Saturday 31 October 2015

// आज इंदिराजी बहुत याद आईं .... क्यों ?? ....//


आज मुझे इंदिरा जी उनकी पुण्यतिथि पर बहुत याद आईं - क्योंकि मैं मानता हूँ कि वो एक शक्तिशाली बहुप्रतिभा की धनी देशभक्त महिला थीं - जिनसे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करते आपातकाल लगाने की एकमात्र बड़ी गलती को छोड़ शायद कुछ भी गलत नहीं हुआ था .... और उन्होंने जो अच्छा किया था उसकी फेहरिस्त तो बहुत लम्बी है .... 

और इसके विपरीत मैं महसूस कर रहा हूँ कि वर्तमान में मोदी जी एक निहायत कमज़ोर और केवल सीमित प्रतिभा वाले आत्ममुग्ध पुरुष हैं - जिनसे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करते भाजपा को दिल्ली में हरवाने के एकमात्र अच्छे कार्य के अलावा शायद कुछ भी अच्छा नहीं हुआ है .... और इन्होनें अब तक जो कुछ बुरा या गलत किया उसकी फेहरिस्त भी दिन-ब-दिन लम्बी हो रही है ....

मैं आशा करता हूँ कि अब मोदी जी आगे कुछ भी गलत नहीं करेंगे और देश के लिये बस एक और अच्छा कार्य करेंगे - बिहार में ज्यादा से ज्यादा और रैलियां करके वहां भाजपा को हरवाने का महान कार्य कर कृतार्थ करेंगे ....

और मैं आज इसलिए भी प्रसन्न हूँ कि जब इंदिरा जी को पूरा देश उनके यशस्वी कार्यों को याद कर उन्हें पुण्यतिथि पर सम्मान दे रहा था - तब मोदी जी मौन रहे .... आज उनकी निंदा करने की हिम्मत नहीं हुई .... वो भी तब - जब कि देश का वातावरण अति दूषित किया ही जा रहा है ....

Friday 30 October 2015

// इन्हें खाने ना दिया जाए - इनके पेट और पिछवाड़े पाक से जो जुड़े लगते हैं ..//


आज भाजपा के सुशील मोदी ने आपत्तिजनक बकवास पटकी है ....
यदि बिहार में भाजपा जीतती है तो भारत में दिवाली मनेगी ....
यदि बिहार में भाजपा हारती है तो पाक में जश्न मनेगा ....

और कल ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी यही कहा था कि यदि बिहार में भाजपा हार गई तो पाक में पटाखे फूटेंगे ....

मित्रो !! यानि मतलब ये निकलता है कि इस बार मेरी आपकी और पूरे भारत की दिवाली तब ही मनेगी - पटाखे तब ही फूटेंगे - जब बिहार में भाजपा जीतेगी - अन्यथा तो भारत में मातम ही छाया रहेगा ????

ऐसी घृणित सोच और बोल की मैं निंदा करता हूँ और आपत्ति भी लेता हूँ .... अब तक पाबंदी धर्म पर - बोलने पर - खाने पर - पहनने आदि पर लगाने की चेष्टा थी - पर अब शायद पाबंदी त्यौहार के मनाने या ना मनाने पर भी ?? क्या बिहार में भाजपा के हारने के बाद भारत में पटाखे भी नहीं फोड़े जाएंगे ????

मित्रो ऐसे गिरे हुए बेतुके व्यक्तियों के लिए मेरी बेतुकी सलाह है ....

बिहार चुनाव के नतीजे ८ नवम्बर को आएंगे .... अमित शाह को और सुशील मोदी को ७ नवम्बर को कुछ भी ना खाने दिया जाए - क्योंकि मेरा दावा है कि इधर ये भारत में खाएंगे और ८ नवंबर को पाक में पाकिस्तानी हगेंगे .... क्या है इनके पेट और पिछवाड़े पाक से जो जुड़े लगते हैं .... और शायद प्रवृत्ति भी ....

अब जब बिहार चुनाव की हार-जीत को ये पाक से ऐसे जोड़ेंगे तो इनको सलाह भी ऐसी ही समानांतर बेतुकी मिलेगी .... !! सावधान !! .... पर कुछ शब्द चयन हेतु मैं सज्जनों से क्षमा प्रार्थी भी हूँ !!

// केजरीवाल जी !! तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्हीं दवा देना ....//


भाजपा दिल्ली चुनाव हार गई थी - मोदी की हार हो गई थी - जबरदस्त हार - तीन चौथाई बहुमत यानि ५० सीट का दावा कर रहे थे पर सीटें आईं सत्तर में केवल ३ - ज़ोर का झटका बहुत ज़ोर के लगा था भाई - इतना ज़ोर के कि मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया था ....

और तब का गड़बड़ाया संतुलन आज तक बरकरार दिखता है .... हार ! हार ! और हार ! इनके दिमाग में इस कदर घुस गई है कि इनको लगता है ये पूरी दिल्ली हार गए - दिल्ली की नगर निगम MCD भी हार गए - सदमा बड़ा तगड़ा है भाई ....

पर मित्रो इन पागलों को कौन समझाए कि MCD में तो अभी भी भाजपा काबिज़ है .... पगले समझ ही नहीं रहे हैं .... इसलिए बेचारे समझदार केजरीवाल को बकायदा विज्ञापन दे-देकर इन पागलों को बताना पड़ रहा है कि MCD अभी तक 'आप' पार्टी के पास नहीं है - वो तो भाजपा के ही अधीन है ....

और जब तक MCD भाजपा के पास है - और जब तक दिल्ली पुलिस भाजपा के पास है - और जब तक केंद्र में भाजपा की सरकार है - और जब तक दिल्ली में केजरीवाल है - पागलों को चैन मिलने वाला नहीं ....

और भाजपाई दिमाग में कूड़े करकट के कारण दिल्ली की सड़कों पर भी कूड़ा करकट ऐसे ही लगता रहेगा ....

अब सड़क का कूड़ा करकट तो अभी भाजपा वाली MCD को ही साफ़ करना पड़ेगा ....
पर पागलों के दिमाग का कूड़ा करकट तो केजरीवाल को ही साफ़ करना पड़ेगा - इन्हें MCD और केंद्र से मुक्ति दिलाकर ....

यानि केजरीवाल जी !! तुम्हीं ने दर्द दिया है तुम्हीं दवा देना .... !!!!

Thursday 29 October 2015

// हारो तो सही - पटाखे तो पूरे देश में फूटेंगे ....//


अमित शाह ने आज एक और घटिया बयान दिया है कि ....
यदि बिहार में भाजपा हारी तो सबसे ज्यादा खुश मोहम्मद शहाबुद्दीन होगा - और पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे ....

मेरी विस्फोटक प्रतिक्रिया ....

हे ईश्वर भले ही शहाबुद्दीन को खुश करना या नहीं और पाकिस्तान में पटाखे फ़ुड़वा देना या नहीं - पर बिहार को बचा लेना ....

मैं ऐसी प्रार्थन इसलिय कर रहा हूँ कि मैं "विघ्नसंतोषी" नहीं हूँ .... अस्तु पाकिस्तान खुश होता है या दुखी मेरी दिलचस्पी इस बात में ज़रा कम है .... मेरी दिलचस्पी इस बात में अधिक है कि इस देश के सभी प्रदेश सुखी और संपन्न रहे - और इसलिए मैं तो बस इतना चाहता हूँ कि इन तमाम नामुराद झकोरों को जो जब तब हमें पाकिस्तान का डर बताते रहते हैं और भड़काते रहते हैं ईश्वर वो सबक सिखाए कि पूरा हिन्दुस्तान दिवाली में ख़ुशी ख़ुशी पटाखे फोड़े .... एक साथ पूरे भाई चारे के साथ फोड़े .... यानि सबका साथ सबकी फटाक !!!!

और मुझे पूरी आशा है कि पटाखे मैं भी फोडूंगा और बिहार भी फोड़ेगा और देश भी फोड़ेगा - बस कोई नहीं फोड़ेगा तो वो है अमित शाह - और शायद साहब .... और कुछ भक्त ....

और अंत में अमित शाह के अर्धज्ञान को पूर्ण करना चाहूँगा - भाजपा हारेगी और पटाखे जम्मू काश्मीर में भी फूटेंगे - और वहां पटाखे बड़े साहब के 'बाप-बेटी' तो ज़रूर फोड़ेंगे .... और तो और मुझे लगता है कि हार के पटाखे तो इस बार शिवसेना और अकाली दल और शत्रु भाई भी फोड़ेंगे ....

यानी आप कह सकते हैं कि .... हारो तो सही - पटाखे तो पूरे देश में फूटेंगे !! हा !! हा !! .... 

// अब तो व्यथित 'दरबारी' सनक गए हैं ....//


साहित्यकारों के बाद अब तो फिल्मकारों ने भी पुरूस्कार लौटाने शुरू कर दिए .... घोषित कारण - आजकल देश में असहिष्णुता का बढ़ता माहौल, कलबुर्गी एवं अन्य साहित्यकारों की हत्या और एफटीआइआई के छात्र आंदोलन को समर्थन ....

और अब तो पद्म भूषण प्राप्त श्री भार्गव एवं अन्य वैज्ञानिकों ने भी पुरूस्कार लौटाने की घोषणा कर दी है .... घोषित कारण - मोदी राज में पाक बन रहा है भारत - और भारत को पाकिस्तान जैसा नहीं बनते देख सकते .... 

यानि सरकार द्वारा नामकरण किये अनुसार 'दरबारी' बढ़ते जा रहे हैं .... और प्रजा सब देख रही है !!!!

और इसलिए मैं 'राजा' को आगाह करना चाहूंगा कि .... 'दरबार' सज चुका है - 'दरबारी' इकट्ठा होना शुरू हो गए हैं - और 'राजा' के कुशासन के विरुद्ध बिगुल भी बज ही चुका है ....

पर राजा है कि विचारहीन है - और शायद इसलिए ही केवल परेशान है कि ये सब 'दरबारी' तब कहाँ थे जब पूर्ववर्ती राजा के समय कुशासन हुआ था - अब मेरे ही कुशासन पर इतनी मुख़ालफ़त क्यों ????

तो लगे हाथ 'राजा' को बाअदब बता दूँ कि .... व्यथित 'दरबारी' अब सनक गए हैं - बकवास सुनने के मूड में नहीं हैं - कह रहे हैं पहले तू तो सिंहासन से उतर - बाद में पता कर लेना पहले क्या हुआ और क्यों हुआ .... और प्रजा सब देख रही है !!!!

