Wednesday 31 December 2014

//// नववर्ष की शुभकामनाएं - विकास और इकबाल के मिलने की सूचना दीजियेगा ////

विकास और इकबाल दो दोस्त थे ....
विकास रामज़ादे का बेटा और इकबाल ....
इकबाल एक शरीफज़ादे का साहबज़ादा ....
विकास को विश्वास था वो सबके काम आएगा ....
इकबाल को उम्मीद थी वो सबमें पैवस्त हो जाएगा ....
पर इस वर्ष के अंत के आते आते दोनों दोस्त लापता हो गए ....
कृपया इन्हे ढूँढिएगा ....
शायद लापतागंज से ही बरामद हो जाए ....
इनमें से एक भी मिले तो बताइयेगा .... क्योंकि ये दोनों ही अच्छे दोस्त हैं ....
विकास मिलेगा तो इकबाल अपने आप आ जायेगा ....
और इकबाल आ गया तो विकास भी अपने आप आ जायेगा ....
तो मित्रों जैसे ही मिलें नववर्ष  में मुझे सूचना दीजियेगा ....
तब तक ....
ब्रह्म प्रकाश दुआ की तरफ से आप सबको नववर्ष की शुभकामनाएं !!!!

Tuesday 30 December 2014

//// कहीं न्याय ही तो ख़ारिज नहीं हो गया ? ////

सोहराबुद्दीन मामले में अमित शाह पर लगे आरोप स्पेशल सीबीआई कोर्ट द्वारा ख़ारिज ....
तो जनाब समझ लिया जाए - आज न्याय हो गया ....
और इसलिए भाजपा द्वारा सीबीआई पर लगाए जाते रहे सभी आरोप भी स्वतः ख़ारिज हुए ....
और सीबीआई भी ख़ारिज हुई ....
या फिर राजनीति के चलते न्याय ही तो ख़ारिज नहीं हो गया ????

Monday 29 December 2014

//// नंगाइयत और धर्मान्धता के बीच लड़ाई - शायद इंसानियत का भला हो जाए ////

आपको याद होगा कि सर्वप्रथम नंगे आमिर का 'pk' फिल्म का पोस्टर आया था - बेहूदा और शर्मनाक - पूरा नंगा - पिछवाड़ा परवरदिगार के रहमों करम पर छोड़ अपनी पुण्य आत्मा को ट्रांजिस्टर से ढके हुए !!!!
मुझ जैसे लोगों को आपत्ति हुई और कुछ विरोध भी हुआ - पर धर्म के ठेकेदार चुप ही रहे - जैसे कि इस मसले का धर्म से तो कोई लेना देना था ही नहीं .... मुसलमान और हिन्दू भी चुप रहे और फिल्म जगत के लोग भी .... और सरकार भी !!!!
अब फिल्म लगी - लोगों को पसंद आई और देखते देखते हिट हो गयी - और करोड़ों कमा गयी ....
पर फिर देखते ही देखते धार्मिक ठेकेदारों द्वारा इसका विरोध शुरू हो गया - और अब शंकराचार्य और बाबा रामदेव के विरोध के बाद इसके विरुद्ध उग्र प्रदर्शन भी शुरू हो गए .... यहाँ तक कि इस्लाम के ठेकेदारों ने भी इसका विरोध कर दिया है ....
और बस कहा यही गया है कि - इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है !!!! समझे क्या ????
'pk' पिक्चर के पोस्टर में आमिर को नंगा बताया था .... पर अब टेका लगाया जा रहा है कि जनाब वो तो एलियन था जो धरती पर आ टपका था इसलिए वो तो नंगा ही होगा ना - और इस तरह दलील दी गयी है कि क्या रियलिटी बताई है पिक्चर में !! बस गनीमत है कि इन्होने अपनी पैदाइश की सारी रियलिटी भी नहीं बता मारी !!!!
और अब जब कुछ वस्त्रधारी धार्मिक ठेकेदारों ने नंगाइयत को भुला या अनदेखा कर इसका विरोध इस बात को लेकर किया है कि इससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मुझे अहसास हुआ कि एलियन ही क्यूँ - कपडे के नीचे तो सब नंगे ही हैं .... बस औकात पर आने की देर भर है !!!!
भक्त भी कहाँ पीछे रहने वाले थे - दाग दिए दर्जनों प्रश्न - जैसे कि - "यदि अमरनाथ जाने से धर्म नहीं होता तो मक्का मदीने जाने से कैसे हो सकता है - फिर मक्का मदीने जाने का विरोध क्यूँ नहीं ?? पर जब यही प्रश्न भक्त से पूछोगे कि जब आप मक्का मदीने जाने को धार्मिक नहीं माने तो अब अमरनाथ जाने को धार्मिक क्यों मानते हो ?? तो क्या आप को लगता है जवाब मिलेगा ????
जवाब नहीं मिलेगा - इसलिए नहीं मिलेगा क्यूंकि इन सब बातों का जवाब इनके पास है ही नहीं - इन सबके पास मानवता विरोधी प्रश्नो के जवाब हो ही नहीं सकते - ये तो धंधेबाज़ लोग हैं - नंगे हुए करोड़ों कमाए और निकल लिए पतली गली से - और धर्मांध आ गए सड़क पर .... एक बार फिर धरम की रोटियां सेकने और उससे अकूत संपत्ति बनाने के लिए - जैसे रामदेव !!!!
मित्रों मैं आज बहुत खुश हूँ .... क्योंकि मुझे लगता है कि अब ये लड़ाई नंगाइयत और धर्मान्धता के बीच हो गयी है - और मेरी हार्दिक इच्छा है कि ये लड़ाई और उग्र हो और खूब लम्बी चले और दोनों ही इसमें मार खा-खा कर घायल हो लस्त-पस्त हों !!!!
इसलिए कृपया सावधान रहते इनको लड़ने दीजिये !!!! मर मिटने दीजिये !!!!
शायद इंसानियत का भला हो जाए !!!! शायद ....

//// दइया रे दइया !! कलाई टूट गयी .... या खुल गयी ?? ////

कल झारखण्ड के नए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शपथ ले ली ....
समारोह भव्य था .... इस समारोह में व्यस्तता से परे हमारे प्रधानमंत्री को भी शिरकत करनी थी .... पर हाय !! ये मौसम और मजबूरी !!!!
ये मौसम शायद ठण्ड में कांपते सिकुड़ते रोते बिलखते सिसकते नंगे भूखे मरते बेघर गरीबों पर इतना कहर न बरपाया होगा जितना मोदी जी और रघुवर दास पर .... बेचारे !!!!
समारोह निश्चित ही उस दिल्ली के शपथ समारोह से भी ज्यादा भव्य और खर्चीला रहा होगा जिसमें अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की शपथ एक खुले मैदान में लेने की ज़ुर्रत करी थी और इन्ही भक्तों ने उनकी घोर निंदा करी थी और खर्चे का हिसाब माँगा था जो अब दांत निपोर कर हँसते नज़र आ रहे हैं - मंदबुद्धि की तरह तालियां बजाते !!!!
पर इसके इतर भी एक और घटना ध्यानकर्षण के योग्य हो गयी .... इतने खर्चीली आयोजन के बावजूद - और इसके बावजूद कि अभी महानायक मोदी जी तो आयोजन में पहुँच ही नहीं पाये थे - फिर भी समारोह में भगदड़ मच गयी ....
और जनाब भगदड़ भी कैसी कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री रघुवर दास की बहन के हाथ की कलाई तक टूट गयी ....
मुझे लगता है कि कलाई टूटने के अलावा - कलाई खुल भी गयी है - बल्कि कलाई माह दर माह खुलती ही तो रही है .... है ना !!!!

Saturday 27 December 2014

//// राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग - बनाम - सोमनाथ भारती ////

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने विगत महीनों या सालों में शायद ऐसा कुछ नहीं किया जिसकी प्रशंसा हुई हो या उल्लेख ही हुआ हो - और यदि कोई इस आयोग के परिप्रेक्ष्य में भारत में मानवाधिकार के हवाले से कुछ जानने का प्रयास करेगा तो शायद उसको भ्रम हो जाएगा कि भारत एक ऐसा आदर्श देश है जहाँ कभी भी मानवाधिकारों का हनन नहीं हुआ हो ....
पर वस्तुस्थिति ठीक इसके विपरीत है - भारत में कुत्तों के अधिकारों के बारे में तो अन्य जवाबदार संगठन शायद सोचते भी हैं पर शायद मानवाधिकार आयोग मानव के बारे में कुछ ठीक ठीक नहीं सोच पाता ....
और इसका एहसास मुझे अभी एक बार फिर हो गया ....
आपको याद होगा एक मानव का नाम - श्री सोमनाथ भारती .... जी हाँ यकीनन वो हैं तो मानव ही - पर क्योंकि वो अरविन्द केजरीवाल की पार्टी 'आप' से जुड़ कुछ मानवता की बात कर बैठे थे तो कुछ लोग हाथ धो उनके पीछे ही पड़ गए .... और एक खिड़की एक्सटेंशन वाले प्रकरण में उन्हें ऐसा अमानवीय निरूपित करने के लिए भिड़ गए जैसे उन्होंने किसी के मानवाधिकारों का हनन कर मारा हो ....
और जनाब फिर क्या था - राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी कूद पड़ा था इस घिनौने खेल में और शायद दुर्भावना से ग्रसित हो उसने सोमनाथ भारती को कुछ अफ्रीकी महिलाओं के खिलाफ नस्ली भेदभाव और अन्य थोपी गयी गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए दोषी ठहरा मारा था !!!!
पर आज दिल्ली उच्च न्यायलय द्वारा आयोग के आदेश को रद्द करने का निर्णय दे दिया गया !!!!
ये समाचार सम्पूर्ण भारतीय मानव जाति के लिए एक सुखद समाचार है - क्योंकि शायद अब आगे से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मानव हित की बात सोचने की फुर्सत मिले .... शायद उसका ध्यान इस ओर भी जाए कि कल रात ही दिल्ली में एक गरीब मानव की ठण्ड के कारण मृत्यु हो गयी है - शायद उसको मानव के ही रूप में नारकीय जीवन व्यतीत कर रहे लाखों भाई बहन भी दिखें .... इसलिए आप सभी मानवों को बधाई !!!!
और हाँ सोमनाथ भारती जी को भी समाज में घृणित बुराई के विरुद्ध निर्भीकता और ईमानदारी से लड़ने और मानव दिखने वाले जानवरों से लोहा लेने के लिए साधुवाद !!!!

//// दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के पैमाने बेशर्मों के लिए अलग क्यों ?? ////

बीजेपी अब जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने हेतु PDP और NC दोनों से बात कर रही है ....
सर्वविदित है कि बीजेपी ने इन दोनों पार्टियों को पूरे चुनाव प्रचार के दौरान पानी पी पी कर कोसा बुरा भला कहा मज़ाक उड़ाया और राजनीतिक गालियां दी और बाप बेटा और बाप बेटी जैसे अलंकरणों से सुशोभित किया .... और तो और बीजेपी की इन दोनों पार्टियों से कई मुद्दों पर गहरे और बड़े सैद्धांतिक मतभेद हैं .... और माफ़ करें कुछ ढीले भेजे वालों के अनुसार भाजपा रामज़ादे 'हिन्दू हिन्दुओं' के वर्चस्व की पार्टी है जबकि PDP और NC 'हिन्दू मुस्लिम' वर्चस्व की पार्टी है - कितना बड़ा अंतर है ना ????
पर सत्ता पाने के लिए अब भाजपा अपनी इस करनी के लिए टेका लगा रही है ...टेका भी गजब का .... कह रही है कि क्योंकि जनादेश विखंडित आया है और क्योंकि सरकार बनाना तो ज़रूरी है - इसलिए चुनाव प्रचार में क्या कहा क्या नहीं सब गौण हो जाता है - और इसलिए अब उनका किसी के भी समर्थन से सरकार बनाना जायज़ है !@#$%&?
तो अब एक बार फिर भाजपा को यथायोग्य धिक्कारने का मौका आया है - तो इनकी सेवा में प्रस्तुत है >>>>
>> क्यों भाई क्या दिल्ली में विखंडित जनादेश नहीं आया था - फिर यदि 'आप' और कांग्रेस ने सरकार बना ली थी तो आज तक फटे भोंडे भोंपू की तरह चिल्ल्पोँ क्यूँ मचा रखी है ??
>> तुम सरकार बनाओ तो नैतिक - पर 'आप' सरकार बनाये तो अनैतिक ??
>> केजरीवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान जो कहा था वो मायने रखता था - पर तुम जो कुछ भी कह लो वो मायने नहीं रखता - और फिर कहने के बाद निकल लो पतली गली से ??
>> तुम्हारे पास पैसे और रसूख की कमी नहीं तो मीडिया का दुरपयोग कर आज 10 महीनों से लगे पड़े हो दुष्प्रचार में - कि 'आप' ने भ्रष्ट कांग्रेस का साथ ले गुनाह कर मारा था (जबकि वस्तुस्थिति तो ये थी कि कांग्रेस ने एकतरफा समर्थन दिया था 'आप' ने माँगा तक नहीं था) - पर अब क्या हो गया ?? तुम खुद क्या कर रहे हो ? कौन सा परोपकार का काम कर रहे हो ? और परोपकार भी किस पर ? क्या मोदी पर या मुफ़्ती पर ????
>> और आज जम्मू-कश्मीर में तुम दूसरे नंबर की पार्टी होकर भी सरकार बनाने के लिए तैयार  उत्सुक और लालायित - पर दिल्ली में पहले नंबर की पार्टी होते हुए भी सरकार बनाने से मना क्यों कर दिए थे ?? भगोड़े दोगले कहीं के !!!!
>> और तो और इतने सबके बावजूद भी सीना सिकुड़ा जा रहा था - भगोड़े बन चुनाव तक से भागते फिर रहे थे - आखिर क्यों ????
>> पर अब जब तुमको दिल्ली के चुनावी मैदान में घसीट के ला पटक दिया गया है - और अब जबकि तुम्हारी असलियत देश और दिल्ली वासियों के आगे खुल चुकी है .... बेहतर होगा कि देश से माफ़ी मांगो - या घोषित करो कि जम्मू-कश्मीर में तुम सरकार ना बना कर विपक्ष में बैठोगे ....
है इतनी हिम्मत और नैतिकता ????
इत्तू सी भी नहीं है .... और बेशर्मों से शर्म की अपेक्षा भी नहीं होती !!!!
इसलिए मुझे मालूम है कि तुम जम्मू-कश्मीर में सरकार बना सफलता हासिल करोगे ....
इसलिए तुम्हे धिक्कार के साथ अग्रिम बधाई !!!!

