Monday 21 April 2014

शायद मोदी जी को किसी ने बता दिया कि देश का बच्चा बच्चा जानता है कि ना तो देश मिटने की कोई संभावना है न ही झुकने की ---
इसलिए भाजपा गान से उक्त आशय की पंक्तियाँ हटा ली गयी हैं !
ये तो यही मज़ाक हुआ कि - एक चूहा भरी सभा में अपने साथियों से बोला कि ....
मैं शेर की सौगंध खाता हूँ - मैं हाथी को अपने बिल में नहीं घुसने दूंगा !!!???!!!???
-----------------------------------------------------------------
एक लड़का राहुल की रैली देख कर लौट रहा था - मैनें पूछा आप राहुल समर्थक हो क्या? उसने बड़े ही रुष्ट होकर जवाब दिया - कोई 1 घंटे के लिए बुलाये और 100 रुपये मेहनताना दे इसमें समर्थन का प्रश्न कहाँ उठता है? यार हमें अपनी रोजी-रोटी कमाने दो आप अपनी देखो !!!
एक आदमी मोदी की रैली देख कर लौट रहा था - पढ़ा लिखा भी दिख रहा था - मैनें पूछा आप मोदी समर्थक हो क्या? उन्होंने मेरा ही मजाक बनाते हुए जवाब दिया - दशहरे पर रावण देखने जाते हें तो क्या रावण समर्थक हो जाते हैं ?
एक सज्जन केजरीवाल की सभा से लौट रहे थे - मैनें पूछा आप 'आप' समर्थक हैं क्या?
मालूम है उन्होंने क्या जवाब दिया ? बड़े ही गर्व और सौम्यता से बोले - हाँ .....
-----------------------------------------------------------------
"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत .... 
सुझाव क्र.1 - टॉफी और ट्रॉफी !!
टॉफी और ट्रॉफी दो इंग्लिश के अलग अलग शब्द हैं - टॉफी खाने के काम आती है और ट्रॉफी बघारने के काम आती है !
हो सकता है आपको अनेक बार टॉफी मिली होंगी पर वे आपने खा ली होंगी - और आपको अभी तक जो और जितनी भी मिली हैं जो शेष है वे टॉफी नहीं ट्रॉफी हैं - इन्हे सम्हाल के रखें ये बघारने के काम आती रहेंगी .....
और हाँ - यदि आप इतने समय गुजरात के मुख्यमंत्री रह कर भी अंग्रेजी भाषा अच्छे से सीख नहीं पाये हैं तो ये आपकी कमी मानी जाती है - कृपया अंग्रेजी सीखें क्योंकि शायद प्रधानमंत्री पद के लिए तो ये और भी आवश्यक और आप के लिए बहुआयामी सहायक सिद्ध होगी ....
-----------------------------------------------------------------
भाजपा द्वारा प्रसारित विज्ञापन पर मेरे मोदी जी से प्रतिक्रियात्मक प्रश्न :-
प्रश्न १ - स्थिर सरकार की ही बात हो तो कांग्रेस को वोट क्यों नहीं?
प्रश्न २ - यदि मोदी जी सरकार तो बना लेते हैं पर वो स्थिर नहीं होती - तो क्या वे नीतियों से समझौता करेंगे? या केजरीवाल जैसे इस्तीफ़ा दे पाएंगे ?
प्रश्न ३ - क्या किसी अन्य पार्टी को वोट देना वोट गंवाना होता है? यदि 'हाँ' तो 'नोटा' के बारे में बीजेपी का क्या कहना है?
प्रश्न ४ - क्या वोट उसे ही देना जो सरकार बना पाए ऐसा मापदंड उचित है?
प्रश्न ५ - इस विज्ञापन पर जो अनुमानतः लगभग ८० लाख लगे हैं - वे कहाँ से आये हैं? क्या चुनाव पूर्व ही जनता को ये जानने का हक़ और आपको बताने का दायित्व नहीं है?
मुझे अपेक्षित है की मुझ जैसे आम आदमी के प्रश्नों का जवाब न तो मोदी जी देंगे न ही भाजपा - पर क्या ये अपेक्षा रखूँ की मोदी समर्थक ही कुछ जवाब देंगे?

No comments:

Post a Comment