उत्तराखंड में मोदी की केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रपति शासन थोपने के निर्णय की धज्जियां उड़ाते हुए आज उत्तराखंड उच्च न्यालय ने वहां लगाया राष्ट्रपति शासन हटा दिया - हरीश रावत पुनः मुख्यमंत्री हुए - भाजपा के वशीभूत बागी ९ कॉंग्रेसी विधायक भी अयोग्य घोषित .... और अब २९ अप्रेल को विधानसभा पटल पर शक्ति प्रदर्शन ....
सब कुछ स्वप्न सा लग रहा है - क्योंकि इस देश में न्याय होना और इतना त्वरित होना एक खुशनुमा स्वप्न ही कहा जा सकता है .... पर जो सत्य है .... स्वागतयोग्य है ....
तो अब २९ को शक्ति परीक्षण ?? .... ठीक है वो भी हो जाएगा - और हो सकता है आज की शक्तिशाली भाजपा इस शक्ति परीक्षण में जीत भी जाए .... पर भाजपा अब नैतिकता के परीक्षण पर बहुत बुरी हार चुकी है ....
और अब जब कि मोदी के २ साल के शासन के बाद ये तो तय हो चुका था कि देश में कालाधन नहीं आएगा .. विकास का जन्म ही नहीं होगा .. ललित लौटेगा नहीं माल्या लाया नहीं जाएगा .. ना वाड्रा ना वसुंधरा ना शिवराज का बाल भी बांका होगा .. एक "चूहे" समकक्ष नेता भी जेल नहीं जाएगा .... पर आज कुछ एक बातें और पुख्ता हो गईं .... जो निम्नानुसार हैं ....
आज भक्त हैरान परेशान होंगे - और कल निराश ..
अब भारत कांग्रेस मुक्त नहीं हो सकेगा ..
अब भारत के संघ विहीन सशक्त हो जाने की संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं ..
मोदी अपना ५ साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सकेंगे ..
और अब इस प्रश्न का जवाब देश का हर समझदार बच्चा तक भी आसानी से दे देगा कि मनमोहनसिंह और मोदी में बेहतर कौन ??
और अब भाजपा न्यायालयों के हर निर्णय को उत्साह पूर्वक न्यायसंगत बताने से परहेज़ करेगी .. हा !! हा !! हा !!
और .... अब उत्तराखंड का हर वासी शान से बोल सकेगा .. "भारत माता की जय" ..
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Aor ye huyi na baat, Ghumati to prithavi hai par suraj ko ugate dubate dekha kar us ko hi ghumataa huvaa satya maan lete hai ..... Yahi haal bhakton kaa bhi hai
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