तो क्या गरीब भी अमीर ?? .. तौबा !! .. क्यों मज़ाक करते हो साहेब !! ..../
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पर मोदी जी !! आप मेरी तो सुनते नहीं - बस भक्तो के भरोसे टिके रहते हो - जबकि भक्तों में तो अकल का खाँचा ही नहीं है .. इसलिए भक्तों की मत सुनो - मत सुनो - मत सुनो मोदी जी !! .. अपना दिमाग लगाओ .. जो हुआ सो हुआ - सब भूल जाओ - और मेरे पोस्ट पढ़ो .. और ये नोटबंदी को वापस ले लो .. .. और फ़कीर बन झोला लेकर निकल लो .. ..

बाकी देश के प्रति आपके द्वारा फांकी गई सभी अच्छी इच्छाएं केजरीवाल पूरी कर ही देंगे .. मेरा विश्वास करना .. प्लीज़ !! ....//

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/.. यदि पुलिस डरने लगे कि चोर धमकी देता है .. यदि जज दलील देने लगे कि मुजरिम ने उसके साथ अन्याय कर दिया .. यदि मीडिया ही शिकायत करने लगे कि उसके विरुद्ध अफवाह फैला साज़िश हो गई .. यदि बहुमत से चुनी सरकार कपडे फाड़ने लगे कि विपक्ष उसका विरोध क्यों कर रहा है .. और यदि मोदी रो दें कि केजरीवाल उनके द्वारा की गई नोटबंदी का विरोध क्यों कर रहे हैं .. तो इसका मतलब ये है कि .. पुलिस जज मीडिया सरकार सब बेकार और मोदी केजरीवाल से हार मान गए हैं .. .. क्या है कि केजरीवाल कुछ अलग ही संवैधानिक चीज़ हैं मेरे भाई .. .. जय हिन्द !! मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


/.. आज बड़ा अच्छा लगा भाजपाइयों को केजरीवाल के घर के बाहर उग्र प्रदर्शन करते देख - वो भी नोटबंदी का विरोध करने के विरोध में .. .. अच्छा इसलिए लगा कि चलो ये तथ्य सत्य तो मान लिया गया कि विरोध केवल केजरीवाल ने किया .. बाकियों ने किया भी तो मतलब का नहीं .. और बाकियों ने नहीं भी किया तो उनमें दम भी नहीं .. .. अतः आजकल के ५०-५० के फैशन के अनुरूप मैं केजरीवाल के विरोध में भाजपा के विरोध का ५०% विरोध और ५०% स्वागत करता हूँ .. .. और साथ ही चाहूँगा कि भाजपा केजरीवाल को ही सशक्त विपक्ष का सम्मान देते रहे .. और लोकतंत्र को मज़बूत करे .. .. और साथ ही यह ध्यान भी करे कि यदि भाजपा ने ७० साल में केजरीवाल जैसा विपक्ष का रोल निभाया होता तो देश और भी कहीं आगे होता .. और यदि ढाई साल में भी वायदे अनुसार कुछ भी अच्छा किया होता तो केजरीवाल को विरोध करने का मौका नहीं मिलता और आपको केजरीवाल के विरोध का विरोध करने की नौबत नहीं आती .. जय हिन्द !! ..../ .... मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


//.. 'नोटबंदी' के बाद अब 'बेनामी संपत्ति' की जाँच ???? .. सावधान !! ....//


मेरा दिमाग ये कहता है कि किसी भी संपत्ति की सामान्य सी जांच कर बड़ी आसानी से ये पता लगाया जा सकता है कि संपत्ति 'नामी' है या 'बेनामी' .. और यदि जांच में संपत्ति बेनामी निकले तो कर लो राजसात - कर डालो नियमानुसार पुख्ता कार्यवाही .. लेकिन जब मालुम ही हो कि संपत्ति बेनामी है तो फिर किस जाँच की जरूरत ?? .. यानि 'बेनामी संपत्ति' की कैसी जाँच ?? ....

