Sunday 23 April 2017

// भाजपा को वोट एमसीडी के १० साल के शानदार प्रदर्शन के लिए ?? .. तौबा !! ....//


ये कैसी एमसीडी ?? .. ये कैसे मेयर ?? ये कैसा भ्रष्टाचार ?? ये कौन खा रहा था ?? ये कौन खाने दे रहा था ?? ये कैसी अव्यवस्थाएं ?? ये कैसा असंतोष ?? ये कैसा रोष ?? ये कैसी बेशर्मी ?? ये कैसे षड्यंत्र ?? ये कैसी पार्टी ?? ये कैसे कर्म ?? ये कैसा प्रदर्शन ?? ये कैसा निष्पादन ?? ये कैसी उपलब्धि ??

मित्रो !! आज दिल्ली के जिस वोटर ने भी इस बारे में अपनी अक्ल खर्च ली वो निश्चित ही भाजपा को वोट नहीं देगा .. और जिस अक्लमंद ने अपनी एक बूँद अक्ल भी अब तक खर्च ना की हो उसके लिए तो बस इतना ही काफी है .. मोदी मोदी मोदी !! .. ..

तो आज एमसीडी के चुनाव हैं - वोटिंग जारी है .. देखें एमसीडी के लिए कितने लोग विफल प्रधानमंत्री मोदी को वोट देते हैं .. है ना दिलचस्प या फिर बेवकूफी या फिर दुर्भाग्यपूर्ण ?? .. ..

या फिर कहीं ऐसा दिवालियापन तो नहीं कि भाजपा को वोट एमसीडी के १० साल के शानदार प्रदर्शन के लिए ?? .. तौबा !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Saturday 22 April 2017

// जो आपका वोट लेकर आप को ही गुर्राए .. वो श्वान हो ही नहीं सकता .. ..//


अब मोदी सरकार के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी मोदी सरकार के बखान में बयान दिया है कि  - मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देते इसके बावजूद सरकार उनका ख्याल रखती है !! .. ..

मेरी प्रतिक्रिया .. ..

जो आपका वोट लेकर आप को ही गुर्राए .. वो श्वान हो ही नहीं सकता .. ..
क्योंकि संस्कारी श्वान टुकड़ा खा कर दुम हिलाता है - गुर्राता नहीं .. ..

वैसे आज की ज्ञानवर्धक बात श्वानों तक ही सीमित .. ..
इंसानों गधों कुत्तों आदि के बारे में फिर कभी .. ठीक है !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// तो फिर क्यों ना 'विवादित ढांचे' वाले देश को 'विवादित देश' कहा जाए ?? .. ..//


मेरे प्यारे भारतियों !! .. आपने देखा होगा कि जब-तब जहाँ-तहाँ 'बाबरी मस्जिद' का जिक्र आता है तो कई तंगदिमाग लोग घुटना लगा टांग अड़ाते हैं टोकते हैं कि - 'बाबरी मस्जिद' नहीं 'विवादित ढांचा' कहें .. ..

और ना मालुम तब क्यों मुझे ऐसा एहसास होता है कि क्या इस देश को भी जब-तब 'विवादित देश' ही क्यों ना कहा जाए ?? .. क्योंकि इस देश का भी तो सब कुछ 'विवादित' ही है !! .. .. वोटिंग मशीन विवादित - प्रधानमंत्री विवादित - मुख्यमंत्री विवादित - राज्यपाल उप-राज्यपाल विवादित - संविधान विवादित - ऊपरवाला विवादित - धर्म जातियां विवादित - धार्मिक हस्तियां और संस्थान विवादित - कानून विवादित .. ..

और यहां तक कि इस देश में तो एनडी तिवारी जैसे खालिस बाप भी वर्षों तक न्यायालय का ठप्पा ना लगने तक विवादित ही रहे .. ..

और तो और इस देश में तो विवाद के मुद्दे भी विवादित ही रहे हैं - मसलन ताज़ा-ताज़ा विवाद का मुद्दा सैनिकों की दाल में पानी है या सैनिक द्वारा दाल में पानी की शिकायत करना - ये भी तो विवादित हो चला है .. ..

और विवाद का मुद्दा तो यह भी है कि जिस आम आदमी का कोई माननीय मान तक नहीं करता हो - क्या वो हर टुच्चा माननीय हर क्षण उस आम आदमी की मानहानि नहीं कर रहा होता है ?? .. ..

यानि कह सकते हैं कि इस देश का 'ढांचा' ही गड़बड़ाया हुआ है - यानि ये देश ही 'विवादित ढांचे' वाला देश है .. ..

तो आइये बिना भय विद्वेष के 'बाबरी मस्जिद' को बाबरी मस्जिद ही कहें - और इस 'विवादित ढांचे' वाले देश को 'विवादित देश' कहें .. या फिर कोशिश करें कि मिलजुल कर सभी विवादों को और विवाद करने वालों को दरकिनार करें - और अपने प्यारे भारत को एक सशक्त देश बनाने के ईमानदार प्रयास करें .. .. कोई परहेज़ कोई आपत्ति कोई नुकसान कोई विवाद ?? .. ..

किसी नए विवाद की प्रत्याशा में आपके विवादित मित्र की तरफ से अग्रिम माफ़ी .. ..
!! जय हिन्द !!

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Friday 21 April 2017

//.. लाल बत्ती प्रतिबंधित .. स्वागत धन्यवाद बधाई साहेब !! .. ..//


लाल बत्ती तो हुई प्रतिबंधित पर दिमाग की लाल बत्ती कब बुझेगी साहेब ?? .. आपके तो चेहरे पर ही विशिष्ट दंभी रईस सक्षम होने की लाल बत्ती सदैव प्रज्ज्वलित दिखती है .. आपका तो व्यवहार भी सर चढ़कर लपझप करता सा ही है साहेब !! .. ..

कभी बिन बत्ती बिना लपझप आम आदमी दिखने की एक्टिंग भी कर लिया करें साहेब .. वो क्या है ना कि लाल बत्ती बंद करने की बात भी तो राजनीति में आपसे एक कदम आगे किसी आम आदमी ने ही शुरू की थी .. तो अनुसरण यदि पूरा ही कर लिया जाए तो क्या हर्ज़ है साहेब ?? .. ..

ऐसा इसलिए भी कि वैसे भी वीवीआईपी कल्चर अब इस देश को बहुत दिनों तक सहन नहीं होने वाला .. क्योंकि आम आदमी कि लड़ाई रंग लाने लगी है .. लाल बत्ती प्रतिबंध इसी का तो सबूत है .. ये बात सच है ना साहेब !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// तो क्या तेजबहादुर हार गया ?? .. तो क्या केजरीवाल भी हरा दिया जाएगा ?? ....//


बीएसएफ के एक जवान तेजबहादुर ने भोजन की शिकायत कर मारी थी .. और शिकायत को पूरे देश का अभूतपूर्व समर्थन मिला - यहाँ तक कि कुछ भक्तों ने भी उसका समर्थन किया .. पर शिकायत करने के कारण अंततः उसको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा .. यानि गया बेचारा काम से !! .. ..

अब यदि आप इस घटना से तेजबहादुर की जीत-हार का कोई मूल्यांकन करेंगे तो ये बेमानी होगा .. क्योंकि यदि आप मानेंगे कि बेचारा तेजबहादुर जीत गया तो ये आपकी बेवकूफी होगी और यदि आप मानेंगे कि वो हार गया तो ये आपकी नादानी होगी .. ..

पर यदि आप इस घटना से केंद्र की मोदी सरकार का मूल्यांकन करेंगे तो शायद उपयुक्त होगा .. और इसलिए मैनें मूल्यांकन कर लिया है .. ..

केंद्र सरकार तेजबहादुर से हार गई है .. .. और इसी तरह ताकतवर मोदी सरकार बहुत से मोर्चों पर अपने से कम सक्षमों से जीतकर भी जीती नहीं है .. .. क्योंकि जीत तो उसकी धूर्तता मक्कारी बेईमानी बेशर्मी हथकंडे भ्रष्टाचार ताकत और रणनीति की हुई है .. ..

और हाँ !! निर्भीक ईमानदार मरते खपते तो जरूर हैं पर यदि वो हारते हैं तो ये हार उनकी ना होकर उन सबकी हार होती है जिनके लिए वो खप रहे होते हैं .. शायद इसलिए मैं इस निर्णय पर पहुंचा हूँ कि यदि केंद्र सरकार के अलावा कोई हारा भी है तो वो है - बीएसएफ .. सेना .. देश .. .. और जनाब !! असल में जीता तो यकीनन कोई नहीं है .. ..

और इसलिए ही मानता हूँ कि ना तो तेजबहादुर हारा है और ना केजरीवाल हराया जा सकता है .. क्योंकि ये तो किसी और के लिए मरने खपने वाले लोग हैं .. .. है ना !! .. ..

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Thursday 20 April 2017

// केवल 'तीन तलाक' ख़त्म करना जरूरी या उससे भी बेहतर 'कॉमन सिविल कोड' ....//


मेरा दिमाग कहता है कि यदि भारत में 'कॉमन सिविल कोड' पारित हो जाए तो सैकड़ों अन्य विकराल समस्याओं के साथ ही अभी उछाली जा रही 'तीन तलाक' की एक बड़ी समस्या का निदान भी स्वतः ही हो जाएगा .. .. और बिना मुंडन कराए धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर का ध्वनि प्रदूषण भी शांत हो सकता है .. ..

और 'कॉमन सिविल कोड' पारित करने की बात तो संघ और भाजपा करते ही रहे हैं .. और मोदी जी संघ और भाजपा की ही तो उपज हैं - कोंग्रेसी तो कदापि नहीं .. है ना !! .. ..

तो फिर भक्तों बोलो तो कि केवल 'तीन तलाक' ख़त्म करना जरूरी या उससे भी बेहतर 'कॉमन सिविल कोड' पारित करना ?? .. लगाओ लगाओ अक्ल लगाओ - लगाने से शायद थोड़ी सी बढ़ जाए .. है ना ?? .. ..
और भक्तो यदि तुम्हारी अक्ल बढ़ जाए तो फिर ये सोचना कि ये मोदी सरकार 'कॉमन सिविल कोड' के लिए कुछ भी कर क्यों नहीं रही ? .. आखिर ये राज़ क्या है ? - या फिर ये पोल क्या है ? - या फिर ये वादाखिलाफी क्यों ?? .. या फिर ये ओछी राजनीति क्यों ?? .. ..

और यदि बढ़ी अक्ल चल जाए तो लगे हाथ ये भी सोचना कि 'कॉमन सिविल कोड' और 'काऊ कोड' में ज्यादा प्राथमिकता किसको देनी बनती है ?? .. ..

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Wednesday 19 April 2017

// और इसलिए मेरा भाजपा से तार्किक विरोध करते रहना मुझे आत्मसंतोष दे रहा है ..//


उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनुसार कुछ भाजपाई नेताओं पर बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए आपराधिक षड़यंत्र का मुकदमा चलेगा .. ..

