Wednesday 2 January 2019

// २०१९ की पहली खुशखबर !!.. चूके-चूके मोदी अब चुक गए हैं !! .. ..//


कल मोदी का प्रायोजित इंटरव्यू देखा.. और जैसा कि अंदाज़ था इंटरव्यू सुखद एहसास दे गया.. क्योंकि मोदी ने जितने भी सवालों के जवाब दिए उन जवाबों से ही कई और सवाल उठ खड़े हुए हैं.. और ये तय हुआ कि भले ही सवाल कुछ ठीक ठाक थे - पर जवाब तो घिसे-पिटे बकवास ही थे.. और इसलिए मुझे यकीन हुआ कि चूके-चूके मोदी अब चुक गए हैं.. और अब २०१९ में देश को मोदी से मुक्ति मिलना तय है..

मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि उनके जवाबों से कुछ निष्कर्ष या सवाल जो निकलना शुरू हुए हैं उनमें से कुछ निम्नानुसार हैं..

१) सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान मोदी जी ने सेना के कार्यों में हस्तक्षेप किया.. जो अत्यंत आपत्तिजनक है.. क्योंकि प्रधानमंत्री को अपना काम करना चाहिए और सेना को अपना काम करने देना चाहिए.. जबकि ये भी तय है कि एक चाय बेचने वाले और जनम-जिंदगी राजनीति करने वाले को सेना के ऑपरेशन्स का आवश्यक ज्ञान हो ही नहीं सकता..

२) जो लोग केजरीवाल के बारे में बोलते रहे और उनके कामों में अड़ंगे लगाते रहे कि केजरीवाल को मालुम होना था कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं हैं और मुख्यमंत्री को सीमित अधिकार हैं जबकि एलजी को पूर्ण.. .. तो क्या जब मोदी ने पाकिस्तान के विरुद्ध हेकड़ी झाडी थी तब क्या उन्हें मालुम नहीं था कि "पाकिस्तान एक युद्ध से मानने वाला नहीं है".. ये ज्ञान इन्हें अब ही क्यूँ हुआ और ५६ इंची के साहेब की मिद्द अभी क्यूँ निकल रही है.. अब समाधान के बजाय समस्या क्यों बता रहे हैं ??.. और पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब देने के आश्वासन का क्या हुआ ??.. एक के बदले १० सर का क्या हुआ ??.. वो लव लेटर की बातों का क्या हुआ ??.. और पहला युद्ध अब तक क्यों नहीं किया ??.. क्या किसी मुहूर्त का इंतज़ार रहा ??..

३) क्या हमारी पूरी न्याय व्यवस्था - सुप्रीम कोर्ट के जज - हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी और उनकी पूरी सरकार - और उनके तमाम वकील आदि - एक कपिल सिब्बल के आगे सरेंडर कर गए ??.. यानि कपिल सिब्बल के आगे कोई नहीं ??.. यानि जिस कपिल सिब्बल को २०१३-१४ में एक विलेन के रूप में देखा गया था - उसकी हैसियत बावजूद मोदी सरकार के ५२ महीने के शासनकाल के बाद भी मोदी से भी कहीं ज्यादा बनी रह गई ??.. और इतनी ज्यादा कि वो अकेले ही राम मंदिर निर्माण मामले में रोड़ा अटकाने में सफल हो गए ??.. यानि 'मोदी मजबूत' भी एक जुमला और 'मोदी मजबूर' एक हकीकत !!.. यानि मोदी "थू-थू" और कपिल असली ५६ इंची ??..

४) जब ५२ महीने बाद भी यही कहा गया है कि विदेशों से कालाधन वापस लाकर रहेंगे और गंगा को साफ़ करके रहेंगे - तो क्या ये तय नहीं हो गया कि फेंकू मजबूर मोदी ने माना कि ना काला धन वापस ला सके हैं ना गंगा साफ़ हुई है !!..

५) जब राफेल के मामले में मोदी ये कह रहे हैं कि आरोप व्यक्तिगत रूप से उन पर तो लगे ही नहीं हैं और आरोप तो सरकार पर लगे हैं - और वो पार्लिआमेंट में पहले ही सारे जवाब दे चुके हैं.. तो ये तो अब तय हो जाता है कि फेंकू मोदी कन्नी काट रहे हैं क्योंकि उनके पास जवाब है ही नहीं.. और "चौकीदार ही चोर" वाली बात में दम है.. 

इसलिए अब २०१९ की पहली खुशखबर दे देता हूँ.. ..
मोदी का अब तक भी "मैं" "मेरा" "मुझे" प्रलाप यही दर्शाता है कि..
चूके-चूके मोदी अब चुक गए हैं !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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