Monday 31 August 2015

//// सड़कों के नाम बदलने के मायने ....////


दिल्ली के औरंगज़ेब मार्ग का नाम बदल कर स्वर्गीय डॉक्टर अब्दुल कलाम के नाम पर रखने का प्रस्ताव हुआ है .... निश्चित ही प्रस्ताव उनके सम्मान के प्रयास में ही किया गया होगा ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

जो लोग नए मार्गों का निर्माण करने में अक्षम हों वो केवल पुराने मार्गों का नाम ही बदल सकते हैं ....

स्पष्ट कर दूँ - जिन्हें औरंगज़ेब से चिढ हो परहेज़ हो घृणा हो वो हिन्दुस्तान के हर "औरंगज़ेब" मार्ग या भवन का नाम बदल सकते हैं .... पर ध्यान रहे और तैयार रहें कि यदि ऐसा ही चलेगा तो ऐसे कई और प्रिय नाम होंगे जिनसे और कोई दूसरा घृणा करता होगा .... फिर कल जब उनके नाम भी बदले जाएंगे तो क्या दूसरों की घृणा का भी सम्मान किया जाएगा ?? .... और फिर यक्ष प्रश्न तो ये उठता है कि क्या किसी भी घृणा का सम्मान होना चाहिए ????

वैसे मैं सोच रहा था कि यदि "राजपथ" का नाम "कलाम पथ" रखा जाए तो कैसा रहेगा ????

इसी संबंध में एक और बात आपके समक्ष रखना चाहता हूँ .... मान भी लीजियेगा कि मेरे शहर में एक टेकरी है - जिस का नाम "गधा टेकरी" है - और मेरे प्रदेश में एक जगह का नाम है "खूनी भंडारा" .... क्या कोई सत्तासीन इन जगहों का नाम बदल अपने किसी चहेते के नाम करना पसंद करेगा ????

Sunday 30 August 2015

//// तो ११ वीं बार भी आ जाओ - कर लो अपने मन की .. हम भी तैयार हैं .. ////


आज मोदी के 'मन की बात' का ११ वां असंस्कारित संस्करण पकाएगा ....

इसकी जानकारी खुद मोदी जी ने कल ही ट्वीट कर दे दी थी - "कल भूलना नहीं है ...मन की बात ...११ बजे " ....

मेरी संस्कारित प्रतिक्रिया १० बजे ....

मोदी जी हम तो कुछ भी भूले नहीं हैं - सब याद है - आप १० बार 'मन की बात' में क्या-क्या कह चुके हो - सब कुछ याद है - अच्छे से याद है ....

पर लगता है आप अपना मन हल्का करके सब कुछ भूल जाते हो ....
और हम हैं कि भारी मन से आपको और अपनी किस्मत को कोसते रह जाते हैं ....

तो आओ ११ वीं बार भी आ जाओ - कर लो अपने मन की ....
हम भी तैयार हैं ....

और हाँ ! हो सके तो बस इतना बता देना कि - ऐसा कब तक चलेगा ?? हमारे 'मन की बात' कब कहोगे ?? कहोगे भी कि नहीं ?? कहोगे तो करोगे भी कि नहीं ?? हर चीज़ की कुछ सीमा तो होती है कि नहीं ?? आपकी अंतिम 'मन की बात' और हमारे प्रथम 'मन की बात' का प्रसारण कब होगा ???? .... हम बेसब्री से इंतज़ार करेंगे - और याद रखेंगे .... सब कुछ याद रखेंगे !!!!

Saturday 29 August 2015

//// रक्षाबंधन पर जसोदाबेन को भी मेरा नमन ....////


आज रक्षाबंधन है !! और इसलिए मैं याद कर रहा हूँ जसोदाबेन को .... वो जसोदाबेन जिनके साथ शायद मोदी जी ने इंसाफ़ नहीं किया ....

वो मोदी जी जो आज रक्षाबंधन पर लोगों से अपनी बहनों को १२ रुपये वाली बीमा पालिसी देने की बात कर रहे हैं ....

घोर विरोधाभास ....

इसलिए मैं तो जसोदाबेन सहित सभी बहनों की लंबी सुखी संपन्न जीवन की कामना करते हुए सभी बहनों से निवेदन करूंगा कि कम से कम आज के शुभ अवसर पर मरने-वरने दुर्घटना और बीमा पालिसी जैसी मनहूस फ़ड़तूस बातों को अपने दिमाग में भी नहीं लाएं .... ऐसी फ़ड़तूस बात तो फ़ड़तूस लोगों को ही सोचने दें ....

रक्षाबंधन का पवित्र त्यौहार तो आज भी परम्परागत तरीके से ही मनाना उचित होगा .... इसे भाई बहन के बीच के मीठे रिश्ते तक ही सीमित रखते हुए इसे राजनीति से दूर रखना होगा .... 

शुभ रक्षाबंधन !!!!

Friday 28 August 2015

//// लाइव सीरियल "इन्द्राणी" !! तो चलो इस बहाने ही चुप्पी तोड़ो .... ////


ललित कांड हो गया - व्यापम कांड हो गया - संसद का पूरा मानसून सत्र धुल गया - पाकिस्तान कई बार टुच्चाई बता गया - हमारे कई शहीद हो गए - जम्मू कश्मीर में पाक झंडा और पाक नारे आम हो चले - महँगाई कमर हाथ पाँव हिम्मत तोड़ गई - गुजरात में पुलिस उपद्रव कर गई .... और पूरा देश मोदी जी को तकता रहा - कि अब ये बोलेंगे चुप्पी तोड़ेंगे ..... पर तमाम मज़ाक ताने गुस्से उपहास धिक्कार के बावजूद मोदी चुप रहे !!

और अब इस देश में ऐसा कुछ ऐतिहासिक घटित हो रहा है कि पूरा देश उठते बैठते सोते जागते खाते पीते बस इसके बारे में ही बात कर रहा है .... और ये है देश का लाइव सीरियल "इन्द्राणी" ....

किसकी कितनी बार शादी हुई - किसने किसको बुद्धू बनाया - कौन पागल गधा - कौन गंदा सूअर - कौन बड़ा नीच - किसने किसको छोड़ा - कौन किससे जुड़ा - किसने क्या पैदा किया - किसको क्या पैदा हो गया - कौन बेटा किसका बाप - कौन बेटी कौन बहन कौन माशूका कैसी अम्मा - किसने क्या उगला क्या निगला - किसने किसको मारा किसको बचाया - कौन झूठ बोला कौन सच नहीं बोला - किसका चरित्र घटिया और कौन चरित्रहीन .... ????

यानी टुच्चों का एक महँगा गुलदस्ता - तरोताज़ा बाँस मारता ....
नई सी थीम - कुछ हट कर पटकथा - कुछ अलग प्रकार के किरदार - सभी उच्च कोटि के विलेन - देखने में ढँके सुन्दर पर नंगे विकृत ....

तो सीरियल तो हिट होना ही था और हिट हो गया - और चर्चित भी - और पूरा देश इस विषयक बोल रहा है .... और बड़ी शिद्दत से बोल रहा है ..... ८० रुपये किलो प्याज और १५० रुपये की दाल खा-खा कर खुद मरणासन्न हो बोल रहा है - "इन्द्राणी ने शीना को क्यूँ मारा" ???? 

इसलिए मैं सोच रहा था कि लगभग सभी सामाजिक मुद्दों पर प्रवचन देने वाले हमारे मोदी जी इस प्रकरण के बहाने ही बोलकर अपनी चुप्पी तोड़ दें ....

क्या है - मामला ही इतना घटिया है कि जब मैं लिख रहा हूँ तो मोदी जी का बोलना तो बनता है .... आज नहीं तो ३० अगस्त को "मन की बात" में बोल दें .... बता दें कि पीटर मुखर्जी को बंगाल से टिकट देंगे या अभी तुरंत बिहार से - या अब नहीं देंगे .... आदि इत्यादि !!

Thursday 27 August 2015

//// इंदौर स्मार्ट सिटी !! बावरे कैसा महसूस कर रहे हैं ये तो वो ही जानें.. ////


आज मोदी सरकार द्वारा ९८ स्मार्ट सिटी की सूची जारी कर दी गई है ....

मेरा इंदौर भी स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल है ....
वही इंदौर जिसमें 'खान' नदी प्रवाहित होती है - जिसे अब 'कान्ह' नदी कहा जानें लगा है .... पर अनेक घोषणाओं और योजनाओं पर खर्च होने के बावजूद नदी जैसी थी वैसी ही है - यथावत - जिसे नदी कहना भी नाले को स्मार्ट कहने जैसा होगा !!!! 

बात तो ख़ुशी की होनी चाहिए थी .... पर मैं खुश होने का कोई कारण नहीं देखता हूँ ....
क्योंकि अव्वल तो मुझे मोदी सरकार के किसी भी वायदे या जुमले पर कोई भरोसा नहीं है ....
और दूसरा कारण यह है कि मेरे अभिमत और दिली इच्छानुसार तो पहले इंदौर के आस पास के अनेक गावों को स्मार्ट बनाना चाहिए .... ठीक वैसे ही जैसे कि मेरी सोच में बुलेट ट्रेन की बात करना केवल फेंकने या पागलपन की बात हो सकती है जब तक कि पैसेंजर ट्रेन की रफ़्तार और दशा एक उचित स्वीकार्य स्तर तक ना सुधार दी जाए .... ठीक वैसे ही जैसे कि मेरी सोच में सरदार पटेल की अनापशनाप ऊँची मूर्ती की बजाय उस माननीय नेता के नाम पर गरीबों पिछड़ों के लिए अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण कर दिया जाए ....

इसलिए मैं आज खुश नहीं हूँ .... पर बेवकूफ बावरे कैसा महसूस कर रहे हैं ये तो वो ही जानें ....

//// आज के गुजरात उपद्रव "राज्य प्रायोजित" - तो क्या २००२ के दंगे नहीं ? ..////


२००२ के गुजरात दंगे .... मोदी जी पर आरोप लगते रहे कि दंगे "राज्य प्रायोजित" थे .... "राजधर्म" का पालन होना चाहिए था ....
मोदी जी आरोप नकारते रहे ....

आज फिर आरक्षण के मुद्दे पर भड़के उपद्रव में कई वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहे हैं और न्यूज़ चैनलों पर भी दिखाए जा रहे हैं - जिनमें गुजरात पुलिस को पूरी वैमनस्यता के साथ एक तरफ़ा अनेक वाहनों को अकारण क्षति पहुंचाते देखा जा सकता है ....