तो बोलो - 'भारत दरबार' की जय !!!! .... 'सनकी दरबारियों' की जय !!!!

Wednesday 28 October 2015

// दिल्ली में हिन्दू सेना अध्यक्ष की गिरफ्तारी के मायने ....//


दिल्ली के केरल हाउस में बीफ या गौमांस परसने की अफवाह या आरोप पर दिल्ली पुलिस की तत्पर गैरकानूनी कार्यवाही पर पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आईं .. पहले कुछ-कुछ स्वर समर्थन के आये - पर फिर प्रखर विरोध और गुस्से के स्वर ....

और सबसे प्रखर प्रतिक्रिया आई 'आप' पार्टी की ओर से .... और क्योंकि 'आप' और मोदी का तो ३६३६३६ .... का आंकड़ा स्थापित है - अतः मैं अनुमान लगा रहा था कि इस बार भी हिन्दू सेना के मुजरिम बच जाएंगे ....

पर नहीं - हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को आज गिरफ्तार कर लिया गया .... और मैं मानता हूँ ये सामान्य घटना नहीं है .... इस घटना के बहुत से मायने हैं ....

मेरे अभिमत में ये घटना उन बेशर्म सांप्रदायिक संगठनों के मुँह पर तमाचा है जो धर्म के नाम पर कानून अपने हाथ में लेकर गुंडागर्दी कर - और जो आरएसएस और भाजपा की सहयोगी होते हुए और दिखते हुए राजनैतिक संरक्षण में अपना धंधा करने का सफल प्रयास करते आए हैं - और जो भाजपा की मोदी सरकार के आने के बाद "हूँ-तू-तू" स्टाइल में पंजे झाड़ गलियों से निकल खुल्ले मैदान में आने लगे थे ....

पर धन्य हो इस देश की जागरूक जनता - और इस देश की धर्मनिरपेक्षता .... और इस देश के राष्ट्रपति .... जिनके सामूहिक प्रयास से आज सांप्रदायिक शक्तियों को ये तमाचा पड़ा है ....

और बधाई मोदी जी को - और उनके मातहत दिल्ली पुलिस को भी - जिसने १७ माह बाद कुछ साहसिक और सही कार्य किया ....
आशा है भविष्य में भी दिल्ली पुलिस जनता और नैतिकता के दबाव में ऐसे ही सहजता से झुकती रहेगी ....
!!!! प्रत्याशा में धन्यवाद !!!!

// सुप्रीम कोर्ट का पटाखेबाज़ी पर बैन से इंकार - बयानबाज़ी का क्या ?? ..//


अभी-अभी समाचार आया है कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैन लगाने से इंकार कर दिया है ....
और केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वो पर्यावरण पर जागरूकता बढ़ाने के कार्य करे ....

हुर्रे ?? .... मज़्ज़ा आ गया ?? .... सुप्रीम कोर्ट ने हमारी स्वतंत्रता की रक्षा कर मारी ?? .... आओ ख़ुशी मनाएं - भांगड़ा करें - हो हल्ला करें - हुल्लड़ भी कर लें - पटाखे छुडाएं ????

या फिर इस दिवालिया सरकार को जागरूक करें कि बिहार चुनाव के बाद वो हमें जागरूक करे कि बकवास बयानबाज़ी से और दिवाली पर आतिशबाज़ी से पर्यावरण को क्षति पहुँचती है ....

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद - निर्णय अभी भी आपके हाथ में .... !!!! धन्यवाद !!!!

// परवेज़ मुशर्रफ सावधान !! .. हमारे पास तुम से बड़े वाले हीरो हैं ....//


जैसा कि होता आया है .. बड़े टुच्चे लोग अपनी बात - अपना समय चुन - अपने अंदाज़ में - अपनी सहूलियत अनुसार - इंटरव्यू के ज़रिए बताते आए हैं ....

// राजनीति सदा चली आई - प्राण ना जाए बस वचन ही जाई // .... (ब्रह्म प्रकाश दुआ द्वारा सन २०१५ के माह ओक्टूबर की २८ तारिख को मुशर्रफ के एक दंभी बयान पर प्रतिक्रिया देते समय भारत देश में हो रही बेलगाम घटिया बयानबाजी के सन्दर्भ में स्वरचित) 

ऐसा ही एक और इंटरव्यू हुआ या किया गया - जिसके ज़रिये मुझ तक ये बात पहुँच गई है कि - एक और बड़े टुच्चे पाकिस्तानी परवेज़ मुशर्रफ ने डींग हाँक दी है कि - " हक्कानी हमारा हीरो है - ओसामा हमारा हीरो था - जवाहिरी हमारा हीरो था .... और हाँ जब पूछा गया कि लखवी और हाफ़िज़ सईद भी ?? .. तो इस बेबाक इंटरव्यू में बड़ी बेबाकी से लज्जाते हुए बोले - " नो कमेंट " ....

और हाँ फिर इन्हीं 'हीरुओं' के बारे में एक और बेबाक बात भी बोल गए कि - " अब ये हमारे यहां बम ब्लास्ट कर रहे हैं - इसी वजह से यह निगेटिव हो गए - इस वक्त इनको कंट्रोल करना चाहिए - हम खुद इससे अफेक्टेड हैं " ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

क्यों ऐसे डींग भरने वाले टुच्चे बड़े आदमी के इंटरव्यू को भारत में तरजीह दी जा रही है ??
वो भी जबकि मुशर्रफ बड़ा इतरा-इतरा के अपने 'हीरुओं' के नाम गिना-गिना हमें चिढ़ा रहा है ??
क्या हमारे देश में 'हीरुओं' की कमी है ?? .. यदि उनके पास २ हैं तो हमारे पास १० नहीं हैं ??
है कोई तोड़ हमारे 'हीरुओं' का जिनमें से कई तो मंत्री हैं कई सांसद हैं कई विधायक हैं कई महाराज हैं कई पार्टी के अध्यक्ष ?? ....
और हीरो की छोडो .... हमारे यहाँ तो हीरोइनों की भी कमी नहीं .... है कोई पाकिस्तान के पास हीरोइन जो पाकिस्तानियों को हरामजादा कह भारत भेजने की धमकी दे सके ??

इसलिए मैं मुशर्रफ को चेतावनी देता हूँ कि बाज़ आएं - हमसे किसी भी मामले में मुकाबला करने की ज़ुर्रत ना करें ....

अब हमने भी 'हीरुओं' और हीरोइनों को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है .... इसलिए सावधान !!!!

मुशर्रफ सावधान - पाकिस्तान सावधान !! .... और हाँ मेरे मित्रो - थोड़ा आप भी सावधान !!!!

Tuesday 27 October 2015

// मोदी जी अब बुरा मत मानियेगा !! प्लीज़ !! ....//


आज सीतामढ़ी बिहार से एकल मोदी की रैली में मोदी का भाषण लाइव कई चैनलों पर प्रसारित हो रहा था .... मेरा टीवी चालू था .... और इसलिए मुझे मोदी जी का भाषण सुनाई पड़ रहा था ....

वैसे तो भाषण मोदी जैसे ही नीरस और बेतुका था - पर आज मैं ऐसे भाषण का भी मज़ा ले रहा था .... वो ऐसे कि मोदी जी एक-दो शब्द बोलते और मैं कल्पना करता की आगे वो क्या बोलेंगे - कैसे बोलेंगे - एक ही बात कितनी बार बोलेंगे - साँस कितनी लम्बी लेंगे और कैसे छोड़ेंगे - हाथ कितने फैलाएंगे कैसे लहराएंगे - मुट्ठी कब बांधेंगे - कब चिल्लायेंगे कब आवाज़ धीमी करेंगे .... और मैंने पाया कि मैं लगभग ८०% सही पूर्वानुमान लगा पाया ....

और अंततः जब मोदी जी का पकाऊ लंबा भाषण ख़त्म हो गया - तो मैं ऐसे ही सोच रहा था कि मोदी नया क्या बोले ??

और तब मुझे याद आया कि मोदी दो बकवास नई कर गए ....
पहली - नितीश के द्वारा कल कविता पाठ से कुंठित हो मोदी इसे ३ इडियट की पैरोडी बता कलप लिए ....
और दूसरी - बोले कि नितीश को सरकार चलाना नहीं आता ....

मोदी जी ने यह चुटकी लेने की कोशिश करी कि महागठबंधन के ३ पार्टनर - जदयू राजद और कांग्रेस - और नितीश की पैरोडी भी ३ इडियट्स पर .... पर मुझे दुःख तब हुआ जब मैनें कल्पना करी कि अब लालू बोलेंगे .... ये नरिन्दर मोदी हमें इडियट बोला - इडियट तो सबसे बड़ा ये खुद है - कल मेरी बेटी के लिए 'सेट' जैसे बाजारू शब्द का प्रयोग किया .... आदि !!

यानि अब नई नई गालियां सुनने को मिलेंगी - और प्रधानमंत्री की इज़्ज़त की वाट लगेगी ....

फिर मुझे हंसी भी आई कि मोदी बोले - नितीश को सरकार चलाते नहीं आता .... वो इसलिए कि जो अभी खुद अपनी सरकार नहीं चला पा रहा हो - जो अपने बिहारी सांसद शत्रु भाई को साध ना सका हो - जो अपने ४-६ नेताओं की बकवास तक बंद ना कर सका हो - जिसकी बात खुद उसकी पार्टी में कोई सुन नहीं रहा हो - जिसे आज ही अरुण शौरी जैसे काबिल व्यक्ति ने अभी तक का सबसे कमज़ोर प्रधानमंत्री बताया हो - जिसके राज्य में दाल का भाव २०० के पार हो गया हो - और जिसके बारे में चुटकुले सोशल मीडिया और अखबारों में छा रहे हों - वो प्रदेश के एक मुख्यमंत्री को ऐसा कुछ कहे ?? ....

पर ठीक है इतना तो चलता ही है - चुनावी रैली है - ऐसा तो बोला ही जाता है .... 

और इसलिए मैं भी ऐसा कुछ लिखता रहता हूँ - चुनावी माहौल जो है - जब सब अपनी मर्ज़ी से बोलते हैं तो मैं भी अपनी मर्ज़ी से लिख ही सकता हूँ .... मोदी जी अब बुरा मत मानियेगा !! प्लीज़ !!

