Thursday, 31 July 2014

टमाटर या चाँटे !!!!

प्रभात झा जैसे नेताओं के अधूरे अधकचरे ज्ञान की बानगी देखें ..... बकते हैं ....
"टमाटर खाने से गाल लाल होते हैं" !!!!
और मेरा ब्रह्म ज्ञान कहता है कि ....
"चाँटे खाने से गाल लाल होते हैं" .... वो भी ज्यादा और जल्दी !!!!
यदि झा साहब मेरी बात से सहमत न हों तो .... एक बार जा के देखें खुल्ले में पिचके गाल वालों के बीच .... मेरी बात सिद्ध हो जायेगी ....
प्रभात झा भजन करहाते मिलेंगे ....
// लाली मेरे लाल की - जित देखूं तित लाल - लाली देखन मैं गयी - तो मैं भी हो गयी लाल - कबीरा भला हुआ .... हाय ! हाय !! .... कबीरा भला हुआ .... होय ! होय !! .... कबीरा भला हुआ .... ऊंह ऊंह .... ऒफ़ हो .... //
एक थे अन्ना - पक्ष पार्टी के खिलाफ !! .. पर अब .. एक हैं अन्ना - पक्ष पार्टी के साथ !!
एक थीं किरण बेदी - अन्ना के साथ !! .. पर अब .. एक हैं किरण बेदी - मोदी के साथ !!
एक थे वी.के.सिंह - रिटा. जन. सेना !! .. पर अब .. एक हैं वी.के.सिंह - मंत्री और नेता !!
एक था जनलोकपाल - अन्ना वाला !! .. पर अब .. एक है जोकपाल - राहुल-मोदी वाला !!
कारण ??????????
केजरीवाल ....!! हा हा !! .... केजरीवाल ???????????
एक था आंदोलन - भ्रष्टाचार के खिलाफ !! .. और अब भी .. एक है आंदोलन - भ्रष्टाचार के खिलाफ !!
कारण ??????????
केजरीवाल ! केजरीवाल !! और केवल केजरीवाल !!!
(याद रहे - ३ अगस्त ३ बजे जंतर मंतर)

Wednesday, 30 July 2014

एक कहावत है ज्यादा उड़ना अच्छा नहीं होता !! और फ़ोकट में उड़ना तो बिलकुल भी नहीं !!
इसी संदर्भ में मोदी जी के लिए एक छोटा सा पर अत्यंत कारगर सुझाव है जो मैं सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत कर रहा हूँ .... जिनको आपत्ति हो कृपया तर्क सहित बताएँगे तो मैं उनका आभारी रहूंगा ....
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सभी सांसदों के लिए हवाई यात्रा सर्वथा वर्जित कर दें .... बस !
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ऐसा करने पर जब सांसद जमीन पर चलेंगे तो आम आदमी से उनका जीवंत संपर्क सतत होता रहेगा .... और हाँ आम आदमी जो हवाई जहाज में पहुंच अपनी बात नहीं रख सकता, वो भी अपनी बात अपने सांसदों के सामने अपेक्षित आसानी से रख सकेगा .... इस प्रकार सांसद स्वतः अपने को ज़मीन से जुड़ा पाएंगे और गरीब तथा आम आदमी के कल्याण हेतु कुछ करने के लिए प्रेरित होंगे !
(टीप : जनता नें भी मोदी जी को कुछ ऐसी ही अभिनव और मौलिक कार्यप्रणाली की अपेक्षा में ही तो चुना था !)
टमाटर अमीरों के लिए - गरीब नहीं खाते !! (भाजपा नेता - प्रभात झा)
ज़रा प्रतिक्रिया का भी मज़ा लें ....
लात-घूंसे अमीरों के लिए - गधे नहीं खाते !!!!

कुछ शेर

कुछ शेर सुनाता हूँ मैं जो तुझ से मुखातिब हैं .....
एक क्रन्तिकारी है दिल में ये उस से मुखातिब हैं .....
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दिल्ली में चुनाव नहीं आखिर क्या है मंज़र
इसलिए - ३ अगस्त ३ बजे जंतर मंतर
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नमो - मनो में नहीं निकला कोई अंतर
इसलिए - ३ अगस्त ३ बजे जंतर मंतर
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चुनाव पहले ज्ञान बांटते अब भूले सब मंतर
इसलिए - ३ अगस्त ३ बजे जंतर मंतर
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हाथ-सफाई आती है नहीं आता जादूमंतर
इसलिए - ३ अगस्त ३ बजे जंतर मंतर
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इतरा रहा मदारी और नंगे नाचें बंदर
इसलिए - ३ अगस्त ३ बजे जंतर मंतर
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मज़हब के आधार पर नहीं चलेगा अंतर
इसलिए - ३ अगस्त ३ बजे जंतर मंतर
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भाजपा-कांग्रेस और "आप" में है अंतर
इसलिए - ३ अगस्त ३ बजे जंतर मंतर
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नमो - मनो और केजरीवाल में है अंतर
इसलिए - ३ अगस्त ३ बजे जंतर मंतर
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डर इतना कि पोस्टर लगाने वाले अंदर
इसलिए - ३ अगस्त ३ बजे जंतर मंतर
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(ब्रह्म प्रकाश दुआ)

Tuesday, 29 July 2014

लंगड़ा पंगु बोले - भगोड़ा ! भगोड़ा !! भगोड़ा !!!

मुझे लगता है कि बेचारे जो लंगड़े और पंगु हैं, जो खुद कहीं आ जा नहीं सकते, भागा दौड़ी नहीं कर सकते - वो कुंठित हो हर चलने फिरने वाले भाग दौड़ करने वाले काम काज करने वाले को दिन रात - भगोड़ा ! भगोड़ा !! भगोड़ा !!! भगोड़ा !!!! कहते रहते हैं - और अंदर से स्वयं कुंठित होते हैं और हीन भावना के शिकार होते रहते हैं ....
ऐसे कुंठित लंगड़े पंगु तो पूरे समाज के लिए भी बहुत घातक होते हैं .... इन्हे तो वे लोग ही पसंद आते हैं जो लंगड़ा-लंगड़ा कर चलते हों पर फिर भी आगे नहीं बढ़ पाते हों .... जैसे उदहारण के लिए जो लोग दिल्ली चुनाव का क्या करना तय नहीं कर पा रहे हों ऐसे लोग इनको विशेष रूप से पसंद आते हैं ....
और हाँ - ये एक शब्दीय भगोड़ा-भगोड़ा का विलाप करने वालों को निश्चित रूप से "रणछोड़दास" का मतलब भी नहीं मालूम होता .... बेचारे !!!!
ऐसे बेचारों को मेरा सुझाव है कि - 3 अगस्त को 3 बजे जंतर मंतर पहुंचे - स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहेगा ....

Monday, 28 July 2014

हुर्रे ! खुशखबर ! राहत !?!?
पेट्रोल के दाम कम कर दिए गए हैं .... और कमी भी वर्तमान रेट के 10% से भी कम ....
एक झटके में बिना किसी आंदोलन पूरे-पूरे 1 रुपये घटा दिए गए हैं .... जबकि इराक वॉर चल ही रही है .... अभी कल परसों में कोई चुनाव भी नहीं है ....
समझो सामान्य दिन लौट आये हैं - अच्छे दिनों का इंतज़ार करते रहें !?!?

ख़बरदार अमेरिका !!!

