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बेहतर परिणाम के लक्ष्य को मरने नहीं दें .. और फिर उचित समय श्रेष्ठ प्रयास करें
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इरोम
शर्मिला .. मणिपुर की 'आयरन लेडी' .. 'एएफएसपीए' कानून के विरोध में जिसने १६ साल तक
अनशन रखा .. और कुछ ना होते देख अपना अनशन तोड़ राजनीतिक पार्टी बना चुनाव में उतरीं
.. आज उन्हें थउबल विधानसभा से मात्र ५१ वोट मिले .. ..
और
यूपी के कुंडा से बाहुबली राजा भैया एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मोदी की सुनामी
के बावजूद भाजपा सपा बसपा के सभी प्रत्याशियों को हराते हुए रिकॉर्ड १ लाख से अधिक
वोटों से जीत गए .. ..
और
इसलिए मैं हैरान और परेशान हूँ .. और कई प्रश्नों से जूझ रहा हूँ .. .. और इसलिए आज
मैं एक बार फिर सोचने पर मजबूर हूँ कि क्या हाथ पर हाथ धरे बैठ जाने से कुछ हासिल हो
पाएगा ?? .. या औकात वालों के विरुद्ध फ़ोकट हाथ पाँव पटकने से ही बिना नुक़सान झेले
कुछ हासिल हो पाएगा ?? .. ..
विचारोपरांत
मैं मेरी औकात अनुसार अभी तो यही उपयुक्त मानता हूँ कि - भले ही किन्हीं परिस्थितियों
में हार मानना आसान और सुविधाजनक हो - पर जब तक हार मानना श्रेयस्कर नहीं लगे तब तक
तो हार मानना उचित नहीं .. ..
उससे
बेहतर तो यही होगा कि आप अपने सही समय का इंतज़ार कर फिर प्रयास करें और श्रेष्ठ प्रयास
करें .. और कभी भी बेहतर परिणाम के लक्ष्य को मरने नहीं दें .. !! जय हिन्द !!
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