Tuesday 22 April 2014

"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत ....

"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत .... 
सुझाव क्र.4 - "फर्जी इंटरव्यू" !!!!
मैं देख पा रहा हूँ कि मोदी जी पर केजरीवाल का प्रभाव हो गया है !
केजरीवाल जी कभी भी प्रेस और मीडिया और जनता के सामने आने से हिचकिचाए नहीं, और इसके लिए उनकी सराहना भी हुई एवं उनकी प्रतिष्ठा भी बढ़ी एवं उनको अपनी बात जनता तक पहुंचाने में मदद भी मिली !
पर नरेंद्र मोदी जी में इस विषयक हीनभावना शुरू से ही दिखी ! स्पष्ट कर दूँ कि वे एकतरफा भाषण देने में तो महारथी हैं - पर जहाँ वार्तालाप द्विपक्षी हो तो बस गए काम से !! इसे मालवी में कहते हैं - "गयी भैंस पानी में" ....
और इसलिए मोदी जी की केजरीवाल से तुलना और उनकी स्वयं की आलोचना भी शुरू हो गयी ! और केजरीवाल जी भी ताल ठोंक के वाराणसी में उनके विरुद्ध ही उत्तर गए मैदान में !
मोदी जी को अब इसकी काट तो निकालनी ही थी - अतः उन्होंने पेड या फिक्स्ड या फर्जी इंटरव्यू या इंटरेक्शन का सहारा लिया !
पर अब जनता जो इंटरव्यूज देखती है वो इंटरव्यू की बारीकियों को भी समझती है ! और मेरा ऐसा मानना है कि ऐसे प्रयास से मोदी जी की प्रतिष्ठा पर विपरीत असर पड़ा है - क्योंकि इंटरव्यू के कंटेंट्स का तो कुछ भी असर नहीं हुआ (क्योंकि कंटेंट्स में ना तो कुछ नया था ना विशेष) और ऊपर से आयोजित-प्रायोजित-पेड-फिक्स्ड-फर्जी इंटरव्यू का आरोप और चिपक गया है !
अतः मेरा सुझाव है कि नक़ल करने से बचें - आप वही करें जिसमे आप पारंगत हैं !!
आगे से केवल रैलियों में ही लच्छेदार दमदार भाषण देते रहें - पर ऐसे फर्जी इंटरव्यू देना बंद करें जिससे आपको फायदा कम नुकसान ज्यादा हो गया है / होगा !
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"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत .... 
सुझाव क्र.3 - फोकट की जुमलागिरी !!!
शायद आपके दिमाग में एक जुमले जैसी चीज़ आई या लायी गयी जैसे - AK-47 > AK-49 > AK- अंटोनी > AK-अरविन्द केजरीवाल और आपको लगा की क्या नायाब तुकबंदी है - और शायद आप से रहा नहीं गया - और आपने एक रैली में अपने शानदार अंदाज़ में इसे बोल मारा - और आपके सम्मुख आपके अंधभक्तों की तालिया भी बंटोर ली ! और फिर लगे हाथ आपने उत्साहित हो केजरीवाल को पाकिस्तानी एजेंट भी करार दे दिया ....
लेकिन विचार करें की क्या किसी भी भारतीय को और वो भी जो एक पूर्व मुख्यमंत्री हो और आपके विरुद्ध वाराणसी से चुनाव लड़ रहा हो, उसे 'पाकिस्तानी एजेंट' कहना क्या इस देश की व्यवस्था और विवेक और क्षमता पर कुठाराघात नहीं हुआ .... निश्चित ही हुआ और ऐसे बेतुके जुमलों से भरे वक्तव्यों से आपकी छवि को और आपके समझदार समर्थकों को धक्का लगा है !
अतः ऐसा करना गलत और हानिकारक होता है - अतः इससे परहेज़ करें !
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"मोदी जी को मेरे सुझाव" श्रंखला के अंतर्गत .... 
सुझाव क्र.2 - गुनाह - गलती - गलत !!
यदि खुद से गुनाह हो जाए तो .... तो पश्चाताप करना चाहिए !
यदि खुद से गलती हो जाए तो .... तो माफ़ी मांग लेनी चाहिए !
यदि कुछ भी गलत हो जाए तो .... तो उस पर अफ़सोस जताना चाहिए !
गुजरात के दंगो पर आपने न तो कोई गुनाह होना कबूला न कोई गलती करना स्वीकार्य किया - हाँ पर जो हुआ उसे गलत होना स्वीकार्य किया एवं तदनुसार अफ़सोस ज़ाहिर किया .... मैं इस हेतु आपकी प्रशंसा करता हूँ !
पर साथ ही आपका ध्यान आपके बालविवाह संबंधित प्रकरण की ओर भी दिलाना चाहता हूँ एवं आपको सुझाव देता हूँ की आप स्वयं तय करें की आप से गुनाह हुआ या गलती हुई या कुछ गलत हो गया और तदनुसार पश्चाताप करें या माफ़ी मांगे या अफ़सोस ज़ाहिर करें - पर अपनी चुप्पी ज़रूर तोड़ें - इससे आपकी छवि को फायदा पहुंचेगा !

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