Saturday 27 May 2017

// साहेब !! .. यदि "उम्मीद" "आशा" "अच्छा" की बात करनी हो तो केजरी की तो सुनो ..//


कल अपने 'तीसरे' के दिन पड़ गई एक रैली में साहेब ये भी बोले कि - देश में निराशा की जगह नई आशा ने ले ली है .. लोग उम्मीद से भरपूर हैं कि अच्छा होगा - जरूर होगा !! .. ..
अरे साहेब ये कैसी पलटी मार रहे हो ?? .. लोग उम्मीद से नहीं थे - लोग तो ये सोच रहे थे कि आप उम्मीद से हो और भरपूर हो और "विकास" होगा .. पर ये "विकास" की जगह अब ये "अच्छा" कौन कहाँ से बीच में आ टपका ?? .. ..
और एक "अच्छा" की तो कभी बात भी नहीं थी - बात तो "अच्छे दिन" की हुई थी जो कभी आए नहीं .. ..
और "अच्छे दिन" आए नहीं तो फिर ये "आशा" बीच में कहाँ से आ टपकी ?? - और वो "निराशा" कहाँ भाग गई ?? .. ..
और साहेब इतने कॉन्फिडेंस से कैसे कह रहे हो कि "अच्छा होगा - जरूर होगा" .. कुछ किये भी हो कि आदतन ऐसे ही फ़ोकट में ही ?? .. केजरीवाल की बात नहीं सुनी क्या कि जब तक छेड़ने नहीं दोगे कुछ करने नहीं दोगे तब तक ईवीएम तो क्या किसी का और किसी को कुछ नहीं होगा .. नहीं सुने थे क्या ?? .. अच्छा केजरी की नहीं तो वो चुनाव वाले भैय्या की तो सुने होंगे ना कि अगर केजरी को छेड़ने नहीं देंगे तो वो भी कुछ नहीं कर सकेगा और कुछ नहीं होगा !! .. ..
साहेब इसलिए कहता हूँ कि यदि कोई "उम्मीद" की बात करनी हो - कोई "आशा" की बात करनी हो - कोई "अच्छा" लाने की इच्छा हो - तो सबसे पहले तो केजरी की सुनो !! .. और फिर कुछ काम भी तो करो  !! .. .. समझे नाउम्मीद वाले साहेब जी !! .. .. वैसे आपको आपका 'तीसरा' मुबारक - आज तो पूरे एक दिन का हो गया - है ना !! .. ..
मेरे दिमाग की बातें - दिल से .. ब्रह्म प्रकाश दुआ

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