Tuesday 25 November 2014

//// किसान विकास पत्र में "किसान" का क्या औचित्य ? - भक्त या शौचालय ही क्यों नहीं ////

अब 'किसान विकास पत्र' बचत योजना को रीलॉन्च किया जा रहा है ....
विदित हो कि किसान विकास पत्र बचत योजना को वर्ष 2011 में बंद कर दिया गया था .... कारण काले धन की आशंका के रहते .... और पुनः - क्योंकि इसके खरीदने के लिए आधार और पैन कार्ड की अनिवार्यता नहीं है - इसमें आय का स्त्रोत भी बताना अनिवार्य नहीं - इसमें अघोषित आय का निवेश आसान होगा - यह नकद भी खरीदा जा सकेगा - इसमें ट्रांसफर की सुविधा भी है - इसलिए माना जा रहा है कि किसान विकास पत्र से फिर बढ़ेगा 'काला धन' - वही रामदेव बाबा वाला 'काला धन' - वही 'काला धन' जिसको सुनते ही मोदी दिल की बात करने लगते हैं .... और इसलिए इस योजना के विरूद्ध सवाल उठना वाजिब ही तो है !!!!
और उपरोक्त कारणों से मैं भी इसका विरोध करता हूँ !!!!
पर मेरा विरोध एक और बात को लेकर भी है ....
इस योजना में "किसान" का तो कोई रोल ही नहीं हैं भाई - फिर इस बद-बदनाम योजना का नाम अभी तक बेचारे ईमानदार "किसान" के नामे क्यों ????
इस योजना का नाम हेडगेवार जी श्यामा जी दीनदयाल जी मोहन जी अटल जी आडवाणी जी मोदी जी शाह जी जेटली जी या प्रधानमंत्री या प्रधानसेवक जी के नाम क्यों नहीं ????
क्या बदनामी से डर लगता हैं ????
यदि ऐसा ही था तो भाई - पटेल जी नेहरू जी इंदिरा जी राजीव जी या फिर "शहजादा विकास पत्र" ही रख देते ....बिलकुल नया नाम .... नहीं तो - "ईरानी विकास पत्र" - "लव-जिहाद विकास पत्र" - या - "स्वच्छता विकास पत्र" या "शौचालय विकास पत्र" आदि भी तो रख ही सकते थे कि नहीं ????
अरे सब छोडो यार - "भक्त विकास पत्र" ही रख देते ....
पर भाई मेरे ये "किसान" ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था जो उसको फोकट में लपेट रहे हो ????
निंदनीय - दयनीय - बेतुका - नाम - और योजना भी बकवास !!!!

Monday 24 November 2014

//// तो लो इस बार का कोयला घोटाला 'अंतर्राष्ट्रीय' - कर लो जो करना चाहो .... ////

गुजरात के उद्योगपति गौतम अडाणी को एसबीआई द्वारा 1 अरब डॉलर (करीब 6200 करोड़ रुपये) का ऋण देने पर अब सवाल उठ रहे हैं .... दरअसल यह ऋण ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान वहां की चारमिचेल कोयला खदान के विकास के लिए दिया गया है - और आरोप है कि इस डील में स्वयं मोदी ने रूचि दिखाई और डील के वक्त अडाणी के अलावा एसबीआई की चेयर पर्सन अरुंधति भट्टाचार्य भी खुद मौजूद थीं - जिन्होंने कर्ज देने वाले सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये .... इसलिए भी सवाल उठने थे और उठ रहे हैं !!!!
खैर जनाब जब-जब वाजिब सवाल उठे हों तब-तब जवाब कब आये थे जो अब ही आ जाएंगे -
इसलिए ऐसे मुद्दों पर पर तो केवल विवेचना ही हो सकती है - तो हो जाय एक और विवेचना >>>>
मेरे हिसाब से जो कोयला घोटाला भारत में हुआ था वह राष्ट्रीय घोटाला था - और उसको जोर शोर से उठा मोदी जी चुनाव जीत सत्ता पर काबिज़ हुए थे .....पर कुछ दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ गया था कि इसमें तो भाजपा भी शामिल और जवाबदार थी ..... अब क्या किया जाए ? भाजपाइयों का सर चकरा गया - इज़्ज़त के फ़लूदे हो चले !!!!
इसी दौरान कालेधन का मुद्दा भी उठा - और 100 दिन पूरे होते होते देश के नागरिक जो टकटकी लगाये 15 लाख रुपये की बाट जोह रहे थे वो तो गाली गलौज पर ही उत्तर आये - और उससे मोदी जी आहत हो मन की बात करने तक पर मजबूर हो गए .... पर लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ था .... तो मोदी जी ने कालेधन का मुद्दा अंतरर्रष्ट्रीय मंच पर उठा दिया - और कहने लगे कि देखो हम कुछ कर रहे है .... और तब जाकर जनता कुछ शांत हुई !!!!
इसके पहले की भी यदि आप सारी घटनाएं देखेंगे तो पाएंगे कि मोदी जी राष्ट्रीय स्तर पर तो रहे "जीरो" पर अंतरर्रष्ट्रीय स्तर पर रहे "हीरो" - "सुपर हीरो" !!!!
और इसलिए मुझे लगता है कि मोदी जी ने ये तय कर लिया है कि अब छोटे मोटे राष्ट्रीय स्तर पर कुछ ना किया जाए - ये उन्हें रास नहीं आता - इसमें तो ख़तरा भी है - और अब से जो कुछ भी किया जाए वो बड़े स्तर पर और 'अंतर्राष्ट्रीय' ही किया जाय !!!!
अस्तु कोयला घोटाले का 'अंतर्राष्ट्रीय' स्वरुप अब आपके सामने है - कर लो जो करना चाहो - जब राष्ट्रीय घोटाले तक में एक चूहा अंदर नहीं हुआ तो फिर 'अंतर्राष्ट्रीय' स्तर पर किसी की क्या बिसात कि इन बड़े-बड़े घोटालेबाजों का बाल भी बाँका कर सके ????
तो बस अब बाकी सब तो ठीक है - आप तो ये बताएं कि मेरी विवेचना कैसी लगी ????

Sunday 23 November 2014

//// भक्त !! और संस्कृत ???? ////

मुझे शुरू से ही उर्दू भाषा बहुत अच्छी लगती रही - बहुत मीठी बहुत तहज़ीब वाली .... पर अफ़सोस कभी सीख ना सका .... मैं स्वयं एक पंजाबी परिवार से हूँ पर बचपन से ही हिन्दीभाषी मध्यप्रदेश में रहते हुए कभी पंजाबी सीख ना सका जिसका अफ़सोस और शर्मिंदगी आज भी है !!!!
पर बावजूद इसके कि प्राइमरी स्कूल तक मैनें संस्कृत पढ़ी थी मैं कभी भी संस्कृत सीख ना पाया - ना ही सीखने की कभी इच्छा ही हुई - ना ही जरूरत और ना ही उपयुक्तता महसूस हुई !!!!
पर अभी-अभी हिंदूवादियों और भाजपाइयों के संस्कृत प्रेम और एक के बाद एक बयानात देख मुझे लगने लगा है कि उर्दू या पंजाबी के बजाय इस बुढ़ापे में संस्कृत ही सीख ली जाय ....
और वो इसलिए नहीं कि मुझे किसी भी कारण से ऐसी कुछ दिली इच्छा हो आई हो - पर इसलिए कि
शायद मैं भविष्य में भक्तों को ललकार सकूँ कि ....
क्यों हिंदी में समझ नहीं पड़ रही है - अब संस्कृत में समझाऊँ क्या ????
पर फिर दिमाग में आ रहा है कि क्या भक्त भी कभी संस्कृत सीख पाएंगे समझ पाएंगे ????
लगता तो नहीं है - क्योंकि मैंने ये भी तो सुना है कि - संस्कृत तो ज्ञानियों की विद्वानो की पुरातन समृद्ध महान भाषा है .... इसका अपना ही एक गौरवशाली अतीत है !!!!
इसलिए मैं निर्णय करता हूँ कि संस्कृत सीखने का निर्णय अभी के लिए तो स्थगित - पहले देखता हूँ कि ये जितने भी हिंदूवादी देशभक्त जो संस्कृत की वकालत कर रहे हैं वो यूं ही बेचारे स्कूली बच्चों को पेलने का काम करेंगे या स्वयं भी कभी संस्कृत का पहला वाक्य बोल पाएंगे .... जैसे कि क्या वो कभी बता पाएंगे कि ....
"वो फेंकता बहुत है" की संस्कृत क्या होगी - भावार्थ सहित ????
यदि किसी अन्य ज्ञानी को मालूम हो तो कमेंट में लिख अनुग्रहित करें .... धन्यवाद !!!!

//// पर्दे और शर्म से मुक्त - धीर अधीर - लालसिंघ ////

धीर साहब इतने अधीर क्यों हुए होंगे ?
जब धीर साहब ने 'आप' पार्टी ज्वाइन की थी तब भी तो बीजेपी विद्यमान थी ....
फिर धीर साहब ने 'आप' के टिकट पर चुनाव लड़ा - जो निश्चित ही बीजेपी के विरुद्ध लड़ा चुनाव था - और जनता ने उन्हें जिताया भी - और फिर 'आप' ने भी उन्हें स्पीकर बनाया ....
पर अब हो सकता है कि धीर साहब को 'आप' पार्टी कुछ जँची ना हो - उन्हें इस पार्टी में भी कुछ गलत लगा हो - उन्हें सरकार का इस्तीफ़ा सही निर्णय ना लगा हो - उन्हें अरविन्द का मफलर या कार्यप्रणाली अटपटी लगी हो - और उन्होंने 'आप' छोड़ने का निर्णय लिया - जो सही और जायज़ भी हो सकता है ....
पर समझ के परे जो है वो ये बात है कि धीर साहब को ये बीजेपी के डीएनए में ऐसा क्या परिवर्त्तन दिख गया होगा जो अब धीर साहब बीजेपी ज्वाइन करने के लिए अधीर हो गए ??
// कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है .... //
पर श्रीमान ऐसे झीने परदे के पीछे भी झांकना और जानना कहाँ मुश्किल है - सैंकड़ो दलबदलू टुच्चे वीर इस देश में हैं जो - कांग्रेस से बीजेपी से लोकदल से बहुजन से डीएमके से समाजवादी से एडीएमके से सीपीएम से शिवसेना आदि इत्यादि से - जनहित में और अपनी आत्मा की आवाज़ पर और जनता की सेवा करने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित और न्यौछावर कर दलबदल करते आये हैं - और भाजपा में ऐसे ही नायाब नग नगीनों का आजकल विशेष स्वागत हो रहा है - और वर्चस्व भी बन रहा है - और इनकी प्रासंगिकता और प्राथमिकता भी बनी हुई है !!!!
अब देखिये ना - जम्मू कश्मीर के लालसिंघ भी अब कांग्रेस से बीजेपी में शामिल कर लिए गए हैं - जबकि लालसिंघ ने पिछले लोकसभा में ही मोदी जी के लिए जो कुत्ताई गालियां दी थीं वो तो मैं यहाँ लिख भी नहीं सकता .... वो शायद इतनी गंदी थीं इतनी नंगी थीं कि स्वयं मोदी और भक्तगण ही उन्हें सुनकर पचा सकते हों .... किसी दूसरे के तो बस की बात नहीं ही हो सकती !!!!
और ऐसा क्यूँ हुआ ? कैसे हुआ ??
// मुझे लगता है कि इसमें तो ऐसा कुछ भी नहीं जिसकी पर्दादारी हो .... //
आखिरकार बेशर्मी और परदे का भी कोई संबंध होता है क्या ?? हो सकता है क्या ????
बेपर्दा को ही तो बेशर्म नंगा कहते हैं - है ना !!!!

Saturday 22 November 2014

//// रसोई गैस पर सब्सिडी केवल गरीबों को - मेरा समर्थन - मेरी व्यथा मेरा आक्रोश मेरी चुनौती ////

सरकार की तरफ से ऐसे संकेत दे दिए गए हैं कि अब रसोई गैस की सब्सिडी केवल गरीबों को ही दी जायेगी ....
मुझे मोदी सरकार की ये पहली बात है जो उचित एवं तार्किक लगती है - कि भाई अमीरों को सब्सिडी क्यों ? - और इसलिए मैं इस सरकार को पहली बार बधाई देता हूँ और समर्थन देता हूँ ....
पर जनाब एक मिनिट - बता दूँ मैं होशो हवास में हूँ ....
इसलिए साथ ही तुरत-फुरत लगे हाथ इस सरकार को कोसते हुए धिक्कारता भी हूँ ....
वो इसलिए कि इस सरकार ने चुनाव पूर्व तो ऐसी कोई बात नहीं कही थी कि फलां फलां व्यक्ति जैसे कि जिसके पास गाड़ी मकान आदि होगा या जो इनकम टैक्स की परिधि में आता होगा वो अमीर माना जाएगा और उसको रसोई गैस दोगुने दाम में ही मिलेगी .... नहीं कहा था ना .... बल्कि कहा था .... सबके अच्छे दिन आने वाले हैं .... और मुझे भरोसा दिलाया गया था कि मेरे भी अच्छे दिन आएंगे !!!!
मैं एक मध्य आय वर्ग का आम नागरिक हूँ और यदि सरकार मेरे लिए रसोई गैस पर सब्सिडी खत्म करती है तो मैं कहूँगा कि ये सरकार दोगली झूठी मक्कार फरेबी धोखेबाज़ चालाक बदनीयत बदमाश बेईमान फेंकू निकली ....
पर फिर भी इस तार्किक उचित कदम के लिए सरकार की प्रशंसा भी करूंगा और समर्थन भी क्योंकि आखिकार मैं सरकार में बैठे नेताओं की तरह "टुच्चा" भी तो नहीं हूँ !!!!
और हाँ जरा एक मिनिट और ....
अब मैं यह भी मांग करूंगा कि अब से कोई भी सांसद या विधायक सब्सिडी प्राप्त भोजन अपने 112 इंची पेट में नहीं ठूँसेगा - और यदि ठूँसेगा तो वो अति बेशर्म टुच्चा कहलायेगा .... बोलो मंज़ूर है .... क्या तुम्हारा दिल साफ़ है ? सीना 56" है ? जो मेरी तार्किक बात का समर्थन कर सको ????
भक्त लोगों भी बताओ - टिप्पणी करोगे या मेरा समर्थन ????

