Tuesday 8 April 2014

केजरीवाल को थप्पड़ के पीछे नाराज़गी नहीं बल्कि घटिया मानसिकता और फूहड़पन ही है! और ऐसी घटिया मानसिकता विकसित करने में कई स्वार्थी और बिके मीडिया की कैंपेन सहायक प्रतीत होती है!
और क्यूंकि केजरीवाल बिना सिक्यूरिटी के जनता के साथ रहते हैं, जनता के बीच रहते हैं, जनता में घुलमिल जाते हैं - अतः एक आम इंसान के थप्पड़ की रेंज मैं आ जाते हैं - इसलिए ऐसा दुखद हादसा हो जाता है ....
परन्तु इस थप्पड़ से राहुल, मोदी, जैसे उच्च कोटि के नेता सबक लें और विचारें कि क्या वे भी जनता के बीच बिना सिक्यूरिटी के इतनी स्वच्छंदता से घूम सकते हैं ??? ऐसे में कितने पड़ेंगे क्या गिन पाएंगे ???
----------------------------------------------------------------------------------------------------------
मेरे एक मित्र श्री रमिंदरसिंघ के द्वारा की गयी टिप्पणी : -
"क्या इस देश की जनता इतनी समझदार हो गयी है की अरविन्द केजरीवाल और उसके साथियों को थप्पड़, मुक्के और धक्के मार रही है ! और इतनी समझदार भी हो गयी है की अरविन्द केजरीवाल और उसके साथिओं पर स्याही फेंक रही है ? मात्र 49 दिन की सरकार को समझना वाकई ही समझदार लोगों का काम है, जिस सरकार ने एक दिन भी आराम नहीं किया !
पर इतनी समझदार नहीं हो पाई है की पिछले 60 से ज्यादा सालों से देश को लूटने, पीटने, बेडागर्क करने वाले लोगों और सरकारों को हाथ भी लगा सके ! आदत पड़ गयी है ना गुलामी सहने की !
या फिर यह सब करने वाले जनता के लोग ही नहीं है ... वो तो वो किराए के टट्टू हैं जिन्हें भेजा गया था, यह सब करने के लिए ! क्योंकि "होश उड़े हुए हैं उन निरंकुश शासकों के ! ये कल का आया छोकरा सब बिगड़े बैलों की नाक में नकेल जो डाल रहा है" !
और ......
केजरीवाल या आप का कोई लीडर प्रधानमंत्री बने या ना बने ....
पर भारत में एक ऐसी विरोधी पार्टी तो बन ही रही है जो उन
बिफरे हुए बैलों की नकेल कस कर रखेगी, जिन्होंने देश को
खोखला कर दिया है !
टांग खीचने वाले भाइयों का स्वागत है ..... आइये मैदान खुला है !
----------------------------------------------------------------------------------------------------------
देश के लिए एक दुःख का क्षण !!!!
अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध अनियंत्रित निंदनीय निम्नस्तर का प्रायोजित दुष्प्रचार हो रहा है जिसके दुष्परिणाम की यह मात्र बानगी है ! मैं इस कार्य में लिप्त उन सभी व्यक्तियों को धिक्कारता हूँ .... उनकी निंदा करता हूँ !
मैं मोदी समर्थकों से देश हित में पुनः आग्रह करूंगा कि एक देशभक्त क्रन्तिकारी जो अपने लिए नहीं आप के लिए कुछ अच्छा करने निकला है - उसका अप्रजातांत्रिक और गलत तरीकों से विरोध कर आप अपना और देश का बहुत बड़ा अहित करने जा रहे है....
इस उन्माद कि घडी में केवल इतना विचार भर कर लें कि अगर मोदी जी भी अन्य नेताओं कि तरह ही हवा-हवाई निकले, या अनेक अन्य कारणो से असफल रहे, तो आप क्या करेंगे ??
ये भी विचारें कि क्या प्रजातंत्र में विरोध करने का ये उचित तरीका है ??
क्या आपको अपनी लकीर को बड़ा बनाये रखने हेतु दूसरे कि लकीर मिटाना शोभा देता है ???

No comments:

Post a Comment