ख़बरदार अमेरिका !!!
हमारे आंतरिक मामलों में और हमारे फटे में टांग मत अड़ाना - अपनी औकात पर मत आना - PLEASE !
खैर अब तुमने हमारे नेता गडकरी की जासूसी कर ली तो कर ली - पर अब आगे एक कदम मत बढ़ाना - PLEASE !
याद रहे हमारे देश में भी कानून का राज है और ऐसे स्थानीय नेताओं को सजा देने में हम खुद सक्षम हैं .... हम आश्वासन देते हैं कि जल्द ही आपको परिणाम दे आपको निराश नहीं करेंगे .... इसलिए बस आगे कोई ज़ुर्रत नहीं करना .... PLEASE ! PLEASE ! PLEASE !
कच्ची पक्की रोटी .... और सांसद ने महाराष्ट्र सदन में रोटी एक कर्मचारी के मुहं में ठूंस दी !!!!
पर आजकल ये जो दंगे की राजनीतिक रोटियां सेकी जा रहीं हैं - जिनमे से अभी उत्तरप्रदेश की तो विशेष जलते तवे पर सिक कर गरमा-गरम तैयार हुई हैं - बताओ किस सांसद के और किस मरदूत के कहाँ ठूंस दी जाय ????
वैसे तो इन रोटियों का प्रसाद कई धर्म गुरु या धर्म के ठेकेदार भी प्राप्त करना चाह ही रहे होंगे पर इन रोटियों की संख्या इतनी अधिक है की चाहे जितनी उतनी ठूंसी जा सकती हैं .... तो कृपया सभी सांसद-भक्त और धर्म-भक्त अपनी-अपनी लिस्ट बताने की कृपा करें ....
गडकरी कहिन .... "मेरे घर जासूसी नहीं हुई" ???
भाइयों ये जासूसी क्या होती है ? .... यही ना कि आपके ऊपर कोई नज़र रखता हो या कोई जानकारी निकालता हो, या पीछा करता हो .... पर स्वयं आपको मालूम पड़े बगैर !!!!
तो समझ के परे है कि स्वयं गडकरी कैसे कह सकते हैं कि उनकी जासूसी नहीं हुई है ? जासूस गडकरी की परमिशन ले के थोड़े ही उनकी जासूसी करने वाले थे !!!!
भाई ये कोई चोर-चोरी वाला मामला भी तो नहीं है कि - लोगों ने कहा गडकरी चोर है - पर गडकरी ने कहा - "मैं चोर नहीं" - "मैंने चोरी नहीं की" !!!!
लगता है गडकरी हमेशा ही झूठ बोलते हैं .... हमेशा ही .... है ना ???
ऒफ़ ओह !! - मात्र पोस्टर लगाने से इतनी तक़लीफ़ ???
आकंठ सत्ता में आसीन ५६" सीने वालों की पार्टी की इतनी "छुइ-मुई" वाली हरकत !!!
तरस आ रहा है .... हंसी भी आ रही है .... और गुस्सा भी !!!
खैर - याद रहे - 3 अगस्त 3 बजे जंतर मंतर दिल्ली ......

कौन किसके कल्याण का जिम्मेदार ????

कौन किसके कल्याण का जिम्मेदार ????
शायद धर्म की स्थापना मानव के कल्याण एवं सत्य की रक्षा करने हेतु करी गयी होगी !
पर इसके विपरीत ....
असत्य पर सवार हो कुछ पागल अधर्मी धर्म की रक्षा एवं कल्याण करने हेतु आमादा हैं !
समझ में नहीं आता कि ....
मंदिर हिन्दुओं का कल्याण करेंगे या हिन्दू मंदिरों का ?
मस्जिदे मुसलामानों का कल्याण करेंगी या मुसलमान मस्जिदों का ?
गुरूद्वारे सिक्खों का कल्याण करेंगे या सिख गुरद्वारों का ?
भगवन भक्तों का कल्याण करेंगे या भक्त भगवन का ?
कहीं ऐसा तो नहीं .... कि ईश्वर अल्लाह भगवन आदि अपने अपने भक्तों के सपने में आते हों और रोते बिलखते हाथ पाऊँ जोड़कर उनसे फ़रियाद करते हों - कि दूसरे धर्मों के मानने वालों से हमारी रक्षा करो !!!! और ये भक्त अपनी जान को सुरक्षित करते हुए दूसरे धर्मों के मानने वालों कि जान लेने तथा दंगे करने हेतु निकल पड़ते हों !!!!
यदि ऐसा है तो फिर मुझे क्षमा करें - मूल रूप से कमज़ोरी और गलती तो ईश्वर अल्लाह भगवन की हुई .... बेचारे भक्तों को दोष क्यूँ ????

Sunday, 27 July 2014

ह ! हा !! हुर्रे !!! टिल्ले-लिल्ले !!!! .... मैं तो नास्तिक हूँ !!!!
धर्म के प्रति मेरी चलताऊ सोच निर्णय नहीं कर पा रही है कि आखिर आजकल फैशन और टशन में कौनसा फ़िकरा ज्यादा चलताऊ है ????
" कोई धर्म बुरा नहीं है ..... पर मेरा धर्म सबसे अच्छा है और बाकी तो सब ठीक-ठाक !! "
.................................................या ...............................................
" कोई धर्म अच्छा नहीं है ..... पर मेरा धर्म तो सबसे ऊँचा है और बाकी सब बेकार !! "
वैसे मेरी तार्किक सोच तो कहती है कि आज के परिप्रेक्ष्य में कोई धर्म उपयोगी या लाभदायक या सार्थक नहीं रहा है - क्योंकि सभी धर्मों के टुच्चे ठेकेदार और कच्चे भगत इंसानियत को तार-तार करने में निर्लज्जता के साथ पिले पड़े हैं ....
शायद इसलिए ही मैं सभी धार्मिक लफड़ों से कोसों दूर - सुखी संतुष्ट गौरवान्वित निर्भीक स्वावलम्बी नास्तिक हूँ !!!!
शेर मुलाहिज़ा फ़रमाये !!!
>> बस एक ही उल्लू काफी था बर्बादॆ गुलिस्तां करने को !
>> हर शाख पे उल्लू बैठा है अंजामे गुलिस्तां क्या होगा !!
मुझे इस शेर पर आपत्ति है क्योंकि इस शेर की दोनों पंक्तियों में विरोधाभास है ....
भाई जब पहली पंक्ति में ये मान लिया गया है कि एक उल्लू गुलिस्तां को बर्बाद करने के लिय काफी है तो फिर दूसरी पंक्ति में संशय उत्पन्न करना और अनावश्यक प्रश्न खड़ा करना कि यदि बहुत सारे उल्लू हों तो गुलिस्तां का अंजाम क्या होगा - कुछ जंचता नहीं है ....
और हाँ अब तो देशवासियों ने भी महसूस कर ही लिया है कि बर्बादी के लिए एक उल्लू ही काफी है .... और उल्लू बहुतायत में विद्यमान हैं .....
अतः मैं संशय की निर्मित स्तिथि को ख़त्म करते हुए तथ्यात्मक आधार पर इस शेर को निम्नानुसार पुनरीक्षित करना चाहूंगा ....
>> बस एक ही उल्लू काफी था बर्बादॆ गुलिस्तां करने को !
>> हर शाख से उल्लू उतरा है गुलिस्तां की वाट लगाने को !!
(टीप : नाचीज़ की तरफ से काबिल शायर के काबिल शेर की वाट लगाने के लिए माफी!)
पप्पू (PAPPU ) - और - फेंकू (FENKU) .... नामकरण !!!
सन 2013 -14 में किन्ही श्रद्धेय विद्वान / विद्वानों द्वारा २ महत्त्वपूर्ण नामकरण किये गए थे - ये थे ....'पप्पू' - और - 'फेंकू' !!!
आप सब स्वयं साक्षी हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद अब ये नामकरण कितने सटीक बैठे हैं ....
पप्पू पप्पू सिद्ध हो गए और फेंकू तो गज़ब फेंकू सिद्ध हो रहे हैं ....
इसलिए नामकरण करने वाले श्रद्धेय विद्वानों गुणीजनों एवं भविष्यवक्ताओं को मेरा शाष्टांग दंडवत सादर प्रणाम ....
आगे करबद्ध निवेदन है कि इन दोनों पप्पू और फेंकू से स्थायी मुक्ति पाने का कोई मंत्र हो तो वह भी सार्वजनिक कर राष्ट्रहित में अपना सक्रिय योगदान देने की महान कृपा कर कृतार्थ करें ....
भवदीय - ब्रह्म प्रकाश दुआ

Saturday, 26 July 2014

उस वक्त तो सबको यही लगा होगा कि - ये नमूने प्याज़ तोल / बेच रहे थे .....
पर आज मैं ये यकीन के साथ कहता हूँ कि ....
ये नामुराद झकोरे सरेआम अपनी इज़्ज़त बेच रहे थे ....



