Tuesday 30 September 2014

//// भावुक भक्त पन्नीरसेल्वम को तत्काल मुख्यमंत्री के पद से हटाया जाना चाहिए ////

//// भावुक भक्त पन्नीरसेल्वम को तत्काल मुख्यमंत्री के पद से हटाया जाना चाहिए ////
पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री की और लगभग बाकी अन्य मंत्रियो ने भी रोते बिलखते अति अशोभनीय और अभूतपूर्व तरीके से पद और गोपनीयता की शपथ ली !!!!
सर्वप्रथम तो मेरा तर्क है कि शपथ लेते समय ये सारे नेता अपने होशो हवास में नहीं थे - एवं इसलिए इनकी शपथ ही अमान्य निरूपित होनी ही चाहिए - क्योंकि कोई भी शपथ या उद्घोषणा होशो हवास में होने पर ही विधिसम्मत और मान्य हो सकती है !!!! 
इसके अतिरिक्त मेरा मानना है कि एक अपराधी के जेल जाने की ख़ुशी जाहिर करने के बजाय अपना गम या विरोध जाहिर करना शर्मनाक है - मेरे हिसाब से तो ये संविधान की अवमानना भी है - ये तमिलनाडु के उन लोगों का अपमान भी है जो ये मानते होंगे कि कोई भी व्यक्ति कानून से बड़ा नहीं होता और अपराधी अपराधी ही होता है !!!!
ये प्रकरण ये भी दर्शाता है कि लोग राजनीति में भी किस तरह व्यक्ति पूजा तक करने की सारी हदें पार कर जाते है .... इसे ही कहते हैं अंधभक्ति या भक्तगिरी जो किसी भी समाज और देश के लिए भयंकर घातक हो सकती है !!!!
और जब ऐसी घटिया हरकतें एक प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के द्वारा इतने खुल्ले आम और पूरी बेशर्मी के साथ अपनी संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते समय होंगी तो प्रदेश के अन्य नागरिकों पर इसका क्या असर होगा - इसकी वृहद कल्पना की जानी चाहिए !!!!
मेरा यी भी आक्षेप है कि जब पन्नीरसेल्वम शपथ लेने के दौरान अपना रोना नहीं रोक सके तो ये सिद्ध करता है कि इस आदमी की इच्छाशक्ति ना के बराबर है .... और किसी हादसे या आपदा की परिस्थिति में या स्वयं ब्लैकमेल होने की स्थिति में ये आदमी अपनी बुद्धिमत्ता, बहादुरी. तार्किक संयत सोच और निष्पक्षता से कोई काम कर ही नहीं सकता .... उदाहरणार्थ कल्पना करें कि तमिलनाडु में किसी नेता की हत्या या मृत्यु हो जाती है जो पन्नीरसेल्वम और जनता को भावुक कर दे, तो ये आदमी तो अपने कर्तव्यों एवं राजधर्म को भूल कुछ भी अनर्थ अनैतिक करवा सकता है या होने दे सकता है !!!!
इसलिए मेरे मत में पन्नीरसेल्वम जैसे व्यक्ति पूजक भावुक भक्त को एवं कानून और संविधान की अवमानना करने वाले को मुख्यमंत्री के अति संवेदनशील और महत्त्वपूर्ण जवाबदारी के पद से तत्काल हटाया जाना चाहिए !!!!

Monday 29 September 2014

//// ऑटोरिक्शा का व्यय रॉकेट से भी ज्यादा क्यों ? अब तो जवाब देना ही पड़ेगा !! ////

//// ऑटोरिक्शा का व्यय रॉकेट से भी ज्यादा क्यों ? अब तो जवाब देना ही पड़ेगा !! ////
अमेरिका के मेडिसिन स्क्वायर में अपने वालों के बीच बघारते हुए मोदी जी ने ये बोला कि - अहमदाबाद में ऑटोरिक्क्षा का किराया 10 रू / कि.मी. आता है और हमने मंगल गृह पर रॉकेट भेजा जिसका व्यय आया 7 रू / कि.मी. !!!! 
इस बेतुकी तुलना विषयक सर्वप्रथम तो मैं उलटी नहीं बल्कि सही दिशा में सोचते हुए मोदी जी से अब निम्नलिखित प्रश्न पूछता हूँ .....
>> क्या ये ऑटोरिक्शा अहमदाबाद में ही चलते हैं, भारत के अन्य शहरों में नहीं ??
>> अहमदाबाद में ये ऑटोरिक्क्षा का किराया इतना महंगा क्यूँ है ??
>> जब रॉकेट 7 रू / कि.मी. में चलता है तो ऑटोरिक्शा क्यूँ नहीं चल सकता ??
>> इसके लिए कौन जिम्मेदार है ??
>> और ये कौन कम करेगा ??
>> और ये कब कम होगा ?? होगा भी कि नहीं ??
>> कहीं इतने ज्यादा किराए के पीछे अम्बानी - कांग्रेस - भाजपा - रिलायंस की मिली भगत वाला लम्बे समय से चला आ रहा भ्रष्टाचार ही तो नहीं ??
>> कहीं पेट्रोलियम गैस आदि के विषयक रिलायंस के विरुद्ध केजरीवाल के आरोप सही तो नहीं ??
>> अमेरिका एवं अन्य देशों में ऑटोरिक्क्षा समकक्ष वाहन का किराया प्रति कि.मी. कितना रहता है ??
>> क्या ऑटोमोबाइल की तुलना ऑटोमोबाइल से करना, और पेट्रोल डीजल की कीमत की तुलना अलग अलग देशों में करना, ज्यादा तर्कसंगत होगा कि ऑटोरिक्शा की तुलना रॉकेट से ??
>> क्या मोदी जी की तुलना केजरीवाल से करना ठीक होगा ????
प्रश्नों के बाद मेरी छोटी सी प्रतिक्रिया .....
साथ ही मैं ये भी चाहूँगा की मनमोहनसिंघ की प्रशंसा होनी चाहिए कि कम से कम उन्होंने ISRO को भ्रष्टाचार से मुक्त रखा !!!!
आज यह भी तय हो गया कि हमारे देश के वैज्ञानिक और सामान्य संभ्रांत जन ईंमानदार हैं - नेताओं जैसे भ्रष्ट नहीं - और ये आमजन भारतियों की ईमानदारी ही इस देश के उज्जवल भविष्य का कारण बनेगी - 3D 4S 5M और नेताओं की फेंकम फांकी नहीं !!!!
लेकिन याद रखें कि भ्रष्टाचार मुक्त कार्य करने की मोदी जी की परीक्षा होना अभी बाकी है - अभी ये देखना तो बचा है कि मोदी जी द्वारा बड़े बड़े शुरू किये जाने वाले प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार होता है या नहीं और पारदर्शिता अपनाई जाती है या नहीं - बुलेट ट्रेन की क्या लागत आती है और क्या बताई जाती है और क्या किराया वसूला जाता है - बड़े बड़े ठेके किनको और किन किन की सिस्टर कंसर्न्स को मिलते हैं - इत्यादि ????
और तब तक मैं यही कहूँगा - शाबाश ISRO - धन्यवाद मनमोहनसिंघ जी - और लगे रहो क्रांतिकारी केजरीवाल जी , हम तुम्हारे साथ हैं !!!!

Sunday 28 September 2014

//// N.R.I. की जितनी भी तारीफ हो कम है ////

//// N.R.I. की जितनी भी तारीफ हो कम है ////
अमेरिका में हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी का सभी भारतियों द्वारा आत्मीय सम्मान और स्वागत देख प्रसन्नता हुई - सबको अपने देश से कितना प्यार है और उन्हें अपने भारतीय होने पर कितना गर्व है, एक बार फिर स्पष्ट परिलक्षित हुआ - और वे सभी अपनी योग्यता लगन और परिश्रम से भारत का नाम भी ऊँचा कर रहे हैं - सभी N.R.I. भाइयों और बहनों को मेरा प्यार और इज़्ज़त भरा सलाम !!!!
काश हमारे सभी नेता भी अपने देश से इतना ही प्यार करें तो कितना अच्छा हो ना !!!!

//// जयललिता मुजरिम घोषित - मेरी विवेचना ////

//// जयललिता मुजरिम घोषित - मेरी विवेचना ////
इसके मायने ये हुए कि वर्षों से एक अपराधी तमिलनाडु और देश के कामकाज के निर्णयों में सीधे सीधे सक्रिय और लिप्त था - और उसने अनेकों जनविरोधी गलत अनैतिक कार्य किये ही होंगे .... व्यक्तिगत रूप में भी अनेकों शरीफ और ईमानदार लोगों को प्रताड़ित किया ही होगा - और ऐसे अपराधों की वजह से लाखों लोग प्रभावित और प्रताड़ित हुए ही होंगे .... और इसलिए इस त्रासदी की भरपाई करना तो दूर इसकी रूपरेखा के बारे में कल्पना करना भी असंभव है .... यानि जो गलत हुआ वो सब अपूरणीय IRREPARABLE है !!!!
इसलिए मेरी सोच और दलील है कि पुरानी घिसी पिटी बातों पर पुनर्विचार ज़रूरी है जैसे कि - "जब तक आरोपी पर आरोप सिद्ध नहीं हो जाते उसे अपराधी मानना और राजनीति द्वारा सत्ता में आने से रोकना गलत होगा - क्योंकि ये किसी एक व्यक्ति के अधिकारों का हनन हो सकता है - इत्यादि " !!!!
उपरोक्त विवेचना द्वारा मैं प्रश्न रखता हूँ कि मान लीजिये जयललिता को 1996 में ही राजनीती और सत्ता से कानूनी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया होता, तो जो निर्णय आज आया है उसके परिप्रेक्ष्य में लाखों लोगों को अकल्पनीय अन्याय नहीं सहना पड़ा होता - और यदि आज का निर्णय जयललिता के पक्ष में आया होता तो अन्याय केवल एक जयललिता के साथ ही तो हुआ होता - कोई पहाड़ तो टूट नहीं गया होता !!!!
अतः मेरी मोदी सरकार से मांग है कि इस जयललिता प्रकरण को एक नज़ीर के रूप में लेते हुए तत्काल ही कानून में वांछित परिवर्तन करें .... बाकी के काम और भाषणबाज़ी बाद में .... ये कार्य झाड़ू सफाई शौचालय बुलेट ट्रेन स्मार्ट सिटी आदि से ज्यादा और तत्काल आवश्यक है !!!! आखिरकार सांसदों और मंत्रिमंडल और सरकार का प्रथम अत्यावश्यक और अति महत्त्वपूर्ण कार्य नए और अच्छे कानून बनाना और पारित करना ही तो है - झाड़ू लगाने का काम तो और भी लोग कर ही लेंगे !!!!
और अंत में एक बात और - ये जितने लोग भी जया-भक्ति का भोंडा प्रदर्शन कर रहे हैं और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुक्सान पहुंचा रहे हैं उनको भी सख्ती से दबाना चाहिए .... इसे यदि इस परिप्रेक्ष्य में देखा जाये कि एक भ्रष्ट व्यक्ति के सपोर्ट में सामान्यतः एक भ्रष्ट ही सामने आएगा तो श्रेयस्कर होगा .... ऐसे सभी व्यक्तियों के यहाँ भी यदि छापे डाले जाएंगे तो हो सकता है जयललिता से भी अधिक संपत्ति मिल जाए .... और हां जयललतिा भी यदि किसी व्यक्ति को अपना उत्तराधिकारी थोपती है तो उस व्यक्ति की भी ज़रा विशेष जांच होनी ही चाहिए .... पर ऐसा होगा लगता नहीं .... क्योंकि हमाम में तो सब नंगे ही लगते हैं !!!! नहीं क्या ????
और लगे हाथ आप सब के लिए भी एक प्रश्न .... वर्त्तमान में 37 सांसद जयललिता के रहमो करम पर AIADMK से चुन कर सत्तासीन हैं - क्या इन सबका इस्तीफ़ा नहीं होना चाहिए - ????
और यदि थोड़ी और दिमागी कसरत करनी हो तो कल्पना करें कि NDA को वर्तमान में 344 के स्थान पर 270 सीटें ही आई होती और जयललिता की AIADMK सरकार में शामिल हुई ही होती तो क्या NDA की भी नैतिकता के प्रश्न उठते - जैसे की DMK और UPA के समय NDA ने उठाये थे ????
अरे माफ़ कीजियेगा मैं भी कहाँ नैतिकता की अव्यवहारिक बाते करने लगा .... ज़रा गुस्सा ज़्यादा ही आ गया - पर क्या करूँ अभी तो बहुत लिखने का मन कर रहा है - मुझे लालू - चौटाला - गोपाल कांडा बहुत अच्छे से याद आ रहे हैं - पर कड़वा घूँट पी अभी तो यहीं रुकूँगा 