Monday 26 October 2015

// महत्त्वपूर्ण प्रश्न है कि क्या डॉन दाऊद की भी कोई पत्नी है या नहीं ?? ..//


६० वर्षीय छोटा राजन २० साल से भारत से भागा हुआ था - पर आज तो गज़ब हो गया - उसको इंडोनेशिया में इंडोनेशिया की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है - ऑस्ट्रेलिया की मदद से .... और यह निश्चित ही भारत सरकार की महान उपलब्धि माननी ही पड़ेगी .... !@#$%!

उपलब्धि इतनी महान है कि अब हमारे शेर किसी ना किसी देश की मदद से दाऊद को भी गिरफ्तार करके ही मानेंगे .... शीघ्र ही बयान आने वाले हैं कि अब कोई भी डॉन नहीं बचेगा .... ये मोदी सरकार है .... बोलती तो है ही नहीं - बस कारगुजारी कर गुजरती है .... हा ! हा !! - हाँ !!!

पर क्या ललित मोदी जी भी किसी देश की मदद से कभी पकड़ाएंगे ?? .. या कोई देश उन्हें गिरफ्तार कर भारत से कहेगा कि लो पकड़ लिया ले जाओ अपना चम्पू ....
या फिर ऐसे ही चलता रहेगा कि कोई देश कहेगा कि पकड़ रखा है छोड़ना तो नहीं ?? .. और हम कहेंगे - छोड़ना नहीं पर जाने दो .... घूम फिर आने दो .... बेचारे की एक पत्नी है - बीमार है ....

इसलिए महत्त्वपूर्ण प्रश्न है कि क्या दाऊद की भी कोई पत्नी है या नहीं ?? और यदि है तो कहीं बीमार तो नहीं ?? और यदि स्वस्थ है तो मेरी गारंटी है कि अब डॉन दाऊद को हमारे लौहपुरुष से कोई नहीं बचा सकता - सुषमा भी नहीं .... हा ! हा !! - हाँ !!!

// आरक्षण का रक्षण - या - षड़यंत्र ?? ....//


आज अभी बिहार से बक्सर की चुनावी रैली में मोदी जी ने स्पष्ट कर दिया कि वे वर्तमान में चल रहे आरक्षण के रक्षण में अपनी जान लगा देंगे - और किसी भी प्रकार का परिवर्तन मान्य नहीं होगा ....

यानि स्पष्ट हो गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत ने जो आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी उसे मोदी ने सिरे से ख़ारिज कर दिया .... कम से कम बिहार चुनाव तक तो पक्का - नो पलटी ....

साथ ही मोदी ने यह भी कहा कि दलित अतिदलित पिछड़े अतिपिछड़े के आरक्षण में से ५-५% आरक्षण वापस ले किसी विशेष सम्प्रदाय को देने का षड़यंत्र रचा जा रहा है ....

मोदी का उपरोक्त बयान मैं आधारहीन तथ्यहीन तथा सांप्रदायिक मानता हूँ - और इसलिए इसकी भर्त्सना करता हूँ .... मैं यह भी प्रश्न करता हूँ कि आरक्षण का संवेदनशील विषय तो सरकारों के अध्यधीन होता है - तो क्या सरकारें भी षड़यंत्र करती हैं ?? तो क्या ऐसा षड़यंत्र भाजपा शासित प्रदेशों में भी होना संभव है ?? यदि हाँ तो क्या आपकी केंद्र सरकार भी कोई षड़यंत्र तो नहीं कर रही ?? आरक्षण के नाम पर सांप्रदायिक षड्यंत्र ??

और मैं यह भी प्रश्न करना चाहता हूँ कि क्या मोदी जी आपने "आर्थिक आधार पर आरक्षण" के मुद्दे को भी सिरे से ख़ारिज कर दिया है ?? यदि हाँ तो इतना बोले फिर इस विषयक खुल के क्यों नहीं बोले ?? कहीं षड़यंत्र आप ही तो नहीं कर रहे - गैर आरक्षित आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब के विरुद्ध ??

// क्या कहा ?? .. बिहार हार के जवाबदार नरेंद्र मोदी घोषित होंगे ?? ..//


भाजपा पार्टी वाले नरेंद्र मोदी की बिहार में कल ४ चुनावी रैलियां हो गईं पर अब भी १३ रैलियां शेष हैं .... और लगता है इसके बाद मोदी जी प्रधानमंत्री के रूप में वापसी करेंगे और विदेश रवाना होंगे ....

सबको याद होगा कि दिल्ली के चुनाव में भी मोदी ने कुछ ऐसा ही किया था - अपने आप को अकेले झोंक दिया था - सभी स्थानीय नेताओं को इधर उधर कर स्वयं ही नायक के अंदाज़ में रैलियां करी थीं - और प्रधानमंत्री की साख भी दांव पर लगा अंततः उसकी वाट लगा दी थी ....
और जो कुछ भी कहा था किया था वो इतना घटिया स्तर का था कि परिणाम आए थे - ३ / ७० ....

और मुझे याद है कि तब सकपकाए भाजपाई खिसियाते हुए कहे थे कि दिल्ली की हार की विवेचना होगी - और देखा जाएगा कि हार की जवाबदारी किसकी बनती है .... और मेरी समझ अनुसार तो विवेचना हुई होगी और हार के जवाबदार जानदार मोदी ही निकले होंगे क्योंकि यदि कोई और मरियल निकला होता तो बात सार्वजनिक हो गई होती ....

अतः मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार भी भाजपा की बिहार हार की विवेचना होगी .... और इस बार तो कोई 'किरण बेदी' भी ना होने के कारण यही तथ्य सामने आएगा की हार के जवाबदार जानदार मोदी ही हैं - नरेंद्र मोदी ....
पर दिल्ली से भिन्न मुझे लगता है कि हार का ठीकरा इस बार मरियल मोदी पर फोड़ा जाएगा - जी हाँ सुशील मोदी पर .... और ठीक भी है .... हर बार जानदार नरेंद्र मोदी ही क्यों - इस बार सुशील मोदी क्यों नहीं ?? और अगली बार जानदार शानदार ललित मोदी क्यों नहीं ??

और जो मेरी बात से सहमत ना हो तो मैं उसे चुनौती देता हूँ कि आज लिख दे कि बिहार हार के जवाबदार घोषित रूप से नरेंद्र मोदी ही होंगे .... है किसी जानदार में इतनी हिम्मत ????

// आज ख़ुशी का दिन - गीता बिटिया की घर वापसी ....मीडिया में जश्न ..//


हमारे देश की एक बिटिया गीता १४ साल के पाकिस्तान वास के बाद आज राज़ी ख़ुशी सही सलामत भारत वापस आ गई - घर वापसी मुकम्मल हुई ....

इसलिए आज ख़ुशी का दिन है .... और इसलिए इच्छा होती है कि कम से कम आज तो नारे लगाए जाएं - पाकिस्तान ज़िंदाबाद - भारत ज़िंदाबाद - पाकिस्तान-भारत की दोस्ती ज़िंदाबाद - और हाँ !! इंसानियत ज़िंदाबाद !!!!

बाकी के नारों के लिए तो कल भी आएगा परसों भी तरसों भी .... तब आह भर लेंगे दाल के नाम - साम्प्रदायिकता के ज़हर के नाम .... निपट लेंगे पाकिस्तान को .... फिर कोस लेंगे उस मानसिकता को जिसने ना 'हिन्दू' को बख़्शा ना 'मुसलमान' को - उस घर वापसी को जो हमारे ही घर बर्बाद कर गई ....

तो आइये घर वापसी के जश्न में शामिल हों - मीडिया के जश्न में शामिल हों - सरकारी जश्न में शामिल हों - और कुछ समय निकाल मोदी सरकार और सुषमा स्वराज का भी अभिनन्दन कर लें .... !!!! धन्यवाद !!!!

Sunday 25 October 2015

// कुछ मोदी नाराज़ - कुछ मोदी से नाराज़ .... खुश तो कोई भी नहीं .... //


मोदी आजकल अपने आप को नाराज़ दिखा रहे हैं .... अपनी पार्टी के कई नेताओं से नाराज़ .... जो बेलगाम बोलते हैं - समस्या आमंत्रण जैसा बोलते हैं .... कुत्तों के बारे में बोलते हैं ....

पर मैं देख रहा हूँ कि भाजपा पार्टी में भी कई नेता हैं जो उल्टे मोदी से नाराज़ हैं ....

इसलिए कि मोदी वो नहीं बोल रहे हैं जो वो सांप्रदायिक नेता चाहते हैं कि मोदी भी बोलें .... मसलन कुत्तों के पिल्ले के बारे में ....
और मोदी वो भी नहीं बोल रहे हैं जो कुछ बाकी धर्मनिरपेक्ष नेता चाहते हैं कि मोदी बोलें .... मसलन जो महामहिम राष्ट्रपति बोल रहे हैं ....

यानि कुल मिलाकर .... मोदी अपनी पार्टी के नेताओं से बोलने के कारण नाराज़ हैं - और पार्टी नेता मोदी से ना बोलने के कारण नाराज़ हैं ....

और जनता है कि इन सब बड़बोलों से और मौन मोदी से नाराज़ है .... इसका एक कारण यह भी है कि अब तो 'विकास' की आवाज़ आना तक बंद हो गई है .... अब तो बस या तो बकवास है या सन्नाटा !!!!

तो प्रश्न उठता है कि खुश कौन है ??

खुश कोई नहीं है .... खुश मैं भी नहीं हूँ .... देश के ऐसे हालात पर खुश कोई हो भी कैसे सकता है ?? .... यहां तक कि मैं आजकल भक्तों को भी उदास ही देख रहा हूँ .... निराशा के साथ खिसियाई सी उदासी ....
 जो बस अब शीघ्र ही नाराज़गी में परिवर्तित होने वाली है ....

// मेरी सीधी बात .... मोदी जी !! देश हीरो आप ज़ीरो ....//


आज फिर मन की बात में मोदी जी को सुना ....

मोदी जी ने उन्मुक्त हो कई लोगों की तारीफ करी - बच्चों की तारीफ - उनको सन्देश भेजने वालों की तारीफ - कई सांसदों की तारीफ - कई मीडिया चैनलों की तारीफ - और कई कार्यों की तारीफ .... और इसके अलावा जो बोला वो कुछ भाया नहीं ...

तारीफ सही थी - पर मैं सोच रहा था कि 'वो' 'अच्छे दिन' कब आएंगे जब हम भी मोदीजी के कार्यों की तारीफ कर सकें ??

