Saturday 7 April 2018

// सांप नेवला कुत्ती कुत्ता बिल्ली आदि की एंट्री के बाद तो स्तर अब "नीच" हो चुका है.. //


संसदीय लोकतंत्र निचले स्तर पर : मोदी

सही कहा.. पर इसके आगे की भी सुन लो मोदी जी..

सांप नेवला कुत्ती कुत्ता बिल्ली आदि की संसदीय लोकतंत्र में एंट्री के बाद तो हमारे कुछ तथाकथित लोकतांत्रिक सांसद अब "नीच" स्तर पर पहुँच चुके हैं..

इसलिए मोदी जी आपको एक बार पुनः धिक्कार के साथ कहना चाहूंगा कि क्या गलत हो रहा है और क्या सही होना 'चाइए' अब मत बोलते रहा करो.. क्योंकि ये काम तो हमारा है.. हम आपको बता देते हैं कि संसदीय लोकतंत्र का स्तर निचले ही नहीं "नीच" स्तर तक पहुंचा दिया गया है.. और इसमें हमारा तो कोई सीधे-सीधे योगदान नहीं है सिवाय इसके कि ३१% जनता ने आपको शीर्ष कर्ता के पद पर नियुक्त कर दिया था जबकि आप कर्ता तो हैं ही नहीं - आप तो बस जुबानी जमाखर्च करने वाले बड़बोले नाकाबिल ही निकले.. और इसलिए आप ही गिरे और गिरते हुए स्तरों के लिए गुनहगार साबित हो चुके हो..

और इसलिए कृपया विदित हो कि आज तो आप की बची खुची साख भी अपने निचले स्तर पर पहुँच चुकी है.. और इसके पहले कि जनता धिक्कार के धक्के मार के आपको अपदस्थ करे उससे पहले ही जनता से माफ़ी मांगकर इस्तीफ़ा दे दो.. थोड़ी आपकी साख भी लौट आएगी और प्रधानमंत्री पद की गिरती हुई गरिमा भी संभल जाएगी.. 

पर आप ऐसा करोगे लगता नहीं क्योंकि ये "माफ़ी" भी बड़ी ही अद्वितीय चीज़ है - और तो और 'माफ़ी मांगने' और 'थूक के चाटने' में भी उतना ही फर्क होता है जितना केजरी और विश्वास में.. और ये उच्च स्तर की बातें भी निम्न स्तर के समझ में पड़ी जाए - संभव ही नहीं.. 

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

1 comment:

  1. सुविचार
    मानव के कर्म ही उसके विचारों की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या हैं।
    खुशी
    दुख भोगने से ही इंसान को सुख के मूल्य का ज्ञान होता है।

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