Saturday 27 September 2014

//// हिंदी ! हिंदी !! हिंदी !!! ////

//// हिंदी ! हिंदी !! हिंदी !!! ////
मोदीजी कुछ ही देरी में UN महासभा में हिंदी में भाषण देंगे - हिंदी में - इंग्लिश में नहीं .............. !!!!
मैंने भी तय किया है कि मैं भी भाषण हिंदी में सुनूंगा - हिंदी में - मुझे इंग्लिश समझ में आती नहीं !!!!
ये MEDIA को हिंदी में क्या कहते हैं ???

//// शिवसेना का भाजपा पर आरोप - मेरे शिवसेना से प्रश्न ////

//// शिवसेना का भाजपा पर आरोप - मेरे शिवसेना से प्रश्न //// 
शिवसेना का आरोप .... // भाजपा ने हिंदुत्व को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया //
मेरे शिवसेना से प्रश्न >>
>> क्या हिंदुत्व शिवसेना के लिए भी एक मुद्दा है या नहीं ??
>> क्या शिवसेना भी राजनैतिक स्वार्थ के लिए कुछ करती है - या हमेशा भजन ध्यान में ही लीन रहती है ??
>> यदि शिवसेना-भाजपा गठबंधन बना रहता तो क्या ये आरोप लगाया जाता ??
>> क्या विगत 25 वर्षों में शिवसेना ने कभी भी भाजपा को हिंदुत्व का इस्तेमाल करने से रोका था - या रोकना चाहती थी - या रोकना चाहती है - और रोकेगी - और रोक पाएगी ??
>> और अंतिम प्रश्न - //"भाजपा ने हिंदुत्व को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया"// यह 100% टंच तथ्य इतनी देर से सार्वजनिक क्यों किया - पहले क्यों नहीं - पहले क्या शर्म आ रही थी - या पूरी शिवसेना भी भक्त बनी हुई थी - मोदी ! मोदी !! मोदी !!! ??

//// मोदी जी की बचकानी तुकबंदी ////

//// मोदी जी की बचकानी तुकबंदी //// 
मोदी जी कहिन >> FDI - मतलब - First Develop India ....
मैं भी कहिन >> MODI - मतलब - Mascot Of Disgusted India ....
भक्त बोल सकते हैं कि तुकबंदी जमी नहीं .... क्योंकि मुझे भी मोदी की तुकबंदी हमेशा की तरह स्कूल जाने वाले बच्चों के स्तर की ही लगी - इसलिए तर्कसंगत बेतुका सा जवाब देने की इच्छा हो आई .... भाई यदि हम झेलें तो आप भी तो झेलो !!!!
और यदि ऐसे ही चलता रहा तो 5D 3M AK-49 4S SABKA 56" MOM FDI आदि आदि के बाद 2019 में आपको XXX के भी नायाब मतलब जानने को मिल जाएंगे .... पर विकास के नाम पर मिलेगा '0' जिसे आजकल "बाबाजी का ठुल्लू" भी कहते हैं !!!!
KBMAKN ?? - मतलब - क्यों भक्तों मज़ा आया कि नहीं ??

Friday 26 September 2014

//// केजरीवाल की कार्यशैली की नक़ल - पर नीयत और इरादे का क्या ? ////

//// केजरीवाल की कार्यशैली की नक़ल - पर नीयत और इरादे का क्या ? ////
स्मृति ईरानी जी ने सार्वजनिक रूप से झाड़ू लगाया ....
मोदी जी भी 2 अक्टूबर को सार्वजनिक रूप से खुद झाड़ू लगाएंगे - और लगवाएंगे !!!!
मैं कहता नहीं था कि भरोसा रखें केजरीवाल सबको राजनीति करना सिखाएंगे ....
आप ही देखें क्या पाठ पढ़ाया है - यहाँ तक कि अपना चुनाव चिन्ह झाड़ू तक शिष्यों के हाथ में थमवा दिया !!!!
पर ये लोग केजरीवाल कि नक़ल कर राजनीति तो कर लेंगे - पर केजरीवाल जैसी नीयत और इरादे कहाँ से लाएंगे ???? गुरु तो गुरु ही रहेगा और चेला तो चेला !!!!
खैर मैं स्वागत करता हूँ - क्योकि जो भक्त केजरीवाल की कार्यशैली का मज़ाक बनाते थे शायद अब वो ज़ोर ज़ोर के चिल्ला गला फाड़ तो ना बोल सकेंगे - और फिर भले ही नक़ल हो पर अच्छे काम की नक़ल भी तो अच्छे परिणाम देगी !!!!
अब मैं और आप ये भी आशा तो कर ही सकते हैं कि आगे दिल्ली में यदि किसी महिला उत्पीड़न और पुलिस अकर्मण्यता की बात आती है तो सबसे पहले स्मृति ईरानी ही तो धरने पर बैठेंगी .... बैठेंगी ना !!!!

//// खाने की बात मानी - गन्दगी की बात मानी - वायदों का क्या ? ////

//// खाने की बात मानी - गन्दगी की बात मानी - वायदों का क्या ? ////
पहले कहा था ना खाऊंगा ना खाने दूंगा !
अब कह रहे हैं ना गन्दगी करूंगा ना करने दूंगा !!
बस सर जी यह भी कह ही दो ना कि ....
ना फेंकूंगा ना फेंकने दूंगा ....
ना वायदा तोड़ूंगा ना वायदा तोड़ने दूंगा ....
मोदी जी मेरा विश्वास करें इस देश की सीरत और सूरत चंद महीनों में ही बदलने लगेगी !!!!

Thursday 25 September 2014

//// महाराष्ट्र में शिवसेना - भाजपा गठबंधन टूटा - अब केंद्र में क्या ? ////

//// महाराष्ट्र में शिवसेना - भाजपा गठबंधन टूटा - अब केंद्र में क्या ? ////
महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा का 25 साल पुराना गठबंधन टूट गया है ....
अब सबसे महत्त्वपूर्ण और नैतिकता के नज़रिये से जो बात देखना शेष है वो ये कि क्या केंद्र में मोदी सरकार में ये गठबंधन जारी रहेगा या नहीं ????
एक बात और - भाजपा अभी तक कांग्रेस को अपने सहयोगियों से रिश्ते तोड़ने का उलाहना देती आई है .... पर पहले JDU का अलग होना और कुछ दिन पहले ही अकाली दल का हरियाणा चुनाव में भाजपा के विरुद्ध प्रचार का निर्णय और अब शिवसेना से गठबंधन के टूटने का भाजपा किस तर्क और भाषा में बचाव करती है देखना होगा !!!!

//// अब 1 लाख 86 हज़ार करोड़ रुपये कब वसूलेंगे ?? ////

//// अब 1 लाख 86 हज़ार करोड़ रुपये कब वसूलेंगे ?? ////
चुनाव पूर्व मोदीजी और भाजपा का एक मुख्य चुनावी मुद्दा था कोल् घोटाला ....
मोदी जी की सभी रैलियों में इस घोटाले के बारे में और भ्रष्टाचारियों के बारे में बहुत कुछ बोला गया था .... और ये भी विश्वास दिलाया गया था कि भ्रष्टाचार का एक एक पैसा वापस वसूला जायेगा !!!! 
और याद करें कि मोदी जी ने शून्यों की व्याख्या और महिमा का अपने अंदाज़ में बखान कर कहा था कि घपला 18600000000000 रुपये का हुआ है - यानी 1 लाख 86 हज़ार करोड़ रुपये का !!!!
मोदी जी ने कालेधन का मुद्दा भी जोर शोर से उठाया था - खुद सीधे-सीधे और टेढ़े रामदेव के ज़रिये भी - और 100 दिन में लाखों करोड़ रुपये भी वापस लाने का वायदा किया था !!!!
जनता ने भाजपा और विशेष कर मोदी जी का विश्वास किया और UPA में अपना अविश्वास जता दिया .... कांग्रेस सत्ता से बाहर और मोदीजी बन गए प्रधानमंत्री .... यानि जनता ने अपना काम कर दिया !!!!
और अब उच्चतम न्यायलय ने भी अंतिम निर्णय देते हुए और ये मानते हुए कि घोटाले हुए, सभी 214 कोल् ब्लॉक का आवंटन ही सिरे से रद्द कर दिया है - जिसे मोदी सरकार ने मान्य भी कर लिया है .... यानि कानून ने भी अपना काम कर दिया है !!!!
इसलिए आदरणीय मोदी जी अब आपको अपने दायित्वों और नैतिक मूल्यों के निर्वहन हेतु यह अति आवश्यक हो जाता है कि .... आप कृपया 1,86,000 करोड़ रुपये भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्तियों संस्थाओं और कंपनियों से तत्काल वसूल कर देश की तिजोरी में डालें .... इसके अलावा आपको दूसरा काम ये करना शेष है कि आप कालाधन वापस लाएं और देश की तिजोरी में डालें .... अन्यथा आप ही हमें स्पष्ट समझाएं कि अब हम आप पर विश्वास क्यों और कैसे करें ????