"हिन्दू" ! ...... एक जीवन पद्धति ?????????

आजकल कई सांप्रदायिक और विचित्र टाइप के नेता पहले तो हिन्दू नाम का दुरुपयोग कर अनाप शनाप बोल समाज में विद्वेष फैलाते हैं .... और जब उनको प्रश्न पूछे जाते हैं या कटघरे में खड़ा करने के प्रयास होते हैं तो ये चतुराई भरा एक ब्रह्म वाक्य का उपयोग करते हैं - "हिन्दू तो एक जीवन पद्धति है" !!
और तो और ये घटिया लोग हिन्दू को हिन्दुस्तान से जोड़ते हुए इस हिन्दू शब्द में पूरे जहाँ को ही लपेटने का दुस्साहस कर रहे हैं और नई नई संज्ञाएँ गढ़ रहे हैं - जैसे "हिन्दू क्रिश्चियन" , "हिन्दू मुसलमान" , "हिन्दू आतंकवाद".... मुझे डर है कि कल को ये बोलेंगे - "हिन्दू अल्लाह" , "हिन्दू गुरद्वारा" , "हिन्दू मस्जिद" , "हिन्दू कद्दू" , "हिन्दू घोड़ा" आदि आदि ....
मेरा प्रतिप्रश्न - यदि हिन्दू एक जीवन पद्धति है तो फिर क्यूँ गला फाड़-फाड़ कर चिल्लाते रहते हो - "गर्व से कहो हम हिन्दू हैं" ?? .. और ये हिन्दू महासभा क्या है .. और ये HUF या Hindu Marriage Act क्या बला है ??
अरे सही सही अक्षरशः समझ लो कि हिन्दू एक धर्म है, जैसे कि अन्य इस्लाम क्रिश्चियन पारसी सिख धर्म, और हिन्दू धर्म का पालन करने वाले को हिन्दू कहते हैं ....
और यदि चंगु मंगू कहे अनुसार मोदी जी इस देश को 'हिन्दू राष्ट्र' बनाने वाले हैं तो आप किसी गलत फहमी में न रहें .... इस महान धर्मनिरपेक्ष देश की रेड़ पिटने वाली है !!!!
बहुत लोगों को लगता था कि - अच्छे दिन आएंगे !
कुछ लोगों को पता था कि - अच्छे दिन नहीं आएंगे !!
पर किसको पता था कि - गरीब के ऐसे बुरे दिन आएंगे ???

Thursday, 24 July 2014

"हिन्दू राष्ट्र" !!! - एक और लेटेस्ट शर्मनाक उछाला गया शिगूफा अभी-अभी सामने आया है ....
गोवा के सहकारिता मंत्री दीपक ढवळीकर ने कहा - मोदी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे ....
मैं उनके बयान की निंदा करता हूँ .... पर ये महत्त्वपूर्ण नहीं है ....महत्वपूर्ण ये है कि : -
अब मोदी क्या बोलते हैं ? बोलते भी हैं या नहीं ? भाजपा पार्टी क्या बोलती है ? आरएसएस क्या बोलती है ? क्या इस बयान को भड़काऊ माना जाएगा कि नहीं ? मंत्री दीपक ढवळीकर पर कोई कार्यवाही होती है या उनको पुरस्कृत किया जाता है या यूं ही छोड़ दिया जाता है ? क्या दीपक ढवळीकर और उनसे सहमत लोग लगे हाथ ये भी बताएंगे कि हिन्दू राष्ट्र बनने की दशा में नॉन-हिन्दू कहाँ भेजे जाएंगे ? और अंत में क्या ये भी बताया जायेगा कि इस देश में कौन और कितने लोग हिन्दू धर्म के ठेकदार हैं ? कहीं ठेकेदारों की संख्या कुल जमा हिन्दुओं से अधिक तो नहीं ?
मोदी जी से मेरी पुरजोर मांग !!!!
आज ही तेलंगाना के मेडक में मानव रहित क्रासिंग पर रेल और स्कूल बस की टक्कर में 20 से अधिक बच्चों की दुखद मौत हुई है ...
इसी परिप्रेक्ष्य में मैं मांग करता हूँ कि यदि आपको भी दुःख पहुंचा हो तो - बुलेट ट्रेन - नई-नई ट्रेन - रेलवे स्टेशन को हवाई अड्डे जैसा बनाना आदि अतिमहत्वाकांक्षी असामयिक गैरजरूरी बिनमांगी बिनचाही परियोजनाओं को फिलहाल भूल जाएँ - और वर्तमान में जो भी चल रहा है पहले उसे चाक-चौबंद कर और फिर यथोचित सुधार पर ध्यान देकर समझदारी और ईमानदारी का परिचय दें ....
रेल की ज़रूरतों को उद्योगपतियों के चश्मे से देखने के बजाय गरीब जनता के चश्मे से देखें .... रेल जनता की सेवा के लिए ही होनी चाहिए - उद्योगपतियों और नेताओं के धन-लाभ का स्रोत कदापि नहीं ....
कैसे संपन्न संभ्रांत लोग हैं ये जिन्हे मुफ्त का खाने में शर्म भी नहीं आती ???
जब तक गरीब की हालत दयनीय है ---- तब तक छीन लो इन सांसदों से सारी राजसी सुख सुविधाएँ जो गरीब और आम आदमी के खून पसीने के पैसों से इन को दी जा रही हैं ----

Wednesday, 23 July 2014

खुद की रोटी की व्यवस्था नहीं करा पाये - गरीब की रोटी की क्या व्यवस्था करेंगे ???? 
महाराष्ट्र भवन की शर्मनाक घटना पर टीवी चैनलों पर बहस से ये मालूम हुआ कि शिवसेना के सांसद पिछले 10-15 दिन से खाने की क्वालिटी और अन्य व्यवस्थाओं से परेशान थे और सब दूर शिकायत के उपरांत भी जब निराकरण नहीं हुआ तो वे अराजकता पर उतरते हुए बेचारे एक मुलाज़िम के मुंह में रोटी ठूंस बैठे .....
उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में मेरी विवेचना ....
जो सांसद सत्ता में आकंठ काबिज़ होते हुए भी 15 दिन में अपने स्वयं के खाने की गुणवत्ता को सही न करा पाये हों वो गरीब की रोटी का प्रबंध क्या खाक करा पाएंगे ?
अतः ऐसे अक्षम सांसदों को प्रतिसाद के रूप में उनके मुहं में रोटियां या बेहतर होगा गुंधा आटा ठूंस उनकी छुट्टी कर ही देनी चाहिए ....
और हाँ .... आगे सरकार में काबिज़ मोदी जी एवं उनके मंत्री ये भी बताएं कि IRCTC के खाने की गुणवत्ता महाराष्ट्र सदन सहित पूरी देश की रेलसेवा में कब तक चाक-चौबंद करा देंगे ??
और यदि रेल में खाने की गुणवत्ता 15 दिन में ठीक नहीं होती है तो क्या आम जनता को रेल कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने की अनुमति प्रदान होगी ????
शिवसेना सांसद को प्रतिसाद तो मिलना ही चाहिए !!!!
सभ्य संवेदनशील लोग अभी तक इस बात पर अपना रोष जताते रहे हैं कि "गरीब के मुँह में रोटी का निवाला नहीं है"
पर आज जब शिवसेना के एक तथाकथित अति संवेदनशील सौम्य सहिष्णु सेवाभावी सांसद महोदय श्री राजन विचारे द्वारा स्वविवेक से अपना बेशकीमती समय लगा दल-बल सहित स्वयं यानी खुद के पांव-पांव पैदल चलकर स्वयं किचन में जाकर स्वयं अपने हाथों से रोटी उठा एक आम आदमी के मुहं में स्वयं के करकमलों से निवाला डाला या डालना चाहा तो इस पर कुछ लोग निंदा कर रहे हैं - बेमतलब बवाल मचा रहे हैं ....
मुझे लगता है ऐसी निंदा करने और बेमतलब बवाल मचाने के बजाय जनता को तो सांसद महोदय के मुँह में या अन्यत्र निवाले या नेवले ठूंस उन्हें प्रतिसाद देना चाहिए ....
और हाँ जो इन सांसद महोदय का पक्ष ले रहे हैं उन्हें भी लगे हाथ यथायोग्य प्रतिसाद प्रदान कर ही देना चाहिए .... है ना !!!

