Monday 20 August 2018

// आइए मणिशंकर अय्यर की घर-वापसी का तहे दिल से स्वागत करें.. क्योंकि .. ..//


मणिशंकर अय्यर की घर-वापसी पर कपड़े फाड़ना गलत है.. बल्कि फुस्सी-फुस्सी चपड़चूं भी करना गलत है.. क्योंकि.. ..

" ये आदमी बहुत नीच किस्म का आदमी है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है "..
इस वाक्य में मुझे "जातिसूचक" तो कुछ भी नहीं लगा था..
और इस वाक्य का तो व्याकरण तक भी दुरुस्त ही था.. ..

और तब शायद इस बात की सत्यता पर संदेह रहे हों..
पर आज तो कोई संदेह भी बचा नहीं रह गया होगा..

क्योंकि वो स्वयं तो बिन बुलाए पाक जाकर पप्पियाँ झप्पियाँ डाल के आए.. पर किसी अन्य असरदार के वहां आधिकारिक निमंत्रण पर और सरकारी अनुमति से और दोस्त होने की सदैव अनमोल हैसियत से पाक पहुंच स्वाभाविक एवं वांछित गर्मजोशी के साथ पप्पी झप्पी डालने पर उनके भक्त बिल्कुल "नीचता" पर उतर आ रहे हैं..

और क्योंकि हर वादे और अपनी हर बात से पलटी मार लेने के बावजूद केवल अन्य को कोसते रहना और तंज़ कसना और बकवास करना भी तो "नीचता" ही कहलाएगी ना !!..

दरअसल बात क्या है कि अपुन तो बहुत जल्द औकात और नीयत और नाकाबलियत भांप गए थे.. पर कुछ अन्य गफलत में रहे.. और उनके दिमाग की बत्ती देर से और अब जाकर जली..

खैर देर आए दुरुस्त आए !!.. क्योंकि किसी को अनअपेक्षित और टालनीय और अरुचिकर कटु-सत्य असमय बोलने की सज़ा भी तो अंतहीन नहीं दी जा सकती है ना.. क्योंकि चाटुकारों और कार्यकर्ताओं के अलावा राजनीति में कभी कभार कटु-सत्य बोलने की हिम्मत रखने वाले उद्दण्डियों की भी तो जरूरत पड़ती ही रहती है ना !!..

मसलन आप स्वयं सोचें कि क्या केरल पर आई इतनी घोर विपदा के बावजूद केवल ५०० करोड़ की सरकारी सहायता घोषित करने पर कुछ उद्दण्डियों द्वारा कटु-सत्य बोलने की आवश्यकता है कि नहीं ????..

इसलिए आइए समस्त राजनीतिक भेदभाव और धर्म जाति और पार्टी की परवाह किए बगैर.. मणिशंकर अय्यर की घर-वापसी का तहे दिल से स्वागत करें !!.. धन्यवाद !!

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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