//// 1993 से 2010 तक की अवधि में रहे सभी सांसद यदि आज भी सांसद हैं तो इस्तीफ़ा दें ////

//// 1993 से 2010 तक की अवधि में रहे सभी सांसद यदि आज भी सांसद हैं तो इस्तीफ़ा दें ////
देश की सर्वोच्च अदालत का अंतिम निर्णय - 1993 से 2010 तक की अवधि में किये गए सभी 214 कोल् ब्लॉक आवंटन रद्द !!!!
मेरी विवेचना >>>>
सारे नेता - सारी पार्टियां - सारे देशवासी जान लेवें कि कानून ने अपना काम कर दिया है - अब बिना किसी किन्तु जंतु परन्तु के ये स्वीकार्य करना होगा कि 1993 से 2010 तक काफी कुछ गलत हुआ अनियमित हुआ भ्रष्टाचार हुआ - और होता ही रहा ....
अतः इस दौरान की सभी सरकारें और विपक्ष तो इस सबके लिए जवाबदार हैं ही पर इस सब के लिए तत्कालीन प्रत्येक सांसद भी जवाबदार है .... ऐसा इसलिए कि जब कुछ वकीलों ने या दो चार और लोगों या संस्थाओं ने मिलकर इस व्यापक भ्रष्टाचार को पहचाना, उसे उजागर किया, कोर्ट तक खींच कर ले गए, और ये निर्णय करा ही दिया - तो फिर ये काम सांसद क्यों नहीं कर सकते थे - या कम से कम अपना कुछ योगदान ही क्यों नहीं दे सकते थे ????
पर 17 साल के इस लम्बे अंतराल में सारे के सारे सैंकड़ों सांसद अकर्मण्य और बेअसर रहे - ये शर्म की बात है और जवाबदेही की भी - और अंततः इससे ये साबित होता है कि या तो ये सारे सांसद मंदबुद्धि थे जिन्हे इनके आस पास क्या हो गया पता ही नहीं चला - और या फिर ये भी भ्रष्टाचार में लिप्त होते हुए या सब जानते हुए अनजान बनते हुए खामोश रहे ..... अस्तु किसी भी स्थिति में ये सब के सब गुनहगार या जवाबदार तो हुए ही !!!!
अतः मेरी मांग >>>>
इसलिए मेरी मांग है कि 1993 से 2010 तक की पूरी अवधि में जो भी व्यक्ति सांसद था - और यदि वो व्यक्ति आज की वर्तमान लोकसभा या राज्यसभा का भी सदस्य है - तो वो सांसद तत्काल इस्तीफ़ा दे दे और अपने घर बैठ जाए - और यदि वो इस्तीफ़ा नहीं देता है तो जनता उसके इस्तीफे के लिए आवाज़ बुलंद करे - क्योंकि हमें ऐसे नकारा / मंदबुद्धि / भ्रष्ट / अक्षम सांसद को हमारे पैसे से लाखों रुपये की सुविधा और वेतन नहीं देना चाहिए - हम इस देश के मालिक हैं और किसे हमारे कार्य हेतु रखना या ना रखना हमारा विशेषाधिकार है .... है ना !!!!

Wednesday 24 September 2014

//// मंगलश्रेय किसको ? ////

//// मंगलश्रेय किसको ? ////
मंगलयान की सफलता का श्रेय हमारे वैज्ञानिकों को और हमारी पूर्ववर्ती सरकारों को जाता है !!!!
सरकारों का हिसाब किताब करेंगे तो तार्किक रूप से चूँकि विगत 10 वर्षों से UPA की सरकार थी तो अधिक श्रेय UPA को जायेगा !!!! 
मोदी जी का अटल जी को श्रेय देना पार्टी लाइन के हिसाब से उचित हो सकता है - पर देश के प्रधानमंत्री के रूप में स्पेस सेंटर में शिरकत करते हुए केवल अटल उल्लेख और मनमोहनसिंघ या UPA का उल्लेख तक नहीं करना गलत है !!!! 
और अंततः मंगलयान की सफलता का श्रेय मोदी जी को या आज की सरकार को कतई नहीं जाता !!!!
कोई शक ???? कोई प्रतिक्रिया ????

//// मोदी जी हम देश को स्वच्छ करेंगे - आप मंत्रिमंडल और पार्टी को स्वच्छ करें ////

//// मोदी जी हम देश को स्वच्छ करेंगे - आप मंत्रिमंडल और पार्टी को स्वच्छ करें //// 
मोदी जी द्वारा स्वच्छता अभियान संबंधित समस्त घोषणाओं का और जनता से किये गए आह्वाहन का मैं तालियां पीट-पीट कर ख़ुशी ख़ुशी स्वागत करता हूँ और आशा करता हूँ कि हम सब देशवासी हमारे और हमारी आने वाली पीढ़ियों के हित में प्रधानमंत्री द्वारा की गयी अपेक्षा के अनुरूप इस महान कार्य में अपना अपना यथायोग्य योगदान ज़रूर देंगे .... हम प्रयास करेंगे कि हमारी गलियां भी हमारे घर जैसे ही स्वच्छ रहें !!!! 
पर तब जबकि मैं भी आमजन से ये आह्वाहन कर रहा हूँ कि एक नेता की सही बात का सम्मान हो और उसका अनुसरण भी हो .... मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूँ कि बदले में मैं अपने नेता प्रधानमंत्री से भी ये आह्वाहन करूं कि - मान्यवर मोदी जी आप भी जनता की बातों का सम्मान करें और सबसे पहले अपने मंत्रिमंडल से और फिर अपनी पार्टी से गंदे लोगों को हटा सफाई करें - जो कि आपके अधिकार-क्षेत्र में है और आज की तारीख में केवल आपके बस की बात दिखती है !!!!
यदि आप इस बात के मर्म को इस रूप में लेंगे कि - तन की सफाई से ज़्यादा मन की सफाईं आवश्यक है - तो शायद आप को मेरी बात का सार भी समझ आ जायेगा .... धन्यवाद !!!!

Tuesday 23 September 2014

//// अब गरबे पे मौलाना का बयान - विरोध करने की बारी आम मुस्लिम बिरादरी की ////

//// अब गरबे पे मौलाना का बयान - विरोध करने की बारी आम मुस्लिम बिरादरी की ////
ये लो भाई लोगों झेलो .... अब गरबे प्रकरण में गुजरात से जनाब मौलाना मेहँदी हुसैन नें अपना मुंह खोला है - और जब मुंह खोला है तो यकीनन ज़हर ही उगला है - और ज़हर भी इतना ज़हरीला कि बोल दिया गरबे वालों को राक्षस .... और तो और गरबा खेलने वाली महिलाओं के लिए भी अभद्रतम शर्मनाक टिप्पणियाँ कर डालीं !!!!
इसके पहले जब इसी विषयक अप्रिय एवं विरोधाभासी बातें इंदौर से विधायक सुश्री उषा ठाकुर ने कही थीं तब बहुत से सेक्युलर लोगों के साथ ही हिन्दू समाज के कई लोगों ने और आमजन और मीडिया ने भी तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की थीं !
विरोध, निंदा और प्रतिक्रिया तो अब भी होगी, और होनी भी चाहिए .... मैंने भी तब भी निंदा की थी और अब भी करता हूँ - बल्कि अबकी बार और ज्यादा निंदा करता हूँ !
पर अब मेरी आम मुस्लिम बिरादरी से भी ये अपेक्षा होगी और प्रार्थना होगी कि धर्म और राजनीति से ऊपर उठ मौलाना साहब के इन बयानों की भी पुरज़ोर मज़म्मत करें - कड़े से कड़े शब्दों में !
ऐसा होने पर ही मुझे लगता है कि इन नेताओं और धर्म के ठेकेदारों पर अंकुश लगाया जा सकेगा और अमन चैन का मार्ग प्रशस्त होगा !!!! और मुझे लगता है ऐसा ही होगा !!!!

//// इस गठ-बंधन के असली मायने ////

//// इस गठ-बंधन के असली मायने ////
बीजेपी - शिवसेना के गठबंधन पर बातचीत चल और चल ही रही है .... पर अब बस थोड़ी देर में ही निर्णय हो जायेगा .... और पता चल जायेगा कि ....
>> कितनी 'गांठे' पड़ती हैं और आगे शिवसेना मोदी सरकार की कितनी भर्त्सना करती है ....
या 
>> कितने 'बंधन' बंधते हैं और शिवसेना आगे भी मोदीजी के कितने क़सीदे पढ़ती है ....
बाकी तो ये राजनीतिक पार्टियां और इनके नेता कभी भी सही को सही और गलत को गलत कहेंगे ऐसी अपेक्षा भी रखना निरर्थक है !!!!

Monday 22 September 2014

//// संविधान बताये - इस LG का क्या करें ? ////

//// संविधान बताये - इस LG का क्या करें ? ////
भक्तों के जाने के बाद एक मित्र मण्डली में बुद्धिजीवी बात कर रहे थे ....
ये दिल्ली चुनाव का आखिर क्या हुआ ?
मामले में LG को निर्णय लेना है ....
तो LG निर्णय लेते क्यों नहीं ?
क्या बताएं यार .. ये LG गवर्नर राष्ट्रपति आदि संवैधानिक लोग हैं ...
तो क्या बाकि असंवैधानिक हैं ?
नहीं यार हैं तो ये भी सब की तरह असंवैधानिक पर कहलाते संवैधानिक हैं ...
पर यार भले ही संवैधानिक ही हों निर्णय क्यूँ नहीं लेते ....
अब नहीं लेते तो नहीं लेते ... क्या कर सकते हैं ?
क्यों क्या इनमे निर्णय लेने की अकल नहीं होती ?
नहीं अकल तो होती होगी पर ये इस्तेमाल नहीं करते ....
क्यों भाई इस्तेमाल क्यों नहीं करते ?
अरे यार कहा ना ये संवैधानिक हैं न इसलिए ....
तो क्या संविधान में लिखा है कि ये अपनी अकल नहीं लगा सकते ?
हाँ यार एक संवैधानिक विशेषज्ञ टीवी पर यह कह रहा था की वाकई संविधान में ऐसा लिखा है ....
गज़ब है यार ऐसा क्या लिखा है ?
लिखा है ये केवल किसी और की AID & ADVICE पर ही कार्य कर सकते हैं ...
तो फिर अकल वालों को संवैधानिक पदों पर क्यों बैठाया जाता है ?
यार ये तो पता नहीं ?
पर यार सोचो कि सभी पदों पर अकल वाले भी कहाँ बैठाये गए हैं ?
ऐसा क्यों किया होगा ?
क्योंकि इन्हे बैठाने वाले तो अकल वाले हैं ना - बल्कि डेढ़ अकल के शाने हैं ना, इसलिए ...
हम्म्म !!!! अब पूरी बात समझ पड़ रही है .... अब समझ पड़ रही है कि दिल्ली में चुनाव की घोषणा क्यों नहीं हो रही है .... दोष संविधान का भी है ....
शsssssश !! ...... चुप इस देश में संविधान के खिलाफ कुछ भी बोलना मना है ....
क्यों मना है भाई, संविधान में तो सबको बोलने की आज़ादी दी है ....
दी है पर संविधान के खिलाफ नहीं ....
तो फिर कोई पूछे कि दिल्ली में चुनाव क्यों नहीं हो रहे तो क्या जवाब दें ?
अरे यार छोड़ो इस संविधान संवैधानिक असंवैधानिक बातों को .... साफ़ साफ़ ठेठ सही बात बोलो ना कि - भाजपा हार के डर से भाग रही है और चुनाव होंगे तो केजरीवाल जीत जाएंगे - बस इसलिए !!!!
वाह क्या बात कही है - संवैधानिक भी और 100% टंच भी !!!!
पर इस LG का क्या करें ?
संविधान जाने ....

