Thursday 29 June 2017

// मोदी जी !! .. ये "भीड़" नहीं - जाने पहचाने सत्ता के नशे में चूर "गुंडों के टोले" ही हैं ....//


बस अभी-अभी मैनें आज फिर मोदी का भाषण सुन मारा .. और वो भी साबरमती से .. और वो भी गांधी और विनोबा के नामों के संस्मरण के साथ .. .. और मैनें एक बात फिर नोट की .. .. ये मोदी जो कहते हैं वो कदापि नहीं करते - जो करना होता है वो कभी नहीं कहते - जो उनसे अपेक्षित हो वो कभी नहीं करते - और आशा के अनुरूप बिल्कुल उलटे ही चलते हैं .. ..

और इसलिए मुझे एक पुराना चुटकुला याद आ गया .. गंगा किनारे हर की पेढ़ी पर एक महिला जोर जोर चिल्ला गंगा के बहाव के उलटी दिशा में बदहवास भागते हुए चिल्लाने लगी .. अरे बह गया बह गया कोई बचाओ !! .. .. कौन किधर ?? .. .. अरे मेरा पति - उधर .. .. उधर ?? .. तो इधर क्यों भाग रही है - बहाव की तरफ आगे जा .. .. अरे भाई वो भाजपाई भक्त ज़िन्दगी भर उलटे ही चला - मरने पर क्या खाक सीधे चलेगा - वो शर्तिया बह कर उल्टा ही आएगा !! .. ..

तो मित्रो - और भक्तो - आप भी टीप कर लें कि मोदी जी जो कहेंगे और करेंगे वो अपेक्षित और उपयुक्त का उल्टा ही होगा .. ..

और इसलिए मुझे लगता है कि गौरक्षकों की दरिंदगी - भीड़ के नाम पर संघ विहिप बजरंगी भाजपाई गुंडों की दरिंदगी अब काबू से बाहर हो चुकी है .. और इसे काबू में करने की ना कोई योजना है - ना इच्छा शक्ति - ना इरादा - ना नीयत .. ..

इसलिए सवा सौ करोड़ देशवासियों को मोदी पर विश्वास कर बेवकूफ बनने के बजाय खुद पर विश्वास कर ही कुछ करना होगा .. .. क्योंकि स्पष्ट है जिसे कुछ करने की जवाबदारी या जिम्मेदारी दी गई हो और वो कुछ भी किये बगैर सुबह शाम "चाइये-चाइये" कर रहा हो तो वो केवल चालाकी और धूर्तता और मक्कारी ही कर रहा है .. ..

और हाँ एक बात और बता दूँ कि मुझे लगता है कि जो हत्याओं का दोष "भीड़" पर मढ़ा जाकर भीड़ को बदनाम किया जा रहा है - वास्तव में वो भीड़ ना होकर जाने पहचाने सत्ता के नशे में चूर "गुंडों के टोले" ही हैं .. और ये बात हम सबको समझनी ही होगी - और मोदी और भक्तों को समझानी होगी !! .. .. !! जय हिन्द !!

मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

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