Tuesday, 22 July 2014

शिवसेना का सरकार पर हमला - पाक सीज़फायर उल्लंघन पर बयान ....
"चर्चा करते रहेंगे और पाक गोलियां चलाता रहेगा" !!!!
मैं बयान और तथाकथित हमले का स्वागत करते हुए शिवसेना पर कटाक्ष करना चाहूंगा ....
"और शिवसेना मोदी सरकार का साथ देती रहेगी" ?? है ना ??
सिर झुकने-झुकाने की बात गयी भाड़ में .... सिर उठने-उठाने की बात क्यूँ नहीं ???
अभी राज्यसभा में जेटली जी ने बयान दिया कि - न सिर झुका है न सिर झुकने देंगे ....
और साथ साथ फिर दुखद समाचार आया कि पाकिस्तान की फायरिंग में हमारा एक जवान और शहीद ....
मेरी विवेचना >> वस्तुस्तिथि यह है कि ....
मनमोहन सरकार ने कभी सिर उठाने की ज़ुर्रत नहीं की !!
और मोदी सरकार सिर उठाने की हिम्मत नहीं कर रही है !!!!
देश के सिर की अवस्था का तो पता नहीं .... पर इन भाजपाइयों के सिर का पता है - सिर फिरा-फिरा दीखता है .... भाई लोग खिसियाहट में पाकिस्तान को छोड़ देश के मुसलमानो के पीछे जो पड़ गए हैं ....
पहले मोदी जी कहिन - देश का सर नहीं झुकने देंगे - अब जेटली जी अभी राज्यसभा में कहिन - देश का सर न झुका है न झुकने देंगे ....
मेरी टिप्पणी ....
जैसे - चाय और केटली !
वैसे ही - मोदी और जेटली !!
चील के घोंसले में मांस देख शाकाहारियों का विलाप !!!!
भारी भरकम रक्षा बजट पास - रक्षा हेतु 100 % FDI मंज़ूर - रक्षा सौदों को मंजूरी देना शुरू - रक्षा मंत्रालय प्रभारी श्री जेटली ....
कुछ देशभक्तों की स्वाभाविक चिंता और प्रश्न - कि हथियारों की खरीद फरोख्त में जो दलाली खायी जाती है उसको रोकने का क्या प्रावधान है ????
मेरी टिप्पणी ....
जब मुख्य प्रावधान मुख्यतः एवं अनिवार्यतः दलाली का ही रखा जाता है तो दलाली को रोकने के प्रावधान का प्रश्न ही कहाँ उठता है ????
ये तो ऐसा ही हुआ कि चील के घोंसले में मांस देख शाकाहारी विलाप करें ....

Monday, 21 July 2014

BARKING NEWS !!!!
गुटकू वेद प्रताप वैदिक ने हाफिज सईद को भारत आने का न्यौता दिया ....
इसे कहते हैं - अकल, दिमाग, चाल, दांव, कूटनीति ....
बस देखते जाओ .... हाफिज सईद भारत आया नहीं और ५६ इंची ने उसका वध किया नहीं !!!
खबरदार !!! कौन कहता है की मोदी कुछ भी बोलते नहीं - उन्हें सांप सूंघ गया है - वो मौन के मामले में मनमोहन के भी बाप निकले - मीडिया में एक बयान नहीं - सभी महत्त्वपूर्ण मुद्दों और प्रकरणो में घुन्नी-चुप्पी - विदेश हो आये पर क्या गुल खिले या खिलाये कोई विवरण नहीं - आदि आदि ???
मैं ये इसलिए कह रहा हूँ की देखिये अभी अभी भारत लार्ड टेस्ट जीता है और उसके तुरंत बाद मोदी जी ने टीम को बधाई दी है ....
इसलिए चेतावनी दे रहा हूँ - ख़बरदार अनावश्यक निंदा नहीं करें !!!!

Sunday, 20 July 2014

या बेईमानी तेरा ही आसरा !!!!
भाजपा का कहना है कि वो खरीद फरोख्त पर विश्वास नहीं करती ....
अब यदि भाजपा के अविश्वसनीय कथन पर विश्वास करलें तो फिर एक ही संभावना बचती है कि - भाजपा की कोशिश है की तमाम अनैतिक हथकंडो के सहारे डंडे के बल पर डरा धमका कर जैसे तैसे बिना एक पैसा दिए विपक्षी विधायकों को तोड़ लिया जाय और दिल्ली में सरकार बना ली जाये ....
सुना था बेईमानी के धंधे में भी ईमानदारी बरती जाती है पर यहाँ तो लगता है भाजपा का मंत्र है - या बेईमानी तेरा ही आसरा ....

Thursday, 17 July 2014

ये रामदेव बाबा कौन हैं ?


आपको जानकर आश्चर्य होगा की अब भले ही सारे पाकिस्तानी विश्व विख्यात डॉक्टर वेद प्रताप वैदिक को अच्छे से जानते हैं पर लगभग 30 करोड़ भारतीय जो भाजपा से जुड़े लोग हैं और जिन्हे आजकल भक्त कह कर भी संबोधित किया जाता है वे इन्हे पहचानते भी नहीं हैं .... यहाँ तक की जब मैंने एक भक्त को वैदिक जी की फोटो बता पूछा तो वो उल्लास के साथ बोला - ये तो बिना दाढ़ी के हमारे अध्यक्ष अमित शाह हैं .... थोड़े दुबले जरूर दिख रहे हैं .... बीमारी के बाद की फोटो होगी ....
मैं दावा करता हूँ की निकट भविष्य में ये भक्तगण सरे बाज़ार ये कहते नज़र आएंगे कि - यार ये रामदेव बाबा कौन हैं ?

Tuesday, 15 July 2014

सुनो सुनो - वैदिक जी 'आप' पार्टी के भी नहीं हैं !!!

क्या बात है देखते देखते बयानों और दावों की होड़ लग पड़ी है ....
कोई कह रहा है वेद प्रताप वैदिक आरएसएस के आदमी हैं .... तो कोई कह रहा है रामदेव के आदमी हैं .... कोई कह रहा है मोदी के आदमी हैं .... कोई उन्हें कांग्रेस का तो कोई उन्हें भाजपा का आदमी बता रहा है .... पर कोई भी उनको अपना आदमी नहीं बता रहा है .... यहाँ तक की पत्रकार भी कह रहे हैं कि ये उनकी जमात का नहीं है ....
और तो और सुनने में तो ये भी आया है कि उनके बड़बोलेपन और घुमक्कड़पन के कारण और रामदेव की गंदी संगत से परेशान हो श्रीमती वैदिक ने उदघोषित कर दिया है कि वैदिक जी उनके आदमी नहीं है ....
वाकई इस गुटकू ने तो सभी की वाट लगा दी .... पर इतने बहादुर व्यक्ति का ऐसा तिरस्कार होते देख मुझे अच्छा नहीं लग रहा है ....
इसलिए मेरा भक्तों से निवेदन है कि कम से कम वो तो वैदिक जी की हौसला हाफ़ज़ाई करें और अपनी विशिष्ठ उच्च क्षमता अनुसार कोई नया टेका तो लगाएं - जैसे कि उन्होंने मोदी जी के पक्ष में टेका लगाया था की महंगाई इसलिए बढाई जा रही है ताकि अच्छे दिन आ सकें ....
सुझाव के रूप में भक्त ये भी तो कह सकते हैं कि वैदिक जी 'आप' पार्टी के नहीं हैं इसलिए वो देशद्रोही या पाकिस्तानी एजेंट तो हो ही नहीं सकते ....