Friday 21 November 2014

//// रंजीत सिन्हा के खिलाफ आवाज़ क्यों नहीं - विरोध क्यों नहीं - इस्तीफ़ा क्यों नहीं ? ////

साफ़ दिख रहा है कि सारे कॉंग्रेसी और भाजपाई रंजीत सिन्हा से डरे सहमे चुप हो दड़बों में दुबके बैठे हैं - कोई इस्तीफे तक की मांग नहीं कर रहा है - सब बिलकुल सूत-सांवल में पप्पू बने हुए हैं ....
लानत है इनकी ऐसी राजनीति पर ....
कारण है कि ये दोनों ही पार्टियों के नेता या इनकी सहयोगी पार्टियों के नेता ही तो हैं जिनसे CBI की मिलीभगत रही है और इनसे मिलकर ही तो राजनेता अपना उल्लू सीधा करते आये हैं!!!!
गौर करियेगा कि शायद आरुषि हत्याकांड के बाद CBI के पास कभी भी गैरराजनीतिक महत्वपूर्ण चर्चित केस नहीं रहा - CBI के पास जो महत्त्वपूर्ण चर्चित घोटालों और भ्रष्टाचार या षड़यंत्र के जितने भी केस चल रहे हैं उनमे किसी ना किसी पार्टी या नेताओं का ही तो सीधा-सीधा संबंध रहा है - बचे खुचे कुछ केस हत्या या डकैती संबंधित हो सकते हैं - पर उनमें भी ज्यादातर में नेता का ही संबंध होना अपेक्षित है !!!!
अस्तु मेरा मानना है कि जिस प्रकार से चोर और सिपाही का रिश्ता होता है ऐसे ही नेता और CBI का रिश्ता स्थापित है ....
और इसलिए ऐसी CBI जिस पर कोर्ट भी टिप्पणी करने से ये कहते हुए बच निकली कि यदि सब कुछ कह दिया तो CBI की विश्वसनीयता पर ही बट्टा लग जाएगा - आप भरोसा नहीं कर सकते -
और अब जबकि नए प्रमुख की नियुक्ति भी ऐसे ही राजनीतिज्ञों के हाथ में है जो स्वयं संदेह के घेरे में हों - और नियुक्ति प्रक्रिया पर पहले से ही शंका कुशंका की छाया हो, तो स्थिति भयावह प्रतीत होती है .... अब मैं यह भी तो नहीं कह सकता कि पूरे प्रकरण की CBI जांच होनी चाहिए .... और 'लोकपाल' का हश्र और नियुक्ति में विलम्ब आदि के कारण तो स्थिति और भयावह हो जाती है !!!!
पर शायद अब हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते - बस केवल सावधान हो अपने को भक्त बनने से रोक कर आगे के लिए भगवान से प्रार्थना ही कर सकते हैं कि - हे ईश्वर सब ठीक हो !!!!

Thursday 20 November 2014

//// दिल्ली में अब चड्डी कष्टदायक - मफलर आरामदायक लाभदायक ////

दिल्ली में गुलाबी सर्दी का आगाज़ हो गया है - चड्डी के दिन गए - मफलर के दिन आये ....
अभी ठण्ड और बढ़ेगी - ओस भी गिरेगी .... मध्य फरवरी तक ओले भी पड़ सकते हैं ....
शाही चाय की चुस्कियां लेने में भी मज़ा आएगा ....
आनंद लीजियेगा !!!!

//// तुम्ही हो फेंकू .... तुम्ही हो पप्पू .... तुम्ही हो सेवक .... PM तुम्ही हो .... ////

12 दिन के विदेशी दौरे से लौटे मोदी जी ने आज झारखण्ड में चुनावी प्रचार का मोर्चा सँभालते हुए एक चुनावी सभा में जो कहा वो मुझे अत्यंत हास्यास्पद और भोंडा सा लगा ....
मोदी जी ने कुछ यूं कहा कि ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने वैज्ञानिकों से चर्चा करी और कहा कि वे केले की प्रजाति को और उन्नत करें - उसमें विटामिन-A को बढ़ाने का प्रयास करें ताकि गरीब केले खाकर लाभान्वित हो सकें .... और ये भी खुलासा किया कि जब वो पहले जापान गए थे तो वहां भी उन्होंने यहाँ आदिवासियों को होने वाली एक बीमारी के बारे में वैज्ञानिकों से बातचीत करी थी और उनसे दवाई की ईजाद करने हेतु आह्वाहन किया था .... और ये भी कह ही दिया कि इस तरह वो हमेशा ही देश के गरीबों की भलाई के बारे में ही सोचते रहते हैं - और इस तरह धर दिया अहसान का केले से भरा टोकरा बेचारे देश के गरीबों के सर मत्थे ....
मुझे ऐसा लगा कि जब घर का पप्पू बच्चा बाहर मटरगश्ती करने जाता है और फिर लौटने पर उससे पूछा जाता है कि - कहाँ गए थे क्या करने गए थे क्या किये .... तो वो इधर उधर टालते घुमाते फिराते आधी अधूरी बात ही बताता है .... बस यूं ही गया था - दोस्त के यहाँ - बता तो रहा हूँ - पढाई की बात - ठीक है न - दादाजी की बीमारी की बात - बस ऐसे ही - बात कर रहे थे - अरे बस यूं ही - अब हो गया ना - बस भी करो - अरे विश्वास भी करना सीखो - झूठ थोड़े ही बोलूंगा .....
मेरे हिसाब से ये तो दयनीय बात है - हास्यास्पद और भोंडी भी - मैं इसकी भर्त्सना करता हूँ ....
अब मेरा मन भी भारी हो चला है - मेरे दिमाग में भी भोंडी सी पैरोडी आ रही है - तो सब अकेले मैं ही क्यूँ झेलूँ - कृपया कुछ आप भी झेलें >>
> तुम्ही हो फेंकू ....
> पप्पू तुम्ही हो ....
> तुम्ही हो सेवक ....
> PM तुम्ही हो !!!!
आशा है पैरोडी के लिए मुझे गालियां देने के बजाय मुझसे सहानुभूति रखेंगे - धन्यवाद !!!!

//// CBI प्रमुख दोषी - देश को कांग्रेस और भाजपा मुक्त करना अत्यावश्यक ////

CBI चीफ को आज सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मानते हुए, लताड़ लगाते हुए एवं प्रशांत भूषण के द्वारा दायर केस को सही मानते हुए 2G केस से हटा दिया !!!!
प्रशांत भूषण को एक बार फिर से बधाई और धन्यवाद !!!! और मैं तो कहूँगा चरण स्पर्श !!!!
और इस मौके पर मैं देशवासियों को इस बात पर विचार करने हेतु आह्वाहन करूंगा कि -
क्या इस देश के किसी भी सांसद विधायक या नेता को इस बात की भनक तक नहीं लगी थी कि ये नामुराद झकोरा रणजीत सिन्हा कर क्या रहा था ????
क्या सत्तापक्ष और विपक्ष इसके लिए जवाबदार नहीं ठहराये जाने चाहिए ????
क्या CBI का दुरुपयोग नहीं हुआ और क्या नहीं होगा ????
मेरे हिसाब से तो कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही मालूम था कि परदे के पीछे और आगे क्या हो रहा है - पर क्योंकि सब भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं इसलिए सब चुप रहे !!!!
इसलिए मेरा मानना है कि - दोनों ही पार्टी कांग्रेस और भाजपा इस देश के लिए घातक हो चली हैं - और देश में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था यदि स्थापित करनी है तो सर्वप्रथम इस देश को कांग्रेस और भाजपा मुक्त करना अत्यावश्यक है !!!!

//// दुराचारी रामपाल का तो काम तमाम समझो - अब कुछ विवेचना हो जाए ....////

विवेचना हेतु कल्पना करें कि - TV बहस में भाग ले रहे हों केवल भाजपा के नलिन कोहली और कांग्रेस के संजय झा .... और एंकर हों - काबिल पत्रकार रवीश कुमार ....
रवीश - संजय झा शुरुआत मैं आप से करता हूँ - बताएं आखिर रामपाल को इतनी नाटक नौटंकी के बाद गिरफ्तार ........>>>>.......
संजय झा .... साबित हो गया कि भाजपा की खट्टर सरकार निकम्मी ........>>>>.......
रवीश - नलिन आप पर जो आरोप लगे उस पर आपकी प्रतिक्रिया ....
नलिन - देखिये संजय कि मैं बहुत इज़्ज़त करता हूँ पर ये भूल रहे हैं कि 10 साल तक हरियाणा में कांग्रेस की हुड्डा सरकार ........>>>>.......
और घंटे भर की बहस के बाद रवीश कुमार मुस्कुराते हुए आप से मुखातिब हो कहेंगे कि - आप तो सब समझ ही गए होंगे ........>>>>.......
और मेरा दावा है कि आप भी समझ गए होंगे कि - भाजपा-कांग्रेस या कांग्रेस-भाजपा में "इत्तू" सा भी फरक नहीं हैं - ये दोनों पार्टियां अंदर से मिलीजुली ऊपर से एक दूसरे को गालियां देतीं - एक समान भ्रष्ट फरेबी - धर्म जाती के नाम पर गंदी राजनीति करती आयीं महा टुच्ची पार्टियां हैं !!!!
और हाँ यदि दिमाग का दहीं करना हो तो फिर एक और कल्पना करें कि ....
एंकर रवीश कुमार की जगह हों देश के सबसे बड़ेवाले तथाकथित पत्रकार दीपक चौरसिया ....
और बहस में शामिल हों - भाजपा के विजेंदर गुप्ता, कांग्रेस की शोभा ओझा, शिवसेना के प्रेम शुक्ला, समाजवादी के गौरव भाटिया, बहुजन पार्टी के भदौरिया, और कमाल फारूकी, चक्रपाणि महाराज और पंडित महेंद्र मिश्रा और आचार्य राजकुमार शास्त्री - आदि .... तो यकीन मानियेगा - कान में उंगल डाल आप कह उट्ठेंगे ....
हे भगवान ! हे राम !! हे रामपाल !!!!
और शायद आप ये भी कह उठें कि मीडिया वाले भी पिटे तो क्या गलत पिटे ????

Wednesday 19 November 2014

//// और आखिरकार रामपाल गिरफ्तार हुआ .... तो क्या खट्टर बरी हुए ?? ////
कृपया सोचियेगा ज़रूर ....

//// मोदी जी ने तो भारत को दुनिया में बदनाम ही कर दिया ////

कुछ वाजिब आक्रोश के साथ मेरा कहना है कि मोदी जी ने भारत को दुनिया में जितना बदनाम करने का काम किया है शायद ही इतिहास में किसी नेता ने किया हो ....
मैं मैं और बस मैं -
भारत गन्दा है - मैं साफ़ करूंगा
भारत के लोग निराशा से भरे हैं - मैं ही उनमे आशा भरूंगा
भारत के लोग दयनीय हैं - मैं उन्हें ठीक करूंगा
भारत की सारी व्यस्वस्थाएं हास्यास्पद हैं - मैं उन्हें चुस्त दुरुस्त करूंगा
भारत की सभी संस्थाएं कमियों से ग्रस्त हैं - मैं ही ठीक कर सकूँगा
भारत की बाकि सारी राजनीतिक पार्टियां निकम्मी हैं - बस मैं ही हूँ जैसे तैसे सब ठीक करूंगा
भारत के लोग नालायक हैं - मैं अलबेला उन्हें लायक बना दूंगा
भारत के सारे कानून फ़िज़ूल और कालबाधित हो गए हैं - मैं सारे कानून हटा दूंगा
भारत की सब ने मिल कर पिछले 60 साल में ऐसी की तैसी कर दी है - मैं सब ठीक करूंगा
इसलिए ....
बाकी सब की ऐसी की तैसी - बहुत हो गया - आप तो बस मुझे आशीर्वाद दें - मुझ पर भरोसा करें - मुझे प्यार दें - मैं जैसा कहता हूँ वैसा करें - मैं जैसा कहता हूँ वैसा ही सोचें - मेरी हाँ में हाँ मिलाते रहें - मैं मैं मैं बस मैं - तो बजाओ तालियां ..... आदि इत्यादि !!!!
भारत और भारतवासियों के ऐसे अपमान से मैं व्यथित हूँ और स्पष्ट शब्दों में इसकी भर्त्सना करते हुए अपने देशवासियों से आग्रह करता हूँ कि ....
// अपनी कमियों को तो पार पाइएगा - पर अपने गौरव पर अभिमान करते हुए इस नेता नाम की जात से सजग रहिएगा और इनके गंदे इरादों को सफल मत होने दीजियेगा //
और मोदी जी के 6 माह के क्रियाकलापों पर ज़रूर मनन करियेगा - मुझे लगता है कि बस बातें ही बातें हैं - काम तो कुछ दिखता नहीं - इसलिए विशेष रूप से कहूँगा - फेंकू से सावधान !!!!
और हाँ मनमोहनसिंह जी पर भ्रष्टाचार संबंधित दाग और अन्य कमियां तो आपके सामने हैं ही - पर मनन करियेगा कि उन्होंने बिना बघारे शांति और शालीनता के साथ इस देश के लिए कुछ अच्छा भी तो किया ही था - // और आम भारतवासियों के गुण और पराक्रम के रहते उन्नति प्रगति तो फिर भी होती ही रही थी // है ना !!!!