इन वीडियो से ये सपष्ट है कि गुजरात में भड़के उपद्रव "राज्य प्रायोजित" हैं और "राजधर्म" का पालन नहीं हुआ है ....

आशा करता हूँ कि गुजरात सरकार इस शर्मनाक तथ्य को स्वीकार करेगी - और दोषियों सहित अपने ही विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही भी ज़रूर करेगी ....
अन्यथा गुजरात सरकार चिल्लाती रहेगी कि उपद्रव हो जाने का कारण सरकार नहीं .... और लोगों में ये बात और पैवस्त होती रहेगी कि २००२ के दंगे और २०१५ के उपद्रव "राज्य प्रायोजित" थे ....

अस्तु मोदी जी को ये भी समझाईश देना चाहूँगा कि वो स्वयं ये सुनिश्चित कर लें कि गुजरात सरकार और गुजरात पुलिस पर तत्काल ठोस कार्यवाही हो जाए .... और कार्यवाही होते सबको दिख भी जाए !!!!

मोदी जी !! कृपया विदित हो कोई जरूरी नहीं कि आपका घोर आलोचक आपको सही समझाईश ना दे - और आपके भक्त आपको गलत सलाह ना दें ....

और हाँ समरण रहे - आप नसीब वाले हैं कि एक बार आपको परम आदरणीय वाजपेयी जी ने समझाईश दी थी कि "राजधर्म" का पालन होना चाहिए - और आज फिर मैं आपको समझाईश दे रहा हूँ - आशा है आप जरूर समझ जाएंगे !!!!

//// चिल्लाचोट और धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े बहुत कुछ बताते हैं.. ////


धर्म आधारित जनगणना २०११ के अब जारी आंकड़े बताते हैं ....

हिन्दू          ९६.६३  करोड़       (७९.८ %) ....
मुस्लिम      १७.२२  करोड़       (१४.२ %) ....
ईसाई           २.७८  करोड़         (२.३ %) ....
सिख            २.०८  करोड़         (१.७ %) ....
बौद्ध             ०.८४  करोड़         (०.७ %) ....
जैन             ०.४५  करोड़         (०.४ %) ....

और कुछ लोगों की चिल्लाचोट और आंकड़ों का विश्लेषण ये बताता है कि   ....

देश धर्म के नाम पर बँटा हुआ है .... बाँटा गया है ....
बिहार चुनाव नज़दीक हैं .... और नतीजों के परिप्रेक्ष्य में आंकड़े महत्वपूर्ण ....  

मुस्लिम जनसँख्या के नाम पर हिन्दुओं को डराने वाले अतार्किक शाने हैं ....
मुस्लिम जनसँख्या के नाम पर डरने वाले हिन्दू डरपोक हैं ....

हिन्दू जनसँख्या के नाम पर मुस्लिमों को डराने वाले शंकित हैं ....
हिन्दू जनसँख्या के नाम पर डरने वाले मुस्लिम सतर्क हैं ....

सिख ना डरते हैं ना डराते हैं ....

और ईसाई बौद्ध जैन सभी बहुत अच्छे सभ्य नागरिक हैं - थोड़ा बहुत स्वाभाविक रूप से डरते हैं - और इनके सबके साथ-साथ सद्भाव से रहने के कारण देश की दुनिया में इज़्ज़त है ....

और बचे-खुचे भक्तों को समझना ही पड़ेगा कि -  १२१.०९ करोड़ की आबादी वाले इस देश में १ मैं भी शामिल हूँ और १ नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं .... और हम दोनों का बराबर का योगदान है .... समझे ??

Wednesday 26 August 2015

//// मोदी जी आप खुद ही "केजरीवाल" जैसा बनने का साहस कर लो ना.... ////


यह देश आरक्षण के मुद्दे पर वर्षों से जलता रहा है .... आरक्षण का औचित्य भी था और उसका सही लाभ भी वंचितों को मिला है .... पर इसके कारण आपसी सामाजिक विद्वेष भी बढ़ता रहा है और हमेशा से विभिन्न जातियों में झगडे रगड़े दंगे भी होते रहे हैं जिसमें जान माल की भयंकर क्षति भी होती रही है ....

और आज - गुजरात को फिर इस आरक्षण की आग में झोंकने के प्रयास हो रहे हैं .... वही गुजरात जिसने मोदी को बहुत कुछ दिया ....

वही मोदी जिसने हमेशा कुछ अलग विशेष करने का विश्वास दिलाया था .... जाति धर्म से ऊपर उठकर सबका साथ सबका विकास का वादा भी किया था .... और लोगों ने मोदी जी पर विश्वास भी किया था ....

और आज वही मोदी सत्ता के शीर्ष पर हैं ....

तो देखना होगा कि क्या मोदी इस विषयक कुछ विशेष एवं टिकाऊ कर पाते हैं .... मसलन क्या वो जाति के आधार पर आरक्षण को पूरे देश में ही ख़त्म करने और केवल आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने की व्यवस्था लागू कर पाते हैं - या फिर आरक्षण पूर्ण रूप से खत्म कर वंचितों को भरपूर आर्थिक सहायता एवं अन्य सुविधाएं मुहैय्या करवाने की नीति लागू करवा पाते हैं - या फिर कम से कम चिकित्सकों न्यायाधीशों जैसी विशिष्ठ सेवाओं के लिए आरक्षण शून्य करवा पाते हैं - या फिर पदोन्नति हेतु आरक्षण ख़त्म करवा पाते हैं .... आदि !!

या फिर मोदी घिसे पिटे घटिया राजनीतिक कौशल का ही परिचय देते हैं .... मसलन आंदोलन को एन-केन-प्रकारेण फौरी तौर पर निष्क्रिय कर देना .... फिर आंदोलन को लंबा चलने देना - आंदोलनकारियों को थकने टूटने देना (जैसा कि पूर्व सैनिकों के OROP आंदोलन में किया जा रहा है) - फिर फूट डलवा देना - फिर आंदोलन के नेताओं को खरीद लेना या डरा धमका चुप करा देना - आदि .... जैसा कि सुनियोजित तरीके से अन्ना आंदोलन का हश्र किया गया था ....

वैसे मैं सोचता हूँ कि पराक्रम तो कुछ विशेष और अच्छा करने में ही है - अन्यथा आंदोलन के दबने के कारण तो "केजरीवाल" भी पैदा हो जाते हैं - और फिर "केजरीवाल" ही कुछ पराक्रम या अच्छा करके दिखाते हैं ....

इसलिए मोदी जी आप खुद ही "केजरीवाल" जैसा बनने का साहस कर लो ना !! मौका अच्छा है ....

//// नरेंद्र मोदी पुनः गुजरात के मुख्यमंत्री बनें ....////


नरेंद्र मोदी जब तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे - २००२ के दागदार दंगों के बाद कभी भी गुजरात में फिर कोई दंगा फसाद नहीं हुआ - या नहीं होने दिया गया .... इसका श्रेय मोदी जी को दिया ही जाता रहा है ....

पर जब से मोदी जी गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष पद तथा गुजरात के मुख्यमंत्री का पद त्याग प्रधानमंत्री बने हैं - उधर गुजरात की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है - और इधर देश की भी ऐसी की तैसी हो रही है ....

अतः क्रिकेट, गुजरात और देशहित में मेरे सुझाव हैं कि >>>>

>> गुजरात में इंटरनेट से पाबंदी तत्काल हटाई जाए ....
>> क्रांतिकारी युवा हार्दिक पटेल को तत्काल श्रीनिवासन की जगह I.C.C. का चेयरमैन - या फिर डालमिया की जगह B.C.C.I. का अध्यक्ष - या फिर कम से कम अमित शाह की जगह गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बना दिया जाए ....
>> आनंदी बेन और मोदी जी तत्काल इस्तीफ़ा दें ....
>> मोदी जी वापस गुजरात के मुख्यमंत्री बनें ....
>> तथा देश के प्रधानमंत्री के लिए चुने हुए ५४४ सांसद मतदान कर नया प्रधानमंत्री चुनें ....

और जिन्हें मेरे सुझाव उचित ना लगे हों या मज़ाकिया लगे हों वे कृपया अपना सुझाव अपनी पोस्ट में लिख कर सार्वजनिक करें .... फ़ोकट में चिढ़ें नहीं !!!!

//// विघटनकारी "एकता" खत्म हो जाए तो हर व्यक्ति "अकेला" सुखी हो जाए.. ////


बार-बार और बारम्बार ये सिद्ध हो चुका है कि जाति और धर्म आपस में और इधर उधर घालमेल कर हमेशा से नकारात्मक परिणाम देते रहे हैं ....

आरक्षण भी जाति से जुड़ा ज्वलनशील मुद्दा है - जो घांसलेटी राजनीति से गरमा जाता है - जो धर्म की चिंगारी से भभक जाता है ....

और क्योंकि आज आरक्षण मुद्दा जाति से जुड़ते हुए राजनीतिक हो गया है तो किस बेवकूफ के दिमाग में यह तार्किक बात घुसेगी कि आरक्षण का आधार "जाति" नहीं बल्कि "आर्थिक" होना चाहिए ....

और जिस दिन इस देश में ऐसे समझदारों की संख्या बेवकूफों से बढ़ जाएगी उस दिन समाधान भी हो जाएगा ....

पर धर्म प्रधान और धर्म ग्रसित इस देश में जाति इंसानों का पिंड छोड़ेगी ऐसा होना मुश्किल लगता है ....

और जब तक ऐसा नहीं होता तब तक इस देश के बेवकूफ इन्ही प्रश्नों में उलझे रहेंगे कि - पाटीदारों द्वारा आरक्षण की मांग जायज़ है अथवा नहीं ?? यदि उनकी मांग जायज़ तो अन्य की क्यों नहीं ?? जाटों का क्या हुआ ?? पाटीदारों का क्या होगा ?? गुजरात में कमल का क्या होगा ?? आनंदीबेन पटेल का क्या होगा ?? मोदी का क्या होगा ?? और इस आंदोलन के पीछे कौन ?? ये हार्दिक पटेल कौन ????

