Wednesday, 23 July 2014

खुद की रोटी की व्यवस्था नहीं करा पाये - गरीब की रोटी की क्या व्यवस्था करेंगे ???? 
महाराष्ट्र भवन की शर्मनाक घटना पर टीवी चैनलों पर बहस से ये मालूम हुआ कि शिवसेना के सांसद पिछले 10-15 दिन से खाने की क्वालिटी और अन्य व्यवस्थाओं से परेशान थे और सब दूर शिकायत के उपरांत भी जब निराकरण नहीं हुआ तो वे अराजकता पर उतरते हुए बेचारे एक मुलाज़िम के मुंह में रोटी ठूंस बैठे .....
उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में मेरी विवेचना ....
जो सांसद सत्ता में आकंठ काबिज़ होते हुए भी 15 दिन में अपने स्वयं के खाने की गुणवत्ता को सही न करा पाये हों वो गरीब की रोटी का प्रबंध क्या खाक करा पाएंगे ?
अतः ऐसे अक्षम सांसदों को प्रतिसाद के रूप में उनके मुहं में रोटियां या बेहतर होगा गुंधा आटा ठूंस उनकी छुट्टी कर ही देनी चाहिए ....
और हाँ .... आगे सरकार में काबिज़ मोदी जी एवं उनके मंत्री ये भी बताएं कि IRCTC के खाने की गुणवत्ता महाराष्ट्र सदन सहित पूरी देश की रेलसेवा में कब तक चाक-चौबंद करा देंगे ??
और यदि रेल में खाने की गुणवत्ता 15 दिन में ठीक नहीं होती है तो क्या आम जनता को रेल कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने की अनुमति प्रदान होगी ????

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