प्रधानमंत्री के पद के कार्य और मर्यादाओं का त्याग कर - नरेन्द्रभाई आज गुजरात में बिना हिसाब दिए आपके हमारे पैसों से आयोजित खर्चीली रैली में एक बार फिर जुमलाए - और बोले .. विरोधियों ने इतना कीचड़ उछाला कि कमल खिलना आसान हो गया ..
मेरी प्रतिक्रिया .. ..
नरेन्द्रभाई !! .. इतनी बेशर्मी ठीक नहीं .. ..
आपने देश से और गरीब से बहुत वायदे किए थे - और जब वो पूरे नहीं हुए तो आपके विरुद्ध आवाज़ें उठने लगीं .. और जब विरोधी आवाज़ों को आपने अनसुना किया और फिर डराने दबाने और कुचलने की कोशिशें की तो आपको गालियां पड़ना शुरू हुईं .. और जब गालियों का भी असर नहीं हुआ तो अब आपको कोसा जा रहा है .. और लोग अब काफी हैरान परेशान होने के बाद कुछ निर्भीक हो आपसे अपने हक़ के प्रश्न पूछ रहे हैं .. ..
पर आपके पास प्रश्नों के उत्तर नहीं होने के कारण - और आपकी नीयत खराब होने के कारण - आप ऊटपटांग बकवास पटक रहे हो .. मूल मुद्दों पर वांछित कार्यवाही ना कर एक बार फिर जुमले पर जुमले फेंके जा रहे हो और कमल-कीचड किए जा रहे हो - यानि सब कुछ गुड़ गोबर किए जा रहे हो .. ..
पर ध्यान रहे - कमल भले ही कीचड में खिलता हो - पर यदि कमल के ऊपर भी कीचड फिंकेगा या पड़ेगा तो कमल का भी थोबड़ा बिगड़ जाएगा - और वो नष्ट हो जाएगा !! .. ..
और नरेन्द्रभाई यकीन मानना - गरीब अपनी ग़ुरबत का कीचड कमल पर नहीं - आपके थोबड़े पर फेंक रहा है .. इसलिए मुगालते में नहीं रहना .. समझे !! .. ..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
No comments:
Post a Comment