और इसके इतर मैं यह सोच रहा हूँ कि - ये "एकता" नाम की चीज़ हमेशा अच्छी होती है ऐसा भी कहना कहाँ समझदारी होगी ?? .... जबकि इस देश की सर्वाधिक ऐसी की तैसी तो जाति की एकता और धार्मिक एकता ने ही की है ....

काश !! इस देश से विघटनकारी "एकता" खत्म हो जाए तो हर व्यक्ति "अकेला" सुखी हो जाए ....

आइए मेरे साथ ऐसे ही समृद्ध सुखी देश के लिए कामना करें - जहां एकता हो तो केवल राष्ट्रीयता के नाम पर और इंसानियत के नाम पर .... !!!! धन्यवाद !!!!

Tuesday 25 August 2015

//// बेचारे मोदी - केजरीवाल का अत्याचार .... ////


आज केजरीवाल मोदी जी से मिले ....
मिलने के बाद अभी-अभी केजरीवाल ने बताया क्या-क्या बातें हुई ....
उन्होंने बताया कि हमने दिल्ली पुलिस की कारगुजारियों सहित कई अन्य मामलों पर बातचीत की ....

फिर पत्रकारों ने पूछा - प्रधानमंत्री ने क्या जवाब दिया ??
केजरीवाल ने बताया - उन्होंने कहा अभी तो मैं सुन रहा हूँ - बाद में बताऊंगा ....

हे भगवान !! केजरीवाल तो वैसे ही अच्छे अच्छों की बोलती बंद कर देते हैं - फिर मोदी की भी वाट लगा ही चुके हैं .... और अब एक बार फिर मौन मोदी से मिल लिए .... ये तो अत्याचार हो गया .... जो बोल ही ना पा रहा हो उसकी बोलती बंद करना .... बेचारे मोदी !!!!

//// भक्तों !! हार्दिक पटेल ने भी केजरीवाल जैसा कुछ कर दिया तो ....////


हार्दिक पटेल आज अहमदाबाद में दहाड़ रहे हैं ....
दिल्ली में मोदी चुप हैं ....

भारत की राजनीति में एक और नया सितारा चमक उठा है ....
उसकी आज की एक ही रैली मोदी की सारी रैलियों को पछाड़ चुकी है ....
डायलॉग और जुमले में यकीनन हार्दिक पटेल नरेंद्र मोदी से बहुत भारी पड़ चुके हैं ....

हार्दिक पटेल का एक ही डायलॉग मोदी और भक्तों को भाले जैसा चुभ गया होगा .... " हम भी केजरीवाल के स्तर जैसा ही कुछ करेंगे " .... 

मैं सोच रहा था कि अब 'पटेल की मूर्ति' वाले जुमले का क्या होगा ?? पहले से चुप मोदी की चुप्पी का क्या होगा ??

और यदि हार्दिक पटेल ने भी केजरीवाल जैसा कुछ कर दिया तो मोदी का क्या होगा ??

//// फेंकने की कला भाजपा में यूँ ही व्यर्थ थोड़े ही की जाती है ....////


मुझे तो अच्छे से याद है - वो नरेंद्र मोदी ही थे जो नारा दिए थे - " अच्छे दिन आएँगे " ....
पर मोदी के इस्पात मंत्री नरेंद्र तोमर कहते हैं - " अच्छे दिन का नारा भारतीय जनता पार्टी का नहीं था " ....

तो प्रश्न उठता है कि क्या नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के नहीं ??

नहीं नरेंद्र मोदी तो पक्के में भारतीय जनता पार्टी के ही हैं - क्योंकि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस सहित किसी भी दूसरी पार्टी ने तो उन्हें कार्यालय में झाड़ू तक लगाने के लिए भी कभी नहीं रखा ....

तो असली प्रश्न तो ये उठता है कि भारतीय जनता पार्टी में सबसे बड़ा फेंकू कौन ??
अभी तक तो नरेंद्र मोदी ही निर्विवाद सबसे बड़े फेंकू माने जाते थे .... पर अब उनको चैलेंज मिल चुका है .... नरेंद्र तोमर से ....

और आज मैं दावे से कह सकता हूँ कि नरेंद्र तोमर नरेंद्र मोदी से बड़े फेंकू हैं ....

और मुझे तो पक्का यकीन है कि अब तो नरेंद्र तोमर भी कुछ एक दिन के लिए ही हमारे प्रधानमंत्री बनाए जा सकते हैं .... " अबकी बार तोमर सरकार " - " तो मर ! तो मर !! तो मर !!! " .... 

आखिर इतिहास गवाह है - फेंकने की कला भाजपा में यूँ ही व्यर्थ थोड़े ही की जाती है ....

Monday 24 August 2015

//// मोदी जी !! समझ नहीं आ रहा किसे चपतियाएं ?? - आप ही बताएं ..////


महंगाई आसमान छू गई ....
रुपया लुढक गया ....
शेयर बाज़ार औंधे मुहं गिर गया ....
और ....
पाकिस्तान भी चपतिया गया ....

भ्रष्टाचार चुप्पी और बेशर्मी भी तो चरम पर ही है ....
भ्रष्टाचार इन्हें नहीं दिखता - इस्तीफे इनसे नहीं लेते बनते - चुप्पी इनसे नहीं टूटती - शर्म इन्हें नहीं आती ....

अब सहन नहीं हो रहा ....

समझ नहीं आ रहा - आसमान से किसे उतारा जाए - किसे लुढ़काया जाए - किसे औंधे मुँह गिराया जाए - और किसे चपतियाया जाए ????

और पूछा जाए - "अच्छे दिन" का क्या हुआ ????

Sunday 23 August 2015

//// ना झुकेंगे - ना झुकाएँगे .... अड़े खड़े टर्राएंगे ?? ....////


पाकिस्तान बनाम भारत ....
हु तुतुतू - हूँ तूतूतु - हु तुतुतू - हूँ तूतूतु  ....  

और एक बार फिर - फ़िज़ा में "कूटनीतिक कबड्डी" का माहौल दिखा ....
या सही मायनों में कहूँ तो देश ने देखा - " कूटने की नीति कब अड़ी " ....
  
अंततः विदेश मामलों की जवाबदार मानवीयता की पक्षधर सुषमा स्वराज ने भी पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कड़ा जवाब दे ही दिया - और पाकिस्तान डर के भाग गया .... यानि सब अड़ाअड़ी में अड़ ही गया ....  

पाकिस्तान की पोल खुल गई - फिर सिद्ध हो गया पाक आतंकी देश है - अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आता - विश्वास योग्य नहीं - लातों के भूत बातों से नहीं मानते - हम दादी नानी याद दिला देंगे - मसल देंगे - कुचल देंगे - धोखेबाज़ ....

पर लगता है मोदी सरकार की जुमला सरकार की पाक नीति भी एक जुमले जैसी ही है ....

ना झुकेंगे ना झुकाएँगे .... अड़े खड़े टर्राएंगे !!!!

मित्रो आज़ादी को और पाक समस्या को भी अब ६० साल से ज्यादा हो गए -  और अब तो मैं भी ६० साल से ज्यादा हो गया .... और मुझे लगता है कि हमारी कूटनीति इंदिरा गांधी की "कूटने" वाली नीति होनी चाहिए ....

झुकेंगे नहीं झुका देंगे .... खड़े खड़े टरका देंगे !!!!

या फिर मनमोहन सिंह की सौम्य चुप्पी ही बेहतर लगती है .... पर अब टर्राना अच्छा नहीं लगता !!!!

Saturday 22 August 2015

//// ना बात ना चीत - फिर भी बातचीत ....////


कोई बात ना चीत .... केवल बातचीत - बातचीत पर बातचीत ....
बातचीत हो - या ना हो .... इस पर भी बातचीत ....
हम तो स्पष्ट - नो कन्फ्युज़न ....    ....
वो अड़ रहे - हम नहीं .... हम तैयार - बिना शर्त ....
पर हमारी शर्त .... उनकी कोई शर्त स्वीकार्य नहीं ....

लेकिन हर समस्या का समाधान केवल बातचीत से ....
इसलिए बात हो .... हमें हर शर्त स्वीकार्य ....
पर शर्तों के साथ बातचीत नहीं होगी ....
नहीं सॉरी - हो सकता है हो ही जाए ....

अच्छा बातचीत हो भी गई तो क्या होगा ??
इसके बारे में फिर बात करेंगे ....
फिर क्या बात करोगे ??
बातचीत जारी रखी जाए या नहीं ....

तो क्या बातचीत जारी भी रह सकती है ??
जी हाँ - बात उसके लिए ही तो हो रही है ....

मैं अब समझा !!!!
ना बात ना चीत फिर भी बातचीत ....
आप भी समझ ही गए होंगे .... है ना !!!!

Friday 21 August 2015

//// और मोदी सरकार को शर्म भी नहीं आती ....////


कच्चे तेल के भाव अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचे ....
दाल और प्याज़ के भाव राष्ट्रीय बाज़ार में उच्चतम स्तर पर पहुंचे ....

इन दो तथ्यों के मायने ....

मोदी सरकार तेल के मामले में नसीब वाली ....
मोदी सरकार गरीब का तेल निकालने में सिद्धहस्त ....
मोदी सरकार दाल में से भी तेल निकालने में सक्षम ....
मोदी सरकार प्याज़ के भी आंसू निकालने में सक्षम ....

और क्या कहूँ - मोदी सरकार को शर्म भी नहीं आती ....

//// कुत्ते भी शाने हो गए हैं - देश का नया-नया कानून समझने लगे हैं .... ////


हर वफादार कुत्ता तो हो ही नहीं सकता .... ऐसा कहना तो "कुत्ताई" हो जाएगी ....
पर क्या हर कुत्ता वफादार होता है ??

कुत्ता वफादार तो होता है - यह बात तो सदियों से कही और मानी जा रही है ....
पर प्रश्न है की क्या "हर" कुत्ता वफादार होता है ??

प्रश्न अभी भी उलझा है .... उत्तर अभी भी स्पष्ट नहीं है ....

कुत्ता यदि काट ले तो आप हर काट को "कुत्ताई" तो कदापि नहीं मान सकते .... क्योंकि कुत्ता है तो काटेगा तो सही ....

और यदि कुत्ता चोर को काटे तो ? - वाह !! क्या बात है !! - इसे ही तो कुत्ते की निर्विवाद वफादारी माना जाता है .... यही तो कुत्ते की वफादारी का सूचक और सबूत होता है ....