//// काश्मीर जस का तस - बिलावली संकट टल गया - अब आगे क्या ? ////

//// काश्मीर जस का तस - बिलावली संकट टल गया - अब आगे क्या ? ////
बिलावल का काश्मीर पर बयान - लगता है हिन्दुस्तान के कुछ तथाकथित शूरवीरों को भा गया .... भाई लोगों को गालियां छोड़ने और अपनी देशभक्ति और शौर्य प्रदर्शन का सुअवसर प्रदान कर गया .... भाई लोग पिल पड़े कि - औकात बता देंगे - होश में रहना - अपने बाप को समझा देना - तेरी माँ नहीं कर पायी तू क्या चीज़ - चीर देंगे फाड़ देंगे - तुझे हमारी ताकत का अंदाज़ा नहीं है - ऊदबिलाव कहीं का - जब पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे तो तू पैदा भीनहीं हुआ था - पूरा पकिस्तान हिन्दुस्तान में मिला देंगे - अभी अंडे में से निकला नहीं है बांग दे रहा है .... !!!!
मुझे लगता है कि बिलावल के पाकिस्तान में दिए भाषण के कुछ अंशों की वैल्यू उतनी ही थी जैसे कि दुनिया के कई नेता अपने लोगों के बीच अपनी छवि चमकाने के लिए आये दिन देते रहते हैं !!!!
पर भाई लोगों ने तो इसे इतना सीरियसली लेने की एक्टिंग कर मारी कि मानो भाई लोगों को लगा कि बिलावल रात में टैंकों का काफिला ले कर आया हो और काश्मीर का एक छोटा हिस्सा बांध कर टोचन कर साथ ले गया हो - और सुबह जब इनकी नींद खुली तो सब चड्डी बनियान में ही नंगे पाँव हाथ में तलवार ले सड़क पर आ गए हैं - माँ भारती की सेवा में अपना सर्वस्व अर्पित करने को तैयार, तत्पर, और आतुर - सबसे पहले - सबसे आगे !!!!
पर अब जब ये पता चल चुका है कि एक इंच जमीन भी काश्मीर की उधर नहीं हुई है - बिलावल डर गया है - संकट टल गया है - अब चिंता की कोई बात शेष नहीं बची है - और तो और आगे ....
भाइयों और बहनो जबकि मैं ब्रह्म प्रकाश दुआ, इस देश का पहला सजग देशवासी आपको पहली बार, ये विश्वास दिलाता हूँ और लिखित गारण्टी देता हूँ कि - काश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा - भारत ना टूटेगा ना झुकेगा ....
तो अब मैं चाहूंगा कि भाई लोग कम से कम मुझ पर तो विश्वास कर अपनी तलवारें अपनी मियान में वापस रख लेवें, कपड़े शपड़े पहन लेवें, गहरी सांस लें, पानी पी लें .... और फिर थोड़ा बहुत ध्यान अपने अंदरूनी मामलों पर भी दे देवें - थोड़ी बहुत विवेचना अपने प्रधान सेवक के 'बिलावली' बयानों की भी कर लेवें .... जैसे - मेरी छाती 56" - पाकिस्तान को सबक सिखा देंगे - चीन हिम्मत नहीं कर सकेगा - 100 दिन में कालाधन वापस ले आएंगे - भ्रष्टाचार मुक्त भारत - सभी भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे - किसी को खाने नहीं दूंगा - कांग्रेस मुक्त भारत - बुलेट ट्रेन - स्मार्ट सिटी - गंगा निर्मल साफ़ - पूरा देश स्वच्छ - शौचालय ही शौचालय - संसद स्वच्छ - बेरोज़गारी ख़त्म - 100 स्मार्ट सिटी - काशी का कायाकल्प - रेलवे स्टेशन हवाई अड्डे जैसे - राम मंदिर निर्माण - गगनचुम्बी पटेल प्रतिमा - धारा 370 ख़त्म - इत्यादि !!!!

Sunday 21 September 2014

//// बुखारी साहेब - सर्टिफिकेट से परहेज़ क्यों ? ////

//// बुखारी साहेब - सर्टिफिकेट से परहेज़ क्यों ? ////
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी साहब ने कहा - इंडियन मुस्लिम् देशभक्त हैं उन्हें किसी के सर्टिफिकेट की ज़रुरत नहीं !!!!
बुखारी साहेब इतनी तल्खी क्यों ? सर्टिफिकेट की ज़रुरत क्यों नहीं ? क्या ये तथाकथित सर्टिफिकेट आपको या मुसलमानों को नुकसान देने वाला है - किसी को काट लेगा ? .... अरे जनाब किसी साधारण व्यक्ति ने नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री ने यदि भारतीय मुसलमानों की तारीफ में कुछ वाजिब कहा है - और मान भी लें कि पहली बार कहा है - तो आपको बुरा क्यों लग रहा है - आपको आपत्ति क्यों होनी चाहिए ? .... बल्कि आपको तो खुश होना लाज़मी था - आँखों से ख़ुशी झलकनी चाहिए थी - और मोदी जी के बयान का स्वागत होना था .... आपको भी बढ़ कर कहना था कि हमेशा की तरह आगे भी सब मिलजुलकर ही देश के लिए जिएंगे और देश के लिए मरेंगे !!!! कल्पना करें क्या खुशगवार आलम होता !!!!
पर लगता है कि आपकी फितरत में ये सब नहीं हैं .... आप नहीं चाहते कि कोई अमन और भाईचारे की बात हो और आगे बढ़े, नहीं तो आपकी दुकान तो बंद हो जायेगी - आप तो अब ये चाहते होंगे कि बवाल और बढे ..... अब सामने से योगी जी बोलें - तुम्हे सर्टिफिकेट दिया ही किसने था ? - फिर आप जवाब दें - सर्टिफिकेट देने की तुम्हारी औकात भी नहीं है - फिर योगी जी बोलें - तुम अपनी औकात पहचानों .... और बस फिर क्या है आप दोनों आ जाओगे अपनी अपनी औकात पे - और लड़वा दोगे दोनों हिन्दू मुसलमानों को !!!! दो चार मर जाएंगे जिन्हे आप शहीद बोल इनायत फरमा देंगे - और सैंकड़ों अपने ज़ख्म सहलाते ताज़िंदगी कोर्ट कचहरी में लगे रहेंगे !!!!
बुखारी साहेब आपको बताना चाहूंगा कि समय बहुत बदल चुका है .... आपने देखा होगा कि योगी आदित्यनाथ ने जब साम्प्रदायिकता और लोगों को भड़काने लड़ाने की बातें कहीं तो हिन्दुओं सहित बहुत लोगों ने खुल कर उनकी निंदा की - ऐसी घोर निंदा कि आज वो अपने बिल में छुपने और शांत होने को मजबूर हो गए हैं ..... अब हमारे मुस्लिम भाई भी बहुत ऊपर उठ ज़हीन हो गए है - पढ़ लिख गए हैं - वो भी अमनपसंद हैं और विकास चाहते हैं - अब वो भी आपकी फ़िरकापरस्त बातों से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखने वाले !!!!
इसलिए ज़रा गौर फरमाएं कि नौबत कहीं यहाँ तक न हो आये कि आपको और योगी जी को मस्जिद मंदिर की दीवारों से बाहर गांव की सरहद पर खँडहर की दीवारों के पीछे छिपकर एक दूसरे के गले लग एक दूसरे के आंसूं न पोंछने पड़ जाएँ .... ज़रा संभल के !!!!
अतः जनाब मेरी आप से दरख्वास्त है कि भारत के प्रधानमंत्री द्वारा जो एक वाजिब और सच बात मेरे भारतीय मुसलमानों के लिए कही है उसे स्वयं ही लिखवा फोटोफ्रेम में जड़वा सर्टिफिकेट की तरह कम से कम अपने घर और कार्यालय में ज़रूर लगवा लें .... इससे आपको आगे प्यार मोहब्बत से बोलने की प्रेरणा मिलती रहेगी !!!!
और अंत में मैं मेरी पूरी मुस्लिम बिरादरी से भी दरख्वास्त करना चाहूंगा की जिस तरह कुछ हिन्दू खुल कर लव-जिहाद और योगी आदित्यनाथ आदि के खिलाफ बोले वैसे ही वे भी यदि मुस्लिम नेताओं के गलत बयानों की निंदा करेंग तो ये देशहित में और अमन चैन भाईचारे के हित में एक क़ाबिले तारीफ कदम होगा !!!!
आइये हम सब मिलकर अपने देश को साम्प्रदायिकता के रास्ते से अलग विकास के रास्ते पर ले जाने का प्रयास करें - धन्यवाद !!!!

Saturday 20 September 2014

//// एक भक्त की उल्लास / उल्लूआस भरी अभिव्यक्ति ////

//// एक भक्त की उल्लास / उल्लूआस भरी अभिव्यक्ति //// 
छत्तीसगढ़ उपचुनाव की एकमात्र सीट पर भाजपा विजयी .... भाजपा उम्मीदवार ने NOTA को 50000 से ज्यादा वोटों से पछाड़ते हुए चुनाव जीता - ये वही NOTA है जिसे अन्ना केजरीवाल आदि लोगों ने लागू करवाया था, इसलिए ये केजरीवाल की भी स्पष्ट हार है - कांग्रेस का उम्मीदवार तो चुनाव पूर्व ही भाग खड़ा हुआ था इसलिए ये कांग्रेस की दयनीय हार है - BSP SP CPI AIADMK ADMK BJD RJD आदि पार्टियां भी चुनाव लड़ने तक की हिम्मत तक नहीं जुटा पायीं, इसलिए ये उनकी भी हार है .... ये जीत मोदी की जीत है .... केवल मोदी की .... मोदी की सुनामी फिर वापस आ गयी है .... अब देखना महाराष्ट्र हरियाणा में .... सभी पार्टियों का सूपड़ा साफ़ हो जाएगा !!!!
वैसे तो मुझे भी ये अहसास है कि महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस के हारने और इसलिए भाजपा के स्वतः जीतने की अच्छी संभावनाएं हैं - पर फिर भी मैं सोच रहा हूँ कि कहीं भक्त का ये उल्लास उल्लूआस तो नहीं ????

