Saturday 29 December 2018

// १० को फॉरवर्ड कर पूरे देश में फैलाने हेतु फैक्टरियों में तैयार व्हाट्सएप संदेशों बाबत..//


संघियों और भाजपाइयों और भक्तों का दर्दनाक निराशाजनक २०१८ जैसे-जैसे बीतता जा रहा है और २०१९ नज़दीक आते जा रहा है.. वैसे-वैसे घबराहट बढ़ती जा रही है.. हार सन्निकट दिख रही है - अच्छे दिन खिसकते दिख रहे हैं और बुरे दिन आते दिख रहे हैं.. और इसलिए कुछ निराशा है तो कुछ उत्सुकता के साथ गुस्सा है.. और डर तो है ही है..

और बस इन सबकी अभिव्यक्ति के लिए ही आजकल १० लोगों को फॉरवर्ड कर पूरे देश में फैला दिए जाने के आह्वाहन सहित फैक्टरियों में तैयार हुए कई व्हाट्सएप संदेश ऐसे ऐसे लोगों द्वारा फारवर्ड किए जा रहे हैं - जिन्हें शायद स्वयं मौलिक लिखने का शऊर हासिल नहीं - क्योंकि शायद तर्कसंगत बुद्धि भी नहीं - या फिर राजनीति से कभी अरुचि तो कभी बिना समझे निठल्ले बैठे ठाले टांग अड़ाने की बुरी आदत है..

और ये संदेश प्रायः ३ प्रकार के होते हैं.. ..

पहले प्रकार के संदेश तो मोदी वंदना के होते हैं जिन्हे एक युग पुरुष और आज तक का सबसे कर्मठ ईमानदार योग्य नेता बताया जाता है - और ऐसा करते हुए पुराने सभी नेताओं और पार्टियों की दिल मसोस कर और नथुने फुलाकर ढूँढ-ढूंढ बुराइयां की जाती हैं.. इसे आप राजनीतिक श्रेणी में डाल सकते हैं..

दूसरे प्रकार के संदेश वो होते हैं जिन्हें हिन्दू-मुसलमान के परिप्रेक्ष्य में गढ़ा गया होता है.. पर मज़े की बात है कि इस प्रकार के संदेशों में मुसलमानों पर कम ही कहा जाता है पर हिंदुत्व को बीच में ला पटक हिन्दुओं को जबरदस्त धोया जाता है.. मसलन ये कहा जाता है कि हिन्दू हज़ारों सालों से एकजुट नहीं रहे इसलिए ऐसे बदतर हालात हो चले हैं कि हिन्दू खतरे में आ गए हैं - और सदाबहार जयचंदों और विभीषणों का उल्हाना देने के बाद ये समझाने का प्रयास किया जाता है कि हिन्दुओं को एक होना पड़ेगा.. इसे आप धार्मिक सामाजिक श्रेणी में डाल सकते हैं..

और तीसरे प्रकार के संदेशों में राष्ट्रीयता और राष्ट्र प्रेम पर फोकस होता है और ये पेलने की कोशिश होती है कि जो मोदी के विरुद्ध हैं या हिन्दू धर्म की बांग नहीं भरते - वो दोषी ही नहीं राष्ट्रद्रोही हैं.. और ऐसा करते अक्सर भारतीय सेना और पाकिस्तान को भी घसीट लिया जाता है.. इसे आप या तो राष्ट्रीय या बकवास श्रेणी में डाल सकते हैं..

संघियों और भाजपाइयों और भक्तों के ऐसे सभी प्रकार के संदेशों पर मेरी प्रतिक्रिया.. ..

सभी राजनीतिक संदेश ये दर्शाते हैं कि 'मोदी ब्रांड' को अब विज्ञापन के साथ-साथ टेके की जरूरत आन पड़ी है.. क्योंकि अब ये ब्रांड आउट ऑफ़ फैशन हो चला है..

सभी धार्मिक सामाजिक संदेश ये दर्शाते हैं कि.. अब कर्म विहीन मोदी को ईश्वर का ही सहारा है - वरना लोगों ने तो धूल चटा देनी है..

और सभी राष्ट्रीय या बकवास संदेश ये दर्शाते हैं कि.. ये जाहिल लोग जो १० लोगों को फॉरवर्ड कर संदेश को पूरे देश में फैलाने की बात करते हैं - वो ये सोचते हैं कि उन्हें छोड़ बाकी सभी लोग इतने देशप्रेमी नहीं हैं जितने वे स्वयं हैं.. और उनके ही प्रयासों से लोगों में देशप्रेम की भावना जाग्रत होगी..

और इसलिए मेरा निष्कर्ष ये है कि.. इनके कोई भी संदेश कारगर सिद्ध नहीं हो रहे हैं.. और ना होंगे !!..
और प्रत्यक्ष को प्रमाण ये है कि इनके हिंदी भाषा में तैयार किए गए संदेश मध्यप्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही लोगों के पल्ले नहीं पड़े.. पूरे देश की बात तो अब स्वप्न ही है.. दिवास्वप्न !!..

और अंततः भक्तों के नाम हमेशा की तरह एक संदेश मेरी तरफ से भी..
लगे रहो भक्तों लगे रहो.. तुम्हारी जमात की भी कोई कमी नहीं है.. आजकल १० ढूंढने जाओ तो १ तो अब भी मोदी मोदी मोदी करता मिल ही जाता है.. समझे !!.. समझ पड़ी हो तो मेरे इस संदेश को किसी को भी फॉरवर्ड मत कर देना.. हा !! हा !! हा !!..

ब्रह्म प्रकाश दुआ
'मेरे दिमाग की बातें - दिल से':- https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl

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