पर अभी तक के मोदी जी के क्रियाकलापों से लगता नहीं कि मोदी जी के रहते 'ऐसे' या 'वैसे' या 'कैसे' भी अच्छे दिन आएंगे - क्योंकि मोदी जी !! देश भले ही हीरो है पर आप अभी तक ज़ीरो ही हैं ....

Friday 23 October 2015

// बारूद के ढेर पर बैठ बीड़ी पीने से आपके 'अच्छे दिन' भी नहीं आने वाले ..//


और आज सरकार के साथ-साथ साहित्य पर संग्राम भी सड़क पर आ गया ....

ज्ञातव्य हो कि साहित्यकारों द्वारा देश के हालात के खिलाफ अपने सम्मान लौटा दिए गए थे .... और लगातार लौटाए जा रहे थे ....

और आज कुछ और साहित्यकार दिल्ली में एक मौन जुलूस निकाल रहे हैं - मुहँ पर काली पट्टी बांधे .... विरोध हो रहा है कुलबर्गी की हत्या का - और आज के हालात हालातों का ....

पर साथ ही कुछ पोस्टर भी दिखे जिसके द्वारा विरोध उन साहित्यकारों का भी हो रहा है जिन्होनें पुरूस्कार लौटा दिए थे .... 

प्रथम दृष्टया लगता है कि साहित्यकार भी राजनीति का शिकार हो कर रहेंगे .... कुछ पैदाइशी दरबारी थे - कुछ दरबारी हो गए थे - कुछ दरबारी हो जाएंगे - कुछ तटस्थ दरबारी करार दे दिए जाएंगे - और कुछ दरबारी तटस्थ घोषित हो सम्मानित कर दिए जाएंगे .... और सम्मानित ना होने वाले कुछ एक दरबारी अपने आप को असम्मानित मान कलपते बिलखते रहेंगे ....

समाज बांटा गया .... हिन्दू मुसलमान में .... जातियों में .... अमीर गरीब में .... 
और आज साहित्यकार भी बाँट दिए गए .... पुरूस्कार लौटाने और ना लौटाने वालों में .... दरबारी और गैरदरबारी में ....

पर मैं कुछ अलग भी सोचता हूँ .... ये ओछी राजनीति साहित्यकारों को बाँट सकेगी कि नहीं यह तो नहीं कह सकता - पर ये ज़रूर मानता हूँ कि मात्र एक नैसर्गिक साहित्यकार यदि अपनी वाली पर आ जाए तो टुच्चों की राजनीति की धज्जियां उड़ा सकता है ....

मसलन .... मोदी ने कितनी बकवास कर ली पर क्या वे कभी दिनकर की एक लाइन का भी मुकाबला कर सके या कर सकेंगे - "सिंहासन खाली करो कि जनता आती है" .... कदापि नहीं ना !!!!

इसलिए इस मोदी सरकार को अपनी साहित्यिक भाषा में कहना चाहूँगा कि .... बारूद के ढेर पर बैठ बीड़ी पीने से आपके 'अच्छे दिन' भी नहीं आने वाले .... मुगालते में मत रहना - सावधान !!!!

Thursday 22 October 2015

// इन्हें दुःख होता तो ये कुत्तों और इंसानों में फर्क करना सीख ही जाते ....//


और अबकी बार !! .... हरियाणा में दो दलित बच्चों की हत्या पर बोले वी के सिंह - जी हाँ पूर्व सेनाध्यक्ष एवं वर्तमान में मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री वी के सिंह !! .... और बोले भी तो क्या बोले .... कोई कुत्ते को पत्थर मार दे तो क्या सरकार जिम्मेवार है ??

मेरी प्रतिक्रिया ....

यदि कोई कुत्ते को पत्थर मार दे तो सरकार कत्तई जिम्मेवार नहीं .... बिलकुल ठीक ....
पर यदि कुछ कुत्ते किसी को पत्थर मार दें तो ?? .... तो भी क्या सरकार कत्तई जिम्मेवार नहीं ??
या फिर जब कुछ कुत्तों ने किसी को जान से मार ही दिया है तो ?? .... तो भी क्या सरकार कत्तई जिम्मेवार नहीं ??

यदि सरकार जिम्मेवार ही नहीं तो मेरी समझ में नहीं आता कि ये वी के सिंह इतना बोलते क्यों हैं ?? .... कहीं इसलिए तो नहीं कि - यदि कोई कुत्ते का पिल्ला हमारी कार के नीचे आकर मर जाता है तो दुःख तो होता है कि नहीं ?? होता है ssss !!!! ....

दुःख होता है ???? लगता तो नहीं .... दुःख होता तो मंत्री जी और प्रधानमंत्री जी आप कुत्तों और इंसानों में फर्क करना सीख ही जाते .... है ना ??

Wednesday 21 October 2015

// आज तो मैं भी 'हज़ारे' हो गया ... //


आदरणीय प्रिय मित्रो !! .. आज मैंने अपने ब्लॉग << http://bpdua.blogspot.in >> पर अपना 1000  वाँ पोस्ट डाला है .... और सभी पोस्ट्स मैं 'facebook' पर आपसे साँझा भी करता रहा हूँ .... 

मैं एक इंजीनियर हूँ - शासकीय सेवा में खपा रहा था - और कभी लिखूंगा ऐसा कभी सोचा ना था ....

पर पहले अन्ना से प्रभावित हुआ - फिर केजरीवाल से - फिर मोदी से - और बस यूँ ही लिखना शुरू कर दिया .... पहले 'facebook' पर और फिर अपने 'ब्लॉग' पर ....

फिर एक मुकाम ऐसा आया कि लगा मोदी इस देश के लिए उपयुक्त नहीं - और स्वहित और देशहित में केजरीवाल का साथ देना आवश्यक है .... और यह भी लगा कि साम्प्रदायिकता एक ज़हर है - और धर्म जाति और राजनीति का घालमेल इस देश को बर्बाद कर देगा ....

और तब स्वतः ही कलम चलने लगी और शायद पैनी होती चली गई - शायद गुस्सैल भी होती चली गई ....
  
ब्लॉग पर मैंने नियमित रूप से फरवरी २०१४ से लिखना शुरू किया था .... तब से अब तक का सफर बहुत ही सार्थक रहा - क्योंकि इस दौरान मेरा कई विषयों पर चिंतन हुआ - पठन-पाठन भी हुआ - और विचारों में बदलाव भी हुआ ....बहुत से दोस्त जुड़े - बहुत प्रोत्साहन मिला - प्रशंसा और आपके कमेंट्स से उत्साह वर्धन हुआ ज्ञानवर्धन हुआ - और आलोचना से सुधार .... और कुछ बड़ों का प्यार भरा आशीर्वाद भी प्राप्त हुआ ....

और इसलिए कह सकता हूँ कि मैं खुशनसीब कृतार्थ हुआ - और अपने १००० वें पोस्ट के साथ आज मैं भी 'हज़ारे' हुआ ....  

आप सब मित्रो का इस सफर में साथ देने के लिए तहे दिल से नमन .... उम्मीद रखता हूँ आप सबका सहयोग ऐसे ही मिलता रहेगा .... भरपूर मार्गदर्शन के साथ .... ज़िंदादिल कमेंट्स के साथ .... आपकी दुआओं के साथ ....

!!!! धन्यवाद !!!! जय हिन्द !!!!

// दादरी की घटना एक साज़िश थी .... मोदी सरकार का बनना एक हादसा ....//


मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा शायद यही सिद्ध करने का प्रयास करते रहे थे कि दादरी की घटना एक 'हादसा' थी .... दुखद हादसा .... बहुत दुखद हादसा .... पर बस हादसा !!!!

पर आज अल्पसंख्यक आयोग की रपट आ गई है जिसमें दादरी हत्याकांड को एक साज़िश बताया गया है .... कुत्सित साज़िश .... जी हाँ !! साज़िश !!!!

और इसलिए सबकुछ देख परख - ईश्वर द्वारा प्रदत्त बुद्धि सदुपयोग अनुसार - मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ कि ....

दादरी की घटना घटित हो जाना एक साज़िश थी ....
और मोदी सरकार का बनना एक हादसा .... 

Monday 19 October 2015

// मोदी जी !! इन्हें "अच्छे दिन" कहें या "काले दिन" ..//


और आज जम्मू-कश्मीर के विधायक इंजीनियर रशीद के मुहं पर दिल्ली में कालिख पोत दी गई ....
उनका कृत्य यह था कि उन्होंने 'बीफ पार्टी' दी थी ....

इसके पहले कालिख सुधींद्र कुलकर्णी के मुहं पर भी पोती गई थी - पर मुंबई में - उनका कृत्य था पाकिस्तानी कसूरी की किताब का विमोचन करने की ज़ुर्रत करना ....

और तब भाजपा ने टेका लगाया था इसमें मोदी कर ही क्या सकते हैं .... महाराष्ट्र जाने वहां की कानून व्यवस्था ....

इसलिए तय हुआ कि घटना मुंबई में हो या दिल्ली में या दादरी में या कर्नाटक में या हिमाचल में - या देश के किसी भी अन्य कोने में - मोदी जी कुछ कर ही नहीं सकते ....

पर मेरा कहना है कि कुछ एक प्रश्न का जवाब तो दे ही सकते हैं ....

मोदी जी !! इन्हें "अच्छे दिन" कहें या "काले दिन" ????

मुझे तो देश के हालात पर चिंता हो रही है और शर्म भी आ रही है .... मोदी जी आपको कैसा लग रहा है ????

// साहित्यकारों की मौलिक रचनाओं के मुकाबले क्या 'मोदीजाप' टिकेगा ? ..//


कल एबीपी न्यूज़ चैनल पर 'साहित्यकार और सरकार' पर बहस हो रही थी ....

भाजपा और आरएसएस के गैरसाहित्यिक फूहड़ प्रवक्ताओं द्वारा चिल्ला चोट मचाई गई - कपड़े फाड़े गए - और रट लगा दी कि फलां-फलां समय इन साहित्यकारों ने अपने पुरूस्कार लौटाने जैसा धाँसू और असरकारक कदम क्यों नहीं उठाया - अब ही क्यूँ - ये मोदी के विरुद्ध साज़िश है - ये कुछ कोंग्रेसियों और वामपंथी साहित्यकारों का षड़यंत्र है - ये सारे साहित्यकार 'दरबारी' हैं ....

और साहित्यकारों ने भी फिर धाँसू प्रतिकार कर मारा - साहित्यिक स्टाइल में - एक के बाद एक घरेलू उत्पाद मौलिक खालिस डायलॉग जुमले टोंचे व्यंग तीर आदि का उपयोग कर ....