Friday 26 December 2014

//// मोदी के शोले या शोले के मोदी .... ////

मोदी जी कहिन ....
अब रेलवे में गरीब का पैसा नहीं लगेगा .... अब धन्ना सेठों का पैसा लगेगा - पौंड भी येन भी और डॉलर भी लगेगा -  "COME MAKE IN INDIA" को अमलीजामा भी पहनाया जाएगा .... हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट्स - पैसेंजर टर्मिनल्स लोजिस्टिक्स पार्क्स लोकोमोटिव कोचेस आदि का निर्माण - सिग्नलिंग सिस्टम्स और स्टेशन्स का आधुनिकीकरण और रखरखाव आदि अनेक छोटे बड़े कामों के लिए अब 100% FDI को भी मंजूरी ....
पर फिर भी मोदी जी फेकिन - // रेलवे का निजीकरण नहीं // ....!@#$%&?
मुझे याद आ गया शोले का संवाद .... वीरू दारू पिये जुआँ खेले कोठे जाए आदि सब गलत करे - पर लड़का नेक और हीरा !!!!
समझ नहीं आ रहा क्या कहूँ -  मोदी के शोले या शोले के मोदी !!!! या कुछ और ????

Thursday 25 December 2014

//// शासकों द्वारा 'सुशासन' की शुरुआत भी बेशर्मी के साथ समारोह पूर्वक .... ////

बधाई - सभी देशवासियों को बधाई !?!?
आज से मोदी जी का सुशासन का शुभारंभ ....
यानी अब कुशासन का अंत ....
यानी अब तक कुशासन था मान्य ....
यानी पिछले ७ महीने से कुशासन था कायम ....
पर अब होगा सुशासन ....
सुशासन कौन करेगा ? जो शासन कर रहा है वही ना !!!!
शासन तो प्रधानमंत्री और उनके छर्रे कर रहे हैं ....
तो यानि अब जो कुछ करेंगे प्रधानमंत्री और उनके छर्रे करेंगे ....
तो अब आप क्या करेंगे ???? हम क्या करेंगे ????
चलो तालियां बजाते हैं ....
तालियां !!!! तालियां !!!! तालियां !!!!
पर जरा एक मिनिट रुकें - जो आज करोड़ों रुपये के विज्ञापन सरकार द्वारा जारी किये गए हैं उसका क्या ????
उसका जनता से क्या लेना देना था ?
इस पर जनता के पैसे की बर्बादी क्यों ?
तो बस अब तालियां बंद - और शुरू हुआ जाए ....
धिक्कार है ऐसे शासकों पर जो 'सुशासन' की शुरुआत भी बेशर्मी के साथ समारोह पूर्वक करते हैं ....
अब आगे और बात जोड़ने और बढ़ाने हेतु कृपया अपना अपना योगदान जरूर देवें - धन्यवाद !!!!
अब ये बात तो हुई ख़त्म पर थोड़ा आगे की भी सोचें ....
सोचें कि साल दो साल बाद केंद्रीय वित्त पोषित शौचालय का शुभारम्भ प्रधानमंत्री कैसे करेंगे ????

//// "भारत रत्न" के पैमाने .... ////

विद्वानों और ज्ञानियों को लगता है कि 'भारत रत्न' किसी व्यक्ति को नहीं बल्कि एक विचारधारा को मिलता है मिला है और मिलना चाहिए .... और ऐसा ही वर्तमान में भारत रत्न विषयक चल रही और चलाई जा रही बहस में ऐसे नायाब टेके कुटेके लगाने के चक्कर में कहा भी जा रहा है !!!!
मित्रों मैं स्वार्थी नहीं हूँ .... पर आज मैं भी सोच रहा हूँ कि वाकई 'भारत रत्न' तो विचारधारा को ही मिलना चाहिए .... और फिर मैं सोचता हूँ कि मेरी विचारधारा भी तो कितनी अच्छी गुणवत्ता की है - बिलकुल 'भारतरत्नि छाप' विचारधारा - और वो है 'धर्मनिरपेक्षता' से ओत प्रोत विचारधारा !!!!
और इतिहास गवाह है - मैने हमेशा जो कुछ भी किया कहा सोचा लिखा और आपको पकाया उसमें हमेशा से धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा जड़ में ना केवल रची बसी थी बल्कि घुसी हुई थी ....
याद कीजिये मैंने कितने लोगों को और एक भले-चंगे व्यक्ति विशेष को कितना बुरा भला कहा कितने ताने मारे कितने तंज़ कसे कितना विरोध किया क्योंकि मुझे उनकी करनी सांप्रदायिक लगी ....
और मैं भी पूर्व के भारतरत्नियों के समान ही डरा नहीं हिचका नहीं रुका नहीं थका नहीं पका नहीं .... थोबड़ा उठा अपने पथ पर अडिग चलता रहा .... मैंने भी महान लोगो के सेकुलरिज्म के डायलाग ही बोले .... सबका साथ सबका विकास - इंडिया फर्स्ट - विविधता में एकता - गंगा जमुनी तहज़ीब .... भाईचारा - अनेकता में एकता - आदि इत्यादि !!!!
निश्चित और निस्संदेह - मेरी विचारधारा महान है .... है ना !!!!
इसलिए भले ही मैं मोदी बुखारी आदित्यनाथ आजम खान दिग्विजय सिंह मुलायम निरंजन ज्योति अमित शाह ओवैसी भागवत आदि जैसा महान व्यक्तित्व नहीं हूँ - पर क्या मेरी विचारधारा के मद्देनज़र आप को मेरा नाम 'भारत रत्न' के लिए आगे नहीं बढ़ाना चाहिए था ????
कृपया विचार जरूर कीजियगा - और चलिए छोड़िये ये भारत रत्न की बात और गोली मारिये मुझ नकारे को और मेरे फूहड़ व्यंग्य को - पर निवेदन है आप कम से कम आपके विचारों को विचारधारा में बदल लीजियेगा - वही धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा - क्योंकि ये विचारधारा ही है जो काम की है बाकी तो सब मिथ्या है - कोरी मिथ्या !!!!

Wednesday 24 December 2014

//// धर्मनिरपेक्षता और राजधर्म का पालन करने वाले व्यक्तित्व को सर्वोच्च सम्मान .... ////

सर्वप्रथम हमारे मध्यप्रदेश के मालवा से होने के नाते "मालवीय" कहलाने वाले "महामना" - विद्वान शिक्षाविद - स्वतंत्रता संग्राम सेनानी - जात-पात विरोधी - बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के संस्थापक - स्काउटिंग के प्रणेता - "सत्यमेव जयते" को जन-जन तक पहुंचाने वाले - आदि अनेक विधाओं के धनी - पर जो १९४६ में आज़ादी के पूर्व ही स्वर्गवासी हो गए - ऐसे महान व्यक्तित्व के प्रति इस आज़ाद राष्ट्र की कृतिज्ञता का स्वागत !!!!
साथ ही जननायक माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को भी "भारत रत्न" देने के लिए स्वागत और बधाई !!!!
यह इस बात का द्योतक है कि ....
इस देश में धर्मनिरपेक्ष और राजधर्म निभाने वालों को हमेशा आदर सम्मान और प्यार मिलेगा ....
पर शायद सांप्रदायिक सोच रखने वालों और राजधर्म को भूल जाने वालों को आदर और प्यार तो दूर शायद कभी सम्मान तक नसीब नहीं होगा .... !!!!
इसलिए यह मौका गौरव करने प्रसन्न होने के साथ साथ कुछ विचार करने और आत्मविश्लेषण करने का भी है !!!!

//// बेटी बाप बाप बेटा - और छड़ा - और नाटक नौटंकी .... ////

परिदृश्य पटल जम्मू-कश्मीर ....
एक बाप एक बेटी - एक और बाप एक बेटा - एक पप्पू ....
एक छड़े की एंट्री .... उसने बेटी बाप और बेटे सब को भ्रष्ट बताया और नीचा दिखाया और सबको उनसे दूर रहने तक को कह दिया ....
छड़ा बहुत ताकतवर और बड़बोला ....
यहाँ तक कि उसने किसी के बेटे और बेटी होने तक का सार्वजनिक उपहास कर मारा .... जैसे किसी का बेटा और बेटी होना गुनाह हो .... और जैसे खुद वो किसी के बेटे ना हों 'pk' हों .... और खुद बाप ना होते हुए भी बिना अनुभव और मर्यादा बाप का भी मज़ाक बनाया !!!!
छड़े ने ताल ठोंक दी कि अबकी बार मेरी सरकार ....
छड़े को सरकार तो नहीं बनानी थी पर मतलब था उसके छर्रे की सरकार !!!!
अब चुनाव नतीजे आये .... छड़े ने कुछ कमाल कर दिखाया .... पर अपने बलबूते छर्रे की सरकार बनाने का दंभ या सपना टूट गया ....
पर फिर भी जिद्दी छड़े ने सरकार बनाने की जिद ठान ली ....
और अब छड़ा बेटी बेटे और बाप का मुंह देख रहा है ....
इस बीच लगता है कि पप्पू भी थोड़ा बड़ा हो गया - क्योंकि बेटी बेटा और बाप उसे भी तरजीह देने लगे ....
देखें छड़ा क्या करता है .... छड़े का कौन छर्रा सरकार बनाता है ?
छड़ा बेटी के पाँव पड़ता है या बेटे के या बाप को सर पर बैठता है ?
या पप्पू बेटी बेटा और बाप सब मिल कर छड़े को धता बताते हैं ?
नाटक नौटंकी तो अभी शुरू हुई है .... इसकी पटकथा लिखना बाकी है .... अभी तो केवल इसके पात्रों का वर्णन हुआ है ....
और हाँ जिन्हे पात्रों के नामकरण से कुछ बुरा लगा हो या उन्हें आपत्ति हो तो वो कृपया विचार करें कि सार्वजनिक जीवन में किसी का बेटी बेटा या बाप होने के नाम से उपहास करना क्या उचित है ?? विदित होवे कि ये नाटक काल्पनिक नहीं - यथार्थ है !!!!
और हमें मतलब था और है और रहेगा - 'विकास' से - केवल 'विकास' से - जिसे छड़े ने त्याग कर अनाथ बना भुला दिया है .... छिः - ये कैसा नाटक है - कैसी नौटंकी ????