//// आतंकवाद के खिलाफ बने वैश्विक रणनीति - मोदी .... राजपाल के खिलाफ भी क्यों नहीं ? ////

ऑस्ट्रेलिया की संसद को सम्बोधित करते हुए मोदी जी ने कहा कि - आतंकवाद से निपटने के लिए व्यापक वैश्विक रणनीति बनानी चाहिए !!!!
मोदी जी के आह्वाहन का मैं स्वागत करता हूँ ....
पर रामपाल का क्या होगा ?? उसके खिलाफ कौन रणनीति बनाएगा - कौन कार्यवाही करेगा ??
मेरे हिसाब से तो अभी तात्कालिक आवश्यकता रामपाल के खिलाफ कार्यवाही हेतु एक ठोस रणनीति बनाने की है - जिसमें भारत के सभी राज्यों सहित ऑस्ट्रेलिया अमेरिका जापान नेपाल भूटान एवं सभी G-20 देशों की सहभागिता सुनिश्चित होनी चाहिए - और पाकिस्तान और चीन ने भी अपने सारे झगडे भुला इस महान कार्य में भारत की सीधे-सीधे मदद करनी चाहिए !@#$%? है ना ????
और कोई चारा भी बचा है क्या ?? आखिर खट्टर बेचारे खच्चर जैसे लगे पड़े अकेले कितनी खटर पटर कर पाएंगे ????
मानवता और शर्म नाम की भी कोई चीज़ होती है कि नहीं ????

Tuesday 18 November 2014

//// यदि इमाम बुखारी या ओवैसी या कोई अन्य भी कानून के गुनहगार हैं - तो ???? ////

आज रामपाल प्रकरण में पूरे देश में बहस चल रही है - और भाजपा से मूल प्रश्न ये पूछा जा रहा है कि आखिर रामपाल को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा सका ? .... और स्वाभाविक रूप से भाजपा को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है - मैं भी कहाँ चुप रहता - लिखा और खूब लिखा !!!!
लेकिन भाजपा के अनेक प्रवक्ताओं द्वारा और fb पर भी कई भक्तों द्वारा जो बकवास पटकी जा रही है उसका लुब्बेलुबाब देखिये ....
इमाम बुखारी पर भी कई वारंट हैं - फिर उनके विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं - ओवैसी पर सब चुप क्यों हैं - कांग्रेस ने क्या कर लिया था - पहले ये हुआ था - फलां हुआ था - तब तुम कहाँ थे - जब हिन्दूओं के विरुद्ध अन्याय हो रहा था तब कहाँ थे - सो रहे थे - तुम दोगले - तुम्हारे बाप दोगले - तुम सेक्युलर के नाम पर धब्बा हो - तुम प्रश्न पूछने वाले होते कौन हो - मोदी को वोट नहीं दिया था तो अब तो तुम चुप ही रहो - तुम तो कटुओं को तोको तो जन्नत में हूरे मिलेंगी - नकारात्मक सोच वाले बुड्ढे - नालायक - AAPian - AAPtard - कोंग्रेसी - सोनिया के चमचे - आदि इत्यादि ??
इस संबंध में मेरी टिप्पणी है कि ....
यदि ये सही है कि इमाम बुखारी पर अनेक वारंट हैं तो मेरा कहना है - डूब मरो चुल्लू भर पानी में सारे भाजपाइयों और संघियों - क्योंकि अब तो सरकार तुम्हारी है - और ना तो मुझे और ना ही आम जनता को किसी भी गुनहगार से हमदर्दी है - और यदि तुम किसी भी गुनहगार के विरुद्ध कार्यवाही नहीं कर सकते हो तो लानत है तुम पर तुम्हारी पार्टी पर तुम्हारे संगठन पर तुम्हारे अंधभक्तों पर !!!!
मित्रों आशा है आप मेरी बात से सहमत होंगे - और मेरी हौसला अफ़ज़ाई करेंगे - ताकि मैं भविष्य में भी हिम्मत के साथ सही को सही और गलत को गलत कहता रहूँ - धन्यवाद !!!!

//// हे ईश्वर मोदी जी की लाज रख लेना - 2 राज्याभिषेक तो फेल हो गए तीसरे की .. ////

विगत दिनों में मोदी जी की निजी पसंद अनुसार तीन राज्याभिषेक हुए थे >>>>
> पहले खट्टर जी - जो रामपाल केस में विफल ही नहीं अप्रासंगिक और हास्यास्पद साबित हो गए हैं !!!!
> इसी तरह दूसरे देवेन्द्र फड़नवीस - जो विश्वास मत प्राप्त करने में ही बैठे-बैठाये हास्यास्पद साबित हुए थे - और आज तक शिवसेना और एनसीपी के जंजाल से छूट नहीं पा रहे हैं - तथा विफल ही साबित हो रहे हैं !!!!
> और तीसरे हैं मोहन पर्रिकर - जिन्हे रक्षा मंत्री बनाया गया है !!!!
मैं थर-थर कांपते ईश्वर से प्रार्थना कर रहा हूँ कि - हे ईश्वर मोदी की लाज रखना - तीसरे राज्याभिषेक को गलत साबित मत होने देना .... बस !!!!
आशा है देशहित में पूरा देश मेरी प्रार्थना को अपनी प्रार्थना बनाएगा !!!!

//// रामपाल बाबा के बाद - रामदेव ..... ////

अंततः आज 18/11/14 सुबह रामपाल आश्रम पर खट्टर पुलिस की कार्यवाही !!!!
देर आयद - और दुरुस्त भी नहीं आयद .... क्योंकि मीडिया को कवरेज हेतु रोका गया !!!!
खैर आगे मेरी मांग है कि सरकार ने ऐसे सभी स्वयंभू बाबाओं के विरूद्ध सघन जाँच कर ऐसे आश्रमों और संस्थाओं और ठगों और गुंडों पर कार्यवाही करनी चाहिए .... जो वस्तुतः धंधेबाज़ ज्यादा दिखते हैं और संत कम !!!!
और मेरा सुझाव है कि अब सघन जांच की शुरुआत बाबा रामदेव से की जा सकती है ....
वैसे सभी को अपनी अपनी मांग प्रस्तुत करने का अधिकार है - और सरकार को उचित निर्णय का - है ना - और सरकार के निर्णय का अनुमान लगाना भी कहाँ मुश्किल है - ये रामपाल बाबा भी तो भाजपा के ही समर्थक थे - शायद कार्यवाही में देर का कारण भी राजनितिक समर्थन / संरक्षण ही हो - है ना !!!!

//// मोदी सरकार की पहली योजना समयसीमा की घोषणा के साथ !@#$%? ////

आज सरकार ने "किसान विकास पत्र" जारी करने की घोषणा करते हुए इसके प्रावधानों का खुलासा करते हुए बताया है कि इस योजना में जमा राशि "100 महीने" में दोगुनी हो जायेगी !!!!
मेरे आंकलन अनुसार और संयोग से सरकार द्वारा ये पहली उद्घोषणा है जिसमें समयसीमा का उल्लेख है - "100 महीने" .... और इसलिए बधाई !!!!
अब मैं आशा करता हूँ कि सरकार और भाजपा ये भी घोषणा करे कि ....
बुलेट ट्रेन कितने महीनों में शुरू हो जायेगी ?
कालाधन कितने महीनों में आना शुरू हो कितने महीनों में पूरा आ जाएगा ?
सभी स्कूलों में और गावों में और शहरों में शौचालय कितने महीने में बन जाएंगे ?
गंगा कितने महीनों में साफ़ हो जायेगी ?
100 स्मार्ट सिटी कितने महीनों में बन जाएंगी ?
सांसदों द्वारा मजबूरी में गोद लिए गाँव कितने महीनों में आदर्श हो जाएंगे ?
राम मंदिर कितने महीने में बनना शुरू हो कितने महीने में पूर्ण हो जाएगा ?
भारत कांग्रेस मुक्त कितने महीनों में हो जाएगा ?
Naturally Corrupt party का समर्थन भाजपा कितने महीने बाद नकारेगी ????
....आदि इत्यादि ......
अब भक्त लोग कहेंगे कि दुआ जी आप सठिया गए हो बूढ़े हो गए हो पागल हो गए हो - भाई "किसान विकास पत्र" तो बैंकिंग संबंधित नियम के तहत एक समयावधि जमा पत्रक है जिसमें समय निर्धारित करना आवश्यक होता ही है ....
तो मैं ज्ञानी भक्तों से पूछना चाहूंगा कि क्या जहाँ नियम आड़े आते हैं और बताना आवश्यक हो वहीँ समय बताओगे - नहीं तो बस धूल में लट्ठ - फेंका फांकी कर लोगों को बेवक़ूफ़ बनाओगे ????

Monday 17 November 2014

//// रामपाल गायब - अब सुनियेगा खट्टर की खटर-खटर ////

रामपाल गायब हो गया - मेरी त्वरित टिप्पणी ....
खट्टर खच्चर की तरह खटर-खटर करते रह गए - राजनाथ झारखण्ड की चुनावी रैलियों में व्यस्त रहे - मोदी जी ऑस्ट्रेलिया में भारत का गौरव बढ़ाने में जी जान से लगे रहे - मैं फालतू बैठा हुआ सबको कोसता रहा ....
भक्तों को तो कुछ संपट ही नहीं बैठ रही - क्या हो गया - क्या कहें - चाचा रामपाल को कहाँ ढूंढेंगे - वो कहाँ मिलेगा - नहीं मिलेगा तो क्या होगा - बेचारे मोदी जी की बदनामी होगी - खट्टर का राज्याभिषेक तो उन्होंने ही कराया था - पर अब खट्टर भी खटर-खटर ही करेगा - दुआ जी फिर कोसेंगे - फिर लिखेंगे - फिर ताने मारेंगे ....
मैं सोचता हूँ - भक्त भी आजकल कितना सही सोचते हैं - है ना !!!!

//// पाकिस्तान और चीन को ललकार !! फिर रामपाल को क्यूँ पुचकार !! ////

राजनाथसिंह - केंद्रीय गृह मंत्री - स्थान झारखण्ड - मौका चुनावी रैलियां - और ......
चीन पाकिस्तान को चेताया भी ललकारा भी !!!! कहा >>>>
> "पाकिस्तान और चीन द्वारा सीमा का उल्लंघन करने पर अब माकूल जवाब दिया जाएगा" ....
> "हम सोते नहीं रहेंगे - किसी देश ने आँखें तरेरी तो हम माकूल जवाब देंगे" ....
> "बीएसएफ को निर्देश दिया है कि वह सफ़ेद झंडा नहीं दिखाये बल्कि उचित जवाब दे" ....
> "बीएसएफ से कहा है कि पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन का जोरदार जवाब दे" ....
बहुत अच्छे राजनाथसिंह जी - आपने जो कुछ कहा साहस बताया चेताया ललकारा उससे मैं सहमत हूँ .... बहुत अच्छे !!!!
पर ये सब विधानसभा की चुनावी रैलियों में ???? कुछ शोभा नहीं देता श्रीमान !!!!
और शोभा तो यह भी नहीं देता कि झारखण्ड जैसे एक और राज्य हरयाणा में आपकी खट्टर सरकार के रहते और आप जैसे बहादुर गृह मंत्री के रहते एक रामपाल नाम के साधारण स्वयंभू भगवान को आप सब मिलकर कोर्ट के आदेशों के बावजूद जनता के पैसे से हज़ारों पुलिस वालों को मौके पर तैनात करने के बावजूद गिरफ्तार तक नहीं कर सके - क्या अब भी कहूँ बहुत अच्छे - या ....!!!!
तो श्रीमान देश के अंदर विधानसभा की चुनावी रैलियों में इस बात का भी उल्लेख पहले हो जाए - अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों का बखान फिर जब लोकसभा चुनाव आएंगे तब कर लीजियेगा - या फिर दिल्ली में अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कह दीजियेगा - साथ में पत्रकारों के कुछ सवालात के जवाब भी हो जाएंगे - अब तक लव-जेहाद के बारे में कुछ दुर्घटनावश मालूम पड़ गया हो तो लगे हाथ वो भी बता दीजियेगा - अब एकतरफा वार्तालाप को भी तो बहुत दिन हो गए हैं ना - है ना !!!!

Sunday 16 November 2014

//// मोदी जी ! देशवासियों की शिकायत विदेश में ? ////

आज 16/11/14 को प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ब्रिस्बेन ऑस्ट्रेलिया में महात्मा गांधी की मूर्ती के अनावरण के समय भाषण देते हुए कुछ यूं कहा कि ....
// भारत में ऐसी चर्चा हो रही है कि वह जब से प्रधानमंत्री बने हैं, तब से वह महात्मा गांधी का जरूरत से ज्यादा उल्लेख करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि वह तो गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले से ही महात्मा गांधी के दर्शन और विचारों में यकीन रखते हैं। //
मुझे मोदी जी के उपरोक्त वक्तव्य से घोर निराशा हुई है - मेरी आपत्ति इस बात से है कि विदेश में भारत के आतंरिक बातों का उल्लेख क्यों ? आप के वक्तव्य से तो ये ही मतलब निकलता है कि आप अपने देशवासियों पर ये आरोप लगा रहे हैं कि स्वयं आपके ही देशवासी फालतू में आपकी आलोचना करते रहते हैं !!!!
मोदी जी ! यदि आपको देशवासियों की किसी बात से आपत्ति थी तो आप देशवासियों से देश में ही संवाद स्थापित कर सकते थे, बाहर विदेश में भारतियों को नीचा दिखाने का प्रयास क्यों ????
फिर बताना ही था तो पूरी बात ही बता देते कि - देशवासी आपको फेंकू भी बोलते हैं - आपको गुजरात के दंगों का दोषी भी मानते हैं - आदि इत्यादि !!!!
मोदी जी मैं आपको बहुत विनम्रता और आदर के साथ कहना चाहूंगा कि आप और हम सबसे पहले भारतीय हैं और इस नाते भाई-भाई - हमारे विचार भिन्न हो सकते हैं और इसलिए हमें आपस में एक दूसरे से शिकायत हो सकती हैं - हम एक दूसरे को बुरा भला भी कह सकते हैं - पर इसका ये मतलब तो नहीं कि आप या हम विदेशियों से विदेश जाकर अपना दुखड़ा रोने लगे और अपने को महामंडित करने के चक्कर में अपने देशवासियों को नीचा दिखाने का प्रयास करें ????
आशा है आपको अपनी गलती का अहसास होगा !!!! धन्यवाद !!!!

