Monday 17 March 2014

क्या कहा मोदी जी .... बदला नहीं लोगे ???

विगत सालों में देश में बहुत भ्रष्टाचार हुआ ....
मुझे गुस्सा आया और लगा की सभी भ्रष्टाचारियों से चुन-चुन कर बदला लेना चाहिए ....
मोदी जी को सुना और लगा की ये आदमी कुछ अलग हट कर है, और आशा जगी कि ये आदमी ईमानदार है और भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाएगा ....
पर समय बीता .... और मोदी जी भी बदले ....
भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाना तो दूर भ्रष्टाचारियों को पार्टी में ही ले आये और मोदी जी भी सामान्य राजनेता जैसा बर्ताव करते नज़र आये - जैसे कि वही घिसे पिटे जुमले - "कोई तेरी पार्टी में है तो भ्रष्ट - मेरी पार्टी में है तो ईमानदार" - "हम करें तो सही - तुम करो तो गलत" - "हमने गलत किया तो क्या - तुम अपने गिरेबान में झाँक कर देखो" - "जिनके घर शीशे के होते हैं वो पत्थर नहीं फेंकते" - "तुम मुझ से पूछते हो .. पहले यह तो बताओ" - "मुझे किसी के सर्टिफिकेट कि जरूरत नहीं" - "मैं ये कर दूंगा वो कर दूंगा" ... आदि !!!
और अब हद तो तब हो गयी जब मोदी जी ने हाथ टेक दिए और सार्वजानिक रूप से घोषणा कर दी की बदले की भावना से किसी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जायेगी ....
मन में प्रश्न उठा कि मोदी जी हमारे सैनिकों के सर काटने वाली घटना पर क्या ओजस्विता के साथ बोलते थे - पर क्या अब पाकिस्तान से बदला भी नहीं लेंगे ?
और प्रश्न उठता है की UPA के भ्रष्टाचार को बड़े दुःख और आक्रोश उपहास के साथ लच्छेदार भाषा का प्रयोग कर जनता के सामने परोसते थे - पर क्या अब सब कुछ भुला देंगे और किसी से कोई बदला नहीं लेंगे ??
नहीं मोदी जी नहीं - लगता है दाल में जरूर कोई काला है -
मोदी जी आप सबके ऊपर तो आरोप लगाते रहे, सबका उपहास करते रहे, सबको ललकारते रहे - पर जब अम्बानी - अडानी - गैस की कीमतों - जमीनों का मुफ्त आवंटन - बड़ी हस्तियों को न बराबर ब्याज पर करोडो रुपये के लोन - गुजरात में विकास सम्बंधित दावों पर प्रतिप्रश्न - आपकी स्वयं के विवाह - आदि आदि के संबंधित बातें और प्रश्न और आरोप सामने आये तो मैं देख रहा हूँ की आप असहज हो गए हैं - आप खीज रहें हैं - आप भाग रहें हैं - आप विचलित हो रहे हैं - आप मीडिया को सेट करने का अनुचित प्रयास कर रहें हैं - .... ऐसा क्यूँ ???
यकीनन इसलिए कि आप तनिक भी अलग हट कर नहीं हैं ....
और आप हमारी बदला लेने कि प्रबल इच्छा को भी पूर्ण नहीं करेंगे, और सारे भ्रष्टाचारी स्वछन्द विचरण और कारोबार जारी रखेंगे ....

तो फिर आप ही क्यूँ कोई और क्यूँ नहीं ??? जनता भी / ही बदला क्यूँ ना ले ???

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