यानि आपराधिक षड्यंत्र हुआ .. यानि बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए षड्यंत्र रचा गया था .. यानि जो कृत्य किया गया वो सही नहीं था .. यानि वो भाजपाई जो उच्चस्थ पदों पर और यहां तक कि संवैधानिक पदों पर बैठा दिए गए थे वो आपराधिक षड़यंत्र रचने के आरोपित हैं - यानि जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था .. यानि बहुत से यानि यानि और यानि !! .. ..

और इसलिए कहता रहा हूँ कि देश में अनेक षड़यंत्र रचे जाते रहे हैं और रचे जा रहे हैं .. इसलिए इस देश को आज सबसे अधिक आवश्यकता षड्यंत्रकारियों को पहचान उन्हें सत्ता से हटाने की है .. अन्यथा ये लोकतांत्रिक देश षड्यंत्रों से विमुक्त हो ही नहीं सकेगा .. ..

और भाजपाई की पहचान तो आज षड्यंत्रकारियों के रूप में स्थापित हो गई है .. इसलिए देशहित में भाजपा का कमज़ोर होना - या फिर कम से कम सत्ता में एकाधिकार से वंचित होना आवश्यक है .. ..

इसलिए समाज में साम्प्रदायिकता का विष घोलने या धर्म की राजनीति वो भी दादागिरी और गुंडागर्दी के साथ करने के लिए मेरा भाजपा से तार्किक विरोध करना और करते रहना मुझे आत्मसंतोष दे रहा है .. .. भक्तों की भक्त जानें और आपकी आप जानें  .. धन्यवाद .. !! जय हिन्द !!

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// घुटने देखे ?? .. किरकिटीय भ्रष्टाचार में तो सफाचट्ट खोपड़ियाँ भी दिख रही हैं ....//


अब ये तो सामान्य से भी अति कम अक्ल वाले भक्तों को भी पता होगा कि - किरकिट (क्रिकेट) में भ्रष्टाचार एक बुखार की तरह घर कर चुका है - और इसमें कई धुरंधर नामी-गरामी नेता और टुच्चे खिलाड़ी शामिल हैं .. और उच्चतम न्यायालय भी इस तथ्य पर ठप्पा झप्पा लप्पा लगा चुका है .. ..

पर सुप्तावस्था में धक रहे इस जागरूक देश में अभी किरकिट के भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को लेकर कोई उछलकूद नहीं मची है - और मामला शांत किया जाकर ठंडा पड़ा है .. या ठंडा कर दिया गया है .. ..

पर ये मुई बुखारग्रस्त किरकिट ऐसी चीज़ है कि इस फुरसती जागरूक देश में इसकी हर चीज़ बुख़ारित (वायरल) हो जाती है .. ..

अब देखें ना - आजकल जो IPL के नाम से किरकिटीय सर्कस चल रहा है उसकी एक मुख्य गतिविधि चर्चा में आ गई .. और मुख्य गतिविधि किरकिट खेल से संबंधित ना हो खिलाड़ी और खुली मीडिया से संबंधित है .. ..

जी हाँ !! - एक कोई विराट कोहली करके किरकिट का खिलाड़ी बताते हैं - जो कि एक टेलीविज़न होस्ट अर्चना विजय को इंटरव्यू दे रहे हैं - और इंटरव्यू लेते देते की तस्वीर खुली मीडिया में बुख़ारित हो गई है - कारण क्या ?? .. अब तस्वीर में तो ज़ाहिर है कि पता चल नहीं सकता कि आपस में क्या बात हो रही है - तो फिर तस्वीर बुख़ारित क्यों ?? .. ..

कारण ये है कि टेलीविज़न होस्ट अर्चना विजय की जीन्स फटी हुई है जिसमें से घुटने दिख रहे हैं - या यूं कहें कि जीन्स ही ऐसी फटी डिज़ाइन्ड है कि उसमें से घुटने दिखें जो दिख रहे हैं .. और सर झुकाए विराट कोहली घुटनों को देखते हुए १००% प्रतीत हो रहे हैं .. ..

हालाँकि तस्वीर में विराट कोहली की नज़रें तो नहीं दिख रहीं पर अर्चना विजय के घुटने तो दिख ही रहे हैं .. और इसलिए यदि विराट कोहली ने घुटने देखे तो ये बात भी तय है कि इस बुख़ारित हो गई तस्वीर को देख लेने के कारण मुझे भी वही घुटने दिख गए - और यदि आपने भी वो तस्वीर देख ली होगी या देख लोगे तो आप को भी वही घुटने दिख जाएंगे .. शर्तिया !! .. ..

तो अब तय कर लें कि गलती या विशिष्टता किरकिट की या खुली मीडिया की या टेलीविज़न होस्ट की या किरकिट खिलाड़ी की या फटी जीन्स की या नज़रों की या मेरी या आपकी - या फिर घुटनों की ?? .. ..

भक्तों से निवेदन है कि थोड़ा घुटना वो भी लगाएं तो बेहतर होगा .. और बेहतर होगा कि किरकिट से जुड़े भ्रष्टाचार पर भी थोड़ी नज़रें इनायत फरमाएं - फिर भले ही वो डीडीसीए या बीसीसीआई से जुड़े मामले ही क्यों ना हो - जिसमें घुटने तो क्या सफाचट्ट खोपड़ियाँ भी दिख रही हैं ?? .. है ना ?? .. ..

बाई-द-वे !! - अभी तक किरकिटीय जंतु सहवाग चुप क्यों ?? .. ..

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Tuesday 18 April 2017

// वसूल होगा माल्या बाबा जी का ठुल्लू .. या मिलेगा केजरी का ठुल्ला ....//


आज खेल खेल में माल्या की पकड़म-पकड़ाई हुई फिर छुआ-छाई फिर हुर्रे-फुर्रे !! .. ..

बताते हैं माल्या का तो कोई मात्र ९००० करोड़ रूपए बैंकों का देना है .. और शायद कुल ६००००० करोड़ से ज्यादा का चूना बैंक अपने ऊपर कत्थे सहित अन्य उद्योपतियों से लगवा पुतवा बैठे हैं .. ..

और केजरीवाल दिल्ली सरकार का ९७ करोड़ अपव्यय कर चुके हैं और करीब ४ करोड़ की फीस का घपला कर चुके हैं और ३-४ लाख की भोजन थाली का भ्रष्टाचार कर चुके हैं .. ..

और मेरे हिसाब से ये ना तो माल्या को पकड़ भारत ला पाएंगे - ना ६००००० करोड़ के बैंक लोन की वसूली कर पाएंगे - और ना केजरीवाल से ही एक पैसा वसूल कर पाएंगे .. ..

कारण ?? .. ये बकवास बहुत करते हैं करते धरते कुछ नहीं ?? .. .. 

अब देखो ना .. ना तो केजरीवाल के पास ९७ करोड़ हैं जो आप वसूल लोगे - ना ४ करोड़ की वकील फीस के भुगतान नकारने की दिल्ली के एलजी की हिम्मत हो रही है - और ना ३-४ लाख के भोजन थाली का भुगतान अभी तक हुआ है .. .. और ना ही माल्या ९००० करोड़ देने के मूड में है - और ना ही ६००००० करोड़ में से १ भी रुपया पिछले ३ साल में बैंक किसी भी उद्योगपति से वसूल पाए हैं .. ..

यानि कुल मिला के कहा जा सकता है कि जिससे वसूली होनी ही नहीं है ये उसके पीछे पड़े हैं .. और जिनसे वसूली होनी है उनसे इनको वसूली करनी नहीं है .. ..

इसलिए वसूल होगा माल्या बाबा जी का ठुल्लू .. या मिलेगा केजरी का ठुल्ला !!.. .. है ना !!

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// ये केजरी क्रांतिकारी चीज़ है - ये टुच्चों को मरवाएगा .. इसे उल्लू बैठाने भी आते हैं ....//


ये हमारे रईसी फ़कीर सेवक और भाजपाई - चुनावी रैलियों रोड-शो प्रचार-प्रसार जमीन-जायदाद और अन्य अनेक सही गलत मदों पर करोड़ों अरबों का खुल्लमखुल्ला खर्च पूरी बेशर्मी और ढीठता के साथ कर चुके हैं - और बिना रोकटोक बेलगाम लगातार करते दिख रहे हैं  .. ..

और मेरा दावा है कि यदि इस पर भी कोई शुंगलू या उल्लू कमेटी बैठा दोगे तो १५-२० लाख रूपए हर भारतीय के खाते में आ जाएंगे .. ..

क्या है ना कि अब देश ने एक नई सुबह और झलक और परिपाटी और शुरुआत देखी है .. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से शुंगलू की बदौलत ९७ करोड़ की वसूली जो हो रही है .. हा !! हा !! हा !! .. ..

मैं कहता ना था कि केजरीवाल वो क्रांतिकारी चीज़ है कि यदि कोई उसे मारने की कोशिश भी करेगा तो वो देशहित में लाखों टुच्चों को भी मरवाएगा .. मसलन अब आगे आने वाली पीढ़ी के समझदार लोग प्रश्न पूछेंगे कि यदि केजरीवाल से सरकारी अपव्यय की वसूली की गई थी तो फिर मोदी मनमोहन शिवराज रावत रमन ममता वसुंधरा वीरभद्र पटनायक मायावती अखिलेश खट्टर नितीश फडणवीस आदि से भी सरकारी अपव्यय की वसूली क्यों नहीं ?? .. है ना ?? .. ..

बस भक्तो !! अब ये मत कह देना कि  मोदी मनमोहन शिवराज रावत रमन ममता वसुंधरा वीरभद्र पटनायक मायावती अखिलेश खट्टर नितीश फडणवीस आदि ने कभी कोई एक पैसे का भी सरकारी अपव्यय किया ही नहीं .. ..

वो क्या है ना कि जैसे ही कोई उल्लू कमेटी बैठेगी सब अपव्यय सामने आ जाएगा - और केजरीवाल को उल्लू बैठाने भी आते हैं .. समझे !! .. ..

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Monday 17 April 2017

// शाह-रणनीति से रण में मिली मोदी-विजय से केवल हानि ही पल्ले पड़ेगी ....//


मोदी रण लड़ रहे हैं - जिसमें उनके रणनीतिकार अमित शाह हैं - रणनीतिकार रणनीति बनाने में निपुण और सफल है - इसलिए मोदी रण जीत रहे हैं .. ..

पर जिस रण की चर्चा हो रही है वो रण मोदी किसी अन्य व्यक्ति या बुराई से नहीं बल्कि अपने भारतीय विरोधियों और विपक्षियों से लड़ रहे हैं .. मोदी चुनाव-दर-चुनाव लड़ रहे हैं .. ..