//// धारा-370 पर भाजपा के 370 टर्न - शर्मनाक ////

जब भाजपा सत्ता में नहीं थी तब भाजपा एवं संघ परिवार से जुड़े लोग कई वर्षों से लगातार छाती पीट पीट कर और कभी फुला कर और कभी चौड़ी कर और कभी नाप बता कर बोलते आये थे - धारा-370 हटनी चाहिए - धारा-370 हटाओ - धारा-370 हटाना पड़ेगी - जब हम सत्ता में आएंगे तब धारा-370 हटा देंगे .... आदि इत्यादि !!!!
पर अब जब भाजपा सौभाग्य / दुर्भाग्य से केंद्र में सत्ता में आ गयी है तब भाजपा के सुर तेवर और भाषा बदल गयी है - जम्मू कश्मीर से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहीं प्रत्याशी हिना भट्ट ने तो यहाँ तक कह दिया कि यदि धारा-370 हटाई गयी तो वो बन्दूक उठा लेंगी - और फिर मोदी सरकार में मंत्री एवं पूर्व सेनाध्यक्ष वी.के. सिंह ने कह दिया कि भाजपा ने तो धारा-370 हटाने या उसमें संशोधन की बात कभी कही ही नहीं !!!!
मैं ऐसे दोगलेपन को धिक्कारता हूँ .... कल से आप कह देंगे कि - राम मंदिर बनाने की बात हमने कही ही नहीं - यूनिफाइड सिविल कोड की भी बात कहाँ की थी - हमने तो बस भारत को कांग्रेस मुक्त करने की बात कही थी और हम जी जान से लगे तो हैं - इस बार कश्मीर से एन-केन-प्रकारेण कांग्रेस का सफाया कर देंगे - बस !!!!
यदि आपकी छाती 56" की है तो पारदर्शिता के साथ इस मुद्दे पर साफगोई से अपनी बात देश के समक्ष रखें - धारा-370 हटानी है हटाएं नहीं हटानी है तो बता दें - और यदि साफगोई से कुछ कहने में अड़चन हो या कोई समस्या हो या डर लगता हो तो कम कम से चुप तो रहें .... क्यों अपनी जगहंसाई करवाने पर तुले हैं - ये संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दा है - क्यों नाहक विधानसभा की 2-4 सीट जीतने के स्वार्थ में देशवासियों के बीच भ्रम फैला रहे हैं - और अटल आडवाणी द्वारा स्थापित साख की वाट लगा रहे हैं ????

//// कालाधन अब अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा - वायदा शीघ्र पूरा हो ////

आज हमारे प्रधानमंत्री जी ने G-20 में कालेधन का मुद्दा उठाया है .... 
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को उठाने मात्र से ये अब बात स्वतः स्थापित हो जाती है कि कालेधन का मुद्दा एक सच्चा यथार्थ खरा मुद्दा है, और इस मुद्दे से जुडी राशि वस्तुतः लाखों करोड़ों में होना अपेक्षित और स्वाभाविक है ....
और तो और मोदी जी ने इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे से भी जोड़ा है - अतः अब ये मुद्दा अति संवेदनशील भी हो जाता है ....
अतः मैं मोदी जी को इस मुद्दे में अब सही दिशा में बढ़ने के लिए बधाई और धन्यवाद देता हूँ .... और आशा करता हूँ कि मोदी जी चुनाव पूर्व किये गए वायदे को विलम्ब से ही सही पर अब शीघ्र पूरा करेंगे - एवं कम से कम देश को इस वायदे को पूर्ण करने के लिए पुनरीक्षित समय सीमा ज़रूर बताएँगे !!!!

Saturday 15 November 2014

//// महंगाई पर लगाम लगी - आप चाहें तो श्रेय मुझे दे सकते हैं !! ////

थोक एवं खुदरा महंगाई दर में कमी - पेट्रोल डीज़ल के भाव भी कम !!!!
प्रशंसा स्वागत बधाई धन्यवाद !!!! पर किसको ????
यदि ये पता चल जाए कि इस सरकार ने ऐसा क्या-क्या किया या इस सरकार के किस-किस मंत्री या मंत्रालय या विभाग ने ऐसा क्या-क्या किया जिससे महंगाई पर लगाम लगी है, तो ही तो आप वास्तविक सुपात्र को श्रेय दे सकेंगे ना !!!! पर इस जानकारी का तो आभाव है !!!!
अतः मेरा विनम्र निवेदन है कि जब तक पूरी बात का खुलासा नहीं हो जाता तब तक आप आपकी बहुमूल्य प्रशंसा स्वागत बधाई एवं धन्यवाद मेरे नामे कर सकते हैं - मुझे श्रेय दे सकते हैं !!!!
क्योंकि आखिरकार वो मैं ही तो था जो इस महंगाई और मोदी सरकार के विरोध में खुलकर लिखता रहा हूँ .... शायद ये उसी निंदा का असर हो ????

//// शुभ समाचार ! काला धन बेहिसाब - वापस लाना भी प्राथमिकता - पर कब तक ? ////

अभी कुछ दिन पहले मोदी जी ने अपने ही देश भारत में कहा था कि विदेश में कालाधन कितना हैं उन्हें या अन्य किसी को भी नहीं पता - 2-5 रुपये वाली बात सुन कर तो मेरा दिल ही बैठ गया था ....
पर आज विदेश से ये शुभ समाचार आया है कि मोदी जी ने विदेश में कहा कि विदेश में पड़ा बेहिसाब काला धन विदेश से वापस लाना उनकी प्राथमिकता है ....
देश और विदेश में कितना अंतर है ना !!!!
पर इस शुभ समाचार के बावजूद मुझे थोड़ी चिंता भी हो रही है - जब काला धन वापस लाना सरकार की प्राथमिकता होते हुए भी इसके क्रियान्वयन या संपूर्ण होने संबंधित मूलतः 100 दिनी उद्घोषणा और 100 दिन व्यतीत होने के उपरान्त पुनरीक्षित "समय सारिणी" का कोई खुलासा नहीं है - तो मैं सोचता हूँ कि फिर - भ्रष्टाचार उन्मूलन, बुलेट ट्रेन, गंगा सफाई, राम मंदिर, स्वच्छता अभियान, स्मार्ट सिटी, आदर्श ग्राम आदि इत्यादि के तय प्राथमिकता क्रम और "समय सारिणी" का पता कब चलेगा ????
या सब राम भरोसे ???? या सब मोदी भरोसे ????

Friday 14 November 2014

//// "बाल दिवस" + "स्वच्छता अभियान" = "बाल स्वच्छता अभियान" ////

मुझे लगता है - राजनीति से ऊपर उठकर और वहीँ पर टिक कर मोदी जी ने तो बड़ेवाले बड़प्पन का परिचय दिया है ....
सरकार की तरफ से भी बाल दिवस मनाया गया - और मैंने देखा कि अखबारों में सरकारी विज्ञापन में मोदी जी और स्मृति ईरानी के फोटुओं के साथ नेहरू जी का भी फोटो समाविष्ट करते हुए स्वच्छता अभियान को "बाल स्वच्छता अभियान" लिखा गया ....
यानी कि "बाल दिवस" + "स्वच्छता अभियान" = "बाल स्वच्छता अभियान" !!!!
और इस तरह मन गया बाल दिवस !!!! चाचा नेहरू ज़िंदाबाद !!!!
पर ये सब कुछ मेरे दिमाग में कुछ प्रश्न भी छोड़ गया है ....
क्या कल से "मदर्स डे" पर "मदर्स स्वच्छता अभियान" और "फादर्स डे" पर "फादर्स स्वच्छता अभियान" और "टीचर्स डे" पर "टीचर्स स्वच्छता अभियान" मनाएंगे ????
और क्या मैं मान लूँ कि 2 अक्टूबर से शुरू किया गया स्वच्छता अभियान "बाल" हेतु नहीं था और "बाल" हेतु "बाल स्वच्छता अभियान" तो आज 14/11/14 से ही शुरू किया गया है ????

//// बाल दिवस के उपलक्ष में ////

आजकल तो राजनीतिक पार्टियों के अंदर का बच्चा भी जाग गया है - सबको दूसरे का ही खिलौना चाहिए ....
एक कहता है मेरे पास तो खिलौने हैं ही नहीं - मुझे उसका गांधी, नेहरू, पटेल, झाड़ू सभी चाहिए ....
दूसरा कहता है तुझे 'पटेल' दे दिया ना उसी से खेल - सारे नहीं दूंगा ....
तीसरा समझदार था बोला ले ले भाई मेरा झाड़ू ले ले - कुछ देर खेल ले - थोड़े समय में पता चल जाएगा कि इस से खेलने में कितना दम-ख़म लगता है - हौसले पस्त होते ही मन भी भर जायेगा - ये तो मेरा ही है मेरा ही रहेगा !!!!

//// "अब आया ऊंट ऊंट के बाजू में - पहाड़ से बहुत दूर" ////

बहुत दिनों बाद पप्पू कुछ बोला - बोला फेंकू को अंग्रज़ी नहीं आती - फोकट गुस्सा करता रहता है - बड़े बड़े वादे फेंकता है पर करता कुछ नहीं - फेंकू फोटू तो कचरा साफ़ करने की खिंचवाता है पर ज़हर फैलाता है - आदि !!!!
फेंकू ने भी दोस्तों के मार्फ़त जवाब दिया कि पप्पू ने ज़िन्दगी भर फोटू ही तो खिंचवाए थे - कभी दलित के घर कभी लोकल ट्रेन में कभी कागज फाड़ते - आदि !!!!
ये दोनों ऐसी ही बचकानी बातें करते आये हैं - बच्चों जैसे ही लड़ते रहे हैं और एक दूसरे को ऊंट और खुद को पहाड़ बताते रहे हैं .... ये दोनों ही अपरिपक्व और बिगड़ैल हैं - और ये दोनों ही आपस में फ़िज़ूल बातों पर बचकानी मिली जुली कुश्ती करते दिखेंगे !!!!
पर मुद्दे की बात - मुझे लगता है कि ये दोनों वो ऊंट हैं जो पहाड़ रुपी भ्रष्टाचार के मुद्दे से दूर ऐसे भागते रहे हैं जैसे गधे के सर से सींग ....
तो मैं तो यही कहूँगा कि - "अब आया ऊंट ऊंट के बाजू में - पहाड़ से बहुत दूर" ....
और मुझे इंतज़ार है कि ये दोनों ऊंट पहाड़ के नीचे कब आते हैं - और छोटा ऊंट पहले आएगा या बड़ा ऊंट पहले ????

Thursday 13 November 2014

//// राजनेताओं की तरह हम सामान्य जन अपने स्वार्थ की बातें कब समझेंगे ? ////

करोड़ों रुपये और असीम संसाधन और समय खपाया जाता है लाखों वोट के द्वारा सांसदों या विधायकों को चुनने मात्र के लिए !!!!
तो फिर आपने कभी ये सोचा कि चुने हुए सांसद या विधायक सदन के नेता का चुनाव भी मात्र कुछ सौ वोट के द्वारा क्यों नहीं कर सकते ?? या क्यों नहीं करना चाहिए ??
भाई सीधी सरल सी बात है - सभी चुने हुए प्रतिनिधियों को एक हॉल में बिठा दो सबके हाथ में एक-एक वोट दे दो एक पद्धति का निर्धारण कर 1-2 घंटे में वोटिंग के ज़रिये नेता चयनित करवा दो बस .... फिर महाराष्ट्र में जैसा कुछ दुर्भाग्यपूर्ण हुआ और अन्यत्र भी अनेकों बार होता आया है नहीं हो सकेगा - नाटक नौटंकी बंद - इसमें कौनसी राकेट साइंस लगती है जो क्लिष्ट प्रतीत हो ????
पर साहब ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि दलील दी जायेगी कि संविधान में ऐसा प्रावधान नहीं है !!!!
तो संविधान में प्रावधान कर क्यों नहीं देते ?? क्या आदरणीय बाबा साहेब कोई प्रतिबन्ध लगा गए थे ? क्या संविधान में पुरानी व्यवस्थाओं को बदलने या नए कानून बनाने का प्रावधान नहीं है ????
सब कुछ है ! पर ये मक्कार जानबूझकर कुछ नहीं करेंगे - कारण मैं बताता हूँ जनाब .... इन मक्कारों को ये 'सूट' नहीं करता - सभी की दुकानदारी बंद हो जायेगी - पार्टी पॉलिटिक्स की ऐसी की तैसी हो जायेगी - आलाकमान की वाट लग जायेगी - स्थापित बपौतियाँ नेस्तनाबूद हो जाएंगी .... आलाकमान टिकट किसी को देगा वो जीत के नेता किसी और को बना देगा - चुनाव में कालाधन कोई लगाएगा पर उसका मज़ा कोई और ले जाएगा .... इसलिए - "नहीं नहीं और नहीं - बिलकुल नहीं" !!!!
पर आगे मेरा कहना है कि मित्रों - ये मक्कार राजनेताओं को उनके स्वार्थ की बातें तो बहुत अच्छे से समझ आती हैं - पर हम सामान्य जन को अपने स्वार्थ की बातें कब समझ आएँगी ????
मेरा सुझाव मानें तो हम सब को सभी बातें समझ आ जाएंगी, यदि हम समझना चाहें - और यदि हम इन राजनीतिज्ञों के चंगुल से निकल इनकी भक्ति करना छोड़ इन पर सहज विश्वास करना छोड़ देवें - और फिर थोड़ा सा अपनी अकल का इस्तेमाल करें !!!!
अब इतना तो करना ही पड़ेगा - नहीं तो .... "नहीं नहीं और नहीं - बिलकुल भी नहीं" - समझे !!!!

