Tuesday 8 August 2017

// 'वर्णिका कुंडू प्रकरण' .. या .. 'चंडीगढ़ पुलिस का बलात्कार प्रकरण' .. ..//


वर्णिका कुंडू प्रकरण आजकल सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय हो असभ्य समाज के लाख दबाने की कोशिशों के बावजूद चर्चा में है .. ..

और चर्चा में इसलिए है क्योंकि इसमें वांछित शुरूआती पुलसिया कार्यवाही होने के बाद पुलिस की मिद्द निकल गई .. क्योंकि जब तक प्रारम्भिक कार्यवाही की जा रही थी बेचारे पुलिस वालों को नहीं मालुम था कि अमीर लुच्चा टुच्चा आरोपी वास्तव में संस्कारी भाजपा के नेता का जायज़ पुत्र है - जिसका डीएनए तक बाप और पार्टी से मेल खाता है .. ..

और इसलिए मैं व्यक्तिगत रूप से इस प्रकरण को 'वर्णिका कुंडू प्रकरण' के बजाय 'चंडीगढ़ पुलिस का बलात्कार प्रकरण' कहना पसंद करूंगा .. जिसमें बलात्कारी एक अमीर लुच्चा टुच्चा ना होकर उसका बायलोजिकल बाप है जो संस्कारी भाजपा का नेता है .. ..

तो आइए देखते हैं कि इस बलात्कार प्रकरण में पीड़ित पुलिस और बलात्कारी नेता के बीच की एकतरफा रस्साकशी में पीड़ित पुलिस कब अपना दम तोड़ती है .. कब उसका पोस्टमॉर्टेम होता है - और कब दाह संस्कार !! .. या फिर हाथ में डंडा पकड़े पीड़ित पुलिस कब मुआवज़ा रुपी धन प्राप्त कर या चार लप्पड़ खाकर खाकसार हो जाती है .. ..

और हाँ ये भी देखिएगा कि जो भक्त सोशल मीडिया पर उचक फुदक अपनी भक्ति के साथ मूर्खता और बेशर्मी का नंगा प्रदर्शन करते हैं उन्हें भी अच्छे से जवाब दिया जाए .. और उनसे पूछा जाए कि - ये "सबका साथ सबका विकास" में "विकास" का मतलब "विकास बराला" ही था क्या ?? .. !! धन्यवाद !!

'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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