इसलिए कहता रहा हूँ कि देश ने एक स्वार्थी रणप्रेमी योद्धा का एक प्रधानमंत्री के रूप में अत्यंत हानिकारक चयन कर लिया है .. और इसलिए देश को ऐसी शाह-रणनीति से रण में मिली मोदी-विजय से केवल हानि ही पल्ले पड़ेगी - लाभ तो किसी भी देश को केवल अमन-चैन भाईचारे शांति सौहार्द प्यार सहिष्णुता कर्मठता सहायता सामंजस्य विकास आदि से ही प्राप्त होता है .. ..

समझे मेरे देश के रणबाकुरों !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

/.. क्या कर रहे अवार्ड और ज्ञान बांटने वाले मोदी ? ..

/.. मोदी बोले - मुस्लिम बहनें तकलीफ में, न्याय मिलना चाहिए; कहाँ हैं अवार्ड वापसी वाले ? .. ..
मैं बोलूं - जसोदाबेन जैसी अनेक भारतीय बहनें तकलीफ में, न्याय मिलना चाहिए; क्या कर रहे अवार्ड और ज्ञान बांटने वाले मोदी ? .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Sunday 16 April 2017

// ये तो सैनिक के मूल स्वभाव आत्मसम्मान और कार्य-सिद्धांतों के विपरीत हुआ ....//


जम्मू-कश्मीर का एक वीडियो बहुत वायरल हुआ - या किया गया - जिसमें कश्मीर के पत्थरबाज युवक भारत के कुछ वर्दीधारी कर्तव्य पर तैनात सैनिकों को मार रहे हैं और जवान अप्रत्याशित अनअपेक्षित सहनशीलता का परिचय देते हुए हाथ में एके-४७ पकड़े भी कोई प्रतिकार नहीं कर रहे हैं .. ..

और मेरे मतानुसार दुनिया के किसी भी सैनिक के लिए ऐसा 'सहना' उपयुक्त नहीं है - क्योंकि ये तो किसी भी सैनिक के मूल स्वभाव आत्मसम्मान और कार्य सिद्धांतों के विपरीत है .. ..

इसलिए मुझे व्यक्तिगत रूप से इस वीडियो को देख बहुत बुरा लगा है .. और शायद भक्तों को भी बुरा लगा ही होगा .. ..

देश के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं .. हमारे देश के नेता भी तो समस्त ताकत हासिल कर अपने रास्ते चल रहे हैं - और जनता लाख टोंचे मार रही है - पर सब बेअसर .. ..

बस अंतर ये है कि अब ऐसा करते रहना बेशर्मी का चोला ओढ़े कर्तव्यों से आँख चुराते स्वार्थी नेताओं के मूल स्वभाव और कार्य-सिद्धांतों के अनुरूप जैसा ही हो गया है .. .. और जनता के पास वोट देने के बाद नेताओं को टोंचे मारने या पत्थर मारने के अलावा कोई विकल्प भी तो नहीं हैं .. है ना !! .. ..

इसलिए व्यक्तिगत रूप से जब भी सत्तासीन ताकतवर स्वार्थी नेताओं पर जनता का ऐसा हमला होता है तो मुझे बहुत सुकून मिलता है .. पर शायद भक्तों को नहीं .. है ना !! .. ..

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Friday 14 April 2017

/.. काली गाय को सफेद गाय के दूध से बनी कुल्फी खिला दोगे तो जीत जाओगे ..

/.. अरे जनाब !! .. ये जो जीत गए हैं ना इनकी ईवीएम पर भरोसे की बातें बंद करें .. क्योंकि इनके भरोसे की तो बातें ही निराली हैं .. और ये जीते भी भरोसे पर ही हैं .. और कुछ तो हैं भी ऊपर वाले के भरोसे .. और इनमें से अधिकाँश तो निर्मल बाबा जैसे बताए गए कई ऊटपटांग बातों पर ही भरोसा करने वाले लोग होंगे .. मसलन यदि गले में नारंगी दुपट्टा जेब में १० के नोट की गड्डी रखोगे तो जीत जाओगे .. काला कपडा लपेट सूर्यास्त के बाद झोपड़ियों में हरे गुलाबी नए नोट दे दोगे तो जीत जाओगे .. गरीबों को अंग्रेजी दारू बाँट दोगे तो जीत जाओगे .. या गधे के पाँव पड़ लोगे तो जीत जाओगे .. या उल्लू के साथ सेल्फी खिंचवा पोस्टर लगवा दोगे तो जीत जाओगे .. या फिर काली गाय को सफेद गाय के दूध से बनी कुल्फी खिला दोगे तो जीत जाओगे .. समझे !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

/.. जीता हुआ ख़ुदा तो नहीं - लेकिन ख़ुदा की कसम - ख़ुदा से कम भी नहीं ..

/.. " पैसा ख़ुदा तो नहीं - लेकिन ख़ुदा की कसम - ख़ुदा से कम भी नहीं " .. .. (एक स्वर्गीय भाजपाई)

" जीता हुआ ख़ुदा तो नहीं - लेकिन ख़ुदा की कसम - ख़ुदा से कम भी नहीं " .. .. (सभी जीते जीवित भाजपाई) ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Thursday 13 April 2017

/.. वो अट्टाहास कर रहे हैं कि जो हार गए वो ईवीएम मशीनों का विरोध कर रहे हैं ..

/.. वो अट्टाहास कर रहे हैं कि जो हार गए वो ईवीएम मशीनों का विरोध कर रहे हैं ..
और मैं प्रतिकार करता हूँ कि जो जीत गए वो ही तो ईवीएम का समर्थन कर रहे हैं .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

/.. जिस दिन जनता का दिमाग चला और आँखें खुलीं तो धुंध को तो छंटना ही होगा ..

/.. यकीनन देश की जनता ने मोदी को समर्थन दिया है - और दिल खोल के अंधाधुंध समर्थन जारी है .. ..
पर जिस दिन जनता का दिमाग चला और आँखें खुलीं तो धुंध को तो छंटना ही होगा .. ..
पर ऐसा होगा इसकी कोई गारंटी भी नहीं बची है .. .. क्योंकि कांग्रेस ने भी तो इसी देश की जनता के समर्थन से ६०-७० साल जैसे तैसे ऐसे ही राज किया - और देश का दिमाग बंद ही रहा - और जब आँखें खुलीं तो बिना दिमाग खोले दिल खोल दिया .. है ना !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// जुझारू केजरीवाल हार मान लेंगे लगता नहीं - मोदी का जादू चलता रहेगा संभव नहीं ..//


दिल्ली के राजौरी गार्डन उपचुनाव में 'आप' पार्टी बुरी तरह से हार गई है - बोले तो निपट गई है .. ..
निश्चित ही ये केजरीवाल के लिए एक तगड़ा झटका ही नहीं अब तक की सबसे बड़ी असफलता भी है - और इस हार का असर एमसीडी चुनावों पर भी पड़ेगा .. और यदि एमसीडी चुनावों में भी 'आप' अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है तो वो गुजरात या अन्यत्र भी कुछ कर पाएगी लगता नहीं .. तो क्या मान लिया जाए कि 'आप' पार्टी ख़त्म हो जाएगी ?? .. हो सकता है ऐसा हो - क्योंकि अब तक तो पूरा जहान 'आप' पार्टी और केजरीवाल के विरुद्ध था - पर जनता का साथ था .. लेकिन यदि जनता ने आपका साथ छोड़ दिया तो आप चुनावी राजनीति में लाख चाह कर भी वर्चस्व स्थापित नहीं कर सकते हैं .. .. और बिना वर्चस्व के राजनीति करना कम से कम केजरीवाल को तो रास नहीं आएगा .. और रास आना भी नहीं चाहिए .. ..

मैं दुखी हूँ पर अब भी नाउम्मीद नहीं .. और नाउम्मीद ना होने का एकमात्र कारण है कि मुझे पूरा यकीन है कि अव्वल तो जुझारू प्रवृत्ति के केजरीवाल इतनी आसानी से हार मान लेंगे मुझे लगता नहीं .. और वर्तमान स्थितियों के परिप्रेक्ष्य में मुझे ऐसा लगता है कि मोदी का जादू चलता रहेगा और जनता का साथ मिलता रहेगा ऐसा भी संभव नहीं है .. और कांग्रेस पुनर्जीवित हो जाएगी ऐसा भी हो नहीं सकता .. इसलिए देश का भविष्य थोड़ा धुंधला सा गया है और इसलिए देश के बुरे दिनों के बाद अच्छे दिन कब और कैसे आते हैं ये बात कौतूहल के साथ देखना और दिलचस्प रहेगा .. .. !! जय हिन्द !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Wednesday 12 April 2017

// कुछ भी तो ठीक नहीं चल रहा मेरे भाई !! .. समझो या मुझे तो समझा दो ....//


लव-जेहाद का घिनौना भूत लौट आया है .. गाय के नाम पर निर्दोषों को सरेआम पीटा जा रहा है मारा जा रहा है .. हनुमान जयंती पर निकल रहे जुलूस में कोई हनुमान भक्त जयश्री राम का नारा लगा दे तो लाठी चार्ज कर दिया जाता है .. एंटी रोमियो स्क्वाड के नाम पर खुल्ली गुंडागर्दी हो रही है .. धर्म के आधार पर धार्मिक विद्वेष चरम पर पहुंचा जा रहा है और कई सर काटने की और लाखों के इनाम की बातें हो रही हैं .. और जम्मू-काश्मीर के हालात हाथ से निकले जा रहे हैं .. ..

तो मैं कैसे मान लूँ कि मेरे भारत में अमन-चैन और भाईचारा और गंगा-जमुनी तहज़ीब और कानून का राज आदि सब कायम है ?? .. और असहिष्णुता कम हो गई है सहिष्णुता बढ़ गई है ?? .. और नागरिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं ?? .. ..

और हालात ये हैं कि हर छोटा बड़ा नेता केवल अपनी पार्टी के हिसाब से ही बात कर रहा है .. हर नेता अपनी-अपनी पार्टी की राजनीति कर रहा है .. जो कल तक कांग्रेस में था आज भाजपा में आकर शुद्ध भाजपाई बातें ही कर रहा है .. पर जनता की राजनीति तो कोई भी नहीं कर रहा है .. ..