Tuesday 23 December 2014

//// धर्मांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध हेतु कानून क्यों नहीं ? असली शानपत क्या ?? ////

धर्मांतरण के मुद्दे पर घिरी और शातिरता बघारती भाजपा और मोदी सरकार अब एक ही टेका लगा पा रही है ये बात बोल कर कि - भाजपा और सरकार तो धर्मांतरण के मुद्दे पर पूर्ण प्रतिबंध हेतु क़ानून बनाने को तैयार है .... पर विपक्ष नहीं !!!!
इस विषयक मेरे प्रश्न >>>>
> मोदी जी क्या किसी ने भी आप से आपके सीने के साइज के बारे में बताने हेतु बोला था - नहीं ना - और आपने आपके दिल में जो था वो खुल के बातें करीं कि नहीं ? कितना बोले कितना बोले बाप रे बाप !! तो फिर जनाब आपने चुनाव् पूर्व धर्मांतरण के बारे में अपने विचार क्यों सार्वजनिक नहीं किये ?? क्यों नहीं बताया कि आप सत्ता में आये तो धर्मांतरण पर पूर्ण प्रतिबंध हेतु क़ानून बनाएंगे ????
> और श्रीमान ये भी बता दें कि यदि आपको क़ानून बनाना ही है तो आप बनाते क्यों नहीं ? आपके पास तो बहुमत है - और यदि नहीं है और आप बिल पास कराने में अक्षम हैं तो फिर सबको साथ लेकर विकास के रास्ते पर चलने का प्रयास और वादा पूरा क्यों नहीं करते ?? क्यों नहीं अनुसरण करते अपने ही नारे का "INDIA FIRST" - "सबका साथ सबका विकास" ?? कहाँ और क्यों इस धर्मांतरण के वाहियात मुद्दे में उलझ रहे हैं - और देश को भी उलझा रहे हैं ????
> और श्रीमान मोदी जी अब देश को ये भी बता दें कि क्या आगे भी आप वो ही कानून पास करेंगे जिस पर विपक्ष की सहमति होगी ?? यानि मान लीजिये कि आपको यदि नशे के प्रतिबंध हेतु कोई कानून बनाने की सूझ पड़ जाए - पर विपक्ष इसके लिए तैयार ना हो तो आप क्या करेंगे ?? क्या खुद भी नशा कर किसी कोने में दुबक जाएंगे - एक लल्लू के समान ????
नहीं मोदी जी नहीं - माफ़ करें ! आप विश्वास योग्य नहीं हैं - आप देश के साथ विश्वासघात कर रहे हैं - आप अपने वादों पर चलने का प्रयास तक करते नहीं दिख रहे हैं - आप शानपत बता रहे हैं !!!!

Monday 22 December 2014

//// भाई गज़ब हो गया !! मैंने अभी अभी लालू का पूरा भाषण सुन मारा रे !!!! ////

अभी अभी जनता परिवार के दिल्ली में धरना प्रदर्शन में लालू यादव का भाषण पूरा हुआ है ....
और यकीन माने मैंने पूरा भाषण सुन मारा - और वो भी गौर से - सीरियसली यार !!!!
और मुझे लगा कि लालू ने क्या भाषण दिया - अपने अंदाज़ में मोदी जी को खूब धिक्कारा लताड़ा उपहास किया बहुत सारे और बहुत सटीक तीर छोड़े और निशाने साधे !!!!
स्पष्ट कर दूँ कि मुझे लगता था कि अब लालू के जमाने गए - और उनको न्यायलय से सजा हो जाने के बाद तो मुझे ऐसा ही लगता था - और हाँ मुझे व्यक्तिगत रूप से लालू कभी रास नहीं आये - ना ही उनकी राजनीति - और ना ही उनका भोंडा स्टाइल .....
पर आज न जाने क्यूँ मैं उनका पूरा भाषण सुन गया रे !!!! .... और वो भी रूचि से सुन गया रे !!!!
मैं सोच रहा था कि ऐसा क्या हो गया ????
पर अब सोचता हूँ कि हमेशा मैं ही क्यों सोचता रहूँ ....
इस बार मोदी भाजपा और भक्त सोचें - कि आखिर ब्रह्म प्रकाश दुआ को लालू कुछ अच्छे से क्यों लगने लगे ????

//// भगवान की मर्ज़ी में रोड़ा अटकाना - और वो भी मेरे खर्चे पर - कैसे उचित ?? ////

आज एक छोटा सा समाचार मुझे बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर गया - उद्वेलित कर गया !!!!
हमारे इंदौर की एक कॉलोनी इन्द्रपुरी के एक मंदिर से बीती रात चोर मंदिर की दान पेटी चोरी कर ले गए - और मामले की रिपोर्ट भंवरकुआं थाने में करी गयी है तथा पुलिस की तफ्तीश तलाश जारी है !!!!
आज के हालातों के परिप्रेक्ष्य में - " मेरे मन की बात " >>>>
मंदिर में भगवान बिराजते हैं - भक्त उनके दर्शन के लिए जाते हैं - श्रद्धा पूर्वक वो भगवन को चढ़ावा चढ़ाते हैं - क्यों चढाते हैं क्या भगवान उन्हें ऐसा करने का कहते हैं ये विषय अलग - पर भक्त चढ़ावा चढ़ाते हैं - सीधे भगवान को - अपने हाथों से - अपनी मर्ज़ी से !!!! ....
तो साफ़ हुआ कि दान पेटी की समस्त रकम भगवान की निजी संपत्ति हुई !!!!
और सब कहते हैं कि भगवान की मर्ज़ी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता .... उन्हें यदि किसी को देना होता है तो बस देना ही होता है - दे ही देते है - अपनी वाली पर आ जायें तो छप्पर भी फाड़ देते हैं - पर दे कर ही रहते हैं - यहां तक कि अपात्र को भी दे देते हैं !!!!
तो जनाब कल रात भगवान ने अपनी चीज़ किसी को दे दी - देना होगी दे दी - उनकी मर्ज़ी ....
तो अब भगवान के काम में किसी को रोड़ा अटका अधर्म की बात क्यूँ करना चाहिए ?? क्या भंवरकुआं पुलिस भगवान की मर्ज़ी से ऊपर हो गयी ?? या भगवान से भी ज़्यादा काबिल ????
लेकिन जनाब शायद आप समझ गए होंगे कि मैं कुतर्क दे रहा हूँ - और तर्क ये है कि - जिसने चोरी करी वह चोर - चोरी करना कानूनन अपराध - और यदि हमें समाज में रहना है तो हर एक प्रकार के चोर पर पुलिसिया और कानूनी कार्यवाही आवश्यक है !!!!
और शायद अब आपको थोड़ा पकाने के बाद मैं ये दम-ख़म और तर्क के साथ कह सकता हूँ कि - आजकल जो धर्म के नाम पर रोटियां सेकीं जा रही हैं - भगवन के नाम पर अनेकों अफवाहें उड़ाई जा रही हैं - उसे महिमामंडित कर अपने उल्लू सीधे किये जा रहे हैं - धर्म के नाम पर लोगों को धमकाया डराया जा रहा है - बहलाया फुसलाया जा रहा है - वो सब गैर कानूनी है - और इसलियर चोरी के समान ही अपराध तुल्य भी !!!!
अतः धर्म के नाम पर हो रही सभी प्रकार की बकवास बंद कर देनी चाहिए और भगवान की अकल्पनीय छवि जो धर्म के धंधेबाज़ों ने बना डाली है उसे भी विखंडित एवं छिन्न भिन्न कर देना चाहिए ....
और यदि मेरी बात गलत हो तो भंवरकुआं पुलिस ने प्रकरण बंद कर भगवान को ही कह देना चाहिए कि तुम तो स्वयं सक्षम हो - अपना काम खुद कर लो !!!!
किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मुझे मजबूर समझ माफ़ करें - क्योंकि मेरी मजबूरी यह है कि मेरे द्वारा एवं अन्य कई गरीबों द्वारा दिया टैक्स फ़िज़ूल के धार्मिक लफड़ों और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है - अतः यदि आपको अपने भगवान और उसकी मर्यादा का ख्याल हो तो उनकी सुरक्षा भी अपने बलबूते और अपने खर्चे पर करें !!!! वर्त्तमान प्रकरण में कम से कम भंवरकुआं पुलिस को प्रकरण की तफ्तीश और तलाश में किये गए वास्तविक खर्चे का भुगतान तो कर ही देवें !!!! धन्यवाद !!!!

Sunday 21 December 2014

//// क्या भाजपा पार्टी की कोई जवाबदारी नहीं ???? ////

आजकल भाजपा का असली घिनौना चेहरा रोज़ ही सामने खुल रहा है ....
सत्ता में चूर भाजपा पार्टी के संस्कारी रामज़ादे नेताओं के नित नए प्रकरण सामने आ रहे हैं ....
हमें तो शर्म भी आ रही है और गुस्सा भी - पर ना जाने कैसी बेशरम पार्टी है कि बिना किसी जवाबदेही के कह देती है - कि गाली दी है तो माफ़ी मांग ली है - कुछ गलत किया है तो रिपोर्ट हो चुकी है प्रकरण में फैसला आ जाएगा - सरकारी अधिकारी को गंदी गंदी गालियां देने का रिकॉर्ड तोड़ दिया तो क्या हुआ - पार्टी से ससपेंड कर तो दिया - अब एक विधायक वोट के लिए धमकाते नज़र आ गए तो कह रहे हैं पूरी बात सामने आएगी तो कार्यवाही करेंगे - अभी अभी एक सूरमा नेता तो एक कंपनी कार्यालय में घुस सभी कर्मचारियों की लात घूंसों से पिटाई करते दिख गए - और जवाब जब कोई अधिकृत शिकायत होगी तो कार्यवाही करेंगे .... और जब तमाम संगी साथी साम्प्रदायिकता के ज़हरीले बोल बोले और कुछ न बोलते बना तो फिर चुप्पी ही साध ली .... चेहरा ऐसा हो गया कि होंठ हलक में उतर गए !!!! कानून बनाने की जिन पर जिम्मेदारी है वो ही कहने लगे - हो हिम्मत तो धर्मान्तरण पर रोक के लिए बनाओ कानून - इनको जैसे किसी ने जबरन रोक रखा हो - दूसरों पर दादागिरी और खुद पर आये तो लाचारी ????
मैं इन ताज़ा घटनाओं से व्यथित हो एक प्रश्न इन रामज़ादों के समक्ष रखना चाहता हूँ कि ....
मान लो देश में कुछ मुस्लिम नेता या कुछ सिरफिरे कुछ ऊटपटांग बात कर देते हैं तो आप पूरे इस्लाम को ही गाली देने पर उत्तर आते हो - पूरी जमात को ही गाली देने लगते हो - पहुंच जाते हो बाबा आदम के ज़माने में और गिनाने लगते हो कि फलां गज़नी फलां मेहमूद फलां खान ने फलां फलां जुल्म अनर्थ गलत किया था - इसलिए - अब आज किसी की खैर नहीं - मार डालेंगे सबको - भगा देंगे सबको - छीन लेंगे सबकुछ - ये देश हमारा है - हिन्दुओं का देश .... ये हिन्दू राष्ट्र है - आदि इत्यादि !!!!
तो मेरे रामज़ादे भाजपाइयों ऐसा ही पैमाना अपने लिए भी फिट क्यों नहीं करते - भैय्या इतने पीछे क्यों जाते हो - पहले ताज़ा ताज़ा घटनाओं के लिए तो शर्मिंदगी उठा लो .... जवाब दो की इन गुंडे बदमाशों और व्यभिचारियों को तुम्हारी पार्टी में एंट्री किसने दी थी - किसने टिकट दिया था ?? क्या जैसे पूरी मुस्लिम जमात को जवाबदार ठहराते हो तो क्या थोड़ी शर्म पाल कर अपनी पार्टी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराओगे !!!!
तमाम गुंडे बदमाशों को पार्टी में भरकर दूसरों को उपदेश और नसीहत देने चले हो .... धिक्कार है तुम्हारी बेशर्मी पर - और तुम्हारी साम्प्रदायिकता पर - तुम्हारी दोगली नीति पर - और तुम्हारी कायरता पर !!!!
हाथ जोड़ कर प्रार्थना है - इस धर्म और पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठ देश और नैतिकता के बारे में भी सोच लो - कुछ भाईचारे और अमन के बारे में भी सोच लो - कुछ अनाथ हो गए 'विकास' की भी सुध ले लो जनाब !!!!

Saturday 20 December 2014

//// क्या मोदी जी इस्तीफ़ा देंगे ?? .... मेरा दावा है नहीं .... ////

आपको याद ही होगा कि कल मीडिया में सूत्रों के हवाले से ये समाचार तैर गया था कि क्योंकि संघ के अन्य अनुषांगिक अंग के बड़े छुटभैय्ये नेता या सदस्य अपने अपने लक्ष्यों को साधने में ऊल जलूल बयानबाज़ी कर रहे हैं और साम्प्रदायिकता फैला रहे हैं - जिसके कारण मोदी जी नाराज़ हो इस्तीफे की धमकी दे दिए हैं ....
और क्योंकि जिन पर आरोप या लांछन था उनकी प्रतिक्रिया नहीं आई थी तो मुझे लगा था कि मोदी जी की धमकी काम आ गयी .... अब कुछ समय शांति रहेगी !!!!
पर ये क्या ? आज तो सीधे संघ प्रमुख भागवत जी ने वो कह दिया जिससे लगा कि पहले वाली बातें तो मात्र हलकी-फुलकी थीं - अब हुई असली वज़नी ओछी बात - साहब ने तो सीधे "हिन्दू राष्ट्र" की घोषणा ही कर दी ....
अब क्या होगा ?? भाई ये तो अल्लाह और ईश्वर जाने - क्योंकि ये झगड़ा दोनों बड़े वालों के बीच - जिस में ज्यादा ताकत होगी वो जीत जाएगा - हमारी क्या बिसात - और हम उपरवाले के झगड़े रगड़े में आखिर पड़े भी क्यूँ - हमें क्या पागल कुत्ते ने काटा है ????
पर मैं तो ये सोच रहा हूँ कि आखिर अब मोदी जी क्या करेंगे ????
फिर एक बार धमकी देंगे ? या इस्तीफ़ा देने की घोषणा ? या केजरीवाल की तरह सीधे इस्तीफा दे देंगे ? या फिर जो केजरीवाल ने नहीं किया था लोगों से पूछेंगे कि क्या इस्तीफ़ा देना चाहिए कि नहीं ? या कुछ नहीं करेंगे ? या जाकर मोहन जी से मिल बात कर कोई बीच का रास्ता निकालने का प्रयास कर रास्ता निकाल ही लेंगे ? जैसे उनसे कहेंगे कि मैं धीरे धीरे सब करूंगा थोड़ा ठंडा कर के खाओ गुरु !!!!
मुझे लगता है मोदी जी कुछ भी करें या ना करें पर मेरा दावा है कि इस्तीफ़ा तो नहीं देंगे ....
क्योंकि मैं सोचता हूँ कि ऐसा करने की उनमें हिम्मत और नैतिकता नहीं है !!!!
काश मेरा दावा झूठा साबित हो - तो इस देश का भला हो जाएगा !!!!
बेचारे अल्लाह और ईश्वर भी हाले-फिलाले बरी जिम्मे होंगे !!!!

//// "COME MAKE IN INDIA" - शातिरता युक्त लुभावना सा लगने वाला नारा तो नहीं ?? ////

जब इंडिया में मंगलयान बन सकता है - जब इंडियंस पूरे विश्व में जा कर अपना लोहा मनवा चुके हैं - जब हम सांप संपेरों के युग से बाहर आ माउस पर उंगली फेर कर डंका पीट चुके हैं - तो हम इंडियंस इंडिया में क्यूँ नहीं बना सकते ?? और क्या नहीं बना सकते ????
और यदि इंडियंस अपने घर शहर प्रदेश देश में कुछ भी और सब कुछ बना सकते हैं तो फिर "COME MAKE IN INDIA" का क्या औचित्य - क्या विदेशियों को अपने यहाँ न्यौता देना किसी भी दृष्टी से जायज़ या उचित या आवश्यक या उपयोगी ठहराया जा सकता है ????
मोदी जी आप की बात कुछ हज़म नहीं हो रही - चुनाव पूर्व तो आपने ऐसी कोई बात की ओर इशारा तक नहीं किया था - बल्कि इसके उलट आपने तो UPA को धिक्कारते हुए यहाँ तक कहा था कि जो शस्त्र हम विदेशों से खरीदते हैं वही शस्त्र हम भारत में ही बना विदेशों को सप्लाई क्यों नहीं कर सकते ? आपने रोज़गार की बातें भी कहीं थीं - जिस प्रदेश में गए वहां ही कहा कि यहाँ के युवाओं को प्रदेश छोड़ परिवार छोड़ रोज़गार के चक्कर में अन्यत्र क्यों जाना पड़ता है - प्रदेश में असीमित संभावनाएं हैं - स्थितियां बदली जा सकती हैं - मैं इसे बदलना चाहता हूँ - मैं विश्वास दिलाता हूँ - मैं बदलूंगा - मैं मैं - मैं आपके प्रदेश को नंबर 1 बनाऊंगा - मैं मोदी - मैं मैं मैं !!!!
तो क्या आपका आशय ये था कि जो विदेशी विदेश में बनाते हैं अब उन्हें हम न्योता देंगे कि आओ हमारे यहाँ ही बनाओ - अपनी ज़मीन क्यों खराब करते हो - हमारी जमीन है ना - हमारे संसाधन हैं ना - यहाँ मजदूर भी हैं - आओ धंधा करो और कमाओ और ले जाओ - और शायद कुछ कमीशन के टुकड़े हमें दे जाओ !!!!
नहीं मोदी जी नहीं !! अब आप पर संदेह होने लगा है - कहीं आप के मन में अब अंतर्राष्ट्रीय घोटाले करने के मंसूबे तो नहीं जो FDI को स्वीकृति दी गयी और अब "COME MAKE IN INDIA" का विचित्र और शांतिरता युक्त लुभावना सा लगने वाला नारा दे आप पूरे विश्व में घूम घूम कर विदेशियों को कह रहे हैं - आओ ठाकुर आओ - बताओ क्या करोगे - आपकी क्या सेवा की जाए - और आप कितना दोगे ????
और यदि ऐसा है तो मैं सबको सावधान करते हुए कहूँगा - "COME IN INDIA" का विरोध करें - और कहें - "NO 'COMEIN' IN INDIA" ....
और कहें .... "COME ON INDIANS - MAKE IN INDIA - MAKE FOR INDIA" !!!!

Friday 19 December 2014

//// भगोड़ा होने के मतलब .... ////

जैसा कि होता आया है 'सूत्रों' द्वारा बताये कुछ खास प्रकार के समाचार मीडिया में आते हैं जिनकी विश्वसनियता उतनी ही होती है जितनी उन समाचारों की जो 'सूत्रों' द्वारा नहीं बताये जाते हैं ....
ऐसा ही एक समाचार आया है कि - // मोदी जी ने इस्तीफे की धमकी दी // ....
कारण उन्होंने संघ को कहा है कि उन्हें सरकार चलाने में दिक्कतें आ रहीं हैं - क्योंकि संघ के अन्य अनुषांगिक अंग अपने अपने लक्ष्यों को साधने में ऊल जलूल बयानबाज़ी कर रहे हैं और साम्प्रदायिकता फैला रहे हैं !!!!
मैं सोचता हूँ कि मोदी जी ने इस प्रकार संघ को जो कड़ा संदेश दिया है वह हर दृष्टि से उचित और सराहनीय है .... और शायद ये "राजधर्म" को निभाने के लिए आवश्यक भी है .... इसलिए मैं मोदी जी को बधाई देता हूँ !!!!
पर साथ ही मोदी जी भाजपा और भक्तों को आज धिक्कारते हुए ये भी कहना चाहूँगा कि वे कृपया आइन्दा अरविन्द केजरीवाल के इस्तीफे का मज़ाक़ बनाने की ज़ुर्रत कदापि ना करें .... क्योंकि अब उन्हें समझना ही होगा कि यदि आदर्शवादी अरविन्द केजरीवाल 'भगोड़े' थे तो मौकापरस्त मोदी जी भी ऐसे 'भगोड़े' हैं जिनसे अभी तक भागते भी नहीं बना है - शायद बुज़दिली की निशानी !!!!
और मज़े की बात ये है कि मोदी जी चल भी कहाँ पा रहे हैं ????
और याद रहे जो ठीक से चल भी ना पाये उसे 'लंगड़ा' या 'पंगु' भी कहते हैं - जो 'भगोड़े' से तो बदतर ही होता है !!!!
है ना !!!!

//// मोदी ना बोले ना बोले ना बोले रे .....////

आज फिर राज्यसभा 2.30 बजे तक स्थगित .... मुद्दा वही - विपक्ष मांग कर रहा है कि धर्मांतरण के विषयक जो बकवास सदन के बाहर पटकी गयी है और जो मोदी जी के कथनों से मेल नहीं खाती है उसके लिए प्रधानमंत्री जी स्वयं सदन में उपस्थित हो विषयवस्तु पर बयान दें ....
पर मोदी जी तो बिलकुल छुइ मुई हुए जा रहे हैं .... प्रावधानों की दुहाई दी जा रही है .... कहा जा रहा है कि कोई नियम या प्रावधान सत्ता पक्ष को बाध्य नहीं कर सकते कि प्रधानमंत्री स्वयं ही बोलें और उनके स्थान पर सरकार की तरफ से कोई भी मंत्री जवाब न दे सके .... आदि !!!!
मेरी विवेचना ....
क्या कोई नियम ये कहता है कि सदन में हो हल्ला किया जा सकता है - माराकूटी की जा सकती है - गाली-गलौज की जा सकती है - कागज फाड़े जा सकते हैं - सदन की कार्यवाही को जबरन स्थगित करवाया जा सकता है - नहीं ना !!!! पर फिर क्या भाजपा ने आज तक ऐसा कभी कुछ नहीं किया ?? अरे छोड़िये जनाब - क्यूंकि भाजपा ज्यादातर विपक्ष में ही रही है तो भाजपा द्वारा तो ये सब खूब किया जाता रहा है .... बल्कि यदि थोड़ी अतिश्योक्ति के साथ कहूँ तो भाजपा द्वारा यही किया जाता रहा है .... अरे भाई यही तो विपक्ष के हथकंडे होते हैं .... है ना !!!!
तो अब क्या हो गया ?? अब सारे नियम प्रावधान क्यों याद आ रहे है - अब आज अपनी बारी आई तो मिद्द क्यों निकल रही है - अब उस डायलाग का क्या हुआ कि सदन की कार्यवाही को चलाने का दायित्व सत्तापक्ष का होता है ?? आओ हिम्मत करो - जवाब दे दो - और संसद को चलाने का दायित्व निभा दो !!!!
पर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं - निश्चित ही कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है .... और मोदी की मजबूरी है कि बेचारे अपने बड़बोलेपन और उनके गुंडाइयत से भरे संगी साथियों के कारण फंस गए है .... उन्हें मालूम है कि कुछ भी बोला नहीं और झंझट शुरू ....
तो मित्रों आज मोदी जी की स्थिति का वर्णन मैं लोकप्रिय गाने की पैरोडी से करता हूँ ....
// मोदी ना बोले ना बोले ना बोले रे ....
झंझट के पट ना खोले रे .... मोदी ना बोले ना बोले ना बोले रे //

Thursday 18 December 2014

//// कोई पत्थर से ना मारे ........... ////

अब किसी ने कह दिया है - 2021 तक भारत में सभी को हिन्दू बना दिया जाएगा ....
कुछ दिन पहले किसी ने कहा था - हिन्दुस्तान में रहने वाले सभी हिन्दू हैं ....
इसलिए आप कह सकते हैं कि जो पहले कह रहा था और जो अब कह रहा है उनमे से कम से कम एक तो यकीनन पागल है ....
और मैं कहता हूँ कि दोनों दीवाने हैं - धर्म के मारे हैं .... इसलिए इनको पागल ना कहा जाए .... कोई पत्थर से ना मारे मेरे धर्मालु को ....
और मैं तो देखता हूँ कि हमारे देश में मोदी जी के नेतृत्व में कितना बड़ा परिवर्तन होने वाला है .... भले ही बुलेट ट्रेन या स्मार्ट सिटी तो नहीं ही होगी - पर कल्पना करें उससे भी अच्छा क्या होगा ....
नए नाम होंगे .... मोहम्मद चतुर्वेदी ; शिव खान ; लखन लखवी ; हाफ़िज़ सिद्धू ; सुरेश सईद ; नवाज़ पंडित ; मोहन शरीफ आदि .... और रामप्यारी बेगम ....
कोई जात-पात का भेद ही नहीं रहेगा - सभी हिन्दू - सर्वत्र हिन्दू ....
यहाँ तक की सभी जनावर भी हिन्दू ही कहलायेंगे - बकरे भी हिन्दू गाय भी हिन्दू ....
सभी बेघर गाँव बाहर एक ही लाइन लगाए सरकारी शौचालय के बाहर खड़े मिलेंगे ....
हर मज़ार पर लटक रहे होंगे घंटे - टन टना टन टन ....
प्लस + पर टंगे होंगे आसाराम और राजपाल ....
केशधारियों के चुटिया होगी और दढ़ियलों की फ्रेंच कट ....
अगला कुम्भ अजमेर में होगा, और उर्स वाराणसी में ....
और ये धर्म के मारे - आज के धार्मिक ठेकेदार - मंदिरों के बाहर एल्युमीनियम की प्लेट में कुछ सिक्के उछाल उछाल कर कह रहे होंगे - दे दे राम के नाम पर दे दे - हनुमान तेरा भला करेंगे !!!!
काश ऐसा ही हो जाए .... शायद यूं ही ये हैवान धोखे से गफलत में गलती से इंसान बन जाएँ .... इनकी घर वापसी हो जाए ....
इसलिए कहता हूँ कि इन धर्मालुओं को पागल मत बोलो - छोड़ दो इनको मोदी भरोसे - या आगरा या बरेली .... ये दया के पात्र हैं - ये नेकदिल हैं - क्या हुआ जो बेचारे धर्म के मारे हैं .... आखिर हैं तो हमारे अपने .... है ना !!!!
तो अब आप भी लगें अपने अपने काम से - बस 2021 का इंतज़ार करें !!!!

