Sunday 7 October 2018

// बेचारे मोदी !!.. लगता है - ना इधर के ना उधर के - ना घर के ना घाट के !!.. //


स्मरण हो कि..

सुप्रीम कोर्ट ने मार्च महीने में दिये गए फैसले में एससी-एसटी कानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए कुछ दिशा निर्देश जारी किये थे.. एससी-एसटी भड़क गए थे !!..
फिर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संसद के मार्फ़त पलट दिया था.. सवर्ण भड़क गए थे - और अभी तक भड़के हुए हैं !!..
और फिर ठीक एक महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने यह तय करते हुए कि वो केंद्र सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट में बदलाव की जांच करेगा - केंद्र सरकार को ६ हफ्ते का नोटिस दे दिया था.. केंद्र सरकार के कई मंत्री और भक्त तब भड़के थे.. पर सबको भड़का देख कुछ ही समय बाद घुस्सू जैसे स्तब्ध हो चुप हो लिए थे.. या यूं कहें कि सम्पट ही नहीं बैठी कि अब किया क्या जाए ??..

और अभी एक बार फिर पेट्रोल डीज़ल रसोई गैस के बढ़ते दामों पर सरकार को सम्पट ही नहीं बैठी कि किया क्या जाए ??..
तो घोषणा कर दी कि बढ़ते तेल के दामों में सरकार का कोई हाथ नहीं !!.. बस फिर क्या था भक्त स्तब्ध हो लिए और जनता भड़क गई थी !!..
और जनता को भड़का देख अब बेवकूफी वाली राहत पटक मारी.. और सबके सामने नंगे होकर कबूल लिया कि तेल की कीमतों को कम करना सरकार के हाथ में है.. इसलिए पेट्रोल डीज़ल २.५० रूपए सस्ता किया जाता है !!..

ऐसे ही कई बार देखा गया है कि जब सत्तापक्ष से जुड़ा अपराधी अपराध करते नंगा पकड़ा जाता है और उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती तो सरकार कहती है.. कानून अपना काम करेगा इसमें सरकार का कोई दखल नहीं !!.. और तब समझदार और विपक्षी भड़क जाते हैं !!.. फिर जब कभी गलती से कानून को अपना काम करना ही पड़ जाता है तो सरकार कहती है देखो हमने दखल दिया और अपराधियों के काम लगा दिए.. और तब उखड़े-उखड़े भक्त स्तब्ध हो जाते हैं !!..

ऐसे ही जब मोदी उनके विरोधियों पर अनाप शनाप आरोप लगाते या लगवाते हैं तो बेचारे खुद फंस जाते हैं - क्योंकि समझदार और विपक्षी पूछ लते हैं कि साढ़े चार साल से सत्ता में तो तुम हो - कुछ करते क्यों नहीं ??.. और तब बेचारे मोदी की किरकिरी हो जाती है.. फिर बस कभी भड़के-भड़के से बावरे हो रोने गाने चिल्लाने लग जाते हैं तो कभी स्तब्ध.. यानि मौन !!..

इसी कड़ी में मसलन गौर फरमाएं कि मोदी जब ये कहलवाते हैं कि राफेल डील में अंबानी को घुसेड़ने में उनका हाथ नहीं था तो समझदार और विपक्षी भड़क जाते है.. और जब फ्रांस वाले कह देते हैं कि अंबानी को घुसेड़ने में तो मोदी का ही हाथ था तो मोदी स्तब्ध हो जाते हैं और मोदी के मंत्री नथुने फुला-फुला भड़क जाते हैं !!..

ठीक ऐसे ही जब मोदी भक्त राम मंदिर के बारे में कह देते हैं कि कोर्ट का निर्णय कुछ भी हो मंदिर तो वहीँ बनेगा तो फिर समझदार पीछे पड़ जाते हैं - और जब मोदी के चंगू-मंगू ये कह देते हैं कि मंदिर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार बनेगा तो भक्त भड़क जाते हैं.. ..

यानि बेचारे मोदी !!.. लगता है - ना इधर के ना उधर के - ना घर के ना घाट के !!..

जी हाँ !!.. मुझे तो लगता है बेचारे मोदी के विरुद्ध कोई नैसर्गिक साज़िश हो रही है.. अव्वल तो बेचारे कुछ करते धरते नहीं सिवाय बोलने के.. और यदि कुछ कर गुजरते हैं तो कोई न कोई भड़क ही जाता है.. और सब बेचारे के पीछे पड़ जाते हैं.. और मोदी बेचारे अंदर अंदर भड़के ऊपर से स्तब्ध हो जाते हैं..

पर सावधान !!..

अंदर से भड़के ऊपर से स्तब्ध और बेवकूफों का बददिमाग नाकाबिल सनकियों का कोई भरोसा नहीं.. ये लोग कब कहाँ क्या कर गुजरें.. इनका कोई भरोसा नहीं !!..

इसलिए मेरा सबको सुझाव है.. भड़कते रहिए चहकते रहिए बोलते रहिए और - धिक्कारते रहिए.. और "चोर-चोर" का शोर मचाते रहिए.. सब कुछ ठीक-ठाक होने ही वाला है !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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