Friday 30 March 2018

// 'लीक' की जाँच कुछ जँचती नहीं !!.. लीक से हटकर कुछ भी नहीं !!.. ..//


पर्चे लीक हो गए.. बहुत कुछ लीक हो गया.. बहुत गंदगी फ़ैल गई.. बहुत पोलें खुल गई.. और बेशर्मी छा गई..

और बेशर्मी की हद भी इतनी कि जिनकी खुमारी तक नहीं टूटी वो जावड़ेकर जी अपने आप को ग़मगीन प्रदर्शित करने की चेष्टा करते हुए कह कह रहे हैं.. "मुझे रात भर नींद नहीं आई" - मानों चिढ़ा रहे हों कि बाकी सब तो चैन की नींद सो रहे हैं..

एक और गुनहगार अनीता करवाल जो इस गुनाह के सिस्टम की प्रमुख हैं वो तो बिंदास मुस्कुरा श्रेय बटोरने की चेष्टा करते हुए कह रही हैं कि - "सब कुछ बच्चों के हित में किया है और किया जाएगा".. मानों चिढ़ा रही हों कि बच्चों का अहित हुआ ही कब ??..

और समस्त निर्लज्ज बाकी जिम्मेदार जवाबदार टर्रा रहे हैं कि जाँच बैठा दी गई है - कोई बख्शा नहीं जाएगा.. जिसे सुन शायद जेएनयू में टैंक की पैरवी करने वाले बख्शी साहब भी मूंछों पर ताव दे रहे होंगे कि - अब तो वाकई कोई बख्शा नहीं जाएगा !!..

पर मैं सोच रहा हूँ कि जब जाँच बैठा ही दी गई है तो इस बात की गारंटी कैसे ठोकी जा रही है कि केवल गणित और अर्थशास्त्र के २ पर्चे ही लीक हुए थे - बाकी नहीं ??.. जबकि अनेक जगे हुए बच्चे बिना मुस्कुराए बता रहे हैं कि लगभग सभी पर्चे बदस्तूर लीक हुए थे ??..

कहीं ऐसा तो नहीं कि जाँच बैठाने वाले ही पर्चे लीक करके पैसा कमा गए हों जिन्होंने २ और केवल २ ही पर्चे लीक करे हों ??..

पर अब जबकि जाँच बैठा दी गई है तो क्या इस बात की भी संभावना नहीं बची कि जाँच में अन्य पर्चे लीक होने की सही गलत बात भी पुष्ट हो सकती है ??.. और यदि जाँच में अन्य पर्चे लीक होने की बात भी आ ही जाती है तो फिर क्या ??.. क्या महीनों बाद आने वाली जाँच रिपोर्ट के बाद सालों तक परीक्षा या पुनःपरीक्षा चलती रहेगी - वो भी बच्चों के हित में ??.. और जावड़ेकर जी को नींद आना हराम हो जाएगी और अनीता जी अट्टाहास करेंगी ??.. या फिर जाँच रपट ही सहूलियत अनुसार साध ली जाएगी ??..

इसलिए मुझे ये 'लीक' की जाँच कुछ जँचती नहीं.. क्योंकि लीक से हटकर इसमें कुछ भी नहीं !!..

और मेरा बस चले तो सबसे पहले तो मैं जावड़ेकर जी को हमेशा चैन की नींद लेने और और अनीता जी को उन्मुक्त रोने के लिए सीधे जेल भेजना चाहूंगा.. और इस नाराज़ नरेंद्र दामोदरदास मोदी सरकार को उसके द्वारा दी जा रही परीक्षा में चीटिंग घपला मक्कारी करने के जुर्म में बर्खास्त करना चाहूंगा.. शायद तब ही लाखों बच्चों के हितों का संरक्षण हो पाए..

बाकी तो रवीश कुमार ज़िंदाबाद !!.. उन्हें जरूर सुनते रहिए..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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