//// प्रधानमंत्री के बयान के मायने ////

//// प्रधानमंत्री के बयान के मायने ////
अब तो देश के प्रधानमंत्री ने जो बयान दे दिए हैं उनमें // "भारतीय मुस्लिमों की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है" // जो शब्द उपयोग में लिए गए हैं, उनसे कई लोगों द्वारा पूर्व में दिए गए गलत बयानों के ठीक विपरीत, अब निम्न बातें सिद्ध हो जाती हैं .....
1) भारत हमारे देश का एक नाम है ....
2) भारत में मुस्लिम भी रहते हैं ....
3) भारत में रहनेवाले सभी हिन्दू नहीं हैं ....
4) भारत एक सेक्युलर देश है ....
5) भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं है ....
6) भारत स्वाभाविकतः हिन्दू राष्ट्र हो नहीं सकता ....
7) भारत में रहने वाले केवल हिन्दू ही देशभक्त नहीं, बल्कि मुस्लिम भी देशभक्त हैं ....
8) भारत में रहने वाले कुछ हिन्दू और कुछ मुस्लिम दोनों ही देशद्रोही हो सकते हैं ....
9) जो भी 'हिन्दू राष्ट्र' की बात कर रहा था वो कट्टरवादी साम्प्रदायिक हिन्दू था ....
10) जो भी 'हिन्दू राष्ट्र' की बात करेगा वो तथ्यों से दूर स्वार्थवश देश का अहित करेगा ....
11) मुस्लिम 'मुस्लिम' है, 'हिन्दू' नहीं है ....
12) कोई मुस्लिम है तो इसलिए की उसका धर्म इस्लाम है ....
13) मैं हिन्दू हूँ क्योंकि मेरा धर्म हिन्दू है ....
14) और अंततः भारत में रहने वाला प्रत्येक हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, या अन्य धर्म को मानने वाला, भारतीय है ....
अब यदि किसी को अब भी मेरी या मोदी जी की बात से ऐतराज़ है तो वो पहले अपने बिल में से निकलकर खुले आम मोदी जी के बयान की खुल कर निंदा करे और उनको प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ करे - फिर आगे बकवास पटके, यदि पटकनी ही हो तो !!!! और नहीं तो माफ़ी माँगना तो हमेशा से ही श्रेयस्कर माना गया है !!!! जय हिन्द !!!!

//// चुनाव बाद मोदी जी के स्वागत योग्य नायाब बोल ////

//// चुनाव बाद मोदी जी के स्वागत योग्य नायाब बोल ////
CNN को PM मोदी का इंटरव्यू .... // भारतीय मुस्लिमों की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है - भारत का मुस्लिम देश के लिए जियेगा और देश के लिए मरेगा - भारतीय मुस्लिम कभी भारत के लिए बुरा नहीं चाहेगा // !!!!
मोदी जी द्वारा उपरोक्त बोल स्वागत योग्य हैं और देशहित में हैं ! सरकार द्वारा अभी तक के दयनीय प्रदर्शन और विपरीत कार्यशैली के मद्देनज़र ये वक्तव्य एक आशा की किरण जैसे दिखते हैं !!!!
हिंदूवादी सांप्रदायिक, विघटनकारी, वैमनस्यकारी शक्तियों और व्यक्तियों तथा शांतिप्रिय विकासप्रिय सेक्युलर लोगों को गालियां देने वालों के नापाक चेहरे पर एक तमाचा भी हैं - चटाक !!!!
आगे मेरा सुझाव और आशा है कि मोदी सरकार व्यर्थ के मुद्दों संस्थाओं और व्यक्तियों से अपने को अलग कर अब विकास और केवल विकास के मुद्दे पर आगे बढे और किये गए वादे पूरे करे !!!!
मैं ये भी चाहूंगा कि जब तक पुराने वादे पूरे न हो जाएँ, नित नए वादे कर सरकार अपने को और बोझिल बनाने से भी बचे !!!!
पर साथ ही मैं ये भी चाहूंगा कि पूर्व में किये गए सभी गुनहगारों और भ्रष्टाचारियों और बकवास पटकने वालों को भी अतिशीघ्र सजा दिलाने में भी कोई कोर कसर ना रहे - ताकि इस देश के दुराचारियों को भी एक कड़ा सन्देश जा सके !!!!

Friday 19 September 2014

//// अभी चौकन्ना रहने की आवश्यकता क्यों ? ////

//// अभी चौकन्ना रहने की आवश्यकता क्यों ? ////
प्रधानमंत्री मोदी जी ने आज मुसलामानों को लेकर बहुत ही स्वागत योग्य बातें कहीं थीं ....कि भारतीय मुस्लिमों की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है - भारत का मुस्लिम देश के लिए जियेगा और देश के लिए मरेगा - भारतीय मुस्लिम कभी भारत के लिए बुरा नहीं चाहेगा !!!!
पर कहते हैं राजनीति में कही गयी बातों की टाइमिंग का भी बहुत महत्व होता है ....
मैं मोदी जी के उक्त बयानों की टाइमिंग को निम्नानुसार देखता हूँ ....
ये बयान तब आएं हैं जब - बयानों के सार के ठीक विपरीत बनाये गए माहौल में उपचुनावों में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है - आगे महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव घोषित हो चुके हैं - और मोदी जी को अमेरिका जाना है जबकि अमेरिका उन्हें पूर्व में नकारात्मक सांप्रदायिक छवि के रहते उन्हें वीसा तक नकार चुका था !!!!
अब चूँकि बयान अपने आप में अति उत्तम हैं इसलिए इसकी सर्वथा प्रशंसा हो रही है, होनी चाहिए, और होती रहेगी ..... पर साथ ही टाइमिंग और व्यक्ति विशेष की विश्वसनीयता तथा प्रतिष्ठा के मद्देनज़र बयानों को एक संशय की दृष्टि से भी देखा जा रहा है .... और टीका टिप्पणियाँ भी हो रही हैं !!!!
अतः जनता को अभी आँख नाक कान मुंह दिल दिमाग खोल के सतत चौकन्ना रहना होगा .... और हाँ कलम (आज के परिप्रेक्ष्य में keyboard) तो चलती ही रहनी चाहिए ....
और ये सब इस ध्येय और इरादे से कि - यदि मोदी जी अपने दिए गए बयानों से इतर जरा भी और जब भी भटकें या विचलित हों तो उन्हें उनके ही बयान याद दिलाएं जाएँ - यानी अब हमें मोदी जी को बयानों को भूलने नहीं देना है !!!!
और रही बात भक्तों की - तो इस अति गंभीर विषयक उन्हें एक तरफ रख उन्हें नज़रअंदाज़ करना ही श्रेयस्कर प्रतीत होता है - हाँ बाकी हल्के-फुल्के विषयों और मनोरंजन के लिए तो उनका सदुपयोग किया ही जा सकता है !!!!

//// चुनाव बाद मोदी जी के स्वागत योग्य नायाब बोल ////

CNN को PM मोदी का इंटरव्यू .... // भारतीय मुस्लिमों की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है - भारत का मुस्लिम देश के लिए जियेगा और देश के लिए मरेगा - भारतीय मुस्लिम कभी भारत के लिए बुरा नहीं चाहेगा // !!!!
मोदी जी द्वारा उपरोक्त बोल स्वागत योग्य हैं और देशहित में हैं ! सरकार द्वारा अभी तक के दयनीय प्रदर्शन और विपरीत कार्यशैली के मद्देनज़र ये वक्तव्य एक आशा की किरण जैसे दिखते हैं !!!!
हिंदूवादी सांप्रदायिक, विघटनकारी, वैमनस्यकारी शक्तियों और व्यक्तियों तथा शांतिप्रिय विकासप्रिय सेक्युलर लोगों को गालियां देने वालों के नापाक चेहरे पर एक तमाचा भी हैं - चटाक !!!!
आगे मेरा सुझाव और आशा है कि मोदी सरकार व्यर्थ के मुद्दों संस्थाओं और व्यक्तियों से अपने को अलग कर अब विकास और केवल विकास के मुद्दे पर आगे बढे और किये गए वादे पूरे करे !!!!
मैं ये भी चाहूंगा कि जब तक पुराने वादे पूरे न हो जाएँ, नित नए वादे कर सरकार अपने को और बोझिल बनाने से भी बचे !!!!
पर साथ ही मैं ये भी चाहूंगा कि पूर्व में किये गए सभी गुनहगारों और भ्रष्टाचारियों और बकवास पटकने वालों को भी अतिशीघ्र सजा दिलाने में भी कोई कोर कसर ना रहे - ताकि इस देश के दुराचारियों को भी एक कड़ा सन्देश जा सके !!!!

Thursday 18 September 2014

//// क्या हेमामालिनी को बकवास करने का नैतिक अधिकार भी है ? ////

//// क्या हेमामालिनी को बकवास करने का नैतिक अधिकार भी है ? //// 
उ.प्र. मथुरा से भाजपा सांसद हेमामालिनी ने कहा बंगाल और बिहार की विधवाओं के लिए मथुरा वृन्दावन में कोई जगह नहीं है .... समस्या भी बतायी .... और साथ ही उन्होंने विधवाओं को भिखारी और बुरा भला भी कहा !!!!
क्यों मैडम जी - जब आप दक्षिण भारत से आकर धर्मेन्द्र के पंजाबी खुशहाल परिवार में पूर्व से ही एक बीवी के रहते दूसरी बीवी बन घुस सकती हैं - और किसी के लिए समस्या बन सकती हैं .... जब आप दक्षिण भारत या मुंबई से होते हुए उ.प्र. मथुरा की सांसद बन सकती हैं .... जब आपके प्रिय नेता गुजरात से आकर वाराणसी से चुनाव लड़ वहां से सांसद बन देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं .... तो आपको ऐसी बकवास करने की सूझ कैसे पड़ती है ??
क्या मथुरा वृन्दावन आपकी बपौती है ??
क्या मथुरा वृन्दावन भारत में नहीं है ??
क्या आप राज ठाकरे के उग्र महाराष्ट्र वाद की पक्षधर हैं ??
क्या आपकी पार्टी भाजपा दिल्ली में भी बिहार उ.प्र. से आकर बसने वालों की विरोधी है ??
क्या धर्मेन्द्र जी को भी नहीं कह देना चाहिए कि गलती हों गयी - अब आपकी उनके परिवार में कोई जगह नहीं है ??
कृपया जवाब देवें - या विनम्रता से माफ़ी मांग लेवें .... कह देवें कि विपक्ष की साज़िश के तहत आपके बयान को मीडिया ने तोड़ मरोड़ कर पेश किया है - आपका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था - फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो आप खेद प्रकट करती हैं ..... मेरा आपको यही विनम्र सुझाव !!!!

