Friday 30 November 2018

// जनता को अब जीडीपी के आंकड़े समझ आते हैं.. और ये भी कि "चौकीदार चोर है"..//


मोदी या मोदी सरकार की एक शर्मनाक विशेषता देखी गई है कि जिस बात पर भी उसकी उचित आलोचना होती है वो उसे नेहरू-गांधी परिवार या यूपीए या कांग्रेस या फिर विपक्ष पर मढ़ देते हैं.. मसलन यदि आप आज की इमरजेंसी जैसे हालातों पर कुछ कहेंगे तो वो इंदिरा द्वारा लगाई गई इमरजेंसी की बात करने लगेंगे.. या फिर यदि आप आज के दंगों की बात करोगे तो वो सिख विरोधी दंगो पर बोलने लगेंगे.. या फिर यदि आपने राफेल की बात छेड़ दी तो वो पूरे फ़ैल जाएंगे और बोफोर्स और हेराल्ड से लेकर अब तक चर्चा में रहे नेहरू-गांधी परिवार और यूपीए के सारे संभावित झूठे सच्चे सभी घोटाले उद्घृत कर मारेंगे.. और गोदी मीडिया के बेशर्म बिकाऊ एंकर भी मोदी या मोदी सरकार से प्रश्न पूछने के बजाय प्रश्न विपक्ष से ही पूछते-पूछते पीछे ही पड़ जाएंगे..

मतलब ये कि जैसे ही इनकी चोरी पकड़ी जाती है वो गोदी मीडिया की भरपूर मदद से ये प्रयास करने लगते हैं कि चूंकि ऐसी चोरी-चकारी या गलती या धूर्तता तो नेहरू वंशज के नामदारों ने या फिर यूपीए या कॉंग्रेसियों ने भी करी थी - और वो भी ६० साल तक करी थी - इसलिए अब उनसे इतनी जल्दी ४-५ साल में ही कोई प्रश्न ना पूछे जाएं और किसी भी प्रकार की निम्न तुलना नहीं की जाए..

पर इस दौरान बहुत से विषय ऐसे भी आए जिनमें आंकड़ों के सहारे ये तय हो गया था कि मोदी सरकार यूपीए की तुलना में पीछे रह गई.. और ऐसे हो विषयों में एक विषय था - "जीडीपी" - जिसके कारण मोदी सरकार की खूब आलोचना और बदनामी होती रही थी.. और जिसकी काट भक्तों को भी ढूंढें नहीं मिल रही थी.. और संबित पात्रा को भी टेके लगाने में परेशानी होती रही थी..

पर अब ताज़ी ताज़ी घोषणा हुई है "जीडीपी" के बारे में.. वही जीडीपी जो नोटबंदी के बाद यकीनन और शर्तिया लुढ़क गई थी..

जी हाँ खालिस नाकारा वित्तमंत्री द्वारा वित्तमंत्रालय से ही संबंधित घोषणा हुई है कि - खबरदार !!.. अब बहुत हुआ.. कान खोल के सुन लो.. हमारी वाली जीडीपी उनकी वाली जीडीपी से भिन्न है - और हमारी वाली जीडीपी उनकी वाली जीडीपी से ज्यादा थी ज्यादा है और ज्यादा रहेगी !!..

इसलिए सावधान !!.. साहेब के निष्ठावान वित्तमंत्री और दयनीय अर्थव्यवस्था पर प्रश्न उठाने की अब कोई हिमाकत नहीं करे.. और अब आप संबित पात्रा को भी उनकी प्रकृति और विकृति अनुसार सदैव की तरह पूरी अभद्रता के साथ उछलते कूदते चिल्लाते देखने के लिए तैयार रहें..

यानि अब मोदी सरकार का ये प्रयास रहेगा कि कोई भी आमजन महंगाई या बेरोजगारी पर भी उनकी सरकार को दोष ना दे और चुपचाप सब कुछ सहता रहे.. और इसलिए आजका सबसे डरावना प्रश्न खड़ा होता है कि.. फिर गरीब का रोना कौन रोएगा और कौन सुनेगा - और आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा ??..

और मेरा जवाब है.. बस ४-५ महीने और !!..
क्योंकि अब तो जनता भी समझने लगी है कि ये "जीडीपी" क्या होता है या "जीडीपी" से क्या होता है.. और तो और अब तो जनता को ये बात भी जगजाहिर हो चुकी है कि - "चौकीदार चोर है".. और लोगों को ये बात भी समझने आने लगी है कि यदि मोदीराज में महंगाई बेरोजगारी कष्ट और परेशानियां बढ़ी हैं तो वो ना तो नेहरू की वजह से और ना ही किसी अन्य उचित कारणों से.. असल में दोषी तो मोदी ही हैं.. हानिकारक तो मोदी ही हैं !!..

इसलिए भाजपा और भक्तो को एक सलाह !!.. मोदी सरकार द्वारा "जीडीपी" के आंकड़ों में हेराफेरी करने से बात बनने वाली नहीं.. महंगाई पर रोक लगानी होगी - और राफेल के खुलासों के बाद अब चोर को चौकीदारी से तत्काल हटाना ही होगा..
और जनता को हर विषय पर "जी.डी.पी" यानि "जवाब देना पड़ेगा".. समझे !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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