Monday 11 April 2016

// सूखे पर मोदी द्वारा "आपात" बैठक बुलाने पर मेरी त्वरित निंदा ....//


खबर आई है मोदी जी ने सूखे पर आपात बैठक बुलाई ....

अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि भक्तों द्वारा इस कदम की सराहना क्यों की जाए और आमजन द्वारा निंदा क्यों नहीं की जाए ....

ऐसा इसलिए कि किसी दुर्घटना या आकस्मिक विपदा पर "आपात" बैठक तो बनती है .... पर उस सूखे पर जो अक्टूबर नवंबर २०१५ में पिछले वर्षाकाल की समाप्ति से ही व्याप्त हो और सबके संज्ञान में हो - "आपात" बैठक ????

यकीनन सूखे की निर्मित स्थिति अत्यंत "गंभीर" हो चिंताजनक है और लापरवाही के चलते अब "विकट" हो गई है .... पर यह बात अच्छे से समझना जरूरी है कि ये स्थिति "आपात" स्थिति नहीं है .... 

अतः बेहतर होता कि हर बात को "हाइप" करने में माहिर और आदी मोदी जी कम से कम ऐसे विषय में तो कुछ ससमय करते .... क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री से ये तो न्यूनतम अपेक्षित है कि वो इतने बड़े देश के किसी भूभाग में वर्षाकाल में वर्षा न होने की स्थिति में सामान्य रूप से योथोचित अग्रिम कार्यवाही ससमय कर ही दे .... बिना किसी एहसान जताए - या - "मैं"-"मैं"-"मैं" करे .... अन्यथा की स्थिति में भक्तो की लाख प्रशंसा के बावजूद कुछ अक्लमंदों का उचित उपहास झेले ....

इसलिए मेरे दिमाग से सोचते हुए मैं दिल से मोदी जी की त्वरित निंदा करता हूँ - और आशा करता हूँ कि मोदी जी की इस "आपात" बैठक के बाद लम्बे समय से अपेक्षित समस्त उपाय और राहत के कार्य बिना और वक्त गवाएं तत्काल शुरू कर दिए जाएंगे ....

अन्यथा जनता को कुछ "आपात निर्णय" कर लगातार घंटों दिनों महीनों सालों से शारीरिक रूप से मेहनत कर थक चुके बेचारे मोदी जी को विश्राम दे देने की कवायद करनी होगी ....

"आपात" स्थिति के मद्देनज़र मोदी जी के हित में जारी .... 

"प्यासी भारत माता की जय" ....

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