//// केजरीवाल जी सावधान ! आपकी हमारी लड़ाई और कठिन हो गयी है ////

केजरीवाल जी ! आपको ये बात अच्छे से मालूम है और आप ऐसा सार्वजनिक तौर पर कहते भी रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस दोनों अंदर से मिले हुए हैं .... बल्कि ये सत्य सबसे पहले देश को समझाने का श्रेय भी आप को ही जाता है ....
पर ये जानते हुए भी कि आपकी दक्षता पूर्ण है मैं महाराष्ट्र के घटनाक्रम के परिप्रेक्ष्य में अपनी तरफ से आपको सावधान करना चाहूंगा कि ....
कांग्रेस की पोल तो पहले खुल चुकी है और भाजपा ने भी अब शर्म की फटी पुरानी चादर तक उतार फेंकी है - और इसलिए निकट भविष्य में भाजपा और कांग्रेस का खुला गठबंधन हो सकता है !!!!
अतः आपकी लड़ाई इस बार केवल भाजपा से नहीं है बल्कि भाजपा + कांग्रेस से खुलकर ही है - क्योंकि आप की लड़ाई भ्रष्टाचार से है और ये दोनों पार्टियां और इनके आका एक जैसे भ्रष्टाचार में लिप्त हो भ्रष्टाचार के पर्याय बन चुके हैं - कोल् घोटाला, LG के क्रियाकलाप, पार्टियों को RTI से विमुक्ति, चुनाव में बाहुबल और कालेधन का इस्तेमाल, लोकपाल का हश्र आदि इसकी पुख्ता पुष्टि करते हैं !!!!
इसलिए अब आपको वाड्रा या येदियुरप्पा से लड़ने के लिए इन दोनों ही पार्टियों के खुले प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा - यहाँ तक कि वाड्रा को भाजपा और येदियुरप्पा को कांग्रेस बचाती, और जनता ताली बजाती, नज़र आ सकती है - और इसके इतर आपके मफलर और चप्पल आदि पर धरना प्रदर्शन तक संभावित है !!!!
अस्तु - आपकी हमारी लड़ाई और कठिन हो गयी है !!!!
सावधान तो हमें ही होना था पर शर्म के साथ लाचारी में उलटे आपको ही सावधान कर रहा हूँ - आशा है क्षमा करेंगे !!!!

Wednesday 12 November 2014

//// महाराष्ट्र के स्पीकर और मुख्यमंत्री उद्घोषित करें कि NCP का समर्थन था या नहीं ? ////

आज 12/11/14 को विधानसभा में जो बहुमत हासिल किया गया है उसके परिप्रेक्ष्य में NCP के विधायकों का तो स्पष्ट कहना है कि उनका मत सरकार के पक्ष में था !!!! 
पर फिर भी मैं देश के नागरिक होने के नाते महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर और मुख्यमंत्री फड़नवीस से मांग करता हूँ कि वो भी आधिकारिक रूप से मात्र ये उद्घोषित कर दें कि क्या NCP के विधायकों का मत सरकार के पक्ष में माना गया था कि नहीं ????
वर्तमान विवाद के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त न्यूनतम उद्घोषणा अभिलेखों में होना जनहित और पारदर्शिता के लिए आवश्यक है !!!!
इसलिए आशा है भक्त सहित सभी मेरी मांग का समर्थन करेंगे !!!!

//// बेशर्मी के साथ बेईमानी की नौबत ? ////

मेरे हिसाब से महाराष्ट्र विधानसभा के पटल पर जिस तरह से भाजपा ने विश्वासमत हो-हल्ले में ध्वनि मत से झटक लिया है वह निंदनीय अवांछनीय और अनैतिक है !!!!
इसके पीछे डर और मजबूरी ये ही रही होगी कि भ्रष्ट NCP के सपोर्ट का तमगा कहीं वैधानिक रूप से ना चिपक जाए .... जबकि वस्तुस्थिति ये है कि NCP के सपोर्ट के तमगे के साथ-साथ बेशर्मी का तमगा तो चिपका ही हुआ था - और आज इसके अतिरक्त 'बेईमानी' का एक और तमगा चिपक गया है !!!!
अभी तो 5-6 महीने ही हुए हैं - आगे-आगे देखिये और कितने तमगे चिपकते हैं इन हिंदबहादुरों पर !!!!
जिस सरकार की नींव ही अनैतिकता पर और इमारत भक्तों पर टिकी हो उससे कुछ नैतिकता और अच्छे की उम्मीद मुझे तो नहीं बची है .... बाकी सब का अपना अपना मूल्यांकन हो सकता है - मैं तो एक साधारण बुड्ढा आदमी हूँ जिसे भक्त लोग अपना सारा कामकाज छोड़ पुरजोर कोशिशों और सतत लगन के साथ नकारने में ही लगे हुए हैं - लगे रहें - देश के लिए दो चार गालियां और खाने के लिए तैयार बैठा हूँ !!!!

//// क्या भाजपा NCP का समर्थन स्वीकार्य कर बेशर्मी पर नहीं उतर आयी ? ////

हद हो गयी !!!!
भाजपा ने कल साफ़ साफ़ घोषित कर दिया कि - भाजपा को कांग्रेस को छोड़कर किसी भी अन्य पार्टी का समर्थन स्वीकार्य होगा ....
इसका मतलब - भाजपा को NCP जिसे मोदी जी ने Naturally Corrupt Party बताया था उसका समर्थन स्वीकार्य होगा ....
इसका मतलब - भाजपा को भ्रष्टाचारियों का समर्थन स्वीकार्य होगा ....
क्या इसका सीधा-सीधा मतलब यह नहीं निकलता की भाजपा बेशर्मी पर उतर आयी है ????
क्या भाजपा को NCP के समर्थन के बल पर महाराष्ट्र में सरकार बना लेनी चाहिए ????
क्या कल को NCP के समर्थन वापस लेने की स्थिति में फड़नवीस को इस्तीफ़ा देना चाहिए या फिर कुर्सी पर चिपके हुए जोड़ तोड़ के और प्रयास कर बेशर्मी की पराकाष्ठा का प्रदर्शन करना चाहिए ????
क्या फड़नवीस सरकार के अल्पमत में आने की स्थिति में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा ????
यदि महामहिम राज्यपाल की अकल 8-10 माह सही काम न करेगी तो महाराष्ट्र की जनता सरकार विहीन रहेगी ????
प्रश्न तो और भी है - पर आज यहीं तक काफी है - पहले इनके उत्तर पर तो विवेचना हो जाए !!!!

Tuesday 11 November 2014

//// मोदी जी ! वो गिलास कहाँ है ? उसका पानी कहाँ है ?? बस हवा ही हवा ??? ////

आपको याद होगा कि मोदी जी ने चुनाव पूर्व दिल्ली के एक समारोह में अपनी धाक जमाने के मक़सद से बहुत ही दार्शनिक अंदाज़ में एक मंजे हुए वक्ता की तरह और एक निपुण लीडर की तरह एक कांच का गिलास जो पानी से आधा भरा था हाथ में ले मास्को स्थित लेनिन की मशहूर मूर्ती जैसी मुद्रा में हाथ ऊपर उठा और अपने शरीर से दूर रख उसकी ओर ही टकटकी से देखते हुए कहा था कि ....
"कुछ लोग कहेंगे कि ये गिलास आधा खाली है और कुछ कहेंगे आधा भरा है - पर मैं इसे एक अलग ही नज़रिये से देखता हूँ - ये गिलास आधा पानी से भरा है और आधा हवा से" .....
तालियां ! तालियां !! और जनाब पूरा हॉल तालियों से गूँज उठा था !!!!
और आज मैं भी स्वीकार करता हूँ कि उस दिन मैंने भी अपने ड्राइंग रूम में बैठ तालियां बजाई थीं - और सराहा था कि ये होती है सोच - ये आदमी जरूर कुछ करेगा !!!!
पर आज जब मैं टीवी में देखे उस सीन को याद करता हूँ तो निराश होता हूँ और विवेचना हेतु मज़बूर हो जाता हूँ ....
मुझे याद आती है बचपन की वो बात जब हम 5-6 बच्चों में से एक हमसे 2-3 साल बड़ा लड़का हमें सिक्का गायब कर दिखाता था - वो हमसे सिक्का मांगता - सिक्के को मुट्ठी में बंद कर मोदी स्टाइल में ही हाथ ऊपर कर 'छू-मंतर काली-कलंतर फूं-फाँ' आदि बोल सिक्का गायब कर देता - हम ताली बजाते - हमें मज़ा आता और हम रोमांचित हो जाते थे - हम सब घर से सिक्का लाते और वो गायब कर दिखा देता - पर जब बड़ों को इस बात का पता चला तो ..... खैर जो होना था हो गया .... हमें भी समझ पड़ गयी थी कि ठगी क्या होती है !!!!
और आज मैं उस बचपन की घटना को आज के परिदृश्य में याद कर सोचता हूँ कि ....
वो गिलास कहाँ गया ????
वो गिलास में भरा पानी कहाँ गया ????
अब सब दूर केवल हवा ही हवा क्यूँ नज़र आ रही है ????
मैं सोच रहा हूँ - कि मैं फिर ठगा गया !!!! क्या आप भी ऐसा सोचते हैं ????

Monday 10 November 2014

//// मोदी जी ! आदर्श घोटाला - अशोक चव्हाण - एक साल - जेल .... सब भूल गए क्या ? ////

मेरी स्मरण शक्ति अनुसार मोदी जी के द्वारा 30 मार्च 2014 को चुनाव पूर्व नांदेड रैली में इस बात की घोषणा की गयी थी कि आदर्श घोटाले में लिप्त महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण सहित सभी दोषियों को एक वर्ष के अंदर अंदर जेल भेज दिया जाएगा ....
पर आज मैं ये क्या देख रहा हूँ ????
विदित हो कि उसी आदर्श घोटाले में सुरेश प्रभु के नाम फ्लैट होने संबंधी आरोप भी सार्वजनिक हैं - और ये वही सुरेश प्रभु हैं जो अभी तक शिवसेना में थे, पर जनाब कल सुबह ही ये भाजपा के सदस्य बने और कुछ घंटों के बाद ही मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बना दिए गए !!!!
मोदी जी आपको प्रधानमंत्री बने 5-6 महीने तो हो गए - पर आदर्श घोटाले के बारे में कुछ भी कार्यवाही आपके द्वारा की गयी हो मुझे ऐसा ज्ञात नहीं है - और ना ही मुझे विश्वास है कि आपने कुछ किया होगा !!!!
पर जब कार्यवाही तो दूर आपके द्वारा आदर्श घोटाले से ही संबंधित व्यक्ति सुरेश प्रभु को विचित्र प्रणाली अपनाते हुए आनन फानन मंत्रिमंडल में ही ले लिया तो शक होता है की अब बचे 6-7 महीने में आदर्श घोटाले में आप कुछ भी कार्यवाही कैसे करेंगे ??
मोदी जी आपकी कथनी और करनी में घोर विरोधाभास दिख रहा है और आपकी नीयत या क्षमताओं पर संदेह हो रहा है !!!!
ऐसी स्थिति आपके और देश के लिए अच्छी नहीं हैं - अतः मैं मांग करता हूँ कि आप देश के सामने आदर्श घोटाले से संबंधित अपने पूर्व के बयानों और किये गए वायदों और अब तक की गयी कार्यवाही एवं अद्यतन स्थिति से जनता को आधिकारिक रूप से अवगत कराएं !!!!
भक्तों से निवेदन है कि हमेशा आदतन मुझे गाली देने के बजाय कृपया मेरी मांग का समर्थन कर शर्मिंदगी से बचें !!!!

//// मोदी जी ! आपका चयन जमा नहीं - आपको तो विशुद्ध देशी कालाधन भी नहीं दिखा ? ////

एक ईमानदार चोर और झूठे साहूकार का किस्सा मुझे अभी भी याद है - चोर ने चोरी करी थी और पकडे जाने पर चोरी कबूल करी थी और रुपये 1 करोड़ 14 लाख नगद की बरामदगी भी दे दी थी - पर जिस झूठे साहूकार के यहाँ चोरी हुई थी उसने कहा था - चोरी हुई केवल रुपये 50 हज़ार की ....
प्रकरण अनूठा और विचित्र था - पर मेरे आंकलन अनुसार ये पैसा स्पष्टतः कालाधन था .... विशुद्ध देशी कालाधन !!!!
मुझे तो ये भी पता नहीं पड़ पाया कि आखिर उस प्रकरण का हुआ क्या ? .... इस देश में जैसे आज तक होता आया था इस प्रकरण को भी लगता है दबा ही दिया गया .... और खरीदी-बिकी हुई मीडिया भी चुप ही रही है .... तब से ही चुप - बिल्कुल चुप !!!!
मुझे तो ठीक से ये भी नहीं पता कि चोर कौन था - अभी कहाँ है क्या कर रहा है - जिन्दा है मर गया है मार दिया गया है या कहीं मजे में ऐश कर रहा है या किसी पार्टी का सदस्य या किसी प्रकोष्ठ का सदस्य या बड़ा छुटभैया नेता या पत्रकार या अभी भी चोरी कर ही अपना जीवनयापन कर रहा है .... मुझे तो पता नहीं .... बिल्कुल पता नहीं !!!!
पर हाँ ये पता पड़ गया है कि वो तथाकथित साहूकार बिहार के मोदी समर्थक भाजपा नेता गिरिराज सिंह आज मोदी मंत्रिमंडल में माननीय मंत्री बन गए हैं ....
और तो और ये वही गिरिराज सिंह हैं जिन्होंने इस देश के हर मोदी विरोधी व्यक्ति को पाकिस्तान भेजने की असंवैधानिक धमकी दी थी ....
और चूँकि मंत्रीमंडल में किस को रखा जाए या किसको नहीं इसका परमाधिकार केवल और केवल प्रधानमंत्री का ही होता है इसलिए मैं मोदी जी के प्रति अपना रोष विरोध और अविश्वास प्रकट करता हूँ !!!!

