Saturday 19 August 2017

// बिहार बाढ़ की 'जमीनी हकीकत' - और दोगले द्वारा 'हवाई सर्वेक्षण' ....//


दोगले नितीश के राज्य बिहार में बाढ़ आई हुई है - पर ये बाढ़ की दोगलाई नहीं है .. क्योंकि वर्षा होना तय हो सुखद हो अपेक्षित हो और जरूरी हो हमेशा स्वागत योग्य होता है .. लेकिन जब आप प्रकृति से खिलवाड़ करेंगे और नदी की बहाव स्वतंत्रता पर अतिक्रमण कर लेंगे - तो स्वागत योग्य वर्षा के कारण बाढ़ के आने का नियमितीकरण हो जाना स्वाभाविक ही है .. और इसलिए स्वाभाविक रूप से वर्षा हुई और स्वाभाविक रूप से बाढ़ आनी ही थी और आई है .. ..

और इस बीच एक और स्वाभाविक नियमित बात भी होनी ही थी और वो हो गई है .. ..

जी हाँ !! - दोगले ने बाढ़ की जमीनी हकीकत जानने के नाम पर आसमानी हवाई सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया है .. ..

और मैं स्वाभाविक रूप से ही सोच रहा हूँ कि क्या आसमानी सर्वेक्षण से जमीनी हकीकत का पता चल पाता होगा ?? .. और क्या जमीन पर रहते भी जमीनी हकीकत का पता नहीं लग पाता होगा ?? .. ..

या कहीं ऐसा तो नहीं कि आसमानी सर्वेक्षण सुविधा की दृष्टि से और राजनीतिक बयानबाज़ी और शोशेबाज़ी के लिए ज्यादा उपयुक्त होता होगा - और हाँ !! पर्याप्त भी !! - जिसके बाद जमीनी सर्वेक्षण की आवश्यकता ही नहीं रह जाती होगी ?? .. ..

मैं ऐसा इसलिए सोच रहा था कि कभी भी दोगले के जातभाई अन्य नेता भी बाढ़ का जमीनी या फिर जलीय सर्वेक्षण करते नहीं पाए गए हैं - ना अपेक्षित बाढ़ के पहले - ना बाढ़ के दौरान - और ना बाढ़ के बाद .. ..

बल्कि सच तो मैनें साक्षात में यही देखा है कि - बाढ़ के हवाई सर्वेक्षण के बाद बाढ़ के मुद्दे को ही बाढ़ में जाने दिया जाता है .. ..

अतः बिहारियों को मेरी मुफ्त में सांत्वना !! .. अब जबकि दोगले के द्वारा अत्यावश्यक हवाई सर्वेक्षण कर लिया गया है - जमीनी हकीकत यह है कि सब कुछ बाढ़ में जाएगा .. और निश्चित ही एक दिन बाढ़ भी उतर जाएगी .. ..

और तब आप ज़िंदा बचे गीले सूखे भूखे रहते आसमान को तकते जमीनी हकीकत से रूबरू हो लेना .. क्योंकि अब तो यही जमीनी हकीकत है .. ..

और हाँ !! .. अपने तले अपनी ही मातृभूमि पर खड़े नारा तो तब भी लगा ही दीजियेगा .. "वंदे मातरम् !!" .. नहीं तो .. .. .. .. !! वंदे मातरम् !!  

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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