इसलिए आपको सावधान कर रहा हूँ .. .. ये मोदी जी हैं ना रोज़ नए-नए शिगूफे छोड़ने के माहिर हैं .. ये नोटबंदी से आपको सफलतापूर्वक बेवकूफ बना अति उत्साहित दिख रहे हैं .. क्योंकि आखिर इन्होंने "कालेधन" पर कार्यवाही करने के नाम पर पूरे देश के पूरे धन पर ही कार्यवाही पेल दी - और खड़ा कर दिया पूरे देश को लाइन में - और आपको आपके ही सफ़ेद धन तक से वंचित कर दिया .. .. पर आज दिन तक एक भी कालेधनधारी का नाम तक सामने नहीं आया - और एक भी पैसे का कालाधन पकड़ा नहीं गया - और एक भी अमीर या नेता या अपराधी परेशान होता नहीं दिखा .... लेकिन देशप्रेम की ऊंची-ऊंची बातें और लाइन में लगे देशवासियों की प्रशंसा बदस्तूर जारी रही .... 

और इसलिए नोटबंदी की सफलता (या असफलता) के बाद अब साहेब एक नया शिगूफा छेड़ रहे हैं - "बेनामी संपत्ति की जाँच" का ....

और मुझे लगता है कि ठीक कालेधन के घालमेल और गोलमाल की ही तरह ये 'बेनामी संपत्ति' पर सीधे-सीधे 'कार्यवाही' नहीं करते हुए आम जनता की संपत्ति की सर्वव्यापी जांच जरूर करेंगे - और आपको अपने घर से भी बेघर करने की कोई नई स्कीम जरूर ले आएँगे .. .. और नोटबंदी जैसे ही आपको एक बार फिर लाइन में खड़ा करेंगे और कहेंगे सिद्ध करो जिस कच्चे पक्के मकान में तुम रहते हो या अपनी दुकान चलाते हो वो बेनामी हो किसी धन्नासेठ या गुंडे बदमाश की तो नहीं - या फिर सरकारी संपत्ति तो नहीं ?? ....

तो निर्णय आप स्वयं करें कि बेवकूफ कब तक बनना है - और बनना भी है कि नहीं ?? ....

वैसे एक बात बता दूं कि जिस तरह "कालाधन" देश के लिए घातक है ठीक वैसे ही "बेनामी संपत्ति" भी घातक है .. और मुझे लगता है ठीक वैसे ही ये "सरकार" भी बहुत घातक है भाई ..../

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Friday 2 December 2016

/.. अभी कई रिपोर्ट्स आ रही हैं - स्टिंग आ रहे हैं - धार्मिक संस्थानों के क्रियाकलाप सामने आ रहे हैं - जिनसे मुझे पूर्व से ज्ञात अकाट्य सत्य पता चल रहा है कि मेरे अनुमान और मेरी प्रत्याशा अनुसार ही कई धार्मिक संस्थानों के ठेकेदार सरकारी सहयोग के चलते काले धन रुपी ५००-१००० नोटों को सफ़ेद धन में बड़ी ही आसानी से बदल देने में सफल हो गए .. और धंधा धड़ल्ले से चालू है .. और अभी भी कई धर्मालुओं की मदद की जा रही है .. और ऐसे धर्मालुओं में समाज के सभी वर्ग शामिल रहे - जिनमें नेता भी शामिल रहे जिन नेताओं में सत्ताधीश भी शामिल रहे .. .. यानि लाइन में लगे लोग तो बेचारे भगवान् तक से ठगे गए .. .. अब ये सब भगवान् के मारे - 'भगवन भगवन भगवन' या 'मोदी मोदी मोदी' कहें - क्या फर्क पड़ता है .. .. आखिर तो भगवान् और मोदी की स्पष्ट 'किरपा' से ही तो सब संभव हो पाया .. .. है ना ..../ मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ


// तुम बहुत पिटोगे यार !! ....//


तुमने कहा सभी वादे जुमले - सबने कहा चल कोई बात नहीं ....
तुमने कहा स्वच्छता पर ध्यान दें - सबने कहा बिल्कुल सही ....
तुमने कहा खुल्ले में नहीं - सबने कहा विद्या बालन सही ....
तुमने कहा विकलांग नहीं - सबने कहा दिव्यांग सही ....
तुमने कहा योग करो - सबने कहा और हुकुम करो ....
तुमने कहा पाक को मारा - सबने कहा वाह क्या मारा ....
तुमने कहा बस गरीब की परवाह - सबने कहा सही राह ....
तुमने कहा ५००-१००० नहीं - सबने कहा क्या बात कही ....
तुमने कहा लाइन लगाओ - सबने कहा हुकुम बजाओ ....
 तुमने कहा बस इतने ही मिलेंगे - सबने कहा इतने ही चलेंगे ....
तुमने कहा बस ५० दिन - सबने कहा कोई परवाह नहीं ....
तुमने कहा कोई चोर नहीं बचेगा - सबने कहा ये हुई ना बात !! ....

पर अब तुमने कह दिया - तुम लाइनों में खड़े हो - अपना पैसा लेने के चक्कर में पड़े हो - खप मर रहे हो - पैसा मिल नहीं रहा - फिर भी चुपचाप खड़े हो - शाब्बाश !! ....
अब बस चुपचाप खड़े रहना - अब कोई चोर नहीं फंसेगा - चोरी का माल भी ५०-५० !! ....

और अब सबने क्या कहा ?? ....

अरे यार अभी तो सब लाइन में ही खड़े हैं - पर सबका धैर्य अब टूट रहा है .. इसलिए सबकी छोडो .. अब तुम मेरी भी सुन लो यार .... 
सुधर जाओ !! नहीं तो .. .. तुम बहुत पिटोगे यार !! ..../

Brahma Prakash Dua
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/.. जिन्होनें भी सर्जिकल स्ट्राइक होने के और उसके प्रभाव पड़ने के दावों पर प्रसन्नता और संतोष किया था वे सभी देशभक्त और देशप्रेमी थे .. पर जिन्होनें भी सर्जिकल स्ट्राइक होने के ही दावों पर शंका का इज़हार किया वो 'सजग' नागरिक थे .. और जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक से पड़ने वाले प्रभाव पर अपनी शंकाओं का इज़हार किया वे 'समझदार' थे .. और जिन्होंने 'सजग' 'समझदार' नागरिकों पर प्रश्न खड़े किये वे 'भाजपाई' थे .. और जिन्होंने 'सजग' 'समझदार' नागरिकों को गालियां दी और भाजपाइयों का समर्थन किया वे 'भक्त' थे .. और जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का शिगूफा छेड़ फेंकमफाँक करी वो 'भक्तों' के 'साहेब' थे .. वही 'साहेब' जो आजकल गरीबों के कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक कर अमीरों के काले से सफ़ेद हुए धन की बन्दरबाँट में व्यस्त हैं .. .. और जो लोग आज भी साहेब के साथ हैं वे निरे नासमझ हैं जो बिना अकल लगाए देश अहित के सहभागी बन रहे हैं .. और यकीनन में आज गर्व के साथ कहता हूँ कि मैं एक 'सजग' 'समझदार' नागरिक हूँ .. .. किसी समझदार को कोई शक ?? .. किसी नासमझ को कोई आपत्ति ?? ..../