Sunday 9 November 2014

//// भाजपा को NCP (Naturally Corrupt Party) के समर्थन के चिपकने के मायने ////

बहुत दिन हो गए शिवसेना और भाजपा में रगड़ा - झगड़ा सुलझ ही नहीं रहा है ....
लगता है कि ये झगड़ा अब प्रेमी-प्रेमिका के रूठने-वूठने के सामान नहीं है - पर ये तो पति पत्नी के तलाक जैसा सिद्ध हो रहा है !!!!
खैर रिश्ता जो भी हो मेरा तो ऐसा मानना है कि दोनों ही पार्टियों ने अपने इस रिश्ते को टूटने से बचाना ही चाहिए ....
क्योंक यदि ऐसा नहीं होता है तो भाजपा को बहुत ही अजीबो गरीब स्थित का सामान करना पड़ेगा !!!!
सबसे पहले तो भाजपा को अब शिवसेना के तेज तर्रार प्रवक्ता प्रेम शुक्ला की तीखी बातों पर असहज और शर्मिंदा होना ही पड़ेगा ....
फिर भाजपा को चाहे ना चाहे - मांगे ना मांगे NCP का समर्थन स्वयं ही चिपक जायेगा और फिर इसके कारण जो होगा वह भक्तों को बहुत शर्मसार करने वाला होगा ....
क्योंकि भक्त फिर इस बात का प्रतिरक्षण किस मुंह से करेंगे कि जब भाजपा ने NCP (Naturally Corrupt Party) का समर्थन ले लिया तो दिल्ली में कांग्रेस पार्टी का आप पार्टी को समर्थन के मुद्दे पर भाजपा आप को पानी पी पी के गालियां क्यों देती रही - उपहास क्यों करती रही - दुष्प्रचार क्यों करती रही ????
मोदी जी का क्या - वो तो लफ़्फ़ाज़ी कर इधर उधर बच निकलेंगे - पर बेचारे भक्तों की तो बैठे ठाले ही वाट लग जायेगी !!!!

//// भक्त समझदार - और मोदीमंत्र उपयोगी !? ////

आपको याद होगा मोदी जी ने सबको मंत्र समझाया था कि .... "ना गंदगी करूंगा ना गंदगी करने दूंगा" ....
पर सतीश उपाध्याय ठहरे गंदे आदमी सो आदत से मजबूर उन्हें गंदगी तो करनी ही थी - पर मोदी जी का प्रभाव भी देखिये - उन्होंने मोदीमंत्र का आंशिक अनुसरण करते हुए दिल्ली के इस्लामिक सेंटर में क्या किया ....
// "खुद गंदगी करूंगा और खुद ही साफ़ करूंगा" !! //
चलो यहाँ तक भी ठीक था - पर फिर मुझे चिंता इस बात की लगी कि मोदी जी ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध भी एक ऐसा ही मंत्र दिया था .... "ना खाऊंगा ना खाने दूंगा" ....
और मुझे डर लगने लगा कि इस मंत्र का हश्र भी आंशिक अनुसरण तक सीमित हो आदत से मजबूर ऐसा ना हो जाये कि ....
// "खुद तो खाऊंगा पर किसी और को नहीं खाने दूंगा" !! //
पर यकीन मानिए मेरी सारी उलझन एक भक्त ने खत्म कर दी - जी हाँ एक भक्त ने ....
भक्त ने मुझे समझाया कि यदि ऐसा भी हुआ कि ""खुद तो खाऊंगा पर किसी और को नहीं खाने दूंगा" तो भी यह देश भ्रष्टाचार मुक्त हो जाएगा - क्योंकि यदि कोई किसी को नहीं खाने देगा तो भी कोई नहीं खा पायेगा !!!!
तो मित्रों आप भी सीख लेवें कि - भक्त भी समझदारी की बात कर सकते हैं - और मोदी जी की बात भी अंततः उपयोगी हो सकती है !!!!
बस आप सावधान रहिये और किसी को खाने ना दीजियेगा !!!! धन्यवाद !!!!

Saturday 8 November 2014

//// स्वच्छता अभियान के तहत योजना की खामियां सिद्ध ////

सफाई अभियान के तहत मोदी जी ने वाराणसी से आज फिर 9 लोगों को सफाई दूत नामित किया और प्रत्येक नामित दूत से कहा है कि वो भी आगे इसी तरह 9 और दूत नामित करें !!!! 
कृपया विदित हो कि इसी तरह मोदी जी ने विगत 2 अक्टूबर को भी अभियान का शुभारम्भ करते हुए 9 लोगों को नामित किया था !!!!
अब कुछ विवेचना हो जाए - मैं आपके समक्ष एक सामान्य तालिका रख रहा हूँ
1 .............................................. {पहला दिन}
9 .............................................. {दूसरा दिन}
9x9 = 81 .................................. {तीसरा दिन}
81x9 = 729 .............................. {चौथा दिन}
729x9 = 6561 .......................... {पांचवां दिन}
6561x9 = 59049 ...................... {छठा दिन}
59049x9 = 531441 .................. {सांतवा दिन}
531441x9 = 4782969 .............. {आठवां दिन}
4782969x9 = 43046721 .......... {नौवां दिन}
43046721x9 = 387420489 ...... {दसवां दिन}
387420489x9 = 3486784401 .. {ग्यारहवां दिन}
उपरोक्त तालिका स्पष्ट करती है कि जैसा मोदी जी ने चाहा है यदि वो मूर्त रूप ले लेता तो अभी तक प्रत्येक देशवासी सफाई दूत बन इस अभियान से जुड़ चुका होता ....
पर ऐसा नहीं हुआ है - इसके मायने हैं कि मोदी जी के अभियान की योजना या क्रियान्वयन या गणना या व्यवहारिकता या इसकी कल्पना में कहीं ना कहीं गंभीर खोट है !!!!
मोदी जी के पीछे भक्तों की एक बड़ी फ़ौज है - अतः मैं अपेक्षा करूंगा कि भक्त लोग खोट को चिन्हित कर मोदी जी को इंगित करें ताकि कम से कम अब अगले 10-11 दिनों में पूरा देश इस अच्छे सार्थक अभियान से जुड़ सके !!!!
यदि भक्त लोगों को कुछ ज्यादा समझ न पड़े तो वो या तो मुझ से या अन्य समझदार व्यक्ति से भी संपर्क कर वांछित सहायता प्राप्त कर सकते हैं !!!!
स्वच्छता अभियान के हित में तथा सफलता की शुभेच्छा के साथ जारी !!!! धन्यवाद !!!!

Friday 7 November 2014

//// बस यूं ही - इंदौर नगर आदरणीय सुमित्रा ताई को गोद लेने की घोषणा करे ////

आज मोदी जी ने वाराणसी में अनूठा खुलासा किया कि सांसद ग्राम योजना के तहत जयपुरा गाँव ने मोदी जी को गोद लिया !
जयपुरा गाँव से प्रेरणा प्राप्त कर मैं भी इंदौर की जनता से ये आह्वाहन करता हूँ कि शीघ्र ये घोषणा कर दी जाय कि हम हमारी इंदौर की सांसद आदरणीय सुमित्रा महाजन जी को गोद लेते हैं !!
आगे क्या ?? बस सकारात्मक सोच रखें - कुछ होगा तो ठीक और ना होगा तो ना होगा - क्या फर्क पड़ता है - हमारी गोद तो भरी रहेगी !@#$%?

//// "बोलूंगा कम करूंगा ज्यादा" - वाह क्या बात कही मोदी जी - स्वागत है ////

आज वाराणसी में मोदी जी ने बोला - "बोलूंगा कम करूंगा ज्यादा" !
जियो मोदी जी जियो !! आज आपने मुझ पर जो उपकार किया है उसके लिए मैं तहे दिल से आपका आभारी हूँ - मैं इस बात से भी प्रसन्न हूँ कि आखिरकार मेरी बात आप तक पहुंच ही गयी !!!!
दरअसल बात ये है कि मैं तो हमेशा से ये कहता आया हूँ कि मोदी जी को बोलना कम चाहिए और करना ज्यादा चाहिए - पर जब भी मैं इस आशय की बात लिखता तब तब आपके भक्त मुझ पर पिल पड़ते थे, मुझे बहुत गन्दी गन्दी गालियां देते थे - पर आज आपने मेरे दिल की बात कर मेरा मन हल्का कर दिया - और गाली बकने वालों के मुंह पर तमाचा जड़ दिया !!!!
तो बस मोदी जी आज से आपके और मेरे बीच रगड़ा खत्म - ना आप कोई नई बात बोलना ना मैं किसी नई बात पर लिखूंगा - और ना भक्तों को आपके और मेरे बीच दरार पैदा करने का कोई मौका मिलेगा !!!!
तो चलिए मोदी जी - "बीती ताई बिसार दे, आगे की सुध ले' और कृपा कर आज से ही काम करना शुरू कर देवें !!!!

//// स्वयं कचरा फैला साफ़ कर दिया - क्या कालाधन भी उत्सर्जित कर साफ़ कर देंगे ? ////

शर्मनाक ! स्वच्छता अभियान का क्या गन्दगी भरा क्रियान्वयन सामने आया है !!!!
कई महीनों से राजनैतिक पैंतरेबाज़ी कर शानपत अंदाज़ में बयानात दे अपने आप को तुर्रमखां पेश करने वाले दंभ में चकनाचूर दिल्ली पर थोपे गए दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय जी इतने बेवक़ूफ़ निरूपित होंगे इसका मुझे तो अनुमान था - और हुआ भी वैसा ही ....
स्वच्छता अभियान के तहत चलन और फैशन में आये फूहड़ फोटोशूट के क्रियान्वयन हेतुसतीश उपाध्याय जी नियत स्थान पर फोटू खिंचवाने पहुँच गए और लगे एक नए झाड़ू और उस कचरे के साथ फोटू खिंचवाने जो स्वच्छ कचरा माननीय के प्रायोजना हेतु कुछ समय पहले ही साफ़ सुथरी नयी अस्थायी कर्मस्थली पर फैलाया गया था - और अंततः इस नायाब तरह से झाड़ू लगा एक बेवकूफ ने एक अच्छे अभियान पर कुछ पानी सा झाड़ू फेर दिया !!!!
खैर जो हुआ सो हुआ - मेरी आगे चिंता अब दूसरी बात पर आ टिकी है ....
कहीं कालेधन मामले में भी तो ऐसी ही कार्ययोजना नहीं है कि ये महा धुरंधरी लोग, जैसे पहले स्वयं कचरा फैलाकर तुरंत बाद उसे साफ़ करते हैं, उसी तरह पहले स्वयं कालेधन का भरपूर उत्सर्जन कर तुरंत बाद में पूरा कालाधन ही साफ़ तो नहीं कर देंगे !@#$%?
और हम धूल भरी गली के नुक्कड़ पर कचरे के ढेर पर खड़े विलाप कर रहे होंगे >>
> स्वप्न झड़े फूल से - मीत चुभे शूल से !!
> लुट गए सिंगार सभी - भाग के बबूल से !!
> और हम खड़े खड़े - बहार देखते रहे !!
> कारवां गुज़र गया - गुबार देखते रहे !! कारवां गुज़र गया - गुबार देखते रहे !!!!

//// 'राज्याभिषेकित' जीतनराम मांझी के बहाने .... ////

बिहार के मुख्यमंत्री पद पर कुछ ही समय पूर्व नितीश कुमार के आशीर्वाद और मर्ज़ी से 'राज्याभिषेकित' जीतनराम मांझी कह रहे हैं कि उन्हें प्रावधानों और कानून का ज्ञान नहीं था, इसलिए अपने दामाद को ही P.A. रखे हुए थे - अब बात सामने आई है तो लो - अपने दामाद को P.A. के पद से हटा देते हैं !!!!
इसके पहले उनके विस्मयकारी और विवादास्पद अनेक बयान आते रहे हैं मसलन रिश्वत, चूहे, डॉक्टर आदि पर - जो सबको विदित होंगे .... और इसलिए मैं उन बयानों और उनके घटियापन पर और टिप्पणी करना जरूरी नहीं समझता हूँ - क्योंकि वैसे भी जीतनराम मांझी के पक्ष में शायद ही कोई बिरला समझदार अन्यथा बात करेगा !!!!
पर इस बहाने मैं कहना चाहूंगा कि ये एक मौका है कि जब हम सब पार्टी लाइन से ऊपर उठ इस हेतु अपनी सामूहिक आवाज़ उठायें कि - संविधान में कई संशोधन अत्यावश्यक हो गए हैं - मसलन >>>>
>> भविष्य में मांझी या राबड़ी देवी जैसे लोगों की किसी एक विशेष नेता के अहम या सनक या स्वहित या ज़िद में - या राजीव गांधी जैसे विशेष व्यक्ति की भावावेश या सहानुभूति में - कम से कम उच्च पद पर सीधे राज्याभिषेक ना हो सके !!!!
>> भविष्य में तथाकथित आलाकमान की मर्ज़ी अनुसार भी मुख्यमंत्रियों का मनोनयन न हो, जैसा कि अभी-अभी खट्टर जी का या पूर्व मैं चह्वाण जी जैसे अनेकों नेताओं का होता ही आया है !!
>> भविष्य में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के पद पर चुनाव अनिवार्यतः चुनाव आयोग की ही देख-रेख में चुने हुए सांसदों या विधायकों के द्वारा बंद पेटी में वोट डाल कर ही कुछ विशेष डिज़ाइन और प्रावधान अनुसार ही हों - ताकि सही मायने में सबसे लोकप्रिय व्यक्ति का सदन के नेता के रूप में बिना अनुचित हस्तक्षेप के चयन हो सके !!!!
>> प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री के लिए कुछ न्यूनतम आहृतायें नियत की जाएँ - जैसे कि कम से कम 10 साल सांसद / विधायक रहे हों - कम से कम 5 साल मंत्री रहे हों - कम से कम स्नातक हों - आयु 50 से अधिक और 70 से कम हो - आदि इत्यादि !!!!
>> ऐसे पुख्ता कानूनन प्रावधान एवं उपाय हों कि केवल अच्छे और योग्य व्यक्ति ही विधायक या सांसद बन सके - हर कोई भी ऐरा गैरा नत्थू खैरा या आपराधिक व्यक्ति नहीं !!!!
ये गहन विषय है और इस पर बहुत मंथन और कार्य करने की आवश्यकता है !!!!
मेरा मत है कि सरकार का प्रथम कार्य पुराने बेकार कानूनों को हटा बदले नए परिवेश में सतत नए उपयोगी कानून बनाने का है !!!!
मोदी सरकार के पास पूर्ण बहुमत है - इसलिए मेरी इस सरकार से अपेक्षा है कि वो स्वयं स्वच्छता अभियान के तहत झाड़ू लगाने के बजाय अपने मूल दायित्व का कार्य प्रथम प्राथमिकता पर करे - झाड़ू तो अन्य कई या सभी लोग आप से बेहतर लगा सकते हैं - पर कानून तो हर कोई नहीं बना सकता ना !!!!