//// गज़ब हो गया - बड़बोले प्रधानमंत्री की बोलती बंद .... ////

आखिर मजबूर हो मोदी जी डरते डराते सहमे से सदन में आ तो गए - पर बोलने से परहेज़ - शायद डर के मारे कि आखिर बोलेंगे तो क्या ? सदन के बाहर वैमनस्यता से भरे बयानों के पक्ष में बोले तो गए काम से - और विपक्ष में बोले तो भी - आखिर जिन के काँधे चढ़ सत्ता पर पहुंचे उनसे भी तो दोगलाई कैसे कर सकते हैं ????
अपने को सूरमा प्रस्तुत करने वाले मोदी जी की मात्र 6-7 महीने में ऐसी दयनीय स्थिति ?? वो भी 344 का प्रचंड पूर्ण बहुमत होते हुए ??
पिछले 4 महीने में 57 से ज़्यादा चुनावी रैलियों में एक भाजपाई की हैसियत से कई घंटे और दिन खपाने वाले मोदी जी मुश्किल से 1 घंटे भी सदन में उपस्थित ना रहे ....
निश्चित ही मोदी जी की पोल खुल के रह गयी है - वो देश के प्रधानमंत्री बनने लायक नहीं !!!!
शायद अब साफ़ होता जा रहा है कि देश ने मोदी जी पर विश्वास कर गलती कर दी !!!!
पर मेरा विश्वास है कि जो जनता एक चायवाले को प्रधानमंत्री बना सकती है वो पुनः अक्षम प्रधानमंत्री को उसके सही स्थान पर ला कर पटक भी सकती है !!!!
बस आवश्यकता है बिना पूर्वाग्रह के सजग रहते देशहित में अपनी आवाज़ एक बार पुनः ससमय बुलंद करने की !!!!

//// 56" सीने वाले मोदी जी सदन में आने से घबरा रहे हैं - क्यों ? ////

लव जिहाद धर्मांतरण हिन्दुई गाली गलौज हिन्दुई धमकियों और बयानों के मद्देनज़र विपक्ष जायज़ मांग उठा रहा है कि प्रधानमंत्री सदन में आकर स्वयं बयान दें !!!!
पर मोदी जी तो ऐसे कतरा रहे हैं जैसे सदन ना हुआ कोई जुआंघर हो - या दारू का अड्डा हो - या वैश्यालय हो - जहाँ जाने में मोदी जी को वाजिब परहेज़ हो ?
होंगे प्रधानमंत्री के विशेषाधिकार - पर यदि ऐसे विशेषाधिकार हैं भी तो मैं धिक्कारता हूँ ऐसे अधिकारों को और पूछता हूँ कि हमारे प्रधानमंत्री किस बात के लिए वेतन लेते हैं और वो तमाम सुविधाएँ लेते हैं जिसके लिए टैक्स हम ही तो देते हैं ??
सदन में आप अपेक्षित नहीं हैं तो क्या आजम खान की भैंसे जाएंगी वहां ????
मुझे लगता है कि मोदी जी निश्चित ही अपनी दोगली शातिरता में फँस गए हैं - अभी तक मोदी जी तो बगला भगत बने राजा मुन्ना होने की एक्टिंग कर रहे थे - और उनके छर्रे और चेले चपाटी अपनी पूरी नंगायित को तुरत फुरत अंजाम देने में लगे थे - शायद एक सोची समझी रणनीति के तहत !!!!
पर शायद विपक्ष ने और जनता ने मोदी जी को ससमय भांप लिया है !!!!
देखें आगे क्या होता है ????

Wednesday 17 December 2014

//// "घर वापसी" पर रोक .... कुछ उल्टा-पुल्टा .... और कुछ उधेड़बुन .... ////

मोदी जी द्वारा सत्ता में आने के पूर्व जो सेकुलरिज्म विकास और "सबका साथ" आदि की शानदार बातें कई बार कही गयीं थीं - उससे स्वाभाविक रूप से कई लोगों को लग रहा था कि मोदी जी के सरकार में आने के बाद कुछ शानदार होता दिखेगा .... जैसे "सबका साथ और सबका विकास" और इस "सबका" में हिन्दू मुस्लिम दोनों शामिल होना अपेक्षित था !!!! 
और इसके विपरीत उत्तरप्रदेश की अखिलेश सरकार से तो कम से कम किसी को कुछ अच्छे की कत्तई आशा नहीं थी .... ऐसा मेरा आंकलन है और शायद चुनाव के नतीजे भी इसी ओर इंगित करते हैं !!!!
पर आज जब उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा समाज में वैमनस्य फैलाने के इरादे से "घर वापसी" के नाम से धर्मपरिवर्तन या धर्मांतरण के कार्यक्रम पर रोक लगाई गई तो मुझे लगा - जिस से उम्मीद थी कुछ अच्छे की उसने तो बकवास पटक दी और जिस से कुछ भी अच्छे की उम्मीद नहीं थी उसने कुछ अच्छा कर दिखाया .... यानि बिलकुल उल्टा - पुल्टा !!!!
और इसलिए अपनी ज़िन्दगी में मैं पहली बार समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार को बधाई देता हूँ - और भविष्य के लिए समाजवादी पार्टी को भी साम्प्रदायिकता से परिपूर्ण हरकतों से बाज आते हुए ऐसे ही सेकुलरिज्म के पक्ष में और भाई चारे को बढ़ावा देने का कार्य करने की नसीहत भी देता हूँ - भले ही अगला चुनाव जीते या हारे और सत्ता में रहे या ना रहे .... ना ही रहे तो बेहतर - पर फिर विकल्प क्या है ????
कांग्रेस ? ना ना !!!! ..... बसपा ? हा ! हा ! मज़ाक की हद होती है !!!! ....
तो क्या भाजपा ?? छिः ! बकवास की भी तो हद होती है कि नहीं ?? ....
तो फिर ????
चलो अब ठीक है - हाल फिलहाल समजवादी ही ठीक है !!!!

//// क्या हमें बबूल और आम के आगे भी मनन चिंतन की आवश्यकता तो नहीं ?? ////

बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से पाये ?
पाकिस्तान के पेशावर में तालिबान के वहशियाना हमले के संदर्भ में उपरोक्त बात और इसी आशय की अनेक बातें कहीं जा रही हैं - खूब कही जा रही हैं - और सही कही जा रही हैं .... क्योंकि अब इतना तो भक्त को भी मालूम है कि आम आम के पेड़ पर लगते हैं .... और मैं तो इसके एक कदम और आगे लापरवाही से भी सोचते हुए एवं एडा बन ये भी कहने का साहस कर सकता हूँ कि - " जिस पेड़ में आम लगते हैं उस पेड़ को आम का पेड़ कहते हैं " !!!!
और यदि मैं इसी बात को थोड़ा और आगे बढ़ाऊं तो मैं ये भी कह सकता हूँ कि - यदि आप को आम चाहिए तो आपको आम का पेड़ ही लगाना भी पड़ेगा .... पर याद रहे कि आम की भी कई जातियां होती हैं तो इसलिए आपको जिस जाति का आम चाहिए जैसे कि कलमी दशहरी लंगड़ा बादाम आदि तो पेड़ भी उसी जाति का ही तो लगाना होगा ....है ना !!!!
और भी गूढ़ बात बताते चलूँ कि यदि आपको मीठे संतरे चाहिए और आप गलती से मिलता जुलता उसी जाति का निम्बू का पेड़ लगा बैठे तो मान के चलिए कि आपको जो प्राप्त होगा वो आपके दांत खट्टे कर देगा !!!!
उपरोक्त बकवास से मैं आपको यह समझाने का प्रयास कर रहा हूँ कि शायद तालिबान को पाकिस्तान में समझने की गलती हुई .... और दुष्परिणाम आपके सामने है ....
पर कहीं ऐसा तो नहीं कि हम भी ठीक उसी तरह विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल और कई छोटे छोटे आरएसएस के अनुषांगिक हिन्दू धर्म आधारित संस्थाओं को समझने में भूल कर रहे हैं - ठीक उसी तरह जैसे संतरे की चाह में हम निम्बू बो गए हैं - या निम्बू ही क्यों - ककऊआ - करेला - कद्दू - बेशरम की झाडी - आदि इत्यादि - या हाफुस की जगह चूसने वाले छोटे खट्टे देसी आम ????
और अंत में बताते चलूँ कि केवल उपरोक्त कहावत ही सही हो ऐसा भी कहाँ है .... इससे भी अच्छी कहावतें हैं जैसे कि .... " समझदार वही है जो सुख के समय दुःख कि कल्पना कर दुःख को टालने के लिए सही कदम ससमय उठा ले " .... और .... " समझदार वही जो दूसरे के अनुभव से ही सीख ले ले " .... और .... " सबसे बड़ा बेवक़ूफ़ वो जो घास फूस के मकान में रहते हुए दूसरे के लकड़ी के मकान को जलते देख तमाम ज्ञान बघार दे " !!!!
अतः पुनः सावधान रहिएगा !!!!

Tuesday 16 December 2014

//// पेशावर में आतंकवादी हमले में 100 से अधिक मासूम बच्चों की मौत - कहीं जड़ में "धर्म" का कीड़ा तो नहीं ? ////

मेरी आज निंदा करने की हिम्मत जवाब दे रही है ....
मैं केवल रो सकता हूँ ....
पर कुछ हिम्मत जुटा आज ज़ुर्रत करता हूँ हिमाकत करता हूँ यह पूछने की कि .....
हम कब तक यह मानते रहेंगे की सब ईश्वर अल्लाह की मर्ज़ी से होता है ?
हम कब ये यथार्थ स्वीकार करेंगे की बहुत कुछ हैवान की मर्ज़ी से भी होता है ?
और हम कब तक यह मानने से कतराते रहेंगे की आजकल ये धर्म का कीड़ा ही तो है जो इंसान को हैवान बनाने का कारण बना हुआ है ????
क्या आप आज भी यह नहीं सोचेंगे कि जिस आतंकवादी ने जिन मासूम बच्चों को मारा है उसकी उन बच्चों से ना तो व्यक्तिगत दुश्मनी थी या जान पहचान ही थी ....और संभवतः वह खुद भी जानते बूझते स्वाहाः हुआ - शायद धर्म के ही नाम पर - जड़ में वही धार्मिक आतंकवाद - धार्मिक उन्माद - धार्मिक कट्टरवाद - धार्मिक अंधवाद - धार्मिक एकता - या धार्मिक धंधा ????
हम कब तक अपने मन को बहलाते रहेंगे यह कह सुन और मान कर कि कोई धर्म बुरा नहीं है - सब धर्म अच्छी बातों की प्रेरणा ही तो देते हैं ? पर आगे प्रश्न नहीं करेंगे कि फिर ये सब अनर्थ क्यों ?
हम कब तक ये नहीं समझेंगे कि धर्म से बड़ी है "इंसानियत" - "मानवता" ????
मित्रों मेरा मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं है - अपितु मेरा प्रयास है कि शायद इस धर्म के कीड़े से मानवता और इंसानियत को बचाने हेतु अपनी बुद्धि अनुसार छोटा सा प्रयास कर सकूँ ....
// उन सभी मासूम बच्चों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि स्वरुप समर्पित // .... इस माफ़ी के साथ कि हम विज्ञान में इतनी तरक्की करने के बावजूद उन्हें इस धार्मिक त्रासदी से नहीं बचा पाये !!!!

//// योगी आदित्यनाथ के फ़िज़ूल प्रश्न - फ़िज़ूल भक्तों के नामे उत्तर हेतु हस्तांतरित .... ////

