८६ वर्षीय वयोवृद्ध काबिल जुझारू पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद जी की - कल १११ दिन के अनशन के बाद जान चली गई.. सबके सामने !!..
और बिकाऊ गोदी मीडिया के घटिया स्तर और हमारी भी उदासीनता के कारण एक महान आत्मा के त्याग बलिदान संकल्प संघर्ष समपर्ण का हमें उचित एहसास तक नहीं हुआ - और उनके यश की कहानी से हम बहुत देर से रूबरू हुए..
और शायद इन्हीं कारणों से उस महान आत्मा के साथ-साथ इस देश से भी नाइंसाफी हुई.. और शायद हम सबके खोखलेपन की पोल भी खुल गई !!.. और विशेषकर सत्ता में बैठे अहंकारी लोगों की और स्वयंभू देशभक्तों की फोकटिया औकात को भी जबरदस्त ठेंस लग ही गई !!..
वयोवृद्ध प्रोफेसर जीडी अग्रवाल माँ गंगा को समर्पित हो गंगा की सफाई हेतु संघर्षरत थे.. और अपनी इन्हीं मांगो के संदर्भ में अनशन कर रहे थे.. अनवरत १११ दिनों से.. जी हाँ "१११" दिनों से..
और शायद इस देश के ज्यादातर लोग इन बीते १११ दिनों में अपने आप में मस्त या पस्त या व्यस्त थे !!..
और उनके १११ दिन के अनशन के बाद हुई मौत का कारण "कार्डियक अरेस्ट" बताया गया है.. जिसके कारण तो मैं और भी व्यथित हूँ.. और मेरा दिल चीत्कार कर रो देने हेतु मजबूर हुआ जा रहा है..
क्योंकि.. मैं उनके इस संघर्षरत देह त्याग को एक महान शहादत निरूपित करता हूँ.. और देश के जवाबदारों के व्यवहार को वाहियात और शर्मनाक !!..
और उनकी इस शहादत को उनके सम्मान में अपना सर झुका और अपनी अकर्मण्यताओं के लिए शर्मसार होते हुए सलाम करता हूँ..
मैं उन्हें "गंगापुत्र" नाम से पुकारने और हमेशा याद करने का भी आह्वाहन और समर्थन करता हूँ..
मैं इस बात से भी व्यथित हूँ कि "गंगापुत्र" के १११ दिन के अनवरत अनशन के दौरान हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने शहादत हो जाने के उपरान्त प्रोफेसर जी डी अग्रवाल को श्रद्धांजलि देने की घोषणा करी है..
इसलिए अत्यंत व्यथित हो आज मैं "गंगापुत्र" की शहादत के बाद हमारे नकली ढोंगी फरेबी और अपने आपको गंगापुत्र कहलाने वाले जोकर किंग प्रधानसेवक चौकीदार - और करोड़ों के नमामि गंगे सरकारी प्रोजेक्ट चलाने वाले प्रधानमंत्री मोदी जी को - अपनी रोषपूर्ण लानत प्रस्तुत करता हूँ !!..
और एक बार पुनः माँ गंगा पर शहीद हो जाने वाले "गंगापुत्र" को पूर्ण आदर के साथ प्रणाम और सलाम !!.. और दिल दिमाग से भावभीनी श्रद्धांजलि !!..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
No comments:
Post a Comment