मैं हाथ जोड़ कर मेरे भक्त मित्रों से प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर के लिए या तो आप मुझे समझा दो कि मैं गलत हूँ और गलत लिखता हूँ या आप स्वयं मान लो कि आप देशहित में कुछ तो गफलत कर रहे हो .. क्योंकि पार्टियां और नेता सब गए भाड़ में .. देश तो आपका मेरा एक ही है .. यानि समझो या समझा दो मेरे भाई !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// क्या बेहतर नहीं होता कि धर्म एक ही होता और उद्देश्य बहुत सारे ....//

/.. जब भी धर्म पर बात होती है - तो धर्म अनुयायी एक बात जरूर कहते हैं कि .. ईश्वर अल्लाह एक है .. और सब धर्म अच्छे हैं .. और सभी धर्मों का उद्देश्य एक ही है .. ..
और मुझे लगता है कि ये धार्मिक जो सेक्युलर नाम से ही चिढ़ते हैं - एकाएक सुविधाजनक तरीके से सेक्युलर हो जाते हैं .. ..
इसलिए उपरोक्त सेक्युलर धार्मिक लोगों से मेरा प्रतिप्रश्न .. ..
यदि ईश्वर अल्लाह एक ही हैं - यदि सभी धर्मों का उद्देश्य भी एक ही है - तो फिर इतने सारे धर्म क्यों ?? .. ..
तो क्या मान लूँ कि सभी धर्म इतने पंगु हैं कि कोई भी अकेला धर्म सभी उद्देश्यों की पूर्ती नहीं कर सकता ?? .. ..

क्या बेहतर नहीं होता कि बहुत से धर्म और एक उद्देश्य के बजाय धर्म एक ही होता और उद्देश्य बहुत सारे .. क्योंकि दुनिया में समस्याएं भी तो बहुत हैं .. है ना !! .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// तो क्या देश में "देशद्रोही" बहुत बढ़ रहे हैं - या अव्वल दर्जे के "अति-उत्साही मूर्ख" ?? ..//

/.. पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी के खिलाफ छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे थे .. फिर क्या था - पुलसिया दमन की कार्यवाही शुरू हो गई और वाटर कैनन और लाठी चार्ज कर कई छात्रों को घायल कर ६० से ज्यादा को हिरासत में ले लिया गया .. और .. "देशद्रोह" की धारा लगा दी गई .. ..
मेरा प्रश्न .. तो क्या देश में "देशद्रोही" बहुत बढ़ रहे हैं - या अव्वल दर्जे के "अति-उत्साही मूर्ख" ?? ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// ईवीएम मशीनों से अविश्वास हटेगा - या - पोल खुलेगी !! .. आगे क्या ?? .. ..//


देर आयद दुरुस्त आयद !! .. ..
ईवीएम मशीनों पर लगातार गंभीर प्रश्न उठाए जाने लगे थे .. और अब तक चुनाव आयोग इनसे बचता सा लग रहा था .. और इसके कारण अविश्वास और शंकाएं भी बढ़ती जा रही थीं .. ..
लेकिन अब चुनाव आयोग ने सभी आपत्तिकर्ताओं को चुनौती दे दी है - कि आओ और ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ कर के दिखाओ !! .. ..

ये हुई ना कोई तर्कसंगत दिलेरी की उचित निष्पक्ष बात !! .. लोकतंत्र में ऐसा ही होना चाहिए था .. चाइये था कि नहीं ?? .. ..

तो अब आगे क्या ?? .. .. या तो लोगों की शंकाओं का समाधान हो जाएगा - या - पोल खुल जाएगी .. है ना ?? .. ..

और यदि शंकाओं का समाधान हो जाता है तो ईवीएम के समर्थकों को उचकने की आवश्यकता नहीं - क्योंकि किसी भी शंका का समाधान करना-करवाना चुनाव आयोग का नैतिक एवं आधिकारिक दायित्व भी है .. नहीं क्या ?? .. ..

पर यदि पोल खुल जाती है तो ?? .. तो क्या कोई भक्त मुझे बातएगा कि - तो क्या होगा ?? .. या क्या होना चाहिए ?? .. या क्या-क्या होना चाहिए ?? .. .. हा !! हा !! हा !! .. ..

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// कहीं हम 'भी' तो - या हम 'ही' तो - "धर्मांध" नहीं हो चले हैं ?? ....//


आज की बात बहुत सीधी एवं संक्षिप्त .. और मेरे अल्पकालिक चिंतन का निचोड़ !! .. ..

क्या धर्म किसी को अँधा बना सकता है ?? .. ..
यदि नहीं तो ये "धर्मांध" शब्द क्यों ?? इसका क्या औचित्य ?? .. ..

तो क्यों ना सभी धार्मिक लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले और धर्म पर ही सीधी चोट करने वाले इस शब्द "धर्मांध" को एक मुहीम चला सर्वत्र विलोपित करवाएं - इस शब्द को ही उखाड़ फेंके - इस शब्द को ही असंवैधानिक करार करवा दें - इस शब्द पर ही बैन लगवा दें ?? .. ..

मेरी उपरोक्त बात के तर्क में जानिये कि क्या ज्ञान भी किसी को अँधा करता है या कर सकता है ?? .. नहीं ना !! .. इसलिए "ज्ञानांध" शब्द का अस्तित्व भी नहीं .. है ना !! .. ..

या फिर ईमानदारी से सोचें कि - कहीं ये कोई "धर्म" ही तो नहीं जिसके वशीभूत कई 'अन्य' लोग अंधे हुए जा रहे हैं .. या फिर कहीं हम 'भी' तो - या हम 'ही' तो - "धर्मांध" नहीं हो चले हैं ?? .. ..

नहीं नहीं !! .. क्या है ना कि आखिर ये मामला सीधे-सीधे धर्म से जुड़ा हो धार्मिक ही तो हुआ ना .. तो फिर सोचने में बुराई ही क्या है .. धार्मिक सोच में तो कोई बुराई नहीं ना !! .. ..

अतः मेरे सभी धर्मालु मित्रों से पूरी क्षमा और आग्रह और विनती के साथ अनुरोध .. कृपया सोचिये - थोड़ा हटकर भी सोचिये - कृपया सच्चे इंसानी उन्मुक्त अंदाज़ में भी तो सोचिये .. धन्यवाद !!

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Tuesday 11 April 2017

// ये 'गौसेवा' और 'गौपालन' में क्या अंतर है ?? ....//


यदि आप चिंतक हैं और चिंतित भी - तो शायद आपको निम्न अति सामान्य प्रश्न बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर सकते हैं .. ..

ये 'गौसेवा' और 'गौपालन' में क्या अंतर है ?? ..
क्या 'गौपालन' ही 'गौसेवा' है ?? .. या क्या 'गौपालन' 'गौसेवा' भी है ?? .. 
क्या गाय से प्राप्त दूध से आर्थिक लाभ नहीं होता है ?? .. ..
और .. ..
ये 'मुर्गीपालन' और 'मुर्गीसेवा' में क्या अंतर है ?? ..
क्या 'मुर्गीपालन' ही 'मुर्गीसेवा' है ?? .. या क्या 'मुर्गीपालन' 'मुर्गीसेवा' भी है ?? ..
क्या मुर्गी से प्राप्त अण्डों से आर्थिक लाभ नहीं होता है ?? .. ..

इस देश में कितने लोग होंगे जो 'कुत्तापालन' करते होंगे ?? ..
इस देश में कितने लोग होंगे जो कुत्तों की सेवा कर रहे होंगे ?? .. ..

भक्त शायद सोच ना सकेंगे - पर आप सोचियेगा ज़रूर  .. धन्यवाद !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

//.. कुलभूषण जाधव के साथ तो पूरा देश खड़ा है .. और अभिजीत ?? ....//


कुलभूषण जाधव .. पाकिस्तान के अवैध कब्ज़े में एक बहादुर हिन्दुस्तानी - जिसे पाकिस्तान द्वारा ईरान से अगवा कर पाकिस्तान के न्यायालय से षड्यंत्रपूर्वक फांसी की सज़ा का ऐलान करवा दिया गया है .. और जो इस तरह पाकिस्तान की नापाक हरकतों का शिकार हुआ है .. ..
और इस मुद्दे पर पाकिस्तान का प्रतिकार होना था और भारत सरकार द्वारा तगड़ा प्रतिकार किया गया है .. और पूरी संसद और पूरी सरकार और पूरा देश आज कुलभूषण जाधव के पीछे पूरी एकता और ताकत के साथ खड़ा है और खड़ा दिख रहा है .. और कोई कारण नहीं कि पाकिस्तान अपने नापाक इरादों में सफल होने दिया जाएगा .. ..

पर हास्यास्पद है कि एक मुहँ से फटा भक्त जिसका नाम अभिजीत है और जो गाता अच्छा है - वो ना मालुम क्यों रेंक रहा है ?? .. आज वो स्वयं बहुत दिनों के बाद और बहुत से मुद्दों पर खामोश रहने के बाद फ़ोकट ही जिसे देख उसे घेरने के प्रयास कर रहा है - और बदहवास खिसियाहट और खुंदक के साथ सब को गालियां दे रहा है कि फलां-फलां अब तक कुलभूषण के सपोर्ट में कुछ बोला क्यों नहीं ?? .. वो 'भट्ट' 'जौहर' और 'खान' के नाम पर भी अपने कपड़े फाड़ रहा है .. आदि !! .. ..

मुझे डर है कि अभिजीत कहीं राष्ट्रपति बनने की आस तो नहीं लगा बैठा है ?? .. या कहीं ये सब सही में किसी पद हासिल करने की मुहीम का एक हिस्सा तो नहीं ?? .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

/.. बाड़ योजना सफल या असफल - निर्णय आपका .. ..

/.. खेत बड़ा था - फसल लगी थी - कुछ मवेशी घुस मुहँ मारते थे - नुकसान पहुंचाते थे .. कुछ मुफ्तखोर चोरी-चकारी भी करते थे .. ..
खेत के चारों ओर बाड़ लगाने की योजना बन पड़ी .. ..
बाड़ लगाई गई .. बाड़ उग गई .. खेतों के पानी से उसे सींचा गया .. बाड़ बड़ी हो गई .. बाड़ घनी हो गई ....
खेत सूख गया .. अब कोई भी एक सूखा तिनका तक नहीं निकाल सकता .. ..
बाड़ योजना सफल या असफल - निर्णय आपका .. धन्यवाद !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Monday 10 April 2017

// गाय हमरी माता है .. तो फिर सांड क्या लगा .. रोमियो !! .. ..//


गाय हमरी माता है ..
बछड़ी हमरी बहना ..
बछड़ा हमरा भैय्या है ..
अब बैल को क्या कहना ?? ..

बैल ?? .. बैल तो फिर बाप लगा रे ..
तो फिर सांड क्या लगा ?? .. रोमियो !! ..

अबे चुप हो जा रे .. सांड को मरवाएगा क्या ?? .. आजकल लट्ठ ले कई टोले खुल्ले में घूम रहे हैं .. दिमाग में ठस गई ना तो - कस्सम से गौवंश आगे ही नहीं बढ़ पाएगा .. ..

तो आगे मत बढ़ रे - बस इतना जान ले कि - गाय हमारी माता है - वो भी जब तक वो दुधारू है .. ..

आगे के ज्ञान के लिए किसी साधू संत योगी ज्ञानी गौसेवक की सेवा चाकरी करो और ज्ञान प्राप्त करो .. अपुन को तो कुच्छ नहीं पता रे .. अपुन को तो इत्तू भी नहीं पता कि बूढी गाय और बूढ़े बैल का क्या होगा रे ?? .. अपुन को ते ये भी नहीं पता कि किसका गोबर कैसा रे ?? .. ..

