Sunday 10 April 2016

// केरल मंदिर का हादसा भी 'एक्ट ऑफ़ गॉड' नहीं - आगे खुलासा मोदी करेंगे ..//


केरल के कोल्लम के पुत्तिंगल मंदिर में एक हादसा हो गया .... जो 'एक्ट ऑफ़ गॉड नहीं' है .... क्योंकि हादसा वहां के प्रबंधन की घोर लापरवाही के कारण वहां जमा की गई आतिशबाजी में लगी आग के कारण हुआ .... और जो आतिशबाजी खुशियां मनाने और हर्षोउल्लास का इज़हार करने के लिए थी - गॉड को खुश करने के लिए थी .. वही हादसे का कारण बन गई .. वो भी गॉड के ही घर आंगन में -  गॉड की उपस्थिति में - गॉड की रज़ामंदी से या गॉड की अनापत्ति रहते ....

पर खबरदार !! कोई भी इसे 'एक्ट ऑफ़ गॉड' ना माने ना कहे .... नहीं तो हो सकता है कि सर काट लिया जाए या पकिस्तान भेज दिया जाए - या फिर दण्ड स्वरुप ३ बार 'भारत माता कि जय' बोलने के लिए कहा जाए ....

और .. ऐसा इसलिए भी कि कलकत्ता के एक पुल के एक भाग के गिरने वाले भीषण हादसे को भी किसी 'बेवकूफ मान लिए गए' व्यक्ति ने 'एक्ट ऑफ़ गॉड' कह दिया था .... और चुनावी मौसम में हमारे प्रधानमंत्री जी ने चुनावी लफ़्फ़ाज़ी का कौशल प्रदर्शित करते उसे ममता दीदी का 'एक्ट ऑफ़ फ्रॉड' करार दे मारा ....

और अब वही प्रधानमंत्री मोदी केरल वाले मंदिर के हादसे का जायज़ा लेने स्वयं जा रहे हैं .... उस हादसे का जायज़ा जो एक बार फिर 'एक्ट ऑफ़ गॉड' नहीं है .... और इसलिए शायद ये जायज़ा लेने जा रहे हों कि इस चुनावी मौसम में केरल के इस हादसे को किसका एक्ट करार दिया जा सके .... या शुद्ध हिंदी में कहूं तो हमारे कर्मठ या 'कर-मत' प्रधानमंत्री सारा कामधाम छोड़ वहां इसलिए जा रहे हैं कि वो अपनी पार्टी के हित में इस भीषण हादसे का जिम्मा किसके सर फोड़ सकें .. इसे किसका एक्ट बता सकें ....

और क्योंकि वो जा ही रहे हैं तो हमेशा की तरह अनेक प्रश्न भी उनके पीछे पीछे हो लेंगे - मसलन वो कश्मीर में श्रीनगर एनआईटी क्यों नहीं गए ??  .... ऐसा इसलिए कि इस देश की केजरी ग्रसित राजनीति के लेटेस्ट ट्रेंड अनुसार ऐसे थोथे प्रश्न फैशन बन गए हैं .... केजरी वहां क्यों गए थे ? - यहाँ क्यों नहीं आए ? - राहुल अब क्यों नहीं जाते ? - मोदी तब कहाँ थे ? - कांग्रेस अब कहाँ है ? - फलां तब क्यों गया था ?- फलां अब क्यों नहीं आया है ? - ये यहाँ क्या करने आया है ? - वो वहां क्या करने गया था ? - ये ६० साल से कहाँ था ? .. ?? ....

खैर मैं इन महत्वपूर्ण प्रश्नों में तो अपने आपको खपाना नहीं चाहता - पर हाँ यह जरूर सोच रहा हूँ कि ऐसे हादसों के बाद जो भी पूर्व में ऐसे हादसों का जायज़ा लेने गया था उसने जायज़ा लेने के बाद ऐसा क्या महान और उपयुक्त आवश्यक किया था जिसे वहां जाए बिना नहीं किया जा सकता था ???? .... 

पर मेरी ऐसी सोच को आप कदापि मोदी जी के केरल जाने के विरोध में नहीं देखें .... क्योंकि मैं तो अब मोदी के हर आने और हर जाने और हर रुकने और हर चलने का विरोधी हो चुका हूँ - क्योंकि मैं भारत माता की ऐसी दुर्दशा को 'एक्ट ऑफ़ गॉड' नहीं मानता हूँ .... मैं इसे जनता का 'एक्ट ऑफ़ ब्लंडर' मानता हूँ ....

तो इंतज़ार करें .... शाम तक आपको इसकी पुष्टि कर दी जाएगी कि केरल मंदिर का हादसा 'एक्ट ऑफ़ गॉड' नहीं था - और शायद खुल्ला खुलासा भी कि ये 'एक्ट ऑफ़ चांडी' था .... और गॉड की मर्ज़ी से १०० से ज्यादा मरने वालों को कितने लाख का मुआवज़ा और गॉड की कृपा से मरने से बचे ३५० से ज्याजा घायलों को कितने हज़ार का मुआवज़ा हम आप जैसे करोड़ों ना मरने वाले जिन्दों के सरकारी धन से कर दिया जाएगा .... और शायद इस बात का भी आंकलन हो जाएगा कि गॉड की कृपा से इस हादसे के कारण किसे कितने वोट प्राप्त होंगे - या गॉड की गलती से किसके कितने वोट कटेंगे ....

केरल से कश्मीर तक वाली भारत माता की जय !!!!

पुनष्च: - मैं सोच रहा था कि "दुर्घटना" नाम की भी कुछ तो चीज़ होती है या नहीं ?? .. और क्या "दुर्घटना" एक्ट ऑफ़ गॉड होती है या नहीं ?? .. और क्या मोदी भी एक "दुर्घटना" ही नहीं ??

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