//// भक्तों को 'सेक्युलर' नाम से एलर्जी क्यों ? ////

//// भक्तों को 'सेक्युलर' नाम से एलर्जी क्यों ? ////
आजकल भक्त लोगों को 'सेक्युलर' शब्द से ही एलर्जी हो गयी है .... जहाँ आपने आदित्यनाथ या साक्षी महाराज का नाम लिया नहीं कि आपको 'सेक्युलर' के नाम पर गाली पड़ना तय है !!!!
उ.प्र. के उपचुनाव में सपा जैसी गई बीती पार्टी के हाथों हार के बाद तो समझो भक्त बौरा से गए हैं .... ये सच मानने में कि हार का कारण सांप्रदायिक कार्ड ही था, इनकी मिद्द निकल रही है - वहीँ दूसरा कोई कारण या बहाना सूझ नहीं पड़ रहा है .... और इसलिए कपडे फाड़ने लगते हैं कि देखो इन 'सेक्युलर' मूर्खों को - कांग्रेस का भ्रष्टाचार और सपा की गुंडागर्दी भूल गए - और हरा दिया भाजपा को !!!!
इनकी बातों से तो ऐसा लगता है जैसे कह रहे हों कि - साम्प्रदायिकता का बखान तो इनके सभी धार्मिक ग्रंथों में है - और इससे कुछ बुरा नहीं होता - बल्कि ये तो देश के लिए बहुत लाभदायक चीज़ है - यही साम्प्रदायिकता एक दिन देश के विकास का कारण बनेगी - बस भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी से बचो -और जैसा हम सोचते हैं वैसा ही सोचो नहीं तो वही गाली दे देंगे - "सेक्युलर कहीं के' !!!!
इससे सिद्ध होता है कि भाजपा में मोदी समर्थक भक्तों का एक वर्ग हिंदूवादी सांप्रदायिक वर्ग है जिसकी सोच ही बहुत बकवास, विघटनकारी और संकीर्ण है .... यहाँ तक संकीर्ण कि वो सेक्युलर मानसिकता को अंग्रेजों कि गुलामी तक से जोड़ देते हैं और ऐसी बकवास करते हैं जैसे कि सेक्युलर लोग तो गुलाम, पिछड़े, मुसलमानो से डरने वाले डरपोक, विभीषण, दोगले, नपुंसक, बुद्धू, देशद्रोही हों !!!!
पर अभी अभी एक सकून की खबर दिखी कि छोटे मोदी यानी सुशील मोदी ने साफ कहा कि वो आदित्यनाथ की बातों से सहमत नहीं थे और उन्होंने उसको रोकने का प्रयास भी किया था .... चलो भाजपा में भी एक समझदार सामने तो आया .... अब देखें ये भक्त सुशील मोदी के बारे में अपने उच्च विचार कब प्रकट करते हैं ????
वैसे बड़े मोदी भी बात तो समझदारी की ही करते हैं यानी 100% टंच सेक्युलर वाली - और मोदी अपने आपको चिल्ला चिल्ला कर सेक्युलर ही तो कहते हैं - पर तब ये बेचारे भक्त मोदी को 'सेक्युलर' के नाम से गाली भी नहीं देते या दे सकते - तब तो इनकी घिघ्घी बंध जाती है !!!!
पर क्या भरोसा मूर्ख भक्त कल से यह भी खुलासा न कर दें कि - मोदी अंदर से सेक्युलर कदापि नहीं - वो तो वोट पाने और सत्ता में आने और बने रहने के लिय केवल 'सेक्युलर' होने और दिखने की एक्टिंग भर करते हैं - इसलिए ही तो भक्त उनकी भक्ति में लीन हैं .... मोदी ! मोदी !! मोदी !!!

Wednesday 17 September 2014

//// सांप्रदायिक कार्ड खेल उ.प्र. में 11 में से 3 सीटें हथिया लीं - आगे क्या ? ////

//// सांप्रदायिक कार्ड खेल उ.प्र. में 11 में से 3 सीटें हथिया लीं - आगे क्या ? ////
भाजपा ने अपना सांप्रदायिक कार्ड खेल उ.प्र. में 11 में से 3 सीटें हथिया लीं .... मैं क्यूँ न मानूं कि भाजपा के सांसद साक्षी महाराज के उस कथन के कारण ही ये 3 सीटें भाजपा को मिल पायीं जिसमें साक्षी महाराज ने कहा था कि ....
// "मदरसों में लव जेहाद का षडयंत्र चल रहा है. वे बकायदा इसके रेट रखते हैं कि अगर सरदार की लड़की हो तो नौ लाख रुपये, अगर जैन की लड़की है तो आठ लाख रुपये और अगर हिंदू की लड़की है तो सात लाख रुपये. जेहाद चलाने के लिए इनको पैसा अरब देशों से मिलता है. और मुझे लगता है कि देश का इस्लामीकरण करने के लिए सारे के सारे षडयंत्र चल रहे हैं. इनकी जांच होनी चाहिए इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए." //
अब उपचुनाव तो हो गए - इसलिए अब मैं एक नागरिक के नाते मोदी सरकार के समक्ष निम्नानुसार प्रश्न रखता हूँ: - >>
>> 1) अगर आपके सांसद साक्षी महाराज का कथन सही था तो अब तक आपकी सरकार ने क्या कार्यवाही करी ? गृहमंत्री क्या कर रहे हैं ? सो रहे हैं ??
>> 2) आगे क्या कार्यवाही करेंगे - क्या जांच बैठाएंगे ? छापे मारेंगे ? गिरफ्तारियां करेंगे ? मदरसे बंद करेंगे .... देश को पूरा विवरण देंगे ??
>> 3) और अगर आपके सांसद साक्षी महाराज का कथन गलत था / है तो अभी तक उन पर जनता को भड़काने और समाज में वैमनस्य फ़ैलाने के दुष्कृत्य के लिए कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई ? क्या उनकी गिरफ्तारी होगी ??
>> 4) आगे क्या साक्षी महाराज को पार्टी से बाहर निकालेंगे ??
>> 5) आगे क्या योगी आदित्यनाथ पर भी कोई कार्यवाही की जायेगी ??
>> 6) और अंतिम पर सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न कि - क्या जो तीन सीटें आपने दुष्प्रचार कर हथिया ली हैं उन पर अपने विधायकों का इस्तीफा दिला पुनः चुनाव कराने की एक नैतिक पहल करेंगे ?

Tuesday 16 September 2014

//// उ.प्र. में भाजपा हारी समाजवादी पार्टी जीती - ख़ुशी क्यूँ ? ////

//// उ.प्र. में भाजपा हारी समाजवादी पार्टी जीती - ख़ुशी क्यूँ ? ////
कई लोग कह रहे हैं कि - उ.प्र. में भाजपा हार गयी इस बात पर खुश होने की ज़रुरत नहीं क्योंकि गुंडे बदमाशों की पार्टी समाजवादी पार्टी जीती है कोई अच्छे लोग या अच्छी पार्टी नहीं !!!!
बात बिलकुल सही है, पर ख़ुशी का कारण इसलिए है कि जब दो गुंडों में बड़ा और सशक्त गुंडा हारे तो थोड़ा बहुत खुश होना तो बनता ही है - और यदि समाजवादी गुंडे इस जीत से उत्साहित होते हैं तो केवल उ.प्र. का ही थोड़ा और नुकसान होगा - पर भाजपा के सांप्रदायिक कार्ड को थप्पड़ लगा उ.प्र. की जनता नें पूरे देश का भला किया है .... इसलिए थोड़ा बहुत खुश होना तो बनता है !!!!
और वैसे भी राजस्थान और गुजरात के रिजल्ट भी तो भाजपा के विरुद्ध ही गए हैं - और वहां भी कांग्रेस की जीत के बजाय भाजपा की हार की ख़ुशी तो बनती है !!!!

//// दिल्ली में भाजपा को अपनी हार स्पष्ट दिख रही थी / है ////

//// दिल्ली में भाजपा को अपनी हार स्पष्ट दिख रही थी / है ////
भगोड़ी भाजपा दिल्ली चुनाव से आखिर क्यों भागती फिर रही है .... इसका खुल्ला खुलासा अब हो गया है .... भाजपा को अपनी हार स्पष्ट दिख रही थी / है !!!!
कारण - भाजपा ने अपनी शाणपत् तो बखूबी बताई है पर अब उसकी चालाकी और बेशर्मी भी सार्वजनिक हो गयी है .... ऊपर से उपचुनावों में मिली करारी पराजय से और हताशा हाथ लगी है .... साम्प्रदायिकता का घिनौना कार्ड तो भाजपा के खुद मुंह पर तमाचे जैसा पड़ जड़ गया है .... चुनाव पूर्व किये वादों को पूरे न कर सकना भी भारी पड़ रहा है .... और इसलिए अब हालात ऐसे हो गए हैं कि चुनावों से भागती भगोड़ी भाजपा की हार दिन ब दिन और पक्की होती जा रही है !!!!
पर अब चाहते या ना चाहते हुए भी कभी ना कभी तो चुनाव कराने ही पड़ेंगे .... बेचारे मोदी जी ! 56" की बात करते करते इतनी जल्दी ऐसी हालत होगी सोचा न होगा !!!! मेरे आंकलन अनुसार ये सब इसलिए कि कहीं न कहीं नीयत में खोट दिखता है - मोदी जी बातें कुछ कह रहे हैं पर कर तो कुछ अलग ही रहे हैं !!!!
अच्छे दिन ????
अच्छे दिन सबसे पहले मोदी के आये .... 
अच्छे दिन फिर भाजपाई विहिप बजरंगियों के आये ....
अच्छे दिन अब मुलायम के आये हैं ....
अच्छे दिन अब कांग्रेस के आने का अंदेशा हो गया है ....
जनता के अच्छे दिन नहीं आये .... बुरे दिन जारी हैं .... बहुत बुरे दिन !!!!

//// साम्प्रदायिकता नहीं - मोदी नहीं ////

//// साम्प्रदायिकता नहीं - मोदी नहीं ////
उपचुनाव के परिणाम आ रहे हैं - ट्रेंड्स बता रहे हैं - उप में 11 में से 8 में समाजवादी पार्टी और केवल 3 में भाजपा आगे है - तथा गुजरात में 9 में से 5 में भाजपा और 4 में कांग्रेस आगे है - तथा राजस्थान में 4 में से 1 में भाजपा और 3 में कांग्रेस आगे है .... यदि यही ट्रेंड्स अंतिम रहते हैं तो मेरा निष्कर्ष ...
१) मोदी को जनता नें नकारा - MODI STANDS REJECTED !!!! 
२) साम्प्रदायिकता जनता को पसंद नहीं - भले ही कुप्रशासन झेलना पड़े !!!!