सॉरी !! सॉरी !! सॉरी !! रे !! .. .. समझे !!

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// महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और छेड़खानी के लिए फिल्में जिम्मेदार ?? ....//


एक हैं मोदी - एक प्रधानमंत्री मोदी - और एक उनका काबिलतम मंत्रिमंडल - और उसी मंत्रिमंडल की एक काबीना मंत्री हैं मेनका गाँधी .. तो इतनी उच्चपदेन काबिल काबीना मंत्री की क़ाबलियत गौर फरमाएं ..

मेनका गाँधी के अनुसार .. महिलाओं के खिलाफ देश भर में बढ़ती हिंसा और छेड़खानी के लिए बॉलीवुड और रीजनल फिल्में जिम्मेदार हैं .. ज्यादातर फिल्मों में रोमांस की शुरुआत छेड़खानी के साथ होती है .. जहां एक शख्स और उसके दोस्त महिला को घेरते हैं - कमेंट करते हैं - उसे नीचा दिखाते हैं - गलत ढंग से छूते हैं - और धीरे-धीरे महिला उस शख्स से प्यार करने लग जाती है - फिल्मों में दिखाए जाने वाले इस तरह के दृश्यों की वजह से पुरुषों को प्रोत्साहन मिलता है ..

तो ऐसे उच्च कोटि के बकवास वक्तव्यों पर मेरी विवेचना .. ..

मूर्खों अब तक ये सब चालू क्यों रखा है ?? पहलाज निहलानी को रोजगार देने के लिए ?? .. अरे बंद करवा दो ये सब .. मुंबई चेन्नई और जहां-जहां भी ये समाजविरोधी फिल्में बनती हैं वहां से सारी फिल्म सामग्री आदि उठा फेंक दो .. और वहां खुलवा दो गौशालाएं .. ..

ठीक !! .. अब थोड़ा और आगे बढ़ो तो !! .. ..

मोहतरमा !! .. फिल्मों को मारो गोली - क्या ये २४x७ टीवी चैनल वाले ईडियट बॉक्स के बारे में भी कुछ कहेंगी ?? .. यहाँ भी तो सब कुछ ऊटपटांग उल्टा-पुल्टा ऊंचा-नीचा - झूठा-सच्चा चलाया जाता है .. यहाँ भी तो हर चीज़ की शुरुआत छेड़खानी से ही तो होती है .. वो भी कमज़ोर गरीबों वंचितों की छेड़छाड़ से .. यहाँ भी तो दो चार पट्ठे टाइप एंकर के साथ मिलकर कमज़ोरों को घेरते हैं - कमेंट करते हैं - गलत ढंग से पेश आते हैं - और धीरे धीरे वो कमज़ोर भी तो रोमांस करने लग जाता है - प्यार में दीवाना हो मोदि मोदी मोदी चिल्लाने लगता है .. और टीवी में दिखाए जाने वाले इस तरह के प्रायोजित समाचारों की वजह से ही तो भ्रष्ट जुगाड़ू हानिकारक नेताओं को प्रोत्साहन मिलता है .. ..

क्या-क्या बंद करवाएंगी मोहतरमा !! .. और कितनी संस्थाएं बंद करवाएंगी - कितनो की रोज़ी-रोटी छीनेंगी - कितनी इधर-उधर की बकवास पटकेंगी - और किसे-किसे दोष देंगी ?? ??

इसके बजाय तो .. आपकी भाजपा और संघ में घुस गए असामाजिक तत्वों पर ही दो शब्द बोल देंगी तो इस देश के मंत्रिमंडल को आप जैसी बकवास करने वाली मंत्री से मुक्ति मिल जाएगी .. ..

या फिर आप या आपके भक्त ही बताएँ कि यदि  महिलाओं के खिलाफ देश भर में बढ़ती हिंसा और छेड़खानी के लिए बॉलीवुड और रीजनल फिल्में जिम्मेदार हैं तो हम क्या करें ?? .. क्या हम फिल्में देखना बंद कर दें ?? .. क्या हम भी पत्थरबाज़ी पर उतर आएं ?? .. या आपके पार्टीप्रिय पहलाज भाई की चौराहे पर खड़ा कर उसकी आरती उतारें ?? .. या पागलों जैसे चिल्लाएं मोदी मोदी मोदी ?? .. ..

अरे मोहतरमा ये मोदी जैसे फ़ोकट सामाजिक प्रवचन देने और समस्याएं बताने और व्यवस्थाओं में खोट बताने के बजाय समस्याओं से निजात दिलाने के कुछ काम करें .. आपको इसलिए ही बैठाया है .. केवल समस्याएं बताने और प्रवचन देने के लिए नहीं !! .. ..

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Sunday 9 April 2017

// अरे मेरे भक्त मित्रो !! .. मैं पागल थोड़े ही हूँ !! ....//


दिल्ली के एमसीडी चुनाव में भाजपा के मुद्दे ..
केजरीवाल ने जेठमलानी को ४ करोड़ की फीस का भुगतान करने की अनुशंसा करी - जबकि एलजी ने भुगतान करने की अब तक अनुमति नहीं दी जिसके कारण भाजपा और कांग्रेस को लग रहा है कोई उनकी जेब काट गया ..
केजरीवाल ने १० महीने पहले अपने घर में मेहमानों को ११००० रूपए की थाली परसी जिसका भुगतान भी नहीं किया और जिसके कारण भाजपा और कांग्रेस का पेट अभी-अभी दुखा ..

दिल्ली में कांग्रेस का चुनावी मुद्दा ..
शुंगलू महाराज की जय ..

और दिल्ली में एमसीडी चुनाव पहली बार लड़ रही केजरीवाल की 'आप' पार्टी के मुद्दे ..  
कांग्रेस और भाजपा ही वो २ पुरानी पार्टियां हैं जो एमसीडी-सरकार की वर्षों से अदला-बदला-बदली कर मिल-बाँट कर भ्रष्टाचार करती रही हैं - और दिल्ली का सत्यनाश .. पर अब भ्रष्टाचार पर पूरी रोक लगेगी ..
हाउस टैक्स माफ़ करेंगे ..
दिल्ली में फैली गंदगी साफ़ करेंगे ..
एमसीडी की वित्तीय स्थिति को घाटे से निकाल मुनाफे में लाकर बताएंगे ..
शिक्षा स्वास्थ्य के कामों में और प्रगति लाएंगे ..

अब इसके बाद भी जो मेरे भक्त मित्र मुझ से ये पुनः अपेक्षा कर रहे हैं कि मैं केजरीवाल की 'आप' पार्टी का साथ ना देते हुए मोदी की भाजपा का साथ दूँ .. उनको मेरा एक ही जवाब .. मैं पागल थोड़े ही हूँ !!

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// अब परदे उठते जा रहे हैं .. कांग्रेस-भाजपा एक ही हैं .. मिलीजुली कुश्ती जारी है ....//


दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश .. दिल्ली सरकार के अधिकार सीमित .. दिल्ली सरकार के बॉस मुख्यमंत्री ना होकर 'एलजी' .. ये पूरी बात केजरीवाल को पहले से पता नहीं थी .. और अब तक के न्यायालयीन कार्यवाही से बनी व्यवस्था के तहत ऐसा चल रहा है - और केजरीवाल एक बिना अधिकार वाले मुख्यमंत्री बने हुए हैं .. और 'एलजी' बॉस !! .. ..

वैसे तो मोदी को भी ये पता होना ही था कि उनका राज्यसभा में बहुमत नहीं है इसलिए मनमानी नहीं चलेगी - पर ऊंचे लोग ऊंची बातें .. और बातें तो निम्नस्तरीय भी .. ..

खैर मोदी और केजरीवाल ने चुनाव पूर्व जनता से अनेक वायदे कर दिए .. देश भर में तो वादे पूरे हुए नहीं पर दिल्ली में तो कुछ-कुछ पूरे हो गए .. और क्योंकि दिल्ली का बॉस 'एलजी' .. इसलिए दिल्ली के समस्त कामों का श्रेय तो 'एलजी' के मार्फ़त मोदी को जाना चाहिए था .. पर ना मालूम क्यों इस देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कांग्रेस की हर एक उपलब्धी का खुद श्रेय बटोरने वाली भाजपा जैसी मौका भुनाऊ पार्टी श्रेय लेने से भी भाग रही है .. बोल रही दिल्ली में कुछ काम नहीं हुए .. ..

और तो और ये कांग्रेस भी अजीब है .. चुनाव एमसीडी के .. और १० साल से एमसीडी पर काबिज़ विपक्षी भाजपा .. पर कांग्रेस भाजपा की तो बात ही नहीं कर रही .. वो ना तो भाजपा को कोस रही है ना भाजपा की तारीफ कर रही है .. और वो तो केवल शुंगलू भगवान् के फोटो फ्री में बाँट रही है और केजरीवाल की निंदा कर रही है .. ..

कारण ?? .. अब पगले क्या करते हैं हर बार कारण समझ आ सकता है क्या ?? .. .. पर हाँ शाने क्या कर रहे हैं कुछ-कुछ समझ आ रहा है .. और जो समझ आ रहा है वो यह कि पंजाब के उलट पंजाब जैसी ही डील हो गई है .. कांग्रेस एमसीडी में भाजपा को जिताने के लिए पूरी मदद कर रही है .. .. और इसलिए अब परदे उठते जा रहे हैं .. कांग्रेस और भाजपा एक ही हैं .. मिलीजुली कुश्ती जारी है .. शर्तिया !!

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// मालुम है ये देश "टुंडा" क्यों हुआ जा रहा है ?? .. "टुंडे भक्तों" के कारण !! ....//


क्या देश में भाईचारा बढ़ रहा है .. क्या देश का माहौल अच्छा हो रहा है .. क्या देश में खुशहाली बढ़ रही है .. क्या देश में सबका साथ लेकर विकास की कोई कोशिश हो रही है .. क्या देश में गरीब किसान मजदूर की स्थिति सुधर रही है .. क्या देश में बेरोजगारी कम हो रही है .. क्या देश में महंगाई कम हो रही है .. क्या देश में कानून व्यवस्था सुधर रही है .. क्या देश में सहिष्णुता बढ़ रही है .. क्या देश के जनप्रतिनिधि ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर जनता से किए वायदे पूरे कर दे रहे हैं .. क्या देश के संविधान का परिपालन और सदुपयोग हो रहा है .. ??..??

उपरोक्त समसामयिक प्रश्नों के परिप्रेक्ष्य में मेरी विवेचना .. ..