और उनमें से एक साहित्यकार मुनव्वर राणा ने तो फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को भी मात दे ऑन-लाइन ही अपना पुरूस्कार लौटा मारा - और धर दिया पारदर्शी डिब्बाबंद ट्रॉफीनुमा पुरूस्कार वहीँ मेज पर एक लाख के चेक के साथ ....
और फिर दे मारे कुछ लाख-लाख रूपये से भी कहीं अधिक मूल्य के घरेलू निर्मित डायलॉग - जिनकी बानगी देखिये ....

मैं रायबरेली से आता हूँ - सत्ता मेरे शहर की नालियों से बहते हुए ही दिल्ली तक पहुँचती थी ....
मैं मुसलमान हूँ मुझे पाकिस्तानी भी करार दिया जा सकता है ....
देश में बिजली के तार नहीं जुड़े हैं लेकिन मुसलामानों के तार दाऊद से जोड़ दिए जाते हैं ....

तो अब मैं सोच रहा था कि भाजपा क्या करेगी .... क्या वो भी कोई टक्कर के डायलॉग देगी ??

अरे छोड़िये जनाब ये फूहड़ लोगों की औकात नहीं कि साहित्यकारों का मुकाबला कर सकें .... इनके प्रतिकार की औकात तो बस एक ही डायलॉग एक ही वक्तव्य एक ही छंद एक ही शेर एक ही श्लोक और एक ही जुमले तक सीमित है और वो है .... फटे गले से बोले गए शब्द .... मोदी ! मोदी ! मोदी ! ....

तो मित्रो आगे-आगे देखिएगा कि फ्री फ़ोकट की घरेलू निर्मित साहित्यिक गालियां कितनी असरकारक सिद्ध होती हैं और - मोदी ! मोदी ! मोदी ! का क्या हश्र होता है .... भरपूर मनोरंजन के लिए तैयार रहें !!!!

Sunday 18 October 2015

// केजरीवाल चैन से ना बैठे हैं ना बैठेंगे ....यकीनन .... //


दिल्ली  की जनता ने बहुत बेचैन हो केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद पर बैठाया था ....

पर भाजपा और मोदी को ऐसा होना सहन नहीं हुआ - हजम भी नहीं हुआ .... और ठान ली गई कि चाहे जो हो जाए - केजरीवाल को चैन से बैठने नहीं देंगे ....

और मुझे लगता है - मोदी सफल हुए - भाजपा सफल हुई ....

केजरीवाल चैन से नहीं बैठे हैं .... ....यकीनन ....

प्रत्यक्ष प्रमाण - आज केजरीवाल ने घोषणा कर दी है कि वे मोदी को चैन से सोने नहीं देंगे ....

भाजपा और मोदी को बधाई ....

// मर्ज़ी आपकी - चुटकुले पर हँस लें या हालात पर रो लें .....//


और अभी-अभी एक बार फिर खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई भाजपाई नेताओं द्वारा दिए जा रहे विवादित बयानों पर नाराज़गी व्यक्त की है .... और बताया जा रहा है कि विवादित बयान देने वाले नेताओं को पार्टी द्वारा चेतावनी भी जारी कर दी गई है .... 

और आज सुबह ही मैनें अखबार में एक चुटकुला पढ़ा है .... जो अक्षरशः निम्नानुसार है >> 
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छगन बहुत ही उम्दा नस्ल का महंगा कुत्ता लेकर आया .... पहले ही दिन कुत्ते ने ड्राइंग रूम में कालीन पर गंदगी कर दी .... छगन ने उसे डांटा - 'अब अगर दोबारा यहां गंदगी की तो खिड़की से बाहर फेंक दूंगा ' ....

दुसरे दिन कुत्ते ने फिर कालीन पर गंदगी कर दी ....छगन ने उसे खिड़की से बाहर फेंक दिया ....

लगातार दस दिन तक यही चलता रहा .... कुत्ता कालीन पर गंदगी करता और छगन उसे खिड़की से बाहर फेंक देता ....

आखिर ग्यारहवें दिन हालात बदले ....
कुत्ते ने कालीन पर गंदगी की और खिड़की से बाहर कूद गया ....
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मित्रो !! मर्ज़ी आपकी !! .... चुटकुले पर हँस लें - या - हालात पर रो लें ....

धन्यवाद !!!!

// अगली बार वोट लेने आना तो गले में गाय समेत रस्सी बांध कर आना ..//


हिन्दू क्या गौमाँस खाता है ??
क्या एक भी हिन्दू गौमाँस  नहीं खाता ??
क्या साधू संत भी माँस खाते हैं गौमाँस भी खाते हैं या खा लेते हैं या नहीं खा सकते ....??
क्या कभी ऋषि मुनि भी गौमाँस खाते थे ??

उपरोक्त अनेक प्रश्नों का उत्तर तो एक ही है .... कि सामान्यतः और अधिकांशतः हिन्दू गौमाँस नहीं खाते !!!!

पर ये गौमाँस खाया तो बहुत ही जाता है - और इसलिए इसका आयात निर्यात भी होता है - और इसलिए इसका धंधा भी होता है - और इसलिए इसका धंधा मुनाफे का भी होता ही होगा ....

इसलिए प्रश्नों की श्रंखला में एक और प्रश्न जुड़ता है कि क्या सामान्यतः और अधिकांशतः हिन्दू गौमाँस का धंधा करते हैं या नहीं ??

और उपरोक्त प्रश्न का उत्तर मेरी समझ अनुसार तो यही है कि - करते हैं .. धंधा तो करते हैं ....

और चूंकि गौमाँस तो गाय का ही होता है - किसी अन्य जानवर या जनावर का तो माना नहीं जा सकता - तो क्या हिन्दू गौवध के भी दोषी नहीं हुए ?? या कि हुए ??

अरे बाप रे बाप !! ये क्या लिखा गया माफ़ करें - इतना संवेदनशील - टुच्चा - लुच्चा - बेहूदा - भड़काऊ - सेक्युलर - ऊटपटांग - गलत - असहनीय - बकवास प्रश्न ????

अरे माफ़ भी कर दें गलती हो गई मुझ से .... चलो मैं प्रश्न बदल देता हूँ ....

क्या ये गाय का माँस किसी की जान लेता है ?? दंगे करवाता है ?? "विकास" खा जाता है ???? ....

क्या कहा ?? मेरे ये प्रश्न भी आपको बेतुके ही लगे - या अच्छे नहीं लगे ?? ....

तो ठीक है - गौ माँस के बारे में आप विमर्श करते रहें - मैं "विकास" के बारे में ही सोचता हूँ ....

पर मेरी एक हिदायत भी सुन लें .... खबरदार ! सावधान !! जब अगली बार वोट लेने आना तो अपने गले में गाय समेत गाय की रस्सी बांध कर आना .... और विकास पुत्तर को घर छोड़ आना .... समझे !!!!

Saturday 17 October 2015

// नितीश सही बोले - मोदी जी अच्छे दिन की छोड़ो पुराने दिन ही लौटा दो !! ..//


और आज नितीश कुमार ने मेरे मन की बात कह दी ....
मोदी जी अच्छे दिन की छोडो - पुराने दिन ही लौटा दो !!!!

मुझे यह बात इसलिए जँच गई क्योंकि ....

महंगाई की मामले में यह सरकार दयनीय साबित हो चुकी है - इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है .... दालों के दाम - और हर ज़रुरत की चीज़ों के बढे और बढ़ते दाम ....

सामाजिक मामलों पर यह सरकार दयनीय साबित हो चुकी है - इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है दादरी जैसी घटना - और समाज में धर्म के नाम पर वैमनस्य का फैलाया जाना ....

कानूनी मामलों पर यह सरकार दयनीय साबित हो चुकी है - इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है - सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'NJAC' को असंवैधानिक करार देना .... और आज तक एक भ्रष्टाचारी के विरुद्ध कोई कार्यवाही का ना होना - 'जीजाजी' से डर जाना - और ललित मोदी का मानवीय आधार पर ऐश करते रहना ....

संसदीय मामलों पर यह सरकार दयनीय साबित हो चुकी है - इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है - संसद ठप्प रहना और भूमि अधिग्रहण बिल का वापस लेना - और GST बिल का पास ना करवा पाना ....

विदेशी मामलों में यह सरकार दयनीय साबित हो चुकी है - इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है - पाकिस्तान का स्वछंद बर्ताव और नेपाल जैसे मित्र देश का हमसे मोहभंग .... तथा अन्य देशों के बेवकूफ बनाने वाले वादों के बाद निरंक सा निवेश ....

अनुशासन और प्रशासन के मामलों में भी यह सरकार दयनीय साबित हो चुकी है - इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है - ना तो कोई अनुशासन में है ना कोई प्रशासन दे पा रहा है .... और तो और मोदी की तो कोई सुन ही नहीं रहा .... सब गाली गलौज कर स्वयं की छवि बिगाड़ने में ही व्यस्त हैं ....

और तो और .....

"बड़बोली" के मामलों में भी यह सरकार दयनीय साबित हो चुकी है - इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है - लालू के मुकाबले मोदी का फीका पड़ना .... लालू के मोदी की नक़ल वाले वीडिओ ज्यादा चल रहे हैं - मोदी के ओरिजिनल कोई भी नहीं देख पसंद कर रहा है ....

और अब तो "रैली" के मामले में भी मोदी हंसी के पात्र बन रहे हैं - पहले दंभ भर रहे थे कि ढेर रैलियां कर बिहार जितवा दूंगा - पर अब रैली करने में डर हिचक रहे हैं ....

और तो और अब तो कला और क्रिकेट के क्षेत्र में भी जगहंसाई हो रही है - ठाकरे बोले थे गुलाम को गाने नहीं दूंगा - और हार्दिक बोले हैं मोदी के गुजरात में मैच नहीं होने दूंगा .... और भले ही कालिख से पोता गया हो कुलकर्णी का चेहरा - पर मुँह तो काला सरकार का ही हो गया ....  

इसलिए नितीश ने सही कहा - मोदी जी पुराने दिन लौटा दो ....
और केजरीवाल भी सही बोले - बिहार चुनाव में मोदी हार रहे हैं और नितीश जीत रहे हैं ....