Thursday 6 November 2014

//// 344 चुने हुए सांसदों में रक्षामंत्री हेतु कार्यकुशल ईमानदार सांसद नहीं - ये शर्मनाक है ////

सूत्रों के द्वारा मीडिया में प्रसारित अपुष्ट समाचार को पुष्ट रूप से प्रसारित करते हुए ये बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री के कार्यकुशल और ईमानदार होने की आवश्यकता के मद्देनज़र गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन पर्रिकर (विधायक) को रक्षा मंत्री बनाया जाने वाला है ....
सर्वप्रथम यदि ऐसा है तो मैं इस देश को बधाई देता हूँ - क्योंकि मेरे अनुसार पर्रिकर जी एक पढ़े लिखे, समझदार, सादगी के हिमायती, सक्षम, कार्यकुशल, ईमानदार नेता हैं .... और इसलिए मैं सोचता हूँ कि वाकई ये एक स्वागत योग्य अति उत्तम कदम लिया जाने वाला है !!!!
पर फिर भी उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में मेरे दिमाग में कुछ प्रश्न उठ रहे हैं जो निम्नानुसार हैं >>>>
>> क्या 344 चुने हुए सांसदों में और कोई कार्यकुशल ईमानदार सांसद नहीं था - जो एक विधायक को केंद्र में मंत्री बनाने की नौबत आन पड़ी है ? अगर ये सच है तो विचारना होगा कि पार्टी ने कैसे कैसे अयोग्य लोगों को टिकट दे दिया था और हमने कैसे कैसे लोगों को जिताया, या कोई उपयुक्त विकल्प के ना रहते हुए जिताने के लिए मजबूर हुए ????
>> क्या सांसद का चुनाव तक हारे नकारे अरुण जेटली कार्यकुशल और ईमानदार थे ?? अथवा क्या नहीं थे ????
>> मोहन पर्रिकर नरेंद्र मोदी से बेहतर एवं उपयुक्त प्रधानमंत्री क्यों नहीं सिद्ध होंगे - जबकि पर्रिकर जी संयत समझदार सौम्य नेता हैं जो फांकते भी नहीं हैं ????
>> क्या केवल रक्षा मंत्री का ही ईमानदार होना अति आवश्यक है - बाकी मंत्री थोड़े बहुत चालू टाइप या चलताऊ भी चलेंगे ?? जैसे कि परिवहन मंत्री या शिक्षा मंत्री कैसे भी हों चलेगा ????
>> क्या सांसद का चुनाव हारे नकारे व्यक्ति को भी मंत्री बनाना उपयुक्त ठहराया जा सकता है ????
कृपया भक्तों को चिल्लपों करने दीजिये - पर आप प्रश्नों पर विवेचना के रूप में गंभीरता से विचार जरूर करियेगा - शायद आप भी जनहित में कई प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित हों !!!! धन्यवाद !!!!

//// मोदी का चेहरा आगे रख दिल्ली चुनाव के मायने ////

भाजपा द्वारा ये घोषित किया जा चुका है कि दिल्ली चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में किसी को भी आगे ना करते हुए मोदी जी का ही चेहरा आगे रहेगा - यानि जीत होगी तो सेहरा तो मोदी जी के सर ही बंधेगा - और जिस तरह महाराष्ट्र और हरियाणा में हुआ ठीक उसी तरह - सूत्रों के जरिये मीडिया में 'आलाकमान' द्वारा पहले से चिन्हित, नामित एवं उदघोषित व्यक्ति को सभी विधायकों के द्वारा निर्विरोध चुनने की औपचारिकता के पश्चात, मोदी जी के किसी भी चहेते की ताजपोशी मुख्यमंत्री के रूप में 'पूर्ण लोकतांत्रिक तरीके' से कर दी जायेगी - हो सकता है वो नाम जगदीश मुखी, किरण बेदी या विजय जॉली का ही हो !!!!
इसलिए अब मैं विवेचना हेतु एक प्रश्न रखना चाहूंगा कि ....
यदि भाजपा दिल्ली चुनाव हार जाती है तो फिर इसकी जवाबदारी भी तो मोदी जी की ही होगी कि नहीं ????
और क्योंकि प्रश्न विवेचना के लिए ही है तो जवाब भी प्रस्तुत कर देता हूँ जिसकी पुष्टि सभी भक्त भी कर देंगे कि - "सवाल ही नहीं उठता हार के लिये मोदी जवाबदार क्यों होंगे ? बिलकुल नहीं" !!!!
अब मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि कांग्रेस में भी तो ठीक ऐसा ही परंपरागत होता आया था, और हो रहा है, कि जो अच्छा हुआ वो तो किया राहुल-सोनिया ने और जो बुरा हुआ वो पार्टी और जनता के जिम्मे !! - और हाँ याद रहे यही आलोचना मोदी जी चटखारे लेकर अपनी चुनावी सभाओं में बघार चुके हैं .... और भाजपा ने भी आलोचना और उपहास का कभी कोई मौका नहीं छोड़ा था !!!!
और विशेष रूप से याद कीजियेगा की जब कांग्रेस ने राहुल को प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित ना करने का निर्णय करा था तब भाजपा के नामित प्रधानमंत्री मोदी जी और पार्टी ने इतराते हुए क्या कुछ न कह डाला था ??
तो मित्रों मेरी विवेचना को यहीं विराम देते हुए मैं यक़ीनन कह सकता हूँ कि ....
// कांग्रेस और भाजपा में कोई अंतर नहीं है - ये एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं - दोनों की कार्यशैली और DNA एक ही है - दोनों अपनी बातों से बेशर्मी के साथ पलटने के माहिर हैं - दोनों का मालिक भी एक ही है // अस्तु - सावधान !!!!

Wednesday 5 November 2014

//// AAPians v/s BJPeons ////

सावधान !
AAPtards बोलने वाले BJPiots ध्यान देवें कि ....
BJP को चुनावी मैदान मैं घसीट कर ला पटक दिया गया है - और अब ...
AAPians तैयार हैं BJPeons का मुकाबला करने के लिए !!!!

//// मोदी जी से अजब-गज़ब प्रेरणा प्राप्त कर मैं भी कुछ "मोदीटाइप" कहना चाहता हूँ - झेलें ////

टीवी रेडियो पर धड़ल्ले से चल रहे एक सरकारी विज्ञापन में मोदी जी बोलते हैं ....
"अगर एक बार सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं गंदगी नहीं करुंगा, तो दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो हिंदुस्तान को गंदा कर सके" >>>>
जब से मोदी जी ने कालेधन पर अपनी मन की बात कही है मुझे मोदी जी की बातों से बहुत प्रेरणा प्राप्त हो रही है .... इसलिए मुझे लगा कि बेचारे मोदी जी ही अकेले सब कुछ बोलते रहेंगे कि कोई और भी उनका साथ देगा ? और जब मैंने देखा कि भक्त तो केवल उनको सुनते हैं बोलते कुछ नहीं तो मैंने सोचा कि मैं ही मोदी जी की बात को आगे बढ़ाऊं ....
तो लीजिये "मोदीटाइप" सूत्र मेरी जुबानी >>>>
>> "अगर एक बार सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं धर्म और राजनीति का घालमेल नहीं करूंगा तो दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो भारत को साम्प्रदायिकता की आग में झोंक सके"
>> "अगर एक बार सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं "ना घूस खाऊंगा ना खाने दूंगा" तो दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो भारत को भ्रष्टाचार मुक्त होने से रोक सके"
>> "अगर एक बार सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं नशा नहीं करूंगा तो दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो हिंदुस्तान को विश्व का पहला नशामुक्त देश बनने से रोक सके"
>> "अगर एक बार सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं खुश रहूंगा और सबको खुश रखूंगा तो दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो भारत को खुशहाल बनने से रोक सके"
आदि इत्यादि ....
पर फिर सोचता हूँ कि जब ये सब होना इतना आसान है तो सवा सौ करोड़ देशवासियों के भेजे में इतनी सरल सी बात क्यों नहीं घुसती - वो भी जब स्वयं युगपुरुष मोदी जी विज्ञापनों के ज़रिये ऐसी सारगर्भित बात चिल्ला चिल्ला कर बारम्बार बोल रहे हैं ????
छिः! लानत है हम सवा सौ करोड़ देशवासियों पर !! है ना ?? होनी चाहिए ना ??
या फिर आप कुछ और सोचते हैं ????????????
और हाँ यदि आप सोचते भी हैं तो ये भी बताइयेगा कि आखिरकार वो दुनिया की कौन सी ताकते हैं जो भारत में गन्दगी फ़ैलाने की सोच रहीं हैं - मसलन है कोई गंदा टुच्चा जो अपने देश में मूंगफली खाकर छिलके हिंदुस्तान में फेंकने की योजना बना रहा हो ????????

Tuesday 4 November 2014

//// किरण बेदी ने मुख्यमंत्री पद के लिए आखिर क्योंकर इंकार कर दिया होगा ? ////

भाजपा के लिए बड़ा झटका नहीं ??
जैसा कि कुछ बड़बोलों द्वारा टीवी पर उगला गया है - भाजपा किसी को भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद के लिए प्रोजेक्ट ना कर सामूहिक नेतृत्व की बात आगे रख चुनाव लड़ेगी !!!!
मैं तो रहा चिंतक - इसलिए सोच रहा हूँ कि ऐसा क्या हो गया होगा ? .... पिछली बार हर्षवर्धन थे और वो इस बार केंद्र के मंत्री हैं तो समझ आता है कि वो तो अब मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं हो सकते .... और हाँ यह भी समझ में आता है कि भाजपा के पास कोई अन्य योग्य चेहरा बिल्कुल नहीं है - और विजय जौली शायद नाराज़ चल रहे हैं इसलिए मानेंगे नहीं - और राज्यपाल पद से हटाने के बाद शायद शीला मौसी ने भी टूटने से ना कर दिया होगा !!!!
पर यह बात अभी तक साफ़ नहीं हुई कि किरण बेदी ने आखिर क्योंकर इंकार कर दिया होगा ????

//// अंधे बहरे सुस्त मक्कार एकाएक इतने सक्रिय कैसे और क्यों हो गए ? ////

दिल्ली के चुनावों विषयक सभी कार्यवाही एकाएक झटपट फटाफट आनन फानन हुद-हुद तूफ़ान से भी तीव्र गति से चलते हुए पूरी हो रही है .... 8-9 माह के लम्बे अंतराल के बाद विधानसभा भंग और नए चुनाव की घोषणा आख़िरकार होने ही जा रही है !!!!
समझ नहीं आता है कि इस त्वरित कार्यवाही में लिप्त जब सभी किरदार वही हैं जो अभी तक अंधे बहरे सुस्त मक्कार होने का प्रमाण दिए हुए थे, एकाएक इतने सक्रिय कैसे और क्यों हो गए ?? वो कौन सा स्वर्ण भस्म युक्त च्यवनप्राश है जिसका सेवन इन्होने सामूहिक रूप से किया होगा ?? और उसका निर्माता कौन है ?? क्या रिलायंस कंपनी च्यवनप्राश भी बनाने लगी है ??
मित्रों ! अनेक अनुत्तरित प्रश्न हैं जिनके जवाब आपको सीधे सीधे कोई नहीं देगा - और इसलिए जवाब तो आपको अपनी ही बुद्धि लगा स्वयं ही पता लगाने होंगे - यदि आप चाहते हों तो - वर्ना तो सब अपनी नियति अनुसार ही चलता रहेगा !!!!

Monday 3 November 2014

//// आखिर भाजपा और LG को शर्मिंदगी के साथ घुटने टेकने पड़े ////

अभी-अभी आप पार्टी के मनीष सिसोदिया ने जानकारी दी कि वे LG से मिले और अपना पक्ष साफ़ कर दिया कि 'आप' पार्टी विधानसभा को भंग कर अतिशीघ्र चुनाव करने के पक्ष में है !!!!
ये तो ठीक है पर बड़े ही मज़े की बात ये है कि आप पार्टी के प्रवक्ता द्वारा ही ये जानकारी भी सार्वजनिक की गयी कि भाजपा ने भी LG से सुबह मिल कर इसी आशय का पत्र दे दिया था और चुनाव की मांग करी थी !!!!
बड़े ही खेद और विस्मय का विषय है कि भाजपा ने अपने स्तर से पारदर्शिता के साथ स्वयं कुछ भी सार्वजनिक नहीं किया - इससे स्पष्ट होता है कि दाल में कुछ काला है / था !!!!
शायद ऐसे ही कारणों से भाजपा अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है !!!!
अब जब ये तय लग रहा है कि दिल्ली में चुनाव होकर रहेंगे तब मैं ये सोच रहा हूँ कि एक अरविन्द केजरीवाल ने निहायत ही बहादुरी सब्र कौशल और दिमाग का परिचय दे दिल्ली की जनता के पक्ष में ये महान सफलता हासिल करी और भाजपा और LG को शर्मिंदगी उठाने के लिए घुटने टिकवा दिए !!!!
साथ ही मुझे लगता है कि भाजपा द्वारा शानपत बता जो 5-6 महीने का विलंब किया है ये अंततः भाजपा के ही विरुद्ध जाएगा क्योंक विगत 5 महीने में ही भाजपा की साख को जबरदस्त बट्टा लगा है - और कहते हैं ना कि जब आप बदनीयती से दूसरे के लिए गड्ढा खोदते हो तो आप स्वयं उसमें औंधे मुंह गिरते हो !!!!