आजकल धर्मांतरण पर बड़ा विवाद हो रखा है .... और जब धार्मिक विवाद हो तो अखाड़े में स्वयंभू हिन्दू रक्षक योगी आदित्यनाथ ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता .... तो जनाब लव जेहाद के बाद आजकल जनाब फिर सुर्ख़ियों में हैं और लगे पिले पड़े हैं तथाकथित स्वयं रचित एवं घोषित हिन्दुओं की लड़ाई लड़ने में .... और इसी कड़ी में उनका एक घिसे पिटे फॉर्मूले के तहत नया सा लगने वाला एक बयान आया है जिसमें उन्होंने प्रश्न पूछा है कि - // "जब नालंदा यूनिवर्सिटी को नष्ट किया गया तो हमने इसकी परवाह क्यों नहीं की ? हमने यह जानने की कोशिश क्यों नहीं की कि नालंदा यूनिवर्सिटी को किसने नष्ट किया?" // - और साथ ही यह हिदायत भी दे मारी है कि - "केंद्र सरकार घर वापसी के मुद्दे में दखल न दे" - और मैं देख रहा हूँ कि मजाल किसी की जो दखल दे दे - बिलकुल नहीं - हाँ ये बात अलग है कि आगे पीछे समर्थन तो है ही !!!!
पर अब यक्ष प्रश्न है कि आदित्यनाथ के प्रश्नों का जवाब कौन देगा ????
मित्रों मैं तो सभी हिन्दुओं और आपकी और मेरी खुद की खुदा की ईश्वर की जहान की जहन्नुम की कसम कस्सम खा कर कहता हूँ कि मुझे कुछ नहीं मालूम कि जब नालंदा यूनिवर्सिटी को नष्ट किया जा रहा था तब आदित्यनाथ या उनके संगी साथी या उनके भाई लोग या उनके पूर्वज या हिन्दू या सनातनी हिन्दू या तनातनी हिन्दू या उदार हिन्दू या कट्टर हिन्दू या असली हिंदू या खालिस हिन्दू या "तब हिन्दू अब मुसलमान" या हिन्दू साधू संत आदि कहाँ थे - और उन सब लोगों ने कोई परवाह क्यों नहीं की और आज तक भी नालायकों ने ये जानने की कोशिश क्यों नहीं की कि नालंदा यूनिवर्सिटी को किसने नष्ट किया ????
और मुझे ये भी यकीन है कि जब योगी आदित्यनाथ & कम्पनी को स्वयं ही उनके बारे में कुछ नहीं अता-पता तो भला ये महत्त्वपूर्ण बात आपको भी कैसे और क्यूँ मालूम होगी ??
तो अब क्या होगा - कौन पता लगाएगा ये सब ???? मत कहियेगा सीबीआई - दिल टूट जाएगा मेरा .... मत कहियेगा गृह मंत्री राजनाथसिंह - दिमाग सन्ना जायेगा मेरा !!!!
इसलिए आइये देशहित में हम सब वर्त्तमान में फ़िज़ूल जाया जा रहे काबिल भक्तों से ये हाथ जोड़ कर प्रार्थना करें कि वो सब इसी क्षण लग जाएँ भिड़ जाएँ योगी आदित्यनाथ की सहायता करने हेतु और ये पता लगाने के लिए कि जब नालंदा का हश्र हुआ तब आदित्यनाथ & कम्पनी कहाँ थी - ये सनातनी और तनातनी कहाँ थे - इनके बाप दादा कहाँ थे .... और तो और एक बार में ही ये सब भी पता कर बता डालें कि - जब फलां की बहन की चाची के भतीजे के मंगेतर के साथ किसी मुसलमान ने कुछ गलत किया था तब सब कहाँ थे - जब फलां मंदिर पर आक्रमण हुआ था त्तब सब क्या कर रहे थे - जब हिंदुओं को कढ़ाई में तला जा रहा था तो नीचे आग कौन लगा रहा था - किसने जयचंद और किस किस ने विभीषण का रोल अदा किया था ???? आदि इत्यादि !!!!
आशा है सभी भक्त 5 साल के हनीमून पीरियड के तुरंत बाद ही अपनी रिपोर्ट प्रेषित कर देंगे - या मोदी सरकार के पतन के विलाप के मौकों पर ....

Monday 15 December 2014

//// अब 25 दिसंबर क्रिसमस के दिन मोदी का सुशासन दिवस मनाने के बदनीयत कारण .... ////

मैं एक हिन्दू हूँ और साथ ही साथ एक सेक्युलर भी ....
और जिस तरह से एक बार फिर इस सरकार भाजपा विहिप और उसके प्रवक्ताओं द्वारा घृणित राजनीति कर अल्पसंख्यकों को नीचा दिखाने और चिढ़ाने का काम एक चालाकी भरे अंदाज़ में किया जा रहा है मैं उसकी घोर निंदा करता हूँ - और एक हिन्दू होने के नाते अपने सभी क्रिश्चियन भाइयों और बहनों को क्रिसमस की अग्रिम बधाई देते हुए उनसे प्रार्थना करता हूँ कि वे इन सब बातों को भूलकर क्रिसमस का त्यौहार पूरे हर्षोल्लास से मनाएं .... हम सब सेक्युलर लोग साथ-साथ हैं !!!!
अब इस सन्दर्भ में आज बहुत व्यथित हो भाजपा और इस सरकार के द्वारा किये जा रहे भोंडे व्यवहार के सन्दर्भ में कुछ प्रश्न रखना चाहूँगा >>>>
> क्या भाजपा के नेता अनुशासन और तहज़ीब वाले हैं - जो आप स्कूल के बच्चों को सुशासन दिवस मनवाने के बहाने सुशासन सिखाने की औकात रखने का भ्रम पाल बैठे हैं ?
> क्या आप हिंदुत्व के ठेकेदार होने का भी भ्रम पाल बैठे हैं ?
> क्या आपको ये सुशासन दिवस मनाने के लिए क्रिश्चियन के एक मात्र बड़े त्यौहार 25 दिसंबर का ही दिन मिला ? और यदि आपको ऐसा करना भी था तो क्या आपने अपने क्रिश्चियन भाइयों और बहनो को विश्वास में लेने की कोई जरूरत क्यों नहीं समझी ?
> क्या अब आप हिदुत्व के नाम पर क्रिश्चियन्स को चिढ़ाएंगे - डराएंगे - उनका धर्म परिवर्तन भी कराएँगे - फिर कहेंगे आप घर वापसी करा रहे हैं या किसी का शुद्धिकरण करा रहे है ? क्या ये सब आपको शोभा देता है ?
> क्या चुनाव पूर्व जो मोदी जी ने कहा था - "सबका साथ" - क्या आप उस वायदे या उस बात को निभा रहे हैं ?
मैं मोदी जी और भाजपा और मेरे सभी भटके हुए हिन्दू भाइयों से हाथ जोड़ कर विनम्रता पूर्वक प्रार्थना करता हूँ कि नहीं ऐसा व्यवहार कदापि ना करें जिससे ये देश ही टूट जाए - इस देश का भाईचारा टूट जाये - आपसी विश्वास टूट जाए .... याद रखें जोड़ना ही कला है वर्ना तोड़ने में कौन सा महारथ लगता है - तोड़ने के लिए तो केवल थोड़ी सी टुच्चाई ही बहुत है !!!!
आइये हम सब देशवासी मिलकर हमारे क्रिश्चियन भाइयों और बहनों को किसी भी संभावित टुच्चाई का शिकार होने से बचाने का भरपूर प्रयास करें .... धन्यवाद !!!!

//// प्रतिबंध ! कुछ और प्रतिबंध .... ////

मोदी जी के कल 'मन की बात' पर देश में गजब प्रतिक्रिया हुई है - जी हाँ मोदी जी की बात को एक तरफ पटक कर अब सब दूर से ये आवाज़ उठ रही है कि - // नशे पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए // .... क्या है मित्रों अब देश को फेंकम-फाँक समझ आने लगी है - शायद इसलिए ऐसी प्रतिक्रिया !!!!
और अब उपरोक्त प्रतिक्रिया से प्रोत्साहित होकर आज मैं कुछ और प्रतिबंधों के बारे में अपने विचार आपके समक्ष रखता हूँ >>>>
> मंदिरों और मस्जिदों से किसी भी प्रकार का लाउड स्पीकर से प्रसारण सर्वथा प्रतिबंधित होना चाहिए !!!!
> धर्म और धार्मिक गतिविधियों से जुड़े सभी व्यक्तियों पर जो अपने आपको उस ऊपरवाले का एजेंट या दूत या अवतार मानते हों उन्हें किसी भी प्रकार की सरकारी सुरक्षा मुहैय्या ना कराते हुए और उन सब पर किसी भी प्रकार की चल अचल संपत्ति ना रखने का प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें ऊपरवाले के भरोसे और रहमों करम पर रहने पर मजबूर कर देना चाहिए !!!!
> पूरे देश में तत्काल प्रभाव से आगे किसी भी धार्मिक स्थल के निर्माण पर प्रतिबंध लगाना चाहिए .... जितने हैं उतने बहुत हैं - जब एक भगवान के लिए इतने सारे भवन पहले से मौजूद हों तो उनके लिए और भवन क्यों ? अब गरीब इंसानो के रहने का ही प्रबंध होना चाहिए - भगवन अपना इंतज़ाम खुद करें - या ईश्वर अल्लाह वाहे गुरु जीसस भवन शेयर कर लें - है ना !!!!
> किसी भी मंत्री या प्रधानमंत्री के असीमित बोलने पर प्रतिबंध लगना चाहिए .... क्या है - उनके बोलने पर भी पैसे तो हमारे ही लगते हैं ना - और हम ही फ़ोकट में पका दिए जाते हैं !!!!
> किसी भी चुने हुए विधायक या सांसद के लिए असंवैधानिक शब्द बोलना और कानून को अपने हाथ में लेना किसी भी परिस्थिति में प्रतिबंधित होना चाहिए - और प्रतिबंध की अवहेलना होने के साथ ही उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त होने का प्रावधान होना चाहिए - उदाहरणार्थ जैसे ही आपने "हरामजादा" बोला या किसी को थप्पड़ रसीद किया - और आपकी सदस्यता गयी .... बस उसके बाद आओ बैठो पटिये पर हमारे बगल में - अपन ज्ञानवर्धन की बातें करेंगे !!!!
> किसी भी विधायक या सांसद का पद और गोपनीयता की शपथ लेते ही उसे केवल राष्ट्र की जनता के प्रति समर्पित और जवाबदेह मानते हुए किसी भी पक्ष पार्टी गुट संस्था धर्म जाति आदि के पक्ष या विपक्ष में प्रचार पर प्रतिबंध लगना चाहिए - उदाहरणार्थ जब मोदी जी अब देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं तो उन्हें भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करने या किसी विशेष धर्म और जाति के पक्ष या विपक्ष में बोलना प्रतिबंधित होना चाहिए .... देश ने तुम्हे प्रधानमंत्री की जवाबदारी अच्छे वेतन और अनेक सुविधाओं के साथ सौंपी है - इसलिए बस अपने काम पर लगे रहो - उदाहरणार्थ जैसे एक टीचर पुलिस का काम थोड़े ही कर सकता है - है ना !!!!
> बाबा रामदेव के सुझाव अनुसार देश में 500 और 500 के ऊपर के सभी नोट प्रतिबंधित कर देना चाहिए - भले ही योग दिवस मनाओ या ना मनाओ !!!!
> और जो व्यक्ति अपने स्वयं के विवाह का सही निर्वहन ना कर सका हो उसका दूसरे के शुभ-विवाह में शिरकत करने पर प्रतिबंध होना चाहिए !!!!
> और जैसे ही ये सारे प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं - उसी क्षण ब्रह्म प्रकाश दुआ का ये fb अकाउंट भी प्रतिबंधित कर देना चाहिए - आखिर फिर इसकी जरूरत भी क्यूँ रहेगी ????

//// जीत का उन्माद - नंगाईयत - और सज़ा .... ////

पाकिस्तान की टीम निश्चित ही अपने पारम्परिक प्रतिद्वंदी भारत से शानदार रूप से जीती थी - पर उसके बाद उसने जीत के उन्माद में जो सार्वजनिक रूप से नंगाईयत बताई वह शर्मनाक और दंडनीय पाई गयी - और टीम की निंदा के अलावा उसके दो खिलाडियों पर अगले एक मैच खेलने का प्रतिबंध लगा दिया गया ....
आशा है आप सब और सभी भक्त संतुष्ट हुए होंगे !!!!
पर भाजपा भी अपने पारम्परिक प्रतिद्वंदी कांग्रेस से शानदार रूप से जीती थी - पर उसके बाद जो सार्वजनिक रूप से नंगाईयत बताई गयी है वह भी तो शर्मनाक और दंडनीय है - तो क्या दो चार भाजपाइयों को कम से कम अगले एक चुनाव लड़ने का प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए ????
आशा है आप सब सहमत होंगे - पर भक्त बदहवास .... क्योंकि मैंने उनकी तार्किक तुलना पाकिस्तानियों से जो कर दी !!!! भाजपाई बनाम पाकिस्तानी ???? छिः !!!!! बेचारे !!!!
पर क्या करूँ जनाब !! जब जब मुझे ये ध्यान आता है कि मुझे पाकिस्तान भेजने वाले और मुझे हरामजादा गाली से नवाज़ने वाले और अरविन्द केजरीवाल को पाकिस्तानी एजेंट बोलने वाले और धर्मपरिवर्तन के नाम पर ज़हर घोलने वाले और लव जेहाद पर कपडे फाड़ने वाले केंद्र की सत्ता में जीत के उन्माद के साथ स्थापित हैं - तब तब मेरा दिमाग ऐसे ही अकाट्य तर्क देता रहता है - आगे के लिए भी सावधान कर दूँ !!!! सावधान !!!!