यदि उपरोक्त प्रश्नों के आपके जवाब "हाँ" हैं तो यकीनन आप भक्त हैं ..
यदि आप के जवाब "ना" होने के बावजूद आप चुप हैं तो आप एक सज्जन गंभीर शांत संयमी नागरिक हो सकते हैं या आप डरे हुए या अक्षम हो सकते हैं ..
यदि आप संपन्न हैं और मजे में हैं पर इस टाइप के प्रश्न-उत्तर समझना ही नहीं चाहते तो आप या तो लापरवाह हैं या स्वार्थी हैं ..
यदि आप गरीब हैं या बहुत कष्ट में हैं और इस टाइप के प्रश्न-उत्तर समझने की स्थिति में ही नहीं हैं तो आप लाचार हैं और स्वयं दया तथा सहायता के पात्र भी हैं .. 
यदि आपके जवाब "हाँ" भी हैं और "ना" भी तो आप कन्फ्यूज्ड हैं .. 
यदि आपके जवाब "ना" हैं और आप चुप नहीं हैं तो शायद आप एक सजग कर्तव्यनिष्ठ नागरिक हैं जो अपने देश से प्यार करते हैं और इसलिए चाहते हैं और कोशिश करते हैं कि देश में अच्छे बदलाव हों ..

पर यदि आप जानते हैं कि सही जवाब "ना" हैं पर आप मक्कारी में "हाँ" ही बोल रहे हैं तो बस आप ही हैं वो प्राणी जिसके कारण ये देश टुंडा हुआ जा रहा है .. .. इसलिए बिना चुप रहे आपको एक नई उपाधि दे रहा हूँ .. आप "टुंडे भक्त" हैं  .. .. अब आपकी मर्ज़ी चाहें तो "हाँ"-"हाँ" करते रहें या "ना"-"ना" .. ..

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Saturday 8 April 2017

//.. केजरीवाल तो छा रहे हैं .. बाकी सब शुंगलू भगवान् के जयकारे लगा रहे हैं .. ..//


जैसे-जैसे एमसीडी के चुनाव सन्निकट हुए जा रहे हैं केजरीवाल विरोधियों के लिए विकट हुए जा रहे हैं .. ..

कारण - भाजपाई और कॉंग्रेसी मिलजुल कर अपनी नकारात्मक उपलब्धियों को छुपाने के लिए केजरीवाल को लगातार निशाने पे लिए हुए हैं - और लिजलिजे टाइप के चुनावी मौसमी आरोप लगा एक माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं .. ..

और इस कारण पूरा पेड मीडिया 'मोदी मोदी मोदी' को भूल 'योगी योगी योगी' करते-करते एक बार फिर 'शुंगलू शुंगलू शुंगलू' और 'केजरी केजरी केजरी' करने लगा है .. ..

इसलिए गौर फरमाइए क्यूँ केजरीवाल तो छा रहे हैं बाक़ी सब छुई-मुई हुए जा रहे हैं .. और शुंगलू भगवान् के जयकारे लगा रहे हैं - 'शुंगलू शुंगलू शुंगलू' !! .. ..

और मुझे आश्चर्य ना होगा यदि दिल्ली में भक्तों और कोंग्रेसियों द्वारा अपने चुनावी घोषणापत्र में शुंगलू भगवान् के मंदिर बनाने का वादा भी कर ही दिया जाए .. अयोध्या में राम मंदिर - दिल्ली में शुंगलू मंदिर !! .. ..

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

//.. "ऑफिस-ऑफिस" .. "ऑफिस-ऑफिस" !! .. ..//


जी हाँ !! .. "ऑफिस-ऑफिस" !! .. एक बहुत लोकप्रिय हास्य सीरियल आया था .. पंकज कपूर का .. और उस सीरियल में हमारी आज की "सरकारी व्यवस्थाओं" को आइना दिखाते हुए एक अत्यंत चुटीले नए अंदाज़ में उत्कृष्ट अभिनय और सशक्त कथानक के दम पर सार्थक कटाक्ष किया गया था .. ..

मुझे लगता है कि भाजपाइयों को उस सीरियल का मर्म समझने में काफी अक़्ल कम पड़ गई .. इसलिए शायद उन्हें वर्षों पूर्व का ना तो "मुसद्दी" समझ आया और ना आज का "केजरी" .. ..

और शायद यही कारण है कि आज वैसी ही लचर हास्यास्पद दयनीय घिनौनी "सरकारी व्यवस्थाओं" ने "केजरी" को "ऑफिस" ही खाली करने के आदेश दे दिए हैं .. ..

और मुझे लगता है "ऑफिस-ऑफिस" में "ऑफिस" चलाने वाले सरकारी तंत्र के दिवालिये दिमाग का प्रदर्शन बदस्तूर बड़ा और बढ़ा जारी है .. ..

पर सावधान !! .. ना तो आप किसी "ऑफिस-ऑफिस" के "मुसद्दी" का गला घोंट पाएंगे .. और ना ही "केजरी" को "ऑफिस" से बेदखल कर कमज़ोर कर पाएंगे .. .. ये "मुसद्दी" और "केजरी" आपको हमेशा सालते रहेंगे और आपको परास्त करके ही मानेंगे .. .. शर्तिया !! जय हिन्द !! .. ..

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// बस उम्मीदें तोड़े नहीं ....//


(दिल्ली के एक क्रांतिकारी इंसान को समर्पित)

किसी 'एक इंसान' से सारी उम्मीदें लगाना उचित नहीं ..
पर हाँ यदि उम्मीदें केवल 'एक इंसान' से ही लगाई जा सकें .. तो फिर इसमें कोई हर्ज़ भी नहीं ..
पर सभी उम्मीदें पूरी हों इसकी कोई गारंटी नहीं ..
पर हाँ हो सकता है उम्मीदें पूरी हो भी जाएं बशर्ते .. हम उस 'एक इंसान' की उम्मीदें तोड़े नहीं ..

अनेक शुभकामनाएं !! जयहिंद !!

०८/०४/१७
मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

Friday 7 April 2017

/.. सैंडल मार शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ पर से हवाई यात्रा करने पर लगा बैन हटा ..

और मेरा मोदी सरकार और भाजपा से हटा हटाया विश्वास और हटा .. .. वैसे भी मैं तो भाजपा के बारे में हमेशा से कहता आया हूँ कि - सावधानी हटी दुर्घटना घटी .. ..

अब जो मेरे मित्र हैं और जो भक्त हैं - और जो कह रहे थे कि एफआईआर हो गई है - गिरफ्तारी भी होगी - कानून अपना काम करेगा - उनको मेरी सांत्वना है कि मन छोटा नहीं करना - ऐसा तो होता ही रहता है .. अब किसी को ये थोड़े ही पता था कि धक्का गायकवाड़ ने नहीं पहले गायकवाड़ को अधिकारी ने दे मारा था .. अब अपन यहाँ जमीन पर बैठे-बैठे ये सारी ऊंची ऊँची आसमानी सुल्तानी बातें थोड़े ही पता लगा सकते हैं .. है ना !! .. तो चलो बीती बिसार दे और आगे की सुध ले .. ..

हाँ तो भक्तो !! .. ये शुंगलू साहब ने केजरीवाल के बारे में क्या-क्या डंके की चोट सही-सही कहा - अब सब कुछ तफ्सील से बताओ तो जरा !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// केजरीवाल तो मध्यप्रदेश में भी असरकारक और हानिकारक.. समझे भक्तो !! ....//


मैनें कहा था ना कि केजरीवाल कई भ्रष्टाचारियों के लिए काल है - और अभी उनके मार्फ़त बहुत कुछ अच्छा होना शेष है .. तो आइए मुलाहिज़ा फरमाइए .. ..

मैं एमपी का एक सामान्य नागरिक हूँ - और मेरी ना तो यहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी है और ना ही मेरा उनकी मानहानि करने का कोई इरादा है .. पर मुझे व्यक्तिगत रूप से पूरा विश्वास है कि शिवराज एमपी के २ चर्चित घोटाले डम्पर और व्यापम घोटाले में व्यक्तिगत रूप से लिप्त रहे हैं और भ्रष्टाचार हुआ है .. ..

और अब केजरीवाल के प्रताप से डम्पर घोटाले में भक्तों को संतप्त करने वाले तथ्य सामने आ गए हैं - और तथ्य ये हैं कि ८-१० साल पूर्व से चल रहे और लीपापोती किये जा रहे डम्पर घोटाले में आरोपित शिवराज की तरफ से वकील उदय यू ललित को पैरवी करने के लिए एमपी सरकार ने ११ लाख रूपए प्रति पेशी के हिसाब से स्वीकृति प्रदान की थी .. ..

और विदित हो कि ये वकील उदय यू ललित केवल कोई सामान्य वकील ना हो न्याय के अच्छे खासे जानकार भी हैं - क्योंकि यही विद्वान वकील आजकल उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति हैं .. .. और इसलिए मुझे व्यक्तिगत रूप से ऐसा विश्वास है कि जो लाखों करोड़ों रूपए का भुगतान एमपी सरकार द्वारा उदय यू ललित को हुआ होगा उसमें भुगतान देने वाले और भुगतान लेने वाले किसी भी नैतिक या न्यायायिक पहलू से अनभिज्ञ नहीं रहे होंगे .. ..

और यदि एमपी सरकार द्वारा उदय यू ललित को हुआ लाखों करोड़ों रूपए का भुगतान अनियमित है तो फिर तो शिवराज जी को एमपी के मुख्यमंत्री पद से और न्यायमूर्ति उदय यू ललित जी को अपने पद से इस्तीफ दे देना चाहिए .. .. नैतिक आधार पर भी और न्याय के हित में भी .. ..

और मेरी व्यक्तिगतत अपेक्षा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल बैजल जी को अविलंब बिना किसी भय और विद्वेष के और बिना केंद्र सरकार और मोदी जी के दबाव में आए दिल्ली सरकार द्वारा जेठमलानी को किसी भी प्रकार के भुगतान की मांगी गई अनुमति तत्काल सिरे से खारिज कर देनी चाहिए .. .. और इस विषय में 'ज़ी टीवी' और 'टाइम्स नाउ' ने अपना भोंपू बंद नहीं करना चाहिए .. ..

और मेरी अंतिम मांग .. केजरीवाल जैसे मेधावी निडर क्रांतिकारी की अध्यक्षता में एक आयोग का तुरंत गठन होना चाहिए जो इसी प्रकार के अनन्य मामलों कि जांच करे और सभी दोषियों को सजा दिलवाए और सरकारी धन की वसूली भी करवाए .. विशेष रूप से शुरुआत यदि जेटली - स्वराज - चिदंबरम - सिब्बल आदि से जुड़े वकालत के सरकारी भुगतान से हो तो भक्तों को भी मज़ा आएगा और देश का भला भी हो जाएगा .. ..