//// हम आश्वासनों पर विश्वास रखने के अलावा कर भी क्या सकते हैं ? ////

लो भाई ! कल तो मोदी जी ने बड़ी साफगोई से अपने मन की बात सार्वजनिक कर दी - कह दिया कि कालाधन हो सकता है मात्र 2 रु. ही हो .... पर आप प्रधानसेवक पर विश्वास रखना, जनता की एक एक पाई वापस लाएंगे, आप तो आशीर्वाद देते रहना, आदि ..... 
यानि इसका मतलब ये हुआ कि हो सकता है प्रत्येक नागरिक को जो रुपये 3 लाख की राशि का सपना दिखाया गया था उसके एवज़ में प्राप्त हो सकने वाली राशि घट कर हो जायेगी ....
= 200 / 1250000000 = 0.00000016 पैसे - यानी शून्य के बराबर - यानी बाबाजी का ठुल्लु !!!!
इस बात पर एक पुरानी युक्ति याद हो आई जो बदनीयत अमीर देनदार पर लागू होती है जो गरीब लेनदार को तमाम लुब्बेलुबाब के बावजूद एक कौड़ी भी नहीं देना चाहता >>>>
> सौ की हुई थी बात ....
> पर सौ के देंगे साठ ....
> और आधे लेंगे काट ....
> अभी आधे दे देंगे ....
> आधे के लिए भागे नहीं जाते ....
यानि - मूल राशि थी 100; भावताव से बचे 60; दादागिरी से बचे 30; जब नगद देने की बात आएगी तो बचेंगे 15; अब विश्वास करो कि मात्र 15 रु के लिए इतना बड़ा साहूकार कहाँ भाग जाएगा; औकात में रहो, कुछ तो विश्वास करो रे और अभी चलते बनो ????
तो जनाब गरीब की तरह आप भी आश्वासनों पर विश्वास करने के अलावा कर भी क्या सकते हैं ??

//// मुझे शक है कि मोदी जी को ये देश प्रशंसा के अलावा कभी प्यार या इज़्ज़त दे सकेगा ////

जब से मोदी जी केंद्र की राजनीति में आये हैं उन्होंने अपने को एक व्यवस्थित योजना के तहत ही स्थापित करने का अविश्वसनीय सफल प्रयास किया - पर अब दिन-ब-दिन उन की योजनाओं और उनकी कार्यशैली की पोल खुलते जा रही है !!!!
कालेधन के मामले में उनका ताज़ा बयान उनकी साख को झंकझोर गया है !!!!
किसी को ये बात साफ़ हुई हो या ना हो - मुझे तो अब साफ़ हो गया है कि मोदी जी सत्ता पर गलत तरीके और अनैतिक दांव पेंच खेल के काबिज़ हुए हैं - मुझे ये साफ़ है कि मोदी जी की टोली ने बड़े बड़े कॉर्पोरेट्स का पैसा और सहयोग लिया - पानी की तरह पैसा बहाया - गलत लोगों को टिकट्स दिए और उनका सहारा लिया - मीडिया का भरपूर दुरपयोग किया - लोगों को सब्जबाग दिखा बेवकूफ बनाया - गलत वायदे कर भरमाया - लफ़्फ़ाज़ी के बल लोगों को फंसाया - विरोधियों के विरुद्ध दुष्प्रचार किया - बुरा भला कहा - गलत शब्दों और भाषा का उपयोग किया - और तो और साम्प्रदायिकता का घिनौना कार्ड तक खेला - आदि !!!!
और अब आप लोगों को ईमानदार होने का और सुशासन देने का और जनहित के कार्य करने आदि का फिर एक बार आश्वासन दे रहे हैं !!!!
स्वागत है !! और हो सकता है कि आपका आश्वासन सही ही हो और आप आगे से ईमानदारी से ही कार्य करें ....
पर इसका ये मतलब होगा कि आप बेईमानी के काँधे चढ़ ईमानदारी की हुंकार लगाएंगे ....
इसका मतलब ऐसा भी होगा कि जैसे डाके डाल कर धन एकत्रित कर कोई ईमानदारी का धंधा करने लगे ...
इसका मतलब ऐसा भी होगा कि जैसे कोई अपनी पहली पत्नी का क़त्ल कर फिर दूसरी शादी करे और समाज में संभ्रांत जैसे घूमे ....
इसका मतलब तो ऐसा भी होगा कि जैसे कोई अपने कई साथियों के पीठ में खंजर भोंक स्वयं टोले का सरदार बन जाए और फिर यारबाज़ भी .....
नहीं मोदी जी नहीं !!!! मुझे ऐसी शख्सियत स्वीकार्य नहीं हैं !!!!
लेकिन ठीक है आप हमारे चुने हुए माननीय प्रधानमंत्री हैं और यदि आप अंततः जनहित के कार्य ईमानदारी से करते भी हैं तो ये देश आपकी प्रशंसा तो कर सकता है - पर मुझे शक है कि ये देश कभी भी आपको प्यार या इज़्ज़त दे सकेगा !!!!

Sunday 2 November 2014

//// कहने में क्या जाता है ? पर क्या संभव हो सकेगा ?? ////

टीवी रेडियो पर धड़ल्ले से चल रहे एक सरकारी विज्ञापन के अनुसार ....
मोदी वाक्य >>> "यदि एक बार सवा सौ करोड़ भारतवासी तय कर लें कि मैं गंदगी नहीं करूंगा तो दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो भारत को गंदा कर सके" .... (और वो भी बिना मोदी सरकार के योगदान के)
ब्रह्म वाक्य >>> यदि मात्र सत्तापक्ष के सभी 344 सांसद एक बार तय कर लें कि भ्रष्टाचार नहीं करेंगे तो ये देश 2015 तक खुशहाल हो जाएगा और 2016 तक स्वच्छ ....(और वो भी बिना मेरे योगदान के)

//// मेरे मन की बात .... ////

मैं सोचता हूँ कि यदि मोदी जी विदेश मंत्री बन जाएँ और सुषमा स्वराज जी प्रधानमंत्री तो निश्चित रूप से ये देश के लिए सार्थक सिद्ध होगा !!!!
मुझे ऐसा इसलिए लगता है कि इन दोनों नेताओं की जो विशिष्टताएं है उसके अनुरूप उनके वर्त्तमान पद उपयुक्त नहीं हैं या अन्य पद ज्यादा उपयुक्त होंगे !!!!
मोदी जी "उल्लू बनाओइंग" में सिद्धहस्त हैं अतः उन्हें यदि विदेश मंत्री बनाया जाता है तो वो विश्व के अन्य देशों से भारत के पक्ष में बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं !!!!
उधर सुषमा जी एक अनुभवी और संजीदा शख्सियत हैं जो पूरे देश को साथ ले मोदी जी द्वारा दिखाए सपनों को बेहतर रूप से चरित्रार्थ कर सकती हैं !!!!
आज 2 नवम्बर को सुबह 9 बजे मैंने मेरे मन की बात मोदी जी के पूर्व आपके सामने रखी - अब आप 11 बजे मोदी जी के "मन की बात" आकाशवाणी से सुने .... और चाहें तो बताएं कि आपको किसके मन की बात बेहतर लगी ???? धन्यवाद !!!!
//// मुझे मोदी जी पर विश्वास क्यों नहीं होता .... ////
आकाशवाणी पर अभी-अभी मोदी जी के "मन की बात" सुनी - बातें तो अच्छी थीं ....
पर मेरी त्वरित प्रतिक्रिया >>>>
स्वच्छता पर उन्होंने स्वीकारा कि पूरे देश के सभी तबकों से इस अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और वो संतुष्ट और खुश हैं !
कालेधन पर मोदी जी ने बहुत अच्छे शब्दों में देश को आश्वासन दिया कि जो भी कार्यवाही जब भी करना पड़ेगी वो करेंगे और कालेधन की एक एक पाई वापस लाएंगे - और इसके लिए वे प्रतिबद्ध हैं - और उनको तो बस जनता के आशीर्वाद की ज़रुरत है !!!!
पर सबसे बड़ी बात उन्होंने कही वो ये है कि - // उन्हें या सरकार को या और किसी को भी ये नहीं मालूम है कि ये कालाधन 2 रु है या 5 रु है या करोड़ है अरब है या खरब है ?!@#$%? //
बस इसलिए ही मेरे दिल दिमाग में अनेक प्रश्न और शंकाएं उठती हैं - और मैं सोचने पर मज़बूर हो जाता हूँ कि मैं ऐसे व्यक्ति पर कैसे विश्वास करूँ जो चुनाव पूर्व तो ये बोलता था कि - 10-15 लाख तो सबको यूँ ही मिल जाएगा - रेल लाइन के कई प्रोजेक्ट तो यूँ ही बन जाएंगे - आदि इत्यादि - अतः मुझे स्पष्ट होता है कि मोदी जी चुनाव पूर्व फेंक रहे थे !!!!
मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि मोदी जी का दिया आश्वासन सही निकले - पर केवल प्रार्थना ही कर सकता हूँ - मोदी जी पर विश्वास नहीं !!!!

Saturday 1 November 2014

//// गांधी पटेल के बिना अधूरे - तो मोदी अमित शाह के बिना अधूरे ? ////

अब मोदी जी ने कह डाला है कि....
"रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानंद के बिना अधूरे लगते हैं" और ....
"महात्मा गांधी सरदार पटेल के बिना अधूरे लगते हैं" !!!!
इस बकवास पर मेरी बेबाक विवेचना ....
यदि मैं कहूँ कि ....
अमित शाह के बिना नरेंद्र मोदी अधूरे लगते हैं ....
योगी आदित्यनाथ के बिना अमित शाह अधूरे लगते हैं .... तो ?
तो भक्त लोग मुझे गालियां देंगे - कहेंगे की अबे बुड्ढे दुआ तू कौन ? तू है क्या ? दिमाग का इलाज करा ? तू होता कौन है मोदी को अधूरे पूरे होने का सर्टिफिकेट देने वाला ? अपनी औकात में रहना .... आदि !!!!
तो फिर पहले मैं भी एडवांस में हिसाब चुकता कर दूँ - कि मोदी कौन होते हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अन्य महापुरुषों के बारे में सर्टिफिकेट देने वाले - मोदी तो इनमे से किसी के भी नख के बराबर भी नहीं ....
तो भक्तों से हिसाब बराबर करने के बाद मैं मोदी जी से ही मुखातिब होता हूँ ....
मोदी जी कृपया यह तथ्य ग्राह्य कर लेवें कि ना तो महात्मा गांधी ना ही सरदार पटेल ना ही रामकृष्ण परमहंस और ना ही स्वामी विवेकानंद अधूरे थे .... ये सब महापुरुष तो अपने आप में पूर्ण थे ....
// मोदी जी अधूरे तो आप स्वयं हैं और आपके वादे // ....
इसलिए बेहतर होगा कि भगवान के लिए लफ़्फ़ाज़ी अब छोड़ देवें और काम से लगें - पहले आप जनता से किये गए वादों पर कुछ तो अमल करना शुरू करें - और अधूरे तो क्या इन महापुरषों के 1/100 के बराबर भी पहुँच जाए तो फिर कोई टिप्पणी करने के बारे में सोचें !!!!
और विशेष ध्यान देवें कि कम से कम अपने राजनीतिक स्वार्थ के रहते सरदार पटेल के नाम का दुरपयोग करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किसी भी दृष्टि से तनिक भी कमतर निरूपित करने का प्रयास कदापि नहीं करें - उन्हें "अधूरे" निरूपित करने की ज़ुर्रत तो कदापि नहीं !!!!

//// मरदूतों के मरने का मरते दम तक इंतज़ार करना होगा ? ////

भोपाल गैस कांड के मुख्य दोषी इंडिया में वांटेड यूनियन कार्बाइड के वारेन एंडरसन का कुछ दिन पहले निधन हो गया बताते हैं ....
मुझे याद है कि अनेकों बार अनेकों नेताओं ने इस भयानक त्रासदी के सन्दर्भ में निहायत ही लचर स्टाइल में ये बात कही होगी कि - "दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी और किसी को बक्शा नहीं जाएगा"....
पर शायद भगवान को तो कुछ और ही मंज़ूर था - इधर ज्यादातर कांग्रेस के शासन के रहते देरी हुई और उधर भगवान ने एंडरसन को दंड देने का हक़ भारत सरकार से छीन लिया - बेचारे हमारे नेता - एंडरसन के निधन से इसलिए उनको कितना दुःख पहुंचा होगा ना !!!!
पर अब तो महापुरुष मोदी जी का शासन आ गया है - सब कुछ बदल गया है - सरकार में सब 16-16 घंटे काम कर रहे हैं - अब देरी का क्या काम है ??
और इसलिए अब भक्त कह रहे हैं कि एक नई ऊर्जा और विश्वास के साथ ये विश्वास करें कि - "कालेधन मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी और किसी को बक्शा नहीं जाएगा".... चाहे वो एंडरसन हो चाहे नेताओं के AND / OR SON हों, आका हों, दामाद हों, माशुका हों, पहली पत्नी हो, दूसरी हो, नेता खुद हों, पार्टी में चंदा देने वाले हों .... !!!!      
पर भक्त चाहे कुछ भी कहें मुझे तो लगता है कि मरदूतों के मरने का मरते दम तक इंतज़ार करना होगा - किसी को जल्दी हो तो जाये भाड़ में !!!!