Sunday 14 December 2014

//// मोदी जी के मन की बात और मेरे मन की पीड़ा .... ////

मेरे मन की पीड़ा - आज मेरे देश के प्रधानमंत्री फ़ोकट में ही मेरे देश के पीड़ितों को अपने मन की तथाकथित पीड़ा सुना और ज्यादा पीड़ित कर गए ....
बता गए पीड़ितों को कि उन्हें क्या करना चाहिए .... और समझा गए नशेड़ियों को कि उन्हें नशा क्यों छोड़ देना चाहिए - ये मानकर कि अब उनकी बात तो सभी नशेड़ी सुन ही लेंगे और मान भी लेंगे .... जैसे सभी नशेड़ी भक्त ही हों ?
और एक बार फिर बचकानी तुकबंदी से बाज़ नहीं आये और 3D की फूहड़ तुकबंदी बता गए ....
DRUG लाता है 3D - Darkness, Destruction, Devastation ....
शायद उन्हें बाकी के कई D का ज्ञान नहीं है - जैसे .... Danger, Devaluation, Demolition, Demise, Demoralization, Demotion, Demotivation, Dependency, Diminishment, Derailment, Dimness, Disability, Disgrace, Dilemma, Difficulties , Derogation, Devilishness, Detachment, Debacle, Demon, DEATH .....
कुल मिलाकर मुझे मेरे प्रधानमंत्री जी ने एक बार फिर निराश किया है ....
निराश इसलिए कि उन्होंने ये घोषणा नहीं की कि - " इस देश में किसी भी प्रकार का नशा निषेध किया जाता है " - भले ही इस कारण सरकार को टैक्स के रूप में करोड़ों रुपये प्राप्त ना भी हों !!!!
मित्रों मुझे लगता है कि मोदी जी जैसे नेताओं से तो अब ऐसे आदेशों की उम्मीद नहीं है ....
// अब तो बस यही आशा कर सकते हैं कि शायद कोई नशेड़ी नेता ही नशे में नशे को निषेध करने की घोषणा कर दे - ये शातिर होशो हवास में तो क्या करेंगे //

//// मोदी के मन की बात .... लगता है मन में अब तक कुछ नया नहीं घुसा .... ////

नशे की बुराइयों पर मोदी जी के मन की बात सुनी .... मुझे कुछ भी नयी जानकारी या नयी बात सुनने को नहीं मिली - बातें सब सही कहीं पर लगा - बातें हैं बातों का क्या !!!!
यदि मैं बात का कुछ सार पकड़ने की कोशिश करूँ तो मुख्य बात 'नार्को टेररिज्म' की कही गयी ....
इस विषयक मेरा ये मानना है कि ना केवल ड्रग्स का पैसा बल्कि हर काले गलत धंधे और भ्रष्टाचार का पैसा ही देश के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों में लगता आया है !!!!
मोदी जी आपने बड़े भावुक हो समाज के हर परिवार को अपने लड़कों पर नज़र रखने की बात कही .... मैं भी आज उतनी ही भावुकता के साथ कहना चाहता हूँ कि सब सामान्य जन तो लड़कों पर नज़र रखते ही हैं और आगे और भी रख लेंगे - पर आप का तो कोई लड़का नहीं है - तो मैं आप से आह्वाहन करता हूँ कि आप भी तो आपसे अपेक्षानुसार किसी पर नज़र रखने का काम करो - रखो नज़र सांसदों पर - उन सभी साधु साध्वियों मुल्ला मौलवियों पर जो धार्मिक चोलों के भेष में अनेक व्यभिचारों में लिप्त हैं और ड्रग्स के धंधे में भी - उन सभी NGO ट्रस्ट और धार्मिक संस्थाओं पर जो परदे के पीछे ड्रग्स ही नहीं अन्य व्यभिचारों में भी लिप्त हैं .... उस पुलिस और नेताओं पर जिनके सहयोग के बिना ये सारे धंधे संभव ही नहीं हैं !!!!
यदि मैं भी मन की बात कहूँ तो मोदी जी अब आप 'जनता से क्या चाहिए' 'जनता को क्या करना चाहिए' बार बार बोलकर उसे गधे की तरह बोझ तले मत लाद दो - बल्कि अब खुद भी थोड़ा बोझ उठाते दिखो - आप अपने सरकारी ओहदे के स्तर से भी ऐसा कुछ करके दिखाओ कि हम बोल सकें कि मोदी जी आपने बिना कुछ बोले चुपचाप कुछ काम किया है !!!!
अब अपने मन की पीड़ा कब तक सुनाओगे - जनता की पीड़ा भी तो सुनो - हमने आपको अपनी पीड़ा हमें सुनाने और प्रवचन करने के लिया नहीं चुना था - कृपया विदित हो मान्यवर !!!!

//// "स्वाभिमानी हिन्दू राजा" होने के मायने .... ////

कुछ दिन पहले विश्व हिन्दू परिषद नेता अशोक सिंघल ने कहा था कि - "दिल्ली की गद्दी पर 800 साल बाद कोई स्वाभिमानी हिन्दू बैठा है - पृथ्वीराज चौहान की हार के बाद दिल्ली की गद्दी हिन्दुओं के हाथ से चली गयी - लेकिन अब फिर एक स्वाभिमानी हिन्दू इस गद्दी पर बैठा है" ....
उसके बाद की कुछ ताज़ा घटनाएं इस ओर इंगित कर रही हैं कि केवल ऐसा कहा ही नहीं गया है पर निश्चित ही ऐसा ही सोचा भी जा रहा है और माना भी जा रहा है और व्यवहार में भी लाया जा रहा है ....
मेरी विवेचना >>>>
> मुझे लगता है कि ये सोच ही कि दिल्ली की गद्दी पर कोई "हिन्दू राजा" बैठा है अपने आप में "संकीर्णता" की पराकाष्ठा है ....
> पर यदि गद्दी पर बैठा ये कथित 'राजा' अपने आप को मात्र "हिन्दू" ही मान रहा है तो यही बात "संकीर्णता" से बढ़ कर "शर्मनाक" और "दुर्भाग्यपूर्ण" हो जाती है ....
> और यदि गद्दी पर बैठा हुआ ये 'हिन्दू' अपने आप को "राजा" ही मान रहा है तो ये बात "संकीर्णता" से बढ़ कर "खतरनाक" हो जाती है ....
> और यदि कोई व्यक्ति इस तथाकथित हिन्दू राजा को "स्वाभिमानी" मान रहा है तो यही बात "हास्यास्पद" और "बेमानी" हो जाती है क्योंकि - स्वाभिमानी की पहली निशानी होती है "आँख की शर्म" जो मोदी जी में तो मुझे दूर दराज नहीं दिखती - अभी 6-7 महीनों में उनके द्वारा 1 भी वायदा पूर्ण न होने के उपरांत भी उनके व्यवहार में पश्चाताप या क्षमा या विनम्रता या यथार्थ का भाव कहीं नहीं दिखता - बल्कि इसके विपरीत उनमे मैं-मैं और दंभ और घमंड और दूसरों को समझाइश देने और फांकने की अनावश्यक और असीमित बढ़ोतरी ही दिख रही है ....
> अस्तु हिन्दुओ के असली हितैषियों को ये मनन करना चाहिए कि भूतकाल में 800 साल क्यों लगे और कहीं वर्तमान में करनी और कथनी से कोरी बकवास करने वाले तथाकथित हिन्दू और हिन्दू हितैषी भविष्य में 1600 साल के लिए हाशिये पर तो नहीं चले जाएंगे ????
> और अंत में मैं सिंघल जी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने माननीय अटल बिहारी वाजपेयी को "स्वाभिमानी हिन्दू राजा" नहीं माना - क्योंकि शायद आदरणीय वाजपेयी जी तो एक धर्मनिरपेक्ष "जननायक" भर ही थे - जिन्होंने राजा को गरूर पालने की बात नहीं कही थी, अपितु "राजधर्म" निभाने की नसीहत ही दी थी -और वो भी किसी और को नहीं बल्कि सीधे सीधे इसी तथाकथित "स्वाभिमानी हिन्दू राजा" को !!!!

Saturday 13 December 2014

//// मुक्त और युक्त का चक्कर .... ////

> मोदी जी ने नारा दिया था - // कांग्रेस मुक्त भारत // ....
> मुझे लगता है समय आ गया है जब बेहतर होगा - // मोदी मुक्त भाजपा // ....
इसलिए कि शायद देश की गाड़ी पटरी पर आ सके .... वर्ना ये "कांग्रेस युक्त भाजपा" और "भक्त युक्त भाजपा" और "लुप्त विलुप्त कांग्रेस" से तो अब कोई उम्मीद बची नहीं है !!!!
और हाँ ये "मुक्त"-"युक्त" के चक्कर से निकल यदि आप ने "सही"-"गलत" पर पूरा ध्यान केंद्रित कर "उपयुक्त" निर्णय करने शुरू कर दिए तो आप पाएंगे कि ये देश हो जाएगा ....
// लुच्चे लफंगों से "उन्मुक्त" // ....
तो आइये एक नयी पहल करें - कुछ नया सोचें - कुछ अच्छा सोचें - और सही सोचें ....

//// मोदी जी को पुलिस तो चाहिए 'SMART' - पर क्या देश को भी PM 'SMART' नहीं चाहिए ? ////

मोदी जी ने अपनी डायलाग बाज़ी की श्रंखला में कुछ दिन पहले कहा था की पुलिस को SMART होना चाहिए और फिर इतराते हुए बचकानी बात कही थी कि - SMART यानि - 
S = Sensitive & Strict ;
M = Modern & Mobile ;
A = Alert & Accountable ;
R = Responsive & Reliable ;
T = Technophilic & Trained ;
और जब आज ही अखबार में पढ़ा कि कालेधन पर गठित SIT ने अपने पहले बड़े खुलासे में बताया है कि भारतियों का स्विस बैंक में तो केवल रुपये 4479 करोड़ हैं - पर देश में ही कालाधन रुपये 14958 करोड़ है ....
तो अब मेरी विवेचना >>>>
> मोदी जी जो लम्बे अरसे तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और अब 6-7 महीने से प्रधानमंत्री हैं, क्या वो स्वयं 'SMART' हैं या नहीं ???? ये प्रश्न इसलिए उठता है कि यदि वे 'SMART' हैं तो फिर इतने उच्चस्थ पद पर रहते हुए भी उन्हें सारे गोरखधंधे के बारे में कुछ अता-पता क्यों नहीं लगा - या कोई खुलासा क्यों नहीं हुआ ?? - वही खुलासा जो अब SIT को मात्र कुछ महीने में हो गया ?? और यदि हो गया था तो आप अकर्मण्य क्यूँ रह गए थे ?? या फिर कहीं मोदी जी भी एक लल्लू नेता तो नहीं जो स्वयं कभी "A = Alert & Accountable" नहीं रहे ????
> मेरे हिसाब से हमारी पुलिस केवल SMART ही नहीं बल्कि "OVERSMART" है - और शायद वह SMART होते हुए भी अपना कर्त्तव्य नहीं निभाती क्योंकि वह अपराधियों से मिली हुई होती है !!!! शायद आप सब मेरी बात से सहज ही सहमत हो जाएंगे - भक्त भी !!!!
> पर यदि मैं कहूँ कि हमारे प्रधानमंत्री भी 'SMART' ही नहीं "OVERSMART" भी हैं तो ? और कहीं ऐसा तो नहीं कि हमारे प्रधानमंत्री भी उन अपराधी उद्योगपतियों से मिले हुए हों जिनके पास अकूत कालाधन एवं काले को सफ़ेद किया हुआ धन हो ???? शायद आप को मेरी बात में दम तो लगे पर मुझे मालूम है कि आप इसे सहजता से स्वीकार नहीं करेंगे - भक्त तो बिलकुल भी नहीं !!!!
> और इसलिए देशवासियों मैं आप से यह कहना चाहता हूँ कि जिस दिन आपने इन नेताओं को भी एक साधारण पुलिस या अन्य सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी के समान ही समान कसौटी पर ही कसना शुरू कर दिया तो उस दिन शायद आपको सब कुछ काँच माफिक़ साफ़ दिखने लगे ....
नहीं तो करते रहिये अपने बीच के ही अनन्य लोगों पर शक और देते रहिये गालियां - इन "OVERSMART" नेताओं का बाल भी बांका नहीं होगा !!!!