पर यदि कुत्ता मालिक को ही काट ले तो ? - तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता - इसे तो निर्विवाद "कुत्ताई" ही कहना पड़ेगा .... 

पर पेंच यहां आकर फंस रहा है कि - यदि कुत्ता मालिक की पत्नी को काट ले तो ??!@#$%??

और पेंच इसलिए फंस रहा है कि इस देश की यशस्वी सरकार और उसके मंत्री और प्रधानमंत्री ने तरोताज़ा यह प्रतिपादित कर दिया है कि यदि भगोड़े की मदद कर दी जाय तो वह तो गुनाह हो सकता है - पर यदि मदद भगोड़े की पत्नी की हो तो वह गुनाह की श्रेणी में नहीं आएगा .... मैंने ठीक कहा ना ??

और इसलिए इस देश के तरोताज़ा कानून के अनुसार तो ये प्रतिपादित होता है कि - यदि कुत्ता मालिक को काटे तो इसे तो "कुत्ताई" माना जाएगा - पर यदि कुत्ता मालिक की पत्नी को काट ले तो इसे "कुत्ताई" नहीं माना जा सकता ....

स्पष्ट है कुत्ते भी शाने हो गए हैं ....
और नेताओं के कुत्ते तो इस देश का नया-नया कानून भी समझने लगे हैं ....
शाने कुत्ते !!!!

पुनश्चः  नेताओं के शाने कुत्तों को सलाह - कृपया अकारण भौंके नहीं - क्योंकि अकारण भौंकना तो निर्विवाद रूप से "कुत्ताई" का ही प्रतीक माना जाएगा .... समझे ??

Thursday 20 August 2015

//// व्यापम के दाग धुल गए ? .. तो ललित गेट के दाग चिपक गए ना ....////


मध्यप्रदेश में नगर निकायों के चुनावों में भाजपा ने बाजी मार ली .... और हमारे शिवराज ने अपने पूरे बदन को हिला किसी अभिनेता माफिक भाव भंगिमा का प्रदर्शन कर बक़ायद हाथ माथे पर फेरते हुए उद्घोषणा कर मारी थी .... आज जनता ने मेरे माथे लगे व्यापम के दाग धो दिए ....

आज अभी राजस्थान के भी नगर निकायों के चुनाव परिणाम आ गए हैं .... यहां भी भाजपा काफी आगे है पर अपेक्षा से कम .... पर खुद वसुंधरा और पुत्तर दुष्यंत के इलाके झालावाड़ धौलपुर आदि में भाजपा हार गई है - कांग्रेस ने पटखनी दे दी है - जनता ने उलट फेर कर दिया है ....

यानि सिद्ध हो गया कि यदि व्यापम के दाग जनता ने धो दिए - शिवराज बरी जिम्मे हुए .... तो वसुंधरा पर ललित गेट के दाग अब पक्के हो गए हैं - है ना !!!!

तो प्रश्न उठते हैं कि ....
क्या मोदी जी वसुंधरा का त्यागपत्र करवाएंगे ??
और क्या शिवराज को छोड़ दिया जाएगा ??

उत्तर मैं बता देता हूँ - मोदी अभी पूर्णरूपेण पूर्णकालिक बिहार चुनाव में लस्त हैं पस्त हैं मस्त हैं व्यस्त हैं - संपट बैठ नहीं रही है - कुछ भी कर गुजरने की स्थिति में नहीं हैं - इसलिए कुछ नहीं कर पाएंगे .... इसलिए कुछ नहीं करेंगे !!!!

हाँ मोदी जी बिहार चुनाव के बाद जब थोड़ा फ्री हो देश की तरफ ध्यान देने की स्थिति में आएंगे - तब हो सकता है कि कुछ हो - मसलन यदि हारेंगे तो इस्तीफ़ा हो सकता है - यदि जीत गए तो फिर तो मोदी जी के माथे के ही नहीं पूरे बदन के ही दाग घुल जाएंगे .... तो फिर कौन सा इस्तीफ़ा कैसा इस्तीफ़ा किसका इस्तीफ़ा - है ना ????

//// इन्हें संपट नहीं बैठ रही शीर्षासन के बाद अगाडे गिरना है या पिछवाड़े ..////


आज सुबह ही की तो बात है कि सभी हुर्रियत नेताओं को नज़रबंद कर दिया गया था .... कयास लगाए गए थे कि भारत पाक NSA बैठक के पहले पाक उच्चायुक्त द्वारा उनको बुलावे के मद्देनज़र उन्हें नज़रबंद किया गया था .... माना जा रहा था कि सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि - बच्चू अब जा के बताओ - देखें कैसे जाते हो ?? .... और मुझे भी लगा था कि सरकार ने कुछ ठीक ही किया ....   

पर जनाब !!  अभी-अभी जब दोपहर पूरी भी नहीं तपी है लगता है सरकार ठंडी पड़ गई है .... क्योंकि समाचार आ गया है कि सभी हुर्रियत नेताओं को छोड़ दिया गया है .... और सूत्र बता रहे हैं कि शायद उन्हें पाक उच्चायुक्त के बुलावे पर बातचीत हेतु दिल्ली जाने दिया जाएगा ....

और मित्रो कल ही की बात है जब आधी रात को आनन फानन में FTII के ५ छात्रों को गिरफ्तार किया गया था - पर शाम होते होते छोड़ भी दिया गया था ....

उपरोक्त तथ्यों से स्थापित होता है कि : - 

इस सरकार के लिए FTII के छात्र अलगाववादियों से भी ज्यादा खतरनाक हैं .... और अलगाववादी FTII के छात्रों जैसे ही मासूम हैं ....

और सरकार पागल हुए जा रही है .... इत्तू सा भी निर्णय नहीं कर पा रही है कि यू-टर्न लेना है या शीर्षासन करने के बाद अगाडे गिरना है या पिछवाड़े - या फिर आड़े ????

और जनता गंभीरता से सब देख रही है समझ रही है ....

पर भक्त समझ नहीं पा रहे हैं कि तारीफ करें या चुप रहें - मुस्कुराते रहें या अब रो लें - घर से निकलें या ना निकलें - निकलें भी तो घर वापसी कैसे करें - यू-टर्न लें कि गोल चक्कर लगाकर लौट के घर आ जाएं ....

और मैं ?? .... सोच रहा हूँ सरकार को यदि कुछ संपट ही नहीं बैठ रही है तो मुझसे सलाह क्यों नहीं मांग लेती ?? मैं तो तैयार बैठा हूँ सही सलाह देने के लिए - सीधे-सीधे इस्तीफ़ा दे दो .... समझे ????

//// लगता है महाभारत तो होकर रहेगी .... होनी भी चाहिए .... ////


अनेक एपिसोड में लगभग एक जैसे ही वस्त्र धारण किये अपने मुख पर नैसर्गिक हाव-भाव चिपकाए युधिष्ठर का पकाऊ रोल करने वाले - FTII में अपनी बेइज़्ज़ती करवा चुके और टिके - तथा अभी भी बेइज़्ज़ती के कारण प्रसिद्धि पा रहे गज्जू भैया उर्फ़ गजेन्द्र चौहान के कारण महाभारत आज भी जारी है ....

और इस बीच मोदी पुलिस को भी रणक्षेत्र में भेज दिया गया .... आधी रात के उजाले में FTII के ५ छात्रों को गिरफ्तार कर लिया जाता है - आरोप ये कि उन्होंने निदेशक को बंधक बना लिया था ....

और उस निदेशक को भी कल टीवी पर देखा और सुना .... ऐसे बोल रहा था या साफ़ था कि बुलवाया जा रहा था जैसे अभी खुद ही एक छात्र हो .... मुझे लगा बेचारे छात्र - गिरफ्तार भी हुए तो किस दयनीय को बंधक बनाने के आरोप में ....

खैर मोदी की बदनसीबी से छात्रों को न्यायालय से कल ही बेल मिल गई ....

और इसलिए मुझे लगता है कि अब महाभारत तो होकर रहेगी .... श्रीनगर में पाकिस्तानी झंडे फहराने वाले छुट्टे घूमेंगे - दुनिया भर के सांप्रदायिक ज़हर घोलने वाले टुच्चे छुट्टे घूमेंगे - और एक संस्थान के समस्त छात्र एकमत हो अपने ही संस्थान में एक राजनीतिक नियुक्ति का विरोध करने के कारण रात में आतंकियों के माफिक गिरफ्तार किए जाएंगे - तो महाभारत तो होनी भी चाहिए ....

और परिणाम क्या होगा ?? .... अभी तक तो हर मुद्दे पर और हर स्तर पर मोदी सरकार ने मुँह की ही खाई है और इस बार भी निश्चित ही ऐसा ही होना है .... क्योंकि चाहे गज्जू भैय्या को दबाव में आकर हटाया जाता है - चाहे गज्जू भैय्या को अड़ियल रवैय्ये के मद्देनज़र नहीं हटाया जाता है - चाहे संस्थान की ही वाट लगा दी जाती है - सभी परिस्थितियों में अब हार तो मोदी सरकार की ही होनी है ....

हाँ नुकसान छात्रों का और देश का ज़रूर हो जाएगा - पर मोदी जी को उसकी चिंता भी कहाँ है - इसलिए देश भी मोदी जी की चिंता करेगा ऐसा भी कहाँ जरूरी है - अस्तु महाभारत होगी ही !!!!

Wednesday 19 August 2015

//// मंत्रियों और बड़े अफसरों का इलाज 'व्यापम' से चयनित डॉक्टर से ही हो ..////


इलाहबाद उच्च न्यालय ने उत्तर प्रदेश में सभी न्यायाधीशों मंत्रियों बड़े अफसरों आदि के बच्चो को केवल सरकारी स्कूल में ही पढ़ने की अनिवार्यता निर्णीत कर दी है ....

स्वागतम !!!! वाह क्या बात है - क्या निर्णय है - स्वतंत्र भारत के इतिहास में ये अपने आप में सबसे अनूठा और न्यायसंगत निर्णय है ....

पर इसके आगे देशहित में मैं भी सर्वोच्च न्यायलय से एक और निर्णय की मांग करता हूँ ....

देश के सभी मंत्रियों और बड़े अफसरों के बीमार पड़ने पर इलाज केवल मध्यप्रदेश व्यापम से चयनित डॉक्टर से ही करवाने की अनिवार्यता निर्णीत होनी चाहिए ....