//// गूंगी सरकार - मरणासन्न विपक्ष - बस हम बचे हैं बोलने के लिए ////

//// गूंगी सरकार - मरणासन्न विपक्ष - बस हम बचे हैं बोलने के लिए ////
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि - "गंगा की सफाई पर मुझसे कई प्रश्न पूछे जाते हैं ! लेकिन मैं कुछ भी नहीं कहने वाली ! मेरा भरोसा काम पर है ! मैं तीन साल में गंगा को निरंतर और पवित्र बनाने जा रही हूँ !"
प्रधानमंत्री स्वयं मौन हैं मनमोहन से भी ज्यादा मौन - लगता है उनका भरोसा सबका 'काम लगाने' पर है या सबको 'काम पर लगाने का' अतः उन्होंने अपने सभी मंत्रियों को अपना अपना रिपोर्ट कार्ड मीडिया के सामने प्रस्तुत करने का 'टास्क' दे दिया और खुद सुविधानुसार हो गए चुप - पर ज्यादातर मंत्री अपने 'टास्क मास्टर' की बात तक नहीं माने और मीडिया के सामने नहीं आये - गृहमंत्री जरा विलम्ब से लजाते शरमाते सकुचाते से आये और पटक गए कि उन्हें तो कुछ अता पता नहीं हैं - दुसरे कुछ एक मंत्री भी आये पर उन्होंने भी शायद ही कोई काम किया हो जो बखान करते, तो बस इधर उधर कि कह चलते बने - और अब जल संसाधन और गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने सीधे सीधे फरमा दिया 3 साल तक किसी प्रश्न का जवाब नहीं देंगी !!!!
वाह क्या टोली है - भानमती का पिटारा दिखता है - सब एक से बढ़ कर एक नायाब नगीने !!!!
और उधर विपक्ष ना के बराबर और मरणासन्न - इसलिए कोई हो हल्ला नहीं कोई प्रश्न नहीं कोई चैलेंज नहीं कोई विरोध नहीं कोई जवाबदारी नहीं - यानी सब दूर सन्नाटा .... और हाँ हिम्मत भी नहीं क्योंकि भ्रष्टाचार करके जो बैठे हैं !!!!
अब तो इस लोकतंत्र में विपक्ष कि भूमिका का निर्वहन करने के लिए भी बस हम जैसे लोग ही बचे हैं जो थोड़ा बहुत विपक्ष होने का अहसास भर करा सकेंगे ....
अतः मेरा भक्तों से निवेदन है कि अब जब मोदी सरकार को कोई हिला नहीं सकता और उसको कोई खतरा नहीं है - और आप लोग उनकी किसी भी बात को गलत कहने की मानसिक स्थिति में नहीं हो - इसलिए अब आप लोकहित में 3 साल के लिए विलुप्त हो जाओ और हमें कम से कम विपक्ष की ही भूमिका निभाने दो .... या फिर ठीक है गूंगी सरकार की तरफ से आप ही कुछ तो भी बोलते रहो - साथ साथ में हमें गालियाँ भी देते रहो - और करते रहो मोदी जी की सेवा ....
शर्म करो डूब मरो चुल्लू भर पानी में - भाजपाइयों देखो अपना चेहरा इस आईने में - कितना विकृत दिख रहा है - घृणा और घिन्न आती है .... यदि मेरी बात बुरी लगे तो दिखलाओ ये वीडियो अपने महात्मन मोदी जी को और कहो उनसे खुल कर कमेंट करने को ..... क्या मोदी जी इसी समरसता की बात करते हैं ????????

//// मेरे आह्वाहन मात्र पर बवाल !!!! ////

//// मेरे आह्वाहन मात्र पर बवाल !!!! ////
मैंने तो मेरे कल के पोस्ट "//// इस देश की सभी युवतियों से मेरा सादर आह्वाहन ////" में देश की युवतियों से आह्वाहन भर किया था कि जो लोग उन्हें नासमझ भोली बेवक़ूफ़ समझ रहे है उनके विरूद्ध आवाज़ ज़रूर उठायें ! मैं सोचता हूँ कि एक बुज़ुर्ग के नाते और सेक्युलर बुद्धिजीवी के नाते ये मेरा अधिकार भी था और दायित्व भी .... 
पर अब कुछ भाई लोगों ने पोस्ट के कमेंटस में मुझे गालियां दे दी हैं - मुद्दे से अलग मुद्दे की बात किये बगैर .... ये संस्कारी कौन हो सकते है कल्पना करना कठिन नहीं है !
इसलिए अब तो मुझे पक्का भरोसा हो गया कि मेरी बात में दम है - तीर निशाने पर लगा है - कुछ अवांछनीय तत्त्व नहीं चाहते कि युवतियां सजग हों जाएँ क्योंकि नहीं तो उनका 'डर्टी गेम प्लान' या 'धंधा-पानी' कैसे चलता रहेगा ?
ऐसे लोगों को धिक्कारते हुए यही कहूँगा कि बेटा तुम्हारे विलाप करने से कुछ नहीं होगा - युवतियां अब बहुत समझदार हैं ..... वाकई वो अपना बुरा भला अच्छे से समझती हैं !!!!
यदि मैं कमेंट्स में गालियों को विलोपित कर दूँ, तो ज्यादातर आलोचनाओं का एक मुख्य बिंदु ये है कि गरबों में कुछ मुसलमान युवक गलत नीयत से आते हैं .... ये आलोचना बिलकुल सही हो सकती है - पर यदि ये बात सही हैं तो ये बात भी सही है कि उक्त आयोजन मैं हिन्दू युवक भी गलत नियत से आते होंगे - और यह छोटी बात भी छोड़ देवें - फिर आपको मेरा ये आंकलन भी मानना पड़ेगा की उक्त आयोजन में कई युवतियां भी पूजा को छोड़ केवल डांस करने और कुछ अलग ही नीयत से आती हैं .... और ये युवतियां विभिन्न जातियों और धरम की होती हैं ....
तो क्या ये सही नहीं होगा कि आयोजक पहले ये निर्णय कर लें कि वो कौन सी जाती धर्म की लडकियां हैं और वो कौन सी जाती धर्म के लड़के हैं जो उस पवित्र स्थल पर सही नीयत से ही आते हों - और फिर केवल उन्ही 'सिलेक्टेड क्लास' का आयोजन हो जाए .... आयोजन फिर सार्वजनिक क्यों ? फिर केवल मुसलमान लड़कों पर केवल धर्म के आधार पर असंवैधानिक रोक उचित कैसे (भले ही ये व्यवहारिक रूप में और वस्तुपरक सही ही क्यों न हो) ???? ....
पर ऐसा होता नहीं है - क्यों ? क्योंकि आयोजकों को भीड़ भी बहुत अच्छी लगती है - यदि भीड़ नहीं होगी तो मज़ा कैसे आएगा ? उनकी चंदे की दुकान कैसे चलेगी ? उनका वोट बैंक कैसे सुधरेगा ? उनकी सार्वजनिक छवि कैसे निखरेगी ? और हाँ सबके इतर एक प्रश्न और कि फिर घर में ही पूजा नहीं कर लेनी चाहिए ?
इस प्रसंग में आयोजकों पर यह उक्ति बिलकुल सही बैठती है कि ---
उनका क्या करें जिन्हें - //// "अकेले में डर लगता है और भीड़ से परहेज़ है" ////
>>>>
अब मेरे प्रिय आलोचक चाहें जितना विलाप करते रहे .... गालियां देते रहे .... इधर उधर कि बात करके अपनी भड़ास निकालते रहें .... कोई फर्क नहीं पड़ेगा - युवतियों को भी नहीं और मुझे भी नहीं !!!!

//// इस देश की सभी युवतियों से मेरा सादर आह्वाहन ////

//// इस देश की सभी युवतियों से मेरा सादर आह्वाहन ////
लव-जेहाद के नाम पर और अब गरबा उत्सव के नाम पर कई भाजपाइयों और हिंदूवादी नेताओं के द्वारा खुल्लम खुल्ला इस आशय की बातें कही जा रहीं हैं कि कुछ मुसलमान लड़के हिन्दू लड़कियों को बहला फुसला कर उनसे शादी कर लेते हैं या उन्हें बेवक़ूफ़ बनाते हैं या फिर उनका गलत इस्तेमाल करते हैं या उन्हें गलत काम करने को मज़बूर करते हैं और उनकी ज़िन्दगी बर्बाद कर देते हैं .... और ऐसा बहुत पहले से होता आया है .... अभी ज़्यादा हो रहा है .... पर वो आपके स्वयंभू रहनुमा आगे ऐसा नहीं होने देंगे - इत्यादि !!!!
मेरी राय में मेरे देश की आप सभी युवतियां बहुत समझदार हैं और अपने बुरे भले के बारे में स्वयं सोच सकती हैं - और फिर आपके पास आपके अभिभावक माता पिता भाई बहन रिश्तेदार शिक्षक गुरु और अच्छे दोस्त या सहेलियां आदि ऐसे बहुत से लोग सामान्यतः होंगे ही जो आपकी चिंता भी करते होंगे और आपका मार्गदर्शन भी करते होंगे !!!!
यह भी गर्व की बात है कि आज की युवतियां बहुत पढ़ी लिखी भी हैं और पुरषों को भी कड़ी टक्कर दे रही हैं और शायद किसी भी क्षेत्र में युवकों से कम नहीं हैं !!!!
ऐसे में आप सब के लिए लव-जेहाद या गरबा आदि के नाम पर आपके बारे में ऐसे उटपटांग बयान से मैं सहमत नहीं हो सकता हूँ .... क्योंकि बयानों से तो ऐसा लगता है कि ये नेता बोल रहे हों जैसे कि आप बेवक़ूफ़ हों और युवती नहीं बल्कि कोई वस्तु हों .... और इसलिए इसमें मुझे आपका अपमान दिखता है .... और साथ ही मुझे साम्प्रदायिकता की बूँ भी आती है !!!!
अतः मेरा आपसे करबद्ध आह्वाहन हैं कि पार्टी पॉलिटिक्स धर्म जाति से ऊपर उठकर ऐसे वक्तव्यों और ऐसी सोच और राजनीती के विरुद्ध अपनी आवाज़ ज़रूर उठायें ....
यदि आपको मेरी कोई भी बात आपत्तिजनक या गलत लगी हो तो अति विनम्रता से अग्रिम माफ़ी चाहूंगा .... धन्यवाद !

//// राजधर्म ! राजधर्म !! राजधर्म !!! ////

//// राजधर्म ! राजधर्म !! राजधर्म !!! ////
आदरणीय मोदी जी !
मुझे लगता है वर्तमान परिदृश्य के परिप्रेक्ष्य में श्रेयस्कर होगा कि मैं आपको माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी का वो सारगर्भित शब्द याद दिलाऊं - "राजधर्म !" ....
धन्यवाद !

//// इंदौर में गरबा उत्सव में मुसलामानों की प्रविष्टि प्रतिबंधित?////

//// इंदौर में गरबा उत्सव में मुसलामानों की प्रविष्टि प्रतिबंधित?////
भाजपा की उपाध्यक्ष तेज तर्राट हिंदूवादी छवि वाली इंदौर से हमारी विधायक सुश्री उषा ठाकुर ने इस आशय की घोषणा करी है कि आगामी नवरात्री एवं दुर्गा पूजा के उपलक्ष में सालों से समरसता के साथ आयोजित होते आये अनेक गरबों में मुसलमानों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा !
कई अजीबो गरीब फतवों और खाप पंचायतों के समान ही यह घोषणा भी आपत्तिजनक मानी जानी चाहिए .... पर क्या ऐसा होगा ????
अरे छोड़िये जनाब - आज की परिस्थिति में तो इन सत्ता के मद में आकंठ डूबे हुए भाजपाइयों से ऐसी किसी भी प्रकार की न्यायसंगत अपेक्षा ना ही की जाय तो बेहतर !!!!
हाँ कल क्या होता है ये इस बात पर निर्भर करेगा कि इंदौर की महान परम्पराओं को जीवित रखे यहाँ की सामान्य शांतिप्रिय जनता इनका प्रतिकार कैसे करती है .... या करती भी है कि नहीं ????
और इससे भी महत्वपूर्ण बात ये देखने की होगी कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी जो धर्मनिरपेक्षता की इतनी बढ़िया बातें करते हैं, या मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान या पार्टी के अध्यक्ष या अन्य पदाधिकारी अब उषा ठाकुर को कैसे और कब पुरस्कृत / दण्डित करते हैं !!!!
और अब तो आप सब भी आगे इस बात पर भी नज़र रखें कि - मुख्यतः गुजरात में बड़े ही पारम्परिक व्यापक और हर्षोल्लास से मनाए जाने वाले इस विश्वविख्यात गरबा उत्सव में भी कहीं ऐसी ही निषेधाज्ञा की घोषणा तो नहीं कर दी जाती ????