तो कहो तो न्यायप्रिय भक्तों कैसी कही - और कैसी रही ?? .. और बताओ तो - कि ये केजरीवाल ने किसकी मानहानि की और कौन लपेटे में आया ?? .. और सोचो तो - कि ये अदने से केजरीवाल ने इतनी बड़ी कौन सी मानहानि कर दी जो इतनी असरकारक हो गई - और वो स्वयं ही तुम्हारे लिए इतना हानिकारक हो गया ?? .. है ना !! .. ..

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Thursday 6 April 2017

// तो क्या अरविन्द केजरीवाल पूरे देश में वाकई एक बिरले गुनहगार नहीं ?? ....//


यदि मैं भी बकवास करूँ और कहूँ .. मोदी सतत बहुत काम कर रहे हैं .. तो क्या कोई भक्त मुझे बताएगा कि मैनें मोदी की तारीफ करी या प्रधानमंत्री की ?? ..
और यदि मैं सत्य ही कह दूँ कि .. मोदी कुछ भी काम नहीं कर रहे हैं .. तो क्या कोई भक्त मुझे बताएगा कि मैनें मोदी की निंदा करी या प्रधानमंत्री की ?? .. ..

और क्या कोई भक्त मुझे ये भी बताएगा कि क्या मुझे तारीफ करने के लिए कोई पुरूस्कार मिलेगा ?? .. या क्या मुझे निंदा करने के लिए कोई दंड दिया जा सकता है ?? .. ..

और अब कुछ औचक भौचक प्रश्न .. ..

यदि मुझे ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी करके बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया है .. तो ऐसा कहना वो भी बिना किसी सबूत के क्या गुनाह होगा ?? .. ..

और यदि मोदी या अन्य किसी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले ऐसा लगा था कि अरविन्द केजरीवाल ने किसी से २ करोड़ का चंदा रात के अँधेरे में परवारे-परवारे ले लिया था या फिर अरविन्द केजरीवाल नक्सली हैं - या पाकिस्तानी एजेंट हैं .. तो मोदी या अन्य द्वारा ऐसा कहना वो भी बिना किसी सबूत के क्या गुनाह नहीं था ?? .. ..

या ऐसे ही असंख्य करोड़ों अरबों खरबों सत्य-असत्य आरोप बिना सबूत एक दूसरे पर लगाते रहना क्या गुनाह की श्रेणी में नहीं आता ?? .. ..

और क्या इस देश का एक भी ऐसा नागरिक होगा जिसने जाने अनजाने उपरोक्त गुनाह नहीं किया होगा ?? .. ..

और क्या अरविन्द केजरीवाल पूरे देश में वाकई एक बिरले गुनहगार नहीं ?? .. ..

तो चलो भक्तो !! .. बिना अक्ल का अपना हेलमेट खुजाओ और सारे जवाब दो तो .. ..
और यदि हमेशा की तरह कुछ सूझ ना पड़े तो चिल्लाओ .. मोदी मोदी मोदी .. या फिर बस इतना बता देना कि - बागों में बहार है ?? .. .. तो फिर हो जाओ शुरू .. बताओ तो अपनी औकात .. हाँ नहीं तो !! .. ..

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/.. जागो गौरक्षक भक्तों जागो !! ..

गौरक्षा के नाम पर गुंडों ने अलवर राजस्थान में एक मासूम को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया  .. ..
और मैं बहुत विचलित हो सोच रहा हूँ कि ये ह्रदय विदारक कुकृत्य जिन गौरक्षक गुंडों ने किया होगा कहीं ये गुंडे उन्हीं गौरक्षक टोलों में से ८०% गुंडों में से ही तो नहीं जिनके 'डोज़ियर' राजस्थान के मुख्यमंत्री ने देश के प्रधानमंत्री के दिशानिर्देशों के परिपालन में बनाए ही होंगे ?? .. ..
या फिर ये कोई नई प्रजाति के गुंडे तो नहीं जो गौरक्षा के नाम पर हत्याएं भी कर रहे हैं और शायद 'मोदी मोदी मोदी' भी .. और ऐसा करके कहीं ये हमारे यशस्वी लोकप्रिय प्रधानमंत्री की इज़्ज़त की वाट लगाने और उन्हें शर्मिंदा करने का सफल प्रयास तो नहीं कर रहे ?? .. ..
जागो गौरक्षक भक्तों जागो !! .. गौरक्षा के नाम पर ना सही - 'मोदी मोदी मोदी' की रक्षा के नाम पर ही सही .. .. है ना !! ..../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// '१३२' और '३७' पर '५' बहुत भारी .. आखिर क्यों ?? ....//


आज बीजेपी का ३७ वां स्थापना दिवस है .. ..

कांग्रेस सन १८८५ में स्थापित हुई थी - यानि १३२ वर्ष पूर्व - और १३२ में से ६२ वर्षों तक देश को आज़ाद कराने के लिए खपने के बाद लगभग ७० साल से स्वतन्त्र भारत की सत्ता में काबिज़ रही - और मजे में रही .. .. और बकौल भाजपा कांग्रेस ने देश का बेड़ा गर्क किया और बहुत भ्रष्टाचार किया .. ..

और भाजपा को आज वाली पप्पू की कांग्रेस को उखाड़ने में - और सत्ता में स्वयं मजे करने की स्थिति में आने में - लगभग ३४ साल खपाने पड़े .. जी हाँ ३४ साल !! .. ..

और 'आप' २०१२ में स्थापित हुई - यानि मात्र ५ वर्ष पूर्व .. ..

उपरोक्त तथ्यों से स्थापित होता है कि .. ..

७० साल से देश का बेडा गर्क कर रही कांग्रेस पार्टी को उखाड़ने में सूरमाओं से पटी भरी ठुंसी लदी भाजपा ३४ साल तो नाकाम रही - यकीनन क्योंकि भाजपा स्वयं भी तो कांग्रेस जैसी ही है .. और अब तो ठप्पे-ठपके के साथ कांग्रेस-युक्त भी .. है ना !! .. ..

और 'आप' पार्टी के उदय के साथ ही उसने कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही तगड़े झटके दे मारे .. इतने तगड़े झटके कि कांग्रेस का तो अस्त शुरू हो गया - और भाजपा को स्वयं को बचाने हेतु एड़ी - चोटी का दम लगाना पड़ गया .. और 'केजरीवाल' नाम की नंगी खनकती तलवार उसके ऊपर शुरू से ही लटकी हुई है - और उसे आज भी भयभीत आतंकित और भेरू किये हुए है .. ..

और ऐसा यकीनन इसलिये ही हो पाया है क्योंकि 'आप' निश्चित रूप से कांग्रेस-भाजपा से आमूलचूल रूप से भिन्न है .. और 'आप' का तो स्वरूप ही क्रांतिकारी है - जो इसे इतने कम समय में कुछ अद्भुत और अलग करने की शक्ति प्रदान कर पाया है .. और साथ ही संपूर्ण विरोधी सत्ता तंत्र को 'आप' के विरुद्ध अनैतिक निम्नस्तरीय हरकतें और सत्ता का दुरूपयोग करने के लिए मजबूर कर पाया है .. और भक्तों को कलपने कुढ़ने डरने और गालियां देने पर भी मजबूर कर पाया है .. ..

और यही वो कारण हैं कि क्यों - '१३२' और '३७' पर '५' बहुत भारी है .. .. !! जय हिन्द !!

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Wednesday 5 April 2017

// जेठमलानी को भुगतान करें या नहीं - भक्त और उपराज्यपाल कन्फ्यूज्ड क्यों ? ..//


ये कौन 'फड़तूस भक्त' हैं जो कह रहे हैं कि केजरीवाल सरकार ने जनता के पैसे से वकील राम जेठमलानी को केजरीवाल जेटली मानहानि मुकद्दमें में कोई भुगतान कर दिया है .. और जनहित देशहित के नाम पर केजरीवाल और केजरीवाल सरकार को गालियां बक रहे हैं .. जबकि वस्तुस्थिति तो यह है कि अभी कोई भुगतान हुआ नहीं है .. राम जेठमलानी ने एक शानदार कानूनी पैंतरा भर फेंका है जो भक्तों की छोटी सी समझ के बाहर है .. और भक्तों के जैसे ही उपराज्यपाल कन्फ्यूज्ड हैं - इसलिए उन्होंने प्रकरण में कानूनी राय मांगी है .. ..
तो यदि भुगतान नहीं होता है तो फिर ये स्थापित हो जाएगा कि मुकद्दमा जेटली और केजरीवाल के बीच है .. और यदि भुगतान हो जाता है तो तय हो जाएगा कि मुक़द्दमा जेटली और दिल्ली सरकार के माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल के बीच है .. ..
और यदि भुगतान हो जाता है तो समस्त 'फड़तूस भक्त' यदि चाहें तो उपराज्यपाल और जेटली को चाहे जितनी गालियाँ निकाल सकते हैं .. .. 
और यदि भुगतान नहीं होता है तो फिर तो प्रकरण की दिशा भी बदल सकती है - और बदल तो क्या उलट सलट भी हो सकती है .. और ऐसी स्थिति में 'फड़तूस भक्त' यदि चाहें तो राम जेठमलानी और केजरीवाल को चाहे जितनी गालियां निकाल सकते हैं .. ..
तो इसलिए गालियां देने वाले 'फड़तूस भक्तों' को मेरी समझाइश .. राम जेठमलानी एक काबिल वकील हैं .. केजरीवाल एक अक्लमंद क्रांतिकारी निडर नेता हैं .. इसलिए गालियों की लिस्ट तैयार रखो और इंतज़ार करो इंतज़ार !! .. समझे 'फड़तूस भक्तो' !!

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Tuesday 4 April 2017

/.. योगी !! योगी !! योगी !! .. यूपी की योगी सरकार ने किसान कर्ज माफ़ी के वायदे को पूरा कर दिया ..

/.. योगी !! योगी !! योगी !! .. यूपी की योगी सरकार ने मोदी द्वारा किसान कर्ज माफ़ी के बड़े वायदे को तमाम शंकाओं और अटकलों के बावजूद पूरा कर दिया .. फैसले के गुण-दोष पर सार्थक या व्यर्थ चर्चा तो होती रहेगी - पर योगी जी को मोदी का वायदा पूर्ण करने हेतु बधाई !! .. ..
केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद भले ही मोदी का खुद का रिकॉर्ड दयनीय ही बना हुआ है - पर किसी भी भाजपा प्रदेश सरकार द्वारा ये पहला चुनावी वायदा है जो पूरा किया गया है .. और इसलिए योगी सरकार का इक़बाल निश्चित ही बढ़ेगा .. ..
और अब अपेक्षा की जा सकती है कि इस बहुत बड़ी कर्ज माफ़ी के साथ भाजपा द्वारा सब्सिडी आदि के विरुद्ध दिए जाते रहे और दिए जा रहे वक्तव्यों के लिए थोड़ा शर्म का इज़हार भी कर देना उचित होगा .. और हाँ ये दिल्ली में बिजली पानी बिलों में माफ़ी के बाद १००% हाउस टैक्स माफ़ी की भी दिल पर पत्थर रख सराहना की जानी होगी .. पर ऐसा होगा लगता नहीं .. क्योंकि केंद्र में तो मोदी हैं - योगी नहीं .. और दिल्ली में केजरीवाल हैं - कोई ऐरे गैरे भाजपाई नहीं .. .. समझे कंफ्यूज़ड भक्तो !!

