Wednesday 13 April 2016

// क्रिकेट और धार्मिक कार्यों में आमूलचूल सुधार की आवश्यकता ....//


पानी नहीं तो क्रिकेट कैसे ?? .... इस पर बहुत बहस और चर्चा चल रही थी - और अभी-अभी समाचार आ गया कि अंततः बॉम्बे उच्च न्यायालय ने निर्णय सुना दिया है - ३० अप्रैल के बाद आईपीएल के सारे मैच महाराष्ट्र के बाहर ले जाएँ ....

यानि सूखे के रहते लोगों की प्यास बुझाना ज्यादा जरूरी .... और इसलिए मैं ऐसे निर्णय का स्वागत करता हूँ .... और वैसे भी क्रिकेट में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण और टुच्चे नेताओं के मज़े में रहने के कारण मैं तो अब क्रिकेट के विरुद्ध हर निर्णय का ही स्वागत करता हूँ ....

पर आज ही के समाचार पत्रों में पढ़ा कि .. सिंहस्थ में दी जाएगी पौने दो करोड़ रुपए मूल्य के ४५००० किलो घी की आहुति .... और इसलिए मेरा प्रश्न - क्या देश में घी की इफरात हो गई है ?? .. क्या लकड़ी और अन्य टनों खाद्य सामग्री से हवन कराना जरूरी और पुण्य का कार्य हो सकता है ?? .. जबकि गरीब लोग भूखे मर रहे हैं ??

और क्या सभी निर्णय न्यायालय ही देता रहेगा ?? .... समाज और आप और हम स्वयं कुछ नहीं करेंगे ??
करना ही होगा - इसलिए मैं आह्वाहन करता हूँ .... सिंहस्थ और धर्म के नाम पर ऐसे हवन एवं अन्य कुरीतियों को बंद करना या सीमित करना ही होगा ....
और ऐसे शाही "स्नानों" को भी स्वेच्छा से बंद करना उचित होगा - जिसमें एक स्थान पर कृत्रिम रूप से पानी को स्नान के लिए इकट्ठा करने में करदाताओं के करोड़ों रुपए पानी की ही तरह बहा दिए जाते हैं ....

यानि कुल मिलाकर मेरा मत है कि - क्रिकेट और धार्मिक कार्यों में आमूलचूल सुधार की आवश्यकता है ....
जागो भक्तों जागो !! .... धन्यवाद !!

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