Thursday 1 December 2016

/.. पहले तो पाकिस्तान ने ही नकार दिया कि भारत ने कोई सर्जिकल स्ट्राइक करी .. पर सबने कह दिया - कर दी कर दी कर दी !! .. .. केजरीवाल कहते रह गए कि उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत नहीं मांगे - पर भक्त पिल पड़े - मांगे मांगे मांगे !! .. .. पूरा विपक्ष कहता रह गया कि वे नोटबंदी के खिलाफ नहीं हैं - पर भक्त पिल पड़े - खिलाफ है खिलाफ है खिलाफ है !! .. .. पूरा विपक्ष कहता रह गया कि उन्होंने भारत बंद का आह्वाहन नहीं किया - पर भक्त पिल पड़े - किया किया किया !! .. .. पूरा विपक्ष कहता रह गया कि - बैंकों में नोट ही नहीं हैं - पर भक्त पिल पड़े - नोट हैं नोट हैं नोट हैं !! .. .. यानि आलम ये है कि यदि विपक्ष ये कह दे कि मोदी मित्रों के पास कालाधन नहीं बचा - या भाजपा का कालाधन बोठ हो गया - या मोदी बिल्कुल खुराफाती नहीं है तो ?? .. .. तो आप अनुमान लगा लें कि "थोपने" की कला में निपुण ये "थोपनहार" क्या-क्या सत्य "थोप" देंगे .. .. ../


/.. पाकिस्तानी समस्या का एक समाधान ये भी .. मंत्री से लेकर संत्री तक सभी पर प्रतिबंध लगा दो कि कोई बयानबाज़ी नहीं करेगा .. अपनी छाती नहीं ठोकेगा - हवाबाज़ी नहीं करेगा - फांकेगा नहीं फेंकेगा नहीं .. और कोई मुच्छड़ टीवी पर सूरमा होने का प्रदर्शन भी नहीं करेगा .. .. और जो करना है सेना करेगी - अपना कर्त्तव्य और दायित्व समझ कर करेगी - अपनी औकात और दुश्मन की औकात अनुसार बिना किसी उकसावे के करेगी .. .. और जनता हार पर दुःख और जीत पर जश्न मनाते रहेगी - टीका-टिप्पणी भी करते रहेगी - ठीक वैसे ही जैसे कि क्रिकेट मैच की जीत हार के बाद .. .. अब रही बात सेना के मनोबल को उठाने और गिराने की .. तो मेरा मत है कि अपने आपको जवानों के साथ बताकर फ़ोकट लफ़्फ़ाज़ी करने से भोंडा मनोबल टुच्चे नेताओं और भक्तों का ही बढ़ता होगा .. वीर जवानों को तो क्या फर्क पड़ता होगा .. .. और स्पष्ट कर दूं कि यदि जवानों का मनोबल बढ़ाना हो तो उन्हें उपयुक्त सैन्य उपकरण उपलब्ध कराएं ना कि दिवाली त्यौहार उनके नाम कर उन्हें लॉलीपॉप दिखाएं ..../


/.. नोटबंदी के निर्णय से उपजी तमाम समस्याओं के सामने आते ही तोते उड़ने लगे और इसलिए कालेधन भ्रष्टाचार नकली नोटों के बजाय ढोल पीटना शुरू हुआ "कैशलेस" का - "प्लास्टिक मनी" का - डिजिटल" का .. .. यानि कुछ ऐसा बताया जाने लगा कि नोटबंदी का असली मकसद तो कुछ और था .. .. और इसलिए अब चुपचाप लाइन में खड़े रहो .. "कालेधन" के नाम पर ना सही "कैशलेस" के नाम पर खड़े रहो .. तत्काल लाभ को देखने के लिए ना सही दीर्घ लाभ की आशा में खड़े रहो .. .. और लोग खड़े रहे .. और लोग खड़े हैं .. .. पर आज मेरे दिमाग में कुछ प्रश्न भी खड़े हो रहे हैं .. कि जब राहुल गाँधी और कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट हैक हो सकते हैं तो गांव खेड़े के खातों में डिजिटल हेरा फेरी या चोरी चपाटी नहीं हो सकेगी ?? .. उनके कार्ड्स की क्लोनिंग या पासवर्ड की चोरी नहीं हो सकेगी ?? .. .. अरे जनाब हो सकेगी .. इसका मतलब ये तो नहीं कि उन्नति नहीं करें .. देशहित में गरीबों को सब सहना होगा .. समझे ?? .. अब चुपचाप खड़े रहो ..../