बाई गॉड की कस्सम !!!! मज़ा आ जाएगा - ना रहेगा बाँस ना बजेगी बाँसुरी .... सब शांत - पूर्ण शांत .... भारत दुनिया का नंबर १ देश बन जाएगा .... लोग मोदी - शिवराज का मंदिर बनवा पूजेंगे !!!!

//// ४ महिलाएं १ मुलायम सिंह का रेप कर सकती हैं ? प्रैक्टिकल ही नहीं !! ..////


मुलायम सिंह के शर्मनाक निम्नस्तरीय अमर्यादित बोल ....
" ४ पुरुष १ महिला के साथ रेप कर दें - क्या ऐसा हो सकता है ?  ऐसा प्रैक्टिकल ही नहीं है " ....

मेरी "प्रैक्टिकल" प्रतिक्रिया ....

अखिलेश यादव से माँग करता हूँ कि अपने बाप के विरुद्ध अशोभनीय और आपत्तिजनक और महिलाओं के विरुद्ध अमर्यादित बोल बोलने के जुर्म में "प्रैक्टिकली" मुकद्दमा दर्ज करें ....

या फिर "प्रैक्टिकली" बस उसे ४ महिलाओं के हवाले कर दें - और अच्छी खासी दुर्गति होने के बाद पूछें - नेताजी क्यों आपका रेप तो नहीं हो गया ??

यदि नेताजी बोलें कि "ना" - तो बेटे समझ लेना कि हो गया ....

और यदि वो बोलें "हाँ" - तो बेटे फिर अपने बाप वाली बात ही पलट कर बता देना - ४ महिलाएं १ मुलायम सिंह का रेप कर दें प्रैक्टिकल ही नहीं हो सकता ....

तो अखिलेश बाबू - ये "प्रैक्टिकल" क्या होता है ? - कुछ समझे कि नहीं ??
समझ भी जाना - मैं मेरा स्तर भी तो मुलायम के जितना अब और नहीं गिरा सकता - प्लीज़ !!

//// "डावर साहब" बहुत बड़े फेंकू हैं .... आज भी पैसे फेंक के देते हैं ....////


इफ़्तेख़ार यानि "डावर साहब" और अमिताभ बच्चन यानि "विजय" के बीच का संवाद ....
" डावर साहब ........ मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता " ....

दीवार का ये डायलॉग बेहद लोकप्रिय हुआ था .... क्यों ??
क्या डायलाग बहुत लंबा चौड़ा या विशेष शब्दों से युक्त था ? या किसी भी मायने में नायाब ??
नहीं !!
तो फिर इतना लोकप्रिय क्यों हुआ ?? 

मुझे लगता है कि गुलाम भारत के समय अंग्रेज़ों द्वारा भारतियों के उपहास और शोषण की पीड़ा के कारण भारत के आमजन के DNA में ये "खनक" है कि हक़ के पैसे कोई उल्टे एहसान जता के या उपहास करके या अपमानित करके क्यों दे ??

अब देखना होगा की बिहार का DNA भारत के DNA से मैच खाता है अथवा नहीं ??

वैसे मैचिंग की बात हो रही तो बता दूँ कि अपने मोदी जी का सूट बूट वाले "डावर साहब" से तो परफेक्ट मैचिंग होता ही है .... पर क्या नितीश कुमार "विजय" के किरदार के मैचिंग बन पाएंगे ?? .... और मेरा जवाब है - शायद नहीं !! .... नहीं इसलिए कि आज के लोकतंत्र में "डावर साहब" की हैसियत तो बढ़ी है पर "विजय" बहुत मजबूर हो चला है ....

मजबूर इसलिए कि फिल्म दीवार में तो "डावर साहब" ने जो पैसे फेंके थे वो उसके खुद के थे और वो पैसे उसने "विजय" को अपने ठिकाने बुलवाकर उसके सामने फेंके थे - जिसे "विजय" डायलॉग सहित ठुकरा सकने में सक्षम था ....

पर आज असलियत में "डावर साहब" ने जो पैसे फेंके है वो उसके खुद के नहीं उसके बाप के भी नहीं - और जो पैसे फेंके हैं वो खुद के ठिकाने पर भी नहीं - बल्कि फेंके हैं "विजय" के घर में घुस्सू जैसे घुस के - "विजय" की अनुपस्थिति में - और फेंक के खुद ही भाग भी लिए हैं ....

और जिस अंदाज़ में फेंके हैं एक बार फिर तय हो गया है कि "डावर साहब" बहुत बड़े फेंकू हैं - आज भी पैसे फेंक के देते हैं !!!! छिः !!!!

Tuesday 18 August 2015

//// "८००० करोड़" .... चुनाव भी जितवा देते हैं - मिद्द भी निकाल देते हैं .... ////


पूर्व सैनिक जिस OROP की मांग कर रहे हैं और जिस हेतु मोदी जी वायदा करके भी मुकर गए - उसके पिछवाड़े के कारण हैं - "८००० करोड़" रूपए - जिस कारण मोदी सरकार की मिद्द निकली जा रही है ....

वहीँ केजरीवाल के पराक्रम से - सभी भ्रष्टाचार में डूबे बड़े इज़्ज़तदारों को धता बताते हुए जो कैग द्वारा दिल्ली की बिजली कंपनियों का ऑडिट हो रहा था - उस ऑडिट की मिर्चीयुक्त प्रारंभिक रिपोर्ट लीक हो गई है .... और मिद्द फिर निकल पड़ी है .... क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार बिजली कंपनियों ने "८००० करोड़" रुपये का गलत घाटा दर्शाया और जनता से बिजली के ऊँचे दाम वसूल लिए - लूट लिए - खसूट लिए ....

तो क्या आप "८००० करोड़" के मायने समझे ?? .... मैं समझाता हूँ .... 

एक तरफ "८००० करोड़" के घपले मालामाल बना देते हैं - अंबानी बना देते हैं  - टाटा बना देते हैं - और चोरों को चुनाव जितवा देते हैं .... और दूसरी तरफ यही "८००० करोड़" पिछवाड़े से मिद्द निकाल देते हैं ....

समझ नहीं आता कि "८००० करोड़" की महिमा का गुणगान करूँ या टुच्चों को गालियां दूँ ????

Monday 17 August 2015

//// ६० साल का स्यापा ही रोते रहेंगे .... ये एहसानफरामोश ....////


मोदी सरकार को देश ने चुना था इस उम्मीद से कि ये आगे की बातें करेंगे - कुछ अच्छा करेंगे ....
पर ये सरकार १५ महीने में ही सालों पीछे चली गई .... आज ये फिर से पुरानी सरकारों की बातों पर छाती कूट रही है .... रोना रोने लगी है .... विरासत पर कभी इतराती है तो कभी उसी विरासत को दयनीय बताती है .... और इसमें मुझे दुविधा कम पर मक्कारी ज्यादा नज़र आती है !!

लगता है यदि ये सरकार नसीब के सहारे अपने ५ साल के कार्यकाल तक पूरा टिक गई तो देश का एक फायदा तो जरूर हो जाएगा - भाजपा और कांग्रेस की पूरी जनमपत्री देश के सामने खुल जाएगी .... और पिछले ६० साल में क्या गलत हुआ और किसने गलत किया ये पूरे देश को मालूम पड़ जाएगा !!

पर साथ ही मुझे ये आशा भी है कि शायद लोगों को ये एहसास भी हो जाएगा कि पिछले ६० सालों में भले ही कुछ गलत किया गया होगा पर बहुत कुछ अच्छा भी हुआ है .... और यह भी विश्वास हो जाएगा कि भले ही मोदी जी कुछ कर ना पाएं हों और आगे भी ना कर पाएं - पर जो वायदे भी अब तक फेंक पाएं हैं उसकी नींव और इमारत तो ६० साल में ही रखी गई थी ....

मसलन आप जिन स्कूलों में शौचालय बनवा अपने को सूरमा मान रहे हो वो स्कूल तो पिछले ६० साल में ही बने हैं ....
और मसलन जिस पाकिस्तान को शब्द बाण छोड़ कर आप वीर पेश आने का प्रयास कर रहे हो उसके पीछे की औकात असली शस्त्र बाण तो पिछले ६० साल में ही बने हैं ....
और मसलन विदेश में जाकर आप जिस भारतीय समुदाय को बरगला तालियां ठुकवा रहे हो उस समुदाय को विदेश में जाकर झंडे गाड़ने लायक भी तो पिछले ६० वर्ष के अच्छे क्रियाकलापों ने ही बनाया है ....    

और इसलिए मुझे लगता है कि ये मोदी सरकार अपने २५% कार्यकाल में ही जिस निम्न स्तर तक गिर चुकी है ये सरकार अपने ७५% बचे कार्यकाल को पूर्ण नहीं कर सकेगी ....
और भाजपा का भी ये ५ वर्ष का काल अंतिम और अनंतिम ही रहेगा .... ६० साल तो दूर कुल जमा ६ साल का भी मौका अब नहीं मिलेगा !!!!

क्या ये देश एहसानफ़रामोशों को और तोकेगा ?? कदापि नहीं !!!!

//// भारत संभावनाओं का देश - इसलिए मोदी प्रधानमंत्री संभव ....////


आज प्रधानमंत्री मोदी जी एक बार फिर विदेश में - संयुक्त अरब अमीरात में बोले ....

भारत संभावनाओं का देश है ....
पूर्ण बहुमत वाली सरकार ३० साल बाद ....
कठिनाइयाँ मुझे विरासत में मिली हैं ....
फैसले नहीं लेने की वजह से उलझने और बढ़ी हैं - मैं सुलझाने आया हूँ ....
हाल में कई नीतिगत फैसले किए हैं 
मुझे यहां आकार लग रहा है कि ३४ साल क्यों गँवा दिए ....
३४ साल की भरपाई करने आया हूँ ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

निश्चित ही भारत संभावनाओं का देश है - और इसलिए मोदी जैसा व्यक्ति भी इस देश का प्रधानमंत्री बन जाना संभव है - जो हमेशा देश के अच्छे पहलुओं को विदेश में प्रचारित प्रसारित करने के बजाय हमेशा रोते-धोते स्वयं अपने ही देश की बेइज़्ज़ती करते रहने का शौक़ीन है .... हमेशा दूसरों को कोसते रहना और अपने को महिमामंडित करते रहने का कुप्रयास करते रहना ....

विदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार होने का दंभ भरना - और देश में संसद ना चलने देने का ठीकरा अल्पमत विपक्ष पर ?? .... वाह !! किस हद दर्जे की दोहरी बातें !!!!
     
सच मुझे बहुत पीड़ा होती है - और प्रधानमंत्री की ऐसी बातों से मन खट्टा ही होता है ....

और मैं सोचता हूँ कि क्या इस देश को और अच्छा प्रधानमंत्री मिलने की संभावना नहीं है ????
होनी तो चाहिएं !! आखिर हमारा देश संभावनाओं का देश जो ठहरा !!!!

Sunday 16 August 2015

//// मोदी जी की तारीफ भी होनी चाहिए ....////


कल ही मोदी जी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था - जातीवाद का ज़हर - और सम्प्रदाय का जुनून - पनपने नहीं दिया जाएगा ....

और आज मोदी जी संयुक्त अरब अमीरात गए हैं - जहाँ वो एक मस्जिद में सजदा करने के लिए भी जानेवाले हैं ....

मैं मोदी जी के ऐसे हर कदम का स्वागत करता हूँ और आशा करता हूँ कि देश की सभी पार्टियां और धार्मिक संगठन इस बात के लिए उनकी तारीफ करेंगे .... विशेषकर मुझे बहुत प्रसन्नता होगी अगर आर.एस.एस - शिवसेना - विश्व हिन्दू परिषद - बजरंग दल - एम.आई.एम - पी.डी.पी - नेशनल कांफ्रेंस आदि भी खुल कर उनकी तारीफ और उनका समर्थन करेंगे .... !!!! धन्यवाद !!!!

Saturday 15 August 2015

//// भाषण !! गोलीबारी !! कई घायल ....////


सुबह साढ़े सात बजे से प्रधानमंत्री जी का लाल किले से भाषण शुरू हुआ था ....
और लगभग उसी समय शुरू हो गई थी सीमापार पाकिस्तान से गोलीबारी ....

यकीनन कई लोग घायल हो गए ....

पर आज प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का 'पा' तक नहीं बोला .... इसलिए मुझे लगता है कि पाकिस्तान मसले पर छाती ठोकने और कूटने का फैशन पुराना हो चुका है - और बुरा भला कहने का या चेतावनी देने का समय भी निकल चुका है .... और इसलिए मुझे लगता है कि शायद पाकिस्तान को मुँह तोड़ जवाब दिया ही जाएगा - और शायद इसलिए प्रधानमंत्री आज पाकिस्तान मुद्दे पर चुप रहे .... 

पर यकीन से कुछ नहीं कह सकता .... शायद !!!!
या फिर यूं कहूँ - काश .... !!!!

//// किसी को मिर्ची लगी हो तो लगती रहे ....////


आज प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा ....
जातीवाद का ज़हर - और सम्प्रदाय का जुनून - पनपने नहीं दिया जाएगा ....

वाह क्या मार्के की बात कही है ....
अब यदि किसी को इस बात से भी मिर्ची लगी हो तो लगा करे ....
अपने को तो मज़ा आ गया ....

अभी शाम को कई भक्त टाइप मित्र घर पर आ रहे हैं .... चाय पर इस विषयक चर्चा जरूर करूंगा !!!!

//// 'टीम इंडिया' की वाट लग गई कि 'टीम इंडिया' की वाट लगा दी ?? ....////


आज प्रधानमंत्री ने 'टीम इंडिया' की नई परिभाषा बता दी .... 'टीम इंडिया' मतलब देश के सवा सौ करोड़ लोग ....
और लाल किले से अपने भाषण में २०- ३० बार 'टीम इंडिया' का उल्लेख कर दिया ....

सूत्र बता रहे हैं कि श्रीलंका के गॉल में खेल रही टीम इंडिया शायद इस बात से बौखला गई .... इधर लाल किले से भाषण ख़त्म हुआ और उधर गॉल में विकेट गिरना शुरू हो गए .... और सुबह तक पक्की जीत शर्मनाक हार में बदल गई .... छिः !!!!

अब समझ नहीं आ रहा कि 'टीम इंडिया' की वाट लग गई कि 'टीम इंडिया' की वाट लगा दी ????

//// "OROP" से प्रधानमंत्री का मतलब - " ओये रहनेदे ऊँची पेंशन " ....////


आदरणीय सेवानिवृत्त सैनिकों ....

हमारे प्रधानमंत्री के मन और दिमाग में झांकना हो तो प्रधानमंत्री की व्याख्या पर गौर फरमाएं .... उनकी स्तरहीन बचकाना व्याख्या अनुसार ....

"RJD" का मतलब  >>  " रोजाना  जंगलराजका  डर" ....
"JDU" का मतलब  >>  "जनताका  दमनऔर  उत्पीड़न" ....

अब आप प्रधानमंत्री से "OROP" की माँग कर रहे हैं .... है ना ....
और प्रधानमंत्री ने इसे सैद्धांतिक रूप से मान लिया है .... है ना ....

पर सावधान !!!! कहीं प्रधानमंत्री की व्याख्या उनके स्तर अनुरूप निम्नानुसार तो नहीं ....

"OROP" का मतलब  >>  " ओये  रहनेदे  ऊँची  पेंशन " ....

इसलिए बड़े खेद के साथ आपको चेताना चाहूँगा कि पूरे देश के साथ धोखा करने वाले प्रधानमंत्री आपके साथ कुछ अलग व्यवहार करेंगे ऐसा मानना आपकी भारी भूल होगी ....

इसलिए आज स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर केवल इतना ही कह सकूँगा कि ....
!!!! जय हिन्द !!!!

//// वो महारथी कौन जो बेचारे प्रधानमंत्री पर दबाव बना गए ?? ....////


FM रेडियो की नीलामी से संबंधित एक रहस्योद्घाटन हो गया है .... कि हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पर FM रेडियो नीलामी ना करने के लिए बहुत दबाव डाला गया .... और रहस्योद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री ने आज लाल किले की प्राचीर से किया है !!!!

प्रश्न उठता है दबाव किसका ???? .... अरुण जेटली का ? साथी मंत्रियों का ? पार्टी का ? संगी साथियों का ? चंगुओं का ? मंगुओं का ? दलालों का ? धंधेबाज़ों का ? ललित मोदी का ? सुषमा का - वसुंधरा का - शिवराज का ? रामदेव बाबा का ? राहुल गांधी का ? या कहीं आडवाणी जी का तो नहीं ????

या ऐसा तो नहीं कि बेचारे प्रधानमंत्री की औकात इतनी गिर गई है कि कोई भी ऐरा गैरा नत्थू खैरा उन पर दबाव बना चलता बनता है - और प्रधानमंत्री देश के सामने १५ अगस्त को अपना दुखड़ा रोने के अलावा कुछ नहीं कर पाते ?? .... लगता तो ऐसा ही है !!!!

या कहीं ऐसा तो नहीं कि "FM" का मतलब "Fenku Mantri" "फेंकू मंत्री" ही माना जाए ????

//// तो चलो !! स्टार्ट अप - स्टैंड अप - शट अप ....////


बकवास कल भी थी - बकवास आज भी .... कल कह रहे थे कालाधन वापस लाएंगे - आज कह रहे हैं कालाधन देश से बाहर नहीं जा सकता ....
यानी देश में कालाधन पैदा हो रहा और वो यहीं खप भी रहा है ....

कलाकार काला फेंकू !!!!

तो चलो !! स्टार्ट अप - स्टैंड अप - शट अप !!!!

Friday 14 August 2015

//// "जंत्री मंत्री" "जंतर मंतर" मिटा दे पेंशन में अंतर - वर्ना हो जाएगा छू मंतर ..////


दिल्ली में एक जगह का नाम है "जंतर मंतर" - नाम में ही जादू या अजब गजब सा कुछ लगता है .... 

और इसी जगह पर हमारे कभी रक्षक रहे सेवानिवृत फौजी किसी "जंत्री मंत्री" के वायदा खिलाफी से क्षुब्ध हो प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हुए .... सो पिछले ६० वर्षों तक देश की सेवा करने के पश्चात आज 'बेचारे' हो पिछले ६० दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं ....

और आज उनका "जंतर मंतर" पर प्रदर्शन "खतरा" मान लिया गया है .... तथा बल प्रयोग द्वारा उन्हें वहां से खदेड़ा जा रहा है ....

उस "जंत्री मंत्री" जिसका पद प्रधानमंत्री है और नाम है नरेंद्र मोदी उसको धिक्कार है !! - क्योंकि मेरे समक्ष में स्पष्ट है कि हमारे पूर्व सैनिकों को किये गए स्पष्ट वायदे अनुसार उन्हें एक रैंक एक पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है ....

सरकार और भाजपा से जुड़े अपने आपको देशभक्त मानने वाले और बात बात में इस देश की आन बान शान के लिए अपना खून खौला देने वाले सभी मित्रों से भी मैं आग्रह करूंगा कि इस राष्ट्रीय दायित्व और शर्म के मुद्दे पर सब अपने अपने स्तर से "जंत्री मंत्री" को धिक्कारने का काम करें .... क्या है जब अपने ही लोग "मानवीय आधार" की बात उठाते हैं तो अमानवीय प्रकृति को बहुत ज़ोर के ठेस पहुँचती है .... "जंत्री मंत्री" में पैवस्त अमानवीय पक्ष "छू मंतर" हो सकता है ....

तो आइये "मानवीय आधार" पर नारा बुलंद करें ....

छू मंतर काली कलंतर ! 
जंत्री मंत्री - जंतर मंतर !!
मिटा दे पेंशन में अंतर !!!
वर्ना हो जाएगा - छू मंतर !!!!

Thursday 13 August 2015

//// क्या सुषमा और भाजपा विपक्ष के लायक भी हैं ?? ....////


स्मरण करें !! अरविन्द केजरीवाल का सबसे ज्यादा उपहास भाजपा ने किया था - सत्ता में रहकर धरना प्रदर्शन ????

आज सत्तापक्ष के तमाम सांसद जब उसी दिल्ली की धरती पर विरोध मार्च में शामिल हो चल रहे थे तो मुझे लगा ये चल नहीं रहे हैं - ये सब दिल्ली की उसी धरती पर लोट रहे हैं - उसी मिटटी में थूका सूंघ ढूंढ ढूंढ चाटने के लिए .... 

