Monday 25 September 2017

// बेइज़्ज़त मोदी-योगी से जाकर कह दो - एक बूढा इज़्ज़त की मौत मरने को तैयार है ..//


BHU में छात्राएं कैंपस में हो रही निहायत वाहियात और घृणित और शर्मसार करने वाली घोर आपत्तिजनक स्थितियों के विरुद्ध शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने के कारण प्रदर्शन कर रही थीं - और अपनी सुरक्षा की मांग कर रहीं थी .. और बहादुरी के साथ अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ रही थीं .. ..

पर इन छात्राओं को यूनिवर्सिटी के टुच्चे लल्लू प्रशासन ने देशद्रोही करार दे दिया - और हमेशा की तरह आवारा लड़कों को देशभक्त मान लिया - और जनाब मोदी-योगी की कायर पुरुष पुलिस ने रात के समय यूनिवर्सिटी में घुस छात्राओं की पिटाई धुलाई और कुटाई करने का पाप कर मारा !! .. जिनको कड़ी से कड़ी सजा के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया है .. ..

और मेरा दावा है कि जिस भक्त की खुद की बहन बेटियां होंगी - उनमें से अधिकाँश को लाज आ ही गई होगी .. पर जिन छडे भक्तों की पारिवारिक मानसिक और संस्कारी स्थिति मोदी-योगी जैसी ही होगी तो उसे तो मोदी-योगी जैसे ही शर्म नहीं आएगी और वो तो केवल इतना ही सोच रहे होंगे कि साहेब और पार्टी पर आई इस विपत्ति से कैसे निपटा जाए .. ..

तो उन्हें मेरा संदेश है कि .. नपुंसकों !! - निर्दोष लड़कियों पर हाथ उठाते हो तुम्हें शर्म नहीं आती - आओ जरा मेरा ही मुकबला कर लो .. और वाराणसी के बेशर्म सांसद नरेंद्र दामोदर दास मोदी फेंकू और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भोगी योगी आदित्यनाथ नत्थू से जाकर कह देना .. एक बूढा भी है जो तुम्हें बहुत पहले से पहचान कर दिन रात यथायोग्य गालियां देता रहता है - उसे भी मार डालो .. क्योंकि मुझे इज़्ज़त की मौत मरना मंजूर है .. पर जीते जी तुम्हारे जैसे कायरों की मौत मरना मंजूर नहीं .. ..

और हाँ मेरा सभी मित्रों से एक अनुरोध भी है - कि कम से कम आज तो आप मुझे पूर्व में मेरे द्वारा मोदी जी के विरुद्ध जो कुछ भी यथायोग्य सही गलत-गलत सही लिखा गया - उसके लिए ना केवल क्षमा करेंगे अपितु मुझे बधाई देकर मेरी हौसला अफ़ज़ाई भी करेंगे .. ..

और उन सभी मोदी-योगी के रोमियो भक्तों को जो BHU की छात्राओं के विरोध में बने हुए हैं - उन्हें चुनौती !! - आओ मैदान खुल्ला है - लिखो क्या लिखते हो ?? क्या कमेंट करते हो ?? मुझे कितनी गालियां देते हो .. आओ टुच्चों आओ - आगे बढ़ो .. .. पर रवीश कुमार की एक बात याद रखना .. ये सरकार जनता विरोधी है - जी हाँ "जनता विरोधी" !! .. और जनता केवल मुसलमान नहीं है - जनता कभी किसान हो जाती है - कभी छात्र तो कभी शिक्षक - कभी कर्मचारी - कभी व्यापारी - और इसलिए कभी ना कभी तुम भी "जनता" बना दिए जाओगे  .. समझे - !! .. ..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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