आज़ाद कश्मीर ????

आप पार्टी के प्रशांत भूषण ने जब कश्मीर में REFERENDUM की बात कही थी तो इन भाजपाइयों ने क्या तांडव नृत्य और भंगड़ा और कुच्चीपुडी और हिप-हॉप जाने क्या क्या किया था .... याद ही होगा ....
अब गुटकू वेद प्रताप वैदिक कश्मीर को आज़ाद करने की बात कह गए .... और सरकार कहती है कि सरकार का इससे कोई DIRECTLY INDIRECTLY या REMOTELY लेना देना नहीं है ....
तो मैदान खुल्ला है भक्तों - बताओ उछलते कूदते कश्मीर को आज़ाद कब करने चल रहे हो ????
हाँ नृत्य हेतु विजय जॉली को और हास्य नृत्य हेतु अमित शाह और गडकरी को साथ जरूर रख लेना - उल्लास का वातावरण बनेगा - बहुत मज़ा आएगा ....
वाकई इस गुटकू ने तो सभी की वाट लगा दी .... पर इतने बहादुर व्यक्ति का ऐसा तिरस्कार होते देख मुझे अच्छा नहीं लग रहा है ....
इसलिए मेरा भक्तों से निवेदन है कि कम से कम वो तो वैदिक जी की हौसला हाफ़ज़ाई करें और अपनी विशिष्ठ उच्च क्षमता अनुसार कोई नया टेका तो लगाएं - जैसे कि उन्होंने मोदी जी के पक्ष में टेका लगाया था की महंगाई इसलिए बढाई जा रही है ताकि अच्छे दिन आ सकें ....
सुझाव के रूप में भक्त ये भी तो कह सकते हैं कि वैदिक जी 'आप' पार्टी के नहीं हैं इसलिए वो देशद्रोही या पाकिस्तानी एजेंट तो हो ही नहीं सकते ....

PINK REVOLUTION .. v/s .. PINK - YELLOW - RED CORRUPTION !!!!

PINK REVOLUTION .... याद आया किसने कहा था किसने बताया था इसके बारे में ?
जी हाँ ! हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ....
उन्होंने बकायदा ये भी विस्तार से समझाया था कि ये गोश्त से संबंधित है - और क्योंकि गोश्त का रंग पिंक होता है इसलिए इसको PINK REVOLUTION कहा गया है ....
और ये सब बातें UPA-II सरकार के PINK REVOLUTION को बढ़ावा देने के कारण विरोध स्वरुप ही कहीं गयी थीं ....
पर अब शायद गोश्त 'पिंक' न हो 'पनीला' हो गया लगता है .... क्योंकि चुनाव हो चुके हैं और खून के रंग बदल चुके हैं ....
बहुत ही गुस्से में शालीनता से कह रहा हूँ कि - PINK REVOLUTION पर मगरमच्छी आंसू बहाने वालों और धार्मिक भावनाओं से खेलने वालों शर्म करो - गौ माता पर राजनीती बाद में करना पर अब पहले ये भी बताओ कि : -
मालूम है ये PINK CORRUPTION क्या होता है ??? .. नहीं मालूम !! .. ये प्याज़ से संबंधित है - और क्योंकि प्याज़ का रंग भी पिंक होता है इसलिए मैं इसको PINK CORRUPTION कह रहा हूँ ....
मालूम है ये YELLOW CORRUPTION क्या होता है ??? .. नहीं मालूम !! .. ये आलू से संबंधित है - और क्योंकि आलू का रंग अंदर से पीला होता है इसलिए मैं इसको YELLOW CORRUPTION कह रहा हूँ ....
मालूम है ये RED CORRUPTION क्या होता है ??? .. नहीं मालूम !! .. ये टमाटर से संबंधित है - और क्योंकि टमाटर का रंग लाल होता है इसलिए मैं इसको RED CORRUPTION कह रहा हूँ ....
और ये सारे CORRUPTION UPA-II के नहीं बल्कि इस भाजपा की सरकार के रहते हाले-फिलाले हो ही रहे हैं ....
क्या PINK REVOLUTION के संबंध में और इस रंग बिरंगे MULTI COLOURED CORRUPTION के संबंध में ये सरकार कुछ अपेक्षित कार्यवाही करेगी ????
या हम आगे इंतज़ार करें - GREEN CORRUPTION ; WHITE CORRUPTION Etc.

Monday, 14 July 2014

NM-49 .. v/s .. AK-49

I am sorry to candidly opine that NM-49 has not come to expectations of masses, particularly poor, and have poorly proved himself to be no match to AK-49.
Let us see what happens with NM-49+ !!!

कुर्सी से बंधे ये घोड़े .... लाख दर्जे अच्छे हैं ....
उन कुर्सी से चिपके गधों से .... और ....
उन छुट्टे घूम रहे खच्चरों से जो बिना गधों को मालूम पड़े पाकिस्तान तक घूम फिर आते हैं ....

ये गाली exclusively टमाटर के लिए है !!!!

अब टमाटर के भाव आसमान पर .... भक्त खिसियाते हुए बोले अब इसके लिए तो मोदी सरकार को दोष नहीं देना ....
मैंने गुस्से में बोला क्यूँ भाई - जमाखोरी के विरुद्ध मुहीम छेड़ी थी - छापे डाले थे - दसियों मीटिंग करी थी - फिर उसका क्या ....
जवाब आया .... अरे वो सब तो प्याज़ और आलू के लिए किया गया था ....
मैंने कहा सरकार निकम्मी है ....
भक्त बोले फिर से गालियां क्यूँ देते हो ....
मैंने कहा फिर से इसलिए कि पहले प्याज़ आलू के लिए दी थी अब की बार टमाटर के लिए दे रहा हूँ .... exclusively !!
गनीमत समझो वही वाली दे रहा हूँ - वर्ना ध्यान रहे आजकल मार्केट में उच्च कोटि की गालियां भी इफरात में प्रचलित हो रही हैं .... कुछ संस्कृत की तो इतनी effective हैं की चार बार सुनोगे पूरी संस्कृत समझ में आने लगेगी ....

Sunday, 13 July 2014

केजरीवाल को छोड़ हाफ़िज़ सईद से कौन नहीं मिल सकता ????