आज निर्लज्ज सुषमा स्वराज ने संसद में अपने बचाव में किसी स्वर्गीय आदमी की आत्मकथा के अंश पढ़कर राहुल गांधी के सामने उनके स्वर्गीय पिता को बेइज़्ज़त करने का घृणित पाप किया ....

पर इस कुकृत्य से सुषमा ने अपनी एक और पोल खोल दी .... वो ये कि जब राजीव गांधी ने एंडरसन को इस देश से भगाया था तब राहुल तो बच्चे थे - पर आप तो वयस्क थीं - आपकी पार्टी में तो कई दिग्गज थे - तब आपने क्या किया ?? चूं भी नहीं कर पाए ?? क्यों ?? तब क्यों नहीं मार्च निकाला ?? क्यों नहीं आसमान सर पर उठा लिया ?? क्यों नहीं संसद को ठप्प किया ?? क्यों नहीं ओजस्वी भाषण दिए ??

शर्म करो सुषमा जी !! .. जिस राहुल गांधी के सामने आपने उनके स्वर्गीय पिताजी को बेइज़्ज़त करने का अपराध किया है आप उस राहुल के नख बराबर भी सिद्ध नहीं होती हो .... क्योंकि हमारे समक्ष में है कि केवल एक भगोड़े की पत्नी की मानवीय सहायता करने के कुकृत्य के कारण राहुल गांधी ने तो आप सबकी बैंड बजा दी है - और आप !! .... पूरा आदमी ज़िंदा देश से बाहर हो गया और आप सब मृतप्रायः पड़े रहे .... निकम्मे !!!!

आज आपने सिद्ध कर दिया कि सत्ता चलाना तो बहुत दूर की बात है - आप तो एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाने के भी लायक नहीं थे .... और जो लायक नहीं होते उन्हें नालायक ही तो कहते हैं !!!!

और अंत में एक और कड़वा सच सुन लें - स्वर्गीय राजीव की पत्नी सोनिया और उनके सुपुत्र राहुल तो आज भी इस देश के लिए कुछ करते दिख रहे हैं - पर आपकी पुत्री बांसुरी और आपके पति कौशल तो भगोड़ों की वकालत कर अपना व्यवसाय कर पैसे कमा रहे हैं .... इसलिए निश्चित ही आपके मुकाबले तो धन्य हुए स्वर्गीय राजीव गांधी - और उनकी पत्नी सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी भी !!!!

इसलिए आपको एक सलाह - आप लगातार गंदी राजनीति में ही उलझी हैं - बेहतर होगा इस्तीफ़ा दें - एकांत में जा लम्बी सांस भरें और अपने और स्वर्गीय राजीव के परिवार की तुलना करें - शायद आपको व्यवहार और सभ्यता किस चिड़िया का नाम होता है इसका ही ज्ञान हो जाए !!!!

//// सौ फेंकू की एक पप्पू की ....////


फेंकू ने पप्पू का खूब उपहास किया .... इतना कि अब खुद उपहास का पात्र हो गया ....
आज पप्पू ने ललकार दिया .... फेंकू डरता है - इसमें दम नहीं ....

पप्पू की बात में दम लगा .... और ये भी लगा कि अब पप्पू को पप्पू मानना ऐसी ही मूर्खता होगी जैसी कि फेंकू को दमदार मान लेना ....

बल्कि मुझे तो लगता है कि अब एक नई पीढ़ी का ऐसा नेता देश के सामने आ रहा है जो पुरानी पीढ़ी से हटकर कुछ 'अच्छा' सोचते करते दिख रहा है - और जिससे कुछ अच्छे की आशा बंध रही है .... जो अब बड़ा हो गया है - स्याना हो रहा है !!!!

तो आगे इंतज़ार रहेगा .... अब 'फेंकू' क्या क्या नहीं कर पाता - और राहुल गांधी क्या करते हैं !!!!

//// तमाशा !! आज १२.३० बजे सत्तापक्ष के सांसद स्वयं को अक्षम सिद्ध करेंगे ..////


अभी-अभी समाचार आया है कि .... सत्तापक्ष के सांसद आज विजय चौक से संसद तक दोपहर १२.३० बजे "लोकतंत्र बचाओ मार्च" करने वाले हैं ....

मुझे लगता है कि आज देश को ससमय ये अच्छे से समझ लेना होगा कि लोकतंत्र बचाने में ये सत्तापक्ष के सांसद अक्षम हैं .... और इन सांसदों ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं - अपनी हार मान ली है - सत्य को स्वीकार लिया है ....

या यूँ कहें कि इनकी पोल खुलते जा रही है और अकल ठिकाने आते जा रही है !!!!

और ऐसा इसलिए कि - इस देश में लोकतंत्र को कोई समाप्त नहीं कर सकता - ये सच्चाई कई टुच्चों को अच्छे से मालूम है !!!!

इसलिए मेरा सत्तापक्ष के सांसदों से कहना है कि - बारिश में नाहक क्यों परेशान हो रहे हो - तुम्हारा सत्र आज वैसे भी ख़त्म हो रहा है - जाओ कैंटीन में बढ़िया सस्ता खाना सूतो - और कम्बल ओढ़ के सो जाओ .... मैं ग्यारंटी देता हूँ कि "लोकतंत्र" को कोई आँच नहीं आएगी - "हम हूँ ना" !!!!

Wednesday 12 August 2015

//// हम भी टुच्चे अमेरिका भी टुच्चा ....////


कुछ दिन पहले सामने आए एक स्टिंग टेप में निरस्त महामंडलेश्वर राधे माँ किसी मित्तल को बड़े ही कातिलाना प्यार से बोल रही थी .... हाय !! "मैं भी पागल तू भी पागल" !! .... पर आज एक और तमतमाई माँ ने कहा .... हम भी टुच्चे अमेरिका भी टुच्चा ....

जी हां !! सत्य की देवी सुषमा ने इस देश के सबसे बड़े मंदिर कहे जानी वाली पवित्र संसद से आज ये उद्घोषणा करी कि हमारी राजीव सरकार ने भारत के मुजरिम एंडरसन को छोड़ अमेरिका के मुजरिम आदिल शहरयार को छुड़ा लिया था .... अट्टे-बट्टे अदला-बदली !!!!

यानि ???? .. यानि ये कि - केवल हमारी पूर्ववर्ती सरकार ही निकम्मी भ्रष्ट घटिया बिकाऊ टुच्ची नहीं थी बल्कि अमेरिका की सरकार भी ऐसी ही थी ....

मुझे ऐसी बात से बहुत आश्चर्य हुआ .... या सही कहूँ थोड़ी शर्मिंदगी भी .... कुछ ऐसा ही लगा कि कोई कह रहा है - "हम तो डूबे हैं सनम उस को भी ले डूबेंगे" .... 

और मैं यह भी सोच रहा था कि हमारी विदेश मंत्री के मुख से संसद में कही बात के विरूद्ध अमेरिका कोई प्रतिक्रिया देगा अथवा नहीं ?? .... मेरी ऐसी सोच है कि यदि अमेरिका को अपनी इज़्ज़त प्यारी होगी तो प्रतिक्रिया देगा अन्यथा बेशर्म तो चुप के चुप ही रह जाते हैं ....

//// अईं !! तुम्हारा एंडरसन भी तो भागा था .. तो हमारा लमो भी भागेगा - समझे !! ..////


आज सुषमा स्वराज को लोकसभा में स्पीकर महोदया द्वारा अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए भारी शोरगुल के बीच अबाधित ४० मिनिट अभूतपूर्व मनमर्जी के साथ जवाब देने का मौका दिया गया .... और इस तरह सुषमा स्वराज का जबरन जवाब हो गया !!!!

जवाब की सबसे महत्वपूर्ण बात तो ये कि ललित मोदी भगोड़ा था ही नहीं .... और सुषमा स्वराज ने जो कुछ किया लिखित में नहीं किया - कुछ गलत नहीं किया - बेटी बांसुरी ने ललित मोदी की वकालत तो करी पर जूनियर वकील की हैसियत से बिना एक पैसा लिए - फ़ोकट .... आदि !!!!

और फिर बात करी एंडरसन की क्वात्रोची की शहरयार की आदिल की राजीव गांधी की - अर्जुन सिंह की किताब की - और गांधी परिवार पर अनेक आरोप - वो आरोप जो पहले भी कई बार लगते रहे हैं ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

गांधी परिवार के विरुद्ध जितने भी आरोप लगाए गए उनका संबंध ललित गेट से नहीं है .... इसलिए सुषमा जी के द्वारा अपनी सफाई में ऐसी घटिया हरकत सिरे से ख़ारिज करने योग्य है .... क्योंकि मैं इसे राजनीतिक बेशर्मी की संज्ञा देता हूँ कि जब आप की चोरी पकड़ी जाय तो आप दूसरे की डकैती का स्यापा ले बैठें .... और खुद जवाब दें या ना दें पर यही चिल्लाते रहें कि पहले वो जवाब दें - पहले उस बात पर जवाब दें - पहले इस बात पर जवाब दें - पहले अपने गिरेबान में झांके - आदि - और जनता मजबूर हो अपनी किस्मत को कोसते इन सबकी बकवास सुनने पर मजबूर रहे .... जैसे की जनता को तो कुछ कहने और पूछने का अधिकार ही नहीं है !!!!

साथ ही अब मोदी सरकार को चैलेंज करता हूँ कि अब बहुत हुआ - सुषमा जी द्वारा लगाए गए सभी सत्य आरोप पर त्वरित कानूनन कार्यवाही कर सच को देश के सामने लाया जाए .... देश के नागरिक होने के नाते मैं भी जानना चाहता हूँ कि अतीत में इस देश से एंडरसन कैसे भागा था ??

पर जनाब !! उसके पहले मैं यह भी तो जानना चाहूँगा कि वर्तमान में प्रत्यक्ष रूप से एक भगोड़े ललित मोदी की मदद करने के आरोप में सुषमा जी का इस्तीफ़ा क्यों नहीं ?? - क्या ये निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक नहीं ?? क्या आज सुषमा जी ने जो कुछ बोला उस विषयक तथ्य और साक्ष्य को नष्ट करने या छुपाने या तोड़ने मरोड़ने में उनके पद के दुरपयोग की संभावना नहीं है ????