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// केजरीवाल के इर्द-गिर्द वकीलों की फीस का मामला जनहित में एक और नज़ीर बनेगा ..//


केजरीवाल ने अरुण जेटली की मानहानि करी तो जेटली ने क्या करा .. न्याय के प्रावधानों अनुसार केजरीवाल के ऊपर मुक़द्दमा कर दिया ना !! .. अब केजरीवाल की तरफ से वकील राम जेठमलानी न्यायलय में पैरवी कर रहे हैं .. और जेठमलानी ने दिल्ली सरकार को अपना बिल भेज दिया .. और केजरीवाल सरकार ने बिल भुगतान हेतु प्रकरण उपराज्यपाल को भेज दिया .. अब उपराज्यपाल को यदि भुगतान नियमानुसार लगेगा तो भुगतान कर दिया जाएगा .. अन्यथा नहीं .. ठीक वैसे ही जैसे उपराज्यपाल ने लोकपाल बिल या विधायकों के वेतन संबंधित बिल में अपने अधिकारों और विवेक या अविवेक से निर्णय किया .. .. है ना ?? .. ..

तो अब बताएँ कि मुद्दे पर इतनी हायतौबा क्यों ?? .. जनता के पैसे के दुरूपयोग पर छातियों की दे कुटाई पे कुटाई क्यों ?? .. क्या उपराज्यपाल ये बिल जनता के पैसे से पास कर देंगे ?? .. क्या केंद्र द्वारा नियुक्त उपराज्पाल इतने बेवकूफ या बेकार हैं ?? .. या फिर एमसीडी चुनाव पूर्व ये मुद्दा उछाल कर अपने-अपने हित साधने हैं ?? .. .. या फिर क्या डर इसलिए है कि पूर्व में ऐसा ही होता आया है ?? ?? ?? ?? .. ..

हाँ !! जी हाँ !! .. ऐसा तो होता ही आया है .. जनता के खजाने से सरकारी वकीलों को करोड़ों के भुगतान का ये पहला मामला तो है नहीं .. पर क्योंकि ये मामला केजरीवाल के इर्द गिर्द चल रहा है तो मान के चलिएगा - ये जनहित में अभी बहुत कुछ उगलेगा .. ये बहुत लोगों और टुच्चों को सालेगा .. ये फिर से एक नज़ीर बनेगा .. ये निश्चित ही मील का पत्थर साबित होगा !! .. ..

इसलिए भक्तो देशहित में उछल कूद जारी रखें और दिल्ली के उपराज्पाल को मजबूर करें कि जनता के धन की बर्बादी की ज़ुर्रत नहीं करें .. .. और आगे क्या होगा इसके लिए सीमित अक्ल की फ़िज़ूलख़र्ची ना करें तो ही बेहतर .. अन्यथा फ़ोकट टेंशन पाल लोगे .. हा !! हा !! हा !!  .. ..

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// 'तलाक तलाक तलाक' के अन्य बेहतर विकल्प .. बस सन्यास ले निकल लो गुरु !! ....//


ऐसे ही दिमाग में आया कि 'तलाक तलाक तलाक' के बजाय 'मोदी मोदी मोदी' बोलो और निकल लो .. कोई क्या उखाड़ लेगा ?? .. तलाक लेना-देना तो दूर की कौड़ी - गुजारा भत्ता तक नहीं देना पड़ेगा .. ..

पर अब तक ये नहीं समझ पड़ी कि भक्तों द्वारा 'तलाक तलाक तलाक' का इतना उचित विरोध क्यों और ये 'मोदी मोदी मोदी' का इतना अनुचित समर्थन क्यों ?? .. ..

क्या हुआ उन  श्लोकतुल्य परउपदेशी  पेलमपेल डायलॉग्स का .. "जिनके मकान शीशे के .." - "१ उंगल दिखाओगे तो ३ अपनी तरफ .." ?? .. ..

और अब तो एक और बात दिमाग में आ रही है कि - आत्मा परमात्मा की उधेड़बुन में फंसते हुए जीव कल्याण का ठेका ले सहूलियत अनुसार अघोषित भोगों से सन्यास ले सन्यासी साधू योगी बनकर भी निकल लो तो कोई क्या उखाड़ लेगा ?? .. और कोई उखाड़े भी तो फिर कौन सन्यास या संसार या सांसारिक वस्तुएं ही छोड़नी पड़ती हैं जो समस्त उखाड़ने वालों को गाड़ा ना जा सके ?? .. ..

बल्कि यदि संत गुरु सन्यासी साधू योगी का ठप्पा लग गया तो फिर तो किसी न्यायालय की भी क्या मजाल कि कहे कि नहीं आपको ग्रहस्थ जीवन का पूर्ण निष्ठा से क्रियान्वयन एवं निर्वहन करना ही पड़ेगा ?? .. ..

तो भक्तों आज दिन भर घर बैठ के योग साधना ध्यान कर विचार मंथन करें .. पर सावधान !! .. ध्यान रहे - कहीं सन्यास ले निकल मत लेना .. क्योंकि ये आपके परिवार समाज राष्ट्र के लिए हानिकारक भी हो सकता है .. समझे !! .. .. धन्यवाद !!

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Monday 3 April 2017

/.. चुनाव 'जीतना' या 'हराना' - क्या आसान क्या मुश्किल ?? .. ..


मित्रो एक और शुद्ध मर्म की बात .. ..
देश में चुनाव 'जीतना' बहुत आसान हो गया है .. बाहुबल धनबल से सत्ताबल अर्जित करने की विधा - और - सत्ताबल के मार्फ़त धनबल बाहुबल से चुनाव जीतने की विधा - अभेद्य अजेय हो चली है .. बड़े आराम से .. ..
इसलिए चुनाव में 'हराना' बहुत मुश्किल हो गया है .. पर हाँ !! अब भी नामुमकिन नहीं .. विशेषकर किसी क्रांतिकारी के लिए बहुत मुश्किल भी नहीं .. ..
पर क्योंकि इधर चुनाव आयोग पंगु होते जा रहा है .. ..
और चुनाव जीतने वाला खुदा होते जा रहा है .. ..
इसलिए ये भी लगता है कि अब तो खुदा ही खैर करे तो करे .. ../

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

// विदेशों में पड़ा कालाधन साहब ने यूं ही छोड़ दिया होगा ?? .. मज़ाक है क्या ?? ....//


ओत्तेरेकी !! .. बात बात में पोल खुल गई - दिमाग की बत्ती जल गई !! ..

टिकाऊ भक्त टेके पे टेका लगाए जा रहा था .. .. साथ तो सबका ही लिया ना - ऐसे थोड़े ही जीत गए - विकास भी सब का हो रहा है तभी तो सब ने वोट दिया .. नए रोजगार पैदा कर तो दिए - देखा नहीं नोटबंदी के बाद से अब तक कितने साथी एजेंट का काम करने लगे - फिर पुराने धंधे यदि बंद हुए तो नए लोगों को काम करने का अवसर मिलेगा कि नहीं - तो नए-नए रोज़गार के अवसर आएँगे कि नहीं .. जब पुरुषों पर ज्यादती की जा रही है तो महिला सुरक्षा का काम ही तो हो रहा है ना - क्योंकि महिलाओं को असुरक्षा तो पुरुषों से होती थी ना .. ..

बस भक्त फ्लो में था  .. और फिर कह गया .. कालाधन लाने का कहा था ले आए होंगे .. आप कैसे कह सकते हैं कि नहीं लाए होंगे ?? .. !! .. ?? .. !!

बस दिमाग की बत्ती जल गई !! .. साहब ने कहा था - कालाधन विदेशों में .. साहब गए विदेशों में .. साहब को तो सब पता था - कहाँ कितना - तो विदेशों में पड़ा कालाधन साहब ने यूं ही छोड़ दिया होगा ?? .. ..

नहीं !! - विदेशी कालेधन का कर लिया होगा जुगाड़ - ठीक वैसे ही जैसे कई बार पुलिस के हत्थे चढ़े चोर से पुलिस चोरी-चोरी डकैतों की तरह पूरा माल हथिया डकार लेती है - या कई बार मिल बाँट भी लेती है .. .. ..

चुनावों में धनबल से प्राप्त जीत - और बिना जीत भी विजय - इस धंधे में एक बड़ा इन्वेस्टमेंट हुआ दिखता भी है .. .. और अब एमसीडी में धनप्रवाह के साथ धाराप्रवाह कुप्रयास शुरू हो ही गए हैं - तथा महाराष्ट्र में एक नए विजय फॉर्मूले का क्रियान्वयन भी सन्निकट है .. ..

इसलिए साहब ने जो कहा कर मारा .. कारनामा हो गया .. वर्ना कौन विश्वास करेगा कि साहब ने कहा था कि विदेशों में पड़ा कालाधन लाएंगे - और वो नहीं ला पाए .. साहब लल्लू-चप्पू-पप्पू हैं क्या .. मज़ाक है क्या ?? .. ..

और बता दे रहा हूँ कि यदि आप ये सोच रहे हैं कि मैं कोई मज़ाक कर रहा हूँ तो आप जाने .. क्योंकि क्या है ना कि मैं कई बार मज़ाक भी गंभीरता से करता हूँ - और कई बार गंभीर बात भी मज़ाक में कर जाता हूँ .. जी हाँ !! गंभीर बात मज़ाक में !! .. हा !! हा !! हाँ !! .. ..

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Sunday 2 April 2017

/.. केजरीवाल तो छा गए ..

आजकल तो दिल्ली के भक्त भी केजरीवाल की सभाओं में उन्हें सुनने पहुँच रहे हैं - या हो सकता है सुनने की बजाय बनता माहौल बिगाड़ने पहुँच रहे हों .. ..
पर यदि सुनने पहुँच रहे हैं तो उन्हें मोदी मोदी मोदी के नारे नहीं लगाने थे .. पर यदि वे बनता माहौल बिगाड़ने पहुँच रहे हैं तो निश्चित ही कहूँगा - दिल्ली के भक्त तो बहुत टुच्चे निकले रे !! .. और भाजपा टुच्चाई पर टिकी एक टुच्ची पार्टी !! .. ..
पर मेरा अनुभव रहा है कि भक्त कितने भी अज्ञानी क्यों ना हो पर इतने टुच्चे भी नहीं होते .. मुझे लगता है ये भक्त ना हो गुंडे होंगे .. लचर लंपट बेहया नामुराद झकोरे !! .. है ना भक्तो ?? .. .. बोलो तो - मैंने सही पकड़ा ना !! .. है ना !! .. ../

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