अभी अभी वेद प्रताप वैदिक ने स्वीकार किया कि वो हाफ़िज़ सईद से मिले थे .... पर ढीढता का परिचय देते हुए टेका भी लगाया की पत्रकार होने के नाते वो किसी से भी मिल सकते हैं !!!
इस परिप्रेक्ष्य में मेरी विवेचना है कि - फिर तो तुम्हारे आका बाबा रामदेव भी योग सिखाने और साधू होने के बहाने हाफ़िज़ सईद से मिल सकते हैं - तुम्हारे आका के आका मोदी भी राजनैतिक नेता होने के नाते हाफ़िज़ सईद से मिल सकते हैं - इसी प्रकार कोई मंत्री उससे देश की समस्या के समाधान के लिए मिल सकता है - कोई खिलाड़ी उससे खेल के हित में मिल सकता है - कोई कलाकार उससे कोई प्रोग्राम के सिलसिले में मिल सकता है - कोई वकील उससे किसी केस के संबंध में मिल सकता है - कोई डॉक्टर उससे उसके इलाज के लिए मिल सकता है ....
अरे वैदिक महाराज तो फिर ये ही बता दो कि अरविन्द केजरीवाल को छोड़ हाफ़िज़ सईद से कौन नहीं मिल सकता ????
महंगाई >>> जमाखोरी >>> पर इसके बाद क्या ???? 
कृपया ध्यान दें - इस देश में वर्षों से समस्या बता दी जाती है - फिर समस्या उत्पन्न होने के सही गलत कारण गिना दिए जाते हैं - फिर 'क्या होना चाहिए' और जनता या दूसरों को 'क्या करना चाहिए' संबंधित उपदेश दे दिए जाते हैं .... फिर उसके बाद कई बातों पर 'बल' दे दिया जाता है .... और बस इसके बाद सभी वार्तालापों और क्रियाकलापों की इतिश्री मान ली जाती है ....
बहुत हुआ सुन सुन कान पक गए कि महंगाई किस कारण से है - जैसे अभी लेटेस्ट में सबसे घिसा पिटा शर्मनाक रहस्योदघाटन किया गया है कि महंगाई जमाखोरी के कारण है ....
वाह भई वाह !!!! अरे थोड़ी शर्म बची हो तो कुछ आगे की बात भी तो करो .... कि ये जमाखोरी किस कारण से हो रही है ? कौन कर रहा है ? क्यूँ कर रहा है ? कहाँ कर रहा है ? .... और इस पर लगाम कौन लगाएगा ? तुम जवाबदार लोग लगाओगे जो सत्ता में हो या फिर वो लंगोटधारी गरीब लगाएगा जो मंहगाई से मर रहा है ??
चलो माना प्याज़ महंगा हुआ था जामखोरी के कारण ! और आलू भी जमाखोरी के कारण ही महंगा हुआ था !!
पर अभी अभी ये टमाटर क्यों महंगा हो गया है .... ये भी जमाखोरी के कारण ? या कहीं हरामखोरी के कारण तो नहीं ??
आदरणीय 'मौनदी' जी क्या बताएँगे कि ये 'गुटकू' भी "पाकिस्तानी एजेंट" हैं या नहीं ?
या भारत में केवल एक केजरीवाल ही पाकिस्तानी एजेंट हैं ??
क्या देश को इस बात का खुलासा होगा कि वेद प्रताप वैदिक पाकिस्तान गया था या हाफ़िज़ सईद भारत आया था ? और इस पाक मिलन के दौरान और कौन लोग मौजूद थे ? फोटो फ्रेम से लगभग बाहर काले कपड़ों में जिस व्यक्ति का हाथ दिख रहा है कहीं वो गडबडकरी तो नहीं ??
और हाँ बत्तायेंगे कि रामदेव के बारे में अब आपके क्या विचार हैं और वे आजकल कहाँ हैं ??


Saturday, 12 July 2014

काला धन कहाँ और कितना है ?
अब इस प्रश्न से भी बड़ा और प्रासंगिक प्रश्न खड़ा हो गया है कि ....
बाबा रामदेव कहाँ और किस अवस्था में हैं ?
कहीं अपने आकाओं के साथ पूर्व नियोजित कार्यक्रम अनुसार काले धन को हड़पने / ठिकाने लगाने में तो व्यस्त नहीं ?
भक्तगण भी परेशान हैं - कह रहे थे कि बजट की व्याख्या के लिए अब किसके पास जाएँ - मैंने बोला राखी सावंत या किरण बेदी है न - तो न मालूम क्यों घूर रहे थे ....

Friday, 11 July 2014

गरीब की पीड़ा - मेरी पीड़ा !!!
पूरा रेल और आम बजट आ गया - गरीबी रेखा से ऊपर सभी लोग बहस में व्यस्त और मस्त हैं ....
और गरीब वीराने में इसलिये सिसकियाँ ले रहा होगा कि वो तकलीफ में है - इसलिए नहीं कि उसको मालूम पड़ गया होगा कि उसके विरुद्ध साज़िश रची जा चुकी है ....
गरीब के रोने की आवाज़ तो बहुत पहले ही दबा दी गयी थी - अब तो शायद सिसकियाँ भी वर्जित कर दी जाएंगी ....
मेरे स्वर्गीय पिताजी कहते थे "जब उसकी लाठी पड़ती है तो आवाज़ नहीं होती" .... मैं अभी तक समझता था - "उसकी" से अभिप्राय "ईश्वर" से है - पर अब सोच रहा हूँ - "उसकी" से अभिप्राय "अत्याचारी" से भी तो हो सकता है ?

Thursday, 10 July 2014

बजट 2014 - गरीब के जानिब मेरा यक्ष प्रश्न ....

पुरे देश के गरीबों - और आम आदमी जैसे की "चाय बेचने वाले" या अन्य रेड़ी वाले रिक्शा वाले मज़दूर छोटे किसान तथा रूपए १५ हज़ार तक की नौकरी करने वाले अधिकांश लोगों को इस बजट से क्या कब और कैसे फायदा मिलेगा ???
मुझे लगता है कम से कम बेचारे गरीब को अच्छे दिन की आस अब छोड़ देनी चाहिए .... अब तो लगता है सरकार में बैठे असहिष्णु लोग गरीब को मार ही डालेंगे .... इसलिए अब तो आगे कुछ नया करना होगा ....
आशा करता हूँ गरीब के प्रति सहानुभूति रखने वाले मुझ से सहमत होंगे ....वरना बाकी तो अपने टैक्स और बचत की गड़ना कर ख़ुशी मना रहे होंगे .... या आगे धंधे में काला पीला कैसे करें इसकी प्लानिंग कर रहे होंगे ....
कांग्रेस के भ्रष्टाचार और कुशासन के रहते शासकीय खजाना खाली .... रेल बजट से जनता घायल और क्रोधित .... चुनाव पूर्व खर्च हुए करोड़ों रुपये की उधारी गजब के सूद सहित देय .... जनता को भले ही भाड़ में झोंक दिया जाय पर अनेक हस्तियों और कुकुरमुत्तों को संतुष्ट करना आवश्यक .... उसके ऊपर इतनी सी हनीमून तुल्य अल्पावधि में बजट बनाना - वो भी रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त भार का दायित्व वहन करते हुए जबकि पाकिस्तान और चीन हमारे रोज चूंटिया खोड़ रहे है .... बस ! नमो नमो नमो !!!
ऐसे में हैरान परेशान जुझारू काबिल चालाक बेचारे अरुण जेटली हमारे वित्तमंत्री आज बजट पेश करेंगे ....अब गौर से देखें ....

Wednesday, 9 July 2014

सवा करोड़ चोरी मामले में चोर के साथ साथ गिरिराज सिंह खुल्ले आम धरा गए हैं ....
यकीन मानिये ये देश का पहला मामला ऐसा है जिसमे चोरी करने वाले चोर की प्रतिष्ठा उस उचक्के से ज्यादा बनी हुई है जिसके घर चोरी हुई है ....
क्या 'मौनदी' जी बताएँगे कि यदि उनकी भ्रष्टाचार विरूद्ध टिप्पणियों का कोटा पूरा हो गया हो तो गिरिराजसिंह के विरुद्ध क्या कार्यवाही बनती है ??? या फिर वही घिसी पिटी बात बोलेंगे - "कानून अपना काम करेगा" - या - "नो कमेंट्स" !!!!

PPP >>> पीपनी !!!
कल रेल बजट को तन्मयता से सुनने के बाद एक भक्त सर खुजला पूछ रहा था ....
ये PPP क्या होता है ?
मैंने कह दिया .... पीपनी बजाने का यन्त्र !!!
भक्त बोला मैं अभी भी समझा नहीं - मैंने कहा 6-8 महीने में जब तुम्हारी पीपनी बजने लगेगी न तो अपने आप सब समझ जाओगे ....

Tuesday, 8 July 2014

जनहित में जारी ..... ठंडा-ठंडा - कूल-कूल !!!!

मेरा इंजीनियरों से निवेदन है कि नेताओं के लिए विशेष एक ऐसा पोर्टेबल AC बनाएं जिसमे 7 ट्यूब लगे हों जो मानव शरीर के हर छिद्र से अंदर घुस पूरे शरीर को आत्मा सहित ठंडा रखे ....
इससे कई सामान्य फायदे होंगे - जैसे नेताओं को ठन्डे होने के लिए 31 AC नहीं लगाने होंगे - इन्हे फ्रिज की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और ये दूध पीकर आइसक्रीम के मज़े ले सकेंगे - भ्रष्टाचार कुछ कम करना पड़ेगा - सरकारी खर्च में करोडो की बचत होगी - बिजली की बहुत बचत होगी - आदि !
पर एक विशेष फायदा और भी होगा जैसे - संसद में कभी गरमा गर्मी का माहौल नहीं बनेगा.... जैसा कि आज अभी रेल बजट के बाद यूं ही बन गया है ....
बस फिर क्या है - पूरे देश का माहौल >>> ठंडा-ठंडा - कूल-कूल !!!!