और जनाब ये निगोड़ी किरकिट का क्या कीजियेगा ???? जब सरकार में और विपक्ष में बैठे और बीसीसीआई में बैठे भी तो कई सारे लोग इसकी गंगा में डुबकी लगा तैर नहा धो पोंछ कर सर में तेल लगा आँखों में सुरमा डाल खुशबू वाला डिओडोरेंट लगा इधर उधर डोलते हुए हवा खराब कर रहे हैं - इनमें भी तो कई 'एंडरसन' 'क्वात्रोची' और 'ललित मोदी' हैं .... और एक 'जेटली' भी हैं ....

अब हमें सब पता चल चुका है जनाब .... ना आपने कुछ किया है ना आप कुछ कर पाएंगे .... और इसलिए आप चुप हैं - इसलिए अब आप मौनमोदी हैं !!!!

पर जनाब !! समरण रहे - इतिहास गवाह है कि जरूरी नहीं इतिहास अपने को दोहराए ही .... कई बार इतिहास दोहराने की चेष्टा करने वाले ही इतिहास हो जाते हैं !!!!

Tuesday 11 August 2015

//// आइये हाल फिलहाल 'अर्थक्रान्ति' को भूल हम 'संसदक्रांति' की ही आशा करें ..////


तो अब बारिशों के बीच संसद सत्र की अंतिम साँसे चल रही हैं .... सत्र डूब रहा है ....

पूरे सत्र में ना सत्तापक्ष झुका ना विपक्ष .... मैं दोनों पक्षों की हौसला अफ़ज़ाई करता हूँ .... नहीं तो थूक के चाटने वालों की दोनों ही सत्तापक्ष विपक्ष में कमी नहीं है ....

पर आज भी लोकसभा में कई सांसद प्लेकार्ड लेकर मौजूद रहे - और तो और आज तो पक्ष विपक्ष दोनों ने खूब हंगामा किया - सदन के बीच आकर धक्का मुक्की तक कर मारी .... पर ना मालूम क्यों स्पीकर ने आज सांसदों का निलंबन नहीं किया - मूड नहीं हुआ होगा - या मूड कम खराब होगा - या ना मालूम क्यों ???? 

और अब अंत में मुद्दा भड़का है GST बिल का ....

सभी बोल रहे हैं कि ये बिल बहुत अच्छा है - अर्थव्यवस्था सुधार के ही पक्ष में है - देश में क्रांति ला सकता है - अर्थक्रान्ति !! .... और हाँ कह रहे हैं कि पिछले ७ साल से लटका था - यानी क्रांति लटकी पड़ी थी .... कारण आज का सत्तापक्ष तब विपक्ष था और आज का विपक्ष तब का सत्तापक्ष था .... और जनता का पक्ष लटका हुआ था - अर्थक्रान्ति की तरह - उल्टा मुहं के बल ....

पर विपक्ष झुकने को तैयार नहीं - पहले सुषमा का त्यागपत्र करवाओ - और तो और राहुल गांधी ने तो यहां तक मानसून सेल जैसा लुभावना ऑफर तक दे दिया कि सुषमा जी ये बता दें कि ललित मोदी के द्वारा परिवार के सदस्यों के खाते में कितना पैसा डाला - हाउस चल जाएगा .... यानि सुषमा प्रकरण देश की अर्थव्यवस्था से ज्यादा जरूरी है ....
अब ये बात अलग है कि विपक्ष के भी विपक्ष मुलायम आज झुक गए .... पर याद रहे अर्थव्यवस्था के लिए नहीं - बल्कि तोते से डरकर .... क्योंकि आजकल तोता उड़ान भर नोएडा के फरार चीफ इंजीनियर 'यादव सिंह' को ढूंढ रहा है और 'यादव' घबरा रहे हैं .... 

और सत्तापक्ष भी अड़ियल घोड़े जैसा अड़ा है - अर्थव्यवस्था गई भाड़ में - कौन सा त्यागपत्र ? कैसा त्यागपत्र  ? किसका त्याग पत्र ? - पागल हो गए क्या ? बौरा गए क्या ? - पिछले ७ साल हमने ये बिल पास नहीं होने दिया तो क्या पहाड़ टूट गया ??
अब ये बात अलग है आडवाणी "फूफाजी" आज थोड़े नाराज़ हो गए .... पर वो भी अर्थव्यवस्था के लिए नहीं बल्कि इसलिए कि कोई पूछ नहीं रहा तो पूछ परख करवाने के लिए मौका ताड़ा होगा .... ठीक 'शत्रु भाई' स्टाइल में ....   

तो आज मैं भी सोच रहा हूँ - कि GST बिल भले ही पास हो ना हो - पर अब इस स्थिति में आकर ना तो सत्तापक्ष और ना विपक्ष को झुकना चाहिए - और जो झुक जाएगा उसे धिक्कार होगा .... यानी 'जो डर गया वो मर गया' ....
और मेरी तो स्पीकर से भी यही मांग है कि भले ही आज प्लेकार्ड वालों और हंगामा करने वालों को निलंबित ना किया हो पर कल सबको निलंबित कर दिया जाए - भले ही संसद सत्र का बट्टा ही बैठ जाए ....

तो मित्रो !! आइये हाल फिलहाल तो 'अर्थक्रान्ति' को भूल हम 'संसदक्रांति' की ही आशा करें ....
देखें कि बेशर्मी का क्या अंजाम होता है - सत्तापक्ष कब तक विपक्ष नहीं होता !!!!

//// तोते की महिमा ....////


अभी तक पूरा विपक्ष एकजुट था .... सुषमा-वसुंधरा-व्यापम मामले में सदन ठप्प कर रखा था ....

पर कल मुलायमसिंह यादव ने थोड़े अलग तान अलाप दी थी .... सदन चलना चाहिए - चर्चा होनी चाहिए - सदन की कार्यवाही ठप्प नहीं होनी चाहिए ....
और आज मौनमोदी जी बोल पड़े .... मुलायमसिंह जी की तारीफ कर दी .... 

आज मुझे लगा की तोता क्या क्या करवा सकता है - और जब हाथ से उड़ने लगता है तो अच्छे अच्छे की हवा खराब कर देता है .... गूंगा भी बोल उठता है !!!!

Monday 10 August 2015

//// एक सांसद का अनुकरणीय कदम .... क्या अन्य सांसद अनुसरण करेंगे ??..////


झारखंड के देवघर के बाबा धाम में जब आज तड़के सावन के दूसरे सोमवार पर पूजा की होड़ में भगदड़ मची तो 11 लोगों की मौत हो गई है - 50 से ज्यादा जख्मी  हो गए ....
हादसा अत्यंत दुखद है .... और इसमें जवाबदार और जिम्मेदार कौन ? इस विषयक अनेक कथन कथानक हो सकते हैं - बहस आरोप प्रत्यारोप भी होंगे .... 

होने भी चाहिए - क्योंकि उस धार्मिक स्थल पर जो कुछ हो रहा था वह अप्रत्याशित नहीं था .... क्योंकि ऐसी ही भीड़ तो हर वर्ष जुटती ही है .... और क्योंकि भीड़ आती है इसलिए कुछ मान्यताएं हैं - और क्योंकि कुछ मान्यताएं हैं इसलिए भीड़ होती है .... और भीड़ क्या होती है ये वही जान गए होंगे जो भीड़ का अंग हो भीड़ के शिकार हो गए .... भीड़ में हर कोई दयालू धर्मालु समझदार हो सकता है - पर भीड़ भी हमेशा समझदारी का परिचय दे ऐसा होता नहीं है .... क्योंकि भीड़ तो भीड़ होती है ....

और इसलिए 'भीड़ नियंत्रण' होना आवश्यक है .... पर प्रायः देखा गया है कि इस विधा में प्रशासन तो छोड़ भगवान भी मात खा जाते हैं .... कई बार तमाम इंतज़ामात और सारे उपदेश प्रवचन और मान्यताएं और कृपा और शक्ति धरी की धरी रह जाती हैं ....

इसलिए शायद इस भीड़ में मरने वालों या भीड़ द्वारा कुचल दिए गए लोगों की मौत का ज़िम्मेदार या तो प्रशासन को या भगवान को या भीड़ को या सबको ठहराया जा सकता है ....

पर स्थानीय बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भगदड़ की घटना के लिए अपनी ही सरकार को जिम्मेदार ठहराया है .... दुबे जी ने कहा है कि देवघर में दर्शन के लिए प्रशासन ने जो इंतजाम कर रखे हैं वो नाकाफी है - और उसी वजह से ये हादसा हुआ है ....

और मैं और स्वयं दुबे जी भी ऐसा मानते हैं कि वे स्वयं सांसद होने के नाते प्रशासन के अंग है - और उन्होंने बेबाकी से अपने आपको - अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार को - और केंद्र सरकार को दोषी माना है .... और भीड़ को और भगवान को बख्श दिया है ....

मैं सोचता हूँ कि ये सांसद दुबे जी का बड़प्पन बेबाकी और दिलेरी है - और इसलिए मैं उनकी प्रशंसा करता हूँ ....
प्रशंसा इसलिए कि जनहित की सही बात को जनता के बीच आ पार्टी लाइन से ऊपर उठकर बिना लॉग-लपेट कहना आजकल की दयनीय राजनीति में बहुत कम ही देखने को मिलता है .... पार्टी की लाइन पर चलने की अपनी सीमाएं और मर्यादा होनी चाहिए .... पर ऐसे विषयों में जिसमें ११ लोगों की मौत हो गई हो - 'मानवीय आधार' 'पार्टी आधार' से ऊपर ही होना चाहिए .... नैतिकता का पालन भी होना ही चाहिए !!!!   

और इसलिए देवधर के स्थानीय बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे जी को बधाई और साधुवाद !!!!

और मैं आशा और आह्वाहन करता हूँ कि - मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले में भी अनेक मारे गए लोगों और बिन मरे मर रहे अनेक निर्दोष या छोटे मोटे गुनाह के दोषियों के प्रति संवेदनशील हो यहाँ के भाजपाई और केंद्र के भाजपाई भी 'मानवीय आधार' पर 'पार्टी आधार' से ऊपर उठकर कुछ नैतिक करेंगे - या कम से कम कहेंगे !!!!

देखता हूँ मध्यप्रदेश का वो पहला 'निशिकांत दुबे' कौन होगा जो यह सत्य कहेगा कि व्यापम में पार्टी और उसके शीर्षस्थ नेता जिम्मेदार हैं - और नैतिकता के नाते ही सही शिवराज को इस्तीफ़ा देना चाहिए !!!!