और मैं भी कुछ ऐसा ही कह रहा हूँ .... मोदी जी !! बस बहुत हुआ - इस देश को बख्श दो - पुराने दिन लौटा दो - बस !! .... चाहे तो चाय का ठेला फिर लगा लो !! .... हमें कोई आपत्ति नहीं !!!!

Friday 16 October 2015

// कोई भौंकेगा नहीं .... छूssss !! .... ?? ..//


खबर आ रही है कि मोहनलाल खट्टर ने एक अंग्रेजी अखबार में दिए इंटरव्यू में कह दिया है कि - मुसलमान इस देश में रह सकता है पर उसे बीफ खाना छोड़ना पड़ेगा ....

ज्ञातव्य हो कि खट्टर कोई आम आदमी नहीं - अपितु वो मोदी जी के खासमखास होने के फलस्वरूप उनकी कृपा से हरयाणा के माननीय मुख्यमंत्री हैं ....

मेरा दावा है - उपरोक्त बयान पर बयान और फिर उस पर बयान और फिर हंगामा आरोप प्रत्यारोप खंडन होंगे .... होते रहेंगे ....

पर मैं ज़रा अलग सोच रहा हूँ .... मैं सोच रहा हूँ कि इस देश में अरुण जेटली और मुलायम सिंह यादव के अलावा भी कोई है जो मोदी जी की बातों को तवज्जोह देता हो ????

अभी कुछ दिन पहले की ही तो बात है जब मौन मोदी बोले थे - सब राष्ट्रपति की सुनो ....
तो क्या खट्टर को भी यही नहीं कहना चाहिए था कि सब प्रधानमंत्री की सुनो .... क्योंकि प्रधानमंत्री भी तो कुछ दिन पहले बहुत सटीक बातें बोले थे - दादरी काण्ड की निंदा में - भाईचारे के पक्ष में ....

या कहीं ऐसा तो नहीं कि जैसे ....
हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और ....
मोदी के दांव बाहर कुछ और अंदर कुछ और ....

मसलन .... कोई भौंकेगा नहीं .... छूssss !!!!

// तो क्या मोदी एक कानून भी संवैधानिक नहीं बना पाए ?? ....//


उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय में मोदी सरकार द्वारा जजों की नियुक्ति हेतु बनाए गए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग 'NJAC' के गठन को ही असंवैधानिक करार दे दिया गया है .... और सरकार द्वारा पास ९९वें संशोधन को ही असंवैधानिक करार दे दिया है !!!!

और इस नर्णय को ऐसे भी समझा जा सकता है कि जजों की नियुक्ति का कार्य पूर्ववत जजों द्वारा ही किया जाता रहेगा - मोदी द्वारा या मोदी के संभावित हस्तक्षेप के बिना .... 

भक्त और भाजपा के संबित पात्रा मानेंगे या नहीं - पर मैं तो ऐसा ही मानता हूँ कि उपरोक्त निर्णय मोदी की बदनियती पर कुठाराघात है .... और मोदी सरकार के लिए झटका ....

और मोदी सरकार में एकमात्र मंत्री जो कुछ सामान्य करता दिख रहे थे देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के लिए ये निर्णय एक तमाचा है .... दिल्ली सरकार के कानून मंत्री पर पड़े फर्जी डिग्री वाले तमाचे से भी थोड़ा ज़्यादा !!!!

और अब क्योंकि मोदी सरकार द्वारा बनाया गया एकमात्र महत्वविहीन कानून असंवैधानिक निकला है -  तो अब इसकी जांच भी होनी चाहिए की क्या वाकई मोदी कहे अनुसार मोदी ने रोज़ एक कानून ख़त्म किया या नहीं ?? और यदि कुछ कानून ख़त्म किये भी तो कहीं सही कानून तो ख़त्म नहीं कर दिए - कुछ और असंवैधानिक कानूनों को बनाने की जुगत में ????

Thursday 15 October 2015

// पुरूस्कार तो मैं नहीं लौटाऊंगा ....//


आजकल यूं तो मोदी सरकार का विरोध सर्वत्र ही होने लगा है - पर एकाएक साहित्यकारों का विरोध प्रखर हो नायाब हो चर्चा में अधिक है .... क्योंकि साहित्यकार थोकबंद अपने पुरूस्कार लौटा रहे हैं - कुछ ना कुछ विरोध में - सरकार के विरोध में - देश के दूषित किये जा रहे माहौल के विरोध में ....

लिखता तो मैं भी हूँ - और बहुत लिखता हूँ - और कुछ प्रशंसक कहते हैं खूब लिखता हूँ .... पर मुझे अब तक कोई साहित्य का पुरूस्कार प्राप्त नहीं हुआ है ....

इसका उचित कारण भी है - कि मैं जो लिखता हूँ वो "साहित्य" की श्रेणी में नहीं आता होगा .... और इसलिए ही मुझे साहित्य का कोई पुरूस्कार नहीं दिया गया होगा ....

पर ऐसा भी नहीं है कि मुझे कोई पुरस्कार नहीं मिला .... मिला है और भरपूर मिला है .... वो भी प्रायः भक्तों के द्वारा .... और वो भी "असाहित्यिक" .... सदैव घिसी पिटी गालियों के रूप में ....

और इसलिए मैंने निर्णय किया है कि - ना तो मैं "असाहित्यिक" लिखने से रुकूँगा - और ना ही मैं मुझे इफरात में प्राप्त "असाहित्यिक" पुरस्कार लौटाऊंगा ....

क्योंकि जो "असाहित्यिक" मुझे मिला है - उसे ही मैं अपनी पूंजी समझता हूँ - उसे ही तो मैं असल "साहित्यिक" मानकर शिरोधार्य करता आया हूँ .... वही तो मेरा प्रेरणा स्त्रोत रहा है .... मसलन जब कोई मुझे "बुढऊ" कहता है तो मुझमें एक नई ऊर्जा का संचार हो जाया करता है ....

देश के इस खराब माहौल के इस पड़ाव पर मेरा भक्तों को विशेष धन्यवाद !!!!

// मोदी के डेढ़ साल - दाल तीन गुना - फिर भी दादरी दाल पर भारी - क्यों ?? ..//


देखते देखते मोदी सरकार के करीब डेढ़ साल पूरे हो गए ....
और देखते देखते दाल के भाव तीन गुना बढ़ गए ....

जिस अंदाज़ में मोदी फेल हुए उसकी चर्चा तो बहुत हुई ....
पर जिस अंदाज़ में और जिस अनुपात में दाल के दाम बढे हैं उस अनुपात में चर्चा ना हुई ना हो रही है ....

अब इस तथ्य से यदि कोई ये निष्कर्ष निकाले कि दाल के दाम बढ़ना कोई अहम मुद्दा ही नहीं - तो मान कर चलिएगा कि ऐसा माननेवाला खाया-पिया गर्राया हुआ कोई अहमक ही हो सकता  है ....

क्योंकि मेरा ऐसा मानना है कि दाल का मुद्दा एक वास्तविक गंभीर मुद्दा है - और ये मुद्दा तो बना भी हुआ है ..... पर इस देश का गरीब है कि स्वयं खाली पेट भूखा होते हुए भी 'साम्प्रदायिकता' को बर्दाश्त नहीं कर सकता ....

इसलिए जब तक मध्य वर्ग साहित्य वर्ग बुद्धिजीवी वर्ग राजनैतिक वर्ग उच्च वर्ग और मोडिया मीडिया "साम्प्रदायिकता" के मुद्दे पर बड़े आराम से बहस कर रहा है मज़े ले रहा है - तब तक गरीब मन मसोस कर राष्ट्रहित में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए और अपने बड़प्पन का प्रदर्शन करते हुए भूखे पेट चुप है - सन्न है .... क्योंकि शायद वो भी 'साम्प्रदायिकता' को भुखमरी और मृत्यु से भी भयावह मानता है !!!! 

और इसलिए गरीब की बदौलत ही इस देश में साम्प्रदायिकता का मुद्दा सबसे अहम मुद्दा बना हुआ है....
// दादरी का मुद्दा दाल पर भारी पड़ा हुआ है // .... जी हाँ !! 'गरीब की बदौलत' !!!! 

और निकम्मी जूँ  है कि मोदी के कान में रेंगने से मना कर रही है ....
शायद इन्हें अब खुजली तब ही होगी जब इनकी दाल इतनी पतली हो चुकी होगी कि गरीब ही इन्हें दाल के मुद्दे पर नहीं बल्कि 'साम्प्रदायिकता' के मुद्दे पर उखाड़ फेंकेगा .... वैसे भी अमीर की औकात ही क्या ????

और इसलिए इस देश के गरीब के त्याग को मेरा अश्रुपूरित नमन ....
और मोदी की चापलूस 'जूँओं' और मोदी को धिक्कार !!!!

Wednesday 14 October 2015

// क्या भूमिका विहीन प्रधानमंत्री की कोई भूमिका नहीं ?? ....//


और अंततः लम्बीsss चुप्पी के बाद - बिहार चुनावों के मद्देनज़र अपने पत्ते फेंटते बदलते देखते छिपाते खोलते - मोदी जी कुछ बोले - आनंद बाजार पत्रिका से बोले .... " दादरी की घटना या पाकिस्तानी गायक के विरोध की घटना दुखद है - मगर इन घटनाओं में केंद्र सरकार की क्या भूमिका है ?? "

और मुझे आश्चर्य हुआ कि मोदी जी के कुछ एक विचार मुझ से भी मिलते हैं - क्योंकि मैं भी तो यही कहता रहा हूँ कि दादरी की घटना या पाकिस्तानी गायक के विरोध की घटना दुखद है ....
और मैं ही क्या - कुछ विचित्र शिवसैनिकों को छोड़ और कुछ अंधभक्तों को छोड़ पूरा देश डंके की चोट पर यही तो कहता रहा था .... था कोई 'पुल्लू का अट्ठा' जिसने ये कहा हो कि दादरी की घटना या पाकिस्तानी गायक के विरोध की घटना सुखद थी ??
हाँ !! बस फर्क इतना रह गया कि मैनें अपनी यही बात आनंद बाजार पत्रिका से करने के बजाय सोशल मीडिया के ज़रिये बहुत पहले और ससमय सार्वजनिक कर दी थी ....

और मैं तो मोदी जी की इस बात से भी सहमत हूँ कि ऐसी घटनाओं में केंद्र सरकार की क्या भूमिका हो सकती है ?? .... नहीं हो सकती .... क्योंकि ये सरकार निकम्मी है - इसमें कुछ अच्छा और आवश्यक कर गुजरने का ना तो कोई जज़्बा है - ना निश्चय - ना काबलियत - ना कूवत - ना हिम्मत - ना अनुभव - ना ही ईमान .... और ना ही इस सरकार के पास कोई आवश्यक भूमिका निभाने वाला नेतृत्व ही है ....