200 करोड़ झाड़ लगाने थे - 200 भी लग गए क्या ????

अरे यार आपको याद होगा की 'मौनदी' के एक खास मंत्री ने 200 करोड़ झाड़ लगाने की लम्बी भारी-भरकम फेंकी थी .... वैसे तो वो फेंकू का चेला है पर फेंकने में फेंकू का भी बाप है .... उनका सीना 56" का है तो इनका पेट 56" का है ....
अब मैं उस मंत्री का नाम नहीं लूँगा वरना आप लोग बहुत ही गालियां देने लगते हो .... पर आप सब समझ तो गए ही हो ....
आपने तो गुणा भाग लगाकर उस अतार्किक को तर्क के साथ यह तक बता दिया था कि 1 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 200 करोड़ झाड़ लगाना संभव नहीं हैं ....
पर न मालूम क्यूँ ये सारे फेंकू और उनके पढ़े लिखे भक्त सरे आम धराये जाने पर सर रेत में क्यूँ घुसेड़ लेते हैं ? सामने आकर कुछ कहते क्यों नहीं ?

Monday, 7 July 2014

'शीला-मौसी' और "AC" - CHILL BABY CHILL !!

शीला दिक्षित के यहांँ 31 AC निकले --- अब तो ये खबर भी पुरानी हो चली है ....
पर आश्चर्य की बात तो यह है कि भाजपा वालों को सांप क्यूँ सूंघ गया ? विरोध का एक स्वर नहीं ?
पता है क्यूँ - क्यूंकि शायद कम से कम 2 - 3 दिल्ली भाजपा नेताओं - नेत्रियों के यहाँ ये आंकड़ा 31 से ऊपर है ....
इसलिए भाजपाई आड़े तिरछे हो झुके झुके से बस 'शीला-मौसी' - 'शीला-मौसी' मिमिया रहे हैं ....
और कहते हैं कुछ बावरे कांग्रेसी हैं कि उलटे ताल ठोँक के बोल रहे हैं की हो जाय खुलासा - सारे नेता बताएं किसके यहाँ कितने AC हैं ....
पर मुझे लगता नहीं ऐसा कोई खुलासा होगा - AC की अन्तर्निहित ठंडक के रहते ये मामला यहीं ठंडा कर दिया जाएगा .... और हो भी गया है ! भक्तगण भी कह रहे हैं CHILL BABY CHILL !!
पर हाँ कल्पना करें इस मामले का मज़ा तो तब आता जब अरविन्द केजरीवाल के घर से 6 से ज्यादा AC निकले होते .... तब तो माँ कस्सम दोनों कांग्रेसी और भाजपाई AC के अंदर घुस उसे OVEN बना देते .... पूरे दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर 60 एक AC तो चौराहों पर जला राष्ट्रहित में 'आप' के लिए AC का प्रयोग वर्जित करवा देते - है न ?

Sunday, 6 July 2014

हरयाणा भाजपा के कर्णधार ओ पी धनकड़ कहते हैं आप भाजपा को वोट दें तो हरयाणा के युवकों के लिए बिहार से दुल्हन लाकर देंगे ....
और 'मौनदी' भाजपाई तथा भक्तगण चुप .... या गदगद ? लगता है गदगद !!!!!!!!!
कहीं इसका एक कारण संघ में बहुतायत छड़ों की संख्या तो नहीं ?
आपको नहीं लगता .... छड़ों छोरों छिछोरों लुच्चे लफंगों और नकारा लोगों के अच्छे दिन की बात हो रही है .... पर अबलाओं गरीबों और शरीफों की इनको कोई फिकर नहीं ?

सजा का निर्धारण हो !!!!

घर में 32 AC - 48 AC - दर्जनो HEATERS एवं COOLERS - आदि आदि - वो भी सरकारी खर्चे पे - और बेशर्मी एवं ढीढता देखिये कि पश्चाताप या खेद का एक शब्द अभी तक नहीं .... 'मौनदी' की तरह मौन !!!
तो बोलो मित्रों सजा बनती है कि नहीं ? बनती है तो बताओ सबसे उत्तम सजा क्या हो सकती है ?
मेरे हिसाब से तो इन्हे नंगे बदन तपती धूप में UNPLUGGED AC के ऊपर PLUGGED ON HEATERS के ऊपर रोजाना 12 से 4 बजे तक बैठाना चाहिए .... तब शायद इनकी रूह बिना ठण्ड कांप उट्ठे !!!
ठीक रहेगा न मित्रों .... कुछ हल्कापन तो नहीं रह गया ?
अरे यार गुस्सा इतना आ रहा है कि इससे अच्छा कुछ सूझ ही नहीं रहा है ....यदि इससे बेहतर सजा आपको समझ पड रही हो तो कृपया बताएं .... मैं भी देखूं आपका खून खौल रहा है कि नहीं ?
नहीं साहब नहीं 'मौनदी' की कसम अब तो हम केवल इस सरकार से घबराये हुए हैं ....
साहेब जी चाहे जितना तल लो .... पर हमारा पिंड छोड़ दो ....
वर्ना याद रखना जेटली - केटली तो सीधे आग पर चढ़ती है .... सीधे सिकाई हो गई तो तलाई भूल जाओगे .... हाँ !!!
अबे नामुराद गधे खोत्ते कहीं के .... कसम से क्यूँ मज़ाक करता है .... नाहक दूसरों को बदनाम क्यों करता है .... क्यों दूसरों पर इलज़ाम मढ़ता है .... क्यों दूसरों की इज़्ज़त की वाट लगवाता है .... 
क्या वाकई सरकार तू नहीं चला रहा ??? !!! @#$%^&*.

Saturday, 5 July 2014

अमित शाह को Z+ सिक्योरिटी क्यों ?

अमित शाह को Z+ सिक्योरिटी क्यों ? बिगड़ैल जनता नाहक ही गुस्सा कर रही है ....
मैं बताता हूँ कि बेचारे शाह को सिक्योरिटी क्यूँ .... क्यूंकि सबको मालूम है कि मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में सबसे ज्यादा योगदान अमित शाह का ही है - और अब क्योंकि असंतुष्ट जनता मोदी का तो कुछ बिगाड़ नहीं सकती तो सारी भड़ास तो अमित शाह पर ही निकालेगी न .... इसलिए लोग अमित शाह को ढूंढ रहे हैं - पूछ रहे हैं तूने मोदी को प्रधानमंत्री क्यूँ बनवाया .... और unsecured मिल गए तो ........
मैं तो कहता हूँ कि अब तो मोदी से ज्यादा खतरा शाह को है ! इसलिए उन्हें तो ZZ++ सिक्योरिटी मिलनी चाहिए ! और वैसे भी अमित शाह तो न केवल मोदी जी कि जगह गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने है और भाजपा अध्यक्ष बनने वाले हैं पर वो देशहित में इस देश के भावी उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति या लोकपाल का भार भी तो वहन करेंगे ही .... क्योंकि इस देश में अन्य काबिल लोगों का तो अकाल ही पड़ा है .... है ना !!!

