Sunday 20 August 2017

// आपकी संवेदनाएं तो चिपक गईं - मेरी संवेदनाएं भी चिपका लें .. ..//


एक और हादसा हो गया .. ये रेल हादसा हुआ है .. और इस हादसे का नाम हादसे के स्थान के कारण स्वतः ही 'मुजफ्फरनगर रेल हादसा' पड़ गया है .. या दे दिया गया है .. और इस हादसे का अंजाम भी कुछ ऐसा ही होगा कि ये हादसा 'मुजफ्फरनगर रेल हादसा' के नाम से जांचों और अभिलेखों और इतिहास में दर्ज होने के बाद निपट जाएगा .. ..

और इस हादसे के निपटान होने के पूर्व सर्वप्रथम मीडिया द्वारा प्रचारित प्रसारित भौंकित चिल्लाइत बड़बड़ाइत बकवासित इस हादसे से ही उपजी सबसे महत्वपूर्ण ध्यान नहीं देने योग्य बात पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा .. और वो ये कि ये वो हादसा है जिस हादसे में मृतकों के प्रति इस देश के राष्ट्रपति प्रधानसेवक प्रधानमंत्री रक्षामंत्री वित्तमंत्री गृहमंत्री रेलमंत्री मुख्यमंत्री और एक प्रिय पप्पू की भी एक जैसी संवेदनाए इन सभी महान विभूतियों की अंतरात्मा से छटपटा छटक निकल पड़ीं .. और आशा की जा सकती है कि ये एक जैसी थोकबंद संवेदनाएं यथायोग्य स्थानों पर चिपक गई होंगी .. या फिर ना भी चिपकी होंगी तो भी पहुँच गई होंगी ऐसा तो मानना ही पड़ेगा .. क्योंकि आखिरकार ये बहुत ऊँचे लोगों कि संवेदनाएं जो ठहरीं .. ..

तो हादसे के बाद संवेदनाओं का प्रथम चरण पूर्ण होने के बाद राहत के कार्य होते हैं - जो हो रहे हैं .. और इस दौरान कोई शाना जिम्मेदार या मौन जवाबदार हादसे के कारणों के बारे में कुछ भी कहना पसंद नहीं करता .. सिवाय इसके कि इसमें आतंकियों की साज़िश या फिर लापरवाही होने को नकारा नहीं जा सकता - जांच बैठा दी गई है - पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थितियां स्पष्ट हो पाएंगी .. ..

और बस फिर राहत कार्य पूरे हो जाते हैं - मृतकों और घायलों की गणना कर ली जाती है और भिन्न आंकड़े बता दिए जाते हैं .. और फिर जांच चालू हो जाती है - समय निकल जाता है -  मीडिया अगले हादसे को कवर करने या अगले प्रायोजित मुद्दों की तरफ बढ़ लेता है .. और वही शुरूआती आत्मीय संवेदनाएं हवाएं हो जाती हैं .. ..

और बैठाई गई जांच भी ना जाने कब बैठ जाती है - और इसकी रिपोर्ट अगले हादसे की रिपोर्ट तैयार करने में कॉपी पेस्ट कर नक़ल करने के उपयोग में आ जाती है .. ..

तो बस 'मुजफ्फरनगर रेल हादसा' की उपयोगी जांच रिपोर्ट का आज इंतज़ार करिए और कल भूल जाइएगा .. और 'प्रभु' भरोसे अगले हादसे पर एक बार फिर ऐसी ही संवेदनाओं का इंतज़ार करते रहिए .. .. और संवेदनहीन बने रहिए .. ..

इस देश के राष्ट्रपति प्रधानसेवक प्रधानमंत्री रक्षामंत्री वित्तमंत्री गृहमंत्री रेलमंत्री मुख्यमंत्री और एक प्रिय पप्पू को मेरी संवेदनाओं के साथ .. भारत माता कि जय .. वंदे मातरम् !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

No comments:

Post a Comment