लगभग मुफ्त में मिली बुलेट ट्रेन : मोदी .. ..
ये तो मैनें इनके प्रधानमंत्री बनने के ५० दिन पहले ही कह दिया था कि इस चालाक गप्पू में फकीरी का तो कोई गुण है ही नहीं .. और ये अवगुणों की खान हैं .. ..
और मुझे आज पता चला कि इनमें भिखारी के भी कुछ अवगुण विद्यमान हैं .. ..
भक्त गौर फरमाएं .. ..
पहले गली मोहल्लों से आवाज़े आती थीं .. दे दे भगवान् के नाम पर दे दे .. तू बहुत दयालू है - भगवान् ने तुझे बहुत दिया है - बहुत भूखा हूँ - कुछ मिल जाएगा तो भूखे का पेट भर जाएगा .. तुझे भूखे की दुआएं लगेंगी - तुझे बहुत पुण्य मिलेगा .. दे दे भगवान् के नाम पर दे दे .. दे दे !! .. ..
और इसके पीछे की बात ये है कि यकीनन भिखारियों तक को एहसास था कि मुफ्त में तो इस दुनिया में कोई किसी को कुछ नहीं देता .. और इसलिए वो भी एडवांस में दुआएं देते चलते थे .. ..
लेकिन आजकल ये आवाज़ें नहीं आतीं .. शायद भिखारियों तक का आर्थिक स्टैण्डर्ड बहुत ऊंचा हो गया है - या फिर यूँ समझें कि इन अमीर भिखारियों का नैतिक स्टैण्डर्ड बहुत गिर गया है रे .. है ना !! .. ..
ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl
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