Sunday 25 November 2018

// मामा तू अब डूबेगा - मोदी ले के डूबेगा !!.. ..//


और अंततः मध्यप्रदेश के चुनावों का प्रचार प्रसार और लोगों को बहलाने और बेवकूफ बनाने के समस्त प्रचलित प्रयोग उपक्रम बयानबाज़ी लफ़्फ़ाज़ी कोशिशें अपने चरम पर पहुँचते हुए समाप्त होने वाली हैं..
और २८ नवम्बर को चूना आयोग के सौजन्य से पारम्परिक अनियमितताओं के साथ मतदान भी संपन्न हो ही जाएगा.. और ११ दिसम्बर को यह भी पता चल ही जाएगा कि बाज़ी किसके हत्थे चढ़ी - सांपनाथ या नागनाथ के ??.. और यह भी कि 'आप' को भी वोट देने की समझदारी कितने लोगों ने बताई !!..

और इस दौरान गौर करने लायक सबसे बड़ी बात तो यह रही कि मोदी थोड़े छिटके से थोड़े थके से थोड़े थूक के चाटे से थोड़े घबराए से थोड़े अनमने से पूरे प्रचार प्रसार में लगभग नदारद रहते हुए अप्रभावी ही रहे.. और जो दो चार रैलियां की भी उसमें भी वो ५६ इंच का दमखम भरते तो दिखे नहीं - पर हाँ कभी इधर पलट कभी उधर पलट खिसियाए हुए तालियां जरूर पीटते दिखे.. और नेहरू परिवार के भूत से ग्रसित भी..
और इस बार लोग हैरान हैं कि मोदी राहुल और उनके परिवार को अहमियत देते हैं या नहीं ??.. और यदि देते हैं तो फिर इतने कपड़े क्यूँ फाड़ते हैं.. और यदि नहीं देते हैं तो फिर उनके बारे में इतनी ढेर सारी बकवास क्यों करते हैं ??.. यानि लगता है बेचारे कन्फ्यूज्ड हैं क्योंकि अब वो फ्यूज्ड हैं.. 

और तो और भक्तों के मुहं से वो 'मोदी-मोदी-मोदी' के फ़ोकट फटकारे भी पुरजोर आवाज़ में निकले ही नहीं.. बेचारे !!..

और इसके इतर पप्पू कुछ छाए रहे और पुरजोर आवाज़ में एक नारा बोलने लगवाने और चिपकवाने में सफल भी हुए.. और यदि उस चुनाव का नारा था " अच्छे दिन - आने वाले हैं " तो इस चुनाव का नारा रहा - " चौकदार - चोर है ".. .. और इसके अलावा इस बार मोदी को कोई नारा सूझ ही नहीं पड़ा और ले दे के 'नामदार' 'कामदार' का नया अप्रभावी टेप ही चलाने का प्रयास करते और ५६ इंच के विपरीत व्यवहार करते हुए मंच पर तालियां पीटते और लम्बी-लम्बी सांसों के साथ सिसकते से ही दिखे..

और विशेष बात ये है कि क्योंकि मोदी निपटे हुए फेल हैं - इसलिए इस बार शिवराज ने समझदारी से सारा भार अपने कंधो पर उठा लिया है.. और इसलिए अब सारा दामोदर शिवराज के कार्य और कारनामों पर आ कर टिक गया है..

और मैं महसूस कर रहा हूँ कि अव्वल तो शिवराज के कारनामे किये गए कार्य पर भारी पड़ रहे हैं और फिर उन्हें इस बार अपनी एंटी इंकम्बैंसी के बजाय मोदी की नकारा इंकम्बैंसी का ज्यादा नुक्सान उठाना पड़ रहा है..

यानि हालात ऐसे हो चले हैं कि जो अब तक तारनहार बने हुए थे वो ही डुबो रहे हैं.. बेचारे शिवराज !!..
और राजस्थान की तर्ज़ पर मध्यप्रदेश के लिए आप कह सकते हैं कि..
" मोदी तेरी खैर नहीं - मामा तुझ से बैर सही ".. ..
या फिर.. ..   
" मामा तू अब डूबेगा - मोदी ले के डूबेगा " .. .. ( क्योंकि मोदी डुबवा रहा है और शिवराज के डूबने का मतलब २०१९ में मोदी भी डूबेगा ).. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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