Thursday, 27 March 2014

धन्य हो मोदी जी ! आपके खुलासे से रोंगटे खड़े हो गए !!
रोंगटे खड़े हो गए यह जानकार कि अभी हाल में ही एक पाकिस्तानी एजेंट दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हो गया था ......... वो तो भला हो कांग्रेस और भाजपा के संयुक्त प्रयासों का कि केवल ४९ दिन में ही अपदस्थ कर दिया ....... वर्ना तो ........ ओह हो ???
मुझे लगता है कि समय आ गया है जब मनमोहनसिंह की सरकार, कांग्रेस पार्टी और भाजपा के सभी निखट्टू नेताओं, सीबीआई, आईबी, इंटेलिजेंस आदि के नकारा अधिकारियों को वाघा बॉर्डर से खदेड़ पाकिस्तानी आर्मी को सौंप देना चाहिए ......
और शायद यही विकल्प बेहतर होगा कि उसी तथाकथित पाकिस्तानी एजेंट को ही सैल्यूट मारकर उसे इस देश कि बागडोर सौंप देनी चाहिए !
अरविन्द केजरीवाल ज़िंदाबाद ! इंकलाब ज़िंदाबाद !!
 
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मोदी जी !
यक्ष प्रश्न है कि आपको कब और किसके द्वारा यह विदित हुआ कि AK-49 PAKISTANI AGENT है ?
लगता है जैसे ही केजरीवाल ने काशी से लड़ने का ऐलान किया आपके ज्ञान चक्षु खुल गए !!
या फिर ऐसा तो नहीं कि जैसे राहुल गांधी को एक इंटेलिजेंस के ऑफिसर के द्वारा मालूम हो गया था कि मुज्जफरनगर के मुसलमान IM के संपर्क में है - वैसे ही कुछ आपको भी ...... क्योंकि कांग्रेस और आपके डीएनए में ज्याद फर्क तो है नहीं .... है न ??
और इसलिए य़ाद है आपके प्रश्न पूछने पर भी राहुल गांधी चुप ही रहे थे !!! पर आप भी कहाँ जवाब देने वाले हो ??? आखिर आप राहुल गांधी से तो ज्यादा ही चतुर हो !!!
 
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मोदी जी !
५६" का सीना और - AK-47 से खतरा ?
AK-ANTONY इस देश के रक्षामंत्री हैं फिर उनसे इस देश को कैसा खतरा ??
AK-49 तो आपके अभिन्न मित्र हैं - आपके घर गुजरात से लेकर काशी तक आप का साथ नहीं छोड़ रहें है - फिर वो पाकिस्तानी एजेंट कैसे और कैसा खतरा ???
क्या आपको AK - HANGAL से भी कोई खतरा तो नहीं ????
 
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कौन है यह केजरीवाल? क्या ये पाकिस्तानी एजेंट है ? या अमेरिकी एजेंट है ? या काँग्रेस का एजेंट ? या RSS एजेंट ?
मैं बताता हूँ कौन है केजरीवाल।
यह मेरी या तुम्हारी तरह ही आम इंसान है, बस अंतर यह है कि इस व्यक्ति में 'रीढ़ की हड्डी' मौजूद है। यह हमारी तरह सिस्टम को दोष देकर घर में नहीं बैठ गया, बल्कि सीधा खड़ा हो गया, तनकर, यह सोच कर, कि अगर सिस्टम खराब है तो सिस्टम बदल देना चाहिये। देश के लिये कुछ करना चाहिये।
यह, वह आदमी है, जिसके पास न वोट खरीदने के लिए ना भीड़ जुटाने के लिए पैसा है, फिर भी दम भरता है कि देश की राजनीति को बदल कर रख देगा। है किसी में दम जो इरादों को हिला दे?
मीडिया झूठा प्रचार करता है, कोई बात नहीं, और ज्यादा जोर से चिल्लाऊँगा, लेकिन चुप नहीं बैठूंगा, हार नहीं मानूँगा।
यह, वह आदमी है, जो आज के समय में भी, जबकि नैतिक मूल्यों और ईमानदारी की बात करने वाले को बेवकूफ समझा जाता है, उन्हीं मूल्यों में विश्वास करता है, और मूल्यों के दम पर ही क्रांति लाने की बात करता है।
यह, वह व्यक्ति है दोस्तों, जो हिन्दुस्तान की आखिरी उम्मीद है, अगर हमने आज इसे बेइमानों के हाथों हारने दिया, तो कभी कोई क्रांति नहीं हो सकेगी इस देश में।
मैनें तो सोच लिय़ा है, कि जहाँ तक मेरा बस चलेगा, इस क्रांति की मशाल को बुझने नहीं दूंगा । लेकिन ज्यादा महत्वपूर्ण प्रश्न है - आपने क्या सोचा है ???

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