अभी
अभी समाचार आया है - कि मोदी जी ने वाराणसी चुनाव पर १ मई तक अन्य प्रत्याशियों के
मुकाबले सबसे कम खर्च रुपये ५,८३,०००/- मात्र किया है - जबकि केजरीवाल का खर्च रूपए
२२,०००,००/- से अधिक है !
कृपया विदित हो कि बकौल मोदी जी गुजराती पक्के व्यापारी होते हैं और एक पैसा भी गलत
निवेश नहीं करते हैं !
अतः स्पष्ट होता है कि या तो मोदी जी हिसाब किताब में घपलेबाजी कर रहे हैं और करोड़ों रुपये कालाधन खर्च कर चुनाव आयोग से खर्च का ब्यौरा छुपा रहे हैं - या - अपनी हार पक्की मान कर बेफिजूल ज्यादा पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं ....
अतः स्पष्ट होता है कि या तो मोदी जी हिसाब किताब में घपलेबाजी कर रहे हैं और करोड़ों रुपये कालाधन खर्च कर चुनाव आयोग से खर्च का ब्यौरा छुपा रहे हैं - या - अपनी हार पक्की मान कर बेफिजूल ज्यादा पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं ....
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ना
मुझे यहाँ किसी ने भेजा है - ना मैं यहाँ आया हूँ - मुझे तो गंगा ने बुलाया है ...
करोड़ों
रुपये के फूहड़ विज्ञापनों को सुन सुन कर पक गए हैं - ये बकवास नहीं तो और क्या है
?
क्या भारतीय जनता पार्टी ने मोदी को वाराणसी नहीं भेजा ?
क्या मोदी स्वयं वाराणसी नहीं आये थे - वे नहीं आये थे तो क्या उनका भूत आया था ?
और ये गंगा कौन है जिसने मोदी को बुलाया? - अरे थोड़ी तमीज और तहज़ीब और प्यार से ये तो बोला होता - मुझे "गंगा मैय्या" ने बुलाया है ?
चलो जो हुआ सो हुआ - अब ये बताओ की ८ तारीख को भी यदि आपको कोई भेज नहीं रहा है - और तो और वाराणसी की जनता ने आपको न कभी बुलाया न अभी बुलाया है - तो आप किसके कहने पर वाराणसी पधार कर किस पर एहसान करने का इरादा रखते हो ? गंगा पर ? केजरीवाल पर ? या वाराणसी की जनता पर ?
अरे मोदी जी लफ़्फ़ाज़ी छोडो - ऊल जलूल विज्ञापन बंद करो - और साफ़ साफ़ कहो की वारणसी की सेफ सीट से खुद चुनाव लड़ने आये थे - पर अब हार का डर है - है न ???
क्या भारतीय जनता पार्टी ने मोदी को वाराणसी नहीं भेजा ?
क्या मोदी स्वयं वाराणसी नहीं आये थे - वे नहीं आये थे तो क्या उनका भूत आया था ?
और ये गंगा कौन है जिसने मोदी को बुलाया? - अरे थोड़ी तमीज और तहज़ीब और प्यार से ये तो बोला होता - मुझे "गंगा मैय्या" ने बुलाया है ?
चलो जो हुआ सो हुआ - अब ये बताओ की ८ तारीख को भी यदि आपको कोई भेज नहीं रहा है - और तो और वाराणसी की जनता ने आपको न कभी बुलाया न अभी बुलाया है - तो आप किसके कहने पर वाराणसी पधार कर किस पर एहसान करने का इरादा रखते हो ? गंगा पर ? केजरीवाल पर ? या वाराणसी की जनता पर ?
अरे मोदी जी लफ़्फ़ाज़ी छोडो - ऊल जलूल विज्ञापन बंद करो - और साफ़ साफ़ कहो की वारणसी की सेफ सीट से खुद चुनाव लड़ने आये थे - पर अब हार का डर है - है न ???
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वाह
भई वाह - अमेठी प्रशासन तो गज़ब कि ईमानदारी - वफ़ादारी बताता दिख रहा है - आखिर
DEAL और SETTING होने के बाद पलटा थोड़े ही जाता है .... फिर आप चिल्लाते रहो कि ये
बेईमानी है - गद्दारी है - बेशर्मी है - नालायकी है !!!!
पर याद रहे सही चिल्लाहट कहीं आपके स्वयं के रोने चिल्लाने का सबब ना बन जाए - क्योंकि
इस देश में आम आदमी भी जाग रहा है .... अंगड़ाई ले रहा है ....
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