मेरे कई मित्र मुझसे पूछते रहे कि ये 'टुच्चा' का क्या अर्थ.. और मैं कहता था कि इसका अर्थ तो वैसे ओछा दुष्ट या कमीना ही होता है पर इसका भावार्थ कुछ बहुत अलग सा होता है.. पर मैं उन्हें ठीक-ठीक समझा नहीं पाता था..
तो आज शानदार मौका है 'टुच्चा' 'टुच्चे' और 'टुच्चई' का भावार्थ बताने का..
करनाटक चुनाव के चलते लगातार १९ दिन तक तेल के भाव नहीं बढे.. इसे चुनावी धांधली कहते हैं..
फिर १२ मई को चुनाव होते ही लगातार भाव बढ़ने लगते हैं.. इसे कहते हैं बेशर्मी और ओछापन..
फिर बढ़ते भाव लगातार १६ दिन तक बेतहाशा बढ़ते रहते हैं.. इसे कहते हैं लूट डकैती और दुष्टता ..
और फिर १७वें दिन घोषणा होती है कि आज भाव ६० पैसे कम किए गए.. इसे कहते हैं शातिरता..
और फिर भक्तों के सीने फूलने लगते हैं.. इसे कहते हैं तेलिया भक्ति या कमीनापन..
पर फिर घोषणा कर दी जाती है कि भाव ६० पैसे नहीं - मात्र १ पैसे प्रति लीटर कम हुए हैं.. और इसे ही कहते हैं टुच्चई.. जी हाँ शुद्ध "टुच्चई" !!..
और जो टुच्चई करता है या करते हैं उन्हें कहते हैं 'टुच्चा' या 'टुच्चे' !!..
आज का "१ पैसे का बहुमूल्य 'टुच्चा' ज्ञान" यहीं पर समाप्त करता हूँ.. धन्यवाद !!
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl