Friday 8 April 2016

// गुरुद्वारे में चोरी - छिः !! .. जेएनयू छिः !! .. श्रीनगर एनआईटी ?? ....//


आज समाचार देखा कि कुछ चोर एक गुरुद्वारे में सफल चोरी कर इत्मीनान से चलते बने और सीसीटीवी पर कैद हो गए .... और मुझे कुछ सार्थक मनन करने पर मजबूर कर गए ....

और मैं सोचने लगा कि .... एक चोर यदि अमीर के यहाँ चोरी करे या फिर गरीब के यहाँ या फिर किसी पूजास्थल में भगवन के यहाँ तो क्या कुछ भेद या अंतर ??

अब इस बाबद कोई कह सकता है कि चूँकि अव्वल तो चोरी ही गलत है - फिर चोर किसके यहाँ चोरी करता है क्या फर्क पड़ता है ?? .... पर फर्क तो है .. गरीब तो बर्बाद हो सकता है - अमीर उदास - पर क्या भगवन को भी कोई असर पड़ेगा ?? .. पड़ना तो नहीं चाहिए क्योंकि उसके पास तो असीमित भंडार है और वो ही तो सबको देता है ....

पर नैतिकता के ठेकेदार शायद ये कह और मान सकते हैं कि - चोरी वो भी मंदिर मस्जिद गुरद्वारे में ?? छिः .. इससे बड़ा पाप और क्या होगा ??

तो जनाब सोचियेगा और किसी भी निर्णय पर ना पहुँच पाने की स्थिति में इस विषय को ज़रा कुछ देर के लिए अलग कर सोचियेगा कि - क्या देशभक्ति के कर्म या देशद्रोह की हरकत और उससे जुड़े देश के कानून क्या जेएनयू के लिए और श्रीनगर एनआईटी के लिए समान हैं या होने चाहिए या उनमें भेद अंतर है या होना चाहिए ????

मुझे लगता है शायद अब आपकी उलझन और बढ़ गई होगी .... है ना ?? .... तो आइये मैं कुछ सुलझाने का प्रयत्न करता हूँ ....

कल्पना कीजिये कि वही चोर यदि जेएनयू या श्रीनगर में देशभक्ति के नारे लगाता है तो क्या उसे आप देशभक्त कहेंगे ??
और यदि जिनके यहाँ चोरी हुई ऐसे गरीब अमीर और भगवन के एजेंट संतप्त और कुपित हो जेएनयू या श्रीनगर में देशविरोधी बातें करने लगें तो उन्हें आप देशद्रोही कहेंगे ??

मुझे लगता है शायद अब तो आपकी उलझन और ही बढ़ गई होगी .... है ना ?? .... तो आइये मैं एक बार फिर सुलझाने का अंतिम प्रयत्न करता हूँ ....

मित्रो !! मेरा कहना माने तो बस फिलहाल मोदी जी को उनके भक्तों को और संघी-भाजपाई प्रवक्ताओं को और कुछ छुटभैय्ये भड़के भड़काऊ नेताओं को सुनना बंद कर दें - और ज़रा अपनी अक्ल और तर्क पर भरोसा कर सोचें तो पूरा मामला सुलझ जाएगा - और आपको मालूम पड़ जाएगा कि ये चोर कौन ?? .. साहूकार कौन ?? नीच साहूकार कौन ?? .. देशभक्त कौन ?? .. देशद्रोही कौन ?? .. और ये ईश्वर-अल्लाह-भगवन क्या है और ये कहाँ रहता है और क्या करता है - और उसके कर्तव्य क्या हैं अधिकार क्या हैं और औकात क्या है .... और उसके कितने सारे और कैसे-कैसे एजेंट हैं ....

बस फिर क्या है !! निश्चित ही आपके देशप्रेम और इंसानियत का पुरज़ोर सदुपयोग इस देश को बनाने में और मानवता के पक्ष में भरपूर होने लगेगा .... इसी कामना के साथ .. धन्यवाद !! .. और .. और - "भारत माता की जय" !!

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