//// मेरे और मोदी के समान से कथनों में इतना भेदभाव क्यों? ////

//// मेरे और मोदी के समान से कथनों में इतना भेदभाव क्यों? ////
जब मैनें कुछ अच्छी बातें कहीं कि हमें जाति धर्म आदि से ऊपर उठकर धर्मनिरपेक्षता का परिचय देना चाहिए, मिलजुल कर समरसता से रहना चाहिए - जब मैंने समाज में लव-जेहाद जैसी वैमनस्यकारी और भड़काऊ बातों के विरोध में लिखा - तो आप विश्वास करें मुझे प्रशंसा के साथ बहुत गालियां भी पड़ीं .... और गालियां भी मेरे हिन्दू धर्म का उपहास करते माँ बेटी बहनो के नामे और मुझे मेरी कौम और देश के प्रति गद्दार जैसे निरूपित करते हुए .... यहाँ तक कि मुझे इस अंदाज़ में "सेक्युलर" और "बुद्धिजीवी" कहा गया जो गाली से कम ना लगे - और जो बेचारा अनपढ़ हो तो उसे तो ये भ्रम भी हो जाए की "सेक्युलर" कोई नकारात्मक शब्द है और "बुद्धिजीवी" होना अपराध !!!!
पर जब मैंने लगभग मेरे ही शब्द मोदी राजनाथ वेंकैय्या आदि भाजपा के बड़े बड़े नेताओं, भाजपा प्रवक्ताओं और अनेक पत्रकारों और टीवी एंकर्स और डिबेटर्स को कहते सुना, अखबारों में पढ़ा, तो ऐसी कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने में नहीं आई .... गालियों का तो प्रश्न ही नहीं !!!!
ऐसा भेदभाव क्यों ??
मैंने इसकी विवेचना की और मुझे जो कारण समझ में आये वो निम्नानुसार हैं >>>
>>> आमजन के अब यह स्वाभाविक रूप से मानस में घुस गया है कि जो ये नेता बड़ी बड़ी अच्छी बातें कर रहे हैं वो बातें ही हैं - उन बातों का वस्तुस्थिति से कोई लेना देना नहीं हैं .... इसलिए जो सांप्रदायिक हिन्दू हैं उन्हें मोदी और अन्य भाजपाई भगवा सफेदपोश नेताओं के धर्मनिरपेक्ष वचन विचलित नहीं करते .... और जो वस्तुतः धर्मनिरपेक्ष लोग हैं वो सब जानते बूझते भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं होते .... और इसलिए वो शांत रहते हैं >>
>>> दूसरा कारण मुझे स्पष्तः अंधभक्ति की बढ़ती बीमारी जान पड़ती है .... मसलन ऐसे लोग अपनी पसंद बना चुके नेता की किसी भी हद तक प्रशंसा ही करेंगे और निंदा तो बिलकुल सहन नहीं करेंगे, फिर मुद्दा और वस्तुस्थिति चाहे कुछ भी हो .... ऐसे लोग प्रायः अनपढ़ ज्यादा होते है - इसलिए अशिक्षा भी एक कारण है >>
>>> और सबसे बड़ा कारण धर्मांधता असहिष्णुता और धर्म के प्रति कट्टरता है - और ये सबसे खतरनाक कारण है .... और धर्मांध भी कैसे कैसे कि बस किसी ने कुछ भी भड़काऊ बात की उसे सत्य ही मानते हुए धर्म में दी गयी सारी शिक्षा और मूल्यों की ऐसी की तैसी करते हुए निकल पड़ना धर्म की रक्षा में लड़ने भिड़ने को मारने काटने को गालियां देने को .... बिलकुल गंवारों और छुट्टे वहशी की तरह !!!!
तो मित्रों शायद आपको अब 'भेदभाव' का कारण समझ आया होगा ....
इसलिए मैंने निर्णय किया है कि संस्कारी भक्तों की गालियों से मैं विचलित नहीं होने वाला, बल्कि मैं उन्हें खुल्ली चुनौती देता हूँ कि .... नालायकों मुझे गाली देने के पहले पुराने समाचार पत्र, भाजपा के घोषणापत्र, 'गूगल' और 'यू-ट्यूब' आदि पर भाजपाई नेताओं के भाषण अवश्य टटोल लेना ....
मसलन यदि मैं कहता हूँ कि "इस देश में रहने वाले सभी मुसलमान हमारे ही भाई हैं" या "आतंकी की कोई जात नहीं होती" - तो धर्मांध हिन्दुओं की जायज़ औलादों मुझे गाली देने के पहले ये देख लेना कि इसी आशय की बात कहीं मोदी जी या अन्य संघी या भाजपाई ने भी तो नहीं कही थी ????
जय हिन्द ! .... ब्रह्म प्रकाश दुआ ....

Monday 15 September 2014

//// सेना द्वारा बचाव कार्य बाधित करने वालों पर जवाबी कार्यवाही क्यों नहीं ? ////

//// सेना द्वारा बचाव कार्य बाधित करने वालों पर जवाबी कार्यवाही क्यों नहीं ? ////
कश्मीर में भयावह और अभूतपूर्व आपदा आई थी .... और भारतीय सेना ने भी वहां जैसा अभूतपूर्व बचाव और राहत का काम किया है वो भी न केवल प्रशंसा और गर्व करने योग्य बल्कि सेना के कृतज्ञ होने योग्य भी रहा है .... इसलिए सर्वप्रथम हर देशवासी की ही तरह भारतीय सेना को मेरा भी धन्यवाद और सलाम !!!!
पर इस बीच बहुत ही दुखी और गुस्सा दिलाने वाली खबरें भी आ रहीं हैं कि वहां के कुछ अवांछनीय लोग उल्टे सेना पर हमला कर रहे हैं .... और इस कारण लगभग सभी देशवासी भी स्वाभाविक रूप से दुखी और उद्वेलित हो रहे हैं !!!!
इस विषयक मेरी विवेचना निम्नानुसार है ....
जब सेल्फ डिफेन्स में कई नेताओं को कानून अपने हाथ में ले उसे जायज़ भी ठहराते देखा गया है तो फिर सेना को भी आवश्यक कार्यवाही करने की छूट या आदेश क्यों नहीं ???? और क्या ऐसी असामान्य परिस्थिति में भी जब सेना अति संवेदनशील और महत्त्वपूर्ण बचाव एवं राहत का पुण्य कार्य कर रही थी तब क्या सेना को अपने विवेक और तात्कालिक आवश्यकतानुसार कार्यवाही नहीं करनी चाहिए थी ????
उदहारण के लिए यदि मैं एक साधारण सी बात आपके सामने रखूँ की यदि अति इमरजेंसी में एक एम्बुलेंस घायलों को ले अस्पताल जा रही हो और एक दो वहशी एम्बुलेंस के सामने आकर लेट जावे या पत्थर हाथ में उठा सामने खड़े हो एम्बुलेंस को रोके - और आप उस एम्बुलेंस के ड्राइवर हों - तो आप क्या करेंगे ? क्या करना पड़ेगा ? क्या करना वांछित होगा ????
आशा है आपको जवाब मिल गया होगा !!!!
अतः मेरा ऐसा मानना है कि सेना के द्वारा किये सभी अतिप्रशंसनीय कार्यों के बावजूद सेना द्वारा जिस प्रकार की घटनाएं होने दी गयीं वो सेना पर भी छोटा मोटा प्रश्नचिन्ह तो खड़ा करती हैं - और जिस प्रकार के समाचार वहां से पूरे देश में फैले हैं यदि वो सही हैं तो उसके साथ-साथ ये समाचार भी आने ही चाहिए थे कि सेना ने भी समुचित जवाबी कार्यवाही की .... और उसके बाद मुजरिमों के नाम सबके सामने आने थे, उन पर कड़ी कानूनी कार्यवाही शुरू होनी चाहिए थी !!!!
और हाँ जैसा कि समाचारों से ज्ञात हुआ है कि ऐसे सभी लोग एक विशेष समुदाय के हैं तो ऐसे वहशियों के विरुद्ध पहली और ऊँची आवाज़ उसी समाज के नेताओं ठेकेदारों और सभ्य लोगों से ही उठनी चाहिए थी - ताकि विभिन्न समाजों के बीच एक दूसरे के प्रति विश्वास बढ़ सके !!!!

//// मोदी जी FAIL !?!? ////

//// मोदी जी FAIL !?!? ////
सुनने में आ रहा है कि अभी कुछ दिन पहले ही विस्तारित विज्ञापित घोषित और जोर शोर शाने शौकत से शुरू की गयी जन धन योजना के प्रावधानों में बदलाव किये जा रहे हैं या कर दिए गए हैं ..... अब 5000 के बजाय ओवरड्राफ्ट केवल 500 रुपये का ही दिया जा सकेगा, यानी 'एक शून्य कम' !!!!
मैं याद कर रहा हूँ कि कुछ भाजपा प्रवक्ताओं और समर्थित विशेषज्ञों द्वारा जन धन योजना को 'मील का पत्थर' निरूपित करते हुए और तारीफों के पुल बांधते हुए और इसके सहारे एक बार फिर नए नए सब्जबागों का नायाब चित्रण करते हुए एवं मोदी जी का उनके किये गए कार्यों का मूल्यांकन करते हुए उन्हें 10 में से 10 नंबर दिए थे !
तो अब मेरे ख्याल से मोदी जी के कार्यों का मूल्यांकन भी 10 में से 1 नंबर यानी 'एक शून्य कम' कर देना तार्किक और उचित होगा .... यानी की मोदी जी तिमाही परीक्षा में FAIL हुए !!!!
लेकिन मोदी समर्थकों को नाराज़ या मायूस होने की आवश्यकता नहीं है - क्योंकि अव्वल तो जन धन योजना वाकई में एक अच्छी योजना है इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए .... और फिर अभी तो छिमाही और फिर वार्षिक और फिर पंचवार्षिक और उसके बाद भी अंतहीन पांच वर्षीय अंतराल पश्चात दशावार्षिक पखवाडावार्षिक आदि परीक्षाएं शेष हैं .... बस एक अच्छे नागरिक की तरह इंतज़ार करते रहें .... और आशा बनाये रखें कि मोदी जी अंततः कभी ना कभी जैसे तैसे पास तो हो ही जाएंगे !!!!