5 रुपये में भरपेट खाना

5 रुपये में भरपेट खाना - आशीष शेलार ने भी आखिर अपनी बाँसी सोच कि उलटी कर ही दी !!!
इसी सन्दर्भ में मैं चैलेंज करता हूँ कि यदि आप राज बब्बर और राशिद मसूद से आशीष शेलार के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया मांगेंगे तो वो यही कहेंगे .... देखो हम सही कहते थे न !
और यदि आप भाजपा के प्रवक्ताओं से प्रतिक्रिया मांगेगे तो जवाब होगा .... नहीं ऐसा कुछ नहीं है - ये तो मीडिया ने उनका वक्तव्य तोड़ मरोड़कर पेश किया है - आशीष जी की ऐसी कोई मंशा नहीं थी - भाजपा तो हमेशा गरीब की ही बात करती है और गरीब के साथ है .....
और यदि नमोभक्तगण को प्रश्न पूछोगे तो वे कहेंगे .... अरे यार अब इसमें मोदी की क्या गलती ?
और यदि गलती से आपको मोदी जी से प्रतिक्रिया मांगने का दुर्लभ अवसर प्राप्त हो जाए तो मालूम है लम्बा सा क्या जवाब होगा .... "NO COMMENTS"....

अरे यार ये तो कांग्रेसी निकला ! वही सोच - वही डायलाग !!.... बस फर्क ये कि ये मोदीवाले हैं ....
वो वही हवा अब रुक चुकी है .... वो वही लहर अब समतल हो चुकी है .... वो वही सुनामी अब ठंडी पड़ चुकी है .... जिनके बलबूते आप यहाँ तक आ टपके थे !!! 
अब तो बस उस अदद आंधी का इंतज़ार है जो आपको हमसे दूर उड़ा ले जाय ....
और बहे वो बयार जो गरीब को ठंडक पहुँचाए !!!

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अच्छे दिन आने वाले हैं ! ये अभी तक कल्पना है !!
अच्छों के दिन लद गए हैं ! यह कड़वी सच्चाई है !!

Friday, 4 July 2014

"मोदी जी इस्तीफ़ा कब देंगे ?"

आदरणीय मोदी जी,
भले ही हलकट तरीके से नामकरण आपने किया हो, पर आपको याद दिला दूँ कि ये AK-49 क्या चीज़ है .... ये वो स्वाभिमानी निःस्वार्थी क्रन्तिकारी है जिसने किसी भी परिस्थिति से समझौता न करते हुए मात्र 49 दिन में अपना इस्तीफा दे दिया था .... और आदर अनुरूप लिखूं तो इनका नाम है - अरविन्द केजरीवाल !
पर आप के स्वाभिमान को क्या हुआ ? पूरे 40 दिन हो गए और आपके दयनीय निंदनीय प्रदर्शन के बावजूद लगता है आप यह भी निर्णय नहीं कर पाये हैं कि आपको इस्तीफ़ा कब दे देना चाहिए !
इसलिए ही आपको सलाह दे रहा हूँ कि अब आप 49 दिन पूर्व ही इस्तीफ़ा दे देवें ! हो सकता है इससे आपकी इज़्ज़त बच जाए और अमीर की बजाय गरीब के अच्छे दिन आने की नई संभावनाएं बने !
आपकी जानकारी के लिए आपके 49 दिन पूरे हो रहे हैं 14/07/14 को !

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मौनमोहनसिंह >>>> मौनदी !!!!
नमोभक्तगण - नहीं आज मैं आपसे मुखातिब नहीं होना चाहता .... आज तो सीधे मोदी जी से ही कुछ कहा सुनी हो जाए ....

आदरणीय मोदी जी,
आज मुझे आपकी वो विशाल सफल जनसभा याद हो आई जिसमे आप ने महंगाई को लेकर जनता से पूछा / बुलवाया था .... महंगाई घटी! - नहीं! .... महंगाई घटी! - नहीं!.... महंगाई घटी! - नहीं!.... महंगाई बढ़ी! - हाँ! .... याद आया ?
और फिर उसके बाद आपने तत्कालीन माननीय प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह जी की खिल्ली उड़ाते हुए उन्हें "मौनमोहनसिंह" बोला था .... बोला था ना !
इसी तरह आपने एक ईमानदार देशभक्त क्रन्तिकारी अरविन्द केजरीवाल का भी अपमान कर उन्हें भरी जनसभा में AK-49 और 'पाकिस्तानी एजेंट' तक कह मुझे बहुत पीड़ा पहुँचाई थी ! और हाँ आपका वो बार-बार 'शहज़ादा' और 'मैडम' कह किसी को अपमानित करने की चेष्टा भी मुझे याद है !
तो अब आज मेरी बारी है ....
आज जनता भी अब उसी अंदाज़ में पूछ रही है की मोदी जी महंगाई घटी ? ...महंगाई घटी ? ....महंगाई घटी ? ....महंगाई बढ़ी ! और आप खामोश हैं .... हैं ना !
तो वर्तमान माननीय प्रधानमंत्री जी क्या आपको "मौनदी" बोला जाए ?
कृपया अपनी टिप्पणी से अवगत करा कृतार्थ करने की कृपा करें ....
आपका कभी समर्थक अभी विरोधी - ब्रह्म प्रकाश दुआ
जो काम मनमोहनसिंघ १० साल में नहीं कर पाये, मोदी जी ने पलक झपकते कर दिखाया ....
मात्र २७ दिन में रेल आर्थिक व्यवस्था पटरी पर ....
मात्र ३० दिन में प्याज के बढे दामों को स्थिर कर दिखाया ....
मात्र ३३ दिन में राकेट छोड़ दिया ....
मात्र ३६ दिन में दिल्ली आगरा बुलेट ट्रेन ....
अब बताओ क्या मोदी जी को फेंकू कहना उचित है ?

Wednesday, 2 July 2014

बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम 16.50 रुपये बढ़े .....
खबरदार !!!
कोई बकवास नहीं करेगा .. कोई निंदा नहीं करेगा .. कोई गाली नहीं देगा .. कोई ज़ुर्रत नहीं करेगा !!!
इससे महंगाई नहीं बढ़ेगी .. गरीब को भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा .. इससे किसी को भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा .. कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ा है .. समझे !!!
सरकार ने यह कदम तो केवल इसलिए उठाया है कि गरीब जिसे 12 सब्सिडी वाले सिलेंडर मिलते हैं वो 35 दिन बाद कुछ राहत महसूस कर शायद फिर नमो नमो करने लगे !!! बस !!! अब खामोश !!!

Tuesday, 1 July 2014

आज मैंने अजीब नज़ारा देखा ....
एक हतोहत्साहित सा बावरा आदमी पुरानी चिरपरिचित लय में आलाप करता जा रहा था - वह तीन बार बोलता - मोदी ! मोदी ! मोदी ! - पर फिर कुछ देर चुप हो जाता - फिर तीन बार उसी लय में बोलता - मोदी ! मोदी ! मोदी ! ..... फिर चुप .... फिर मोदी ! मोदी ! मोदी !
जब मैंने उससे बीच बीच में चुप होने का कारण पूछा तो बोला - अरे साहब मुझे नई बढ़िया गालियां याद ही नहीं आ रहीं हैं - क्या करूँ ....
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नमोभक्तगण की ठंडी पड़ती चिल्लपों की एक बानगी ....
केजरीवाल को पूरे 49 दिन मिले थे उसने क्या किया ???? वो तो अनुभवी भी थे !!!!
पर मोदी को कुछ समय तो दो !!!! बेचारे अभी-अभी नए-नए ही तो आये हैं !!!!
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इस देश का सबसे ज्यादा असरदार व्यक्ति कौन ?
मोदी !! क्यों मज़ाक करते हो यार ....
उस व्यक्ति का नाम है सरदार मनमोहनसिंघ जिसके असर से अभी तक आलू प्याज़ पेट्रोल डीज़ल रेल किराया आदि बढ़ रहा है ....
और मुझे लगता है 5 साल तक मनमोहन का भूत मोदी के सर चढ़ बोलता ही रहेगा .... और केजरीवाल का भूत भी अपना असर छोड़ता ही रहेगा ....
अब लगता है केजरीवाल के भी अच्छे दिन आने वाले हैं ....
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पेट्रोल - डीज़ल के भाव फिर बढ़ गए ....
ये तो अनुमानित भी था .... पर ये नमोभक्तगण कहाँ बढ़ गए ????