Friday 12 December 2014

//// एक नया डर - चौकीदार तिजोरी लेकर भागा तो .... ////

आप को याद होगा कि हमारे प्रधानसेवक जी ने भरोसा दिलाया था कि वो हमारे चौकीदार का काम करेंगे और देश की तिजोरी पर अब कोई पंजा नहीं पड़ने देंगे ....
वर्त्तमान स्थिति में पंजे का तो जड़ से हाथ ही कट गया है तो अब तिजोरी तक पहुंचने का प्रश्न और डर ही उत्पन्न नहीं होता !!!!
पर अब एक नया डर उत्पन्न जरूर हो गया है - तिजोरी को चौकीदार से ही खतरा साफ़ साफ़ दिख रहा है - और डर लग रहा है कि यदि चौकीदार तिजोरी लेकर भागा तो ????
और तब तो स्थिति ऐसी भी आ सकती है कि लोग सोचें कि काश आज पंजा होता - शायद कम से कम तिजोरी को तो बचा लेता ....
मित्रों स्थिति विकट है - इसलिए सावधान !!!!
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और साथ ही मैं सभी प्रतिष्ठानों को आज मुझे प्राप्त अनुभव के आधार पर "चौकीदार कैसा रखें" इस विषयक मुफ्त सलाह भी देना चाहूंगा ....
// चौकीदार तंदरुस्त चुस्त चौकन्ना ईमानदार शांत और सामान्य बुद्धि का होना चाहिए - पर चालाक लोभी महत्वाकांक्षी घूमन्तु बड़बोला और शातिर बुद्धि का कदापि नहीं //

//// घर वापसी के फायदे - आज 'रमादीन' से 'राजकुमार ठाकुर' - कल 'रमादीन' से 'राम द्विवेदी' ////

आरएसएस के तत्वाधान या छत्रछाया या देखरेख में या मौखिक स्वीकृति के रहते या मात्र अनापत्ति के रहते आजकल जो समाजसेवी संस्थाएं और उनके समर्पित स्वयं सेवक अपनी जी जान लगा तन मन धन खपा घर वापसी हेतु धर्म परिवर्तन या परावर्तन का स्वार्थरहित महान कार्य कर रहे हैं उसकी निंदा कर रहे बहुतायत में भोले भाले लोगों को मेरी विवेचना समर्पित >>>>
> सर्वप्रथम तो मैं देश के समस्त ठाकुरों का अभिनंदन करना चाहूंगा कि हाल फिलहाल जब आगरा में कई मुसलामानों की घर वापसी करवा कर उन्हें हिन्दू बना ठाकुर बनाने की बात कही गयी है तो मुझे पूरे देश से एक भी ठाकुर या किसी ठकुराई संस्था की तरफ से विरोध में आवाज़ सुनाई नहीं दी - जो द्योतक है कि ठाकुर लोग कितने विशाल ह्रदय और अमन पसंद हैं ....
> इसलिए ही मैं आगे भी देखता हूँ कि मिसाल के तौर पर जैसे अभी कूड़ा करकट बीन अपनी आजीविका चलाने वाले गरीब मुसलमान 'रमादीन' अब 'राजकुमार ठाकुर' बन गए - वैसे ही कल कोई और 'रमादीन' 'राम द्विवेदी' बन जाएगा - और हो सकता है कि किसी मंदिर का पुजारी हो जाय या पंडित बन हिन्दुओं के शुभ कार्य संपादित करवाये - या चाय का ठेला लगाये - या सांसद विधायक बन मंत्री शंत्री भी बन जाए ....
> और कल से मिसाल के तौर पर ये भी हो सकता है कि कोई 'ईश्वर त्रिवेदी' की घर वापसी हो और वो 'इशाक तसव्वुर' बन मौलवी बन जाये या पोल्ट्री फार्म खोल ले या जल्लाद का काम करने लगे या कबाड़े का !!!!
हे ईश्वर ! हे अल्लाह !! काश ऐसा ही हो .... तोड़ देनी चाहिए हमें ऐसी धर्म जाति की दीवारें - और मज़बूत दीवारों के लिए अम्बुजा सीमेंट !!!!
और इसलिए मैं यह भी मांग करता हूँ कि अम्बुजा सीमेंट को 'राष्ट्रीय सीमेंट' घोषित कर देना चाहिए - और टैक्स-फ्री भी !!!! धन्यवाद !!!!

Thursday 11 December 2014

//// सुषमा स्वराज - और - कैलाश सत्यार्थी ////

अभी-अभी देश ने देख लिया कि कैसे मध्यप्रदेश के ४-४ भाजपा विधायकों ने कैलाश सत्यार्थी के बजाय भाजपा के ही विधायक मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को नोबल पुरस्कार प्राप्त हो जाने की बात कर अपनी घोर अज्ञानता और फूहड़ता का परिचय दिया .... हमारे विधायकों और नेताओं और पार्टियों और राजनीति का ये निम्नस्तर ? शर्म आती है !!!! 
अब इसी कड़ी में मैं मध्यप्रदेश के विदिशा से भाजपा सांसद और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी खड़ा देख रहा हूँ, क्योंकि मुझे लगता है कि शायद प्रधानमंत्री के लगातार विदेश दौरों का लेखा जोखा तैयार करने में वो इतनी व्यस्त रही होंगी कि उन्हें मालूम ही नहीं पड़ा होगा कि उनके ही संसदीय क्षेत्र विदिशा के ही रहने वाले एक व्यक्ति श्री कैलाश सत्यार्थी जी को इस विश्व का सबसे बड़ा पुरूस्कार प्राप्त हो गया है ....
मैं यह इसलिए कह रहा हूँ कि यदि सुषमा जी को ये तथ्य मालूम होता तो वो शायद स्वयं ही ओस्लो में भारत के प्रतिनिधि या विदेशमंत्री की हैसियत से जरूर जातीं - उनके कोई अपने पैसे भी कहाँ खर्च हो रहे थे - या फिर व्यस्तता के रहते कम से कम सत्यार्थी जी को एयरपोर्ट पर विदा या रिसीव करने ही जातीं जैसे वो मोदी जी को छोड़ने लेने जाती रही हैं - या फिर कम से कम एक आध बयान ही दे देतीं - या फिर विदिशा में ही सत्यार्थी जी का नागरिक अभिनंदन ही करवा देतीं ....
और इसलिए मेरा भक्तों से अनुरोध है कि वे कृपया सुषमा जी को जाकर यह सूचना देने की कृपा करें कि उनके संसदीय क्षेत्र विदिशा के श्री कैलाश सत्यार्थी जी को शान्ति का नोबल पुरस्कार प्राप्त हो गया है !!!! धन्यवाद !!!!

//// और अब नाथूराम गोडसे .... धर्मपरिवर्तन .... रोज़ नए नए मुद्दे !! ////

मोदी जी ! रोज़ नयी नयी ज़हरीली बातें - नए नए भयावह तेवर - नए नए घिनौने हथकंडे ....
विकास की बातें तो हवा हुई - वादे भी हवा हुए .... काम की भी कोई बात नहीं - मर्यादित तेवर नहीं - व्यवहारिक सभ्य बर्ताव तक नहीं .... 
नहीं मोदी जी नहीं !! निश्चित रूप से आपसे इस देश का भला ना हो सकेगा - उलटे आप के निमित्त देश का बहुत बड़ा अनर्थ होता ही दिख रहा है ....
आप विशेष कारणों से चुनाव तो जीत रहे हैं - पर साथ ही अब आप जीते हुए दिल भी तोड़ रहे हैं - और दिल तो क्या देशवासियों के बीच एक दरार भी पैदा हो रही है - गंगा जमुनी संस्कृति को भी आघात पहुंच रहा है - और धर्मनिरपेक्षता का मज़ाक उड़ाया जा रहा है - जहरीले शब्दों का आदान प्रदान भी बढ़ गया है - लोग आवेश में हैं - कुंठित हैं - दुखी हैं .... वातावरण दूषित हो रहा है !!!!
आप से प्रार्थना है कि यदि नहीं संभल रहा है तो इस्तीफ़ा दे किसी और को मौका देवें ....
आखिर ये देश आपका भी तो है .... धन्यवाद !!!!

//// "सैक्युलरिज़म" का मज़ाक ?? शर्म आनी चाहिए !! ////

धर्मांतरण विवाद के चलते - भाजपा के मुख़्तार अब्बास नक़वी का घृणित घिनौना ताज़ा बयान ....
// "सैक्युलरिज़म के सूरमाओं को डिप्रेशन का डेंगू हुआ" //
उपरोक्त बयान दर्शाता है कि अब मोदी सरकार और भाजपा के सूरमाओं के लिए 'सैक्युलरिज़म' के क्या मायने रह गए हैं और उनकी मानसिकता का किस निचले स्तर तक क्षरण हो चुका है !!!!
हो सकता है कि कल से इन सूरमाओं के कोई और बयान भी आएं कि .... " शान्ति के सूरमा .... ; सद्भाव के सूरमा ....; भाईचारे के सूरमा .... आदि !!!!
व्यथित हो मेरा धिक्कार स्वरुप प्रतिक्रियात्मक वक्तव्य ....
// "साम्प्रदायिकता के सूरमाओं को उत्तेजना का इबोला हुआ" //

Wednesday 10 December 2014

//// धर्म परिवर्तन या घर वापसी ?? ////

अब आगरा में - "धर्म परिवर्तन" संबंधित विवाद में जिन लोगों पर ये सब कृत्य कराने के आरोप लगे है वो या उनके समर्थक या उनके आका दलील दे रहे हैं कि .....
"ये धर्म परिवर्तन का मामला नहीं है - ये तो घर वापसी का मामला है"....
इस संबंध में मेरा वक्तव्य ....
जो घर वापसी करवा रहे हैं वो गुनहगार नहीं - पर जो यदि धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं तो वो तो गुनहगार समाजविरोधी नालायक कहलायेंगे कि नहीं ???? कहलायेंगे !!!!
अब कौन क्या करा रहा है सत्य वो जाने उसकी आत्मा जाने और जाने उसका ईमान !!!!
अब वक्तव्य देकर मैं तो हल्का हो लिया ..... जस को तस .... वक्तव्य के माध्यम से ही तो अपने दिल की बात कर सकता था ना !!!!

//// धारा 309 विलोपित - आत्महत्या गुनाह नहीं - फायदा किसको - खुश कौन ? ////

मात्र 6 महीने के अतिअल्पकाल में विगत कई सालों से चलते आ रहे एक कानून धारा 309 को विलोपित करने का साहस भरा ऐतिहासिक कदम इस मोदी सरकार ने ले लिया है !@#$%?
पर इस बदलाव का फायदा किसको होगा ?? अब ये यक्ष प्रश्न मेरे सामने है ....
मित्रों आप यकीन मानें की इस बदलाव का कम से कम मुझे तो कोई फायदा पहुँचने वाला नहीं है क्योंकि मैं कभी भी आत्महत्या करने की सोच भी नहीं सकता .... और इसलिए मेरा खुश होने का भी कोई कारण नहीं हो सकता !!!!
और मुझे पूरा विशवास है कि इस बदलाव का फायदा समझदार आम जनता को भी नहीं मिलने वाला .... और भला आप भी खुश क्यों होने लगे ??
फिर फायदा किसको और खुश कौन होगा ????
मेरी शुभेच्छा है कि कानून में इस बदलाव का ज्यादा से ज्यादा फायदा इस देश के भ्रष्ट नेताओं को प्राप्त हो .... मैं तो आतुर हूँ कि मोदी सरकार के 1 साल पूरा होने के पहले ही कम से कम 2-4 सांसद इस बदलाव का फायदा उठायें तो इस देश का बहुत भला हो सकता है !!!!
और हाँ इस बदलाव से केवल भक्त लोग ही खुश हो सकते हैं - पर माफ़ करें इसलिए नहीं कि वे आत्महत्या करने वाले हैं - पर इसलिए कि उन्हें तो मोदी जी की हर बात से खुश होने की आदत जो पड़ गयी है !!!!
आमजनहित में आपका शुभचिंतक !!!!

//// गडकरी के चटपटे तर्क सही - पर फिर भी किसी काम के नहीं ////

गडकरी जी ने कहा कि - "रेल में दुष्कर्म हो जाए तो क्या पूरे रेलवे पर रोक लगा देंगे ?"
वाह क्या बात है !! मैं प्रसन्न हुआ कि आखिरकार मोदी जी के मंत्री भी तर्क की बात करने लगे ....
और क्योंकि बात तार्किक की गयी है तो इसके पीछे मुझे किसी अमेरिकन की अकल ही ज्यादा चलती दिखती है - क्योंकि उबर कंपनी भी अमेरिकी कंपनी जो ठहरी ....
पर अंततः क्योंकि बात तार्किक है इसलिए इसका विरोध भी नहीं हो सकता !!!! 
पर आज मैं गडकरी जी को उनके द्वारा ही दिए तर्क की कसौटी पर खुल्ली चुनौती देता हूँ - हो उनमें या उनके किसी समर्थक में दम तो प्रतितर्क देवें ....
मैं गडकरी जी से पूछता हूँ कि भगवान ना करे पर थोड़ी देर के लिए मान लीजिये की कोई एक व्यथित गरीब बिहारी मजदूर महाराष्ट्र में बाहरी व्यक्तियों के मुद्दे पर विरोध स्वरुप आप को नागपुर में सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मार देता है तो आप क्या करेंगे ????
क्या आप महाराष्ट्र से सभी बिहारी व्यक्तियों को बाहर कर देंगे ? शायद नहीं - कम से कम आप सार्वजनिक रूप से तो ऐसा ना ही करेंगे या कर पाएंगे ....
तो क्या आप उस व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्यवाही करेंगे ? जी हाँ शायद आप उस व्यक्ति को कानून के हवाले कर उस पर कार्यवाही करने के आदेश देंगे .....
श्रीमान जी तो फिर अपनी डेढ़ अकल थोड़ी और चलाओ ना .... श्रीमान बात उबर कंपनी या ऐसी ही अन्य कंपनियां जो नियमों का उल्लंघन कर रही हों उनके बंद करने की थी / है .... पर लगता है अमेरिका या कोई अन्य दबाव के नीचे आप छटपटा चटपटी तार्किक बातों का सहारा ले रहे हैं !!!!
हाँ एक बात और - कृपया अपने आकाओं से आप भी अपने ही तर्क के बल पर ये प्रश्न अब जरूर करना कि - यदि दो चार मुसलमान लड़के हिन्दू लड़कियों को बरगला उनसे कुछ गलत कर देते हैं तो इसे "लव जिहाद" क्यों बना दिया जाता है ????
गडकरी जी इसलिए आप के मुंह से तार्किक बातें अटपटी ही लगती हैं - इसलिए आप से अपेक्षा है कि जल्द काम से लगें और उबर कंपनी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करें .... इसे जनता के सेवक होने के नाते जनता का आदेश ही समझेंगे तो बेहतर होगा - धन्यवाद !!!!