पर जब मैं यह देखता हूँ कि यही भाजपा जब दिल्ली के डेंगू को भगाने में और दिल्ली को साफ़ करने जैसे कार्यों में ना तो 'एमसीडी' और ना ही 'केंद्र सरकार' की कोई भूमिका देखती है तब मुझे यह स्पष्ट हो जाता है कि ये मोदी सरकार मक्कारी से अपनी भूमिकाओं से बचने की भूमिका ही बांधती रहती है .... एक भूमिका विहीन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में .... छिः !!!!

Tuesday 13 October 2015

// साहित्यकारों के विचार अब विचारधारा हो चले हैं - "प्रचण्डधारा" हो चले हैं ..//


आजकल साहित्यकारों द्वारा कालांतर में उन्हें प्राप्त पुरूस्कार लौटाए जा रहे हैं .... वो भी एक के बाद एक .... जैसे शिवसैनिक और भाजपाइयों के भड़काऊ कृत्य और बयान - दे दनादन - एक के बाद एक !!!!

और हमारे देश के संस्कृति मंत्री महेश शर्मा इसे गलत मानते हैं - वे इसमें भी किसी 'विचारधारा' को ढूंढ लेते हैं - और कहते हैं - ये किसी 'विचारधारा' के तहत किया जा रहा है .... यानी दे दनादन - एक और बयान !!!!

मेरे विचार ....

मंत्री जी !! सब कुछ विचारधारा का ही तो दोष है और विचारधारा का ही तो खेल है .... इस सरकार की विचारधारा ही तो सही नहीं है .... इस सरकार की विचारधारा तथाकथित "सबका साथ सबका विकास" की विचारधारा ही तो नहीं है .... इस सरकार की विचारधारा लोगों के धर्म जाति खानपान विचारों आदि की स्वतंत्रता के अनुकूल ही तो नहीं है ....

इस सरकार की विचारधारा भेड़चाली है - जो मोदी से शुरू होकर मोदी पर फिर से शुरू हो जाती है - और आगे ही नहीं बढ़ पा रही है .... यानिकी "ठस" हो गई है ....

और इसलिए विचारक साहित्यकारों के विचार धाराप्रवाह हो चले हैं - विचार 'विचारधारा' हो चले हैं - "प्रचण्डधारा" हो चले हैं ....

इसलिए महेश शर्मा जी !! बेहतर होगा आप विचार करें - "ठस" हो चुकी आपकी विचारधारा से बाहर आकर विचार करें - विचारकों की विचारधारा अनुरूप भी विचार करें ....

और मेरा यकीन करें - आपकी विचारधारा भी बदल जाएगी - मोदी की "ठस" विचारधारा से आगे की "उन्मुक्त" विचारधारा में बदल जाएगी .... ईश्वर आपको विचार करने योग्य बुद्धि दे !!!!

// क्रिकेट के धंधे से जुड़े 'अलीम डार' पाकिस्तानी नहीं ?? तो अंतर्राष्ट्रीय हैं !! ..//


गुलाम अली बहुत अच्छे हैं - गाते भी बहुत खूब हैं - पर हम इन्हें हमारी धरती पर गाने नहीं देंगे .. कारण वो पाकिस्तानी हैं - और पाकिस्तान से हमारी दुश्मनी है ....

कसूरी प्रभावशाली हैसियत हैं - किताब छापे हैं 'विमोचन' के लिए - पर हम विमोचन नहीं होने देंगे .. कारण वो पाकिस्तानी हैं - और पाकिस्तान से हमारी दुश्मनी है ....

अलीम डार - क्रिकेट एम्पायर - आजकल भारत में हैं - भारत दक्षिण अफ्रीका के मैचों में एम्पायरिंग करने के लिए - और इन्हें एम्पायरिंग करने दी जाएगी - बावजूद इसके कि ये पाकिस्तानी हैं - और पाकिस्तान से हमारी दुश्मनी है ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

गुलाम अली और कसूरी यकीनन पाकिस्तानी हैं - और शायद ही उनके किसी कृत्य से पाकिस्तान को शर्मिंदगी महसूस हुई होगी या नुक्सान हुआ होगा ....
निष्कर्ष !! वे अच्छे पाकिस्तानी हैं !!!! 

उद्धव ठाकरे और शिवसैनिक यकीनन भारतीय हैं - और उनके अनेक कृत्यों से भारत को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है और भारत को नुक्सान भी हुआ है ....
निष्कर्ष !! ये अच्छे भारतीय नहीं हैं !!!!

और अलीम डार ????
ये महान हैं - ये किसी देश के बंधन में नहीं - ये प्रभावशाली हैं प्रतिभाशाली हैं और "भाग्यशाली" हैं - खुशनसीब "लक्की फैलो" - क्योंकि ये क्रिकेट के धंधे से जुड़े हैं .... वो धंधा जिससे हमारी कई राजनैतिक पार्टियां जुडी हैं - जिससे हमारे छोटे बड़े कई नेता जुड़े हैं - जिससे 'नमो' भी जुड़े हैं और 'लमो' भी जुड़े हैं ....

निष्कर्ष !! अलीम डार अंतर्राष्ट्रीय हैं - जैसे ललित मोदी .. और ये "निर्णायक" हैं .... जिसको उंगली कर दें वो "आउट" !!!! .... फिर चाहे वो पाकिस्तानी हो या भारतीय हो - चाहे शिवसैनिक हो या भाजपाई हो - मानवीय हो या अमानवीय हो - क्या फर्क पड़ता है ?? .... बस धंधा चलते रहना चाहिए .... केवल धंधा .... 'अच्छे दिनों' का धंधा !!!!

Monday 12 October 2015

// गुनहगार चौराहे पर खड़े हैं .... नंगे .... कोई नए टेके की जुगत में !! ....//


दादरी हत्याकांड हो गया - पीड़ादायक घिनौना काण्ड .... जनता ने पूछा जवाबदार कौन ??

उत्तरप्रदेश की समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार ने दोष आरएसएस भाजपा मोदी सरकार तथा मोदी सरकार के कई मंत्रियों और उनके भड़काऊ बयानों को दिया ....

और वहीं मोदी सरकार के प्रवक्ताओं ने सारा दोष राज्य सरकार पर डाला .... कहा कानून व्यवस्था का जिम्मा राज्य सरकार का - जब मालूम था और अंदेशा था कि ऐसी घटना हो सकती है - तो फिर इंटेलिजेंस क्या कर रही थी - घटना होने ही क्यों दी - इसमें केंद्र सरकार क्या कर सकती थी ???? आदि ....

और आज मुंबई में सुधींद्र कुलकर्णी के मुहं पर कालिख पोत दी गई - पाकिस्तानी जनाब कसूरी के पुस्तक विमोचन के विरोध में ....

और लाइव कैमरों के समक्ष बिन पुते चेहरे वाले पाकिस्तानी कसूरी जी के साथ बैठे सुधींद्र कुलकर्णी के स्याह पुते काले चेहरे के मार्फ़त देश का काला चेहरा भी आज विश्व की नज़रों में आ गया ....

और देश की प्रतिष्ठा की अपूरणीय क्षति हो गई ..... या यूँ कहूँ कि देश की इज़्ज़त की वाट लग गई !!!! 

इसलिए आज मैं भी जनता की तरफ से पुनः पूछता हूँ कि इस शर्मनाक घटना का दोषी कौन ??

क्या ये कानून व्यवस्था का दोष नहीं ?? .. क्या गुलाम अली के निरस्त प्रोग्राम और शिवसेना की खुल्ली जगजाहिर धमकी के बाद ऐसी घटना का अंदेशा नहीं था ?? .. था तो फिर इंटेलिजेंस क्या कर रही थी ?? .. भाड़ झोंक रही थी ?? .. घटना होने ही क्यों दी ?? .. आदि ....

है कोई जवाब ???? .... अरे जनाब !! अपना बिन पुता काला मुहँ क्यों छुपा रहे हो ?? .. मैंने पूछा है कोई जवाब ????????

जवाब तो किसी के पास दादरी का भी नहीं था - ना है - ना हो सकता है ..... पर हां एक शर्मनाक टेका लगा दिया गया था .... जो टेका आज निकल गया है - खिसक गया है - फिसल गया है ....

और मैं देख पा रहा हूँ कि गुनहगार चौराहे पर खड़े हैं .... नंगे .... कोई नए टेके की जुगत में !!!!

// केजरीवाल बोलते रहे - मोमबत्ती जलती रही - वे सुलगते रहे ....//


केजरीवाल बोले - 'मेक इन इंडिया' की जगह पहले 'मेक इंडिया' करो ....
केजरीवाल दादरी की घटना पर पीड़ित परिवार से मिले - और बहुत से बयान दिए - और बयान ही नहीं इस काण्ड पर तो विज्ञापन भी दे दिए - पहले रेडियो पर - और फिर टीवी पर जलती मोमबत्ती वाले ....

और उधर मोमबत्ती जलती रही - और इधर भाजपाई सुलगते रहे .... बोले केजरीवाल को जनता ने दिल्ली की जिम्मेदारी दी थी - दिल्ली में अभी डेंगू फ़ैल रहा है - केजरीवाल डेंगू पर ध्यान दें - ज्यादा राष्ट्रीय नेता बनने का प्रयास नहीं करें ....

पर अब तो डेंगू भी कंट्रोल कर लिया गया है .... तो अब तो केजरीवाल भाजपाई इच्छाशक्ति से उन्मुक्त हो राष्ट्रीय महत्व की बातें कर ही सकते हैं .... मोमबत्ती जला ही सकते हैं - रोशनी फैला ही सकते हैं !!!!

पर मैं सोच रहा था कि ये शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को क्या हुआ है ?? .. इनको तो जनता ने महाराष्ट्र में भाजपा की पिछलग्गू रहते हुए महाराष्ट्र की सीमित जिम्मेदारी भर दी थी - फिर ये ग़ुलाम अली साहब को भगा और कसूरी को कसूरवार ठहरा पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे पर क्यों बकवास कर रहे हैं ?? .. क्यों भाजपाई सुधींद्र कुलकर्णी पर स्याही फिंकवा स्वयं अपना मुहँ काला कर रहे हैं ?? .. वो भी तब - जब मोदी स्वयं अंतर्राष्ट्रीय घुमन्तु बन विदेश मंत्री का कार्य देख रहे हैं कर तो रहे हैं ??

और सुलगते भाजपाई 'अंतर्राष्ट्रीय' राजनीति करने पर उतारू उद्धव ठाकरे के मामले में घुघ्घू जैसे चुप हैं ....
क्यों ?? कहीं इन्हें दिल्ली के 'राष्ट्रीय' डेंगू मच्छर तो नहीं काट गए ????

Sunday 11 October 2015

// "गुड मॉर्निंग"...."गुड नाईट"...."गुड बॉय"....//


बिहार में एक टीचर बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए एक होनहार छात्र से पूछ बैठे - इकबाल के इस शेर का मतलब बताओ ....

खोल आँख जमीन देख ..
फलक देख फ़िज़ा देख ..
मशरिक से उभरते हुए ..
ताज़ा सूरज को देख ..

जवाब - सर इकबाल कह रहे हैं - "गुड मॉर्निंग" ....

टीचर सकपका गए - बोले तुमको तो सब पता है .... तो बताओ ये 'चारा चोर' 'ताड़ीपार' 'नरभक्षी' 'शैतान' 'ब्रह्म पिशाच' का क्या मतलब है ....

जवाब - सर मोदी लालू कह रहे हैं - "गुड नाईट" .... और जनता भी कह रही है - "गुड बॉय" ....

Saturday 10 October 2015

// केजरीवाल की "झूठ फैक्ट्री" .. और .. लालू की "गाली फैक्ट्री" ..//


आपको याद होगा कि मोदी जी ने एक बार सफ़ेद 'झूठ' बोलते हुए केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने "झूठ की फैक्ट्री" खोल रखी है .... और दिल्ली का परिणाम आया '६७/७०' !!

कल फिर मोदी जी ने लालू को 'गाली' देते हुए आरोप लगाया है कि शैतान लालू ने "गाली की फैक्ट्री" खोल रखी है .... देखें बिहार का परिणाम क्या आता है ?? ....

// वाह !! केजरीवाल भी क्या कमाल की राजनीति कर रहे हैं ....//


भाजपा कह रही है कि केजरीवाल अपने भ्रष्ट मंत्री के पकड़े और निकाले जाने पर भी राजनीति कर रहे हैं ....

मेरी राजनीतिक प्रतिक्रिया ....

सही कहा .... केजरीवाल कमाल की राजनीति कर रहे हैं .... और मोदी जी को राजनीति भी करनी नहीं आती है .... क्योंकि वैसे तो भाजपा में भ्रष्ट सर्वत्र पसरे पड़े ही हैं !!!!

इसलिए ही तो वसुंधरा सुषमा शिवराज और सैकड़ों भाजपाई अमित शाह और मोदी के नेतृत्व में केवल राजनीति कर रहे हैं .... काम कुछ नहीं !!!!

और मोदी स्वयं राजनीति छोड़ काम भी तो नहीं कर पा रहे हैं ....

गजब की विडम्बना है भाई !!!!

Friday 9 October 2015

// मोदी ने केजरीवाल की नक़ल करी तो ? .... तो सरकार गिर जाएगी ....//


अरविन्द केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के आरोपों का संज्ञान लेते हुए स्वतः ही अपने ही एक मंत्री असीम अहमद खान को मंत्री पद से हटा दिया .... आरोप ये कि मंत्री ने किसी बिल्डर से ६ लाख रुपये की रिश्वत ली थी ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

भाजपा को वैसे तो विचलित नहीं होना चाहिए था - पर वो जबरदस्त विचलित हो गई है .... 

कारण !! मोदी इतने ईमानदार नहीं - इतने काबिल नहीं - इतने कुशाग्रबुद्धि नहीं - इतने ताकतवर नहीं - इतने दृढ़निश्चयी नहीं - कि अरविन्द केजरीवाल की बराबरी कर सकें .... पर हमेशा मोदी की तुलना केजरीवाल से ही तो की जाती रही है .... और इसलिए मोदी अब केजरीवाल से और कमतर हल्के ही तोले जाएंगे ....

और मोदी मजबूरी में कुछ कर भी तो नहीं सकते .... यदि केजरीवाल स्टाइल में मोदी ने भी २-४ को सरकार या पार्टी से निकालने की नक़ल की - तो सरकार गिर जाएगी .... 

और सामान्यतः जब आप सूरमा होने का दावा करते हुए भी आपके प्रतिद्वंदी के विरुद्ध और प्रतिद्वंदी जैसा  कुछ अच्छा नहीं कर पाते हैं .... तो फिर विचलित होना या चिंतित होना या खिसियाना स्वभाविक ही है ....

और इसलिए अब आप देखिएगा कि खिसियानी बिल्ली टेके कैसे लगाती है .... उस तथाकथित "भगोड़े" केजरीवाल से डर कर कैसे भागती है - खम्बा कैसे चढ़ती है - और कैसे नोचती है ....

कृपया विदित हो कि विचलित भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा की प्रथम प्रतिक्रिया तो मैं देख चुका हूँ - उनके चेहरे पर खिसियाहट चिंता कुढ़न सब झलक रहे थे .... 

और थोड़ी बहुत चिंता कुढ़न तो अब उन मोदी भक्तों को भी हो चली होगी जो १७-१८ महीने की उनकी चहेती सरकार द्वारा कुछ विशेष ना किये जाने के मद्देनज़र खुश नहीं हो सके हैं ....

// एक और पगला बयान - गाय-बकरी में अंतर की तुलना बहन-पत्नी से ?? ..//


भाजपा के द्वारा अपना सारा काम-धाम छोड़ बिहार के दंगल में उतारे गए अनेक होनहार या होनीहार केंद्रीय मंत्रियों में से एक नायाब नगीने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का अभी - अभी एबीपी न्यूज़ पर लाइव बयान सुना ....

वो लालू के द्वारा दिए बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे .... और कह दिए कि लालू गाय और बकरी के मांस में फर्क नहीं करते .... जबकि हमारे लिए दोनों में बहुत अंतर है .... वैसा ही अंतर जैसा कि बहन और पत्नी में होता है ..... बहन का रिश्ता पवित्र होता है - और पत्नी पत्नी होती है ....

मेरी त्वरित प्रतिक्रिया ....

किसी की बहन किसी की पत्नी होती है - और किसी की पत्नी किसी की बहन ....
और .... बैल और सांड में भी फर्क होता है ....
पर शायद ये फर्क कुछ गधों को मालूम ही नहीं होता ....

Thursday 8 October 2015

// क्या कपडे फाड़ना उचित है ?? ....//


मेरे सबसे पसंदीदा पाकिस्तानी ग़ज़ल गायक जनाब गुलाम अली को बैन कर दिया गया .... 

फिर बिना भेदभाव के भारत में मेहदी हसन - आबिदा परवीन - राहत फ़तेह अली ख़ान - फ़रीदा ख़ानम आदि को भी बैन किया ही जाना चाहिए ....

और फिर उसके बाद हर एक पाकिस्तानी गायक या कलाकार पर भी बैन होना चाहिए ....

और फिर लता आशा अमिताभ और गडकरी जैसे कालाकारों का और मेरे जैसे चिंतक का भी पाकिस्तान जाने पर बैन होना चाहिए ....

पर मैं सोच रहा था कि क्या मैं कभी भी गुलाम अली को सुनने से अपने आप को रोक पाऊंगा ??
और क्या पाकिस्तान में कोई लता का फैन लता को सुनने से रूकेगा ??

और क्या कपडे फाड़ना उचित है ????

// शाबाश !! ये हुई ना कोई बात .... सब महामहिम राष्ट्रपति जी की सुनें ....//


तो आज मोदी जी बोले और मजबूर हो इशारे में क्या टके की बात बोले ....
बोले मेरी भी मत सुनो - बस महामहिम राष्ट्रपति प्रणब दादा की सुनो !!!!

वाकई प्रधानमंत्री के पद की गरिमा इतनी गिर गई है कि मोदी जी ने सही ही कहा है .... महामहिम की सुनो वो सही बात करते हैं - मोदी जी की कतई मत सुनो !! 

इसलिए मोदी जी ने साफ़ इशारा कर दिया है .... वो सही बात कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं - वो एक मजबूर प्रधानमंत्री हैं - दयनीय हैं - उनके हाथ में अब कुछ नहीं हैं - वो सच्ची सही बात कह नहीं पाएंगे .... इसलिए महामहिम राष्ट्रपति की बात सुनो ....

प्रधानमंत्री मोदी जी को साफगोई से इशारा करने के लिए शाबाशी और धन्यवाद !!!!

// वो शैतानियत पर भी बोले तो शैतानी से ही बोले ....//


केंद्रीय मंत्री श्री महेश शर्मा ने आज वही दोहराया जो भाजपा के प्रवक्ता और नेता टेका लगाते रहे हैं कि - प्रधानमंत्री हर मुद्दे पर बोलें ये आवश्यक नहीं ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

सही फरमाया !! .. प्रधानमंत्री हर विषय पर बोलें बिलकुल भी आवश्यक नहीं .... पर ऐतराज़ तो होगा यदि वो हर मुद्दे पर बोलने लगें .... केवल कुछ एक मुद्दों को छोड़ कर .... जिसमें ही उनका बोलना आवश्यक है / था ....

मसलन - वो दादरी में पैवस्त शैतानों के बारे में नहीं बोले - वो जम्मू कश्मीर की विधानसभा में घुसे पीटने वाले शैतानों के बारे में नहीं बोलेंगे - पर अभी-अभी बिहार की मुंगेर रैली से मोदी जी लालू में जबरन घुसेड़े गए शैतान के बारे में बोल रहे थे .... यानि शैतानियत पर भी बोले तो शैतानी से ही बोले !!!!  

खैर मैं भी यही आशा करूंगा कि मोदी जी अब पार्टीजनों की भावनाओं का आदर करते हुए अनावश्यक ही हर मुद्दे पर बोलना बंद करें .... आवश्यक मुद्दे पर भी ना बोलें तो चलेगा .... पर जनाब !! आवश्यक काम भी तो करें .... ६० महीने के कुल मिले समय में से १७ महीन बीत चुके हैं .... और अभी तक केवल यही बोला जा रहा है कि - क्या बोले / बोलें ?? क्या ना बोले / बोलें ?? क्यों बोले / बोलें ?? क्यों नहीं बोले / बोलें ???? ....